Amanda yasir
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बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मस्त अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 8
वीर ये सब सुन कर बस अपनी नम आंखों से आसू पोछते हुए कार ले कर अपनी चला जाता है
वीर - तुम मुझे मत अपनाओ लेकिन तुमको मैं जीना फिर से सीखा दूंगा साक्षी और तनु ये मेरा वादा है तुम्हारी नजरो में चाहे जितना गिर जाऊ लेकिन अपनी बेटी की नजरो मैं नही गिरना चाहता अब चाहे मर जाऊ लेकिन किसी को भी तुमको ताने नही मारने दूंगा।
अब आगे -
वीर ऐसा कह कर चुप चाप कार की चाबी ले कर निकल गया को शायद काम ही मिल जाए कुछ।
लेकिन वीर अच्छा से जानता था, ये गांव है यहां पर उसको काम मिलेगा,तो भी मेहनत वाला और वो उससे होगा नही हा! भोसड़ा मारने को मिल जाए तो कह नही सकता।
तभी वीर कार ले कर चुप चाप गांव में जा रहा था लेकिन शाम का टाइम था तो ज्यादा भीड़ थी लेकिन वो किसी तरह कार ले कर जा रहा था
वीर कही भी काम मागता लेकिन काम उसको मिल नही रहा था तभी वीर को याद आता है वो टूर का काम करता था वहा कार का काम शायद मिल जाए फिर तो उसकी खुद की भी कार भी थी।
तभी गांव के एक टूर का काम करने वाले जमीदार के पास गया
जमीदार - का हो बबुआ! का हाल चाल बा।
जमीदार को लगा कि वीर कोई कार बुक करने वाला कस्टमर है
तभी जमीदार कहता है वीर के बोलने से पहले " देखो बबुआ अभी कोई कार खाली ना बा"
तभी वीर कहता है " अरे नही चाचा मैं खुद काम मागने आया हूं "
वीर की बात सुन जमीदार हस्ते हुआ कहता है " का काम कर लेवा हो"
वीर उससे कहता है " चाचा कुछ भी लेकिन नौकर छोड़ कर "
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है तो ससुरा ये का कंपनी है का जाऊंन तोहका रख देई।
वही वीर जमीदार की बात सुन कर कहता है नहीं चाहिए तुम्हारी नौकरी रखो अपने पास लेकिन मेरे सामने आवाज़ ऊंची मत करना कोई मेरी पत्नी नहीं हो जो तुमसे डरूंगा।
तभी वीर अपनी कार की चाबी निकल लेता है
तभी जमीदार ये देख कर उसको रोक लेता है और कहता है " एक काम है तुम्हारी कार खुद की है "
वीर - हा
जमीदार - तब अच्छा है घरवाली है तुम्हारी
वीर - हा है घरवाली मेरी 3 थो काहे तू भी एक दोगे का
जमीदार - बबुआ अच्छा मजाक करता हा, हम तोहका टूर के काम पर रख देता हूं, लेकिन रोज के 2500 देब और पेट्रोल के अलग से लेकिन हामर हर बात माननी पड़ेगी।
वीर - ठीक है
तभी जमीदार कहता है हम रमाकांत है हमका यही कहा करा अब से
वीर उसकी बात मान लेता है तभी वो जोर से आवाज लगाता है अरे बिट्टू बाहर आओ
तभी एक औरत चाय ले कर बाहर आती है
रमाकांत - ये अब काम करेगा टूर का और रोज तुमको पैसा दे देगा ला कर
रज्जो - ठीक है जी
फिर रज्जो अंदर चली जाती है और जमीदार कहता है देखो यहां पर कार के अच्छा खासे पैसे मिलते है तभी रमाकांत वीर को दूसरे शहर भेज देता है और कहता है " दूसरे शहर में एक ई जगह पर जा कर इनको ले कर आना है
तभी वीर कार ले कर चला जाता है और कहता है मेडरचोद साला इतनी दूर भेज रहा है
तभी वीर कार चुप चाप चलने लगता है
इधर घर पर काव्या और साक्षी नीचे से ऊपर आती है खेल कर
तभी काव्या कहती है चलो ना जल्दी मम्मी पापा को परेशान करना है
तभी काव्या ऊपर आ जाती है और कहती पापा
तभी तनु ऊपर उसको कपड़े सिलते हुआ दिख जाती है जो उसको कहती है पापा कही बाहर गए है
तभी काव्या उदास हो जाती है और उसको ऐसे देख कर तनु का मन बैठ जाता है।
तभी साक्षी कहती है थोड़ी देर में आ जाएंगे पापा बेटू
तभी साक्षी अंदर आती है और कहती है खाना का क्या होगा
तभी तनु कहती है क्या होगा क्या थोड़ा चावल है बस वही फ्राई कर दूंगी सब खा लेंगे और कुछ लाने के पैसे नही है
तभी साक्षी कहती है उस रांड ने तो फकीर बना दिया कुछ करना पड़ेगा वर्ना इतना लोगो के खर्चा कैसे चलेगा।
तभी साक्षी कहती है तूने कुछ कांड किया क्या ये अचानक से वीर क्यो चला गया
तभी तनु कहती है मुझे नहीं पता और मैं जानती भी नही हट सामने से साड़ी सिलने दे
तभी अनु ये सुन लेती है जो अभी अभी आई थी वो ये सुन कर कहती है लगता है पिट कर गया है ही ही ही ही
