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प्यार का एहसास
सुरेश दुकान पे था आज वो बहुत बेचैन हो रहा है ।सुमन क्या हुआ राजा जी ? सुरेश कुछ नही सुमन आज बरखा और मेरे बच्चे आ गये है इसीलिए उनके साथ समय बिताने चाहता हूँ। सुमन अच्छा अच्छा मैडम आ गयी ,चलो अच्छा है अब आपके रात का जुगाड़ तो हुआ और मुस्कुरा देती है । उधर घर में बरखा अरे वाह गरिमा तूने तो पुरा घर अच्छे से रखा है क्या बात है मुझे तो लगा दोनो बाप बेटी घर का सत्यानाश कर दोगें ।ये सुन गरिमा को अपनी चुदाई याद आ जाती है जो पिछले 2 दिन से लगातार चल रही थी और वो उस दौरान अनेक बार चोदी थी इस बीच दोनो ने घर का कोई काम नही किया था बस चुदाई पे चुदाई किये जा रहे थे ।ये सोच के गरिमा मंद मंद मुस्कुरा रही थी
तभी आरोही बोलती है क्या हुआ दीदी आप इतना मुस्कुरा क्यों रही हो। आरोही ये बोली ही थी की सब गरिमा की तरफ देखने लगे थे ।गरिमा ऐसा कुछ नही है मैं तो बस मम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन के खुश हो रही हूँ की उनके ना रहते हुए भी मैं घर संभाल सकती हूँ ,ये गरिमा ने बस बाकी लोगो के लिए बोला था पर मन में तो वो ये सोची की जब पापा को संभाल लिया । तो घर क्या चीज़ है ।
जैसे तैसे समय गुज़ार गया और बरखा आज फिर से किचन में शाम की चाय बना रही थी निधि आज जिम नही जाना चाहती थी अपने कमरे में राहुल और आरोही के बारे में ही सोच रही थी ।आरोही भी अपने कमरे में कुछ सोच रही थी पर क्या ?? पता नही ।
गरिमा और राहुल तो कैरम खेल रहे थे उसने आज थोड़ा बड़े गाले का सूट पहना था ।जिससे वो जब थोड़ी झुकती तो उसके उभार राहुल को दिखते थे ।राहुल बार बार गरिमा के उरोजो को देख रहा था और उसके मन में अंजलि की एक बात आ जाती है की तेरे घर में कितनी रंडिया है और यही सोच वो मुस्कुरा पड़ता है ।बरखा चाय लेकर आती है ।और राहुल को देख के बोलती है मेरा प्यारा बेटा क्यों मुस्कुरा रहा इतना , गरिमा ,राहुल को देखती है
राहुल की नज़र तो अभी भी गरिमा की मोटे चुचों पे थी उसका ध्यान ही नही गया की उसकी माँ कुछ बोली भी है गरिमा जब राहुल की नज़र का पीछा करती है तो देख के मुस्कुरा पड़ती है और सोचती है जैसा बाप वैसा बेटा और अपने चुचों को ढक लेती है बरखा भी साथ में बैठ जाती है ।पर निधि अपने कमरे के दरवाजे से सब देख रही थी की राहुल गरिमा की चूचियाँ कैसे देख रहा था अब उसको पुरा विश्वास हो चुका था की राहुल एक नंबर का हरामी हैं और वो कभी भी अपनी बहनों की चूत मरने की कोशिश करेगा।
बरखा आवाज़ देती है निधि ,आरोही बेटा आ जाओ चाय बन गयी आकर पिलो बेटा । सब हॉल में बैठ चाय की चुस्की लगा कर बातें करने लगे ।
गरिमा - मामा मामी कैसे है ?
