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Incest पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी (completed)

Update kismain dun hindi yaa hinglish


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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Are pret-sawar bhaiya agley update ka intzaar rhega
 

kas1709

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Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



mumtahinaaa-27-07-2023-0001

जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


naaginn-world-24-08-2023-0001

"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
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To be continued.....
Nice update....
 

manu@84

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सुबह का टाइम था और चिलाने कि आवाज़ से sid कि नींद खुलती है।

मादर चोद तुमको एक बार बोला है सुबह सुबह नाटक मत पेला करो लेकिन बिना मार खाए तो तेरा दिमाग नी चलता ना

साक्षी - मुझे माफ़ कर दीजिए मै अभी आपके लिया ठंडा पानी लाती हूं


*Chataaaak* *chataaaak"


वीर - बोला था तेरे बाप को डिवोर्स के लिए लेकिन नी तुझे तो मेरे साथ ही मा चुदानी है ना

साक्षी - मुझेसे ऐसा क्या हो गया जो इतनी नफरत करते हो मैंने तो कभी कुछ नी किया ना कुछ मागती हूं

वीर - जाबान ना लड़ा मुझसे समझी वरना यही ज़िंदा गाड़ दूंगा रास्ता छोड़ मेरे काम पर जाना है

वीर के जाते ही sid नीचे आता है और कहता है क्या हुआ मा आप रो रही हो मत रो ना सब ठीक हो जाएगा आप बात ही क्यों करती हो ऐसा गिरे हुआ इंसान से

• Chataaak*

थापड़ इतना जोरदार था कि पूरे हाल में आवाज गूंज गई

साक्षी - इसी दिन के लिए पैदा किया तुझे बाप है वो तेरा तेरा साथ तो हमशा अच्छा से रहता है ना तो याद रखना मेरे पति के बारे में मैं एक वर्ड भी बर्दास नी करूंगी अब जा और नहा कर आ।

Sid आंखों में आसूं लेकर नहाने निकल जाता है।

और जब वो नहा कर आता है तब उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है जो उसको दीवाल से टेक लगा कर देख रही थी


Screenshot-2023-06-12-13-45-36-25
साक्षी - चल स्कूल जा अब और सॉरी में ज्यादा गुस्सा हो गई थी।

Sid - कोई बात नी कैसे मॉम आप बहुत सुंदर हो पापा तो बहुत लकी है आपको पा कर

साक्षी - मम्मी को ऐसा बोलता है बदमाश चल भाग

Sid - ही ही ही मम्मी बाय

Sid फिर स्कूल के लिए निकल गया रास्ते में उसको कुछ लोग की आवाज़ सुनाई पड़ी

अबे ये तो वहीं है वो साक्षी का बेटा साली की मा बहुत मस्त है

इसी तरह स्कूल आ गया और sid चुप चाप अपनी डेस्क पर आ गया

जहा पर उसके बगल एक लड़का आता है और कहता है क्यों बे गांड़ू हट साइड

Sid - मे क्यों जाउ मै पहले आया ये मेरी जगह है तुम जाओ

लडका sid को देखते हुए चला जाता है।

लड़का के दोस्त उसके पास आते है और उससे पुछते है क्या हुआ बे ऐसा क्या सकल बना रखी है

लड़का - अबे वो हड्डी साला sid उसने सब के सामने मेरी बेजाती की

दूसरा लड़का हस्ता है और कहता तू देख अब मैं क्या करता हुं ऐसा चीज मैं साले को फसुंगा की अब स्कूल ही नी आयेगा साला

तभी वो लड़का कहीं चला जाता है और दूसरा लड़का sid के पास जा कर कहता है

Sid तुमको science की मैम दिव्या बुला रही है।

Sid - कहा पर है मैम

लडका - लाईब्रेरी में

Sid वाहा से निकाल जाता है और जब वो पास ही होता है तभी उसको कोई धक्का देता है और वो सीधा रूम में गिर जाता है और फिर कोई गेट बंद कर देता है।

