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Incest परिवार में खुला माहोल

parkas

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Update 4:

अचानक मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है , जब मैंने पलटकर देखा तो अनु भाभी वहाँ खड़ी हुई थी अपनी नाइट ड्रेस मे , और मुझे देखे जा रही थी । मेरी तो आँखें और गांड फटी की फटी रह गई । इधर मैंने अभी मूठ मारी थी और मेरा लंड अभी भी निक्कर मे तंबू बनकर खड़ा हुआ था । मुझे लगा भाभी शायद किचन मे आई होगी और मुझे देख लिया । तभी भाभी मेरे पास आई और बोली : ये क्या कर रहे हो अमन , तुमको शरम नहीं आती ऐसे अपनी माँ पापा के कमरे मे देखते हुए । ये सब करते हो क्या रात मे ????

भाभी बोले भी जा रही थी और हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी । भाभी की नाइट ड्रेस मे उनकी आजाद चुचिया ऐसे लग रही थी मानो पके हुए पपीते । उनके निपल भी ड्रेस के ऊपर से ही दिख रहे थे । भाभी की गोरों गोरी जंघे , मैं तो भाभी को देखता ही रह गया । अभी कुछ ही देर पहले भाभी को नंगी देखा थाऔर अभी मेरे सामने भाभी खड़ी थी , मैं मन ही मन सोचने लगा की काश भाभी मेरे सामने भी नंगी हो जाए कभी तो उनके चूचियाँ को चूस चूस कर लाल कर दूँ और चुत कासारा पानी जीभ से निकाल कर पी जाऊ ।

इतने मे भाभी ने बोल : ओए देवर जी , मई कुछ कह रही हूँ और तुम कुछ जवाब देने की बजाय कहाँ खो गए।

मैं: वो वो भाभी मैं वो यह मैं ।

भाभी : क्या मैं मैं लगा रखी है , सच सच बताओ कब से ये सब देख रहे हो , और तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी माँ पापा को ये सब करते हुए देखने मे और अपनी भाभी को ऐसी नजरों से देखते हुए , (भाभी ने नीचे मेरे खड़े हुए लोड़े की तरफ इशारा करते हुए कहा )

मैं अपने हाथों से लंड को छिपाने लगा , पर वो इतना सख्त हो गया था की बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था ऊपर से भाभी ऐसे मेरे सामने खड़ी की अभी बस नंगी हो कर मुझ से चोदने को बोल देगी अपनी रसीली चुत को ।

भाभी : चलो अपने कमरे मे , मुझे तुमसे कुछ बात करनी है इस बारे मे ।

मैं : भाभी मुझे माफ कर दो प्लीज, मैं आगे से ऐसे नहीं करूंगा । आप प्लीज भाई, माँ और पापा को मत बताना भाभी , मुझे माफ कर दो ।

भाभी : मैं कह रही तुम यहाँ शोर मत करो , अपने कमरे मे चलो मेरे साथ । यहाँ कोई उठ गया तो प्रॉबलम हो जाएगी ।

मैं चुप चाप भाभी के पीछे पीछे उनके हिलते हुए दूध और हिलती गांड देखता हुआ ऊपर सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। शायद भाभी ने अंदर ब्रा और पेन्टी नहीं पहनी थी, जिससे उनक्की चूचियाँ भी ज्यादा फुली लग रही थीं , नॉर्मल साइज़ से ज्यादा बड़ी चूचियाँ। शायद ब्रा की वजह से कसी रहती होंगी, अब आजाद थी एकदम रसीली और गांड भी मोटी , कि मन कर रहा था एक थप्पड़ जड़ दूँ चटाक से। मैंने नजर बचा के भाभी की गांड के पास नाक ले जाकर वजह से कसी रहती हों , पर वैसे बिना ब्रा के भी मैंने भाभी की गहरी सांस भरी , भाभी की चुत मे से चुत के रस की खुशबू आ रही थी , ये सब सोच सोच कर मेरा लड़ और भी सख्त हो रहा था । अब तो बिना मूठ मारे ये बैठने वाला नहीं था ।

