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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-274

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 58

सम्भोग शाप से वरदान तक



ऋषि "पुत्री संकोच त्याग दो । तुम्हे सम्भोग के बारे में बहुत अल्पज्ञान है । आप तीनो मेरी बात ध्यान से सुनो! "

"गुरु जी आप ऐसा क्यों करना चाहते हो?" ऐश्वर्या भाभी ने भयभीत दृष्टि से पूछा।

ऋषि ने प्रतिवाद किया, "यह सब हमें बताएगा कि क्या आपके पास एक स्वस्थ योनि है जो एक आदमी के वीर्य को अंदर रख सकती है और उसे स्त्री अंडे की ओर धकेल सकती है।"

"कुमार, तुम्हें मालूम है, अब क्या करना है" ऋषि ने मेरी देखते हुए कहा।

ऐश्वर्या भाभी का इंतजार किए बिना, मैंने अपना हाथ उनकी मोटी जांघों पर रखा और उन्हें अलग कर दिया। जैसे ही मैंने अपनी टाँगें खोलीं, ऐश्वर्या भाभी ने अपनी टाँगें फैला दीं और अपनी आँखें कसकर बंद कर लीं क्योंकि उसे बहुत अजीब लग रहा था।

उसकी प्रतिक्रिया पर मुस्कुराते हुए ऋषि ने मेरी ओर सिर हिलाया और कहा: " रंग कैसा है?"

मैं अपना सिर उसकी चूत के पास ले गया और उसका निरीक्षण किया, उसकी सुगंध लेते हुए मैंने महसूस किया कि मेरा लंड मेरी पैंट के नीचे हिल रहा है।

मैं: यह सामान्य लग रहा है।

ऋषि: अच्छा, अब, गंध?

मैं करीब गया और उसकी चूत में फूंक मार दी। ऐश्वर्या कांप उठीं और मैं मुस्कुराया, यह जानते हुए कि मैं उन्हें कितनी अच्छी तरह छेड और चिढ़ा रहा था। ऐश्वर्या को महसूस हुआ कि उसकी चूत के होठों पर हवा का झोंका आ रहा है और वह अपने भरे होठों से निकलने वाली कराह को नियंत्रित नहीं कर सकी। उसके कराहने की आवाज़ मेरे लिए उत्तेजना पैदा करने वाली थी जो उसके शरीर को भोगने की लालसा रखता था।

"उसकी खुशबू बहुत अच्छी है," मैंने कहा।

ऐश्वर्या को समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे प्रतिक्रिया दें। लेकिन उसके अंदर गहराई से, उसे पसंद आया कि कैसे एक पुरुष को उसकी योनि की गंध पसंद आयी है। यहाँ तक कि उनके पति ने भी कभी ऐसा नहीं किया या उनकी तारीफ नहीं की थी।

जैसे ही मैं उत्तेजित हुआ ऋषि ने उत्तर दिया। "अब, उसका स्वाद चखो।" ऐश्वर्या के पास प्रतिक्रिया देने का समय नहीं था क्योंकि मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत के होंठों को फैलाया और अपनी जीभ को अंदर तक घुसाया। ऐश्वर्या की कस कर बंद की गई आंखें खुल गईं और मजे की लहरें उसके शरीर से टकराने लगीं।

वह आनंद से कराह उठी, "आह।" उसके पैर मुड़ गए और मैं उसकी मोटी जांघों के बीच फंस गया। मैंने उस अवसर का उपयोग कई बार उसे अच्छे से चाटने के लिए किया। ऐश्वर्या को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वह किसी रास्ते पर है क्योंकि आनंद की लहरों ने उसके शरीर को कब्जा कर लिया था।

"गुरूजी" मैंने ऋषि को बुलाया और मैंने उसकी चूत पर जीभ फेरते हुए अपनी जीभ रोक दी। ऐश्वर्या को सांस लेने में थोड़ा समय लगा। "उसका स्वाद बहुत अच्छा है," मैं मुस्कुराया।

ऋषि ने उत्तर दिया, "मैं इसे तुम्हारे चेहरे पर देख सकता हूँ।"

"वह किसलिए था?" ऐश्वर्या ने पूछा जब उन्हें अपने शरीर पर नियंत्रण प्राप्त हुआ।

"अहा, वह यह पता लगाने के लिए था कि आपके रस का स्वाद कैसा है। यदि यह बहुत अधिक नमकीन ये क्षारीय है, तो शुक्राणु आपकी बिल्ली में प्रवेश करते ही मर जायेंगे। यदि वे कम नमकीन हैं, तो वे आपके साथी के लंड को आवश्यक चिकनाई प्रदान नहीं करते हैं" ऋषि ने उत्तर दिया।

जब ऋषि ने इस प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया तो ऐश्वर्या और अधिक उत्तेजित हो गईं। वह नहीं जानती थी कि यह इलाज का हिस्सा था या नहीं। लेकिन वह उस आनंद और ध्यान का आनंद ले रही थी जो उसे मिल रहा था। अब वह उत्सुक थी कि हम लोग उसकी और अधिक जाँच करें।

"आगे क्या है," ऐश्वर्या ने साहसपूर्वक पूछा। उसकी आँख पर जरूरतमंद दृष्टि देखकर ऋषि मुस्कुराये।

"इसके बाद, हम यह जाँचने जा रहे हैं कि क्या आपकी चूत पूरी तरह से गीली है।" ऋषि कुछ कहते इससे पहले मैंने कुछ अश्लील शब्दों का प्रयोग सुनिश्चित किया और निश्चित रूप से इसका ऐश्वर्या भाभी पर प्रभाव पड़ा क्योंकि उन्होंने स्वीकृति में अपना सिर हिलाया।

यह जानकर कि ऐश्वर्या भाभी अब फंसने वाली है, मेरे और ज्योत्सना के चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई। मैंने गुरुजी के आदेश की प्रतीक्षा नहीं की। मैंने ऐश्वर्या भाभी के भगोष्ठ को अलग करने के लिए बस अपने बाएँ हाथ के अंगूठे और तर्जनी का उपयोग किया और धीरे-धीरे उसे भेदने के लिए अपने दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली का उपयोग किया।

मैं सौम्य और धीमे था क्योंकि मैं चाहता था कि ऐश्वर्या इस पल को याद रखें। ऐश्वर्या अपने आप को शांत रखने के लिए संघर्ष कर रही थी क्योंकि आनंद और कामुक उत्तेजना उसके पूरे शरीर में फैल रही थी। उसने अपनी कराहें बंद कर दीं, अपने होंठ काटे, अपने हाथों से अपने शरीर को रगड़ा।

फिर "आह, ओह्ह्ह्ह!" कमरे में आवाज़ गूँज रही थी। मैंने उसकी गर्म चूत को अपनी उंगलियों से महसूस किया, जो उसके रस से भीगी हुई थी। मैंने उसकी आंतरिक दीवारों को रगड़ने के लिए अपनी उंगलियों की नोक का उपयोग किया। इससे ऐश्वर्या भाभी उत्तेजित हो गईं और खुशी से कराहते हुए वह अब इसे नियंत्रित नहीं कर सकीं।

"रुको, कृपया,"

मैं उसे स्खलित नहीं करना चाहता था। इसलिए मैं रुक गया और अपनी उंगली हटा ली। यह उसके रस से ढकी हुयी थी। "वह पानी से भी अधिक गीली है," मैंने संतुष्ट मुस्कान के साथ कहा। मैंने अपनी उंगलियों का स्वाद चखा, "यम।"

ऐश्वर्या भाभी को अच्छा लगा और राहत मिली कि उसके अंग से छेड़खानी खत्म हो गई थी। वह चाहती थी कि उसका पति भी उस पर सम्भोग के दौरान यह तकनीक आजमाए। उसे विश्वास था कि मैं उसके साथ वैसा कर पाऊँगा। उसने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि दोनों पुरुष खड़े हैं और उसके शरीर की प्रशंसा पर्वक नजर से देख रहे हैं।

उसने शरमाते हुए पूछा, "आगे क्या?"

मैंने ऋषि की ओर ऐसे चेहरे से देखा जिससे पता चल रहा था, मं कहना चाहता था की "गुरुदेव अब भाभी और अधिक चाहती है!"