Sid देखता है वहा पर दिव्या पुरी नगी लेटी हुई होती है जो रो रही थी

Sid बिना कुछ सोचे अपनी शर्ट उतार कर उस पर डाल देता है तभी दिव्या रोने लगती है

बचा लो मुझे प्लीज़ कोई

और जोर जोर से चिलाने लगती है और रोने लगती है

Sid - डर जाता है और कहता है मैम प्लीज़ ऐसा मत करो मेरा कोई नी है मैं बर्बाद हो जाऊंगा मैंने तो आपका कुछ नी बिगाड़ा है

लेकीन तब तक गेट टूट जाता है गार्ड आ कर सिड को बहुत मरते है

और फिर वीर को कॉल कर के बुलाया जाता है और मामला को शान्त करने की कोशिश की जाती है

वीर आता है तो देखता है sid को बहुत बुरी तरह से मारा गया है

वीर साक्षी को सारी बात बताया और उसको भी आने को बोला वो भी वहीं आ जाती है और वीर ने वहीं सबके सामने सक्षी और sid को मारना शुरू कर दिया और फिर दोनों को ले कर घर ले कर निकाल पड़ता है।

Veer- कर दिया नाम रोशन क्यों तेरी जगह मैने काजल से शादी की होती तो आज ये मनहूस को ना देखना पड़ता साला हड्डी

साक्षी sid को नफ़रत भारी नज़रों से देखती है और कहती है काश तुझे पैदा होते ही मार देती

Sid- हा मार देती बचपन से ले कर आज तक यही सून रहा हा हूं पतला तो क्या करू क्या किसी ने मुझसे पूछा कि मैंने क्या किया

वीर - चुप हो जा क्या पूछ दुनिया पूछ रही है sid और किस किस को जवाब देगा अपनी बेगुनाही का

Sid- मॉम आपको भी यही लगता है

साक्षी कुछ और कह पाती तभी कार का blance बिगाड़ जाता है और कार सीधा पहाड़ी से लड़ जाती है और वीर बहुत जायदा जख्मी हो जाता है और sid भी किसी तरह लगड़ते हुआ बहार आता है वो देखता है कि उसकी मा और बाप बेहोशी की हालत में पड़े है


Sid - I am sorry mom dad मैं अच्छा बेटा नी बन पाया मैं कयार हूं नी रह सकता इस शरीर में आप दोनों खुश रहो ऐसा कह कर sid पहाड़ी से कूद जाता है।

Ider टाईम पर अस्पताल ले जाया जाता है लेकिन वाहा पर वीर का ब्लड बहुत जायदा जाने की wagah से वीर मार जाता है।

वहीं साक्षी पीछे होने की wagah से ठीक थी जो बस बेहोश हुई थी वो अब पूरी तरह से ठीक थी।


ईधर sid मर तो गया था लेकिन तभी एक साया उसके पास आता है और उससे कहता है बच्चे ये तूने क्या किया तेरी उमर तो पुरी नी हुई

Sid- में नी जी सकता ऐसा शरीर मैं नी देख सकता और दर्द नी है मुझमे और हिम्मत

साया - तुझे नया शरीर देता हूं और सब ठीक करना का एक मौका आज से तेरी sid वाली लाईफ ख़तम अब तुझे नया शरीर देता हूं अब तेरे ऊपर है तेरी किस्मत जा मै भी देखता हूं कैसी जिंदगी दे पता है साक्षी को तू


तभी sid जोर जोर से सांस लेना लगता है और फिर वो बेहोश हो जाता है और जब उसकी आंखे खुलती है तो वो अपना आप को बेड पर पाता

Sid - मैं कहा हूं

तभी उसकी नज़र साक्षी पर पड़ती है

जो डर से काप रही थी और कहती है आप अपने घर पर है 1 ऐक्सिडेंट के बाद अब होश में आया है आप प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिए ये मेरी Wagah से हुआ है सब आपकी हालात मुझे मत मरियगा


