• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पापी परिवार

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
रश्मि रॉय :- जीत की पत्नी और तनवी की मा

शादी के बाद जीत अपनी बीवी के साथ यूएसए चला गया ..वहाँ पर उसने जी भर के पैसा कमाया ..पर जो ख़ास बात उसमे शुरू से रही वो थी रश्मि के लिए उसका बेशुमार प्यार और जिस के चलते उसने जीते जी रश्मि को कोई दुख नही दिया ..भले ही शादी से पहले उसने इंडिया मे रह कर अपने बचपन के दोस्त दीप के साथ कयि जनाना जिस्म नोचे होंगे लेकिन रश्मि से शादी होने के बाद तो जैसे वो बिल्कुल पत्नी व्रता हो गया ..4 साल बाद तनवी का जनम हुआ और जीत - रश्मि का परिवार पूरा हो गया

15 साल तक दोनो मिया बीवी ने जम कर अपनी लाइफ को एंजाय किया ..फिर चाहे नॉर्मल लाइफ हो या सेक्स लाइफ ..जीत मर्द था तो पहल उसी की होती लेकिन एक बार शुरूवात होने के बाद रश्मि अपना वो रूप दिखाती जो शायद किसी बाज़ारू रंडी के भी बस के बाहर होता ..सेक्स के वक़्त वो इतना ज़ोरो से चिल्लाति थी कि घर के बाहर से गुज़रता हर इंसान उसकी सिसकियों से हैरान रह जाता

दोनो मिया बीवी ने कभी सेक्स को जल्दबाज़ी मे नही किया ..रात बीतने पर रश्मि उसे अपनी कातिल अदाओ से रिझाती ..धीरे - धीरे जीत उत्तेजित हो कर रश्मि को चूमता - चाट ता ..सहलाता ..गरम करता और जब चूत का लंड से असली मिलन होता तब दोनो इतने सिड्यूस्ड हो चुके होते कि झड़ने के बाद उन्हे अगले राउंड की कोई ज़रूरत ही नही पड़ती ..फुल सॅटिस्फॅक्षन उनके चेहरे को और भी ज़्यादा खुशनुमा बना देता

तनवी की उमर छोटी होने तक तो दोनो घर के किसी भी कोने या किसी भी वक़्त चुदाई कर पाते पर जैसे - जैसे उनकी बेटी का शारीरिक और मानसिक विकास हुआ ..उनके क्रिया कलापो मे अंतर आया ..फिर कुछ समाए पश्‍चात बात केवल रात पर पहुचि वो भी एक बंद कमरे मे ..आज़ादी के बन्दो को ऐसी सूं - चट चुदाई रास नही आई और सेक्स का खेल काफ़ी कम हो गया

एक बार जीत को किसी काम से जर्मनी जाना पर वो भी पूरे दो सालो के लिए ..उसने रस्मी और तनवी को अपने साथ ले जाने का फ़ैसला किया लेकिन रश्मि ने ये बोल कर उसे इनकार कर दिया कि तनवी की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा क्यों की अब वो अपनी हाइयर स्टडीस की तरफ बढ़ रही है

रश्मि की बात को समझ जीत अकेला जर्मनी के लिए निकल पड़ा और यहाँ यूएसए मे केवल मा और बेटी रह गये ..एक रात तनवी के साथ उसकी क्लासमेट सिम्मी उनके घर आई और डिन्नर कर रात मे ग्रूप स्टडी का बोल कर दोनो तनवी के रूम मे चली गयी ..रश्मि ने उस रात घर का काम निपटाया और सोने के लिए अपने कमरे की तरफ जा ही रही थी कि उसे तनवी के रूम से कुछ सिसकियाँ और आहें बाहर आती सुनाई दी ..एक एक्सपीरियेन्स्ड औरत को समझते देर नही लगी की उसकी बेटी के बंद कमरे मे आख़िर चल क्या रहा है ..उसने ना चाहते हुए भी डोर के की होल से अंदर झाँका तो उसका शक यकीन मे बदल गया

दोनो लड़कियाँ आपस मे चिपकी एक दूसरे को बुरी तारह से चूम रही थी ..बेड के पास रखे लॅपटॉप पर एक लेज़्बीयन मूवी के चलते सीन को दोनो हक़ीक़त का रूप देने मे व्यस्त थी

इस बात से पूरी तरह अंजान कि कमरे के बाहर खड़ी तनवी की मा बड़े आश्चर्य से उनकी करतूत पर नागाह डाले हुए है ..

रश्मि ने देखा कि कुछ देर बाद दोनो ने अपने कपड़ो को उतार कर दूर फेक दिया ..अब तनवी सिम्मी की गोद मे नंगी बैठी थी और सिम्मी उसके बूब्स बड़ी बेरहमी से चूस रही थी

कुछ देर बाद नज़ारा तेज़ी से बदला और सिम्मी ने तनवी की चूत चाट कर उसे झड़ने पर मजबूर कर दिया एक हाथ से वो खुद की चूत भी मसल रही थी

दोनो कुवारि कन्याओं ने जी भर कर एक दूसरे की छेड़ - छाड़ का आनंद लिया और ये देख कर रश्मि बड़े भारी मन से अपने बेड - रूम मे एंटर हुई लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी ..विदेशी परिवेश का इतना गहरा असर तनवी पर पड़ेगा रश्मि ने इसकी कल्पना तक नही थी ..उसने तुरंत अपने पति को इस घटना से रूबरू करवाना चाहा लेकिन जीत का परेशान होना ध्यान मे आते ही उसने तनवी को इस तरह के अप्राक्रातिक संबंधो से बाहर लाने का विचार किया ..लेकिन कैसे बस वो इसी सोच मे डूबी थी

अब तनवी हर रात किसी नयी लड़की के साथ घर लौट ती और बेचारी रश्मि घुट - घुट कर अपने बेड - रूम मे रोती रहती ..इसका असर ये हुआ कि तनवी ने खुल कर घर मे नंगा नाच मचा दिया ..वो घर मे ना के बराबर कपड़े पहन्ति और अपनी मर्ज़ी के मुताबिक लड़कियों से यौन संबंध बनाती

एक दिन तनवी को पता चल गया कि उसकी मा छुप - छुप कर उसकी हरकतों को देखती है ..रश्मि की तरफ से कोई ऑब्जेक्षन ना होता जान तनवी की हिम्मत दुगनी हुई और वो पूरी तरह से लेज़्बीयन मे कॉनवर्ट हो गयी ..रह - रह कर होती घुटन से रश्मि ने बिस्तर पकड़ लिया और फिर वो कभी सही नही हो पाई

2 साल पूरे होने पर जीत यूएसए से घर लौटा ..वापस आते ही उसने रश्मि की हालत पर गौर किया लेकिन तब तक काफ़ी वक़्त बीत चुका था ..हर संभव इलाज करवाने पर भी जब रश्मि की मौत का दिन आया तब उसने जीत के सामने तनवी के लेज़्बीयन होने के राज़ को बे परदा किया और जीत से इस बात का वादा लिया कि वो तनवी को सुधार कर धूम - धाम से उसकी शादी करेगा ..ये आख़िरी शब्द थे जिन्हे बोलते हुए रश्मि ने सदा के लिए अपनी आँखें बंद कर ली ....

रश्मि के गुज़र जाने से जीत की दुनिया तो जैसे बर्बाद ही हो गयी ..वो पूरे दिन शराब के नशे मे रहने लगा यहाँ तक कि तनवी के लिए उसके दिल मे अब सिर्फ़ नफ़रत ही बची थी

वहीं दूसरी तरफ अपनी मा से बिछड़ जाने का तनवी को अफ़सोस तो ज़रूर हुआ लेकिन उसे ये वहज कतई पता नही चल पाई कि आख़िर रश्मि की तबीयत अचानक से खराब क्यों रहने लगी थी ..वैसे भी रश्मि ने एक बार भी अपनी बेटी की निजी ज़िंदगी पर कोई ऑब्जेक्षन नही उठाया था ..अगर वो तनवी को प्यार से समझाती तो शायद उसकी बेटी अपनी नॉर्मल लाइफ मे दोबारा लौट सकती थी ..जीत अपना पूरा दिन घर से बाहर बिताता ..देर रात घर लौट ता तो भी तनवी की मनहूस शकल देखने का मन नही करता ..नशे से बनाया ताल्लुक उसका गम हल्का करने को काफ़ी था

एक दिन शाम को जीत नशे की हालत मे जल्दी घर आ गया ..उस वक़्त तनवी मार्केट गयी हुई थी ..जीत ने घर खाली देख अपनी जेब से बची शराब की बोतल को बाहर निकाला और हॉल मे ही पीने लगा ..30 मिनट बाद दूसरी की से मेन गेट अनलॉक कर तनवी हॉल मे एंटर हुई ..ये पहली मर्तबा हो रहा था कि वो अपने डॅड को लाइव पीते देख रही थी ..खेर तनवी के मन मे उसके के लिए कोई बदलाव नही था और ना ही इस बात का अंदाज़ा कि जीत उसे रश्मि का कातिल मानता है

लगभग 10 दिनो बाद दोनो एक दूसरे के सामने आए थे ..तनवी इस बात से खुश हो कर दौड़ती हुई जीत के करीब पहुचि और सोफे पर उसके बगल मे बैठ गयी ..अब मा के बाद वही उसकी लाइफ मे अहेम रोल रखने वाला था
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
" डॅड ये बोतल छोड़ो मैं कुछ खाने को ला देती हूँ "

तनवी ने बड़े प्यार से उसे समझाते हुए शराब का ग्लास छीन ने की कोशिश की ..जीत ने एक नज़र उसके मुस्कुराते चेहरे को घूर कर देखा और अगले ही पल वो ज़ोर से चिल्लाया

" दूर हो जा मेरी नज़रो के सामने से "

लाइफ मे पहली बार तनवी अपने डॅड से घबराई ..माना रश्मि के गुज़रने के बाद वो काफ़ी अकेला पन महसूस कर रहा था लेकिन इसका ये मतलब नही कि वो अपनी औलाद को ही भूल जाए

" डॅड आप ने बहुत पी ली है ..अब छोड़ो ग्लास को "

तनवी ने उसकी बात को अनसुना करते हुए ग्लास पर अपनी पकड़ मज़बूत कर दी

" देख तनवी मैं तुझे आख़िरी बार वॉर्न कर रहा हूँ ..मुझे अकेला छोड़ दे "

जीत ने उसे सोफे से धकेल कर कहा और नतीजा ये हुआ कि शराब का ग्लास ज़मीन पर गिर कर टूट गया

" मैने कहा ना जा यहाँ से "

ग्लास फूटने से जीत फिर चिल्लाया

" बस बहुत हुआ डॅड कब तक ऐसी नशे की ज़िंदगी से जुड़े रहेंगे ..मोम के जाने का दुख मुझे भी है लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं सारे काम काज छोड़ कर ..शराब पीती रहूं ..हटो मैं ये बॉटल रख के आती हूँ "

हलाकी ये बात तनवी ने गुस्से का नाटक करते हुए जीत से कही लेकिन उसकी बात सुन जीत अपने आपे से बाहर हो गया ..बाकी बचा काम शराब पूरा करने को काफ़ी थी

" चटाकककककककक.......... "

इस से पहले तनवी के हाथ टेबल पर रखी बॉटल को उठा पाते जीत ने पूरी ताक़त से उसके गाल पर थप्पड़ मार दिया ..थप्पड़ की गूँज पूरे हॉल मे सुनाई दी और तनवी सोफे से नीचे गिर पड़ी ..एक पल को तो जीत भी हैरान हुआ कि ये उसने क्या कर दिया लेकिन अगले ही पल उसे राशि की कही सारी बातें याद आने लगी

