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Adultery फैंटेसी या षडयंत्र

नाजिम को कैसे अपनी बीवी से बदला लेना चाहिए ?

  • मारपीट करनी चाहिए।

  • उसे तलाक देना चाहिए

  • किसी दूसरे ताकतवर से उसे चुदवाना चाहिए ?

  • नाजिम और किसी दूसरे मर्द दोनो को मिलकर चोदना चाहिए ?

  • दो अलग मर्दों से एक साथ चुदवाना चाहिए और तड़पते देख कर मजे करना चाहिए?

  • क्या देसी दवाई खाकर अपना स्टेमिना बढ़ाना कर बीवी को खुश करना चाहिए ?


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मैं ऑफिस पहुंच गया लेकिन काम में बिलकुल भी मन नही था। दिखाने के लिए मैने एक डॉक्टर को बुलाया और उसने साहिल को चेक किया और कुछ दवाई देकर चला गया। साहिल अपने काम में लग गया लेकिन मेरी नजर अभी भी साजिया पर ही बनी हुई थी जो बेचैनी से अब घर में इधर उधर टहल रही थी।

दिन भर मैं काम करता रहा और बीच बीच में मैंने साजिया को भी देखा जो पूरी तरह से बेचैन और परेशान दिखी चुदने के लिए। साजिया ने किसी को फोन किया और बात करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने फोन काट दिया और उसके होंठो पर मुस्कान आ गई । साजिया बाथरूम में गई और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपनी चूत को देखने लगी। उसकी गोरी चिकनी चूत लाल सुर्ख होकर बेहद खूबसूरत लग रही थी और लगभग पूरी तरह से साफ ही थी लेकिन उसने फिर भी अपनी चूत पर चमक रहे छोटे छोटे बालो को पूरी तरह से साफ किया और अपनी चूत के होंठो को सहला दिया और साहिल का नाम लेकर जोर से सिसक उठी।साजिया का ऐसा कामुक रूप मैने पहली बार देखा और मैने अंतिम निर्णय किया कि आज रात ही साजिया चुदेगी। मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता था उसकी दर्द भरी सिसकारियां सुनने के लिए, उसका तड़पता हुआ चेहरा देखने के लिए।

मैं थोड़ी देर के लिए ऑफिस से बाहर निकला और मेडिकल स्टोर से सेक्स पावर की कुछ गोलियां ली और वापिस अपने ऑफिस से निकल गया और घर की तरफ चल पड़ा। साहिल अपने कमरे में चला गया।

घर जाकर साजिया ने एक फीकी सी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया तो मैने उसे गले लगा लिया और बोला:"

" यार साजिया बिलाल भाई के यहां एक मीटिंग होगी आज रात तो मुझे जाना होगा। सुबह आ जाऊंगा वापिस। प्लीज तुम नाराज मत होना।

मेरी बात सुनते ही खुशी के मारे साजिया ने मुझे जोर से कस लिया और बोली:"

" ज्यादा जरूरी हैं क्या ?

नासिर:" हान जाना तो चाहिए। लेकिन अगर तुम कहोगी तो मैं नही जाऊंगा। मैं तुम्हे नाराज नहीं कर सकता बस।

साजिया:" देखो जीने के लिए पैसा भी जरूरी होता हैं और फिर एक ही रात की तो बात है। आप चले जाओ लेकिन कल वापिस पक्का आ जाना।

नासिर को पता था कि यही होगा और वो खुद भी यही चाहता था। उसने धीरे से एक हाथ साजिया की ब्रा में घुसा दिया तो उसकी तनी हुईं चूचियां महसूस करी और समझ गया कि साजिया चुदने के लिए पूरी तरह से तड़प रही है। नासिर ने कसकर उसकी चूची को मसल दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और बोली:"

" आह बस करो। कितनी देर बाद जाना होगा आपको ?

नासिर:" करीब आधे घंटे बाद निकल जाऊंगा।

इतना कहकर उसने उसकी पर एक उंगली रखी तो साजिया की गीली चूत में हल्का सा जोर देते ही उंगली घुस गई और साजिया उससे कसकर लिपट गई और बोली:

" चलो आप जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं खाना लगा देती हु।

साजिया मेरी पकड़ से निकल गई और किचन में घुस गई। मैं बाथरूम में चला गया और वापिस आया तो देखा कि साजिया और साहिल दोनो मेरा इंतजार कर रहे थे। खाना खाते हुए मैं बोला:"

" साहिल मैं रात के लिए कहीं मीटिंग में जा रहा हूं। घर का और साजिया का ध्यान रखना।

मेरी बात सुनकर साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"

" आप फिक्र मत कीजिए। मैं सब देख लूंगा। आप आराम से मीटिंग में जाइए।

मैने देखा कि साजिया के होंठ हिल रहे थे और वो कांप सी रही थी। साहिल टेबल के नीचे से उसकी टांग को सहला रहा था। मैं सब समझ गया और बोला:"

" साहिल अब कैसी तबियत हैं तुम्हारी ?

साहिल: अभी तो काफी आराम है। दिन में दावा दी थी लेकिन खाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।

नासिर:" ये क्या बात हुई भला ? दवा तो खानी चाहिए। साजिया इसको दवा खिला देना और इसका ध्यान रखना।

साजिया को जैसे आज मुझे नाराज ही नही करना चाहती थी सबने खाना खा लिया था और साजिया इसलिए बोली:_

" साहिल चलो पहले दवा खाओ। कहा हैं दवाई ?

साहिल:" मेरे कमरे में रखी हुई है। मैं लेकर आता हु।

इतना कहकर वो कमरे में गया और दवाई लेकर आ रहा और उसने पैकेट को खोला तो उसमें पत्ते से निकली हुई अलग अलग रंग की दो गोलियां थी। साहिल ने वो दोनो गोली खा ली तो मेरी आंखे चमक उठी।

मैं अपने कमरे में चला गया और साजिया भी मेरे पीछे ही आ गई। मेरे निकलने का समय हो गया था तो मैंने साजिया को एक किस किया और उसकी गांड़ को सहला कर चल पड़ा। उसने मुझे स्माइल दी और मैं साहिल से पास आ गया और बोला:"

" साहिल मुझे बस स्टेशन छोड़ कर आओ तुम।

साहिल और मैं बस स्टेशन की तरफ चल पड़े और थोड़ी देर में ही मैं उतर गया और साहिल की तरफ देखा जो थोड़ा बेचैन सा लग रहा था और उसकी आंखे हल्की हल्की लाल हो रही थी। मैं समझ गया कि दवा अपना असर दिखा रही है। साहिल वापिस घर की तरफ चल पड़ा और मैने एक ऑटो वाले को 50 रुपए दिए और पीछे पीछे मैं भी घर की तरफ चल पड़ा और ऑटो वाले ने मुझे शॉर्ट कट से कुछ ही मिनट में घर पहुंचा दिया जबकि साहिल अपनी जाम में ही फंसा हुआ था। मैं धीरे से दबे पांव घर के पीछे आया और इधर उधर देखने के बाद दीवार से चढ़कर अन्दर घुस गया और साजिया को कैमरे में देखा जो नहा रही थी तो अच्छा मौका देखकर घर की छत पर चला गया। अब मैं सुकून महसूस कर रहा था क्योंकि पूरी अंधेरी रात में मैं छत पर किसी को नजर नहीं आ सकता था और मैं साहिल के वापिस आने का इंतजार करने लगा। मैने देखा कि जाम खुल गया था और वो घर की तरफ बढ़ गया। अब वो काफी बेचैनी महसूस कर रहा था और उसकी आंखे लाल हो गई थी।


दूसरी तरफ साजिया अपने पूरी तरह से सजी हुई एक छोटी सी नाइटी में खड़ी हुई उसका इंतजार कर रही थी। साहिल ने गाड़ी को घर के अंदर पार्क किया और फिर उसने अंदर घुस कर दरवाजे को पूरी तरह से बंद कर दिया और अंदर की तरफ जैसे ही चला तो उसे साजिया खड़ी हुई नजर आई और साजिया ने उसे कामुक नजरो से देखते हुए एक सेक्सी स्माइल दी और अपनी बांह को उठाकर एक जोरदार अंगड़ाई ली और सोफे की तरफ चल पड़ी।


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साहिल ने तेजी से अपने कपड़े निकाल दिए और सिर्फ अंडरवियर में आगे बढ़ गया और साजिया अपनी चूचियां उसे दिखाती हुई सोफे पर बैठ गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी। साहिल तेजी से चलता हुआ उसके सामने पहुंच गया और उसने साजिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड के उभार पर टिका दिया तो साजिया की आंखे लाल होकर शर्म से झुक गई और चूचियां पूरी तरह से तन कर उभर आई।


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साहिल ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और उसे गोद में उठा लिया और दोनो एक दूसरे के होंठ चूसते हुए बेडरूम की तरफ बढ़ गए। साजिया की आंखे पूरी तरह से बंद थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया और कमरे की सारी लाइट बंद कर दी तो मुझे पसीना आ गया कि ये क्या हो गया। मैं तो इसे तड़पते हुए देखना चाहता था और अब मेरा बदला कैसे पूरा होगा और मन ही मन मैं दुआ करने लगा।


मेरी दुआ कुबूल हुई और ऐसी कुबूल हुई मैं सोच भी नही सकता था। साहिल उठा और उसने टेबल लैप को बेड पर झुका दिया और अब सिर्फ लाइट बेड पर ही थी और बाकी पूरे कमरे में ही क्या पूरे घर में अंधेरा था। मेरे लिए तो ये सोने पर सुहागा था। मैं नीचे आ गया और धीरे धीरे बेडरूम में घुस गया और अब मैं बिल्कुल बेड के पास खड़ा हुआ था और सब कुछ साफ शीशे की तरह दिख रहा था। साहिल फिर से बेड पर चढ़ गया और साजिया की नाइटी को उतार दिया और अब पूरी की पूरी नंगी साजिया लेटी थी जिसकी चूचियां पूरी तरह से अकड़ कर तनी हुई थी। साहिल ने बिना देर किए उसकी दोनो चुचियों को अपने हाथों में कस लिया और जोर जोर से पागलों की तरह भींचने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल को देखा तो साहिल ने उसकी चूचियां और जोर जोर से मसलनी शुरू कर दी और साजिया तड़प उठी। उसके चेहरे पर दर्द और मस्ती के भाव उभर रहे थे और उसकी सिसकियां सुनकर मुझे सुकून मिल रहा था। साहिल ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो साजिया मस्ती से भर गई और उसका सिर अपनी चूची पर दबाने लगी तो साहिल ने उसकी नंगी चूत को छुआ और साजिया उछल पड़ी और उसकी आधे से ज़्यादा चूची साहिल के मुंह में घुस गई। मैं साजिया की बेचैनी और मस्ती देखकर खुश हो गया और अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा। साहिल ने साजिया की गीली चूत में दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल का लंड मसल दिया तो साहिल ने अपना लंड नंगा करके उसके हाथ में थमा दिया तो साजिया कांप उठी और धीरे धीरे उसे सहलाने लगीं । उसकी पूरी लंबाई को महसूस करके साजिया की चूत डर के मारे सिकुड़ सी गई और साहिल ने नीचे आते हुए उसकी चूत को चूस लिया तो साजिया मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल, नजीईईई

साहिल ने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और साजिया बावली सी हो गई और अपनी जांघो को पूरी तरह से फैला कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और लंड चूत से जा टकराया तो साजिया उससे कसकर लिपट गई और मैं बिल्कुल साफ साफ देख रहा था कि साजिया की मासूम सी चूत लंड से पूरी तरह से ढक सी गई थी और साहिल ने उसकी चूचियां पकड़ कर एक धक्का मारा तो सुपाड़ा उसकी चूत मे घुस गया।


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साजिया दर्द से तड़प उठी तो साहिल ने फिर से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से तगड़ा धक्का मारा तो आधा लंड साजिया की चूत में घुस गया और साजिया की दर्द भरी कराह कमरे में गूंज उठी और उसके चेहरे पर पूरा दर्द उभर गया अपने हाथ पैर पटकने लगी और तभी साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल लिया और साजिया ने आगे आने वाले दर्द को सोचकर दोनो हाथों से अपना मुह कसकर बंद कर लिया और साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक मेरी आंखो के सामने मेरी साजिया की चूत को फाड़ते हुए जड़ तक उतर गया।
साजिया दर्द से तड़प उठी और उसकी जोरदार चींख सुनकर मेरा दिल तड़प सा उठा और मन किया कि साहिल कोई उपर से हटा दू लेकिन मैं खुशी खुशी अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा। साहिल का चेहरा आंसुओ से भीग गया था और साहिल अपने लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींच रहा था लेकिन लंड इतना ज्यादा कसा हुआ था कि लंड के साथ साथ साजिया अपनी चूत के साथ उपर उठती चली गई और साजिया फिर से दर्द से कराह उठी और अपना हाथ से लंड को पकड़ कर धीरे धीरे तड़पती हुई उसे बाहर निकालने लगी।


