साहिल के जाने के करीब आधे घंटे बाद मैं घर आया और साजिया ने स्माइल के साथ मेरा फिर से स्वागत किया। मैं थोड़ी आराम से बैठा हुआ टीवी देखता रहा और साजिया मेरे लिए चाय लेकर आ गई।
नासिर ने चाय का कप लिया और बोला:" आज शाम को खाने का क्या करना हैं ? कहीं बाहर चले क्या ?
साजिया:" जैसी आपकी मर्जी, रोज खाना ही तो बनाती हु। आज थोड़ा आराम भी मिल जायेगा।
नासिर:" अच्छा फिर आज शाम बाहर ही खायेंगे। यार मैं आज बिलाल भाई से मिला था और कुछ सामान लेना हैं मुझे उनसे, मुझे पांच लाख रुपए चाहिए जो मैने पिछले साल तुम्हे दिए थे।
साजिया मेरी बात सुनकर कांप सी गई और उसके माथे पर पसीना साफ छलक उठा और बोली:"
" अच्छा हान तुमने दिए तो थे। लेकिन बीच बीच में खर्च होते रहे और कुछ मैंने गरीबों के लिए कंबल खरीद लिए थे। अभी देखती हूं कितने बचे हैं।
इतना कहकर साजिया अंदर चली गई और मैं हैरानी से देखता रहा कि कितनी आसानी से वो मुझसे झूठ बोलके चली गई। मुझे समझ नही आ रहा था कि किस तरह उससे कहूं कि दो लाख रुपए तुमने साहिल को दे दिए हैं। मैं सब कुछ जानता था और मेरे पास साजिया की साहिल को पैसे देते हुए वीडियो भी थी लेकिन मैं नही चाहता था कि अभी साजिया को घर में लगे हुए कैमरे का पता चले इसलिए खामोश रहना ही बेहतर समझा।
थोड़ी देर के बाद साजिया आई और उसके हाथ में कुछ रुपए थे और मेरी तरफ देती हुई बोली:"
" लो ये ही बचे हैं बस। गिनती करके देखो एक बार कितने हैं
मैं जानता था कि साजिया एक भी रुपया कभी खर्च नही करती और ये पक्का तीन लाख ही बचे होंगे लेकिन फिर भी दिखावे के लिए गिनने लगा। मैं नोट गिन रहा था और साजिया चेहरे पर परेशानी के भाव लिए हुए मुझे देख रही थी। जैसे ही मैने गिनती पूरी करी तो साजिया से बोला:"
" अरे ये तो सिर्फ तीन लाख ही बच गए हैं। बड़ा खर्च कर दिया तुमने इस बार।
साजिया हल्का सा घबरा गई और फिर भाव दिखाते हुए बोली:"
" अब मैंने किसी की मदद ही करी है। आखिर अपना इतना किसके लिए कमाते हो।
नासिर" मदद करना अच्छी बात हैं लेकिन आगे से इतनी ज्यादा किसी की मदद करने से पहले मुझसे पूछ लेना क्योंकि बुरे वक्त में कोई साथ नहीं देता।
मैंने लगभग बात को खत्म करते हुए कहा और साजिया को भी ये सही मौका लगा और मुझसे लिपट गई और मेरा गाल चूम कर बोली:"
" आप बेफिक्र रहिए। आगे से मैं बिना आपकी मर्जी के कोई काम नही करूंगी।
नासिर ने भी बात को खत्म किया और साजिया को एक स्माइल देकर अपने कमरे में चला गया और पैसों को अपनी अलमारी में रख कर लॉक लगा दिया। नासिर ने अपनी एक नजर कैमरे पर डाली और सुकून की सांस ली कि आज कैमरे की मदद से उसके तीन लाख रुपए बच गए नही तो साजिया साहिल को ये तीन लाख देने से भी पीछे नहीं हटती।
शाम हो गई थी तो मैं बाहर हॉल में आया तो देखा कि साजिया पूरी तरह से तैयार हो गई थी और उसने एक बेहद की कसी हुई ड्रेस पहन रखी थी जिसमे उसके बड़े बड़े गोल गोल कठोर बूब्स पूरी तरह से कस कर बाहर की तरफ निकले हुए थे। पूरी तरह से कयामत, मैं सोच भी नही सकता था कि साजिया इतने कसे हुए और मॉडर्न कपड़े भी पहन सकती है। साजिया पूरी तरह से तैयार थी और अपनी एक सेल्फी लेने लगी।
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मैं समझ रहा था कि साजिया को ऐसे कपड़ो में देखकर लोग पागल हो जाएंगे और हो सकता हैं कि घर वापिस आने तक ये कोई नया आशिक और न बना ले। मैं तो पहले ही एक से परेशान था और बिलकुल नहीं चाहता था कि फिर से कोई नही मुसीबत खड़ी हो इसलिए थोड़ा हिम्मत करके बोला:"
" साजिया वैसे तुम इन कपड़ो में लग तो अच्छी रही हो लेकिन तुम्हे नही लगता क्या कि ये कपड़े कुछ ज्यादा ही फंस गए हैं तुम्हारे शरीर पर आज।
साजिया ने मुझे गौर से देखा और फिर एक स्माइल देते हुए बोली:"
" आप भी ना पहले तो मुझे खुद ऐसे कपड़े पहनने के लिए बोलते थे और अब पहन रही हु तो तुम्हे उसमे भी दिक्कत है। आखिर तुम चाहते क्या हो ?
