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Incest पापी परिवार

Nevil singh

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नामिता चावला :-

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एज :- 18

घमंडी ..झगड़ालु और फूलतू कामिनी लड़की

इसकी और इसके बाप की अयाशियों मे ज़्यादा अंतर नही है

अपने सपने के मुताबिक ये एर होस्टेस्स की पढ़ाई कर रही है ..पर रात को लगभग 3 बजे तक जागना और सुबह 12 से पहले ना उठना ये इसकी सबसे बुरी आदत है

घर मे सबसे छोटी होने की वजह से हर कोई इसकी आदतों को हमेशा से नज़र अंदाज़ करता आया है

अब तक कुँवारी है वजह " बचपन का प्यार ना आर ना पार "

एक दिन मे बात प्यार तक पहुच जाती है और साथ जीने मरने के वादे भी ..लेकिन अगले दिन ही लड़ाई की वजह से सब ख़तम ..लड़ने का मुख्य कारण है इसकी शक़ करने की आदत ..किसका - किसके साथ लफडा है ..कौन कितने पानी मे है ..वगेरा - वगेरा मे ये अपना खून जलाती रहती है

वेस्टर्न पहनावा ..एलेक्ट्रॉनिक गॅडजेट्स ..दोस्तों के साथ घूमना फिरना ..फालतू के खर्च इसकी पहली पसंद हैं

दिखने मे नामिता भी किसी से कम नही सेम अपनी बड़ी बहेन जैसा फिगर

घर के किसी काम मे हाथ नही बटाती बल्कि बिगाड़ने पर आमदा रहती है

आज कल इसके शक्की मन का टारगेट कोई अजनबी नही खुद इसके डॅड हैं

पर ये सब हुआ कैसे तो जान नेके लिए हमे 10 दिन पिछे जाना पड़ेगा

.

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" गुड मॉर्निंग डॅड "

निम्मी सीढ़ियों से उतरते हुए दीप को ग्रीट करती है ..दीप सोफे पर आँख बंद किए बैठा था

" गुड मॉर्निंग का समय ख़तम ..दोपहर का एक बज रहा है "

दीप ने अपनी आँखें खोल थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा

" ओह डॅड ..कल से पक्का जल्दी उठ जाया करूँगी "

निम्मी दीप की गोद मे बैठ कर बोली

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" ह्म्‍म्म ..आज ये मक्खन किस लिए "

" कहाँ डॅड ..आप तो वर्ल्ड के बेस्ट डॅड हो "

निम्मी ने उसके गाल को चूम कर कहा

" समझ रहा हूँ ..बोल इस किस के बदले मे तेरी क्या डिमॅंड है ? "

दीप जानता था ..वैसे तो निम्मी हर वक़्त कोई ना कोई इश्यू उठाती रहती है पर जब उसे कोई ज़रूरत या काम पड़ता था तब वो गधे को भी बाप बनाने से नही चूकती

" वो डॅड ..मुझे 5000/- चाहिए "

निम्मी दूसरे गाल को चूमते हुए बोली

" नो वे निम्मी ..तूने प्रॉमिस किया था कि पॉकेट मनी के अलावा एक्सट्रा कोई पैसे नही माँगेगी "

दीप ने उसे गुस्से से अपनी उंगली दिखाई

" जानती हूँ डॅड मैं अपना प्रॉमिस तोड़ रही हूँ ..पर ये लास्ट बार है ..दे दो ना प्लीज़ "

निम्मी ने उसकी गोद मे मचलते हुए कहा

" चल ठीक है ..पर तू अब क्या खरीदने के विचार मे है ..अभी 15 दिन पहले ही तो मैने सब को भरपूर शॉपिंग करवाई थी "

दीप ने पिघल कर उसके कान पकड़े ..आख़िर वो अपनी औलादो के लिए ही तो कमा रहा था

" मैने माल मे एक लेदर स्कर्ट देखा था 4000/- का ..बस वही लेने जा रही हूँ "

निम्मी ये बोल कर उसकी गोद से उठी और पैसो के लिए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया

" तुझे ये छोटे - छोटे कपड़े पहेन ने मे शरम नही आती ..निक्की को देख कितनी सभ्यता से रहती है "

दीप ने निम्मी के उस वक़्त पहने कपड़ो को देख कर कहा ..निम्मी ने अभी एक बेहद छोटा टाइट पिंक टॉप पहना था जो उसके कंधो से स्टार्ट हो रहा था ..टॉप के नीचे पहनी वाय्लेट ब्रा के स्ट्रॅप्स विज़िबल थे ..निचले हिस्से मे एक वाइट + ब्लॅक लिनिंग स्कर्ट जो बड़ी मुश्क़िल से उसकी ब्रॉड थाइ तक का हिस्सा कवर कर पा रही थी

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" डॅड दिस इस 21स्ट्रीट सेंचुरी और दीदी हैं 18थ की ..अब आप ज़्यादा बातें ना बनाओ ..मुझे लेट हो रहा है "

निम्मी ने भी पलटवार किया

" हां एक तू ही तो है मिस. इंडिया बाकी तो सब पानी कम चाय हैं ..ये ले पकड़ और शाम को जल्दी घर आ जाना "

दीप ने ये कहते हुए अपनी शर्ट की पॉकेट मे हाथ डाल पैसो की गड्डि पकड़ी और उसे बाहर खीचा ..पर अगले ही पल नोटों के साथ एक सिंगल कॉंडम पॅक भी बाहर निकल आया

" ओह शिट "

निम्मी ने अपने मन मे कहा और इसकी वजह थी उसकी जासूसी ..उसे ये पता था कि डॅड - मोम का चुदाई वाला खेल ख़तम हो चुका था ..अक्सर रात देर से सोने की आदत ने उसे दूसरो के कमरो मे ताक झाक करने वाला बना दिया था ..ऐसा नही था वो ये जान कर करती थी ..आक्चुयल बात थी उसके मोबाइल कॉल्स और साथ मे लॅपटॉप पर चाटिंग करना ..जिसके लिए वो पूरी तरह सेक्यूर माहॉल क्रियेट करती ..तभी उसे इतना डीप नालेज था कि हर रात दीप थोड़ा नशे मे आता और अपने बेड पर गिरते ही सो जाता

अब अगर मोम के साथ डॅड के फिज़िकल रीलेशन ख़तम हो गये थे तो फिर ये कॉंडम डॅड ने पॉकेट मे किस लिए रखा था
super update.
 

