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Update 20
कर्नल बड़ी सावधानी से बिल्डिंग में घुसा, बिल्डिंग के ठीक बीच में ऊपर जाने के लिये सीड़ियां गई थीं, तथा सीड़ियों के सामने गलियारा था एवं गलियारे के दोनों और फ्लेट बने थे। कर्नल ने सफाचट सिर वाले व्यक्ति को सीड़ियों से चढ़ते देखा था। प्रत्यक्ष में कर्नल लापरवाह दिख रहा था लेकिन कर्नल को जानने वाले जानते हैं कि वह बिजली से भी ज्यादा तेजी से रिवाल्वर निकालकर षटीक निषाना लगा सकता है। कर्नल अभी कुछ सीड़ियां ही चढ़ पाया था कि एक 15-16 साल का लड़का नीचे उतरता दिखा, कर्नल को एक बात सूझी।
- हेलो जेण्टलमेन तुमने एक सफाचट षिर वाले व्यक्ति को ऊपर जाते देखा।
- जी हाँ सेकेण्ड फ्लोर पर देखा।
- वो किस नम्बर के फ्लेट में जा रहा था।
- आप कौन हैं साहब?
कर्नल हड़बड़ागया, प्रत्यक्ष में बोला तुमसे क्या छुपाना मैं कर्नल नागपाल हूँ, एक केष के सिलसिले में मुझ उसे सफाचट खोपड़ी वाले की तलाष है।तुम बता सकते हो वो किस नम्बर के फ्लेट में गया।
- कर्नल साहब वैंसे तो मेने उसे किसी फ्लेट में घुसते नहीं देखा, लेकिन इतना जरूर है वो दाहिने तरफ की रो वाले किसी फ्लेट में गया होगा।
- तुम्हे कैंसे मालुम।
- मेनें उसे दाहिने तरफ के गलियारे की तरफ ही देखा था।
थेंक्यू जेण्टलमेन मैं चला, कह कर कर्नल फुरती से सीड़ियां चढ़ता चला गया, अगले ही पल वह सेकेण्ड फ्लोर पर था, वह खम्बे की आड़ लेकर परिस्थिति का जायजा लेने लगा फिर दाहिने रो के फ्लेटों की तरफ दबे पांव बड़ गया। पहले और दूसरे फ्लेट में ताला लगा था, तीसरे फ्लेट से उसे आवाज आती सुनाई दी, उसने दरवाजे पर कान लगा दिये..................................................वो किसी लड़की की आवाज थी कर्नल के कान खड़े हो गये क्योंकि वह आवाज पहचान चुका था।
- तुम्हारा किसी ने पीछा तो नहीं किया।
- नहीं लेकिन............कर्नल और सार्जेंट दोनों जिन्दा हैं, उसने कमरे में घुसते ही बला की फुरती से मेरे हाथ की रिवाल्वर पर गोली चला दी, वो तो मेरा भाग्य अच्छा था जो बच गया।
- क्यों और कुछ हुआ।
- सार्जेंट ने पीछा करने की कोषिष की लेकिन उसकी कार में कुछ खराबी आ गई।
- क्या हो गया था।
- मेरे को नहीं मालुम डाॅक्टर किधर है।
- भीतर कमरे में बेहोष पड़ा है। अब जल्दी तैयार हो जाओ गोल्फ ग्राउंड में हेलीकाप्टर आ चुका है............................हमें जल्दी इस षहर से कूच करना है।
तभी कराहने की आवाज आई.................लगता है होष आ गया उसे लड़की ने कहा.....................अच्छा हुआ नहीं तो कार तक उठा कर ले जाना पड़ता।
कर्नल को षायद किसी सिग्नल का इंतजार था.......................तभी उसके कानों में जीप का सायरन सुनाई दिया..............उसने कालबेल पर हाथ रख दिया।
तुम तो कहते थे तुम्हारा किसी ने पीछा नहीं किया अब ये कोन आ गया................मुझे नहीं मालूम लड़के की आवाज आई।
पोस्टमेन बाहर से आवाज आई।
- ओह
जैसे ही फाटक खुला कर्नल ने जोरदार घूंसा उसकी कनपटी पर जमा दिया ,वो चकराकर फर्स पर गिरा तब तक कर्नल कमरे में पहुंच चुका था उसके हाथ में 38 केलीबर की मोजर रिवाल्वर चमक रही थी.......................कमरे में एक खूबसूरत लड़की और अधमरा सा डाॅक्टर सत्यजीत राय खड़ा था।
