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Incest परिवार में खुला माहोल

gkapil

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Family bahut hi achhi hai and bhabhi to aur bhi achhi Hain
 

kas1709

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Update 5:

अगले दिन जब भाभी नाश्ते के लिए बुलाने आई तो समय मैंने जेसे ही भाभी को देखा तो में उन्हें देखता ही रह गया भाभी माल लग रही थी | उन्होंने मस्त साड़ी पहनी थी और उस साड़ी में वो बहुत ही मस्त लग रही थी और उनके मम्मे भी दिख रहे थे और वो मुझ पर झुकी हुई थी , उनकी कमर पेट नाभि पूरी खुला दिख रही थी | उनकी गांड तो और भी मस्त लग रही थी | में तो उन्हें देखता ही रह गया |उस समय मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और उस समय तो मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को पकड़कर चूम लू |

उसके बाद भाभी मुझसे नीचे आने का बोलकर वापस जाने लगइन और जाते जाए मुस्कुरायी और मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि ये फिर से खड़ा कर रखा हैं अमन । एक काम क्यों नहीं कर लेते , गर्लफ्रेंड बना लो कोई, इसको शांत भी कर देगी और मन भी लगा रहेगा ।

मैंने कहा : मेरी है नहीं कोई गर्लफ्रेंड, आप बन जाओ ।

भाभी ने कहा : तुम्हारे भाई बुरा मान जाएंगे , मम्मी जी को बना लो , उनका भी सब कुछ पसंद है न तुमको , हाहाहा

मैंने कहा : दोनों को बना लेता हु मैं तो आप तयार तो हो जो बनने के लिए ।

इतने मे भाभी बोली : हट शैतान , सुबह ही शुरू हो गया , चल नीचे आ जाओ जल्दी से ।

मैं तब नहाने चल गया , नहाते नहाते मम्मी और भाभी को सोच कर मूठ मार दी । फिर मैं नहा कर तैयार हो कर नीचे चल गया ।

सभी लोग नाश्ता कर रहे थे । मम्मी को आज पापा के साथ किसी मीटिंग पर जाना था , मैं तो मम्मी को देख कर हैरान रह गया । मम्मी की ड्रेस में से उनको चूचियाँ और गांड इतनी मोटी लग रही थी कि मन कर रहा था कि अभी पकड़ के प्यार करू मम्मी को । भाभी ने मुझे मम्मी के चूचियों को घूरते हुए देख लिया । और मेरे पास आ कर कान मे कहा , बस करो देवर जी खयालों मे मम्मी जी के मम्मे चूसना बंद करो।

मैंने कहा : अच्छा फिर आपके चूस लूँ क्या , हाहाहा ।

भाभी : हट बेशरम , रात को देख कर मन नहीं भर क्या ?

मैं: भाभी कुछ चीजें देख कर मन नहीं भरता , जब तक उनको प्यार से दबा बड़ा कर चूस न जाए तब तक कहाँ मन भरत है ।

भाभी : जो अपनी मम्मी के चूस लो ।

मैं : मम्मी के तो बचपन मे बहुत चूसे हैं , अभी आप देख लो मन करे तो चुसवाने का ।

भाभी : बस बस , मेरे तो सारा दूध तेरा भाई पी जाता है रात में , तुम्हारे लिए बचता कहाँ हैं ।

मैं : कोई बात नहीं भाभी , भाई तो रात मे चूसते हैं , मुझे दिन मे पीला दिया करो । हाहाहा

इतने मे मम्मी ने बोला : देवर भाभी क्या खुसर-फुसर कर रहे हो , खाना खाओ ।

तभी भाभी ने कहा : मैं तो पूछ रही थी अमन से की दूध लोगे या कॉफी ।

तभी मम्मी ने मुझे अपने मम्मो की तरफ देखता हुआ देख कर बोला : मेरा बेटा तो दूध का शोकीन है , है न बेटा । लो ग्लास इधर करो , तुमको दूध पिला दूँ ।

