Update 8
वीर ये सब सुन कर बस अपनी नम आंखों से आसू पोछते हुए कार ले कर अपनी चला जाता है
वीर - तुम मुझे मत अपनाओ लेकिन तुमको मैं जीना फिर से सीखा दूंगा साक्षी और तनु ये मेरा वादा है तुम्हारी नजरो में चाहे जितना गिर जाऊ लेकिन अपनी बेटी की नजरो मैं नही गिरना चाहता अब चाहे मर जाऊ लेकिन किसी को भी तुमको ताने नही मारने दूंगा।
अब आगे -
वीर ऐसा कह कर चुप चाप कार की चाबी ले कर निकल गया को शायद काम ही मिल जाए कुछ।
लेकिन वीर अच्छा से जानता था, ये गांव है यहां पर उसको काम मिलेगा,तो भी मेहनत वाला और वो उससे होगा नही हा! भोसड़ा मारने को मिल जाए तो कह नही सकता।
तभी वीर कार ले कर चुप चाप गांव में जा रहा था लेकिन शाम का टाइम था तो ज्यादा भीड़ थी लेकिन वो किसी तरह कार ले कर जा रहा था
वीर कही भी काम मागता लेकिन काम उसको मिल नही रहा था तभी वीर को याद आता है वो टूर का काम करता था वहा कार का काम शायद मिल जाए फिर तो उसकी खुद की भी कार भी थी।
तभी गांव के एक टूर का काम करने वाले जमीदार के पास गया
जमीदार - का हो बबुआ! का हाल चाल बा।
जमीदार को लगा कि वीर कोई कार बुक करने वाला कस्टमर है
तभी जमीदार कहता है वीर के बोलने से पहले " देखो बबुआ अभी कोई कार खाली ना बा"
तभी वीर कहता है " अरे नही चाचा मैं खुद काम मागने आया हूं "
वीर की बात सुन जमीदार हस्ते हुआ कहता है " का काम कर लेवा हो"
वीर उससे कहता है " चाचा कुछ भी लेकिन नौकर छोड़ कर "
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है तो ससुरा ये का कंपनी है का जाऊंन तोहका रख देई।
वही वीर जमीदार की बात सुन कर कहता है नहीं चाहिए तुम्हारी नौकरी रखो अपने पास लेकिन मेरे सामने आवाज़ ऊंची मत करना कोई मेरी पत्नी नहीं हो जो तुमसे डरूंगा।
तभी वीर अपनी कार की चाबी निकल लेता है
तभी जमीदार ये देख कर उसको रोक लेता है और कहता है " एक काम है तुम्हारी कार खुद की है "
वीर - हा
जमीदार - तब अच्छा है घरवाली है तुम्हारी
वीर - हा है घरवाली मेरी 3 थो काहे तू भी एक दोगे का
जमीदार - बबुआ अच्छा मजाक करता हा, हम तोहका टूर के काम पर रख देता हूं, लेकिन रोज के 2500 देब और पेट्रोल के अलग से लेकिन हामर हर बात माननी पड़ेगी।
वीर - ठीक है
तभी जमीदार कहता है हम रमाकांत है हमका यही कहा करा अब से
वीर उसकी बात मान लेता है तभी वो जोर से आवाज लगाता है अरे बिट्टू बाहर आओ
तभी एक औरत चाय ले कर बाहर आती है
रमाकांत - ये अब काम करेगा टूर का और रोज तुमको पैसा दे देगा ला कर
रज्जो - ठीक है जी
फिर रज्जो अंदर चली जाती है और जमीदार कहता है देखो यहां पर कार के अच्छा खासे पैसे मिलते है तभी रमाकांत वीर को दूसरे शहर भेज देता है और कहता है " दूसरे शहर में एक ई जगह पर जा कर इनको ले कर आना है
