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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-287

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 71

देवीयो- देवताओ को प्रसन्न करने का प्रयास ।

ऋषि कीचड़ भरे रास्ते से होते हुए झोपडी के दूसरे छोर तक गए, जहाँ पूरन ने अनुष्ठान के लिए ऐश्वर्या को तैयार किया था।

इधर मैंने मेरे लंड को सुनीता की चूत पर रगड़ना जारी रखा। मैंने उसके शरीर को अपने शरीर से जोर से दबा दिया और कसकर गले लगा लिया। अपने आप उस पर मेरा आलिंगन भी सख्त हो गया जिसके परिणामस्वरूप मेरा लंड उस पर दबाव डालने लगा। मैंने अपना चेहरा उसकी गर्दन पर और रेशमी बालों में ब्रश करना शुरू कर दिया। मेरी नाक और होंठ उसके कंधे को सहला रहे थे और, उसकी बाहें मेरे शरीर की परिधि पर सख्त हो गई। उसके स्तन अब उमेरे शरीर पर कसकर दब गए और निश्चित रूप से उसे अब मेरे आलिंगन की "गर्मी" महसूस हो रही थी, मेरा बायाँ हाथ अब उसकी गांड पर फिसल गया और मांसल गांड पर घूम गया। मैंने कुछ देर उसकी नग्न पीठ और गोल नितंबों का सहला कर और दबा कर भरपूर आनंद लेना जारी रखा।

मैंने अपनी बाहें उसकी कमर के चारों ओर रखीं और उसे तब तक खींचा जब तक कि हमारे शरीर पूरी तरह से छू नहीं गए। सुनीता ने स्वाभाविक रूप से भारी सांस लेना शुरू कर दिया था और मैं अब अपने चेहरे को उसके कंधे और गर्दन पर जोर से रगड़ रहा था। साथ ही मैं सुनीता अब से मेरे कठोर लंड को अपनी योनि के ऊपर महसूस कर रही थी! फिर मैंने अपनी बायीं हथेली उसके स्तनों पर रखी और उन्हें दबाया।

इस बीच, मैंने अपना दाहिना हाथ उसकी टांगों के बीच से नीचे सरकाया और ठीक उसकी चूत के ऊपर रख दिया। मैंने एक ही समय में उसके स्तन और उसकी भगनासा की मालिश करना शुरू कर दी।

मेरी इस क्रिया से सुनीता हतप्रभ रह गई। लेकिन वह अपने पूरे शरीर में महसूस हुई जबरदस्त अनुभूति से अवाक रह गई। उसके निपल्स भींचे जा रहे थे, उसकी चूत बुरी तरह रगड़ी जा रही थी। वह मेरे सख्त लंड से अभिभूत थी। मैंने उसे घुमा दिया और उसका कंधा पकड़ लिया। मेरे लंड को उसकी गांड की दरार के बीच जगह मिल गयी। आज बिना किसी सुझाव के मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये। सुनीता अपनी पीठ झुकाए बिना नहीं रह सकी और जैसे ही उसने ऐसा किया, मेरा लंड जोर से उसकी गांड छू उसकी योनि पर रगड़ने लगा।

कुछ देर पहले मैं उसके कूल्हों को पकड़कर उसे हिला रहा था और फिर उसके स्तन पकड़े। अब मुझे उसकी कमर पकड़ने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि वह उत्सुकता से अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ रही थी।

साथ वाली झोपडी में ऋषि और पूरन ने अग्निकुंड के चारों ओर सजावट की व्यवस्था के बारे में बात की र तब उन्हने रानी ऐश्वर्या की आवाज सुनी। "प्रणाम गुरूजी।" दोनों उसकी आवाज़ की ओर मुड़े और सामने के दृश्य से मंत्रमुग्ध हो गए।

उनके सामने रानी ऐश्वर्या अपने कामुक शरीर से पानी की बूंदें टपकाते हुए नग्न खड़ी थीं। उन लोगों को अपने सामने जो दृश्य था उसे पचाने में उन्हें कुछ समय लगा। उसका स्तन दो अनारो जैसे लग रहे थे। रानी के केशी से गिर रही पानी की बूंदें रानी के निपल्स के आस पास तब तक जमा होती रहीं जब तक कि गुरुत्वाकर्षण ने उन्हें नीचे नहीं खींच लिया।

पूर्ण रानी की पूरी गीली महिमा में उसकी चुलबुली गांड को देखना चाहता था। ऋषि ने पूरन को अग्निकुंड तैयार करने के लिए कहा, जिससे पूर्ण रानी के नितम्बी को ओर चला गया। ऋषि ने उसके पास आते हुए कहा, "प्रणाम रानी ऐश्वर्या जी, आज रात आप बहुत सुंदर लग रही हो।" रानी ऐश्वर्या शरमा गईं और शर्म से अपना सिर नीचे कर लिया।

ऋषि ने कहा, "आप अब मुझे आपको सुखाने में मदद करने दो," ऋषि ने पास ही रखे दो तौलिये उठा लिए।

"आप यहाँ, अपने बाल सुखाओ," उन्होंने कहा और राबी ऐश्वर्या को एक तौलिया दिया। जब रानी ऐश्वर्या अपने बाल सुखा रही थी, ऋषि भी रानी के पीछे गए और उसकी गीली गांड का नजारा लिया।

पानी की बूंदों ने उसकी सुडौल गांड को ढक लिया था । ऋषि ने रानी की चिकनी त्वचा पर रीढ़ की हड्डी से होते हुए उसकी गांड की दरार तक पानी की बूंदों की एक छोटी-सी धारा बहती हुआ देखी । उनका मन बहका की वह अपने मुँह का उपयोग उसकी गांड की दरार से उन पानी की बूंदों को इकट्ठा करने के लिए करे।

"मैं आपके शरीर को सुखाने में आपकी मदद करूंगा," ऋषि ने कहा और उस अवसर का उपयोग रानी ऐश्वर्या की नंगी पीठ को छूने के लिए किया। वह बस भौंहें सिकोड़कर बोली, "हम्म।"

रानी ऐश्वर्या को लगा कि ऋषि उसकी पीठ को तौलिये से सुखा रहे हैं। वह महसूस कर सकती थी कि ऋषि के हाथ उसकी पीठ पर ऊपर-नीचे रगड़ रहे थे क्योंकि तौलिया वास्तव में एक पतला कपड़ा था। रानी को अपने पूरे शरीर में गर्माहट महसूस हुई। ऋषि ने कुशलतापूर्वक अपने हाथों का उपयोग करके उसके कंधों, पीठ और पीठ के निचले हिस्से के सभी आनंद बिंदुओं को छुआ।

रानी का संकोच धीरे-धीरे दूर हो रहा था क्योंकि उसे महसूस हुआ कि उसके शरीर से जहाँ ऋषि ने उसे छुआ था, खुशी की एक छोटी-सी किरण निकल रही थी। यह महसूस करते हुए कि रानी ऐश्वर्या कितनी आराम से अपना शरीर को इस तरह सुखाये जाने का आंनद ले रही थी और प्रतिरोध का कोई संकेत नहीं था, शायद रानी थी इसीलिए उसने सेविकाओं द्वारा इस तरह से उनके शरीर को सुखाये जाने की आदत थी ।

ऋषि ने अपने हाथों को और नीचे ले जाया और उसे सुखाने के बहाने उसके बुलबुले नितम्ब को पकड़ लिया।

इधर सुनीता की कमर, उसका बदन अब उतना कठोर नहीं था जितनी तब था जब ऋषि वहाँ थे, जिसने मुझे और भी अधिक उत्तेजित कर दिया। आनंद की देवी मुझे अपनी इच्छानुसार उसका उपयोग करने दे रही थी। मुझे लगा मैं एक कल्पना में जी रहा था, जो मेरे लिए, मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा बरदान देने बात साबित होने वाली है। लेकिन मुझे फिर से ऋषि की उसे चिढ़ाने, खुश करने की सलाह याद आ गई ताकि वह मेरी इच्छाएँ पूरी कर दे। मैंने उसके स्तन दबाते हुए कुछ जोरदार धक्के लगाए और वह मेरे धक्के लगने पर कराह रही थी। मुझे लगा वह बस अपनी बगल में मेरे शरीर के होने के एहसास को संजोना चाहती थी।

सुनीता: कुमार, अगर मुझे आपसे कम खुशी मिलती है तो मैं इसे जारी नहीं रखना चाहती।

यह सुनकर मैं घबरा गया। मैं उस स्वर्गीय आन्नद देने वाली से अलग नहीं होना चाहता था। सुनीता भी अलग नहीं होना चाहती थी और उसने मुझे अपनी तरफ खींचा तो इसका मतलब साफ़ था वह अब और अधिक चाहती थी ।

यह देखकर कि आनंद की देवी सुनीता अब और अधिक के लिए उत्सुक है, मैंने अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया और अपना हाथ उसके पैरों के अंदर सरका दिया। जैसे ही मेरी उंगलियाँ उसके भगनासा तक पहुँचीं, वह छटपटा उठी, लेकिन वह रुकने के मूड में नहीं थी। उसकी ओर से कोई विरोध न देखकर मैंने उसकी योनि की मालिश शुरु कर दी।

मैंने एक लय में उसकी मालिश की और धीरे-धीरे गति पकड़ ली। ये तो साफ़ था सुनीता ज्यादा अनुभवी नहीं थी क्योंकि हल्की रगड़ से उसका पूरा शरीर गीला हो गया था और जैसे-जैसे मैंने उसकी गति बढ़ायी, वह चरमोत्कर्ष के करीब पहुँच गयी। मैंने महसूस किया कि उसके शरीर के अंदर से गर्मी बढ़ रही है, क्योंकि वह अब तेजी से कराह रही थी, अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह!