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साजिया की चूत के होंठ लंड के साथ उलट पड़े और साहिल बिना उसके दर्द की परवाह किए फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड पूरा अन्दर। साजिया फिर से दर्द से बहुत जोर से कराह उठी और साहिल ने बिना रुके धक्के लगाने शुरू किए तो साजिया की दर्द भरी सिसकारियां बढ़ती चली गई और साहिल ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। साजिया दर्द से कराह कर अपने पैर उधर इधर पटक रही थी और साहिल उसकी चूची चूसते हुए बिना रुके धक्के लगा रहा था। कुछ देर से बाद साजिया की गांड़ लंड के साथ थिरकने लगी तो साहिल ने उसके मुंह पर से तकिया हटा दिया और साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकने लगीं और अपनी टांगो को उसकी पीठ पर लपेट दिया। साहिल अब जोर जोर से धक्के मारने लगा और साजिया मस्ती से चुदने लगी। साजिया अब जोर जोर से अपनी गांड़ उठा उठा कर लंड ले रही थी और उसका पूरा बदन कांप रहा था। पूरे घर में उसकी मस्ती भरी सिसकियां गूंज रही थी और लंड चूत के टकराने की थप थप की मधुर आवाज। साहिल चोदता रहा और साजिया सिसक सिसक कर चुदती रही और साजिया का पूरा बदन कांप मस्ती से सिसकते हुए झड़ती चली गई और साहिल को कस लिया और साहिल तेजी से उसकी चिकनी हो गई चूत में धड़ाधड़ धक्के लगाते हुए चोदने लगा और साजिया और और मस्ती से सिसक उठी। तभी साहिल ने अपने पूरे लंड को बाहर निकाल कर आखिरी भरपूर धक्का लगाया और उसकी चूत में अपने वीर्य की पिचकारी मारने लगा तो साजिया मस्ती से सिसक कर उससे लिपट गई। मैने भी जोर से अपना लंड रगड़ा और मेरा भी काम तमाम हो गया।
साजिया खुशी खुशी साहिल को चूम रही थी।

थोड़ी देर के बाद साहिल का लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने साजिया को उठा उठा कर चोदा, पटक पटक कर चोदा, मसल मसल कर चोदा और साजिया दर्द से तड़पती रही, कराहती रही लेकिन चुदती रही।

एक बार झड़ने के बाद मैं थक सा गया लेकिन साजिया को चुदते हुए देखता रहा।।

दोनो बुरी तरह से थक हुए थे और साजिया का हाल बेहाल हो गया था और दोनो पड़े हुए अपनी सांसे ठीक कर रहे थे। साजिया उससे कसकर लिपटी हुई थी और बोली:"

" उफ्फ साहिल, कितने बेदर्द हो तुम। बिलकुल भी रहम नहीं किया।

साहिल ने साजिया का हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर रख दिया और बोला:"

"क्या चूत हैं तुम्हारी, उफ्फ अभी कितनी कसी हुई है। जी करता हैं तुम्हे चोदता रहूं।

साजिया की चूत फिर से फड़क उठी और वो जोर जोर से लंड सहलाने लगी तो देखते ही देखते लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख्त हो गया और साहिल ने लेटे लेटे ही उसकी एक टांग को उपर उठाया और फिर से उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साजिया फिर से दर्द से तड़प उठी और साहिल ने बिना रुके तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और साजिया एक बार फिर से बिस्तर पर अपने जिस्म को पटकने लगी।


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साजिया बुरी तरह से चुद रही थी और मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया और मैने फिर से सहलाना शुरू कर दिया और साहिल साजिया की दर्द भरी सिसकारियां सुनके पागल सा हो गया और तगड़े धक्के मारने लगी तो साजिया मस्ती और दर्द से जोर जोर से सिसकने लगी और पुरे घर में उसकी दर्द भरी सिसकारियां गूंज रही थी। ऐसी चुदाई तो मैं उसकी अभी तक नही कर पाया था और साहिल बिना रुके जोर जोर से पहले से ज्यादा तेज धक्के मार रहा रहा था और साजिया जोर जोर से पूरी जोर जोर से तड़प कर चुद रही थी तो टैबलेट के कारण साहिल के लंड में तनाव आने लगा और साजिया की चूत में तेज दर्द होने लगा तो वो कराह उठी और साहिल ने उसके मुंह को अपनी तारीफ खींचा और अपने हाथ से उसका मुंह बंद करते हुए उसकी कमर को थाम कर चोदने लगा।


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साजिया पागल सी हो गई और उसकी चूत में एक बार फिर से कंपकपी सी उठी और साजिया अपने बदन को पटकती हुई झड़ती चली गई जिससे चूत चिकनी हो गई और लंड और तेजी से घुस रहा था। साजिया से अब बर्दास्त नही हो रहा था और उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और वो पूरी जान लगाकर उससे छूट गई और साहिल का लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया तो साजिया ने सुकून की सांस ली और तभी साहिल ने बेड पर खड़ी हुई साजिया की एक टांग को जबरदस्ती अपने कंधे तक उपर उठा लिया जिससे साजिया की चूत पूरी तरह से नासिर की आंखो के आगे खुल गई। उफ्फ बिलकुल लाल सुर्ख हो गई थी चुदके साहिल ने और नीचे से बिना देर उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साहिल को साजिया की चूत पूरी तरह से खुलती हुई साफ साफ दिखी साहिल बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के पेलने लगा।


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साजिया की चूत पहली बार ऐसे चुद रही थी और बेहद मजा आने लगा और उसकी चूत फिर से गर्म हो गई और साजिया खुद ही अपनी चूत लंड पर आगे पीछे करने लगी और साहिल ने उसकी आंखो में देखते हुए चोदना शुरू कर दिया। साजिया को इतना मजा आज तक नही आया था और उसकी जीभ बाहर निकल आई और साहिल के होंठो पर फेर दिया तो साहिल की भी जीभ बाहर निकल गई और साजिया उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाती और फिर पीछे को खीच लेती। साहिल तड़प उठा और उसने जोर आगे होकर उसकी जीभ को पकड़ लिया और जोर जोर से चूसने लगा और लंड चूत से बाहर निकल गया तो दोनो तड़प उठे और साहिल ने साजिया को बेड पर ही झुका दिया किसी घोड़ी की तरह और पीछे से लंड घुसा दिया तो साजिया के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी।


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साहिल जोर जोर से धक्के मारने लगा और लंड जोर जोर से बच्चेदानी पर लगने तो साजिया से बर्दास्त नही और उसकी चूत एक बार फिर से झड़ती चली गई और साजिया का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी। साहिल का लंड अब अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुका था और साजिया की चूत फट रही थी। हर धक्के पर साजिया की बच्चेदानी फैल और सिकुड़ रही थी और साजिया से इतना दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और उसे पीछे को ढलकेने लगी तो साहिल ने उसके बाल पकड़ लिए और उसकी कमर को पूरी ताकत से थामकर तूफानी रफ्तार से धक्के मारने लगा

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दर्द से जोर जोर से कराहती, तड़पती हुई, मचलती हुई साजिया चींख रही थी चिल्ला रही थी और उसे पीछे को धकेल रही थी लेकिन साहिल पर अब गोली पूरा असर दिखा रही थी और वो साजिया को चोदता जा रहा था। साजिया की गोरी गांड़ के उभार साहिल की जांघो से टकरा कर लाल हो हुए थे और जितनी जोर से दर्द से बिलबिलाती हुई साजिया उसे पीछे को धकेलती साहिल उससे कहीं ज्यादा जोर से धक्का मारता और साजिया से बर्दास्त नही हुआ और बेड पर गिर पड़ी। साजिया के बेड पर गिरते ही साहिल ने और ज्यादा जोर से दबोच लिया और साजिया के दोनो हाथ पकड़कर उसकी पीठ कर अपने हाथ में कस लिए और किसी पागल सांड की तरह साजिया पर टूट पड़ा। साजिया की गांड़ थप थप कर हिल रही थी और वो गला फाड़कर चींख रही थी और दर्द से इधर उधर सिर पटक रही थी लेकिन साजिया की कसी चूत इतनी कसी चूत को चोद कर साहिल मस्ती से पागल हो गया था और अपना पूरा दम लगा रहा था।


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साजिया के हाथ की आधे से ज्यादा चूड़ियां टूट गई थी और साहिल के लंड में अब पहली बार तनाव अपने चरम पर था और साहिल बावला सा होकर पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर चोदने लगा तो साजिया की आंखो से आंसू निकल पड़े और नासिर ये देखकर खुशी महसूस कर रहा था। तभी साहिल का बदन कांपने लगा और उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगी और उसने जोर से एक आखिरी तगड़ा धक्का लगाया और पूरा लंड किसी मोटे लट्ठ के समान साजिया की चूत में गड़ गया और साहिल साजिया के उपर उसकी कमर पर गिर पड़ा। साजिया दर्द के मारे पूरी ताकत से चिल्ला उठी क्योंकि लंड कम से कम दो इंच उसकी बच्चेदानी में घुस गया था नासिर का लंड भी पिघल गया और नासिर कमरे से बाहर निकल गया। साजिया बेसुध सी हुई पड़ी थी और साहिल किसी जानवर की तरह उसे चाट रहा था, चूम था था और साजिया अभी भी दर्द से कराह रही थी। साहिल उपर से हट गया और साजिया को अपनी तरफ खींच लिया तो किसी बेजान की तरह खींचती हुई साजिया उससे कसकर लिपट गई।
 
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मैं ऑफिस पहुंच गया लेकिन काम में बिलकुल भी मन नही था। दिखाने के लिए मैने एक डॉक्टर को बुलाया और उसने साहिल को चेक किया और कुछ दवाई देकर चला गया। साहिल अपने काम में लग गया लेकिन मेरी नजर अभी भी साजिया पर ही बनी हुई थी जो बेचैनी से अब घर में इधर उधर टहल रही थी।

दिन भर मैं काम करता रहा और बीच बीच में मैंने साजिया को भी देखा जो पूरी तरह से बेचैन और परेशान दिखी चुदने के लिए। साजिया ने किसी को फोन किया और बात करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने फोन काट दिया और उसके होंठो पर मुस्कान आ गई । साजिया बाथरूम में गई और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपनी चूत को देखने लगी। उसकी गोरी चिकनी चूत लाल सुर्ख होकर बेहद खूबसूरत लग रही थी और लगभग पूरी तरह से साफ ही थी लेकिन उसने फिर भी अपनी चूत पर चमक रहे छोटे छोटे बालो को पूरी तरह से साफ किया और अपनी चूत के होंठो को सहला दिया और साहिल का नाम लेकर जोर से सिसक उठी।साजिया का ऐसा कामुक रूप मैने पहली बार देखा और मैने अंतिम निर्णय किया कि आज रात ही साजिया चुदेगी। मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता था उसकी दर्द भरी सिसकारियां सुनने के लिए, उसका तड़पता हुआ चेहरा देखने के लिए।

मैं थोड़ी देर के लिए ऑफिस से बाहर निकला और मेडिकल स्टोर से सेक्स पावर की कुछ गोलियां ली और वापिस अपने ऑफिस से निकल गया और घर की तरफ चल पड़ा। साहिल अपने कमरे में चला गया।

घर जाकर साजिया ने एक फीकी सी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया तो मैने उसे गले लगा लिया और बोला:"

" यार साजिया बिलाल भाई के यहां एक मीटिंग होगी आज रात तो मुझे जाना होगा। सुबह आ जाऊंगा वापिस। प्लीज तुम नाराज मत होना।

मेरी बात सुनते ही खुशी के मारे साजिया ने मुझे जोर से कस लिया और बोली:"

" ज्यादा जरूरी हैं क्या ?

नासिर:" हान जाना तो चाहिए। लेकिन अगर तुम कहोगी तो मैं नही जाऊंगा। मैं तुम्हे नाराज नहीं कर सकता बस।

साजिया:" देखो जीने के लिए पैसा भी जरूरी होता हैं और फिर एक ही रात की तो बात है। आप चले जाओ लेकिन कल वापिस पक्का आ जाना।

नासिर को पता था कि यही होगा और वो खुद भी यही चाहता था। उसने धीरे से एक हाथ साजिया की ब्रा में घुसा दिया तो उसकी तनी हुईं चूचियां महसूस करी और समझ गया कि साजिया चुदने के लिए पूरी तरह से तड़प रही है। नासिर ने कसकर उसकी चूची को मसल दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और बोली:"

" आह बस करो। कितनी देर बाद जाना होगा आपको ?