Nevil singh

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निम्मी को सोच मे डूबा देख दीप ने जल्दी से उसे 5000/- पकड़ा दिए ..वो पैसे ले कर दूसरी तरफ मूडी और सोचने के चक्कर मे उसका पैर ज़मीन पर बिछि मॅट के फोल्ड मे अड़ गया ..नतीजा वो आगे की तरफ गिर गयी ..हाथ का सपोर्ट लेने से उसे ज़्यादा चोट तो नही आई पर उसके गिरने से जो नज़ारा दीप की आँखों ने देखा वो बड़ा ही मदहोश कर देने वाला था

निम्मी की स्कर्ट छोटी होने से इतनी ऊपर उठ गयी थी कि अंदर पहनी ब्लॅक नेट पैंटी के दर्शन कुल 5 - 10 सेकेंड के लिए दीप को हुए ..


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पैंटी साइज़ के क्या कहने गांद की दरार मे फसि हुई थी ..अचानक निम्मी को अपनी पोज़िशन का ध्यान आया ..उसने उठने से पहले डॅड की तरफ अपना चेहरा घुमाया तो दीप की आँखों मे चमक देखी ..उसे समझ आया कि बाप होने के बावजूद बेटी के हुस्न ने ये कमाल किया है और अलगे ही पल वो ठीक से खड़ी हो गयी

" तुझे चोट तो नही आई ना ? "

दईप कॉंडम की बात को ले कर पहले ही परेशान था और अब तो निम्मी ने उसे खुद की गांद घूरते भी पकड़ लिया था ..दीप के माथे पर पसीना देख निम्मी का शक़ और गहरा हो गया

" नही मैं ठीक हूँ "

इतना कह कर निम्मी ने अपनी स्कर्ट को थोडा नीचे खिसकाया और तेज़ कदमो से मैन गेट की तरफ भाग गयी

" अरे कोई लेगी तो पहेन लेती स्कर्ट के नीचे "

दीप के मूँह से निकली बात मे इतना दम नही था कि निम्मी उसे सुन पाती ..भले दीप की अयाशियों मे उसे हर रात नया जिस्म चाहिए होता था पर आज अपनी खुद की बेटी के उभरे यौवन को देख कर वो एक बाप की तरह सोचने मे लग गया था " 100 - 100 चूहे खा कर बिल्ली हज को चली " और रही बात जेब से कॉंडम निकल ने की तो निम्मी की जगह अगर कामिनी होती तो शायद दिक्कत हो सकती थी ..इस घटना ने उसे सजग और सतर्क रहने का संकेत भी दे दिया था

वहीं निम्मी को जासूसी करने की वजह मिली वो भी अपने डॅड की
super duper
 
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Nevil singh

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रघु चावला :-

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एज :- 23

( ये चेहरा अभी अजनबी रहे तो अच्छा है )

निकुंज से 2 मिनट. पहले पैदा हुआ उसका जुड़वा भाई और इस कहानी का एक मुख्य पात्र भी

किस्मत का मारा ..एक पागल इंसान

आज से 4 साल पहले एक कार आक्सिडेंट मे इसकी सोचने - समझने की पवर ख़तम हो गयी थी

रघु ने कोई पढ़ाई नही की थी बल्कि उसका इंटेरेस्ट बचपन से ही गुंडा - गार्दी ..लड़ाई झगडो मे रहा

कई पोलिटिकल पार्टीस और यहाँ तक कि अंडर वर्ल्ड से जुड़े लोगो से भी इसके अच्छे संबंध रहे थे ..बाहर और घर मे सभी इस से बहुत घबराते थे ..वजह थी इसका जिगर

हालाकी आक्सिडेंट होने से पहले इसे एक लड़की से प्यार हुआ ..बात लव मॅरेज तक पहुचि पर एक दिन अपने प्यार को किसी गैर मर्द की बाहों मे देख कर इसका खून खौला और ताबड तोड़ 6 गोलियाँ चला इसने दोनो को स्पॉट पर ही मार डाला

अपना प्यार खुद के हाथो मार ने से इसका दिमागी संतुलन खोया और उसी दिन रात को घर लौट ते वक़्त इसकी कार एक ट्रक से जा टकराई ..दीप ने इसके इलाज मे कोई कसर बाकी नही रखी पर होनी ने रघु पर कोई रहम नही किया ..शरीर के घाव तो ठीक हो गये पर दिल और दिमाग़ पर अपने प्यार की हत्या के बोझ तले ये पूरी तरह पागल हो गया

आज पुणे के एक बहुत बड़े मेंटल हॉस्पिटल मे भरती है और महीने मे 1 बार पूरा परिवार इस से मिलने वहाँ जाता है

वैसे तो दीप और कामिनी यही चाहते थे कि रघु उनके पास मुंबई ही रहे पर उसके इलाज के चलते दोनो मजबूर थे

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कहानी मे सारी थीम हैं ..सेक्स ..रोमॅन्स ..थ्रिलर

बस ज़रूरी है आप सब रीडर्स का पेशेंस रखना और मुझे प्यार से सपोर्ट देना

अपडेट्स रेग्युलर होंगे मैं झूठा वादा नही करूँगा पर जब भी वक़्त मिला कहानी आगे ही बढ़ेगी ...
nice.
 

