आप कहानी को दुबारा ठीक से पढ़िए
नीलम का अपने पिता के साथ संबंध बहुत वर्षों से था ये बात मैंने कहानी में बताई है, बहुत वर्षों से मतलब शादी से पहले से था, अब जब किसी का संबंध शादी से पहले से है तो अगर उसकी शादी किसी गाँव में होती है तो भी उसको तो नही बदला जा सकता, विक्रमपुर गांव की मान मर्यादा की लाज रखने की वजह से ही नीलम की माँ ने कभी भी अपने पिता के साथ अपने ससुराल में sex नही किया, चाहती तो वो कर सकती थी।
दूसरी बात इस गांव के लोगों से है न कि उन लोगों से जो बाहर से ब्याह के आये हैं, थोड़ा समझने की कोशिश करो, इसी तरह काकी को भी मान सकते हो, आपको याद होगा कि काकी ने भी एक बार रजनी से कहा था कि अगर उसके पिता रजनी के पिता की तरह होते तो वो भी उनके साथ सेक्स जरूर करती, पर यहां सोचने वाली बात यही है कि जो लोग बाहर से आये हैं ब्याह के, उनकी पिछली जिंदगी को तो धोया नही जा सकता और न ही बदला जा सकता है, हाँ अगर काकी ने और नीलम की माँ ने विक्रमपुर में ये सब किया होता तो कहानी का कांसेप्ट गलत हो सकता था, पर ऐसा तो है नही, उन्होंने मान मर्यादा की लाज रखी, क्या इतना काफी नही?
आपने point ठीक पकड़ा है पर ध्यान से पढ़िए भाई।
100 में से एक दो percent तो होता ही है ऐसे तो उदयराज को ही देख लो, महात्मा से मिलने से पहले ही वो अपनी बेटी रजनी की तरफ आकर्षित होने लगा था.....क्यों, इस हिसाब से तो उसे आकर्षित नही होना चाहिए थे, 100% कभी कुछ नही होता।
कहानी को enjoy करो, वैसे मैं पूरी कोशिश करता हूँ की कहानी का प्लाट इधर उधर न हो।
Thanks bhai