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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 33 46.5%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 22 31.0%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 16 22.5%

  • Total voters
    71

Ek number

Well-Known Member
8,500
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173
शाम को ऑफिस से महेश भी आ गया था। सबने एक साथ खाना खाय। महेश ने अनुराग से उसकी तबियत का हाल चाल पुछा। खाने के बाद नैना , लता और महेश अपने घर चले गए। रूबी ने लता को रोकने की कोशिश की पर वो रुकी नहीं। नैना भी घर जाना चाहती थी। नैना ने जाने से पहले रूबी को समझा दिया था की या तो वो खुद अपना दूध दे या वर्षा अपना दे। वर्षा का बेटा थक गया था , दिन भर सबके साथ खेला जो था। सबके जाते ही वो तीनो ड्राइंग रूम में थोड़े देर के लिए टीवी देखने लगे। वर्षा का बेटा उसके गोद में ही सो गया। रूबी का बेटा भी नींद में था पर दिन भर वो बीजी थी तो अभी उसके गोद में आते ही उसके साथ खेलने लगा। रूबी भी उसके साथ मस्ती कर रही थी। अनुराग ये सब देख कर काफी खुश था तभी उसके बेटे ने दूध के लिए रोना शुरू कर दिया। वर्षा ने कपडे नहीं बदले थे।

रूबी बोली - देख रही हो दीदी , गोदी में आते ही जनाब को दूध चाहिए।
वर्षा - पीला दे , सुबह से भूखा है। सबने ऊपर से ही कुछ खिलाया पिलाया है।
रूबी - हम्म। जरा पकड़ो , मैं कपडे बदल कर आती हूँ।
वर्षा - अब इन कपड़ो में क्या खराबी है।
रूबी - यार , ये ब्लॉउज खींच कर फाड़ देगा। तुम दो मिनट देखो मै चेंज करके आती हूँ।

रूबी के जाते ही अनुराग भी उठ कर जाने लगा। वर्षा ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली - आप कही नहीं जायेंगे। अब यें रहिये। वैसे भी उसने कहा है अब वो सब चीज के लिए तैयार है। अब आप मजे लीजिये।

