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Incest पहले मम्मी को, फिर बहन को अपनी पत्नी बनाया

abmg

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आज हम कुल्लू की एक ऐसी जगह जाने वाले थे, जहाँ सिर्फ और सिर्फ प्रेमी युगल ही जाते थे। मैंने इस जगह के बारे में पहले ही पता कर लिया था। हम जब वहाँ पहुँचे, तो देखा कि लड़के-लड़कियाँ एक-दूसरे की बाहों में बाहें डाले हुए हैं। कुछ स्मूच कर रहे थे, तो कुछ झाड़ियों के पीछे रास लीला चालू किए हुए थे। रति ने जब देखा, तो वो देखती रही। उसकी आँखें बड़ी-बड़ी हो गईं। फिर खुद को संभालते हुए मुझसे कहने लगी कि कहाँ ले आए हो, चलो यहाँ से। मैंने कहा, आई एम सॉरी माँ। चलिए यहाँ से। जब हम कॉटेज लौट रहे थे, तो वर्षा होने लगी। रास्ते में ठहरने की कोई जगह ना थी। और हम पूरी तरह से भीग गए। रति को बहुत सर्दी होने लगी। जब वो सर्दी से काँपने लगी, तो मुझसे रहा ना गया और मैं उसे अपनी बाहों में भरकर कॉटेज ले आया। वो जब मेरी बाहों में आई, तो मुझसे जोर से चिपक गई। उसके बदन की खुशबू और गर्मी की वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया। और मैं माँ की तरह पिघलने लगा। कॉटेज लौटने के बाद मैंने उससे कहा कि आप कपड़े चेंज कर लो, मैं आग का इंतज़ाम करता हूँ।

वो बाथरूम में गई, तो मैंने कॉल करके वेटर से लकड़ियाँ मँगवा लीं और उसे जला दिया। कॉटेज में गर्मी होने लगी। रति नाइटी में आई। उसकी नाइटी कहीं-कहीं भीग गई थी। जिसकी वजह से वो उसके बदन से चिपक रही थी। वो चिपकी हुई नाइटी में खजुराहो की किसी मूरत की तरह लग रही थी। मैं और गर्म हो रहा था। वो आकर मेरे पास बैठ गई और अपने जिस्म को आग से सेंकती रही। फिर खाना खाने के बाद कहने लगी कि बेटा, मुझे बड़ी ठंड लग रही है। तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं, चलिए मैं आपकी गर्म तेल से मालिश कर देता हूँ। तो उसने मना कर दिया। मैं कहने लगा कि आपको अगर कुछ हो गया, तो मैं भाई-बहन को क्या मुँह दिखाऊँगा, तो वो मान गई। मैंने आग में तेल गर्म किया और उसे बेड पर लेटने को कहा। वो लेट गई। पहले मैंने उसके तलवों की बड़े प्यार से मालिश की। उसे बड़ा अच्छा लगा। जैसे ही मैंने उसकी पिंडलियों को छुआ, वो उठ बैठी और कहने लगी कि अब रहने दे। मैंने कहा कि कैसे रहने दूँ। चलो, आप लेट जाओ, तो वो लेट गई। मैंने उसकी नाइटी घुटनों तक उठाने को कहा। तो वो कहने लगी कि अच्छा नहीं लग रहा, शर्म आती है बेटे के सामने ये सब नहीं करती औरतें। तो मैंने कहा कि आपको ठंड लग रही है और इस गर्म तेल की मालिश बहुत ज़रूरी है। शरमाने की कोई ज़रूरत नहीं है।

मैं आपका ही तो बेटा हूँ। फिर वो मान गई। मैंने तब जाकर बड़ी ही कामुकता के साथ उसकी पिंडलियों की मालिश की। जब वो अपनी नाइटी उठा रही थी, तो मुझे उसकी पैंटी नज़र आ गई थी, जो कि काले रंग की थी। मुझे लगा कि मेरी जन्नत इसी ब्लैक पैंटी में कैद है। उसे आज़ाद करना ही होगा, तब ही मुझे मुक्ति मिल पाएगी। फिर मैंने उसे नाइटी और उठाने के लिए कहा, तो इस बार उसने कुछ नहीं कहा। नाइटी इस बार पैंटी तक पहुँच गई। मैंने वो दृश्य देखा, जो अकल्पनीय था। क्या नज़ारा था, हज़ार जन्नतों के बराबर थी मेरे लिए ये जन्नत। उसकी जाँघें एकदम चिकनी थीं, बिल्कुल साफ। किसी तरह का कोई दाग ना था वहाँ पर। ना ही कोई रेशा। मैं उन केले के थम जैसी जाँघों की बड़े मुलायम हाथों से मालिश करने लगा। मालिश करते-करते मैं उसकी पैंटी के पास पहुँच गया। और कभी-कभी उसकी पैंटी के पास की जगह को भी उंगलियों से छेड़ दे रहा था। जब उंगलियाँ उसकी पैंटी से सटती थीं, तो एक हल्की सी झुरझुरी होती थी मेरे बदन में। साथ में मुझे घबराहट भी होने लगी। उसे भी ना जाने क्या-क्या हो रहा था। खुमार छा रहा था उसके ऊपर। अब तो वो एकदम कुँवारी लौंडिया थी। इससे आगे मैं नहीं बढ़ा। सोचा सब्र में ज्यादा मज़ा है। उसके बाद उसके हाथों की मालिश करके फिर उसे सोने को कहकर मैं भी सो गया।