बरखा - ठीक है बेटा वो लोग तुझे याद कर रहे थे ।
गरिमा - हाँ मम्मी अगली बार में भी मामा मामी से मिलकर आउंगी ।
निधि - दीदी आप कोई नौकरी कर लो खाली बैठ के कोई फायदा तो है नही ।
गरिमा - तु सही कह रही है यही अच्छा है समय भी कट जायेगा और कुछ पैसे भी आ जाएंगे
आरोही - दीदी आप को पता है राहुल भैया बहुत गंदे है मुझे कभी भी नदी किनारे घूमने नही ले गये ऐसे ही बोलते है की प्यार करते है ।उम्म..गंदे भैया मुँह बनाते हुए कहती है ।
निधि - मन में अच्छा हुआ तु नदी किनारे नही गयी वरना तेरी सील वही खोल देता । ठरकी साला ,
गरिमा - क्यों भाई क्यों नही ले गया आरोही को बेचारी सबसे अधिक प्यार तेरे को ही करती है और तु बेचारी के साथ ऐसा करता है ।
राहुल - दीदी नदी काफी दूर हैं आप तो जानती हो और आरोही को पैदल चलना पसंद नही है मैं इस घोड़ी को अब गोदी नही ले सकता कितनी भारी हो गयी है।
ये सुन सब हँसने लगते है आरोही चिड़ कर कहती है अच्छा मैं भारी हूँ या आप ही कमज़ोर हो गये हो और सड़ा हुआ मुँह बना के अपने कमरे में चली जाती है ।इधर निधि मन में आरोही ये तुझे घोड़ी बोल रहा है समझ कुछ ये साला तुझे घोड़ी बनाना चाहता है बुद्दू लड़की। ऐसे ही बातें करते हुए शाम से रात होने लगी और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो चले ।
निधि अपने कमरे में क्या करूँ दीदी और आरोही को बता दूँ राहुल के बारे में या नही ,पर ये राहुल का बच्चा तो सीधा सीधा आरोही को घोड़ी बनाना चाहता है कितना कमीना है ये साला ठरकी अपनी ही बहन को घोड़ी बोल रहा हैं कुछ तो करना पड़ेगा ।क्या करूँ ये सोच ही रही थी की गरिमा कमरे में आकर बोलती है क्या हीरोइन क्या सोच रही है ।निधि कुछ नही दीदी बस गाँव की कुछ बातें याद कर रही हूँ । गरिमा अच्छा जी मुझे भी तो बता क्या क्या किया गाँव में निधि कुछ खास नही दीदी बस थोड़ा बहुत गाँव घूमी और दीदी ?
गरिमा बोलते बोलते रुक क्यों गयी ।दीदी वो आयशा के आम बहुत बड़े हो गये है और मुस्कुरा देती है
गरिमा क्या कहा तूने बेशर्म लड़की तु आयशा के आम देख रही थी बहुत कमीनी है । और दोनो हँसने लगती है
बहुत दिनों बाद आज सब साथ बैठ कर खाना खा रहे है ।
सुरेश तो बस प्यासा था गरिमा की चूत का आखिर उसकी पत्नी है और नई नई शादी में तो चुदाई दिल खोल के होती हैं और अब घरवालो के आने से अब ये चुदाई का खेल बंद हो जायेगा ये सोच के सुरेश बहुत उदास था ।बरखा, सुरेश से दुकान कैसे चल रही है जी ? सुरेश हाँ ठीक ही चल रही है ।खाना खा कर सब अपने कमरे चले जाते हैं और बरखा बर्तन धोने लगती हैं फिर वो भी अपने कमरे में चली जाती हैं। आरोही ,राहुल ,निधि ,बरखा ये चारों ही सो चुके थे रेल गाड़ी के सफ़र ने चारो को थका दिया था बिस्तर पे गिरते ही नींद की आगोश में चले जाते है इधर बिस्तर पे गरिमा करवटें बदल रही थी आखिर नई नई शादी हुई और पति से दूर सोना किसे अच्छा लगता भला ,इधर सुरेश का भी यही हाल था ।