नासिर:" करीब आधे घंटे बाद निकल जाऊंगा।

इतना कहकर उसने उसकी पर एक उंगली रखी तो साजिया की गीली चूत में हल्का सा जोर देते ही उंगली घुस गई और साजिया उससे कसकर लिपट गई और बोली:

" चलो आप जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं खाना लगा देती हु।

साजिया मेरी पकड़ से निकल गई और किचन में घुस गई। मैं बाथरूम में चला गया और वापिस आया तो देखा कि साजिया और साहिल दोनो मेरा इंतजार कर रहे थे। खाना खाते हुए मैं बोला:"

" साहिल मैं रात के लिए कहीं मीटिंग में जा रहा हूं। घर का और साजिया का ध्यान रखना।

मेरी बात सुनकर साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"

" आप फिक्र मत कीजिए। मैं सब देख लूंगा। आप आराम से मीटिंग में जाइए।

मैने देखा कि साजिया के होंठ हिल रहे थे और वो कांप सी रही थी। साहिल टेबल के नीचे से उसकी टांग को सहला रहा था। मैं सब समझ गया और बोला:"

" साहिल अब कैसी तबियत हैं तुम्हारी ?

साहिल: अभी तो काफी आराम है। दिन में दावा दी थी लेकिन खाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।

नासिर:" ये क्या बात हुई भला ? दवा तो खानी चाहिए। साजिया इसको दवा खिला देना और इसका ध्यान रखना।

साजिया को जैसे आज मुझे नाराज ही नही करना चाहती थी सबने खाना खा लिया था और साजिया इसलिए बोली:_

" साहिल चलो पहले दवा खाओ। कहा हैं दवाई ?

साहिल:" मेरे कमरे में रखी हुई है। मैं लेकर आता हु।

इतना कहकर वो कमरे में गया और दवाई लेकर आ रहा और उसने पैकेट को खोला तो उसमें पत्ते से निकली हुई अलग अलग रंग की दो गोलियां थी। साहिल ने वो दोनो गोली खा ली तो मेरी आंखे चमक उठी।

मैं अपने कमरे में चला गया और साजिया भी मेरे पीछे ही आ गई। मेरे निकलने का समय हो गया था तो मैंने साजिया को एक किस किया और उसकी गांड़ को सहला कर चल पड़ा। उसने मुझे स्माइल दी और मैं साहिल से पास आ गया और बोला:"

" साहिल मुझे बस स्टेशन छोड़ कर आओ तुम।

साहिल और मैं बस स्टेशन की तरफ चल पड़े और थोड़ी देर में ही मैं उतर गया और साहिल की तरफ देखा जो थोड़ा बेचैन सा लग रहा था और उसकी आंखे हल्की हल्की लाल हो रही थी। मैं समझ गया कि दवा अपना असर दिखा रही है। साहिल वापिस घर की तरफ चल पड़ा और मैने एक ऑटो वाले को 50 रुपए दिए और पीछे पीछे मैं भी घर की तरफ चल पड़ा और ऑटो वाले ने मुझे शॉर्ट कट से कुछ ही मिनट में घर पहुंचा दिया जबकि साहिल अपनी जाम में ही फंसा हुआ था। मैं धीरे से दबे पांव घर के पीछे आया और इधर उधर देखने के बाद दीवार से चढ़कर अन्दर घुस गया और साजिया को कैमरे में देखा जो नहा रही थी तो अच्छा मौका देखकर घर की छत पर चला गया। अब मैं सुकून महसूस कर रहा था क्योंकि पूरी अंधेरी रात में मैं छत पर किसी को नजर नहीं आ सकता था और मैं साहिल के वापिस आने का इंतजार करने लगा। मैने देखा कि जाम खुल गया था और वो घर की तरफ बढ़ गया। अब वो काफी बेचैनी महसूस कर रहा था और उसकी आंखे लाल हो गई थी।


दूसरी तरफ साजिया अपने पूरी तरह से सजी हुई एक छोटी सी नाइटी में खड़ी हुई उसका इंतजार कर रही थी। साहिल ने गाड़ी को घर के अंदर पार्क किया और फिर उसने अंदर घुस कर दरवाजे को पूरी तरह से बंद कर दिया और अंदर की तरफ जैसे ही चला तो उसे साजिया खड़ी हुई नजर आई और साजिया ने उसे कामुक नजरो से देखते हुए एक सेक्सी स्माइल दी और अपनी बांह को उठाकर एक जोरदार अंगड़ाई ली और सोफे की तरफ चल पड़ी।


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साहिल ने तेजी से अपने कपड़े निकाल दिए और सिर्फ अंडरवियर में आगे बढ़ गया और साजिया अपनी चूचियां उसे दिखाती हुई सोफे पर बैठ गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी। साहिल तेजी से चलता हुआ उसके सामने पहुंच गया और उसने साजिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड के उभार पर टिका दिया तो साजिया की आंखे लाल होकर शर्म से झुक गई और चूचियां पूरी तरह से तन कर उभर आई।


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साहिल ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और उसे गोद में उठा लिया और दोनो एक दूसरे के होंठ चूसते हुए बेडरूम की तरफ बढ़ गए। साजिया की आंखे पूरी तरह से बंद थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया और कमरे की सारी लाइट बंद कर दी तो मुझे पसीना आ गया कि ये क्या हो गया। मैं तो इसे तड़पते हुए देखना चाहता था और अब मेरा बदला कैसे पूरा होगा और मन ही मन मैं दुआ करने लगा।


मेरी दुआ कुबूल हुई और ऐसी कुबूल हुई मैं सोच भी नही सकता था। साहिल उठा और उसने टेबल लैप को बेड पर झुका दिया और अब सिर्फ लाइट बेड पर ही थी और बाकी पूरे कमरे में ही क्या पूरे घर में अंधेरा था। मेरे लिए तो ये सोने पर सुहागा था। मैं नीचे आ गया और धीरे धीरे बेडरूम में घुस गया और अब मैं बिल्कुल बेड के पास खड़ा हुआ था और सब कुछ साफ शीशे की तरह दिख रहा था। साहिल फिर से बेड पर चढ़ गया और साजिया की नाइटी को उतार दिया और अब पूरी की पूरी नंगी साजिया लेटी थी जिसकी चूचियां पूरी तरह से अकड़ कर तनी हुई थी। साहिल ने बिना देर किए उसकी दोनो चुचियों को अपने हाथों में कस लिया और जोर जोर से पागलों की तरह भींचने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल को देखा तो साहिल ने उसकी चूचियां और जोर जोर से मसलनी शुरू कर दी और साजिया तड़प उठी। उसके चेहरे पर दर्द और मस्ती के भाव उभर रहे थे और उसकी सिसकियां सुनकर मुझे सुकून मिल रहा था। साहिल ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो साजिया मस्ती से भर गई और उसका सिर अपनी चूची पर दबाने लगी तो साहिल ने उसकी नंगी चूत को छुआ और साजिया उछल पड़ी और उसकी आधे से ज़्यादा चूची साहिल के मुंह में घुस गई। मैं साजिया की बेचैनी और मस्ती देखकर खुश हो गया और अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा। साहिल ने साजिया की गीली चूत में दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल का लंड मसल दिया तो साहिल ने अपना लंड नंगा करके उसके हाथ में थमा दिया तो साजिया कांप उठी और धीरे धीरे उसे सहलाने लगीं । उसकी पूरी लंबाई को महसूस करके साजिया की चूत डर के मारे सिकुड़ सी गई और साहिल ने नीचे आते हुए उसकी चूत को चूस लिया तो साजिया मस्ती से सिसक उठी

" आह साहिल, नजीईईई

साहिल ने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और साजिया बावली सी हो गई और अपनी जांघो को पूरी तरह से फैला कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और लंड चूत से जा टकराया तो साजिया उससे कसकर लिपट गई और मैं बिल्कुल साफ साफ देख रहा था कि साजिया की मासूम सी चूत लंड से पूरी तरह से ढक सी गई थी और साहिल ने उसकी चूचियां पकड़ कर एक धक्का मारा तो सुपाड़ा उसकी चूत मे घुस गया।साजिया दर्द से तड़प उठी
तो साहिल ने फिर से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से तगड़ा धक्का मारा तो आधा लंड साजिया की चूत में घुस गया और साजिया की दर्द भरी कराह कमरे में गूंज उठी और उसके चेहरे पर पूरा दर्द उभर गया अपने हाथ पैर पटकने लगी और तभी साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल लिया और साजिया ने आगे आने वाले दर्द को सोचकर दोनो हाथों से अपना मुह कसकर बंद कर लिया और साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक मेरी आंखो के सामने मेरी साजिया की चूत को फाड़ते हुए जड़ तक उतर गया।
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साजिया और साहिल दोनो पार्क में घूम रहे थे और साहिल बीच बीच में उसकी चूचियां का उभार देख रहा और साजिया को अब इससे शर्म या डर नही लग रहा था बल्कि खुशी महसूस हो रही थी कि अभी भी उसकी जवानी मे वही कशिश बाकी हैं और नासिर ठीक कहता था कि मेरी चूचियां सबको दीवाना बना देगी।

दोनो आपस में बात भी कर रहे थे और पार्क में काफी सारे परिवार आए हुए थे और कोई खेल रहा था तो को मस्ती कर रहा था। चलते चलते दोनो धीरे धीरे पार्क में दाई तरफ मुंह गए जिधर घना जंगल था और पेड़ ही पेड़ खड़े हुए थे। दोनो पहली बार आए थे इसलिए उन्हें नही पता था कि आगे सिर्फ सिर्फ उन्हें प्रेमी जोड़े ही मिलेंगे।

दोनो चल ही रहे थे कि तभी सामने बेंच पर एक जोड़ा दिखाई दिया। लड़की बैठी हुई थी और लड़का उसकी जांघो पर सिर टिकाए लेटा हुआ था मानो उन्हें दुनिया से कुछ लेना देना ही नही हो। साजिया की सांसे तेज हो जाती और वो ये सब देख कर आगे बढ़ गई और उसकी गांड़ अपने आप जोर जोर से मटकने लगी कभी दांए तो कभी बांए।


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साहिल उसकी मटकती हुई गांड़ देखकर पूरी तरह से उसका दीवाना हो गया और उससे बाते करने लगा और बोला:"

" वैसे ये पार्क काफी खूबसूरत हैं ना ।

साजिया ने उसे पलट कर देखा और बोली:"

" हान काफी अच्छा लग रहा है यहां आके मुझे, सच में बेहद खूबसूरत हैं।

साहिल:" हान खूबसूरत तो हैं लेकिन आपसे ज्यादा नहीं।

साजिया अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और बोली:"

" तुम भी ना, बस मेरी झूठी तारीफ कर रहे हो। मैं कहां खूबसूरत हु।

इतना कहकर साजिया एक पेड़ के नीचे रुक गई और दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। साजिया की सांसे चलने से तेज हुई थी और उसकी चुचियों में कंपन हो रहा था। साजिया ने अपना हिजाब ठीक करने के लिए हाथ उपर किया और उसकी चूचियां उसकी कोहनी से दब कर पूरी तरह से खिल गई और साहिल ने अपनी नजरे उसकी चुचियों कर एक बार फिर से टिका दी और बोला:"

" सच में आप बेहद खूबसूरत हो, आपसे खुबसूरत कोई हो नहीं सकता। आपमे से कितनी अच्छी कितनी अच्छी खुशबू आती हैं सच में नासिर भाई बहुत किस्मत वाले है।

साजिया अपनी तारीफ सुनकर पिघलने लगी और बोली:"

" बस तुम भी ना कुछ भी बोलते हो, मुझसे से नही लैवेंडर से खुशबू आती है।

साहिल:" अच्छा ओह, आप मुझे लैवेंडर देने के लिए बोल रही थी न घर जाकर। आप सच में देगी न मुझे एक बॉटल ?

साजिया उसकी बात सुनकर स्माइल करती हुई बोली:"

" हान बाबा पक्का दूंगी। बस अब खुश, पूरी रात सूंघते रहना उसकी खुशबू। बस अब खुश।

साहिल:" ठीक है मैं आपका इंतजार करूंगा कि कब आप लैवेंडर लेकर आएगी। वैसे एक बात कहूं

साजिया:" हान बोलो ना ?

