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Incest पिता की मौत के बाद मेरी आत्मा मेरे पिता के शरीर में घुसी (completed)

Update kismain dun hindi yaa hinglish


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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Are pret-sawar kahani ho bro
???????????
 

Raja maurya

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Update - 32

तभी रूही वीर को देखती है और कहती है यार मैं इतनी पागल कैसे हो सकती हो आज पहली बार मेरे से वो बात करना चाहते थे , और मैने पहली बार मैं ही रुला दिया।
**********"*

"मैं कहता हूं मुझे मेरे शरीर मैं वापिस भेजो वर्ना अच्छा नही होगा आहाहहहह"
" मैं वापिस आऊंगा जल्दी ही आआआह्हह् "

अब आगे ----

इधर वीर अपनी नम आखों को पोछने लगता है तभी उसका दिल दर्द करने लगता है, और वीर की एक बार को सास रुक जाती है, वीर ये अहसास को जानता था ये कैसा अहसास था।

वीर - नही नही नही ऐसा नही हो सकता नही हो सकता ऐसा तुम मेरा साथ ऐसा नही कर सकते।

ये कह कर वीर तुरंत उठ जाता है और रूम से बाहर चला जाता है।

उसके रूम से बाहर जाते ही रूही का दिल उदास हो जाता है , और वो गुस्से मैं कहती है क्या जरूरत थी उसे हर्ट करने की , लो कर दिया उसे नाराज़ जिसे खुश करना था उसे ही उदास कर दिया।

इधर वीर छत पर खड़ा था और अपने आसू पोंछ रहा था, और कहता है अगर मेरी नियति ऐसी ही लिखी है तो मुझे मंजूर है, ये कह कर वो रूम की तरफ़ झांकता है जहा पर उसकी सभी पत्नियां थी ,साक्षी , अंजली , तनु , अनु, रूही और उसकी जान उसको लाडली काव्या जो कार्टून देख रही थी।

वीर अपनी आंखो से बह रहे आसू साफ करता है और रूम की तरफ चल पड़ता है, जो होगा देखा जाएगा।

ये सोच कर वो रूम की तरफ़ जाता है और मन मैं कहता है अगर ऐसा ही होना है तो मैं ये वक्त अपनी पत्नियों के साथ बिताना चाहूंगा लेकिन तनु से दूर ही रहना पड़ेगा।

ये कह कर वो रूम में आता है तो उसके सामने सबसे पहले उसे अनु मिलती है जिसकी सास अब ठीक थी और वो वीर को देख कर अपनी आंखे मूंद लेती है, जिससे वीर देख लेता है और उसके बगल आ जाता है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसे देखते हुए कहता है क्या अपनी बिल्लोटे के बगल में लेट जाऊ।

जिसे सुन कर अनु धीरे से अपनी एक आंख खोल कर वीर को देखती है और कहती है "request accepted"

ये सुन कर वीर हस देता है और अनु कहती है " keep quiet let me sleep"

वीर हंसते हुए कहता है पैर लाद लूं।

अनु जल्दी से सीधे सीधे लेट जाती है और जल्दी से अपनी एक आंख खोल लेती है और आजू बाजू देखती है और जल्दी से हा कह कर आंखे मूंद लेती है ।

तभी वीर ऊपर उठ कर लाइट ऑफ कर देता है और अनु वीर को बगल ना पा कर हड़बड़ा जाती है और आंखो को खोल कर देखती है तो जल्दी से आंखो को वापिस मूंद लेती है और उसकी हार्ट बीट वापिस तेज हो जाती है।

और वीर उसके बगल लेट कर उसके ऊपर एक पाव लाद देता है और कहता है , वैसे तुम्हारा जीरो फिगर हाए उससे भी ज्यादा तुम्हारी झाग मुझे अच्छी लगती है।

ये सुन कर अनु कहती है हल्ला मत करो सोने दो हमे।

तभी वीर उसके मुंह पर अपने हाथ रख देता है और उसके ऊपर आ जाता है।

वीर की इस हरकत पर बेचारी अनु की तो सास ही अटक जाती है आज पहली बार कोई उसके ऊपर लेटा हुआ था और उसकी आंखो में देख रहा था, वो अनु जिससे कोई नज़रे नही मिलता था आज वो किसी के नीचे लेटी थी।

वीर - 🤫 शह ये कह कर वीर उसके बालो को सही करने लगता है, और कहता है वैसे गद्दा मुलायम है मेरा।

अनु अपनी सास रोकते हुए जल्दी से कहती है हटो मेरे

वो कुछ कहती तभी वीर कहता है, वैसे तुम बहुत स्पेशल हो।

अनु वीर की आंखो को देखने लगती है और वीर उसके बालो को कभी गाल को सहला रहा था।

वीर - अब सोइए आप, अच्छे से

अनु - पूरी नींद उड़ गई , सारा दिमाग हिल कर कहते हो अब सो जाऊ।

वीर - सुनिए जी

अनु अपनी आंखे बस बंद कर लेती है और सर दूसरी तरफ कर लेती है।

वीर - ओह फो सुनिए जी (अनु का चहरा थामते हुए कहता है)

अनु बस पूरी ताकत से hmm कह सकी।

वीर - हमे आपसे प्यार है , वो भी गहरा वाला नही रह सकते अब आपसे दूर।

अनु की दिल की धड़कने अब साफ साफ वीर को सुनाई दे रही थी।

तभी वीर कहता है आपकी इस मासूमियत और गुस्से पर हमे आपसे प्यार हो गया बिल्लोटे

अनु - क्यू अब डर नही लगता।

वीर - डर तो अभी भी आपसे है , आखिर कर मेरी वाइफ हो, लेकिन अब इज़हार करने का सही समय है, वैसे भी मुझे आपसे दूर नही रहना अब नही रह सकता आपसे दूर समझी मेरी पतली कमरिया।

अनु - t t t ठीक है।

वीर - क्या ठीक है

वीर अनु की t-shirt को ऊपर करता है जिससे उसकी पतली कमर साफ साफ वीर के सामने आ जाती है।

वीर - सुनो थामोगे मेरा हाथ दोगे मेरा साथ , बनोगे मेरी हसी की वजह दोगे मेरे हर रूप को अपना नाम।

अनु जो बहुत तेज तेज सास ले रही थी बेचारी की हालत बहुत खराब थी, ऊपर से ये एहसास जो उसे हमेशा याद रहेगा, आज कोई उसे छेड़ रहा था उसकी बहेनाे के बगल, कोई उसे इज़हार कर रहा था , तनु को ये अहसास बहुत अच्छा लग रहा था वो वीर का साथ देना चाहती थी उसे हा कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह उसका साथ नही दे रहे थे।

तभी वीर के दिल में एक बहुत तेज तेज झटका लगता है जिससे वीर पहले से जानता था तभी वीर की नज़र सामने लेटी अनु पर पड़ती है और वीर के आसू निकल आते है और वीर जल्दी से ऊपर हट जाता है।

तभी अनु को अपने ऊपर आसू की एक बूंद फील होती है तो वो जल्दी से आंखे खोल लेती है और खुद कापते हुए वीर के ऊपर आती है और उसके आसू पोछती है और कहती है मेरी मांग मैं तुम्हारी लंबी उमर है, मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं वैसे तुम्हारा ये अंदाज भी अच्छा लगा मुझे।

