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Incest परिवार में खुला माहोल

kas1709

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Update 2: पार्टी मे सब लोगों की नजर अनीता और अनु पर ही थी । दोनों क्या मस्त माल लग रही थी , मस्त क्लीवेज दिख रहे थे गांड उभर कर बाहर आ रही थी । सभी लोगों के उनको देख कर लंड बार बार खड़े हो रहे थे । अनिल का लंड भी बार बार खड़ा हो रहा था अपनी पत्नी और अपनी बहु को देख देख कर । इससे पहले उसने अपनी बहु का ये रूप कभी नहीं देखा था जिसने की उसकी चूचियाँ इतनी बाहर या रही हों । अनु ने भी कई बार नोटिस किया की उसके ससुर जी उसकी चुची और गांड ताड़ रहे हैं, उसने जब नोटिस किया तब उसने कुटिल मुस्कान देते हुए अनिल को इशारे मे कहा की माँ जी ज्यादा मस्त माल है उनको भी देखो । अनिल ने भी इशारे मे हाथ मे गोलाइयाँ बनाते हुए कहा की दोनों एक नंबर हो , वो भी और तुम भी. अमन भी अपनी भाभी और माँ को देख कर बार बार अपनी पेंट मे बने तंबू को सेट कर रहा था । उसका मन कर रहा था की अभी भाभी और माँ को बेडरूम मे ले जाए और नंगी करके पहले तो जी भर के देखे फिर अच्छे से उनका दूध पिए और चुत को चाटे और फिर एक मस्त चुदाई करे ।
अमन से जब कंट्रोल नहीं हुआ तो वह भाग कर बाथरूम मे गया और फट से अपनी पेंट और अन्डर्वेर उतार , उसका 8 इंच का हथयार सलामी दे रहा था जैसे की बस कोई चुत मिल जाए उर वो आज उसको फाड़ कर रही रहेगा । अमन ने मूठ मारना शुरू किया और सिसकियाँ भरने लगा आह्ह आह्ह सससस् ममी दूध पिलाओ न, भाभी क्या मस्त चूचियाँ है आपकी , आह्ह आह्ह मेरा लंड मुह मे लो न , चूसो भाभी चूसो , वो मन ही मन उन दोनों की चुत को सोच सोच कर मूठ मारे जा रहा था , इतने मे वीर्य की पिचकारी निकल कर सीधी दीवार पर जा लगी , और अमन के मुह से सुकून का शब्द निकला -अहह फक्क ।
अब भाभी और माँ अमन के दिल और दिमाग मे बैठ चुकी थी , अमन का बहुत मन था की दोनों के साथ मजे करेगा ।
मूठ मार कर फ्री होकर जब अमन पार्टी हाल मे गया तो उसकी माँ ने उसको बुलाया की कहाँ रह गए थे तुम , हम तुमको देख रहे थे , इतना टाइम कोन लगता है बाथरूम मे वो भी तब जब घर मे प्रोग्राम चल रहा हो, अभी आओ इधर सब लोग केक कट करते हैं ।
इतना कहकर परिवार के सभी लोग अनिल, अनीता , अमित, अनु और अमन एक तरफ या गए । एक बड़ा सा केक मँगवाया गया था । अभी केक काटने के लिए अनिल और अनीता तो सोफ़े पर बेथ गए , अमन , उसके भैया और भाभी पीछे खड़े हो गए , अनु बीच मे थी और दोनों भाई साइड मे। अमन का लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया पास खड़ी अपनी भाभी के टच से , सोफ़े के पीछे खड़े होने की वजह से उधर ऊपर से उसको अपनी माँ की चूचियाँ दिख रही थी क्युकी वो उनके पीछे ही खड़ा था। अमित को भी यही नजारा दिख रहा था , वैसे आज से पहले काभी उसने अपनी माँ को ऐसे नहीं देखा था, ये नजर देख कर अमित और अमन के लंड मे फिर से तनाव आने लगा ।
अमन को एक शरारत सूझी , उसने हिम्मत करते हुए अपनी भाभी की गांड पर हाथ फेर दिया। उसकी भाभी को लगा कि अमित ये सब कर रहे हैं , वो अमित की तरफ मुस्कुराई । अमित को लगा की अनु ऐसे ही स्माइल कर रही होगी उसने भी स्माइल पास कर दी । फिर यही शरारत अमित के दिमाग मे आई , उसमे भी अनु की गांड पर हाथ फेर दिया , अनु ने धीरे से बोला: मत करो न ये सब , फिर अमित ने हस कर टाल दिया । अमन की हिम्मत फिर से बढ़ गई उसने इस बार जोर से भाभी की गंड भींच दी , जिससे अनु की सिसकी निकल गई , और उसने अमित को कोहनी से हल्का सा मार दिया और हस्ते हुए बोल सब्र करो जी आप भी । अमित हैरान सा होकर मुस्कुरा दिया की अब तो मैंने कुछ किया ही नहीं । अमन खुश हो गया की मैंने भाभी के मजे भी ले लिए और उनको पता भी नहीं चला ।

ये सब के चलते हुए केक कट हो गया , सभी को केक खिलाया गया । पहले अमन ने अपने पापा अनील को खिलाया और उनके पाँव छु कर आशीर्वाद लिया , फिर उसने अपनी माँ को केक खिलाया और जब अपनी माँ के पैर छूने लगा तो अनीता ने यमन को कस कर गले लगा लिया ये बोलते हुए : मेरा प्यार बेटा , सदा खुश रहो । जब अनीता ने अमन को गले लगाया तो अमन का खड़ा हुआ लंड अनीता की चुत पर टच कर गया , और अनीता की चूचियाँ अमन के सीने मे दब गईं जिससे की अमन का लंड और भी कडक हो गया । अनीता को अपनी चुत मे कुछ चुभता हुआ महसूस होने लगा और एक झुनझुनी से उठ गई । अमन ने हल्के से अनीता की गदर्न पर किस करते हुए सामने आकर बोल : शादी की सालगिरह की बहुत बहुत मुबारक माँ ।
अनीता ने हसकर जवाब दिया : थैंक यू माय लवली सन ।

इतने मे अमित और अनु भी आ गए केक खिलाने और आशीर्वाद लेने । पहले अमित ने अपने पापा को केक खिलाकर आशीर्वाद लिया फीर अपनी माँ को केक खिलाया , फिर अनीता ने अमित को गले लगाया , अमित का भी लंड पहले से खड़ा था और जा कर अनीता की चुत मे चुभ गया और चूचियाँ सीने मे दब गई। दोनों के अंदर एक अजीब सा एहसास हुआ । दोनों माँ बेटे ने एक दूसरे के लिए पहले काभी एस महसूस नहीं किया था । फिर अनु ने अपनी सास अनीता को केक खिलाया और आशीर्वाद लिया और जब अनिल को केक खिला कर आशीर्वाद लेने के लिए झुकी तो अनिल को अपनी बहु की मोटी मोटी रसीली चूचियाँ साफ दिखने लगी । अनिल का लंड फिर से खड़ा हो गया , और जब अनु पाँव छु कर उठने लगी तो अनु ने अपने ससुर का खड़ा हथियार देख कर उसके चेहरे पर हसी या गई , वो मन ही मन सोचने लगी की ससुर जी को तो बहुत ज्यादा चुदास चढ़ रही है, आज तो माँ जी की खैर नहीं मजा आएगा रात का शो देखने मे । अनु ने कुटिल मुस्कान से ससुर जी से आँखें मिलाई तो अनिल को थोड़ा महसूस हुआ की ये कर दिया मैंने ।
फिर पार्टी चलती रही और कुछ देर बाद सारे मेहमान चले गए । रात होने को आई थी ।
इस टाइम घर मे 3 लंड खड़े थे और 2 चूतें भीगी हुई थी । अब 2 चूतों को लाँड़ मिलने तो तय ही थे या ये कह लो की दो लंडों को चूतें मिली तय ही थी, रह गया इकहरा अमन । अब अमन को ये तो पता था की आज घर मे चुदाई चलेगी तबड़तोड़, ये सोच रहा था की क्यू न इनको देखने का कोई जुगाड़ बनाया जाए ।
अमन चुपके से पहले तो अपने माँ पापा के कमरे मे गया वह खिड़की का पर्दा इसे सेट किया की थोड़ा सा साइड मे रहे जिससे कि ये लगे की पर्दा किया हुआ है बाहर बाहर से सीधे बेड दिखे , ऐसे ही उसने अपने भी भाभी के कमरे मे किया ।
अब रात हो चुकी थी , सभी अपने अपने कमरे मे या गए थे । अमन को सब्र नहीं हो रहा था लाइव चुदाई देखने को अपनी माँ और भाभी को नंगी देखने के लिए अमन तो जैसे तड़पा जा रहा था । उसका लंड सख्त हो कर दुखने लगा था । पर उसने सोच हुआ था की आज रात की मूठ तो दोनों रंडियों को नंगी देख कर ही मारेगा ।

अब ये कहानी अमन की जुबानी चलेगी , जो की अब मेन कैरिक्टर है…………………..
Nice update....
 

kas1709

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Update 3: मैं (अमन) जब रात को अपने कमरे मे इंतजार करने लगा की कब माँ पापा अपने कमरे जे जाएं और मैं उनका आज का चुदाई समारोह देखूँ । वैसे माँ पापा लेट नाइट सेक्स करते हैं जब सारे सो जाते है , उनको ये होता है की उनका बेटा बहु क्या सोचेगे , मैंने जब देखा माँ पापा टीवी पर मूवी देख रहे थे , तो मुझे लगा की इनकी चुदाई मे अभी टाइम हैं । फिर मैंने भाई भाभी के कमरे की खिड़की से आकर देखा की भाई तो कुछ काम कर रहे है अपना लैपटॉप पर भाभी उनके पास ही बेठी थी मस्त सी सेक्सी नाइट ड्रेस पहन कर , भाभी के आधे से ज्यादा चूचियाँ दिख रही थी और नीचे बस एक पेन्टी जाली वाली , जिसने बस सिर्फ चुत के होंठों को ढका हुआ था मेरी तो हालत खराब हुई जा रही थी , इतने मे भाई ने अपना लैपटॉप बंद किया और अपने लंड पर हाथ फेरते हुए भाभी की तरफ देखते हुए बोले: अनु आज तो तुमने पूरा दिन मेरा लंड खड़ा रखा , क्या लग रही थी, मन तो कर रहा था की तुम्हें कमरे मे लेजकर चोद दूँ बीच पार्टी मे ही . अनु भाभी: बस करो मुझे पता ही है , आप तो माँ जी के चूचियाँ देख कर बार बार अपना लंड सहल रहे थे , देखा था मैंने ।

