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Adultery पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

deeppreeti

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे


परिचय

ये कहानी की 2011-12 है जो वर्तमान समय से लगभग 9-10 साल पहले वर्ष 2011-12 में सूरत शुरू हुई थी ।

पेश है एक नयी कहानी जिसमे आपको जीवन के सभी रंग मिलेंगे खास तौर पर कामुकता से भरपूर होगी ये कहानी l

इसमें मिलेगा आपको पड़ोसियों से सेक्स, युवतियों से सेक्स, ऑफिस में सेक्स, पार्क में सेक्स, सिनेमा में सेक्स, नौकरानी से सेक्स , ग्रुप सेक्स, कुंवारा सेक्स, कॉलेज सेक्स, डॉक्टर के साथ सेक्स, बच्चे के लिए SEX, गर्भादान, इत्यादिl

कहानी लम्बी चलेगी और उम्मीद है आप सब को मजा आएगाl

दीपक कुमार



INDEX

पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे



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CHAPTER- 1

एक युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ के साथ कारनामे


आगमन और परिचय

PART 1- परिचय
PART 2- परिचय

उपहार
PART 1- उपहार
PART 2- उपहार
PART 3- उपहार


CHAPTER- 2

मानवी- मेरी पड़ोसन
PART - 1 सुबह- सुबह
PART- 2 दीवानी
PART- 3 सोनू के लिए बड़े दिनों में ख़ुशी का दिन आया
PART- 4 स्वपनदोष
PART-5 एक कप कॉफी
PART-6 दर्द का इलाज
PART-7 मालिश
PART-8 राज
PART-9 सुन्दर बदलाव
PART-10 आशा से मुलाकात
PART-11 पार्क का निर्जन कोना

PART-12 गुप्त इशारे
PART-13 छत पर सारी रात
PART-14 छत पर सेक्स
PART-15 छत पर गुदा सेक्स



CHAPTER- 3

रुसी युवती ऐना


PART-1 होटल में ऐना से मुलाकात
PART-2 जल परी
PART-3 जल परी के साथ जल क्रीड़ा
PART-4 जल परी के साथ
PART-5 स्विमिंग पूल के किनारे
PART-6 स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई
PART-7 स्विमिंग पूल के अंदर चुदाई
PART-8
PART-9
PART-10
PART-11

CHAPTER- 4
कामदेव की उपासना

PART-1 कामदेव की कहानी
PART-2 कामदेव हैं कौन

PART-3 यज्ञ द्वारा पापों का प्रायश्चित
PART-4 साधना के नियम
PART-5 कामरूप क्षेत्र की राजकुमारी से भेंट
PART-6 राजकुमारी - सपनो की रानी


CHAPTER- 5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-1 कामुक दृश्यमं
PART-2 बल्ब फ्यूज हो गया
PART-3 स्टूल (छोटी मेज)
PART-4 वास्तविकता या एक सपना
PART-5 ( 69 )

PART-6 प्रस्ताव
PART-7 ईशा- माफ़ी की प्राथना
PART-8 फिल्म
PART-9 कामुक फिल्म
PART-10 हस्तमैथुन
PART-11 अंतराल

PART-12 अंतराल के बाद
PART-13 थिएटर में चुदाई
PART-14 सुपर संडे
PART-15 सुपर संडे - ईशा
PART-16 सुपर संडे - ईशा की परख
PART-17 सुपर संडे - ईशा का विर्जिनिटी टेस्ट
PART-18 सुपर संडे - जाल में ईशा
PART-19 सुपर संडे - इजहार
PART-20 सुपर संडे - ईशा की तयारी
PART-21 सुपर संडे - ईशा का कौमार्य भेदन
PART-22 सुपर संडे - ईशा के साथ सम्भोग का आनंद
PART-23 सुपर संडे - शाही हर्बल तेल से मालिश
PART-24 सुपर संडे - कपल मालिश
PART-25 सुपर संडे - क्लब सैंडविच मालिश
PART-26 सुपर संडे - सुपर लेस्बियन शो
PART-27 सुपर संडे - लेस्बियन त्रिकोण
PART-28 सुपर संडे - सुरक्षा
PART-29 सुपर संडे - मानवी
PART-30 सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
PART-31 सुपर संडे - रूपाली के साथ

CHAPTER-6
पश्ताचाप


PART- 1 / PART- 2


VOLUME II
विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1
विवाह से पहले

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART-22/
PART- 23 page 37/PART- 24-page 39/PART- 25/PART- 26/PART -27 Page 40/PART-28/PART-29/ PART-30 page 41 /PART-31/PART-32 page 42 /PART- 33/PART- 34/PART- 35/PART- 36/PART -37/
PART-38/PART-39/PART-40
PART-41/
PART- 42/PART -43/PART-44/PART-45/PART-46/PART-47/PART-48/PART-49/PART-50/
PART-51/PART- 52/PART -53/PART-54/PART-55/PART-56/PART-57/PART-58


CHAPTER-2
नयी भाभी की सुहागरात

PART- 1 (PAGE 48) /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/PART- 8/PART- 9/PART-10
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/ PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19


CHAPTER-3

बैचलर पार्टी

PART- 1 /PART- 2/ PART- 3/ PART- 4/ PART -5/PART- 6/ PART- 7/
PART- 8/PART- 9/PART-10 /PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART- 16/PART- 17/PART- 18/PART- 19/PART-20/ PART-21/PART-22/
/PART- 23/PART- 24/PART-25/

CHAPTER-4
विवाह

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART-11/

विवाह- सुहागरात
PART-1/PART-2/ PART- 3/PART-4/
PART-5/PART-6/ PART- 7/PART-8/
PART-9/PART-10 / PART-11/PART-12/
PART- 13/PART-14/PART-15/
PART-16/

PART-17/ PART- 18/PART-19/ PART- 20

CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)

PART-1/ PART-2/PART-3/ PART- 4/PART-5/
PART-6/PART-7/ PART- 8/PART-9/ PART- 10/
PART- 11/PART- 12/PART- 13/PART- 14/PART-15/
PART-16/PART-17/PART-18/PART-19/PART-20
PART- 21/PART- 22/PART- 23/PART- 24/PART-25/
PART-26/PART-27/PART-28/
PART-29/PART-30
PART- 31/PART- 32/PART- 33/PART- 34/PART-35/
PART-36/PART-37/PART-38/PART-39/PART-40
PART- 41/


A1


UPDATE 001
CHAPTER- 1 आगमन और परिचय
आगमन
Incest/Taboo
UPDATE 002परिचय.Incest/Taboo
UPDATE 003आशा को उपहार दिए.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 004उपहारErotic Couplings
UPDATE 005युवा के अपने पड़ोसियों और अन्य महिलाओ को उपहार.Incest/Taboo
UPDATE 006CHAPTER- 2 मानवी- मेरी पड़ोसन

सुबह- सुबह मेरी पड़ोसन मानवी.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 007लंड की दीवानी मानवी भाभी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 008सोनू के लिए ख़ुशी का दिन आया.Romance
UPDATE 009स्वपनदोष.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 010एक कप कॉफीRomance
UPDATE 011मानवी के दर्द का इलाजNonConsent/Reluctance
UPDATE 012मानवी की मालिश और इलाजErotic Couplings
UPDATE 013सेक्सी गदरायी हुई महिला के साथ सम्भोग.Erotic Couplings
UPDATE 014मानवी मे सुन्दर बदलाव.Erotic Couplings
UPDATE 015आशा से एक और मुलाकात .Erotic Couplings
UPDATE 016पार्क के निर्जन कोने में भाभी के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 017हमारे गुप्त इशारे.Erotic Couplings
UPDATE 018छत पर सारी रात.Incest/Taboo
UPDATE 019छत पर सेक्स.Erotic Couplings
UPDATE 020छत पर गुदा सेक्स.Anal
UPDATE 021CHAPTER- 3 रुसी युवती ऐना

होटल में रुसी युवती ऐना से मुलाकात.
Interracial Love
UPDATE 022 (जल परी रुसी युवती ऐनाErotic Couplings
UPDATE 023रुसी जल पारी ऐना के साथ जल क्रीड़ाErotic Couplings
UPDATE 024 (रुसी जल परी ऐना के साथInterracial Love
UPDATE 025रुसी युवती ऐना के साथ जल क्रीड़ा.Interracial Love
UPDATE 026रुसी युवती ऐना के साथ चुंबन.Interracial Love
UPDATE 027रुसी युवती ऐना स्विमिंग पूल के किनारे.Interracial Love
UPDATE 028रुसी युवती ऐना के साथ स्विमिंग पूल के किनारे चुदाई.Interracial Love
UPDATE 029रुसी युवती ऐना के साथ पूल के पानी में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 030रुसी युवती ऐना के साथ कमरे में चुदाई.Interracial Love
UPDATE 031CHAPTER- 4 परिवार

गर्भदान.
Erotic Couplings
UPDATE 032परिवार की वंशावली.Erotic Couplings
UPDATE 033वंश वृद्धि के लिए साधन - प्रायश्चित मदन, गर्भदान के नियम.Erotic Couplings
UPDATE 034राजकुमारी से भेंट.Romance
UPDATE 035CHAPTER- 5 रुपाली - मेरी पड़ोसन

कामुक दृश्यमं.
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 036रुपाली पड़ोसन का बल्ब फ्यूज हो गया.NonConsent/Reluctance
UPDATE 037स्टूल (छोटी मेज).NonConsent/Reluctance
UPDATE 038रुपाली मेरी पड़ोसन, वास्तविकता या एक सपना.NonConsent/Reluctance
UPDATE 039रुपाली पड़ोसन के साथ 69 सेक्स.NonConsent/Reluctance
UPDATE 040राजकुमारी के साथ विवाह प्रस्ताव.Loving Wives
UPDATE 041ईशा के पीछे बगीचे में.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 042ईशा की माफ़ी की प्राथना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 043रुपाली भाभी के साथ फिल्म देखना.Romance
UPDATE 044पड़ोसन के साथ कामुक फ़िल्म देखना.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 045पड़ोसन ने किया हस्त मैथुन.NonConsent/Reluctance
UPDATE 046कामुक फिल्म का अंतराल.NonConsent/Reluctance
UPDATE 047कामुक फिल्म अंतराल के बाद मुखमैथुन.Erotic Couplings
UPDATE 048पड़ोसन की फिल्म थिएटर में चुदाई .Erotic Couplings
UPDATE 049पड़ोसन के साथ सुपर संडे.Erotic Couplings
UPDATE 050सुपर संडे - ईशा.Romance
UPDATE 051सुपर संडे-ईशा की परख.NonConsent/Reluctance
UPDATE 052विर्जिनिटी टेस्ट.First Time
UPDATE 053सुपर संडे-जाल में ईशा.NonConsent/Reluctance
UPDATE 054सुपर संडे-इज़हार.NonConsent/Reluctance
UPDATE 055ईशा की तयारी .First Time
UPDATE 056सुपर संडे-ईशा का कौमार्य भेदन .First Time
UPDATE 057सुपर संडे-ईशा के साथ सम्भोग का आनंदFirst Time
UPDATE 058सुपर संडे-शाही हर्बल तेल से मालिश.Group Sex
UPDATE 059सुपर संडे-कपल मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 060सुपर संडे-क्लब सैंडविच मालिश.Erotic Couplings
UPDATE 061सुपर संडे-सुपर लेस्बियन शो.Lesbian Sex
UPDATE 062लेस्बियन त्रिकोण.Lesbian Sex
UPDATE 063सुरक्षाErotic Couplings
UPDATE 064सुपर संडे-मानवी.Incest/Taboo
UPDATE 065रूपाली के साथ सुहागरातErotic Couplings
UPDATE 066रूपाली के साथ सुहागरात .Erotic Couplings
UPDATE 067सुपर संडे-रूपाली के साथ.Erotic Couplings
UPDATE 068CHAPTER 6 पश्ताचाप

पैतृक स्थान
Loving Wives
UPDATE 069राज .Loving Wives
UPDATE 070VOLUME II विवाह, यज्ञ और शुद्धिकरन