अनुराग रुक गया। कुछ देर में रूबी वापस आई। उसका रूप देख कर दोनों चकित थे। ऐसा नहीं था की उसने पहले ऐसे कपडे नहीं पहने थे पर आज कुछ तो अजीब था। उसने दरअसल एक छोटा सा पेंट पहना हुआ था जिसके निचे पैंटी नहीं थी और उसमे उसके पिछवाड़े का पूरा शेप इस तरह लग रहा था जैसे दो बास्केट बॉल सत्ता कर रख दिए हों । आगे उसके चूत का पूरा शेप दिख रहा था। ऊपर उसने एक छोटी सी टी शार्ट पहन राखी थी जो उसके नाभि से ऊपर तक की ही थी। ढीली ढाली टी शर्ट के निचे उसने ब्रा नहीं पहना था जिसके कारण उसके निप्पल एकदम निकले हुए से लग रहे थे। लग रहा था टी शार्ट फाड़ कर बाहर आ जायेंगे। उसने आते ही वर्षा के गोद से अपना बेटा लिया और सोफे पर उसे लेकर बैठ गई। बड़े आराम से उसने टी शर्ट उठाया और एक मुम्मा बच्चे के मुँह में दाल दिया। बच्चे ने दूध पीना शुरू कर दिया। दूध की धार निकलते ही रूबी ने एक गहरी सांस ली। दरअसल उसके मुम्मे दूध से भरे हुए थे। अगर नहीं पिलाती तो उसे दर्द शुरू हो जाता। अनुराग ने अपना पूरा फोकस टीवी पर रखने की कोशिश की पर उसका ध्यान बार बार उधर ही जा रहा था। कुछ देर में बच्चे ने रूबी के दुसरे मुम्मे से भी खेलना शुरू कर दिया । एक तरह से रूबी के दोनों मुम्मे उसके टी शर्ट से बाहर आ चुके थे। ये दृश्य वर्षा और अनुराग दोनों को उत्तेजित कर रहा था। अनुराग के लंड पुरे उफान पर आ चूका था। उसकी नजर रूबी के बड़े बड़े मुम्मो से हट नहीं रही थी। रूबी ने उसे कई बार अपने मुम्मे देखते हुए पकड़ लिया था। दोनों की नजरे कई बार उस मौके पर मिल चुकी थी।
अब उससे बर्दास्त नहीं हो रहा था। करीब पांच दस मिनट के नजरो के खेल के बाद उसे आखिर उठना ही पड़ा। वो उठ कर अपने कमरे में जाने लगा। उसे जाते देख रूबी बोली - क्या हुआ पापा ?
अनुराग - अरे दवा का भी टाइम हो रहा है। अब नींद भी आ रही है।
रूबी - दीदी , पापा के दूध का भी टाइम हो रहा है। जाओ दवा और दूध दे दो।
वर्षा की चूत भी रिस रही थी। उसने कहा - चलिए पापा मैं आती हूँ।
वो किचन की तरफ उठ कर चल पड़ी। उसने जग में पानी और ग्लास लिया और अनुराग के कमरे के तरफ जाने लगी।
रूबी - साड़ी दवा देकर आना। कमरे में आने की कोई जल्दी नहीं है।
वर्षा - जाकर तू ही दे दे न।
रूबी - जाउंगी। कोई तो रात मेरी भी होगी। अभी तुम ख्याल रख लो। दिन के दूध का हिसाब मेरा।
वर्षा - मेरा इंतजार मत करना। और हाँ कमरे की तरफ मत आना।
रूबी - डोंट वोर्री। मुझे अभी कुछ लोगों से बात करनी है।
वर्षा ने उसकी तरफ देखा और अनुर अनुराग के कमरे में चली गई।
उसने कमरे में टेबल पर पानी रखा और दरवाजा बंद कर दिया। उसने अनुराग की दवाइयां निकाली और उसे कहा - लीजिये। दवाई खा लीजिये।
अनुराग उठ कर बैठ गया और दवा लेते हुए बोला - दरवाजा क्यों बंद कर दिया ? रूबी क्या सोचेगी ?
वर्षा - आपको अब भी उसकी पड़ी है ? उसके मुम्मे घूरते हुए तो नहीं सोच रहे थे ?
अनुराग - अब उस हालत में क्या ही करता। तभी तो आ गया हूँ।
वर्षा - एक दिन वो भी आपके साथ इसी कमरे में आएगी। समझे। अब दवा खाइये।
अनुराग दवा खाने लगा। वर्षा ने साडी पहनी हुई थी। उसने अनुराग के सामने ही साडी खोली और उसे साइड के चेयर पर रख दिया।
अनुराग ने दवा खा लिया था। वर्षा उसके बगल में बेड पर बैठ गई। धड़कने दोनों की तेज थी।
वर्षा ने अनुराग को कहा - आइये लेटिए। दूध का टाइम हो गया है।
अनुराग एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह उसके गोद में सर रख कर लेट गया। वर्षा ने अपना ब्लॉउज खोला और ब्रा को ऊपर करते हुए अपने एक मुम्मे को उसके मुँह में देते हुए कहा - अब आगे से आप किसी की चिंता मत किया करिये। आपका जब दूध पीने का मन हो मुझे या रूबी को बोल दिया कीजिये। आपका स्वस्थ रहना जरूरी है।
अनुराग - हम्म।
वर्षा ने अब अपना ब्रा भी खोल दिया और दोनों स्तनों को आजाद करते हुए बोली - आह। सुबह से कैसे पड़े थे। उफ़ , दूध भी भर गया है।
अनुराग - ने दुसरे मुम्मे को पकड़ लिया और दबाने लगा। उसे एक मिनट तक ऐसा करने देने के बाद वर्षा बोली - रुकिए पहले दूध ख़त्म करिये। फिर खेलिएगा इनसे। वैसे एक बात पूछूं ?
अनुराग - पूछो ?
वर्षा - हम तीनो में से किसके स्तन बढ़िया हैं ?
अनुराग - तीनो ?
वर्षा - चारो। अगर नैना के स्तनों से भी खेलें हैं तो।
अनुराग - तेरा।
वर्षा - झूठ मत बोलिये। रूबी के बड़े हैं न ?
अनुराग - जब सब जानती है तो पूछ क्यों रही है ?
वर्षा - नहीं आपसे जानना है। किसका क्या बढ़िया है ?
अनुराग - हम्म पहले दूध पी लेने दे।
वर्षा - ठीक है।
अनुराग उसके दोनों स्तनों को दबा दबा कर पीने लगा। अनुराग का लंड पुरे उफान पर आ चूका था और उसकी लुंगी से बाहर ताका झांकी कर रहा था। अब अनुराग ने वर्षा को लिटा दिया और उसके चेहरे को चूमने लगा। साथ ही वो वर्षा के स्तनों को दबा भी रहा था। आज दबाते हुए वो उसके निप्पल को ज्यादा ही निचोड़ रहा था।
वर्षा ने सिसकारी लेते हुए कहा - इस्सस पापा क्या कर रहे हैं ? रूबी के जैसे बड़े नहीं हैं।
अनुराग - उसके तो अंगूर के दाने से भी बड़े हैं। लगता है जैसे नोच नोच कर लम्बा कर दिया है।
वर्षा - मेरा तो मत नोचिये। आपको उसके निप्पल उमेठने का मौका जल्द ही मिलेगा। पसंद है न आपको।
अनुराग - हम्म। साली इतने बड़े फूटबाल लेकर घूम रही है। उस पर से बड़े दाने भी।
वर्षा - उसकी काली घेरि भी बड़ी है।
अनुराग - लगता है तू पी चुकी है उसका दूध।
वर्षा - हाँ पापा। आह आराम से।
अब अनुराग निचे की और हुआ और उसके पेटीकोट को कमर तक करके उसके जांघो को चाटने लगा।
वर्षा - उसकी चूत भी रसीली है।
अनुराग - अब टेस्ट करूँगा तो ही पता चलेगा।
वर्षा - कहें तो बुल्ला दूँ।
अनुराग - अब खुद ही देगी तो लूंगा।
वर्षा - आपका तो हक़ है। कर दीजिये हरामजादी को नंगा। चूत का भोसड़ा बना दीजिये।
बाहर रूबी इन दोनों की बात सुन रही थी। उसकी चूत रिसने लगी थी। वो भाग कर अपने कमरे में पहुंची और फ़ोन लगा दिया।
उसने फ़ोन अपने पति को लगा था। उधर से उसका पति बोला - कहा तक पहुंची जानेमन ? बात आगे बढ़ी की नहीं ?
रूबी - भोसड़ी के तू बता कहा है ?
उसका पति - हाहाहाहाहा , कहा होऊंगा तू तो है नहीं।
रूबी - मादरचोद अपनी माँ के पेटीकोट में है ? फ़ोन दे उसे।
उसका पति - स्पीकर पर है, माँ सुन रही है बोल।
रूबी - माजी ख्याल रखियेगा जब तक मैं ना हूँ।
रूबी की सास - अरे बेटा ये दोनों बाप बेटा मुझे छोड़ते ही नहीं। एक गांड में घुसा है और एक चूत में। तू तो अभी आएगी नहीं। तब तक मेरी चूत और गांड फैट जाएगी।
रूबी अपनी चूत में ऊँगली करते हुए बोली - बुला लीजिये फिर अपनी भतीजी को। ननद रानी रख लेंगी अपने ताऊ और भाई का ख्याल।
उसकी सास- बुला लिया है। अगले हफ्ते आ जायगी। पर तेरी बात अलग है।
रूबी - तब तक कुछ महीने उसी से काम चलाइये।
तभी रूबी के फ़ोन पर नैना का फ़ोन आने लगा। उसने कहा - आप चुदीये। मेरे पास किसी का फ़ोन आ रहा है।
उसका पति - बाप के अलावा किसी और को भी ढूंढ लिया क्या ? फूफा का तो नहीं है ?
रूबी - साले माँ चोद। मेरी चिंता छोड़।
रूबी ने नैना का फ़ोन उठा लिया।
नैना - और भाई पीला दिया उन्हें दूध ?
रूबी - रात की ड्यूटी बड़ी की है। दीदी पीला रही होंगी।
नैना - तभी तू कहीं फ़ोन पर लगी थी। दीदी उन्ही के कमरे में हैं क्या ?
रूबी - हाँ।
नैना - फिर करती हूँ उन्हें।
नैना ने फ़ोन काट दिया। रूबी के साथ तो खेल हो गया था। चूत रिस रही थी पर कोई था नहीं। उसके दिमाग में तभी एक आईडी आया और उसने फिर से फ़ोन घुमा दिया।