ये कह अनु बुरी तरह कप रही थी तो वीर उसे अपने सीने मैं जकड़ लेता है और उसकी कमर को सहलाने लगता है।

अनु - शर्म नही आती (उसके सीने मैं घुसे घुसे बोलती है)

वीर - अपनी पत्नी से कैसी शर्म।

अनु जल्दी से आजू बाजू देखती है तो उसे कोई भी नही देख रहा था तभी वो वीर के गाल पर किस कर के वापिस उसके सीने मैं घुस जाती है और अपने दुपाते से उसे और वीर को छुपा लेती है और कस के वीर के सीने मैं घुस जाती है।

वही इस अहसास से वीर की भी दिल की धड़कन तेज हो गई थी और अनु के सीने वीर को फील हो रही थी।

वीर उसे गले लगा लेता है और आसू वीर की आंखो से बहने लगते है।

जिसे वीर पोंछ रहा था और अनु को बहुत कस के जकड़ लेता है और जिससे अनु इस गर्मी को फील कर के कब सो जाती है पता नही चलता।

तभी वीर उसे अपने सीने में लगाए लगाए वो भी कब नींद के आगोस में चला जाता है पता ही नही चलता।

जब वीर की नींद खुलती है तो वो देखता है अनु उसके सीने मैं सो रही थी, तभी वीर साक्षी को देखता है जो जमाई ले रही थी जिसे देख कर वीर उसे अपने पास बुला लेता है और कहता इतना कौन सोता है।

तभी साक्षी हसने लगती है और कहती है मिसेज वीर ।

तभी वीर उसे सीने से लगा लेटा है और ये बात साक्षी को भी अजीब लगी।

वो चुप चाप वीर के सीने मैं घुसी हुई थी और वीर की तेज चलती सासें और उसके तेज धड़कने उसे अजीब सा एहसाह से रही थी , उसे ये सब बहुत अजीब लग रहा था तभी साक्षी उठ कर वीर को गले लगा कर कहती है क्या बात है।

वीर - k कुछ भी तो नही

तभी साक्षी से थोड़ी देर बात कर के उसे बहला कर वीर उठ जाता है और अब शाम हो गई थी जिससे सब जाग गए थे।

वीर बाहर चुप चाप खड़ा था, जिसके पास काव्या आ जाती है और कहती है क्या हुआ पापा यह क्या कर रहे हो अकेले।

वीर - मैं सोच रहा हूं, अपनी काव्या को ले कर भाग जाऊ क्यो क्या कहती हो।

काव्या - ही ही ही पापा भाग कर कहा जाएंगे मम्मी फिर दोनो को मरेंगी।

तनु - अच्छा तो बाप बेटी चुपके चुपके प्लानिंग कर रहे हो क्यों

वीर - ही ही ही ही आप भी चलो तीनो मिल कर भाग चले।

तनु आ कर काव्या को गले लगा लगा लेटी है और वीर उन दोनो को ही देख रहा था और तभी वो दोनो को गले लगा लेता है।

तनु - क्या बात है?

वीर - कुछ नही मैने सोचा कि मैं भी गले लगा लूं फिर क्या पता ये दुबारा आए या ना आए।

तनु - क

तनु अपनी बात को पूरा करती उसके पहले साक्षी आ जाती है और कहती है चल रोटी सेक आज हम दोनो की पारी है चल जल्दी।

ये कह कर वो उसको ले कर चली जाती है और काव्या भी खेलने चली जाती है।

इधर टाइम बिताने लगता है और वीर का दर्द बड़ता जा रहा था जो वो चाह कर भी किसी को नही बता पा रहा था।

लेकिन वो जनता था अगर उसने साक्षी और तनु ने दूरी नही बनाई तो उन्हें पक्का पता चल जाएगा लेकिन उनसे दूरी बनाना इतना भी आसान नही।।

इधर फिर अपना दिल बहलाने के लिए टेबल पर आ कर बैठ जाता है और लुंडो खेलना शुरू कर देता है जहा पर अनु अंजली रूही और वीर तीनो ludo खेलने लगते है और तभी वीर की नज़र सामने बैठी अंजली पर पड़ जाती है जो हस रही थी क्युकी अभी अभी उसने वीर की गोट काटी थी।

तभी वीर ने अपने पैर को अंजली के पैर पर रख दिया टेबल के नीचे जिससे अंजली को खासी आ गई।

रूही - क्या हुआ दीदी

अंजली - कुछ भी तो नही वो एक मच्छर है परेशान कर रहा है हमे चलो गेम पर ध्यान देते है।

तभी वीर की नज़र बेड पर जाती है तो वो देखता है साक्षी बेड पर लेटे लेटे उसे ही घुर रही है



mumtahinaaa-27-07-2023-0001

जिससे वीर घबरा जाता है और जल्दी से नज़रे फेर लेता है।

और रात को सब खाना खा कर लेटने चले जाते है और वीर चुप चाप जा कर सबसे पहले काव्या को ले कर सोने चला जाता है और काव्या से ढेर सारी बात करने लगा।

और इधर वीर के जस्ट बगल कौन लेता था उसने ध्यान ही नही दिया और वो उठ कर बाउंड्री पर खड़ा हो गया और वो सभी पल उसे याद आ रहे थे जो जो उसने यहां बिताए थे।

तभी उसे अपने बगल किसी के साथ होने के एहसाह होता है तो वो पलट कर देखता है तो उसके बगल रूही खड़ी थी।

वीर - तुम सोई क्यू नही इतनी रात

रूही - मेरी तो आदत है देर रात जागने की तारे देखने की क्युकी हमे पसंद है या यू कहे की बचपन से अकेलेपन ने सीखा दिया।

वीर - ही ही ही अकेले pan तो अच्छा होता है ना रूही वैसे भी लेकिन अब तुम अकेले नही हो, तुम्हारी अंजली है, अनु है , और सब तो है।

रूही - कभी कभी सब का होना नही वीर किसी खास का होना ही फर्क पड़ता है।

वीर - रूही का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बुला कर उसे पीछे से गले लगा देता है।

वीर - रूही तुम्हे एक बात बताऊं।

रूही - हा

वीर - मेरी सभी वाइफ मैं तुम सबसे अलग हो।

रूही - अच्छा और मैं खास क्यो हूं

वीर - तुम मुझे अपनापन की याद दिलाती हो।

रूही - अच्छा बच्चू मस्का लगा रहे है क्यू इतनी रात गए।

तभी वीर रूही को अपनी गोद मैं उठा लेता है और अब रूही एकदम चुप थी और वीर रूही को ले कर सीडी पर बैठ जाता है और रूही वीर की गोद में बैठी थी।

और दोनो चांद की तरफ देख रहे थे।

वीर ने चुपी तोड़ी और बोला रूही

रूही के पूरे जिस्म पर चिटी रेंग गई उसे पहले ही वीर प्यार था ऊपर से सीधे वीर ने उसे जब संभाला तो वो उसके बाहों मैं अपने आप छोड़ दी।

वीर - तुम ना सोचा कम करो, समझी इतना क्यों सोचती हो और तुम अकेले नही हो मेरी वाइफ हो समझी मैं राहु या ना राहु लेकिन आप अब मेरी हो चुकी है।

