sunoanuj
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Mast gamle ne mamala bigad diya … bahut hi behtarin updates…
Hot updateअपडेट 10
फिर मैंने रसोईघर में चाय बनाई और मां को उठा दिया, कुछ देर बाद मां ने उठकर चाय पिया और बोली
"बलवान, जाओ अपनी ताईजी की दुकान से दही ले आओ, मैं रोटियां बना दे रही हूं, मेरी तबियत ठीक नहीं है"
"मां, कोई बात नहीं हम दही–रोटी ही खा लेंगे"
फिर मैं दही लाने के लिए ताईजी की दुकान पर चला गया लेकिन वहां कोई नहीं था, मैंने आवाज लगाई तो थोड़ी देर के बाद ममता भाभी दुकान के गोदाम में से बाहर आई
"हां बलवान, बता क्या चाहिए?"
"भाभी, एक किलो दही चाहिए"
तभी ममता भाभी दही का मटका उठाने के लिए हल्की सी झुकी तो साड़ी का पल्लू सरक गया और उनकी बड़ी बड़ी चूचियां आधी नंगी होकर मेरी आंखों के सामने मंडराने लगीं, मेरी नज़र उनकी चूचियों को देखकर वहीं अटक गई, उन्होंने मुझे यूं घूरता हुआ देखकर अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और बोली
"देख क्या रहा है खा ले"
"क्या ?" मैं हड़बड़ाते हुए बोला
"जलेबियां खा ले, बाबूजी ने गोदाम में गरम–गरम जलेबियां बनाई हैं"
"तो ऐसा कीजिए कि एक किलो जलेबियां भी कर दीजिए"
गोदाम अंडरग्राउंड था तो मुझे पता नहीं चला कि वहां भी कोई है गोदाम में मिठाईयां, समोसे, कचौड़ियां और जलेबियां बनाने का काम होता था जो खुद पप्पू भईया के दादा किया करते थे।
ममता भाभी ने मुझे दही और जलेबियां दी और फिर मैं घर चल दिया, काफी दूर आने के बाद मुझे याद आया कि मैं ममता भाभी को पैसे देना तो भूल ही गया और ऐसा सोचकर मैं वापस से दुकान पर पहुंच गया लेकिन इस बार मैंने आवाज नहीं लगाई, मैंने सोचा कि ममता भाभी को गोदाम में ही जाकर पैसे दे देता हूं, फिर मैं सीढ़ियों से नीचे गोदाम में आने लगा तो मुझे कोई आवाज सुनाई दी
"आआआह्हह्ह्ह ऐसे ही चूस मेरी राण्ड बहुरिया"
ये आवाज बड़के दादा की थी और मुझे समझते बिलकुल भी देर नहीं लगी कि गोदाम में क्या कांड चल रहा है।
गोदाम का दरवाजा अंदर से खुला हुआ था, फिर मैंने दरवाजे को हल्का सा धक्का मारकर खोला और देखा कि बड़के दादा अपना लन्ड ममता भाभी मुंह में डालकर उन्हें चोद रहे थे और ममता भाभी किसी रण्डी के जैसे लन्ड अपने मुंह में लेकर अंदर बाहर कर रही थी।
"आह्ह बहुरिया चूसती ही रहेगा क्या, मुझे अपनी चूत नहीं देगी?"
ममता भाभी बड़के दादा का लन्ड अपने मुंह से बाहर निकालकर बोली "बाबूजी, रात को फुर्सत से चूत मार लीजिएगा, यहां कोई देख लेगा तो अनर्थ हो जाएगा"
"ठीक है बहुरिया लेकिन अभी तू मेरा लन्ड चूसकर मुझे ठंडा कर दे"
फिर ममता भाभी चारपाई पर मस्त घोड़ी बनकर बैठ गई और बड़के दादा का लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी।
"आह्ह्ह्ह्ह बहुरिया चूस ऐसे ही और थोड़ा अंदर तक लेकर चूस मेरी राण्ड" कहकर बड़के दादा ममता भाभी की गान्ड पर तमाचे जड़ते हुए ताबड़तोड़ तरीके से अपना लन्ड उनके मुंह में पेलने लगे।
कुछ देर बाद बड़के दादा के मुंह से सिसकियां निकालने लगी तो ममता भाभी चारपाई से उठकर नीचे बैठ गई और बड़के दादा अपना लन्ड पकड़कर जोर जोर से मुठ मारने लगे और ममता भाभी की बड़ी बड़ी चूचियों पर झड़ने लगे।
फिर मैं वहां से जाने के लिए पीछे मुड़ा तो मैंने ध्यान नहीं दिया और मेरा पैर सीढ़ियों के पास एक मिट्टी के गमले से टकरा गया और गमला लुढ़कते हुए टूट गया, फिर क्या था मैं रॉकेट की स्पीड से वहां से भागकर घर आ गया।
Nice updateअपडेट 11
घर के बाहर पुलिस की जीप खड़ी थी, बापू घर आ चुके थे लेकिन बापू के साथ बुआ और मौसी भी आईं हुई थीं, मैंने बुआ और मौसी को प्रणाम किया और फिर दही और जलेबियां रसोईघर में रखकर कमरे में चला गया।
पात्र परिचय:
रूपाली(बुआ):
ये एक सरकारी न्यूजपेपर में एडिटर हैं, इनकी उम्र 45 साल है।
कंचन(मौसी):
ये एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर हैं, इनकी उम्र 36 साल है।
कुछ देर बाद मैं खाने के लिए बाहर कमरे से बाहर आया और खाने के बाद वापस से कमरे में चला गया।
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं कुछ बातें आपको बता देना चाहता हूं।
1. कहानी में बहुत से किरदार हैं और सभी किरदारों को महत्व दिया जाए ऐसा जरूरी नहीं है।
2. इस कहानी में कुछ किरदारों में ही सेक्स होगा बाकी किरदार कहानी को आगे बढ़ाने की भूमिका में रहेंगे।
3. कहानी में 50 प्रतिशत इंसेस्ट और एडल्टरी रहेगी और बाकी 50 प्रतिशत थ्रिलर , क्राइम और सस्पेंस रहेगा।
4. अभी तक कहानी में जितने किरदार आए हैं ये सभी किरदार प्रमुख भूमिका में रहेंगे मतलब कहानी इन सभी किरदारों के बीच ही घूमेगी।
5. कुछ किरदार और आएंगे लेकिन उन्हें मैं इंट्रोड्यूस नहीं करूंगा क्योंकि उनका कहानी में नाम मात्र के लिए ही रोल रहेगा।