इतने में मैंने ग्लास आगे कर दिया और मम्मी सामने बैठे होने की वजह से जब उन्होंने झुक कर मेरे ग्लास मे दूध डाला तो उनको चूचियाँ आधे से ज्यादा बाहर या गईं और मेरा और भाई का लंड खड़ा हो गया और भाभी का भी मुंह खुला का खुला रह गया ये सब देख कर ।

तभी मम्मी ने हमें नोटिस करते हुए बोला , बेटा जितना मन करे उतना दूध पीओ , बचपन में भी तुमको बहुत दूध पिलाया है मैंने तुम दोनों को । बच्चे बड़े हुए तो क्या हुआ , माँ के लिए तो हमेश बच्चे ही रहेंगे न ।

ये सब सुन कर सब हसने लगे । और नाश्ता करके मम्मी पापा और भाई तो निकल गए , घर पर रह गए मैं और भाभी ।

घर के सारे नॉकर भी काम खत्म करके चले गए । भाभी ने मुझे छेड़ते हुए कहा , क्या बात अमन आज सुबह ही खड़ा कर लिया अपना सिपाही । मम्मी का दूध चाहिए क्या ?? फिर हसने लगी ।

मैं : मम्मी तो चली गई , रह गई आप । आपका मन हो तो पीला दो , नहीं तो मम्मी ने तो बोल ही दिया की जब चाहो जितना चाहो दूध पी लो ।

भाभी : चलो बातें छोड़ो, अपने कमरे मे जाओ , मुझे कुछ काम करने हैं सब सब कमरे भी सेट करने हैं , सफाई तो सब नॉकर कर ही गए ।

मैं : ठीक है भाभी , आप कर लो मैं अपने कमरे में जाता हूँ ।

इतना बोल कर मैं अपने कमरे मे चल गया और मम्मी के मम्मो को याद करते हुए मूठ मारने लगा । 10-15 मिनट बाद मैंने पिचकारी छोड़ दी और लेट गया । और रात को भाभी की जो चुची देखि थी , बस भाभी को चोदने के खयालों मे खोया रहा और लेटा रहा । फिर एकदम से खयाल आया की कुछ सेक्स विडिओ देख लिया जाए । मैंने पॉर्न देखना शुरू कर दिया , एक लंबी सी पॉर्न मूवी चलाई 1 घंटे की । मैं देखता रहा और साथ साथ अपने लंड को सहलाता रहा निक्कर के ऊपर से ही ।

मझे पता ही नहीं चल कि कब भाभी फ्री होरक मेरे पास या गई और वहीं खड़ी हो कर मुझे देखने लगी । मैंने मूठ नहीं मारी बस लंड को सहला कर ऐसे ही पॉर्न खत्म करके जब लैपटॉप बंद किया तो देखा भाभी मेरे पास खड़ी है और मुझे देख कर स्माइल करने लगी और कहा ये कैसे वीडियोस हैं तुम्हारे लॅपटॉप में??. मैने कहा की वो मन कर रहा था देखने का तो उन्होने बोला की तुम्हारा टॉय बता रा है मुझे की तुम सोच रहे थे, चलो कोई बात नही, देवर भाभी के बारे मे सोचते ही होते हैं , ये सब होता रहता है. वैसे ये सब कम देखा करो , इससे फिर कमजोरी आती है , इतना कह कर हसने लगी ।

मैंने बोल : क्या करू भाभी कोई है नहीं न , जिससे ये सब कर सकूँ । आप बनवा दो कोई गर्ल फ्रेंड ।

इतने में भाभी बोली : चलो ठीक है , मैं मदद कर दूँगी तुम्हारी ।

फिलहाल तुम नीचे आ जाओ मुझे काम करते करते पसीना या गया मैं नहाने जा रही हूँ । और हाल मे बैठ जाना,

नहाने की बात सुन कर तो मेरे मन में लड्डू फुट की आज तो भाभी को नहाते हुए देखा जाए ।