CHAPTER-1 विवाह से पहले


दावत.
Group Sex
UPDATE 071समूह सेक्स दावत.Group Sex
UPDATE 072प्रातः काल भ्रमण मुलाकात.Mind Control
UPDATE 073घायल वृद्ध .Mind Control
UPDATE 074घायल वृद्ध की अंगूठी.Mind Control
UPDATE 075राज कुमारी के साथ सगाई.Romance
UPDATE 076इलेक्ट्रॉनिक लाकर का पासवर्ड.Mind Control
UPDATE 077चमत्कारी अंगूठी.Mind Control
UPDATE 078इच्छा की शक्ति या सपना .Mind Control
UPDATE 079वृद्ध से एक और मुलाकात.Mind Control
UPDATE 080मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 081मानसिक नियंत्रण.Mind Control
UPDATE 082अंगूठी की शक्तियों का पहला प्रयोग -समस्या और समाधान..Mind Control
UPDATE 083गर्भाधान की समस्या और समाधान.Mind Control
UPDATE 084भाभी का कृत्रिम गर्भधान.First Time
UPDATE 085सेक्स की इच्छा.Erotic Couplings
UPDATE 086कामवासना का जंगली जुनून सवार.Mind Control
UPDATE 087मेरे अंतरंग हमसफ़र.Erotic Couplings
UPDATE 088मैंने अपना रानिवास-हरम बनाने का फैसला किया.Mind Control
UPDATE 089सेक्सी लाल रंग की पोशाक.Erotic Couplings
UPDATE 090युवा प्रशिक्षु के प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण सबक.How To
UPDATE 091पोशाक का चयनRomance
UPDATE 092मौसियो के परिवार.Incest/Taboo
UPDATE 093मौसियो की पोतिया का मेट्रो ट्रेन में पहला सेक्स अनुभव.First Time
UPDATE 094मेट्रो ट्रेन में मौसियो की पोतियो के पहले कामुक अनुभव .First Time
UPDATE 095मौसियो की पोतियो की नग्न तैराकी.Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 096मौसियो की पोतियो का परस्पर निरीक्षण और हस्तमैथुन.Lesbian Sex
UPDATE 097समलैंगिकता का दूसरा सत्र.Lesbian Sex
UPDATE 098समलैंगिक कजिन बहनेLesbian Sex
UPDATE 099समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 100समलैंगिक कजिन बहने.Lesbian Sex
UPDATE 101असली मजे का थोड़ा-सा स्वाद.Sci-Fi & Fantasy
UPDATE 102असली मजे.First Time
UPDATE 103बेतहाशा चुंबन और मजे.First Time
UPDATE 104बेतहाशा स्तनों की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 105प्रतिक्रियाFirst Time
UPDATE 106लंड की चुसाई और मजे.First Time
UPDATE 107दुल्हन बनी नीता.First Time
UPDATE 108कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 109कुंवारी नीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 110कुंवारी रीता की पहली चुदाई.Incest/Taboo
UPDATE 111कुंवारी रीता की पहली चुदाई.First Time
UPDATE 112धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा ही है.First Time
UPDATE 113चुदाई से पहले उसे गर्म किया.First Time
UPDATE 114लंड का योनि में प्रथम प्रवेशFirst Time
UPDATE 115लंड के योनि में प्रथम प्रवेश के बाद मस्तीभरी चुदाई.First Time
UPDATE 116प्रेम निवेदन और समर्पण.Erotic Couplings
UPDATE 117मरीना का प्रेम निवेदन .Erotic Couplings
UPDATE 118मरीना का प्रेम निवेदनErotic Couplings
UPDATE 119मरीना का प्रेम निवेदन- मैं कुछ करूँFirst Time
UPDATE 120मरीना से प्यारErotic Couplings
UPDATE 121मरीना के साथ मुख मैथुनErotic Couplings
UPDATE 122जो तुमको हो पसंदBDSM
UPDATE 123दो तरफा चुसाईGroup Sex
UPDATE 124फोरसमGroup Sex
UPDATE 125डरGroup Sex
UPDATE 126मरीना का कौमर्य भंगFirst Time
UPDATE 127हेमा की कामुकताErotic Couplings
UPDATE 128कुंवारी हेमा का कौमार्य भंगFirst Time
UPDATE 129हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाईErotic Couplings
UPDATE 130बहनो की साथ-साथ में चुदाईGroup Sex
UPDATE 131अर्धनग्न तरुण- नर्तकीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 132तुम्हारे ही लिए आया हूँ.Romance
UPDATE 133जल क्रीड़ाRomance
UPDATE 134फूलों से प्राकृतिक शृंगारRomance
UPDATE 135अलोकिक रचनाRomance
UPDATE 136वीर्यदान के लिए संकल्पErotic Couplings
UPDATE 137VOLUME II CHAPTER-2 नयी भाभी की सुहागरात

ओवुलेशन प्रक्रिया
How To
UPDATE 138 (नयी भाभी की सुहागरात - राजमाता ने लिया साक्षात्कार.How To
UPDATE 139 (असाधरण परिस्तिथियों में असाधारण कार्य.How To
UPDATE 140क्या और कैसे करना है.How To
UPDATE 141नयी भाभी की सुहागरात में सम्भोग कैसे करना है.How To
UPDATE 142हस्तमैथुन और स्खलन.How To
UPDATE 143सुहागरात की तयारी.Incest/Taboo
UPDATE 144नयी रानी की सुहागरात सुहागसेज.Incest/Taboo
UPDATE 145नयी रानी की सुहागरात.Incest/Taboo
UPDATE 146सुहागरात में नयी रानी भाभी का कौमार्य भंग.First Time
UPDATE 147नयी रानी के साथ सम्भोग.First Time
UPDATE 148नयी रानी का गर्भादान.First Time
UPDATE 149नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी हैFirst Time
UPDATE 150भोर में आँख खुलीFirst Time
UPDATE 151रानी गर्भवती हुई है या नहीं?First Time
UPDATE 152एक बार फिर.Erotic Couplings
UPDATE 153रानी माँ ने एकांत प्रदान कियाErotic Couplings
UPDATE 154लग रहा था कि मेरा इरेक्शन कभी कम नहीं होगाErotic Couplings
UPDATE 155मालिश से आराम और चुदाई.Erotic Couplings
UPDATE 156 VOLUME II CHAPTER-3 बैचलर पार्टी

बैचलर पार्टी की तयारी
Exhibitionist & Voyeur
UPDATE 157बैचलर पार्टी डांस पार्टी की तयारीExhibitionist & Voyeur
UPDATE 158नर्तकियों की तलाशErotic Couplings
UPDATE 159नर्तकियों की तलाशExhibitionist & Voyeur
UPDATE 160बैचलर पार्टी के लिए डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 161बैचलर पार्टी के लिए बारगर्ल्स डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 162लैप डांसरExhibitionist & Voyeur
UPDATE 163बैचलर पार्टी- संधि और विधि, संगीत और नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 164बैचलर पार्टी-संगीत और नृत्य और नवविवाहितExhibitionist & Voyeur
UPDATE 165बैचलर पार्टी की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
UPDATE 166बैचलर पार्टी- शो का आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 167बैचलर पार्टी-प्रतिभागिGroup Sex
UPDATE 168बैचलर पार्टी - मंच से नीचे का नजाराGroup Sex
UPDATE 169बैचलर पार्टी मंच का नजाराExhibitionist & Voyeur
UPDATE 170कौमार्य भंग करने के लिए प्रशंसा और बधाईGroup Sex
UPDATE 171आनंद आनंदExhibitionist & Voyeur
UPDATE 172बैचलर पार्टी-अध्भुत कामुकताGroup Sex
UPDATE 173बैचलर पार्टी अध्भुत कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 174बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और चुदाईGroup Sex
UPDATE 175बैचलर पार्टी- तरोताजा चुदाईExhibitionist & Voyeur
UPDATE 176बैचलर पार्टी तरोताजा कामुकता और समूह सेक्सGroup Sex
UPDATE 177बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्यExhibitionist & Voyeur
UPDATE 178बैचलर पार्टी सेक्सी समूह नृत्य.Group Sex
UPDATE 179बैचलर पार्टी लैप डांसGroup Sex
UPDATE 180बैचलर पार्टी नंगा नाच और समूह सेक्स.Group Sex
UPDATE 181VOLUME II CHAPTER 4 विवाह

विवाह से पहले मिलने को दिल बेकरार है
Romance
UPDATE 182बेकरार दिल का प्रेमालापRomance
UPDATE 183विवाह पूर्व प्रेमालाप का सुनहरा समयRomance
UPDATE 184सुनहरा समयInterracial Love
UPDATE 185मंगेतरों का परस्पर परिचयLoving Wives
UPDATE 186हल्दी समारोहLoving Wives
UPDATE 187मेहंदी संगीत और नृत्यErotic Couplings
UPDATE 188विवाहLoving Wives
UPDATE 189दुल्हन की बिदाईLoving Wives
UPDATE 190दुल्हन का सोलह श्रृंगारFirst Time
UPDATE 191स्वर्ग की अप्सराLoving Wives
UPDATE 192 VOLUME II CHAPTER 4 सुहागरात

सुहागरात के दंगल की तैयारी
First Time
UPDATE 193सुहाग कक्षLoving Wives
UPDATE 194पूरे जीवन चलने वाले प्यार और जुनून की चाहतLoving Wives
UPDATE 195अरमानो वाली रात सुहागरातLoving Wives
UPDATE 196सुहागरात-मैं चुपचाप निहारता रहाFirst Time
UPDATE 197सुहागरात- चक्रनितम्बा, फूलो से श्रृंगारFirst Time
UPDATE 198सुहागरात- वासना के ज़्वार-भाटेFirst Time
UPDATE 199सुहागरात-अध्भुत नजाराFirst Time
UPDATE 200सुहागरात पहला ओर्गास्म अनुभवLoving Wives
UPDATE 201सुहागरात लिंग दर्शन पहलाExhibitionist & Voyeur
UPDATE 202अच्छे मजेदार सेक्स का अच्छा पक्ष बार बार करना और दोहरानाLoving Wives
UPDATE 203सुहागरात कौमार्य भेदनLoving Wives
UPDATE 204सुहागरात कौमार्य भेदन फिर प्रथम सम्भोगFirst Time
UPDATE 205सुहागरात कौमार्य भेदन के बाद प्रथम सम्पूर्ण मिलन का आनंदLoving Wives
UPDATE 206सुहागरात में कौमार्य भेदन पहले मोहक मिलन का प्रभावFirst Time
UPDATE 207गर्भाधान के लिए सेवक आपकी सेवा के लिए प्रस्तुत हैIncest/Taboo
UPDATE 208भाभी की सेवाIncest/Taboo
UPDATE 209सुहागरात -कोई देख रहा हैExhibitionist & Voyeur
UPDATE 210सुहागरात- एक साथ तीन का स्नान और सम्भोगLoving Wives
UPDATE 211मेरी सुहागरात और भाभी की संतान की मुरादLoving Wives
A1

 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 29


हनीमून - लंड पहले से बड़ा और मोटा हो गया


अपनी उँगलियाँ से अपनी चूत के होंठों को फैलाओ। और आपको कुछ दर्द महसूस हो सकता है। " मैं फुुसफुसाया।

"ज्योत्सना ने जैसा उसे बताया गया था वैसा किया, लेकिन वह सोच रही थी कि ऐसा क्यों होगा। उसने मेरा डिक देखा था और इसे पहले भी ले चुकी थी, कोई और रास्ता भी नहीं था। तब उसे अपने नारीत्व पर दबाव महसूस हुआ। एक बड़ा दबाव!" तुम क्या कर रहे हो? तुम मुझमें क्या डालने की कोशिश कर रहे हो? "वह चिल्ला रही है!" यह बहुत बड़ा लग रहा है! आप मेरे अंदर क्या घुसाने की कोशिश कर रहे हैं? कृपया। मुझे बताओ कि तुम क्या कर रहे हो! मुझे दर्द क्यों हो रहा है? "


entr2a

"यह मेरा लंड ही है। इसे अपने हाथों में ले लो। इसे महसूस करो। ये तुम्हारे ऐसे उत्तेजक नृत्य करते देख भड़क कर पहले से भी सख्त, मोटा, और लम्बा हो गया है, अब इसे अपनी योनि में जाने दो अपनी मांसपेशियों को ढीला करो। मेरा लंड जितना आपने सोचा था उससे बड़ा हो गया है। अब यह अपने पूर्ण आकार में बड़ा हो गया है। यह आपकी तंग और सूजी हुई योनि में प्रवेश के समय थोड़ा दर्द पहुँचाएगा।" मुझे लगा की अंगूठी की शक्तिया अब अपना कमाल दिखा रही थी । योनि पहली चुदाई के बाद खुली तो उसी हिसाब से लंड पहले से भी बड़ा और मोटा हो गया था।

"ओह! कुमार, उसके हाथ नीचे थे, होठों को फैलाते हुए, लिंग उसके योनि के द्वार पर धक्का दे रहा था।" ओह हाय! अब तुम्हारा लिंग इतने बडा कैसे हो गया? वह मेरे अंदर नहीं जाएगा! उस राक्षस को मेरे अंदर मत डालो! तुम मुझे मार डालोगे! मैं इसे चूस देती हूँ, या मुझे हस्तमैथुन करने दो, प्लीज इसे अंदर मत डालो। " ज्योत्सना रो रही थी।