तभी साक्षी उसको चुप कराती है कहती है जा कर काव्या के साथ खेल समझी
इधर वीर भी शहर आ गया था तभी वो जिस जगह रुकता है वहा एक औरत आती है
"ए ड्राइवर चल बैग रख कार मैं"
जिसको सुन कर वीर कहता है " मैं कार चलाने के पैसा लेता हूं समान रखने के नही"
तभी वो औरत वीर को घूरती है और सामन रख देती है और
चुप चाप बैठ जाती है
तभी कार चाल पड़ती है जिसको देख कर वो औरत कहती है देखो अगर मेरी तरह देखा ना तो आंखो को नोच लुंगी
ये सुन कर वीर हस्त है मैं भी तुमको देखने के लिए मरा नही जा रहा समझी शौक नही पड़ा मुझे तुमको देखने का
तभी वीर कहता है इतनी अकड़ ले कर कहा जा रही गांव में
औरत - वहा स्कूल में मेरी नौकरी लग गई है टीचर की वही रहूंगी अब बेटी के साथ
तभी वीर देखता है उसका बेटी भी इधर है तभी वीर कार चलाते हुए आने लगता है तभी वो एक सुन सान रोड पर गाड़ी रोक देता है
जिससे वो औरत डर जाती है और कहती नहीं मुझे कुछ मत करो तुम मुझसे पैसे ले लो मुझे मत करो
वीर - अबे चुप करो यार कितना बोलती तुम्हारे पास क्या है लेने को मोटी
तभी वीर कहता है उससे की कार पंचर हो गई है रुक जा कुछ मिनट बना लूं।
इधर घर में अब काव्या परेशान हो गई और कहती है मम्मी आप ने ही कुछ किया जो पापा चले गए।
तभी तनु कहती है तुम्हारे पापा कहा जाएंगे हम सब को छोड़ कर आगे पीछे ही घूमेंगे हम सब के परेशान मत हो ना बेटू थोड़ी देर में वो आ जाएंगे।
काव्या - नहीं मम्मी कॉल करो ना पापा को, मुझे नहीं चहिए चॉकलेट बस पापा को बुला दो।
साक्षी - क्या मतलब बेटा
काव्या - वो कुछ नहीं आप कॉल करो ना पापा को
फिर उसकी बात मान कर साक्षी ने कॉल किया उसको लेकिन फोन तो कार मैं था जिसकी वजह से वीर उठा नही सकता था।
वीर भी पंचर बना कर उस लड़की को सीधा जमीदार के घर उतार देता है क्युकी अब वो वही रहेगी।
तभी जमीदार आता है बाहर और कहता है आओ आओ चमेली , कोई तकलीफ तो नही हुई आने मैं
तभी चमेली कहती है नही कोई दिक्कत नही हुई वीर ने सब अच्छा से संभाल लिया।
तभी वीर कहता है अब रात काफी हो गई है मेरे पैसे दे दे मैं चलूं।
ये सुन कर चमेली वीर को 3000 दे देती है जिससे वीर स्माइल कर के चला जाता है
वीर वहा से निकलते टाइम देखता है रज्जो जमीदार की बेटी ऊपर खड़ी चमेली को घूर रही थी और उसकी आंखो मैं नमी थी।
लेकिन वीर वहा से निकलने लगता था तभी उसको जमीदार रोकता है और कहता है वीर कल 1 बजे आ जाना मैं कॉल करूंगा, दोपहर को कही चलना है।
वीर उसकी बात मान कर मुंडी हिला देता है और इधर साक्षी वीर का फोन नहीं उठने से परेशान हो जाती है और तनु को देखती हैं।
तभी तनु कहती है पता नहीं किस लन्ड से मेरी किस्मत लिखी गई थी।
तनु की ये बात सुन कर साक्षी और अनु हस हस के गिरी जा रही थी।
तभी साक्षी कहती है ध्यान से काव्या के पास रहना हम पापा को ले कर आते है।
तभी तनु और साक्षी गुस्सा मैं नीचे आते है और तभी नीचे आने पर मधु चाची और भाभी किसी बात को लेकर बात कर रहे थे।
वही तभी तनु गुस्सा मैं नीचे आती है तभी मधु उसको कहती है अरे बेटा तनु और साक्षी तुम दोनो का पति क्या करता है 3 पत्नियां है अब।
इतना सुन कर तनु का दिमाग तो पहले भी हिला हुआ था लेकिन ये सुन कर और हिल जाता है, लेकिन तभी तनु कहती है कुछ भी नहीं करते चाची हम तीनो को बारी बारी चोदते है क्यों,आपको भी चुदवाना है क्या?
उसकी ये बात ऊपर खड़ी अनु और भाभी सुन लेती है जो फिर हसने लगती है तभी साक्षी कहती है माफ करना चाची ये तो है ही पागल।
इतना कह कर साक्षी तनु को ले कर बाहर निकल जाती है।
तभी तनु से साक्षी कहती है और बता सच्ची सच्ची वीर के आने से अब अच्छा लगता है ना।
वही ये बात सुन तनु रुक जाती है क्युकी वो खुद जानती थी लेकिन फिर तनु आगे बढ़ जाती है और जब दोनो गेट पर आते है तो एक कार आ कर रुकती है।
साक्षी और तनु देखते है तो ये वीर था साथ मैं कई चीज भी थी उसके पास जो वो साक्षी को पकड़ा देता हैं।
तभी साक्षी वो सब पकड़ लेती है आगे जाने लगती है तभी रुक जाती है और पीछे देखती है तो वीर वापिस से उन्हे ताड़ रहा था।
साक्षी - ऊपर चल कर घूर लोगे तो कोई दिक्कत होगी क्या?