हमारे घर मे सभी रूम्स के बाथरूम अंदर ही हैं और उनका दरवाजा शीशे का हैं जिसमे से सब कुछ दिखता है। जब भाभी नहाने घुसी तो जाते हुए हस्ती हुई बोली की कोई शरारत नहीं करना , समझे ।

जब भाभी तो गए 2 मिनट हुए तब मैंने देखा कमरे के अंदर जा कर देखा भाभी की ब्रा पेन्टी और टाउल बेड पर ही पड़े हैं । इसका मतलब भाभी नंगी नह रही हैं और ऐसे ही बाहर आएंगी । जब मैंने बाथरूम मे देखा कि भाभी दूसरी तरफ मुंह करके नहा रही है । भाभी की गोरी और मोटी गांड मुझे साफ दख रही थी और मोटे मम्मे भी साइड से दिख रहे थे। तब भाभी अपने मम्मो पर साबुन लगा रही थी और गाना गुनगुना रही थी । अचानक भाभी मुड़ी और भाभी ने मुझे देख लिया ।

भाभी ने अपने मम्मे और चुत पर हाथ रख लिया और जान बुझ कर गुस्सा दिखाते हुए कहा : अमन तुम यहाँ कर कर रहे हो , अपनी भाभी को इस तरह नहाते हुए देखना सही नहीं है ।

भाभी साथ मुस्कुरा भी रही थी , और उनके हाथ अपने मम्मो पर और एक हाथ चुत पर भी था । भाभी बोली जाओ यहाँ से ।

मैंने कहा : भाभी अब तो सब देख ही लिया अब क्यू शर्माना ।

भाभी : देखो अमन , मैंने तुमको सिर्फ अपने मम्मे दिखाए थे , अपर अब तो मैं पूरी नंगी हूँ , तुम मेरी वो भी देखना चाहते हो अब , कल को कहगे की सेक्स भी करना हैं । नहीं ये सब नहीं ।

मैं : अच्छा भाभी आप चुत मत दिखाओ , अपने दूध तो देख सकता हु न यह खड़े हो कर , हमारे मे एक शीशा तो है न बीच मे । बस मैं देखता रहुग आप नहाती रहना ।

भाभी : अच्छा ठीक है देख लो , पर अपना ये बाहर निकाल कर हिलाने मत लग जाना ।

मैं : ठीक है भाभी , बाहर नहीं निकालूँगा , पर आप जरा पास आकर नहाओ न ।

इतने मे भाभी शीशे के बिल्कुल पास गई , आते हुए अपनी पेन्टी पहन ली जिससे कि मुझे उनकी चुत न दिखे । पर उनको क्या पता था कि उस दिन जब भाई को चोदते हुए देखा था तो पूरी चुत के दर्शन कर लिए थे ।

भाभी मेरे पास या कर नहाने लगी , और अपने मम्मे उठा उठा दबा दबा कर मुझे चिढ़ाने लगी । मैं औपर से अपना लॅंड सहलाने लगा , भाभी शीशे साथ लगकर खड़ी हो गई और उनके चुचे शीशे से चिपक गए बिल्कुल मेरे सामने थे , मैंने अपनी जीभ निकाल कर शीशे के ऊपर से ही उनके मम्मे चाट लिए । ये देख कर भाभी हसने लगी और बोली : कितना मन करता है न मेरे मम्मे चूसने को तुम्हारा ।

मैं : हाँ भाभी करता तो है , पर आप चूसने कहाँ देती हो । मैं हसने लगा ।

ये सब बाते करते करते भाभी नहा ली और मेरे हथियार ने भी कछे मे पानी छोड़ दिया और गीला हो गया पर भाभी को पता नहीं चला ।

भाभी ने मुझसे टावल देने को कहा , मैंने भाभी को टावल दे दिया । अब भाभी मेरे सामने अपना बदन पोंछने लगी थी । पहले भाभी झुकी और अपने बाल खोले, झुकने से भाभी की चूचियाँ ऐसे लग रही थी जैसे की मोटे पके पपीते । मैं देखने लग गया । फिर भाभी ने सीधी खड़ी हो कर अपने मम्मे पोंछे फिर पेट और नाभि , क्या सेक्सी लग रही थी भाभी गीली गीली ।