ENTR2

एक तेज धक्का और लिंगमुंड अंदर था। "नहीं! नहीं! नहीं! इसे बाहर निकालो! दर्द होता है! बहुत दर्द हो रहा है! ये पहली बार से भी ज्यादा है! कृपया मुझे अब और चोट न पहुँचाएँ! मैं आपसे प्यार करती हूँ, लेकिन कृपया मुझे चोट न पहुँचाएँ," वह कराह रही थी।

फिर एक घुरघुराहट के साथ, मेरे कूल्हे तेजी से नीचे गिरे। वह दर्द से चिल्लाई क्योंकिलंड के मोटे सिर ने। सिलवटों के बीच, उन्हें अलग करने के लिए मजबूर करते हुए खुद को जाम कर लिया । उसकी पीठ धनुषाकार में मुड़ी हुई थी और उसके नितंब बिस्तर से उठ गए थे क्योंकि उसके शरीर ने विशाल घुंडी लेने की कोशिश की थी। मैं पीछे की ओर हटा और अपने आप को वापस नीचे कर दिया, अपने विशाल लंड को उसकी तंग चूत में तेजी से घुसा दिया। फिर उसने महसूस किया कि उसकी चूत के होंठ मेरे मोटे लंड के चारों ओर बंद हो रहे हैं और उसे एहसास हुआ कि मैं उसके अंदर हूँ। उसके पैर मेरे नितम्बो के चारों ओर कस गए थे, उसकी पिण्डलिया मेरे नितंबों से टकरा रही थी, वह मुझे अपनी ओर खींचते थे, और मेरे सख्त लंड को उसके भीतर घुसाने की कोशिश कर रहे थे।



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दबा से लंड और गहरा हो गया और जो परिपूर्णता उसने अपने भीतर महसूस की वह अविश्वसनीय थी! उसे नहीं लगता था कि मैं उसमें और अधिक समा सकता हूँ। लिंग के अंदर आते ही अचानक उसका शरीर ऐंठन से काँपने लगा, ये उसका अब तक का सबसे हिंसक कामोन्माद था। उसके कूल्हे हिल गए और उसका तरल पदार्थ बह कर हमारी जांघों पर आ गया। मैं फिर से गुर्राया और मैंने लिंग उसकी ऐंठन वाली चूत में और नीचे दबा दिया। मेरे जोर का साथ देने के लिए उसके नितम्ब बिस्तर से उठ गए और विशाल शाफ्ट को खुद के अंदर दबा दिया। उसका रोना कराहो ने बदल गया क्योंकि उसकी सांसें उसकी खिंची हुई और काँपती हुई चूत अविश्वसनीय परिपूर्णता से भर गईं। दर्द के जवाब में गले में जकड़न के साथ, वह हर बार जब मैं उसे धक्के मार कर चोद रहा था तो वह बिना आवाज़ के चिल्ला रही थी।

मेरे जोरदार कूल्हे प्रत्येक भयंकर धक्के से मेरा बड़ा लंड उसकी दर्द भरी चूत में आगे अंदर घुस गया। उसने अपना सिर उठा लिया और हमारे बीच मेरे मोटे मांस को अंदर बाहर होते हुए देखा जो प्रत्येक धक्के के साथ गहरा हो रहा था। वह विश्वास नहीं कर सकती थी और अभी और जाना बाकी था! उसका सिर वापस बिस्तर के गद्दे से टकरा गया और वह पागलों की तरह काँपने लगी क्योंकि वह पहले से भी अधिक तीव्रता से स्खलित हो गयी थी। मेरे अगले शक्तिशाली जोर के साथ, उसने महसूस किया कि मेरी जंघा की हड्डी उसकी जांघो के हड्डी से टकरा रही है और मेरी गेंदें उसके नितम्बो के तल से टकरा रही हैं।



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मैं आखिरकार पूरी तरह से उसके अंदर था, लेकिन लंबे समय तक नहीं। मैंने अपनी पूरी लंबाई उसके बाहर खींच ली और वह हांफने लगी क्योंकि मैंने महसूस किया कि उसकी चूत कसकर सिकुड़ रही है क्योंकि मेरा विशाल लंड पीछे हट गया था और केवल लंडमुंड योनि के ओंठो के अंदर था। फिर मैंने वापस नीचे झटका दिया। हिंसक ढ़ाके को महसूस करते ही उसके नितंब सहज रूप से उठे और उसकी संकीर्ण चूत की दीवारें फिर से क्रूरता से खुल गयी,। उसने अंदर एक तेज छुरे जैसा महसूस किया और वह जानती थी कि मेरे विशाल लंड का सिर उसकी चूत के पिछले हिस्से से टकराया था और उसके गर्भद्वार के खिलाफ दबा हुआ था।

दर्द ने आनंद की लहरों को और बढ़ा दिया जो मेरे माध्यम से गर्जना करती रही। मैंने जल्दी से लिंग वापस खींच लिया और उसे फिर से धक्का मार कर उसकी निचली जमीन को गद्दे में दबा दिया, मेरे मांस के घर्षण ने आंनद बढ़ाकर उसकी स्पंदन वाली बिल्ली की दीवारों को उत्तेजित कर दिया।

आखिरकार उसका गला खुल गया और वह हांफने लगी क्योंकि उसने महसूस किया कि लंड उसके अंदर से बाहर जा रहा है और फिर उस से भी ज्यादा तेजी से वापस आ रहा था और उसके कूल्हे मुझे स्वीकार करने के लिए ऊपर उठ रहे थे। मेरा विशाल लिंग उसकी चूत के होठों को अलग कर उसके संकीर्ण चैनल के बीच से उसके गर्भाशय ग्रीवा में तेज़ी से टकरा रहा था, उसकी योनि की मानसपेशिये के मेरे लिंग की परिधि और लंबाई के लिए समायोजित होने से पहले ही लिंग वापिस पीछे हो रहा था और फिर से मानसपेशिया सुदूती तो उसी तेजी से और व्यापक और गहरा हो रहा था।



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"ओह्ह! हाय" जैसे ही मेरा लंड मेरे अंदर और बाहर जोर से जोर से मारने लगा, हर तेज छेदन ने उसकी चूत को मेरे आकार से मेल खाने के लिए बढ़ा दिया। उसने अपने आप को खुला हुआ महसूस किया, दर्द कम तीव्र हो रहा था और मेरे धक्के अधिक से अधिक आनंददायक हो रहे थे। उसके कूल्हों ने मेरी लय को पाया और मैंने उसकी चूत में बार-बार मेरे पिस्टनिंग लंड को धकेल दिया, वह मेरे लंड को अंदर उतना ही गहरा और कसने की कोशिश कर रही थी जितनी वह ले सकती थी। बार-बार, मैंने अपने कूल्हों से उसकी योनि पर हथौड़े जैसे वार किये और वह हर ढ़ाके पर ठप्प के आवाज के साथ कराहने लगी ।

उसकी पीड़ा की चीखें जुनून की कराहे बन गईं। फिर उसने महसूस किया कि मेरे नितंब कसने लगे हैं। मेरे धक्को की गति और भी तेज़ हो गईं। मैंने उसके पैर पकड़ लिए और उन्हें अपने कंधों पर ले गया, उसके नितंबों को बिस्तर से ऊपर खींच लिया और मैंने अपने लंड को हिंसक रूप से बार-बार उसकी योनि में गहरा कियाऔर लंडमुंड उसके गर्भ के प्रवेश द्वार के खिलाफ कसकर दबा दिया। उसने मेरे लंड के तेज झटके और मेरे वीर्य के स्खलन के दबाव को महसूस किया । वीर्य की धार उसके अंदर गहराई तक, उसे गर्भाशय ग्रीवा तक गयी और उसके गर्भ में वीर्य को चूस लिया क्योंकि उसकी लहराती हुई चूत ने मेरे उछलते हुए वीर्य को अंदर खींचा।



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हर बार जब मेरा मोटा मांस एक और विस्फोट की तैयारी में आगे बढ़ा तो उसकी चूत कस गयी और उस कामोत्तेजक ऐंठन की एक लहर ने मेरे शुक्राणु की पिचकारी को उसके उपजाऊ गर्भ तक खींच लिया। उसका हाथ मेरी गेंदों तक पहुँच गया। मेरा अंडकोष अभी भी भरा हुआ था, उस शक्तिशाली बीज से भारी था जिसे मेरा कठोर लंड उसमें पिचकारी से अंदर भर रहा था।

मैंने उसकी मखमली त्वचा को सहलाया। वह थरथर काँपने लगी क्योंकि उसकी तंग योनि कसने लगी थी। मैंने अपना पूरा भार उस पर डाल दिया, उसे गद्दे में दबा दिया। उसके पैर मेरी जाँघों पर कस गए और उसने अपनी बाँहें मेरे चारों ओर लपेट लीं। उसने मेरे कराहते शरीर को उसके खिलाफ कसकर पकड़ रखा था, उसकी चूत अभी भी मेरे बढ़े हुए लंड से निकल चुके वीर्य को अंदर जज्ब कर रही थी।

"कुमार, मैं तुम्हारे वीर्य से बहुत भरी हुई हूँ। मैंने, उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था सेक्स इतना अच्छा महसूस कर सकता है।" मैं उसके हिलते हुए स्तनों को कस कर, उसके निप्पल मेरी छाती में दबा कर उसे चूमने लगा।

उसने लंड से निकली वीर्य की प्रत्येक जंगली पिचकारी का-का उत्साहपूर्वक स्वागत किया, मेरे नितंबों में अपनी एड़ी खोदकर मेरे बड़े लंड को योनि में गहरा कर दिया। उसने तुरंत मेरे लंड को दुह लिया, बार-बार तेजी से खींचकर, मेरे बीज की हर बूंद को अपने अतृप्त गर्भ में खींच लिया। । मेरा लंड अंदर बार-बार धड़क कर पंप कर रहा था, मेरे वीर्य की अधिक से अधिक शूटिंग उसके अंदर हो रही थी, उसके गर्भ में वीर्य उसे भर रहा था।



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बार-बार स्खलित होने से उसका शरीर मेरे नीचे कांपने लगा, लयबद्ध रूप से मेरे धक्के मारने से, पसीने से तर उसके शरीर में अंतिम अविश्वसनीय लहरें उठीं और हिंसक झटकों के बाद वह शांत हो गयी और मैं भी उसके शरीर पर हांफने लगा। और फिर मैं उसके शरीर से बिस्तर पर लुढ़क गया। वह इतनी थकी हुई और पूरी तरह से संतुष्ट थी कि वह तुरंत नींद में चली गई।

जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 30

हनीमून - नग्न निवासी


कुछ देर बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा ज्योत्सना अभी भी सो रही थी। मैंने देखा कि मुग्धा और मेघा दोनों सोफे पर सो रही थी और क्या नज़ारा था! वे पूरी तरह से नग्न थी और कमर के ठीक नीचे उन्होंने एक कंबल से ढका हुआ था। मुझे उनकी आधी बालों वाली चूत और उनके पूरे नग्न छाती और स्तन दिखाई दे रहे थे ।

मुग्धा की नाभि गहरी थी और उसके स्तन इतने सुंदर रूप से गोल थे कि निप्पल उन पर तन कर खड़े हुए प्रहरी लग रहे थे। एक ही क्षण में मेरा लिंग कठोर हो गया था और मैं केवल अपने पजामा पहने हुए था, उसमे तंबू बन गया। मेरे द्वारा परदे हटा कर अंदर आने से जो सरसराहट हुई उसे सुनकर मुग्धा जाग गई और उसने आलस्य से अपनी आँखें खोलीं और प्रणाम कर मेरा अभिवादन किया। वह उठ बैठी और धीरे-धीरे अपने पैर फर्श पर रखे और मुझे देखते हुए और अपनी बाहों को फैलाते हुए जम्हाई ली।



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अब उसका पूरा नग्न बदन मेरे सामने था ।

उसकी पुसी को छोड़कर उसके पूरे शरीर पर वैक्स किया गया था और उसे मेरी उपस्थिति में नग्न होने में कोई आपत्ति नहीं थी। वह मुस्कुराई, खड़ी हुई और मुझसे पूछा कि क्या मुझे कॉफी चाहिए। मैंने कहा हाँ लेकिन पहले मैं थोड़ी देर गाँव में टहलना चाहूँगा और वह उठी और अपने कंबल की मोड़ कर रखा और अपने अन्य कपड़ों को मोड़कर अपनी बाँह में ले लिया और गांड मटकाती हुई रसोई में चली गई। मैं अभी भी पूरे प्रकरण से चकित था, लेकिन मैंने कोई भावना दिखाने की हिम्मत नहीं की। मेघा अभी भी वहीँ सो रही थी ।

