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Incest पाप ने बचाया

Sweet_Sinner

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Index

~~~~ पाप ने बचाया ~~~~

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S_Kumar

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bahut bahut majedar update, ekdum gajab khaani h yah!mujhe ummeed hai ki yah kahaani is forum mein sabse romaanchak aur kaamuk kahaani hogi.
आप लोग का प्यार इसी तरह मिलता रहेगा इस कहानी को तो जरूर हो जाएगी
 
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S_Kumar

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very very intense, sensational and loving update.
bahut hi acha laga itna pyara update padhke,
kitni achi tarah se sab kuch likha hai aap ne.
yeh kahaani ki har update bahut accha lagta hai, is kahani ke one of the best kahaani hein mere hisaab se.
aap ek behtareen writer hai yaara. keep it up. I am very very happy and excited to be able to read such kind of sexy and mouthwatering story written by you. I will always be thankful to the person who gave me your story's link.
Thank you so much brother
 
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S_Kumar

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Wonderful update, fantastic narration and excellent writings. It is just too hot, too erotic and extremely sexy and lascivious. Keep going brother.
Thank you very much brother for your valuable comment
 

S_Kumar

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Waiting to nahi kahna chahiye.lekin aap ki story ne dil dimag sab ko hila kar rakh diya hai.bas sir g story puri karna aap.yahi request hai aap se.next update k intzaar rahega.
Story to jarur puri hogi, dont worry about this.
 
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kamdev99008

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आप कहानी को दुबारा ठीक से पढ़िए
नीलम का अपने पिता के साथ संबंध बहुत वर्षों से था ये बात मैंने कहानी में बताई है, बहुत वर्षों से मतलब शादी से पहले से था, अब जब किसी का संबंध शादी से पहले से है तो अगर उसकी शादी किसी गाँव में होती है तो भी उसको तो नही बदला जा सकता, विक्रमपुर गांव की मान मर्यादा की लाज रखने की वजह से ही नीलम की माँ ने कभी भी अपने पिता के साथ अपने ससुराल में sex नही किया, चाहती तो वो कर सकती थी।

दूसरी बात इस गांव के लोगों से है न कि उन लोगों से जो बाहर से ब्याह के आये हैं, थोड़ा समझने की कोशिश करो, इसी तरह काकी को भी मान सकते हो, आपको याद होगा कि काकी ने भी एक बार रजनी से कहा था कि अगर उसके पिता रजनी के पिता की तरह होते तो वो भी उनके साथ सेक्स जरूर करती, पर यहां सोचने वाली बात यही है कि जो लोग बाहर से आये हैं ब्याह के, उनकी पिछली जिंदगी को तो धोया नही जा सकता और न ही बदला जा सकता है, हाँ अगर काकी ने और नीलम की माँ ने विक्रमपुर में ये सब किया होता तो कहानी का कांसेप्ट गलत हो सकता था, पर ऐसा तो है नही, उन्होंने मान मर्यादा की लाज रखी, क्या इतना काफी नही?

आपने point ठीक पकड़ा है पर ध्यान से पढ़िए भाई।

100 में से एक दो percent तो होता ही है ऐसे तो उदयराज को ही देख लो, महात्मा से मिलने से पहले ही वो अपनी बेटी रजनी की तरफ आकर्षित होने लगा था.....क्यों, इस हिसाब से तो उसे आकर्षित नही होना चाहिए थे, 100% कभी कुछ नही होता।

कहानी को enjoy करो, वैसे मैं पूरी कोशिश करता हूँ की कहानी का प्लाट इधर उधर न हो।

Thanks bhai
आप अपनी बात को सिद्ध करने के लिए पाठकों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं.......................
जो पहले से करते आ रहे थे..........इस गाँव में आकर बंद भी तो कर सकते थे.................. लेकिन वो फिर भी नियमित रूप से चुदवाने जाती थी अपने मायके
उन्होने सिर्फ गाँव का मान रखा..............गाँव में ब्याहकर आने पर वो इसी गाँव की ही मानी जाएंगी....ना कि उनके मायके की....मायके में वो रिश्तेदार ही रह गईं
तो भी आप इस बात को नहीं मान रहे कि पाप न होने का संबंध सिर्फ गाँव से है............इस स्थान से............ ना कि गाँव में रहनेवालों से

मेरी इस बात से कहानी या पाठकों की सोच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.............लेकिन तर्कपूर्ण बात को कुतर्क से गलत साबित क्यों करना चाहते हैं आप.....में समझ नहीं सका

इसलिए ऐसा मत कहो
आपने point ठीक पकड़ा है पर ध्यान से पढ़िए भाई।
मेंने ठीक से ही पढ़ा है तभी इतना लिख पाया हूँ
...................................................................................