फिर भाभी ने आधी चूचियों के ऊपर से टोवेल बांध लिया और अपनी पेन्टी भी निकाल दी ।

भाभी ने मुझे उनकी उनकी ब्रा और पेन्टी देने को बोला। मैंने काब ब्रा देते टाइम साइज़ देखा तो वो 36d था। मैं मुस्कुराने लगा और भाभी भी समजह गई । फिर भाभी ने अपनी पेन्टी पहन ली और ऐसे ही तोलिए मे बाहर या गई । भाभी मे मुझे घूमने को कहा , मैं घूम गया । शायद भाभी से बर की हुक बंद नहीं हो रही थी । भाभी ने कहा , अमन इधर आना जरा : मेरी ब्रा का हुक लगा दो ।

मैं तो जैसे खुशी का ठिकाना न रहा । मैंने जब मूड कर देखा तो भाभी ने तोलिया नीचे बांध रखा था कमर पर करके और अपने मम्मो पर ब्रा के कप चढ़ा रखे थे और शीशे के सामने खड़ी थी । मैं भाभी के पास गया और बोल , भाभी मैंने काभी ब्रा का हुक नहीं लगाया ।

भाभी बोली : मैं सिखाती हूँ । अभी पहले जैसे मैंने बूब्स को कप मे डाल लिया है अभी एक एक करके तीनों हुक लगा दो , या इकठे लगा दो ।

मैंने दोनों तरफ से ब्रा को पकड़ और जोर लगाया , हुक लग नहीं रहा था , मैंने बोल , भाभी ये लग नहीं रहा है।

भाभी ने कहा : जरा जोर लगाओ ।

मैंने बोल : भाभी आपके हैं ही तिने बड़े, लगता है ब्रा छोटी पड़ने लग गई आपको ।

भाभी ने हस्ते हुए कहा : रोज ही पहनती हूँ , ये सही है , तुम मे ही दम नहीं है ।

मैंने कहा , अच्छा फिर मुझे लगाने दो एक बार और ।

मई भाभी के पास गया , और शीशे में भाभी मुझे ही देख रही थी । मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुराय और जोर लगा के हुक बंद कर दिए । भाभी की चूचियों का उभार ऊपर तक आ गया । मेरा लाँड़ नीचे भाभी के चूतड़ों को टच कर रहा था । इतने मे अचानक से टॉवल नीचे गिर गया और भाभी मेरे सामने ब्रा पेन्टी मे आ गई । भाभी शर्माने लगी । मैंने आगे होकर भाभी की पेट से आगे नभई की तरफ हाथ ले जा कर भाभीमको पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर किस कर लिया । भाभी ने सिसकी भरी अहह सस आह्ह , यमन ये क्या कर रहे हो।

मैं बोल : प्यार कर रहा हूँ भाभी ।

मैं पेट पर हाथ फेरते हुए ऊपर बूब्स पर ले गया उर हल्का हल्का दबाने लगा । भाभी मेरा साथ देने लग गई ।

मैंने भाभी का चेहरा अपनी तरफ किया और होंठों पर होंठ रख दिए ।। हम दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे । नीचे मेरा लॅंड भाभी की पेन्टी के ऊपर से चुत पर दस्तक दे रहा था ।

भाभी बोली : अमन तुमको दूध पीना है न ।

मैंने कहा : हाँ भाभी इस दूध का मैं तो कब से प्यासा हूँ ।

मैंने हाथ पीछे ले जा कर ब्रा के हुक खोल दिए और भाभी के भारी भरकम दोनों मम्मो को आजाद कर दिया । अब भाभी की दोदनों चूचियाँ रस से भारी हुए दूध मेरे सामने थे ।

मैं अपना एक हाथ भाभी की बाईं चुची पर ले गया और हल्का सा उस पर दबा कर निपल को अपने मुह में डाल कर चूसने लगा ।