" साली कुतिया ..सिर्फ़ तेरी वजह से मेरी बीवी इस दुनियाँ से रुखसत हुई है और हिम्मत तो देखो मुझसे ज़ुबान लड़ाती है "

जीत ने तनवी को ज़मीन से ऊपर उठाने की कोई कोशिश नही की बल्कि ऊपर से एक लात और मारी लेकिन तनवी थोड़ा दूर खिसक कर उस चोट से बच गयी

" व्हाट ..यू मीन मैने मोम को मारा ? "

तनवी ने अपना चेहरा जीत की तरफ घुमाते हुए पूछा ..उसके गाल पर जीत की पाँचो उंगलियाँ उभर आई थी ..लेकिन अपने दर्द की परवाह ना करते हुए वो फिर से जीत के करीब आ गयी

" हां छिनाल तूने मारा मेरी रश्मि को ..बहुत शौक है ना तुझे लौन्डियो से चुदने का ..आज मैं तेरी सारी भूख शांत कर दूँगा "

ये बोल कर जीत ने तनवी के करीब आते ही अपने हाथ से उसकी मुलायम गर्दन को दबोचा और पूरी ताक़त लगा कर दबाने लगा ..इंसान से वहशी बन चुका वो दरिन्दा एक छोटी सी ग़लत फहमी के चलते अपनी फूल सी नाज़ुक बेटी को जान से मारने पर उतारू हो गया था

गला दबने से तनवी बुरी तरह से फड़फड़ाने लगी ..उसकी साँस पूरी बिल्कुल रुक गयी ..मरता क्या ना करता ..जब पुरज़ोर कोशिशों के बाद भी वो छूट नही पाई तो उसने ने अपना घुटना मोड़ कर जीत के टट्टो पर दे मारा ..हलाकी ये बस उसने जीत की पकड़ से आज़ाद होने के लिए किया था ..जीत के हाथ अपने आप उसके गले से हट गये ..वो ज़ोर से चीखा और सोफे पर गिर पड़ा

" तनवीीईईईई....... "

जीत के मूँह से निकली दर्द भरी चीख और हाथो से उसे अपना लंड मसल्ते देख तनवी होश मे आते ही फिर से उसके करीब आने की ग़लती कर बैठी

" डॅड आइ'म सॉरी ..मैने जान कर नही किया "

तनवी ने उसे तड़प्ते देख अपनी ग़लती के लिए माफी माँगते हुए कहा ..जीत की आँखें बंद थी और वो बहुत तेज़ी से साँसे ले रहा था ..उसके चेहरे पर आते दर्द के भाव देख तनवी का दिल पसीज गया और वो रोने लगी

" हाथ हटाओ डॅड ..मुझे देखना है कहीं ज़्यादा तो नही लगी "

तनवी ने बिना कुछ सोचे समझे जीत का हाथ उसके लंड से हटाया और अगले पल एक बेटी के हाथ मे अपने बाप का सोया हुया लंड था ..उसका हाथ अपने लंड पर पड़ने के बाद भी जीत ने कोई हरकत नही की ..शायद चोट के चलते उसके दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था

" अहह....... "

लगातार निकलती दर्द भरी आहों का ये नतीजा हुआ कि तनवी ने उसके सर को सोफे पर टिका कर रिलॅक्स करवाया और अपने मन को मजबूत कर उसकी जीन्स खोलने लगी ..बेल्ट निकाल कर उसने ज़मीन पर फेका और बटन अनलॉक कर जीन्स के अंदर अपना हाथ डाल दिया ..जीत का सोया लंड अब डाइरेक्ट उसके हाथ की गिरफ़्त मे था ..लंड के सुपाडे पर तनवी की उंगलियों की खुरचन से जीत का होश लौटने लगा ..हलाकी तनवी ने ये सिर्फ़ अपने डॅड के प्रति प्यार की खातिर किया था लेकिन उसके कोमल हाथो के स्पर्श से लंड के खून मे उबाल आने लगा

" डॅड आर यू ओके ..ये जीन्स बहुत टाइट है इसे उतारना पड़ेगा "

तनवी ने अपने दूसरे हाथ से जीत का गाल थप - थपा कर कहा

" डॅड आप सुन रहे हो "

तनवी के इतना बोलते ही जीत ने अपनी आँखें खोली और बेटी का हाथ जीन्स के अंदर से लंड को मसलता पाया ..शराब ..बीवी की मौत ..और अब खड़े होते लंड से बढ़ती दिमागी हवस ..तीनो काफ़ी थे उसका कंट्रोल खोने के लिए

" साली अपने बाप को मारती है ..रुक बता ता हू तुझे दर्द क्या होता है "

जीत होश मे आ कर ऐसी बात करेगा तनवी को यकीन नही था ..उसने डर के मारे अपना हाथ जीन्स के बाहर खीच लिया ..कुछ देर पहले मिले मौके का फ़ायदा उठा कर वो अपने कमरे मे खुद को बंद कर सकती थी मगर किस्मत ..अब वो फिर से जीत की पकड़ मे थी

" डॅड लीव मी मैने जान कर नही किया ..लेट मी एक्सप्लेन डॅड "

तनवी की बात को अनसुना करते हुए जीत ने उसे अपने ऊपर खीचा और अगले ही पल वो जीत की जाँघो पर पेट के बल लेटी थी

" आज मैं तेरा वो हाल करूँगा कि तुझे खुद से नज़रत हो जाएगी "

बोलते देर नही हुई कि जीत ने उसके लोंग वाइट टॉप कम स्कर्ट को उसकी कमर के ऊपर चढ़ाया और नीली पैंटी को नीचे खीच कर उतारने लगा

क्रमशः................................................
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
पापी परिवार--6


" डॅड छोड़ो मुझे ..मैं आपकी बेटी हूँ ..लीव मी डॅड "

तनवी ने रोते हुए उससे बचने की गुहार लगाई लेकिन जब तक जीत पैंटी को उतार कर दूर फेक चुका था ..बड़े - बड़े मखमली चूतडो से जीत की आँखें चमक उठी ..जो दर्द मिटाने के लिए तनवी ने उसके लंड को मसला था अब वो उसी लंड रूपी दिमाग़ से अपनी बेटी को देख रहा था

" चटाकककककक..... "

एक ज़ोर का थप्पड़ तनवी के गोरे चूतडो पर पड़ा

" आाआईयईई........ डॅड ..लीव मी "

तनवी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर जीत के हाथ को रोकने की कोशिश की

" हाथ दूर कर वरना और ज़ोर से मारूँगा "

जीत ने उसका हाथ मरोड़ कर कहा पर तनवी ने छटपटाना बंद नही किया

" लगता है तू ऐसे नही मानेगी "

जीत ने उसे ज़मीन पर गिराते हुए कहा ..तनवी ने फ्लोर से उठने की कोशिश मे अपने हाथ से टेबल को पकड़ा और घुटनो के सहारे खुद को खड़ा करने लगी

" फॅट - फॅट ..फॅट - फॅट "

जीत ने फ्लोर पर पड़ी खुद की बेल्ट से उसके चूतडो पर वार करना चालू कर दिया ..तनवी की चीखों की परवाह ना करते हुए उसने पूरे चूतडो पर खून निकाल दिया

" बोल कमीनि अब मारेगी अपने बाप को "

जीत ने हैवानी की हर हद को पार करते हुए उसे जम कर पीटा

" आहह...... डॅड ..कभी नही करूँगी "

तनवी दर्द से बहाल हो कर ज़मीन पर लॉट लगाने लगी ..चुतडो के साथ अब जीत की आँखों ने अपनी बेटी की वर्जिन चूत को भी जी भर कर देखा ..बीवी की मौत का इससे अच्छा बदला वो कभी नही ले पाता ..तनवी मे उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ रश्मि के कातिल होने की छवि दिखाई दे रही थी

" चल अपना टॉप उतार और मुझे नंगा कर "

जीत ने हंसते हुए उसे ऑर्डर दिया ..तनवी की आँखों से निकलते आँसू और दर्द की चीखो से उसे असीम आनंद की प्राप्ति हुई

" डॅड ऐसा मत करो मैं आप की बेटी हूँ "

तनवी ने अपने हाथ जोड़ कर उससे रहम की भीख माँगी

" बेटी नही रखेल बोल ..आज मैं तुझे लंड की उपयोगिता से रूबरू कर्वाउन्गा ..तब जा कर तुझे पता चलेगा कि सिर्फ़ अपनी चूत चटवा लेने से लड़की औरत नही बनती ..चल फटाफट बिना किसी ऑब्जेक्षन के नंगी हो जा "

जीत ने बेल्ट को हवा मे घुमा कर बोला ..तनवी ने डर के मारे अपने टॉप को झट से उतार फेका ..वो समझ गयी कि आज जीत उसे कताई नही छोड़ेगा

" शब्बाश मेरी चुद्दो रानी ..अब जल्दी से मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर "

तनवी नंगी खड़ी हाथो से अपना यौवन छुपाये हुए रो रही थी ..उसकी हिम्मत नही हुई जीत को हाथ लगाने की

" चटाकककक..... "

बेल्ट के एक और प्रहार ने जीत का काम आसान कर दिया ..तनवी ने झट से उसकी टी-शर्ट को उतार कर फ्लोर पर गिरा दिया

" चल अब घुटनो पर बैठ कर मेरा जीन्स उतार "

जीत खुद उसके सर पर दवाब बनाते हुए उसे ज़मीन पर बिठाने लगा

" डॅड हम बातों से सारी ग़लत फहमियाँ दूर कर लेंगे ..लीव मी "

तनवी की बात सुन जीत ने उसके खुले बालो को पूरी ताक़त से खीचते हुए उसे लताड़ दिया

" ग़लत - फहमी ..चल वो सब बाद मे ..अभी मेरा जीन्स खोल "

ना चाहते हुए भी तनवी के हाथो ने जीन्स को ब्रीफ सहित नीचे खीच दिया लेकिन उसकी आँखें कतई उसके हाथो का साथ नही दे रही थी

" अपनी आँखें खोल तनवी "

जीत ने बाल की पकड़ से उसका चेहरा अपने खड़े लंड की तरफ़ खीच कर कहा

" आआईयईईई...... डॅड "

तनवी ने बालो के दर्द से मूँह तो खोला लेकिन उसकी आँखें अभी भी बंद थी

" तनवी ये लास्ट बार कह रहा हूँ अपनी आँखें खोल ले ..वरना तुझे इतना मारूँगा कि सदा के लिए तेरी आँखें बंद हो जाएँगी "

जीत ने अपनी पकड़ को बालो पर मजबूत करते हुए कहा ..मजबूरी मे तनवी को उसकी बात मान नी पड़ी और अगले ही पल जीत का खड़ा भयानक लंड उसके गाल पर थपकी दे रहा था

" कैसा लगा अपने बाप का लंड बेटी ? "

जीत ने हँसते हुए उससे पूछा मगर तनवी खामोश रही ..ये उसकी लाइफ का पहला लाइव लंड था जो उसकी आँखों के इतना करीब था वो भी उसके सगे बाप का

" बोल कुतिया कैसा लगा अपने बाप का लंड और मुझे मेरे हर सवाल का जवाब हां मे चाहिए ..समझी ना तू "

जीत ने लंड के सुपाडे को उसके नरम होंठो पर घिसते हुए कहा

" हां "

तनवी ने बेहद धीमी आवाज़ मे जवाब दिया

" क्या हां ..अरे मैं पूछ रहा हूँ कैसा लंड है तेरे डॅड का जिससे तूने इस दुनिया मे कदम रखा ..बोल ? "

जीत ने फिर से हँसते हुए पूछा ..तनवी की ऐसी हालत देख वो बेहद प्रसन्न था

" अच्छा है "

