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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 40 44.4%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 25 27.8%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 25 27.8%

  • Total voters
    90

Hot Aunty.

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kamaal ka update,kamaal ka writings,buss kamaal ka kahaani.
 
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Motaland2468

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अगले दिन सुबह लता जब वापस आई तो देखा वर्षा नार्मल थी। सुबह नाश्ते के बाद वर्षा अपने बाथरूम में कपडे धो रही थी। लता को बाथरूम जाना था। वो अनुराग के बाथरूम में चली गई। वहां बाथरूम के वक़्त उसने एक पैंटी लटकती देखि। उसने नजदीक जाकर देखा तो पाया वो वर्षा की थी। उसका माथा ठनक गया। उसे लगा कहीं अनुराग ने वर्षा को चोद तो नहीं दिया। वर्षा आज सुबह खुश भी लग रही थी। उसने धीरे से वो पैंटी अपने मुट्ठी में दबाई और वर्षा के कमरे के तरफ चल पड़ी। उसने देखे वर्षा अपने बाथरूम में बच्चे के कपडे धो रही थी।

लता ने वर्षा को अपने हाथ में लटके पैंटी देखते हुए पुछा - ये क्या है ?
वर्षा - मेरी पैंटी आपको कहाँ मिली ?
लता - तेरे बाप के कमरे में। ये वहां क्या कर रही थी ? तुम दोनों ने क्या गुल खिलाया है ?
वर्षा पहले तो थोड़ा दरी फिर उसने तुरंत एक बहाना सोच कर कहा - वो दरअसल सुबह मेरे कमरे में पानी नहीं आ रहा था तो मैं वहीँ नहाने चली गई थी। नहाने के बाद वहीँ छूट गई होगी।
लता - अच्छा फिर ब्रा कहा हैं ?
वर्षा - आप भी न बुआ। सुबह बेटू को दूध पीला रही थी तो उस समय उतार दिया था। तो वैसे ही चली गई थी वहां।
लता - झूठ मत बोल। अभी पानी कैसे आ रहा है ?
वर्षा - अरे वो पापा ने प्लम्बर बुलाया था। सही कर दिया उसने। वैसे आप इतना परेशान क्यों हैं ? खुद तो ना जाने क्या क्या गुल खिलाने पर लगी हो और मेरी एक छोटी सी बात का बतंगड़ बना रही हो।
लता - चुप कर।
वर्षा - अच्छा जी। मुझे तो चुप करा दोगी और अभी मालिश के समय आपके भाई साहब आपकी मांगेगे तो दे दोगी। बड़ी कमीनी हो आप।
लता - तो तू भी दे दे।
वर्षा - एक पैंटी छूट गई तो इतना हंगामा , और कह रही हो मैं भी दे दूँ।
लता को अपनी गलतो का एहसास हुआ। उसने पैंटी वर्षा के तरफ फेंकते हुए कहा - चुद जा फिर पैंटी छोड़ , ऐसे वहां छोड़ेगी तो उसकी तड़प बढ़ेगी।
वर्षा - और जो तुम कर रही हो उसे तड़पाना नहीं कहते हैं ? हाथ में लेने के बजाये सीधे चूत में ही ले लो।
लता ने कोई जवाब नहीं दिया और कमरे से बाहर चली गई।

लता के जाते ही वर्षा सोचने लगी - तुम चुद जाओ जल्दी से , मैं तो बस तैयार बैठी हूँ।

लता ने बाहर जाकर अनुराग से कहा - चल तेरी मालिश कर दूँ ।
ये सुनते ही अनुराग के चेहरे पर चमक आ गई। वो मुश्कुरा कर कमरे की तरफ चल पड़ा। उसने अपनी बनियान और अंडरवियर उतार दिया। वो सिर्फ एक लुंगी में हो गया। लता भी तेल की सीसी लेकर उसके कमरे में पहुंची। अनुराग आपमें चेयर पर बैठा हुआ थ। कमरे में पहुँच कर लता ने दरवाजा भिड़ा दिया पर बंद नहीं किया। वो जानती थी आज भी वर्षा झांकेगी जरूर। कमरे में पहुँच कर लता ने अपनी साडी खोल दी और सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में आ गई। आज उसने थोड़े गहरे गले का ब्लॉउस पहना हुआ था जिससे उसके दोनों मुम्मे बिना झुके ही आधे से अधिक दिख रहे थे। झुक कर तेल लगाते समय तो वो बाहर ही आ जाते।

लता निचे उसके सामने बैठ गई और उसके पैरों पर मालिश करने लगी। लता के हिलने से उसके मुम्मे भी हिल रहे थे। लता ने पालथी मार ली थी और पेटीकोट को घुटनो तक समेट लिया था। उसने पहले अनुराग के तलुए को अपने जांघो पर रख कर मालिश किया। अनुराग उसके नरम जांघो के एहसास से ही उत्तेजित होने लगा था। एक पैरके तालु के बाद उसने दुसरे पैर के तालु पर भी तेल लगाया। फिर थोड़ा नजदीक खिसक कर उसके पिंडलियों और घुटनो की मालिश की। इस पुरे प्रकरण में उसने अनुराग के पैर अपने जांघो से नहीं हटाया। अनुराग का पैर उसके जांघों और पेट को टच करने लगा था। एक आध बार तो उसके मुम्मे भी टच हो गए थे। अनुराग मन ही मन यही सोच रहा था की काश पैरों की जगह हाथ होते।