साजिया का लहजा थोड़ा कड़वा हो गया और आज वो पहली बार आप से तुम पर उतर आई थी। मैने हिम्मत करके कहा:*
" मैं तो कुछ नही चाहता। बस ये ही कह रहा था कि ये कपड़े क्या सही रहेंगे ?
साजिया का मूड खराब हो गया और गुस्से से बोली:"
" तुम ना पता नहीं कैसे हो गए हो हुए हो ? रुको मैं एक काम करती हु कि ये कपड़े ही उतार देती हु।
इतना कहकर वो अपना त्रिया दिखाते हुए अंदर जाने लगी तो मैने उसे रोक दिया क्योंकि मैं उसे नाराज नहीं करना चाहता था और बोला:"
" प्लीज यार, ऐसे गुस्सा मत करो। अच्छे लग रहे हैं कपड़े। बस अब चलते हैं।
मेरे एक बार बोलने की देर थी और साजिया बिलकुल शांत हो गई लेकिन फिर भी मुझ पर दबाव बनाते हुए बोली:"
" इस बार मान जाती हु। आगे से ज्यादा रोक टोक करी तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।
मैं क्या बोलता।
इतना कहकर वो बाहर निकल गई और मैं भी उसके साथ ही आ गया और हम दोनो शहर में किसी अच्छे बड़े होटल की तरफ चल पड़े। रास्ते में साजिया चुप ही रही और जैसे ही हम गाड़ी से बाहर निकले तो उसकी चूचियां फिर से तन गई। साजिया ने मेरी तरफ देखा और एक पतला सा स्टॉल अपने सीने पर डाल दिया और बोली:"
" देखो अब सब ठीक हैं ना।
मैने साजिया की तरफ देखा और राहत की सांस ली क्योंकि अब पहले के मुकाबले उसकी चूचियां काफ़ी हद तक ढक गई थी। मैने साजिया को एक स्माइल दी और
जल्दी ही हम एक बड़े मॉल के बाहर खड़े हुए थे जहां का खाना सबसे ज्यादा मशहूर था। हम अंदर आ गए और साजिया ने अपने मोबाइल से एक नम्बर मिलाया और बोली:"
" साहिल हम आज मॉडर्न मॉल में आ गए हैं। तुम एक काम करना यहीं उतर जाना, घर पर कोई नही होगा।
मैं समझ गया कि इसने साहिल को फोन किया है। इसका मतलब इसके पास उसका नंबर भी आ गया। मुझे अगले ही पल अपनी सोच पर हंसी आ गई कि साजिया जिससे पिछले दो दिन से जी भरकर चुद रही हैं भला उसका इसके पास नही तो और किसके पास होगा।
खैर हम अंदर चले गए और मैंने स्टार्टर के लिए एक छोटा सा ऑर्डर दिया। साहिल भी आ गया तो उसे देखते ही साजिया फूल सी खिल उठी। मुझे ये सब देख कर अंदर ही अंदर बेहद गुस्सा आ था लेकिन मेरी साजिया को अब कोई परवाह ही नहीं थी। वो आया और मेरे पास ही सीट पर बैठ गया तो साजिया बोली
" अरे कोई दिक्कत तो नही हुई तुम्हे आने में ?
साहिल: नही बस बस पकड़कर सीधे यहीं उतर गया।
साजिया: अच्छा शमा कैसी हैं ? घर में कैसे हैं सब ?