तभी वीर कार ले कर चला जाता है और कहता है मेडरचोद साला इतनी दूर भेज रहा है
तभी वीर कार चुप चाप चलने लगता है
इधर घर पर काव्या और साक्षी नीचे से ऊपर आती है खेल कर
तभी काव्या कहती है चलो ना जल्दी मम्मी पापा को परेशान करना है
तभी काव्या ऊपर आ जाती है और कहती पापा
तभी तनु ऊपर उसको कपड़े सिलते हुआ दिख जाती है जो उसको कहती है पापा कही बाहर गए है
तभी काव्या उदास हो जाती है और उसको ऐसे देख कर तनु का मन बैठ जाता है।
तभी साक्षी कहती है थोड़ी देर में आ जाएंगे पापा बेटू
तभी साक्षी अंदर आती है और कहती है खाना का क्या होगा
तभी तनु कहती है क्या होगा क्या थोड़ा चावल है बस वही फ्राई कर दूंगी सब खा लेंगे और कुछ लाने के पैसे नही है
तभी साक्षी कहती है उस रांड ने तो फकीर बना दिया कुछ करना पड़ेगा वर्ना इतना लोगो के खर्चा कैसे चलेगा।
तभी साक्षी कहती है तूने कुछ कांड किया क्या ये अचानक से वीर क्यो चला गया
तभी तनु कहती है मुझे नहीं पता और मैं जानती भी नही हट सामने से साड़ी सिलने दे
तभी अनु ये सुन लेती है जो अभी अभी आई थी वो ये सुन कर कहती है लगता है पिट कर गया है ही ही ही ही
तभी साक्षी उसको चुप कराती है कहती है जा कर काव्या के साथ खेल समझी
इधर वीर भी शहर आ गया था तभी वो जिस जगह रुकता है वहा एक औरत आती है
"ए ड्राइवर चल बैग रख कार मैं"
जिसको सुन कर वीर कहता है " मैं कार चलाने के पैसा लेता हूं समान रखने के नही"
तभी वो औरत वीर को घूरती है और सामन रख देती है और
चुप चाप बैठ जाती है
तभी कार चाल पड़ती है जिसको देख कर वो औरत कहती है देखो अगर मेरी तरह देखा ना तो आंखो को नोच लुंगी
ये सुन कर वीर हस्त है मैं भी तुमको देखने के लिए मरा नही जा रहा समझी शौक नही पड़ा मुझे तुमको देखने का
तभी वीर कहता है इतनी अकड़ ले कर कहा जा रही गांव में
औरत - वहा स्कूल में मेरी नौकरी लग गई है टीचर की वही रहूंगी अब बेटी के साथ
तभी वीर देखता है उसका बेटी भी इधर है तभी वीर कार चलाते हुए आने लगता है तभी वो एक सुन सान रोड पर गाड़ी रोक देता है
जिससे वो औरत डर जाती है और कहती नहीं मुझे कुछ मत करो तुम मुझसे पैसे ले लो मुझे मत करो
वीर - अबे चुप करो यार कितना बोलती तुम्हारे पास क्या है लेने को मोटी
तभी वीर कहता है उससे की कार पंचर हो गई है रुक जा कुछ मिनट बना लूं।
इधर घर में अब काव्या परेशान हो गई और कहती है मम्मी आप ने ही कुछ किया जो पापा चले गए।
तभी तनु कहती है तुम्हारे पापा कहा जाएंगे हम सब को छोड़ कर आगे पीछे ही घूमेंगे हम सब के परेशान मत हो ना बेटू थोड़ी देर में वो आ जाएंगे।