रूही ने बस अपनी मुंडी हा मैं हिलाई।

रूही - देर हो रही है

वीर - हा अब देर हो रही है मुझे भी 🤗 बाय रूही।

ये कह कर वीर रूही को उठा कर बिस्तर तक ले आता है।

और रूही को बिस्तर पर लिटा देता है और उसके सीने तक चादर उड़ा देता है।

और उसके फोरहेड पर किस करता है।

तभी रूही उसका हाथ थामना चाहती थी , उसे गले लगाना चाहती थी।

लेकिन तब तक वीर उसके पास से चला गया था।

इधर साक्षी और तनु दोनो बाहर खड़ी वीर को घूर रही थी और तनु वीर के पास जैसे ही जाती है तो देखती है

वीर के पूरे शरीर पर दर्द और लाल लाल खून आने लगे थे और वीर जोरदार तरह से चीख रहा था और कुछ ही देर में वीर की सासें थम चुकी थी।

ये चीख सुन कर वीर की सभी पत्नियां जाग चुकी थी और सभी वीर के आस पास खड़ी थी।

तभी एक काला साया वीर के शरीर को ले कर वहा से जाने लगता है।

तभी तनु और साक्षी भी अपनी अपनी शक्ति की मदद से वहा से गायब हो जाती है और साथ ही साथ रूही वीर को ऐसे जाता देख उसकी आंखे लाल हो गई थी और वो चीखती हुई वही गिर पड़ती है और चिलाती है मेरा सब कुछ चला गया लेकिन मैं वीर को नही जाने दूंगी , नही तभी वो एक जंगल मैं आ जाती है और उसे अंजली और अनु ने पकड़ रखा था जिसकी वजह से वो दोनो भी आ जाती है।

इधर पूरे जंगल मै बस अंधेरा था और वो काला साया और पहाड़ के ऊपर वीर खड़ा हस रहा था।

"हा हा हा हा हा हा तनु साक्षी मुझे यकीन था तुम दोनो आओगी"

"देखो सब कुछ खत्म करते है, मुझे वो दे दो जो रूही के पास है फिर मैं चला जाऊंगा"

वीर का पुरा चहरा बदल चुका था एक अजीब सा कमीनापन उसके चहरे पर आ गया था उसका शरीर अब हट्टा कटा हो गया था और उसकी बड़ी बड़ी दाढ़ी

तभी अंजलि चिलाती है मां चुदाना तू फिर आ गया , मर क्यो नही जाते तुम।

वीर - तुम सब ने तो शादी कर के एक जुट हो गए , मैं थोड़े समय के लिए क्या गया तुम तो इतनी बदल गई, अपने ही बेटे से शादी कर लिया तुमने तो साक्षी याद है ना तुम्हे हर रात तू जलील होती थी हा हा हा हा।

तभी तनु चल कर आस पास देख रही थी , और sid को ढूंढने लगती है।

तभी तनु का चहरा बदल जाता है और वो जोर से चिल्लाती है।

तभी वीर कुछ बोलने वाला था लेकिन तनु अपने मुंह पर उंगली रख देती है और चिल्लाते हुए कहती है।


naaginn-world-24-08-2023-0001

"मेरा sid कहा है , sid कहा है"

तभी साक्षी के डरवानी हसी हस्ते हुए वीर के पास आती है।

तभी तनु कहती है मैं नाग कन्या तनु, नागो की अंतिम पीढ़ी अगर मेरा sid नही मिला तो मैं पूरे इंसानों का नामो निशा मिटा दूंगी मैं कहती सामने आओ वर्ना जो होगा उसके लिए तुम खुद जिमेदार होगे।

तनु का ये रूप देख कर वीर के रोए खड़े हो गए और साक्षी एक पेड़ पर चढ़ कर बैठ गई और रूही के पास आ कर खड़ी हो गई।

साक्षी - रूही मेरे पीछे रहना आगे मत आना।

अनु - दीदी डर लग रहा है।

साक्षी - एक यक्षिणी की बहन हो कर डर लग रहा है तुम्हे।

अनु - दीदी हमारा वीर कहा गया।

तभी तनु कहती है ठीक है तुम्हे यही मंजूर है तो ठीक है।

तभी तनु अपने साप के अवतार में आ जाती है और तभी वहा पर यशस्वी आ जाती है और उसके पास पास बहुत से साप थे।

तभी वो काला साया तनु के सामने आ जाता है और कहता है "हमे माफ करे नाग कन्या, हमे पता है आपके पास वो चीज है लेकिन आप मेरे किए की सजा पूरे इंसानों को मत दीजिए"

तनु - sid कहा है , उसे तुमने छुने की कोशिश की?

" Sid जिंदा है , sid को अपने शरीर में जाना होगा इसलिए sid को हमने उसके शरीर पर उसे वापिस भेज दिया , ये सब कुछ हमे करने को कहा गया था ताकि आपकी और साक्षी की शक्तियों को जगाया जा सके और ये रोशनी के आदेश पर हुआ, और sid को अपने शारीर में जाना होगा यही श्रृष्टि का नियम है"

तनु - sid कहा है

" इसी पहाड़ी पर मैनें उसे छोड़ दिया था और ऊपर की ओर चला गया"

तभी तनु ऊपर की ओर देखती है तो एक लड़का खड़ा था जो उसकी ओर देख कर मुस्करा रहा था , और वो अपने कदम बड़ा रहा था।

तनु - siddddddd अगर तुम एक कदम और आगे बढ़ाए तो अच्छा नही होगा , sid मैं कहती हूं रुक जाओ वर्ना।

Sid- मैं एक बोझ नही बनाना चाहता तनु।

तनु - अगर तूने एक कदम भी पीछे किया तो तुम हमेशा याद रखोगे ऐसा बुरा हाल करूंगी।

Sid - कुछ कहता तभी एक गोली आ कर sid के सीने में घूस जाती है।

तभी तनु दौड़ कर Sid को पकड़ लेटी है और पलट कर वीर को देखती है।

वीर - मैने मैने मैने कुछ नही किया तनु मां कसम मैने कुछ नही किया।

वीर का पुरा शरीर कप रहा था और वो पलट कर देखता है तो रमेश उधर खड़ा मुस्कुरा रहा था।

रमेश - कैसी हो तनु।

वीर कुछ कहता उसके पहले साक्षी उसकी तरफ धीरे धीरे बड़ती है, जिसकी आंखे पूरी लाल थी , जिसके बड़ी बड़ी बाली , नाक में नथ।

रमेश - अगर एक कदम और आगे बढ़ाया तो मैं गोली मार दूंगा।

साक्षी - तू एक यक्षिणी को गोली से मरेगा।

रमेश कुछ कहता उसके पहले रमेश की गर्दन अलग हो चुकी थी।

वीर दूर खड़ा सब बहुत गौर से देख रहा था और वो जल्दी से ऊपर पहाड़ से पानी मैं कुद जाता है और कूदने से पहले बोलता है " हम दुबारा जरूर मिलेंगे तनु , लेकिन इस बार पूरी तैयारी से"

तभी तनु किसकी बाहों में sid पड़ा था वो अभी भी बेहोश था।

और sid की सभी पत्नियां उसके पास आ गई , और साक्षी कहती है वीर वापिस आएगा, हमे उसे मार देना था।

तनु जिसकी सासें अभी भी बहुत तेज चल रही थी और वो sid के भरते हुए घाव को देख रही थी।