आज मुझे कुछ अजीब सी महक महसूस हो रही थी। मैं इस महक को बड़ी देर तक अपनी नासिकाओं में भरता रहा। फिर सोचा, एक बार रति के जिस्म को सूँघ के देखूँ, कहीं उसी की महक तो नहीं है ये। जब वो सो गई, तो मैंने अपनी नाक उसकी जाँघों के ठीक बीच में लगाकर सूँघने लगा। एकदम वही महक थी, जो पहले मेरे नाक में पहुँच रही थी। मेरी नाक उसके शरीर से नहीं सटी। मैं ये चाहता भी नहीं था। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझसे ना रहा गया, तो मैं अपना मुँह रति के मुँह के पास ले गया और हल्के से उसके होंठों को चूम लिया। अपनी जीभ निकालकर उसके होंठों को चाटा भी। वो नींद में ही मुस्काई। मैंने सोचा, कहीं ये उठ ना जाए, इसलिए मैं सो गया।

अगले दिन हम सुबह जल्दी ही उठ गए। आज मैं रति को शिमला ले जाना चाहता था, ताकि वहाँ से कुछ खरीद लिया जाए, जैसे कि उसके लिए कुछ सेक्सी कपड़े और कुछ दवाइयाँ, जो उसे अंदर से उत्तेजित कर सकें। मैंने उसे बताया कि हम आज शिमला चल रहे हैं। तो उसने कहा, ठीक है, मैं रेडी हो जाती हूँ। वो नहा चुकी थी और अपने बाल सुखा रही थी। फिर मैं नहाने गया। नहाकर जब मैं बाहर निकला, तो देखा कि वो अपने बाल संवार रही थी। वो आईने के सामने थी और मैं उसकी पीठ पीछे। वो पीछे से एकदम जबरदस्त लग रही थी और उसने साड़ी इतनी टाइट बाँधी थी कि उसके चूतड़ बाहर को उभरे हुए दिखने लगे थे। वो इतनी कामुक स्थिति थी कि मैं खुद को रोक नहीं पाया उसे स्पर्श करने से। मैं धीरे से उससे सट गया और मैंने अपना तौलिया गिरा दिया, जिसे मैंने बाँधा हुआ था। और मैं उससे एकदम से चिपक गया। मैंने उसे हिलने नहीं दिया, ताकि वो मुझे नंगा ना देख ले। मैं जब उससे चिपका, तो उसके चूतड़ मेरे पेड़ू के नीचे मेरी जाँघों के बीच में थे और मेरा लंड उसके चूतड़ों के बीच में, और मेरे हाथ उसके पेट पर थे। ये गज़ब की कामुक पोजीशन थी हम दोनों माँ-बेटे की, एकदम किसी खजुराहो की कोई पत्थर वाले जोड़े की तरह। वो खुद को ऐसी पोजीशन में पाकर मुस्काए बिना ना रह सकी। मैं उसके पेट को सहलाने लगा और उसकी गरदन के पीछे अपने लब सटा दिए। जैसे ही मैंने अपने होंठ उसकी गरदन पर रखे, उसके मुँह से आह! निकल गई। वो भी काफी उत्तेजित हो चुकी थी। फिर मैंने कहा कि आज आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हैं। तो वो खुश हो गई और कहने लगी कि चलो, जल्दी से तुम तैयार हो जाओ। मैंने कहा, लीजिए, अभी आया, और उसके पेट से हाथ हटाकर तौलिया लपेटा और चला गया कपड़े पहनने।