भाभी: आह्ह आह्ह आह्ह हाँ अमन चूचों को ऐसे ही चूसो मेरे देवर जी ।

मैंने भाभी को कहा भाभी बेड पर चले ,और भाभी मान गई । मैंने भाभी को बेड पर लिटाया उनको चूचियाँ एकदम तनी हुई आसमान की तरफ हो गई थी । मैंने साइड मे या कर भाभी की एक चुची को मुंह मे भर लिया और निप्पल पर जीभ फेर फेर कर कुरेदने और चूसने लगा और दूसरे हाथ से भाभी की जांघ सहलाने लगा । भाभी की चुत लगातार रस छोड़ रही थी । फिर मैंने दूसरे हाथ से दूसरी चुची दबाना शुरू किया और चूसने लगा ।

भाभी लगातार सिसकियाँ भर्ती जा रही थी । मैं हिम्मत करके भाभी के ऊपर या गया और मेरा खड़ा लाँड़ भाभी की पेन्टी के उपर से चुत पर रगड़ खाने लगा । मम्मे चूसते चूसते और लंड चुत रगड़ते हुए हमारा दोनों का पनि निकल गया और मैं एक तरफ होकर लेट गया । हम दोनों की सांस फि हुई थी । मैंने कहा भाभी मजा गया आपके मम्मे चूस कर । भाभी बोली : जब भी मन करे देवर जी आपके लिए मेरे दुश हमेशा हाजिर है । बस आपण हथियार जरा संभाल कर रखी, ये मेरे अंदर जाने को बड़ा उतावला होता रहता है । ये सिर्फ तुमरे भाई के लिए है । मैंने बोल : क्या करू भाभी , इसको आजतक कोई मिली नहीं , इसलिए आपकी मे जाने को उतावला हैं , हाहाहा

ये सब करते करते , दोपहर हो गई थी , तभ भाभी ने कहा की चलो अब जाओ अपने कपड़े बदल लो और फिर हम खाना खा लेते हैं ।

(अगले अपडेट मे टाइम लगेगा )
Nice update...
 

kas1709

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Update 6: (aap sab ke liye time nikal kr update jaldi diya hai ...padho aur maje kro)

मैं अपने कमरे सें से नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आ गया । मैंने सिर्फ एक बनियान और बाक्सर पहन रखा था । मैं भाभी के कमरे में गया तो भाभी ऊपर से नंगी थी और सिर्फ एक पेन्टी मे खड़ी थी और मुझ से पूछने लगी की क्या पहनु । मैंने बोल लॉंग टीशर्ट पहन लो कोई खुली सी , आपको आराम रहेगा । भाभी ने भाई की एक टीशर्ट निकली जो उनके चूतड़ों तक आ रही थी , और ऐसे ही पहनने लगी तो मैंने देखा अभी भाभी की चूचियाँ पर कुछ पानी की बुँदे लगी हुई थी और मैंने बोले रुको भाभी इनको तो साफ कर लो , ऐसे गीले बदन पर कपड़े नहीं पहनते । भाभी बोली : टॉवल तो अंदर है बाथरूम मे , लेके आ जाओ । मैंने भाभी को अपनी तरफ खींच और उनके मम्मो और निपल को चाट चाट कर सारा पानी पी लिया और उनके मम्मे साफ कर दिए । भाभी हसने लगी और हस्ते हस्ते ही उन्होंने टीशर्ट पहन ली ।

हम बाहर हाल मे आ गए और भाभी खान ली किचन में चली गई । फिर हमन बैठ कर खान खाने लगे और बाते करने लगे । मैं भाभी के बदन की तारीफ करता रहा । की भाभी आपके मम्मे मुझे बहुत पसंद हैं मन करता है हर टाइम इनको चुस्त रहूँ इनसे खेलता रहूँ । भाभी बोले बस कर शैतान फिर से नहाना न पड़ जाए ।

फिर मैंने भाभी को बोल भाभी आप मेरी गोदी में बैठ जाओ न आज आपके हाथ से खाना खाना है और आपको आज मैं खिलाऊँगा भी । भाभी उठी और आ कर मेरी गोदी मे अपनी गांड तिक कर बैठ गई। भाभी को गोदी में बिठाते ही मेरा लॅंड खड़ा होने लगा और भाभी को अपनी गांड पर महसूस होने लगा । भाभी को पता तो चल गया कि मेरा लॅंड उनकी गांड की दरार के पास ठोकर मार रहा हैं ।

भाभी बोली : अमन तुम ठीक बैठे हो न ?