तनवी रोते हुए बोली पर आवाज़ का स्तर अभी भी कमजोर था
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
" पूरा बोल ..यहाँ कोई शॉर्ट टर्म क्वेस्चन नही चल रहे "

जीत ने हुंकार भरी

" डॅड आप का लंड अच्छा है "

तनवी के मूँह से लंड नामक देशी शब्द सुन कर जीत को परम संतोष हुआ

" तो अपने बाप का लंड चूसेगी नही ..जवाब तुझे पता है क्या देना है और पूरा सेंटेन्स बोलना "

जीत ने उसके एक बूब को बुरी तरह मसल कर कहा ..तनवी के शरीर पर ये पहला मर्दाना टच था वो भी किसी गैर इंसान का नही अपने बाप का

" हां डॅड मैं आप का लंड चूसुन्गि "

तनवी ने जवाब तो दिया लेकिन सिर्फ़ मार के डर की वजह से

" तो सूंघ इसे और बता कैसी खुश्बू है इसकी "

जीत ने सुपाडे को उसकी नाक से सटा कर कहा ..तनवी को सूंघना पड़ा और पहली बार उसने अपने अंदर आता सेडक्षन महसूस किया

" अच्छी खुश्बू है डॅड "

जीत ने अपने लंड की तारीफ़ सुन ठहाका लगाया

" वही तो मैं भी कहना चाहता था कि औरत की असली प्यास सिर्फ़ लंड ही बुझा सकता है ..चल फटाफट चूस इसे और अगर तेरे दांतो ने कोई भी ग़लत हरकत की तो तू सच मे जान से जाएगी "

जीत ने इतना बोल कर उसी बूब के निपल को बुरी तरह से दबा दिया तनवी की चीख से उसका मूँह खुला और अगले ही पल जीत का साढ़े सात इंच का लंड हाफ तनवी के मूँह मे था और वो बुरी तरह से चौंक हो गयी

" अहह..... तनवी ..यू लुक लाइक आ रियल स्लुट ..सक इट बेबी ..प्यार कर इससे ..तेरी किस्मत मे तेरे डॅड का लंड लिखा है "

तनवी के मूँह मे लंड जाते ही जीत की आह निकल गयी ..उसके लंड की गोलाई के मुक़ाबले उसकी बेटी का मूँह काफ़ी छोटा था ..जीत को एहसाह हुआ जैसे किसी कुँवारी चूत मे अपना लंड घुसेड दिया हो

" चल मेरी आँखों मे देखते हुए चूसना चालू कर "

अब तक तनवी ने मूँह को ज़रा भी नही हिलाया था ..उसने आँखें ऊपर उठाई तो अपने वहशी बाप का हँसता चेहरा दिखाई दिया ..जिसे देख तनवी के आँसू और तेज़ी से बहने लगे

" नही आता चूसना मेरी बच्ची को ..चल मैं सिखाता हूँ ..मेरे लंड की टिप पर अपनी जीभ से मालिश कर और अपने होंठो से जैसे लॉलीपोप चूस्ति है वैसे चूस "

जीत की बात सुन तनवी ने कोई रेयेक्सन नही दिया बस वो रोती आँखों से अपने बाप के चेहरे को देखे जा रही थी ..जीत ने एक करारा शॉट मारा और लंड जड़ समेत उसके गले तक उतर गया ..तनवी की चिन टट्टो से और सर उसके पेट से चिपक गया

तनवी ने अपना दर्द बताने की गरज से जीत के चूतडो पर अपने हाथो का दवाब डाला क्यों कि जीत ने मस्त हो कर अपने शरीर को तनवी पर झुका लिया था

वो छटपटाती रही और लगभग 10 - 15 सेक एंजाय करने के बाद जीत ने आधा लंड वापस बाहर खीच लिया

" हाए रे अब पता चला तड़प क्या होती है ..तेरी मा तेरे लेज़्बीयन होने की बात सह नही पाई और उसे इस दुनिया से जाना पड़ा ..मैं सिर्फ़ उससे किए वादे को पूरा कर रहा हूँ तुझे सुधार कर धूम धाम से तेरी शादी करूँगा "

जीत के मूँह से ये बात निकली और अलगे ही पल उसने तनवी के बालो को छोड़ दिया ..उसका सारा नशा एक पल मे काफूर हो गया ..थूक से सना लंड तनवी के मूँह से पूरा बाहर निकल आया

तनवी उसकी पकड़ से आज़ाद होते ही खाँसती हुई ज़मीन पर लेट गयी और जीत तेज़ कदमो से चलता हुआ अपने कमरे मे आ गया

रूम की दीवार पर टन्गी अपने परिवार की तस्वीर देख जीत पूरे 2 घंटे रोता रहा ..उसने खुद को जान से मारने के लिए फाँसी का फँदा बनाया लेकिन तनवी के अनाथ होने का सोच कर उस पर झूलने की हिम्मत नही जुटा पाया ..मन मे फ़ैसला किया कि वो अपनी ग़लती को सुधारेगा और यही सोचते हुए वो कमरे से बाहर निकला

तनवी के रूम मे जाने के लिए उसे हॉल को पार करना था ..हॉल मे आते ही उसके बढ़ते कदम रुक गये ..देखा तो तनवी अभी भी ज़मीन पर लेटी थी ..जीत दौड़ कर उसके पास पहुचा

" तनवीीईई...... "

4 - 5 बार जीत ने उसे आवाज़ दी लेकिन तनवी बेहोश पड़ी थी ..जीत ने उसे गोद मे उठाया और उसके कमरे की तरफ बढ़ गया ..बेड पर उसे लिटाने के बाद जीत की नज़र उसके चूतडो पर बने चोट के निशानो पर पड़ी जिन्हे थोड़ी देर पहले जीत ने खुद अपनी बेल्ट से मार - मार कर बनाया था

उसने अपने काँपते हाथ को घाव पर रखा ही था कि तनवी नींद मे भी दर्द महसूस कर छट - पटाने लगी ..जीत ने रोते हुए एक बार तनवी के बालो मे अपना हाथ फेरा और उसके कमरे से बाहर निकल गया

हॉल की टेबल पर रखी शराब की बॉटल उसने डस्टबिन मे फेक दी और कसम खाई कि आज के बाद वो अपनी बेटी को सिर्फ़ प्यार ही प्यार देगा ....

अगले दिन सुबह 7 बजे तनवी की नींद खुली ..रात को हुई घटना के कुछ अंश उसके जेहन मे मौज़ूद थे ..करवट लेते वक़्त उसे अपने पिछवाड़े मे दर्द हुआ और वो कराह उठी ..जैसे तैसे बेड का स्टॅंड पॉइंट पकड़ कर उसने खुद को बिठा पाई

" मैं तो हॉल मे थी फिर अपने कमरे मे कैसे आई और ये कपड़े "

रात को जीत जब उसे हॉल से उठा कर कमरे मे लाया तब तनवी पूरी तरह से बेहोश थी ..कमरे मे लाने के बाद जीत ने उसके वॉर्डरोब से कपड़े निकाल कर उसका नंगा बदन ढका ..वो चाहता था कि तनवी के घाव पर दावा भी लगा दे लेकिन उससे दोबारा अपनी बेटी का न्यूड बदन छुना गवारा नही हुआ और वो कमरे से बाहर निकल कर हॉल के सोफे पर बैठे - बैठे सो गया

तनवी सोच मे डूब गयी कि उसकी मा ने दम तोड़ने से पहले जीत से क्या कहा था ..लेज़्बीयन वाली बात से अगर रश्मि के दिल को इतनी ही चोट पहुचि थी तो क्या वो एक बार तनवी को टोक नही सकती थी ..दुनिया मे हर इंसान की पसंद - ना पसंद अलग होती है फिर चाहे वो रोज़मर्रा की बातें हों या सेक्स से जुड़ी
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
तनवी शुरू से सिंगल सेक्स एजुकेशन स्कूल मे पढ़ी ..मर्द के नाम पर उसने सिर्फ़ जीत को जाना था ..दिन के वक़्त वो अपनी स्कूल फ्रेंड्स के साथ बिताती और रात का टाइम मोम - डॅड के साथ ..जीत अपने बिज़्नेस के काम मे बिज़ी रहता और रश्मि अपने नेचर की वजह से तनवी से दूर थी

अक्सर देर रात जब जीत तनवी के कमरे मे उससे मिलने जाता उस वक़्त उसकी बेटी अपने सपनो की दुनिया मे होती और सुबह जब तनवी स्कूल के लिए निकलती तब जीत उसे सोता मिलता

पेरेंट्स और बच्चो के बीच अगर बातचीत का गॅप बढ़े तो ये दोनो के लिए खराब होता है

एक दिन स्कूल मे तनवी वॉशरूम मे सूसू कर रही थी ..इस के बाद उसने खड़े हो कर अपने कपड़े सही किए और टाय्लेट से बाहर जाने लगी ..उसने देखा गेट अंदर से लॉक था

" अभी 5 मिनट पहले तो मैं यहाँ आई थी फिर ये गेट किसने बंद किया "

उसके मूँह से निकला और वो वापस गेट से अंदर की साइड लौट गयी ..थोड़ा आगे पहुच कर उसने महसूस किया कि वॉश बेसिन के पास कोई है ..वो दीवार के दूसरी तरफ बने सीनियर गर्ल्स के टाय्लेट मे एंटर हुई और सामने बनी पट्टी पर वो सीन चल रहा था जिसे देख कर तनवी के होश उड़ गये ..स्कूल की सबसे सीनियर क्लास की 2 लड़कियाँ टाय्लेट मे मौजूद थी ..तनवी ने देखा कि एक लड़की पट्टी पर अपनी टांगे चौड़ा कर बैठी है और दूसरी लड़की का मूँह उसने अपनी टाँगो मे फसा रखा था ..पट्टी पर बैठी लड़की ( जया ) की आँखें बंद और अपने हाथ से दूसरी ( निशा ) के बाल सहलाते हुए तेज़ी से साँसे भी ले रही थी ..तनवी के लिए ये पहला सेक्स सीन था ..वो हैरान हो कर दोनो की कारिस्तानी पर अपनी नज़रे जमाए खड़ी थी

[ विदेश मे रहने वाले इंडियन्स के बच्चो के लिए भारतीय स्कूल होते हैं और ये भी उनमे से एक था ..तभी ना तो तनवी के रहेन सहन मे कोई ख़ास अंतर आया ना ही बातचीत के लहजे मे ]

" निशा मज़ा नही आ रहा ..अंदर तक जीभ डाल ना "

जया ने निशा से कहा और उसकी आँखें खुल कर सामने खड़ी तनवी से जा टकराई ..नज़रें मिलते ही जया ने निशा को अपने से अलग किया और तनवी फटी आँखों से उसकी नंगी चूत को देखने लगी ..स्कर्ट के नीचे जया नेकड़ थी ..निशा को तुरंत समझ नही आया कि मॅटर क्या है और जया ने उसे धक्का क्यों दिया

" चाट तो रही हूँ तेरी चूत को अगर मज़ा नही आ रहा तो साली लंड डलवा ले "

निशा ने नाराज़ हो कर कहा

" न ..निशा तनवी "

जया ने अपने हाथ मे पकड़ी पैंटी वापस पहनते हुए कहा और निशा ने पलट कर पीछे देखा तो तनवी डर कर वहाँ से जा रही थी

निशा स्कूल की सबसे दम दार बंदियों मे से थी ..बिना किसी घबराहट के उसने तनवी को आवाज़ दी

" तनवी इधर आ फटाफट "

तनवी के कान मे निशा की आवाज़ पड़ते ही उसकी बढ़ते कदम रुक गये ..उसने पलट कर देखा तो निशा हाथ हिला कर उसे अपने पास बुला रही थी