थोड़ी देर में मैं भी तैयार हो गया। फिर हम एक टैक्सी बुक करके शिमला चल दिए। टैक्सी में मैंने उसे अपने एकदम पास बिठाया, बिल्कुल खुद से चिपकाकर। मैंने ऐसी टैक्सी ली थी, जिसमें बैक सीट का सीन दिखाने वाला आइना नहीं था। ऐसा इसलिए, क्योंकि मैं चाहता था कि जो भी हम करें, वो ड्राइवर ना देख सके। गाड़ी चलने लगी। मैंने अपना एक हाथ रति की कमर के पीछे से ले जाते हुए कसकर अपने से उसे सटा लिया, तो वो मेरे और भी पास आ गई। जब मैंने ऐसा किया, तो उसने कुछ नहीं कहा। मैंने सोचा, लगता है रति भी कुछ-कुछ महसूस कर रही है। उसने किसी प्रकार की कोई तंत्रम्स नहीं दिखाए, अपने चेहरे पर बस वो एकटक मेरी आँखों में देखती रही और हल्के से मुस्कुरा दी। फिर जब हमें चलते हुए आधा घंटा हो गया, तो उसकी पलकें झुकने लगीं। मैंने कहा कि मेरे कंधे पर अपना सिर रख दे, तो उसने रख दिया और वो निश्चिंत होकर सो गई। थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपनी जाँघों पर लिटा लिया और उसके पैर को भी सीट पर सीधे करके रख दिया। अब उसके वक्ष एकदम मेरी नज़रों के नीचे थे। जब गाड़ी हिलती या फिर वो साँस लेती-छोड़ती, तो उसके वक्ष गज़ब के लगने लगते। मन तो कर रहा था कि उसके ब्लाउज़ के हुक खोलकर बस उसके वक्षों का रसपान कर लूँ, पर मैंने ऐसा नहीं किया। मैं उसके सिर को सहला रहा था, साथ ही उसके पेट और नाभि के साथ खेल भी रहा था। थोड़ी देर में ही हम अब शिमला पहुँचने वाले थे। मैं झट से अपना सिर उसके चेहरे तक ले आया और उसकी साँसें अपनी साँसों में भरने लगा। फिर धीरे से उसके लब चूम लिए।
 
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शहर पहुँचकर मैंने रति को जगाया। मैंने उसके गालों को थपकी दी, तो वो उठी। अपने आप को मेरी गोद में लेटा हुआ देखकर मुझे सवालिया नज़रों से घूरने लगी। मैंने कहा कि आप सो रही थीं, तो मैंने सोचा क्यों ना मैं आपको अच्छे से सुला दूँ, तो वो कहने लगीं, बेटा, मेरा कितना ख्याल है तुम्हें। मैंने कुछ नहीं कहा। कुछ अच्छी जगह घूमने के बाद मैंने उससे कहा, चलिए, हम कुछ खा लेते हैं। उन्होंने कहा, चलो, मुझे भी भूख लगी है। मैंने एक अच्छा सा रेस्तरां देखकर उसे वहाँ ले गया। मैंने एक प्राइवेट केबिन लिया। ऑर्डर देकर मैं उससे बातें करने लगा। मैंने उनसे पूछा कि ये सब अच्छा तो लग रहा है ना? वो कहने लगीं कि वो आज तक ऐसे हॉलिडे पर नहीं आई थीं। पिताजी, यानी कि उनके पति भी कभी कहीं नहीं लेकर गए उन्हें। अपनी शादी के बाद से उम्र के 45 साल तक वो हमारे घर के अलावा कहीं और नहीं गई थीं घूमने के लिए। यहाँ तक कि पापा उन्हें कहीं भी हनीमून तक के लिए नहीं लेकर गए थे। उनकी आँखों में आँसू आ गए। मैंने उनके आँसू पोंछे और कहा कि कोई बात नहीं मम्मा, पापा ने जो नहीं किया, वो मैं आपके लिए करूँगा, वो सब जो पापा आपको कभी भी नहीं दे पाए। फिर उनका हाथ अपने हाथों में लेकर मैं सहलाने लगा। वो मेरी आँखों में देख रही थीं। तब तक खाना आ गया। मैंने कुछ कैंडल्स भी मँगवा ली। बल्ब को बुझाकर कैंडल जला दी और रति को देखने लगा। वो भी मुझे देख रही थी। फिर हम खाना खाने लगे।

खाना खाकर हम निकले, तो मैंने उससे कहा कि क्या आप कोई फिल्म देखना पसंद करेंगी, तो उसने कहा कि बहुत अरसा हो चुका है उन्हें थिएटर गए हुए। सो वो देखना चाहती थीं। मैं उसे शिमला के सबसे अच्छे थिएटर में ले गया, तो पता चला कि वहाँ पर कोई एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स पर बनी हॉलीवुड फिल्म हिंदी में डब की हुई लगी थी। मैंने फिल्म के बारे में सुनी थी, पर देखी नहीं थी। उसमें कुछ सेक्सी स्मूच और सेमी फकिंग सीन थे। मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है अपनी माँ को मेहबूबा बनाने के लिए उकसाने को। फिल्म पुरानी थी, सो क्राउड भी काफी कम था। मैंने दो बालकनी की टिकटें ले लीं। फिर रति को लेकर अंदर पहुँचा। मैंने देखा, बहुत कम लोग थे, शायद यही कोई 2-3 जोड़े और कुछ सिंगल मेन, जो बहुत दूर पर बैठे थे। बाकी सारे लोग जनरल क्लास में बैठे हुए थे। मैं एक किनारे में, जहाँ कोई नहीं था और जहाँ बहुत अंधेरा था, वहाँ पर रति के साथ बैठ गया। वो फिर मुझे सवालिया नज़रों से घूरने लगी, पर मैंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया।