Nevil singh

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पापी परिवार--2

" क्या मैं मिस्टर. जीत से मिल सकता हूँ "
दीप ने रॉय डेवेलपर्स की रिसेप्षनिस्ट को अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए कहा
" युवर अपायंटमेंट नंबर. सर "
रिसेप्षन पर बैठी लड़की ने उससे सवाल किया
" यू मे कॉल हिम ..इट्स अर्जेंट "
जीत के ज़ोर देने पर लड़की ने अपने बॉस को कॉल किया
" मिस्टर. दीप फ्रॉम चावला & सन्स वांट्स टू मीट यू सर "
" या ऑफ कोर्स ..सेंड हिम इन "
रिटर्न मे आवाज़ आई
" दिस वे सर ..हॅव आ नाइस डे "
लड़की के इशारे पर दीप कॉरिडर के लास्ट मे बने उसके सबसे पुराने दोस्त जीत के कॅबिन की तरफ चल दिया
" ठक - ठक "
दीप ने कॅबिन गेट नॉक किया
" अबे हराम खोर तुझे अंदर आने के लिए पर्मिशन लेनी पड़ेगी क्या ? "
अगले ही पल हँसने की आवाज़ से पूरा कॅबिन गूँज उठा और दोनो बचपन के दोस्त दौड़ कर एक दूसरे के गले लग गये
" साले जीत ..पूरे 1 महीने से इसी शहर मे गान्ड मरवा रहा है और मुझे खबर तक नही की "
दीप ने उसकी कॉलर पकड़ कर कहा
" तो गन्डु तूने कौन सा मुझसे कोई कॉंटॅक्ट रखा ..यूएसए गया था तब से ले कर आज तक तुझे हर दिन याद करता हूँ ..पर तूने शायद पुराने दिन भुला दिए ..बड़ा आदमी जो हो गया है "
जीत ने उसे जवाब दिया ..पर अपनी कॉलर छुड़ाने की कोई कोशिश नही की ..शायद यही उनकी दोस्ती थी
" कहाँ यार ..तेरी दी हुई ज़िंदगी तो जी रहा हूँ भाई ..बस थोड़ी मेहनत ज़रूर लगी ..खेर वो सब छोड़ ..तू कैसा है ? "
दीप ने पास रखी कुर्सी पर बैठते हुए कहा ..जीत भी ठीक उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया
जीत :- " बस तेरे सामने बैठा हूँ "
दीप :- " यहाँ मुंबई कैसे आना हुआ ..ये ऑफीस ..डेवेलपर्स .. ? "
जीत :- " यार बहुत रह लिया विदेश मे ..अपने देश और तेरे जैसे भाई की याद आई तो वापस लौट आया "
दीप :- " मैं नही मानता ..बचपन मे हमेशा तू विदेश मे बसने के सपने देखता था ..पर जब सेट्ल होने का टाइम आया तो वापस इंडिया आ गया ..क्या वजह है बता मुझे ? "
जीत :- " कुछ ख़ास नही यार ..सब अचानक हो गया ..यूएसए की सारी कमाई को समेटा और यहाँ एक ऑफीस डाल लिया "
दीप :- " घर पर सब कैसे हैं ..भाभी ..बच्चे वगेरा ? "
जीत :- " तेरी भाभी को गुज़रे तो 5 साल हो गये ..बस एक बेटी है तनवी और उसी की ज़िद के चलते मैं यहाँ आ गया "
दीप :- " ओह गॉड इतना सब हो गया और मुझे पता भी नही चला "
जीत :- " खेर जाने दे ..जो बीत गया सो गया ..गढ़े मुर्दे उखाड़ कर दुख ही होता है "
दीप :- " मैं समझ सकता हूँ भाई ..मेरा खुद का बड़ा बेटा किस्मत का शिकार हुआ ..आज पूना मेंटल हॉस्पिटल मे अड्मिट है "
जीत :- " यू मीन "
दीप :- " एक कार आक्सिडेंट मे उसके दिमाग़ पर गहरी चोट लगी थी ..देखो कब तक रिकवर करता है "
दीप ने जीत की बात को पूरा किया
जीत :- " सब ठीक हो जाएगा दोस्त ..खेर भाभी और बाकी बच्चे कैसे हैं "
दीप :- " तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे मेरे कितने बच्चे हों तुझे मालूम हो "
जीत :- " तू मर्द है ये मुझे बचपन से पता है ..हर महीने तेरी चूत की जुगाड़ बदल जाती थी ..तो तूने भाभी को कहाँ . होगा ..10 - 12 बच्चे तो निकाल ही दिए होंगे "
जीत की बात पर दोनो ठहाका लगा कर हस्ने लगे ..ये बात 100 % सच थी कि दीप को बचपन से ही चुदाई करने का चस्का था जो आज तक ज़ारी है ..वो तो कामिनी से उसे प्यार हो गया था तभी बात शादी तक पहुचि वरना दीप की लाइफ मे ना जाने कितनी कामिनी आई और चुद कर चली गयी थी
दीप :- " 10 - 12 तो नही पर मेरे 4 बच्चे हैं ..बड़े बेटे के बारे मे बता चुका हूँ ..दूसरा बेटा निकुंज ऑस्ट्रेलिया से एमबीए होल्डर है ..आज कल खुद का बिज़्नेस डेवेलप करने मे लगा है ..बड़ी बेटी निकिता और छोटी नामिता "
जीत :- " ग्रेट यार ..मेरी बेटी तनवी ने भी एमबीए ही किया है और ये ऑफीस भी उसकी की ज़िद का नतीजा है "
दीप :- " बच्चे बड़े हो कर अपने पैरों पर खड़े हो जाएँ इस से ज़्यादा क्या चाहिए मा - बाप को "
जीत :- " सही कह रहा है ..खेर ये सब सेनटी बातें छोड़ और सीधा मुद्दे पर आ जा "
दीप :- " मुड़ा ? "
जीत :- " अबे घोनचू तेरी सेक्स लाइफ की बात कर रहा हूँ ..भाभी चूत देती हैं या आज भी बाहर ही रंगरलियाँ मना रहा है ..ये बात भी पक्की है ' अपना हाथ जगन नाथ तो तू करने से रहा ' "
दीप :- " ह्म्‍म्म अब तुझसे क्या छुपाना यार ..जैसे - जैसे बच्चे बड़े होते गये तेरी भाभी काम से ही इतना थक जाती थी कि सेक्स वगेरा उसके बॅस मे नही रहा "
जीत :- " इसका मतलब आज भी बाहर की कुलफी से अपना जी भर रहा है "
दीप :- " हां यार ..खेर मेरा काम मुझे रोज़ नयी - नयी चूतो की व्यवस्था करवा ही देता है "
जीत :- " रोज़ ? "
दीप :- " हां रोज़ ..ये 8" इंच का लॉडा चैन ही नही लेने देता ..जैसे - जैसे उमर बढ़ती जा रही है ये और भी ख़ूँख़ार होता जा रहा है "
जीत :- " हा हा हा हा ..खेर मैने तेरा नंबर. जंबुलकर से लिया था ..वो मेरा क्लाइंट है ..एक पार्टी मे तेरा ज़िक्र हुआ और मुझे तेरा नंबर. मिल गया "
दीप :- " हां जंबुलकर ने बताया था मुझे कि मेरा कोई बचपन का साथी याद कर रहा था ..पर जब तक तेरा कॉल ही आ गया और मैं सीधा तुझसे मिलने चला आया "
दोनो की बातें चल ही रही थी कि कॅबिन डोर नॉक हुआ
जीत :- " कम इन "
majedaar update.
 