ऋषि बस मुस्कुराए और मेरी आँखों को झपकाते हुए बोले, "अभी के लिए हम बस यही परीक्षण करना चाहते थे, हम आपके और आपके पति पर किए गए परीक्षणों के आधार पर एक निष्कर्ष पर पहुँचे हैं। अब हम कुछ बाते करेंगे।' तुम तैयार क्यों नहीं हो जाते और मैं आपकी कुटिया में आता हूँ । आपकी कुटिया यहाँ से दाए हाथ पर तीसरी है।"

ऐश्वर्या उठीं और उन्हें अपने पैरों में कमजोरी महसूस हुई। उसने अपने शरीर की ओर देखा और अपनी योनी पर चमकता हुआ गीलापन देखा। वह अपने प्रेम रस को बहते हुए महसूस कर सकती थी। मैं उसके साथ केवल 2 मिनट बिताकर उसे गीला करने में कामयाब रहा।

ऐसा मैंने अकेले ने नहीं किया था। हालाँकि ऋषि कार्यवाही से बाहर रहे, लेकिन उन्होंने भाभी को उत्तेजित करने के लिए अपने शब्दों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया और अपनी आँखों से उन्हें कई बार निर्वस्त्र किया।

कुटिया की ओर वापस जाते समय, जहाँ गुरुजी प्रतीक्षा कर रहे थे, मैंने ज्योत्सना की और देखते हुए पूछा, "तो क्या मैं बच्चा पैदा करने के लिए स्वस्थ हूँ?"

"हाँ। समस्या उनके पति के स्पर्म काउंट को लेकर है। हम जड़ी-बूटियों का उपयोग करके इलाज कर सकते हैं, लेकिन हमारी विशेष पूजा करने से पहले नहीं," ऋषि ने एक मुस्कान के साथ उत्तर दिया।

ऐश्वर्या भाभी, जयत्सेना और मैं एक कुटिया में गए । कुछ देर में गुरूजी वहाँ आये। भाभी ने उनके सामने अपनी उत्तेजना को छुपाने और अपने गुरुजी के सामने सामान्य दिखने की पूरी कोशिश की। ऋषि ने बोलना शुरू किया, " हमने तुम्हारे सभी परीक्षण किये, जिनसे ऐसा लगता है कि तुम दोनों बच्चे पैदा करने के लिए स्वस्थ हो। इसलिए मैंने गुरुदेव की आज्ञा से चिकित्सा से ज्योतिष की ओर रुख किया और पाया कि आप के कुल पर देवी का पुराना शाप था, जिसका परिमार्जन पूज्य गुरुदेव के निर्देश अनुसार कुमार आपने योनि पूजा और पान नाशिनी पूजा कर किया है, लगता है प्रजनन के देवता आपसे अप्रसन्न है । इसलिए इसके अतिरिक्त आप दोनों को प्रजनन क्षमता के देवता को प्रसन्न करना है। ऋषि हमारे चेहरे पर प्रतिक्रिया देखने के लिए इंतजार कर रहे थे।

ऐश्वर्या, मैं और ज्योत्सना दोनों अब चिंतित लग रहे थे। "लेकिन गुरुजी, हमने देवताओं का अप्रसन्न करने के लिए कुछ भी नहीं किया है," मैंने कहा।

"बिल्कुल," ऋषि ने आगे बढ़ने से पहले कहा, " लेकिन आप दन ने एक साथ प्रजनन क्षमता के देवताओं को खुश करने के लिए कुछ भी नहीं किया है। प्रजनन क्षमता के देवता मानवीय आनंद से अपनी शक्ति प्राप्त करते हैं। आपके भाई ने और आपने भी अपनी भाभीयो को उस आनंद का पूर्ण अनुभव नहीं कराया है।

ऋषि ने जो कहा था, उसे ज्यादा समझ न पाने पर ऐश्वर्या ने उनसे पूछा, "गुरुजी इस श्राप को हटाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?"

"आप दोनों को उस पूजा का हिस्सा बनना चाहिए जो देवताओं को प्रसन्न करती है। यह आपके अगले मासिक चक्र से पहले की जानी चाहिए," ऋषि ने कहा। "इसके लिए पहले आपको सम्भोग क्रिया कैसे एक शाप को वरदान में बदल सकती है ये समझना होगा ।"

वो कैसे गुरूजी? मैंने पूछा

गुरु जी: " आपको ज्ञात है आपके पूर्वजो को सम्भोग के कारण ही शाप मिला था और उसी शाप में उसका निवारण भी था । आपको सम्भोग की महत्ता समझनी होगी । संभोग मानवीय जीवन की सिर्फ एक आवश्यकता ही नहीं हैं बल्कि एक वास्तविक सत्य भी है। संभोग मानव जीवन के लिए एक वरदान के रूप में है जिसका अभिप्राय केवल शारीरिक संतुष्टि न होकर मानसिक एवं आत्मिक मुक्ति भी है।

हम आज तक संभोग को केवल भोग और वासना से जोड़ते आये हैं उसके ईश्वरीय रूप को तो अब तक हमने जाना ही नहीं। जब तक हम संभोग के ईश्वरीय रस को नहीं चख लेते तब तक ये हमारे लिए केवल कामवासना पूर्ति का साधन मात्र रहेगा।

बच्चो संभोग मानव जीवन की एक अमिट कड़ी है। दुनियाँ में जहाँ ऐसा बहुत कुछ है जो एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करता है, कहीं जाति के नाम पर कहीं धर्म के नाम पर तो कहीं रंगभेद के नाम पर। इन सब में सिर्फ एक ही चीज ऐसी है जो सबको आपस में जोड़ती है और वह चीज है संभोग। अब आपको लगेगा कि ये क्या बात हुई प्रेम भी तो ऐसा ही कुछ करता है। पर प्रेम और संभोग अलग कहाँ हैं, जहाँ प्रेम की शुरुआत आँखों से होती है, जब प्रेमी अपनी प्रेमिका को देख कर उसकी ओर आकर्षित होता है। वह आकर्षण क्या उसकी आत्मा का आकर्षण होता है? क्या आप किसी ऐसे प्रेमी या प्रेमिका की ओर पहली बार में आकर्षित हो सकते हैं जो एक सुन्दर और मनमोहक रूप का मालिक न हो?

मैंने पुछा ; गुरुदेव ये कैसे होता है ?

बिलकुल सम्भव है पर वह आकर्षण सबसे पहले प्रेम का आकर्षण नहीं होगा वह दया, जिज्ञासा या कुछ और हो सकता है पर प्रेम नहीं हो सकता, प्रेम तो बाद में पैदा होगा जब आप उसके साथ समय गुजरेंगें उसके मन, उसकी आदतें, उसके विचार या कुछ और जब आपको पसंद आएगा तब प्रेम होगा इसके पहले नहीं।

ये जरूरी नहीं कि संभोग की ओर उठा पहला कदम प्रेम ही हो, कई बार संभोग से ही प्रेम की शुरुआत होती है, जैसे अर्रेंज मैरिज (व्यवस्था विवाह) । अरेंज मैरिज में लड़का-लड़की एक दूसरे को अच्छे से जानने के पहले ही संभोग कर लेते हैं, उसके बाद कभी दो महीने, कभी दो साल और कभी पूरा जीवन लग जाता है प्रेम होने में। खैर प्रेम से तो हम सब बहुत अच्छे से परिचित हैं, क्योंकि कई किताबों, फिल्मों, धारावाहिकों या आस-पड़ोस से प्रेम का ज्ञान तो मिल जाता है पर संभोग के बारे में कोई नहीं बताता। जो विषय जीवन का सबसे जरूरी विषय है जिस विषय की परीक्षा को पास करके ही एक लड़का पुरुष और पुरुष से पिता बनता है, इसी विषय को पास करके एक लड़की में नारीत्व आता है।

फिर कन्या नारी से माँ बनकर वह अपने जीवन को धन्य करती है उसे ममत्व की प्राप्ति होती है।

संभोग-किसी जीवित प्राणी के अंदर की ऊर्जा का शारीरिक, मानसिक या योगिक क्रिया द्वारा विपरीत लिंग और भेद के प्राणी की ऊर्जा के सांथ समागम या मिलन संभोग कहलाता है। मानव शरीर ऊर्जा का भंडार है । पुरुष और नारी के मिलन से भी ऊर्जा उत्पन्न होती है और पुरुष और नारी की ऊर्जा सर्जन का कारण होती है।

प्राचीन विज्ञान और आध्यात्मिक ग्रंथ के अनुसार संभोग अगर नियम बद्ध होकर और कुछ मुद्रा विशेष से किया जाए तो दुर्लभ कुण्डलिनी शक्ति को भी स्त्री-पुरूष के मिलन से जाग्रत किया जा सकता है। संभोग की क्रिया द्वारा स्त्री-पुरूष दोनों की कुण्डलिनी शक्ति को एक साथ ही जाग्रत किया जा सकता है।

ऐसे ही कई और क्रियाएँ अलग-अलग ग्रंथों, तंत्र शास्त्रों और व्याख्यानों में मिलतीं हैं जिनमें संभोग के माध्यम से सफलता पाई जा सकती है।

