sunoanuj
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Nice updateअपडेट 9
मैं घर पहुंचकर नहाया धोया और फिर खाने के लिए बैठ गया, कुछ देर बाद मां रसोईघर से मेरे लिए खाना लेकर आई।
मैं: मां अब तुम्हारी तबियत कैसी है?
मां: बेटा कल से थोड़ी ठीक है लेकिन छाती में बहुत दर्द है पता नहीं रे मुझे क्या हो गया है आज अस्पताल जाना है रिपोर्ट लेने के लिए तो पता चलेगा क्या हुआ है।
तभी बापू अपने कमरे से तैयार होकर आए और बोले "बलवान, आज मुझे किसी काम से शहर जाना है खाने के बाद अपनी मां के साथ अस्पताल चले जाओ"
मैं: ठीक है बापू,,,,
कुछ देर बाद बापू सुनील भईया और माधुरी दीदी के साथ पुलिस की जीप में बैठकर चले गए।
फिर मैंने अपना खाना खत्म किया और मां को बुलेट पर बैठाकर गांव के सरकारी अस्पताल पहुंच गया।
पात्र परिचय:
सविता:
इनकी उम्र 46 साल है, गांव के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं।
हंसिका(सविता की बेटी):
इसकी उम्र 22 साल है, ये एम.बी.बी.एस की पढ़ाई कर रही है।
डॉक्टर सविता, मां को केबिन में आने के लिए बोली लेकिन मुझे उन्होंने अंदर आने से मना कर दिया।
काफी देर बाद मां केबिन से बाहर आई, मैंने नोटिस किया कि मां बहुत उदास लग रही हैं
मैं: मां सब ठीक तो है ना?
मां ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया तो मैंने फिर से पूछा "मां तुम्हे कुछ हुआ तो नहीं है ना?"
मां: नहीं बेटा, ऐसी कोई बात नहीं है
मैं समझ गया कि मां कोई बात मुझसे छुपा रही है लेकिन उस समय मैंने कुछ नहीं बोला फिर हम दवाई लेकर घर आ गए।
मां अपने कमरे में चली गई और दवाई खाने के बाद सो गई। मैंने सोचा कि ऐसे तो मुझे कुछ पता नहीं चलेगा, शाम को बापू आएंगे तो मां और बापू की बातें सुन लूंगा। फिर मैं आंगन में खटिया बिछाकर सो गया।
शाम को मेरी नींद 5 बजे खुली तो अजय और शिल्पा आ चुके थे और चटाई पर बैठकर टीवी देख रहे थे।
Super updateअपडेट 9
मैं घर पहुंचकर नहाया धोया और फिर खाने के लिए बैठ गया, कुछ देर बाद मां रसोईघर से मेरे लिए खाना लेकर आई।
मैं: मां अब तुम्हारी तबियत कैसी है?
मां: बेटा कल से थोड़ी ठीक है लेकिन छाती में बहुत दर्द है पता नहीं रे मुझे क्या हो गया है आज अस्पताल जाना है रिपोर्ट लेने के लिए तो पता चलेगा क्या हुआ है।
तभी बापू अपने कमरे से तैयार होकर आए और बोले "बलवान, आज मुझे किसी काम से शहर जाना है खाने के बाद अपनी मां के साथ अस्पताल चले जाओ"
मैं: ठीक है बापू,,,,
कुछ देर बाद बापू सुनील भईया और माधुरी दीदी के साथ पुलिस की जीप में बैठकर चले गए।
फिर मैंने अपना खाना खत्म किया और मां को बुलेट पर बैठाकर गांव के सरकारी अस्पताल पहुंच गया।
पात्र परिचय:
सविता:
इनकी उम्र 46 साल है, गांव के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं।
हंसिका(सविता की बेटी):
इसकी उम्र 22 साल है, ये एम.बी.बी.एस की पढ़ाई कर रही है।
डॉक्टर सविता, मां को केबिन में आने के लिए बोली लेकिन मुझे उन्होंने अंदर आने से मना कर दिया।
काफी देर बाद मां केबिन से बाहर आई, मैंने नोटिस किया कि मां बहुत उदास लग रही हैं
मैं: मां सब ठीक तो है ना?
मां ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया तो मैंने फिर से पूछा "मां तुम्हे कुछ हुआ तो नहीं है ना?"
मां: नहीं बेटा, ऐसी कोई बात नहीं है
मैं समझ गया कि मां कोई बात मुझसे छुपा रही है लेकिन उस समय मैंने कुछ नहीं बोला फिर हम दवाई लेकर घर आ गए।
मां अपने कमरे में चली गई और दवाई खाने के बाद सो गई। मैंने सोचा कि ऐसे तो मुझे कुछ पता नहीं चलेगा, शाम को बापू आएंगे तो मां और बापू की बातें सुन लूंगा। फिर मैं आंगन में खटिया बिछाकर सो गया।
शाम को मेरी नींद 5 बजे खुली तो अजय और शिल्पा आ चुके थे और चटाई पर बैठकर टीवी देख रहे थे।