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Nevil singh

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गेट खुला और एक लड़की अंदर आ गयी

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" गुड मॉर्निंग यू बोथ ..सर ये फाइल है खन्ना साहब की ..मैने रेडी कर दी है ..आप पढ़ कर साइन कर दें "
लड़की ने दोनो को ग्रीट किया और फाइल जीत के हाथ मे देती हुई कॅबिन के वॉश रूम मे एंटर हो गयी ..जीत फाइल पर एक नज़र मारने लगा
" साले कमीने ..क्या मस्त - मस्त आइटम रख रखे हैं तूने अपने ऑफीस मे ..बाहर रिसेप्षनिस्ट माल और ये शायद तेरी पर्सनल सेक्रेटरी लगती है तभी तेरे वॉश रूम मे बिना किसी इज़ाज़त के घुस गयी "
दीप की बात सुन जीत ने उसके वहशी चेहरे पर गौर किया ..जो लड़की थोड़ी देर पहले उन दोनो के बीच आई थी उसको देखने के बाद तो जैसे दीप पागल सा ही नज़र आने लगा था

जीत :- " अबे ऐसा कुछ नही है "
" गान्डू मुझे चूतिया मत समझ ..तू अपनी जुगाड़ तो बना सकता है ..मेरा भी ख़याल रख ..इससे बात कर ..मैं इसे चोदना चाहता हूँ "
दीप ने अपने दिल की बात अपनी ज़ुबान पर ला दी
जीत :- " अबे सुन तो सही "
जीत की बात पूरी होने से पहले उसका सेल बजने लगा और
जब तक वो लड़की भी वॉशरूम से बाहर आ गयी ..
लड़की ने इस वक़्त के ब्लू लो वेस्ट जीन्स और रेड लोंग डीप नेक टी-शर्ट पहेन रखी थी ..


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कॅबिन मे वापस आने पर उसने सबसे पहले दीप के चेहरे को ही देखा ..शायद वॉश रूम मे उन दोनो की बातें उसने सुन ली थी ..दीप ने उसे ऊपर से नीचे घूरा और अपने होंठो पर ज़ुबान फेरने लगा ..
लड़की उसकी हरकत पर हल्का सा शरमाई और
दोनो की आँखों के इशारे शुरू हो गये
" ओके मीटिंग स्टार्ट करो ..एनीवेस दीप तू बैठ यहाँ मैं ज़रा 1स्ट्रीट फ्लोर पर चल रही मीटिंग अटेंड कर के आता हूँ
..30 मिनट. बाद आराम से बैठ कर बातें होंगी "
जीत इतना बोल कर कॅबिन से बाहर जाने लगा ..अचानक पलटा और उस लड़की से बोला
" ये हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं दीप चावला ..इनका ख़याल रखना "
और जीत फाइनली कॅबिन से बाहर हो गया
उसके जाने के बाद दीप और वो लड़की एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुराने लगे ..
बात कैसे स्टार्ट हो दीप ने ये सोच कर उसे चेर ऑफर की
" थॅंक यू "
लड़की उसी चेर पर बैठ गयी जिस पर थोड़ी देर पहले जीत बैठ हुआ था
" तो जीत ने कहा था तुम मेरा ख़याल रखोगी ..पर कैसे ? "
दीप तो शुरू से ही कमीना था ..लड़की ने थोड़ा सा हरा सिग्नल क्या दिया वो तो जैसे चुदाई की ही सोच बैठा
" वेल ..वो तो आप की पसंद पर डिपेंड करता है ..तो बताइए क्या मँगाऊ ..ठंडा या गरम्म्म्ममम "
लड़की ने गरम शब्द पर ज़्यादा ज़ोर दिया और साथ की अपनी टाँगो की जड़ को काफ़ी ज़्यादा स्प्रेड भी कर लिया ..

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टाइट जीन्स मे फसि उसकी मस्क्युलर थाइस दीप के दिल पर बिजलियाँ गिराने लगी ..
उसे समझते देर नही लगी कि आइटम चालू है
" ठंडे के लिए तो ए/सी काफ़ी है अंड आइ लीके हॉट स्टफ "
दीप ने हिम्मत कर उसकी जाँघ पर हाथ रखा और धीरे - धीरे उसे सहलाने लगा

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" बस यही थॉट तो ग़लत है मर्दो की ..बातें बड़ी अच्छी करते हैं
पर बात को पूरा करने मे 2 मिनट. से ज़्यादा नही टिक पाते "
लड़की ने उसे आँख मार कर कहा
" तो खुद ही कन्फर्म कर लो कितना जोश होता है मर्दो मे "
mohak update.
 
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Nevil singh

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दीप ने उसका हाथ पकड़ कर अपने अध खड़े लंड पर रख दिया ..

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मर्द तो वो था ..एक बार जो भी लड़की उसके नीचे से गुज़री वो हर चुदाई मे उसे ही याद करती होगी
" ह्म्‍म्म ..बात की शुरुआत तो काफ़ी अच्छी है पर एंड का कुछ कह नही सकते "
ये बोल कर लड़की ने लंड पर अपने हाथ कड़क कर दिए
" तो फिर देरी क्यों ..कॅबिन गेट बंद करो और इस गेट को खोल दो "
लड़की के मोटे बूब पर पिच कर दीप मुस्कुरा दिया
" किसी तरह के डर की कोई बात नही ..इस कॅबिन मे मेरी मर्ज़ी ही चलती है "
लड़की की इस बात से दीप कन्फर्म हो गया कि ज़रूर जीत उसे कॅबिन मे चोद्ता होगा
दीप :- " तुम्हारा नाम क्या है ? "
लड़की :- " अजी नाम मे क्या रखा है ..काम देख कर प्यार से जो चाहे रख दीजिएगा "
लड़की ने उसके पॅंट की चैन खोल कर कहा ..