वीर ये सुन झेप जाता है और आगे चलने लगता है ऊपर आते ही वीर के ऊपर काव्या कुद पड़ती है और कहती ही ही ही पापा कहा चलें गए थे मुझे लगा आप फिर हम छोड़ कर चले गया मुझे और मम्मी को छोड़ कर।
वही उसकी ये बात तनु सुन लेती हैं और वो काव्या देखती है तो उसकी खुशी देख कर के हस देती है।
इधर वीर काव्या को उतार का के नीचे रूम में लाता है और खूब सारी चॉकलेट उसके सामने रख देता है जिसको देख कर तनु की आंखे चोड़ी हो जाती हैं।
तभी ये देख कर के अनु आती है और कहती है रुको मैं खत्म करने में मदद करती हूं काव्या।
काव्या अपनी टूटी आवाज़ में कहती है नही छोटी मम्मी, मम्मी देखो ना ये मेरी चॉकलेट
लेकिन तभी काव्या को कुछ और याद आ जाता है वो सभी झोले में चेक करती है और देखती है 4 साड़ी पड़ी हुई थी।
ये देख कर साक्षी आगे आती हैं और देखती है एक बैग मैं ब्रा और पँटी पड़ी हुई थीं जिसको देख कर वो नोटिस करती है ये किसके लिए है और हस्ते हुए तनु की ओर देखती है।
तनु - कामिनी भाग इधर से रुक तू जरा।
साक्षी - मेरे पर क्यो गुस्सा हो रही हैं, मैने थोड़ी लाया है ये सब
तभी साक्षी आगे आती है और कहती है बाकी की बैग चेक करने दे हट।
साक्षी और तनु चेक करते हैं तो देखती है एक बैग मैं सब्जी पड़ी हुई थी और सेंटरी pad पड़ी हुई थी।
ये देख कर साक्षी और अनु फिर हसने लगते है और इस बार तनु के गाल ही लाल हो हुए थे वो समझ नही पा रही थी क्या रिएक्शन दे।
क्युकी अब वीर की हरकतें जैसी भी हो वो खुश तो रख रहा था सभी को।
तभी अनु एक लास्ट बैग चेक करती है और कहती है मेरे लिए क्या लाया है वो देखती है तो जींस और टॉप दो सेट थे उसके लिए।
ये देख कर वो कहती है "ये मेरे लिए है क्या "।
तभी तनु कहती है अब हम दोनो को तो ये साइज होता नही और काव्या छोटी सी है।
तभी तनु फिर उदास होती है क्युकी उसको लगा था वीर काव्या के लिए कुछ नहीं लाया तभी वो कुछ और कहती तभी एक थप्पड़ उसके सर मैं पड़ता है जो बहुत ज़ोर से पड़ा था।
साक्षी - किसकी याद मैं खोई है रात को खोना यादों में इतनी देर से चिल्ला रही बैग मैं काव्या के कपड़े हैं निकाल हाथ मैं पकड़ कर बैठी है छोड़ हट।
तभी तनु का ध्यान आता है और उसकी आंखे नम हो जाती है ये पहली बार था जब उसकी बेटी के लिए नए नए कपड़े आए थे और ऊपर से वीर में थप्पड़ के बाद भी ऐसा किया।
वो एक टक वीर को देखती है जो बाहर बैठा हुआ था।
तभी अनु कपड़े साइड कर देती है और कहती है " मुझे नहीं चाहिए किसी ऐसे इंसान से कपड़े''
उसकी ये बात साक्षी और तनु सुनती हैं और बाहर आती है वीर के पास जो मुंह धुलने जा रहा था।
साक्षी - तुम वीर को मुंह धुलवा कर लाओ मैं चाय बनाती हूं और अच्छा से पूछ लेना सब सारी बात
तभी साक्षी वापिस रूम मैं आती है और चॉकलेट खाने लगती है क्युकी अभी तक काव्या अकेली खा रही थी।
ये देख कर अनु की आंख बड़ी हो जाती है दीदी आप उसकी लाई हुई चॉकलेट क्यो खा रही।
साक्षी - तो तू मत खा ना, वैसे भी ऐसे इंसान के हाथ से नही खाना चहिए।
ऐसा कह कर साक्षी काव्या से कहती है बेटू ये वाली चॉकलेट अच्छी है वो कोने से समोसा निकल ना, दोनो मां बेटी खाते है।
ये सब आंखे फाड़े अनु देख रही थी उसको अपनी बहन पर यकीन नही हो रहा था।
तभी वीर मुंह धुलने के लिए बाथरूम में आता है जहा पर उसके साथ तनु होती है, वीर को देख रही थी।
तनु - काव्या के कपड़े लाने के लिए थ
वीर - बेटी है, वो मेरी उसकी खुशी के लिए मैं कुछ भी करूंगा।
वीर - तुमको साड़ी पसंद आई
तनु कुछ नही बोलती तभी वीर कहता है वो पर्पल वाली पहन लेना ना मैने बड़े प्यार से एक साथ बहुत साड़ी लाने के पैसे नहीं थे क्युकी घर के सामान भी लाने थे।
वीर - बस मेरी बेटी को फटे पुराने कपड़े मत पहनाया करो और मैं हूं हवासि क्या करू नही बदल सकता खुद को ना, तुमसे प्यार करता हूं जो सही लगता है वो करता हूं।
वीर - वैसे के बात बताऊं
तनु - हा