फिल्म चलने लगी। थोड़ी देर मैं और रति देखते रहे, फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और सहलाने लगा। इंटरवल से पहले एक सीन ऐसा आया, जब हीरोइन के साथ हीरो, जो कि उसका पति नहीं था, स्मूच करता है। इस सीन को रति बड़ी गौर से देखने लगी। और मैं उसे देखता रहा। इस समय मैं रति को स्मूच तो नहीं कर सका, पर मैंने उसकी हथेलियों को, जो अब भी मेरे हाथों में थीं, को ज़रूर किस करने लगा। वो कुछ ना बोली, बस सीन को देखती रही या देखने का बहाना करती रही। थोड़ी दूर पर दूसरी जोड़ियाँ अपनी काम क्रिया में संलिप्त हो चुकी थीं। अंत में मैंने रति की एक उंगली को अपने मुँह में डाल लिया और कसके अंदर चूसने लगा, तो अचानक रति के मुँह से एक सेक्सुअल सिसकारी निकल गई। और उसने झट से अपना हाथ खींचकर कहा, ये क्या किया तूने? मुझे कुछ ना सूझा, तो मैंने कह दिया कि मुझे आइसक्रीम खाने का मन कर रहा था, तो आपकी उंगली मेरे हाथ में थी। मैं ख्यालों में खो गया था और मुझे लगा ये आपकी उंगली नहीं, आइसक्रीम है, सो मैंने उसे चूस लिया… आई एम सॉरी माँ।

वो हँस दी और कहने लगी कि अभी भी बचपना नहीं गया तुम्हारा। इंटरवल के समय मैं उसके लिए कुछ खाने को लेने गया। दो कोक, दो रोल और पॉपकॉर्न ले आया। हमने पहले कोक पिया। हमारा आधा कोक खत्म हुआ था कि मैंने कहा कि माँ, आप अपना मुझे दे दो और मेरा कोक आप पी के देखो। उसने वैसा ही किया। आज जब हम रोल खा रहे थे, तो इस बार उसने एक्सचेंज करने को कहा। मैंने उसे अपना रोल दे दिया, जिसे वो बड़े ही प्यार से चाट-चाट के खाने लगी। फिर खा-पी लेने के बाद हम फिल्म देखने लगे। इस बार हीरो हीरोइन को बेड पर पटक कर उसकी नाभि के साथ खेलने लगा। रति ध्यान लगाकर देख रही थी सब। उसके लिए ये सब अटपटा सा था, क्योंकि वो आज की नहीं, पुराने ज़माने की थी और आज ट्रेंड बदल चुके थे। पहले की तरह सिर्फ फकिंग नहीं होती थी, अब तो सकिंग का ज़माना था और स्टिमुलेशन का। तब तक मैंने अपना हाथ रति की पीठ के पीछे ले जाकर उसकी पीठ को सहलाने लगा, तो वो मेरे और करीब आ गई। उसने मेरे कंधे पर अपना सिर रख दिया। मुझे लग रहा था कि अब उसकी हालत खराब हो रही थी। फिल्म खत्म होने में अभी 30 मिनट और थे कि वो कहने लगी कि चलो यहाँ से। हम अब बाहर आ गए।

फिर हम एक वॉटर पार्क में गए। वो बड़ा एक्साइटिंग था। मैंने टिकट लिया और रति को अंदर लेकर चला गया। जब हम अंदर पहुँचे, तो देखा कि वहाँ पर मर्द लोग कच्छे में पानी में नहा रहे थे और लड़कियाँ बिकनी में भी घूम रही थीं और कुछ नहा भी रही थीं। हम टहलते-टहलते एक ऐसी जगह पहुँच गए, जहाँ पर पहाड़ जैसा बना हुआ था, और कुछ झाड़ियाँ भी थीं, जिससे दूर बैठे लोगों को पता ना चल सके कि कोई वहाँ पर है। वहाँ एक-दो युगल प्रेम-प्रणय में मशगूल थे। रति ने देखा, तो कहने लगी कि कहाँ ले आए, जल्दी से चलो बेटा यहाँ से। ये कोई माँ-बेटे के लिए जगह नहीं लग रही है। मैंने कहा, ओके माँ। पर जब तक हम वहाँ थे, वो गौर से उन युगलों की क्रिया-कलापों को नोटिस कर रही थी।
 