योग-शास्त्र में भी लिखा गया है कि संभोग भी एक योग के समान है, क्यंकि समभग में नारी और पुरुष के तन मन संभोग की चरम अवस्था में एक हो जाते है । जब संभोग की चरम अवस्था पुरूष पूर्ण रूप से नारी में समा जाता है और नारी अपने सारे सामाजिक, मानसिक और शारीरिक बन्धनों से मुक्त हो उसमें समाहित पुरूष को महसूस करती है और उसके ऊर्जा प्रबाह में बहने को आतुर हो उठती है तब उसका मन योग की उस अवस्था में होता है जिसे हम ध्यान कहते हैं।

इस अवस्था में एकाग्रचित्त होकर वह पुरूष को भी भूल जाती है और पुरूष भी नारी को भूल जाता है दोनों सिर्फ शारीरिक रूप से एक दूसरे के साथ होते हैं पर मन और मस्तिष्क अलग-अलग केवल उस ऊर्जा के प्रवाह में बह रहा होता है।

ध्यान की एकाग्रता से बाहर आकर जिस तरह एक योगी को लगता है कि उसका शरीर हल्का हो गया है, ठीक इसी तरह संभोग की चरम अवस्था को प्राप्त करने के बाद स्त्री और पुरूष भी महसूस करते हैं।

संभोग को एक उत्तम और संपूर्ण व्यायाम भी कहा जाता है, जिस तरह से व्यायाम में कई अलग-अलग आसन और क्रियाएँ होती हैं जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों की मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं और व्यायाम के द्वारा शरीर स्वस्थ, सुद्रण और आकर्षक होता है। उसी तरह से संभोग में भी कई आसन और मुद्राएँ होतीं हैं, जिसमें शरीर व्यायाम की तरह ही क्रिया करता है।

व्यायाम में एक आसन से केवल किसी एक या दो मांसपेशियों पर काम किया जा सकता है, परंतु संभोग की एक मुद्रा से शरीर के कई अलग-अलग अंग सक्रिय हो जाते हैं। संभोग व्यायाम का फायदा मन और मस्तिष्क को भी होता है।

हमारे समाज में संभोग को केवल संतानोत्पत्ति का माध्यम माना जाता है, जिस तरह से पशु किसी विशेष मौसम में ही संभोग करते हैं और उसके द्वारा अपने झुंड को बड़ा करते जाते हैं, ठीक इसी तरह मनुष्य भी संभोग से अपने वंश की वृद्धि करता है, पर मनुष्यों में संभोग के कोई एक निश्चित समय नहीं है।

समाज की मान्यताओं के अनुसार अगर हमारा संभोग करने का केवल एक मात्र उद्देश्य संतानोत्पत्ति है तो ईश्वर हमारे संभोग के काल या समय को अवश्य निश्चित करता, पर उसने तो हमे असीमित संभोग की शक्ति दी है, फिर भला हमारा उद्देश्य सीमित कैसे हो सकता है।

संभोग मानव जाति के लिए एक वरदान के समान है और हम इस वरदान को अभिश्राप मानकर इसे छुपाते रहते हैं, जैसे हम किसी कोढ़ी व्यक्ति के कोढ़ को देखते हैं शायद उसी तरह हम संभोग को देखते हैं पर कोढ़ी से एकांत में गले नहीं लगते इसके उलट एकांत और अंधेरे में संभोग हमारे लिए किसी प्रिय मिठाई की तरह लगने लगता है। हमें ईश्वर के उस वरदान की याद एकांत में ही क्यों आती है, क्यों हम दिन के उजाले में इसके बारे में बात करना भी पसंद नहीं करते?

इस संसार में हर जीवित व्यक्ति की मूलभूत अवश्यताओं की बात करें तो हवा, पानी, भोजन के बाद चौथी आवश्यकता संभोग ही है। जैसे हवा प्राण वायु देती है, पानी तृप्ती, भोजन संतुष्टि देता है उसी प्रकार संभोग संतृप्ति देता है।

सामाजिक संभोग मात्र कामवासना की पूर्ति के लिए और संतानोत्पत्ति के लिए होता है। इसमें मनुष्य अपनें कर्त्तव्य की पूर्ति एवं स्वयं की संतुष्टि के लिए संभोग करता है। उसका एक मात्र लक्ष्य अपने वंश की वृद्धि एवं स्वयं की संतुष्टि ही होती है। सामाजिक संभोग मनुष्य को अपने जीवन के दो कर्तव्य के लिए प्रेरित करता है जिसमें एक संतान को उत्पन्न कर पूर्वज और माता-पिता की लालसा को शांत करना है औऱ दूसरा अपने जीवन साथी और स्वयं की कामवासना की तृप्ति है।

सामाजिक संभोग में जहाँ स्त्री और पुरुष परस्पर आलिंगन, चुम्बन, घर्षण और मैथुन करते हैं और स्त्री पत्नी या प्रेमिका के रूप में एवं पुरुष पति या प्रेमी के रूप में होता है। वही दैवीय संभोग में स्त्री को भैरवी और पुरुष को भैरव कहा जाता है, भैरवी को पूजनीय मानकर योनि पूजा द्वारा उसे खुश किया जाता है।

संभोग एक आनंद दायक क्रिया है संपूर्ण संसार का सार या कहें की मानव जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार अगर कुछ है तो वह संभोग है, एक स्त्री और पुरुष जब परस्पर आलिंगन में होते हैं तब उन्हें संसार की किसी और चीज की जरूरत नहीं होती, उन्हें न तो धन चाहिए होता है और न ही सत्ता, उन्हें तो सिर्फ एकांत और प्रेमी की जरूरत होती है, जो लगातार प्रेम के सरोवर में उनके साथ गोते लगाता रहे, जो उनके मन के साथ-साथ ही उनके शरीर और शरीर के हर एक अंग को समान भाव से प्रेम कर सके, जो परम संतुष्टि का अहसास दे सके, जिसे खुद से अधिक अपने साथी की कामना पूर्ति का ध्यान हो।

संभोग से वंशवृद्धि, मैत्री लाभ, साहचर्य सुख, मानसिक रूप से परिपक्वता, दीर्घायु, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुख की प्राप्ति हासिल की जा सकती है।

"आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ! हमें बताएँ कि हमें पूजा कब करनी है गुरुजी?" मैंने पूछ लिया।

ऋषि मुस्कुराए, आज पूर्णिमा है, पूर्णिमा की रात हम पूजा करते हैं और आपको गुरुदेव ने इसीलिए बुलवाया है ।

ऐश्वर्या और मैंने दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा और सहमति में सिर हिलाया। "जैसी आपकी आज्ञा, गुरुजी," मैंने कहा। हमने ऋषि को प्रणाम किया तो ऋषि, ऐश्वर्या भाभी और रोजी हमारी कुटिया से चले गये।

"आखिरकार, अब हमें एक साथ कार्यवाही करनी होगी," मैंने खुशी से ज्योत्स्ना से कहा।

" हाँ, यह आपके लिए एक सुखद अनुभव होगा, खासकर जब इसमें ऐश्वर्या भाभी शामिल होगई और इससे परिवार को वरदान मिलेगा। मैंने आज उनकी आँखों में वासना देखी और भाभी निश्चित रूप से इस पूजा सत्र का आनंद लेंगी। फिर गुरुदेव ने ये आश्वासन दिया है।

मैं और ज्योत्सना रात में होने वाली चीजों की कल्पना करने लगे और इससे मेरा लंड सख्त हो गया।

जारी रहेगी
 

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-275

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 59

मेरे पौरुष की जांच

मैंने आश्रम में ड्रेस के तौर पर पहने जाने वाली सफ़ेद धोती पहन ली फिर मेरी कुटिया में एक सेवक आया और ज्योत्सना और मेरी और देखते हुए कहा,

"कुमार हमने महारानी जी और रानी जूही जी का भी परीक्षण किया है। गुरूजी ने आपको अपनी कुटिया में बुलाया है जहाँ वह आपके शरीर का परीक्षण करेंगे और जांचेंगे कि आप बच्चा पैदा करने में सक्षम हैं या नहीं।"

ये मुझे चौकाने वाला था क्यंकि मैं सूरत में मेरी कार के चालक की पत्नी आशा की गर्भवती कर संतान उतपन्न कर चूका था । मुझे पता था की महागुरु अमरमुनि जी को ये राज ज्ञात था और मैं ये भी जानता था की कई बार पुरुषो में संतान होने के बाद स्पर्म काउंट कम हो जाता है इसलिए मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं थी । (इस बारे में आप इसी विस्तार से इसी कहानी के CHAPTER-1 उपहार के भाग 1से 3 में पढ़ सकते हैं)

"कुमार" तभी ऋषि मेरी कुटिया में आये और कहा, "बच्चे को जन्म देने के लिए हमें यह जानना होगा कि आप स्वस्थ हैं। यह जानने के लिए कि हम आपके वीर्य का रंग, वीर्य की मात्रा, चिपचिपाहट और जिस बल से आप स्खलन करते हैं उसका परीक्षण करेंगे, फिर हम एक निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं।"