साहिल:" इतनी गर्मी हैं और फिर यहां तो कोई और हैं भी नही, आप अपना हिजाब उतार दीजिए ना, आपको थोड़ी राहत मिलेगी।

साजिया को उसकी बात ठीक लगी और उसने अपना हिजाब उतार दिया और उसका खूबसूरत चेहरा जगमगा उठा और साहिल बोला:"

" आप सच में बेहद खूबसूरत हैं। आपके जैसा हुस्न कहीं हो ही नहीं सकता।

साजिया ने उसे फिर से स्माइल दी और इधर उधर देखने लगी।
हिजाब उतारने से उसकी लिपिस्टिक खराब होकर फैल गई और साहिल बोला:"

" आपकी लिपिस्टिक फैल गई है आप ठीक कर लीजिए।

साजिया उसकी बात सुनकर सहम सी गई और बोली:"

" क्या सच में फैल गई उफ्फ अब कैसे ठीक करू बिना शीशे के ? शीशा पर्स में ही रह गया।

इतना कहकर उसने अपनी उंगली से अपने होंठो को छुआ और देखा कि उसके दोनो लिप्स की लिपिस्टिक फैल गई थी और साजिया परेशान हो उठी। उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करे तभी साहिल बोला:"

" आप इतनी परेशान मत होइए। सब ठीक हो जायेगा। आप कोशिश कीजिए।

साजिया:" परेशान होने की ही तो बात है। कोई देखेगा तो क्या सोचेगा मेरे बारे में कि लिपिस्टिक कैसे फैल गई ?

साजिया की बात का मतलब साहिल समझ गया और उसके बदन में भी सनसनी सी दौड़ गई और बोला:"

" ओह मतलब लिपिस्टिक आपकी फैली और इल्जाम मुझ पर आयेगा।

साजिया उसकी बात सुनकर खड़ी खड़ी कांप उठी और और बोली:"

" तुम पर भला क्यों इल्जाम आएगा ? इसमें तुम्हारी क्या गलती ?

इतना कहकर साजिया ने अपना रुमाल जान बूझकर नीचे गिरा दिया और उठाने के लिए झुकी और उसकी चूचियां उछल पड़ी तो साहिल तड़प ये देख कर तड़प उठा और इससे पहले कि कुछ बोलता साजिया उपर उठी और लड़खड़ा कर गिरने लगी तो साहिल ने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे फिर से थाम लिया और दोनो के चेहरे बिलकुल एक दूसरे के सामने आ गए और साजिया का दिल तेजी से धकड उठा और अपना मुंह नीचे कर लिया तो साहिल बोला:"

" इल्जाम तो मुझ पर आयेगा आपकी लिपिस्टिक फैलने का।

साजिया उसके हाथो की मजबूत पकड़ में कसमसा उठी और फिर से बोली:"

" तुम पर क्यों इल्जाम आया भला ? तुम्हारी क्या गलती ?

साहिल ने हिम्मत करते हुए एक हाथ से उसका चेहरा पकड़ कर ऊपर किया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:"

" सब यही सोचेंगे कि मैंने ही तुम्हारे ये नाजुक रसीले होंठ चूसकर लिपिस्टिक को फैला दिया है।

उसकी बात सुनकर साजिया शर्म से लाल हो गई और अपना दोनो हाथो से मुंह छुपाकर बोली:"

" हाय अल्लाह। कैसी गंदी बात करते हो तुम। बड़े शैतान हो तुम।

साहिल उसकी इस अदा पर मर मिटा और बोला:"

" अगर आपको बुरा न लगे तो मैं ही आपकी लिपिस्टिक ठीक कर दू ताकि मुझ पर इल्जाम न आए।


साजिया उसकी बात सुनकर कांप उठी। वो अभी भी उसकी बांहों में ही थी और न ही उसने छूटने का प्रयास किया और न ही साहिल ने अपनी पकड़ ढीली करी। साजिया ने हिम्मत करके अपना चेहरा ऊपर उठाया और बोली:"

" अगर किसी ने देख लिया तो मैं किसी को मुंह दिखाने के लायक नही रहूंगी।

साहिल समझ गया कि साजिया को दिक्कत नहीं हैं बस डर रही हैं इसलिए बोला:"

" आप डरिए मत। यहां दूर दूर तक कोई नही है। इसलिए किसी को पता नही चलेगा। लेकिन अगर लिपिस्टिक ठीक नही हुई तो नासिर को जरूर पता चल जायेगा।

अपने पति को पता चलने की बात सुनकर साजिया का रोम रोम डर के मारे कांप उठा और उसने एक बार फिर से इधर उधर देखा और अपनी सहमति दे दी और बोली:"

" यहां दूर से ही दिख रहा है, कोई देख ना ले।

साहिल उसका डर समझ गया और उसे बांहों में लिए हुए ही पूरी तरह से पेड़ के पीछे हो गया। अब चहके भी कोई उन्हें देख नही सकता था और साजिया ने अब बेफिक्र होकर अपने बदन को ढीला छोड़ दिया और अपनी आंखे बंद कर ली। साहिल ने अपनी उंगली को उसके होठों के पास रखा और लिपिस्टिक साफ करने लगा लेकिन लिपिस्टिक हट ही नहीं रही थी तो साहिल उसके कान में धीरे से बोला:"

" लिपिस्टिक सूख गई है। ऐसे नही हटेगी। आप अपने होंठ गीले कर लीजिए।

साजिया उसकी बात सुनकर मचल उठी और उसने कांपते हुए अपनी तीखी सी रसीली पतली सी जीभ बाहर निकाली और अपने होंठो पर फेरने लगी तो साहिल का मन किया कि उसकी जीभ को मुंह में भरकर चूस ले लेकिन अपने आप पर काबू रखा लेकिन उसका लंड अकड़ना शुरू हो गया और धीरे धीरे बड़ा होने लगा। साजिया ने फिर से अपनी अपनी जीभ से रस की कुछ बूंदे होंठो पर टपका दी और अपने जीभ को अपने मुंह ने घुसा लिया। साजिया का बदन पूरी तरह से मचल रहा था और वो बहकती जा रही थी। साहिल ने अपनी दो उंगलियां एक साथ उसके होंठो पर फेरी तो साजिया पूरी तरह से कसमसा उठी और साहिल ने एक उंगली को उसकी बंद आंखो का फायदा उठाकर अपने मुंह में घुसा लिया और चूसने लगा। साजिया हल्की खुली हुई आंखो से उसकी ये हरकत देख कर मदहोश हो गई और उसने मस्ती में फिर से अपनी जीभ को बाहर निकाला अपने होंठो को और गीला करने के लिए और उसकी जीभ की उंगली से टकरा गई तो साहिल के मुंह से आह निकल पड़ी और उसका लंड पूरी तरह से खड़ा होकर साजिया की टांगो में घुस गया और साजिया ने अपने हाथ उसके हाथ पर कस दिए तो साहिल समझ गया कि साजिया पूरी तरह से गर्म हो गई और तभी उधर से एक पुलिस की गाड़ी ऐलान करते करते हुए निकली

" छह बज गए हैं। पार्क को अब बंद कर दिया जायेगा। कोई अंदर मिला तो इसके खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी। इसलिए सभी अगले पांच मिनट के अंदर बाहर निकल जाए।

साजिया और साहिल दोनो बुरी तरह से डर गए। अच्छा हुआ कि वो दोनो पेड़ के पीछे थे नही हो आज गजब हो जाता। साजिया उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और बोली:"

" चलो जल्दी से बाहर निकलो। फंस गए तो दिक्कत होगी।


साजिया ने अपना हिजाब लगाया और चल पड़ी। साहिल भी उसके पीछे पीछे चल पड़ा और दोनो गाड़ी में बैठ गए और घर की तरफ चल पड़े। गाड़ी में बैठते ही नासिर को दोनो दिखने लगे और साजिया की फैली हुई लिपिस्टिक और उछल उछल पड़ रही चूचियां देखकर बेचैन सा हो गया। पता नही क्या क्या हुआ होगा दोनो के बीच। जरूर साहिल ने उसके होंठो को जमकर चूसा होगा तभी तो उसका ये हाल हुआ है और उसकी चुचियों को भी क्या मसल दिया होगा।

मुझे देखना चाहिए था कि साजिया उसके साथ कैसे कर रही थी, शर्मा रही थी या खुलकर साथ से रही थी। नासिर सोच ही रहा था कि तभी साजिया की आवाज आई

" तुम भी ना साहिल, कितनी देर लगा दी तुमने थोड़ी सी लिपिस्टिक साफ करने में ? अगर पेड़ के पीछे नहीं होते हो आज फंस गए होते।

साहिल:" अब इसमें मेरी क्या गलती ? आपके हिजाब से आपकी लिपिस्टिक फैल कर सूख गई थी। मैं तो उल्टा आपकी हेल्प कर रहा था। लाओ अभी कर देता हूं जल्दी से।


साजिया ने अपने पर्स से शीशा निकाल लिया और बोली:"

" रहने दो मैं खुद ही साफ कर लूंगी। तुम जल्दी से गाड़ी चलाओ कहीं नासिर ने देख लिया कि मैं बिना बुर्के के इस हालत में तुम्हारे साथ घूम रही थी तो गजब हो जायेगा।

साहिल ने एक नजर फिर से साजिया की हालत पर डाली और उसकी गोल गोल चुचियों के उभार को देखकर कर अपने लंड को सहला दिया। साजिया ने अपनी लिपिस्टिक ठीक करी और आगे को झुक कर अपने शीशे को डैश बोर्ड में रखने लगी और उसकी नजर उसके खड़े हुए लंड पर पड़ी और देखा कि कैसे उसका मोटा किसी रॉकेट की तरह सीधा खड़ा हुआ था और पेंट को कितना उपर उठा रखा था मानो फाड़ देना चाहता हो। साजिया के झुकने से उसकी चूचियां फिर से झलक उठी और उसकी गांड़ भी उभर आई थी और साहिल कभी उसकी चूचियों को देखता और कभी गांड़ को। साहिल ने साजिया को देखा कि वो उसका लंड का उभार देख रही हैं तो उसने जान बूझकर अपने लंड को हाथ में पकड़कर सहला दिया और उसके लंड ने एक जोरदार झटका मारा और साजिया के मुंह से आह निकल पड़ी। साजिया ने जल्दी से शीशा रखा और सीधी होकर बैठ गई। दोनो ने एक को फिर से स्माइल दी और साहिल ने गाड़ी की स्पीड को बढ़ा दिया। रास्ते भर साहिल उसकी चूचियां देखता रहा और साजिया उसका खड़ा हुआ लंड। दोनो पूरी तरह से एक दूसरे की तरफ झुक गए थे।


वहीं नासिर ये सब देख कर खुशी से पागल हुआ जा रहा था क्योंकि अब जल्दी ही उसका सपना उसका बदला पूरा होने जा रहा था। नासिर जानता था कि अगले पांच मिनट में साजिया और साहिल घर पहुंच जायेंगे इसलिए वो जान बूझकर घर से बाहर चला गया ताकि साजिया अच्छा महसूस कर सके। मैं थोड़ी दूर जाकर एक पार्क में बैठ गया और आराम से दोनो को देखने लगा।तभी साजिया एक नंबर मिलाने लगी और मेरा फोन बज उठा और साजिया बोली:"

" कहां हो आप घर पहुंचे कि नही अभी तक ?