काव्या - नहीं मम्मी कॉल करो ना पापा को, मुझे नहीं चहिए चॉकलेट बस पापा को बुला दो।
साक्षी - क्या मतलब बेटा
काव्या - वो कुछ नहीं आप कॉल करो ना पापा को
फिर उसकी बात मान कर साक्षी ने कॉल किया उसको लेकिन फोन तो कार मैं था जिसकी वजह से वीर उठा नही सकता था।
वीर भी पंचर बना कर उस लड़की को सीधा जमीदार के घर उतार देता है क्युकी अब वो वही रहेगी।
तभी जमीदार आता है बाहर और कहता है आओ आओ चमेली , कोई तकलीफ तो नही हुई आने मैं
तभी चमेली कहती है नही कोई दिक्कत नही हुई वीर ने सब अच्छा से संभाल लिया।
तभी वीर कहता है अब रात काफी हो गई है मेरे पैसे दे दे मैं चलूं।
ये सुन कर चमेली वीर को 3000 दे देती है जिससे वीर स्माइल कर के चला जाता है
वीर वहा से निकलते टाइम देखता है रज्जो जमीदार की बेटी ऊपर खड़ी चमेली को घूर रही थी और उसकी आंखो मैं नमी थी।
लेकिन वीर वहा से निकलने लगता था तभी उसको जमीदार रोकता है और कहता है वीर कल 1 बजे आ जाना मैं कॉल करूंगा, दोपहर को कही चलना है।
वीर उसकी बात मान कर मुंडी हिला देता है और इधर साक्षी वीर का फोन नहीं उठने से परेशान हो जाती है और तनु को देखती हैं।
तभी तनु कहती है पता नहीं किस लन्ड से मेरी किस्मत लिखी गई थी।
तनु की ये बात सुन कर साक्षी और अनु हस हस के गिरी जा रही थी।
तभी साक्षी कहती है ध्यान से काव्या के पास रहना हम पापा को ले कर आते है।
तभी तनु और साक्षी गुस्सा मैं नीचे आते है और तभी नीचे आने पर मधु चाची और भाभी किसी बात को लेकर बात कर रहे थे।
वही तभी तनु गुस्सा मैं नीचे आती है तभी मधु उसको कहती है अरे बेटा तनु और साक्षी तुम दोनो का पति क्या करता है 3 पत्नियां है अब।
इतना सुन कर तनु का दिमाग तो पहले भी हिला हुआ था लेकिन ये सुन कर और हिल जाता है, लेकिन तभी तनु कहती है कुछ भी नहीं करते चाची हम तीनो को बारी बारी चोदते है क्यों,आपको भी चुदवाना है क्या?
उसकी ये बात ऊपर खड़ी अनु और भाभी सुन लेती है जो फिर हसने लगती है तभी साक्षी कहती है माफ करना चाची ये तो है ही पागल।
इतना कह कर साक्षी तनु को ले कर बाहर निकल जाती है।
तभी तनु से साक्षी कहती है और बता सच्ची सच्ची वीर के आने से अब अच्छा लगता है ना।
वही ये बात सुन तनु रुक जाती है क्युकी वो खुद जानती थी लेकिन फिर तनु आगे बढ़ जाती है और जब दोनो गेट पर आते है तो एक कार आ कर रुकती है।
साक्षी और तनु देखते है तो ये वीर था साथ मैं कई चीज भी थी उसके पास जो वो साक्षी को पकड़ा देता हैं।
तभी साक्षी वो सब पकड़ लेती है आगे जाने लगती है तभी रुक जाती है और पीछे देखती है तो वीर वापिस से उन्हे ताड़ रहा था।
साक्षी - ऊपर चल कर घूर लोगे तो कोई दिक्कत होगी क्या?