मैं अभी भी मुग्धा की पूरी नग्नता और मुग्धा की नग्नता के बाबजूद उसकी सहजता से चकित था। मैंने कुरता पायजामा पहना और बहार निकल गया । कॉलेज से अगला घर जो आया वहाँ मेज़ाज़ी मेरी सेक्रेटरी रहती थी और जैसे ही मैं उसके घर के पास आया, वह मेरा अभिवादन करने के लिए बाहर आई। एक और सदमा देने वाला नजर मेरे सामने था।


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उसने माइक्रो मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी और बस इतना ही। उसके गले में एक तौलिया लटक रहा था जिससे उसके दोनों स्तन बमुश्किल ढके हुए थे। जब मैं अपनी आँखों से उसका बलात्कार कर रहा था तो उसने बेपरवाही से मुझे हैलो कहा। वह बहुत सुंदर और वहाँ के अन्य निवासियों की तरह गोरी और लम्बी थी। उसे भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उसने एक पूर्ण अजनबी के सामने कैसे कपड़े पहने या नहीं पहने थे।


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गाँव की सचिव मेजाजी ने आकर बताया कि उन्होंने दोपहर के भोजन से पहले एक छोटा-सा सार्वजनिक दरबार आयोजित किया है ताकि जो ग्रामीण हमसे मिलना और अभिवादन करना चाहते हैं वे ऐसा कर सकें। मैंने कहा कि मैं पहले गाँव का एक छोटा चक्कर लगाना चाहूंगा। तो वह बोली क्या वह मेरी मदद करे तो मैंने कह नहीं इसकी जर्रूरत नहीं है । ये बस थोड़ी-सी सैर के जैसा है । पूरा गाँव देखने हम बाद में चलेंगे ।

हमारे बीच एक त्वरित बातचीत हुई और मेरे पयजामेक में मेरा उग्र लंड एक बड़ा तम्बू बना रहा था था, मैंने उसे उसके दरवाजे पर छोड़ दिया और मैं जल्दी से कॉटेज के वॉशरूम की ओर चला गया।

दिन केस लगभग 12.00 बज चुके और फिर भी वहाँ सुखद हवा के झोंके से गर्मी नहीं थी। मैं कॉटेज के आसपास घूमा और देखा कि गाँव के घरो के बाहर कुछ बच्चे बिना कपड़ों के खेल रहे हैं। फिर मैंने किशोर लड़कियों का एक समूह देखा, वह भी खेल रही थी और वह भी नग्न थी। यह मुझे बड़ा अजीब लग रहा था कुछ किशोरियो के स्तन थोड़ा उभरे हुए थे और वे उछल-कूद कर रही थी तो उनके स्तन हिल रहे ठे। उनके साथ के लड़के भी खेल रहे थे और उनके लिंग भी अर्ध कठोर लग रहे थे और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। मेरा दिमाग इस सब के बीच दौड़ रहा था और इस गाँव में जो हो रहा था उसे समझने की कोशिश कर रहा था।



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मैंने देखा कि दो ग्रामीण पुरुष तौलिया लपेटे हुए मेरी तरफ आ रहे थे उनके तौलिये भीगे हुआ लग रहे थे मैंने अनुमान लगाया वह स्नान करके आ रहे है । उन गरमाने ने मुझे देखा और प्रणाम कर पुछा

ग्रामीण 1: गुड मॉर्निंग भीनी जोवाई सर। , कैसे हैं आप।

मैं: गुड मॉर्निंग! मैं अच्छा हूँ धन्यवाद। आप सभी का भी दिन शुभ हो।

ग्रामीण 2: भीनी जोवाई सर। क्या आप किसी पार्टी में जा रहे हैं?

मैंने सोचा, निश्चित रूप से, नग्न पुरुषों के बीच, पायजामा कुर्ते में जाना भी इस गाँव में एक आदमी के लिए निश्चित रूप से पार्टी में जाना जैसा ही है । मैं हँसा और बोला, मुझे नहीं पता था कि गाँव में कुर्त्ता पायजामा पहनना भी ओवर ड्रेसिंग हो पार्टी में जाने की ड्रेस माना जाता था। वे सभी हँसे और वह बोले। आप जो चाहें वह पहन सकते हैं । हमारे गाँव में अब कुछ खुला हुआ है । मैंने कहा या मुझे भी यही एहसास हो रहा है कि मैंने कुछ ज्यादा ही कपडे पहने हुए हैं ।



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फिर मैं घूमता हुआ एक छोटे तालाब के करीब पहुँचा, मैंने देखा कि महिलाओं और पुरुषो का एक झुंड मेरी ओर आ रहा था और लगता था कि महिलाये अपने घरों को लौट रही नंगी थी लेकिन कमर पर एक तौलिया लपेटा हुआ था। उनके स्तन मेरे सामने थे और जब वह चल रही थी तो धीरे-धीरे उछलते थे और महिलाये हंस रही थी। उन सभी ने मुझे देखा और मेरे पायजामे में बने तम्बू को देखा हँसी और कहा "गुड मॉर्निंग सर, आपका छोटा भाई कैसा है" और ठहाका लगाया। मैं बेशर्मी से मुस्कुराया और अपने कंधे से लटकते अपने तौलिये से उस तम्बू को ढंकने की कोशिश की। इससे पुरुषों और महिलाये दोनोंऔर जोर से हसने लगे।


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एक कोने में पेड़ के नीचे मैंने एक जोड़े को संभोग करते हुए देखा। इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, मेरी सेक्रेटरी मेरे पास आयी उसने कहा, "मुझे आपकी मदद करने दीजिए सर" जिस पर मैंने जवाब दिया, "नहीं, मैं ठीक हूँ"। लेकिन उसने इसकी एक भी नहीं सुनी और मेरा पजामा उतार दिया।

मेरा लंड सीधा हो गया और आसमान की ओर देखने लगा। वह मेरे लंड का आकार, लम्बाई और मोटाई देख कर चकित थी । सर आपका लिंग गाँव के सारे मर्दो से बड़ा और तगड़ा है । राजकुमारी भीनी जी बहुत किस्मत वाली हैं और आपको इसके बड़े आकार के लिए शर्मिंदा होने की कोई जरूरत नहीं है । बल्कि ये तो गर्व की बात है । मैंने देखा वहां मौजूद सभी महिलाये मेरे लिंड को खुले मुँह से साथ देख रही थी।

उसने फिर मेरा करता उतार दीया और मेरे लंड को पकड़ा और मुझे पानी की तरफ खींच लिया। मेरी छाती पर पानी के छींटे मारे और मुझे और मेरी पीठ को सहलाने लगी। वह जल्द मेज़सि मेरी कमर तक पहुँच गई और वह मेरी गेंदों को निचोड़ रही थी और मेरे लंड को खींच कर साफ़ कर रही थी। उसने फिर लंडमुंड पर चमड़ी को पीछे धकेल दिया और मेरी पत्नी के साथ मेरी पिछली चुदाई से अवशिष्ट सह को साफ किया।



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उसने फिर मेरी गांड पर पानी के छींटे मारे और मेरी गांड पर उंगली डाली, जिससे मुझे झटका लगा। वह हँसी और कहा कि ऐसा करना ठीक है, किसी भी संक्रमण को रोकने के लिए हर छिद्र को ठीक से साफ करना चाहिए। फिर उसने धीरे-धीरे मेरे लंड की तब तक मालिश करनी शुरू कर दी जब तक मैं और नहीं रोक पाया और उसके हाथों में षक्लित जो गया। वह मुस्कुराई और मेरे लिंग से निकला वीर्य चूसने लगी और पूरा पी गई। उसने फिर कहा, वह मुझसे बाद में मिलेगी। मैंने थोड़ी शर्मिंदगी में अपना सिर हिलाया और एक शब्द भी नहीं कहा।

मैं उस पैलेस महल में वापस चला गया, मेरे कंधे पर तौलिया था जो मुझे एक ग्रामीण ने दिया था और ग्रामीणों की तरह मेरे कपड़े मेरी बांह पर रखे हुए थे थे। जब मैं घर पहुँचा, तो ज्योत्सना और मेघा जाग चुकी थी और ज्योत्सना टेबल पर बैठी थी, वह अभी तक नंगी थी। उसने मुझे नग्न अवस्था में चलते देखा और मुस्कुराई। मैं जानता था कि वह मन ही मन पूछ रही थी "क्या हुआ!" नंगे कहाँ घूम कर आये हो?



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मैं उसके बगल में बैठ गया और उसे पूरा किस्सा सुनाया। तब तक मुग्धा हमारे लिए कॉफी ले लाईं और उन्होंने मुझसे वास्तव में पूछा कि क्या मैं कॉफी पीते हुए ब्लो जॉब करवाना चाहूंगा क्योंकि मुग्धा और मेघा को देखने से मेरा लिंग फिर से तन गया था और अब तौलिये में तम्बू बन गया था।

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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 31

हनीमून-गाँव के निवासियों से और मुखिया के परिवार से भेंट


मैं अपनी पत्नी ज्योत्स्ना की बगल में बैठ गया और उसे अपनी पत्नी ज्योत्स्ना की गाँव घूमने के दौररन मैंने जो भी देखा और अनुभव किया वह पूरा किस्सा सुनाया। ज्योत्स्ना मेरी बात सुन कर मुस्कुरा दी । तब तक मुग्धा हमारे लिए कॉफी ले लाईं और उन्होंने मुझसे वास्तव में पूछा कि क्या मैं कॉफी पीते हुए ब्लो जॉब करवाना चाहूंगा क्योंकि मुग्धा और मेघा को देखने से मेरा लिंग फिर से तन गया था और अब तौलिये में तम्बू बन गया था।

मुग्धा की बात सुन कॉफी पीते-पीते मुझे खांसी आ गयी और मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया और बस उसे देखने लगा। उसने कहा, "ठीक है, मुझे लगता है कि इसका मतलब हाँ है"।



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मुगधा फिर टेबल के नीचे गई और मेरे पैरों के बीच आयी और मेरा लिंग तौलिये से निकाल कर चूसने लगी। ओह माय गॉड, यह कितना सुखद अहसास था। उसकी जीभ को पता था कि किन हिस्सों को स्पर्श करना है और मैंने 3 मिनट के अंदर उसके मुंह में वीर्य उगल दिया।



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मुझे चूसने के बाद साफ़ कर वह टेबल के नीचे से निकली और मुझे देखकर मुस्कुराई, उसके मुँह से वीर्य टपक रहा था। वह मुँह धोने के लिए किचन में चली गई और मैं हाथ धोने के लिए उसके पीछे हो लिया। सिंक पर, जब मैं अपने हाथ धो रहा था, उसने मुझे करीब खींच लिया और मेरे लंड को अपने हाथों और थोड़े साबुन से धोया।



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बाद में, मैं अपने औपचारिक परिधान में जनसभा के लिए तैयार हो गया और ज्योत्सना ने भी औपचारिक साड़ी पहन ली। मुग्धा और मेधा सज-धज कर बाहर आ गईं। उन्होंने जो पहना था उसके लिए सजना अनुचित शब्द है। उन्होंने एक तरफ दुपट्टा और फूलों के पैटर्न वाली मिनी स्कर्ट जैसी ड्रेस पहनी हुई थी। उन्हें बस इतना करना था कि अगर कोई 10 डिग्री नीचे झुक जाए तो वह उसकी योनि को देख सकता था। उसने दुपट्टे को अपने गले में 'वी' की तरह पहन लिया और मैं उसके दोनों स्तनों को देख सकता था।


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मैं उनके साथ फिर से सार्वजनिक सभा स्थल पर गया और द्वार पर सचिव मेजसी थी। जैसा उसने मुझे सुबह बताया था, वह वास्तव में कुछ ख़ास कपड़े पहने हुए थी। मुगधा और मेधा की तरह, मेजसी ग्राम सचिव ने मिनी स्कर्ट पहन रखी थी जिसके नीचे कुछ भी नहीं था। उसने दुपट्टा भी पहन रखा था, लेकिन उसका दुपट्टा बिल्कुल पारदर्शी था और उसके नीचे कुछ भी नहीं था। मैं देख सकता था कि लड़कियाँ इसके बारे में लापरवाह थीं और अपने काम में संलग्न हो व्यवस्था संचालन करने लगी।

