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मैं ऑफिस पहुंच गया लेकिन काम में बिलकुल भी मन नही था। दिखाने के लिए मैने एक डॉक्टर को बुलाया और उसने साहिल को चेक किया और कुछ दवाई देकर चला गया। साहिल अपने काम में लग गया लेकिन मेरी नजर अभी भी साजिया पर ही बनी हुई थी जो बेचैनी से अब घर में इधर उधर टहल रही थी।
दिन भर मैं काम करता रहा और बीच बीच में मैंने साजिया को भी देखा जो पूरी तरह से बेचैन और परेशान दिखी चुदने के लिए। साजिया ने किसी को फोन किया और बात करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने फोन काट दिया और उसके होंठो पर मुस्कान आ गई । साजिया बाथरूम में गई और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपनी चूत को देखने लगी। उसकी गोरी चिकनी चूत लाल सुर्ख होकर बेहद खूबसूरत लग रही थी और लगभग पूरी तरह से साफ ही थी लेकिन उसने फिर भी अपनी चूत पर चमक रहे छोटे छोटे बालो को पूरी तरह से साफ किया और अपनी चूत के होंठो को सहला दिया और साहिल का नाम लेकर जोर से सिसक उठी।साजिया का ऐसा कामुक रूप मैने पहली बार देखा और मैने अंतिम निर्णय किया कि आज रात ही साजिया चुदेगी। मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता था उसकी दर्द भरी सिसकारियां सुनने के लिए, उसका तड़पता हुआ चेहरा देखने के लिए।
मैं थोड़ी देर के लिए ऑफिस से बाहर निकला और मेडिकल स्टोर से सेक्स पावर की कुछ गोलियां ली और वापिस अपने ऑफिस से निकल गया और घर की तरफ चल पड़ा। साहिल अपने कमरे में चला गया।
घर जाकर साजिया ने एक फीकी सी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया तो मैने उसे गले लगा लिया और बोला:"
" यार साजिया बिलाल भाई के यहां एक मीटिंग होगी आज रात तो मुझे जाना होगा। सुबह आ जाऊंगा वापिस। प्लीज तुम नाराज मत होना।
मेरी बात सुनते ही खुशी के मारे साजिया ने मुझे जोर से कस लिया और बोली:"
" ज्यादा जरूरी हैं क्या ?
नासिर:" हान जाना तो चाहिए। लेकिन अगर तुम कहोगी तो मैं नही जाऊंगा। मैं तुम्हे नाराज नहीं कर सकता बस।
साजिया:" देखो जीने के लिए पैसा भी जरूरी होता हैं और फिर एक ही रात की तो बात है। आप चले जाओ लेकिन कल वापिस पक्का आ जाना।
नासिर को पता था कि यही होगा और वो खुद भी यही चाहता था। उसने धीरे से एक हाथ साजिया की ब्रा में घुसा दिया तो उसकी तनी हुईं चूचियां महसूस करी और समझ गया कि साजिया चुदने के लिए पूरी तरह से तड़प रही है। नासिर ने कसकर उसकी चूची को मसल दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और बोली:"
" आह बस करो। कितनी देर बाद जाना होगा आपको ?
नासिर:" करीब आधे घंटे बाद निकल जाऊंगा।
इतना कहकर उसने उसकी पर एक उंगली रखी तो साजिया की गीली चूत में हल्का सा जोर देते ही उंगली घुस गई और साजिया उससे कसकर लिपट गई और बोली:
" चलो आप जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं खाना लगा देती हु।
साजिया मेरी पकड़ से निकल गई और किचन में घुस गई। मैं बाथरूम में चला गया और वापिस आया तो देखा कि साजिया और साहिल दोनो मेरा इंतजार कर रहे थे। खाना खाते हुए मैं बोला:"
" साहिल मैं रात के लिए कहीं मीटिंग में जा रहा हूं। घर का और साजिया का ध्यान रखना।
मेरी बात सुनकर साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"
" आप फिक्र मत कीजिए। मैं सब देख लूंगा। आप आराम से मीटिंग में जाइए।
मैने देखा कि साजिया के होंठ हिल रहे थे और वो कांप सी रही थी। साहिल टेबल के नीचे से उसकी टांग को सहला रहा था। मैं सब समझ गया और बोला:"
" साहिल अब कैसी तबियत हैं तुम्हारी ?
साहिल: अभी तो काफी आराम है। दिन में दावा दी थी लेकिन खाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
नासिर:" ये क्या बात हुई भला ? दवा तो खानी चाहिए। साजिया इसको दवा खिला देना और इसका ध्यान रखना।
साजिया को जैसे आज मुझे नाराज ही नही करना चाहती थी सबने खाना खा लिया था और साजिया इसलिए बोली:_
" साहिल चलो पहले दवा खाओ। कहा हैं दवाई ?
