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Incest पाप ने बचाया

Sweet_Sinner

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~~~~ पाप ने बचाया ~~~~

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Last edited:

sunoanuj

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बहुत ही बेहतरीन अपडेट है मित्र ।
भावनाओँ का चित्रण एकदम सजीव लगा और कहानी नहीं एक चलचित्र की भांति सब कुछ सामने होता हुआ प्रतीत हुआ ।
दिए को भुझाने पर अंधेरे का एहसास हुआ ।
उत्तम लेखनी मित्र शब्दों में बयाँ नहीं कि जा सकती ।। ???
 

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बहुत समय के बाद एक अच्छी पारिवारिक कहानी पढ़ने के लिए मिली हैं। वैसे तो आपकी कहानी अपने आप में अद्भुत हैं, अनूठी हैं और हिंदी में हो तो पढ़ने का रोमांच दोगुना हो जाता है। एक समय कामुकता से भरी हुई कहानी।

बाप बेटी के रिश्ते पर आधारित इससे अच्छी कहानी मैंने नहीं पढ़ी। सभी का इतना शानदार मनोरंजन करने के लिए आप का दिल का धन्यवाद।
 

S_Kumar

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सुपर डूपर स्टोरी है भाई
कहने के लिये अलफाज नही है
अगले अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी
Thank you bhai ji
 
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S_Kumar

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मुझे अभी इस साइट्स पर जुड़े हुए कुछ ही दिन हुए और यहां आकर मैंने देखा कि किस तरह परिवार में खून के रिश्तों में सेक्स की कहानियां लिखी जा रही है। शुरू में पढ़कर बहुत अजीब लगा और दुख भी हुआ लेकिन धीरे धीरे कहानी आगे बढ़ी तो मै अपनी एक अलग की कल्पना की दुनिया में थी और कहीं ना कहीं दिल को ये सब अच्छा लग रहा था। ना सिर्फ अच्छा बल्कि एक अलग ही एहसास और रोमांच महसूस हुआ।

ये मेरी दूसरी कहानी है जो मैं पढ़ रही हूं। सच में आपने गांव के माहौल और एक एक दृश्य को दिखाया नहीं बल्कि फिल्माया हैं क्योंकि पूरी कहानी एक फिल्म की तरह ही महसूस हुई है वो सच में काबिले गौर हैं।
सबसे पहले तो comments करने के लिए आपका शुक्रिया, मैं आपकी भावनाओं की कद्र करता हूँ, देखिए इस दुनियां में हर तरह की चीज़ें हैं, अच्छा है तो बुरा भी है, यही कहानी का मूल भी है, अगर आपको कहानी पसंद आ रही है तो जरूर पढ़ें, वैसे कहानी के शुरू में ही ये लिख दिया गया है, जिसको भी पारिवारिक रिश्तों पर ऐसी कहानी नही पसंद वो कृपया न पढ़ें पर ये पूरी तरह आप पर निर्भर है, अगर आपको अच्छी लग रही है तो जरूर पढ़ें।

आपका बहुत बहुत शुक्रिया, बने रहें कहानी के साथ और comments करते रहे, इससे मुझे आगे और अच्छा लिखने की हिम्मत मिलती है।
 

S_Kumar

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बहुत ही बेहतरीन अपडेट है मित्र ।
भावनाओँ का चित्रण एकदम सजीव लगा और कहानी नहीं एक चलचित्र की भांति सब कुछ सामने होता हुआ प्रतीत हुआ ।
दिए को भुझाने पर अंधेरे का एहसास हुआ ।
उत्तम लेखनी मित्र शब्दों में बयाँ नहीं कि जा सकती ।। ???
बहुत बहुत धन्यवाद भाई
 
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