ayush01111
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बहुत ही मस्त और शानदार अपडेट है भाई मजा आ गयाUpdated 09
"आह आह आह मेरे लाल आआऊऊआ मार डाला आह बस कर मेरे लाल आह काट क्यू रहा है आह" मां की दर्द से चटपटा ते हुए बड़ी कामुक सिसकारियां निकलने लगी और मेरी नंगी पीठ को अपने हाथों से पकड़ कर इसे चिपकी हुए थी जैसे मेरे लिंग को और अधिक गहराई में घुसना चाहती हो...
मां के साथ मेरी भी आहे निकल रही थी दोनो मां बेटा इस गर्म एहसास से एक दूसरे को भरपूर आनंद दे रहे थे.. मां के मखमले बदन को में पूरी से अपना बना लेने को उनकी योनि रूपी अग्नि बट्टी में अपना वीर्य रूपी आहुति देने को बड़ी तेजी से अपना लिंग मां की योनि में प्रवेश करते हुए उन्हें उनकी जवानी का अहसास दिला रहा था...
दोनो मां बेटे एक दूसरे के अंदर जाने को बेकरार हो चुके थे और अपनी चरम सुख प्राप्त करते हुए एक साथ हम ने शांत हुए मेरा गाड़ा गाड़ा सफेद वीर्य मां की योनि की दीवारों को सींचता हुए उनकी बच्चेदानी तक जा पहुंचा...मां बड़ी ही खुसी से मेरी आखों में देख आखें नम करते हुए बोली.."मेरे लाल ये क्या किया तूने इतना प्यार आह मेरे लाल कही तेरी पत्नी से पहले में तेरे बच्चे की मां न बन जाऊ..."
"मां क्या बोल रही हो ऐसा कैसे हो सकता है"
"हो सकता है मेरे लाल तूने तेरी मां की योनि में इतना सारा वीर्य छोड़ दिया है की ने क्या तेरी दादी भी पेट से हो जाएगी"
मां के मुंह से ये सुन में बड़ा शरमा गया और मां को सोचने लगा मेरा की केसे वो मेरा बच्चा अपने पेट में लिए खड़ी होगी...यह सोच के ही मेरा लिंग फिर से तन उठा मां की योनि में ही..और मां की हल्की सी मुस्कान निकल आई..."बस कर पगले मां हु तेरी कितना निचोड़ेगा अपनी बूढ़ी मां को"
मां की बात का मेरे पास कोई जवाब नही था में बड़ा दुविधा में पड़ गया में बड़ा ही दुखी होते हुए बोला "मां माफ करना पता नही इसे क्या हो गया"
मां बड़ी तेज तेज हसने लगी "हा हा मेरा भोला बच्चा तू एक मर्द मेरे बच्चे जितना मन हो अपनी मां को भोग ले कल से चुने भी नही मिलेगा आज लग जा काम पे"