मुखिया जी भी वहाँ पहले से थे और उन्होंने मेरा और ज्योत्सना का स्वागत किया। उसके बाद गाँव वालों ने मुझसे और ज्योत्सना से मिलना और हमारा अभिवादन करना शुरू कर दिया और कुछ ने मेरे साथ बेतरतीब चीजों के बारे में बातचीत की, सभी पुरुष या तो पूरी तरह से नग्न थे या सिर्फ एक लंगोटी पहने हुए थे, ज्यादातर के लंड लंगोटी से बाहर थे। महिलाओं ने मुगधा, मेधा और मेजसी जैसी मिनी स्कर्ट और दुपट्टा पहन रखा था।




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मैंने वहाँ कुछ फल और मिठाइयाँ मंगवाई थीं जो मैंने उनमें से हर एक को बाँट दीं और बच्चों को कुछ कैंडीज दी। गाँव वालों ने एक छोटा-सा नृत्य पेश किया और मैंने और ज्योत्सना ने भी उनके साथ नृत्य किया और फिर हम वापस कुटिया में चले गए और मैंने अपने कपड़े बदले।

अब तक दोपहर के भोजन का समय हो गया और हमे मुखिया जी के घर जाना था। मैंने मुब्धा और मेधा से कहा कि हम उनके घर जा रहे हैं और एक-दो घंटे में लौट आएंगे।

मुग्धा ने मुझे मुखिया के घर दूर से दिखा दिया और रास्ता दिखा दिया जिससे मुझे मुखिया का घर बड़ी आसानी से मिल गया और इससे पहले कि मैं दरवाज़ा खटखटाता, मुझे याद आया कि मुझे बिना खटखटाए अंदर आने को कहा गया था। तो मैंने धीरे से पर्दा हटाया और मैंने देखा कि मुखिया जी आरामकुर्सी पर बैठ हुए थे। जैसा कि मुझे उम्मीद थी वह नग्न था और इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि एक जवान लड़की उसकी कमर पर बैठी थी। सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए, मैं मान सकता था कि उसका लंड उसके अंदर था। लेकिन वह हिल नहीं रही थी। असल में वह मुखिया के बगल में झाग लगा रही थी और उसकी बगले साफ़ करने ही वाली थी।


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उसने मुझे देखा और कहा, "आह राजकुमारी जी और भीनी जोवाई (दामाद) जी, स्वागत है! कृपया आओ और बैठो। पायल, राजकुमारी जी और भीनी जोवाई (दामाद) जी आ गए हैं, उनके पीने के लिए कुछ लाओ"। जिस पर मैंने उसकी पत्नी की आवाज सुनी कि वह एक मिनट में आ रही है। मुझे पूरी बात पर बेचैनी हुई । हघर में आगंतुक थे। एक युवा लड़की केवल स्कर्ट पहने उसके लंड पर बैठी थी, उसकी योनि को छोड़कर उसके पूरे शरीर पर वैक्स किया गया था और उसे मेरी उपस्थिति में नग्न होने में कोई आपत्ति नहीं थी और उसने अपनी पत्नी को मुझे पीने के लिए कुछ लाने के लिए बुलाया था। उसके बाद उसने मेरे साथ कुछ इधर उधर की बातचीत की और इस बीच मुखिया ने उस-लड़की से अपनी दूसरी कांख भी मुंडवा ली और एक तौलिया ले उससे सफाई की। एक बार जब मुंडन पूरा हो गया तो लड़की ने मुखिया का लंड हाथ से पंप करना शुरू कर दिया और वह जल्द ही स्खलित हो गया-इस बीच वह मुझसे ऐसे बात करता रहा, जैसे कि वह बाल कटवा रहा हो।


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उसकी पत्नी पायल, चलते-चलते अंदर आ गई। उसने पिछले दिन की तरह ही कपड़े पहने हुए थे और उसके चारों ओर एक साड़ी लिपटी हुई जोकेवल घुटनो तक थी। वह हमारे लिए एक पेय ले कर आयी जो ताड़ी जैसी थी और मुखिया बोलै बोला इसे खजूर और ताड़ी के रस को मिला कर बनाते हैं । पहले ऐसे ही पेय को सोमरस भी कहते थे । फिर वह लड़की जो उसकी कांख के बाल साफ़ कर रही ठगी वह दो कप सूप लेकर आई और मुझे पीने के लिए कहा और जैसे ही मैंने उससे सूप लेना शुरू किया पायल ने अपना पल्लू उतार कर फर्श पर गिरा दिया। पायल के बड़े-बड़े स्तन थे जिनमें सुंदर गुलाबी घेरा था और निप्पल सूजे हुए लाल लग रहे थे। उसकी भी पुसी को छोड़कर उसके पूरे शरीर पर वैक्स किया गया था और उसे मेरी उपस्थिति में ऊपर से छाती के नग्न होने में कोई आपत्ति नहीं थी। उसकी नाभि भी गहरी थी, जिसके ठीक बगल में एक तिल था। मैं उसकी सुंदरता को देखे बिना नहीं रह सका, लेकिन साथ ही मैं उसकी इस कार्यवाही से चौंक गया था।


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मैं अपने चेहरे पर हैरान भाव के साथ अपनी सीट उठ गया। मुखिया हंस रहा था और मुझे आराम से बैठने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि गाँव में यह रिवाज है कि महिलाएँ अपने घर आने वाले लोगों को अपने शरीर का शीर्ष दिखाती हैं ।

गाँव में एक आगंतुक की उपस्थिति मेंअपनी बदन का शीर्ष ढंकना अपवित्र माना जाता है। उसने मुझे यह भी बताया कि जो लड़की उसकी हजामत बना रही थी, वह पायल की बहन थी और वह नहाने के कुछ देर बाद लौट आएगी। पायल ज्योत्सना के बगल में बैठ गई और हमें घर पर आराम से रहने के लिए अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, ताकि हम उनमें से एक की तरह महसूस कर सकें। मैं अनिच्छुक था लेकिन उसने जोर दिया और अपनी बेटी नमिता और अपनी बहन मंजू को हॉल में बुलाया।



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नमिता 18 साल की थी, वह बिलकुल नग्न आयी । उसकी एकदम तंग चूत थी, चूत ओंठ चिपके हुए थे । गांड गोल थी । चुत पर झांटो के बाल लगभग नहीं थे, उसके पूरे शरीर पर वैक्स किया गया था और उसे मेरी उपस्थिति पर कोई आपत्ति नहीं थी। उसके स्तन छोटे अनार के आकार के थे।



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मंजू भी नग्न थी और उसकी चुत के ओंठ चिपके हुए थे पर उन पर छोटे बाल थे। पर स्तन थोड़े बड़े थे । मंजू सीधे मेरे पास आई और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी, जबकि नमिता मेरी पैंट खोल रही थी और पायल ज्योत्सना को दुसरे कमरे में ले गयी और उसकी साड़ी बदलने में मदद की।




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कुछ देर बाद मैं भी मुखिया की तरह नग्न था और ज्योत्स्ना मुखिया की पत्नी पायल की तरह साडी पहने हुए वह आयी थी । ज्योत्स्ना बहुत सेक्सी लग रही थी और उसे ऐसे देख मेरा लंड सीधा हो गया था और आसमान की ओर देखने लगा। मेरा लंड तना तो सीधे नमिता के गालो से टकराया और वह उययी कर चिल्ला उठी और सब हसने लगे । मंजू और नमिता दोनों मेरे लंड का आकार, लम्बाई और मोटाई देख कर चकित थी।


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मैंने शर्मा कर हाथ आगे कर लंड छुपाने की कोशिश की तो मुखिया बोलै जवाई जी। राजकुमारी भीनी जी बहुत किस्मत वाली हैं और आपको इसके बड़े आकार के लिए शर्मिंदा होने की कोई जरूरत नहीं है। आपका लिंग हमारे गाँव के सारे मर्दो से बड़ा और तगड़ा है और ये बहुत गर्व की बात है। मैंने देखा वहाँ मौजूद महिलाये मेरे लिंड को खुले मुँह से साथ देख रही थी और तभी पायल की बहन सीमा भी नंगी ही वहाँ आयी और मेरे लंड को हैरान हो कर देखने लगी । सीमा की चुत पर भी बाल नहीं थे और उसके स्तन आम के अकार के थे ।

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VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 32


कामरूप नगर की कहानी

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वसंत पंचमी की शुभकामनाये



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वसंत पंचमी के दिन कामदेव की पूजा की जाती है। वसंत कामदेव का मित्र है इसलिए कामदेव का धनुष फूलों का बना हुआ है।


वसंत कामदेव का मित्र है, इसलिए कामदेव का धनुष फूलों का बना हुआ है। इस धनुष की कमान स्वरविहीन होती है। यानी जब कामदेव जब कमान से तीर छोड़ते हैं तो उसकी आवाज नहीं होती है। कामदेव का एक नाम 'अनंग' है यानी बिना शरीर के यह प्राणियों में बसते हैं। एक नाम 'मार' है यानी यह इतने मारक हैं कि इनके बाणों का कोई कवच नहीं है। वसंत ऋतु को प्रेम की ही ऋतु माना जाता रहा है। इसमें फूलों के बाणों से आहत हृदय प्रेम से सराबोर हो जाता है।


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मंजू, जो मेरे पैरों के पास बैठी थी, मेरे लंड पर झपट पड़ी और उसे मुँह में निगल गई। मैं उसकी इस हरकत से चौंक गया, क्योंकि उसका भाई और भाभी और भतीजी सब वहीं थे और उनकी छोटी बहन एक अजनबी के लिंग को चूस रही थी। मुझे हैरान देख मुखिया जी मुस्कुरा कर बोले...

मुखिया जी: चिंता मत करो जोवाई जी। हमारे लिए यह सामान्य है। सेक्स हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा है। हमें इसमें कोई एतराज नहीं है।



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पायल: हाँ, मेरी ननद जब व्यस्क हुई और उसे यौवन मिला और 3 दिन बाद उसने अपने बड़े भाई के साथ से अपना कौमार्य खो दिया।

मुखिया: हाँ, व्यस्की होने पर कोई भी गाँव में या बाहर के उन लोगों के साथ, जिन्हें हम घर ले आते हैं, असुरक्षित यौन सम्बंध बना सकती है। लेकिन वह इसे पूर्ण अजनबियों के साथ नहीं कर सकती।

सीमा: क्या तुम मेरी बड़ी की नोनोद मंजू (बड़ी बहन-छोटी ननद) से मुख मैथुन करवाते हुए (ब्लो जॉब) करवाते हुए मेरे स्तन चूसना चाहोगे?

मैंने चौंक कर खुद को चकोटि मारी बाप रे! क्या मैं स्वर्ग में आ गया था? मुझे चकोटि मारते हुए मुखिया जी ने देख लिया

मुखिया जी: चिंता मत करो जोवाई जी। यहाँ यह सब सामान्य है। मेरी साली (पत्नी की छोटी बहन) जब वह व्यस्क हुई थी तो उसने ने मेरे पिता के साथ अपना कौमार्य खो दिया था। सेक्स हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा है। हमें इसमें कोई एतराज नहीं है

मुखिया के घर में मेरे साथ मेरी पत्नी के सामने जो हो रहा था, उस पर मैं और मेरी पत्नी अभी भी अवाक थे। मुखिया की पत्नी पायल मेरे सामने सेमी टॉपलेस थी। उसकी बीवी की बहन सीमा अपने बूब्स मुझे ऑफर कर रही थी और उसकी बहन मंजू मेरे लंड को चूस रही थी और उसकी बेटी को मेरे सीधे और सख्त लंड ने गालों पर मारा था। मैं खाने की मेज पर बैठा हुआ था, उस समय मुखिया अभी भी कमरे में अपनी लाउंज कुर्सी पर पूरी तरह नग्न अवस्था में आराम कर रहा था।



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फिर मैं 8-सीटर डाइनिंग टेबल के सिरहाने बैठ गया-प्रत्येक छोटे सिरों पर एक सोफे और-और 3 लम्बे सोफे थे। मुखिया दूसरे छोर पर मेरे सामने बैठ गया, जबकि मंजू टेबल के नीचे मेरे लंड को चूसती रही।

इतनी कम उम्र की लड़की जिस तरह से मेरा लिंग चूस रही थी उससे लग्गता थाकि वह अपनी जीभ के साथ एक बड़ी निपुणता रखती है। वह साथ-साथ अपनी जीभ को लंडमुंड के चारों ओर गोल-गोल घुमा रही थी, साथ ही धीरे से चाट रही थी। सीमा मुस्कुरा रही थी और मेरे दाहिनी ओर बैठ गई और मुझे अपने दृढ़ स्तनों तक पूरी पहुँच प्रदान कर रही थी। ज्योत्सना मेरे बायीं ओर बैठी और पायल ज्योत्सना के सामने बैठी हुई थी। भोजन की टेबल पर मुखिया की लड़की नमिता पायल के साथ वाली सीट पर अकेली बैठी हुई थी

