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भाग 64
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उत्तेजित शरीर और पनपती चूत से कुसुम खुद भी बेहाल हो चुकी थी। पवन की गोद में बैठकर सम्भोग आसन भी उचित स्तर पर था। कुसुम की रसीली चूत को भेदने में पवन को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। खडा लौड़ा उल्टी चूत की सुराख को आसानी से भेद गया। कुसुम पवन की गोद में बैठकर उठक बैठक करने लगी। कभी कभी पवन भी नीचे से लौड़े को चूत और अन्दर तक घुसाने की कोशिश करता।
"इसी पल का मुझे बेसब्री से इन्तज़ार था। आज जाके वह इन्तज़ार खत्म हुआ।"
"अब यह कभी खत्म नहीं होगा। पूरी जिंदगी बस तुम्हें चोद्ता रहूँगा।" पवन के कडक शरीर से लिपटी कुसुम मदहोश होने लगी।
"भगवान करे तुम्हारा प्यार कभी खत्म ना हो। तुम हमेशा मुझे एसे ही सताते रहो।"
"तुम बुर आज भी उसी हाल में है, जिस तरह पिछ्ली बार इसे छोड़कर गया था। लेकिन ज्यादा दिन तक तुम्हारी चूत एसी नहीं रहने वाली। यह बहुत जल्द भोसडा होने वाली है। यहां अब मेरा बच्चा पैदा होगा। जिस तरह मैं पैदा हुआ।"
"उसी दिन का इन्तज़ार है। जब मैं दोबारा माँ बनूँगी। तुम्हारे बच्चों को जनम दूँगी। तुम ने अपना वादा निभाया है। तुम्हारी कुसुम भी अपना वादा निभाएगी।"
"कौनसा वादा!"
"क्यों भूल गए? तुम ने मुझ से दो वादे किये थे, मैं ने भी तुम से दो वादे किये थे। तुम अपना वादा पूरा किया। मुझे जमींदार की बीबी बनने का सौभाग्य दिया। मेरी झोली में दौलत का भंडार डाल दिया। अब मेरी बारि है।"
"और वह वादे कौन कौन से हैं?" पवन को इस बारे में नहीं पता था। कुसुम किस वादे की बात कर रही थी। जहाँ तक उसे पता है, कुसुम ने उसे साथ एसे किसी वादे का जिक्र नहीं किया था।
"बड़े भुलक्कड हो। क्यों भूल गए? मैं ने वादा किया था, तुम चाहो तो दूसरी शादी कर सकते हो। और मैं हमेशा अपने कोख में तुम्हारा बच्चा पालूँगी। अपनी जवानी के आखरी दिन तक तुम्हारी सन्तानों को जनम देती जाऊँगी। अब याद आया?" कुसुम की बात से पवन हतचकित हो गया। कुसुम ने एसे वादे किये थे उसके साथ? संवेदनशील बातों से पवन का शरीर और ज्यादा अकड गया। उसका लौड़ा इस नाजुक मोड़ पर लोहे जैसा सख्त बन गया।
"हाँ याद आया! सब कुछ याद है मुझे! तुम्हारी एक एक बात।" पवन झूट बोलता है। कुसुम को अपनी बाहों में लेकर पवन नीचे से उसकी पनपती चूत में लौड़ा ऊपर नीचे करने की कोशिश करता है। लेकिन उससे ज्यादा कुसुम इस काम मदद करती है।
"आअह,, कितने दिन से मैं इस सुख से वंचित थी। मुझे कितना मजा आ रहा है पवन! तुम्हारा यह अवजार वैसे का वैसा है। वह देखो, तुम्हारा वह पवन! किस तरह से मुझे चोद रहा है। तुम्हें बिलकुल भी नहीं लगा मुझे दर्द का एहसास हो सकता है।"
"कैसे होगा! तुम खुद इतनी उतावली होती है। जब तुम्हारी बुर में लौड़ा डालता, तुम खुद मुझे और जोरों से धक्का लगाने को कहते। तुम्हें याद है? तुम्हारी अम्मा ने तुम्हें समझाया था! उस दिन मैं घबरा गया था। लेकिन तुम ने उन्हें खरी खोती सुना दी। बेचारी को क्या पता, उनकी बेटी खुद चुदवाने को मरी जा रही है।"
"उनकी गलती नहीं थी! सब तुम्हारी गलती थी, मैं उस वक्त काफी दुबली पतली थी। तुम्हारे इस मोटे लण्ड को बरदास्त करना किसी क्ंवारी लड्की काम नहीं है। इस लौड़े के लिए कोई बुर चुदी औरत चाहिए। तुम जब मुझे चोद्ते कभी मेरे बारे में नहीं सोचा। बस चोद्ते गए। चोद्ते गए। उसका क्या नतिजा निकला वह तुम्हें अच्छी पता है। मैं चल भी नहीं पा रही थी। टाँगों में इतना दर्द, चूत में इतनी जलन! मेरी जगह होते तब पता चलता तुम्हें! एसे भी कोई चोद्ता है क्या?"