खुशी की लहरों का एहसास उस पर जोर से आ रहा है और वह एक पल के लिए समय का ध्यान खो बैठी। उसका ध्यान वर्तमान में लौट आया जब उसने महसूस किया कि मेरी उंगलियाँ उसकी योनि में घुसने की कोशिश कर रही हैं।

अगले कुछ मिनटों में मैं धीरे-धीरे और आगे बढ़ता गया। मैंने उसे झुकाया और पीछे से उसकी चूत को चाटा और खाया और जब वह अपने चरमोत्कर्ष के बाद मदहोशी की स्थिति में थी, तो मैंने अपने लंड को उसके नग्न शरीर से लगाया और उसके शांत होने से पहले उसके निपल्स को चूसा।

उसके स्तनों को चूसने में मुझे सबसे ज्यादा मजा आया। जब वह अपने चरमोत्कर्ष के करीब होती थी तो उसके निपल्स सख्त हो जाते थे। मैंने अपना लंड उसकी गांड पर और उसकी चूत पर रगड़ा।

मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि सुनीता अपनी सबसे कमज़ोर स्थिति में तब होती है जब वह चरमसुख की चाहत कर रही होती है। लेकिन एक बार जब वह सह जाती है तो वह उतनी बातचीत करने को तैयार नहीं होती है।

मैंने उसके नितंबों को फैलाया और अपने लंड को आगे-पीछे रगड़ा, लेकिन अपने लंड को उसके अंदर नहीं सरकाया। हर बार अपने लिंग को उसकी योनि के इतने करीब रखने के बाद भी मैंने उसे नहीं चोदा, इससे वह पागल हो गई। यह छेड़खानी कुछ समय तक चलती रही जब तक कि वह इसके लिए विनती करने नहीं लगी।


जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-288

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 72

सबसे कमज़ोर स्थिति में प्रसन्न करने का प्रयास

मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि सुनीता अपनी सबसे कमज़ोर स्थिति में तब होती है जब वह चरमसुख की चाहत कर रही होती है। लेकिन एक बार जब वह सह जाती है तो वह उतनी बातचीत करने को तैयार नहीं होती है।

मैंने उसके नितंबों को फैलाया और अपने लंड को आगे-पीछे रगड़ा, लेकिन अपने लंड को उसके अंदर नहीं सरकाया। हर बार अपने लिंग को उसकी योनि के इतने करीब रखने के बाद भी मैंने उसे नहीं चोदा, इससे वह पागल हो गई। यह छेड़खानी कुछ समय तक चलती रही जब तक कि वह इसके लिए विनती करने नहीं लगी।

"प्लीज मुझे चोदो!"

वह अब लंड मांग रही थी। फिर मैंने उसके पेट के नीचे एक तकिया लगाने का फैसला किया, जिससे उसकी गांड बाहर निकल गयी।

मैं उसी पोजीशन में रहते हुए उसकी गांड की मालिश कर रहा था। मैंने गांड को फैला दिया । मेरी हथेली से उसके नितम्बो के गालों को मसला और फिर अपने अंगूठे से उसके नितंब को रगड़ा और अंगूठा गांड के छिद्र तक ले गया। सुनीता सहम गई क्योंकि यह उसके लिए एक नया अनुभव था।

यह देखकर कि वह विरोध नहीं कर रही है, मैंने जल्द ही रगड़ को प्रहार में बदल दिया। मैंने अपने अंगूठे पर थूका और उसकी गांड के छेद को चिकना किया। फिर उसने मेरे अंगूठे की नोक को यथासंभव धीरे से सरकाने की कोशिश की। सुनीता ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैंने सोचा, 'उसे थोड़ी-सी भी घुसपैठ महसूस नहीं हुई होगी।'

मैंने अपना अंगूठा बाहर निकाला और फिर से उसके छेद को रगड़ा। सुनीता ने मेरे अंगूठे की अनुभूति का आनंद लिया। उसने अपनी गांड हिलाई अपने नितम्ब कसे और मेरे अंगूठे को अपनी गांड के गालों के बीच दबाने की कोशिश की।

इस बार, मैंने अंगूठे को और अंदर धकेल दिया। इससे वह आश्चर्यचकित रह गई और वह मेरी पकड़ से छूट गई। वह पलटी और मुझे आश्चर्य से देखने लगी।

सुनीता: क्या कर रहे हो सर? यह क्षेत्र कुंवारा है।

मैं: सुनीता जी, मैं तो सिर्फ आपको खुश करने की कोशिश कर रहा था। आपको नितम्बो के साथ फोरप्ले करने में कोई बुराई नहीं है।

सुनीता: नहीं, कुमार, यह मेरे लिए बहुत दर्दनाक होगा। मैंने किसी को भी अपनी गांड में हाथ या ऊँगली डालने की इजाज़त नहीं दी है?

मैं: मेरा विश्वास करो, सुन्नीता जी, कभी न कभी तो पहली बार होगा तो आज ही कोशिश कर के देखिये, मैं आपको आश्वासन दे सकता हूँ कि यह दर्द रहित होगा और आप इसका आनंद लेंगी। सुनीता आधी आश्वस्त लग रही थी। लेकिन मैंने तुरंत उसे पलट दिया। मैं जानता था कि एक बार जब उसने अपने शरीर के इस हिस्से का आनंद लेना शुरू कर दिया, तो वह पीछे नहीं हटेगी। उसकी अनुमति की प्रतीक्षा किए बिना, मैंने उसके नितंबों को फैलाया और उसमें अपना चेहरा डाल दिया।

मैंने बारी-बारी से उसकी चूत और गांड के छेद को चाटा। यह दोहरा प्रहार सुनीता के लिए बर्दाश्त से बाहर हो रहा था और वह छटपटाने लगी। सुनीता को मदहोशी में देख कर मैंने उसकी चूत चाटते हुए एक उंगली उसकी गांड में घुसा दी।

सुनीता ने हाँफते हुए कहा। यह पहली बार था जब सुनीता अपनी गांड में कुछ डलवा रही थी। वह इस अहसास से अभिभूत थी। उसने अपने नाखून गद्दे में गड़ा दिए। मैंने अब उसकी गांड को उंगली से चोदना शुरू कर दिया। मैं साथ में सुनीता की योनि को भी सहला रहा था और उसे उत्तेजना के शिखर की तरफ ले जा रहा था।

मैं चाहता था कि वह अपनी गांड में मेरी उंगलियों के लिए तरसे। मेरे दुसरे हाथ से सहलाये जाने पर जल्द ही सुनीता की योनि ने फुहार अनुभव किया। उसने पीछे मुड़कर देखा, मुझे देखकर शर्मिंदा हुई मुझे भी सारे काम से पसीना आ रहा था। मुझे पता था कि मैंने जैकपॉट हासिल कर लिया है। अब वह भीख मांगने आएगी।

इसके बाद मैंने चुपचाप अपनी उंगलियों को अपने लंड से बदल दिया। मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद के द्वार पर रखा और एक धक्का दे दिया। सुनीता की गांड अब तक प्रशिक्षित हो चुकी थी और उसने खुशी-खुशी मेरे लंडमुंड को निगल लिया।

मुझे अपनी किस्मत पर बिल्कुल विश्वास नहीं हो रहा था। मेरा लंड आखिरकार कामयाब हो गया था और लंड ने सुनीता की गांड के अंदरुनी हिस्से को महसूस किया। उसकी गांड बिकुल टाइट थी । इतनी की मेरा लंड पूरा धक्का देने में दर्द कर रहा था, तो मुझे पता था कि सुनीता को मेरा बड़ा मोटा लंड लेने में कितना दर्द हो रहा होगा इसलिए मुझे सावधान रहना था कि सुनीता पलट ना जाए और अगर वह ऐसा करने ले तो मुझे उसे रोकने के लिए सावधान रहना था ।

इसलिए मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन पर रखा। और उसकी गांड की अपने बदन से दबाया और अब मैंने धीरे से अपना लंड उसके अन्दर डाला। मैंने कुछ समय उस स्थिति में इंतजार किया और उस पल का आनंद लिया। उसको आनंद देने की फिराक में, मेरा लंड उसकी गांड में समा गया। यह एकदम डकैती जैसा था । मैंने धीरे से लंड अंदर सरकाना जारी रखा जिससे धीरे-धीरे पूरा लंड गांड के अंदर समा गया ।

जैसे ही मैंने लंड बाहर निकालना शुरू किया, उसकी गर्दन पर मेरी पकड़ मजबूत हो गई, लेकिन मेरा लंड उस स्वर्ग को, जिसे उसने अभी-अभी अनुभव किया था, इतने जल्दी छोड़ना नहीं चाहता था। इसलिए मैं उसके अंदर रुका रहा और छोटे लेकिन जोरदार धक्के लगाने लगा।

सुनीता: कुमार, आप अपनी उंगलियों से जो कर रहे हैं वह मुझे बहुत पसंद है। आपने इसे पहले क्यों नहीं आज़माया?