" द ..द ..दीदी ..वो छुट्टी हो गयी है ..मुझे घर जाना है ..बस मिस हो जाएगी "

तनवी सिर्फ़ इतना बोल कर चुप हो गयी

" बस को जाने दे ..मैं तुझे तेरे घर छोड़ दूँगी ..अब आ मेरे पास "

निशा ने थोड़ा ऊँची आवाज़ मे कहा और तनवी धीरे - धीरे कदमो से चलती हुई उन दोनो के पास पहुच गयी

" हम जो कर रहे थे तुझे अच्छा लगा देखने मे ? "

निशा ने तनवी से सॉफ लफ़ज़ो मे पूछा

" पता नही दीदी मैं तो सूसू करने आई थी "

तनवी ने लो वाय्स मे जवाब दिया

" जया ..एक काम करते हैं ..खाली क्लास मे चलते हैं ..टाय्लेट सेफ नही है "

निशा ने जया को आँख मारते हुए कहा ..खेली - खिलाई जया उसके इशारे को समझ मुस्कुरा दी और तीनो लड़कियाँ टाय्लेट से 3 कमरे छ्चोड़ 4थ मे एंटर हो गयी

" गेट लॉक कर दे "

निशा ने तनवी को ऑर्डर दिया और जया के साथ चलती हुई टीचर की चेर पर बैठ गयी

" सुन जया ..ये अभी कच्ची कली है ..आज इसकी जवानी का पहला रस पी कर मज़ा आ जाएगा और ये किसी से बोलने लायक भी नही रहेगी ..बस तू मेरा साथ देना "

निशा की बात सुन कर जया ने हां मे अपना सर हिला दिया और तब तक तनवी भी गेट लॉक कर टेबल की दूसरी तरफ खड़ी हो गयी

निशा :- " देख तनवी तू मुझे दीदी बोलती है ना ? "

तनवी :- " जी दीदी "

निशा :- " लेकिन आज मुझे अपना टीचर समझ "

तनवी ने सवालिया चेहरे से जया की तरफ नज़रें उठाई जो निशा के ठीक पीछे खड़ी मुस्कुरा रही थी

जया :- " तेरे साथ मैं भी आज निशा की स्टूडेंट हूँ "

जया ने प्लान को आगे बढ़ाया और तनवी को हां करनी पड़ी

निशा :- " पहली बात तो ये जो मैं कहूँगी वो तुम दोनो को करना पड़ेगा और दूसरी ये कि इस बात को तुम दोनो मे से कोई बाहर के आदमी को नही बताएगा "

जया :- " ओके मेडम "

निशा :- " तनवी तू भी नही बताएगी "

तनवी :- " नही बताउन्गि "

" तो फिर क्लास शुरू करते हैं ..तनवी तू इस टेबल पर लेट जा "

निशा की बात सुन तनवी की घबराहट बढ़ गयी ..अगर वो निशा से डरती ना होती तो कतई उसके साथ इस खाली क्लास मे नही आती

निशा :- " मैने कहा लेट जा "

निशा ने स्टार्टिंग से तनवी पर अपना दवाब बनाते हुए कहा और चेर से उठ कर उसे को टेबल पर लिटाने मे मदद की

" जया तुझे पता है ना क्या करना है "

निशा की बात सुन जया ने तनवी का चेहरा ऊपर उठाया और अपने होंठ उसके होंठ से जोड़ दिए

तनवी के लिए ये एक नया एहसास था ..जया ने पूरी ताक़त लगा कर उसके होंठो को चूसना स्टार्ट कर दिया ..साथ ही उसने अपनी जीभ भी उसके मूँह मे डालने की कोशिश की लेकिन तनवी ने अपना मूँह नही खोला ना ही जया के होंठो को अपने होंठो का कोई रेस्पॉन्स दिया

पास खड़ी निशा की आँखें ताड़ गयी कि जब तक सेडक्षन का एहसास तनवी को नही होगा ऐसी हज़ार किस्सस उसके लिए बेकार हैं ..उसने प्लान मे से किस सीन को हटाया और जया के पास जा कर उसकी स्कर्ट उतार दी ..वहीं जया ने किस के साथ तनवी के बूब्स को भी ज़ोरो से मसला ताकि वो थोड़ी तो गरम हो सके ..लेकिन सब बेकार गया तनवी अभी भी किसी लाश की तरह टेबल पर लेटी थी

" छोड़ो एक दूसरे को और अपने कपड़े उतार दो "

निशा ने उनका किस तूडवाया और खुद टेबल पर बैठ गयी ..जया के हाथ अब अपनी स्कूल शर्ट को खोल रहे थे लेकिन तनवी मूक खड़ी निशा को देखे जा रही थी

" ऐसे क्या देख रही है ..जो तेरे पास है वही तो मेरे पास भी है "

निशा ने टेबल पर बैठ कर अपनी टाँगे फैला रखी थी साथ ही पहनी हुई रेड पैंटी को साइड मे खिसका कर चूत का व्यू खोल दिया ..जिसे तनवी बड़े गौर से देखने मे लगी थी

" कुछ नही दीदी "

तनवी ने शरमा कर जवाब दिया उसे लगा निशा ने उसकी चोरी पकड़ ली है

" जानती है इसे क्या कहते हैं ? "

निशा ने अपनी दो उंगलियों से चूत की फांको को स्प्रेड किया

" पुसी "

तनवी ने अपने मूँह पर हाथ रख स्लो वाय्स मे उसे जवाब दिया

" हां वो तो हर पढ़ने वाली लड़की को पता होता है ..पर लड़के इसे आम भाषा मे चूऊऊओत कहते हैं "

निशा ने चूत वर्ड को लंबा खीच कर कहा और तनवी ने हां मे अपना सर हिला दिया

निशा :- " क्या कहते हैं इसे ? "

तनवी :- " चूऊऊओट "

तनवी ने भी उसकी तरह वर्ड को खीचा तो जया और निशा ज़ोर से हस दी

" चूऊऊथ नही चूत "

जया ने उसे समझाया कि वर्ड छ्होटा है और इस बार तनवी के चेहरे पर भी हसी आ गयी

निशा :- " चल फटा फट अपने कपड़े उतार "

और तनवी ने इस बार उसकी बात को मान कर अपनी स्कर्ट ढीली कर दी

थोड़ी देर बाद तीनो लड़कियाँ सिर्फ़ स्कूल लेगैंग्स मे आ गयी ..निशा के इशारे पर जया तनवी को थामे टेबल पर बैठी थी और अगले ही पल कमरे मे बहुत ही हॉट अट्मॉस्फियर क्रियेट हो गया

निशा ने तनवी की दोनो टाँगो को अपने कंधे के पार निकाला और बिना किसी देरी के चेहरा आगे लाते हुए जीब से चूत को चाट कर गीला करने लगी

टाय्लेट मे जया और निशा के बीच जो भी कुछ चला उसे देख कर तनवी कन्फर्म थी कि अब उसके साथ भी वैसा ही कुछ होगा लेकिन ऐसा सुखद एहसास उसकी कल्पना से परे था ..अपनी चूत जिसे उसने अब तक सिर्फ़ मूतने के लिए यूज़ किया था उस पर निशा की गीली ज़ुबान टच होते ही तनवी के दिमाग़ की बत्ती जली और वो बुरी तरह से अपने हाथ पैर फटकारने लगी

" आहह..... ..द ..दीदी ..गुदगुदी हो रही है "

तनवी के मूँह से कप - कपाते बोल फूटे ..जया ने बड़ी मजबूती से उसके हाथो को अपने क़ब्ज़े मे किया हुआ था और टांगे चौड़ाने मे निशा ने तनवी पर कोई रेहेम नही बक्शा ..उसकी वर्जिन चूत का इतना खुला व्यू देख निशा की जीब अपने आप ही उसकी फांको पर मचलने लगी

" अच्छा लगा तनवी ? "

निशा ने आँखें मूंद रखी तनवी से लास्ट बार सवाल किया और जवाब सुने बगैर ही फांको के अंदर तक अपनी जीब को घुसा दिया ..एक उंगली से वो गांद के छेद और चूत के मिड्ल हिस्से को खुज़ला रही थी

" आईईईईईईईई...... "

तनवी उस खुजली को महसूस कर सिहर उठी और दूसरी तरफ जया के हाथ उसके कोमल चुचियों को मसलने मे बिज़ी हो गये ..तनवी अब मस्त थी

निशा ने अपनी उंगली का प्रेशर उसके भग्नासे पर डाला और हल्के दांतो के स्पर्श से उसे काटने लगी

" डीडीिईईईईईई........ "

तनवी का रोम - रोम खिल उठा ..ऐसा मीठा दर्द तो हर कुवारि लड़की को असीम आनंद की प्राप्ति कर देता है फिर तनवी उससे कब तक अछूति रहती ..उसने अपने हाथ को नीचे ले जाते हुए निशा के सर पर दवाब डाला

" लव मी...... "

तनवी ने चिल्लाया और निशा ने रस से सराबोर चूत पर अपने होंठ और तेज़ी से कस दिए ..जब भी वो चूत के रस को अपने गले से नीचे उतारती उसमे पुरज़ोर ताक़त का इस्तेमाल होता

" खा जाओ इसे..... "

इतना बोल कर तनवी का बदन अकड़ गया ..उसकी टांगे सुन्न हो गयी ..एक्सपीरियेन्स्ड निशा समझ गयी लड़की का काम होने वाला है और अगले ही पल उसने तनवी को करवट दिला दिया

" कंट्रोल तनवी ..अभी तो शुरूवात है "
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
निशा ने हँस कर चूत से अपना चेहरा हटाते हुए कहा ..जब स्त्री चर्म - सीमा पर हो और किसी तरह से उसका फॉल रुकवा दिया जाए तो वो रहम की भीख माँगने पर उतारू हो जाती है ..यही हाल तनवी का हुआ ..अपने आप ही उसके हाथ निशा के सर को वापस अपनी चूत पर दबाने लगे

" दीदी प्लीज़ रूको नही "

तनवी ने तड़प्ते हुए चिल्लाया

" मेरी गुड़िया रानी ..सबर कर सबर "

निशा ने उसकी तड़प को नज़र अंदाज़ करते हुए अपनी गरम साँसें गांद के मुलायम छेद पर छोड़ दी

" दीदी यहाँ नही ..डर्टी है "

तनवी ने अपना आस - होल सिकोडते हुए कहा

" कुछ डर्टी नही मेरी जान ..चल ढीला छोड़ खुद को "

निशा ने करवट ली तनवी के चूतडो की दरार को खोला और अगले ही पल उसकी जीब की थिकरण गांद के मुलायन छेद पर अपना कहर बरपा रही थी

" आईईईईईई मम्मी "

तनवी ने टेबल पर उठ कर बैठना चाहा लेकिन जया ने उसे हिलने तक का मौका नही दिया

" फॅक्त....... "

निशा की उंगली ने वर्जिन चूत मे प्रवेश कर लिया और साथ ही गान्ड के छेद से वो तनवी की जान को अपने अंदर क़ैद कर रही थी ..चूत का मूँह सिर्फ़ इतना खुला कि जिसमे उंगली घुमा कर निशा उसके कुंवारे पर्दे की छेद - छेड़ सके

" हमम्म्ममम......... "

उंगली के अंदर बाहर होने से तनवी अपना सार पागलो की तरह टेबल पर पटक देती और गांद हवा मे लहराते हुए काँप जाती ..निशा ने जया को इशारे से उसे छोड़ने को कहा और अगले पल जया टेबल से नीचे उतर गयी

" स्वीटी अब लास्ट राउंड है ..तू टेन्षन ना ले ..सब चंगा होगा "