पायल ने नौकरानी को बुलाया। ब्लाउज़ और सुपर शॉर्ट स्कर्ट पहने एक लंबी और गोरी महिला ने खाना लाकर टेबल पर रख दिया और भोजन परोसने से पहले, उसने अपने बड़े और गोल स्तनों को दिखाते हुए अपना ब्लाउज उतार दिया। उसने एक मुस्कान के साथ प्लेटो में भोजन परोसा और मंजू के बदले मेरा लिंग टेबल के नीचे चूसने की पेशकश भी की ताकि मंजू भी हमारे साथ दोपहर का भोजन कर सके। मैंने मना कर दिया और कहा

मैं: मैं अभी के लिए ठीक है और फिर हमने लंच करना शुरू कर दिया।

मुखिया जी ने खाना खाते समय अपना बायाँ हाथ नौकरानी की चूत पर रगड़ते रहे और मुझसे बात करते रहे। हर बार जब मजाक में कुछ कहता तो पायल मेरा लंड पकड़ लेती। कुल मिलाकर, खाना स्वादिष्ट था और मुखिया के परिवार का साथ अद्भुत था।




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भोजन करने के बाद सब एक के बाद एक उठ खड़े हुए। फिर हम सिंक में हाथ धोने गए और लिविंग रूम में लौट आए।

लिविंग रूम में डबल लाउंज कुर्सियाँ थीं और उस आरामकुर्सी के अलावा कोई एकल सीट नहीं थी जिस पर मुखिया जी पहले अपनी दाढ़ी बनवा रहे थे। मैंने एक सीट ली और मंजू जल्दी से रेंगकर मेरे पास आई और मुझे एक तरफ से अपने गले से लगा लिया और मेरे सीने से लिपटी हुई थी।

फिर उसने अपना बायाँ पैर मेरे ऊपर एक साइड-हगिंग पोज़ में मेरी टांग पर रख दिया। जैसे ही उसकी योनी ने मेरे पैर के किनारे को छुआ, मैंने उसकी जांघो को पनी तरफ से खरोंचते हुए महसूस किया। यह अजीब तरह से उत्तेजित कर रहा था क्योंकि उसने धीरे से अपनी योनी को मेरे पैर की तरफ से ऊपर-नीचे किया जैसे कि वह मुझे गरमा रही हो।

उसके बड़े भाई की पत्नी (भाभी) -पायल अपनी साड़ी पूरी तरह उतार कर नग्न हो मेरे बगल में बैठ गई और दूसरी तरफ से मेरे साथ चिपक गयी और मुझे गले से लगा लिया। उसने धीरे से मेरे निप्पलों को गुदगुदाना शुरू कर दिया जिससे मुझे एक और झटका लगा कि सीमा ने तुरंत मेरा लिंग अपने हाथ से पकड़ लिया और सहलाने लगी।

मुखिया अपनी आराम कुरसी पर बैठ गया और उनकी बेटी नमिता के साथ ज्योत्स्ना बाते करने लगी मैं सामने वाली लाउंज चेयर पर बैठे मुखिया से और बातें करने लगा। फिर मैंने उनसे गाँव और उसके इतिहास के बारे में और बताने को कहा।



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मुखिया ने कहानी शुरू की।

जोवोई राज। यहाँ आस पास तीन गाँव हैं कुछ सदियों पहले गांवों में अपराध और दुष्कर्मों की भरमार थी। हम आपस में लड़ते रहते थे और इससे जगह-जगह मातम पसर गया। लोग बाहर से बहुत रूढ़िवादी थे और हर तरह की हिंसा का सहारा लेते थे।

फिर हमारे तीनो गाँवों के पूर्वज मुखियाओं ने राजकुमारी जी के पूर्वज महाराज से संपर्क किया की वह हमारी मदद करे । क्योंकि वही हमारे राजा थे और उन्होंने ह्मणारे समस्या सुन सेना नियुक्त न करते हुए अपने गुरुजी से मदद मांगी। जोवोई जय जी आप के परिवार और राजकुमारीजी के परिवार के गुरुजी सर्व शक्तिमान हैं। तो महाराज ने गुरूजी से मदद मांगी तो एक दिन इस स्थिति के चरम पर, गुरुजी हमारे गाँव में चले आये। वह तीनो गाँव के बीच में एक बड़े बरगद के पेड़ के नीचे बैठ गए। उन्हें गाँव की शांत सुंदरता अच्छी लगी और ध्यान करने लगे जल्दी ही उन्होंने इसकी उथल-पुथल और प्राचीन इतिहास के बारे में जान लिया।

उन्होंने वहाँ खेल रहे बच्चो से मुखिया को बुलाने भेजा । हम तीनो गाँवों के मुखिया उनके पास गए । तो उन्होंने सब गांववालों को बुलाया । । तीनो गाँव में से हमारे गाँव की मुखिया का नाम रम्भा था और वह अप्सरा रम्भा के समान ही सुंदर मानी जाती थी । और तीनो गाँवों में झगड़े के प्रमुख वजह हमारे गाँव की स्त्रियों की सुंदरता ही थी क्योंकि बाकी दोनों गाँव के लोग किसी भी तरह से इन स्त्रियों को प्राप्त करना चाहते थे ।

गुरूजी ने तीनो गाँव के लोगों को इस पूरे क्षेत्रका महत्त्व बताने के लिए कामदेव , कामरूप नगर की कहानी सुनाई

प्राचीन काल में देवकार्य से कामदेव अपने पुष्प के धनुष को हाथ में लेकर वसन्तादि सहायकों के साथ लेकर अपना प्रभाव फैलाया और समस्त संसार को अपने वश में कर लिया। जिससे क्षणभर में ही सारी मर्यादा मिट गई. ऐसे में सभी देवों की अनुशंसा पर कामदेव ने उन पर अपना बाण चलाकर आकर्षण विकसित किया। क्रोधित होकर जब आंखें खोलीं तो उससे कामदेव भस्म हो गए। कामदेव को जब भस्म कर दिया, तब उसकी पत्नी रति पास जाकर करुण विलाप करने लगी। तब उस पर दया करके उसे वरदान दिया कि कृष्ण के पुत्र में रूप में उसका पति पुनः उत्पन्न होगा।

असम में ये गुप्त स्थान यह मंदिर घने जंगलों के भीतर पेड़ों से छुपा हुआ है। इसी स्थान पर कि भस्म हो गए कामदेव का इस स्थान पर पुनशक्तिकरण तथा उनकी पत्नी रति के साथ पुन: मिलन हुआ था। इसीलिए इस स्थान का नाम कामरूप नगर है ।



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कामदेव के प्रभाव से क्षणभर में ही सारी मर्यादा मिट गई , ब्रह्मचर्य, नियम, नाना प्रकार के संयम, धीरज, धर्म, ज्ञान, विज्ञान, सदाचार, जप, योग, वैराग्य आदि विवेक की सारी सेना डरकर भाग गई सारे जगत्‌ में खलबली मच गई जगत में स्त्री-पुरुष संज्ञा वाले जितने चर-अचर प्राणी थे, वे सब अपनी-अपनी मर्यादा छोड़कर काम के वश में हो गए, सबके हृदय में काम की इच्छा हो गई। लताओं (बेलों) को देखकर वृक्षों की डालियाँ झुकने लगीं। नदियाँ उमड़-उमड़कर समुद्र की ओर दौड़ीं और ताल-तलैयाँ भी आपस में संगम करने मिलने-जुलने लगींआकाश, जल और पृथ्वी पर विचरने वाले-सा जीव पेड़ पौधे वृक्ष पशु-पक्षी काम के वश में हो गए. सिद्ध, विरक्त, महामुनि और महान्‌ योगी भी काम के वश होकर योगरहित या स्त्री के विरही हो गए. जो समस्त चराचर जगत को सामान देखते थे, वे अब उसे स्त्रीमय देखने लगे। स्त्रियाँ सारे संसार को पुरुषमय देखने लगीं और पुरुष उसे स्त्रीमय देखने लगे। दो घड़ी तक सारे ब्राह्मण्ड के अंदर कामदेव का रचा हुआ तमाशा रहा। कामदेव ने सबके मन हर लिए। तभी कामदेव सर्वशक्तिमान के सामने पहुँच तो वह कामदेव डर गए और तुरंत ही सब जीव पहले जैसे ही सुखी हो गए।

इस लिए आप सब भी मन से कामदेव के वेग को त्याग दीजिये काम थोड़ी देर आनद देता है और फिर दुःख तो जब आप काम के ताप से मूकजत हो जाएंगे तब आप सब भी सुखी हो जाएंगे और आपके परस्पर झगड़े मिट जायेंगे । मैं कामदेव का दमन करने के लिए उपाय बता देता हूँ इससे आपके सारे झगड़े मिट जायेंगे ।

लेकिन उस समय सब पर कामदेव का प्रबल वेग था और मुखिया रम्भा देवी को लगा इस तरह तो उन का पुरुषो पर प्रभाव बिलकुल समाप्त हो जाएगा तो उन्होंने इसका विरोध किया और गुरूजी से संवाद करना शुरू कर दिया ।

रंभा यौवन और शृंगार का वर्णन करते नहीं थकती, तो गुरूजी संयम, विवेक और सर्वशक्तिमान का। दोनों के बीच हुआ संवाद सुंदरता और आनंद की उत्तम व्याख्या है

रम्भा: हे मुनि! हर मार्ग में नयी मंजरी शोभायमान हैं, हर मंजरी पर कोयल सुमधुर टेहुक रही हैं। टेहका सुनकर मानिनी स्त्रीयों का गर्व दूर होता है और गर्व नष्ट होते हि पाँच बाणों को धारण करनेवाले कामदेव मन को बेचेन बनाते हैं। हे मुनि! हर घर में घूमती फिरती सोने की लता जैसी ललनाओं के मुख पूर्णिमा के चंद्र जैसे सुंदर हैं। उन मुखचंद्रो में नयनरुप दो मछलीयाँ दिख रही है और उन मीनरुप नयनों में कामदेव स्वतंत्र घूम रहा है। मुनिवर! सुंदर स्तनवाली, शरीर पर चंदन का लेप की हुई, चंचल आँखोंवाली सुंदर युवती का, प्रेम से जिस पुरुष ने आलिंगन किया नहीं, उसका जन्म व्यर्थ है।




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गुरुदेव: हे रंभा! कमल जैसे नेत्रवाली, केयूर पर सवार, कुंडल से सुशोभित मुखवाली का यौवन भी आयु और समय के साथ समाप्त हो जाता है, वही संसार में हमेशा रहने वाले आनद की प्राप्ति, जिसने एकाग्रचित्त होकर, नहीं की, उसका जीवन व्यर्थ है।

रम्भा: हे गुरुदेव! भोग की ईच्छा से व्याकुल, परिपूर्ण चंद्र जैसे मुखवाली, बिंबाधरा, कोमल कमल के नाल जैसी, गौर वर्णी कामिनी जिसने छाती से नहीं लगायी, उसका जीवन व्यर्थ गया। हे गुरुराज! अनेक प्रकार के वस्त्र और आभूषणों से सज्ज, लवंग कर्पूर इत्यादि सुगंध से सुवासित शरीरवाली नवयुवती को, जिसने अपने दो हाथों से आलिंगन दिया नहीं, उसका जन्म व्यर्थ गया।

गुरुदेव: हे रंभा! मार्ग में सज्जनो का संग होता है, सज्जनो के साथ हर वक्त आन्नद का आभास होता है। हर स्थान पर पवित्र आन्नद प्रदान काने वालो का समुदाय विराजमान है। उस समुदाय में तत्त्व का विचार हुआ करता है। उन विचारों से ज्ञान होता है और उस ज्ञान से सदा रहने वाले आनद प्राप्त होता है। हे रंभा! हर स्थान में रत्न की वेदी दिख रही है, हर वेदी पर गंधर्वों की सभा होती है। उन सभाओं में किन्नर गण किन्नरीयों के साथ गाना गा रहे हैं। हर गाने में आन्नद गाया जाता है। जिसके आनद रूप का चिंतन नहीं हो सकता, जो ज्ञान से परिपूर्ण है, ऐसे हमेशा रहने वाले आन्नद को जिसने स्वयं के हृदय में प्राप्त नहीं किया है, उसका जन्म व्यर्थ गया। हे रंभा! ये भोग की ईच्छा, आनद क्षण भंगुर है हमेशा रहने वाले आनद की प्राप्ति, जिसने जाग्रत अवस्था में नहीं किया, उसका जन्म व्यर्थ गया।