अमित: क्या बात करती हो अनु , भला अपनी माँ को देख कर ये सब कैसे सोच सकता हु मैं ।
अनु: आर माँ जी चीज ही ऐसी हैं, आपका भी तो मन करता होगा न उनको देख कर फिर से बचपन जीने का ।
अमित: क्या मतलब ? अनु: मतलब उनके दूध पीने का , छोटे होते दबा दबा कर पिया होगा अपने भी ।
अमित : अनु ये कैसे बाते कर रही हो , छोटे होते तो सब पेट हैं न , इसमे क्या हैं ।
अनु : बस बस रहने दो , देखो कैसे माँ जी की चूचियों को याद करके आप का लंड ससख्त हो रहा हैं । अगर मौका मिले तो आप उनको भी चोद ही डालो ।
अमित : छि : अनु क्या लेके बेथ गई तुम, ये तो तुमको देख कर सख्त हुआ हु , तुम्हारी चूचियाँ है ही इतनी मस्त, देखते ही खड़ा हो जाता है । आज तो इनको दबा दबा कर तुम्हारी चुत मे सूजन दूंगा ।
अनु : देख लो काही चोद मुजे रहे हों और फ़ील माँ जी को कर रहे हो । अमित : कुछ भी बोलती हो , मैं मानता हु की उनको देख कर फ़ील या गया था पर इसका मतलब ये नहीं है की उनके साथ ये सब करू ।
अनु : हस्ते हुए , हाहाहाह , याचा चलो अपने मन तो सही की अप अपनी माँ के चूचियाँ उनको सहलाना चाहते हो , चूसना चाहते हो । अमित : मैंने ये कब कहा , की माँ के साथ ये सब करना चाहता हु ।
अनु : मई नहीं कह रही , आपका खड़ा लंड बता था है ।
इतने मे भाभी ने हस्ते हुए भैया का लंड मुह मे ले लिया और चूसने लगी , और बोली : पहले तो ये जाएगा मेरी चुत मे , माँ जी की चुत मे तो फिर कभी डाल लेना ।
अमित : जान आज तो तुमने मुझे गरम कर दिया आज तुमको सोने नहीं दूंगा मैं ।
अनु : तो अब चोद लो न जान , आपका खड़ा लंड देख कर तो मेरी चुत सुबह से भीगी हुई है , मैंने रात का इंतजार बड़ी मुश्किल से किया । बस मैं बाल सेट करके आई ।
इतने मे अनु भाभी खड़ी होकर शीशे के आगे चली जाती है अपने बाल सेट करने , भाई उनके पीछे जा कर खड़े हो जाते हैं । भैया भाभी के गर्दन पर किस करते है और भाभी की अनकहे बंद हो जाती हैं । भाई का लंड इनके बाक्सर मे टन कर खड़ा हो चुका होता है और भाभी की गांड मे टक्कर मरने लग जाता है । फिर भाई अपने हाथों से भाभी की चूचियों को मसलने लग जाते हैं । भाभी के मुह से सिसकियाँ निकल रही होती है आह्ह आह्ह आहाहाहाहह अहहह अमित और प्यार करो , हा इसे ही दबाओ मेरे दूध को , आह्ह आह्ह आह्ह ।।
इतने मे भाई अपना एक हाथ नीचे ले जाता है और भाभी की पेन्टी मे हाथ डाल कर चुत को सहलाने लगता है , सारे कमरे मे भाभी की सिसकारियाँ गूंजने लग जाती हैं । भाई धीरे से भाभी की ड्रेस और पेन्टी उतार देते हैं । भाभी पूरी नंगी मेरे सामने भाई उनकी चुत मे उंगली कर रहे है एक हाथ से उनके दूध दबा रहे हैं , मेरा ये सब देख के होश उड़ गए , पहली बार भाभी को नंगी और चुदासी देख रहा था । भाभी का मखमली बदन अच्छे अछो का देखते ही पनि निकल जाए, भाभी की मोटी मोटी चूचियाँ देख कर मेरा मन करने लगा की अभी दबा दबा कर सर दूध पी जाऊ । इतने मे भाभी ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर भाई का बॉक्सर निकाल दिया, भाई का मोटा टन हुआ लंड भाभी की चूतड़ों मे घुसने लगा ,
जिससे भाभी और भी मादक अवजे निकालने लगी: आह्ह आह्ह सस् आह्ह आह्ह आह्ह अमित दूध पीओ न मेरा जोर जोर से दबा कर, आज मेरी चुत की प्यास बहुत बढ़ी हुई है, फाड़ दो मेरी चुत आज चोद चोद कर , भाभी एक हाथ से भाई का लंड सहलाने लगी, । तब वही खड़े खड़े भाई आगे यागए और भाभी की दोनों चचियों को अपने हाथों से दबा दबा कर पीने लगे और उनका खड़ा लंड भाभी अपने हाथों से अपनी चुत पर रगड़ने लगी , और सिसकियाँ भरने लगी । तब भाई ने भाभी को लिटाया और नीचे या गए , भाभी एकदम नंगी थीं और भैया उनकी चूत चाट रहे थे. भाभी के मुँह से आह आह आह्ह आह्ह की आवाज निकल रही थी. भैया ने भाभी की चूत में अपना मुँह लगभग घुसेड़ा हुआ था और वो भाभी की चूत में जीभ को नुकीला करके अन्दर बाहर कर रहे थे. भाभी भी मस्ती मे सिसकी लिए जा रही थीं और वो अपने दोनों हाथ भैया के सर को अपनी चूत में ऐसे दबाए जा रही थीं मानो वो भैया को अपनी चूत में ही घुसा लेंगी. मुझे ये सीन देख कर लंड मे सख्ती हो रही थी और मैं अपने लंड को सहलाने लगा था. अब भाभी ने भैया को बोलना शुरू कर दिया था- आंह अमित … मेरी चुत को चूस ले … आह कितना मस्त मजा दे रहे हो आप … आह पूरी चूत का रस चूस लो !
भैया बिना कुछ बोले लगातार भाभी की चूत को चाट कर उसका सर पानी पीने पर तुले हुए थे. कुछ ही देर में भाभी की आवाजें बढ़ गईं और वो अपनी दोनों टांगें हवा में खोल कर अपनी गांड ऊपर उठाने लगी थीं. उनके दोनों हाथों में भैया के सर के बाल दबे हुए थे और वो उनके बाल खींच कर चूत झड़ने जैसा कर रही थीं. कुछ ही देर में भाभी चरम पर आ गईं और आह्ह आह्ह सी आंह आंह करती हुई झड़ने लगीं. झड़ते समय भाभी का पसीने से भीग बदन , गई चुत और कुटिल मुस्कान अलग लग रही थी. एक मिनट में ही भाभी जम सी गई और भैया अभी भी भाभी की चूत से निकले रस को चाट रहे थे. चूत का पूरा रस चाटने के बाद भैया ने अपना मुँह ऊपर उठाया तो उनकी आंखें वासना से एकदम सुर्ख हो गई थीं और मुँह पर भाभी की चूत का माल जहां तहां छपा हुआ था.
भैया ने भाभी की टांगों से सर निकाला और लम्बी सांसें लेते हुए भाभी की उठती बैठती चूचियों को देखने लगे.
फिर भैया ने बिस्तर के बगल बेठ कर भाभी को निहारना शुरू कर दियाँ ।

भाभी के मुँह से निकला- जान कितना मस्त चूसते हो, मेरी चूत तो बिना लंड के ही ठंडी हो गई.

भैया हंसने लगे और बोले- अभी तो तेरी सिर्फ चूत चाटी है … अभी मेरे लंड का पूरा स्वाद भी तुझे लेना बाकी है ।

भाभी हंसती हुई बैठ गईं और बोलीं- आ जा मेरे पति देव , अब आपके लंड को भी प्यार कर लेती हूँ.

भैया लेट गए और भाभी भाई के कड़क लंड को चूमने लगीं. भाभी ने दो तीन चुप्पे लंड के लिए अंदर गले में लेकर मुंह आगे पीछे करने लगी .

भैया भी मस्त होने लगे और लंड चुसाई का मजा लेने लगे.
भाभी ने कुछ ही पलों रफ्तार बढ़ दी , कमरे मे गप्प गप्प की आवाजे गूंजने लगी थी , वो अपने हाथ से भैया के लंड के गोटों को भी सहला रही थीं.

अब भैया ने भाभी के सर को पकड़ कर उन्हें अपने लंड पर दबाने लगे- आंह साली रांड चूस … आह लंड चूस … आह बड़ा मजा आ रहा है बेबी ….

इतने मे भाभी बोली : जान माँ भी इसी तरह चुस्ती अगर तो भी आपको इतना ही मजा आता ।

भाई को आँखें बंद करते ही माँ दिखने लगी , भाई बोल: हा अनु अगर आज माँ भी लाँड़ चूस देती तो इतना ही मजा आता ।

अनु भाभी : जान आप चाहते हो तो मैं आपकी मदद कर सकती हु माँ की चूचियाँ पिलाने मे ।

अमित भाई एकदम से बोले, क्या कैसे ?