मैं : हाँ भाभी मैं तो बिल्कुल सही बैठा हूँ ।

भाभी : मुझे लग नहीं रहा तुम सही बैठे हो, चलो ठीक हो कर बैठ जाओ ।

इतने मे भाभी ने अपनी गांड उठाई , इनका इशारा ये था की अपना लॅंड सेट कर लो । मैंने तभी अपना लाँड़ सीधा करके सेट किया और बोल : अब बैठ जाओ भाभी ।

भाभी मेरी गोदी में दोबारा से बैठ गई , अब मेरा लॅंड सीधा भाभी की गांड की दरार में। था पेन्टी के ऊपर से , और भाभी मुस्कुरा रही थी । हम एक दूसरे को खाना खिलाने लगे थे ।

भाभी बोली : अमन अपनी ये बनियान उतार दो , मेरी बाजू इससे रगड़ती है जब तुमको खिलाती हूँ तो ।

मैंने फट से बनियान उतार दी , तभी मैंने बोल भाभी मुझको भी यही परेशानी है , आप भी टीशर्ट उतार दो । भाभी ने फट से उतार दी , अब हम दोनों ऊपर से नंगे और मेरी छाती भाभी की पीठ से चिपकी हुई थी और भाभी मेरी गोदी में, एक दूसरे को खाना खिला रहे थे । बीच मे रायते की की एक बूंद भाभी के मम्मो पर जा गिरी , मैंने भाभी के मम्मे को पकड़ कर चाट लिया । फिर भाभी ने खिलाते हुए मेरे छाती पर रायता गिरा दिया और जब मैं साफ करने लगा तो भाभी बोली, नहीं, जैसे तुमने साफ किया था वैसे ही मैं साफ करूंगी । तभी भाभी ने मेरी छाती पर जीभ फेरते हुए मेरे निपल को चूस कर अच्छे से ऊपर से ले जा के गर्दन तक जीभ फिराई, जिससे मेरे अंदर कुछ महसूस हुआ और लॅंड और भी कडक हो कर भाभी की चूतड़ मे घुसने को तैयार हो गया । अब एक हाथसे मैं भाभी को खाना खिला रहा था उर दूसरे हाथ से कभी तो भाभी की जांघ पर हाथ फेर देता तो कभी मम्मे दबा लेता । जिससे की लॅंड और भी कडक होता जा रहा था ।

भाभी चुभते हुए लॅंड को महसूस करते हुए बोली : ये तुम्हारा कैदी मुझे परेशान कर रहा है ।

मैं : भाभी , दरअसल कैदी को किसी जेल में जाने का मन हो रहा है ।

भाभी : उसको बोलो जिस जेल के दरवाजे पर वो दस्तक दे रहा है वो जेल सही नहीं है । असली जेल का दरवाजा कहीं और है और वो इस कैदी के लिए बंद हैं ।

मैं : भाभी जेल मे तो कितने भाई कैदी जा सकते है न , इसमे क्या दिक्कत है ।

भाभी : नहीं देवर जी , मेरी जेल मे तो एक ही कैदी जाता है और वो जेल को पूरी तरह से भिगो कर , उसमे निचुड़ कर वापिस आ जाता है ।

मैं : ये कैदी भी जेल को अच्छे से धो कर , गीला करके वापिस आएगा । आप बस जेल खोल दो किसी दिन।