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रम्भा: हे मुनिवर! प्रिय बोलनेवाली, चंपक और सुवर्ण के रंगवाली, हार का झुमका नाभि पर लटक रहा हो ऐसी, स्वभाव से रमणशील ऐसी स्त्री के साथ जिसने भोग विलास नहीं किया, उसका जीवन व्यर्थ गया। हे मुनिश्रेष्ठ! चंचल कमरवाली, नूपुर से मधुर शब्द करनेवाली, नाक में मोती पहनी हुई, सुंदर नयनों से सुशोभित, सर्प के जैसा अंबोडा जिसने धारण किया है, ऐसी सुंदरी का जिसने सेवन नहीं किया, उसका जन्म व्यर्थ है । सुगंधी पान, उत्तम फूल, सुगंधी तेल और अन्य पदार्थों से सुवासित कायावाली कामिनी के कुच का मर्दन, रात को जिसने नहीं किया उसका जीवन व्यर्थ है । कस्तूरी और केसर से युक्त चंदन का लेप जिसने किया है, अगरु के गंध से सुवासित वस्त्र धारण की हुई तरुणी, रात को जिस पुरुष की छाती पर लेटी नहीं, उसका जन्म भी व्यर्थ है।

गुरुवर: हे रम्भा देवी भोग तो जानवर भी कर लेते हैं जिस प्राणी ने मनुष्य शरीर पाकर भी, दूसरो की-की सेवा न की, उसका जन्म तो व्यर्थ ही है। हे रंभा! संसार के दुखियो की सेवाधर्म का पालन, ज्ञान की प्राप्ति, गुणों की प्राप्ति कर आनंद जिसने प्राप्त नहीं किया, उसका जन्म व्यर्थ गया।

हे गुरुदेव! जिस पुरुष ने हेमंत ऋतु में, कठोर और भरे हुए स्तन के भार से झुकी हुई, पतली कमरवाली, चंचल और खंजर से नैनोंवाली स्त्री का संभोग नहीं किया, उसका जीवन व्यर्थ है और हे मुनिवर! सद्लक्षण और गुणों से युक्त, प्रसन्न मुखवाली, मधुर बोलनेवाली, मानिनी सुंदरी के नाभि का जिसने चुंबन नहीं किया उसका किसी काम का नहीं है। जिस पुरुष ने वसंत ऋतु में लंबे बालवाली, सुंदर नेत्रों से सुशोभित कामदेव के समस्त भंडाररुप ऐसी कामिनी के साथ विहार न किया हो, उसका जीवन व्यर्थ गया।




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गुरुवर: : हे रंभा! जिस इन्सान ने, भोग विलास से नाश होता है और नारी के सेवन से उत्पन्न सब सुख नाशवंत और दुःखदायक है ऐसा जानने के बावजुद जिसने सदा रहने वाले आन्नद को प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया, उसका जीवन व्यर्थ गया।

हे मुनि! जिस पुरुष ने अपनी युवानी में, समस्त शृंगार और मनोविवाद करने में चतुर और अनेक लीलाओं में कुशल और कोकिलकंठी कामिनी के साथ विलास नहीं किया, उसका जीवन व्यर्थ है। जिसके बिल्वफल जैसे कठिन स्तन है, अत्यंत कोमल जिसका शरीर है, जिसका स्वभाव प्रिय है, ऐसी सुवासित केशवाली, ललचानेवाली गौरी युवती को जिसने आलिंगन नहीं दिया, उसका जीवन व्यर्थ गया। आनंद और कामदेव के खजाने समान, खनकते कंगन और नूपुर पहेनी हुई कामिनी के होठ पर जिसने चुंबन किया नहीं, उस पुरुष का जीवन का कोई प्रयोजन नहीं है। चंद्र जैसे मुखवाली, सुंदर और गौर वर्णवाली, जिसकी छाती पर स्तन व्यक्त हुए हैं ऐसी, संभोग और विलास में चतुर, ऐसी स्त्री को बिस्तर में जिसने आलिंगन नहीं दिया, उसका जीवन व्यर्थ है। आनंदरुप, नतांगी युवती, उत्तम धर्म के पालन में और पुत्रादि पैदा करने में सहायक, राजा को भी संतोष देनेवाली नारी जिस पुरुष के घर में न हो, उसका जीवन व्यर्थ है। पतली कमरवाली, हंस की तरह चलनेवाली, प्रमत्त सुंदर, सौभाग्यवती, चंचल स्वभाववाली स्त्री को रतिक्रीडा के वक्त अनुकुलतया पीडित नहीं किया है, उसका जीवन व्यर्थ है। सुंदर, सुगंधित पुष्पों से सुशोभित शय्या हो, मनोनुकूल सुंदर स्त्री हो, वसंत ऋतु हो, पूर्णिमा के चंद्र की चांदनी खीली हो, पर यदि पुरुष में परिपूर्ण पुरुषत्त्व न हो तो उसका जीवन व्यर्थ है।



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गुरुवर: सुंदर शरीर हो, युवा पत्नी हो, मेरु पर्वत समान धन हो, मन को लुभानेवाली मधुर वाणी हो, पर यदि फिर भी मन में आन्नद न हो, तो जीवन व्यर्थ है।

कहानी जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे-250

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 33

कामरूप पुरम क्षेत्र की कहानी


इस बीच जब राजकमारी के पूर्वज महाराज को समाचार मिला की गुरुदेव कामरूप पुरम क्षेत्र आये हैं तो वह वहाँ अपनी रानी के साथ गुरुदेव के दर्शन को पधारे और उन्हें प्रणाम कर बैठ गए ।


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कामदेव का प्रभाव उन सब पर बढ़ता गया क्योंकि ये स्थान कामदेव का स्थान था और जैसे रति ने रसोई में काम करने वाली मायावती नाम की एक स्त्री का रूप धारण करके कामदेव को माँ के समान पाला-पोसा और फिर जब माया विद्या के प्रभाव से उसने उस को युवा किया और उसे पूर्व जन्म की सारी याद दिलाई गई। इतना ही नहीं, सारी कलाएँ भी सिखाईं तब कामदेव ने अपनी सारी शक्तिया पुनः प्राप्त की असुर का वध किया और फिर मायावती को ही अपनी पत्नी रति के रूप में उनका पुरमिलन हुआ।

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परन्तु चर्चा करते-करते जब सुंदरी रम्भा ने महसूस किया वह गुरुमहाराज को प्रभावित नहीं कर सकती तो उसने नाचना शुरू किया। उसे नाचते देख वहाँ उपस्थित कुछ युवक भी उसके रूप लावण्य और नृत्य से मोहित हो उसके साथ नाचने लगे और फिर धीरे-धीरे तीनो गाँव वाले उनमत्त हो कर खूब देर तक नाचते रहे। उनके साथ-साथ वहाँ के सारे फूल-पौधे भी नाचते रहे। फिर कामदेव के प्रभाव से रम्भा उन्मुक्त और कामुक हो अपने वस्त्र निकाल कर नाचने लगी जिससे पुरष भी उन्मुक्त हो अपने वस्त्र त्याग कर नाचने लगे धीरे-धीरे कामदेव का प्रभाव बढ़ता गया और महाराज सहित वहाँ उपस्थित सभी लोग उन्मुक्त हो कामुक नाच रचाने लगे और नाचने लगे ।



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केवल गुरुदेव और रानी इस प्रभाव से खुद को बचा पाए क्योंकि गुरुदेव तो मुनि शिरोमणि थे और रानी ने राजा को पूर्ण समर्पण किया हुआ था!

फलों की खुशबू और भी घनी हो गई। नृत्य का संगीत और भी मधुर हो गया। वहाँ उपस्थित लोग सब मस्त हो सेक्स करने लगे और किसी रिश्ते नाते का कोई बंधन नहीं रहा और इस सम्बंध के बारे में अपने पति और महाराज के बारे में।

उसके लगभग तुरंत बाद, गाँव में हर कोई यौन उन्माद में प्रवेश कर गया। उन्होंने अपने सारे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और अपने आस-पास के किसी भी व्यक्ति के साथ बेलगाम सेक्स करने लगे। कोई नियम या प्रतिबंध नहीं थे और जल्द ही, हर किसी के साथ सभी ने सेक्स किया। उन्हें लगा अब सब झगड़ो का कारण समाप्त हो गया है।




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जब ये समाप्त हुआ, उन्होंने अपने चारों ओर शांति, खुशी और संतोष की एक अद्भुत भावना महसूस की। वे अपने पहनावे और हरकतों से और भी बोल्ड हो गए और उनके मन में कोई कुंठा नहीं थी, कोई संकीर्णता नहीं थी, महाराज ने औअर गाँव वासियो ने-ने गुरूजी से निवेदन किया गुरुदेव आप हमे आशीर्वाद दे की हम हमेशा इसी चरम अवस्था में रहे जिसमे हमारे मन में जितने भी ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, भय, लज्जा, शर्म, मान, मर्यादा, यश-अपयश इत्यादि के भाव समाप्त हो गए हैं।

गुरुदेव ने उन्हें आशीर्वाद दिया की महाराज सहित गांववासी इस स्वर्ग में सबसे अच्छी और सबसे उत्तम स्थिति रहेंगे। वे हमेशा के लिए युवा रहेंगे, उनका शाश्वत आनंद अनंत रहेगा और वे एक अविनाशी आनंद का जीवन जीएंगे।




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तभी वहाँ कामदेव रति के साथ प्रगट हुए और उन सबने उनकी वहाँ पूजा की उनकी प्राथना पर कामदेव ने प्रसन्न हो उन्हें इन सभी सुखों का आनंद लेने के लिए, उनकी आयु प्रयन्त उन्हें चिर यौवन का वरदान दिया जिससे हमेशा के लिए जवानी, सुंदरता और जोश प्रदान किया। कामदेव ने उन्हें वरदान दिया जिसमे जब कामरूप पुरम के लोग "अठारह वर्ष की आयु" प्राप्त कर लेंगे तो वह इस प्रेम और आन्नद के स्वर्ग में प्रवेश करेंगे। जिस में वे शारीरिक सुखों का आनंद लेने में सबसे अधिक सक्षम होंगे और उनका स्वास्थ्य और ताकत सबसे उत्तम रहेगी। वे लोग "अपनी जवानी कभी नहीं खोएंगे।"




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उनके शरीर से अध्भुत कस्तूरी जैसी महक निकलेगी... उनके निवासस्थान परिष्कृत भव्यता से प्रतिष्ठित होंगे और पूरी तरह से सुसज्जित होंगे। वे अपने बगीचों में बैठकर आराम कर सकेंगे। कामरूप के महाराज और पुरमवासी विशेष रूप से बनाई गई स्वर्ग की अप्सराओ के सामान सुंदरियों का आनंद लेंगे, सुंदरी रम्भा के सामान सभी महिलाये शुद्ध कस्तूरी से बनी और सभी प्राकृतिक अशुद्धियों, दोषों और असुविधाओं से मुक्त रहेंगी। वे सुंदर, विनम्र और मंडपों में उद्यानों और तालाबों में सार्वजनिक रहते हुए भी उन्मुक्त हो अंतरंगता का आनंद लेंगे औअर सम्भोग करेंगे तथा शरीर को संतुष्टि का अहसास प्राप्त करेंगे। उनकी सभी व्यक्त और अव्यक्त मनोकामनाएँ पूरी होंगी।

पुरम में स्वादिष्ट, पके फल होंगे और जो इसके निवासी होंगे आसानी से जो भी फल चाहते हैं ले सकेंगे। मांगने पर कोई भी भोजन या पेय मिलेगा। पानी, शराब, दूध और शहद भरपूर रहेगा। शराब से हैंगओवर नहीं होगा। यह "पीने वालों के लिए ख़ुशी मिलेगी" है, इससे न तो मादकता होगी और न ही यह मूर्खता या झगड़ा पैदा करेगी।

कामदेव ने उन्हें बताया कि उन्होंने शांति, समृद्धि और खुशियों से भरे इस गाँव को पृथ्वी पर स्वर्ग में बदल देंगे और अब महाराजा और ग्रामीणों को खुले विचारों के साथ रहना होगा और उन्हें ये अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी यही देना होगा। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें इस जानकारी को उन व्यक्तियों तक सीमित रखने के लिए गोपनीयता की शपथ लेने की आवश्यकता थी और सबने इसे गुप्त रखने का वादा किया।



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कामदेव ने उन्हें अभिमंत्रित जल का कलश दिया । महाराजा और ग्रामीणों ने कामदेव द्वारा दिया पवित्र-पवित्र जल पिया। एक बार जब सभी ने वह पानी पी लिया, तो उसने बचे हुए पानी को कुओं और झील के किनारों पर डाल दिया। अब इसका असर महाराज और सभी गाँव वासियो पर पड़ा परन्तु महारानी ये उन्मुक्तता स्वीकार नहीं कर पायी और उन्होंने उस समय वह जल नहीं पिया जिससे हाराज के परिवार की स्त्रियों और राजकुमारियों पर इसका सिमित प्रभाव पड़ा और वह सभी अप्सरा जैसी सुंदर हुई लेकिन केवल अपने जीवन साथी के साथ ही उन्मुक्त रहने लगी।



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अब मुखिया और उनके पुरम के लोग इस सदियों पुरानी परंपरा का ही पालन कर रहे थे। इन वर्षों में, बमुश्किल मुट्ठी भर बाहरी लोगों को गाँव में आने की अनुमति मिली है और मैं उस सूची में शामिल होने के लिए बहुत भाग्यशाली था!