उधर नैना का फ़ोन अनुराग के फ़ोन पर आया। अनुराग ने अवॉयड किया और उठाया नहीं। क्योंकि वो वर्षा के चूत में घुस चूका था। वर्षा की चुदाई चालु थी। तभी नैना ने वर्षा के फ़ोन पर किया। वर्षा ने फ़ोन काटने को सोचा की फ़ोन काटने के बजाय उठ गया।
नैना - क्या हो रहा है?
वर्षा हांफते हुए - चुद रही हूँ। तू तो शादी के बाद चुदेगी और शादी अभी करेगी नहीं ,
नैना हँसते हुए - बोल तो ऐसे रही है जैसे शादी कर लून तो तू नहीं चुदेगी इनसे।
वर्षा - हम्म इसस , पापा आह आराम से। हाँ क्या कह रही है ?
नैना ने कॉल वीडियो में कन्वर्ट कर दिया। वर्षा ने भी वीडियो चालू कर दिया।
नैना - चोदो अपनी बेटी चोद लो।
अनुराग - हम्म ये तो अब तुम्हारी भी बेटी है।
नैना ने भी अपने कपडे उतार लिए थे और अपनी चूत में ऊँगली करते हुए बोली - दूसरी वाली कब चोद रहे हो ?
अंनुराग - साली बहुत ऐंठ रही है।
नैना - अब तो वो कपडे उतार बैठी है। आवाज दो तो भाग कर चुदने चली आएगी।
अनुराग - हम्म्म। तुम आ जाओ।
वर्षा - आ जा मेरी अम्मा।
नैना - हम्म देखते हैं। अभी तुम लोग मजे लो।
अनुराग ने वर्षा को घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड घुसा कर चोदने लगा।
नैना - आराम से। इस राउंड के बाद बस। अभी आराम भी करना है।
अनुराग - आह आह। बस होने वाला है।
नैना भी अपने चूत में ऊँगली करते हुए उन दोनों की चुदाई देखने लगी।
Awesome update
 

kasturimgm

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Kya Mast likha hai boss
 
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Bahut khub kya lekhni hai jabardast
 

pussylover1

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Shandaar
Waiting for long update
 
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