तभी गरिमा ने मोबाइल फोन उठा कर एक मैसेज सुरेश को किया हेल्लो पति परमेश्वर जी सो गये क्या ?? इधर सुरेश का मोबाइल पे एक मैसेज आता हैं वो वैसे ही परेशान था तो मन में बोलता है अब किसकी माँ चुद गयी जो इतनी रात को मैसेज कर रहा है ।जब मैसेज देखता है तो उसके चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है सुरेश नही जानू तुम्हारे बिना नींद कहा आएगी गरिमा ने एक और मैसेज किया , जान मुझे भी नींद नही आ रही है एक काम करो किचन में मिलते है ठीक है और सारे मैसेज डिलीट करके किचन के लिए चल देती है सुरेश के कमरे से किचन काफी पास में था पर गरिमा को चुप के से उतर के आ रही थी की कोई आवाज़ ना सुन ले और किचन में पहुंचते ही सुरेश लाइट जला के गरिमा को देखता है फिर बुझा देता है ।और लाइट बंद होते ही दोनो एक दूसरे लिपट जाते है।सुरेश आह्ह ... अब चैन मिला मुझे दिन भर कैसे कटा क्या बताऊँ तुमको जान गरिमा मेरा भी यही हाल है पति देव आपके बिना नींद तो दूर की बात है सांस भी लेना मुश्किल है। अब इतने सुनते ही सुरेश गरिमा के होठो पे होंठ लगा देता है और फिर दोनो एक दूसरे के होठो को चूसे जा रहे थे जैसे जन्मो के प्यासे हो जैसे एक प्यासे को पानी मिल गया हो । धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा की गांड पे चले जाते है और वो गांड से खेलने लगता है इधर दोनो के होठो के बीच एक जंग चल रही थी ।और उधर गरिमा भी सुरेश का लंड निक्कर से निकाल कर सहला रही थी काफी देर होंठ चुसाई के बाद सुरेश चूची और गांड से खेलने लगता है आह्ह.. मेरी गरिमा तेरे चुचे क्या मस्त उम्म्म..
गरिमा आह्ह्ह.. पापा पति देव धीरे चुसो कहा भागी जा रही हूँ ।
धीरे धीरे दोनो नंगे हो जाते है और सुरेश बैठ के गरिमा की बूर पे जीभ लगा देता है आज सुरेश को बूर चाटने में और भी मज़ा आ रहा था । उसने कभी सोचा भी नही था की वो इस तरह अपने ही घर के किचन में अपनी बेटी की बूर चाटेगा ।
आह्ह.. पापा गरिमा की बुर पनिया गयी थी सुरेश ने सोचा अब चाटना ठीक नही झाड़ गयी तो खड़े लंड पे धोखा हो जायेगा ।और गरिमा के कान में धीरे से बोलता है जान अब मेरा चुसो इतना सुनते ही गरिमा बैठ के लंड मुँह लेकर लापा लाप चूसने लगती है सुरेश मस्ती और आनंद के सागर में डुबकी लगते हुए आहे भर रहा था और हलकी सिसकियों से किचन गूजने लगता हैं गरिमा अपनी जीभ को टोपे पे फेर रही थी और मस्ती में सुरेश की आह्ह्ह.. गरिमा चूस साली बहन की लोड़ी मुँह से निकल जाता है । इस तरह चुसाई का खेल ख़तम हुआ और फिर सुरेश अपनी पत्नी गरिमा की एक टांग उठा के बुर पे लंड रख पेल देता है एक दम से बूर में लंड घुसने से गरिमा सिसक कर रह जाती है । बूर और लंड दोनो ही गीले थे तो बूर लंड को सट से अंदर ले लेती है और फिर हिलने का खेल चल पड़ा सुरेश ने गरिमा को खड़े खड़े ही उसकी बुर में लोडा उतार दिया और लगा धक्के पे धक्का मारने धीरे धीरे लंड पूरे सबाब से बुर की कुटाई कर रहा था और गरिमा गरम गरम आहे भरते हुए आह्ह .. पापा चोदो मुझे सुरेश साली हरामजादी भड़वी आज से रोज़ यही चोदुंगा तुझको आह्ह.. रंडी की बेटी रंडी आह्ह।.. तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊगा ।