हाथ उठा लो तुम्हारा खेल खतम हो चुका है मिस सोफिया लारेन, यस हेण्डस्अप....................दोनों ने हाथ उठा लिये।
तो मिस सोफिया लारेन आप एरिना जेडसन कबसे बन गई, जरा अपना फेस मास्क तो सरका दो कोई हरकत मत करना पूरी बिल्डिंग सषस्त्र पुलिष ने घेर ली है......... तुमने डाॅक्टर सत्सजीत राय का अपहरण क्यों किया।
इतना भी नहीं मालूम कर्नल हद कर है इण्डिया की, घर के बाजे घर में सुनाई नहीं देते और पड़ोसियों के कान फटे जा रहे हैं, कहा सोफिया ने।
- जल्दी षुरू हो जाओ।
- चिन्ता मत करो कर्नल जरूर बताऊंगी, वो कर्नल को बताने लगी, सीड़ियों पर भागतें सेनिकों के बूटों की आवाज से बिल्डिंग कांप उठी।
तो मिस्टर राबर्ट अगर तुमने खिड़की से कूदने की कोषिष की तो हाथ पैर टूट जायेंगे, वैंसे इसके पहले तुम्हारा भेजा फट जायेगा,सोफिया के बगल में खड़ा राबर्ट खिसियाकर रह गया, पहले वह धीरे-धीरे खिड़की की तरफ बड़ रहा था।
तभी इन्सपेक्टर गिरीष, सार्जेंट दिलीप,इं.सब्बीलर सहित कई पुलिसिये कमरे में घुसते चले आये।
फ्लेट के सामने किरायेदारों की भीड़ लगी थी और उसमें लुंगी पहनके इन्स्पेक्टर भार्गव भी था.............इन्स्पेक्टर कर्नल नागपाल ने कहा इन दोनों को हथकड़ी पहना दो।
इन्स्पेक्टर सब्बीर ने आगे बढ़कर सोफिया और राबर्ट को हथकड़ी पहना दी।
इन्सपेक्टर गिरीष तुम्हारा मुजरिम सामने है कर्नल ने कहा।
- मतलब!
- कुत्ते वाला कैस भूल गये। राजधानी के मून लाईट इलाके में कुत्तों का गेंगवार डाॅक्टर सत्यजीत राय ने करवाया था।
- क्या कह रहे हो कर्नल।
- पहले हथकड़ी तो पहना दो।
इन्सपेक्टर गिरीष ने आगे बड़कर सत्यजीत राय को हथकड़ी पहना दी.......कर्नल मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा।
- राजधानी जाकर तुम्हें सब कुछ बता दूंगा।
क्या हुआ सब्बीर लुंगी-कुर्ता पहने इन्सपेक्टर भार्गव ने पूंछा।
- मुझे खुद कुछ समझ में नहीं आ रहा , केन्द्रिय खुपिया विभाग का कोई मामला है।
- मगर कुछ तो मालुम होगा भाई अचानक ये हिमालय बिल्डिंग पर हमला क्यों बोल दिया........विधायक जी को पता चलेगा तो तुम्हारी नोकरी पर बन आयेगी, हो सकता है जिन्हें तुम ग्रफ्तार कर रहे हो वो उन्हीं के आदमी हों।
- नहीं यार मामला एक वैज्ञानिक के अपहरण का है, उनका कुछ विदेषियों ने अपहरण कर इस फ्लेट में कैद कर दिया था।
कर्नल इन्सपेक्टर सब्बीर के पास आया, इन्सपेक्टर जल्दी से गोल्फ कोर्स के लिये कूच कर जाओ।
- वहां क्यों।
- असली अपराधि वहीं बैठा है ये तो उसके मोहरे हैं।
जल्दी से पुलिस का दल तैयार करो वहाँ एक हैलीकाप्टर इन लोगों को षहर से निकालने आया है, जरूर उसमें कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति होगा, चलो में भी चल रहा हूँ।
दोनों तेज कदम बढ़ाते हुए जीने से उतरे, वो कार तक पहुँचते की प्रेस रिपोर्टरों ने उन्हें घेर लिया। एक रिपोर्टर ने कहा कर्नल यहाँ पर पुलिष की मौजूदगी की वजह....................................हिमालय बिल्डिंग का दुरउपयोग कौन कर रहा है...........पूरा मामला क्या है?