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सब कुछ इतना जल्दी हो जाएगा दीप को कतयि इसकी कल्पना नही थी ..
लड़कियों के मामले मे उस से ज़्यादा एक्सपीरियेन्स शायद ही किसी और को होगा
" ह्म्‍म्म्म ..लाजवाब है ये तो ..इफ़ यू डोंट माइंड शल आइ "
लंड पूरे शबाब पर था ..
लड़की की बात पूरी भी नही हो पाई कि दीप अपनी चेर से उठ कर खड़ा हो गया ..
अब लंड और मूँह की दूरी इंचस मे थी ..
दीप ने फटाफट बेल्ट खोल पॅंट को घुटने से नीचे गिराया
और वाइट शर्ट को कमर से ऊपर खीच लिया
" आहह..... "

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लड़की ने लंड से निकले प्रेकुं को अपनी जीभ से चाटा तो दीप की आह निकल गयी
ये देख लड़की ने 4- 5 चुम्मे लंड पर चिपका दिए

" आइ लाइक दिस टाइप ऑफ टेस्ट "
लड़की ने उसकी आँखों मे देख कर कहा और
दोनो टट्टो को अपने एक हाथ मे पकड़ कर आधे से ज़्यादा लंड होंठो के अंदर कर लिया


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" ऊउउउउउउउउउ.......... यू आर इक्विवलेंट टू फाइयर "
शुपाडे पर जीभ की मचलाहट महसूस कर दीप के हाथ अपने आप ही लड़की के सर पर चले गये ..
जीत की गैर हाज़िरी मे कॅबिन सिसकियों से गूंजने लगा .
.वैसे दीप को लंड चुसवाने मे बड़ा मज़ा आता था और
उसके विपरीत बीवी कम्मो को ये बिल्कुल पसंद नही था ..
लाख बार इन्सिस्ट करने पर भी कामिनी की ज़ुबान पर एक ही शब्द आता था
' ना ' और सिर्फ़ ' ना ' ..एक ये कारण भी था कि दीप का मंन जल्दी अपनी बीवी से भर गया
और कामिनी केवल नाम की बीवी रह गयी "
" यू लाइक ब्लो जॉब मिस्टर. दीप ? "
लड़की ने दो पल को लंड अपने मूँह से बाहर निकाल कर कहा ..

कोई लड़की पहली बार मे ही इतना कैसे खुल सकती है ..दीप हैरान भी था और मस्त भी
" ऑफ कोर्स बेबी ..तुम्हारे चूसने का अंदाज़ मुझे पसंद आया "
दीप ने ये बोल कर लंड को वापस उसके मूँह मे ठेल दिया

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और इस बार लड़की ने पूरे 8" का लॉडा अपने गले तक उतार लिया ..
वो कुछ देर ऐसी पोज़िशन मे रुकी और फिर धीरे धीरे लंड बाहर को खीचती गयी ..
उसके मूँह से लंड और थूक का मिला जुला रस बहने लगा ..
बारी बारी वो लंड की टिप से नीचे टट्टो पर भी जीब घुमाती घूमती रहती



दीप से अब चुदाई का सबर नही हुआ तो उसने अपने हाथो से
लड़की की टी-शर्ट को उसके शोल्डर से नीचे खीचा और उसके मोटे - मोटे बूब्स बाहर आ गये
kamuk update.
 

Nevil singh

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" हॅव पेशियेन्स बेबी ..आज सिर्फ़ ब्रेकफास्ट ..लंच और डिन्नर फिर कभी कर लेना "
ये बोल कर लड़की मुस्कुराइ और कहीं ना कहीं दीप को भी ये सही लगा ..
इस तरह खुले कॅबिन मे चुदाई पासिबल नही थी ..
तो चूत की कसर मे दीप ने उसके सर को पकड़ा और तेज़ी से उसका मूँह चोदने लगा ..


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उसके हर धक्के से लंड लड़की के गले तक उतर जाता ..
सिसकियों ने कमरे मे एक तूफ़ानी समा बाँध दिया ..चोक होते -
होते लड़की की आँखें नम होने लगी थी ..
पर दीप को पूरा प्लेषर मिले इस लिए वो हर झटका सहती रही ..
उसके फ्री हाथ लगातार दीप के टट्टों को मसले जा रहे थे ..
इस दोहरे मज़े ने दीप को मज़े की हद पर ला दिया
" ओह....... आइ थिंक आइ'म कमिंग "
दीप ने अपने जर्क तेज़ करते हुए बोला ..
उसने सोचा पहले बता देने से लड़की का रेस्पॉन्स मिल जाएगा
कि वो कम मूँह के अंदर निकालना चाहती है या बाहर
लड़की ने हाथ से इशारा कर उसे कंटिन्यू रहने को कहा और अगले ही पल लंड से फवारे छ्छूटने लगे

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" आहह....... फुक्कककक....... "
दीप लगभग चीखते हुए उसके मूँह मे झड़ने लगा ..
वीर्य की धारो से लड़की का मूँह फुल हो गया था
पर वो अपने होंठो और जीभ का कमाल दिखाए जा रही थी ..
स्पर्म की मात्रा ज़्यादा होने से वो बहकर मूँह से बाहर निकल आया

जब दीप की साँसे थोड़ा नॉर्मल हुई तो
मुस्कुरा कर लड़की ने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल
होंठो से हल्का - हल्का उसे काटना शुरू किया ..

दोनो की आँखें स्टार्टिंग से ले कर एंड तक एक दूसरे से मिली हुई थी
जिसका मज़ा शायद हर मर्द चाहता है ..
आख़िर सेक्स तभी अच्छा लगता है जब कोई शर्मो हया ना हो
लड़की ने बड़े प्यार से उसके लंड पर लगे वीर्य को चाटा


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और पॅंट को घुटनो से उठा कर ऊपर कर दिया ..
दीप फुल सॅटिस्फाइड था ..पर जो आग मूँह से शांत हुई थी उसका अब चुदाई के लिए भड़कना लाज़मी था
" सो मिस्टर. दीप ..ईज़ एवेरी थिंग ओके "
लड़की ने अपनी टी-शर्ट को वापस गले तक खीच कर बूब्स छुपाते हुए कहा
" ओह गॉड ..यू जस्ट अमेज़िंग "
दीप उसके होंठो को चूमने के लिए आगे बढ़ा ही था कि
उसकी पॉकेट मे रखा सेल बजने लगा ..बुरा सा मूँह बना कर उसने नंबर. देखा तो वो जीत का था
" हां आ रहा हूँ "
जीत ने उसे कॅफेटीरिया बुलाने के लिए कॉल किया था ..
घड़ी मे टाइम देख दीप ने अपने झड़ने का टाइम नोट किया तो वो पूरे 25 मिनट तक झड़ने से खुद को रोक पाया था
" जीत कॅफेट मे मेरा इंतज़ार कर रहा है ..खेर अब लंच कब कर्वाओगि जान मुझसे सबर नही होगा ..और 2 मिनट. से बात पूरी 25 मिनट. तक चली ..तो क्या कहती हो ? "
दीप ने अपनी शर्ट इन की और कॅबिन से बाहर निकलते हुए कहा
" जल्दी ही ..आइ लाइक यू "
लड़की ने उसे फ्लाइयिंग किस दी और दीप कॅबिन से बाहर हो गया ...
gajab update.
 

