इधर नैना अनुराग और वर्षा की चुदाई देखते हुए अपने चूत में ऊँगली कर रही थी , उधर रूबी ने लता को फ़ोन घुमा दिया था। उस समय शेखर लता को कुतिया बना कर उसकी गांड मार रहा था।
फ़ोन की घंटी बजी तो लता ने सिरहाने से फ़ोन उठा लिया और रूबी का नंबर देखते ही बोली - लगता इसकी चूत की खुजली मिटी नहीं।
शेखर - उठा लो , क्या पता कुछ इमरजेंसी हो ?
लता - इमरजेंसी में फ़ोन नैना के पास जायेगा और वर्षा करेगी।
शेखर - फिर भी।
लता ने फ़ोन उठा लिया और स्पीकर पर कर दो । रूबी - हेलो बुआ , क्या हो रहा है ?
लता - क्या होगा , कुछ नहीं। बस सोये थे। तुम्हारा फ़ोन देखा तो लगा इमरजेंसी न हो।
रूबी - इमरजेंसी तो लगी ही है बुआ।
लता - नींद नहीं आ रही है तो अपने मरद को फ़ोन कर न।
रूबी - वो मादरचोद अपनी माँ के भोसड़े में घुसा हुआ है।
रूबी की गाली सुनकर शेखर एकदम एक्ससिटेड हो गया और लता के गांड पर थप्पड़ मारते हुए एक जोरदार धक्का दिया। इस धक्के से लता की चीक निकल गई। उसने पीछे घूम कर शेखर को इशारा किया।
शिकार ने धक्के धीरे कर दिए।
रूबी - क्या हुआ बुआ ? चीखी क्यों ?
लता - कुछ नहीं , मुझे लगा जैसे कमरे में चूहा घुस गया हो।
रूबी हँसते हुए - चूहे को बोले थोड़ा आराम से टहले। अँधेरे में धीरे धीरे में ही मजा आता है।
लता - कहे तो छुए को तेरे घर भेज दें।
रूबी - भेज दो। वैसे आज नहीं तो कल ये चूहा मेरे घर में भी टहलेगा।
लता - तैयार है तो आज ही भेज दें।
रूबी - अभी पहले पापा का इलाज ठीक से हो जाये। ये आपकी बिटिया महारानी ने पहले पापा की सेवा की आज्ञा दे रखी है।
लता - पता नहीं उसे भी क्या हो गया है। अब तो हम सब शादी के लिए भी तैयार हैं।
रूबी - हम्म।
महेश ने इशारा करके लता से अपने शर्त की बात की।
लता - तुझे शर्त याद है न ?
रूबी - हाँ। तुम शर्त नहीं भी राखती तो भी मैं तुम्हारे साथ कबड्डी खेलने को तैयार हों
लता - मेरे साथ नहीं। कबड्डी के असली खिलाडी के साथ।
रूबी - उफ़ , किसी के साथ भी खेल लू।
शेखर ने जैसे ही ये सुना उसके धक्के तेज हो गए। लता के मुँह से निकल गया - आराम से।
रूबी ने हँसते हुए कहा - क्या फूफा जी भतीजी का नाम सुनते ही लौड़ा उछाल रहा है। पुरे बेटीचोद हो तुम।
अब जब बात खुल चली थी तो शेखर बोल पड़ा - तुम्हारी गांड और चुचे देख कर तो लौड़ा कब से तैयार है।
रूबी - बस कुछ हफ़्तों की बात है। उसकी मुलाकात मैं अपनी चूत से करवा दूंगी। कोई शिकायत नहीं होगी।
लता - तेरे गांड के दीवाने हैं।
रूबी - हम्म। सब मिलेगा। चलो अब रखती हूँ।
रूबी की चूत ने भी अपना रास छोड़ दिया था। वो उठ कर बाथरूम की तरफ गई। उसने सोचा लगता है वर्षा पापा के पास ही सो गई है। पर वर्षा चुदाई ख़त्म होने के बाद कुछ देर अनुराग के साथ रही। फिर उठकर कमरे में जाने लगी। उसने कपडे पहने नहीं बल्कि हाथों में लिए लिए ही कमरे कीतरफ चल दी।
अनुराग - अरे कपडे पहन तो ले।
वर्षा - क्या ही फायदा।
अनुराग - रूबी?
वर्षा हँसते हुए - आपको क्या लगता है इतने देर से यहाँ हूँ उसे कुछ पता नहीं होगा ? सो जाइये। जल्दी ही इस कमरे में वो आपके साथ होगी।
ये कहकर वर्षा अपने कमरे की तरफ चल पड़ी। कमरे में देखा तो रूबी नहीं थी और बाथरूम की लाइट जल रही थी। वो समझ गई रूबी अभी तक सोइ नहीं है। उधर रूबी ने बाथरूम में अपने पुरे कपडे निकाल दिए और बाहर आई तो देखा वर्षा सोने की तैयारी में थी।
रूबी ने उसे देखा तो कहा - क्या हुआ ? मुझे लगा वहीँ सोयेगी।
वर्षा - वहां रूकती तो सो नहीं पाती।
रूबी ने मुश्कुराते हुए कहा - हाँ भाई । चूत में लगी आग एक दिन में कैसे शांत होगी।
वर्षा - चुप कामिनी।
रूबी - हाँ भाई। चुप ही करवाऊंगी। तुम्हारा तो हो गया। मेरी तो चूत की खुजली ख़त्म ही नहीं हो रही।
वर्षा - तू ही जिद्द पर अड़ी है।
रूबी उसके बगल में लेट गई और उसे चूमते हुए बोली - अब नहीं हो पायेगा।
वर्षा ने भी उसे चूम लिया। वर्षा के हाथ अपने आप रूबी के मुम्मो तक पहुँच गए।
रूबी - उफ्फ्फ दीदी । काश पापा दबा रहे होते।
वर्षा ने उसके मुम्मे और जोर से दबाये और कहा - कहे तो बुला दूँ।
रूबी - आआह , प्लीज इन्हे चूसो ना। दूध से भरे हुए हैं।
वर्षा समाजः गई रूबी एकदम गरम है। उसने रूबी के मुम्मो पर मुँह लगा दिया। रूबी की सिसकारी निकल गई।
रूबी - उफ्फ्फ। आह। पी जाओ। चूस के खाली कर दो।
वर्षा भी गरम हो चुकी थी। रूबी पीठ के बल लेती रही और वर्षा उसके ऊपर लेट कर उसके मुम्मे पीने लगी। दोनों एक दुसरे के पैर भी रगड़े जा रहे थे। कुछ देर ऐसे ही स्तनपान के बाद वर्षा ने उसके पेट और नाभि को चूमना शुरू किया। धीरे धीरे वो उसके चूत की तरफ बढ़ चली। कुछ ही देर में दोनों सिक्सटी नाइन के पोजीशन पर थी।
वर्षा - चाट ले मेरी चूत। पापा का माल भी लगा होगा। टेस्ट कर ले।
ये सुनते ही रूबी ने लपलपा कर उसके चूत को चाटना शुरू कर दिया। दोनों एक दुसरे के चूत को बिल्ली को तरह चाटने लगीं। कुछ ही देर में दोनों स्खलित हो गई।
वर्षा - पापा को कब टेस्ट करा रही है।
रूबी- अब तो बर्दास्त नहीं होता। जिस दिन मांगे लेंगे दे दूंगी।
वर्षा ने हँसते हुए कहा - हाहाहा। खुश हो जायेंगे।
दोनों बहने फिर सो गईं।