देखिये इस बक्त हमारे पास आपके किसी भी प्रष्न का उत्तर देने के लिये वक्त नहीं है, एँसा नहीं कि हम प्रेस से बात करने में घबराते हैं, लेकिन इस समय हमारा आपरेषन अधूरा है, मेरा असिस्टेन्ड ऊपर है, वो आपके कुछ प्रष्नों का उत्तर दे सकता है। कहा कर्नल ने।
इन्सपेक्टर सब्बीर ने जीप स्टार्ट की कर्नल उसकी बगल में बैठ गया, जीप तेज गति से पुलिष मुख्यालय की तरफ भाग रही थी।
- कर्नल हमें एस.पी.साहब से विचार विमर्ष कर लेना चाहिये।
- मुझे कोई हर्ज नहीं लेकिन तब तक चिड़िया उड़ जायेगी और हम देखते ही रह जायेंगे।
- में आपको विष्वास दिलाता हूँ, ये विचार विमर्ष हमारा 5 मिनिट से ज्यादा समय नहीं लेगा उसके एवज में हमें रिजर्व पुलिष फोर्स की सहायता मिल सकती है।
- ठीक है।
कर्नल बड़ी सावधानी से बिल्डिंग में घुसा, बिल्डिंग के ठीक बीच में ऊपर जाने के लिये सीड़ियां गई थीं, तथा सीड़ियों के सामने गलियारा था एवं गलियारे के दोनों और फ्लेट बने थे। कर्नल ने सफाचट सिर वाले व्यक्ति को सीड़ियों से चढ़ते देखा था। प्रत्यक्ष में कर्नल लापरवाह दिख रहा था लेकिन कर्नल को जानने वाले जानते हैं कि वह बिजली से भी ज्यादा तेजी से रिवाल्वर निकालकर षटीक निषाना लगा सकता है। कर्नल अभी कुछ सीड़ियां ही चढ़ पाया था कि एक 15-16 साल का लड़का नीचे उतरता दिखा, कर्नल को एक बात सूझी।
- हेलो जेण्टलमेन तुमने एक सफाचट षिर वाले व्यक्ति को ऊपर जाते देखा।
- जी हाँ सेकेण्ड फ्लोर पर देखा।
- वो किस नम्बर के फ्लेट में जा रहा था।
- आप कौन हैं साहब?