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अब हम वॉटर पार्क से निकलकर मार्केट की तरफ चल दिए। मार्केट पहुँचने पर हम एक फीमेल अंडरगारमेंट्स के इंटरनेशनल ब्रांड के आउटलेट में गए। किसी को शक नहीं हुआ कि मैं रति का बेटा हूँ। सेल्स गर्ल को लगा कि मैं उसका प्रेमी हूँ। उसने हमसे पूछा कि आपको क्या चाहिए? रति को ये समझ नहीं आ रहा था कि हम वहाँ पर क्यों थे, वो मुझे देखने लगी, जैसे पूछ रही हो कि क्या राज, हम यहाँ क्यों आए हैं? मैंने कहा कि हमें कुछ लेटेस्ट फॉरेन डिज़ाइन की नाइटीज़ और फीमेल अंडर गारमेंट्स चाहिए, तो वो हमें लेकर स्टोर के ऊपरी फ्लोर पर चली गई। तब तक रति मेरे कानों में फुसफुसाकर कहने लगी कि ये सब किसके लिए चाहिए तुम्हें? हमारे साथ तो और कोई नहीं है, क्या तुमने कोई लड़की देखी है अपने लिए? मैंने कहा, हाँ माँ, मैंने एक लड़की देखी है, जिसे मैं पसंद करता हूँ और जिसे मैं ये सब दूँगा, तो वो कहने लगी कि बड़ा छुपा रुस्तम है तू, अपनी माँ को मेरी होने वाली बहू से नहीं मिलवाएगा, तो मैंने कहा, ज़रूर मिलवाऊँगा माँ, पर पहले ये खरीद तो लें, तो उसने कहा कि ओके, खरीद लो। सेल्सगर्ल ने हमें एक से एक लेटेस्ट डिज़ाइन की चीज़ें दिखाईं। मैंने उसे कहा कि इनके (मेरी माँ की तरफ इशारा करते हुए) साइज़ की ही देना। माँ ने ताज्जुब से मुझे देखा। लेकिन मैंने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। मैंने रति से कहा कि आप पसंद कर लो चार-पाँच नाइटीज़ और 4-5 पेयर अंडरगारमेंट्स के। मैंने सेल्स गर्ल को पास बुलाकर कहा कि वो रति को सेक्सी और रिवीलिंग कपड़े ही दिखाए और इंसिस्ट करे कि वही ज्यादा अच्छे रहेंगे। इसके लिए मैंने उस लड़की को सौ रुपये अलग से दिए। उसने ठीक मेरे कहे अनुसार ही किया। रति ने वही सब लिया, जो मैं चाहता था, एकदम हॉट और रिवीलिंग नाइटीज़, डार्क और फ्लैशी कलर्स की और अंडरगारमेंट्स की तो पूछ मत। सेल्सगर्ल ने उसे थॉन्ग्स के लिए इंसिस्ट किया और कहा कि ये ज्यादा फ्री होंगे और गर्मी के लिए अच्छी रहेंगी। रति ने वो सारे आइटम्स ले लिए। फिर हम वहाँ से सामान पैक करवाकर निकल गए और एक जनरल स्टोर पर पहुँचे। मैंने उस स्टोर से एक बहुत ही इरोटिक परफ्यूम खरीदा, जो एम्बियンス को बहुत ही हॉट बनाता था। उसे सूँघने के बाद चाहे मेल हो या फीमेल, अपने आप को नहीं रोक सकता था सेक्स से। फिर एक मेडिकल स्टोर से मैंने एक लिक्विड खरीदा रति के लिए, जो उसमें तन की आग को ज्वालामुखी बना सके। फिर हम वापस आए। टैक्सी में मैंने इस बार कुछ नहीं किया। मैं खुद पर कंट्रोल करना चाहता था, क्योंकि आज की रात हम माँ-बेटे अथवा दो नव यौवनों के मिलन का था। और मैं उस घड़ी से पहले ही मज़ा किरकिरा नहीं करना चाहता था। अगर आपको प्यास लगी है, तो उसे और बढ़ाओ, इस हद तक कि मरने की नौबत आ जाए, तब जब मरने लगो, तब जाकर अपने गले को तर करो, देखना इतना मज़ा आएगा कि पूछ मत। तब ही आप जान पाओगे कि प्यास किसे कहते हैं और प्यास बुझना किसे कहते हैं। मैं भी इसी तरह की प्यास चाहता था, ताकि मैं चरम को पा सकूँ। टैक्सी में मैंने बस रति की जाँघों को सहलाना ही मुनासिब समझा, वो भी चुपके से। मैं तब ही अपना हाथ रति की जाँघों पर ले जाता था, जब टैक्सी हिलती थी। उसकी जाँघों का स्पर्श पाकर तो जैसे मुझे असीम आनंद प्राप्त हुआ।