वीर ये सुन झेप जाता है और आगे चलने लगता है ऊपर आते ही वीर के ऊपर काव्या कुद पड़ती है और कहती ही ही ही पापा कहा चलें गए थे मुझे लगा आप फिर हम छोड़ कर चले गया मुझे और मम्मी को छोड़ कर।
वही उसकी ये बात तनु सुन लेती हैं और वो काव्या देखती है तो उसकी खुशी देख कर के हस देती है।
इधर वीर काव्या को उतार का के नीचे रूम में लाता है और खूब सारी चॉकलेट उसके सामने रख देता है जिसको देख कर तनु की आंखे चोड़ी हो जाती हैं।
तभी ये देख कर के अनु आती है और कहती है रुको मैं खत्म करने में मदद करती हूं काव्या।
काव्या अपनी टूटी आवाज़ में कहती है नही छोटी मम्मी, मम्मी देखो ना ये मेरी चॉकलेट
लेकिन तभी काव्या को कुछ और याद आ जाता है वो सभी झोले में चेक करती है और देखती है 4 साड़ी पड़ी हुई थी।
ये देख कर साक्षी आगे आती हैं और देखती है एक बैग मैं ब्रा और पँटी पड़ी हुई थीं जिसको देख कर वो नोटिस करती है ये किसके लिए है और हस्ते हुए तनु की ओर देखती है।
तनु - कामिनी भाग इधर से रुक तू जरा।
साक्षी - मेरे पर क्यो गुस्सा हो रही हैं, मैने थोड़ी लाया है ये सब
तभी साक्षी आगे आती है और कहती है बाकी की बैग चेक करने दे हट।
साक्षी और तनु चेक करते हैं तो देखती है एक बैग मैं सब्जी पड़ी हुई थी और सेंटरी pad पड़ी हुई थी।
ये देख कर साक्षी और अनु फिर हसने लगते है और इस बार तनु के गाल ही लाल हो हुए थे वो समझ नही पा रही थी क्या रिएक्शन दे।
क्युकी अब वीर की हरकतें जैसी भी हो वो खुश तो रख रहा था सभी को।
तभी अनु एक लास्ट बैग चेक करती है और कहती है मेरे लिए क्या लाया है वो देखती है तो जींस और टॉप दो सेट थे उसके लिए।
ये देख कर वो कहती है "ये मेरे लिए है क्या "।
तभी तनु कहती है अब हम दोनो को तो ये साइज होता नही और काव्या छोटी सी है।
तभी तनु फिर उदास होती है क्युकी उसको लगा था वीर काव्या के लिए कुछ नहीं लाया तभी वो कुछ और कहती तभी एक थप्पड़ उसके सर मैं पड़ता है जो बहुत ज़ोर से पड़ा था।
साक्षी - किसकी याद मैं खोई है रात को खोना यादों में इतनी देर से चिल्ला रही बैग मैं काव्या के कपड़े हैं निकाल हाथ मैं पकड़ कर बैठी है छोड़ हट।
तभी तनु का ध्यान आता है और उसकी आंखे नम हो जाती है ये पहली बार था जब उसकी बेटी के लिए नए नए कपड़े आए थे और ऊपर से वीर में थप्पड़ के बाद भी ऐसा किया।
वो एक टक वीर को देखती है जो बाहर बैठा हुआ था।
तभी अनु कपड़े साइड कर देती है और कहती है " मुझे नहीं चाहिए किसी ऐसे इंसान से कपड़े''
उसकी ये बात साक्षी और तनु सुनती हैं और बाहर आती है वीर के पास जो मुंह धुलने जा रहा था।
साक्षी - तुम वीर को मुंह धुलवा कर लाओ मैं चाय बनाती हूं और अच्छा से पूछ लेना सब सारी बात
तभी साक्षी वापिस रूम मैं आती है और चॉकलेट खाने लगती है क्युकी अभी तक काव्या अकेली खा रही थी।
ये देख कर अनु की आंख बड़ी हो जाती है दीदी आप उसकी लाई हुई चॉकलेट क्यो खा रही।
साक्षी - तो तू मत खा ना, वैसे भी ऐसे इंसान के हाथ से नही खाना चहिए।