कर्नल हड़बड़ागया, प्रत्यक्ष में बोला तुमसे क्या छुपाना मैं कर्नल नागपाल हूँ, एक केष के सिलसिले में मुझ उसे सफाचट खोपड़ी वाले की तलाष है।तुम बता सकते हो वो किस नम्बर के फ्लेट में गया।
- कर्नल साहब वैंसे तो मेने उसे किसी फ्लेट में घुसते नहीं देखा, लेकिन इतना जरूर है वो दाहिने तरफ की रो वाले किसी फ्लेट में गया होगा।
- तुम्हे कैंसे मालुम।
- मेनें उसे दाहिने तरफ के गलियारे की तरफ ही देखा था।
थेंक्यू जेण्टलमेन मैं चला, कह कर कर्नल फुरती से सीड़ियां चढ़ता चला गया, अगले ही पल वह सेकेण्ड फ्लोर पर था, वह खम्बे की आड़ लेकर परिस्थिति का जायजा लेने लगा फिर दाहिने रो के फ्लेटों की तरफ दबे पांव बड़ गया। पहले और दूसरे फ्लेट में ताला लगा था, तीसरे फ्लेट से उसे आवाज आती सुनाई दी, उसने दरवाजे पर कान लगा दिये..................................................वो किसी लड़की की आवाज थी कर्नल के कान खड़े हो गये क्योंकि वह आवाज पहचान चुका था।
- तुम्हारा किसी ने पीछा तो नहीं किया।
- नहीं लेकिन............कर्नल और सार्जेंट दोनों जिन्दा हैं, उसने कमरे में घुसते ही बला की फुरती से मेरे हाथ की रिवाल्वर पर गोली चला दी, वो तो मेरा भाग्य अच्छा था जो बच गया।
- क्यों और कुछ हुआ।
- सार्जेंट ने पीछा करने की कोषिष की लेकिन उसकी कार में कुछ खराबी आ गई।
- क्या हो गया था।
- मेरे को नहीं मालुम डाॅक्टर किधर है।
- भीतर कमरे में बेहोष पड़ा है। अब जल्दी तैयार हो जाओ गोल्फ ग्राउंड में हेलीकाप्टर आ चुका है............................हमें जल्दी इस षहर से कूच करना है।
तभी कराहने की आवाज आई.................लगता है होष आ गया उसे लड़की ने कहा.....................अच्छा हुआ नहीं तो कार तक उठा कर ले जाना पड़ता।
कर्नल को षायद किसी सिग्नल का इंतजार था.......................तभी उसके कानों में जीप का सायरन सुनाई दिया..............उसने कालबेल पर हाथ रख दिया।
तुम तो कहते थे तुम्हारा किसी ने पीछा नहीं किया अब ये कोन आ गया................मुझे नहीं मालूम लड़के की आवाज आई।
पोस्टमेन बाहर से आवाज आई।
- ओह
जैसे ही फाटक खुला कर्नल ने जोरदार घूंसा उसकी कनपटी पर जमा दिया ,वो चकराकर फर्स पर गिरा तब तक कर्नल कमरे में पहुंच चुका था उसके हाथ में 38 केलीबर की मोजर रिवाल्वर चमक रही थी.......................कमरे में एक खूबसूरत लड़की और अधमरा सा डाॅक्टर सत्यजीत राय खड़ा था।
हाथ उठा लो तुम्हारा खेल खतम हो चुका है मिस सोफिया लारेन, यस हेण्डस्अप....................दोनों ने हाथ उठा लिये।
तो मिस सोफिया लारेन आप एरिना जेडसन कबसे बन गई, जरा अपना फेस मास्क तो सरका दो कोई हरकत मत करना पूरी बिल्डिंग सषस्त्र पुलिष ने घेर ली है......... तुमने डाॅक्टर सत्सजीत राय का अपहरण क्यों किया।
इतना भी नहीं मालूम कर्नल हद कर है इण्डिया की, घर के बाजे घर में सुनाई नहीं देते और पड़ोसियों के कान फटे जा रहे हैं, कहा सोफिया ने।
- जल्दी षुरू हो जाओ।
- चिन्ता मत करो कर्नल जरूर बताऊंगी, वो कर्नल को बताने लगी, सीड़ियों पर भागतें सेनिकों के बूटों की आवाज से बिल्डिंग कांप उठी।
तो मिस्टर राबर्ट अगर तुमने खिड़की से कूदने की कोषिष की तो हाथ पैर टूट जायेंगे, वैंसे इसके पहले तुम्हारा भेजा फट जायेगा,सोफिया के बगल में खड़ा राबर्ट खिसियाकर रह गया, पहले वह धीरे-धीरे खिड़की की तरफ बड़ रहा था।
तभी इन्सपेक्टर गिरीष, सार्जेंट दिलीप,इं.सब्बीलर सहित कई पुलिसिये कमरे में घुसते चले आये।
फ्लेट के सामने किरायेदारों की भीड़ लगी थी और उसमें लुंगी पहनके इन्स्पेक्टर भार्गव भी था.............इन्स्पेक्टर कर्नल नागपाल ने कहा इन दोनों को हथकड़ी पहना दो।
इन्स्पेक्टर सब्बीर ने आगे बढ़कर सोफिया और राबर्ट को हथकड़ी पहना दी।
इन्सपेक्टर गिरीष तुम्हारा मुजरिम सामने है कर्नल ने कहा।
- मतलब!