रात 8 बजे हम कॉटेज पहुँचे। फ्रेश होने के बाद मैंने रति से कहा कि वो आज लाए कपड़ों में से कोई एक ट्राई कर ले, नाइटी के साथ एक पेयर अंडरगारमेंट्स भी। वो तुरंत कहने लगी कि ये तो तेरी होने वाली बीवी के लिए है, भला मैं क्यों ट्राई करूँ और तूने ये कपड़े मेरी साइज़ के क्यों लिए हैं? मैंने उसे समझाते हुए कहा कि जिस लड़की को मुझे ये देना है, वो हूबहू आपके जैसी है। उसकी बॉडी एकदम आपके जैसी है और उसका माप भी। तो वो कहने लगीं, ओके, लेकिन तू ये कपड़े मुझे क्यों पहनाना चाहता है? मैंने कहा कि मैं देखना चाहता हूँ कि ये उस पर फिट आएँगे कि नहीं। अगर आप पर फिट आए, तो उस पर भी आ जाएँगी, इसलिए। माँ ने कहा, अब मैं समझी, राज, तू तो बहुत होशियार है। मैंने कहा, बेटा किसका हूँ, तो वो हँसने लगी और कपड़े चेंज करने चली गई। तब तक हमारा खाना आ चुका था। मैंने वेटर को जल्दी से जाने के लिए कहा और उसके जाते ही अंदर से रूम लॉक कर लिया। फिर साथ लाई हुई परफ्यूम को मैंने पूरे कॉटेज में छिड़क दिया और एक ग्लास में पानी के साथ वो इरोटिक लिक्विड भी मिक्स कर दिया, जो कि रति के लिए मैंने बनाया था। रति अभी तक नहीं आई थी। मैं मार्केट से एक चीज़ लाना भूल गया था। वो थी चॉकलेट। मैंने सुना था कि चॉकलेट भी बड़े काम की चीज़ होती है सेक्स के दौरान और लड़कियों की कमज़ोरी। मैंने एक अच्छे किस्म का चॉकलेट के लिए वेटर को फोन कर दिया। वो जल्द ही एक पैक चॉकलेट दे गया रूम में। वेटर के जाने के बाद रति रूम में आ गई। वो जब मेरे सामने आई, तो मैं उसे मुँह फाड़े बस देखता ही रह गया। रति उस ट्रांसपेरेंट नाइटी और उसके अंदर की बिकनी में कोई प्लेबॉय की मॉडल लग रही थी। वो एकदम मॉडर्न ज़माने की स्वर्गीय अप्सरा लग रही थी। उसने डार्क रेड कलर की नाइटी पहनी थी, जो पीछे से आधी पीठ तक खुली थी। नीचे में थोड़ी दूर तक झालर जैसी प्लेटें थीं। बहुत छोटी थी उस नाइटी की लंबाई, बस कुल्हों को ही मुश्किल से ढक पा रही थी और ऊपर में रति के नए बने बूब्स को मुश्किल से कवर दे रही थी। कंधों पर बस दो पतले से स्ट्रैप लगे हुए थे, जिसके कारण वो रति के जिस्म पर बमुश्किल टिकी हुई थी। पेट के पास बहुत ही पारदर्शी कपड़ा लगा हुआ था, जिससे रति की नाभि और उसका उदर स्थल साफ-साफ मैं देख पा रहा था।

वो आकर बिल्कुल मेरे सामने खड़ी हो गई और कहने लगी, कैसी है ये ड्रेस और क्या तुम्हारी उस होने वाली पत्नी पर फिट बैठेगी? क्या ये कपड़े उसपर फबेंगे? मैंने कहा, आप कितनी खूबसूरत लग रही हैं। ये तो मेरी होने वाली पत्नी पर एकदम खूब जंचेगी। वो इसमें और भी खूबसूरत लगने लगेगी। माँ, आपने क्या गज़ब के कपड़े सिलेक्ट किए हैं। मेरी माँ की हाइट लगभग 5”8” थी और उनका वज़न भी कोई 45 के पास ही था। सो वो उस नाइटी में गज़ब ढा रही थीं। उसके बूब्स, जो इस नाइटी में किसी पर्वत शिखर के समान लग रहे थे, मेरे नज़रों के सामने एकदम स्ट्रेट खड़े थे, बिल्कुल किसी कांटे की तरह। मेरा लंड तो बस हार्ड रॉक बन गया था। फिर उन्होंने कहा कि देख लिया ना, कैसी लगेगी ये बहू पर! क्या मैं अब जाकर इसे चेंज कर लूँ, कहीं खराब ना हो जाए ये कीमती ड्रेस। मैंने कहा कि आप इसे अभी मत उतारो, पहनी रहो। (ये ड्रेस तो मैं उतारने वाला था आज की रात उसके जिस्म से, सो उसे मना करना ही था मुझे, लेकिन उसे क्या मालूम कि उसका बेटा क्या चाहता है उससे।) मुझे आप इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हैं। मैं लगातार बस उसे देखे जा रहा था। फिर मैंने उसे टेबल पर अपने सामने ऑपोजिट बिठा दिया। फिर हम खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद जैसे ही उसने पानी पिया, दवा ने अपना काम चालू कर दिया। और कुछ ही देर में उसकी आँखें चमकने लगीं। मैं उस वक्त सिर्फ बॉक्सर में था। फिर हम सोफे पर पासर कर टी.वी. देखने लगे।
 