वीर - इमोशन करवा कर कर तुमको साक्षी रूम से बाहर भेजना चाहती थी क्युकी समोसा और टिकिया अंदर है।
तनु - अरे! खाने के बाद बात करती हूं हा।
ऐसा कह कर तनु भाग जाती है और साक्षी को देख कर कहती है डायन
साक्षी - गुस्सा क्यो होती है तू भी बैठ के खा ना।
तभी तनु भी बैठ कर खाने लगती है जिसे देख कर अनु अब हिल जाती है।
अनु - दीदी
साक्षी - दीदी दीदी क्या कर रही है चल खाना बना, तू हम खा कर बनाते है।
तनु - तुझे खाना है या नही
साक्षी - जल्दी बता फिर हम खा ले
तनु - चल मत खा मैं खा लेती हूं।
अनु - दीदी
साक्षी - क्या है
अनु - मुझे समझ नही आ रहा
तनु उठती है और कहती है ज्यादा समझ मत ये समोसा ठूस बैठ कर और फिर तनु साड़ी अलमारी में रखने लगती है और पुरानी वाली फटी हुई फेक देती है।
तभी साक्षी कहती है रेड वाली साड़ी मेरी तनु ठीक है पर्पल वाली मेरी।
तनु- अनु जरा गारमेंट्स देना
साक्षी - रुक मैं देती हूं ये सटक है, अब तो खाना बना दे मेरी मां
तनु - हा चावल सब्जी बना देती हूं वैसे भी खाया तो सब ने
साक्षी - ठीक है मैं वीर के पास हूं तब तक तुमने पूछा था उससे
तनु - में गई थी बट पूछी नही तुम कर लो मैं खाना बना देती हूं।
तभी साक्षी बाहर निकल जाती है और वीर के बगल आ कर बैठ जाती है।
वीर - हल्लो
साक्षी - ही ही ही हेलो, अब बताओ कहा से लाए इतने पैसे
वीर - जमीदार के यह कार टूर का काम किया 3000 मिले और कुछ पैसे मेरे पास थे पहले।
वीर - तुम मुझसे गुस्सा हो क्या।
साक्षी - क्यो मैं क्यों होने लगी गुस्सा।
वीर - तुम्हारे अलावा तो कोई है भी नही जो मुझेसे सही से बात करे, लेकिन तुम भी तो बात नही करती तो अकेले फील होता है,
साक्षी - अरे इतना सब अकेला सोच लिया जरा मेरी तरफ देखा, तनु की तरफ देखो काव्या को देखो जो अपनी मम्मी के पास बैठी खाने में मस्त है, हा थोड़ा गुस्सा है हम सब लेकिन मानाओ तुम ना तुम्हरे ही है।
साक्षी - चाहे तुम हो या कोई और लेकिन इसी शरीर ने हमारे साथ खिलवाड़ किया था इतनी आसानी से कैसे भूल जाए सब हा।
वीर- i love you अब तो मैने साबित किया ना की मैं तुमसे प्यार करता हूं, अब तो मेरे साथ रहने मैं तुमको दिक्कत नही है।
साक्षी - i love you too इतना सोचने की जरूरत नही है हम सब तुम्हरे है।
तभी तनु कहती है चलो अब खाना खा लो फिर फुसलाना हम सब को
तभी वीर अंदर रूम में आता है और उसको तनु हस्ते हुआ दिखती है वो ये देख कर खुश हो जाता है।
तनु - अभी भी नहीं है मेरी समझे दात मत दिखाओ।
ये सुन कर वीर तनु और साक्षी को देखता है जो भले ही पहले ही टूट चुके थे लेकिन अब वीर ने उनको जोड़ने का काम शुरू कर दिया था।
तभी वीर की नजर अनु पर पड़ती है
वीर सोचता है ये लड़की तो पूरा का पूरा साक्षी की फोटो कॉपी है बस थोड़ी पतली है।
तभी काव्या कहती है छोटी मम्मी देखो पापा आप को देख रहे है अब।
वही ये सुन कर वीर अब खाने पर ध्यान देता है और तनु उसकी प्लेट में और डाल देती है।
फिर खाने के बाद वीर चुप चाप बाहर आ जाता है और साक्षी बाहर बिस्तर लगाने लगती है और तनु भी काम कर के आने लगती है।
अनु - सोना कहा है दीदी
साक्षी - देखो मैं और तनु और ये बहार सोते है।
अनु - मैं कहा लेटू
साक्षी- अनु तू भी वाइफ है समझी साथ मैं चल कर सो और तू भी जानती है वो तेरे हसबैंड है नई शुरवात हुई है वैसे भी तू खुस है या नहीं ये तेरा दिल जानता है।
तनु - बस कर वो समझ गई।
इधर बेड पर वीर काव्या को जकड़ कर सुला रहा था, और साक्षी को ताड़ रहा था जो बहुत खिली खिली लग रही थी।
वही रात का टाइम था और अब काव्या सो गई थी और वीर उसको प्यार से सुला दिया और काव्या के बगल तनु आ कर लेट गई और वहीं वीर के बगल साक्षी और फिर अनु।
वीर लेटा हुआ था उसको नींद नही आ रही थी तो वो बाथरूम करने के लिए उठा हुआ था।
वो जब सीढ़ी के पास पहुंचा तो उसको शोर सुनाई पड़ा तो वो शोर की तरफ बढ़ा।
गांव के दरवाजा तो होता ही है खतरनाक तो उसने चुपके से झांकना सही समझा और जैसे ही वीर ने नज़र अंदर की ओर की उसकी आंखे ही जम गई गेट पर।