हाँ बेटीचोद बना दे पर बुर को फाड़ दे बहुत तंग कर रही है
काफी देर चुदाई का ये खेल चला और दोनो चरमसुख के करीब थे आह्ह..गरिमा मैं गया मेरी जान इधर गरिमा भी आह्ह..पापा पापा...चोदो दो फाड़ दो आह्ह..और दोनो लबा लब झड़ने लगते है गरिमा की बूर का कामरस और सुरेश का वीर्य मिलकर एक नई कहानी लिख रहे । जिसका अंजाम क्या होगा पता नही पर वो तो अपनी प्यास बुझाने में सब कुछ भूल गये थे।दोनो ही साँसे काबू करने में लगे थे की बाथरूम की लाइट चालू हो गयी दोनो डर गये इतने में राहुल बाथरूम जाता दिखायी दिया गरिमा ने अपने कपड़े पहने और बोली चलती हूँ जान कही राहुल देख ना ले सुरेश हाँ मेरी डार्लिंग अब अपने को सतर्क रहना होगा हमारे मिलन में ये बाधा बन सकते हैं इसलिए चुप चाप चुदाई को अंजाम देंगे और एक दूसरे को चूमते है और पहले सुरेश चला जाता था और फिर गरिमा भी वहा से निकल जाती है ।
एक नयी सुबह कुछ नया करने के लिए होती है पर बहुत से लोगो के जीवन में कुछ भी नया नही होता है। सुरेश नास्ता करके दुकान के लिए निकल जाता हैं। राहुल और आरोही कॉलेज जा चुके थे ,राहुल का भी आखिरी समय था कॉलेज में, निधि तैयार होकर बैठी एक गहरी सोच में थी तभी।बरखा बोली निधि बेटा तुम्हे कॉलेज नही जाना क्या ये सुन के निधि भी कॉलेज के लिए निकल जाती है
गरिमा आज देर तक सो रही थी वो आज बहुत दिनों बाद एक अच्छी नींद ले रही थी। जब से वो और सुरेश अकेले थे उसके सुलगते जिस्म ने उसे सोने नही दिया था और अपने ही पापा की दुल्हन बनने के बाद तो चुदाई पे चुदाई करवा रही थी आज वो फुर्सत से सोई दी । इधर कॉलेज में आज राहुल अपनी सबसे प्यारी दोस्त या यूँ कहे की अपनी प्रेमिका का कॉलेज आने का इंतेज़ार कर रहा था ।
और आरोही भी बहुत दिनों बाद अपने दोस्तों से मिलकर बहुत खुश थी आज आरोही बहुत मस्त माल बन के गयी थी।कई लड़को की नज़र बस उसकी गांड की उठान पे ही थी ।इधर राहुल भी अपनी दोस्त निशा से बात कर रहा था 2 सालो से राहुल निशा को चाहता है पर कभी बोल नही पाया।और शायद निशा के दिल में भी राहुल ही था इसीलिये उसने आज तक कोई आशिक नही बनाया था ।
निशा - गाँव में क्या क्या मस्ती किया तु
राहुल - कुछ नही यार बस दोस्तों के साथ गाँव घूमना और नदी में नहाना बस यही सब मस्ती की ।
निशा - नदी मतलब तुम्हारे घर के पास कोई नदी भी है
राहुल - अरे नही मेरे घर के पास नही मामा जी के घर से कुछ ही दूरी पे एक नदी है मैं अपने गाँव तो गया ही नही अगली बार ज़रूर जाऊंगा अपने गाँव
निशा - अच्छा, तुम्हारा सही है गाँव से घूमकर आ गये और एक मैं हूँ जो यहाँ रहकर बोर हो गयी हूँ ।
राहुल - तो अगली बार चलना मेरे साथ ,उतना बोला ही था की निशा खुश हो गयी थी सच में , मैं भी जा सकती हूँ गाँव ?