Sid- मॉम

साक्षी - क्या

Sid - कुछ नहीं ज़रा चाय मिलेगी

साक्षी - अजीब सी नज़रों से sid को देखती है और फिर चली जाती है।

फिर sid washroom की तरफ जाता है और जब वो सीशे में अपना चेहरा देखता है तो देखता रह जाता है

Sid का चहरा बहुत ज्यादा चमक रहा था बेशक उसका ये चेहरा वीर का था लेकिन sid की आत्मा की वज़ह से उसका चेहरा बहुत अच्छा लग रहा था उसको उम्मीद नी थी कि वो इतना सुंदर हो जाएगा


Sid- अब से मै वीर ही हूं मतलब अब से मै वीर बन कर रहुंगा लेकिन कैसे मुझे कुछ पता नी है अब मैं मॉम को बस खुश रकुंगा।

वीर फिर बाहर आता है और रसोई में काम कर रही साक्षी को देखने लग जाता है

तभी साक्षी की नज़र उस पर पड़ जाती है और वो फिर से डर जाती है

साक्षी - आ आ आपको कुछ चाहिए था क्या

वीर - ना नहीं तो मुझे कुछ नी चाहिए

साक्षी - बस 2 मिनट रुक जाइए मैं चाय लाती हुं

वीर आज पहली बार साक्षी के उभार को देख रहा था उसके ऊपर और नीचे हो रहा चूचे जो डर रही थी वीर से

फिर वीर तेजी से सास लेते हुए चला जाता है।

और थोड़ी देर बाद साक्षी चाय ले कर आती है और वीर की तरफ कर के कहती है ये लीजिए

वीर चाय पकड़ लेता है

वीर - थैंक्यू

साक्षी - अजीब नज़रों से वीर को देखती है और जाने लगती है

वीर थोड़ी देर बाद फिर से उठ जाता है और साक्षी के पास जाने लगता है जो दूसरे रूम में थी

इधर साक्षी वीर को देख कर जल्दी से खड़ी हो जाती है और कापती हुई कहती है माफ़ कर दीजीए चाय अच्छी नी बनी क्या मैं दुबारा बना दूंगी प्लीज

साक्षी इसलिए इतना वीर से डरती है क्युकी वीर पहले उसको हर छोटी छोटी बात पर मारता था।

वीर जल्दी से डर कर पीछे हो जाता है और कहता है नी वो बात नी है मैं बस आपके साथ चाय पीना चाहता था।

साक्षी वीर को देखती है आज उसने पहली बार वीर के मुंह से कुछ ऐसा सुना

तो वो डरते हुए वीर के बाजू में बैठ गई वीर बहुत डर रहा था

लेकिन उसने धीरे से चाय पीना शुरू किया।

वहीं साक्षी की डर जाती है और उससे चाय गिर जाती है और वीर उसको अपनी चाय पीने के लिए देता है

साक्षी एक घुट पी कर चली जाती है खाना बनाने।

इधर वीर सोचने लगता है मॉम मेरे पास क्यों नी रुकती और वो रावासा हो जाता है।

तभी उसको वो सब याद आता है कि वीर कितनी बुरी तरह से मारता था साक्षी को ऊपर से रात को उसने हमेशा साक्षी की चीखें ही सुनी थी कभी सिगरेट से जलना तो कभी कुछ वीर ये सब करता था जिसकी वजह से आज साक्षी वीर के साथ तो है लेकिन बस फ़र्ज़ अदा कर रही थी उससे डरती है प्यार तो कब का मर गया था उसका।

तभी sid अपने कहता है ये नया वीर है मॉम मैं आपको हसना सीखा दूंगा

लेकिन पता नी जब भी मॉम को देखता हूं तो हार्ट बीट क्यों इतनी बढ़ जाती है।

फिर वीर खडा हो जाता है रसाई के पास और चुपके से साक्षी को काम करता हुआ देखता रहता है।

इधर साक्षी पता नी क्या हो गया है पीछे पीछे आए जा रहा है मेरे पहले ही मैं अपने बेटे को खो चुकी हो।