वैसे मेरा भी यही मानना है .............. सभी हमेशा अच्छे भी नहीं हो सकते और बुरे भी नहीं
100 में से एक दो percent तो होता ही है ऐसे तो उदयराज को ही देख लो, महात्मा से मिलने से पहले ही वो अपनी बेटी रजनी की तरफ आकर्षित होने लगा था.....क्यों, इस हिसाब से तो उसे आकर्षित नही होना चाहिए थे, 100% कभी कुछ नही होता।


अगले अपडेट का बेसबरी से इंतज़ार रहेगा
 
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S_Kumar

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आप अपनी बात को सिद्ध करने के लिए पाठकों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं.......................
जो पहले से करते आ रहे थे..........इस गाँव में आकर बंद भी तो कर सकते थे.................. लेकिन वो फिर भी नियमित रूप से चुदवाने जाती थी अपने मायके
उन्होने सिर्फ गाँव का मान रखा..............गाँव में ब्याहकर आने पर वो इसी गाँव की ही मानी जाएंगी....ना कि उनके मायके की....मायके में वो रिश्तेदार ही रह गईं
तो भी आप इस बात को नहीं मान रहे कि पाप न होने का संबंध सिर्फ गाँव से है............इस स्थान से............ ना कि गाँव में रहनेवालों से

मेरी इस बात से कहानी या पाठकों की सोच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.............लेकिन तर्कपूर्ण बात को कुतर्क से गलत साबित क्यों करना चाहते हैं आप.....में समझ नहीं सका

इसलिए ऐसा मत कहो
आपने point ठीक पकड़ा है पर ध्यान से पढ़िए भाई।
मेंने ठीक से ही पढ़ा है तभी इतना लिख पाया हूँ
...................................................................................
वैसे मेरा भी यही मानना है .............. सभी हमेशा अच्छे भी नहीं हो सकते और बुरे भी नहीं
100 में से एक दो percent तो होता ही है ऐसे तो उदयराज को ही देख लो, महात्मा से मिलने से पहले ही वो अपनी बेटी रजनी की तरफ आकर्षित होने लगा था.....क्यों, इस हिसाब से तो उसे आकर्षित नही होना चाहिए थे, 100% कभी कुछ नही होता।


अगले अपडेट का बेसबरी से इंतज़ार रहेगा

प्रिय पाठक जी

मुझे जरा एक बात बताओ क्या सेक्स कोई मशीन है क्या की जब चाहा बटन दबाया और बंद कर दिया, और वो भी ऐसा संबंध जो बरसों पुराना है, ये चस्का तो ऐसा होता है की लोगों की जिंदगियां चली जाती है पर ये नही छूटता।

ये बात सही है कि लड़की शादी के बाद मायके में सिर्फ रिश्तेदार की तरह हो जाती है पर सेक्स की लत को रोकना तो बहुत मुश्किल है न।

और अगर मैं रीडर्स को भ्रमित कर रहा हूँ तो सभी रीडर्स से मेरी ये request है कि कृपया comment करें कि क्या वो भ्रमित हो रहे हैं इस कहानी को पढ़कर।

धन्यवाद जी
 
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Rumana

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yah kahaani such mien bahut garam aur kamuk hai, aap bahut h kamuk tharika se likha is kahaani ko, aaisa h likhte rakhen
 
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kamdev99008

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प्रिय पाठक जी

मुझे जरा एक बात बताओ क्या सेक्स कोई मशीन है क्या की जब चाहा बटन दबाया और बंद कर दिया, और वो भी ऐसा संबंध जो बरसों पुराना है, ये चस्का तो ऐसा होता है की लोगों की जिंदगियां चली जाती है पर ये नही छूटता।

ये बात सही है कि लड़की शादी के बाद मायके में सिर्फ रिश्तेदार की तरह हो जाती है पर सेक्स की लत को रोकना तो बहुत मुश्किल है न।

और अगर मैं रीडर्स को भ्रमित कर रहा हूँ तो सभी रीडर्स से मेरी ये request है कि कृपया comment करें कि क्या वो भ्रमित हो रहे हैं इस कहानी को पढ़कर।

धन्यवाद जी
कहानी को पढ़कर नहीं आपके कमेन्ट को पढ़कर////////////// भ्रम पैदा होता है

बाकी आपकी मर्जी .............. आपकी कहानी ............जो आपको लिखना हो लिखो.........उसपर मेंने कोई आपत्ति नहीं की और ना ही करूंगा.............
और आप जिस टोन में बहस कर रहे हैं............... उसे देखते हुए मुझे लगता है............में पहले ही सही था.......... चुपचाप पढ़ता रहता था और लाइक कर देता था
कमेन्ट करके गलती कर दी

keep it up ........................ nice update :happy:

waiting for next
 
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