ऐसा कह कर साक्षी काव्या से कहती है बेटू ये वाली चॉकलेट अच्छी है वो कोने से समोसा निकल ना, दोनो मां बेटी खाते है।
ये सब आंखे फाड़े अनु देख रही थी उसको अपनी बहन पर यकीन नही हो रहा था।
तभी वीर मुंह धुलने के लिए बाथरूम में आता है जहा पर उसके साथ तनु होती है, वीर को देख रही थी।
तनु - काव्या के कपड़े लाने के लिए थ
वीर - बेटी है, वो मेरी उसकी खुशी के लिए मैं कुछ भी करूंगा।
वीर - तुमको साड़ी पसंद आई
तनु कुछ नही बोलती तभी वीर कहता है वो पर्पल
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वाली पहन लेना ना मैने बड़े प्यार से एक साथ बहुत साड़ी लाने के पैसे नहीं थे क्युकी घर के सामान भी लाने थे।
वीर - बस मेरी बेटी को फटे पुराने कपड़े मत पहनाया करो और मैं हूं हवासि क्या करू नही बदल सकता खुद को ना, तुमसे प्यार करता हूं जो सही लगता है वो करता हूं।
वीर - वैसे के बात बताऊं
तनु - हा
वीर - इमोशन करवा कर कर तुमको साक्षी रूम से बाहर भेजना चाहती थी क्युकी समोसा और टिकिया अंदर है।
तनु - अरे! खाने के बाद बात करती हूं हा।
ऐसा कह कर तनु भाग जाती है और साक्षी को देख कर कहती है डायन
साक्षी - गुस्सा क्यो होती है तू भी बैठ के खा ना।
तभी तनु भी बैठ कर खाने लगती है जिसे देख कर अनु अब हिल जाती है।
अनु - दीदी
साक्षी - दीदी दीदी क्या कर रही है चल खाना बना, तू हम खा कर बनाते है।
तनु - तुझे खाना है या नही
साक्षी - जल्दी बता फिर हम खा ले
तनु - चल मत खा मैं खा लेती हूं।
अनु - दीदी
साक्षी - क्या है
अनु - मुझे समझ नही आ रहा
तनु उठती है और कहती है ज्यादा समझ मत ये समोसा ठूस बैठ कर और फिर तनु साड़ी अलमारी में रखने लगती है और पुरानी वाली फटी हुई फेक देती है।
तभी साक्षी कहती है रेड वाली साड़ी मेरी तनु ठीक है पर्पल वाली मेरी।
तनु- अनु जरा गारमेंट्स देना
साक्षी - रुक मैं देती हूं ये सटक है, अब तो खाना बना दे मेरी मां
तनु - हा चावल सब्जी बना देती हूं वैसे भी खाया तो सब ने
साक्षी - ठीक है मैं वीर के पास हूं तब तक तुमने पूछा था उससे
तनु - में गई थी बट पूछी नही तुम कर लो मैं खाना बना देती हूं।
तभी साक्षी बाहर निकल जाती है और वीर के बगल आ कर बैठ जाती है।
वीर - हल्लो
साक्षी - ही ही ही हेलो, अब बताओ कहा से लाए इतने पैसे
वीर - जमीदार के यह कार टूर का काम किया 3000 मिले और कुछ पैसे मेरे पास थे पहले।
वीर - तुम मुझसे गुस्सा हो क्या।
साक्षी - क्यो मैं क्यों होने लगी गुस्सा।
वीर - तुम्हारे अलावा तो कोई है भी नही जो मुझेसे सही से बात करे, लेकिन तुम भी तो बात नही करती तो अकेले फील होता है,
साक्षी - अरे इतना सब अकेला सोच लिया जरा मेरी तरफ देखा, तनु की तरफ देखो काव्या को देखो जो अपनी मम्मी के पास बैठी खाने में मस्त है, हा थोड़ा गुस्सा है हम सब लेकिन मानाओ तुम ना तुम्हरे ही है।
साक्षी - चाहे तुम हो या कोई और लेकिन इसी शरीर ने हमारे साथ खिलवाड़ किया था इतनी आसानी से कैसे भूल जाए सब हा।
