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रश्मि रॉय :- जीत की पत्नी और तनवी की मा
शादी के बाद जीत अपनी बीवी के साथ यूएसए चला गया ..वहाँ पर उसने जी भर के पैसा कमाया ..पर जो ख़ास बात उसमे शुरू से रही वो थी रश्मि के लिए उसका बेशुमार प्यार और जिस के चलते उसने जीते जी रश्मि को कोई दुख नही दिया ..भले ही शादी से पहले उसने इंडिया मे रह कर अपने बचपन के दोस्त दीप के साथ कयि जनाना जिस्म नोचे होंगे लेकिन रश्मि से शादी होने के बाद तो जैसे वो बिल्कुल पत्नी व्रता हो गया ..4 साल बाद तनवी का जनम हुआ और जीत - रश्मि का परिवार पूरा हो गया
15 साल तक दोनो मिया बीवी ने जम कर अपनी लाइफ को एंजाय किया ..फिर चाहे नॉर्मल लाइफ हो या सेक्स लाइफ ..जीत मर्द था तो पहल उसी की होती लेकिन एक बार शुरूवात होने के बाद रश्मि अपना वो रूप दिखाती जो शायद किसी बाज़ारू रंडी के भी बस के बाहर होता ..सेक्स के वक़्त वो इतना ज़ोरो से चिल्लाति थी कि घर के बाहर से गुज़रता हर इंसान उसकी सिसकियों से हैरान रह जाता
दोनो मिया बीवी ने कभी सेक्स को जल्दबाज़ी मे नही किया ..रात बीतने पर रश्मि उसे अपनी कातिल अदाओ से रिझाती ..धीरे - धीरे जीत उत्तेजित हो कर रश्मि को चूमता - चाट ता ..सहलाता ..गरम करता और जब चूत का लंड से असली मिलन होता तब दोनो इतने सिड्यूस्ड हो चुके होते कि झड़ने के बाद उन्हे अगले राउंड की कोई ज़रूरत ही नही पड़ती ..फुल सॅटिस्फॅक्षन उनके चेहरे को और भी ज़्यादा खुशनुमा बना देता
तनवी की उमर छोटी होने तक तो दोनो घर के किसी भी कोने या किसी भी वक़्त चुदाई कर पाते पर जैसे - जैसे उनकी बेटी का शारीरिक और मानसिक विकास हुआ ..उनके क्रिया कलापो मे अंतर आया ..फिर कुछ समाए पश्चात बात केवल रात पर पहुचि वो भी एक बंद कमरे मे ..आज़ादी के बन्दो को ऐसी सूं - चट चुदाई रास नही आई और सेक्स का खेल काफ़ी कम हो गया
एक बार जीत को किसी काम से जर्मनी जाना पर वो भी पूरे दो सालो के लिए ..उसने रस्मी और तनवी को अपने साथ ले जाने का फ़ैसला किया लेकिन रश्मि ने ये बोल कर उसे इनकार कर दिया कि तनवी की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा क्यों की अब वो अपनी हाइयर स्टडीस की तरफ बढ़ रही है
रश्मि की बात को समझ जीत अकेला जर्मनी के लिए निकल पड़ा और यहाँ यूएसए मे केवल मा और बेटी रह गये ..एक रात तनवी के साथ उसकी क्लासमेट सिम्मी उनके घर आई और डिन्नर कर रात मे ग्रूप स्टडी का बोल कर दोनो तनवी के रूम मे चली गयी ..रश्मि ने उस रात घर का काम निपटाया और सोने के लिए अपने कमरे की तरफ जा ही रही थी कि उसे तनवी के रूम से कुछ सिसकियाँ और आहें बाहर आती सुनाई दी ..एक एक्सपीरियेन्स्ड औरत को समझते देर नही लगी की उसकी बेटी के बंद कमरे मे आख़िर चल क्या रहा है ..उसने ना चाहते हुए भी डोर के की होल से अंदर झाँका तो उसका शक यकीन मे बदल गया
दोनो लड़कियाँ आपस मे चिपकी एक दूसरे को बुरी तारह से चूम रही थी ..बेड के पास रखे लॅपटॉप पर एक लेज़्बीयन मूवी के चलते सीन को दोनो हक़ीक़त का रूप देने मे व्यस्त थी
इस बात से पूरी तरह अंजान कि कमरे के बाहर खड़ी तनवी की मा बड़े आश्चर्य से उनकी करतूत पर नागाह डाले हुए है ..