फिर हम दोनों कुटिया के पास से होते हुए आश्रम के पिछवाड़े में चले गये, जहाँ अनगिनत झोपड़ियाँ थीं। हम एक झोंपड़ी में दाखिल हुए और मैंने एक महिला को कुछ पढ़ते हुए देखा।

" कुमार! यह सुनीता है। वह मेरे अधीन अभ्यास करने वाली एक चिकित्सक है और वह आपके वीर्य का परीक्षण करने में हमारी मदद करेगी।"

सुनीता मुझे देखकर मुस्कुराई।

"आपका क्या मतलब है गुरूजी?" मैंने पूछा।

धीरे से मुस्कुराते हुए, ऋषि ने उत्तर दिया, "सुनीता वीर्य विश्लेषण की कला में प्रशिक्षित और विशेषज्ञ है, वह पुरुष की क्षमता और अन्य किसी भी कमी या विशेषता की पहचान करने के लिए गंध, स्वाद और स्पर्श की अपनी भावना का उपयोग कर सकती है। इसलिए उसकी उपस्थिति को लेकर शर्मिंदा न हों और इसे आप उस परीक्षण का हिस्सा मानें जो हम आप पर कर रहे हैं।"

मैंने सुनीता की ओर देखा। मैं अपनी नज़र उसकी सुंदरता से नहीं हटा सका। सुनीता जो मेरे सामने खड़ी थी, वह किसी शाही खानदान से लग रही थी। उसने गुलाबी रंग का रेशमी ब्लाउज पहना था जो उसकी छाती से चिपक रहा था और उससे मेल खाती हरे रंग की रेशमी धोती पहनी हुई थी।

सुनीता ने मोतियों से बना हार और झुमके पहने थे। उसके बालों को करीने से पीछे की ओर कंघी किया गया था और एक जूड़े से बाँधा गया था। उसकी अंगुलियों में चांदी की अंगूठियाँ और पैरों में पायलें थीं, जो कदम बढ़ाते ही बजती थीं। साधारण समय में मेरा लंड ऐसे सुंदर महिला को देख कड़ा हो जाता पर आज परिस्तितिया अलग थी ।

ऋषि ने उससे पूछा, "सुनीता, क्या तुम कृपया कुमार का वीर्य इकट्ठा करने के लिए बर्तन ला सकती हो।"

ऋषि के बोलते ही मैंने उसे घूरना बंद कर दिया। सुनीता एक अन्य झोपड़ी के अंदर चली गई और फिर

ऋषि मेरी ओर मुड़े। "कृपया क्या आप धोती से बाहर निकलेंगे?"

"लेकिन गुरूजी, मैं एकअपरिचित महिला के सामने ऐसे कैसे अर्धनग्न हो सकता हूँ?"

मुझे आश्रम में आश्रम कर्मी महिला सुनीता के सामने नग्न होने में कुछ संकोच हो रहा था।

" इसमें कुछ ग़लत नहीं है कुमार? वह जांच में आपकी मदद के लिए यहाँ है। जांच के लिए और उसकी मदद करने के लिए ये सुनिश्चित करना आवश्श्यक है कि कहीं आप में कोई कमी तो नहीं है इससे कोई संशय बाकी नहीं रहेगा और इसका एकमात्र तरीका उसे उसके कर्तव्यों को पूरा करने की अनुमति देना है और इसी के लिए आप अपनी धोती उतारना चाहते हैं।"

मेरे चेहरे पर अब भी दुविधा बनी हुई थी। यह देखकर ऋषि ने आगे कहा,

"उसे एक महिला के रूप में मत समझो, आप स्वयं भी एक चिकित्सिक हैं और आज कल आप जानते हैं की चिकित्सा से पहले इस तरह की तकनिकी जांच करवाना संभव है और तकनीक है तो उसका उपयोफ करना चाहिए । आप सुनीता को एक चिकित्सक के रूप में सोचो जो तुम्हें बच्चा पैदा करने में मदद कर रही है।"

मुझे अपनी गलती का एहसास हुआ और बात भी सही थी मैंने सिर हिलाया। जल्द ही सुनीता कांच का एक छोटा बर्तन लेकर अंदर आई।

"तो कुमार, हम आपके वीर्य को इस बर्तन में इकट्ठा करना चाहते हैं और फिर आपकी स्थिति का आकलन करने के लिए इसका विश्लेषण करना चाहते हैं, इसलिए... "

ऋषि ने कुछ नहीं कहा और मेरी धोती की ओर देखा। वह समझ गया कि ऋषि क्या चाहते हैं। सुनीता की ओर देखे बिना, मैंने अपनी धोती उतार दी।

मैंने अभी भी अपना सिर नीचे झुकाया हुआ था क्योंकि मुझे सुनीता और ऋषि दोनों को देखने में शर्म आ रही थी। ये मेरे मन में ऋषिवर के लिए सम्मान के कारण था, लेकिन सुनीता की नज़र सीधे मेरे लंड पर थी, जो नरम और सुप्त (सोया हुआ) था व आँखे फाड़े मेरे लंड को देख रही थी जो मेरी शर्म के कारण सोते हुए भी लगभग 5 इंच लम्बा लग रहा था।

"लगता है आप घबरा गये हो," सुनीता ने कहा।

मुझे और अधिक शर्मिंदगी महसूस हुई और फिर एक आश्वासन देने वाला हाथ मेरे कंधों पर पड़ा।

यह सुनीता थी। उसने उसकी ओर देखा और उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखा।

"कृपया मेरी उपस्थिति से घबराएँ नहीं, मैंने आपके जैसे अन्य पुरुषों के साथ ये जांच की है। उन सभी को वैसा ही महसूस हुआ जैसा आपको शुरू में हो रहा है" उसकी आवाज मधुर थी।

ऋषि ने कहा, " तुम जानती हो, सुनीता अब तुम्हे क्या करना है और कुमार तुम भी सब जानते हो आखिर तुम भी तो एक चिकित्स्क हो, तुमने भी इस विषय में कुछ अध्यन्न किया होगा। "

मैं: जी गुरूजी लेकिन मैं इसका विशेषज्ञ नहीं हूँ!

अब मैं गुरूजी और सुनीता को ये कैसे बताता की अपनी डॉक्टरी की पढ़ायी के दौरान मैंने इस विषय को पढ़ते और प्रैक्टिकल करते हुए क्या-क्या कारनामे किये थे, कैसी मस्ती की थी । आप इनके बारे में मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र नौवा अध्याय डॉक्टरी की पढ़ाई भाग 1 से भाग 45 में पढ़ सकते हैं ।

सुनीता थोड़ी चकित हो कर बोली "अच्छा तो डॉ दीपक आपने अपनी डॉक्टरी की पढ़ायी कहाँ से और कब की?"

मैंने कहा " लंदन " और अपने कॉलेज के बारे में बताया । अब मैं कुछ सहज हो गया था और अब अपने कॉलेज के समय को याद कर और सुनीता की सुंदरता देख मेरा लिंग जगने लगा था।

"और आपने?"

सुनीता ने अपने मेडिकल पढ़ाई के बारे में संक्षेप में बताया और फिर मुस्कुराते हुए मुझे देखा और मेरे सामने घुटने टेकने से पहले अपना सिर हिलाया। सुनीता की इस हरकत से मैं हैरान रह गया।

"चिंता मत करो, मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगी," सुनीता ने मेरी ओर देखते हुए कहा।

"हमारे पास आप जैसे बहुत सारे मरीज़ आते हैं जो घबराए हुए होते हैं और सुनीता जानती है कि उन्हें कैसे संभालना है। वह इस काम के लिए प्रशिक्षित है, तो आप रिलैक्स करे, सुनीता अपना काम करेगी," ऋषि ने उत्तर दिया।

जब मैं ऋषि को देख रहा था तो मैंने महसूस किया कि कोई हाथ मेरे लिंग को छू रहा है।

मैंने नीचे देखा और सुनीता को मेरे लिंग को अपने हाथों में पकड़े हुए देखकर मैं चौंक गया। उसकी नज़र मेरे लिंग पर थी और उसके हाथ मेरे लिंग को सहलाने में व्यस्त थे।

मुझे लगा कि मेरा लंड सख्त हो गया है क्योंकि सुनीता ने उसे कुशलता से सहलाया था।

"अब हम इतने शर्मीले नहीं हैं," ऋषि ने मुझे और फिर सुनीता की ओर देखते हुए कहा।

मैं अवाक था क्योंकि यह मेरी कल्पना से परे की बात थी। मैंने अपनी पढ़ाई, ट्रेनिंग और डॉक्टरी की प्रक्टिसे के दौरान कई मरीजों के स्पर्म टेस्ट करवाये थे लेकिन जहाँ तक मैं जानत था मरीज अपना स्पर्म घर से ले कर आते थे और उसे लैब में जमा कर देते थे फिर उनकी लैब में जांच की जाती थी ।

ऋषि: ठीक है, सुनीता, चलो परीक्षा शुरू करें, ठीक है?