अनु : वो आप मुझ पर छोड़ दो , माँ जी मेरे सामने हमारे दोनों के साथ मिल के आपको दूध पीला देगी अगर अप चाहते हो तो ।

अमित : सच बताऊ अनु, मुझे कभी कभी मन होता है माँ के दूध पीने का , अगर एक बार पिलवा दो तो मजा ही अजेगा ।

अनु : मान ही गए न आप अपनी माँ को नंगी देखना चाहते हैं।

अमित : हा बाबा हा, मैं भी मर्द हूँ , और मेरा भी खड़ा होता है किसी की भी गांड और चूचियाँ देख कर ।

ये सुन कर भाभी ने चूसने की रफ्तार तेज कर दी और लंड चूसने में जरा भी कसर नहीं छोड़ रही थीं.

फिर भैया ने कहा- अब चूसना छोड़ और चढ़ जा लंड पर … कर सवारी मेरे हथियार की। भाभी ने एक मिनट की भी देर नहीं लगाई और वो अपनी टांगें खोल लंड पर बैठने लगीं. अगले ही पल भैया का लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अंदर जड़ मे समा गया । भाभी उछल उछल कर लंड की सवारी करने लगी थी , भाभी की चूचियां गजब हिल रही थीं. भैया भी उनकी दोनों चूचियों को बारी बारी से चूस रहे थे.

भाभी मुँह से आवाज और तेज हो गई- आह आह आआ हम्मम … और चोदो मेरे राजा … आज पूरी तरह से ठंडी कर दो मुझे … आह कितना अन्दर तक पेल रहे.

कोई दस मिनट बाद भाभी अपनी चरम सीमा पर आ गईं और आह आह करती हुई झड़ने लगीं. उनकी चूत की गर्मी से भैया भी अपने लंड का रस छोड़ने लगे. उन दोनों में चुदाई पूरी हो गई थी और वो दोनों हांफते हुए एक दूसरे के ऊपर गिर कर चूमाचाटी करने लगे थे. उसके बाद मैंने समझ लिया कि इनका खेल खत्म हो गया है अब इधर रूकने से कोई फायदा नहीं है. मैं वापस अपने कमरे में गया और माँ पापा की मूवी खत्म होने का इंतजार करने लगा लगा. पर मेरी आंखों के सामने भाभी के बड़े बड़े मम्मे नजर आ रहे थे. फिर मैंने एक बार और मूठ मार ली और मेरा लॅंड बैठने का माँ नहीं ले रहा था । मैं लंड मसलते हुए सोचने लगा कि काश एक बार मुझे भी भाभी के मम्मों का दूध पीने को मिल पाता.

कुछ देर बाद मैं नीचे फिर से यज्ञ , भाई भाभी के कमरे की लाइट बंद हो चुकी थी , मैंने माँ पापा के कमरे मे देखा तो वह प्रोग्राम चल रहा था , पापा माँ की चूचियाँ चूर रहे थे , माँ ऊपर से नंगी थी बस एक पेन्टी पहनी हुई थी । मैंने पहली बार माँ के दूध नंगे देखे थे , और मन कर रहा था की अभी अंदर जाऊ और उनको चूस लूँ । मेरा लंड पर फिर से हाथ चल गया था माँ पापा के लंड के साथ खेलने लगी , फिर पापा ने माँ की पेन्टी उतार दी और चुत चाटने लगे , माँ की सिकियाँ कमरे मे गूंजने लगी आह्ह आह्ह हा अनिल ऐसे ही कहती मेरी चुत को , चूचियाँ दबाओ मेरी मम्मे काब से इंतजार कर रहे थे तुम्हारे मर्दाना हाथों का , चूस लो मेरे मम्मे भबी , पी लो सर रस , पापा उस समय मम्मी की चूत चाट रहे थे। फिर दोनों 69 पज़िशन से बाहर आए और पापा ने मम्मी की चूत के होंठो को चूसना बंद कर दिया और मम्मी ने भी उनके लंड को चूसना बंद कर दिया था। तब मम्मी ने कहा कि जल्दी करो डाल दो चुत मे अब सब्र नहीं होता , और अब मम्मी अपना हाथ आगे करके उनके लंड को आगे पीछे करने लगी थी। अब पापा का लंड पत्थर की तरह सख़्त हो चुका था और बहुत ही टाईट हो चुका था। फिर पापा ने मम्मी की चूत के ऊपर की तरफ थूक से तर कर दिया, तो थूक की धार निकलकर मम्मी की चूत में जाने लगी थी। अब मम्मी ने अपनी उंगली से थूक को अपनी चूत में करना चालू कर दिया था।

फिर पापा ने मम्मी की दोनों टांगे फैलाई और उनकी दोनों टांगो के बीच में जाकर बैठ गये और अपना लंड सेट करके मम्मी की चूत के मुँह पर रख दिया। तब मम्मी के मुँह से आह्ह आह्ह आअहह, की मीठी आवाज निकल गयी। फिर पापा ने धीरे से अपने लंड से एक झटका मारा तो उनका लगभग आधा लंड मम्मी की चूत में अंदर तक धँस गया था। तब मम्मी के मुँह से आआहह की आवाज आई, लेकिन साफ-साफ़ पता लग रहा था कि यह दर्द की आवाज नहीं है, यह तो मजे लेने की आवाज थी। तब पापा ने मम्मी से पूछा कि क्यों मेरी रानी मज़ा आया? तो तब मम्मी बोली कि हाँ मेरे राज़ा, पूरा अंदर डालो ना, मज़ा तो पूरा तभी आएगा जब तुम्हारा गधे जैसा मूसल लंड मेरी चूत में अंदर बच्चेदानी तक ठोकर मारेगा, मेरी चूत की प्यास तो तभी बुझती है।

तब पापा ने कहा कि लो मेरी रानी, अभी लो में तुम्हारी प्यासी चूत की प्यास बुझाता हूँ, लो मेरा पूरा लंड लो और यह कहकर मेरे पापा ने मेरी मम्मी की चूत में एक जोरदार धक्का मारा। अब इस बार मेरे पापा का मूसल लंड जड़ तक मम्मी की चूत में घुस गया था। फिर पापा ने मम्मी के दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर से दबाया। फिर जैसे मम्मी के बूब्स में से संतरों जैसे रस निकालना चाहते हो तो तब मम्मी के मुँह में से आवाज़ें निकली आह्ह आह्ह आआअहह मेरे राजा, यह हुई ना मर्दों वाली बात, आआआ, अब रूको मत, ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारो पूरी स्पीड से जैसे एक कुत्ता अपनी कुत्ती को चोदता है, वैसे ही चोदो, मेरे दिल के राज़ा, फाड़ दो मेरी इस प्यारी चूत को, अयाया, वूऊव, हाए, आह, ऐसे ही, ऐसे ही, मारो मेरी चूत, मारो मेरे राज़ा। फिर पापा ने ज़ोर-ज़ोर से मम्मी की चुदाई करनी आरंभ कर दी। अब उधर पापा ने मम्मी की चूत में धक्के मार-मारकर मम्मी की टागों को थका दिया था। तब मम्मी बोली कि बस करो, अब तुम्हारा है की झड़ने का नाम नहीं ले रहा है और मेरी टांगे थककर चूर हो गयी है, प्लीज और पोज़िशन में चुदाई कर लो, में बहुत थक गयी हूँ। तब पापा ने काहा कि जो हुकम अनीता मेरी जान, लेकिन पहले एक बार तुम मेरे मजेदार लॉलीपोप को चूस तो लो और यह कहकर पापा ने मेरी मम्मी की चूत में से अपना लंड बाहर निकाला तो में देखकर दंग रह गयी आआहह, उनका लंड जब अंदर गया था तो इतना मोटा और लंबा नहीं था और जब बाहर आया तो और भी मोटा, लम्बा लग रहा था। अब पापा अपने घुटनों के बल बैठ गये थे और फिर मम्मी ने उनके लंड को अपने दोनों हाथों में पकड़ लिया और गप-गप की आवाज से अपने मुँह में डाल लिया था और बहुत ही प्यार से चूसने लगी थी। पापा का लंड उनके दोनों हाथों से लगभग 6 इंच बाहर होगा, यानी उनका लंड लगभग 10 इंच का होगा और मोटाई का तो कहना ही क्या? अब उनके लंड पर मम्मी की चूत का पानी चमक रहा था। फिर थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद पापा ने अपने लंड को मम्मी के मुँह में से बाहर निकाल लिया और मम्मी से कहा कि अब तुम घोड़ी की तरह बन जाओ, में तुम्हें घोड़े की तरह चोदूंगा, इस तरह से तुम्हारी चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी बच्चेदानी में चला जाएगा और तुमको मजा भी बहुत आएगा। तब मम्मी बोली कि लो मेरे राजा, जो तुम्हारा हुकम, में तो तुम्हारी गुलाम हूँ और यह कहकर मम्मी किसी घोड़ी की तरह अपने दोनों घुटनों और दोनों हाथों पर हो गयी। फिर पापा ने मम्मी के पीछे से जाकर अपने लंड को अपने हाथ में पकड़कर उनकी चूत के मुँह पर रखा और एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड अंदर तक पेल दिया। तब मम्मी के मुँह से आआहह की आवाज निकली, लेकिन वो मजे लेने वाली आवाज थी दर्द वाली नहीं थी। फिर पापा नहीं रुके और धक्के-पे-धक्के मारते चले गये।

अब मम्मी पापा के मुँह से हर धक्के के बाद सिसकियाँ निकल रही थी। फिर अचानक से पापा को पता नहीं क्या सूझा कि पापा ने अपना पूरा लंड मम्मी की चूत से बाहर निकाल लिया और अपने मुँह से बहुत सारा थूक निकालकर मम्मी की गांड पर डाल दिया। अब यह सोचकर मेरा दिल धड़क उठा था कि अब पापा मम्मी की गांड मारेंगे। मैंने अपनी सहेलियों से सुन रखा था कि कई औरतें और लड़कियाँ गांड भी मरवाती है और गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है। फिर पापा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी की गांड का मुँह खोल दिया, लगभग 2 इंच का छेद खुल गया होगा। फिर पापा ने अपना लंड मम्मी की गांड के ऊपर सेट किया और अपने लंड का सुपाड़ा थोड़ा सा अंदर फिक्स कर दिया और फिर मम्मी की कमर के नीचे से अपने हाथ डालकर अपने हाथों में जकड़ लिया और फिर एक ही धक्के में अपना लगभग आधा लंड मम्मी की गांड में डाल दिया था।