इतने मे मेरा कमरा आ गया भाभी चलते चले एक दम रुक गई , मैं अपने खयालों में चलता हुआ जोर से भाभी में जा लगा । मेरा खड़ा हुआ लंड भाभी की गांड की दरार मे छू गया । भाभी ने सिसकी भरते हुए बोला : अहह, क्या कर रहे हो देख के नहीं चल सकते क्या ।

मैं : सॉरी भाभी ।

भाभी : चलो अंदर ।

मैं और भाभी अंदर चले गए, भाभी ने रूम बंद कर दिया और बेड पर मेरे सामने बैठ गई । मैं बहुत ही दर गया था और भाभी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।

भाभी : अब बताओ , ये सब काब से चल रहा हैं ।

मैं : मैंने डरते हुए कहा , वो भाभी आज पहली बार ही ये देखा , मैं तो पानी पीने गया था , देख कमरे की लाइट चल रही है , मैं वहाँ रुक गया फिर . . . . . . . . .

तुमको शरम नहीं आती झूठ बोलते हुए ।

मैं : नहीं भाभी मैं सच कह रहा हूँ ।

भाभी : ओ अच्छा जी , पहले तो भाई भाई को सब करते हुए देखा , फिर माँ पापा की तरफ हो गए । तुमको शर्म नहीं आई अपनी भाई भाई की प्राइवसी देखते हुए । ये सबके मजे लेने है तो गर्लफ्रेंड बनाओ अछे से करो उसके साथ ।

मेरी तो एकदम से और भी ज्यादा फट गई , मैं पसीने छूटने लगे ये सब सुन कर और भाभी मस्ती से मुझे देखे जा रही थी ।

मैं बोला : भाभी आपको कैसे पता मैं आपको भी देख रहा था ।

भाभी : मैंने खिड़की के पास तुम्हारी परछाई देखी , पहले तो मुझे लगा कि ऐसे ही वहम होगा, पर जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चल की आज तो हमारे देवर जी अपने मजे के लिए खड़े हैं।

मैं : सॉरी भाभी आज के बाद नहीं देखूँगा , अप किसी को बताना मत ।

भाभी : अब सॉरी बोल के क्या है, अपनी भाभी को नंगी देख तो लिया अब अपने भाई से चुदते हुए , और ये अपना जो खड़ा कर रखा है मुझे देख के , मन तो कर रहा होगा न तुम्हारा भी ।

मैं : वो भाभी मैं तो ऐसे ही घूम रहा था तो देखा की अपने कमरे की लाइट जल रही है , और देखा तो अप लोग . . . . . . . . . . . . . . .

भाभी : क्या आप लोग, बोलो आगे , मैं सुनना चाहती हु क्या देखा ।

मैं : अप लोग सेक्स कर रहे थे तो मैं देखने लग गया ।

भाभी : हा और अपनी भाभी को देखते देखते 2 बार मूठ भी मार दी ।

मैं : सॉरी भाभी अप हो ही इतनी खूबसूरत , आपको देख के तो कोई भी दीवाना हो जाए । जब भाई अपने पीछे खड़े प्यार कर रहे थे , और आपकी आँखें बंद थी तो मुझसे देखे बिना रहा न गया ।

भाभी को ये सुन कर शरम आ गई और बोली : आज सुबह से ही मुझ पर मजर थी न , तभी तुमने केक काटने के टाइम मेरी गांड को दबाया था ।

ये सुन कर मैं तो हैरान रह गया , और भाभी ने जब गांड शब्द बोला की भाभी को कैसे पता चल गया की वो मैं था ।

मैंने बोला : सॉरी भाभी उस टाइम मुझसे रहा नहीं गया , और मैंने ये गलती कर दी ।

भाभी : हाँ मुझे पता है, दोनों भाई अपने माँ के मम्मे जो देख रहे थे , खड़ा तो होना ही था , कहाँ रहा जाता है तुमसे ।