रश्मि ने देखा कि कुछ देर बाद दोनो ने अपने कपड़ो को उतार कर दूर फेक दिया ..अब तनवी सिम्मी की गोद मे नंगी बैठी थी और सिम्मी उसके बूब्स बड़ी बेरहमी से चूस रही थी
कुछ देर बाद नज़ारा तेज़ी से बदला और सिम्मी ने तनवी की चूत चाट कर उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया एक हाथ से वो खुद की चूत भी मसल रही थी
दोनो कुवारि कन्याओं ने जी भर कर एक दूसरे की छेड़ - छाड़ का आनंद लिया और ये देख कर रश्मि बड़े भारी मन से अपने बेड - रूम मे एंटर हुई लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी ..विदेशी परिवेश का इतना गहरा असर तनवी पर पड़ेगा रश्मि ने इसकी कल्पना तक नही थी ..उसने तुरंत अपने पति को इस घटना से रूबरू करवाना चाहा लेकिन जीत का परेशान होना ध्यान मे आते ही उसने तनवी को इस तरह के अप्राक्रातिक संबंधो से बाहर लाने का विचार किया ..लेकिन कैसे बस वो इसी सोच मे डूबी थी
अब तनवी हर रात किसी नयी लड़की के साथ घर लौट ती और बेचारी रश्मि घुट - घुट कर अपने बेड - रूम मे रोती रहती ..इसका असर ये हुआ कि तनवी ने खुल कर घर मे नंगा नाच मचा दिया ..वो घर मे ना के बराबर कपड़े पहन्ति और अपनी मर्ज़ी के मुताबिक लड़कियों से यौन संबंध बनाती
एक दिन तनवी को पता चल गया कि उसकी मा छुप - छुप कर उसकी हरकतों को देखती है ..रश्मि की तरफ से कोई ऑब्जेक्षन ना होता जान तनवी की हिम्मत दुगनी हुई और वो पूरी तरह से लेज़्बीयन मे कॉनवर्ट हो गयी ..रह - रह कर होती घुटन से रश्मि ने बिस्तर पकड़ लिया और फिर वो कभी सही नही हो पाई
2 साल पूरे होने पर जीत यूएसए से घर लौटा ..वापस आते ही उसने रश्मि की हालत पर गौर किया लेकिन तब तक काफ़ी वक़्त बीत चुका था ..हर संभव इलाज करवाने पर भी जब रश्मि की मौत का दिन आया तब उसने जीत के सामने तनवी के लेज़्बीयन होने के राज़ को बे परदा किया और जीत से इस बात का वादा लिया कि वो तनवी को सुधार कर धूम - धाम से उसकी शादी करेगा ..ये आख़िरी शब्द थे जिन्हे बोलते हुए रश्मि ने सदा के लिए अपनी आँखें बंद कर ली ....
रश्मि के गुज़र जाने से जीत की दुनिया तो जैसे बर्बाद ही हो गयी ..वो पूरे दिन शराब के नशे मे रहने लगा यहाँ तक कि तनवी के लिए उसके दिल मे अब सिर्फ़ नफ़रत ही बची थी
वहीं दूसरी तरफ अपनी मा से बिछड़ जाने का तनवी को अफ़सोस तो ज़रूर हुआ लेकिन उसे ये वहज कतई पता नही चल पाई कि आख़िर रश्मि की तबीयत अचानक से खराब क्यों रहने लगी थी ..वैसे भी रश्मि ने एक बार भी अपनी बेटी की निजी ज़िंदगी पर कोई ऑब्जेक्षन नही उठाया था ..अगर वो तनवी को प्यार से समझाती तो शायद उसकी बेटी अपनी नॉर्मल लाइफ मे दोबारा लौट सकती थी ..जीत अपना पूरा दिन घर से बाहर बिताता ..देर रात घर लौट ता तो भी तनवी की मनहूस शकल देखने का मन नही करता ..नशे से बनाया ताल्लुक उसका गम हल्का करने को काफ़ी था
एक दिन शाम को जीत नशे की हालत मे जल्दी घर आ गया ..उस वक़्त तनवी मार्केट गयी हुई थी ..जीत ने घर खाली देख अपनी जेब से बची शराब की बोतल को बाहर निकाला और हॉल मे ही पीने लगा ..30 मिनट बाद दूसरी की से मेन गेट अनलॉक कर तनवी हॉल मे एंटर हुई ..ये पहली मर्तबा हो रहा था कि वो अपने डॅड को लाइव पीते देख रही थी ..खेर तनवी के मन मे उसके के लिए कोई बदलाव नही था और ना ही इस बात का अंदाज़ा कि जीत उसे रश्मि का कातिल मानता है