मैं (हांफते हुए) : अच्छा, मैंने तुमसे कहा था कि तुम्हें यह बहुत पसंद आएगा।

ये कहते हुए मैंने अपना लंड अंदर धकेल दिया और आखिरी कुछ धक्के लगाए। फिर जब बाहर निकाला तो वह रोने लगी: बाहर क्यों निकाला? इसे फिर से डालो। इसे करते हैं। कृपया फिर से करो!

मैंने उसकी कमर पकड़ कर उसे घुमा दिया। उसकी चूत के ऊपर लंड रखा, फिर मैं आगे की ओर झुका और उसके होंठों को काटने लगा। मुझे इतना जोश में देख कर सुनीता ने मुझे चूमना शुरू कर दिया।

उसने फिर विनती की: प्लीज़! इसे फिर से डालो। कृपया इसे करते हैं। कृपया मुझे चोदो! कृपया मत रोको! मैं इसका भरपूर आनंद ले रहा था! कृपया इसे करें!

मैंने उसे चूमना छोड़ कर, लिंग उसकी योनि को सपर्श कर, पीछे हो गया ।

चोदिये मुझे ऐसे मत तड़पाइए ... आइये ... कुमार। अपनी इस प्रेयसी को अपनी बाहों में भर लीजिए, मेरे साथ सम्भोग कीजिये। मैं कब से आपकी प्रतीक्षा कर रही हूँ! " उसने अपनी बाहें मेरी ओर बढ़ा दी।

उसने मुझे आलिंगन किया तो मैंने उसके पेट, उसकी योनि के ओंठो और भगनासा पर अपना लंड स्पर्श किया, फिर एक बार रगड़ा और फिर पीछे हो गया। "

"कुमार व्यर्थ समय मत गंवाओ! मैं जन्म-जन्मान्तर की तुम्हारे प्रेम की प्यासी हूँ। मुझे अपनी बाहों में भर लो मेरे राजा! मैं तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हूँ ... आओ मेरे ... देव ...!" उसकी आँखों में तो जैसे काम का ज्वार आया था। उसकी साँसें तेज हो रही थी और उसके ओंठ काँप रहे थे।

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-289

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 73


देवीयो देवताओ को प्रसन्न करने का प्रयास

सुनीता चिल्लाई-चोदिये मुझे ऐसे मत तड़पाइए ... आइये ... कुमार। अपनी इस प्रेयसी को अपनी बाहों में भर लीजिए, मेरे साथ सम्भोग कीजिये। मैं कब से आपकी प्रतीक्षा कर रही हूँ! " सुनीता ने अपनी बाहें मेरी ओर बढ़ा दी।

सुनीता ने मुझे आलिंगन किया तो मैंने उसके पेट, उसकी योनि के ओंठो और भगनासा पर अपना लंड स्पर्श किया एक बार रगड़ा और फिर पीछे हो गया। "

"कुमार व्यर्थ समय मत गंवाओ! मैं जन्म-जन्मान्तर की तुम्हारे प्रेम की प्यासी हूँ। मुझे अपनी बाहों में भर लो मेरे राजा! मैं तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हूँ ... आओ मेरे ... देव ...!" सुनीता की आँखों में तो जैसे काम का ज्वार ही आया था। उसकी साँसें तेज हो रही थी और उसके ओंठ काँप रहे थे।

सुनीता अब तेजी से कराह रही थी, अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह! करो प्लीज करो!

सुनीता चिल्लाई, "ओह्ह्ह, धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ, ।करो ना ...।चोदो मुझे ...कमीने तुम तो शुरू से मुझे चोदना चाहते थे ...अब रुक क्यूँ गये...।ओइईईईई.।आह......ओइइ...माअ... !"

सुनीता आगे को लपकी और मेरे गले में अपनी बाहें डाल कर लिपट गई। मैं तो उसके स्पर्श मात्र से ही रोमांचित और उत्तेजित हो गया। जब उसने अपने गर्म ओंठो को मेरे कांपते हुए होंठों पर रखा तो मुझे भी उसे अपनी बाहों में भर लेने के अतिरिक्त कुछ सूझा ही नहीं। मैं मानो किसी जादू से बंधा उसे अपने बाहुपाश में जकड़े खड़ा ही रह गया। आह... उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे रसीले और कोमल होंठ तो ऐसे लग रहे थे कि अगर अब मैंने इन्हें जरा भी चूमा तो इन से रक्त ही निकलने लगेगा। उसके कठोर स्तन मेरी छाती से लग कर किसी भाले की नोक की तरह मेरे सीने से चुभ रहे थे। जैसे ही सुनीता की चुचियाँ मेरे शरीर से टकराईं, मेरे शरीर से खुशी की चिंगारियाँ निकलने लगीं और मैं उसके साथ लिपट गया ।

उसके बाद मैंने मेरे लंड को सुनीता की चूत पर लगाया । "सुनीता क्या तुम्हे अच्छा लग रहा है?" मैंने पूछा।

वो बस धीरे से मुस्कुरायी और मुझे अपने पास खींचा ... वह अब और अधिक चाहती थी।

उधर साथ वाली झोपडी में ऋषि ने रानी ऐश्वर्या की बड़ी, गोल और भरी हुई गांड को अपने हाथों पर महसूस किया। रानी ऐश्वर्या ने संतुष्टि की सांस ली।

ऋषि ने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा, "तुम्हारा शरीर अद्भुत है रानी ऐश्वर्या, खासकर तुम्हारी गोल गांड।" उन्होंने उसकी गांड को सुखा दिया। महारानी ऐश्वर्या शरमा भी रही थीं और खिलखिला भी रही थीं। ऐसी अश्लील बातें करना उसके लिए नया था।

जब उसने ऐसी अश्लील बातें सुनीं तो वह अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण नहीं रख सकी। कोई प्रतिरोध न मिलने पर, ऋषि ने उसके पैरों के बीच में सूखने से पहले उसकी मोटी जांघों और पैरों को जल्दी से सुखाना शुरू कर दिया। उसने महसूस किया कि उसके पैर थोड़े फैल गए हैं और उसे बेहतर पहुँच मिल रही है।

ऋषि मन ही मन मुस्कुराये, वह यह जान गए थे की अब रानी ऐश्वर्या सब शर्म हया त्याग कर वैश्या की तरह खुल कर सम्भोग करेगी। ऋषि बिना समय बर्बाद किए घुटनों के बल बैठ गए और उसके पैरों के बीच तौलिये का उपयोग करके सूखाने लगे और यह सुनिश्चित किया कि एक या दो उंगलियाँ उसकी चूत के होंठों में डाली जाएँ। जैसे ही गुरु ने उसके प्रेम छिद्र पर अपनी उंगलियों का प्रयोग किया, रानी ऐश्वर्या उत्तेजना से उछल पड़ी।

उसके मुँह से एक धीमी कराह निकली, लेकिन यह इतनी तेज़ थी कि पूरन ने भी सुना, जिसने अग्निकुंड में आग लगा दी थी जो घी की आहुति डालने के बाद जोर पकड़ने लगी थी। ऋषि ने उसकी योनि को सुखाने में अपना समय लिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसकी चूत के होंठों के सांचे सूखे थे।

जब गुरु ने अपनी उंगलियों को कपड़े से ढँक दिया और उसकी योनि में रगड़ा, तो रानी ऐश्वर्या को अपनी रीढ़ की हड्डी में लगातार कंपन महसूस हुआ। ऋषि उसके सामने आए और देखा कि रानी ऐश्वर्या ने अपने निचले होंठों को काटकर उसकी कराह को दबा दिया था। ऋषि ने उसकी कराह को पहले से अधिक तेज़ करने को अपने ऊपर एक चुनौती के रूप में लिया।