उसने एक आध बार जान बुझ कर उसके मुम्मे अपने पैरों की उँगलियों से टच किया तो लता बोली - क्या कर रहा है ? पैर क्यों लगा रहा है।
अनुराग ढीढाई से बोलै - हाथ लगाने दो न।
लता मुश्कुरा कर बोली - तेरा मन बढ़ गया है।
अनुराग - दी आप जैसी हो तो किसी का भी मन बढ़ जाए।
लता - चुप कर।
अनुराग - एक बार हाथ लाने दो न।

लता उठ कर उसके सामने खड़ी हो गई। उसने थोड़ा तेल लिया और बालों पर चम्पी करने लगी। आजतक ये हमेशा पीछे खड़े होकर करती थी। आज सामने से करने का मतलब वो अनुराग को उसके मुम्मे टच कर लेने देना चाहती थी। अनुराग ने लता की तरफ देखा और अपना एक हाथ बढ़ा कर धीरे से उसके मुम्मे पर रख दिए।

अनुराग के हाथ का स्पर्श पाते ही लता के मुँह से सिसकारी निकल गई - इस्सस अनुउउउ

एक पल के लिए उसने सर की चम्पी रोक दी। कुढ़ देर बाद उसने चम्पी वपस शुरू कर दी। अब अनुराग ने अपना दूसरा हाथ भी बढ़ा लिया और दोनों हाथो से उसके मुम्मे दबाने लगा। लगभग साल भर बाद उसके हाथ में बूब्स आये थे। सुलेखा की बात अलग थी पर लता के बूब्स भी कम नहीं थे। उसके पति लगता है रोज उसका मर्दन करते रहे होंगे। अनुराग के टच करने से उसके निप्पल एकदम टाइट होकर इरेक्ट हो गए थे। अनुराग उसको निचोड़ने लगा था। लता उसकी मालिश के बजाये अपनी मालिश करवाने लगी थी। उसने अपने दांतो से अपने होठ दबा लिए थे और आँख लगभग बंद कर लिया था।

अनुराग को बहुत मजा आ रहा था। उसने तेजी से दबाना शुरू कर दिया। एक बार तो जोर भींचने पर लता के मुँह से आह निकल गई। लता ने कहा - आराम से करना है तो कर वरना कोई रंडी बुला ले।
अनुराग ने सॉरी बोल दिया। कुछ देर के चूची मर्दन के बाद अनुराग ने उसके ब्लाउज को खोलने की कोशिश की तो लता ने कहा - सब एक ही दिन में कर लेगा क्या ? चल तेरे लौड़े की मालिश कर देती हूँ।

लता अब निचे वापस बैठ गई। उसने अपना हाथ बढ़ा कर अनुराग के लैंड को पकड़ लिया। अनुराग का लैंड पहले ही लुंगी से बाहर आ चूका था। लता एक हाथ से उसके अंडकोषों को सहला रही थी और दुसरे हाथों को उसके लंड पर आगे पीछे करने लगी। अनुराग ने आनंद में आँखे बंद कर ली।

बाहर वर्षा ये सब छुप कर देख रही थी। वो मन ही मन सोचने लगी की बुआ तो रोज एक कदम बढ़ा रही है। आज अपने मुम्मे दबवा लिए। कल को चूत भी दे देंगी। उसका खुद का एक हाथ अपने मुम्मे पर था और दूसरा सलवार के अंदर चूत में।

उधर लता अनुराग के लंड को तेजी से ऊपर नीचे किये जा रही थी। अनुराग - आह दीदी , मजा आ रहा है। कमाल करती हो तुम। आह आह।
लता - हां , बस समझ ले तू वर्षा को चोद रहा है। तेरी गोद में बैठी है वो। कोशिश करेगा तो उसके दूध में मुँह लगाकर पीला देगी।
अनुराग - आह दीदी , तुम ही बैठ जाती गोद में। जरा मुँह में लो न।
लता - बस जल्दी कर , मेरा हाथ दुःख रहा है।

लता को अनुराग के स्टेमिना देख आश्चर्य हो रहा था। उसके पति तो बस कुछ ही मुट्ठी में फारिग हो जाते हैं। वो सोचने लगी की अगर अनुराग उसे चोदेगा तो देर तक मजा देगा। ये सोच ही रही थी की अनुराग के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया। उसका वीर्य लता के चेहरे पर और ब्लॉउस पर जा गिरा। कुछ बुँदे उसके होठ के पास थी। लता ने उसे जीभ से चाट लिया।

लता का ब्लॉउस ख़राब हो गया था। उसने कहा - पहले बताना था। तूने पूरा ब्लॉउस ख़राब कर दिया।
अनुराग ने कहा - सॉरी दी , कण्ट्रोल नहीं हुआ।
लता ने चेहरे का वीर्य चाटते हुए कहा - कोई बात नहीं।

वो बाथरूम में चली गई। जहाँ उसने अपना चेहरा धोया और ब्लाउज पर लगे वीर्य को भी धोने लगी। अनुराग ने दरवाजे की तरफ देखा तो उसे वर्षा की परछाईं दिखी। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई।
Behtreen update bro maza aa gaya
 
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Damian

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Amazing story and awesome writings!
 
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Sophia

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bahut badiya ek garam aur kamuk update!
 
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