तभी खाते खाते थोड़ी फिर से रायता भाभी के एक पेट से होते हुए जांघ पर जा गिरी बिल्कुल चुत की दरार के पास। मेरी बारी थी साफ करने की । मैंने भाभी को खड़ा किया और बोला मैं कर देता हूँ साफ। भाभी बोली नहीं वहाँ गंदा होता है । वहाँ जीभ नहीं मारनी । मैंने कुछ नहीं बोल और भाभी को उठा कर डैनिंग टेबल पर अपने सामने बैठा लिया । अब भाभी की चुत मेरे सामने थी जो की बहुत ही पतली सी पेन्टी से ढकी हुई थी । कुछ कुछ चुत पेन्टी के कपड़े मे से दिख रही थी । मैंने अपनी जीभ चुत के पास ले जा कर पहले तो वहाँ जीभ फेर दी अच्छे से, फिर नाक लगाकर भाभी की चुत की खुशबू को महसूस किया । भाभी की चुत गीली हो चुकी थी ।

मैंने बोल : भाभी प्यास लग रही है और पानी पीना है ।

भाभी की आँखें पहले से ही बंद थी और उन को कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने मुझे ग्लास उठा कर दे दिया की ये लो पी लो पानी ।

मैंने वो ग्लास साइड मे रख दिया , फिर भाभी ने देखा और पूछा की पानी क्यूँ नहीं पी रहे हो ।

मैंने बोल मैंने तो जेल का पानी पीना हैं आज। भाभी ने कहाँ नहीं वो जेल जीभ से साफ करने के लिए नहीं होती बस कैदी भेजने को होती है ।

मैंने भाभी की बात न सुनते हुए उनकी पेन्टी को साइड मे किया और उनको चुत मेरे सामने थी । भाभी ऊपर से न न कर रही थी पर देखना चाहती थी की अमन सच मे चुत चाटेगा या नहीं । मैंने अपने हाथों से चुत के होंठों को फैलाया और देखा भाभी की चुत एकदम साफ और लाल लाल थी । देखने मे और खोलने में भी छोटी सी लग रही थी जैसे की किसी 20 साल की लड़की की चुत थी , मैं हैरान था की इतना चुदने के बाद भी इतनी कशी हुई चुत , उसकी वजह थी जो भाभी योगा करती थी , उसमे भाभी एक आसन चुत में कसाव लाने वाला भी करती थी ।

मैंने जीभ पास ले जा कर भाभी की चुत को पहले तो नीचे से ऊपर तक साफ किया और जीभ को अंदर घुस दिया , इतने में भाभी की आँखें बंद होने लगी और उनके मुंह से निकल आह्ह ससी आह्ह आह्ह । तभी मैंने अपनी जीभ को उनके चुत के दाने पर फिराना शुरू किया । भाभी ने मेरा सर पकड़ लिया । मैं भाभी के मम्मों को दबाने लगा और वो मेरा लंड मसलने लगी । भाभी भी पूरी पागल हो गई और उसने मेरा सिर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी। फिर मैंने कहा भाभी बेड पर चलते हैं । मैं भाभी को गोद मे उठा कर ले गया और अंदर जा कर बेड पर लिटा दिया । अब भाभी की आँखें बंद थी और बोली , अमन और चाट मेरी चुत को , आजतक किसी ने नहीं चाटी मेरी ये कमबख्त चुत । फिर मैंने भाभी को बिस्तर पर लेटा लिया और उनकी पेन्टी निकाल दी , अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और उसने मेरे सामने टांगें खोल दी थी मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उसकी चूत चाटने लगा.. हाय.. क्या टेस्ट था नमकीन पानी .. भाभी की चूत का.. मैंने अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर घुसेड़ दी थी। भाभी पागल हो रही थी- आह्ह आआआह हज्ज्ज.. आआआआह.. हैं ऐसे ही .. और अंदर तक डालो जीभ को , वो चुदासी आवाजें निकाल रही थी.. थोड़ी देर चुत को अच्छे से चूसने के बाद भाभी झड़ गई और मैं अपनी भाभी की प्यारी चूत का सारा रस पी गया। झड़ने के बाद फिर से मैं भाभी के मम्मो पर आ गया अब मेरा लॅंड बाक्सर मे भाभी के चुत पर ठकर मारने लगा । भाभी बोली : देवर जी कैदी को क्यूँ बांध रखा है आजाद कर दोन ना , मैं भी तो देखूँ ये कैदी केस है जो जेल के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है ।