मैं विस्मय के साथ कहानी सुन रहा था, जैसे ही उसकी मुखिया ने कहानी पूरी की, सीमा ने हस्तमैथुन करते हुए मुझे चरमोत्कर्ष पर पहुँचाया और मैंने उसकी छाती पर स्खलन किया। मंजू ने प्यार से सब कुछ चाट लिया।

कहानी जारी रहेगी
 
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II-विवाह और शुद्धिकरन

CHAPTER-5

मधुमास (हनीमून)

PART 34

कामरूप पुरम क्षेत्र की कहानी


इस बीच जब राजकमारी के पूर्वज महाराज को समाचार मिला की गुरुदेव कामरूप पुरम क्षेत्र आये हैं तो वह वहाँ अपनी रानी के साथ गुरुदेव के दर्शन को पधारे और उन्हें प्रणाम कर बैठ गए ।


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कामदेव का प्रभाव उन सब पर बढ़ता गया क्योंकि ये स्थान कामदेव का स्थान था और जैसे रति ने रसोई में काम करने वाली मायावती नाम की एक स्त्री का रूप धारण करके कामदेव को माँ के समान पाला-पोसा और फिर जब माया विद्या के प्रभाव से उसने उस को युवा किया और उसे पूर्व जन्म की सारी याद दिलाई गई। इतना ही नहीं, सारी कलाएँ भी सिखाईं तब कामदेव ने अपनी सारी शक्तिया पुनः प्राप्त की असुर का वध किया और फिर मायावती को ही अपनी पत्नी रति के रूप में उनका पुरमिलन हुआ।

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परन्तु चर्चा करते-करते जब सुंदरी रम्भा ने महसूस किया वह गुरुमहाराज को प्रभावित नहीं कर सकती तो उसने नाचना शुरू किया। उसे नाचते देख वहाँ उपस्थित कुछ युवक भी उसके रूप लावण्य और नृत्य से मोहित हो उसके साथ नाचने लगे और फिर धीरे-धीरे तीनो गाँव वाले उनमत्त हो कर खूब देर तक नाचते रहे। उनके साथ-साथ वहाँ के सारे फूल-पौधे भी नाचते रहे। फिर कामदेव के प्रभाव से रम्भा उन्मुक्त और कामुक हो अपने वस्त्र निकाल कर नाचने लगी जिससे पुरष भी उन्मुक्त हो अपने वस्त्र त्याग कर नाचने लगे धीरे-धीरे कामदेव का प्रभाव बढ़ता गया और महाराज सहित वहाँ उपस्थित सभी लोग उन्मुक्त हो कामुक नाच रचाने लगे और नाचने लगे ।



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केवल गुरुदेव और रानी इस प्रभाव से खुद को बचा पाए क्योंकि गुरुदेव तो मुनि शिरोमणि थे और रानी ने राजा को पूर्ण समर्पण किया हुआ था!

फलों की खुशबू और भी घनी हो गई। नृत्य का संगीत और भी मधुर हो गया। वहाँ उपस्थित लोग सब मस्त हो सेक्स करने लगे और किसी रिश्ते नाते का कोई बंधन नहीं रहा और इस सम्बंध के बारे में अपने पति और महाराज के बारे में।

उसके लगभग तुरंत बाद, गाँव में हर कोई यौन उन्माद में प्रवेश कर गया। उन्होंने अपने सारे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और अपने आस-पास के किसी भी व्यक्ति के साथ बेलगाम सेक्स करने लगे। कोई नियम या प्रतिबंध नहीं थे और जल्द ही, हर किसी के साथ सभी ने सेक्स किया। उन्हें लगा अब सब झगड़ो का कारण समाप्त हो गया है।




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जब ये समाप्त हुआ, उन्होंने अपने चारों ओर शांति, खुशी और संतोष की एक अद्भुत भावना महसूस की। वे अपने पहनावे और हरकतों से और भी बोल्ड हो गए और उनके मन में कोई कुंठा नहीं थी, कोई संकीर्णता नहीं थी, महाराज ने औअर गाँव वासियो ने-ने गुरूजी से निवेदन किया गुरुदेव आप हमे आशीर्वाद दे की हम हमेशा इसी चरम अवस्था में रहे जिसमे हमारे मन में जितने भी ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, भय, लज्जा, शर्म, मान, मर्यादा, यश-अपयश इत्यादि के भाव समाप्त हो गए हैं।

गुरुदेव ने उन्हें आशीर्वाद दिया की महाराज सहित गांववासी इस स्वर्ग में सबसे अच्छी और सबसे उत्तम स्थिति रहेंगे। वे हमेशा के लिए युवा रहेंगे, उनका शाश्वत आनंद अनंत रहेगा और वे एक अविनाशी आनंद का जीवन जीएंगे।



तभी वहाँ कामदेव रति के साथ प्रगट हुए और उन सबने उनकी वहाँ पूजा की उनकी प्राथना पर कामदेव ने प्रसन्न हो उन्हें इन सभी सुखों का आनंद लेने के लिए, उनकी आयु प्रयन्त उन्हें चिर यौवन का वरदान दिया जिससे हमेशा के लिए जवानी, सुंदरता और जोश प्रदान किया। कामदेव ने उन्हें वरदान दिया जिसमे जब कामरूप पुरम के लोग "अठारह वर्ष की आयु" प्राप्त कर लेंगे तो वह इस प्रेम और आन्नद के स्वर्ग में प्रवेश करेंगे। जिस में वे शारीरिक सुखों का आनंद लेने में सबसे अधिक सक्षम होंगे और उनका स्वास्थ्य और ताकत सबसे उत्तम रहेगी। वे लोग "अपनी जवानी कभी नहीं खोएंगे।"

उनके शरीर से अध्भुत कस्तूरी जैसी महक निकलेगी... उनके निवासस्थान परिष्कृत भव्यता से प्रतिष्ठित होंगे और पूरी तरह से सुसज्जित होंगे। वे अपने बगीचों में बैठकर आराम कर सकेंगे। कामरूप के महाराज और पुरमवासी विशेष रूप से बनाई गई स्वर्ग की अप्सराओ के सामान सुंदरियों का आनंद लेंगे, सुंदरी रम्भा के सामान सभी महिलाये शुद्ध कस्तूरी से बनी और सभी प्राकृतिक अशुद्धियों, दोषों और असुविधाओं से मुक्त रहेंगी। वे सुंदर, विनम्र और मंडपों में उद्यानों और तालाबों में सार्वजनिक रहते हुए भी उन्मुक्त हो अंतरंगता का आनंद लेंगे औअर सम्भोग करेंगे तथा शरीर को संतुष्टि का अहसास प्राप्त करेंगे। उनकी सभी व्यक्त और अव्यक्त मनोकामनाएँ पूरी होंगी।

पुरम में स्वादिष्ट, पके फल होंगे और जो इसके निवासी होंगे आसानी से जो भी फल चाहते हैं ले सकेंगे। मांगने पर कोई भी भोजन या पेय मिलेगा। पानी, शराब, दूध और शहद भरपूर रहेगा। शराब से हैंगओवर नहीं होगा। यह "पीने वालों के लिए ख़ुशी मिलेगी" है, इससे न तो मादकता होगी और न ही यह मूर्खता या झगड़ा पैदा करेगी।

कामदेव ने उन्हें बताया कि उन्होंने शांति, समृद्धि और खुशियों से भरे इस गाँव को पृथ्वी पर स्वर्ग में बदल देंगे और अब महाराजा और ग्रामीणों को खुले विचारों के साथ रहना होगा और उन्हें ये अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी यही देना होगा। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें इस जानकारी को उन व्यक्तियों तक सीमित रखने के लिए गोपनीयता की शपथ लेने की आवश्यकता थी और सबने इसे गुप्त रखने का वादा किया।

कामदेव ने उन्हें अभिमंत्रित जल का कलश दिया । महाराजा और ग्रामीणों ने कामदेव द्वारा दिया पवित्र-पवित्र जल पिया। एक बार जब सभी ने वह पानी पी लिया, तो उसने बचे हुए पानी को कुओं और झील के किनारों पर डाल दिया। अब इसका असर महाराज और सभी गाँव वासियो पर पड़ा परन्तु महारानी ये उन्मुक्तता स्वीकार नहीं कर पायी और उन्होंने उस समय वह जल नहीं पिया जिससे राजपरिवार की स्त्रियों और राजकुमारियों पर इसका सिमित प्रभाव पड़ा और वह सभी अप्सरा जैसी सुंदर हुई लेकिन केवल अपने जीवन साथी के साथ ही उन्मुक्त रहने लगी।

अब मुखिया और उनके पुरम के लोग इस सदियों पुरानी परंपरा का ही पालन कर रहे थे। इन वर्षों में, बमुश्किल मुट्ठी भर बाहरी लोगों को गाँव में आने की अनुमति मिली है और मैं उस सूची में शामिल होने के लिए बहुत भाग्यशाली था!

मैं विस्मय के साथ कहानी सुन रहा था, जैसे ही उसकी मुखिया ने कहानी पूरी की, सीमा ने हस्तमैथुन करते हुए मुझे चरमोत्कर्ष पर पहुँचाया और मैंने उसकी छाती पर स्खलन किया। मंजू ने प्यार से सब कुछ चाट लिया।

कहानी जारी रहेगी
 
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words tak ho sakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. . Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writers ko Awards k alawa Cash prizes bhi milenge jinki jaankaari rules thread mein dedi gayi hai, Total 7000 Rupees k prizes iss baar USC k liye diye jaa rahe hain, sahi Suna aapne total 7000 Rupees k cash prizes aap jeet shaktey hain issliye derr matt kijiye or apni kahani likhna suru kijiye.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 28th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.


Rules Check karne ke liye is thread ka use karein — Rules & Queries Thread

Contest ke regarding Chit Chat karne ke liye is thread ka use karein — Chit Chat Thread



Prizes
Position Benifits
Winner 3000 Rupees + Award + 5000 Likes + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 1500 Rupees + Award + 3000 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 1000 Rupees + 2000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-UP 750 Rupees + 1000 Likes
Best Supporting Reader 750 Rupees Award + 1000 Likes
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

deeppreeti

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आप एक अन्य कहानी औलाद की चाह पढ़ रहे होंगे की कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं, ये कहानी समित भाई ने गुरुजी का ट्रीटमेंट के शीर्षक से अंग्रेजी में लिखी थी और उसका कुछ हिस्से का अनुवाद हिंदी में किया गया था . मैंने उसके कुछ और हिस्से का अनुवाद हिंदी में करने का प्रयास किया है. अब कहानी उस मोड़ पर है जिसमे गुरूजी ने योनि पूजा में उस महिला की चुदाई कर दी है .


कहानी औलाद की चाह

इस अध्भुत कहानी औलाद की चाह के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए इसीलिए कहानी के अपडेट रुक गए हैं . !

समित भाई की मूल कहानी के अनुसार यहाँ पर कहानी में ममिया ससुर (जो अपडेट 37 मे रश्मी से मिलने आये थे) रश्मी उनके घर चली जायेगी और वहां पर उसके साथ जो कुछ घटा उसका विवरण या ..?

फिर कहानी के उस हिस्से कोा लग रखते हुए आश्रम में हुए रश्मि के अन्य अनुभवों के बारे में लिखा जाए ?


इस बारे में मैं पाठको की राय जानना चाहूंगा
आप अपनी राये जरूर बताये या पोल में वोट करे
 

pussylover1

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