निशा ने टेबल पर चढ़ते हुए तनवी के घुटने मोड़ दिए जिससे उसका निचला यौवन खुल कर बाहर आ गया ..एक नज़र जया के चेहरे को देखा जो नीचे बैठ कर चूत पर अपनी लार गिराए जा रही थी ..दोनो मुस्कुराइ और फाइनल राउंड स्टार्ट कर दिया

चूत और आस - होल पर एक साथ झपट्टा मार दोनो लड़कियों ने तनवी को रुला दिया ..जहाँ निशा टेबल पर बैठी उसके आस - होल को बेरहमी से चाट रही थी वहीं नीचे बैठी जया चूत चाट ते हुए अपनी एक उंगली तेज़ी से अंदर बाहर करने मे लगी थी

तनवी इस दोहरे मज़े से अपने बाल नोचते हुए आँसू बहाने लगी ..उसके चेहरे पर खून का उबाल था और चीखों मे इतनी ताक़त की अगर कमरे के बाहर से कोई भी गुज़रता तो रेप होना समझ कर सिहर जाता ..तनवी ने 2 - 4 मुक्के टेबल पर जड़ते हुए आह ली ..टाइम था उसकी लाइफ के पहले ऑर्गॅज़म का ..शरीर की ऐंठन उसके बस से बाहर हो गयी

" दिदीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ......सूसू........ "

तनवी ने इस बार प्रेयर की कोई रुकावट बीच मे ना आए और अपना कंट्रोल पूरी तरह से खोते हुए झड़ने लगी ..जया किसी बिल्ली की तरह चूत से चिपकी थी ..फव्वारे पर फवारे छूटे ..उसने अपने होंठो को खोलते हुए 3" की पूरी चूत अपने मूँह मे समा लिया ..निशा ने गांद के छेद को तुरंत ही छोड़ा और जया के पास फ्लोर पर बैठ गयी

" कमीनी रस को अकेले मत पी जाना ..मैं भी हूँ "

निशा ने हँसते हुए जया का सर चूत पर दबाते हुए कहा

सब कुछ भूल कर तनवी ने आनंद के सागर मे गोते लगाते हुए चूत रस की आख़िरी बूँद को भी जया मे मूँह मे छोड़ दिया

जब तनवी की साँसे थोड़ी नॉर्मल हुई तो उसने अपनी आँखें खोल कर चूत पर हाथ फेरा ..पूरी चूत रस से सराबोर थी ..एक सुखद एहसास पाने से उसका रोम - रोम पुलकित था ..उसे होश आया कि उसके साथ निशा और जया भी क्लास मे हैं तो वो उठ कर टेबल पर बैठ गयी ..नज़र फ्लोर पर बैठी उन दोनो छिनालो पर डाली जो उसकी जवानी का पहला पानी एक दूसरे को चूमने के ज़रिए गले से नीचे उतार रही थी

" छ्ह्हीईईइ दीदी मेरा सूसू पी लिया "

तनवी की आवाज़ से दोनो की किस टूट गयी ..निशा ने हाथ के इशारे से तनवी को अपने पास बुलाया

" ये ले तू भी चख ले तेरी जवानी ..मेरी जान यही तो सेक्स है "

तनवी के लाख मना करने पर भी निशा ने उसे नही छोड़ा और 10 - 15 सेक तक अपनी जीभ से उसके पूरे मूँह का टेस्ट बदल दिया

" अब जल्दी करो हम काफ़ी लेट हो गये हैं और तनवी अगर तुझे सेक्स के बारे मे ज़्यादा जान ना है तो ये ले डीवीडी ..रात मे जब घर के सारे मेंबर सो जाएँ तब देखना "

जया ने सारे कपड़ो को इकट्ठा कर कहा और तीनो निशा की कार से अपने - अपने घर की तरफ चल दी

-------------------------

" टॅंग - टॅंग - टन्ग - टॅंग "

बाहर हॉल मे लगी घड़ी ने 8 बजे का साउंड दिया और तनवी अपने ख़यालो की दुनिया से बाहर आ गयी ..इतना गरम और हॉट सीन जिसके जहेन मे आया हो उसका सिड्यूस होना लाज़मी है लेकिन यहाँ तो तनवी की आँखों मे आँसुओ के सिवा कुछ नही था ..वो खुद को रस्मी का कातिल मान कर ज़ोरो से रोने लगी ..उसकी इतनी छोटी ग़लती के लिए मा ने अपनी जान दे दी

" मैं अब इस घर मे नही रहूंगी ..वरना मैं डॅड को भी दुखी करूँगी ..चाहे मरु या जियु पर आज मेरा आख़िरी दिन है इस घर मे "

तनवी की ग्रॅजुयेशन का लास्ट एअर चल रहा था और इसके बाद उसे एमबीए करना था ..यही सोचते हुए उसके कदम बाथरूम की तरफ़ बढ़ गये ..चलते हुए जाने कैसे उसने अपने दर्द को संभाला होगा ......

क्रमशः///////////////////////////
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
पापी परिवार--7

बाथरूम मे पहुच कर तनवी ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए ..वैसे तो उसे याद नही कि जीत कब उसे हॉल से उठा कर कमरे मे लाया और कब उसके नंगे बदन को कपड़ो से कवर किया ..लेकिन कपड़े बिल्कुल सॉफ्ट और कॉटन के थे ..वाइट छोटा सा टॉप और मॅचिंग कॉटन शॉर्ट कॅप्री ..तनवी ने सबसे पहले कॅप्री को अपने चुतडो से नीचे खीचा

" उफफफफफफ्फ़...... "

दर्द का एहसास होते ही उसने गर्दन पीछे घुमा कर चोटिल चूतडो पर हल्के हाथ का स्पर्श दिया ..नज़रें लाल निशान देखते ही फिर से छलक उठी

कितना प्यार करती थी तनवी जीत से लेकिन किस बुरी तरह से उसके बाप ने उस पर अपना कहर ढाया

अब तनवी ने फ्रेश को कर टॉप भी उतार दिया ..गीजर से पानी हल्का सा वॉर्म हो चुका था ..जैसे तैसे वो शवर के नीचे ख़िड़ी हुई ..भर - भर करता कुनकुना पानी अपने शरीर पर महसूस कर तनवी को बहुत रिलॅक्स फील हुआ ..उसे अब भी लग रहा था जैसे उसकी टाँगो मे जान ही ना बची हो ..जैसे तैसे उसने शवर के टॅप को मज़बूती से पकड़ कर खुद को नीचे गिरने से रोका हुआ था

बालो से बह कर नीचे आता पानी जब उसके चूदडो से हो कर गुज़रता तो चिन्मीनाहट के मारे उसकी आह निकल जाती ..उसने आज सोप का कोई यूज़ नही किया और लगभग 30 मीं. तक शवर के नीचे सेम सिचुयेशन मे खड़ी रही ..या यूँ कह लीजिए कि उसकी हिम्मत नही हुई कि पानी से बाहर निकल सके

" मुझे लेट हो रहा है "

सुबह सोची बात दिमाग़ मे आते ही उसने शवर टॅप बंद कर दिया ..हॅंगर पर टंगा टवल उतार कर धीरे - धीरे हल्के हाथो से अपना गीला बदन सुखाया और सर के गीले बालो पर टवल बाँध ही रही थी कि सामने लगे मिरर मे उसे जीत का चेहरा दिखाई दिया

जीत की नज़रे नीचे झुकी हुई थी लेकिन वो बाथरूम के गेट पर खड़ा था ..तनवी ने होश मे आ कर तुरंत अपने बालो से टवल को खोला और उतनी ही तेज़ी से अपने नंगे बदन पर लपेट लिया

उसकी इस हरकत को जीत ने फ्लोर पर बहते पानी मे देखा ..शायद तनवी ने उसके रात के वहशीपन के चलते अपने बदन पर टवल लपेटा होगा ..ऐसा सोच कर उसे खुद पर लज्जा आई और वो वहाँ से हटने लगा लेकिन वो बाथ रूम के गेट से पलट पाता इससे पहले ही तनवी ने अपने शरीर पर लपेटा टवल वापस खोल कर नीचे गिरा दिया

[ तनवी बचपन से बहुत गोरी ..सुंदर और छर्हरे बदन की लड़की थी ..कभी - कभी तो खुद रश्मि को भी अपनी बेटी के बढ़ते यौवन से जलन होती ..अक्सर पार्टियों मे जीत से मिलने वाले दोस्तों के मूँह से तनवी की तारीफ़ ज़्यादा और रश्मि की कम सुनाई देती ..वैसे लेज़्बीयन होने के अलावा तनवी मे और कोई खोट नही था ..शायद हमेशा खुश रहने के स्वाभाव ने उसके यौवन को वक़्त से पहले ही निखार दिया था ..लंबे बाल ..36सी के बूब्स सुडोल गोलाई के चूतड़ और लगभग 3 - साढ़े 3" की उभरी चूत ..तनवी ने शुरू से ही अपने आप को बिल्कुल नीट &; क्लीन रखा था ..जवानी के बालो को वो ज़रा भी सहेन नही कर पाती और 4 - 5 दिनो के अंतराल से हमेशा उन्हे सॉफ कर लेती ..अभी कल ही उसने अपनी आर्म-पिट ..चूत और आस होल को खूब चमकाया था लेकिन बेचारी को क्या पता था कि कल उसका बाप ही उसकी कुवारि इज़्ज़त को लूटने पर आम्दा हो जाएगा ..आज भी नहाने के बाद उसका जिस्म मार्बल की तरह शाइन कर रहा था ]

जीत को हैरानी हुई क्यों कि अब तनवी न्यूड उसके करीब चलती आ रही थी ..जैसे - जैसे उसकी बेटी के कदम उसकी तरफ बढ़ते हर कदम पर जीत का दिल बुरी तरह धड़क उठ ता ..जब तनवी और जीत मे सिर्फ़ 1/2फीट का फासला रह गया तब तनवी अपने घुटनो पर नीचे बैठ गयी

" डॅड प्लीज़ मुझे मारना मत ..मैं बिना कहे आप का जी भर के चूसुन्गि "

तनवी ने फफकते हुए रुआसी आवाज़ मे कहा और अपने हाथो को ऊपर उठा कर जीत की जीन्स का बटन अनलॉक करने लगी

एक तो तनवी का बुरी तरह से सिसकारियो के साथ रोना और दूसरा जीत के सामने ऐसी बात कहना ..जीत को लगा जैसे अभी ज़मीन फॅट पड़े और वो उसमे समा कर अपने गुनाह से मुक्त हो जाए ..उसका शरीर थर - थर कापने लगा ..हाथ जाम गये ..वो तुरंत वहाँ से हट जाना चाहता था लेकिन दिमाग़ था जो बिल्कुल सो चुका था

तनवी ने जीन्स का बटन अनलॉक कर दिया था और कमर मे हाथ डाल उसे नीचे खीचने लगी ..रात को पहने कपड़ो मे जीत ने ब्रीफ नही डाली थी ..जीन्स उतार कर उसके घुटनो तक आ गयी ..लंड पर निगाह जाते ही तनवी ने अपना चेहरा आगे किया लेकिन एक बात जो उसने महसूस की वो थी लंड मे तनाव ना के बराबर होना ..जबकि जीत पिच्छले 5 मीं से बाथरूम मे तनवी को नंगा देख रहा था ..उसे जीत की कल वाली बात भी याद आई जब उसने बोला था की ' तेरी आँखें खुली रहनी चाहिए '

तनवी ने अब लंड से नज़र हटा कर ऊपर उठानी शुरू की साथ ही लंड पर अपने हाथ का पहला स्पर्श दिया ..जैसे ही उसकी आँखे अपने डॅड की आँखों से टकराई ..जीत की आँखों से पहला आँसू निकल कर उसकी बेटी के गाल पर गिरा ..उसने पूरी ताक़त से तनवी को ऊपर उठाया और किसी फूल की तरह अपने सीने से चिपका लिया