तनु - सब को देख लूंगी , लेकिन अभी चुप रहो जरा मुझे किसी से बात करनी है।

तनु को इतने गुस्से में देख कर साक्षी पीछे हो जाती है और sid को देख रही थी।

तभी सिड अंगड़ाई लेते हुए उठता है,"और तनु को देखता है तो उसकी ओर देखते हुए कहता है "तुम नागिन हो"

तनु बस उसकी ओर देख रही थी।

Sid - जल्दी से पूरी नागिन बन जाओ ना मुझे केचुली उतारनी है।

इतने में sid को एक जोरदार तमाचा पड़ता है जिससे सब पीछे हो जाती है।

Sid इस थप्पड़ से जल्दी से उठ जाता है और पीछे से भाग जाता है।

तनु - मैने क्या कहा था तुमसे।

chataaaaaak

तनु - मैने कहा था तुमसे पीछे एक कदम भी बढ़ाए तो बहुत महंगा पड़ेगा क्या करने जा रहे थे।

Sid जल्दी से तनु का हाथ पकड़ लेता है और कहता है, "मुझे कुछ बोलने तो दो, मुझे लगा था की ये सब मेरी वजह से हो रहा तो मैं दूर हो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा"

तभी तनु वापिस से sid को घूरती है, जिससे वो अब भाग कर साक्षी के पास खड़ा हो जाता है, जिससे साक्षी उसे घूरने लगती है और फिर वो रूही लोग को देखता है तो सब गुस्से से तमतमाई हुई थी।

सिद वापिस से तनु के पास आ कर खड़ा हो जाता है, और तनु कहती है घर चलो एक बार फिर बताती हूं , बहुत उड़ने लगे हो ना ज्यादा दिमाग लगा रहे हो , उससे पहले किसी और से मिल लूं जरा।

तभी तनु यशस्वी के पास आ जाती है और जो अब डर जाती है और तनु उसके सामने आ कर कहती है," एक नागिन का क्या काम होता है "

यशस्वी - अपने नाग रानी की रक्षा करना।

तनु - जब sid के ऊपर गोली चल रही थी तुम खड़ी खड़ी क्या कर रही थी।

ये बात तनु ने इतना चिल्ला कर बोली थी की पूरे आस के पास के लोग चुप हो गए थे।

तभी sid आगे आ कर तनु की कमर को जकड़ लेता है और उसकी पीठ पर अपना सर रख देता है।

जिससे तनु अब नॉर्मल होने लगी थी , और तभी sid कहता है ,' यशस्वी जाओ"

यशस्वी को तो बारोशा ही नही हो रहा था की तनु को इस तरह जकड़ कर शांत कर दिया।

यशस्वी - जी।

यशस्वी के जाते ही तनु और बाकी सब घर आ जाती है और sid आ कर बिस्तर पर बैठ जाता है।

तभी अंजली कहती है "तनु साक्षी ये रमेश यह कैसे आया, और उसे ये बात कैसे पता , और वीर अगर कैद था तो उसे सब कैसे पता और अब वीर वो राज जान गया है तो क्या वो चुप चाप बैठेगा"

तनु चुप चाप आगे बढ़ती है और कहती है तुम काव्या को अंदर बेड पर सुला दो।

ये कह कर वो पेड़ के पास जा कर लकड़ी की टहनी तोड़ने लगी थी।

जिसे देख कर के sid डर जाता है और कहता है गलती हो गई तनु अब कभी जान लेने की नही सोचूंगा तनु एक बार माफ कर दो।

"तनु , तनु मेरी एक बात तो सुनो तनु"

तनु आह आह तनु यार प्रोमिस अब कभी सपने में भी ऐसा नही सोचूंगा। तनु एक बार माफ कर दो तनु आ

अनु और रूही चुप चाप खड़ी हो कर sid को घूरे जा रही थी।

"तभी उन दोनो को एक टपली आ कर लगती हैं "

दोनो एक साथ हड़बड़ा कर कहती हैं क्या है।

साक्षी - क्या देख रही है।

" अपने पति को देख रही हूं, वैसे बहुत सुंदर हैं ना , अब तो और मासूम लग रहा है"

तनु - अपने भेजे में एक बात डाल लो, तुम सिर्फ हमारे हो , दूर जाने की कोशिश तो छोड़ो दिमाग में ख्याल भी नही आना चहिए।

तनु - अगर कुछ हो जाता तो लग जाती तो हमारा क्या होता हम पांचों के बारे मैं ख्याल नही आया।

Sid - और कैसे लगेगी।

उसकी ये बात सुन कर रूही और अनु हस देती है और अंजली अपने मुंह पर हाथ रख देती है।

साक्षी - इसकी हरकतें कभी सुधर नही सकती।

तभी तनु उसका कॉलर पकड़ लेती है और sid के होठ पर अपने होठ रख देती है।


kiss


Sid को बिस्तर पर लिटा देती है और उसके ऊपर वो भी लेट जाती है।

तनु - सॉरी , लेकिन अब याद रखना ये तुम्हारी लाइफ नही है , हम पांचों की है, याद नही आई हमारी ऐसे करते टाइम।

Sid - बहुत आई थी।

अनु अपनी तकिया सही करती है और कहती है वो तो दिख रहा था कितनी याद आई।

इन सब से दूर ऊपर साक्षी बैठी sid को देख रही थी।

Sid कब सो गया उसे पता ही नही चला।

वही रूही और अनु तनु सभी वीर को देख रही थी

" हमारे लिए ये दूर जाना चाहता था"

तनु - उल्लू है ये पागल कही का कोई बात नही सोचता।

वैसे बहुत प्यार आ रहा है ना

ये सुन कर के सभी के गाल लाल हो जाते है
.
.
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To be continued.....
behtreen update bhai
 

Game888

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उसकी बात सुन कर खलीफा भी उसे देखने लगता है।

*********

एक प्लेन में बैठा रोहित और उसकी गोद मैं बैठी लड़की दोनो ऑडियो पर रचना की बात सुन रहे थे," और रोहित स्माइल करते हुए बोलता है " इट्स माय टर्न सर खलीफा"

अब आगे --

खलीफा - बिल्कुल रचना मुझे पक्का यकीन है, सारी गल्फ कंट्री मैं हमारा ही नाम होगा।

रचना - उससे भी आगे सर

खलीफा - मुझे उम्मीद नहीं थी, तुम इतनी जल्दी इस मुकाम पर आ जाओगी।

रचना - उम्मीद तो हमे भी नही थी, सर लेकिन आप धीरे धीरे जान जाएंगे after all अब हम पेट्नर हैं।

खलीफा - मेरे बारे मैं तो तुम जानती होगी, पूरे अमेरिका मैं और गल्फ कंट्री मैं मेरी एयरलाइंस और वाटरलाइंस चलती है।

रचना - हा खलीफा मैं जानती हूं, और इसे गल्फ कंट्री से पूरे वर्ल्ड में करने के लिए तो मैं आई हूं।

खलीफा - i hope you dont regret me

रचना - यू ऑलवेज रिमेंबर me सर।

**************

इधर एक प्लेन में एक लड़की बैठी थी जो ड्रिंक बना रही थी, और लैपटॉप चला रही थी।

तभी वो लैपटॉप पटक देती है और कहती है," अब तुम मुझे सब बता रहे हो या नही , वर्ना अच्छा नही होगा"