- कुत्ते वाला कैस भूल गये। राजधानी के मून लाईट इलाके में कुत्तों का गेंगवार डाॅक्टर सत्यजीत राय ने करवाया था।
- क्या कह रहे हो कर्नल।
- पहले हथकड़ी तो पहना दो।
इन्सपेक्टर गिरीष ने आगे बड़कर सत्यजीत राय को हथकड़ी पहना दी.......कर्नल मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा।
- राजधानी जाकर तुम्हें सब कुछ बता दूंगा।
क्या हुआ सब्बीर लुंगी-कुर्ता पहने इन्सपेक्टर भार्गव ने पूंछा।
- मुझे खुद कुछ समझ में नहीं आ रहा , केन्द्रिय खुपिया विभाग का कोई मामला है।
- मगर कुछ तो मालुम होगा भाई अचानक ये हिमालय बिल्डिंग पर हमला क्यों बोल दिया........विधायक जी को पता चलेगा तो तुम्हारी नोकरी पर बन आयेगी, हो सकता है जिन्हें तुम ग्रफ्तार कर रहे हो वो उन्हीं के आदमी हों।
- नहीं यार मामला एक वैज्ञानिक के अपहरण का है, उनका कुछ विदेषियों ने अपहरण कर इस फ्लेट में कैद कर दिया था।
कर्नल इन्सपेक्टर सब्बीर के पास आया, इन्सपेक्टर जल्दी से गोल्फ कोर्स के लिये कूच कर जाओ।
- वहां क्यों।
- असली अपराधि वहीं बैठा है ये तो उसके मोहरे हैं।
जल्दी से पुलिस का दल तैयार करो वहाँ एक हैलीकाप्टर इन लोगों को षहर से निकालने आया है, जरूर उसमें कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति होगा, चलो में भी चल रहा हूँ।
दोनों तेज कदम बढ़ाते हुए जीने से उतरे, वो कार तक पहुँचते की प्रेस रिपोर्टरों ने उन्हें घेर लिया। एक रिपोर्टर ने कहा कर्नल यहाँ पर पुलिष की मौजूदगी की वजह....................................हिमालय बिल्डिंग का दुरउपयोग कौन कर रहा है...........पूरा मामला क्या है?
देखिये इस बक्त हमारे पास आपके किसी भी प्रष्न का उत्तर देने के लिये वक्त नहीं है, एँसा नहीं कि हम प्रेस से बात करने में घबराते हैं, लेकिन इस समय हमारा आपरेषन अधूरा है, मेरा असिस्टेन्ड ऊपर है, वो आपके कुछ प्रष्नों का उत्तर दे सकता है। कहा कर्नल ने।
इन्सपेक्टर सब्बीर ने जीप स्टार्ट की कर्नल उसकी बगल में बैठ गया, जीप तेज गति से पुलिष मुख्यालय की तरफ भाग रही थी।
- कर्नल हमें एस.पी.साहब से विचार विमर्ष कर लेना चाहिये।
- मुझे कोई हर्ज नहीं लेकिन तब तक चिड़िया उड़ जायेगी और हम देखते ही रह जायेंगे।
- में आपको विष्वास दिलाता हूँ, ये विचार विमर्ष हमारा 5 मिनिट से ज्यादा समय नहीं लेगा उसके एवज में हमें रिजर्व पुलिष फोर्स की सहायता मिल सकती है।
- ठीक है।