ऋषि ने उसके मुलायम पेट को सुखाया और उसके स्तनों तक पहुँच गए। उसके निपल्स पर लटकती पानी की बूंदों को देखकर उनका मन किया को वह उन निपल्स को चूसने लगे। ऋषि को पता था कि वह रानी ऐश्वर्या को चोद सकता है क्योंकि वहाँ कोई रोकटोक नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपने आग्रह को नियंत्रित किया और अपने हाथों से उसके स्तन को पकड़ लिया। उसने उसके चेहरे की ओर देखा और धीरे-धीरे उसके स्तनों को सुखाने के लिए सहलाया और दबाया।

ऋषि ने उसके निपल्स के आसपास के क्षेत्र को सुखाते हुए टिप्पणी की, "एक बार श्राप हट जाने के बाद, ये खूबसूरत स्तन आपके बच्चे को दूध पिलाने के लिए दूध से भर जाएंगे।" रानी ऐश्वर्या ने धीमी कराहती आवाज में कहा, "अगर मुझे एक बच्चे का आशीर्वाद मिला तो गुरुजी मैं हमेशा आपकी आभारी रहूंगी।"

"चिंता मत करो, रानी साहिबा, प्रजनन क्षमता के देवता यह सुनिश्चित करेंगे कि तुम गर्भवती हो"। '

इधर मैंने धीरे से एक प्रहार किया तो मेरा लिंग सुनीता की योनि में आधे से अधिक प्रविष्ट हो गया। सुनीता की मीठी चीत्कार निकल गई। फिर मैंने हल्के प्रहार जारी रखे और जब लंड पूरा अंदर घुस गया उसके बाद मैं सुनीता की गोरी-गोरी सुडोल चूचियों को चूमने, चूसने और उन पर हल्का दाँत से काटने लगा। उसकी चूत बुरी तरह रगड़ी जा रही थी। वह मेरे सख्त लंड से अभिभूत थी।

मैंने मुस्कुराते हुए फिर धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू किए...वो बोली प्लीज प्लीज़ धक्के लगाओ, ।करो ना ...।चोदो मुझे ... जोर से करो ...तेज करो ... बहुत मजा आ रहा है

मुझे बहुत स्वर्गीय महसूस हुआ। मैंने धक्के लगाते हुए सुनीता के स्तनों को सहलाया और चूसा।

। ओह ... कुमार ...आपने तो मुझे तृप्त ही कर दिया। इस मीठी चुभन और पीड़ा में भी कितना आनंद समाया है ... आह... उसका तो जैसे रोम-रोम ही पुलकित और स्पंदित हो रहा था। उसकी आँखें मुंदी थी, अधर कंपकंपा रहे थे और साँसें तेज चल रही थी। वह तो आत्मविभोर हो रही थी। मुझे लगा उसकी योनि का संकुचन बढ़ने लगा है और पूरा शरीर अकड़ने लगा है। मेरे गले में उसकी कोमल बाहों की जकड़न अब बढ़ गई थी।

उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया और मैंने अपने लिंग के प्रहारों की गति तीव्र कर दी। उसने अपने पाँव थोड़े से ऊपर कर लिए तो उसकी पायल की झंकार जैसे हमारे प्रहारों के साथ ही लयबद्ध ढंग से बजने लगी।

मैंने अपने धक्कों को गतिशील रखते हुए पुनः उसके अधरों को चूमना प्रारम्भ कर दिया। अब मुझे लगने लगा था कि मेरे लिंग का तनाव कुछ और बढ़ गया है। मैंने शीघ्रता से 3-4 धक्के और लगा दिए।

मेरा लंड लम्बा और इरेक्शन मोटा हो गया क्योंकि इससे उसकी योनि पूरी तरह से भर गयी थी और-और लंड उसके अंदर और बाहर करने लगा। वह खुद को मेरे खिलाफ मेरे लंड के ऊपर धकेलती रही। फिर हम दोनों पर जुनून सवार हो गया धक्को की ताकत और गति बढ़ती गयी और उसके विचारों में पहुँचकर मैं उसे उसके चरमोत्कर्ष तक ले गया और मैं हर पल का आनंद ले रहा था।

उधर से परं की आवाज गुंजी "गुरुजी, सब कुछ त्यार है,"। ऋषि और रानी ऐश्वर्या दोनों पूरन की ओर मुड़े, जिसके चेहरे पर एक मुस्कान थी और वह हाथों में एक छोटा बर्तन लेकर अग्निकुंड के पास खड़ा था। ऋषि ने रानी ऐश्वर्या की ओर देखा और कहा, "ऐसा लगता है कि हम अनुष्ठान के लिए तैयार हैं।"

रानी ऐश्वर्या ने सिर हिलाया और गुरु के पीछे-पीछे अग्निकुंड तक चली गईं। ऋषि अग्निकुंड के उत्तर में बैठे थे जबकि रानी ऐश्वर्या उनके सामने बैठी थीं। पूरण ऋषि के पास खड़ा हो गया। फिर ऋषि ने अनुष्ठान की प्रक्रिया ऐश्वर्या भाभी को समझानी शुरू की और कैसे वह कुमार में उर्वरता के देवता और उनमे उर्वरता की देवी की मेजबानी करेंगे इत्यादि।

"अनुष्ठान शुरू करने से पहले, कृपया इस पवित्र जल को पी लें," ऋषि ने कहा जब पूरन ने उसे हरे तरल पदार्थ से भरा एक छोटा बर्तन दिया। "यह क्या है गुरुजी," रानी ऐश्वर्या ने बर्तन में देखते हुए पूछा। "यह पवित्र जल है जो आपको अनुष्ठान के दौरान टिके रहने की शक्ति देगा।"

रानी ऐश्वर्या ने अधिक सवाल नहीं किया क्योंकि उसने बेस्वाद तरल पदार्थ पी लिया था। " अच्छा, अब ध्यान से सुनो, रानी ऐश्वर्या। प्रजनन क्षमता के देवता कुमार के शरीर में प्रवेश करेंगे और यहाँ मंत्रों का जाप पूरा करने के बाद प्रजनन क्षमता की देवी आपके शरीर में प्रवेश करेंगी। जब ऐसा होगा, तब मैं कुमार का मार्गदर्शन करूंगा और पूरन आपका मार्गदर्शन करेगा और आपको बस उसके निर्देशों का पालन करना है।

"मैं करूंगी, गुरुजी," रानी ऐश्वर्या ने उत्तर दिया जब उसकी नज़र पूरन पर पड़ी, जो उसके नग्न शरीर को वासना से देख रहा था। ऋषि ने कुछ वैसे ही मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया। जैसे जब सुनीता मेरे साथ थी, फिर ऋषि एक मिनट के लिए चुप हो गए।

इधर सुनीता का बदन कांपने लगा और फिर अकड़ने लगा और वह निढाल हो गयी ।मेरा चरमोत्कर्ष का क्षण निकट था; उसका भी जुनून चरम पर था क्योंकि वह बार-बार संभोग सुख की एक निरंतर धारा में झड़ रही थी। । मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने जारी रखे ।

कुछ पलों बाद सुनीता को ओर्गास्म आ गया ।"ओइइ।माआ...अहह।ओह।माआ। ओह्ह्ह । कुमार मैं गयी! ओह्ह कुमार! मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ ।"

गुरूजी जोर से बोले" अगर देवी आप कुमार से प्रसन्न हैं तो कुमार को शाप मुक्त करने के लिए आप मेरे पीछे इन मंत्रो को दोहराइये जिनमे आप प्रजनन के देवता का आह्वान कीजिये और प्रजनन क्षमता के देवता कुमार के शरीर में प्रवेश करने के लिए कहिये"

गुरूजी ( ऋषि) ने उसके बाद एक बटन दबाया और बटन दबाते ही दोनों झोपड़ियों के बीच का विभाजन हट गया। ऋषि मेरे सामने आये

"कुमार! इस पवित्र जल को पी लें," ऋषि ने कहा और मुझे एक हरे तरल पदार्थ से भरा एक छोटा बर्तन दिया।

गुरूजी ( ऋषि) ने कुछ मन्त्र बोले और अग्निकुंड में आहुतिया दी ।

उनके साथ ही पूर्ण और सुनीता ने भी कुछ मंत्र बोले और अग्निकुंड में आहुतिया दी ।

मैंने कोई सवाल नहीं किया और उस बेस्वाद तरल पदार्थ पी लिया था। जिसे पीते ही मुझे अपने अंदर एक नई शक्ति का संचार अनुभव किया और मैं उनके सामने एक भूतिया आदमी की तरह दहाड़ रहा था।

ऋषि, पूर्ण और सुनीता घुटनों के बल मेरी ओर झुककर बोले, "हे प्रजनन क्षमता के महान देवता, कृपया इस महिला को आपको प्रसन्न करने की अनुमति दें और उसे बच्चा पैदा करने का आशीर्वाद दें।" रानी ऐश्वर्या को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें या क्या कहें, वह भी बस बैठी हुई मुद्रा में झुक गईं।


जारी रहेगी
 
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CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 73


देवीयो देवताओ को प्रसन्न करने का प्रयास

सुनीता चिल्लाई-चोदिये मुझे ऐसे मत तड़पाइए ... आइये ... कुमार। अपनी इस प्रेयसी को अपनी बाहों में भर लीजिए, मेरे साथ सम्भोग कीजिये। मैं कब से आपकी प्रतीक्षा कर रही हूँ! " सुनीता ने अपनी बाहें मेरी ओर बढ़ा दी।

सुनीता ने मुझे आलिंगन किया तो मैंने उसके पेट, उसकी योनि के ओंठो और भगनासा पर अपना लंड स्पर्श किया एक बार रगड़ा और फिर पीछे हो गया। "

"कुमार व्यर्थ समय मत गंवाओ! मैं जन्म-जन्मान्तर की तुम्हारे प्रेम की प्यासी हूँ। मुझे अपनी बाहों में भर लो मेरे राजा! मैं तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही हूँ ... आओ मेरे ... देव ...!" सुनीता की आँखों में तो जैसे काम का ज्वार ही आया था। उसकी साँसें तेज हो रही थी और उसके ओंठ काँप रहे थे।

सुनीता अब तेजी से कराह रही थी, अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह! करो प्लीज करो!