"मुझे तो एसे ही चोद्ना आता है बस। यह चुदाई करना भी तुम ने सिखाया था।"
"आअह, यह लौड़ा तो मेरी जान ले लेगा। काश तुम मुझे काफी पहले मिल चुके होते, इतने सालों तक चुदवा चुदवाकर मैं अपनी चूत और खुलवा लेती। तुम्हारे लिए आसान होता। मैं भी और बच्चों की माँ बन जाती।" जगह की संकीर्णता की वजह से वे दोनों लेट नहीं सकते थे। इसी कारन बैठे बैठे ही चुदाई अंजाम देते रहे। शाम का अन्धेरा छाने लग गया। इतनी देर में दोनों ने ध्यान दिया, अतीत का पवन और कुसुम की चुदाई समाप्त हो गई थी। वे दोनों पास पास लेटे सुस्ताने लगे।
"तुम्हारा वाला तो हार गया। देखो! मेरा वाला अब भी मुझे पेले जा रहा है।" कुसुम ने पवन को कहा।
"मेरी वाली तो मेरे से पहले हार गई। देखो बेचारी को! उसकी चूत से कितना खून निकला है। बेचारी ने जिंदगी में पहली बार चुदाई करवाई, वह भी मेरे जैसे लौड़े से, एसा तो होना ही था। अब भुग्तो! पसर गई बिलकुल।" पवन ने कुसुम को चिढाया।
"उसे क्या पता! जिस लडके से वह प्यार कर बैठी, उसके पास इतना महा मोटा लौड़ा होगा! लेकिन यह कुसुम की किस्मत थी, जो उसे पवन जैसा पति मिला। कुसुम बुर पवन ने फाड़ी है। कुसुम की चूत पे सिर्फ पवन का अधिकार है। पवन ही कुसुम की बुर का मालिक है।"
"हाँ कुसुम! तुम सिर्फ मेरी हो।" चुदाई समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा था। मिलन में पवन कुसुम अपने पुराने दिनों में जीने लगे। चुदाई चलती रही। और उनका प्यार गहरा होता गया।
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उत्तेजित शरीर और पनपती चूत से कुसुम खुद भी बेहाल हो चुकी थी। पवन की गोद में बैठकर सम्भोग आसन भी उचित स्तर पर था। कुसुम की रसीली चूत को भेदने में पवन को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। खडा लौड़ा उल्टी चूत की सुराख को आसानी से भेद गया। कुसुम पवन की गोद में बैठकर उठक बैठक करने लगी। कभी कभी पवन भी नीचे से लौड़े को चूत और अन्दर तक घुसाने की कोशिश करता।
"इसी पल का मुझे बेसब्री से इन्तज़ार था। आज जाके वह इन्तज़ार खत्म हुआ।"
"अब यह कभी खत्म नहीं होगा। पूरी जिंदगी बस तुम्हें चोद्ता रहूँगा।" पवन के कडक शरीर से लिपटी कुसुम मदहोश होने लगी।
"भगवान करे तुम्हारा प्यार कभी खत्म ना हो। तुम हमेशा मुझे एसे ही सताते रहो।"
"तुम बुर आज भी उसी हाल में है, जिस तरह पिछ्ली बार इसे छोड़कर गया था। लेकिन ज्यादा दिन तक तुम्हारी चूत एसी नहीं रहने वाली। यह बहुत जल्द भोसडा होने वाली है। यहां अब मेरा बच्चा पैदा होगा। जिस तरह मैं पैदा हुआ।"
"उसी दिन का इन्तज़ार है। जब मैं दोबारा माँ बनूँगी। तुम्हारे बच्चों को जनम दूँगी। तुम ने अपना वादा निभाया है। तुम्हारी कुसुम भी अपना वादा निभाएगी।"
"कौनसा वादा!"