लगभग 10 दिनो बाद दोनो एक दूसरे के सामने आए थे ..तनवी इस बात से खुश हो कर दौड़ती हुई जीत के करीब पहुचि और सोफे पर उसके बगल मे बैठ गयी ..अब मा के बाद वही उसकी लाइफ मे अहेम रोल रखने वाला था
शादी के बाद जीत अपनी बीवी के साथ यूएसए चला गया ..वहाँ पर उसने जी भर के पैसा कमाया ..पर जो ख़ास बात उसमे शुरू से रही वो थी रश्मि के लिए उसका बेशुमार प्यार और जिस के चलते उसने जीते जी रश्मि को कोई दुख नही दिया ..भले ही शादी से पहले उसने इंडिया मे रह कर अपने बचपन के दोस्त दीप के साथ कयि जनाना जिस्म नोचे होंगे लेकिन रश्मि से शादी होने के बाद तो जैसे वो बिल्कुल पत्नी व्रता हो गया ..4 साल बाद तनवी का जनम हुआ और जीत - रश्मि का परिवार पूरा हो गया
15 साल तक दोनो मिया बीवी ने जम कर अपनी लाइफ को एंजाय किया ..फिर चाहे नॉर्मल लाइफ हो या सेक्स लाइफ ..जीत मर्द था तो पहल उसी की होती लेकिन एक बार शुरूवात होने के बाद रश्मि अपना वो रूप दिखाती जो शायद किसी बाज़ारू रंडी के भी बस के बाहर होता ..सेक्स के वक़्त वो इतना ज़ोरो से चिल्लाति थी कि घर के बाहर से गुज़रता हर इंसान उसकी सिसकियों से हैरान रह जाता
दोनो मिया बीवी ने कभी सेक्स को जल्दबाज़ी मे नही किया ..रात बीतने पर रश्मि उसे अपनी कातिल अदाओ से रिझाती ..धीरे - धीरे जीत उत्तेजित हो कर रश्मि को चूमता - चाट ता ..सहलाता ..गरम करता और जब चूत का लंड से असली मिलन होता तब दोनो इतने सिड्यूस्ड हो चुके होते कि झड़ने के बाद उन्हे अगले राउंड की कोई ज़रूरत ही नही पड़ती ..फुल सॅटिस्फॅक्षन उनके चेहरे को और भी ज़्यादा खुशनुमा बना देता
तनवी की उमर छोटी होने तक तो दोनो घर के किसी भी कोने या किसी भी वक़्त चुदाई कर पाते पर जैसे - जैसे उनकी बेटी का शारीरिक और मानसिक विकास हुआ ..उनके क्रिया कलापो मे अंतर आया ..फिर कुछ समाए पश्चात बात केवल रात पर पहुचि वो भी एक बंद कमरे मे ..आज़ादी के बन्दो को ऐसी सूं - चट चुदाई रास नही आई और सेक्स का खेल काफ़ी कम हो गया
एक बार जीत को किसी काम से जर्मनी जाना पर वो भी पूरे दो सालो के लिए ..उसने रस्मी और तनवी को अपने साथ ले जाने का फ़ैसला किया लेकिन रश्मि ने ये बोल कर उसे इनकार कर दिया कि तनवी की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा क्यों की अब वो अपनी हाइयर स्टडीस की तरफ बढ़ रही है
रश्मि की बात को समझ जीत अकेला जर्मनी के लिए निकल पड़ा और यहाँ यूएसए मे केवल मा और बेटी रह गये ..एक रात तनवी के साथ उसकी क्लासमेट सिम्मी उनके घर आई और डिन्नर कर रात मे ग्रूप स्टडी का बोल कर दोनो तनवी के रूम मे चली गयी ..रश्मि ने उस रात घर का काम निपटाया और सोने के लिए अपने कमरे की तरफ जा ही रही थी कि उसे तनवी के रूम से कुछ सिसकियाँ और आहें बाहर आती सुनाई दी ..एक एक्सपीरियेन्स्ड औरत को समझते देर नही लगी की उसकी बेटी के बंद कमरे मे आख़िर चल क्या रहा है ..उसने ना चाहते हुए भी डोर के की होल से अंदर झाँका तो उसका शक यकीन मे बदल गया
दोनो लड़कियाँ आपस मे चिपकी एक दूसरे को बुरी तारह से चूम रही थी ..बेड के पास रखे लॅपटॉप पर एक लेज़्बीयन मूवी के चलते सीन को दोनो हक़ीक़त का रूप देने मे व्यस्त थी
इस बात से पूरी तरह अंजान कि कमरे के बाहर खड़ी तनवी की मा बड़े आश्चर्य से उनकी करतूत पर नागाह डाले हुए है ..