नासिर:" अभी तो टाइम लग जायेगा। बस अभी निकल हो रहा हु ऑफिस से।

साजिया:" अच्छा ठीक हे। आराम से आना मैं भी बस पहुंच ही रही हु घर पास ही हू।

इतना कहकर उसने अपना फोन काट दिया और साजिया बार बार साहिल से नजरे बचाकर अपनी पीठ पर हाथ ले जा रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या करना चाह रही थी। थोड़ी देर के बाद वो आराम से बैठ गई और गाड़ी घर के अंदर घुस गई। घर के बाहर बड़ी बड़ी चारदीवारी थी और अंदर का कुछ भी नजर नहीं आता था। साहिल ने गाड़ी को पार्क किया और उतरने लगा।साजिया ने बड़ी चालाकी से पहले ही हाथ अपनी पीठ पर ले जाकर अपने सूट की चैन को खोल दिया था और साहिल ने नीचे उतरते समय अपनी चैन को खिड़की के लॉक में फंसा दिया था। साहिल ने साजिया की तरफ का दरवाजा खोल दिया तो साजिया ने उसे एक स्माइल दी और बाहर निकलने लगी लेकिन जान बूझकर फिर से गाड़ी के दरवाजे में फंस कर गिर पड़ी और उसका सूट उसके कंधो पर से सरक गया और साजिया की ब्रा में कैद चूचियां पूरी तरह से साहिल के सामने बेपर्दा होती चली गई।


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उफ्फ क्या खुबसूरत नजारा था और साजिया की काली ब्रा में कैद दोनो चूचियां अपना उभार लिए झलक रही थी। साहिल ये देखकर पूरी तरह से मदहोश हो गया और उसने साजिया का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और बोला:"

" उफ्फ आप फिर से गिर गई, आप ऐसे कपड़े मत पहना कीजिए ना जिसमे आप फंस कर गिर जाती हैं।

साजिया ने अपनी चुचियों को नही छुपाया और हल्की सी लंगड़ाती हुई उसके साथ चलने लगी। साहिल उसे हाथ पकड़े अंदर ले गया और दोनो अभी सोफे पर बैठे हुए थे साजिया ने अपने फटे हुए बुर्के को ठीक किया और अंदर चली गई। साहिल की नजरे उस पर टिकी हुई थी और मैं समझ गया कि साजिया ने पूरी तरह से उसे अपना दीवाना बना लिया है। मुझे खुशी हो रही थी और अब मैं भी घर की तरफ चल पड़ा और थोड़ी देर में ही घर पहुंच गया। साजिया ने नहाकर कपड़े बदल लिए और फिर से एक कसा हुआ सूट पहन लिया और बेहद खूबसूरत लग रही थी। मैं और साहिल बात करने लगे और थोड़ी देर बाद ही साजिया ने खाना बना दिया और फिर हम सब साथ बैठकर खाना खाने लगे। खाना खाकर साहिल अपने कमरे में चला गया और मैं और साजिया अपने बेडरूम में चले गए। दिन भर साजिया की अदाएं देखकर नासिर का लंड अकड़ रहा था तो उसने साजिया तो अपनी बांहों में भर लिया और बोला:"

" ओह मेरी जाना, कितनी खूबसूरत लग रही हो तुम इन कपड़ो में। सच में तुमने ही पार्क में आग लगा दी होगी। लोग तड़प उठे होंगे।

साजिया उसे लिपट गई और बोली:" तुम भी ना कुछ भी बोल देते हो। मैं थोड़े ही ना देख रही थी कि लोग क्या मुझे देख रहे हैं या नही ?

नासिर ने एक हाथ उसके सूट में घुसा दिया और ब्रा में कैद उसकी चूचियां पकड़ कर मसल दिया और बोला:"

" कुछ गलत नही बोला, तुमने तो सबको बेचैन कर दिया होगा। तुम चीज ही ऐसी हो।

नासिर का लंड पूरी तरह से खड़ा होकर साजिया की टांगो के बीच घुस गया था और साजिया पूरे दिन से गर्म हो रही थी और उसने अपनी टांगे खोलकर नासिर की टांगो को कस लिया तो नासिर बोला:"

" बड़ी तड़प रही हो आज। क्या इरादा हैं मेरी जान का ?

साजिया ने नासिर के होंठ चूम लिए और बोली:" तुम्हे खा जाऊंगी आज। बड़ा तड़पाते हो मुझे तुम।

नासिर:" आज बड़े जोश में लग रही हो तुम, मेरा क्या होगा आजा

नासिर ने देखते ही देखते साजिया को पूरी तरह से नंगी कर दिया और उसकी उसकी चूची चूसते हुए उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा तो साजिया जान बूझकर जोर जोर से सिसकने लगी और उसकी सिसकियां बाहर साहिल के कानो में पड़ने लगी और उसका लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया। साजिया अपनी चूत उठा उठा कर लंड पर रगड़ रही थी और पूरी तरह से मदहोश हो गई थी। नासिर ने अपना मोबाइल उठा लिया और फिर से साजिया को वीडियो दिखाने लगा और सीधे वहीं से शुरू कर दिया जब मोटा लंड लड़की की चूत में घुसा और वो दर्द से कराह उठी। साजिया पागल सी उठी और नासिर के जिस्म पर चूमने चाटने लगी और नासिर बोला:"

" आह देखो न साजिया कैसे मोटे लंड से चुद रही हैं दूसरी साजिया ?

साजिया वीडियो देख कर पागल सी हो गई और अपन चूत में उंगली घुसकर सिसक और बोली:"

" आह चुद रही है मोटे लंड से साजिया चुद गई है।

नासिर का सुबह से तड़प रहा लंड जवाब दे गया और उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी साजिया की चूत पर मार दी और जोर से उसे अपनी बांहों में कस लिया। साजिया बुरी तरह से तड़प उठी और नाराज होकर उसे अलग हो गई और सोने के लिए एक खरीदी हुई एक लाल रंग की कसी हुई नाइटी को निकाल कर उसे पहन लिया और फिर से नासिर की तरफ पीठ करके पलट कर लेट गई।। नासिर ने जान बूझकर साजिया को पूरी तरह से तड़पा कर छोड़ दिया था और अब वो धीरे से बोला:"

" नाराज हो क्या साजिया ? मेरी क्या गलती तुम्हारी चूत हैं हो इतनी गर्म!!

साजिया ने उसे गुस्से से पलटकर देखा और कुछ नही कहा। नासिर ने फिर से उसे अपनी बाहों में कस लिया और बोला:"

" अच्छा एक काम करो ना, सोने से पहले दूध तो पिला दो यार एक ग्लास मुझे।

साजिया ऐसे ही उठ गई और बाहर जाने लगी तो पीछे से नासिर बोला:"

" अरे सुनो शमा का फोन आया था वो बोल रही थी कि साहिल बहुत शर्मीला हैं और कोई दिक्कत होगी तब भी नही कहेगा। एक काम करो एक ग्लास उसके लिए भी गर्म कर देना।

साजिया बिना कुछ बोले चली गई और थोड़ी देर बाद दूध लेकर आ गई और नासिर के पास बैठ गई और बोली:"

" और क्या कह रही थी शमा ?

नासिर दूध पीते हुए बोला:" कह रही थी कि साहिल बहुत सीधा और शर्मीला हैं। उसका ध्यान रखना बेचारे को कोई दिक्कत ना हो जाए।

साजिया:" हान ये बात तो है। पार्क में बिलकुल गुमसुम सा था और डरा डरा सा घूम रहा था।

नासिर साजिया की बात सुनकर अंदर ही अंदर मुस्कुरा उठा और बोला:" हान यार मुझसे तो ठीक से बात भी नही करता। मैं उसका बॉस हु शायद इसलिए। तुम्ही उससे पूछती रहना उससे कोई दिक्कत तो नही। शायद तुम्हे ठीक से बता दे। एक काम करो अभी उसे दूध भी देती आओ और उसे अच्छे से सब समझा भी देना कि मुझे नही तो तुम्हे ही सब कुछ बताता रहे।

साजिया ने एक नजर अपने ऊपर डाली और थोड़ा नाराज होते हुए बोली:" तुम भी ना नासिर, बिलकुल भोले हो। क्या मुझे ऐसी ड्रेस में उसके सामने जाना चाहिये ?

नासिर ने अपना सिर पकड़ लिया और बोला:"

"तुम भी ना, भाई जैसा हे वो तुम्हारे। कमाल करती हो।

साजिया ने वही पड़ी हुई एक चादर उठाई और अपने जिस्म पर लपेट ली और बोली:"

" अब ठीक रहेगा।

नासिर उसकी चालाकी पर मन ही मन हंस दिया और बोला:"

" अच्छा जैसे तुम्हे ठीक लगे। उसे अच्छे से समझाना । वो सीधा हैं और बस ऐसे ही हां हां कर देगा लेकिन तुम्हे उसे सब कुछ अच्छे से बताना ताकि वो तुम्हे थोड़ा खुल जाए अपनी बात कहने में हिचक महसूस न करे।

साजिया:" अच्छा ठीक है, मैं सब समझा दूंगी। मैं अभी आती हु उसे समझा कर आप सो मत जाना।

नासिर ने अपने लैपटॉप को मोबाइल कैमरे से जोड़ा और बोला:" मुझे तो अभी ऑफिस का बहुत काम हैं। तुम आराम से आना लेकिन ध्यान रखना कि शमा की कोई शिकायत नही आनी चाहिए।

साजिया ने झुककर मेरे होंठ चूम लिए मानो उसे पूरा समय देने के लिए मुझे इनाम दे रही हो और फिर ग्लास उठाकर बोली:"

" आप आराम से अपना काम कीजिए। मैं खूब अच्छे से समझा कर आऊंगी उसे आज ताकि बार बार समझाना न पड़े।


इतना कहकर साजिया एक बारे अपने ड्रेसिंग के सामने गई और मेरी नजर बचाकर अपनी नाईट पर कंधो और गर्दन पर लैवेंडर परफ्यूम छिड़क लिया और बाहर निकल गई और हॉल में आते ही उसने अपनी चादर को उतार दी और इसके होंठो पर एक सेक्स मुस्कान आ गई और किचन में घुस गई। साजिया बार बार अपनी नाइटी की स्ट्रिप को सूंघ रही थी और खुद ही मदहोश होती जा रही थी। मैं समझ गया था कि आज रात साजिया उसे पूरी तरह से अपने शीशे में उतार लेगी। दूध गर्म करती हुई साजिया की आंखे लाल होती चली गई और उसके खुले हुए बाल उसके चेजरे के चारो और फैल गए। उत्तेजना से उसकी सांसे काफी तेज हो गई थी और थोड़ी देर पहले न चुद पाने के कारण साजिया पूरी तरह से गर्म हो रही थी और ग्लास में दूध लेकर वो चल पड़ी साहिल के कमरे की तरफ।
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अगले दिन सुबह मेरी आंखे फिर से साजिया की सिसकियां सुनकर खुली और देखा की साजिया बेड के किनारे झुककर घोड़ी सी बनी हुई थी और पीछे से साहिल किसी सांड की तरह कस कस कर उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और साजिया अपना मुंह पूरा खोलकर जोर जोर से सिसकारी भर रही थी और चेहरे पर दर्द और मस्ती भरे भाव उसके चेहरे को और ज्यादा कामुक बना रहे थे।

मैं हैरान हो गया था क्योंकि मुझे लगा था कि पूरी रात जितनी बुरी तरह से कठोरता से साहिल ने साजिया की चुदाई करी थी वो शायद अब कभी उसे हाथ भी नहीं लगाने देगी और मेरा बदला पूरा हो जाएगा लेकिन यहां तो साजिया खुद ही घोड़ी बनी हुई फिर से चुद रही थी।

खैर मैं साजिया को चुदते हुए देखता रहा और मुझे जितना अच्छा लग रहा था उससे कहीं ज्यादा बुरा महसूस हो रहा था। हैरान करने वाली बात ये थी कि रात उसको तड़पते देख कर जहां मेरा लंड अकड़ कर खड़ा था जिसे मैं हिला रहा था और अब वही मेरा लंड आराम से पड़ा हुआ था। करीब आधे घंटे तक उनकी चुदाई चलती रही और एक बार से साहिल ने साजिया की चूत का अच्छे से ढोल पीटा।

वो दोनो नंगे ही पड़े हुए थे और मैं घर से बाहर निकल गया और बाहर जाकर डोरबेल बजाई तो साजिया जल्दी से उठी और साहिल अपने रूम में चला गया और साजिया ने कमरे का दरवाजा खोल दिया और मैं अंदर आ गया। साजिया मुझे देखते ही मेरे गले लग गई और बोली

" आ गए आप। बड़ी सुबह सुबह ही आ हुए आप।

नासिर:" हान मीटिंग खत्म हो गई थी तो आ गया। तुम्हे अच्छा नही लगा क्या मेरा जल्दी आना ?

साजिया अपने होठों पर जबरदस्ती स्माइल लाई और बोली:" कैसी बात कर रहे हो आप ? भला मुझे क्यों अच्छा नही लगेगा, आप भी ना बस।

मैं अंदर आ गया और देखा कि बेड की बेडशीट पूरी तरह से अस्त व्यस्त थी और उसमे बेतरकीब सलवटे पड़ी हुई थी और इस बात की साफ गवाही दे रही थी कितनी कठोरता से पूरी रात साजिया को चोदा गया था और मैने देखा कि मुझे बेड शीट को ध्यान से देखते हुए देखकर साजिया बोली:"

"आप आराम करेंगे या मैं आपके लिए नहाने के लिए गर्म पानी कर दू ?