राहुल - हाँ निशा बिल्कुल वैसे भी हम अच्छे दोस्त है इतना तो बनता ही हैं ऐसे ही उनके बातों का सफर चलता रहा ।इधर निधि भी अपनी दोस्तों में लगी हुई थी ।तभी कॉलेज का एक लड़के ने निधि की टाइट गांड देख के कमेन्ट किया ।हाय क्या गांड है यारो और हँसने लगते है ।
अजय - यार गांड तो मस्त है ही और इस मस्त गांड के लिए कौन सी कच्छी पहनती होगी साली फिर से सब हँसने लगते है । विक्की अरे यार साली की कच्छी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये ।
तभी निधि अजय और विक्की के गालो पे एक एक जोरदार थप्पड़ उनके गालो पे रसीद देती थी ।अजय और विक्की गुस्से में निधि का टॉप पकड़ के फाड़ देते है , निधि ब्रा में आ जाती है ये इतनी जल्दी होता है की निधि को संभालने का मौका ही नही मिलता है । और कॉलेज के केंटीन में निधि ब्रा में खड़ी होती है । वो रोने लगती है इधर विक्की - साली रंडी तेरी ये। औकत तु हमें थप्पड़ मारेगी ।
अजय - नंगा करते है साली को तब पता चलेगा इस दो कोड़ी की रंडी को । निधि अपने उभारो को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । तभी केंटीन मे आरोही आ जाती है और विक्की को लगातार 2-3 थप्पड़ उसके गालो पे रसीद देती हैं ये इतना अचानक था की विक्की क्या वहा खड़े सभी ही आचंभित थे । तभी अजय ,आरोही को पकड़ कर साली तु मेरे दोस्त को मारेगी और उसके दोनो उभारो को पकड़ के इतनी जोर से मसल देता है आरोही आह्ह.. की आवाज़ में जोर से चीख जाती हैं।
विक्की भी आरोही की गांड को मसलने लगता है ।तभी वहा एक प्रोफ़ेसर आ जाता और दोनो घबरा के आरोही को छोड़ देते है ।
प्रोफ़ेसर- ये सब क्या हो रहा है विक्की अजय को देखते बोलता है ।
आरोही रोते रोते सर इन लोगो ने मेरी दीदी और मेरे साथ बतमीज़ी की है और जोर जोर से रोने लगती है ।
प्रोफ़ेसर- विक्की ,अजय दोनो प्रिंसिपल रूम में चलने को बोलता है ।
विक्की साली आज बच गयी दोनो रंडिया अगली बार तुम दोनो बहनो को नंगा नही किया तो मेरा नाम भी विक्की नही ।तभी प्रोफ़ेसर ये सब क्या बकवास कर रहे हो,विक्की सर रंडी को रंडी नही तो क्या बोलेंगे और हँसने लगते है प्रोफ़ेसर फालतू बात मत करो माफ़ी मांगो और चलो प्रिंसिपल के ऑफिस ,विक्की माफ़ी और इन से कभी नही और प्रिंसिपल के ऑफिस जाने के लिए निकल जाते है।आरोही भी रोते रोते अपनी दीदी को ढकने के लिए कपड़ा ढूंढ रही ।तभी वो राहुल को फोन कर के केंटीन बुलाती है
राहुल अपनी दीदी निधि को ब्रा में देख के आचंभित था और जल्दी से अपनी कमीज उतर के निधि की जवानी को ढकता है । निधि रो रही थी ।दीदी ये कैसे हुआ बताओ मुझे ,तभी आरोही रोते रोते ही राहुल के गाले लग जाती है राहुल क्या हुआ मेरी गुड़िया तु रो क्यों रही है और ये दीदी के साथ किसने किया । इतने में निशा, निधि सांत्वना देती है आरोही रोते रोते ही भैया वो .. भैया वो .. और रोने लगती है ।राहुल अपनी जान से प्यारी बहन को रोता हुआ देख उसकी आँखे भी नम हो जाती है ।निशा जानती थी ये दोनो राहुल की बहने है पर वो कभी उनसे कुछ नही बोलती थी पर इस घटना ने निशा को बोलने पे मजबूर कर दिया और उसने निधि से पूछा ।निधि ये सब कैसे हुआ और किसने किया ।बताओ निधि ,निशा के पहली बार ऐसे अपनेपन से निधि भावुक हो जाती है और उससे लिपट के रोने लगती है । निशा भी उसको जोर से अपने बांहों में भींच लेती हैं। राहुल फिर आरोही से पूछता है ये कैसे हुआ आरोही ??