सामने साक्षी का भाई राज अपनी पत्नी को चोद रहा था
राज निधि को पेट के बल लिटा कर पीछे से चोद रहा था और उसकी ही आवाज आ रही थी
निधि - आह आह.. आ थोडा रुक रुक आआआ आ आराम से करिए ना देर तक चलेगा मजा आएगा आ हाए ओह यारर समझ करो ना उह उह मां यार समझ नही आती क्या
राज - चुप करो आने वाला आआआआआआआ मेरी जान धीरे मजा नही आता
निधि - अरे आआआह उह उह उह नही रुको
लेकिन तब तक निधि के अंदर झड़ चुका था।
निधि - जब कर नही पाते तो दवा ले लो ना हद है ।
इधर वीर ये देख कर जल्दी से भाग गया ऊपर और निधि वापिस गेट पर आती है तो उसको पता चल गया था की कोई था गेट पर तभी उसको ऊपर का गेट बंद होने की आवाज आई।
इधर वीर ने पहली बार सामने से चूदाई देखी थी उसकी सास बस ऊपर नीचे हो रही थी।
तभी वो वापिस लेट जाता है जहा उसके जस्ट बगल साक्षी लेटी हुई थी वो आपने कापते हुआ हाथो से साक्षी के कमर को सहलाता है।
वही ऐसा करते ही उसकी सास जम गई आज अपनी खुद की मां को ऐसे इतने करीब देख उसकी सास अटक रही थी लेकिन फिर वो हिम्मत कर के उसके और करीब आ जाता है।
फिर वो अपनी एक टांग साक्षी के ऊपर रख देता है और उसके बाद उसकी नजर साक्षी के चूचो पर पड़ती है जो देख कर उसकी सास और तेज हो रही थी।
फिर कोई भी लड़का अपना कंट्रोल खो दे तो वीर तो फिर भी पहली बार किसी लड़की के साथ था वो जल्दी से साक्षी के ऊपर आ जाता है और उसको दबोच लेता है।
तभी साक्षी की नींद खुल जाती है और वो चीखती उसके पहले वीर ने उसका मुंह दबा दिया।
वीर - प्लीज चीकना मत प्लीज मैं तो बस तुम्हारे साथ मैं बहक गया था माफ कर दो।
साक्षी बस हा मैं मुंडी हिला देती है, और ऊपर से हट जाता है वीर।
वही वीर अब बहुत ज्यादा डर रहा था जिसकी वजह से साक्षी हस देती है और उसके सीने में घुस जाती है और धीरे से कहती है मैने तो कुछ कहा भी नही फिर भी डर रहे हो।
वीर - ए एक किस कर सकता हूं।
साक्षी - चुप चाप सो जाओ हग करने दे रही हो ना
वही साक्षी, वीर को ऐसे तड़पते देख बहुत हसी भी आ रही थी आज उसको पाने लिए कोई तड़प रहा था।
थोड़ी देर बाद साक्षी सो जाती है और फिर वो करवट ले लेती है।
तभी उसकी नजर तनु पर पड़ती हैं जो साई हुई थी करवट ले कर
पहले तो वीर उसको देख कर आंखे बंद कर लेता हैं लेकिन फिर उसको बाहों में जकड़ लेता है।
और उसकी कमर कस लेता है और उसका पल्लू हटा कर उसकी पीट पर सर रख देता है।
थोड़े टाइम बाद तनु की नींद खुल जाती है और वो देखती है वीर उसको जकड़ कर के सोया हुआ है
पहले तो तनु उसको मारने के लिए आगे बढ़ती है लेकिन फिर उसको वीर की बात याद आती है जो उसको कह रहा था मैं तुमको प्यार करता हूं।
तनु - अगर बात मेरी बेटी की खुशी की है तो मैं ये माफ कर सकती हूं और ऐसा कहते हुए वो वीर के हाथ को हटा देती है और कहती है अब सब खत्म हो चुका है वीर,अब तो मैं टूट चुकी हूं। शायद तुम मेरी खुशियां वापिस ला पाओ।
तभी वीर नींद मैं था और उसने तनु की कमर को लॉक किया और उसके ऊपर लेट गया और उसके चूचों पर सर सर रख कर लेट गया।
तनु वीर को धकेलने वाली थी तभी उसको आवाज आती है वीर के बड़बड़ाने की
वीर - तनु मत जाओ, तनु , रुक जाओ प्लीज। मुझे मत छोड़ो।
अचानक वीर कांपने लगता है और उसको कापते हुआ देख कर तनु एक तरफ देखती है जहा उसकी बेटी सोई हुई थी और उसके ऊपर उसका पति।
लेकिन तनु धीरे से वीर को अपने ऊपर से हटा देती है और उससे थोड़ा दूर हो कर लेट जाती है।
थोड़ी देर बाद तनु पलट कर देखती है तो वीर हाथ चला कर उसको ढूंढ रहा था।
फिर तनु स्माइल कर देती है उसको ये खेल अच्छा लग रहा था।
ऐसे ही रात गुजर जाती है।
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To be continued ab romantic life shru ho gai hai toh .... Lets enjoy.... Aur ek question hai batoo sabse pahle chut kon degiii.... Nidhi mat bolna.