साहिल:" मेरे कमरे में रखी हुई है। मैं लेकर आता हु।
इतना कहकर वो कमरे में गया और दवाई लेकर आ रहा और उसने पैकेट को खोला तो उसमें पत्ते से निकली हुई अलग अलग रंग की दो गोलियां थी। साहिल ने वो दोनो गोली खा ली तो मेरी आंखे चमक उठी।
मैं अपने कमरे में चला गया और साजिया भी मेरे पीछे ही आ गई। मेरे निकलने का समय हो गया था तो मैंने साजिया को एक किस किया और उसकी गांड़ को सहला कर चल पड़ा। उसने मुझे स्माइल दी और मैं साहिल से पास आ गया और बोला:"
" साहिल मुझे बस स्टेशन छोड़ कर आओ तुम।
साहिल और मैं बस स्टेशन की तरफ चल पड़े और थोड़ी देर में ही मैं उतर गया और साहिल की तरफ देखा जो थोड़ा बेचैन सा लग रहा था और उसकी आंखे हल्की हल्की लाल हो रही थी। मैं समझ गया कि दवा अपना असर दिखा रही है। साहिल वापिस घर की तरफ चल पड़ा और मैने एक ऑटो वाले को 50 रुपए दिए और पीछे पीछे मैं भी घर की तरफ चल पड़ा और ऑटो वाले ने मुझे शॉर्ट कट से कुछ ही मिनट में घर पहुंचा दिया जबकि साहिल अपनी जाम में ही फंसा हुआ था। मैं धीरे से दबे पांव घर के पीछे आया और इधर उधर देखने के बाद दीवार से चढ़कर अन्दर घुस गया और साजिया को कैमरे में देखा जो नहा रही थी तो अच्छा मौका देखकर घर की छत पर चला गया। अब मैं सुकून महसूस कर रहा था क्योंकि पूरी अंधेरी रात में मैं छत पर किसी को नजर नहीं आ सकता था और मैं साहिल के वापिस आने का इंतजार करने लगा। मैने देखा कि जाम खुल गया था और वो घर की तरफ बढ़ गया। अब वो काफी बेचैनी महसूस कर रहा था और उसकी आंखे लाल हो गई थी।
दूसरी तरफ साजिया अपने पूरी तरह से सजी हुई एक छोटी सी नाइटी में खड़ी हुई उसका इंतजार कर रही थी। साहिल ने गाड़ी को घर के अंदर पार्क किया और फिर उसने अंदर घुस कर दरवाजे को पूरी तरह से बंद कर दिया और अंदर की तरफ जैसे ही चला तो उसे साजिया खड़ी हुई नजर आई और साजिया ने उसे कामुक नजरो से देखते हुए एक सेक्सी स्माइल दी और अपनी बांह को उठाकर एक जोरदार अंगड़ाई ली और सोफे की तरफ चल पड़ी।
साहिल ने तेजी से अपने कपड़े निकाल दिए और सिर्फ अंडरवियर में आगे बढ़ गया और साजिया अपनी चूचियां उसे दिखाती हुई सोफे पर बैठ गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी। साहिल तेजी से चलता हुआ उसके सामने पहुंच गया और उसने साजिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड के उभार पर टिका दिया तो साजिया की आंखे लाल होकर शर्म से झुक गई और चूचियां पूरी तरह से तन कर उभर आई।
साहिल ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और उसे गोद में उठा लिया और दोनो एक दूसरे के होंठ चूसते हुए बेडरूम की तरफ बढ़ गए। साजिया की आंखे पूरी तरह से बंद थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया और कमरे की सारी लाइट बंद कर दी तो मुझे पसीना आ गया कि ये क्या हो गया। मैं तो इसे तड़पते हुए देखना चाहता था और अब मेरा बदला कैसे पूरा होगा और मन ही मन मैं दुआ करने लगा।
मेरी दुआ कुबूल हुई और ऐसी कुबूल हुई मैं सोच भी नही सकता था। साहिल उठा और उसने टेबल लैप को बेड पर झुका दिया और अब सिर्फ लाइट बेड पर ही थी और बाकी पूरे कमरे में ही क्या पूरे घर में अंधेरा था। मेरे लिए तो ये सोने पर सुहागा था। मैं नीचे आ गया और धीरे धीरे बेडरूम में घुस गया और अब मैं बिल्कुल बेड के पास खड़ा हुआ था और सब कुछ साफ शीशे की तरह दिख रहा था। साहिल फिर से बेड पर चढ़ गया और साजिया की नाइटी को उतार दिया और अब पूरी की पूरी नंगी साजिया लेटी थी जिसकी चूचियां पूरी तरह से अकड़ कर तनी हुई थी। साहिल ने बिना देर किए उसकी दोनो चुचियों को अपने हाथों में कस लिया और जोर जोर से पागलों की तरह भींचने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल को देखा तो साहिल ने उसकी चूचियां और जोर जोर से मसलनी शुरू कर दी और साजिया तड़प उठी। उसके चेहरे पर दर्द और मस्ती के भाव उभर रहे थे और उसकी सिसकियां सुनकर मुझे सुकून मिल रहा था। साहिल ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो साजिया मस्ती से भर गई और उसका सिर अपनी चूची पर दबाने लगी तो साहिल ने उसकी नंगी चूत को छुआ और साजिया उछल पड़ी और उसकी आधे से ज़्यादा चूची साहिल के मुंह में घुस गई। मैं साजिया की बेचैनी और मस्ती देखकर खुश हो गया और अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा। साहिल ने साजिया की गीली चूत में दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल का लंड मसल दिया तो साहिल ने अपना लंड नंगा करके उसके हाथ में थमा दिया तो साजिया कांप उठी और धीरे धीरे उसे सहलाने लगीं । उसकी पूरी लंबाई को महसूस करके साजिया की चूत डर के मारे सिकुड़ सी गई और साहिल ने नीचे आते हुए उसकी चूत को चूस लिया तो साजिया मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, नजीईईई