सुनीता चिल्लाई, "ओह्ह्ह, धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ, ।करो ना ...।चोदो मुझे ...कमीने तुम तो शुरू से मुझे चोदना चाहते थे ...अब रुक क्यूँ गये...।ओइईईईई.।आह......ओइइ...माअ... !"

सुनीता आगे को लपकी और मेरे गले में अपनी बाहें डाल कर लिपट गई। मैं तो उसके स्पर्श मात्र से ही रोमांचित और उत्तेजित हो गया। जब उसने अपने गर्म ओंठो को मेरे कांपते हुए होंठों पर रखा तो मुझे भी उसे अपनी बाहों में भर लेने के अतिरिक्त कुछ सूझा ही नहीं। मैं मानो किसी जादू से बंधा उसे अपने बाहुपाश में जकड़े खड़ा ही रह गया। आह... उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे रसीले और कोमल होंठ तो ऐसे लग रहे थे कि अगर अब मैंने इन्हें जरा भी चूमा तो इन से रक्त ही निकलने लगेगा। उसके कठोर स्तन मेरी छाती से लग कर किसी भाले की नोक की तरह मेरे सीने से चुभ रहे थे। जैसे ही सुनीता की चुचियाँ मेरे शरीर से टकराईं, मेरे शरीर से खुशी की चिंगारियाँ निकलने लगीं और मैं उसके साथ लिपट गया ।

उसके बाद मैंने मेरे लंड को सुनीता की चूत पर लगाया । "सुनीता क्या तुम्हे अच्छा लग रहा है?" मैंने पूछा।

वो बस धीरे से मुस्कुरायी और मुझे अपने पास खींचा ... वह अब और अधिक चाहती थी।

उधर साथ वाली झोपडी में ऋषि ने रानी ऐश्वर्या की बड़ी, गोल और भरी हुई गांड को अपने हाथों पर महसूस किया। रानी ऐश्वर्या ने संतुष्टि की सांस ली।

ऋषि ने उसके कान में फुसफुसाते हुए कहा, "तुम्हारा शरीर अद्भुत है रानी ऐश्वर्या, खासकर तुम्हारी गोल गांड।" उन्होंने उसकी गांड को सुखा दिया। महारानी ऐश्वर्या शरमा भी रही थीं और खिलखिला भी रही थीं। ऐसी अश्लील बातें करना उसके लिए नया था।

जब उसने ऐसी अश्लील बातें सुनीं तो वह अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण नहीं रख सकी। कोई प्रतिरोध न मिलने पर, ऋषि ने उसके पैरों के बीच में सूखने से पहले उसकी मोटी जांघों और पैरों को जल्दी से सुखाना शुरू कर दिया। उसने महसूस किया कि उसके पैर थोड़े फैल गए हैं और उसे बेहतर पहुँच मिल रही है।

ऋषि मन ही मन मुस्कुराये, वह यह जान गए थे की अब रानी ऐश्वर्या सब शर्म हया त्याग कर वैश्या की तरह खुल कर सम्भोग करेगी। ऋषि बिना समय बर्बाद किए घुटनों के बल बैठ गए और उसके पैरों के बीच तौलिये का उपयोग करके सूखाने लगे और यह सुनिश्चित किया कि एक या दो उंगलियाँ उसकी चूत के होंठों में डाली जाएँ। जैसे ही गुरु ने उसके प्रेम छिद्र पर अपनी उंगलियों का प्रयोग किया, रानी ऐश्वर्या उत्तेजना से उछल पड़ी।

उसके मुँह से एक धीमी कराह निकली, लेकिन यह इतनी तेज़ थी कि पूरन ने भी सुना, जिसने अग्निकुंड में आग लगा दी थी जो घी की आहुति डालने के बाद जोर पकड़ने लगी थी। ऋषि ने उसकी योनि को सुखाने में अपना समय लिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसकी चूत के होंठों के सांचे सूखे थे।

जब गुरु ने अपनी उंगलियों को कपड़े से ढँक दिया और उसकी योनि में रगड़ा, तो रानी ऐश्वर्या को अपनी रीढ़ की हड्डी में लगातार कंपन महसूस हुआ। ऋषि उसके सामने आए और देखा कि रानी ऐश्वर्या ने अपने निचले होंठों को काटकर उसकी कराह को दबा दिया था। ऋषि ने उसकी कराह को पहले से अधिक तेज़ करने को अपने ऊपर एक चुनौती के रूप में लिया।

ऋषि ने उसके मुलायम पेट को सुखाया और उसके स्तनों तक पहुँच गए। उसके निपल्स पर लटकती पानी की बूंदों को देखकर उनका मन किया को वह उन निपल्स को चूसने लगे। ऋषि को पता था कि वह रानी ऐश्वर्या को चोद सकता है क्योंकि वहाँ कोई रोकटोक नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपने आग्रह को नियंत्रित किया और अपने हाथों से उसके स्तन को पकड़ लिया। उसने उसके चेहरे की ओर देखा और धीरे-धीरे उसके स्तनों को सुखाने के लिए सहलाया और दबाया।

ऋषि ने उसके निपल्स के आसपास के क्षेत्र को सुखाते हुए टिप्पणी की, "एक बार श्राप हट जाने के बाद, ये खूबसूरत स्तन आपके बच्चे को दूध पिलाने के लिए दूध से भर जाएंगे।" रानी ऐश्वर्या ने धीमी कराहती आवाज में कहा, "अगर मुझे एक बच्चे का आशीर्वाद मिला तो गुरुजी मैं हमेशा आपकी आभारी रहूंगी।"

"चिंता मत करो, रानी साहिबा, प्रजनन क्षमता के देवता यह सुनिश्चित करेंगे कि तुम गर्भवती हो"। '

इधर मैंने धीरे से एक प्रहार किया तो मेरा लिंग सुनीता की योनि में आधे से अधिक प्रविष्ट हो गया। सुनीता की मीठी चीत्कार निकल गई। फिर मैंने हल्के प्रहार जारी रखे और जब लंड पूरा अंदर घुस गया उसके बाद मैं सुनीता की गोरी-गोरी सुडोल चूचियों को चूमने, चूसने और उन पर हल्का दाँत से काटने लगा। उसकी चूत बुरी तरह रगड़ी जा रही थी। वह मेरे सख्त लंड से अभिभूत थी।

मैंने मुस्कुराते हुए फिर धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू किए...वो बोली प्लीज प्लीज़ धक्के लगाओ, ।करो ना ...।चोदो मुझे ... जोर से करो ...तेज करो ... बहुत मजा आ रहा है

मुझे बहुत स्वर्गीय महसूस हुआ। मैंने धक्के लगाते हुए सुनीता के स्तनों को सहलाया और चूसा।

। ओह ... कुमार ...आपने तो मुझे तृप्त ही कर दिया। इस मीठी चुभन और पीड़ा में भी कितना आनंद समाया है ... आह... उसका तो जैसे रोम-रोम ही पुलकित और स्पंदित हो रहा था। उसकी आँखें मुंदी थी, अधर कंपकंपा रहे थे और साँसें तेज चल रही थी। वह तो आत्मविभोर हो रही थी। मुझे लगा उसकी योनि का संकुचन बढ़ने लगा है और पूरा शरीर अकड़ने लगा है। मेरे गले में उसकी कोमल बाहों की जकड़न अब बढ़ गई थी।

उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया और मैंने अपने लिंग के प्रहारों की गति तीव्र कर दी। उसने अपने पाँव थोड़े से ऊपर कर लिए तो उसकी पायल की झंकार जैसे हमारे प्रहारों के साथ ही लयबद्ध ढंग से बजने लगी।