मैं ये सब सुन कर हैरान हो रहा था एक तो भाभी गांड मम्मे चुदाई जैसे शब्द बोल रही थी , ऊपर से उनको सब पता था ।

मैं : वो भाभी आप और माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं ।

भाभी : अच्छा । चलो आज तो तुमसे हम दोनों को नंगी देखा तो बताओ मुझमे और मम्मी जी मे क्या क्या अच्छा लगा ।

मैं : भाभी ये क्या कह रही हो आप ।

भाभी : देखो मेरे प्यारे देवर जी , मैं जो पूछ रही हूँ उसका जवाब दो , वरना सबको बता दूँगी कि ये रात को हमे चुदाई करते हुए देखता है ।

ये बोल कर भाभी हसने लगी हाहाहा ।

मैं : भाभी सच बताऊँ तो अप दोनों मे सब कुछ ही अच्छा है , मुझे मम्मी और आपके होंठ , दूध और व सब कुछ सबसे अछे लगते हैं । आप दोनों ही पूरी की पूरी अछि लगती हो । और आज तो मैंने आप दोनों की नंगियाँ देखा था वो भी सेक्स करते हुए , उस टाइम तो और भी मादक लग रही थी आप भी मम्मी भी ।

भाभी मेरी बात सुन रही थी और मेरी तरफ देख रही थी और मेरे निक्कर में बने तंबू को भी ।

भाभी: देवर जी शैतान हो गए है , अपनी माँ और भाभी माँ को नंगी करना चाहते है । अच्छा ये बताओ अगर तुम्हें मौका मिले तो क्या तुम हमारे साथ वो सब करना चाहोगे ।

मैं : हाँ भाभी, अगर आप और मम्मी सेवा का मौका देंगे तो मैं भरपूर सेवा करूंगा आपकी ।

भाभी : बेटा सेवा करने के लिए हथयार मे दम होना चाहिए , पता है न तेरे भाई तो इतना चोदते हैं न उन को तो रोकना पड़ता है की बस करो अब फाड़ कर मानोगे क्या । वो तो मेरी चूचियाँ भी पी पी कर दबा दबा कर लाल कर देते हैं । उधर ससुर जी भी सासु माँ की संस चढ़ा देते हैं।

मैं : भाभी एक बार मौका तो मिले, दो दो लेने का मजा भी ले लो किसी दिन , मैं भी ये साबित कर दूंगा की मैं अमित का भाई हूँ और इस शहर के रईस अनिल गुप्ता का बेटा ।

इतने मे भाभी बोली : तेरा भाई बहुत सेवा करता है इसकी दिन रात , तुझसे अपना ये संभल नहीं रहा है , चल जा इसको शांत कर ले और अब मेरे चुचे घुरना बंद कर और जा बाथरूम मे । (भाभी मन ही मन सोच रही थी की देखने में तो बड़ा लगता है बिल्कुल अमित जैसा , एस ही ससुर जी का है , हे मालिक , सबके लंड इतने बड़े और मोटे , अगर तीनों मेरी एक साथ चुदाई करेगे तो मेरी चुत का फाड़ कर भोंसड़ा ही बना देंगे ,और तीनों मम्मी जी पर चढ़ गए तो उनको भी सांस नहीं आने देंगे , इतना सोच कर भाभी की चुत मे पानी या गया )

इतने मे मैं बोल : वो तो दूर से देखे थे न भाभी , पास से दिखते तो ये शांत हो जाता जल्दी ही ।

भाभी : दूर से दिख रहे है बस देख लिया कर , मैं नहीं रोकूँगी , पर हाथ नहीं लगाने दूँगी । हाहाहा

मैं : हाँ भाभी अब तो लग रहा है इसको शांत करना पड़ेगा। अच्छा एक बार फिर से दिखा दो न हाथ नहीं लगूँगा वादा करता हूँ ।

भाभी : पक्का ??