Behtreen updateUpdate 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
बहुत ही मस्त और मनभावन अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 9
फिर तनु स्माइल कर देती है उसको ये खेल अच्छा लग रहा था।
ऐसे ही रात गुजर जाती है।
अब आगे
सुबह सुबह चिड़ियों की चह चहाने से साक्षी और तनु की एक साथ ही नींद खुल जाती है जिससे वो देखती है की उन दोनो ने ही वीर को अपने अपने साइड जकड़ रखा है और दोनो ने अपनी टांग वीर के ऊपर लाद रखी है।
तभी उन दोनो की नज़र आपस में पड़ी तो दोनो झेप जाती है और दोनो ने जल्दी से वीर को देखा।
साक्षी - सो रहा है।
तनु - अनु
साक्षी जल्दी से अनु को देखती है जो सो रही थी।
साक्षी - वो भी सो रही।
तभी अनु खासती है और दोनो जल्दी से आंखों को बंद कर लेती है।
जैसे ही उन दोनो को कन्फर्म हुआ की अनु सो चुकी है दोनो जल्दी से उठ जाती है और रूम में भाग लेती है।
साक्षी - ओए सेक्सी सुनो जरा
तनु - क्या है
साक्षी - रात को मेने देखा कुछ
तनु - क्या
साक्षी - मैने देखा एक लड़की रात को खेल रही थी
तनु कुछ नही बोलती और साक्षी फिर हस्ते हुआ जाने लगती है तभी तनु कहती है उसको
मैने भी कुछ देखा वैसे
साक्षी - क्या देखा
तनु - मैने देखा एक लड़की लड़की रात को चुप चाप हस रही थी और सीने में घुसी हुई थी
अब साक्षी कहती है सच्ची बताऊं तो उसके साथ रहने मैं अच्छा लगता है।
तनु - हा दिन भर गांड़ के नशे में चूर रहता है घूरता रहता है।
साक्षी हस्ते हुआ कहती है बेचारा अब क्या करे हम दोनो को देख कर ही काम चला लेता है।
तनु - लेट हो रही है खाना बना कितनी देर तक सो रही थी हम दोनों।
साक्षी - कुत्ते ने ऐसे चिपका रखा था की बहुत प्यारी नींद आई पता ही नही चला कब सुबह हो गई यार
तनु - मेरी बेटी अब खुश रहने लगी है।
साक्षी - और तू
तनु - काम कर मैं नहा कर आती हूं
साक्षी उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है मुझे जवाब चहिए।
तनु - मुझे कोई जवाब नही देना और अगर मेरी बेटी की खुशी जरूरी है तो उसके लिए सब करूंगी
साक्षी - अच्छा और अगर तुझे उसने खुश रहना जीना सीखा दिया तो
तनु - तब तू जो कहेगी।
साक्षी - फिर वादा कर खुद प्यार से साड़ी उतारेगी
तनु - ठरकी कही की चल वादा लेकिन दिल्ली बहुत दूर है समझी।
तनु वहा से निकल जाती है और साक्षी दूर खड़ी हो कर उसे देख रही थी और कहती है एक बार हम दोनो को जीना सिखा दो ना वीर तुमने जो गलती करी है वो तुमको ही सही करनी पड़ेगी एक बार सब ठीक कर दो फिर वादा करती हूं खुद साडी उतारूंगी।
तनु - चल हट लंबी लंबी सोचती है,खाना तुझे बनाना है।
साक्षी - सोच ही सही लेकिन अब एक आस तो है
तभी वो दोनो बाहर आती है तो दोनो की नज़र ही जम गई थी।
सामने अनु वीर को बाहों में भर कर के लेटी है और वीर उसके ऊपर लेटा है।
साक्षी - बड़े ही सेक्सी अंदाज में लेटी है देखो, और दिन भर हम दोनो को बोलती फिरती है की मैं वीर से नफ़रत करती हूं, ये बोल बोल कर मेरा दिमाग खा गई और सोई देखो कैसी है।
तनु - उसकी कोई गलती नही है चल अब
साक्षी - नही चलूंगी तू चल मैं अपनी बेटी के साथ नहूँगी आज
तनु - मुझे पता है तू कितनी संस्कारी है चल अब
तभी साक्षी कुछ बोलने वाली थी लेकिन तनु उसका मुंह दबा देती है।
साक्षी - नही उठाऊंगी पक्का
तभी तनु उसका मुंह छोड़ देती है और साक्षी चिल्लाती है "ओए ठरकी उठ जा"
इधर राज अपने पापा उदय के साथ बैठा था जो खेत के सिलसिले से बात कर रहे था।
राज - पापा जमीदार हमारी जमीन पर पानी नी आने देता कुछ करना पड़ेगा वर्ना इस साल की फसल खराब हो जाएगी।
तभी उसके चाचा कहते है बेटा राज वो जमीदार से हमारी बनती कम है हमीं ने उसके स्कूल को खुलवाने से रोका था वही बदला ले रहा है वो साला
उदय - तुम कुछ मत करो वर्ना वो इंसान बहुत बुरा है मारने से पहले सोचेगा नही।
राज - लेकिन उसका दिल जीत लिया तो, जन्नत का मजा है फिर
तभी रसोई में चाय बना रही निधि ये सुन कर कहती है जन्नत का मजा बहन चोद साला रात को बिस्तर पर चोदता नही बड़ा आया जन्नत।
निधि - साला कहती हूं धीरे धीरे चोद ना, चूस तब मजा भी आया बीवी को खुश रख नही पता।
तभी उसको राखी कहती है अरे बिट्टू कब क्या सोच रही हो बेटा
निधि - कुछ नही बुआ
राखी - बीवी को खुश रहने के लिए पति का साथ जरूरी है।
निधि कुछ बोलती तभी उसको आवाज आती
"रुक जा डायन, आज तेरा सर फोड़ दूंगी"
"ही ही ही ही ही ही"
"तू तो पिसचिनी है पता है"
तभी ये सुन कर निधि कहती है बुआ बीवी के खुश रहने के लिए पति का पास होना जरूरी है साथ जरूरी है।
राखी कुछ कहती तभी उसको निधि कहती है कभी तनु और साक्षी को इतना खुश देखा है पहले दोनो जो हमेशा खोई रहती है अब एक सा तेज आ गया है उनकी आंखों में।
राखी -
निधि - हा वीर के पास होने से वैसे हमारी बिल्लो अब अच्छे से लाइफ जीयेगि।
राखी - मैं हैरान हूं ये घर की खिसयाई बिल्ली से शादी होने के लिए कैसे मान गई तनु और साक्षी।
निधि - दोनो की लाडली है और ऊपर से डिट्टो साक्षी की तरह दिखती है।
इधर इतना हल्ला सुन कर अनु की नींद खुल जाती है वो जब आंखों को खोलती है तो देखती है आजू बाजू उसकी बहने जा चुकी थी।
अनु- फिर देखती है की वो वीर के नीचे सोई है
तभी अगले ही पल वो वीर को धकेल देती है और उसकी सास पूरी ऊपर नीचे हो रही थी।
पहली बार किसी ने अनु के जिस्म को छूआ था बेचारी कप कापा गई इस बात से।
तभी ये झटके से वीर उठ जाता है।
तब तक अनु जा चुकी थी।
वीर- ये सुबह सुबह बहन चोद पेल गया, मेरी भी जिंदगी मेंटोस खा कर लिखी गई थी एक से एक सुंदर लड़की मेरी वाइफ जिसके ख्वाब सब देखते है वो वो मेरी है।
वीर - लेकिन मजाल है किसी को हाथ भी लगा दूं मां चोद देंगी मेरी।
वीर - लेकिन कोई नही सब खुश रहे बाकी सबके लिए प्यार खुद जाग जाएगा सबसे पहले मैं अपनी परी को उठा दूं।