नासिर:" अभी तो आराम करने। का समय नहीं रहा। बेडशीट को देखकर लग रहा हैं कि रात तुम पूरी रात इधर उधर करवट बदलती रही हो।

साजिया के चेहरे पर एक के बाद कई रंग आए और गए और फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" अरे आपकी बांहों के बिना नींद नहीं आती मुझे। बस इसलिए ही बेचैन थी। अच्छा मैं गीजर चालू कर देती हु।

इतना कहकर वो बाहर को जाने लगी लेकिन ठीक से चल नहीं पा रहा ही थी और काफी लंगड़ा रही थी और पैरो को पूरा खोल खोल कर चल रही थी तो मैने जान बूझकर उससे पूछा:"

" क्या हुआ साजिया ऐसे क्यों चल रही हो तुम ?

साजिया फिर से डर गई और उसके मुंह लाल हो गया और फिर बोली:"

" गिर गई थी रात को सोते हुए बेड पर से। बस इसलिए

इतना कहकर वो बाहर निकल गई और थोड़ी देर के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया और देखने लगा कि अब साजिया क्या करेगी। दूसरी तरफ साजिया सीधे साहिल के रूम में गई जो सिर्फ अभी निक्कर पहने हुए था और साहिल को बोली:"

" एक काम करना, ऑफिस मत जाना आज, बोल देना कि पूरी तरह से ठीक नहीं हू।

साहिल::" ठीक हैं मैं कोशिश करता हु कि ना जाने आज ऑफिस। लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा ?

साजिया आगे बढ़ी और उसके गले में अपनी बांहों का हार डालकर बोली:"

" अभी नही भरा क्या जनाब आपका ? सारी रात में तो मुझे निचोड़ कर रख दिया।

साहिल ने उसकी गांड़ को जोर से मसल दिया और बोली:"

" ये तो सिर शुरुवात हैं। अभी तो आपको असली मजा मिलना शुरू होगा। बताओ ना क्या मिलेगा मुझे आज दिन में ?

साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और बोली:"

" साजिया मिलेगी तुम्हे। बस अब खुशी।

साहिल उसके मुंह से ये सब सुनकर मस्त हो गया और उसका हाथ पकड़कर अपने निक्कर में घुसा दिया और बोला:"

" इसका मतलब तुम्हे ये पसंद आया बहुत। बताओ ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया उसकी बात सुनकर मस्ती से उसके लंड को सहला दिया और साहिल को अपनी बाईं आंख दबाकर कामुक इशारा किया तो साहिल सब समझ गया लेकिन बोला:

" मुंह से बोलो ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया ने खड़े हुए पूरे लंड को हाथ में भर लिया लेकिन अभी भी सुपाड़ा और करीब दो इंच लंड बाहर हो था तो साजिया पागल सी हुई उसके कान में बोली:"

" अच्छा तो हैं लेकिन बहुत ज्यादा बड़ा है। हाथ में भी ठीक से नहीं आता मेरे।

नासिर ने उसकी एक चूची को जोर से मसल दिया और बोला:"

" हाथ को छोड़ो, चूत में तो पूरा आ जाता हैं तुम्हारी।

साजिया अपनी चूची मसले जाने से मस्ती से सिसक उठी और उससे पूरी तरह से कसकर लिपट गई और उसके कान में मदहोश होते हुए बोली

" आ जाता हैं, बिलकुल पूरा का पूरा आ जाता है।

साहिल से अब बर्दास्त नही हुआ और उसने साजिया की नाइटी को पलट दिया और अपने होंठो को सीधे उसकी चूत पर टिका दिया और साजिया ने बिना मेरे घर में होने की परवाह किए हुए अपनी जांघो को फैला दिया और साहिल ने मुंह खोल कर उसकी चूत को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

मुझे साजिया पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था कि कितनी आसानी से एक बार फिर वो बहक गई थीं। मैं नहाने लगा और जब बाहर आया तो साजिया किचन में थी और साहिल प्लान के मुताबिक अभी भी सो रहा था। साजिया ने मुझे नाश्ता दिया और मैं बोल:"

" अरे साहिल क्यों नहीं उठा कभी तक ? ऑफिस जाना होगा जाओ जल्दी से उठा दो।

साजिया: अरे उसकी हालत ठीक नहीं है। रात भी बुखार था उसे।आराम करने दो ना उसे आज। कहीं ज्यादा दिक्कत ना हो जाए बाद में उसे।

नासिर:" देख लो जैसे तुम्हे ठीक लगे। बस काम ज्यादा है आज। रात कुछ साइट्स की डील और मिल गई तो साहिल का काम और बढ़ जायेगा।

साजिया:" ये तो अच्छी बात है। लेकिन तुम्हे और आदमी रखने चाहिए। क्यों इस बेचारे अकेले की जान लेने पर तुले हुए हो तुम ?

नासिर:" चलो देखता हु लेकिन फिर भी काम तो इसे करना ही पड़ेगा न। नही कम करेगा तो आगे कैसे बढ़ेगा।

साजिया:" अरे अभी उसकी उम्र ही कितनी हैं भला। कर लेगा काम भी धीरे धीरे बस।

नासिर ने फिर कुछ नही बोला लेकिन अंदर ही अंदर वो साजिया को गाली दे रहा था कि वो किस तरह से साहिल का पक्ष ले रही थीं । नासिर नाश्ता करता रहा और थोड़ी देर बाद वो गुस्से भरे मन से ऑफिस जाने लगा। वो बिलकुल अच्छे से जानता था कि साहिल ठीक हैं और अब पूरे दिन उसकी बीवी साजिया को चोदेगा लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था और ऑफिस चला गया। नासिर के जाते ही अब साजिया फिर से साहिल के नीचे चुदने लगी और नासिर पूरे दिन ऑफिस मे बैठा हुआ उसकी चुदाई देखता रहा कि किस तरह से पूरी तरह से बेशर्म होकर साजिया खुद ही उसके ऊपर आ आकार अपनी चूत चूदा रही थी। जब साजिया झड़ जाती तो फिर साहिल उसके उपर चढ़ जाता और उसे चोदता। साजिया दर्द से कराह उठती, तड़प उठती लेकिन सिसकियां लेते हुए चुदती रहती। हर बार की जोरदार चुदाई के बाद दोनो कुछ खाने के लिए रुकते ताकि फिर से तरोताजा होकर और चुदाई कर सके एक नई ताकत के साथ एक नए उत्साह के साथ।

नासिर का मुंह गुस्से से लाल हो रहा था और इसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। आखिर कार शाम हुई और नासिर उदास हताश परेशान अपने घर चल पड़ा और साहिल और साजिया दोनो हॉल में ही बैठे हुए थे। साजिया ने गेट खोला और नासिर को स्माइल दी तो नासिर भी फीकी सी स्माइल देकर बाथरूम में घुस गया और रात को खाना खाने के बाद साजिया और नासिर दोनो लेटे हुए थे और साजिया बोली:"

" आप आराम करो, मैं साहिल को दूध देकर आती हु।

नासिर ने उसकी तरफ देखा और बोला:"

" जाओ जल्दी देकर आओ। मेरे सिर में दर्द हैं तो मालिश कर देना मेरी। आओ जल्दी से।

साजिया:" मालिश तो मैं कर ही दूंगी। लेकिन तुम एक गोली खा लो तो ज्यादा आराम मिल जायेगा।

मुझे लगा था कि सिर दर्द की बात सुनकर साजिया नही जायेगी क्योंकि मेरे से बढ़कर उसके लिए साहिल नही हो सकता लेकिन ये सिर्फ मेरा वहम साबित हुआ और साजिया चली गई।

दूध लेकर वो कमरे में गई और देखते ही देखते दोनो फिर से चुदाई में जुट गए। मुझे समझ नही आ रहा था कि साजिया को क्या हो गया है। रात से करीब अब तक 10 बार चुद चुकी थी और फिर से चुद रही थी। उसे सिर्फ अपनी चूत की परवाह थी और मेरी कोई फिक्र नहीं। करीब 15 मिनट तक जोरदार चुदाई करवाने के बाद साजिया वापस आ गई और मेरे साथ बेड पर लेट गई और अभी दो मिनट ही मेरे सिर की मालिश करी थी कि बोली:"

" कुछ आराम मिला ? हाथ दुखने लगा मेरा, थक जाति हु पूरे दिन घर के काम करके।

सजिया कितनी बदल गई थी कि एक ही दिन में ये मुझे अब अच्छे से समझ आ रहा था और मैं बोला:"

" कुछ आराम मिल गया है। तुम चाहो तो आराम कर लो।

मेरे कहने भर की देर थी कि साजिया एक दम से मेरा सिर छोड़कर सीधी होकर लेट गई और थोड़ी देर में गहरी नींद में चली गई जबकि मेरी आंखो से नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। ना साजिया रोज की तरह आज मुझसे चिपकी हुई थी और न ही उसने मुझे सोने से पहले किस किया जो वो हर रोज करती थी। जो कुछ हो रहा था और साजिया में आए बदलाव की असली जड़ में ही था और ये सब सोचकर मेरी आंखे भर आई और मेरा दिल अंदर ही अंदर टूट टूट कर रो रहा था और मुझे चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था। मेरी आंखों से आंसू बह चले और मेरा पूरा मुंह भीग गया था और मेरे गले से सिसकियो के साथ रोने की रुंधी रुंधी सी आवाजे निकल रही थी और साजिया मेरी बीवी मेरी हमसफर इन सबसे पूरी तरह से बेखबर अपनी टांगे फैलाकर मस्ती से सो रही थी।

मैने आखिरकार खुद को संयत किया और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोकते हुए अपने चेहरे को साफ किया और एक बार फिर से गौर से साजिया के चेहरे को देखा और न जाने क्यों प्यार से चूम लिया। जो कुछ भी साजिया और साहिल के लिए हुआ उसका असली जिम्मेदार मैं ही था। लेकिन मुझे अब कुछ भी करके अपनी बीवी को वापिस इस दलदल से बाहर निकालना था।


क्या साजिया साहिल का साथ छोड़ देगी या पूरी तरह से उसकी तरफ झुक जायेगी ?

क्या नासिर अपनी बीवी को पहले की तरह फिर से नेक बना पाएगा ?

ये सब क्या सच में नासिर की मर्जी से ही हुआ या फिर साजिया के साथ साथ नासिर किसी षडयंत्र का शिकार हुआ ?

क्या दोनो फिर से वापिस अपनी प्यार भरी जिंदगी को फिर से शुरू कर पाएंगे या नासिर की फैंटसी की वजह से उसका सब कुछ बरबाद हो जायेगा।

इन सब सवालों के जवाब के लिए साथ जुड़े रहिए। अगले अपडेट में क्या होगा साजिया का ???
 
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Ek number

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अगले दिन सुबह मेरी आंखे फिर से साजिया की सिसकियां सुनकर खुली और देखा की साजिया बेड के किनारे झुककर घोड़ी सी बनी हुई थी और पीछे से साहिल किसी सांड की तरह कस कस कर उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और साजिया अपना मुंह पूरा खोलकर जोर जोर से सिसकारी भर रही थी और चेहरे पर दर्द और मस्ती भरे भाव उसके चेहरे को और ज्यादा कामुक बना रहे थे।

मैं हैरान हो गया था क्योंकि मुझे लगा था कि पूरी रात जितनी बुरी तरह से कठोरता से साहिल ने साजिया की चुदाई करी थी वो शायद अब कभी उसे हाथ भी नहीं लगाने देगी और मेरा बदला पूरा हो जाएगा लेकिन यहां तो साजिया खुद ही घोड़ी बनी हुई फिर से चुद रही थी।

खैर मैं साजिया को चुदते हुए देखता रहा और मुझे जितना अच्छा लग रहा था उससे कहीं ज्यादा बुरा महसूस हो रहा था। हैरान करने वाली बात ये थी कि रात उसको तड़पते देख कर जहां मेरा लंड अकड़ कर खड़ा था जिसे मैं हिला रहा था और अब वही मेरा लंड आराम से पड़ा हुआ था। करीब आधे घंटे तक उनकी चुदाई चलती रही और एक बार से साहिल ने साजिया की चूत का अच्छे से ढोल पीटा।

वो दोनो नंगे ही पड़े हुए थे और मैं घर से बाहर निकल गया और बाहर जाकर डोरबेल बजाई तो साजिया जल्दी से उठी और साहिल अपने रूम में चला गया और साजिया ने कमरे का दरवाजा खोल दिया और मैं अंदर आ गया। साजिया मुझे देखते ही मेरे गले लग गई और बोली

" आ गए आप। बड़ी सुबह सुबह ही आ हुए आप।

नासिर:" हान मीटिंग खत्म हो गई थी तो आ गया। तुम्हे अच्छा नही लगा क्या मेरा जल्दी आना ?