"क्यों भूल गए? तुम ने मुझ से दो वादे किये थे, मैं ने भी तुम से दो वादे किये थे। तुम अपना वादा पूरा किया। मुझे जमींदार की बीबी बनने का सौभाग्य दिया। मेरी झोली में दौलत का भंडार डाल दिया। अब मेरी बारि है।"
"और वह वादे कौन कौन से हैं?" पवन को इस बारे में नहीं पता था। कुसुम किस वादे की बात कर रही थी। जहाँ तक उसे पता है, कुसुम ने उसे साथ एसे किसी वादे का जिक्र नहीं किया था।
"बड़े भुलक्कड हो। क्यों भूल गए? मैं ने वादा किया था, तुम चाहो तो दूसरी शादी कर सकते हो। और मैं हमेशा अपने कोख में तुम्हारा बच्चा पालूँगी। अपनी जवानी के आखरी दिन तक तुम्हारी सन्तानों को जनम देती जाऊँगी। अब याद आया?" कुसुम की बात से पवन हतचकित हो गया। कुसुम ने एसे वादे किये थे उसके साथ? संवेदनशील बातों से पवन का शरीर और ज्यादा अकड गया। उसका लौड़ा इस नाजुक मोड़ पर लोहे जैसा सख्त बन गया।
"हाँ याद आया! सब कुछ याद है मुझे! तुम्हारी एक एक बात।" पवन झूट बोलता है। कुसुम को अपनी बाहों में लेकर पवन नीचे से उसकी पनपती चूत में लौड़ा ऊपर नीचे करने की कोशिश करता है। लेकिन उससे ज्यादा कुसुम इस काम मदद करती है।
"आअह,, कितने दिन से मैं इस सुख से वंचित थी। मुझे कितना मजा आ रहा है पवन! तुम्हारा यह अवजार वैसे का वैसा है। वह देखो, तुम्हारा वह पवन! किस तरह से मुझे चोद रहा है। तुम्हें बिलकुल भी नहीं लगा मुझे दर्द का एहसास हो सकता है।"
"कैसे होगा! तुम खुद इतनी उतावली होती है। जब तुम्हारी बुर में लौड़ा डालता, तुम खुद मुझे और जोरों से धक्का लगाने को कहते। तुम्हें याद है? तुम्हारी अम्मा ने तुम्हें समझाया था! उस दिन मैं घबरा गया था। लेकिन तुम ने उन्हें खरी खोती सुना दी। बेचारी को क्या पता, उनकी बेटी खुद चुदवाने को मरी जा रही है।"
"उनकी गलती नहीं थी! सब तुम्हारी गलती थी, मैं उस वक्त काफी दुबली पतली थी। तुम्हारे इस मोटे लण्ड को बरदास्त करना किसी क्ंवारी लड्की काम नहीं है। इस लौड़े के लिए कोई बुर चुदी औरत चाहिए। तुम जब मुझे चोद्ते कभी मेरे बारे में नहीं सोचा। बस चोद्ते गए। चोद्ते गए। उसका क्या नतिजा निकला वह तुम्हें अच्छी पता है। मैं चल भी नहीं पा रही थी। टाँगों में इतना दर्द, चूत में इतनी जलन! मेरी जगह होते तब पता चलता तुम्हें! एसे भी कोई चोद्ता है क्या?"
"मुझे तो एसे ही चोद्ना आता है बस। यह चुदाई करना भी तुम ने सिखाया था।"
"आअह, यह लौड़ा तो मेरी जान ले लेगा। काश तुम मुझे काफी पहले मिल चुके होते, इतने सालों तक चुदवा चुदवाकर मैं अपनी चूत और खुलवा लेती। तुम्हारे लिए आसान होता। मैं भी और बच्चों की माँ बन जाती।" जगह की संकीर्णता की वजह से वे दोनों लेट नहीं सकते थे। इसी कारन बैठे बैठे ही चुदाई अंजाम देते रहे। शाम का अन्धेरा छाने लग गया। इतनी देर में दोनों ने ध्यान दिया, अतीत का पवन और कुसुम की चुदाई समाप्त हो गई थी। वे दोनों पास पास लेटे सुस्ताने लगे।
"तुम्हारा वाला तो हार गया। देखो! मेरा वाला अब भी मुझे पेले जा रहा है।" कुसुम ने पवन को कहा।
"मेरी वाली तो मेरे से पहले हार गई। देखो बेचारी को! उसकी चूत से कितना खून निकला है। बेचारी ने जिंदगी में पहली बार चुदाई करवाई, वह भी मेरे जैसे लौड़े से, एसा तो होना ही था। अब भुग्तो! पसर गई बिलकुल।" पवन ने कुसुम को चिढाया।
"उसे क्या पता! जिस लडके से वह प्यार कर बैठी, उसके पास इतना महा मोटा लौड़ा होगा! लेकिन यह कुसुम की किस्मत थी, जो उसे पवन जैसा पति मिला। कुसुम बुर पवन ने फाड़ी है। कुसुम की चूत पे सिर्फ पवन का अधिकार है। पवन ही कुसुम की बुर का मालिक है।"
"हाँ कुसुम! तुम सिर्फ मेरी हो।" चुदाई समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा था। मिलन में पवन कुसुम अपने पुराने दिनों में जीने लगे। चुदाई चलती रही। और उनका प्यार गहरा होता गया।
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