सुनीता: ठीक है गुरूजी.

ऋषि: अच्छा, क्या वह पूरी तरह से खड़ा है?

सुनीता: (लंड के नीचे से सिरे तक देखती हुई) हाँ, वह तो है। वह मेरे मोटे लंड के लम्बे बड़े आकार से थोड़ा चकित लग रही थी ।

साधु: मुझे ऐसा लगता है कि उसकी लंबाई अच्छी है।

सुनीता लंड को ऊपर-नीचे रगड़ते हुए लंड का सिर हिलाती है।

ऋषि: क्या आप कुछ प्रीकम पाने के लिए उसके लंड को थोड़ा दबा सकते हैं?

सुनीता लंड के आधार को दबाती है और लंड के टोपे पर कुछ प्रीकम दिखाई देता है।

साधु: अच्छा, प्राकृतिक चिकनाई उसके लिए काम कर रही है। इसे चखें और नमक की मात्रा बताएँ।

मैंने बहुत पहले ही उन दोनों की बातचीत सुनना बंद कर दिया था। मैं बस अपने लंड पर सुनीता के मुलायम हाथों के अहसास का आनंद ले रहा था। अचानक मुझे अपने लंड के सुपारे पर और भी अधिक आनंददायक अनुभूति महसूस हुई। मैंने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि सुनीता मेरे लंड को मुँह से बाहर निकालने से पहले एक सेकंड के लिए उसे चूस रही थी। उसके नथ पूरे फैले हुए थे ।

सुनीता: इसका स्वाद नमकीन है, मुझे कुछ कमी महसूस नहीं हो रही है।

ऋषि: (थोड़ी देर सोचने के बाद) जारी रखो और देखो इसकी गेंदें कितनी भारी हैं। क्या वह हलकी है या भरी हुई लग रही है?

जारी रहेगी
 

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-276

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 60

मेरे पौरुष और वीर्य की जांच

सुनीता जांच के दैरान मेरे लंड को ऊपर-नीचे रगड़ते हुए लंड का सिर हिला रही थी। मैं अपने लंड पर सुनीता के मुलायम हाथों के अहसास का आनंद ले रहा था। सुनीता ने लंड के आधार को दबाया और लंड के टोपे पर कुछ प्रीकम दिखाई देता है। अचानक मुझे अपने लंड के सुपारे पर और भी अधिक आनंददायक अनुभूति महसूस हुई। मैंने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि सुनीता मेरे लंड को मुँह से बाहर निकालने से पहले एक सेकंड के लिए उसे चूस रही थी। उसके नथुने पूरे फैले हुए थे ।

सुनीता: इसका स्वाद नमकीन है।

ऋषि: (थोड़ी देर सोचने के बाद) जारी रखो और देखो इसकी गेंदें कितनी भारी हैं। क्या वह हलकी है या भरी हुई लग रही है?

सुनीता ने अपना सिर हिलाया और एक हाथ से लंड को सहलाना जारी रखा और दूसरे हाथ से मेरी गेंदों को महसूस करना शुरू कर दिया। जैसे ही सुनीता के हाथों ने मेरे अंडकोषों को सहलाया तो मुझे उनमें झुनझुनी महसूस हुई।

उसके हाथ मेरे शरीर के कुछ अंतरंग और अनछुए क्षेत्रों को छू रहे थे, यहाँ तक कि मेरी पत्नी ज्योत्सना या भाभी ने भी मेरी गेंदों के पीछे और गुदा के बीच में मुझे नहीं छुआ था। सुनीता ने अपने हाथ मेरी अंडकोषों के नीचे रखे और उन्हें थोड़ा ऊपर धकेल दिया जैसे वह उन्हें तौल रही हो।

फिर सुनीता ने अपने हाथ अंडकोषों से हटा लिए और मेरी ओर देखते हुए पूछा, "क्या तुमने पिछले तीन दिनों में सेक्स किया या हस्तमैथुन किया?" जब एक महिला ने मुझसे ऐसे अंतरंग प्रश्न पूछा तो मेरे शब्द खो गए, "हाँ," मैं बताने में कामयाब रहा। "मेरी कुछ दिन पहले ही शादी हुई है और मैंने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा कि एक नवविवाहित व्यक्ति को अपनी शादी के बाद करना चाहिए और जैसा गुरुजी ने सलाह दी थी," मैंने थोड़ा रुक कर कूटनीतिक जवाब दिया।

सुनीता ने ऋषि की ओर देखा, "वे भारी हैं लेकिन उनका वजन अपेक्षा से थोड़ा कम है।" मैं ऋषि की ओर ऐसे देखा की, न जाने ये क्या हो रहा है।

ऋषि ने बस अपना सिर हिलाया और कहने लगे, "जैसी परिस्तिथिया कुमार ने बतायी हैं उनमे ये सामान्य लगता है!" अब आप अंतिम चरण तक जारी रखें। फिर मेरी ओर देखते हुए, "आप जब स्खलन के करीब हो तो हमें बताएँ।"

मैंने अपना सिर हिलाया और फिर दोबारा बोलने का साहस जुटाया। मैंने पूछा, "अब हम क्या करने जा रहे हैं?"

ऋषि: हमें उस बल और वेग का भी विश्लेषण करने की आवश्यकता है जिसमें आपका वीर्य निकलता है। यह हमें बताएगा कि आप अपनी पत्नी के अंदर कितनी गहराई तक अपना वीर्य डालते हैं और सुनीता के पास अपने मुँह में वीर्य का पहला शॉट लेकर आपके वीर्य बल का विश्लेषण करने की असाधारण प्रतिभा है। "

दरअसल सुनीता काफी समय से ऋषि के अधीन प्रशिक्षण ले रही हैं। ऋषि ने जांच के दौरान अपनी कुटिया में आने वाले कुछ अन्य पुरुषों के साथ उससे कई बार अपना लंड चुसवाया था। सुनीता अब मुँह में लंड लेकर इतनी कुशल हो गई थी कि वह अपने प्रीकम और वीर्य को चख कर ही बता सकती थी कि कोई आदमी बिस्तर में कितना अच्छा हो सकता है।

मैं ऋषि की बात सुन हक्का-बक्का रह गया था क्योंकि ऋषि ने खुलेआम पत्नी के साथ अपने निजी पलों के बारे में बात की थी। मैंने नीचे देखा कि महिला मेरा लंड चूस रही थी और फिर मैंने उसके क्लीवेज पर ध्यान दिया। मैं इस सब से पहले इतना घबरा गया था कि पहले मैंने सुनीता को अच्छी तरह देखने के बारे में भी नहीं सोचा। लेकिन अब मैंने स्तनों के ग्लोब देखे जो उसके रेशम के ब्लाउज से चिपके हुए थे और उसके ब्लाउज में गहरा वी कट था, जो उसके स्तनों की दूधिया सफेद दरार को दिखा रहा था। उसके स्तन देखने के बाद मैं उत्तेजित हो गया था और मेरा लंड सख्त हो गया था।

लेकिन मैं चुप रहा क्योंकि मुझे पता था कि इस समय मैं मेरे लंड को सुनीता से चुसवाने का आनंद लेने के अलावा मैं कुछ भी नहीं कह या कर सकता था। इस बीच सुनीता मेरे लंड पर बहुत ही शानदार काम कर रही थी। उसकी जीभ मेरे लंड पर चारो और घूम रही थी और उसने मेरे लंड की अपने मुँह के अंदर और बाहर जाने की एक स्थिर गति विकसित कर ली थी, फिर उसने देखा कि मैं लंड को हिलाने और चूसने की उसकी लय के साथ अपने लंड को उसके मुँह के अंदर धकेल रहा था। मेरा लंड काफ़ी सख्त और मोटा हो गया था और मेरी अंडकोषों की त्वचा कड़ी हो गई,। ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपने पैरों पर से पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया हो क्योंकि वे जोर-जोर से हिलने लगे थे। मैंने सोचा कि शायद मैं उसे चोट पहुँचा रहा हूँ, क्योंकि प्रत्येक धक्के के बाद मेरे लंडमुंड हमेशा संवेदनशील हो जाता था और जिस तरह से वह अपने सिर को घुमा रही थी, उससे उसकी जीभ मेरे लंड के सिर के सामने और किनारे पर फिसल रही थी।

ऋषि ने शरारती मुस्कान के साथ सुनीता की ओर देखा, "सारा सब मत पी जाना, कुछ बर्तन में भी इकट्ठा कर लो।" वह समझ गई कि क्या करना है और उसने तुरंत अपना मुँह खोला और मेरा लंड चूसने लगी।