इसी बीच स्टार्टर आ गए थे तो मैं बोला:" अरे भाई अब खाने पर ध्यान दो। बाकी बाते घर जाकर भी कर लेना।
मेरी बात सुनकर दोनो झेंप सी गए लेकिन फिर भी साहिल बोल ही पड़ा:"
" सब अच्छे है। और शमा बाजी बिलकुल ठीक हैं। आपके लिए उन्होंने मिठाई भेजी है।
थोड़ी देर तक शांति छाई रही और हमने सबने साथ में स्टार्टर खत्म कर दिए। उसके बाद थोड़ी देर के लिए उपर घूमने का प्लान बना और सभी उपर की तरफ चल पड़े। सभी मर्दों की निगाहे साजिया पर टिकी हुई थी और हम एक हॉल में बैठ गए जहां अब हल्के हल्के म्यूजिक की आवाज आ रही थीं।
साजिया:" यहां म्यूजिक भी बजता है ?
साहिल:" अरे म्यूजिक नहीं यहां डिस्को बार होता हैं जिसमे आजकल के लड़के लड़कियों और भाभी भी डांस करने आती है यहां।
साजिया की आंखे हैरत से खुल गई और बोली:" क्या सच में यहां डांस होता हैं जैसा फिल्मों में दिखाया जाता है ?
साहिल:" हान सच में बिलकुल वैसा ही होता है बल्कि उससे भी कहीं अच्छा क्योंकि फिल्मों में तो एक्टिंग होती हैं जबकि यहां सच में होता है।
साहिल की बात सुनकर साजिया ने नासिर की तरफ देखा और बोली:"
" चलो न नासिर, मुझे डांस दिखाओ ना, मेरा बहुत मन हैं ये सब सच में देखना का।
नासिर साजिया को नाराज नहीं करना चाहता था और वैसे भी डांस देखने में कोई बुराई नहीं थी तो वो साजिया के साथ चल पड़ा और पीछे पीछे साहिल भी। नासिर ने टिकट लिए और अंदर चले गए। साजिया देख रही थी तो अंदर ज्यादातर जोड़े ही थे तो तेज आवाज म्यूजिक में जोर जोर से डांस कर रहे थे। फ्लोर पर पड़ती रंग बिरंगी लाइट में सभी बेहद खूबसूरत लग रहे थे और साजिया के पैर मानो अपने आप ही थिरकने लगे। उसने नासिर का हाथ पकड़ लिया और बोली:"
" आओ ना हम भी डांस करते है देखो ना कितनी मस्ती कर रहे हैं सब यहां।
नासिर उसके साथ डांस फ्लोर भी चला गया और साहिल साजिया को हसरत भरी निगाहों से देखने लगा। नासिर को डांस नही आता था लेकिन साजिया की खुशी के लिए उसके साथ थिरकने लगा।डांस करते हुए साजिया बार बार नजरे बचाकर साहिल को देखकर स्माइल कर रही थी जो देखकर नासिर को बेहद बुरा लग रहा था।अभी कुछ मिनट ही हुए थे नासिर का फोन बज उठा और वो बोला:"
" मैं थोड़ी देर बाद आता हु। जरुरी कॉल है।
साजिया:" फिर मेरा क्या , मै किसके साथ डांस करू ? साहिल को बुला लूं क्या फ्लोर पर ?