मैंने अपने धक्कों को गतिशील रखते हुए पुनः उसके अधरों को चूमना प्रारम्भ कर दिया। अब मुझे लगने लगा था कि मेरे लिंग का तनाव कुछ और बढ़ गया है। मैंने शीघ्रता से 3-4 धक्के और लगा दिए।

मेरा लंड लम्बा और इरेक्शन मोटा हो गया क्योंकि इससे उसकी योनि पूरी तरह से भर गयी थी और-और लंड उसके अंदर और बाहर करने लगा। वह खुद को मेरे खिलाफ मेरे लंड के ऊपर धकेलती रही। फिर हम दोनों पर जुनून सवार हो गया धक्को की ताकत और गति बढ़ती गयी और उसके विचारों में पहुँचकर मैं उसे उसके चरमोत्कर्ष तक ले गया और मैं हर पल का आनंद ले रहा था।

उधर से परं की आवाज गुंजी "गुरुजी, सब कुछ त्यार है,"। ऋषि और रानी ऐश्वर्या दोनों पूरन की ओर मुड़े, जिसके चेहरे पर एक मुस्कान थी और वह हाथों में एक छोटा बर्तन लेकर अग्निकुंड के पास खड़ा था। ऋषि ने रानी ऐश्वर्या की ओर देखा और कहा, "ऐसा लगता है कि हम अनुष्ठान के लिए तैयार हैं।"

रानी ऐश्वर्या ने सिर हिलाया और गुरु के पीछे-पीछे अग्निकुंड तक चली गईं। ऋषि अग्निकुंड के उत्तर में बैठे थे जबकि रानी ऐश्वर्या उनके सामने बैठी थीं। पूरण ऋषि के पास खड़ा हो गया। फिर ऋषि ने अनुष्ठान की प्रक्रिया ऐश्वर्या भाभी को समझानी शुरू की और कैसे वह कुमार में उर्वरता के देवता और उनमे उर्वरता की देवी की मेजबानी करेंगे इत्यादि।

"अनुष्ठान शुरू करने से पहले, कृपया इस पवित्र जल को पी लें," ऋषि ने कहा जब पूरन ने उसे हरे तरल पदार्थ से भरा एक छोटा बर्तन दिया। "यह क्या है गुरुजी," रानी ऐश्वर्या ने बर्तन में देखते हुए पूछा। "यह पवित्र जल है जो आपको अनुष्ठान के दौरान टिके रहने की शक्ति देगा।"

रानी ऐश्वर्या ने अधिक सवाल नहीं किया क्योंकि उसने बेस्वाद तरल पदार्थ पी लिया था। " अच्छा, अब ध्यान से सुनो, रानी ऐश्वर्या। प्रजनन क्षमता के देवता कुमार के शरीर में प्रवेश करेंगे और यहाँ मंत्रों का जाप पूरा करने के बाद प्रजनन क्षमता की देवी आपके शरीर में प्रवेश करेंगी। जब ऐसा होगा, तब मैं कुमार का मार्गदर्शन करूंगा और पूरन आपका मार्गदर्शन करेगा और आपको बस उसके निर्देशों का पालन करना है।

"मैं करूंगी, गुरुजी," रानी ऐश्वर्या ने उत्तर दिया जब उसकी नज़र पूरन पर पड़ी, जो उसके नग्न शरीर को वासना से देख रहा था। ऋषि ने कुछ वैसे ही मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया। जैसे जब सुनीता मेरे साथ थी, फिर ऋषि एक मिनट के लिए चुप हो गए।

इधर सुनीता का बदन कांपने लगा और फिर अकड़ने लगा और वह निढाल हो गयी ।मेरा चरमोत्कर्ष का क्षण निकट था; उसका भी जुनून चरम पर था क्योंकि वह बार-बार संभोग सुख की एक निरंतर धारा में झड़ रही थी। । मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने जारी रखे ।

कुछ पलों बाद सुनीता को ओर्गास्म आ गया ।"ओइइ।माआ...अहह।ओह।माआ। ओह्ह्ह । कुमार मैं गयी! ओह्ह कुमार! मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ ।"

गुरूजी जोर से बोले" अगर देवी आप कुमार से प्रसन्न हैं तो कुमार को शाप मुक्त करने के लिए आप मेरे पीछे इन मंत्रो को दोहराइये जिनमे आप प्रजनन के देवता का आह्वान कीजिये और प्रजनन क्षमता के देवता कुमार के शरीर में प्रवेश करने के लिए कहिये"

गुरूजी ( ऋषि) ने उसके बाद एक बटन दबाया और बटन दबाते ही दोनों झोपड़ियों के बीच का विभाजन हट गया। ऋषि मेरे सामने आये

"कुमार! इस पवित्र जल को पी लें," ऋषि ने कहा और मुझे एक हरे तरल पदार्थ से भरा एक छोटा बर्तन दिया।

गुरूजी ( ऋषि) ने कुछ मन्त्र बोले और अग्निकुंड में आहुतिया दी ।

उनके साथ ही पूर्ण और सुनीता ने भी कुछ मंत्र बोले और अग्निकुंड में आहुतिया दी ।

मैंने कोई सवाल नहीं किया और उस बेस्वाद तरल पदार्थ पी लिया था। जिसे पीते ही मुझे अपने अंदर एक नई शक्ति का संचार अनुभव किया और मैं उनके सामने एक भूतिया आदमी की तरह दहाड़ रहा था।

ऋषि, पूर्ण और सुनीता घुटनों के बल मेरी ओर झुककर बोले, "हे प्रजनन क्षमता के महान देवता, कृपया इस महिला को आपको प्रसन्न करने की अनुमति दें और उसे बच्चा पैदा करने का आशीर्वाद दें।" रानी ऐश्वर्या को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें या क्या कहें, वह भी बस बैठी हुई मुद्रा में झुक गईं।


बेहद खूबसूरत अपडेट अगले के इन्तजार में
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-290

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 74

महारानी जी आप इस पूजा का आनंद लो.

ऋषि बोले, "हे प्रजनन क्षमता के महान देवता, कृपया इस महिला को आपको प्रसन्न करने की अनुमति दें और उसे बच्चा पैदा करने का आशीर्वाद दें।" रानी ऐश्वर्या को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें या क्या कहें, बस बैठी हुई मुद्रा में आगे झुक गईं।

"मुझे प्रसन्न करो और मैं तुम्हें वह प्रदान करूंगा जो तुम चाहते हो," मैं नहीं जानता कि कैसे मैंने एक आवेशित व्यक्ति की तरह भारी आवाज में कहा। "

फिर ऋषि मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे और अग्निकुंड में घी और अन्य वस्तुएँ चढ़ा रहे थे।

"उर्वरता के देवता ने अपनी अनुमति दे दी है रानी ऐश्वर्या, अब आपके लिए मुझे खुश करने का समय आ गया है," पूरन ने मेरे सामने झुकी हुई नग्न ऐश्वर्या भाभी को देखते हुए कहा।

रानी ऐश्वर्या के मुंह से बस इतना ही निकला, "मैं तैयार हूँ, आप कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।"

ऋषि मन्त्र बोल के अग्नि में घी डाल रहे थे। वह मंत्रो का उच्चारण करते जा रहे थे। फिर सुनीता दूध का ग्लास ले के आई। बाबा ने थोड़ा दूध अग्नि में डाला और फिर दूध को हाथ में पकड़ के कुछ मन्त्र बोला और फिर वह दूध ऐश्वर्या भाभी क पीने को कहाँ।

ऋषि बोले, "महारानी इसे पी जाइये ......... इससे तुम्हारी आत्मा शुद्ध होगी।"

रानी को थोड़ा डर लगा मगर उसने डरते-डरते दूध का ग्लास हाथ में ले लिया। फिर उसने दुध एक ही बार में पूरा पी लिया। दूध पीने के बाद उसे कुछ अजीब-सा लगने लगा। उसकी आँखो के आगे अँधेरा छाने लगा और वह बेहोश-सी होने लगी और फर्श पर ही गिर पड़ी।

मुझे भी होश तो था कि क्या-क्या हो रहा है पर में उसका विरोध नहीं कर पा रहा था। मुझे महसूस हुआ की कुछ जने मिलके रानी ऐश्वर्या को उठा रहे है और फिर उन्होने उसे उस आसन के पास खड़ा कर दिया, वह आँखें खोल के सब देख रही थी मगर कुछ कर नहीं पा रही थी।

"हे प्रजनन क्षमता के महान देवता, आप इस आसन को ग्रहण करो।" पूरन ने हॉल के केंद्र में एक आसन की ओर इशारा किया। मैं उस आसन की ओर बढ़ा।

मैं उस आसन पर बैठ गया। महारानी ऐश्वर्या मेरे पास खड़ी ही थी और पूरन की ओर हैरान नजरों से देखने लगीं जो उससे पूछ रही थीं कि उसे क्या करना चाहिए।