मैं उत्तेजना में कराह रहा था क्योंकि वह मुझे चूस रही थी, मैंने अपने जीवन में ऐसा आनंद कभी अनुभव नहीं किया था। मैंने अपनी शर्म खो दी और जोर-जोर से कराहने लगा। मेरे हाथ धीरे से सुनीता के कंधों पर रखे गये।

यह सब मेरे लिए बहुत ज्यादा था। उसने महसूस किया कि मेरे लंड की नसों में और अधिक खून बह रहा है और वीर्य मेरे अंडकोषों से बाहर निकल बह रहा है।

लेकिन मैं अभी भी उसके मुँह में धक्के मार रहा था, क्योंकि मुझे लगा कि इससे उसे बहुत अधिक चोट नहीं पहुँच सकती। मैंने महसूस किया कि मेरा लंड उसके मुँह में धड़कने और उछाल मारने लगा था, वास्तव में मैं फटने के कगार पर था।

"मैं करीब हूँ," मैंने कराहते हुए कहा क्योंकि अब मुझे सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। तभी अचानक सुनीता को मेरे लंड में तनाव महसूस हुआ और पिचकारी छूट गयी। फिर उसे अपने गले के पीछे गर्म वीर्य का पहला झटका महसूस हुआ।

मोटे, गुच्छेदार शुक्राणु के विशाल विस्फोट इतने वेग से आया कि पहली धार के प्रभाव से उबरने की कोशिश करते समय, दूसरी धार उसके गले के पिछले हिस्से में फंस गई, जिससे उसका दम घुटने लगा और उसके नाक से उल्टा निकलने लगा जिससे उसकी नाक से वीर्य निकलने के कारण उसे खांसी होने लगी।

मैं कामंते हुए झड़ रहा था और अपने बदन पर मैंने नियंत्रण खो दिया था जिससे मैं अपने पिचकारियाँ छोड़ते हुए लंड को उसके मुँह से बाहर निकालने के लिए कोई बड़ी हरकत नहीं कर सका।

इसी तरह, सुनीता ने मेरे वीर्य की हर तेज धार के विस्फोट को यथासंभव सहन किया, लेकिन यह अंतहीन लग रहा था। वह मेरे मोटे, भड़कते हुए लंड के चारों ओर मुंह सिकोड़ रही थी और थूक रही थी। मैं बस उसके मुँह में वीर्य डालता रहा।

कुछ वीर्य उसके गले से नीचे जाने लगा तो सुनीता को एहसास हुआ कि वह अब वीर्य निगलने वाली है। समस्या यह थी कि मेरा वीर्य इतना गाढ़ा था और उसकी मात्रा इतनी अधिक थी कि उसे पूरा निगलना उसके लिए लगभग असंभव था। आख़िरकार वह किसी तेह से अपना सिर इस तरह मोड़ने में सक्षम हो गई, जिससे तेज धारे मारता लंडमुंड उसके मुँह से बाहर निकल गया, फिर चार या पाँच और बड़ी धारे उसके चेहरे पर गिरी, पहली सीधे उसकी आँख में गयी और उसके छींटे गाल पर गए । मेरा धड़कता हुआ लंड उसे गाल थपथपा रहा था। फिर कुछ बूंदे उसके स्तनों पर गिरी और मैंने शुक्राणु के अवशेषों को पंप करना समाप्त कर दिया।

सुनीता ने मेरा लंड को चूसना जारी रखने की अपनी इच्छा को नियंत्रित किया और अपना मुँह पीछे कर लिया। उसने वीर्य इकट्ठा करने के लिए जल्दी से बर्तन उठाया और लंड से निकला वीर्य इकठ्ठा करना शुरू कर दिया। मैं परमानंद में था क्योंकि वीर्य एकत्रित करती हुई सुनीता मेरे लंड को सहला रही थी ताकि वह वीर्य का एक-एक अंश संजो सके।

ऋषि अपनी सहायक द्वारा प्रस्तुत किये गए शो का आनंद ले रहे थे। उनकी धोती के नीचे उनका लंड सख्त होइ गया था और वह मेरे यहाँ से निकलते ही सुनीता की चूत को तहस-नहस करन चाहते थे। मैंने अपनी आँखें खोलीं तो देखा कि सुनीता मेरे लंड से वीर्य की आखिरी बूँद चाट रही है।

वह खड़ी हुई और ऋषि की ओर मुड़ने से पहले उनकी ओर देखकर मुस्कुराई। मैं अपने वीर्य की एक छोटी बूंद उसके होंठों के किनारों पर चिपकी हुई देख सकता था। ऋषि ने बर्तन लिया और उसमें देखा।

"इतना गाढ़ा और इतना ज़्यादा," वह बुदबुदाया। "ठीक है, कुमार, हमें आपसे जो चाहिए था, वह हमारे पास है और अभी, इसकी जांच से पहले और किसी नतीजे पर पहुँचने से पहले मैं आपको कुछ नहीं बता सकता।" जिसे सुन मेरे चेहरे पर एक तनाव भरी मुस्कान थी।

ऋषि ने पहले सुनीता की ओर और फिर मेरी ओर देखते हुए कहते हैं, "कुमार चिंता मत करो, हम किसी को नहीं बताएंगे कि तुम्हारी ये परीक्षा कैसे हुई," और फिर वह हंस पड़े। सुनीता भी उसके साथ हसी में शामिल हो गई। जैसे ही मैं कुटिया से बाहर निकला, मेरे मन में केवल एक ही सवाल था, "इस टेस्ट के परिणाम क्या होंगे?"

मेरे जाने के बाद ऋषि ने बर्तन की ओर देखा और कहा, "तो, कुमार के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या अच्छी है।"

मीना: हाँ, उसके वीर्य का स्वाद भी अच्छा था और उसके वीर्य के पहले भार की ताकत काफी अधिक थी।

ऋषि: (मुस्कान के साथ) चलो शुक्राणु की जांच करें और पता लगाएँ कि क्या उसमें कुछ समस्याएँ हैं। लेकिन अभी, मुझे लगता है कि मैं यहाँ तुम्हारे रस की गंध महसूस कर सकता हूँ।

सुनीता बस अपने होंठ काटती है और ऋषि की ओर देखती है, "ओह, उस आदमी को चूसने के बाद मैं वास्तव में उत्तेजित हो गई हूँ। अब मैं कामुक उत्तेजना से तरस रही हूँ।"

"तुम बहुत कामुक हो!" ऋषि कहते हैं और उसे अपनी कुटिया में ले जाते हैं।

जारी रहेगी
 

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-277

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 61


प्रतीक्षा के पल

जैसे ही मं कुटिया में लौटा तो मेरे मन में यही सवाल था की जांच में मेरी और भबभी की रिपोर्ट कैसी आएगी? साथ ही टेस्ट के दौरान जो कुछ भी सुनीता ने मेरे साथ किया था उससे मैं उत्तेजित था ।

लेकिन मेरे मन और दिमाग में टेस्ट की बात ही घूम रही थी । फिर आज मझे बहुत दिनों के बाद अपनी उस दिव्य अंगूठी की याद आयी जो मुझे उस वृद्ध ने दी थी । और फिर इच्छा के देवता हैं-काम! और मैं उनकी देवी- "माया" ने अंगूठी के बारे में मुझे क्या बताया था ।(इस बारे में विस्तार से आप इसी कहानी के भाग 72 से 86 में पढ़ सकते हैं।)

" यह इच्छा की अंगूठी है। हमेशा याद रखना कि अंगूठी की शक्तियाँ लगभग असीमित हैं; आप जो चाहेंगे या चाह सकते हैं वह हासिल कर सकते हैं, यह अंगूठी अपने मालिक को अपने और दूसरों के भाग्य को नियंत्रित करने की शक्ति देता है, अंगूठी अपने मालिक को शारीरिक, मानसिक और सभी चीजों पर नियंत्रण रखने में सक्षम बनाएगी और जब तक आप इसे पहनते हैं आप युवा रहेंगे।"

दिव्य पुरुष (काम) ने बताया था कि " अंगूठी अपने मालिक के तौर पर आपको दुसरे के दिमाग़ और मन को पढ़ने, नियंत्रित करने और उनके कार्यो को नियंत्रित और निर्देशित काने की लगभग असीमित शक्ति क्षमता प्रदान करती है। आप अपनी या दूसरों के शरीर की किसी भी कार्यक्षमता को बदल सकते हैं, कम कर सकते हैं या उसे आगे बढ़ा सकते हैं। सभी इरादे, शक्तियाँ और उद्देश्य केवल आपकी अपनी सरलता और कल्पना से ही सीमित हो जाते हैं और आपके अधीन हो सकते हैं।