आरोही का रोना अभी थोड़ा कम हो गया था वो रोते रोते ही बोली भैया वो विक्की और अजय ने दीदी के साथ बत्तमीज़ी करने लगे थे मुझे पता चला तो मैंने उनको रोकना चाहा तो उन्होंने मेरे साथ भी बत्तमीज़ी करने लगे वो राहुल को सब बता देती है ये सब सुन राहुल का गुस्सा सातवें आसमान पे था वो गुस्से में उन हरामज़ादो को छोडूंगा नही और वो गुस्से से ही प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ निकल पड़ता है । विक्की और अजय एक नंबर के ठरकी और लड़कीबाज़ थे वो गांजा भी पीते थे कॉलेज में ये नया नही था जब ऐसा कुछ हुआ हो ऐसा कई बार वो कर चुका था और एक बार तो एक लड़की को सब के सामने नंगा के दिया था । पर पूरे कॉलेज में एक निशा ही थी ।जिसको छूने की उनकी हिम्मत कभी हुई ही नही निशा एक दम मस्त पटाखा थी जिसे हर कोई बजाना चाहता था पर वो तो शायद राहुल से बजने के इंतेज़ार में थी ।इधर राहुल प्रिंसिपल के ऑफिस में बिना किसी की इज़ाज़त लिए घुस जाता है और विक्की और अजय और प्रिंसिपल जब उसे देखते है तो विक्की अरे नामर्द आ गया देखो तो कितना गुस्से में है और हँसने लगता है उसने इतना ही बोला था की विक्की के मुँह पे एक जोरदार पंच राहुल दे मरता है और वो इस हमले से कुर्सी से गिर जाता है ।अजय कुछ करता उससे पहले ही राहुल उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा देता है और अजय संभाल नही पता और गिर जाता है उसका नाक से खून आने लगा था ।पीछे से विक्की राहुल को एक लात मरता है और राहुल अजय पे गिर जाता है अचानक हुए इस हमले से राहुल संभाल नही पा रहा था की उधर अजय राहुल को पलटकर 2-3 घुसे धर देता है और विक्की भी मिल के मरने लगता है ये सब से राहुल की हालत खराब होने लगती है ।प्रिंसिपल मारो साले को मेरे बेटे को मरेगा । हरामज़ादे तेरी बहनो को रखैल बनाऊगा। तभी वहा पे आरोही ,निधि और निशा और कॉलेज के और भी कई लड़के लड़किया आ जाते है निशा को देख प्रिंसिपल की हालत खराब हो जाती है वो जल्दी से विक्की और अजय को रोकने की एक्टिंग करता है की तभी राहुल, अजय की नाक पे वार कर देता है वो इतनी जोर से मरता है की इस बार अजय उठने की हालत में नही था इसी दौरान राहुल विक्की को भी धर दबोचता है और उसको दे घुसे दे लात मार मार के अधमरा कर देता है राहुल का ऐसा रूप आज तक किसी ने नही देखा था निशा तो पुरी तरह से आचंभित थी की इतना सीधा और साधा रहने वाला लड़के में इतनी हिम्मत होगी ।