रोहित - अरे अरे गुस्सा क्यो करती हो।

"गुस्सा ना होय तो क्या करू, तुम एशिया के सबसे बड़े डॉन हो और कोई तुम्हारे साथ खेल के चला जा रहा है"

रोहित - देखो सोनाली मेरी वाइफ हो ऐसे गुस्सा नही करते , और तुम्हे क्या लगता है मैं सब कुछ ऐसे कर रहा हूं, ये खलीफा ही है पुरे यूरोप का सबसे बड़ा डॉन है, और यही एयरलाइंस और वाटरलाइंस से इसकी इनकम आती है, जिससे लीगल तरीके से ये मजबूत है"

सोनाली - तुम क्या करोगे

रोहित - खेल का मजा लो अब तक खलीफा खेल रहा था अब हम खेलेंगे और उसे इंडिया में दिलचस्पी नहीं है , वो रूही को भारत लाना चाहता था, कुछ तो बड़ा झोल है, बस अब खेल शुरू होगा , लेकिन उसके पहले खलिफा की सारी डिटेल मुझे चहिए।

****************

तनु - साक्षी तू चाय चढ़ा और मैं जरा अपनी बेटी के पास जा रही, कल से नही खेली उसके साथ बहुत माया लग रही है।

तनु चली जा रही थी की साक्षी उसे रोकती है

"क्या बात है", तनु ने तपाक से उतर दिया

साक्षी - अरे बन्नो तुम्हारा फिगर हाय वीर इसी पर तो फिदा है, वैसे अब समझ आया की उसे तुम मैं इतना मजा क्यो आता है।

तनु - कामिनी सबका फिगर सेम टू सेम ही तो है, अब काम कर अपना हट कुछ भी बोलती रहती है।

इधर तनु बाहर आती है तो लड़कियों का एक झुंड बात कर रहा था, जिसमें रूही, अंजली, राखी और अंजू होती है और ये सब तनु को देख कर उसे ही देखने लगती है और फिर सब जाने लगती है।

राखी - जाने का मन नही है

अंजली - तो मत जाओ मां,

मंजू - फिर खाना कौन बनाएगा।

ऐसा कह कर वो हस्ते हुए जाने लगती है और तनु को गले लगा कर चली जाती है और साक्षी भी बाहर आती है।

इधर जैसे ही उन सब की नज़र अनु पर पड़ती है तो रूही हस देती है और कहती है ," दीदी ये ऐसे ही रहती है, इसका ये रूप तो देख कर ही समझ नी आ रहा"

तभी साक्षी देखती है तो वीर ने अनु को जकड़ रखा है और उसकी कमर पर वीर का हाथ होता है और सलवार के अंदर हाथ एक हाथ से अनु वीर का हाथ पकड़े रहती है और दूसरे हाथ से काव्या को जकड़े रहती है, और खुद वीर के सीने मैं घुसी रहती है

इधर वीर के पास आ कर सब खड़ी हो कर उसे ही घुर रही थी तभी अनु की नींद खुल जाती है और वीर को बाहों मैं पड़ी थी , तभी उसकी नज़र रूही अनु, और साक्षी और तनु पर पड़ी जो उसे देख कर हस रही थी, और वो ये देख कर हड़बड़ा जाती है और खड़ी हो जाती है जल्दी से और जींस और सलवार सही करने लगती है।

जिससे सब हसने लगती है और अनु साक्षी को पीछे से पकड़ कर के कहती है ऐसे क्या देख रहे हो सब, जान है वो मेरी।

साक्षी उसे गले लगा लेती है और कहती है अरे पागल लड़की ये बता नहा धो कर कौन सोता है।

अनु - ही ही ही ही मैं मुंह धो कर आती हूं।

तभी अनु जाते हुए देखती है की सब उसे घूर रहे है तो वो कहती है ऐसे क्या देख रहे हो मुझे।

तभी सभी हसने लगती है , और अनु चली जाती है और जाते हुए कहती है ,"सारी की सारी पागल लाया है वीर, बस भरा हुआ शरीर है सबका,एक मैं ही हूं सेक्सी मॉडर्न हू"

"बिल्लोटी भी" पीछे से किसी ने ये आवाज़ दी और अनु कहती है "अच्छी चीजों की नखरे भी बहुत है"

उसकी ये बात सुन कर सब हसने लगती है और अंजली चाय लाने चली जाती है, और तनु वीर के बाल सहलाती है और काव्या को आवाज लगती है।

तभी साक्षी कहती है तू वीर को उठा मैं चाय लाती हूं, जेसे ही वीर की नज़र खुलती है तो वो तनु को अपने सामने देखता है जिसकी गोद मैं वीर का सर होता है, तभी वीर आगे बड़ता है लेकिन तनु उसे इशारे से काव्या की तरफ़ दिखाती है ।

वीर उठ के बैठ जाता है तभी साक्षी वायग्रा सब वापिस आ जाती है और वीर मुंह धुलने चला जाता है।

वीर जैसे ही आता है उसे सामने रूही खड़ी मिलती है जो उसे देख रही थी।

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उसे देख कर वीर कही खो सा गया था।

वीर मन ही मन सोचता है," मैं ही मेडरचोद हूं, ऐसी लड़की से शादी से मना कर दिया"

वीर - तुम यह क्या कर रही हो , अंदर जाओ।

रूही - नही जाऊंगी तुमसे क्या अपना काम करो ,समझे वैसे भी शादी तो मुझसे करना नही था तुम्हे तो इतना भाव मत खाओ

वीर रूही की बात सुन कर चुप हो जाता है और कहता है प्लीज़ अंदर चलो, में नही चाहता आपके गुलाब जैसे होठ पर मेरे आलावा किसी और की नज़र पड़े ,

रूही उसकी बात सुन कर हस देती है और कहती है थैंक्स आज के लिए वीर।

तभी रूही कुछ और कहती तभी उसे अंजली की आवाज आती है जो उसे अंदर ले कर चली जाती है और अंजली जाते टाइम वीर को गुस्से से देख कर चली जाती है, उसकी नज़रे बहुत कुछ बोले रही थी।

वही अंजली का गुस्सा देख कर साक्षी और तनु हस रही थी।

अनु - दीदी , एंट्री तो वाइफ वाली मारी है दोनो ने फुल गुस्से मैं है।

अनु - दीदी आप दोनो इतनी लुंज पुंज क्यो है।

तनु साक्षी को देखती है और साक्षी तनु को।

तभी अनु की नज़र दोनो के जख्मों पर पड़ जाती है और वो कहती है ," रहने दो समझ गई मैं रात भर गाड़ी चली है लगता है"

इधर इसके बाद वीर अंदर आता है और काव्या के साथ खेलने लगता है और उसे खेलते देख अंजली की आंखे फटी की फटी रह गई जैसे उसने किसी भूत को देख लिया।

इधर वीर काव्या के साथ खेल कर वापिस आ कर चाय पीने लगता है और सब की नज़र टीवी पर होती है, और वीर चुपके चुपके रूही को देख रहा था।

रूही वीर को देख कर अंजली की ओर इसारे करती है और हसने लगती है ।

तभी वीर समझ जाता है अगर अभी बात करने की कोशिश की तो अंजली जान निकल कर बहार कर देगी।

तभी वीर की नज़र अकेली बैठी अनु पर पड़ती है जो कोने में अकेले बैठी थी, तभी वीर को बुरा लगने लगता है की अनु बेचारी इतना अकेले फील करती है।