मैं : हाँ ।

भाभी : चल ऐसा कर अपने बाथरूम मे जा मैं दरवाजे पास खड़ी होती हु , इनको देख कर पानी निकाल ले अपना , जा ।

मेरी तो जैसे सुन कर खुशी का ठिकाना न रहा , मैं भागते हुए बाथरूम की तरफ गया और अपना लंड बाहर निकाल और इधर सर को बाहर निकाल लिया । भाभी ने दरवाजे क पास खड़े हो कर अपनी नईटी का एक बटन खोल और एक मम्मा बाहर निकाल लिया । मैं तो ये देख क पागल हो गया और जोर जोर से हिलाने लगा । भाभी वहाँ खड़ी मुस्कुरा रही थी । मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और होंठों पर फेर ली ये दिखते हुए की मुझे अपंकी चूचियाँ पीनी हैं । भाभी ने चिढ़ाते हुए कहा की नहीं मिलेगी हाहाहा ।

मैंने धीरे से कहा : भाभी जरा इसको दबाओ न ।

भाभी ने हल्का सा अपना चुचा दबाया उर उनके मुह से आह्ह निकल गई और वो मुस्कुराने लगी ।

मैं इधर जोर जोर से अपना लाँड़ हिल रहा था और मैंने पिचकारी मार कर ढेर सर माल निकाल दिया । मेरे मुंह से निकल गया : ओह भाभी , आपकी चूचियाँ ।

मैं जब हल्का हो कर बाहर आया तो भाभी ने शरारत भरे लहजे मे कहा , अब सो जाओ , सुबह मिलते हैं । ये कह कर भाभी जाने लगी तो मैंने बोला भाभी आपको हग कर लूँ क्या ।

भाभी बोली नहीं : पता चले ये फिर से खड़ा हो गया मुझे छु कर , बार बार अपनी चुची नहीं दिखाऊँगी मैं । हटो अभी और सो जो।

मैं जब अपने बेड के पास गया तो देखा वहाँ पर कुछ गीला सा है , जहां पर भाभी बेठी थी वहाँ पर।

मैंने कहा भाभी ये क्या हैं , भाभी हस्ते हुए भाग गई बोली पता नहीं।

मैं समझ गया की ये भाभी की चुत का माल है , मतलब भाभी की चुत गीली थी जब भाभी मेरे पास आई ।

मैंने प्यार से नाक लगा कर भाभी के माल को सूंघा और फिर चादर पर चाट लिया , और फिर मैं बेड पर लेट गया पता नहीं कब नींद या गई ।

अगले दिन जब भाभी नाश्ते के लिए बुलाने आई तो ……………….
Bahut hi badhiya update diya hai bigcock8 bhai....
Nice and lovely update....
 

Nasn

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भाई आपसे रिक्वेस्ट है कि
आपने टाइटल दिया है ...!

"परिवार में खुला माहौल"

तो किसी एक को हीरो मत बनाना
सबको बराबर मौका देना।

सब को सबसे चुदवाना..
ससुर बहु
बाप बेटी
मां बेटा
बहन भाई...


किसी एक किरदार के इर्द गिर्द स्टोरी मत
रखना........

वरना फिर पारिवारिक स्टोरी नहीं
मां बेटा या बहन भाई थ्रेड बन जाती है।
 

bigcock8

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भाई आपसे रिक्वेस्ट है कि
आपने टाइटल दिया है ...!

"परिवार में खुला माहौल"

तो किसी एक को हीरो मत बनाना
सबको बराबर मौका देना।

सब को सबसे चुदवाना..
ससुर बहु
बाप बेटी
मां बेटा
बहन भाई...


किसी एक किरदार के इर्द गिर्द स्टोरी मत
रखना........

वरना फिर पारिवारिक स्टोरी नहीं
मां बेटा या बहन भाई थ्रेड बन जाती है।
यही कोशिश रहेगी 🤝
 
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