साहिल ने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और साजिया बावली सी हो गई और अपनी जांघो को पूरी तरह से फैला कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और लंड चूत से जा टकराया तो साजिया उससे कसकर लिपट गई और मैं बिल्कुल साफ साफ देख रहा था कि साजिया की मासूम सी चूत लंड से पूरी तरह से ढक सी गई थी और साहिल ने उसकी चूचियां पकड़ कर एक धक्का मारा तो सुपाड़ा उसकी चूत मे घुस गया।
साजिया दर्द से तड़प उठी तो साहिल ने फिर से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से तगड़ा धक्का मारा तो आधा लंड साजिया की चूत में घुस गया और साजिया की दर्द भरी कराह कमरे में गूंज उठी और उसके चेहरे पर पूरा दर्द उभर गया अपने हाथ पैर पटकने लगी और तभी साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल लिया और साजिया ने आगे आने वाले दर्द को सोचकर दोनो हाथों से अपना मुह कसकर बंद कर लिया और साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक मेरी आंखो के सामने मेरी साजिया की चूत को फाड़ते हुए जड़ तक उतर गया।
साजिया दर्द से तड़प उठी और उसकी जोरदार चींख सुनकर मेरा दिल तड़प सा उठा और मन किया कि साहिल कोई उपर से हटा दू लेकिन मैं खुशी खुशी अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा। साहिल का चेहरा आंसुओ से भीग गया था और साहिल अपने लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींच रहा था लेकिन लंड इतना ज्यादा कसा हुआ था कि लंड के साथ साथ साजिया अपनी चूत के साथ उपर उठती चली गई और साजिया फिर से दर्द से कराह उठी और अपना हाथ से लंड को पकड़ कर धीरे धीरे तड़पती हुई उसे बाहर निकालने लगी।
साजिया की चूत के होंठ लंड के साथ उलट पड़े और साहिल बिना उसके दर्द की परवाह किए फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड पूरा अन्दर। साजिया फिर से दर्द से बहुत जोर से कराह उठी और साहिल ने बिना रुके धक्के लगाने शुरू किए तो साजिया की दर्द भरी सिसकारियां बढ़ती चली गई और साहिल ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। साजिया दर्द से कराह कर अपने पैर उधर इधर पटक रही थी और साहिल उसकी चूची चूसते हुए बिना रुके धक्के लगा रहा था। कुछ देर से बाद साजिया की गांड़ लंड के साथ थिरकने लगी तो साहिल ने उसके मुंह पर से तकिया हटा दिया और साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकने लगीं और अपनी टांगो को उसकी पीठ पर लपेट दिया। साहिल अब जोर जोर से धक्के मारने लगा और साजिया मस्ती से चुदने लगी। साजिया अब जोर जोर से अपनी गांड़ उठा उठा कर लंड ले रही थी और उसका पूरा बदन कांप रहा था। पूरे घर में उसकी मस्ती भरी सिसकियां गूंज रही थी और लंड चूत के टकराने की थप थप की मधुर आवाज। साहिल चोदता रहा और साजिया सिसक सिसक कर चुदती रही और साजिया का पूरा बदन कांप मस्ती से सिसकते हुए झड़ती चली गई और साहिल को कस लिया और साहिल तेजी से उसकी चिकनी हो गई चूत में धड़ाधड़ धक्के लगाते हुए चोदने लगा और साजिया और और मस्ती से सिसक उठी। तभी साहिल ने अपने पूरे लंड को बाहर निकाल कर आखिरी भरपूर धक्का लगाया और उसकी चूत में अपने वीर्य की पिचकारी मारने लगा तो साजिया मस्ती से सिसक कर उससे लिपट गई। मैने भी जोर से अपना लंड रगड़ा और मेरा भी काम तमाम हो गया।
साजिया खुशी खुशी साहिल को चूम रही थी।
थोड़ी देर के बाद साहिल का लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने साजिया को उठा उठा कर चोदा, पटक पटक कर चोदा, मसल मसल कर चोदा और साजिया दर्द से तड़पती रही, कराहती रही लेकिन चुदती रही।
एक बार झड़ने के बाद मैं थक सा गया लेकिन साजिया को चुदते हुए देखता रहा।।
दोनो बुरी तरह से थक हुए थे और साजिया का हाल बेहाल हो गया था और दोनो पड़े हुए अपनी सांसे ठीक कर रहे थे। साजिया उससे कसकर लिपटी हुई थी और बोली:"
" उफ्फ साहिल, कितने बेदर्द हो तुम। बिलकुल भी रहम नहीं किया।
साहिल ने साजिया का हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर रख दिया और बोला:"
"क्या चूत हैं तुम्हारी, उफ्फ अभी कितनी कसी हुई है। जी करता हैं तुम्हे चोदता रहूं।