तभी वो अनु को देखता है जो जींस और रेड हूड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी, जो उसे देख कर स्माइल पास करती है

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वीर - उसके बाजू में आ कर, बैठ जाता है और उसका हाथ पकड़ कर कहता है चलो ना बाहर बागीचे में चले।

अनु - हा चलो मजा आएगी, रुको दीदी को बुला लेती है।

वीर - नही बस हम और तुम।

अनु - ओए

वीर उसका हाथ पकड़ कर कहता है प्लीज़ ना।

अनु - ठीक है दीदी की परमीशन ले लो फिर तुम्हारी wifuuuu मना नही करेगी।

वीर उसकी बात सुन कर हस देता है और तनु के बगल आ कर लेट जाता है।

तनु - क्या बात है।

वीर - कुछ भी तो नही।

तनु - अच्छा जी मैं वाइफ हूं, आपकी समझे बच्चू, मुझे अच्छे से पता है कब आपको क्या चाहिए , वैसे भी तुम्हारी favorite ऐसे ही थोड़ी हूं।

वीर - अनु के साथ टाइम स्पेंट करना है वो अकेली फील कर रही है, इसलिए उसे बहार ले जाना चाहता हूं।

तनु - नही अकेले जाने की परमीशन नही है, चुप चाप घर में चाहे जहा जाओ।

वीर - अपने बाग मैं जाऊंगा बस

तनु - एक बार मैं सुनाई नही देता तुम्हे, हा बार बार बोलना पड़ेगा, नही जाना मतलब नही जाना।

वीर उसकी बात सुन कर चुप हो जाता है और तनु को करवट ले कर लेटी थी, वो उसको सीधा कर देता है, और उसके ऊपर लेट जाता है।

वीर तनु की आंखो में देखता है और उसके होठ पर अपने होठ राख देता है और तुरंत हटा देता है और कहता है बस थोड़ी देर , पक्का थोड़ी देर में आ जाऊंगा।

तनु वीर की इस हरकत से उसे ही देख रही थी, तभी वो कहती है " 1 घंटे मैं वापिस आना पड़ेगा"

वीर एक बार और उसे किस करता है और कहता है गुस्सा हो क्या , बोलो गुस्सा हो गई इसलिए कह रही हो।

तनु कुछ नही बोलती और दूसरी तरफ करवट ले लेती है , सो रही साक्षी को गले लगा लेती है।

फिर वीर उसे सीधा करता है ,"उसके ऊपर लेट जाता है और उसकी जुल्फे सही करने लगता है, और तनु का अब पारा अब बहुत चढ़ा हुआ था"

वीर - मुझे पता है तुम्हारा दिमाग अब हिला हुआ है, गुस्सा हो ना तुम।

तनु बस वीर को घूर रही थी कही न कही उसे वीर की ये बचकानी हरकते अच्छी लगी रही थी।

तभी वीर फिर से उसे किस करता है और कहता है उसके गाल खींचने लगता है और कहता है अकेले नही जाना मुझे , सब के साथ चला जाऊंगा लेकिन तुम गुस्सा मत हो प्लीज़।

तनु - अच्छा ठीक है, जाओ मैं गुस्सा नही हूं, अंजली और रूही को लेटे जाओ और काव्या को भी लेते जाओ।

वीर - तुम चलो ना।

तनु - जी नहीं हमे सोना है, वैसे भी हम दोनो बहुत थक गए है, और साक्षी को मत जगाओ और जाओ चुप चाप 1 घंटे मैं आ जाना।

वीर - अब अंजली को मनाऊं

तनु - मेरी परमीशन मिल गई अब तुम जानो और तुम्हारा काम hehehe

वीर - तुम हेल्प कर दो ना

तनु - नही अब मुझे सोने दो।

वीर एक चादर उठा कर दोनो को उड़ा देता है और तनु के जिस्म को लपेट लेटा है।

तनु - क्या है जाओ ना

वीर - तुम्हे सोना है ना, नींद आ रही है तो फिर तुम्हे सुला दूं पहले।

तनु - अरे मैं सो जाऊंगी पागल तुम जाओ

वीर - हमे मत बताओ मुझे अच्छा से पता हैं तुम्हे तब तक नींद नही आती जब तक तुम्हे मैं सुला ना दूं, और तुम्हे सुला कर चला जाऊंगा प्रोमिस बस अपनी बाग मैं रहुंगा।

इधर वीर तनु की साड़ी की अल्पीन हटा कर पल्लू नीचे कर देता है और उसके पेट को लपेट कर उसको अपने सीने से लगा लेटा है।

और तनु उसके सीने में घुस जाती है और उसे छपता लेती है और कब उसे नींद आ जाती है पता ही नही चलता।

तभी वो तनु को छोड़कर साक्षी की तरफ देखता है और हस्ते हुए उसके माथे पर टुनकी मारता है और कहता है " मुझे अच्छे से पता है, एक बार आप सोती हो तो नींद खत्म करने के बाद ही उठोगी, बचपन से देख रहा मेरी साक्षी सो जाओ"

तभी वीर जैसे ही दोनो को सुला कर उठ जाता है देखता है तो रूही उसे ही दोनो को प्यार करता देख रही थी और अंजली उसे घूर रही थी।

तभी वीर बाहर जाने लगता है, और अंजली को भी बाहर बुला लेता है।

अंजली बहार आ जाती है और वीर को देख कर गुस्से मैं कहती है " तुम वो घटिया इंसान हो, वीर जिसका मैं कभी चहरा नही देखना चाहती थी"

वीर - मुझे पता है ," तुम मुझसे नफ़रत करती हो घिन आती है तुम्हे "

अंजली - इतने सालो में मैने हर दिन ये सोचा वीर की तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, क्यो इस्तेमाल किया तुमने मेरा क्यो किया ये सब, तुम चाहे जितना बदल जाओ वीर मेरी नज़र में तुम वही पुराने वीर रहोगे।

अंजली ये कह कर जाने के लिए मुड़ जाती है और वीर उसका हाथ पकड़ लेता है, जिससे अब अंजली का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वो बहुत जोर जोर से वीर को तमाचे मारती है"

अंजलि - तुमने क्यू किया मेरा साथ ऐसा , क्यो किया बोलो , तुम्हे कुछ पता है मैं बस यही सोचती थी मेरे साथ ऐसा क्यो किया तुमने

ये कह कर अंजली जोर जोर से रोने लगती है

और वीर उसका हाथ पकड़ कर कहता है मत रो चाहो तो और मार लो मुझे , लेकिन ऐसे दर्द मत दो , तुम मत रो प्लीज़।

अंजली वीर को देखती है जो उसके आसू पोंछ रहा होता है और अंजली कहती है " दर्द देने वाले आसू पोछते हुए अच्छे नही लगते वीर"

अंजली को रोता देख वीर उसे गले लगा लेता है और अंजली रोते हुए, उसे गले लगा लेती है।

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वीर - तुम रोया मत करो।

अंजली अपने आसू पोंछ लेती है और वीर से अलग हो जाती है तभी वीर आजू बाजू देखता है और धीरे से कहता है डरो मत किसी ने गले लगते नही देखा।

वीर की बात सुन कर अंजली रो रही थी उसे हसी आ जाती है और तभी वीर कहता है क्या तुम रूही को ले कर बाग मैं चलोगी प्लीज़ मना मत करना।