वीर काव्या के पास आता है और उसके माथे पर हाथ फेरता है अरे मेरा बेटू उठ जाओ, जाओ।
काव्या - उफ्फ पापा सोने दो ना।
वीर - धत चलो उठो जल्दी से फिर,जलेबी खिलाऊंगा पक्का।
काव्या - साथ मैं पकोड़ा भी गरम गरम
वीर को काव्या की ये तुतराती हुई आवाज बहुत प्यारी लगती है।
काव्या अब उठ कर वीर की गोद में बैठ कर लिपटी हुई थी।
तभी वीर के दिमाग में एक आइडिया आता है और वो काव्या से कहता है बेटू आपको पकोड़ा खाना है ना।
काव्या - हा
वीर - तब आपको पापा की एक बात माननी पड़ेगी।
काव्या - मैं तो आपकी सारी बात मानती हूं ना
वीर - ये हम दोनो की scerat बात है ओके।
काव्या भी वीर से धीरे से फुसफुस्ती हुई कहती है पक्का छोटा भीम वाला प्रोमिस।
वीर - मैं जब पकोड़ा लाऊंगा ना तो आप वो आप खाने से पहले कहना मम्मी आप पापा को अपने हाथो से खिलाओ ना।
काव्या - ठीक है तीनो मम्मी को कह दूंगी लेकिन शाम को चाकलेट लुंगी एक।
वीर - पक्का
काव्या - ही ही ही आप बेस्ट पापा हो, हमेशा ऐसे ही हस्ते रहा करो आप नही थे, तो मम्मी बहुत रोती थी।
वीर- पक्का अब नही जाऊंगा कभी अब तो हर दम तुम्हारे पास रहूंगा।
तभी वीर जल्दी से बाहर आता है और तुरंत पकोड़ा और जलेबी वैगर ले कर आता है
वीर - हाय अब मजा आएगा अब तीनो को मुझे खिलाना पड़ेगा ।
वीर अंदर आता है तो सामने उसको अनु दिख जाती है ।
वीर - ये तो पूरा साक्षी की फोटो कॉपी।
तभी अनु देखती है की वीर उसको देख रहा है और वो कुछ नही कहती।
वीर अंदर आ कर खाने का समान काव्या को दे देता जिसको तनु और साक्षी देख लेती है।
काव्या तो समान ले कर अंदर आ जाती है अनु और साक्षी के पास, तभी तनु बाहर आती है और कहती ये क्या है ये सब
वीर - क्या क्या है
तनु - ये सब क्या लाए हो, क्यो इतने पैसे वेस्ट कर रहे हो फालतू चीज के लिए कल भी मुझे ,2000 दिए था।
वीर - फालतू चीज के लिए नही है कुछ भी, मेरी वाइफ हो तुम समझी, तुम्हारे चहरे पर खुशी देखना चाहता हूं अब आदत डाल लो इन सब की।
तनु - क्यो कर रहे हो ये सब हा
वीर - तुम्हारे हसी के लिए।
तनु कुछ नही बोलती बस वीर को देखती है एक टक।
वीर- वैसे बहुत सुंदर लग रही हो अभी ऐसे सजी रहा करो ना हम बाप, बेटी के लिए।
तभी तनु को अनु बुलाने आती है और वो अंदर चली जाती है और उसके पीछे अनु भी चली जाती है और वीर वापिस जाते टाइम उसकी गांड़ देखने लगा अनु को इस बात का पता चल गया।
उसकी इस बात को साक्षी ने भी नोटिस किया
साक्षी - शर्म तो आती नही इसको ऐसे गुरते हुए, तुझे दिक्कत होती है तो मना कर दिया कर।
अनु - क्या कह कर मना करू की अपनी पत्नी को ऐसे घूरो मत, इतना अपनापन दिखाओ, वैसे आपको और तनु दीदी को क्यों दिक्कत नही होती।
तनु - तेरे सुर तो एक दिन मैं ही बदल गए।
ये सुन कर अनु झेप जाती है
साक्षी चल खा चुप चाप फिर बाहों में सोना भी तो है
वही ये सुन कर अनु के गाल लाल हो गया थे।
अनु - हा तो पती है मेरा।
साक्षी - क्या है
तनु - मत छेड़ो उसको ।
तभी वीर अंदर आता है तभी उसका कॉल बज जाता है।
वीर - सुबह सुबह ही बहन के लन्ड का कॉल आ गया
वीर - हेलो
जमींदार - बेटा जरा 4 घंटे के लिए कार ले कर चले आओ 12 बजे तक छोड़ दूंगा। पैसे भी ले लेना 4000
वीर - ठीक है
जमीदार - सुनो
वीर - हा
जमीदार - तुम मेरे खास आदमी हो परेशान मत हो बड़ा भाई समझ अपना
वीर - धन्यवाद
जमींदार - सुनो
वीर - हा
जमीदार - कंडोम का डिब्बा भी ले लेना 2 पेकेट और दवा भी और जल्दी आओ कार की सीट पीछे वाली पर कवर चढ़ा लेना ।
तभी फोन कट जाता है।
इधर वीर की तीनो पत्नियां हस रही थी।
वीर तीनो को एक एक बारी बारी देखता है और कहता है आज कुछ भी कर के किसी एक का तो होठ काट कर रहूंगा।
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
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Sory for delay ab update time to time rhenga,....ab jaldi hi romantic angel dekna ko milega..
बहुत ही गरमागरम कामुक और मादक अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdate 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....
Update 10
साक्षी - कब तक आओगे
वीर - 12
तनु - 12 मतलब 12.30 इससे लेट हुआ तो समझ लेना।
वीर हा कह कर निकल जाता है लेकिन वीर को कहा पता था आज उसकी जवानी पर बिजलियां गिरने वाली है आज वो आंखो से देखगा चूदाई किसको कहते है तभी तो 3 वाइफ संभाल सकेगा। इधर वीर के दिमाग मैं किस चल रही थी जो आज उसको किसी से लेना थी।
अब आगे
वीर कार ले कर निकल पड़ता है और कहता है साला जमीदार की औलाद इतना अच्छा देख रहा था तीनो को लेकिन इस मदर चोद ने कंडोम मगाने के लिए मुझे बुलाया।
वीर सीधा कार ले कर एक दवा की दुकान से कंडोम खरीद लेता है और सीधा चल पड़ता है जमीदार के घर के बाहर कार खड़ी करता है और सीधा अंदर चला जाता है।
जमीदार - आ गए बबुआ उम्मीद तो नहीं थी इतनी जल्दी आ जाओगे।
वीर उसको वो सारा समान पकड़ा देता है और जमीदार कहता है अरे वाह ये है ना काम की चीज़।
तभी वीर की नज़र ऊपर पड़ती है जहा से उसको रज्जो दिखती है जो बहुत गुस्सा मैं लग रही थी।
तभी जमीदार बिना कुछ बोले ऊपर चला जाता है और वीर को भी अपने साथ आने को बोलता है, थोड़ी देर बाद वो वीर को ऊपर रोक देता है और कहता है बस दो मिनट मैं आया तू देखना रज्जो ना आ जाए।
वीर कुछ समझ नही पाता तभी जमीदार अंदर चला जाता है
वीर तभी देखता है जमीदार अंदर चला गया जिसे देख कर वीर कहता है ये बहन का चोदा, मुझे सुबह सुबह इसलिए बुलाया अपनी छत देखने के लिए।
तभी वो बिना कुछ बोले अपनी मोबाइल चलाने लगता है तभी वीर को चिलाने की आवाज़ आती है।
"आआह्हह आआआआहहह मैमम्मी ईईईईई मार दोगे क्या आआआआहह्हह यार रहम करो"
"अरे यार रज्जो सुन लेगी आआआआहह रुक रुक जाओ साबर करो".