साजिया अपने होठों पर जबरदस्ती स्माइल लाई और बोली:" कैसी बात कर रहे हो आप ? भला मुझे क्यों अच्छा नही लगेगा, आप भी ना बस।

मैं अंदर आ गया और देखा कि बेड की बेडशीट पूरी तरह से अस्त व्यस्त थी और उसमे बेतरकीब सलवटे पड़ी हुई थी और इस बात की साफ गवाही दे रही थी कितनी कठोरता से पूरी रात साजिया को चोदा गया था और मैने देखा कि मुझे बेड शीट को ध्यान से देखते हुए देखकर साजिया बोली:"

"आप आराम करेंगे या मैं आपके लिए नहाने के लिए गर्म पानी कर दू ?

नासिर:" अभी तो आराम करने। का समय नहीं रहा। बेडशीट को देखकर लग रहा हैं कि रात तुम पूरी रात इधर उधर करवट बदलती रही हो।

साजिया के चेहरे पर एक के बाद कई रंग आए और गए और फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" अरे आपकी बांहों के बिना नींद नहीं आती मुझे। बस इसलिए ही बेचैन थी। अच्छा मैं गीजर चालू कर देती हु।

इतना कहकर वो बाहर को जाने लगी लेकिन ठीक से चल नहीं पा रहा ही थी और काफी लंगड़ा रही थी और पैरो को पूरा खोल खोल कर चल रही थी तो मैने जान बूझकर उससे पूछा:"

" क्या हुआ साजिया ऐसे क्यों चल रही हो तुम ?

साजिया फिर से डर गई और उसके मुंह लाल हो गया और फिर बोली:"

" गिर गई थी रात को सोते हुए बेड पर से। बस इसलिए

इतना कहकर वो बाहर निकल गई और थोड़ी देर के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया और देखने लगा कि अब साजिया क्या करेगी। दूसरी तरफ साजिया सीधे साहिल के रूम में गई जो सिर्फ अभी निक्कर पहने हुए था और साहिल को बोली:"

" एक काम करना, ऑफिस मत जाना आज, बोल देना कि पूरी तरह से ठीक नहीं हू।

साहिल::" ठीक हैं मैं कोशिश करता हु कि ना जाने आज ऑफिस। लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा ?

साजिया आगे बढ़ी और उसके गले में अपनी बांहों का हार डालकर बोली:"

" अभी नही भरा क्या जनाब आपका ? सारी रात में तो मुझे निचोड़ कर रख दिया।

साहिल ने उसकी गांड़ को जोर से मसल दिया और बोली:"

" ये तो सिर शुरुवात हैं। अभी तो आपको असली मजा मिलना शुरू होगा। बताओ ना क्या मिलेगा मुझे आज दिन में ?

साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और बोली:"

" साजिया मिलेगी तुम्हे। बस अब खुशी।

साहिल उसके मुंह से ये सब सुनकर मस्त हो गया और उसका हाथ पकड़कर अपने निक्कर में घुसा दिया और बोला:"

" इसका मतलब तुम्हे ये पसंद आया बहुत। बताओ ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया उसकी बात सुनकर मस्ती से उसके लंड को सहला दिया और साहिल को अपनी बाईं आंख दबाकर कामुक इशारा किया तो साहिल सब समझ गया लेकिन बोला:

" मुंह से बोलो ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया ने खड़े हुए पूरे लंड को हाथ में भर लिया लेकिन अभी भी सुपाड़ा और करीब दो इंच लंड बाहर हो था तो साजिया पागल सी हुई उसके कान में बोली:"

" अच्छा तो हैं लेकिन बहुत ज्यादा बड़ा है। हाथ में भी ठीक से नहीं आता मेरे।

नासिर ने उसकी एक चूची को जोर से मसल दिया और बोला:"

" हाथ को छोड़ो, चूत में तो पूरा आ जाता हैं तुम्हारी।

साजिया अपनी चूची मसले जाने से मस्ती से सिसक उठी और उससे पूरी तरह से कसकर लिपट गई और उसके कान में मदहोश होते हुए बोली

" आ जाता हैं, बिलकुल पूरा का पूरा आ जाता है।

साहिल से अब बर्दास्त नही हुआ और उसने साजिया की नाइटी को पलट दिया और अपने होंठो को सीधे उसकी चूत पर टिका दिया और साजिया ने बिना मेरे घर में होने की परवाह किए हुए अपनी जांघो को फैला दिया और साहिल ने मुंह खोल कर उसकी चूत को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

मुझे साजिया पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था कि कितनी आसानी से एक बार फिर वो बहक गई थीं। मैं नहाने लगा और जब बाहर आया तो साजिया किचन में थी और साहिल प्लान के मुताबिक अभी भी सो रहा था। साजिया ने मुझे नाश्ता दिया और मैं बोल:"

" अरे साहिल क्यों नहीं उठा कभी तक ? ऑफिस जाना होगा जाओ जल्दी से उठा दो।

साजिया: अरे उसकी हालत ठीक नहीं है। रात भी बुखार था उसे।आराम करने दो ना उसे आज। कहीं ज्यादा दिक्कत ना हो जाए बाद में उसे।

नासिर:" देख लो जैसे तुम्हे ठीक लगे। बस काम ज्यादा है आज। रात कुछ साइट्स की डील और मिल गई तो साहिल का काम और बढ़ जायेगा।

साजिया:" ये तो अच्छी बात है। लेकिन तुम्हे और आदमी रखने चाहिए। क्यों इस बेचारे अकेले की जान लेने पर तुले हुए हो तुम ?

नासिर:" चलो देखता हु लेकिन फिर भी काम तो इसे करना ही पड़ेगा न। नही कम करेगा तो आगे कैसे बढ़ेगा।

साजिया:" अरे अभी उसकी उम्र ही कितनी हैं भला। कर लेगा काम भी धीरे धीरे बस।

नासिर ने फिर कुछ नही बोला लेकिन अंदर ही अंदर वो साजिया को गाली दे रहा था कि वो किस तरह से साहिल का पक्ष ले रही थीं । नासिर नाश्ता करता रहा और थोड़ी देर बाद वो गुस्से भरे मन से ऑफिस जाने लगा। वो बिलकुल अच्छे से जानता था कि साहिल ठीक हैं और अब पूरे दिन उसकी बीवी साजिया को चोदेगा लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था और ऑफिस चला गया। नासिर के जाते ही अब साजिया फिर से साहिल के नीचे चुदने लगी और नासिर पूरे दिन ऑफिस मे बैठा हुआ उसकी चुदाई देखता रहा कि किस तरह से पूरी तरह से बेशर्म होकर साजिया खुद ही उसके ऊपर आ आकार अपनी चूत चूदा रही थी। जब साजिया झड़ जाती तो फिर साहिल उसके उपर चढ़ जाता और उसे चोदता। साजिया दर्द से कराह उठती, तड़प उठती लेकिन सिसकियां लेते हुए चुदती रहती। हर बार की जोरदार चुदाई के बाद दोनो कुछ खाने के लिए रुकते ताकि फिर से तरोताजा होकर और चुदाई कर सके एक नई ताकत के साथ एक नए उत्साह के साथ।

नासिर का मुंह गुस्से से लाल हो रहा था और इसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। आखिर कार शाम हुई और नासिर उदास हताश परेशान अपने घर चल पड़ा और साहिल और साजिया दोनो हॉल में ही बैठे हुए थे। साजिया ने गेट खोला और नासिर को स्माइल दी तो नासिर भी फीकी सी स्माइल देकर बाथरूम में घुस गया और रात को खाना खाने के बाद साजिया और नासिर दोनो लेटे हुए थे और साजिया बोली:"

" आप आराम करो, मैं साहिल को दूध देकर आती हु।

नासिर ने उसकी तरफ देखा और बोला:"

" जाओ जल्दी देकर आओ। मेरे सिर में दर्द हैं तो मालिश कर देना मेरी। आओ जल्दी से।

साजिया:" मालिश तो मैं कर ही दूंगी। लेकिन तुम एक गोली खा लो तो ज्यादा आराम मिल जायेगा।

मुझे लगा था कि सिर दर्द की बात सुनकर साजिया नही जायेगी क्योंकि मेरे से बढ़कर उसके लिए साहिल नही हो सकता लेकिन ये सिर्फ मेरा वहम साबित हुआ और साजिया चली गई।

दूध लेकर वो कमरे में गई और देखते ही देखते दोनो फिर से चुदाई में जुट गए। मुझे समझ नही आ रहा था कि साजिया को क्या हो गया है। रात से करीब अब तक 10 बार चुद चुकी थी और फिर से चुद रही थी। उसे सिर्फ अपनी चूत की परवाह थी और मेरी कोई फिक्र नहीं। करीब 15 मिनट तक जोरदार चुदाई करवाने के बाद साजिया वापस आ गई और मेरे साथ बेड पर लेट गई और अभी दो मिनट ही मेरे सिर की मालिश करी थी कि बोली:"

" कुछ आराम मिला ? हाथ दुखने लगा मेरा, थक जाति हु पूरे दिन घर के काम करके।

सजिया कितनी बदल गई थी कि एक ही दिन में ये मुझे अब अच्छे से समझ आ रहा था और मैं बोला:"

" कुछ आराम मिल गया है। तुम चाहो तो आराम कर लो।

मेरे कहने भर की देर थी कि साजिया एक दम से मेरा सिर छोड़कर सीधी होकर लेट गई और थोड़ी देर में गहरी नींद में चली गई जबकि मेरी आंखो से नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। ना साजिया रोज की तरह आज मुझसे चिपकी हुई थी और न ही उसने मुझे सोने से पहले किस किया जो वो हर रोज करती थी। जो कुछ हो रहा था और साजिया में आए बदलाव की असली जड़ में ही था और ये सब सोचकर मेरी आंखे भर आई और मेरा दिल अंदर ही अंदर टूट टूट कर रो रहा था और मुझे चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था। मेरी आंखों से आंसू बह चले और मेरा पूरा मुंह भीग गया था और मेरे गले से सिसकियो के साथ रोने की रुंधी रुंधी सी आवाजे निकल रही थी और साजिया मेरी बीवी मेरी हमसफर इन सबसे पूरी तरह से बेखबर अपनी टांगे फैलाकर मस्ती से सो रही थी।

मैने आखिरकार खुद को संयत किया और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोकते हुए अपने चेहरे को साफ किया और एक बार फिर से गौर से साजिया के चेहरे को देखा और न जाने क्यों प्यार से चूम लिया। जो कुछ भी साजिया और साहिल के लिए हुआ उसका असली जिम्मेदार मैं ही था। लेकिन मुझे अब कुछ भी करके अपनी बीवी को वापिस इस दलदल से बाहर निकालना था।


क्या साजिया साहिल का साथ छोड़ देगी या पूरी तरह से उसकी तरफ झुक जायेगी ?

क्या नासिर अपनी बीवी को पहले की तरह फिर से नेक बना पाएगा ?

ये सब क्या सच में नासिर की मर्जी से ही हुआ या फिर साजिया के साथ साथ नासिर किसी षडयंत्र का शिकार हुआ ?

क्या दोनो फिर से वापिस अपनी प्यार भरी जिंदगी को फिर से शुरू कर पाएंगे या नासिर की फैंटसी की वजह से उसका सब कुछ बरबाद हो जायेगा।

इन सब सवालों के जवाब के लिए साथ जुड़े रहिए। अगले अपडेट में क्या होगा साजिया का ???
Nice
 

parkas

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अगले दिन सुबह मेरी आंखे फिर से साजिया की सिसकियां सुनकर खुली और देखा की साजिया बेड के किनारे झुककर घोड़ी सी बनी हुई थी और पीछे से साहिल किसी सांड की तरह कस कस कर उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के लगा रहा था और साजिया अपना मुंह पूरा खोलकर जोर जोर से सिसकारी भर रही थी और चेहरे पर दर्द और मस्ती भरे भाव उसके चेहरे को और ज्यादा कामुक बना रहे थे।

मैं हैरान हो गया था क्योंकि मुझे लगा था कि पूरी रात जितनी बुरी तरह से कठोरता से साहिल ने साजिया की चुदाई करी थी वो शायद अब कभी उसे हाथ भी नहीं लगाने देगी और मेरा बदला पूरा हो जाएगा लेकिन यहां तो साजिया खुद ही घोड़ी बनी हुई फिर से चुद रही थी।

खैर मैं साजिया को चुदते हुए देखता रहा और मुझे जितना अच्छा लग रहा था उससे कहीं ज्यादा बुरा महसूस हो रहा था। हैरान करने वाली बात ये थी कि रात उसको तड़पते देख कर जहां मेरा लंड अकड़ कर खड़ा था जिसे मैं हिला रहा था और अब वही मेरा लंड आराम से पड़ा हुआ था। करीब आधे घंटे तक उनकी चुदाई चलती रही और एक बार से साहिल ने साजिया की चूत का अच्छे से ढोल पीटा।

वो दोनो नंगे ही पड़े हुए थे और मैं घर से बाहर निकल गया और बाहर जाकर डोरबेल बजाई तो साजिया जल्दी से उठी और साहिल अपने रूम में चला गया और साजिया ने कमरे का दरवाजा खोल दिया और मैं अंदर आ गया। साजिया मुझे देखते ही मेरे गले लग गई और बोली

" आ गए आप। बड़ी सुबह सुबह ही आ हुए आप।

नासिर:" हान मीटिंग खत्म हो गई थी तो आ गया। तुम्हे अच्छा नही लगा क्या मेरा जल्दी आना ?