नासिर को बुरा तो लगा लेकिन वो हंगामा नही चाहता था इसलिए बोला:" जैसे तुम्हे ठीक लगे करो। नए प्रोजेक्ट के लिए कॉल हैं। मैं बाद में आता हु।
इतना कहकर नासिर बाहर निकल गया और साजिया ने एक कामुक स्माइल के साथ साहिल को इशारा किया तो वो खुशी खुशी उसके पास आ गया और दोनो डांस करने लगे। साजिया अब बेहद खुशी महसूस कर रही थी और दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़ पर डांस कर रहे थे। जान बूझकर साजिया ने अपने सीने पर से दुपट्टा हटा दिया और उसकी बड़ी बड़ी गोल गोल उभरी हुई चूचियां उसके नाचने से उछलने लगी और साहिल ने साजिया का हाथ जोर से दबा दिया तो साजिया ने उसे स्माइल दी और तभी फ्लोर पर लाइट कम होती चली गई और म्यूजिक भी बेहद रोमांटिक होकर धीमा हो गया और वहां मौजूद जोड़ो ने एक दूसरे को अपनी बांहों में भर लिया और डांस करने लगे। साजिया खुद ही साहिल की बांहों में समा गई और उसकी चूचियां उसके सीने में घुस गई। नासिर अंदर आ गया था और अपनी बीवी को साहिल की बांहों में देखकर उसके तन बदन में आग लग गई लेकिन चाह कर भी कुछ नही कर सकता था। दोनो पूरी तरह से एक दूसरे की आंखो में देखते हुए मदहोश हो गए थे और किसी की कोई फिक्र नहीं थी। साहिल के साथ उसकी कमर पर थे और धीरे धीरे सहला रहे थे जिससे साजिया जोश में आकर अपनी चूचियां उसके सीने पर रगड़ रही थी। नासिर अपनी बीवी की हिम्मत पर हैरान हो रहा था कि साजिया इतनी भीड़ में भी साहिल के साथ कितनी मस्ती कर रही थी। साहिल के हाथ अब साजिया की गांड़ पर थे और हल्के हल्के सहला रहे थे और साजिया ने अब पूरी तरह से मदहोश होकर अपना सिर साहिल के कंधे पर टिका दिया मानो अपने आपको पूरी तरह से उसके हवाले कर दिया था। साहिल अब खुलकर उसकी गान्ड मसल रहा था और साजिया की नजर मुझ पर पड़ी तो उसने नाचने का बहाना करते करते अपने सिर को उसके कंधे पर से हटा लिया लेकिन उससे अलग नही हुई और मुझे स्माइल करते हुए नाचने लगी। थोड़ी देर के बाद लाइट और म्यूजिक बंद हुआ और साजिया का दुप्पटा फ्लोर पर ही गिर गया था। दोनो पूरी तरह से उत्तेजित थे और मैं नही होता तो अब तक साजिया चुद गई होती। मैं काउंटर पर बिल भरने लगा भीड़ ज्यादा थी तो मैं लाइन में लग गया और देखा की साजिया और साहिल दोनो गायब थे। मैने इधर उधर देखा लेकिन दोनो कहीं नहीं दिखाए दिए तो मैं समझ गया कि दोनो कहीं रोमांस कर रहे होंगे। अभी थोड़ा समय लगना था क्योंकि मेरे सामने लाइन में अभी भी चार या पांच लोग थे। मैने अपने मोबाइल को गाड़ी के कैमरे से जोड़ा तो मेरी आंखे हैरानी से चमक उठी।
पार्किंग में खड़ी हुई गाड़ी के अंदर साजिया अपनी सलवार उपर किए हुए सीट पर झुकी हुई थी और साहिल उसकी चूत चाट रहा था और मस्ती से सिसक रही थी और तभी साहिल ने अपने लंड को उसकी चूत पर रख कर जोर से धक्का मारा तो साजिया सीट पर गिर पड़ी तो सुविधा के लिए साजिया ने अपने हाथो को सीट पर टिका दिया और साहिल ने एक बार धक्का मारा तो लंड साजिया की चूत में घुस गया और साजिया दर्द और मजे से कराह उठी और साहिल ने बिना रुके दे दनादन उसकी चूत को पेलना शुरू कर दिया। पार्किंग में गाड़ी के अंदर मेरी बीवी पूरी तरह से बेखौफ होकर चुद रही थी। दोनो पूरी तरह से पहले ही गर्म हो हुए थे इसलिए साजिया की पहले से ही पानी पानी हुई चूत ज्यादा देर नहीं टिक गई और वो सिसकते हुए झड़ गई। चूत की गर्मी पाकर साहिल का तड़पता हुआ लंड भी पिघल गया और जोरदार धक्के के साथ वो भी झड़ता चला गया। दोनो ने अपने कपड़े ठीक किए और मेरा इंतजार करने लगे।
मेरा नंबर आया तो मैं बिल देकर बाहर निकल आया तो दोनो बिलकुल नॉर्मल व्यवहार कर रहे थे मानो कुछ हुआ ही नही हो। गाड़ी लेकर मैं घर की तरफ चल पड़ा और दोनो एक दूसरे को मेरी नजरो से बचकर स्माइल दे रहे थे और इसका मतलब पूरी तरह से साफ था कि दोनो ही इस जल्दी में हुई चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे और घर जाकर पूरी रात पलंग तोड़ने वाले थे।