" आइ'म सॉरी "

बस इतना कह कर उसने बुरी तरह से तनवी को चूमना शुरू कर दिया ..उसके गाल ..माथे पर हज़ारों चुंबनो की वर्षा कर दी ..तनवी का सर अब उसकी छाती मे छुपा हुआ था और वो काफ़ी देर तक रोते हुए उसकी पीठ पर अपना हाथ फेरता रहा ..तनवी भी खुद को रोने से नही रोक पाई ..उसने जीत के पाश्‍चाप को स्वीकारा और अपने हाथ उसके गले मे डाल कर किसी गुड़िया की तरह चिपक गयी

जब बाप बेटी पूरी तरह से एक दूसरे को माफ़ कर चुके तब जीत बाथ रूम मे लगे बाथ टब पर बैठ गया ..तनवी अब भी उसकी मजबूत बाहों मे थी ..जीत ने उसे पेट के बल घुमाया और कल रात जिस तरह उसकी पैंटी को उसके शरीर से उतारा था सेम उसी पोज़िशन मे ले आया ..तनवी बड़े गौर से उसकी हर्कतो को नोट रही थी और दोनो के होंठ कुछ ना कहने की स्थिति ने पूर्ण रूप से बंद थे

जीत ने देखा कल की अपेक्षा आज घाव ज़्यादा बढ़ गया है ..तनवी के चूतड़ पहले के मुक़ाबले सूजे हुए हैं ..जीत जानता था कि ये ग़लत है जो आज फिर तनवी उसकी बाहों मे नंगी लेटी है पर उसे खुशी थी कि कम से कम उसकी बेटी ने उसे माफ़ तो किया ..उसने अपने हाथ का हल्का स्पर्श उसके चूतड़ पर दिया और तनवी के मूँह से चीख निकल गयी ..जीत ने पास रखी आंटिसेपटिक लिक्विड की बॉटल उठा कर उसके कुछ ड्रॉप्स घाव पर गिराए और बिल्कुल सॉफ्ट हाथ से घाव को सॉफ करने लगा

लोशन ने पूरे चूतडो पर झाग बना दिया ..जीत अपनी ग़लती सुधारने मे खोया था और तनवी अपनी सोच मे ..जीत की जीन्स नीचे सर्की होने की वजह से उसका लंड तनवी के पेट से चिपका था और तनवी के बड़े - बड़े बूब्स उसकी जाँघ से ..यहाँ कोई और मर्द होता तो ना जाने कब का लंड तनवी की कुँवारी चूत ने पेल देता लेकिन जीत ने आज खुद के जज़्बातो को कंट्रोल मे रखा था कि जो न्यूड जिस्म उसकी नज़रो के सामने है वो किसी और का नही अपनी खुद की बेटी का है

सब कुछ ऐसे ही चल रहा कि जीत के हाथ चूतडो की दरार को खोलने लगे ..ऐसा उसने अन्द्रूनि घाव को चेक करने के लिए किया लेकिन चूत का उभर क्लियर होते ही जीत के लंड ने अपनी पहली ठुमकि मारी जिसे तनवी ने अपने पेट पर महसूस किया और वो बुरी तरह शर्मा गयी

" डॅड बाकी मैं कर लूँगी "

जीत समझ गया कि तनवी को उसके लंड के खड़े होने का एहसाह खुद के पेट पर होने लगा है लेकिन वो खुद कैसे घाव की सफाई करेगी ये सोच कर जीत ने खुद को कंट्रोल करने की बहुत कोशिश की लेकिन एक बार किसी मर्द का लंड चूत की झलक देख ले फिर कहाँ उसे चैन मिलता है ..यहाँ पर तो चूत वर्जिन थी वो भी किसी डबल पाव की तरह

जीत ने देखा कि अब उसकी कंट्रोलिंग पवर घटेगी नही सिर्फ़ बढ़ेगी ही तो उसने जल्दी से बाथ टब का पानी लेकर घाव को धोया और बाथ - रूम के हॅंगर पर किसी सॉफ कपड़े की तलाश मे नज़रें घुमाने लगा ..मन मुताबिक वहाँ कोई कपड़ा मौजूद ना होता देख जीत ने वापस तनवी को गोद मे उठाया लेकिन उसके कदम आगे बढ़ते इस से पहले ही उसकी अनलॉक जीन्स पूरी तरह उतर कर फ्लोर पर गिर पड़ी ..माजरा देख तनवी के मूँह से हसी तो छूटी लेकिन तुरंत ही उसने खुद पर काबू भी कर लिया ..अब जो होना था सो हो गया

जीत ने जीन्स को अपनी टाँगो की मदद से वहीं बाथ - रूम मे छोड़ा और तनवी को ले कर उसके कमरे मे आ गया ..गोद मे उल्टी लेटी तनवी दूसरी बार जीत का खड़ा लंड इतने नज़दीक से देख रही थी ..जीत ने जिस ताक़त के साथ उसे थामा ..तनवी को इस उमर मे उसकी ऐसी पार्सनालटी की उम्मीद कतयि नही थी

" स्ट्रॉंग मॅन "

तनवी के मन ने उसकी बात का पूरा साथ दिया
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
बेड पर अपनी बेटी को इस तरह लिटाया जाए ये सोचने मे जीत को अपना मूँह खोलना ही पड़ा

" कैसे ? "

तनवी पेट के बल उसकी गोद मे थी लेकिन उसकी बात का अंदाज़ा लगा लिया

" ऐसे ही लिटा दीजिए "

स्लो वाय्स मे तनवी का जवाब सुन जीत ने उसे सेम पोज़िशन मे बेड पर लिटाया और अगले ही पल तनवी कंट्रोल खोते हुए ज़ोर से हंस दी

वजह थी जीत का खड़ा लंड जो उसकी टी-शर्ट के नीचे अपना सर उठाए खड़ा था ..तनवी को हँसते देख जीत को ख़ुसी हुई ..शायद उसकी बेटी ने उसे कल के लिए पूरी तरह से माफी दे दी थी

" बिल्कुल भी कंट्रोल नही ..छ्हीईई...... "

जीत ने देखा तो तनवी अपने मूह पर हाथ रख कर हौले - हौले हंस रही थी ..जीत की आँखों ने अपनी बेटी की आँखों का पीछा किया तो पाया तनवी के मुस्कुराने की वजह टी-शर्ट के नीचे खड़ा उसका मूसल लंड है

उसने तुरंत ही लंड को टी-शर्ट से कवर किया लेकिन कोई लुल्ली नही थी जो छुप जाता ..ना जाने कैसे जीत के चेहरे पर भी स्माइल आ गयी

" जब नही हो तथा तो क्यों बाचते हो कथा "

तनवी ने फिर से व्यंग मारा ..जीत शर्मा कर कमरे से बाहर जाना चाहता था लेकिन इस बार तनवी ने जान कर दर्द की आह भरी

" वो क्रीम उधर है "

वॉर्डरोब के कपबोर्ड की तरफ इशारा कर तनवी ने उसे कमरे से बाहर जाने से रोक दिया और जीत क्रीम उठाने चल दिया

जीत के पलटने से उसके मांसल चूतड़ देख तनवी की चूत आज पहली बार किसी मर्द के नाम पर गीली हुई ..उसने हाथ से चेक किया तो चूत ने लावा उगलना शुरू कर दिया था ..तनवी ने मन मे कुछ सोचा और तुरंत ही जीत को परखने का आइडिया लगा लिया ..अपनी टांगे चौड़ा कर वो इस पोज़िशन मे लेट गयी ताकि क्रीम लगाते वक़्त डॅड को उसकी वर्जिन चूत के खुल कर दर्शन हो सकें

हालाकी ताली एक हाथ से नही बजती तो उसने दोनो पहलुओ से सोचा ..पहला बाप और दूसरा एक आम मर्द लेकिन चूत मे बढ़ती खुजली उसकी बर्दास्त से अब बाहर थी ..शायद जीत के प्रति उसका ये पहला सेक्षुयल अट्रॅक्षन था और लेज़्बीयन सोच से से मुक्ति ..जो रश्मि भी चाहती थी .

कपबोर्ड से क्रीम निकाल कर जीत पलटा तो उसकी नज़रे बेड पर लेटी तनवी पर गयी ..कमरे मे दिन का काफ़ी उजाला आ चुका था और सब कुछ दूर से भी क्लियर दिखाई देने लगा

जीत ने देखा तनवी के हाथ उसके चूतडो पर घूम रहे है लेकिन उसके हाथ की उंगली खुद की वर्जिन चूत की फांको को कुरेद रही थी ..जीत की लाइफ का ये पहला मौका था जब उसने अपनी बेटी को खुद की गीली चूत से खेलते पाया ..लंड तो पहले से ही इतना तन चुका था कि मानो टूट कर गिर जाएगा ..अपने आप ही उसका हाथ लंड को गिरफ़्त मे लेने के लिए ऊपर उठा और मुट्ठी बना कर हाथ ने लंड की खाल को आगे पीछे करना शुरू कर दिया ..यहाँ शायद बाप बेटी दोनो का मन अपने तंन के हाथो मज़बूर था

तनवी ने अपनी आँखें खोली और जीत की आँखों मे देखा लेकिन एक पल के लिए भी उसने अपनी उंगली चूत के मूँह से हटाने की कोई कोशिश नही की ..यही हाल जीत का था उसके हाथ लगातार लंड को हिलाए जा रहे थे ..कुछ वक़्त तक दोनो की नज़रे मिली रही और तनवी ने शर्मा कर आँखें फिर से बंद कर ली ..जीत ने सोचा उसका इस तरह से अपनी बेटी के कमरे मे नंगा रहना बिल्कुल भी वाजिब नही ..अगर उसके लंड को तुरंत रिलॅक्स नही मिला तो शायद आज कुछ ऐसा हो जाएगा कि बाप - बेटी कभी एक दूसरे से आँख मिलाने लायक नही रहेंगे

" डॅड दवाई लगने से क्या घाव सही हो जाएगा ? "

तनवी की बात कान मे सुनाई पड़ते ही जीत को फिर से वही मंज़र दिखाई दिया जब उसने वहशी पन के चलते बेल्ट मारते हुए तनवी के चूतडो पर खून उखेड़ा था ..शायद तनवी की बात का अर्थ ये था कि उसके तंन के घाव तो सही हो जाएँगे लेकिन मन के घावों का क्या ..जो उसके सगे बाप ने बड़ी बहरामी से अपनी बेटी के दिल पर बनाए थे ..जीत ने कोई जवाब नही दिया बस उसके कदम बेड की तरफ बढ़ गये ..सोच मे खोने का नतीजा ये हुआ कि कमरे से बाहर जाने की बात भी उसके दिमाग़ से पूरी तरह निकल गयी

बेड पर जीत के बैठने की जगह बनाने के लिए तनवी ने खुद को बेड के सेंटर मे खिसकाया और जीत उसके बगल मे अपने घुटने मोड़ कर बैठ गया ..खड़ा लंड सर उठाए बहुत ही भयानक दिखाई दे रहा था जिसे तनवी अपनी कनखियों से जीत की नज़र बचा कर देखने लगी

" आहह...... "

जीत ने ट्यूब से क्रीम निकाल कर उसके चूतडो पर हल्की उंगली से लगाई तो तनवी की आह निकल गयी ..उसने उकड़ू बैठने की कोशिश की तो

जीत ने उसकी कमर पर अपनी कोहनी का दवाब डाल कर मना कर दिया

" डॅड मुझे बहुत पेन हो रहा है ..रहने दो "

वाकई मे तनवी दर्द से तड़प रही थी

" बस थोड़ी देर और "