वीर ये घूर कर देखने लगता है तभी वो कहता है मन में साला जबरदस्ती चोदता है।
तभी जमीदार चमेली को छोड़ देता है और ऊपर से हट जाता है तभी चमेली फिर उसके ऊपर कुद पड़ती है और खड़े खड़े लन्ड लेने लगती है
वीर अब ये देख कर हैरान रह जाता है उसके कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये जरूर पता चल जाता है की चूदाई कैसे करते हैं।
तभी उसका ध्यान उसके लौड़े पर जाता है जो एक दम खड़ा हो गया था अब वीर भी जवानी था उसकी सास चढ़ गई ये देख कर।
तभी वीर की नज़र अपने बगल पर पड़ती है जहा उसको रज्जो खड़ी दिखाई देती है।
जिसको देख कर वीर डर जाता है और रज्जो अब गुस्सा मैं जमींदार की ओर बढ़ती है तभी वीर उसका मुंह दबा कर उसको खींचते हुए दूर ले आता है
रज्जो - तू नौकर है ना तो हद मैं रह
वीर - क्यों मरवा रही हो अगर उसने देख लिया तो हम दोनो के लोड़े लगा देगा और क्या कर लेंगे हम दोनो
रज्जो - तू हट मैं जान ले लुंगी उसकी, तुम सभी मर्द ऐसे होते हो हवसी
वीर - मैं ऐसा नहीं हूं समझी और अभी जा कर भी क्या कर लोगी वो कौन सा तुझसे डरता है अरे निकाल देगा तो कहा जाएगी हा।
रज्जो अब रोने लगती है और वीर उसको चुप कराता है
तभी वीर कहता है रोने से कोई फायदा नही तू अपनी जिंदगी मज़े से जियो वो कौन सा तुमको मना करेगा।
तभी रज्जो बस हा मैं सर हिला देती है और दोनो की नज़र दरवाजे पर जाती है जहा अन्दर चूदाई का प्रोग्राम मचा हुआ था।
तभी रज्जो अपने आसू पोछती है कहती है ठीक है तुम पैसे के लिए काम करते हो तो मेरे लिए करोगे बदले मैं तुम्हें पैसे दूंगी।
वीर उसकी बात मान लेता है क्युकी उसे पैसे की जररूत थी क्युकी उसके सर पर बहुत ज़िमेदारी थी।
तभी रज्जो मन मैं सोचती है आज पहली बार इतने करीब होने के बाद भी कोई रज्जो पर ध्यान नहीं दे रहा, वही वीर को रज्जो के गदराए हुआ बदन में ज़रा भी जुकाव ना था उसने ना ही रज्जो के बदन को देखा ही नहीं।
रज्जो मन मैं कहती है अब से मैं आज़ाद हूं, तुम्हे अपने करीब भी नही आने दूंगी।
रज्जो वीर की नियत भी सही है लेकिन जहा तक मैं जानती हूं तो मर्दों को तो भरी हुई औरते पसंद होती है
इधर रज्जो कहती है तुम मेरे लिए काम करोगे, जमीदार की सारी जानकारी, सभी लड़कियों के बारे मैं किसको किस तरह चोदता है सब मुझे बताओ।
वीर उसकी बात मान जाता है और तभी रज्जो उसको पैसे दे कर चली जाती है क्युकी अब जमीदार आने वाला था।
रज्जो जाते टाइम सोचती है, अच्छा है अब मैं बताऊंगी तुमको जमींदार, तुमने मुझे बहुत समय से धोका दिया अब मेरी पारी है।
इधर वीर बाहर खड़ा था, की जमीदार उसको देखता है और कहता है चले
दोनो कार के पास आते है और तभी एक आदमी आता है और कहता है साहब
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है हा बोलो का बात बा
"साहब हमार बहिन के शादी बिना पैसा चाहत हा, अगर तू दाई देवा तो बहुत दया होई"
उसकी बात सुन कर जमीदार कहता है अरे तू जरा भी टेंशन ना लेंया हो तू आपन आदमी अहा, हम अभी ही घर जा कर तुम्हारी बहिन को पैसा दे देते है
तभी वो आदमी चला जाता है।
इधर वीर और जमीदार चल पड़ता है और कार सीधा उस आदमी के घर पर रुकती है
जमीदार को देख कर उस आदमी की मां बाहर आती है और आदर सत्कार करती है।
जिसकी उम्र यही कोई 45 के आस पास थी।
जिसको देख कर जमीदार बोलता है चलो तुम्हारी बेटी मेरी बेटी है अब तुम जरा भी टेंशन मत लो बस तुम कार मैं चल कर बैठो, अभी चल कर पैसे दे देते है अंदर तक।
तभी वो औरत बेटी को गले लगा कर चल देती है और वीर मन मैं कहता है, हो गया इसका भी कल्याण
तभी वो औरत कार मैं बैठ जाती है और जमीदार कार मैं आता है और कार चल पड़ती है।
जमींदार - जरा कार के शीशे लगा दे।
वीर उसकी बात मान कर कार के शीशे लगा देता है और वो औरत जमीदार से कहती है आपका बहुत बहुत धन्यवाद साहब।
जमीदार - अरे बेटी है वो मेरी तू टेंशन मत ले
औरत बस हा कहती है तभी जमीदार अपनी लुंगी उतार देता है और उसका लन्ड एक दम टाइट हो जाता है।
वही ये देख कर वो औरत कहती है नही मुझे नही चहिए पैसे मुझे जाने दीजिए
इसके पहले की वो कुछ और कहती जमींदार उसकी साडी उठा कर लन्ड डाल देता है
औरत - आआआआहह्ह साहब हम का पैसा ना चाही साहब
जमींदार - अरे कुछ ना होता तू मेरी पत्नी है अगर वो मेरी बेटी है तो तू मेरी बीवी और सुन मेरी बेटी की शादी धूमधाम से होनी चाहिए कोई कमी ना आने पाए
और अब वो औरत कुछ नहीं बोलती बस चुप चाप धक्के खा कर पैसे ले कर अपने घर उतर जाती है।
और वीर उसके पैसे से भरा बैग ले कर उसके साथ चलता है
औरत - बस यही रख दो मेरा बैग
वीर पैसे दे कर चला जाता है और औरत अपने आसू पोछती है जिसे देख कर वीर उसके आसू पोछता है
जिसे देख कर वो अपनी साड़ी का पल्लू झटक देती है और चिल्लाते हुए कहती है तुम भी चोद लो मजबूरी का फायदा उठा ले तू भी।
तभी वीर उसका साड़ी का पल्लू सही करता है और उसके आसू पोछता है और उसको गले लगा लेता है और कहता है मैं भी मजबूर हूं, नहीं रोक सकता था, लेकिन आपको रोता हुआ भी नहीं देख सकता, लेकिन अगर रोने से ही सब सही होता तो आज सब सही होता।
वही वीर उसका माथा सहला कर चला जाता हैं वही वीर के जाने के बाद वो औरत थोड़ी शांत हो जाती है, और आसू पोछते हुए भी उसे हसी आ जाती है, आज पहली बार उसे किसी से बड़े अपनेपन से सहलाया था।
औरत - आज भी ऐसे लडके होते है वर्ना हर तरफ तो हवस के मारे भरे है
तभी उसको एक लड़की की आवाज़ आती है अरे मां।
इधर वीर भी जमीदार को छोड़ कर रज्जो को सब बता कर पैसे ले कर चला जाता है घर का समान ले कर।
वही आज इतनी सारी चूदाई देख कर उसका भी दिमाग हिल गया था।
इधर वीर भी जोश मैं घर निकल जाता है।
इधर दूसरी तरफ एक लड़की ऑफिस मैं बैठी थी ।
लड़की - रमेश मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगी लेकिन अब वीर पर कोई आंच नहीं आने दूंगी, वादा रहा मेरी छोटी बहन तुम्हारे लिए तो मैं दुनिया छोड़ दूंगी।
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To be continued.. next update romance aur thoda ladai dekna ko milega... Update thoda chota hai but next update bhot romantic hoga....