साक्षी की नज़र फिर से सामने लगे सीसे पर जाती है तो वो देखती है कि वीर उसको चुपके से देख रहा है

साक्षी - ये अब मुझे क्यों घुर रहे है तभी साक्षी देखती है कि वीर की नज़र उसकी उभरी हुई गान्ड पर थी जिससे वो शॉक हो जाती है और चुप चाप अपना काम करने लगती है

1 घंटे में सारा खाना रेडी हो जाता है और तब वो सोचती है वीर को बुला कर खाना को दे देती हूं

लेकिन जैसी ही वो पलट के देखती है वीर खडा उसको देख रहा था

साक्षी - हाए दैया रे ये 1 घंटे से मुझे घुर रहा है

साक्षी खाना लगाने के लिए टेबल की तरफ जाती है तो वीर उसके पीछे जाता है

साक्षी - कुछ चाहिए क्या

वीर - न न न नहीं तो

वीर को इतना घबराता देख वो डर जाती है कि कहीं वीर उसको पिटे ना

साक्षी - वो खाना खा लीजिए

वीर - आप नी खाओगे

साक्षी इतना सुनते ही डर कर कापने लगती है और फिर वो सोच में डूब जाती है

Past -----

वीर - खाना नी खाओगी तुम

साक्षी - खाऊंगी

वीर - खाऊंगी तो बैठ ना

साक्षी जैसे ही बैठती है वीर उसको एक जोर दार लात देता है और वो गिर पड़ती है

वीर - सून औक़त में रहा कर नीचे बैठने की औकात है तेरी अगली बार से बोलना ना पड़े और जा कोने बैठ जा

Present -----

साक्षी - नी खाना है अभी आप खा लो

वीर - मेरा भी मन नी है अभी बाद में खा लूंगा

साक्षी - आपको तो ऑफिस जाना है ना

वीर - बेमन से खाने लगता है तभी वो कहता है आज नी जाना रेस्ट करना है मुझे

साक्षी फिर एक कोने जा कर अपनी प्लेट ले कार खाने लगती है और फिर वीर उठ जाता है साक्षी को देखता है तो वो कोने मैं बैठी होती है और खा रही होती है नम आंखों से

वीर भी अपनी प्लेट ले कर कर उसके पास बैठ जाता है और जब देखता है तो साक्षी रों रही थी

वीर - प्लीज मत रोइए आप मैं पक्का ऑफिस जाऊंगा आप मत रो

साक्षी को तो जैसे अपने कानो पर भरोसा ही नी हुआ वो चुप चाप खाना लगती है

वीर भी चुप चाप खा लेता है और चुपके चुपके से साक्षी को देखता है और स्माइल कर के खाने लगता है

साक्षी कुछ भी कर के वीर से दूर होना चाहती थी उसको डर था कि कहीं वीर फिर से ना मारे पुरानी और गंदी याद आसानी से पीछे नी छोड़ती

इधर वीर का खाना ख़त्म हुआ तो वो रसाई मैं अपनी प्लेट ले जाने लगता है।

साक्षी को ये देख कर हिचकी आ जाती है और वीर उसके लिए पानी ले कर आता है और कहता है आराम से खाओ

साक्षी जल्दी से ख़तम कर के रसोई मैं आती है और देखती है वीर फिर उसके भरे हुए शरीर को देख रहा था

साक्षी - हम्म ठरकी कही का

वीर - फिर साक्षी के बगल में आता है और कहता है वैसे अगर मैं ऑफिस ना जाउ तो कुछ प्रॉबलम तो नी होगी

साक्षी कुछ नी कहती

वीर फिर उदास हो कर चला जाता है वो चाहता था साक्षी उससे बात करे

वीर फिर ऑफिस की ओर निकल जाता है उसको ये पता था कि उसके बाप का tour and travel का काम था वो मालिक थे।