साजिया की चूत फिर से फड़क उठी और वो जोर जोर से लंड सहलाने लगी तो देखते ही देखते लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख्त हो गया और साहिल ने लेटे लेटे ही उसकी एक टांग को उपर उठाया और फिर से उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साजिया फिर से दर्द से तड़प उठी और साहिल ने बिना रुके तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और साजिया एक बार फिर से बिस्तर पर अपने जिस्म को पटकने लगी।
साजिया बुरी तरह से चुद रही थी और मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया और मैने फिर से सहलाना शुरू कर दिया और साहिल साजिया की दर्द भरी सिसकारियां सुनके पागल सा हो गया और तगड़े धक्के मारने लगी तो साजिया मस्ती और दर्द से जोर जोर से सिसकने लगी और पुरे घर में उसकी दर्द भरी सिसकारियां गूंज रही थी। ऐसी चुदाई तो मैं उसकी अभी तक नही कर पाया था और साहिल बिना रुके जोर जोर से पहले से ज्यादा तेज धक्के मार रहा रहा था और साजिया जोर जोर से पूरी जोर जोर से तड़प कर चुद रही थी तो टैबलेट के कारण साहिल के लंड में तनाव आने लगा और साजिया की चूत में तेज दर्द होने लगा तो वो कराह उठी और साहिल ने उसके मुंह को अपनी तारीफ खींचा और अपने हाथ से उसका मुंह बंद करते हुए उसकी कमर को थाम कर चोदने लगा।
pick a number from 1 to 4
साजिया पागल सी हो गई और उसकी चूत में एक बार फिर से कंपकपी सी उठी और साजिया अपने बदन को पटकती हुई झड़ती चली गई जिससे चूत चिकनी हो गई और लंड और तेजी से घुस रहा था। साजिया से अब बर्दास्त नही हो रहा था और उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और वो पूरी जान लगाकर उससे छूट गई और साहिल का लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया तो साजिया ने सुकून की सांस ली और तभी साहिल ने बेड पर खड़ी हुई साजिया की एक टांग को जबरदस्ती अपने कंधे तक उपर उठा लिया जिससे साजिया की चूत पूरी तरह से नासिर की आंखो के आगे खुल गई। उफ्फ बिलकुल लाल सुर्ख हो गई थी चुदके साहिल ने और नीचे से बिना देर उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साहिल को साजिया की चूत पूरी तरह से खुलती हुई साफ साफ दिखी साहिल बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के पेलने लगा।
साजिया की चूत पहली बार ऐसे चुद रही थी और बेहद मजा आने लगा और उसकी चूत फिर से गर्म हो गई और साजिया खुद ही अपनी चूत लंड पर आगे पीछे करने लगी और साहिल ने उसकी आंखो में देखते हुए चोदना शुरू कर दिया। साजिया को इतना मजा आज तक नही आया था और उसकी जीभ बाहर निकल आई और साहिल के होंठो पर फेर दिया तो साहिल की भी जीभ बाहर निकल गई और साजिया उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाती और फिर पीछे को खीच लेती। साहिल तड़प उठा और उसने जोर आगे होकर उसकी जीभ को पकड़ लिया और जोर जोर से चूसने लगा और लंड चूत से बाहर निकल गया तो दोनो तड़प उठे और साहिल ने साजिया को बेड पर ही झुका दिया किसी घोड़ी की तरह और पीछे से लंड घुसा दिया तो साजिया के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी।
साहिल जोर जोर से धक्के मारने लगा और लंड जोर जोर से बच्चेदानी पर लगने तो साजिया से बर्दास्त नही और उसकी चूत एक बार फिर से झड़ती चली गई और साजिया का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी। साहिल का लंड अब अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुका था और साजिया की चूत फट रही थी। हर धक्के पर साजिया की बच्चेदानी फैल और सिकुड़ रही थी और साजिया से इतना दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और उसे पीछे को ढलकेने लगी तो साहिल ने उसके बाल पकड़ लिए और उसकी कमर को पूरी ताकत से थामकर तूफानी रफ्तार से धक्के मारने लगा
दर्द से जोर जोर से कराहती, तड़पती हुई, मचलती हुई साजिया चींख रही थी चिल्ला रही थी और उसे पीछे को धकेल रही थी लेकिन साहिल पर अब गोली पूरा असर दिखा रही थी और वो साजिया को चोदता जा रहा था। साजिया की गोरी गांड़ के उभार साहिल की जांघो से टकरा कर लाल हो हुए थे और जितनी जोर से दर्द से बिलबिलाती हुई साजिया उसे पीछे को धकेलती साहिल उससे कहीं ज्यादा जोर से धक्का मारता और साजिया से बर्दास्त नही हुआ और बेड पर गिर पड़ी। साजिया के बेड पर गिरते ही साहिल ने और ज्यादा जोर से दबोच लिया और साजिया के दोनो हाथ पकड़कर उसकी पीठ कर अपने हाथ में कस लिए और किसी पागल सांड की तरह साजिया पर टूट पड़ा। साजिया की गांड़ थप थप कर हिल रही थी और वो गला फाड़कर चींख रही थी और दर्द से इधर उधर सिर पटक रही थी लेकिन साजिया की कसी चूत इतनी कसी चूत को चोद कर साहिल मस्ती से पागल हो गया था और अपना पूरा दम लगा रहा था।