अंजली कुछ नही कहती और पलट जाती है और जैसे ही अंदर जाती है अनु और रूही गेट पर से भाग कर बेड के कोने में बैठ जाती है

तभी अंजलि कहती है ," चलो बाग चलते है, थोड़ा बाहर की हवा खा कर मूड फ्रेश हो जाएगा"

अनु उठ जाती है और रूही का हाथ थाम कर चलने लगती है और पीछे पीछे वीर चल रहा था काव्या को ले कर"

तभी अनु पलट कर वीर को देखती है और रूही भी हल्की सी स्माइल पास कर के अंजली को और फिर वीर को देखती है।

तभी रूही अंजली से कहती है " वीर उतना भी बुरा नही है ना"

उसकी बात सुन कर अंजली कुछ नहीं कहती और रूही हसने लगती है।

तभी अनु और रूही बाग मैं खेलने लगती है और अंजली कोने में खड़ी वीर को देखने लगती है।

वीर - काव्या की बच्ची रुक तू

काव्या - hehehe पापा इतनी जल्दी हाथ में नही आऊंगी मैं, ही ही ही ही

वीर - काव्या रुक

काव्या - ही ही पकड़ के दिखाओ पापा।

तभी वीर और काव्या भागते भागते थक जाते है और अंजली के पास आ कर दोनो लुड़क जाते है।

इधर रूही और अनु भी उन्हें देख रही थी , और रूही वीर को चुपके से नज़रे बचा कर पूछती है क्यू हुआ।

वीर इशारे से सब ठीक है का इशारा करता है।

इधर वीर जैसे ही हल्का लेटा था की काव्या उठ कर पत्थर फेखना शुरू कर देती है ताकि फल नीचे गिर जाए।

तभी वीर एक टक काव्या को निहार रहा था, और बगल में बैठी अंजली को देखने लगता है जो तब एक एकदम चुप चाप बैठी थी।

तभी वीर उसके सर पर एक तापली मार देता है जिससे अंजली का सर फिर से घूम जाता है और उसने वीर को घुर कर देखा और उसकी आंखे बता रही थी की वो कितना गुस्सा मैं है।

तभी वीर उसको घूरता देख एक और टपली मार कर दूर चला जाता है और हसने लगता है।

तभी अंजलि गुस्सा मैं कहती है मैं चुप हूं, इसका मतलब ये नही की तुम कुछ भी करोगे।

अंजली अपना वाक्य पूरा करती उसके पहले एक बार और वीर टपली मार देता है और इस बार अंजली वीर को दौड़ा लेती है , " रुको तुम एक बार बहुत हाथ चल रहा तुम्हारा तुमने समझ क्या रखा है"

" इतनी हिम्मत कभी तनु ने नही की मुझे टपली मार कर भाग जाए"

वीर - तुम्हारे पति हूं इसमें और क्या समझने वाली बात है

वीर और अंजली को ऐसे भागते देख रूही दूर खड़ी हसने लगती है और कहती है , अगर मैं यह नहीं आती तो तुम्हारा ये रूप मुझे नही दिखता अंजली, हमेशा चुप रहने वाली लड़की वीर के सामने शेरनी कैसे बन गई"

अनु - क्युकी वो उसका पति है रूही , हम बहने ऐसी ही है वीर से बहुत लड़ती है, जितनी भी बहने आई है वो सभी वीर से बस लड़ती थी , क्युकी हमारा प्यार जताने का तरीका दूसरा है वैसे भी एक लड़की के लिए उसका पति बहुत कुछ होता है, वो उससे लड़ती है, मारती है, प्यार जताती है वैसे भी ये उसका हक है।

अनु - वीर को इतने थप्पड़ मारने के बाद उसका गुस्सा उतर गया कही ना कही उसे रियलाइज हुआ होगा कुछ।

रूही - ये तो गलत बात है ना हमेशा उसे डांटना ,मारना चुप करा देना इससे कल को वो कुछ फील करेगा तो क्या उसकी कोई वाइफ ऐसी है जिससे जो दिल की बात शेयर करे, और वो उसका साथ दे।

अब दोनो चुप थी और अनु के पास रूही की चीजों का उतर नही था तभी रूही आगे बोलती है हा मुझे पता है तुम और बाकी सभी उससे बहुत प्यार करती हो, लेकिन उसे स्पेशल फील करवाना क्या ये सही नही।

तभी अनु एक स्माइल करती है और कहती है हर किसी का अपना नेचर है, साक्षी दीदी मस्ती करती रहती है , तनु दीदी बहुत गुस्सैल है, दोनो वीर को बेशक बहुत डाटती है लेकिन तुमने आज देखा ना वीर के आलावा और किसी मैं हिम्मत है उन्हे ऐसे निशान देने की।

और वीर के साथ हम खुश है वीर खुद अंजली को ऐसे भागा रहा क्युकी इसी बहाने अंजली भाग रही और मस्ती कर रही चुप रहने से अच्छा है गुस्सा मैं मस्ती कर लो।

तभी उन दोनो की नज़र वीर पर लड़ती है जो अंजली के पास से भाग रहा था और कहता है " अच्छा सॉरी माफ कर दो वाइफ"

अंजली - तुमने मुझे छुआ कैसे

तभी वीर का पैर पर एक पत्थर लग जाता है और वो गिर पड़ता है उसे ऐसे गिरते देख अंजली हसने लगती है और कहती है आ गया स्वाद बहुत उड़ रहे थे ना भाग रहे थे ना।

तभी वीर चुप चाप बैठ जाता है और अपने पैर सहलाने लगता है

तभी अंजलि उसके पास बैठ जाती है और उसका पैर सही करने लगती है, देखने के लिए।

और उनकी ये हरकते देख कर रूही को कहती है अनु ," देखा पहली बार दीदी हसी ना जब से आई"

रूही - पहले तो नही पता था अनु वीर कैसा है, जिससे शादी हो रही वो मुझसे एक्सपेट करेगा भी या नही या केवल मेरे जिस्म से प्यार करेगा, लेकिन अब अच्छा लग रहा है मुझे एक ऐसा लाइफ पार्टनर मिला जैसा मैं चाहती थी देखना वीर तुम्हारी रूही तुम्हे वो अहसास दिलाएगी जो तुमने कभी फील नही किया होगा।

अनु ये देख कर हसने लगती है और मन मैं सोचती है बेशक तनु तुम हम सब मैं सबसे सुंदर हो, और खास हो लेकिन याद रखना एक बात।

रूही - क्या बताओ हमेशा याद रखूंगी।

अनु - मेरे जितनी सुंदर तो हो लेकिन भाभी हो 🤣😂 जीरो फिगर तो मैं ही हूं, और इसी बात का तो घमंड है पगलिया।

रूही - रुको तुम्हे बताती हूं मैं।

*" ही ही ही ही ही*" ,"अरे रुक ना"

तभी वीर खड़ा हो जाता है और कहता है अब चलो सब घर बहुत लेट हो रहा है।

अंजली - नही चलूंगी , जो करना है कर लो।

वीर अंजली के पास आता है और उसे पीछे से तपली मार कर भाग जाता है और कहता है मोटी भाग पाती नही और बोलती इतना है।