वीर आफिस जाता है एक लड़की वहा पर मौजुद रहती है

लड़की वीर को देख कर बोली सर वेल्कम

लड़की - सर 2 स्कॉर्पियो ट्रिप पर जाने वाली है तो उसकी आप फोन कर दीजिए।

वीर ने ऐसा ही किया और तभी वीर की अकाउंटेंट स्वाति आ जाती है।

Swati- इस month का profit उतना नी है लेकिन हा बहुत है तो ठीक है ना

वीर - हा हा ठीक है

तभी वीर की नज़र बहार एक कपल मैं पड़ती है तो लड़की लड़के को अपने हाथों से खाना खिला रही थी।

वीर तभी लड़की से कहता है ये लड़की उसको खाना क्यों खिला रही है

लड़की - अरे वो पति है ना उसका

वीर - और पत्नी गुस्सा हो तो

लडकी - तब आपको गिफ्ट देना चाहिए मैम को वो मान जाएगी

दिन भर वीर ऑफिस मैं रहा और शाम को एक shop पर जाता है और जीन्स और टॉप ले लेता है और घर पर चल पड़ता है तभी उसकी नज़र एक कपल पर पड़ती है को खाना खा रहा थे और खाना खाते टाइम लड़का अपना पैर लड़की के पैर पर रख कर छेड़ता है

वीर - अच्छा तो वाइफ के साथ ऐसा करते है अब मैं समझ गया मैं भी ऐसा करूंगा

फिर वीर घर आता है और फिर उसको याद आता है कि उसने कपड़े तो लिए है लेकिन वो साइज सही है या नी उसको नी पता

एक काम करता हूं वो साक्षी अभी बाथरूम में है तब से में चेक कर लेता हूं ये सोच कर उसके गाल लाल हो जाते है

और फिर कहता है में कितना गन्दा इंसान हूं 🌚

वो अलमारी में जल्दी से धुड़ता है तभी उसके हाथ में साक्षी की ब्रा आ जाती है और वो हाथ मैं आते ही वीर डर जाता है और तभी साक्षी आ जाती है जो टॉवेल और ब्रा में थी


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वीर - माफ़ कर दो आप मै बस बस बस आप गुस्सा मत होना माफ कर दो

लेकिन फिर वो चुपके से साक्षी को देखता है जो ब्रा मैं थी और आज पहली बार इसको ऐसा देख कर उसकी सास थम जाती है और उसके गोरे से बदन को देख रहा था साक्षी ने उसके फेस को देखा तो वो डर गया और मूड गया

फिर साक्षी ने साड़ी पहन ली और चली गई

साक्षी - बेशर्म पता नी क्या हो गया है सुबह से बदतमीजी करते है

साक्षी के जाने के बाद वीर देखता है तो उसका लौड़ा खड़ा हो कर सालामी दे रहा था वीर शरमा जाता है और चुप चाप bathroom में जाता है और सूसू कर के आ जाता है

फिर साक्षी खाना ले कर टेबल पर लगा देती है और वीर भी आता है

साक्षी - बैठिए खाना लगा दिया है

वीर - आप भी बैठो और खाना खाओ साथ मैं ।

साक्षी डर जाती है और खाने लगती है और साक्षी जब खा रही होती है तभी वीर अपना पैर साक्षी के पैर पर प्यार से रख़ देता है

साक्षी को खासी आ जाती है और वीर डर कर खड़ा हो जाता है

साक्षी - क्या कर रहा है आप

वीर - वो मुझे अपने हाथो से खाना खिलाओ

साक्षी जो अब खाना खा चुकी थी वो जाने लगती है और मूड कर वीर को देखती है


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साक्षी - मारना है तो मार दे मैं नी खिला रही हू

ऐसा ही रात हो जाती है और वीर कमरे में लेट हुआ था फिर वो सोचता है कि साक्षी सो गई होगी

वीर जैसे ही कमरे में जाता है तो देखता है साक्षी सो रही थी जिसकी साड़ी का पल्लू गिर हुआ था और उसका पुरी कमर दिख रही थी