साजिया के हाथ की आधे से ज्यादा चूड़ियां टूट गई थी और साहिल के लंड में अब पहली बार तनाव अपने चरम पर था और साहिल बावला सा होकर पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर चोदने लगा तो साजिया की आंखो से आंसू निकल पड़े और नासिर ये देखकर खुशी महसूस कर रहा था। तभी साहिल का बदन कांपने लगा और उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगी और उसने जोर से एक आखिरी तगड़ा धक्का लगाया और पूरा लंड किसी मोटे लट्ठ के समान साजिया की चूत में गड़ गया और साहिल साजिया के उपर उसकी कमर पर गिर पड़ा। साजिया दर्द के मारे पूरी ताकत से चिल्ला उठी क्योंकि लंड कम से कम दो इंच उसकी बच्चेदानी में घुस गया था नासिर का लंड भी पिघल गया और नासिर कमरे से बाहर निकल गया। साजिया बेसुध सी हुई पड़ी थी और साहिल किसी जानवर की तरह उसे चाट रहा था, चूम था था और साजिया अभी भी दर्द से कराह रही थी। साहिल उपर से हट गया और साजिया को अपनी तरफ खींच लिया तो किसी बेजान की तरह खींचती हुई साजिया उससे कसकर लिपट गई।
दिन भर मैं काम करता रहा और बीच बीच में मैंने साजिया को भी देखा जो पूरी तरह से बेचैन और परेशान दिखी चुदने के लिए। साजिया ने किसी को फोन किया और बात करने लगी। थोड़ी देर के बाद उसने फोन काट दिया और उसके होंठो पर मुस्कान आ गई । साजिया बाथरूम में गई और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपनी चूत को देखने लगी। उसकी गोरी चिकनी चूत लाल सुर्ख होकर बेहद खूबसूरत लग रही थी और लगभग पूरी तरह से साफ ही थी लेकिन उसने फिर भी अपनी चूत पर चमक रहे छोटे छोटे बालो को पूरी तरह से साफ किया और अपनी चूत के होंठो को सहला दिया और साहिल का नाम लेकर जोर से सिसक उठी।साजिया का ऐसा कामुक रूप मैने पहली बार देखा और मैने अंतिम निर्णय किया कि आज रात ही साजिया चुदेगी। मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता था उसकी दर्द भरी सिसकारियां सुनने के लिए, उसका तड़पता हुआ चेहरा देखने के लिए।
मैं थोड़ी देर के लिए ऑफिस से बाहर निकला और मेडिकल स्टोर से सेक्स पावर की कुछ गोलियां ली और वापिस अपने ऑफिस से निकल गया और घर की तरफ चल पड़ा। साहिल अपने कमरे में चला गया।
घर जाकर साजिया ने एक फीकी सी मुस्कान के साथ मेरा स्वागत किया तो मैने उसे गले लगा लिया और बोला:"
" यार साजिया बिलाल भाई के यहां एक मीटिंग होगी आज रात तो मुझे जाना होगा। सुबह आ जाऊंगा वापिस। प्लीज तुम नाराज मत होना।
मेरी बात सुनते ही खुशी के मारे साजिया ने मुझे जोर से कस लिया और बोली:"
" ज्यादा जरूरी हैं क्या ?
नासिर:" हान जाना तो चाहिए। लेकिन अगर तुम कहोगी तो मैं नही जाऊंगा। मैं तुम्हे नाराज नहीं कर सकता बस।
साजिया:" देखो जीने के लिए पैसा भी जरूरी होता हैं और फिर एक ही रात की तो बात है। आप चले जाओ लेकिन कल वापिस पक्का आ जाना।
नासिर को पता था कि यही होगा और वो खुद भी यही चाहता था। उसने धीरे से एक हाथ साजिया की ब्रा में घुसा दिया तो उसकी तनी हुईं चूचियां महसूस करी और समझ गया कि साजिया चुदने के लिए पूरी तरह से तड़प रही है। नासिर ने कसकर उसकी चूची को मसल दिया तो साजिया जोर से सिसक उठी और बोली:"
" आह बस करो। कितनी देर बाद जाना होगा आपको ?
नासिर:" करीब आधे घंटे बाद निकल जाऊंगा।
इतना कहकर उसने उसकी पर एक उंगली रखी तो साजिया की गीली चूत में हल्का सा जोर देते ही उंगली घुस गई और साजिया उससे कसकर लिपट गई और बोली:
" चलो आप जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं खाना लगा देती हु।
साजिया मेरी पकड़ से निकल गई और किचन में घुस गई। मैं बाथरूम में चला गया और वापिस आया तो देखा कि साजिया और साहिल दोनो मेरा इंतजार कर रहे थे। खाना खाते हुए मैं बोला:"
" साहिल मैं रात के लिए कहीं मीटिंग में जा रहा हूं। घर का और साजिया का ध्यान रखना।
मेरी बात सुनकर साहिल का चेहरा खुशी से चमक उठा और बोला:"
" आप फिक्र मत कीजिए। मैं सब देख लूंगा। आप आराम से मीटिंग में जाइए।
मैने देखा कि साजिया के होंठ हिल रहे थे और वो कांप सी रही थी। साहिल टेबल के नीचे से उसकी टांग को सहला रहा था। मैं सब समझ गया और बोला:"
" साहिल अब कैसी तबियत हैं तुम्हारी ?
साहिल: अभी तो काफी आराम है। दिन में दावा दी थी लेकिन खाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
नासिर:" ये क्या बात हुई भला ? दवा तो खानी चाहिए। साजिया इसको दवा खिला देना और इसका ध्यान रखना।
साजिया को जैसे आज मुझे नाराज ही नही करना चाहती थी सबने खाना खा लिया था और साजिया इसलिए बोली:_
" साहिल चलो पहले दवा खाओ। कहा हैं दवाई ?