वीर- i love you अब तो मैने साबित किया ना की मैं तुमसे प्यार करता हूं, अब तो मेरे साथ रहने मैं तुमको दिक्कत नही है।
साक्षी - i love you too इतना सोचने की जरूरत नही है हम सब तुम्हरे है।
तभी तनु कहती है चलो अब खाना खा लो फिर फुसलाना हम सब को
तभी वीर अंदर रूम में आता है और उसको तनु हस्ते हुआ दिखती है वो ये देख कर खुश हो जाता है।
तनु - अभी भी नहीं है मेरी समझे दात मत दिखाओ।
ये सुन कर वीर तनु और साक्षी को देखता है जो भले ही पहले ही टूट चुके थे लेकिन अब वीर ने उनको जोड़ने का काम शुरू कर दिया था।
तभी वीर की नजर अनु पर पड़ती है
वीर सोचता है ये लड़की तो पूरा का पूरा साक्षी की फोटो कॉपी है

बस थोड़ी पतली है।
तभी काव्या कहती है छोटी मम्मी देखो पापा आप को देख रहे है अब।
वही ये सुन कर वीर अब खाने पर ध्यान देता है और तनु उसकी प्लेट में और डाल देती है।
फिर खाने के बाद वीर चुप चाप बाहर आ जाता है और साक्षी बाहर बिस्तर लगाने लगती है और तनु भी काम कर के आने लगती है।
अनु - सोना कहा है दीदी
साक्षी - देखो मैं और तनु और ये बहार सोते है।
अनु - मैं कहा लेटू
साक्षी- अनु तू भी वाइफ है समझी साथ मैं चल कर सो और तू भी जानती है वो तेरे हसबैंड है नई शुरवात हुई है वैसे भी तू खुस है या नहीं ये तेरा दिल जानता है।
तनु - बस कर वो समझ गई।
इधर बेड पर वीर काव्या को जकड़ कर सुला रहा था, और साक्षी को ताड़ रहा था जो बहुत खिली खिली लग रही थी।
वही रात का टाइम था और अब काव्या सो गई थी और वीर उसको प्यार से सुला दिया और काव्या के बगल तनु आ कर लेट गई और वहीं वीर के बगल साक्षी और फिर अनु।
वीर लेटा हुआ था उसको नींद नही आ रही थी तो वो बाथरूम करने के लिए उठा हुआ था।
वो जब सीढ़ी के पास पहुंचा तो उसको शोर सुनाई पड़ा तो वो शोर की तरफ बढ़ा।
गांव के दरवाजा तो होता ही है खतरनाक तो उसने चुपके से झांकना सही समझा और जैसे ही वीर ने नज़र अंदर की ओर की उसकी आंखे ही जम गई गेट पर।
सामने साक्षी का भाई राज अपनी पत्नी को चोद रहा था
राज निधि को पेट के बल लिटा कर पीछे से चोद रहा था और उसकी ही आवाज आ रही थी
निधि - आह आह.. आ थोडा रुक रुक आआआ आ आराम से करिए ना देर तक चलेगा मजा आएगा आ हाए ओह यारर समझ करो ना उह उह मां यार समझ नही आती क्या
राज - चुप करो आने वाला आआआआआआआ मेरी जान धीरे मजा नही आता
निधि - अरे आआआह उह उह उह नही रुको
लेकिन तब तक निधि के अंदर झड़ चुका था।
निधि - जब कर नही पाते तो दवा ले लो ना हद है ।
इधर वीर ये देख कर जल्दी से भाग गया ऊपर और निधि वापिस गेट पर आती है तो उसको पता चल गया था की कोई था गेट पर तभी उसको ऊपर का गेट बंद होने की आवाज आई।
इधर वीर ने पहली बार सामने से चूदाई देखी थी उसकी सास बस ऊपर नीचे हो रही थी।
तभी वो वापिस लेट जाता है जहा उसके जस्ट बगल साक्षी लेटी हुई थी वो आपने कापते हुआ हाथो से साक्षी के कमर को सहलाता है।
वही ऐसा करते ही उसकी सास जम गई आज अपनी खुद की मां को ऐसे इतने करीब देख उसकी सास अटक रही थी लेकिन फिर वो हिम्मत कर के उसके और करीब आ जाता है।
