दिल अपना और प्रीत पराईमुझे लगता है कि तुमको भी कहानी में कोई किरदार मिलना चाहिये
अभी तो शुरुआत हैवाह ताई से मज़े भी ले लिए और अभी वापिस भी उसी टेम्पो से जाना है
बाकी ये वसीयत वाला राक्स बहुत रहस्मयी लगता है
ये बस शुरुआत है, इसमे कोई चमत्कार नहीं, एक साधारण सी कहानी है, थोड़ी जिज्ञासा इसलिए ताकि पाठकों का ध्यान लगा रहे बस इतनी सी बात है मित्रपहले तो
और उसके बाद
फौजी भाई............तिलिस्म बनाने लगे जिसका सबूत है ये
भाई अपनी पुरानी कहानियों की तरह ही .... बिना चमत्कार वाली रखते तो और मजा आता........................
लेकिन जैसा चाहे लिखो............ आपका लिखा हुआ ही अपने अप में चमत्कारी लगता है
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अब बीती बाते है सबदिल अपना और प्रीत पराई
Thanks pal its always pleasure to have you on my threadhmm great story in making