साहिल:" मेरे कमरे में रखी हुई है। मैं लेकर आता हु।
इतना कहकर वो कमरे में गया और दवाई लेकर आ रहा और उसने पैकेट को खोला तो उसमें पत्ते से निकली हुई अलग अलग रंग की दो गोलियां थी। साहिल ने वो दोनो गोली खा ली तो मेरी आंखे चमक उठी।
मैं अपने कमरे में चला गया और साजिया भी मेरे पीछे ही आ गई। मेरे निकलने का समय हो गया था तो मैंने साजिया को एक किस किया और उसकी गांड़ को सहला कर चल पड़ा। उसने मुझे स्माइल दी और मैं साहिल से पास आ गया और बोला:"
" साहिल मुझे बस स्टेशन छोड़ कर आओ तुम।
साहिल और मैं बस स्टेशन की तरफ चल पड़े और थोड़ी देर में ही मैं उतर गया और साहिल की तरफ देखा जो थोड़ा बेचैन सा लग रहा था और उसकी आंखे हल्की हल्की लाल हो रही थी। मैं समझ गया कि दवा अपना असर दिखा रही है। साहिल वापिस घर की तरफ चल पड़ा और मैने एक ऑटो वाले को 50 रुपए दिए और पीछे पीछे मैं भी घर की तरफ चल पड़ा और ऑटो वाले ने मुझे शॉर्ट कट से कुछ ही मिनट में घर पहुंचा दिया जबकि साहिल अपनी जाम में ही फंसा हुआ था। मैं धीरे से दबे पांव घर के पीछे आया और इधर उधर देखने के बाद दीवार से चढ़कर अन्दर घुस गया और साजिया को कैमरे में देखा जो नहा रही थी तो अच्छा मौका देखकर घर की छत पर चला गया। अब मैं सुकून महसूस कर रहा था क्योंकि पूरी अंधेरी रात में मैं छत पर किसी को नजर नहीं आ सकता था और मैं साहिल के वापिस आने का इंतजार करने लगा। मैने देखा कि जाम खुल गया था और वो घर की तरफ बढ़ गया। अब वो काफी बेचैनी महसूस कर रहा था और उसकी आंखे लाल हो गई थी।
दूसरी तरफ साजिया अपने पूरी तरह से सजी हुई एक छोटी सी नाइटी में खड़ी हुई उसका इंतजार कर रही थी। साहिल ने गाड़ी को घर के अंदर पार्क किया और फिर उसने अंदर घुस कर दरवाजे को पूरी तरह से बंद कर दिया और अंदर की तरफ जैसे ही चला तो उसे साजिया खड़ी हुई नजर आई और साजिया ने उसे कामुक नजरो से देखते हुए एक सेक्सी स्माइल दी और अपनी बांह को उठाकर एक जोरदार अंगड़ाई ली और सोफे की तरफ चल पड़ी।
साहिल ने तेजी से अपने कपड़े निकाल दिए और सिर्फ अंडरवियर में आगे बढ़ गया और साजिया अपनी चूचियां उसे दिखाती हुई सोफे पर बैठ गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी। साहिल तेजी से चलता हुआ उसके सामने पहुंच गया और उसने साजिया का हाथ पकड़ कर अपने लंड के उभार पर टिका दिया तो साजिया की आंखे लाल होकर शर्म से झुक गई और चूचियां पूरी तरह से तन कर उभर आई।
साहिल ने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और उसे गोद में उठा लिया और दोनो एक दूसरे के होंठ चूसते हुए बेडरूम की तरफ बढ़ गए। साजिया की आंखे पूरी तरह से बंद थी और साहिल ने उसे बेड पर लिटा दिया और कमरे की सारी लाइट बंद कर दी तो मुझे पसीना आ गया कि ये क्या हो गया। मैं तो इसे तड़पते हुए देखना चाहता था और अब मेरा बदला कैसे पूरा होगा और मन ही मन मैं दुआ करने लगा।
मेरी दुआ कुबूल हुई और ऐसी कुबूल हुई मैं सोच भी नही सकता था। साहिल उठा और उसने टेबल लैप को बेड पर झुका दिया और अब सिर्फ लाइट बेड पर ही थी और बाकी पूरे कमरे में ही क्या पूरे घर में अंधेरा था। मेरे लिए तो ये सोने पर सुहागा था। मैं नीचे आ गया और धीरे धीरे बेडरूम में घुस गया और अब मैं बिल्कुल बेड के पास खड़ा हुआ था और सब कुछ साफ शीशे की तरह दिख रहा था। साहिल फिर से बेड पर चढ़ गया और साजिया की नाइटी को उतार दिया और अब पूरी की पूरी नंगी साजिया लेटी थी जिसकी चूचियां पूरी तरह से अकड़ कर तनी हुई थी। साहिल ने बिना देर किए उसकी दोनो चुचियों को अपने हाथों में कस लिया और जोर जोर से पागलों की तरह भींचने लगा तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल को देखा तो साहिल ने उसकी चूचियां और जोर जोर से मसलनी शुरू कर दी और साजिया तड़प उठी। उसके चेहरे पर दर्द और मस्ती के भाव उभर रहे थे और उसकी सिसकियां सुनकर मुझे सुकून मिल रहा था। साहिल ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो साजिया मस्ती से भर गई और उसका सिर अपनी चूची पर दबाने लगी तो साहिल ने उसकी नंगी चूत को छुआ और साजिया उछल पड़ी और उसकी आधे से ज़्यादा चूची साहिल के मुंह में घुस गई। मैं साजिया की बेचैनी और मस्ती देखकर खुश हो गया और अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा। साहिल ने साजिया की गीली चूत में दो उंगली घुसा दी तो साजिया दर्द से कराह उठी और उसने साहिल का लंड मसल दिया तो साहिल ने अपना लंड नंगा करके उसके हाथ में थमा दिया तो साजिया कांप उठी और धीरे धीरे उसे सहलाने लगीं । उसकी पूरी लंबाई को महसूस करके साजिया की चूत डर के मारे सिकुड़ सी गई और साहिल ने नीचे आते हुए उसकी चूत को चूस लिया तो साजिया मस्ती से सिसक उठी
" आह साहिल, नजीईईई