साजिया अपने होठों पर जबरदस्ती स्माइल लाई और बोली:" कैसी बात कर रहे हो आप ? भला मुझे क्यों अच्छा नही लगेगा, आप भी ना बस।

मैं अंदर आ गया और देखा कि बेड की बेडशीट पूरी तरह से अस्त व्यस्त थी और उसमे बेतरकीब सलवटे पड़ी हुई थी और इस बात की साफ गवाही दे रही थी कितनी कठोरता से पूरी रात साजिया को चोदा गया था और मैने देखा कि मुझे बेड शीट को ध्यान से देखते हुए देखकर साजिया बोली:"

"आप आराम करेंगे या मैं आपके लिए नहाने के लिए गर्म पानी कर दू ?

नासिर:" अभी तो आराम करने। का समय नहीं रहा। बेडशीट को देखकर लग रहा हैं कि रात तुम पूरी रात इधर उधर करवट बदलती रही हो।

साजिया के चेहरे पर एक के बाद कई रंग आए और गए और फिर अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" अरे आपकी बांहों के बिना नींद नहीं आती मुझे। बस इसलिए ही बेचैन थी। अच्छा मैं गीजर चालू कर देती हु।

इतना कहकर वो बाहर को जाने लगी लेकिन ठीक से चल नहीं पा रहा ही थी और काफी लंगड़ा रही थी और पैरो को पूरा खोल खोल कर चल रही थी तो मैने जान बूझकर उससे पूछा:"

" क्या हुआ साजिया ऐसे क्यों चल रही हो तुम ?

साजिया फिर से डर गई और उसके मुंह लाल हो गया और फिर बोली:"

" गिर गई थी रात को सोते हुए बेड पर से। बस इसलिए

इतना कहकर वो बाहर निकल गई और थोड़ी देर के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया और देखने लगा कि अब साजिया क्या करेगी। दूसरी तरफ साजिया सीधे साहिल के रूम में गई जो सिर्फ अभी निक्कर पहने हुए था और साहिल को बोली:"

" एक काम करना, ऑफिस मत जाना आज, बोल देना कि पूरी तरह से ठीक नहीं हू।

साहिल::" ठीक हैं मैं कोशिश करता हु कि ना जाने आज ऑफिस। लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा ?

साजिया आगे बढ़ी और उसके गले में अपनी बांहों का हार डालकर बोली:"

" अभी नही भरा क्या जनाब आपका ? सारी रात में तो मुझे निचोड़ कर रख दिया।

साहिल ने उसकी गांड़ को जोर से मसल दिया और बोली:"

" ये तो सिर शुरुवात हैं। अभी तो आपको असली मजा मिलना शुरू होगा। बताओ ना क्या मिलेगा मुझे आज दिन में ?

साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और बोली:"

" साजिया मिलेगी तुम्हे। बस अब खुशी।

साहिल उसके मुंह से ये सब सुनकर मस्त हो गया और उसका हाथ पकड़कर अपने निक्कर में घुसा दिया और बोला:"

" इसका मतलब तुम्हे ये पसंद आया बहुत। बताओ ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया उसकी बात सुनकर मस्ती से उसके लंड को सहला दिया और साहिल को अपनी बाईं आंख दबाकर कामुक इशारा किया तो साहिल सब समझ गया लेकिन बोला:

" मुंह से बोलो ना कैसा लगा तुम्हे ?

साजिया ने खड़े हुए पूरे लंड को हाथ में भर लिया लेकिन अभी भी सुपाड़ा और करीब दो इंच लंड बाहर हो था तो साजिया पागल सी हुई उसके कान में बोली:"

" अच्छा तो हैं लेकिन बहुत ज्यादा बड़ा है। हाथ में भी ठीक से नहीं आता मेरे।

नासिर ने उसकी एक चूची को जोर से मसल दिया और बोला:"

" हाथ को छोड़ो, चूत में तो पूरा आ जाता हैं तुम्हारी।

साजिया अपनी चूची मसले जाने से मस्ती से सिसक उठी और उससे पूरी तरह से कसकर लिपट गई और उसके कान में मदहोश होते हुए बोली

" आ जाता हैं, बिलकुल पूरा का पूरा आ जाता है।

साहिल से अब बर्दास्त नही हुआ और उसने साजिया की नाइटी को पलट दिया और अपने होंठो को सीधे उसकी चूत पर टिका दिया और साजिया ने बिना मेरे घर में होने की परवाह किए हुए अपनी जांघो को फैला दिया और साहिल ने मुंह खोल कर उसकी चूत को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा।

मुझे साजिया पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था कि कितनी आसानी से एक बार फिर वो बहक गई थीं। मैं नहाने लगा और जब बाहर आया तो साजिया किचन में थी और साहिल प्लान के मुताबिक अभी भी सो रहा था। साजिया ने मुझे नाश्ता दिया और मैं बोल:"

" अरे साहिल क्यों नहीं उठा कभी तक ? ऑफिस जाना होगा जाओ जल्दी से उठा दो।

साजिया: अरे उसकी हालत ठीक नहीं है। रात भी बुखार था उसे।आराम करने दो ना उसे आज। कहीं ज्यादा दिक्कत ना हो जाए बाद में उसे।

नासिर:" देख लो जैसे तुम्हे ठीक लगे। बस काम ज्यादा है आज। रात कुछ साइट्स की डील और मिल गई तो साहिल का काम और बढ़ जायेगा।

साजिया:" ये तो अच्छी बात है। लेकिन तुम्हे और आदमी रखने चाहिए। क्यों इस बेचारे अकेले की जान लेने पर तुले हुए हो तुम ?

नासिर:" चलो देखता हु लेकिन फिर भी काम तो इसे करना ही पड़ेगा न। नही कम करेगा तो आगे कैसे बढ़ेगा।

साजिया:" अरे अभी उसकी उम्र ही कितनी हैं भला। कर लेगा काम भी धीरे धीरे बस।

नासिर ने फिर कुछ नही बोला लेकिन अंदर ही अंदर वो साजिया को गाली दे रहा था कि वो किस तरह से साहिल का पक्ष ले रही थीं । नासिर नाश्ता करता रहा और थोड़ी देर बाद वो गुस्से भरे मन से ऑफिस जाने लगा। वो बिलकुल अच्छे से जानता था कि साहिल ठीक हैं और अब पूरे दिन उसकी बीवी साजिया को चोदेगा लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था और ऑफिस चला गया। नासिर के जाते ही अब साजिया फिर से साहिल के नीचे चुदने लगी और नासिर पूरे दिन ऑफिस मे बैठा हुआ उसकी चुदाई देखता रहा कि किस तरह से पूरी तरह से बेशर्म होकर साजिया खुद ही उसके ऊपर आ आकार अपनी चूत चूदा रही थी। जब साजिया झड़ जाती तो फिर साहिल उसके उपर चढ़ जाता और उसे चोदता। साजिया दर्द से कराह उठती, तड़प उठती लेकिन सिसकियां लेते हुए चुदती रहती। हर बार की जोरदार चुदाई के बाद दोनो कुछ खाने के लिए रुकते ताकि फिर से तरोताजा होकर और चुदाई कर सके एक नई ताकत के साथ एक नए उत्साह के साथ।

नासिर का मुंह गुस्से से लाल हो रहा था और इसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। आखिर कार शाम हुई और नासिर उदास हताश परेशान अपने घर चल पड़ा और साहिल और साजिया दोनो हॉल में ही बैठे हुए थे। साजिया ने गेट खोला और नासिर को स्माइल दी तो नासिर भी फीकी सी स्माइल देकर बाथरूम में घुस गया और रात को खाना खाने के बाद साजिया और नासिर दोनो लेटे हुए थे और साजिया बोली:"

" आप आराम करो, मैं साहिल को दूध देकर आती हु।

नासिर ने उसकी तरफ देखा और बोला:"

" जाओ जल्दी देकर आओ। मेरे सिर में दर्द हैं तो मालिश कर देना मेरी। आओ जल्दी से।

साजिया:" मालिश तो मैं कर ही दूंगी। लेकिन तुम एक गोली खा लो तो ज्यादा आराम मिल जायेगा।

मुझे लगा था कि सिर दर्द की बात सुनकर साजिया नही जायेगी क्योंकि मेरे से बढ़कर उसके लिए साहिल नही हो सकता लेकिन ये सिर्फ मेरा वहम साबित हुआ और साजिया चली गई।

दूध लेकर वो कमरे में गई और देखते ही देखते दोनो फिर से चुदाई में जुट गए। मुझे समझ नही आ रहा था कि साजिया को क्या हो गया है। रात से करीब अब तक 10 बार चुद चुकी थी और फिर से चुद रही थी। उसे सिर्फ अपनी चूत की परवाह थी और मेरी कोई फिक्र नहीं। करीब 15 मिनट तक जोरदार चुदाई करवाने के बाद साजिया वापस आ गई और मेरे साथ बेड पर लेट गई और अभी दो मिनट ही मेरे सिर की मालिश करी थी कि बोली:"

" कुछ आराम मिला ? हाथ दुखने लगा मेरा, थक जाति हु पूरे दिन घर के काम करके।

सजिया कितनी बदल गई थी कि एक ही दिन में ये मुझे अब अच्छे से समझ आ रहा था और मैं बोला:"

" कुछ आराम मिल गया है। तुम चाहो तो आराम कर लो।

मेरे कहने भर की देर थी कि साजिया एक दम से मेरा सिर छोड़कर सीधी होकर लेट गई और थोड़ी देर में गहरी नींद में चली गई जबकि मेरी आंखो से नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। ना साजिया रोज की तरह आज मुझसे चिपकी हुई थी और न ही उसने मुझे सोने से पहले किस किया जो वो हर रोज करती थी। जो कुछ हो रहा था और साजिया में आए बदलाव की असली जड़ में ही था और ये सब सोचकर मेरी आंखे भर आई और मेरा दिल अंदर ही अंदर टूट टूट कर रो रहा था और मुझे चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था। मेरी आंखों से आंसू बह चले और मेरा पूरा मुंह भीग गया था और मेरे गले से सिसकियो के साथ रोने की रुंधी रुंधी सी आवाजे निकल रही थी और साजिया मेरी बीवी मेरी हमसफर इन सबसे पूरी तरह से बेखबर अपनी टांगे फैलाकर मस्ती से सो रही थी।

मैने आखिरकार खुद को संयत किया और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोकते हुए अपने चेहरे को साफ किया और एक बार फिर से गौर से साजिया के चेहरे को देखा और न जाने क्यों प्यार से चूम लिया। जो कुछ भी साजिया और साहिल के लिए हुआ उसका असली जिम्मेदार मैं ही था। लेकिन मुझे अब कुछ भी करके अपनी बीवी को वापिस इस दलदल से बाहर निकालना था।


क्या साजिया साहिल का साथ छोड़ देगी या पूरी तरह से उसकी तरफ झुक जायेगी ?

क्या नासिर अपनी बीवी को पहले की तरह फिर से नेक बना पाएगा ?

ये सब क्या सच में नासिर की मर्जी से ही हुआ या फिर साजिया के साथ साथ नासिर किसी षडयंत्र का शिकार हुआ ?

क्या दोनो फिर से वापिस अपनी प्यार भरी जिंदगी को फिर से शुरू कर पाएंगे या नासिर की फैंटसी की वजह से उसका सब कुछ बरबाद हो जायेगा।

इन सब सवालों के जवाब के लिए साथ जुड़े रहिए। अगले अपडेट में क्या होगा साजिया का ???
Bahut hi badhiya update diya hai Unique star bhai....
Nice and lovely update...
 
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