फिर तब मम्मी के मुँह से एक जोरदार आवाज निकली अया मर गयी, यह क्या कर दिया जी? यह चूत मारते-मारते अचानक गांड मारने की क्या सूझी? अया मार डाला, पहले बता दिया तो होता, थोड़ा तेल ही लगा लिया होता तो इतना दर्द तो नहीं होता। तब पापा बोले कि अरे मेरी रानी जो सख़्त-सख़्त लंड डालने में जो मजा है, वो मज़ा फिसलता हुआ लंड डालने में नहीं आता, देखो अब कितना टाईट लंड तुम्हारी गांड में जा रहा था। अभी देखना तुम्हें भी कितना मज़ा आएगा? लो अब में पूरा का पूरा लंड तुम्हारी प्यारी मजेदार गांड में डालने वाला हूँ, अभी तक चूत मरवा रही थी, अब गांड भी मरवाओ। अब पापा का लम्बा, मोटा लंड आराम से मम्मी की गांड में अंदर तक जा रहा था। अब पापा अपने लंड को सुपाड़े तक निकालकर पूरा का पूरा ही अंदर तक डालकर मम्मी को मज़ा दे रहे थे।

अब मम्मी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी अनिल तुम्हारा जवाब नहीं, क्या चोदते हो? मेरा तो दिल करता है कि तुमसे सारा दिन ही चुदवाती रहूँ, तुम गांड और चूत दोनों ही बुरी तरह से चोदते हो, लेकिन मजबूरी है, जवान बेटे और बहु घर पर होते हैं, पता नहीं वो कब देख ले? तो गजब हो जाएगा। लेकिन उनको पता नहीं था कि यह गजब तो हो चुका है, भाभी ने प्लान बना लिया सारे परिवार को नंगा करने का ।

पापा : जान आज तो हमारे बेटे बहु ने भी जमकर चुदाई करी होगी, देखा था क्या बहु केसी लग रही थी आज। माँ : आह्ह , हा देखा था आपको अपनी बहु को देख कर खड़ा कर रखा था अपने , शर्म नहीं आती आपको आह्ह ।

पापा : आज बहु लग भी बड़ी कमाल रही थी उसकी चूचियाँ तो तुम्हारे जेसी हैं बिल्कुल । मोटी मोटी , चूसने दबाने लायक ।

माँ : हा जब उसने झुक कर पाँव छूए थे आपके तो मैंने देखा था उसकी कसी चूचियों को देख कर आपके मुंह और लंड मे पानी अ गया था ।

पापा : हमारी बहु है ही एसी , हमारे बेटे के मजे हैं । आज तुमने एक और चीज देखि, दोनों बेटे जब तुमसे मिल रहे थे दोनों के लंड खड़े थे , मुझे तो लगा की आज तो दोनों अपनी माँ का दूध पी कर ही मानेगे , हाहाहा ।

माँ : शरम करो जो बेटे अब बड़े हो गए हैं , वो ऐसा क्यों सोचएगे , मुझ कुछ चुभा तो था जब दोनों गले मिले थे , पर उनकी उम्र ही ऐसी है वो भी क्या करें ।

पापा : शर्म मुझे नहीं उनको करनी चाहिए , और इसमे बुरा भी क्या है , चुत तो होती ही चुदने के लिए है और चुची होती है दबा दबा कर चूसने के लिए । अगर काभी मोका मिले भी तो मैं तुम्हें काभी मन नहीं करूंगा अपने बेटों के सामने नंगी होने के लिए । आखिर तुमने उन्हे नंगा देखा है छोटे होते हुए , उनका भी तो हक है न तुम्हें नंगी देखने का । फिर पापा हसने लगे हाहाहा

माँ : ऐसी बाते कयू कर रहे हो जी , मेरे बेटे है अगर मेरा दूध आज भी पिन चहेगे तो मई खुशी खुशी अपनी चूचियाँ उनके मुह मे दे दुगी ।

पापा : जान मेरा एक सपना है , की हम सारे लोग अपने ही घर मे एक खुला महोल बना कर रखे । जिसका जब मन किया सेक्स कर लिया ,कहीं भी बाहर हाल मे , स्विमिंग पूल के पास, किचन मे , कहीं भी , और घर मे सारे नंगे रहें।। हाहाहाहा ।।

माँ : जी बात तो अपने सही काही है , मेरा कई बार दिन मे भी अपने चुदने का मन होता है या आप काही भी नहीं होते तो भी छड़ने का मन होता है तो कोई तो हो मुझे चोदने वाला, चाहे बेटे ही क्यों न हो ।

पापा : हा जान ये बात तो तुमने सही कही है , इसके लिए बहु और बेटों को समझना पड़ेगा ।

माँ : हाँ जी मई करती हु कुछ इस मामले मे , ये सब हो गया तो हमारी जिंदगी कितनी रंगीन हो जाएगी न ।

इतना सुन कर पापा ने अपने मन मे भाभी क ख्याल किया और उनके मोठे दूध के बारे मे सोचने लगे अब अब पापा ने अपनी चोदने की स्पीड तेज कर दी थी और फिर वो बोले कि ले मेरी रानी, अब मेरा लंड झड़ने वाला है, बोलो में अपना पानी कहाँ निकालूँ? तो तब मम्मी बोली कि मेरे राज़ा जैसे रोज निकालते हो, आह लाओ मेरे मुँह में डालो। तब पापा ने मम्मी की गांड में से अपना लंड बाहर निकाल लिया। फिर मम्मी पापा के लंड को अपने एक हाथ में लेकर स्पीड से आगे पीछे करने लगी और गप से अपने मुँह में ले लिया। फिर कुछ देर के बाद ही पापा के लंड ने पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया। इधर मैंने भी अपने लंड को हिलाने की रफ्तार बढ़ दी थी और अपनी पिचकारी वही फर्श पर छोड़ दी । उधर अंदर अब मम्मी ने अपना मुँह पूरा खोल दिया था और अब पापा के लंड का वीर्य मम्मी के मुँह में पूरा का पूरा भर गया था, शायद उनके वीर्य का रस 100 ग्राम के करीब तो होगा ही। फिर मम्मी ने अपना मुँह बंद कर लिया और जब खोला तो में हैरान रह गया था , उनका मुँह खाली था। अब वो पूरा का पूरा वीर्य-रस अपने अंदर गटक गयी थी, लेकिन फिर भी वो पापा के लंड को चाटने लगी और जितना बचा था, वो भी चाट-चाटकर साफ कर दिया था। अब पापा का लंड कुछ-कुछ ढीला होने लगा था। फिर मम्मी ने अपनी चूत और पापा के लंड को साफ कपड़े से साफ कर दिया और कहा कि अब जल्दी से सो जाओ, सुबह काम पर भी जाना है, फिर माँ पापा ने एक दूसरे की और देखा और नंगे ही सो गए ।

अचानक मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है , जब मैंने पलटकर देखा तो …………………
(Next update 4-5 din baad ayega isiliye aj 2 update diye hai aur ye wala update bada de diya hai )
Nice update...
 

bigcock8

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Update 6: (aap sab ke liye time nikal kr update jaldi diya hai ...padho aur maje kro)

मैं अपने कमरे सें से नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आ गया । मैंने सिर्फ एक बनियान और बाक्सर पहन रखा था । मैं भाभी के कमरे में गया तो भाभी ऊपर से नंगी थी और सिर्फ एक पेन्टी मे खड़ी थी और मुझ से पूछने लगी की क्या पहनु । मैंने बोल लॉंग टीशर्ट पहन लो कोई खुली सी , आपको आराम रहेगा । भाभी ने भाई की एक टीशर्ट निकली जो उनके चूतड़ों तक आ रही थी , और ऐसे ही पहनने लगी तो मैंने देखा अभी भाभी की चूचियाँ पर कुछ पानी की बुँदे लगी हुई थी और मैंने बोले रुको भाभी इनको तो साफ कर लो , ऐसे गीले बदन पर कपड़े नहीं पहनते । भाभी बोली : टॉवल तो अंदर है बाथरूम मे , लेके आ जाओ । मैंने भाभी को अपनी तरफ खींच और उनके मम्मो और निपल को चाट चाट कर सारा पानी पी लिया और उनके मम्मे साफ कर दिए । भाभी हसने लगी और हस्ते हस्ते ही उन्होंने टीशर्ट पहन ली ।

हम बाहर हाल मे आ गए और भाभी खान ली किचन में चली गई । फिर हमन बैठ कर खान खाने लगे और बाते करने लगे । मैं भाभी के बदन की तारीफ करता रहा । की भाभी आपके मम्मे मुझे बहुत पसंद हैं मन करता है हर टाइम इनको चुस्त रहूँ इनसे खेलता रहूँ । भाभी बोले बस कर शैतान फिर से नहाना न पड़ जाए ।

फिर मैंने भाभी को बोल भाभी आप मेरी गोदी में बैठ जाओ न आज आपके हाथ से खाना खाना है और आपको आज मैं खिलाऊँगा भी । भाभी उठी और आ कर मेरी गोदी मे अपनी गांड तिक कर बैठ गई। भाभी को गोदी में बिठाते ही मेरा लॅंड खड़ा होने लगा और भाभी को अपनी गांड पर महसूस होने लगा । भाभी को पता तो चल गया कि मेरा लॅंड उनकी गांड की दरार के पास ठोकर मार रहा हैं ।

भाभी बोली : अमन तुम ठीक बैठे हो न ?