साहिल ने उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और साजिया बावली सी हो गई और अपनी जांघो को पूरी तरह से फैला कर उसे अपने ऊपर खींच लिया और लंड चूत से जा टकराया तो साजिया उससे कसकर लिपट गई और मैं बिल्कुल साफ साफ देख रहा था कि साजिया की मासूम सी चूत लंड से पूरी तरह से ढक सी गई थी और साहिल ने उसकी चूचियां पकड़ कर एक धक्का मारा तो सुपाड़ा उसकी चूत मे घुस गया।
साजिया दर्द से तड़प उठी तो साहिल ने फिर से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से तगड़ा धक्का मारा तो आधा लंड साजिया की चूत में घुस गया और साजिया की दर्द भरी कराह कमरे में गूंज उठी और उसके चेहरे पर पूरा दर्द उभर गया अपने हाथ पैर पटकने लगी और तभी साहिल ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल लिया और साजिया ने आगे आने वाले दर्द को सोचकर दोनो हाथों से अपना मुह कसकर बंद कर लिया और साहिल ने एक जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक मेरी आंखो के सामने मेरी साजिया की चूत को फाड़ते हुए जड़ तक उतर गया।
साजिया दर्द से तड़प उठी और उसकी जोरदार चींख सुनकर मेरा दिल तड़प सा उठा और मन किया कि साहिल कोई उपर से हटा दू लेकिन मैं खुशी खुशी अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा। साहिल का चेहरा आंसुओ से भीग गया था और साहिल अपने लंड को पूरी ताकत से बाहर की तरफ खींच रहा था लेकिन लंड इतना ज्यादा कसा हुआ था कि लंड के साथ साथ साजिया अपनी चूत के साथ उपर उठती चली गई और साजिया फिर से दर्द से कराह उठी और अपना हाथ से लंड को पकड़ कर धीरे धीरे तड़पती हुई उसे बाहर निकालने लगी।
साजिया की चूत के होंठ लंड के साथ उलट पड़े और साहिल बिना उसके दर्द की परवाह किए फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और लंड पूरा अन्दर। साजिया फिर से दर्द से बहुत जोर से कराह उठी और साहिल ने बिना रुके धक्के लगाने शुरू किए तो साजिया की दर्द भरी सिसकारियां बढ़ती चली गई और साहिल ने एक तकिया उसके मुंह पर रखा और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। साजिया दर्द से कराह कर अपने पैर उधर इधर पटक रही थी और साहिल उसकी चूची चूसते हुए बिना रुके धक्के लगा रहा था। कुछ देर से बाद साजिया की गांड़ लंड के साथ थिरकने लगी तो साहिल ने उसके मुंह पर से तकिया हटा दिया और साजिया ने उसके होंठो को चूम लिया और उसकी आंखो में देखते हुए सिसकने लगीं और अपनी टांगो को उसकी पीठ पर लपेट दिया। साहिल अब जोर जोर से धक्के मारने लगा और साजिया मस्ती से चुदने लगी। साजिया अब जोर जोर से अपनी गांड़ उठा उठा कर लंड ले रही थी और उसका पूरा बदन कांप रहा था। पूरे घर में उसकी मस्ती भरी सिसकियां गूंज रही थी और लंड चूत के टकराने की थप थप की मधुर आवाज। साहिल चोदता रहा और साजिया सिसक सिसक कर चुदती रही और साजिया का पूरा बदन कांप मस्ती से सिसकते हुए झड़ती चली गई और साहिल को कस लिया और साहिल तेजी से उसकी चिकनी हो गई चूत में धड़ाधड़ धक्के लगाते हुए चोदने लगा और साजिया और और मस्ती से सिसक उठी। तभी साहिल ने अपने पूरे लंड को बाहर निकाल कर आखिरी भरपूर धक्का लगाया और उसकी चूत में अपने वीर्य की पिचकारी मारने लगा तो साजिया मस्ती से सिसक कर उससे लिपट गई। मैने भी जोर से अपना लंड रगड़ा और मेरा भी काम तमाम हो गया।
साजिया खुशी खुशी साहिल को चूम रही थी।
थोड़ी देर के बाद साहिल का लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने साजिया को उठा उठा कर चोदा, पटक पटक कर चोदा, मसल मसल कर चोदा और साजिया दर्द से तड़पती रही, कराहती रही लेकिन चुदती रही।
एक बार झड़ने के बाद मैं थक सा गया लेकिन साजिया को चुदते हुए देखता रहा।।
दोनो बुरी तरह से थक हुए थे और साजिया का हाल बेहाल हो गया था और दोनो पड़े हुए अपनी सांसे ठीक कर रहे थे। साजिया उससे कसकर लिपटी हुई थी और बोली:"
" उफ्फ साहिल, कितने बेदर्द हो तुम। बिलकुल भी रहम नहीं किया।
साहिल ने साजिया का हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर रख दिया और बोला:"
"क्या चूत हैं तुम्हारी, उफ्फ अभी कितनी कसी हुई है। जी करता हैं तुम्हे चोदता रहूं।
साजिया की चूत फिर से फड़क उठी और वो जोर जोर से लंड सहलाने लगी तो देखते ही देखते लंड फिर से लोहे की रोड की तरह सख्त हो गया और साहिल ने लेटे लेटे ही उसकी एक टांग को उपर उठाया और फिर से उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साजिया फिर से दर्द से तड़प उठी और साहिल ने बिना रुके तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए और साजिया एक बार फिर से बिस्तर पर अपने जिस्म को पटकने लगी।