इस अंगूठी के मालिक होने के कारण अब आपका आपके शारीरिक यौन कौशल पर पूर्ण नियंत्रण है। आपकी यौन इच्छा इतनी बढ़ जाएगी की आप की यौनइच्छा सदैव अतृप्त ही रहेगी। आप जब तक चाहें आपके लिंग के स्तम्भन को बनाए रख सकते हैं और जितनी देर तक चाहे सम्भोग कर पाएंगे और स्खलन को रोक पाएंगे और स्खलन के बाद आपका लिंग पुनः स्तम्भन को तत्काल प्राप्त कर पायेगा। आप ये भी नियंत्रित कर सकेंगे कि आप कितना या कितना कम स्खलन करते हैं।

अंगूठी के माध्यम से आप की यौन शक्तिया बढ़ जाएंगी। आपके लिंग की लंबाई और मोटापन उस महिला जिसके साथ आप किसी भी समय होते हैं उसकी योनि की लंबाई और क्षमता के अनुसार परिवर्तनशील हो जायेगी र आप महिला को पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हैं।

अंगूठी के नश्वर मालिक के रूप में आपके पास ख़ुद को और दूसरों को ठीक करने की शक्ति है।"

मैंने अंगूठी मिलने के बाद अपने जीवन का पुनर्निरीक्षण किया तो पाया सब वैसा ही हो रहा था जैसा इच्छा के देवता ने मुझे बताया था । मेरी यौन शक्तिया बढ़ गयी थी और मेरा लिंग पहले से मजबूत मोटा और लम्बा हो गया था। बस मेरे वीर्य के बच्चे पैदा करने की क्षमता बेहतर हुई थी ये ऋषि द्वार किये गए अब इन टेस्टो के नतीजे से-से पता लग जाएगा । मुझे विश्वास था जिस प्रकार मेरी मानसिक शारीरिक और यौन शक्तिया बेहतर हुई थी, उसी तरह मेरे पौरुष और वीर्य की शक्ति में भी सुधार हुआ होगा । महागुरु ऋषि की कृपा से अब उस श्राप से, जिसके कारण मेरे परिवार को वंशज के लिए इन्तजार करना पड़ रहा था, उससे मुक्ति का समय आ गया था । मैंने मन ही मन इच्छा के देवता, उनकी देवी, महागुरु महर्षि अमर मुनि, उर्वरता के देवता भैरव और देवी कामाक्षी को प्रणाम कर उनसे प्राथना की । मन में अब ताई जी और मेरे माता पिता की अपने परिवार को आगे बढ़ाए की इच्छा की पूर्ती की कामना के प्रेरित हो मैंने अब अंगूठी की शक्तियों को आजमाने का फैसला किया । मैंने निर्णय लिया की अब मुझे अगर अंगूठी की मदद लेनी होगी तो मैं लूँगा ।

तभी वहाँ रोजी आयी और उसने मुझे एक पेय दिया मैंने पेय समाप्त किया तो मुझे अपने अंदर ऊर्जा का संचार महसूस हुआ और बोली-

"गुरूजी ने सन्देश भिजवाया है कि आप भोजन के बाद थोड़ा विश्राम करे फिर साय स्नानपूजा कर त्यार रहे । पास ही एक पवित्र स्थान है जिसे गोस्थल के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि यहाँ प्रजनन की क्षमता के देवता उन्मत्त भैरव, उर्वरता की देवी कामाक्षी; के साथ वास करते हैं। ये भी मान्यता है इसी क्षेत्र में कामदेव भस्म हुए थे। कामदेव अदृश्य रूप में और शक्तिवान हो जीवन को ऊर्जावान और मधुर बनाने के लिए प्रकृति के बदलते स्वरूप में खुद के मौजूद रहने का अहसास कराते रहते हैं। हम सब को वहाँ आज साय पूजा अर्चना के लिए जाना है ।"

हालाँकि कुछ के देर पहले ही सुनीता ने मुखमैथुन कर मेरा वीर्य एकत्रित किया था और अब मुझे एहसास हुआ कि मुझे फिर से सेक्स की ज़रूरत थी, ज्योत्सना बिस्तर पर आराम कर रही थी, मैंने उसके दिमाग में सेक्स की इच्छा को प्रभावित करते हुए, मैंने जल्दी से उसके उत्तेजना के स्तर को उठाया कुटिया में ज्योत्सना मेरे गले लग गयी ।


मैंने अपनी प्रिय ज्योत्सना के लंबे सुंदर बाल जो उसके नितम्बो तक थे उनके नीचे, उसकी मलाईदार कोमल कमर की गोरी त्वचा पर हाथ फिराया। उसके सुंदर भरे हुए स्तन दो खरबूजे के की तरह दृढ़ और गोल थे; उसके चौड़े कंधे उसकी छोटी कमर की तरफ नीचे की ओर झुके हुए थे; उसके छोटे पैर, नाजुक टखनों के साथ, ऊपर की ओर फैले हुए थे, उसकी जांघें चिकनी और भरी हुई और आनुपातिक थीं, हम एक दूसरे की बाहों में खो गए ।

फिर मैंने मेरा कुरता उतार डाला और धीरे से उसे चुंबन किया। फिर धोती निकाल दी और धीरे से उस कुटिया में लगे बिस्तर पर ज्योत्सना के साथ लेट गया और उसे चुंबन किया। उसका मुँह गर्म और गीला था, मेरी जीभ इधर-उधर भागी और उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया। वह ऐसे कामतुर हो कर मेरी चूस रही थी मानो उसे ऐसा अवसर दुबारा नहीं मिलने वाला है।

मैंने मेरे हाथों को तब तक नीचे खिसकाया, जब तक कि वे उसके स्तनों को ढँक नहीं रहे थे, मैंने उसके रेशमी ब्लाउस की सामग्री के माध्यम से यह महसूस किया कि उसके निपल्स सख्त हो गए थे। मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसकी ब्लॉउस को खोल कर उसके भारी स्तनों को मुक्त करते हुए हटा दिया, जिससे मुझे उसके निपल्स देखने की अनुमति मिली जो पिछली शाम से अभी ज्यादा गुलाबी लग रहे थे। मैंने निप्पलों और स्तनों को चूसना और चाटना शुरू कर दिया। उसकी साँसे भारी हो गयी और मेरा हाथ उसकी साडी के अंदर उसकी योनी पर पहुँच गया।

मैंने अपनी उँगलियाँ उसकी योनि के बाहरी होंठों और उसके भगशेफ के आर-पार घुमाईं। उसी समय वह बेतहाशा उत्तेजित हो गई । मैंने उसकी साडी निकाली, उसे नग्न किया और अपने लिंग के सिर को उसकी गीली सिलवटों के बीच रगड़ते हुए आगे घुसाया और अपने कठोर लिंग उसकी गीली योनि में डाला। वह चिलाये ना इसलिए उसका मुँह अपने ओंठो से बंद किया । दो धक्को के बाद मेरा लिंगमुंड ज्योत्सना के गर्भ के मुहाने पर था। जैसा कि मुझे उम्मीद थी कि मेरा लंड लम्बा और इरेक्शन मोटा हो गया क्योंकि इससे उसकी योनि पूरी तरह से भर गयी थी और-और लंड उसके अंदर और बाहर करने लगा। वह खुद को मेरे खिलाफ मेरे लंड के ऊपर धकेलती रही। फिर हम दोनों पर जुनून सवार हो गया धक्को की ताकत और गति बढ़ती गयी और उसके विचारों में पहुँचकर मैं उसे उसके चरमोत्कर्ष तक ले गया और मैं हर पल का आनंद ले रहा था।

मेरा चरमोत्कर्ष का क्षण निकट था; उसका भी जुनून चरम पर था क्योंकि वह बार-बार संभोग सुख की एक निरंतर धारा में झड़ रही थी। मैंने उसके ग्रहणशील गर्भ में अपने गाढ़े मलाईदार शुक्राणुओं और चिपचिपे तरल पदार्थ से भर दिया लेकिन इस वीर्य उतसर्जन के बाद भी मेरा लंड ढीला नहीं हुआ और वह पहले जितना ही कठोर था और मैंने कुछ देर तक धक्के मारना जारी रखा। फिर हमने थोड़ी देर विश्राम किया ।

कुछ देर बाद हम दोनों उठे जड़ी बूटियों वाले जल से स्नान कर तरोताज़ा हो त्यार हो गए और उसके बाद पूजा अर्चना की और दूध और दही फल फूल और अन्य पूजा सामग्री को अर्पण किया। वही दादा गुरुदेव् महर्षि अमर मुनि के आदेश अनुसार गाय को रोटी खिलाई और हवन में अग्नि को निर्देशित सामग्री अपर्ण की।

फिर हमने हल्का जल पान किया और हम कुटिया में अगले आदेश की प्रतीक्षा करने लगे । प्रतीक्षा के पल अंतहीन लग रहे थे ।


जारी रहेगी
 
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Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



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VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 62