Nevil singh

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" हॅव पेशियेन्स बेबी ..आज सिर्फ़ ब्रेकफास्ट ..लंच और डिन्नर फिर कभी कर लेना "
ये बोल कर लड़की मुस्कुराइ और कहीं ना कहीं दीप को भी ये सही लगा ..
इस तरह खुले कॅबिन मे चुदाई पासिबल नही थी ..
तो चूत की कसर मे दीप ने उसके सर को पकड़ा और तेज़ी से उसका मूँह चोदने लगा ..


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उसके हर धक्के से लंड लड़की के गले तक उतर जाता ..
सिसकियों ने कमरे मे एक तूफ़ानी समा बाँध दिया ..चोक होते -
होते लड़की की आँखें नम होने लगी थी ..
पर दीप को पूरा प्लेषर मिले इस लिए वो हर झटका सहती रही ..
उसके फ्री हाथ लगातार दीप के टट्टों को मसले जा रहे थे ..
इस दोहरे मज़े ने दीप को मज़े की हद पर ला दिया
" ओह....... आइ थिंक आइ'म कमिंग "
दीप ने अपने जर्क तेज़ करते हुए बोला ..
उसने सोचा पहले बता देने से लड़की का रेस्पॉन्स मिल जाएगा
कि वो कम मूँह के अंदर निकालना चाहती है या बाहर
लड़की ने हाथ से इशारा कर उसे कंटिन्यू रहने को कहा और अगले ही पल लंड से फवारे छ्छूटने लगे

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" आहह....... फुक्कककक....... "
दीप लगभग चीखते हुए उसके मूँह मे झड़ने लगा ..
वीर्य की धारो से लड़की का मूँह फुल हो गया था
पर वो अपने होंठो और जीभ का कमाल दिखाए जा रही थी ..
स्पर्म की मात्रा ज़्यादा होने से वो बहकर मूँह से बाहर निकल आया

जब दीप की साँसे थोड़ा नॉर्मल हुई तो
मुस्कुरा कर लड़की ने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल
होंठो से हल्का - हल्का उसे काटना शुरू किया ..

दोनो की आँखें स्टार्टिंग से ले कर एंड तक एक दूसरे से मिली हुई थी
जिसका मज़ा शायद हर मर्द चाहता है ..
आख़िर सेक्स तभी अच्छा लगता है जब कोई शर्मो हया ना हो
लड़की ने बड़े प्यार से उसके लंड पर लगे वीर्य को चाटा


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और पॅंट को घुटनो से उठा कर ऊपर कर दिया ..
दीप फुल सॅटिस्फाइड था ..पर जो आग मूँह से शांत हुई थी उसका अब चुदाई के लिए भड़कना लाज़मी था
" सो मिस्टर. दीप ..ईज़ एवेरी थिंग ओके "
लड़की ने अपनी टी-शर्ट को वापस गले तक खीच कर बूब्स छुपाते हुए कहा
" ओह गॉड ..यू जस्ट अमेज़िंग "
दीप उसके होंठो को चूमने के लिए आगे बढ़ा ही था कि
उसकी पॉकेट मे रखा सेल बजने लगा ..बुरा सा मूँह बना कर उसने नंबर. देखा तो वो जीत का था
" हां आ रहा हूँ "
जीत ने उसे कॅफेटीरिया बुलाने के लिए कॉल किया था ..
घड़ी मे टाइम देख दीप ने अपने झड़ने का टाइम नोट किया तो वो पूरे 25 मिनट तक झड़ने से खुद को रोक पाया था
" जीत कॅफेट मे मेरा इंतज़ार कर रहा है ..खेर अब लंच कब कर्वाओगि जान मुझसे सबर नही होगा ..और 2 मिनट. से बात पूरी 25 मिनट. तक चली ..तो क्या कहती हो ? "
दीप ने अपनी शर्ट इन की और कॅबिन से बाहर निकलते हुए कहा
" जल्दी ही ..आइ लाइक यू "
लड़की ने उसे फ्लाइयिंग किस दी और दीप कॅबिन से बाहर हो गया ...
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Nevil singh

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पापी परिवार--3


वहीं दूसरी तरफ दीप के घर पर तांडव मचा हुआ था ..वजह कोई और नही निम्मी थी

" मोम मेरी सारी फ्रेंड्स जा रही हैं ..तो मुझे भी जाना है "

कॉलेज के फ्रेंड्स ने आज पब मे रात बिताने का फ़ैसला किया था ..
जिसके चलते निम्मी काफ़ी एग्ज़ाइटेड थी ..
हलाकी इस वक़्त उसका किसी से रीलेशन नही पर मुंबई ऐसी जगह है
जहाँ रात किसी पब या होटेल के बाहर सिंगल चले जाओ तो कपल बनते देर नही लगती

" नही माने नही ..अब मेरा दिमाग़ मत खा मुझे बहुत काम है समझी और
हां कितना गंदा कमरा कर रखा है ..फटाफट सफाई मे जुट जा "

कम्मो नाराज़ होते हुए कमरे से बाहर जाने लगी

" सफाई माइ फुट ..मैं जाउन्गि ..मैं जाउन्गि और ज़रूर जाउन्गि "

निम्मी ने उसे जाते देख चिल्ला कर कहा ..वाकाई मे उसके जैसी ज़िद्दी ..
बिग्ड्ल और झगड़ालु लड़की किसी दूसरे के घर मे नही होगी

" मुझसे ज़ुबान मत लड़ा ..वरना तेरे पापा को कॉल लगा दूँगी "