मैंने अपना बाक्सर निकाल कर भाभी के सामने अपना लंड कर दिया । भाभी मेरा लंड देख कर हैरान हो गई , बोली हाए मालिक अमित भी इतना ही मोटा है । और जब तुम्हारे भाई ही जेल का हाल बुरा कर देते है तब तो ये कैदी भी वही हाल करेगा । मैंने कहा भाभी कैदी आराम से जाएगा और आराम से अजेगा । इतना कहने पर मैंने अपना लॅंड भाभी की चुत के छेद पर सेट किया और हल्का हल्का चुत पर घिसने लगा ।

तभी भाभी ने बोल : अभी नहीं अमन , अभी कोई आने वाला होगा , अभी इस कैदी को प्यार हाथ से करूंगी , जेल मे लेके जाने का बाद में सोचेंगे ।

भाभी ने तभी मेरा लॅंड हाथ से पकड़ और सहलाने लगे , दूसरे हाथ से अपनी चुत में उंगली करने लगी। हम दोनों की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी । इतने में मैं और भाभी इकठे झड़ गए और वहीं पर नंगे एक दूसरे को लिपट कर सो गए , मेरा लॅंड भाभी की चुत के साथ जा लगा और हमे नींद आ गई ।

शायद हमे सोये एक घंटा हो गया था उर इतने में शाम हो गई , मम्मी पापा भाई आने वाले थे , भाभी ने उठ कर कपड़े पहन लिए थे और फिर मुझे मेरा लॅंड पकड़ कर उठाया , भाभी के हाथ मे चाय थी । बोली ओ मेरे नंगे चुदासे देवर , उठ चाय पीओ और कपड़े पहनो सब आने वाले होंगे ।

मैंने उठकर भाभी से चाय ली और पी कर अपने कमरे में चल गया । बस अभी मैंने कपड़े पहने ही थे की इतने में बेल बज गई और सब आ गए । मैं भी नीचे आ गया । आज भाभी की आँखों मे अजीब सी चुदासी मस्ती थी । अब वो मेरे लॅंड से खेल तो ली थी पर चुत में हिन लिया था जिससे की भाभी की आज रात मे भाई से 3-4 बार चुदने की मन थी , हो भी क्यू ना इतनी बार पनि जो निकाल लिया हाथ से , जीभ से ।

मम्मी ने मुझे आते ही गले लगा लिया, जिससे की माँ के मोटे मोटे मम्मे मेरी छातियों मे दब गए । और मेरा लॅंड मम्मी की चुत में टकराने लगा । शायद मम्मी को भी पता चल गया था पर वो मुझे बोले जा रही थी , आह मेरा बेटा , कितना प्यार करता है मुझे और मै धीरे धीरे अपना लॅंड उनकी चुत पट दबा रहा था । इतने मे पापा बोले जल्दी करो आज थक गए हैं खान खा कर सोना हैं ।

तब मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए भाई भी अपने कमरे मे चले गए। अमित न अंदर जाते ही अनु को कस कर पकड़ लिया और दोनों होंठ मिल कर किस करने लगे । भाभी तो पहले से ही गरम थी आज वो और साथ देखे लगी और भाई का लोडा पकड़ कर दबाने लगी । इतने मे भाई ने अपने कपड़े उतार दिए और भाभी को भी नंगी कर दिया । भाभी के मम्मे चूसने लगा । भाभी बोली अभी तो आए हो खाना तो खा लो । भाभी ने कहा : आज मैं थक हुआ हूँ आज बस जल्दी खा कर , तुम्हारी चुत मार कर सोऊँगा । कल मुझे और मम्मी 3 दिन के लिए बाहर जाना हैं ऑफिस के काम के लिए । पापा और अमन यहीं रहेंगे ।

(कहानी और भी रोमांचक होने वाली है )
Nice update....
 
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