मैं : हाँ भाभी मैं तो बिल्कुल सही बैठा हूँ ।

भाभी : मुझे लग नहीं रहा तुम सही बैठे हो, चलो ठीक हो कर बैठ जाओ ।

इतने मे भाभी ने अपनी गांड उठाई , इनका इशारा ये था की अपना लॅंड सेट कर लो । मैंने तभी अपना लाँड़ सीधा करके सेट किया और बोल : अब बैठ जाओ भाभी ।

भाभी मेरी गोदी में दोबारा से बैठ गई , अब मेरा लॅंड सीधा भाभी की गांड की दरार में। था पेन्टी के ऊपर से , और भाभी मुस्कुरा रही थी । हम एक दूसरे को खाना खिलाने लगे थे ।

भाभी बोली : अमन अपनी ये बनियान उतार दो , मेरी बाजू इससे रगड़ती है जब तुमको खिलाती हूँ तो ।

मैंने फट से बनियान उतार दी , तभी मैंने बोल भाभी मुझको भी यही परेशानी है , आप भी टीशर्ट उतार दो । भाभी ने फट से उतार दी , अब हम दोनों ऊपर से नंगे और मेरी छाती भाभी की पीठ से चिपकी हुई थी और भाभी मेरी गोदी में, एक दूसरे को खाना खिला रहे थे । बीच मे रायते की की एक बूंद भाभी के मम्मो पर जा गिरी , मैंने भाभी के मम्मे को पकड़ कर चाट लिया । फिर भाभी ने खिलाते हुए मेरे छाती पर रायता गिरा दिया और जब मैं साफ करने लगा तो भाभी बोली, नहीं, जैसे तुमने साफ किया था वैसे ही मैं साफ करूंगी । तभी भाभी ने मेरी छाती पर जीभ फेरते हुए मेरे निपल को चूस कर अच्छे से ऊपर से ले जा के गर्दन तक जीभ फिराई, जिससे मेरे अंदर कुछ महसूस हुआ और लॅंड और भी कडक हो कर भाभी की चूतड़ मे घुसने को तैयार हो गया । अब एक हाथसे मैं भाभी को खाना खिला रहा था उर दूसरे हाथ से कभी तो भाभी की जांघ पर हाथ फेर देता तो कभी मम्मे दबा लेता । जिससे की लॅंड और भी कडक होता जा रहा था ।

भाभी चुभते हुए लॅंड को महसूस करते हुए बोली : ये तुम्हारा कैदी मुझे परेशान कर रहा है ।

मैं : भाभी , दरअसल कैदी को किसी जेल में जाने का मन हो रहा है ।

भाभी : उसको बोलो जिस जेल के दरवाजे पर वो दस्तक दे रहा है वो जेल सही नहीं है । असली जेल का दरवाजा कहीं और है और वो इस कैदी के लिए बंद हैं ।

मैं : भाभी जेल मे तो कितने भाई कैदी जा सकते है न , इसमे क्या दिक्कत है ।

भाभी : नहीं देवर जी , मेरी जेल मे तो एक ही कैदी जाता है और वो जेल को पूरी तरह से भिगो कर , उसमे निचुड़ कर वापिस आ जाता है ।

मैं : ये कैदी भी जेल को अच्छे से धो कर , गीला करके वापिस आएगा । आप बस जेल खोल दो किसी दिन।

तभी खाते खाते थोड़ी फिर से रायता भाभी के एक पेट से होते हुए जांघ पर जा गिरी बिल्कुल चुत की दरार के पास। मेरी बारी थी साफ करने की । मैंने भाभी को खड़ा किया और बोला मैं कर देता हूँ साफ। भाभी बोली नहीं वहाँ गंदा होता है । वहाँ जीभ नहीं मारनी । मैंने कुछ नहीं बोल और भाभी को उठा कर डैनिंग टेबल पर अपने सामने बैठा लिया । अब भाभी की चुत मेरे सामने थी जो की बहुत ही पतली सी पेन्टी से ढकी हुई थी । कुछ कुछ चुत पेन्टी के कपड़े मे से दिख रही थी । मैंने अपनी जीभ चुत के पास ले जा कर पहले तो वहाँ जीभ फेर दी अच्छे से, फिर नाक लगाकर भाभी की चुत की खुशबू को महसूस किया । भाभी की चुत गीली हो चुकी थी ।

मैंने बोल : भाभी प्यास लग रही है और पानी पीना है ।

भाभी की आँखें पहले से ही बंद थी और उन को कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने मुझे ग्लास उठा कर दे दिया की ये लो पी लो पानी ।

मैंने वो ग्लास साइड मे रख दिया , फिर भाभी ने देखा और पूछा की पानी क्यूँ नहीं पी रहे हो ।

मैंने बोल मैंने तो जेल का पानी पीना हैं आज। भाभी ने कहाँ नहीं वो जेल जीभ से साफ करने के लिए नहीं होती बस कैदी भेजने को होती है ।

मैंने भाभी की बात न सुनते हुए उनकी पेन्टी को साइड मे किया और उनको चुत मेरे सामने थी । भाभी ऊपर से न न कर रही थी पर देखना चाहती थी की अमन सच मे चुत चाटेगा या नहीं । मैंने अपने हाथों से चुत के होंठों को फैलाया और देखा भाभी की चुत एकदम साफ और लाल लाल थी । देखने मे और खोलने में भी छोटी सी लग रही थी जैसे की किसी 20 साल की लड़की की चुत थी , मैं हैरान था की इतना चुदने के बाद भी इतनी कशी हुई चुत , उसकी वजह थी जो भाभी योगा करती थी , उसमे भाभी एक आसन चुत में कसाव लाने वाला भी करती थी ।

मैंने जीभ पास ले जा कर भाभी की चुत को पहले तो नीचे से ऊपर तक साफ किया और जीभ को अंदर घुस दिया , इतने में भाभी की आँखें बंद होने लगी और उनके मुंह से निकल आह्ह ससी आह्ह आह्ह । तभी मैंने अपनी जीभ को उनके चुत के दाने पर फिराना शुरू किया । भाभी ने मेरा सर पकड़ लिया । मैं भाभी के मम्मों को दबाने लगा और वो मेरा लंड मसलने लगी । भाभी भी पूरी पागल हो गई और उसने मेरा सिर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी। फिर मैंने कहा भाभी बेड पर चलते हैं । मैं भाभी को गोद मे उठा कर ले गया और अंदर जा कर बेड पर लिटा दिया । अब भाभी की आँखें बंद थी और बोली , अमन और चाट मेरी चुत को , आजतक किसी ने नहीं चाटी मेरी ये कमबख्त चुत । फिर मैंने भाभी को बिस्तर पर लेटा लिया और उनकी पेन्टी निकाल दी , अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और उसने मेरे सामने टांगें खोल दी थी मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उसकी चूत चाटने लगा.. हाय.. क्या टेस्ट था नमकीन पानी .. भाभी की चूत का.. मैंने अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर घुसेड़ दी थी। भाभी पागल हो रही थी- आह्ह आआआह हज्ज्ज.. आआआआह.. हैं ऐसे ही .. और अंदर तक डालो जीभ को , वो चुदासी आवाजें निकाल रही थी.. थोड़ी देर चुत को अच्छे से चूसने के बाद भाभी झड़ गई और मैं अपनी भाभी की प्यारी चूत का सारा रस पी गया। झड़ने के बाद फिर से मैं भाभी के मम्मो पर आ गया अब मेरा लॅंड बाक्सर मे भाभी के चुत पर ठकर मारने लगा । भाभी बोली : देवर जी कैदी को क्यूँ बांध रखा है आजाद कर दोन ना , मैं भी तो देखूँ ये कैदी केस है जो जेल के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है ।

मैंने अपना बाक्सर निकाल कर भाभी के सामने अपना लंड कर दिया । भाभी मेरा लंड देख कर हैरान हो गई , बोली हाए मालिक अमित भी इतना ही मोटा है । और जब तुम्हारे भाई ही जेल का हाल बुरा कर देते है तब तो ये कैदी भी वही हाल करेगा । मैंने कहा भाभी कैदी आराम से जाएगा और आराम से अजेगा । इतना कहने पर मैंने अपना लॅंड भाभी की चुत के छेद पर सेट किया और हल्का हल्का चुत पर घिसने लगा ।

तभी भाभी ने बोल : अभी नहीं अमन , अभी कोई आने वाला होगा , अभी इस कैदी को प्यार हाथ से करूंगी , जेल मे लेके जाने का बाद में सोचेंगे ।

भाभी ने तभी मेरा लॅंड हाथ से पकड़ और सहलाने लगे , दूसरे हाथ से अपनी चुत में उंगली करने लगी। हम दोनों की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी । इतने में मैं और भाभी इकठे झड़ गए और वहीं पर नंगे एक दूसरे को लिपट कर सो गए , मेरा लॅंड भाभी की चुत के साथ जा लगा और हमे नींद आ गई ।

शायद हमे सोये एक घंटा हो गया था उर इतने में शाम हो गई , मम्मी पापा भाई आने वाले थे , भाभी ने उठ कर कपड़े पहन लिए थे और फिर मुझे मेरा लॅंड पकड़ कर उठाया , भाभी के हाथ मे चाय थी । बोली ओ मेरे नंगे चुदासे देवर , उठ चाय पीओ और कपड़े पहनो सब आने वाले होंगे ।

मैंने उठकर भाभी से चाय ली और पी कर अपने कमरे में चल गया । बस अभी मैंने कपड़े पहने ही थे की इतने में बेल बज गई और सब आ गए । मैं भी नीचे आ गया । आज भाभी की आँखों मे अजीब सी चुदासी मस्ती थी । अब वो मेरे लॅंड से खेल तो ली थी पर चुत में हिन लिया था जिससे की भाभी की आज रात मे भाई से 3-4 बार चुदने की मन थी , हो भी क्यू ना इतनी बार पनि जो निकाल लिया हाथ से , जीभ से ।