कम्मो ने पलट कर उसे दीप का डर दिखाया

" हां हां बोल देना ..कोई डरता है क्या ..' मुझे भी उनकी सारी काली करतूतो का पता है ' "

निम्मी ने इस सेंटेन्स की लास्ट लाइन थोड़े धीमे स्वर मे कही लेकिन कम्मो के कानो मे ये बात चली गयी

" क्या बोली तू ..फिर से बोल ? "

कामो ने उसके वाक्य दोहराने को कहा

" मैने क्या कहा ? "

निम्मी को थोड़ी घबराहट हुई कि कही मोम ने उसकी बात को सुन तो नही लिया

" वही ..कुछ काली करतूत के बारे मे "

कम्मो ने सुना तो था पर अधूरा

" क्या काली करतूत ..मैने तो बोला था कि पापा होते तो मुझे जाने से कभी नही रोकते ..
पर तुम हमेशा से ही मुझे हर काम के लिए टोकती रहती हो "

निम्मी ने बात को चेंज करते हुए माहॉल को सेंटी बनाना शुरू किया

" देख निम्मी मेरे लिए सभी बच्चे बराबर हैं ..ये तेरे मन के फितूर ही तुझे मुझसे दूर ले जाते हैं ..
अरे मैं मा हूँ तेरी कोई दुश्मन तो नही "

कम्मो को उसकी बात अपने दिल पर एक चोट लगी ..वो चल कर वापस कमरे मे आने लगी

" मैं सही कह रही हूँ मोम ..दीदी ..भैया और यहाँ तक पापा भी मेरे साथ ग़लत बर्ताव करते हैं
तो मुझे दुख होता है ..जैसे मैं इस घर का खून ही नही हूँ "

निम्मी अपनी झुटि बातों से कम्मो का दिल पसीजे जा रही थी
मगर सच तो ये था कि उसे घर मे जितना प्यार और
आज़ादी मिलती थी वो शायद निकुंज को भी नही थी

" सुन बेटी अब तू बड़ी हो गयी है ..इस तरह का बच्पना छोड़ ..
तेरे अलावा कोई इस घर मे इतना ज़िद्दी नही ..
अब तू कोई 6 महीने की बच्ची तो नही जो तेरी हर बात को माना जाए "

कम्मो ने इस बार उसे प्यार से समझाया ..
बचपन से ही उसे निम्मी का नेचर अच्छी तरह से पता था कि वो जो ठान लेती है
उसे कर के मानती है ..चाहे इसके लिए उसे कितना भी लड़ना पड़े

" मैं अब बच्ची नही रही मोम ..अपना बुरा भला समझ सकती हूँ ..
अब तुम जाओ मुझे नहाना है ..पार्टी मे जाने को देर हो जाएगी "

इतना कह कर निम्मी ने एक झटके मे अपना टॉप और
नीचे पहनी कॅप्री को उतार कर डोर उच्छाल दिया और अंडरगार्मेंट्स मे आ गयी

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" हाए राम निम्मी ..शरम कर शरम "

वैसे तो ये कोई नयी बात नही थी ..
वो अक्सर कम्मो और अपनी बहेन निक्की के सामने पूरी नंगी हो जाया करती थी ..
पर आज पहली बार उसकी मा ने उसे इस तरह की बात कही थी

" कैसी शरम मोम ..क्या हुआ ? "

निम्मी ने एक नज़र कम्मो के चेहरे पर डाली ..वो उसकी नज़रों का पीछा करते हुए अपनी पैंटी पर पहुचि ..और अगले ही पल सारा माज़रा उसे समझ आ गया ..अक्चूली बात ये थी कि कुछ दिन पहले की गयी शॉपिंग मे निम्मी ने कुछ ज़्यादा ही मॉर्डन कपड़े खरीदे थे और उसके अंडरगार्मेंट्स तो फैशन की सारी हद पार करने लायक थे
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" ये कैसे अन्द्रूनि कपड़े खरीदे तूने ..कुछ छुप सकता है इनमे ..बोल ? "

निम्मी ने मुस्कुरा कर कम्मो के गले मे अपनी बाहें डाल दी


" इसे क्रॉच लेस पैंटी कहते हैं मोम ..इसमे पुसी को छोड़ कर सारा हिस्सा ढका रहता है
mast update.
 

Nevil singh

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निम्मी के मूँह से पहली बार पुसी शब्द सुन कम्मो का चेहरा फीका पड़ गया ..
माना वो उसकी मा थी पर आज तक इस तरह की सिचूएशन कभी नही बनी थी ..
कम्मो ने उसे अपने से दूर कर दिया


" बेशरम ..वही तो पूछ रही हूँ ..इस तरह के कपड़े कोई पहेनता है क्या "

कम्मो ने अपनी आँख उसकी चूत पर गढ़ाते हुए कहा ..
black-open-crotch-lace-thong.jpg


बात सही थी जो चीज़ ढकने के लिए पैंटी को बनाया गया है
अगर वही चीज़ खुली रहे तो पैंटी किसी मतलब की नही


" मोम इसमे मुझे खुला - खुला सा लगता है ..आप भी पहना करो ..रिलॅक्स फील होगा "

निम्मी ने उसे आँख मार कर कहा

" मारूंगी एक ..मैं तेरी तरह कोई पागल थोड़ी हूँ जो ये सब पहनु "

कम्मो ने इस बार उसे मारने के लिए झूठा नाटक किया तो
निम्मी उससे थोड़ा दूर जा कर खड़ी हो गयी ..
अब पोज़िशन ये थी कि कम्मो कमरे के अंदर और निम्मी कमरे के गेट पर ..
जगह चेंज होने की वजह से निम्मी की गांद कुछ सेकेंड के लिए कम्मो
की नज़रों के सामने घूमी
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और पिछवाड़े का हाल देख कर तो कम्मो ने अपना माथा ही ठोक लिया

" ये क्या है ..पीछे तो कुछ है ही नही "

कम्मो की बात सुन निम्मी ने खुद के चूतडो को देखने की कोशिश की
तो उसे ज़ोरों से हसी आ गयी ..उसके हस्ने से कम्मो का हाल देखने लायक था

" बेहया एक तो ग़लती करती है और फिर हँसती भी है "