उसकी बात सुन कर अंजली भड़क उठती है और वीर के पास आने लगती है और वीर भाग जाता है घर की ओर।

और पीछे पीछे सभी आ जाती है।

और दोपहर का टाइम था सब थके होने की वजह से सोने चली जाती है और वीर चुप चाप बाहर आ जाता है छत पर।

" यहां अकेले क्या कर रहे हो" वीर के कान में ये लफ्ज़ पड़ते ही वीर पलट कर के देखता है तो उसे अनु खड़ी मिलती है।

अनु - बोलो यह क्या कर रहे हो , अकेले।

वीर - कुछ नही बस बोर हो रहा था।

अनु - अगर पांच पांच पत्नी होने के बाद भी पति बोर हो तो धिकार है उसकी पत्नी पर।

वीर - नही ऐसा नही है , तुम हस्ते हुए अच्छी लगती हो an

अनु - अच्छा जी , वैसे शर्म नही आती।

वीर - क्यो
अनु - अच्छा कोई मुझे बगीचे में चेक आउट कर रहा था।

वीर - अरे मेरी एक वाइफ ही तो ऐसी है तो वो मैं

अनु - क्या

वीर - क क क कुछ नही

अनु - ही ही ही उल्लू अब मैं सब को बताऊंगी ,

वीर - नही, वैसे सोरी

अनु - किस लिए सॉरी, क्युकी चेकआउट तो रोज करते हो अब बताओ, क्यो सॉरी।

वीर - वो मैने आपकी फ्रेंड की शादी मैं आपको नही ले जा पाया

अनु - कोई बात नही , मुझे पता है कुछ बड़ी बात है जो तुम सब मूझे नही बताओगे , मेरी सेफ्टी के लिए तो कोई बात नही तुमने कोशिश किया ना तो छोड़ो।

वीर - लेकिन मुझे अच्छा नही लगा ना।

अनु - क्यू किस नही ले पाए।

वीर - धत

अनु - मेरे लिए इतनी मार खाए, ताकि मुझे बाग ले जा सको।

वीर - आप स्माइल करिए बस।

तभी अनु उसे कस के गले लगा लेती है
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अनु - थैंकयू

वीर - वेलकम मिसेज वीर

तभी पहली बार दोनो गले लगे थे तो अनु की सास बहुत तेज चलने लगी थी, तभी अनु को अपने पेट पर कुछ एहसास होता है और वो चिहुंक कर हट जाती है और लाल गाल कर के दूसरी तरफ मुड़ जाती है।

तभी वीर उसका हाथ पकड़ लेता है और हर तरफ देखने लगता है, जब उसे अहसास होता है की कोई नही देख रहा तो वो अनु का हाथ पकड़ कर के रूम के पास ले आता है और रूम को बाहर से लॉक कर देता है।

तभी रूम के बंद होने के अहसास से अनु सिहर उठी थी उसे अजीब सी फीलिंग आने लगी थी।

तभी वीर तेजी से सास लेते हुए अनु को दिवाल से सटा देता है और अनु की सास बहुत तेज तेज चलने लगी थी और उसकी आंखे खुद ब खुद बंद हो गई थी।

अनु को आज एक पत्नी होने का अहसास हो रहा था।

तभी वीर का एक हाथ उसकी कमर पर आ गया, और दूसरा हाथ उसके गले पर अगले ही पल वीर अपने होठ अनु के होठ पर ले जाता है और अनु के तेज सास और और कापते हुए होठ वीर के सामने थे।

वीर अपने होठ अनु के होठ पर रख कर उसके ऊपरी होठ को चूमने लगता है
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और कब अनु के हाथ खुद ब खुद वीर की पीठ पर चलने लगे उसे पता ही नही चला और और अनु वीर का साथ देने लगी।

आज पहली बार कोई अनु के जिस्म का मजा लूट रहा था और ये कोई और नही उसका खुद का उसका प्यार और पति था जिसके अहसास से वो सिहर उठ रही थी।

तभी अनु की सास रुकने लगती है और वो वीर से दूर हट जाती है

और अनु की आंखे बंद थी और वीर वापिस उसे पकड़े खड़ा था।

अनु और वीर दोनो कुछ नही बोल रहे थे अनु की फूलती हुई सास वो कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी बेचारी को आज कोई मसल रहा था, जिससे कभी कोई बोलता नही था।

वीर - क्या हुआ अच्छा नही लगा क्या।

अनु - नही, हा

वीर - पहली बार मैं ऐसे होता है रुको मैं दुबारा करता हूं फिर कन्फर्म हो जाएगा

अनु - ओए तीस मार खान मार खाओगे अब समझे

वीर - अरे ये कौन सी बात हुई।

अनु - हमारे यहां ऐसा ही होता है समझे, ना इजहार ना कुछ सीधे शुरू हू हटो।

तभी वीर उसे चिड़ते हुए बोलता है हा हा मुझे छोटे छोटे पसन्द नही।

ये सुन कर अनु के गाल लाल के साथ मुड़ती है और अपनी hoodie उतार कर फेकते हुए, वीर को बिल्ली जैसी नज़र से देखती है।
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वीर की नज़र अब अनु के ऊपर नीचे हो रहे सीने उसकी पतली कमर, लाल लिपस्टिक जो अब गायब हो चुकी थी उस पर टिकी हुई थी।

और वीर को ऐसे घूरते देख अनु कहती है शो खत्म हुआ , और मेरे छोटे नही है समझे उल्लू की दुम हू।

वीर आगे बड़ता है तभी अनु भाग कर रूम का दूर ओपन कर देती है और वीर धीरे से कहता है ड्रेस तो लेती जाओ।

अनु बिना कुछ सुने बस रूम में घुस जाती है और तनु के बगल चुप चाप लेटे हुए तेज तेज सास ले रही थी।

और आज उसकी फर्स्ट किस हुई थी जिसके एहसास से उसका पूरा बदन कप जा रहा था और वो कहती है "उल्लू कही का "

तभी तनु पलट जाती है और अनु को कपते हुए देख कर पूछती है क्या हुआ।

रूही - अनु तू ठीक है ना।

अनु - हा हा मुझे क्या होगा, ये तो बस यू ही।

अंजली - पानी पियोगी सास क्यो फूल रही है।

तभी तनु कहती है अरे कुछ नही हुआ अंजू समझो यार वो शादी सौदा लड़की है अगर शादी सुदा लड़की हापे और कापे ना तो मतलब वो शादी शुदा नही।

ये सुन कर साक्षी जो सो रही थी वो हसने लगती है।
फिर अंजली वीर को तिरछी नजर से देखती है और वीर गाभरा जाता है।

************

To be continued 😄
anu ke sath bond kamjor ho rha tha ... Isliya reader ko jodna jaruri tha....😄 Aur waise bhi abhi toh party shuru hui hai.....bahut time se ramesh aur rajesh nhi dikh rhe kyu...🥴🥴...kuch bda hone waala hai..........

Like thokne ka ....revos likhne ka.........

Milte hai next update main seee youuuu tata tata.... soch rha agala update bhi jaldi de dun ... Ready toh wo bhi hai ... Bas thoda kaam baaki hai... Toh jaldi se like karwa do.....20 tak
बहुत ही मस्त और मनभावन अपडेट है भाई मजा आ गया
लगता हैं जल्दी ही अनू और वीर की कामलिला शुरु होने की संभावना लगती हैं खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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