मम्मी ने मुझे आते ही गले लगा लिया, जिससे की माँ के मोटे मोटे मम्मे मेरी छातियों मे दब गए । और मेरा लॅंड मम्मी की चुत में टकराने लगा । शायद मम्मी को भी पता चल गया था पर वो मुझे बोले जा रही थी , आह मेरा बेटा , कितना प्यार करता है मुझे और मै धीरे धीरे अपना लॅंड उनकी चुत पट दबा रहा था । इतने मे पापा बोले जल्दी करो आज थक गए हैं खान खा कर सोना हैं ।

तब मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए भाई भी अपने कमरे मे चले गए। अमित न अंदर जाते ही अनु को कस कर पकड़ लिया और दोनों होंठ मिल कर किस करने लगे । भाभी तो पहले से ही गरम थी आज वो और साथ देखे लगी और भाई का लोडा पकड़ कर दबाने लगी । इतने मे भाई ने अपने कपड़े उतार दिए और भाभी को भी नंगी कर दिया । भाभी के मम्मे चूसने लगा । भाभी बोली अभी तो आए हो खाना तो खा लो । भाभी ने कहा : आज मैं थक हुआ हूँ आज बस जल्दी खा कर , तुम्हारी चुत मार कर सोऊँगा । कल मुझे और मम्मी 3 दिन के लिए बाहर जाना हैं ऑफिस के काम के लिए । पापा और अमन यहीं रहेंगे ।

(कहानी और भी रोमांचक होने वाली है )
 

Mass

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super update bhai...ab to maa-bete..&...dever-bhabhi-sasur ke maje hain :)
 

kas1709

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Update 4:

अचानक मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है , जब मैंने पलटकर देखा तो अनु भाभी वहाँ खड़ी हुई थी अपनी नाइट ड्रेस मे , और मुझे देखे जा रही थी । मेरी तो आँखें और गांड फटी की फटी रह गई । इधर मैंने अभी मूठ मारी थी और मेरा लंड अभी भी निक्कर मे तंबू बनकर खड़ा हुआ था । मुझे लगा भाभी शायद किचन मे आई होगी और मुझे देख लिया । तभी भाभी मेरे पास आई और बोली : ये क्या कर रहे हो अमन , तुमको शरम नहीं आती ऐसे अपनी माँ पापा के कमरे मे देखते हुए । ये सब करते हो क्या रात मे ????

भाभी बोले भी जा रही थी और हल्का सा मुस्कुरा भी रही थी । भाभी की नाइट ड्रेस मे उनकी आजाद चुचिया ऐसे लग रही थी मानो पके हुए पपीते । उनके निपल भी ड्रेस के ऊपर से ही दिख रहे थे । भाभी की गोरों गोरी जंघे , मैं तो भाभी को देखता ही रह गया । अभी कुछ ही देर पहले भाभी को नंगी देखा थाऔर अभी मेरे सामने भाभी खड़ी थी , मैं मन ही मन सोचने लगा की काश भाभी मेरे सामने भी नंगी हो जाए कभी तो उनके चूचियाँ को चूस चूस कर लाल कर दूँ और चुत कासारा पानी जीभ से निकाल कर पी जाऊ ।

इतने मे भाभी ने बोल : ओए देवर जी , मई कुछ कह रही हूँ और तुम कुछ जवाब देने की बजाय कहाँ खो गए।

मैं: वो वो भाभी मैं वो यह मैं ।

भाभी : क्या मैं मैं लगा रखी है , सच सच बताओ कब से ये सब देख रहे हो , और तुम्हें शर्म नहीं आती अपनी माँ पापा को ये सब करते हुए देखने मे और अपनी भाभी को ऐसी नजरों से देखते हुए , (भाभी ने नीचे मेरे खड़े हुए लोड़े की तरफ इशारा करते हुए कहा )

मैं अपने हाथों से लंड को छिपाने लगा , पर वो इतना सख्त हो गया था की बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था ऊपर से भाभी ऐसे मेरे सामने खड़ी की अभी बस नंगी हो कर मुझ से चोदने को बोल देगी अपनी रसीली चुत को ।

भाभी : चलो अपने कमरे मे , मुझे तुमसे कुछ बात करनी है इस बारे मे ।

मैं : भाभी मुझे माफ कर दो प्लीज, मैं आगे से ऐसे नहीं करूंगा । आप प्लीज भाई, माँ और पापा को मत बताना भाभी , मुझे माफ कर दो ।

भाभी : मैं कह रही तुम यहाँ शोर मत करो , अपने कमरे मे चलो मेरे साथ । यहाँ कोई उठ गया तो प्रॉबलम हो जाएगी ।

मैं चुप चाप भाभी के पीछे पीछे उनके हिलते हुए दूध और हिलती गांड देखता हुआ ऊपर सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। शायद भाभी ने अंदर ब्रा और पेन्टी नहीं पहनी थी, जिससे उनक्की चूचियाँ भी ज्यादा फुली लग रही थीं , नॉर्मल साइज़ से ज्यादा बड़ी चूचियाँ। शायद ब्रा की वजह से कसी रहती होंगी, अब आजाद थी एकदम रसीली और गांड भी मोटी , कि मन कर रहा था एक थप्पड़ जड़ दूँ चटाक से। मैंने नजर बचा के भाभी की गांड के पास नाक ले जाकर वजह से कसी रहती हों , पर वैसे बिना ब्रा के भी मैंने भाभी की गहरी सांस भरी , भाभी की चुत मे से चुत के रस की खुशबू आ रही थी , ये सब सोच सोच कर मेरा लड़ और भी सख्त हो रहा था । अब तो बिना मूठ मारे ये बैठने वाला नहीं था ।

इतने मे मेरा कमरा आ गया भाभी चलते चले एक दम रुक गई , मैं अपने खयालों में चलता हुआ जोर से भाभी में जा लगा । मेरा खड़ा हुआ लंड भाभी की गांड की दरार मे छू गया । भाभी ने सिसकी भरते हुए बोला : अहह, क्या कर रहे हो देख के नहीं चल सकते क्या ।

मैं : सॉरी भाभी ।

भाभी : चलो अंदर ।

मैं और भाभी अंदर चले गए, भाभी ने रूम बंद कर दिया और बेड पर मेरे सामने बैठ गई । मैं बहुत ही दर गया था और भाभी मन ही मन मुस्कुरा रही थी ।

भाभी : अब बताओ , ये सब काब से चल रहा हैं ।

मैं : मैंने डरते हुए कहा , वो भाभी आज पहली बार ही ये देखा , मैं तो पानी पीने गया था , देख कमरे की लाइट चल रही है , मैं वहाँ रुक गया फिर . . . . . . . . .

तुमको शरम नहीं आती झूठ बोलते हुए ।

मैं : नहीं भाभी मैं सच कह रहा हूँ ।

भाभी : ओ अच्छा जी , पहले तो भाई भाई को सब करते हुए देखा , फिर माँ पापा की तरफ हो गए । तुमको शर्म नहीं आई अपनी भाई भाई की प्राइवसी देखते हुए । ये सबके मजे लेने है तो गर्लफ्रेंड बनाओ अछे से करो उसके साथ ।

मेरी तो एकदम से और भी ज्यादा फट गई , मैं पसीने छूटने लगे ये सब सुन कर और भाभी मस्ती से मुझे देखे जा रही थी ।

मैं बोला : भाभी आपको कैसे पता मैं आपको भी देख रहा था ।

भाभी : मैंने खिड़की के पास तुम्हारी परछाई देखी , पहले तो मुझे लगा कि ऐसे ही वहम होगा, पर जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चल की आज तो हमारे देवर जी अपने मजे के लिए खड़े हैं।

मैं : सॉरी भाभी आज के बाद नहीं देखूँगा , अप किसी को बताना मत ।

भाभी : अब सॉरी बोल के क्या है, अपनी भाभी को नंगी देख तो लिया अब अपने भाई से चुदते हुए , और ये अपना जो खड़ा कर रखा है मुझे देख के , मन तो कर रहा होगा न तुम्हारा भी ।

मैं : वो भाभी मैं तो ऐसे ही घूम रहा था तो देखा की अपने कमरे की लाइट जल रही है , और देखा तो अप लोग . . . . . . . . . . . . . . .

भाभी : क्या आप लोग, बोलो आगे , मैं सुनना चाहती हु क्या देखा ।

मैं : अप लोग सेक्स कर रहे थे तो मैं देखने लग गया ।

भाभी : हा और अपनी भाभी को देखते देखते 2 बार मूठ भी मार दी ।

मैं : सॉरी भाभी अप हो ही इतनी खूबसूरत , आपको देख के तो कोई भी दीवाना हो जाए । जब भाई अपने पीछे खड़े प्यार कर रहे थे , और आपकी आँखें बंद थी तो मुझसे देखे बिना रहा न गया ।

भाभी को ये सुन कर शरम आ गई और बोली : आज सुबह से ही मुझ पर मजर थी न , तभी तुमने केक काटने के टाइम मेरी गांड को दबाया था ।

ये सुन कर मैं तो हैरान रह गया , और भाभी ने जब गांड शब्द बोला की भाभी को कैसे पता चल गया की वो मैं था ।

मैंने बोला : सॉरी भाभी उस टाइम मुझसे रहा नहीं गया , और मैंने ये गलती कर दी ।

भाभी : हाँ मुझे पता है, दोनों भाई अपने माँ के मम्मे जो देख रहे थे , खड़ा तो होना ही था , कहाँ रहा जाता है तुमसे ।

मैं ये सब सुन कर हैरान हो रहा था एक तो भाभी गांड मम्मे चुदाई जैसे शब्द बोल रही थी , ऊपर से उनको सब पता था ।

मैं : वो भाभी आप और माँ आज बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं ।

भाभी : अच्छा । चलो आज तो तुमसे हम दोनों को नंगी देखा तो बताओ मुझमे और मम्मी जी मे क्या क्या अच्छा लगा ।

मैं : भाभी ये क्या कह रही हो आप ।

भाभी : देखो मेरे प्यारे देवर जी , मैं जो पूछ रही हूँ उसका जवाब दो , वरना सबको बता दूँगी कि ये रात को हमे चुदाई करते हुए देखता है ।