जीत ने बस इतना सा जवाब दिया और अपना चेहरा चूतडो के पास कर नीचे झुका लिया ..घाव देखने मे आसानी की वजह से उसने ऐसा किया लेकिन तनवी की लगातार बहती चूत की खुश्बू से उसका रहा सहा सबर भी खोने लगा

" उफफफफफ्फ़ .....खुजली "

तनवी ठीक टाइम पर पंच मारती हुई अपना हाथ पीछे ले जा कर चूत की फाँक को सहलाने लगी..खुद के रस से सन कर उसकी उंगलियाँ चिप - चिपि हो गयी ..चेहरा नीचे झुके होने से जीत इस व्यू को बड़े गौर से देख रहा था और उसके खड़े लंड से प्री कम की बूंदे सुपाडे पर छलक आई

" डॅड आप को भी खुजली हो रही है क्या ? "

तनवी ने उसके गीले सुपाडे को देख कर कहा तो जीत की बॉडी मे बहता पूरा खून रुक गया उसने अपने हाथ से लंड छुआ ही था कि तनवी ने तेज़ी दिखाते हुए अपनी उंगली उसके गीले सुपाडे पर टिका दी

" तनवी..... "

जीत बुरी तरह से चीख पड़ा

" डॅड आप मेरे उधर खुजा दो मैं आपके यहाँ खुजली कर देती हूँ "

तनवी जो भी कर रही थी फुल कॉन्फिडेन्स और फुर्ती से ..जीत उसकी तेज़ी के मुक़ाबले आधा भी नही था ..तनवी ने बात को पूरा करते हुए जीत का फ्री हाथ अपनी फूली कुँवारी चूत पर दबा दिया और दोनो इस मस्ती भरे एहसास से बुरी तरह काँप उठे

" डॅड खुजाओ ना ..मुझसे रहा नही जाता "

रही सही कसर तनवी ने अपनी बात को कह कर पूरी कर दी और खुद उसके गीले सुपाडे पर अपनी नरम उंगली को फेरते हुए आहें भरने लगी ..जीत ने कुछ भी सोच पाने की स्थिति को खो दिया और अपनी कड़क उंगली का घर्षण चूत की कोमल देह पर देने लगा ..अब बाप बेटी दोनो मस्त थे ..जीत की आँखें बंद थी तो तनवी ने इस वक़्त को ठीक समझा अपने मन की बात जान ने के लिए

" डॅड एक बात पूछु "

तनवी ने लंड को अपनी मुट्ठी मे भर कर कहा ..पूरा हाथ लपेटने पर भी लंड उसकी पकड़ से अधूरा था

" ह्म्‍म्म्म...... "

जीत ने बिना आँखें खोले जवाब दिया

" डॅड आपने कल मुझे सिर्फ़ इस लिए मारा था ना ..क्यों कि मोम के जाने के बाद आपकी सेक्षुयल नीड्स पूरी नही हो पाती "

तनवी लंड को ऊपर - नीचे हिलाते हुए मास्टरबेट करने लगी ..जीत के कानो मे ये बात गयी और उसने झटके से अपनी उंगली चूत के मूँह से हटा दी

" डॅड खुजाते हुए बोलो ना ..अच्छा लग रहा है "

तनवी ने उसकी मनोदशा को ताडा और उसका हाथ फिर से अपनी चूत पर दबा दिया ..जीत काफ़ी देर तक उसके सवाल का जवाब ढूंढता रहा

" रश्मि ने मुझे बताया था कि तू एक नॉर्मल ज़िंदगी से दूर जाने लगी है ..तो मुझे अफ़सोस हुआ "

जीत ने काफ़ी स्लो वाय्स मे जवाब दिया

" डॅड अगर मोम को इस बात से तकलीफ़ थी तो मुझे बात सकती थी ..मैं कभी उनका दिल नही दुखाती ..बट आप ने कल "

तनवी रुआसी हो कर बेड पर बैठी और जीत से सीने से चिपक गयी

" डॅड मैं बिल्कुल अकेली हो गयी हूँ ..मैने मोम को नही मारा ..आप जैसा चाहोगे मैं वैसा ही करूँगी ..लेकिन डॅड मेरे मन से लेज़्बीयन होने वाली बात शायद कभी नही जा पाएगी क्यों कि मुझे लड़को मे कोई इंटेरेस्ट नही "

तनवी सिसकते हुए चुप हो गयी लेकिन जीत ने उसे अपने से अलग नही किया और ना ही उसकी किसी बात का कोई जवाब दिया ..वो किसी गहरी सोच मे डूबा था और उसकी सोच वाकई बहुत गहरी थी ..' तनवी के कहे अनुसार वो लड़को के प्रति कभी अट्रॅक्ट नही हो पाएगी ' बस अब उसकी सिर्फ़ यही बात जीत के कानो मे गूँज रही थी

अचानक से जीत ने तनवी का माथा चूमा और उसे बेड पर बैठा छोड़ खुद फ्लोर पर खड़ा हो गया ..उसने अपने शरीर से टी-शर्ट उतार कर दूर फेक दी

" देख तनवी लड़के ऐसे होते हैं ..किसी तरह के डर की कोई बात नही बस तुझे अपने मन से ये लेज़्बीयन होने का भ्रम मिटाना होगा ..मैने कल रात जो किया उसके लिए बहुत शर्मिंदा हूँ ..हाथ जोड़ कर अपने किए की माफी भी माँगता हूँ ..हो सके तो मुझे माफ़ कर देना बेटी "

इतना कह कर जीत अपना सर झुकाए कमरे से बाहर जाने लगा

" डॅड "

तनवी ने उसे आवाज़ दी तो जीत ने पलट कर उसके चेहरे को देखा

" आप मेरा डर ख़तम करेंगे ..बाहरी दुनिया मे मुझे किसी और पर कोई भरोसा नही ..मैं जानती हूँ हम फादर - डॉटर हैं और ये ग़लत होगा लेकिन अगर मोम होती तो वो भी मेरा साथ देती इस जंग से लड़ने मे ..बोलिए डॅड क्या आप मोम की कमी को पूरा करेंगे ? "

तनवी ने अपनी बाहें फैला कर कहा तो जीत खुद को रोक नही पाया ..अगले ही पल दोनो वापस आलिंगन मे थे लेकिन इस बार ना तो किसी की आँखें नम थी ना दिल मे मलाल ..था तो सिर्फ़ मुस्कुराता चेहरा

" मंज़ूर है लेकिन एक हद तक ..ना ही हम इंटरकोर्स करेंगे ना ही तू मुझे इस बात के लिए फोर्स करेगी "

जीत ने उसके चेहरे को हाथ से ऊपर उठा कर कहा जो शरमाहट के मारे तनवी ने उसकी चौड़ी छाती मे छुपा लिया था

" ओके सर ..पर ये इंटरकोर्स क्या होता है ? "

उसकी बात सुन जीत आज पूरे 10 दिन बाद खुल कर हसा था

" सब बता दूँगा फिकर मत कर "

जीत ने तनवी के लाल हो चुके गाल को चूम कर जवाब दिया
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
" लेकिन आप का ये बहुत बड़ा है "

तनवी ने उसके खड़े लंड पर अपने हाथ की मुट्ठी बना कर कहा

" तेरी मोम को बहुत पसंद था "

जीत उसके कोमल हाथ का एहसास फील कर मस्ती मे आ गया

" मुझे भी आएगा डॅड ..यू डोंट वरी "

तनवी लंड को पकड़े हुए बेड पर बैठ गयी ..कल जो डर उसकी आँखों मे था ..आज वो बिल्कुल नही घबरा रही थी ..उसने लंड के सुपाडे को स्किन पीछे खीचते हुए बाहर निकाला और जीत की आँखों मे देखते हुए अपनी जीभ सुपाडे पर गोल घुमा दी ..लंड उसके बड़े - बड़े बूब्स के ठीक ऊपर था

" आहह.....तनवी ..यू आर डॅम हॉट "

जीत के हाथ उसके सर पर पहुच गये लेकिन आज उसने तनवी पर किसी तरह का कोई दवाब नही डाला ..बल्कि बड़े प्यार से वो उसके बालो मे अपनी उंगलियाँ घुमाने लगा

" आज मुझे आप की पर्मिशन की कोई ज़रूरत नही ..ये अब सिर्फ़ मेरा है "

तनवी ने जीत को अपनी आँख मारी और लंड की टिप से चाट ती हुई उसके गोल टट्टो पर पहुच गयी ..टट्टो को मूँह मे भरने के लिए तनवी को पूरी तरह से अपने होंठ खोलने पड़े लेकिन उसने हार ना मानते हुए आख़िरकार दोनो टट्टो को एक साथ अपने मूँह के अंदर समा ही लिया

जब टटटे उसकी थूक से पूरी तरह सन गये तब उसने उन्हे अपने मूँह से बाहर निकाला और जीभ से खुद का थूक चाटने लगी ..चाट - चाट उसने दोनो टटटे एकदम लाल कर दिए

" डॅड अपनी टाँग को बेड पर रख लो आंड डॉन'ट योउ डेअर टू डिस्टर्ब मे "

तनवी ने बोलते हुए खुद ही उसकी एक टाँग बेड पर रख दी और बेड से नीचे खिसकती हुई टट्टो के एंड पॉइंट पर पहुच गयी ..वहाँ उसने पसीने से लथ्पत और बालो से घिरा जीत का आस होल देखा ..दो मिनट तक उसकी खुश्बू सूंघ तनवी की आँखों मे चमक आ गयी और फिर बिना किसी देरी के वो जीभ से गान्ड का छेद चाटने भिड़ गयी ..हलाकी ये उसने अपनी लेज़्बीयन सोच के चलते किया ..क्यों कि अक्सर वो अपनी लेसबो पार्ट्नर'स के आस होल चाटा करती थी

वहीं जीत फटी आँखों से तनवी की हरकतें देख रहा था ..माना रश्मि को भी ये सब पसंद था पर तनवी आज पहली ही बार मे इतना आगे निकल जाएगी जीत को अचंभा हुआ ..उसने तनवी को रोका नही बल्कि मस्ती मे अपनी आँखें मूंद ली ..छेद पर जीभ की छेड़ - छाड आनंद दायक थी

अनचाहे बाल तनवी की जीभ को परेशान कर रहे थे ..रह - रह कर वो उसके मूँह मे चले जाते और होल की चटाई रुक जाती

" मैं आज ही शेव कर लूँगा "

जीत ने उसकी परेशानी को समझ कर खुद ही बोल दिया

" थ्ट्स माइ डॅड "

तनवी भी उसकी बात का समर्थन करती हुई वापस ऊपर आने लगी ..वापसी मे फिर से टट्टो से होती हुई उसकी जीब सुपाडे पर पहुचि और अगले ही पल पूरा सुपाड़ा तनवी के मूँह मे था

कल की बात ध्यान मे आते ही उसने अपना टूटा आइ कॉंटॅक्ट फिर से जोड़ा और दोगुने जोश से वो जीत को टीस करने लगी ..जीब का घर्षण और होंठो का दबाव इतना ज़्यादा था कि जीत की बॉडी तुरंत ही अकड़ गयी

" उूुुउऊहह तनवी ....सक इट स्लोली बेबी "

उसके गरम मूँह की तेज़ी से जीत जल्दी झाड़ जाता जो उसे कतयि गवारा ना हुआ ..उसने इशारे से तनवी को सकिंग स्पीड कम करने की सलाह दी और अब खुद भी धीरे - धीरे लंड को उसके मूँह मे अंदर - बाहर करने लगा ..नीचे तनवी के दोनो हाथ लगातार उसके टट्टो को मसले जा रहे थे ..शायद ये भी एक वजह थी जीत का बेहतर स्टॅमिना इतने जल्दी क्रॅक होने की