पूरन ने उसकी बात समझी और कहा, "महिलाओं को फोरप्ले पसंद है और पुरुषों को महिला के शरीर के साथ खेलना पसंद है। महारानी आप अपने शरीर को अपने सामने प्रजनन के देवता को अर्पित कर दो और उन्हें आपके शरीर का आनंद लेने दो।" फिर उसने रानी ऐश्वर्या को मेरे करीब आने का इशारा किया।

मैं ऐश्वर्या भाभी के पास गया उन्होने उसके सीने पर हाथ फेरा और इस बीच ऋषि कुछ मन्त्र बोलते जा रहे थे। अब मैं उसके सीने और पेट दोनों जगह हाथ फेरते जा रहा था। रानी को उत्तेजना हो रही थी उसके निप्पल फूल गए थे। फिर उसके बदन में एक अजीब-सी सिहरन होने लगी।

जैसे ही मैंने रानी ऐश्वर्या ने अपने और मेरे बीच का फासला कम किया, मैंने अपनी टाँगें खोल दीं और उसे अपनी टांगो के बीच में आने दिया। उसके बड़े, उछाल भरे स्तन मेरे सर से स्पर्श करने लगे।

मैंने उसे आलिंगन करने के लिए अपने हाथों का इस्तेमाल किया।

रानी ऐश्वर्या ने महसूस किया कि मैं उसे आलिंगन में ले कर अपनी ओर खींच रहा हूँ, मेरे हाथ उसकी जाँघों और नितंबों पर रगड़ रहे थे, इससे पहले कि मेरे हाथ उसके नग्न गोल नितंबों के ठीक ऊपर आ जाते, मैंने उसे और अधिक अपने ऊपर खींच लिया।

उसके पेट पर हाथ फेरते-फेरते मैं उसकी नाभि में अपनी उंगली बार-बार घुसा रहा था। रानी ऐश्वर्या की आँखे अपने आप बंद होने लगी। उसके बाद वह मेरे से लिपट गयी मैंने अपने हाथ में वही पास में रखा सुगंधित तेल लिया और उसके सीने पर मलने लगा। ऐश्वर्या भाभी की धड़कन तेजी से धड़क रही थी। साँसे ऊपर नीचे हो रही थी। उनके बदन से सुगंधित तेल की वजह से एक मीठी खुशबू आने लगी।

मैं ऐश्वर्या के स्तन को दबाने लग गया और उसके निपल को अपनी उंगलियो से मसलने लगा और खींचने लगा टी रानी के बदन में अजीब-सी हलचल होने लगी। मैं उसके स्तन को बार-बार दबा कर निपल से बारी-बारी खेलने लगा। और उसे अपने दाहिने निपल्स पर एक ठंडा एहसास हुआ।

रानी ऐश्वर्या ने नीचे देखा और देखा कि मैं उसके निपल्स चूस रहा हूँ। उसने अपने निपल्स पर इतनी कोमल अनुभूति पहले कभी महसूस नहीं की थी। भाई महाराज कभी-कभी उसके स्तन चूसते थे, तो उसे बहुत उत्तेजना होती थी। लेकिनअब यह उसे बहुत अच्छा लगा। उसने महसूस किया कि मेरी जीभ धीरे-धीरे उनके चारों ओर घूम रही है।

मैं उसकी चुचि को अपने मुहँ में लेकर चूसने लग गया, चुचि चूसते–चूसते उसे बीच-बीच में काट भी रहा था और चुचि चूसते–चूसते उसकी नाभि में भी उंगली घुसा रहा था।

ऋषि मंत्र बोल रहे थे फिर वह बोले, " महारानी जी आप एकदम शांत हो के इस पूजा का आनंद लो......। आपके परिवार की परेशानीया अब दूर होने वाली है।

रानी के पूरे शरीर में कामोतेजक तरंगे बहने लगी थी और उसका पूरा शरीर इस कोमल सुखद अनुभूति को महसूस कर रहा था। अनायास ही रानी ऐश्वर्या के हाथ मेरे चेहरे और बालों को सहलाने लगे, जिससे मेरा सिर उसके स्तनों पर और खिंच गया। रानी ऐश्वर्या ने जो पेय पीया था वह धीरे-धीरे उसे उत्तेजित कर रहा था और साथ ही मेरे स्पर्श से और उसके स्तनों की चुसाई से वह अब चुदाई के लिए बेताब हो रही थी।

जब मैंने उसके नाजुक निपल्स को चूसा और चबाया तब मेरे हाथ उसकी रसीली गांड को दबा रहे थे और मसल रहे थे। पूरन और सुनीता, उनके सामने जो भी हो रहा था उसे विस्मय से देख रहे थे, गुरु जी मंत्रो का उच्चारण कर रहे थे और इस बीच मेरा लंड फिर से सख्त हो गया। मैंने अपने हाथों से रानी ऐश्वर्या की पीठ और नितम्बो को धीरे-धीरे सहलाया।

इससे पहले कि मुझे उसके शरीर के अन्य हिस्सों की खोज करने का मन हो, मैंने बहुत देर तक उसके स्तनों को चूसा और उनके साथ खेला।

पूर्ण ने रानी को आगे क्या करना है इसका संकेत दिया "अपने साथी क किसी भी चीज़ की बहुत अधिक मात्रा न लेने दें। कुमार को अपने शरीर के विभिन्न अंग प्रदान करें। उन्हें आपके पूरे शरीर को महसूस करने और उसका स्वाद चखने दें और आप उनके द्वारा दिए गए आनंद का आनंद ले।"

अब रानी ऐश्वर्या को इस बात की ज्यादा परवाह नहीं थी कि पूरन क्या कह रहा है क्योंकि वह स्वर्ग में महसूस कर रही थी।

"रानी ऐश्वर्या," पूरन ने पुकारा। "अह! ," वह बस इतना ही उत्तर दे सकी।

पूरन ने उसे अपने हाथों में ले लिया और धीरे-धीरे उसे मेरे से दूर खींच लिया। फिर उसे अपनी ओर घुमाया और उसके कंधों को धीरे से दबाया ताकि वह आगे की ओर झुक जाए और अपनी गांड मेरे सामने कर दी। रानी ऐश्वर्या अभी भी स्तनों पर महसूस होने वाले आनंद से उबर रही थी।

मैंने रानी ऐश्वर्या को उसकी कमर से पकड़ लिया और भूख से उसकी गोरी गांड को देखने लगा। मैं उसकी गोल गोरी और चिकनी गांड देखकर पागल हो गया और सीधे अपने मुँह उसमें घुसा दिया। मैंने उसे अपने चेहरे क उसके नितम्ब से चिपका दिया और उसके नितंबों को चूमा, फिर नितम्बो के गालो को फैलाया और उसे चाटने लगा।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-291

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 75

अब बाकी शरीर को शुद्ध करना है

पूर्ण ने उससे कहा, "रानी ऐश्वर्या! अभी आपका मुख और शरीर का ऊपरी भाग शुद्ध हो गया अब बाकी शरीर को शुद्ध करना है। फिर आप बिल्कुल उलझन मुक्त जीवन जी लोगी।"

मैंने रानी ऐश्वर्या को उसकी कमर से पकड़ लिया और भूख से उसकी गोरी गांड को देखने लगा। मैं उसकी गोल गोरी और चिकनी गांड देखकर पागल हो गया और सीधे अपने मुँह उसमें घुसा दिया। मैंने उसे अपने चेहरे क उसके नितम्ब से चिपका दिया और उसके नितंबों को चूमा, फिर नितम्बो के गालो को फैलाया और उसे चाटने लगा। उसने खुद ही अपनी टाँगे फैला दी ।

जिसे देख पूर्ण बोला, " शाबाश महारानी जी। आप बहुत अच्छे से पूजन में हिस्सा ले रही हो।

जब मैंने उसकी चूत और गांड के छेद को चाटा तो उसे एहसास हुआ कि अब मैं उसकी गांड और चूत चाट रहा हूँ। वह इस कृत्य से आश्चर्यचकित हुई और वह लगभग अपना संतुलन खो बैठी और गिरने लगी। अब पूर्ण ने उसे सहारा देकर गिरने से बचाया ।

ऋषि बोले, " कैसा लग रहा है पुत्री तुम्हारे दिल में जो भी परेशानी है, उसे दिल से निकाल दो। मैं मन्त्रो से उपचार कर रहा हूँ। फिर ज़ोर-ज़ोर से मन्त्र उच्चारण करने लगे। वहाँ मौजद पूर्ण और सुनीता भी ज़ोर-ज़ोर से मंत्रोचर करने लगे।

रानी ऐश्वर्या अब दो पुरुषों के बीच झुकी हुई स्थिति में थी। मैं उसकी योनि को चाटता गया और वह इस नए आनंद से कराहे भर रही थी, उसकी कराहें उस झोपड़ी में भर गईं।