ये बोल कर भाभी हसने लगी हाहाहा ।

मैं : भाभी सच बताऊँ तो अप दोनों मे सब कुछ ही अच्छा है , मुझे मम्मी और आपके होंठ , दूध और व सब कुछ सबसे अछे लगते हैं । आप दोनों ही पूरी की पूरी अछि लगती हो । और आज तो मैंने आप दोनों की नंगियाँ देखा था वो भी सेक्स करते हुए , उस टाइम तो और भी मादक लग रही थी आप भी मम्मी भी ।

भाभी मेरी बात सुन रही थी और मेरी तरफ देख रही थी और मेरे निक्कर में बने तंबू को भी ।

भाभी: देवर जी शैतान हो गए है , अपनी माँ और भाभी माँ को नंगी करना चाहते है । अच्छा ये बताओ अगर तुम्हें मौका मिले तो क्या तुम हमारे साथ वो सब करना चाहोगे ।

मैं : हाँ भाभी, अगर आप और मम्मी सेवा का मौका देंगे तो मैं भरपूर सेवा करूंगा आपकी ।

भाभी : बेटा सेवा करने के लिए हथयार मे दम होना चाहिए , पता है न तेरे भाई तो इतना चोदते हैं न उन को तो रोकना पड़ता है की बस करो अब फाड़ कर मानोगे क्या । वो तो मेरी चूचियाँ भी पी पी कर दबा दबा कर लाल कर देते हैं । उधर ससुर जी भी सासु माँ की संस चढ़ा देते हैं।

मैं : भाभी एक बार मौका तो मिले, दो दो लेने का मजा भी ले लो किसी दिन , मैं भी ये साबित कर दूंगा की मैं अमित का भाई हूँ और इस शहर के रईस अनिल गुप्ता का बेटा ।

इतने मे भाभी बोली : तेरा भाई बहुत सेवा करता है इसकी दिन रात , तुझसे अपना ये संभल नहीं रहा है , चल जा इसको शांत कर ले और अब मेरे चुचे घुरना बंद कर और जा बाथरूम मे । (भाभी मन ही मन सोच रही थी की देखने में तो बड़ा लगता है बिल्कुल अमित जैसा , एस ही ससुर जी का है , हे मालिक , सबके लंड इतने बड़े और मोटे , अगर तीनों मेरी एक साथ चुदाई करेगे तो मेरी चुत का फाड़ कर भोंसड़ा ही बना देंगे ,और तीनों मम्मी जी पर चढ़ गए तो उनको भी सांस नहीं आने देंगे , इतना सोच कर भाभी की चुत मे पानी या गया )

इतने मे मैं बोल : वो तो दूर से देखे थे न भाभी , पास से दिखते तो ये शांत हो जाता जल्दी ही ।

भाभी : दूर से दिख रहे है बस देख लिया कर , मैं नहीं रोकूँगी , पर हाथ नहीं लगाने दूँगी । हाहाहा

मैं : हाँ भाभी अब तो लग रहा है इसको शांत करना पड़ेगा। अच्छा एक बार फिर से दिखा दो न हाथ नहीं लगूँगा वादा करता हूँ ।

भाभी : पक्का ??

मैं : हाँ ।

भाभी : चल ऐसा कर अपने बाथरूम मे जा मैं दरवाजे पास खड़ी होती हु , इनको देख कर पानी निकाल ले अपना , जा ।

मेरी तो जैसे सुन कर खुशी का ठिकाना न रहा , मैं भागते हुए बाथरूम की तरफ गया और अपना लंड बाहर निकाल और इधर सर को बाहर निकाल लिया । भाभी ने दरवाजे क पास खड़े हो कर अपनी नईटी का एक बटन खोल और एक मम्मा बाहर निकाल लिया । मैं तो ये देख क पागल हो गया और जोर जोर से हिलाने लगा । भाभी वहाँ खड़ी मुस्कुरा रही थी । मैंने अपनी जीभ बाहर निकली और होंठों पर फेर ली ये दिखते हुए की मुझे अपंकी चूचियाँ पीनी हैं । भाभी ने चिढ़ाते हुए कहा की नहीं मिलेगी हाहाहा ।

मैंने धीरे से कहा : भाभी जरा इसको दबाओ न ।

भाभी ने हल्का सा अपना चुचा दबाया उर उनके मुह से आह्ह निकल गई और वो मुस्कुराने लगी ।

मैं इधर जोर जोर से अपना लाँड़ हिल रहा था और मैंने पिचकारी मार कर ढेर सर माल निकाल दिया । मेरे मुंह से निकल गया : ओह भाभी , आपकी चूचियाँ ।

मैं जब हल्का हो कर बाहर आया तो भाभी ने शरारत भरे लहजे मे कहा , अब सो जाओ , सुबह मिलते हैं । ये कह कर भाभी जाने लगी तो मैंने बोला भाभी आपको हग कर लूँ क्या ।

भाभी बोली नहीं : पता चले ये फिर से खड़ा हो गया मुझे छु कर , बार बार अपनी चुची नहीं दिखाऊँगी मैं । हटो अभी और सो जो।

मैं जब अपने बेड के पास गया तो देखा वहाँ पर कुछ गीला सा है , जहां पर भाभी बेठी थी वहाँ पर।

मैंने कहा भाभी ये क्या हैं , भाभी हस्ते हुए भाग गई बोली पता नहीं।

मैं समझ गया की ये भाभी की चुत का माल है , मतलब भाभी की चुत गीली थी जब भाभी मेरे पास आई ।

मैंने प्यार से नाक लगा कर भाभी के माल को सूंघा और फिर चादर पर चाट लिया , और फिर मैं बेड पर लेट गया पता नहीं कब नींद या गई ।

अगले दिन जब भाभी नाश्ते के लिए बुलाने आई तो ……………….
Nice update...
 

parkas

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Update 6: (aap sab ke liye time nikal kr update jaldi diya hai ...padho aur maje kro)

मैं अपने कमरे सें से नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आ गया । मैंने सिर्फ एक बनियान और बाक्सर पहन रखा था । मैं भाभी के कमरे में गया तो भाभी ऊपर से नंगी थी और सिर्फ एक पेन्टी मे खड़ी थी और मुझ से पूछने लगी की क्या पहनु । मैंने बोल लॉंग टीशर्ट पहन लो कोई खुली सी , आपको आराम रहेगा । भाभी ने भाई की एक टीशर्ट निकली जो उनके चूतड़ों तक आ रही थी , और ऐसे ही पहनने लगी तो मैंने देखा अभी भाभी की चूचियाँ पर कुछ पानी की बुँदे लगी हुई थी और मैंने बोले रुको भाभी इनको तो साफ कर लो , ऐसे गीले बदन पर कपड़े नहीं पहनते । भाभी बोली : टॉवल तो अंदर है बाथरूम मे , लेके आ जाओ । मैंने भाभी को अपनी तरफ खींच और उनके मम्मो और निपल को चाट चाट कर सारा पानी पी लिया और उनके मम्मे साफ कर दिए । भाभी हसने लगी और हस्ते हस्ते ही उन्होंने टीशर्ट पहन ली ।

हम बाहर हाल मे आ गए और भाभी खान ली किचन में चली गई । फिर हमन बैठ कर खान खाने लगे और बाते करने लगे । मैं भाभी के बदन की तारीफ करता रहा । की भाभी आपके मम्मे मुझे बहुत पसंद हैं मन करता है हर टाइम इनको चुस्त रहूँ इनसे खेलता रहूँ । भाभी बोले बस कर शैतान फिर से नहाना न पड़ जाए ।

फिर मैंने भाभी को बोल भाभी आप मेरी गोदी में बैठ जाओ न आज आपके हाथ से खाना खाना है और आपको आज मैं खिलाऊँगा भी । भाभी उठी और आ कर मेरी गोदी मे अपनी गांड तिक कर बैठ गई। भाभी को गोदी में बिठाते ही मेरा लॅंड खड़ा होने लगा और भाभी को अपनी गांड पर महसूस होने लगा । भाभी को पता तो चल गया कि मेरा लॅंड उनकी गांड की दरार के पास ठोकर मार रहा हैं ।

भाभी बोली : अमन तुम ठीक बैठे हो न ?

मैं : हाँ भाभी मैं तो बिल्कुल सही बैठा हूँ ।

भाभी : मुझे लग नहीं रहा तुम सही बैठे हो, चलो ठीक हो कर बैठ जाओ ।

इतने मे भाभी ने अपनी गांड उठाई , इनका इशारा ये था की अपना लॅंड सेट कर लो । मैंने तभी अपना लाँड़ सीधा करके सेट किया और बोल : अब बैठ जाओ भाभी ।

भाभी मेरी गोदी में दोबारा से बैठ गई , अब मेरा लॅंड सीधा भाभी की गांड की दरार में। था पेन्टी के ऊपर से , और भाभी मुस्कुरा रही थी । हम एक दूसरे को खाना खिलाने लगे थे ।

भाभी बोली : अमन अपनी ये बनियान उतार दो , मेरी बाजू इससे रगड़ती है जब तुमको खिलाती हूँ तो ।

मैंने फट से बनियान उतार दी , तभी मैंने बोल भाभी मुझको भी यही परेशानी है , आप भी टीशर्ट उतार दो । भाभी ने फट से उतार दी , अब हम दोनों ऊपर से नंगे और मेरी छाती भाभी की पीठ से चिपकी हुई थी और भाभी मेरी गोदी में, एक दूसरे को खाना खिला रहे थे । बीच मे रायते की की एक बूंद भाभी के मम्मो पर जा गिरी , मैंने भाभी के मम्मे को पकड़ कर चाट लिया । फिर भाभी ने खिलाते हुए मेरे छाती पर रायता गिरा दिया और जब मैं साफ करने लगा तो भाभी बोली, नहीं, जैसे तुमने साफ किया था वैसे ही मैं साफ करूंगी । तभी भाभी ने मेरी छाती पर जीभ फेरते हुए मेरे निपल को चूस कर अच्छे से ऊपर से ले जा के गर्दन तक जीभ फिराई, जिससे मेरे अंदर कुछ महसूस हुआ और लॅंड और भी कडक हो कर भाभी की चूतड़ मे घुसने को तैयार हो गया । अब एक हाथसे मैं भाभी को खाना खिला रहा था उर दूसरे हाथ से कभी तो भाभी की जांघ पर हाथ फेर देता तो कभी मम्मे दबा लेता । जिससे की लॅंड और भी कडक होता जा रहा था ।