थोड़ी देर बाद तनवी ने अपने हाथो को टट्टो से हटा कर जीत की जाँघो पर रखा और ज़ोर दिखाते हुए लगभग पूरा लंड अपने गले मे उतारने की कोशिश करने लगी

8" का लंड अगर किसी के गले मे फस जाए तो उसकी क्या हालत होगी इस बात से ना तो जीत अछूता था ना ही तनवी ..बड़ी कोशिशों के बाद भी वो खुद को चोक होने से नही रोक पाई ..आँखें बड़ी होने से आँसू छलक कर उसके गालो को गीला करने लगे

" आअहमम्म्ममम .......तनवी लीव इट "

जीत ने मज़े मे भी उसकी तकलीफ़ को पहचान कर उसे टोका लेकिन तनवी नही मानी ..पूरी ताक़त लगा कर उसने अपनी ठोडी जीत के टट्टो से टच करवा ही दी

" आआअहह....... बेटा मैं आया "

जीत चिल्लाया और उसके लंड ने लावा उगलना शुरू कर दिया ..तनवी की सहेन - शक्ति ख़तम होते ही लंड उसके मूँह से आधा बाहर निकल आया लेकिन अभी भी सुपाड़ा मूँह मे वीर्य की पिचकारी पर पिचकारी छोड़े जा रहा था ..आज लगभग 3 महीने बाद जीत झाड़ा था वो भी अपनी बेटी के मूँह मे

जब लंड से स्पर्म निकलना बंद हुआ तब तनवी ने झटके से अपना मूँह खोला और सारा वीर्य उल्टी के ज़रिए जीत के लंड और टाँगो पर बह गया ..तनवी ने जम कर 5 बार मूँह से पानी छोड़ा और थकान से बहाल हो कर बेड पर लेट गयी

" डॅड सॉरी मुझसे नही हुआ ..मैं कमज़ोर पड़ गयी "

तनवी ने अपनी चढ़ि सांसो को कंट्रोल करते हुए कहा

" रिलॅक्स "

जीत बाथ - रूम की तरफ जाते हुए बोला ..उसके चेहरे पर फुल सॅटिस्फॅक्षन महसूस कर तनवी रिलॅक्स होने लगी

वापस आने के बाद जीत ने भी उसे ओरल सेक्स का पूरा प्लेषर लौटाया जो आज भी जारी है लेकिन जो वादा दोनो ने आपस मे किया था वो कभी नही टूटा ' नो इंटरकोर्स ' ....

क्रमशः..............................................
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,462
219
पापी परिवार--8

दीप को तनवी के बारे मे बता कर जीत ने जो झटका दिया दीप उसे सह नही पाया और ऑफीस के बेड पर ही उसे नींद ने अपने आगोश मे ले लिया

वहीं घर पर सभी मेंबर्ज़ अपने अपने कमरो मे बंद थे ..रात को तकरीबन 12 बजे निम्मी अपने कमरे से बाहर निकली ..दिन मे अपने डॅड के साथ हुई घटना के बाद ये उसका पहला कदम था अपने रूम से बाहर निकल्ने का ..शायद भूख की वजह से वो नीचे हॉल से होती हुई किचन मे पहुचि और देखा तो उसकी प्लेट ज्यों की त्यों सजी रखी थी ..कम्मो ने डिन्नर के वक़्त उसे 20 सों आवाज़ें दी कि हॉल मे आ जाए लेकिन निम्मी ने उसका कोई जवाब नही दिया ..एक मा होने के नाते वो निम्मी की प्लेट को लेकर उसके कमरे मे भी गयी लेकिन निम्मी ने सोने का ऐसा नाटक किया जैसे सच मे बहुत गहरी नींद मे हो और थक हार कर कम्मो ने वापस उसकी प्लेट को किचन मे रख दिया ..रात लेट सोने की आदत से वाकिफ़ कम्मो ने सोचा जब उसकी नींद खुलेगी अपने आप खाना खा लेगी

माइक्रोवेव मे खाना गरम कर निम्मी ने सिर्फ़ एक रोटी खाई और पलट कर किचन से बाहर निकल गयी ..हॉल मे पहुच कर डाइनिंग - टेबल पर रखे 2 - 3 केलों पर झपट्टा मार वो स्टेर्स चढ़ती इससे पहले उसकी नज़र ग्राउंड फ्लोर पर बने अपनी बड़ी बहेन निक्की के कमरे की विंडो की तरफ घूमी ..खिड़की से बाहर आती ट्यूब - लाइट की रोशनी देख उसे अंदाज़ा हो गया कि निक्की अभी सोई नही है ..उसने एक बनाना छील कर उसका छिल्का आदत अनुसार . फ्लोर पर गिराया और धीमे कदमो से उसके रूम की तरफ बढ़ने लगी

" दी बहुत बोर इंसान है ..फिर आज मुझे नींद भी नही आ रही ..कोई मुर्गा भी नेट चॅट के लिए नही है क्यों ना आज दी का दिमाग़ खाया जाए ..वैसे भी उस बस्टर्ड से बदला लेने के लिए मुझे उसकी ज़रूरत पड़ सकती है "

ऐसा मंन मे सोच निम्मी के शैतानी मंन ने अंगड़ाई ली और उसके हाथ ने रूम का गेट नॉक कर दिया

लगभग 5 सेकेंड का वक़्त भी नही बीत पाया होगा और निक्की ने गेट खोल दिया ..सामने खड़ी अपनी छोटी बहेन को देख कर उसे एक करेंट सा लगा ..बात दरअसल ये थी कि आज पूरे 3 महीने बाद निम्मी उसके कमरे मे आई थी ..भले ही दोनो बहनो की आपसी बात - चीत हमेशा से अच्छी रही लेकिन रूम मे आना जाना ना के बराबर था ..निक्की ने तो अक्सर यही चाहा कि वो निम्मी को वक़्त दे सके ताकि उसकी छोटी बहेन के नेचर मे थोड़ी तो कूलनेस आए लेकिन उसे क्या पता कि निम्मी का माइंड सेन्स तो आइनस्टाइन को भी फैल करने के लिए काफ़ी था

निक्की ने जिस स्पीड से गेट खोला अगर निम्मी का गेट किसी ने नॉक किया होता तो उसे 5 मिनट तो खुद के नंगे बदन को कपड़ो से ढकने मे लग जाते और निम्मी की इस गंदी आदत से घर का हर सदस्य अच्छी तरह से वाकिफ़ होने से गेट पर वेट करना किसी को भी आखरता था

" मिस वैजयंती माला ..अगर आप की इजाज़त हो तो क्या ये मल्लिका शेरावत आपके कमरे मे आ जाए ? "

निम्मी ने हँसते हुए निक्की से कहा ..अकसर अपनी बहेन का ड्रेसिंग सेन्स देख उसे पुरानी अदाकारा वैजयंती माला की याद आ जाती और तो और अब वो निक्की को इसी नाम से बुलाती भी थी

" हां हां आजा ..वैसे आज तेरे पवन कदम मेरे ग़रीब खाने मे कैसे पधारे ? "

निक्की ने भी सेम उसी मजाकिया अंदाज़ मे जवाब दिया

" ऊफ्फ ओह ..गेट से तो हट दी "

निक्की की बात सुन निम्मी भी बड़ी कातिल अदा के साथ हाथ मे पकड़े केले को अपने मूँह मे डाल कर चूसा और हल्का सा दांतो का कट बना कर बाहर निकाल दिया ..सीन देख निक्की के तन बदन मे तो जैसे आग ही लग गयी ..केला बिल्कुल लंड के आकार मे आ गया था

" सुधर जा ..सुधर जा ..वरना बहुत मार खाएगी मुझसे "

निक्की ने गेट से हट कर उसे रूम के अंदर आने दिया और बिना गेट को लॉक किया उसके पीछे चलती हुई खुद भी बेड पर बैठ गयी

" दी गेट तो लॉक कर दे ..ऐसे खुला अच्छा नही लगता "

निम्मी ने केले के साथ की हुई हरकत को दोहराते हुए कहा

" उससे क्या प्राब्लम है ..वैसे भी मैं अपने रूम मे कुछ भी ऐसा नही करती जिससे मुझे गेट को लॉक करना पड़े "

निक्की ने अपना चेहरा उसी किताब मे झुका कर कहा जिसे वो थोड़े वक़्त पीछे निम्मी के कमरे मे आने से पहले पढ़ रही थी

" दी क्या तू भी मुझे बेशरम समझती है ? "

निम्मी ने अपने हाथ मे पकड़े फ्रेश केले से उसकी कमर को गुद गुदाते हुए पूछा

" ओउछ्ह्ह..... निम्मी मुझे ऐसे मज़ाक कतयि पसंद नही ..तो ये लास्ट वॉर्निंग है तेरे लिए ..समझी "

निक्की की कमर पर केले के एहसास ने उसे बेड पर उच्छलने पर मजबूर कर दिया ..बाद मे उसने गुस्से से निम्मी को अपनी उंगली दिखाते हुए डांटा

" क्या यार मेरा सारा रोमॅंटिक मूड ख़तम कर दिया ..छोड़ अगर तुझे बुरा लगा हो तो सॉरी ..मैं जा रही हूँ "

निम्मी ने बुरी सी शकल बनाते हुए ड्रामा किया और बेड से उतर कर रूम के बाहर जाने लगी

" मतलब कि कमरे से चली जाएगी लेकिन सुधर नही सकती ..ओये नोतंकी चल वापस जा "

निक्की उसके नाटक को समझ कर बोली ..उसको पता था कि निम्मी एक नंबर. की ड्रामे बाज़ है

" पहले मुझे सॉरी बोल "

निम्मी ने बिना पलते ही अपना फ़ैसला सुनाया और इंतज़ार मे अपने बढ़ते कदमो को रोक लिया

" तो मल्लिका जी ..मैं अपने कान पकड़ कर आप से क्षमा मांगती हूँ ..क्या आप इस वैजयंती को माफी दे कर कृतार्थ करेंगी "

निक्की ने उसका मूड बनाते हुए कहा और निम्मी ने उसकी तरफ पलट ते हुए अपने मोती जैसे दाँत बाहर निकाल दिए ..निम्मी के इस खूबसूरत अंदाज पर तो कामदेव भी फिदा हो जाते ..वो इस वक़्त एक ब्लॅक 1 पीस स्कर्ट पहने खड़ी थी जो स्ट्रॅप से उसके कंधे को और नीचे से सुडोल जाँघो को कवर कर रहा था ..ब्रा ना पहेन होने का एहसास उसकी चूचियों के तने निपल स्कर्ट के उपर हिस्से पर निशान बनाते हुए गवाही दे रहे थे और तो और स्कर्ट के नीचे पहनी डार्क रंग की छोटी सी थ्रेड पैंटी का धागा उसकी जाँघ से नीचे लटक रहा था ..माना निक्की का बदन अपनी छोटी बहेन के मुक़ाबले ज़्यादा भरा था लेकिन जो अदाए लड़को पर कहेर ढाने के लिए एक लड़की मे होनी चाहिए वो निम्मी मे कूट - कूट कर भरी थी ..उसका ये रिलॅक्स्ड पोज़ देख एक पल को निक्की की पलके झपकना भूल गयी और उसके अंतर मंन ने अपनी छोटी बहेन की तारीफ़ मे ' वाह ' की अर्ज़ी ठोक दी

" ऐसे नही ..अपने दिल से सॉरी बोल "

निक्की को अपने सपने मे खोता देख निम्मी ने उसे बात के ज़रिए जागाया

" हां - हां दिल से सॉरी "

निक्की ने खुद की सोच पर मुस्कुराते हुए अपनी दोनो बाहें हवा मे उठा दी जैसे अपने प्रेमी को आलिंगन मे लेने की भीख माँग रही हो

" अब तो तू गयी दी ..तेरा रेप हुआ समझ "
 
Top