कम्मो ने उसे फिर से डांटा

" ओह मोम ..तुम्हे कुछ पता नही ..इस पैंटी मे पीछे की तरफ एक पतला सा स्ट्रॅप दिया है
पर वो अभी मेरे आस क्रॅक्स मे फसा है "

ये कह कर निम्मी ने अपने चूतडो को कम्मो की तरफ घुमाया और
थोड़ा झुकते हुए बड़ी अदा के साथ गांद की दरारो मे फसे कपड़े के
पतले से स्ट्रॅप को अपनी उंगलियों से टटोल कर बाहर खीच लिया
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" हे भगवान ..तू इसे पहेन के भी नंगी ही है ..
इस से अच्छा तो इसे पहना ही मत कर ..
घूम ऐसे ही बिना कपड़ो के घर मे ..बेशरम कहीं की "

कम्मो ने भले ही कयि बार अपनी छोटी बेटी को पूरा नंगा देखा था
पर उसके शरीर पर गौर पहली बार किया ..और
आज उसे वो बच्ची नही वाकयि एक गदराए जिस्म की मालकिन लग रही थी ..
पैंटी के फटे हिस्से से बाहर झाकति कुँवारी बिना झटों की चूत .
.बड़े - बड़े बेदाग चूतड़ और बूब्स किसी से कम नही थे ..
आज कम्मो निम्मी के बदन को सोचते हुए निक्की के जिस्म तक पहुच गयी ..
वैसे निक्की को उसने 4 - 5 सालो से नंगा नही देखा था ..
पर जब छोटी ऐसी है तो बड़ी के क्या कहने यही सोच कर
उसकी चूत मे खुजलाहट मचने लगी साथ ही निम्मी के मूँह से निकले सेक्षुयल शब्द
और उसकी हरकतें कम्मो पर कहर ढाने के लिए काफ़ी थी

" तो ठीक है अब से मैं पूरे घर मे नंगी ही घूमूंगी ..थॅंक्स फॉर युवर गुड सजेशन मोम "

निम्मी ने बशर्म बन कर एक फ्लाइयिंग किस कम्मो की तरफ उछालि
और अगले ही पल पैंटी और ब्रा भी ज़मीन पर पड़े थे

18_300.jpg


" तुझ जैसी पागल का कोई भरोसा नही ..घर मे तेरे अलावा तेरा भाई और डॅड भी रहते हैं ..
शर्म कर शरम ..या तो बोल तुझे पागल खाने भरती करवा दिया जाए ..
मैं आज ही तेरे डॅड से बात करूँगी "

कम्मो इतना बोल कर वापस कमरे के गेट की तरफ बढ़ी पर
इस बार जो बात निम्मी के मूँह से निकली उसने कम्मो को अंदर तक झकझोर दिया

" हां हां भेज तो मुझे पागल खाने ..तुम सब यही चाहते हो ना कि
मैं इस घर से दूर चली जाउ ..तो भरती कर दो मुझे भी उस पागल
इंसान के साथ जिसे पैदा कर के पालना भी तुम्हे गवारा नही "

निम्मी ने एक साँस मे अपनी सारी भादास निकाल दी ..
कुछ वक़्त पहले तक क्या टॉपिक चल रहा था और
अब बात किस मॅटर पर पहुच गयी ये देख कम्मो की आँखों से आँसू बहने लगे ..
निम्मी ने लाख बार अपनी मा को सताया हो पर इस तरह के लांछन की उम्मीद कम्मो ने कभी नही की थी ..
दोनो एक दूसरे की आँखों मे देखने लगे और
एक चीख ने दोनो का ध्यान कमरे के गेट की तरफ मोड़ दिया

" निम्मीईीईईईई.......... "

ये आवाज़ निकुंज की थी जिसने सीढ़ियाँ चढ़ते हुए निम्मी के मूँह से निकली
आख़िरी बात सुन कर उसके कमरे का रुख़ किया था ..
पर उसे इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नही था कि कमरे मे
उसकी छोटी बहेन पूरी तरह से नंगी खड़ी होगी


निकुंज ने गेट पर पहुच कर चिल्लाया तो निम्मी और कम्मो दोनो के होश उड़ गये ..
लगभग 5 - 10 सेकेंड तक निकुंज की आँखें बहेन के नंगे जिस्म पर पड़ी
और जब तक उसे होश आता निम्मी का नंगा बदन पूरी तरह से उसकी आँखों मे उतर गया ..
हालत निम्मी की भी कुछ ऐसी ही थी ..भले ही छोटे कपड़ो मे बाप और
भाई ने हमेशा से उसे देखा हो पर इस तरह से बिना गेट लॉक किए नंगा खड़ा होना
उसके बेशरम होने का जायज़ सबूत था और तो
और जो बात निम्मी ने अपने भाई रघु के लिए कही वो सुन कर निकुंज खुद को रोक नही पाया
और आज पहली बार इस तरह से अपनी बहेन पर चिल्ला दिया

" बेशरम अपने कपड़े पहेन ..मैं आज तुझे नही छोड़ने वाला ..सारी चर्बी ख़तम कर दूँगा आज तेरी "

होश मे आते ही निकुंज दरवाज़े से थोड़ा पीछे हो गया और
निम्मी घबरा कर बाथरूम के अंदर घुस गयी ..कम्मो भी अब तक खुद को समहाल चुकी थी ..
उसे निकुंज के जल्दी घर लौट आने के बारे मे ज़रा भी अनुमान नही था वरना बात बंद कमरे मे होती

" बेटा तू चल मेरे साथ ..बच्ची है ..ज़रा सा भी दिमाग़ नही इसमे "

कम्मो ने पहली बार निकुंज को इतने गुस्से मे देखा था ..हमेशा कूल और प्यार से रहने वाला उसका छोटा बेटा आज इतना नाराज़ इस लिए भी हुआ क्यों कि रघु को उसने दीप से भी बढ़ कर माना था

" नही मा ..आज से ये इस घर मे नही रहेगी ..हमारे लाड - प्यार का ये सिला मिलेगा सोचा ना था ..अरे निक्की भी तो इसी घर का खून है उसे देखो ..शायद ही आज तक उसने किसी का दिल दुखाया हो और ये बेशरम ..छ्हीइ शरम आती है इसे बहेन कहते हुए भी "


ये कह कर निकुंज अपने कमरे की तरफ चला पड़ा ..कम्मो भी उसके साथ थी ...
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