वो क्या है निशा हमेशा ही समझती थी की राहुल कमज़ोर है पर आज उसका ये रूप निशा ही नही निधि और आरोही के लिए भी चौकाने वाला था बल्कि सब के लिए ये एक असंभव वाली बात थी की राहुल इतना हिम्मत वाला और ताकत वाला है ,राहुल हमेशा ही कॉलेज में लगभग सभी से डरता था उसको लगता था की वो कमज़ोर है और कॉलेज में सब उसकी क्लास लगाते थे यहा तक विक्की और अजय ने तो कई बार आरोही और निधि चुदाई के बारे में भी बोल चुके थे की अपनी बहन चुदवा ले पर राहुल डर के मारे कुछ नही बोलता था ।पर आज सब कुछ उल्टा हो चुका था ।इधर राहुल बारी बारी से विक्की और अजय को धो रहा था की तभी उसकी नज़र प्रिंसिपल पे भी गयी उसने प्रिंसिपल को भी 3-4 घुसे दे मारे वो और मरता की निशा उसको पकड़ के बोलती है राहुल ये क्या कर रहे हो छोड़ो प्रिंसिपल को ये गलत है वो तुमको कॉलेज से निकल देंगे ।राहुल निशा की एक भी बात नही सुनता और प्रिंसिपल को भी अधमरा कर देता है की तभी आरोही ,राहुल को पकड़ के बोलती है भैया छोड़ दो उन्हे प्लीज और राहुल एक दम से रुक जाता है राहुल आरोही को देखता है और आरोही एक दम से राहुल से लिपट जाती है तभी राहुल बोलता है इनकी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहनो को छूने की और तु तो मेरी जान है तेरे लिए उनका खून भी कर दूंगा मैं, वो इतने गुस्से से बोला की सब डर जाते है ।निधि ये बात सुन के चौंक जाती है की राहुल ,आरोही से कितना प्यार करता है और एक मैं हूँ जो उसके लिए गन्दा सोच रही थी की वो अपनी ही बहन की लेना चाहता है और अपने ही अंदर वो ग्लानि से भर जाती है इधर प्रिंसिपल ,विक्की ,अजय तीनो ही मार खा के दर्द से आह भर रहे थे । राहुल थोड़ा शांत होकर बोलता है अगर मेरी बहनो को अगली बार छुआ ना तो वो हाल करूंगा की तुम लोगो को अपने पैदा होने पे अफ़सोस होगा।और
वहा से निकल जाता है ,केंटीन में बैठे राहुल ,निधि आरोही और निशा एक दम शांत थे की तभी निधि
बोलती है । सोर्री भाई सब मेरी वजह से हुआ नही तो वो आरोही को हाथ नही लगते तभी राहुल बोलता है दीदी वो आरोही क्या मेरी किसी भी बहन को कोई छु लेगा तो उनकी जान ले लूंगा ये सुनते ही निधि की आँखे नम हो जाती है ।जिस भाई को वो ठरकी ,बहनचोद सोच रही थी वो उनकी इतनी फ़िक्र करता हैं।
निशा - राहुल पर तुम्हे प्रिंसिपल पे हाँथ नही उठाना चाहिए था वो तुम्हे निकाल देगा इस कॉलेज से, तुम्हारी पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी
राहुल - जो करना है कर ले पर किसी ने भी मेरी बहनो को छुआ भी ना तो उसकी जान निकाल दूंगा । ऐसे ही सब राहुल को समझाने में लगे हुए थे कब दिन ख़तम होने लगा पता ही नही चला और वो घर के लिए निकल जाते है निशा भी सब को बाय बोल कर निकल जाती है