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साक्षी की ऐसी हालत देख कर वीर का रोम रोम खुश हो गया लेकिन साक्षी जाग रही होती तो वीर उससे नज़रे भी ना मिला पता

वीर चुपके से साक्षी के बगल लेट जाता है और उसकी कमर पर हाथ रखा देता है तभी साक्षी अपनी नज़रे खोल देती है और वीर डर जाता है जमीन पर गिर जाता है

साक्षी मन में सोचती है ये कैसी हरकते कर रहा है सुबह से वो मन ही मन हसी भी आ रही थी उसको

वीर - में तो बस तुम्हरे साथ सोने आया था

साक्षी कुछ नी बोलती वो चुप चाप सो जाती है और रात को उसने अपनी कमर पर वीर का हाथ महसूस किया

वीर को लगा साक्षी सो रही है और वो चुपके से उसकी पीठ पर किस करने जा रहा था तभी उसकी नज़र साक्षी की पीठ पर पड़ी जो पुरी तरह से जली हुई थी जगह जगह सिगरेट से जले हुआ निशान था

और वीर फिर किस नी करता बस रोने लगता है और साक्षी को फील हुआ कि वीर रों रहा है तो वो उठ गई

साक्षी - क्या है आप क्यों रों रहा है हुआ क्या है आपको बहेंकी बहकी बात कर रहा है

वीर - तुम सुबह से मुझसे बात नी कर रही हो तुम्हारी पीठ भी जली हुई है दर्द हो रहा है ना

साक्षी को अब हसी आ रही थी वो किसी तरह कंट्रोल करती है और कहती है नी दर्द नी हो रहा रात हो गई है जाइए सो जाइए

साक्षी कुछ और कहती लेकिन वीर फिर रोना लगता है

साक्षी - क्या हुआ अब

वीर - तुमने मुझे खाना भी नी खिलाया बात क्यों नी करती वाइफ हो मेरी तो ऐसे इग्नोर क्यू करती हो हा वाइफ अपने hubby को खाना खिलाती है तुम मुझे क्यों नी खिलाती

साक्षी अब पागलों कि तरह हसे जा रही थी आज वीर को बचाओ की तरह सिकायत करता देख उसको अच्छा लग रहा था वो यही लाइफ तो जीना चाहती थी

साक्षी - अच्छा सॉरी अब सो जाओ सुबह में अपने हाथों से खिला दूंगी प्रोमिस

वीर चुप चाप सो जाता है और साक्षी बस मन में हसी जा रही थी और कहती है मुझे नी पता तुम्हारे साथ क्या हुआ लेकिन ऐसे person के साथ में लाइफ स्पेंट कर सकती हूं।

साक्षी की हसी नी रुक रही थीं वो पागलों की तरह हस रही थी तभी वीर को लगा कि वो सो गई फिर वीर ने अपना हाथ उसकी कमर पर रख तभी साक्षी ने नींद का नाटक करते हुए करवट ली

वीर हड़बड़ी मैं दूर हुआ और जल्दी से आंखो को बंद कर लिया और साक्षी फिर मन में हसने लगी और वीर को ऐसा तड़पता देख उसको अच्छा लग रहा था

उसका पति आज उसको सुबह से घुर रहा है उसके करीब आने की कोशिश कर रहा है

साक्षी हस्ते हुए कब सो गई उसको पाता नी चला।

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Ab dekta hai sakshi ke dil main pyar ka rang kab ghulta hai 😙
बेहतरीन कल्पना की उपज है, ये स्टोरी । हर शक्स अपनी जिंदगी में कभी ना कभी ( बच्चे बूढ़े जवान) सभी सोचते है काश मै उस जैसा होता, या वो मेरे जैसा होता..... । आपने उस काल्पनिक सोच को शब्दो में पिरोया जो काबिले तारिफ है।

हर update पढ़ने के बाद अपनी राय लिखूँगा... एक समस्या है आपकी update list mein direct liknk ओपन नही हो रही है... ऐसा क्यो..???

Pls solve this issue
 

park

Well-Known Member
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waiting for the next update.....
 
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