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टी.वी. पर बहुत सारी फिल्में आ रही थीं। हम एक फिल्म देखने लगे। रति मेरे ही बगल में बैठी हुई थी। उस पर दवा और उस इरोटिक परफ्यूम का ज़बरदस्त असर होने लगा था। वो नशीली आँखों से मुझे देखे जा रही थी या मुझे अपनी आँखों से ही पिए जा रही थी। फिल्म कुछ देर चली, फिर एक एड ब्रेक हो गया। मैं चैनल चेंज करने लगा। उस वक्त ज़्यादा चैनल नहीं हुआ करते थे। एक-दो चैनल के बाद मैंने वीडियो लगा दी, उस पर एक ब्लू फिल्म आ रही थी। ये कॉटेज वालों की करामात थी। वो कॉटेज सिर्फ हनीमून स्पेशल था। मैंने यही जानकर ये कॉटेज बुक किया था। और हो सकता है कि जोड़ियों को हनीमून का असली मज़ा देने के लिए ही वो लोग रात में ब्लू फिल्म की वीडियो भी चलाते हों। रति देख रही थी उस वीडियो को। जब मैंने वीडियो चैनल लगाई थी, तो वो बिल्कुल साफ फिल्म लग रही थी, एक मैरिज का सीन था। लेकिन फिर एक हनीमून का सीन आ गया। रति गौर से देख रही थी। उसके सेंसेज़ काम करना बंद कर रहे थे। मैं तब जाकर चॉकलेट ले आया और उसे छुपाकर सोफे के नीचे रख दिया। तभी हमने देखा कि उस फिल्म में एक दुल्हन कमरे में अकेली थी। उसका हसबैंड कहीं चला गया था उसे रात में छोड़ते-छोड़ते। वो लड़की तड़पने लगी और अपनी वेजाइना में खुद ही उंगली करने लगी। मैं चैनल चेंज करने को हुआ, तो रति ने रोक दिया। वो कहने लगी, रहने दो ना। मुझे ये मूवी देखनी है, मैंने आज तक ऐसी मूवी नहीं देखी है, और बड़े ही कामुक अंदाज़ में मुझे देखने लगी। टीवी वाली लड़की अपनी चूत में उंगली कर ही रही थी कि एक चोर उसके कमरे में घुस आया और वो तड़पती लड़की को देखने लगा। फिर वो चोर अपने सारे कपड़े उतारकर पूरा नंगा हो जाता है और अपना लंड अपने हाथों में लिए हुए उस लड़की के पास आ जाता है। पहले लड़की तो डर जाती है, पर खड़ा मोटा लंबा लंड देखकर उसे प्यार से सहलाने लगती है। मैंने नोटिस किया कि रति उस आदमी के लंड को कुछ ज़्यादा ही घूर-घूर के देख रही थी। टीवी वाली लड़की चोर के लंड को फिर चूसने लगती है। इस वक्त तक हमारे कॉटेज के कमरे में बस काम ही काम छा जाता है। कुछ देर बाद वो चोर उस लड़की को चोदने लगता है। धीरे-धीरे आदमी अपनी स्पीड बढ़ाता जाता है और फिर एकदम तीव्र गति से उस लड़की की चूत मथने लगता है। लड़की को दर्द होता है और वो रो पड़ती है, फिर कुछ देर के बाद उसकी कामुक आहें चालू हो जाती हैं। हमारे कमरे में यही कामुक आहें बवाल मचाने लगती हैं और हम दोनों कामोत्तेजित होने लगते हैं। लड़की फिर कमर हिला-हिलाकर मरवाती है और कुछ देर बाद दोनों झड़ के सो जाते हैं।

ये फिल्म देखकर मैं तो बहुत ही गर्म हो गया था, क्योंकि चोदने के लिए साधन भी मौज़ूद था मेरे पास। रति का भी यही हाल था। उसकी नज़रों में अब बस काम ही काम था। वो मुझे अपना बेटा समझने के बजाय मुझे अपना यार समझने लगी थी। मैंने हालात ही ऐसे पैदा कर दिए थे कि माँ भी बेटे के लंड की दीवानी हो जाए। रति के पास उसकी आग शांत करने का बस मैं ही साधन था। इस वक्त तक सारे रिश्ते-नाते अपनी अहमियत खो चुके थे। कमरे में गर्म वातावरण उफान पर था। मैंने तब टी.वी. बंद करके उससे पूछा कि क्या वो चॉकलेट खाना पसंद करेगी? उसने हाँ में सिर हिला दिया, तो मैं एक बड़ी सी चॉकलेट बेड के नीचे से पैकेट में से निकालकर उसके मुँह से लगा दी, साथ में मैंने भी उसका एक किनारा अपने मुँह से लगा लिया। मैंने रति को उठने के लिए कहा, तो वो बड़ी हैरत से मुझे देखने लगी, पर वो तो काम विभोर हो चुकी थी, सो मेरी बात बड़ी आसानी से मान गई। वो उठी, पर चॉकलेट हम दोनों के मुँह से नहीं छूटी। वो उठकर झुकी हुई चॉकलेट खा रही थी। अब मैंने उसे मेरी गोद में आने के लिए कहा। मैंने कहा कि बचपन में आप मुझे गोद में बिठाकर चॉकलेट खिलाती थीं, अब मैं भी आपको अपनी गोद में बिठाकर चॉकलेट खिलाना चाहता हूँ, तो वो कहने लगी, वाह बेटा, तू तो बहुत सयाना हो गया है। मैं थोड़ा सोफे के किनारे हो गया, जिससे रति को अपने पाँव मेरे पीछे फँसाने में बन सके। वो मेरी गोद में आ गई,

और उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर के पीछे ले जाकर एक-दूसरे में जकड़ लिया, जैसे हम नींद में तकिए को अपनी जांघों के बीच जकड़ लेते हैं। उसके हाथ मेरे कंधों पर टिक गए, और मैंने उसे अपनी ओर खींचकर और सटा लिया। फिर उसे अपने से चिपकाकर मैंने अपने हाथ उसके गुदाज़ चूतड़ों पर जमा दिए और उनके नरम, रसीले आनंद को महसूस करने लगा। जब वो मुझसे सटी, तो उसका पेट मेरे पेट से रगड़ खाने लगा, और उसकी चंचल चूचियाँ, जो पर्वत शिखरों की तरह मेरी ओर तनी थीं, मेरे सीने में धंस गईं, बिल्कुल किसी तीर की तरह। उसकी चूचियाँ मेरे सीने में पैवस्त होने लगीं। क्या अद्भुत था वो दृश्य और कितनी अलौकिक थी वो अनुभूति! लग रहा था जैसे आग किसी अति ज्वलनशील पदार्थ से मिल रही हो, या बिजली किसी दूसरी बिजली से टकरा रही हो।

फिर हमारी चॉकलेट की लड़ाई शुरू हो गई। वो भी बड़े-बड़े कौर ले रही थी, और मैं भी। कुछ ही सेकंड में वो चॉकलेट हमारे मुँह के अंदर थी, और चॉकलेट के गायब होते ही हमारे होंठ एक-दूसरे से टकराने, छूने, और चूमने को बेकरार हो उठे। रति ऐसी स्थिति को पाकर थोड़ा सकुचाई, लेकिन मैं इस मौके को खोना नहीं चाहता था। मैं अपने होंठ उसके लबों पर रखने ही वाला था कि उसने अपना मुँह फेर लिया। मैं उसे देखता रह गया। कुछ सेकंड तक मैं उसकी आँखों में देखता रहा। इसके बाद रति ने खुद ही अपने हाथों से मेरा सिर पकड़ा और जोर से अपने लब मेरे होंठों से सटा दिए। मैंने उसके चूतड़ों से हाथ हटाकर उसके बालों को कसकर पकड़ लिया, और हम गज़ब के स्मूच करने लगे। मैंने थोड़ा सा पिघला हुआ चॉकलेट ही गले में जाने दिया था, बाकी मेरे मुँह में ही बचा था। अब रति मेरे मुँह के भीतर अपनी जीभ चला रही थी और मेरे मुँह के अंदर के चॉकलेट का स्वाद ले रही थी। हमारे मुँह आपस में सील हो चुके थे। मैंने अपने मुँह का चॉकलेट उसके मुँह में उड़ेल दिया। फिर उसने मेरे मुँह में वही चॉकलेट वापस दे दिया, और हमने उस चॉकलेट को पी लिया। इस दौरान थोड़ा सा चॉकलेट उसकी नाइटी पर और मेरे बॉक्सर पर भी गिर गया।

अब मैं सोफे से उठ गया। वो वैसे ही मेरी कमर में अपने पैर फंसाए हुए थी। इसलिए जब मैं खड़ा हुआ, तो वो भी मेरी गोद में थी, मुझसे चिपकी हुई, अपने हाथों से मुझ पर टंगी हुई। उठकर मैंने अपना बॉक्सर नीचे खींच दिया और उसे गोद में ही उठाए हुए मैं बेड तक जा पहुँचा। मैंने उसे बेड पर चित लिटा दिया और मैं उसके ऊपर हो गया। फिर मैं रति को चूमने लगा। उसके पूरे मुँह को चूमने के बाद उसके पूरे चेहरे को चाटा। इसके बाद उसकी गर्दन पर मैंने अपने लब सटा दिए। फिर उसने कहा कि उसे नाइटी में तकलीफ हो रही है, तो मैं उठा और उसे भी उठाया। मैं बेड पर बैठ गया, और वो मेरी जांघों पर बैठ गई। फिर मैंने उसकी मदद की उसकी नाइटी उतारने में। उसने अपने हाथ ऊपर कर लिए, और मैंने झट से नाइटी को उसके बदन से उतार फेंका। सामने मैंने देखा कि उसके बूब्स हवा में मेरी ओर तीर की तरह खड़े थे, जो सफेद रंग की ब्रा में आधे-अधूरे कैद थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियों को छुआ, उन्हें चूमा। ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों निप्पल्स को मुँह में ले लिया। वो सिसकने लगी, एकदम ऐसे: “आह… ऊह… ऊई… माँ… ये क्या हो रहा है मुझे, राज!!!!”
 
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