रश्मि ने देखा कि कुछ देर बाद दोनो ने अपने कपड़ो को उतार कर दूर फेक दिया ..अब तनवी सिम्मी की गोद मे नंगी बैठी थी और सिम्मी उसके बूब्स बड़ी बेरहमी से चूस रही थी
कुछ देर बाद नज़ारा तेज़ी से बदला और सिम्मी ने तनवी की चूत चाट कर उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया एक हाथ से वो खुद की चूत भी मसल रही थी
दोनो कुवारि कन्याओं ने जी भर कर एक दूसरे की छेड़ - छाड़ का आनंद लिया और ये देख कर रश्मि बड़े भारी मन से अपने बेड - रूम मे एंटर हुई लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी ..विदेशी परिवेश का इतना गहरा असर तनवी पर पड़ेगा रश्मि ने इसकी कल्पना तक नही थी ..उसने तुरंत अपने पति को इस घटना से रूबरू करवाना चाहा लेकिन जीत का परेशान होना ध्यान मे आते ही उसने तनवी को इस तरह के अप्राक्रातिक संबंधो से बाहर लाने का विचार किया ..लेकिन कैसे बस वो इसी सोच मे डूबी थी
अब तनवी हर रात किसी नयी लड़की के साथ घर लौट ती और बेचारी रश्मि घुट - घुट कर अपने बेड - रूम मे रोती रहती ..इसका असर ये हुआ कि तनवी ने खुल कर घर मे नंगा नाच मचा दिया ..वो घर मे ना के बराबर कपड़े पहन्ति और अपनी मर्ज़ी के मुताबिक लड़कियों से यौन संबंध बनाती
एक दिन तनवी को पता चल गया कि उसकी मा छुप - छुप कर उसकी हरकतों को देखती है ..रश्मि की तरफ से कोई ऑब्जेक्षन ना होता जान तनवी की हिम्मत दुगनी हुई और वो पूरी तरह से लेज़्बीयन मे कॉनवर्ट हो गयी ..रह - रह कर होती घुटन से रश्मि ने बिस्तर पकड़ लिया और फिर वो कभी सही नही हो पाई
2 साल पूरे होने पर जीत यूएसए से घर लौटा ..वापस आते ही उसने रश्मि की हालत पर गौर किया लेकिन तब तक काफ़ी वक़्त बीत चुका था ..हर संभव इलाज करवाने पर भी जब रश्मि की मौत का दिन आया तब उसने जीत के सामने तनवी के लेज़्बीयन होने के राज़ को बे परदा किया और जीत से इस बात का वादा लिया कि वो तनवी को सुधार कर धूम - धाम से उसकी शादी करेगा ..ये आख़िरी शब्द थे जिन्हे बोलते हुए रश्मि ने सदा के लिए अपनी आँखें बंद कर ली ....
रश्मि के गुज़र जाने से जीत की दुनिया तो जैसे बर्बाद ही हो गयी ..वो पूरे दिन शराब के नशे मे रहने लगा यहाँ तक कि तनवी के लिए उसके दिल मे अब सिर्फ़ नफ़रत ही बची थी
वहीं दूसरी तरफ अपनी मा से बिछड़ जाने का तनवी को अफ़सोस तो ज़रूर हुआ लेकिन उसे ये वहज कतई पता नही चल पाई कि आख़िर रश्मि की तबीयत अचानक से खराब क्यों रहने लगी थी ..वैसे भी रश्मि ने एक बार भी अपनी बेटी की निजी ज़िंदगी पर कोई ऑब्जेक्षन नही उठाया था ..अगर वो तनवी को प्यार से समझाती तो शायद उसकी बेटी अपनी नॉर्मल लाइफ मे दोबारा लौट सकती थी ..जीत अपना पूरा दिन घर से बाहर बिताता ..देर रात घर लौट ता तो भी तनवी की मनहूस शकल देखने का मन नही करता ..नशे से बनाया ताल्लुक उसका गम हल्का करने को काफ़ी था
एक दिन शाम को जीत नशे की हालत मे जल्दी घर आ गया ..उस वक़्त तनवी मार्केट गयी हुई थी ..जीत ने घर खाली देख अपनी जेब से बची शराब की बोतल को बाहर निकाला और हॉल मे ही पीने लगा ..30 मिनट बाद दूसरी की से मेन गेट अनलॉक कर तनवी हॉल मे एंटर हुई ..ये पहली मर्तबा हो रहा था कि वो अपने डॅड को लाइव पीते देख रही थी ..खेर तनवी के मन मे उसके के लिए कोई बदलाव नही था और ना ही इस बात का अंदाज़ा कि जीत उसे रश्मि का कातिल मानता है
लगभग 10 दिनो बाद दोनो एक दूसरे के सामने आए थे ..तनवी इस बात से खुश हो कर दौड़ती हुई जीत के करीब पहुचि और सोफे पर उसके बगल मे बैठ गयी ..अब मा के बाद वही उसकी लाइफ मे अहेम रोल रखने वाला था