शाम को पंकज कि नींद खुलती हैं तो उसे याद आता है कि उसे अपने दोस्त के घर जाना है तो वो तैयार होकर अपने दोस्त के घर जाने को निकलने लगता है और सोचता है दीदी को बता दू इसलिए वो अपनी दीदी बबिता के रूम की तरफ जाने लगता है यहां बबिता अभी भी सोई हुई थी अपने रूम में बेसुद होकर नंगी ही अपने जिस्म कि गर्मी शांत करने के चक्कर में वो अपने कमरे का दरवाजा लॉक कर ना ही भूल गई थी पंकज अपनी दीदी के कमरे का दरवाजा जैसे ही खट खटातने लगता है तो दरवाज़ा पूरा खुल जाता है अंदर का नजारा देख पंकज के तो होश ही उड़ जाते हैं अंदर उसकी दीदी पूरी नंगी अपने बिस्तर में सोई होती है पंकज के कुछ समझ नहीं आता क्या करे पर क्या करता बेचारा बबिता और उसके बीच में भाई बहन का रिश्ता था तो वो दरवाज़ा बंद करने ही वाला होता है तो उसका लन्ड उसकी पैन्ट के अंदर खड़ा होकर जटके मारने लगता है रिश्ता पंकज और बबिता का था पर उसके लन्ड का नहीं वो तो बस एक नंगी औरत को देख कर अपने होश खो बैठा था और फिर पंकज ना चाहते हुए भी अपनी दीदी के कमरे के अंदर घुस जाता है वहा बबिता पूरी नंगी पसीने से लथपथ सोई होती हैं रूम पर आने पर वो फैन ऑन कर ना भी भूल गई थी
बबिता अपनी टांगें चौड़ी करके के सो रही थी जिस से पंकज को अपनी दीदी की टाईट चुत साफ दिखाई दे रही थी पंकज अपनी दीदी का ये रूप देख कर अपना आपा ही खो बैठा और अपना लन्ड निकाल कर वही हिलाने लगा और बबिता इस बात से अनजान की उसका भाई उसके जिस्म के मजे लेते हुए अपना लन्ड हिलाने में लगा हुआ है वो तो बस बेशुद होकर सो रही थी 15 मिनट तेज तेज अपना लन्ड हिलाने के बाद पंकज का माल निकलने वाला था पर वो आखें बंद कर के अपना लन्ड हिलाने में लगा हुआ था और फ़िर अचानक उसका माल निकल जाता है तो उसे बड़ा ही आनन्द आता है और वो अपनी आखें खोल ता है तो सामने का नजारा देख कर डर जाता है क्यों कि उसका सारा माल उसकी दीदी बबिता के चहरे और मुंह में गिरा हुआ था
ये देख कर पंकज वहां से भाग जाता है और अपने दोस्त के घर को जाने लगता है रास्ते में उसके मन में कही सवाल चल रहे होते हैं की उसने ये क्या किया अब दीदी क्या सोचेगी उस पर गुस्सा होगी ये ही सब सोचते हुए वो अपने दोस्त के घर पहुंच जाता है इधर कुछ देर बाद बबिता की आंख खुलती हैं पर वो अपनी आखें सही से खोल नही पा रही थी वो अपने हाथ से अपनी आखें साफ करने लगती है तो उसके हाथो पर सफेद गाडी मलाई जैसा कुछ लगा होता है इस बार बबिता को ये समझने में देर नहीं लगती की ये क्या है उसे समझ आ जाता है कि ये किसी मर्द के लन्ड से निकाला माल है पर घर में तो बस वो और उसका भाई ही है बबिता के जिस्म में एक सनसनी फैल जाती उसका रोम रोम मचलने लगता है उसको इस बात पर बिलकुल भी गुस्सा नहीं आता बल्कि उल्टा अच्छा सा लगता है वो अपने भाई के माल को अपनी जीभ से चाटने लगती है और माल का स्वाद चख ते ही उसके जिस्म में एक आग सी जलने लगी है वो उसकी दीवानी सी हो जाती है जैसे वो कोई माल नही बल्कि कोई वसीकरण पानी हो उसपर उसका ऐसा जादू चलता है कि वो अब इस माल को हमेशा पीना चाहेगी वो जैसे पंकज के बस में हो गई हो इन सब बातो से अनजान पंकज अपने दोस्त के यहां डरा हुआ था उसको लग रहा था आज उसकी दीदी उस पर बहुत गुस्सा होगी बबिता अपने भाई का पूरा माल चाट कर नहाने चली जाती है और नहा कर वो अपने और अपने भाई के लिए खाना बना कर तयार कर देती है बबिता ने आज एक पतली नाईटी पहन रखी थी अंदर बिना ब्रा पैन्टी के और वो अब अपने भाई का इंतजार कर ने लगती है