भाभी चुभते हुए लॅंड को महसूस करते हुए बोली : ये तुम्हारा कैदी मुझे परेशान कर रहा है ।

मैं : भाभी , दरअसल कैदी को किसी जेल में जाने का मन हो रहा है ।

भाभी : उसको बोलो जिस जेल के दरवाजे पर वो दस्तक दे रहा है वो जेल सही नहीं है । असली जेल का दरवाजा कहीं और है और वो इस कैदी के लिए बंद हैं ।

मैं : भाभी जेल मे तो कितने भाई कैदी जा सकते है न , इसमे क्या दिक्कत है ।

भाभी : नहीं देवर जी , मेरी जेल मे तो एक ही कैदी जाता है और वो जेल को पूरी तरह से भिगो कर , उसमे निचुड़ कर वापिस आ जाता है ।

मैं : ये कैदी भी जेल को अच्छे से धो कर , गीला करके वापिस आएगा । आप बस जेल खोल दो किसी दिन।

तभी खाते खाते थोड़ी फिर से रायता भाभी के एक पेट से होते हुए जांघ पर जा गिरी बिल्कुल चुत की दरार के पास। मेरी बारी थी साफ करने की । मैंने भाभी को खड़ा किया और बोला मैं कर देता हूँ साफ। भाभी बोली नहीं वहाँ गंदा होता है । वहाँ जीभ नहीं मारनी । मैंने कुछ नहीं बोल और भाभी को उठा कर डैनिंग टेबल पर अपने सामने बैठा लिया । अब भाभी की चुत मेरे सामने थी जो की बहुत ही पतली सी पेन्टी से ढकी हुई थी । कुछ कुछ चुत पेन्टी के कपड़े मे से दिख रही थी । मैंने अपनी जीभ चुत के पास ले जा कर पहले तो वहाँ जीभ फेर दी अच्छे से, फिर नाक लगाकर भाभी की चुत की खुशबू को महसूस किया । भाभी की चुत गीली हो चुकी थी ।

मैंने बोल : भाभी प्यास लग रही है और पानी पीना है ।

भाभी की आँखें पहले से ही बंद थी और उन को कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने मुझे ग्लास उठा कर दे दिया की ये लो पी लो पानी ।

मैंने वो ग्लास साइड मे रख दिया , फिर भाभी ने देखा और पूछा की पानी क्यूँ नहीं पी रहे हो ।

मैंने बोल मैंने तो जेल का पानी पीना हैं आज। भाभी ने कहाँ नहीं वो जेल जीभ से साफ करने के लिए नहीं होती बस कैदी भेजने को होती है ।

मैंने भाभी की बात न सुनते हुए उनकी पेन्टी को साइड मे किया और उनको चुत मेरे सामने थी । भाभी ऊपर से न न कर रही थी पर देखना चाहती थी की अमन सच मे चुत चाटेगा या नहीं । मैंने अपने हाथों से चुत के होंठों को फैलाया और देखा भाभी की चुत एकदम साफ और लाल लाल थी । देखने मे और खोलने में भी छोटी सी लग रही थी जैसे की किसी 20 साल की लड़की की चुत थी , मैं हैरान था की इतना चुदने के बाद भी इतनी कशी हुई चुत , उसकी वजह थी जो भाभी योगा करती थी , उसमे भाभी एक आसन चुत में कसाव लाने वाला भी करती थी ।

मैंने जीभ पास ले जा कर भाभी की चुत को पहले तो नीचे से ऊपर तक साफ किया और जीभ को अंदर घुस दिया , इतने में भाभी की आँखें बंद होने लगी और उनके मुंह से निकल आह्ह ससी आह्ह आह्ह । तभी मैंने अपनी जीभ को उनके चुत के दाने पर फिराना शुरू किया । भाभी ने मेरा सर पकड़ लिया । मैं भाभी के मम्मों को दबाने लगा और वो मेरा लंड मसलने लगी । भाभी भी पूरी पागल हो गई और उसने मेरा सिर पकड़ लिया और चूत पर दबाने लगी। फिर मैंने कहा भाभी बेड पर चलते हैं । मैं भाभी को गोद मे उठा कर ले गया और अंदर जा कर बेड पर लिटा दिया । अब भाभी की आँखें बंद थी और बोली , अमन और चाट मेरी चुत को , आजतक किसी ने नहीं चाटी मेरी ये कमबख्त चुत । फिर मैंने भाभी को बिस्तर पर लेटा लिया और उनकी पेन्टी निकाल दी , अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और उसने मेरे सामने टांगें खोल दी थी मैं भाभी की टांगों के बीच आ गया और उसकी चूत चाटने लगा.. हाय.. क्या टेस्ट था नमकीन पानी .. भाभी की चूत का.. मैंने अपनी पूरी जीभ चूत के अन्दर घुसेड़ दी थी। भाभी पागल हो रही थी- आह्ह आआआह हज्ज्ज.. आआआआह.. हैं ऐसे ही .. और अंदर तक डालो जीभ को , वो चुदासी आवाजें निकाल रही थी.. थोड़ी देर चुत को अच्छे से चूसने के बाद भाभी झड़ गई और मैं अपनी भाभी की प्यारी चूत का सारा रस पी गया। झड़ने के बाद फिर से मैं भाभी के मम्मो पर आ गया अब मेरा लॅंड बाक्सर मे भाभी के चुत पर ठकर मारने लगा । भाभी बोली : देवर जी कैदी को क्यूँ बांध रखा है आजाद कर दोन ना , मैं भी तो देखूँ ये कैदी केस है जो जेल के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है ।

मैंने अपना बाक्सर निकाल कर भाभी के सामने अपना लंड कर दिया । भाभी मेरा लंड देख कर हैरान हो गई , बोली हाए मालिक अमित भी इतना ही मोटा है । और जब तुम्हारे भाई ही जेल का हाल बुरा कर देते है तब तो ये कैदी भी वही हाल करेगा । मैंने कहा भाभी कैदी आराम से जाएगा और आराम से अजेगा । इतना कहने पर मैंने अपना लॅंड भाभी की चुत के छेद पर सेट किया और हल्का हल्का चुत पर घिसने लगा ।

तभी भाभी ने बोल : अभी नहीं अमन , अभी कोई आने वाला होगा , अभी इस कैदी को प्यार हाथ से करूंगी , जेल मे लेके जाने का बाद में सोचेंगे ।

भाभी ने तभी मेरा लॅंड हाथ से पकड़ और सहलाने लगे , दूसरे हाथ से अपनी चुत में उंगली करने लगी। हम दोनों की सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंजने लगी । इतने में मैं और भाभी इकठे झड़ गए और वहीं पर नंगे एक दूसरे को लिपट कर सो गए , मेरा लॅंड भाभी की चुत के साथ जा लगा और हमे नींद आ गई ।

शायद हमे सोये एक घंटा हो गया था उर इतने में शाम हो गई , मम्मी पापा भाई आने वाले थे , भाभी ने उठ कर कपड़े पहन लिए थे और फिर मुझे मेरा लॅंड पकड़ कर उठाया , भाभी के हाथ मे चाय थी । बोली ओ मेरे नंगे चुदासे देवर , उठ चाय पीओ और कपड़े पहनो सब आने वाले होंगे ।

मैंने उठकर भाभी से चाय ली और पी कर अपने कमरे में चल गया । बस अभी मैंने कपड़े पहने ही थे की इतने में बेल बज गई और सब आ गए । मैं भी नीचे आ गया । आज भाभी की आँखों मे अजीब सी चुदासी मस्ती थी । अब वो मेरे लॅंड से खेल तो ली थी पर चुत में हिन लिया था जिससे की भाभी की आज रात मे भाई से 3-4 बार चुदने की मन थी , हो भी क्यू ना इतनी बार पनि जो निकाल लिया हाथ से , जीभ से ।

मम्मी ने मुझे आते ही गले लगा लिया, जिससे की माँ के मोटे मोटे मम्मे मेरी छातियों मे दब गए । और मेरा लॅंड मम्मी की चुत में टकराने लगा । शायद मम्मी को भी पता चल गया था पर वो मुझे बोले जा रही थी , आह मेरा बेटा , कितना प्यार करता है मुझे और मै धीरे धीरे अपना लॅंड उनकी चुत पट दबा रहा था । इतने मे पापा बोले जल्दी करो आज थक गए हैं खान खा कर सोना हैं ।

तब मम्मी पापा अपने कमरे में चले गए भाई भी अपने कमरे मे चले गए। अमित न अंदर जाते ही अनु को कस कर पकड़ लिया और दोनों होंठ मिल कर किस करने लगे । भाभी तो पहले से ही गरम थी आज वो और साथ देखे लगी और भाई का लोडा पकड़ कर दबाने लगी । इतने मे भाई ने अपने कपड़े उतार दिए और भाभी को भी नंगी कर दिया । भाभी के मम्मे चूसने लगा । भाभी बोली अभी तो आए हो खाना तो खा लो । भाभी ने कहा : आज मैं थक हुआ हूँ आज बस जल्दी खा कर , तुम्हारी चुत मार कर सोऊँगा । कल मुझे और मम्मी 3 दिन के लिए बाहर जाना हैं ऑफिस के काम के लिए । पापा और अमन यहीं रहेंगे ।

(कहानी और भी रोमांचक होने वाली है )
Bahut hi shaandar update diya hai bigcock8 bhai....
Nice and lovely update....
 
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