फिर वो अपनी एक टांग साक्षी के ऊपर रख देता है और उसके बाद उसकी नजर साक्षी के चूचो पर पड़ती है जो देख कर उसकी सास और तेज हो रही थी।
फिर कोई भी लड़का अपना कंट्रोल खो दे तो वीर तो फिर भी पहली बार किसी लड़की के साथ था वो जल्दी से साक्षी के ऊपर आ जाता है और उसको दबोच लेता है।
तभी साक्षी की नींद खुल जाती है और वो चीखती उसके पहले वीर ने उसका मुंह दबा दिया।
वीर - प्लीज चीकना मत प्लीज मैं तो बस तुम्हारे साथ मैं बहक गया था माफ कर दो।
साक्षी बस हा मैं मुंडी हिला देती है, और ऊपर से हट जाता है वीर।
वही वीर अब बहुत ज्यादा डर रहा था जिसकी वजह से साक्षी हस देती है और उसके सीने में घुस जाती है और धीरे से कहती है मैने तो कुछ कहा भी नही फिर भी डर रहे हो।
वीर - ए एक किस कर सकता हूं।
साक्षी - चुप चाप सो जाओ हग करने दे रही हो ना
वही साक्षी, वीर को ऐसे तड़पते देख बहुत हसी भी आ रही थी आज उसको पाने लिए कोई तड़प रहा था।
थोड़ी देर बाद साक्षी सो जाती है और फिर वो करवट ले लेती है।
तभी उसकी नजर तनु पर पड़ती हैं जो साई हुई थी करवट ले कर
पहले तो वीर उसको देख कर आंखे बंद कर लेता हैं लेकिन फिर उसको बाहों में जकड़ लेता है।
और उसकी कमर कस लेता है और उसका पल्लू हटा कर उसकी पीट पर सर रख देता है।
थोड़े टाइम बाद तनु की नींद खुल जाती है और वो देखती है वीर उसको जकड़ कर के सोया हुआ है
पहले तो तनु उसको मारने के लिए आगे बढ़ती है लेकिन फिर उसको वीर की बात याद आती है जो उसको कह रहा था मैं तुमको प्यार करता हूं।
तनु - अगर बात मेरी बेटी की खुशी की है तो मैं ये माफ कर सकती हूं और ऐसा कहते हुए वो वीर के हाथ को हटा देती है और कहती है अब सब खत्म हो चुका है वीर,अब तो मैं टूट चुकी हूं। शायद तुम मेरी खुशियां वापिस ला पाओ।
तभी वीर नींद मैं था और उसने तनु की कमर को लॉक किया और उसके ऊपर लेट गया और उसके चूचों पर सर सर रख कर लेट गया।
तनु वीर को धकेलने वाली थी तभी उसको आवाज आती है वीर के बड़बड़ाने की
वीर - तनु मत जाओ, तनु , रुक जाओ प्लीज। मुझे मत छोड़ो।
अचानक वीर कांपने लगता है और उसको कापते हुआ देख कर तनु एक तरफ देखती है जहा उसकी बेटी सोई हुई थी और उसके ऊपर उसका पति।
लेकिन तनु धीरे से वीर को अपने ऊपर से हटा देती है और उससे थोड़ा दूर हो कर लेट जाती है।
थोड़ी देर बाद तनु पलट कर देखती है तो वीर हाथ चला कर उसको ढूंढ रहा था।
फिर तनु स्माइल कर देती है उसको ये खेल अच्छा लग रहा था।
ऐसे ही रात गुजर जाती है।
..
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To be continued
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ab romantic life shru ho gai hai toh
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.... Lets enjoy.... Aur ek question hai batoo sabse pahle chut kon degiii....
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Nidhi mat bolna.