"मुझे बहुत कमज़ोरी महसूस हो रही है, ऐसा लग रहा है कि मेरी टाँगें मेरा साथ नहीं दे रही हैं," उसने कराहते हुए अपनी गोल गांड बाहर निकाली। उसे अपने पेट के निचले हिस्से में झुनझुनी महसूस हुई। जैसे ही मेरी जीभ ने उसकी चूत की गहरी दीवारों का पता लगाया, रानी ऐश्वर्या ने अपना सिर पीछे फेंक दिया और अपनी आँखें बंद कर लीं। उससे उसका प्रेम रस फूट रहा था।

उसे पूरन को कसकर पकड़ना पड़ा क्योंकि वह कामोन्माद के कारण कांप रही थी और झड़ रही थी। रानी ऐश्वर्या की मुट्ठियाँ पूरन की धोती के चारों ओर बंध गईं। मैंने अपने मुँह का इस्तेमाल कर उसका सारा रस चूसना और चाटना जारी रखा।

"हे भगवान, ये मुझे क्या हो रहा है," रानी ऐश्वर्या खुशी से कराह उठी। "चिंता मत करो। रानी साहिबा आपको अभी-अभी संभोग चरमोत्कर्ष सुख प्राप्त हुआ है," पूरन ने समझाया।

"संभोग?" रानी ऐश्वर्या से सवाल किया। "हाँ, यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे पुरुष शुक्राणुओं को स्खलित करके चरमोत्कर्ष तक पहुँचते हैं। लेकिन एक महिला के लिए यह दोगुना अधिक आनंददायक होता है जब उसे ऑर्गेज्म होता है।" मैं रानी को चाटते हुए चरमसुख में बार-बार चिल्लाने पर मजबूर कर रहा था।

"यह बहुत अच्छा है। ," रानी ऐश्वर्या कराह उठी क्योंकि वह पहले से अधिक कामुक महसूस कर रही थी। यह महसूस करते हुए कि वह कितनी कामुक थी, पूरन ने कुछ नया आज़माने का फैसला किया।

"आप मेरी धोती की जगह मेरे कूल्हे पकड़ सकती हो? धोती मेरे लंड को नीचे दबा रही है और थोड़ा दर्द हो रहा है।"

"ओह, क्षमा करें," रानी ऐश्वर्या ने कहा और अपने हाथों को उसके कूल्हों पर रख दिया। पूरन ने तुरन्त अपनी धोती उतार दी और उसके सामने नंगा खड़ा हो गया।

"आज़ादी!" उसने रानी ऐश्वर्या के चेहरे से कुछ ही इंच की दूरी पर अपना सख्त लंड दिखाते हुए कहा।

पूरन ने नीचे रानी ऐश्वर्या की ओर देखा, जो उसके लंड को घूर रही थी। उभरी हुई नसों वाला मोटा लंड और प्रीकम लेपित लंड के सिर की गंध ने रानी को पागल कर दिया।

उसके स्तन बिल्कुल नीचे लटक रहे थे। उसका मन हुआ कि वह उन्हें पकड़ कर उसके स्तन से दूध निकाल ले।

वासना औषधि ने रानी ऐश्वर्या के हार्मोन पर अपना प्रभाव डाला जिससे रानी ऐश्वर्या का मन लंड का स्वाद चखने का हुआ। । वह अधिक खुली और सेक्सी महसूस करने लगी। तो उसने लंड को सामने से पकड़ लिया और धीरे-धीरे सहलाया। जैसे ही उसके हाथ धीरे से पूर्ण के लंड को मसल रहे थे, उसमें से प्रीकम रिस रहा था।

वह अपने होंठ चाट रही थी तभी उसने सुना, "आप इसका स्वाद चख लो।" पूरन उसकी हरकत पर नजर रख रहा था। वही ऋषि लगातार मंत्रो का जाप कर रहे थे । रानी ने अब बिना किसी हिचकिचाहट के लंड के टोपे को चाटा और उसके प्रीकम का स्वाद चखा। इसका स्वाद गर्म और नमकीन था। लेकिन वह इसे पसंद आया।

रानी ऐश्वर्या लंड को चाटती और चखती रही और कुछ ही देर में वह लंड के टोपे को चूसने लगी।

"अच्छा, आप बहुत अच्छा कर रही हो," पूरन ने कहा और उस खूबसूरत रानी की तरफ देखा जिसके मुँह में उसका लंड था। रानी ऐश्वर्या को अपने मुँह में लंड होने का एहसास बहुत पसंद आया। वह उसके अधिकांश लंड को मुँह में लेकर चूसने की बेताब कोशिश कर रही थी।

इस बीच, मैंने उसकी योनि को चाटना समाप्त किया, उसका रस सुखाया और उसकी गांड की ओर बढ़ा। रानी ऐश्वर्या ने अपनी गांड को चाटा जाना महसूस करते ही खुशी से अपने कूल्हों को हिलाया। हालाँकि, पहले तो यह घृणित लगा लेकिन फिर उसे अपने शरीर से अधिकाधिक आनंद का संचार महसूस हुआ।

वह अब पूरन के आधे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी और अपने थूक को उसके लंड की पूरी लंबाई पर लगा रही थी। पूरन इस मुख-मैथुन का आनंद ले रहा था और वह घुरघुराने लगा और आनंद महसूस करने के लिए उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

रानी ऐश्वर्या धीरे-धीरे अपने मुँह में लंड को संभाल रही थी और उसके कूल्हे मेरे चेहरे पर दबाव डाल रहे थे। अब मेरा लंड फड़क रहा था और मैं स्थिति बदलना चाहता था। मैंने रानी ऐश्वर्या के नितम्ब पर एक तमाचा जड़ दिया। रानी ने उसके लंड को अपने मुँह से बाहर निकला और कराह उठी,

रानी ऐश्वर्या को इसकी उम्मीद नहीं थी और वह अभी पूर्ण के लंड को चूसना चाहती थी, लेकिन फिर पुराण ने कहा: "रानी जी, आप चिंता मत करो, आप-आप एक दूसरे लंड का स्वाद चखने जा रही हो।" फिर पूरन ने उसे पलट दिया और फिर मैं अपने लंड को ऊपर की ओर करके खाट पर सीधा लेट गया। रानी ऐश्वर्या को किसी अन्य निमंत्रण की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वह मेरे लंड पर झपटी और उसे अपने मुँह में ले लिया।

उसने मेरे लंड पर लगे प्रीकम को चाटने और साफ़ करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। फिर उसने मेरे लंड को और अधिक चूसने के लिए अपना सिर ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया। मेरा प्रीकम थोड़ा नमकीन था, रानी ऐश्वर्या इसे मजे से चाट रही थी।

पूरन ने रानी ऐश्वर्या की ओर देखा। वह नीचे झुक कर मेरा लंड चूस रही थी। उसकी पतली कमर से उसकी गांड उभरी हुई थी, एकदम गोल घुमावों उसके बड़े नितम्ब पुराण के सामने थे। पूर्ण का लंड फड़क रहा था और वह बुरी तरह से वीर्यपात करना चाहता था।

तो उसने अपना लंड रानी की गांड की दरार पर रखा और उसे पीछे से मसलना शुरू कर दिया। रानी ऐश्वर्या को अपनी गांड पर गर्म रॉड महसूस हुई. यह एक साँप की तरह था। पूरन ने अपने हाथों से उसकी गांड के गालों को फैलाया और अपने लंड को उसके बीच में सरकाया। रानी ऐश्वर्या ने भी अपनी गांड को और हवा में धकेल कर उसकी मदद की लेकिन लंड गांड के छेद के अंदर नहीं गया ।

कुछ धक्कों के बाद, पूरन का लंड उसकी गांड की दरार के बीच पूरी तरह से फंस गया था। दरार तंग थी लंड अंदर नहीं जा रहा था । पूर्ण को ऐसा लग रहा था मानो वह उसकी गांड चोद रहा हो। पूरन ने अपनी कराहें नियंत्रित कीं। पूरन को महसूस हुआ कि उसकी गेंदें उसके वीर्य को बाहर धकेल रही हैं। उसने धीरे-धीरे उसकी गांड को हिलाना बंद कर दिया। इसी बीच मुझे भी झड़ने का एहसास हुआ और मैंने लंड पीछे खींचा । ।

पूरन को भी आराम की ज़रूरत थी, उसने रानी ऐश्वर्या की गांड को छोड़ दिया और उससे कहा, रानी ऐश्वर्या! अब भगवान को खुश करने का समय आ गया है, लंड को जाने दो और तैयार हो जाओ"रानी ऐश्वर्या को अपने मुंह से लंड को जाने देने में थोड़ा दुख हुआ लेकिन पूरन ने आगे जो कहा उसने उसे खुश कर दिया।" रानी अब आप सम्भोग से प्रजनन के देवता को खुश करने जा रही हो। "

जारी रहेगी

 
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