वीर्य की क्षमता की जांच और आनंद के देवता

ऐश्वर्या भाभी और मैंने ऋषि द्वारा हम पर किए गए परीक्षण के बारे में एक-दूसरे से या ज्योत्सना से कोई बात नहीं की। लेकिन हमे इस प्रक्रिया के दौरान जो आनंद मिला वह अभी भी हमारे शरीर पर बना हुआ था।

मैं जब भी उन चीजों के बारे में सोचता था जो ऋषि की सहायिका सुनीता ने मेरे साथ की थी तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मैं उसके क्लीवेज का वह नजारा भूल नहीं सका जो मैंने तब देखा था जब सुनीता मेरे वीर्य का सेम्पल लेने के लिए मेरा लंड चूस रही थी।

ऐश्वर्या को यह सब एक सपने जैसा लग रहा था। जब भी वह अपनी आँखें बंद करती तो उसे मेरी जीभ अपनी चूत पर महसूस होती। इससे वह बार-बार गीली हो गई। वह चाहती थी कि उसका पति यानी मेरे भाई महाराज भी उसे उसी तरह छुए और चाटे। लेकिन वह ये कहने से हमेशा बहुत डरती और शरमाती थी।

तीन घंटे बीत गए जब मैं अपने यौन सम्बंधों के बारे में सपने देखते रहे। पूर्णिमा की संध्या हो गयी और ऋषि मेरे से मिलने आये उन्होंने बताया की वीर्य की नियमित जांच हो गयी है जिसमे वीर्य विश्लेषण शुक्राणु उत्पादन, शुक्राणु गतिशीलता और व्यवहार्यता, पुरुष जननांग पथ की सहनशीलता, सहायक अंगों के स्राव, साथ ही स्खलन और उत्सर्जन से सम्बंधित जांच की जाती है।

वीर्य की क्षमता का परीक्षण करने के लिए और वीर्य की क्षमता का विश्लेषण करने के लिए कई अलग-अलग कारकों का परीक्षण करना शामिल है, जिनमें शामिल हैं:

मात्रा: एक स्खलन में कितना वीर्य मौजूद है।
शुक्राणु गणना: एक स्खलन में प्रति मिलीलीटर वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या।
आकृति विज्ञान: शुक्राणु का प्रतिशत जो सामान्य आकार का होता है।
वीर्य की चिपचिपाहट वीर्य के प्रवाह के प्रतिरोध को मापती है। उच्च चिपचिपाहट शुक्राणु की गतिशीलता, एकाग्रता और शुक्राणु के एंटीबॉडी कोटिंग के निर्धारण में हस्तक्षेप कर सकती है।

आम तौर पर, स्खलन पर वीर्य जम जाता है और आमतौर पर 15-20 मिनट के भीतर द्रवीभूत हो जाता है।वीर्य की गतिशीलता गर्भाशय ग्रीवा बलगम के माध्यम से शुक्राणु का कुशल मार्ग तेजी से प्रगतिशील गतिशीलता पर निर्भर है। इनमे से कुछ जांच के नतीजे आने में समय लगेगा तब तक हम आगे की कार्यवाही जारी रख सकते हैं ।

फिर हमने महागुरु अमर मुनि जी के दर्शन किये और उनका आशीर्वाद लिया, गुरुदेव ने पास ही स्थित मंदिर में दर्शन के बाद पास ही दूसरी कुटिया में जाने के लिए आदेश दिया।

फिर हम मंदिर में दर्शन के बाद ऋषि हमे पास ही निर्जन जंगल में ले गये। जब तक अंधेरे आकाश में चांदनी छा गयी और हम जंगल में एक कुटिया में ऋषि के साथ थे।

ऋषि ने कहा आज आप जिस मंदिर में गए थे वह अनुरागी मन को मथने वाले आनन्द के देवता कामदेव का मंदिर है। वे तन को सक्रिय रखकर, मन को निरन्तर मथते रहते हैं। कामदेव सम्पूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति का मूल हैं। कामदेव प्रकृति में हर क्षण उर्जा रूप में विद्यमान रहते हेैं। वे किसी एक विशेष अ्र्रंग में न रह कर जीवन को कमनीय, मधुपूरित एवं उर्जावान बनाने के लिए सुवासित बासंती वायु में, चिड़ियों के चहकने में, पुष्पों के रूप, रस, गंध में तथा प्रकृति के क्षण-क्षण बदलते कलेवर में निरन्तर अपनी उपस्थिति बनाये रखते हैं।

बागेश्वर जनपद की कत्यूरघाटी में बैजनाथ में कामदेव की एक दुर्लभ एवं मनभावन प्रतिमा प्राप्त हुई है। इस प्रतिमा में कामदेव कमलासन पर ललितासन मुद्रा में आरूढ़ है। उनके दोनों पाश्र्वाें में उनकी पत्नियाँ प्रीति एवं रति है। कामदेव के उपरी दायें हाथ में मकरध्वजदंड और नीचे के बायें हाथ में धनुष है। प्रतिमा के मस्तक पर रत्न जटित किरीट मुकुट, गले में अलंकृत कंठा, अधोभाग में अलंकृत चैड़ी मेखला, हाथ में बाजूबंध तथा कंगन और पैर भी आभूषणों से सज्जित है। तन कर बैठे देव सुन्दर शरीर सौष्ठव सहित दर्शाये गये हैं जो योद्धाओं सरीखी सुगठित देहयष्टि-पतली कमर, चोैडा़ वक्ष, लम्बकर्ण, मकर कुंडलधारी, दायीं ओर कमर से नीचे बाण पकडे़ तथा धनुष को दृढ़ता से धारण किये कदली वृक्ष के पत्तों के बनेे छत्र सहित सुशोभित है। कामदेव की प्रतिमा के आकार को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह प्रतिमा किसी मंदिर की मुख्य प्रतिमा रही होगी। सम्भावना है कि यह प्रतिमा किसी पुराने बड़े मंदिर की मुख्य प्रतिमा और उस समय क्षेत्र में कामदेव का एक स्वतंत्र मुख्य मंदिर भी रहा होगा।

इस क्षेत्र में कामदेव का अन्य कोई स्वतंत्र मंदिर नहीं मिला है। प्रतिमा भी अकेली ही प्रतीत होती है। इसलिए भी इस प्रतिमा का महत्त्व बहुत बढ़ जाता है।

उन्मत्त भैरव, प्रजनन क्षमता से जुड़े हैं। हिंदू उन्मत्त भैरव को प्रजनन क्षमता के देवता के रूप में मानते हैं। उन्हें कुछ चित्रों में नग्न रूप में, अपने उभरे हुए अंग को प्रदर्शित करते हुए दर्शाया गया है। कामदेव की सहायता से ही तुम्हे प्रजनन क्षमता के देवताओं को खुश करना है ।

हम चारो (मैं, ज्योत्सना, ऐश्वर्या भाभी और जूही भाभी) ऋषि के सामने पालथी मारकर बैठे थे, जिनके चेहरे पर एक शांत मुस्कान थी और उनके बोलने का इंतजार कर रहे थे। "अंततः पूनम की रात हो गई है। अब समय आ गया है कि प्रजनन क्षमता के देवता आप से प्रसन्न हो और अपना श्राप वापस लें, और आपको बच्चे का वरदान दें," ऋषि ने कहा। हमने ने मुस्कुराते हुए सिर झुकाया और राहत महसूस की।

"गुरुदेव हमे पूजा के लिए क्या करना हैं?"-ऐश्वर्या ने पूछा।

ऋषि ने एक सहायक पूर्ण को पुकारा और वह एक मिनट के भीतर कमरे में था। पूर्ण ने झुककर सभी लोगों का अभिवादन किया। ऋषि ने आगे कहा, "पूर्ण, रानियों को अपने साथ पूजा की झोपड़ी में ले जाओ जबकि मैं कुमार को दूसरी झोपड़ी में ले जाऊंगा।"

"गुरूजी! क्या हम एक साथ पूजा नहीं कर रहे हैं?" मैंने ने पूछा।

"नहीं, अभी नहीं! मैं तुम्हें बताता हूँ क्यों," ऋषि ने आगे कहा। "यह पूजा आनंद के देवता और देवी को प्रसन्न करने के लिए है। हम इंसान दो शक्तिशाली प्राणियों की उपस्थिति में नहीं रह पाएंगे, इसलिए हम अलग-अलग झोपड़ियों में पूजा करते हैं। हम आनंद के देवता को एक झोपड़ी में बुलाएंगे जहाँ पूजा करने के लिए रानी ऐश्वर्या उपस्थित रहेंगी। इसी तरह, कुमार हम दूसरी कुटिया में आनंद की देवी का आह्वान करेंगे, जहाँ आप मौजूद रहेंगे, ," ऋषि ने मेरी ओर इशारा करते हुए कहा।

जारी रहेगी
 
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