साजिया बुरी तरह से चुद रही थी और मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया और मैने फिर से सहलाना शुरू कर दिया और साहिल साजिया की दर्द भरी सिसकारियां सुनके पागल सा हो गया और तगड़े धक्के मारने लगी तो साजिया मस्ती और दर्द से जोर जोर से सिसकने लगी और पुरे घर में उसकी दर्द भरी सिसकारियां गूंज रही थी। ऐसी चुदाई तो मैं उसकी अभी तक नही कर पाया था और साहिल बिना रुके जोर जोर से पहले से ज्यादा तेज धक्के मार रहा रहा था और साजिया जोर जोर से पूरी जोर जोर से तड़प कर चुद रही थी तो टैबलेट के कारण साहिल के लंड में तनाव आने लगा और साजिया की चूत में तेज दर्द होने लगा तो वो कराह उठी और साहिल ने उसके मुंह को अपनी तारीफ खींचा और अपने हाथ से उसका मुंह बंद करते हुए उसकी कमर को थाम कर चोदने लगा।
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साजिया पागल सी हो गई और उसकी चूत में एक बार फिर से कंपकपी सी उठी और साजिया अपने बदन को पटकती हुई झड़ती चली गई जिससे चूत चिकनी हो गई और लंड और तेजी से घुस रहा था। साजिया से अब बर्दास्त नही हो रहा था और उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और वो पूरी जान लगाकर उससे छूट गई और साहिल का लंड उसकी चूत से बाहर निकल गया तो साजिया ने सुकून की सांस ली और तभी साहिल ने बेड पर खड़ी हुई साजिया की एक टांग को जबरदस्ती अपने कंधे तक उपर उठा लिया जिससे साजिया की चूत पूरी तरह से नासिर की आंखो के आगे खुल गई। उफ्फ बिलकुल लाल सुर्ख हो गई थी चुदके साहिल ने और नीचे से बिना देर उसकी चूत में लंड घुसा दिया तो साहिल को साजिया की चूत पूरी तरह से खुलती हुई साफ साफ दिखी साहिल बिना रुके ताबड़तोड़ धक्के पेलने लगा।
साजिया की चूत पहली बार ऐसे चुद रही थी और बेहद मजा आने लगा और उसकी चूत फिर से गर्म हो गई और साजिया खुद ही अपनी चूत लंड पर आगे पीछे करने लगी और साहिल ने उसकी आंखो में देखते हुए चोदना शुरू कर दिया। साजिया को इतना मजा आज तक नही आया था और उसकी जीभ बाहर निकल आई और साहिल के होंठो पर फेर दिया तो साहिल की भी जीभ बाहर निकल गई और साजिया उसकी जीभ से अपनी जीभ मिलाती और फिर पीछे को खीच लेती। साहिल तड़प उठा और उसने जोर आगे होकर उसकी जीभ को पकड़ लिया और जोर जोर से चूसने लगा और लंड चूत से बाहर निकल गया तो दोनो तड़प उठे और साहिल ने साजिया को बेड पर ही झुका दिया किसी घोड़ी की तरह और पीछे से लंड घुसा दिया तो साजिया के मुंह से दर्द भरी कराह निकल पड़ी।
साहिल जोर जोर से धक्के मारने लगा और लंड जोर जोर से बच्चेदानी पर लगने तो साजिया से बर्दास्त नही और उसकी चूत एक बार फिर से झड़ती चली गई और साजिया का मुंह मस्ती से खुल गया और वो जोर से सिसक उठी। साहिल का लंड अब अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुका था और साजिया की चूत फट रही थी। हर धक्के पर साजिया की बच्चेदानी फैल और सिकुड़ रही थी और साजिया से इतना दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ और उसे पीछे को ढलकेने लगी तो साहिल ने उसके बाल पकड़ लिए और उसकी कमर को पूरी ताकत से थामकर तूफानी रफ्तार से धक्के मारने लगा
दर्द से जोर जोर से कराहती, तड़पती हुई, मचलती हुई साजिया चींख रही थी चिल्ला रही थी और उसे पीछे को धकेल रही थी लेकिन साहिल पर अब गोली पूरा असर दिखा रही थी और वो साजिया को चोदता जा रहा था। साजिया की गोरी गांड़ के उभार साहिल की जांघो से टकरा कर लाल हो हुए थे और जितनी जोर से दर्द से बिलबिलाती हुई साजिया उसे पीछे को धकेलती साहिल उससे कहीं ज्यादा जोर से धक्का मारता और साजिया से बर्दास्त नही हुआ और बेड पर गिर पड़ी। साजिया के बेड पर गिरते ही साहिल ने और ज्यादा जोर से दबोच लिया और साजिया के दोनो हाथ पकड़कर उसकी पीठ कर अपने हाथ में कस लिए और किसी पागल सांड की तरह साजिया पर टूट पड़ा। साजिया की गांड़ थप थप कर हिल रही थी और वो गला फाड़कर चींख रही थी और दर्द से इधर उधर सिर पटक रही थी लेकिन साजिया की कसी चूत इतनी कसी चूत को चोद कर साहिल मस्ती से पागल हो गया था और अपना पूरा दम लगा रहा था।
साजिया के हाथ की आधे से ज्यादा चूड़ियां टूट गई थी और साहिल के लंड में अब पहली बार तनाव अपने चरम पर था और साहिल बावला सा होकर पूरा लंड बाहर निकाल निकाल कर चोदने लगा तो साजिया की आंखो से आंसू निकल पड़े और नासिर ये देखकर खुशी महसूस कर रहा था। तभी साहिल का बदन कांपने लगा और उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगी और उसने जोर से एक आखिरी तगड़ा धक्का लगाया और पूरा लंड किसी मोटे लट्ठ के समान साजिया की चूत में गड़ गया और साहिल साजिया के उपर उसकी कमर पर गिर पड़ा। साजिया दर्द के मारे पूरी ताकत से चिल्ला उठी क्योंकि लंड कम से कम दो इंच उसकी बच्चेदानी में घुस गया था नासिर का लंड भी पिघल गया और नासिर कमरे से बाहर निकल गया। साजिया बेसुध सी हुई पड़ी थी और साहिल किसी जानवर की तरह उसे चाट रहा था, चूम था था और साजिया अभी भी दर्द से कराह रही थी। साहिल उपर से हट गया और साजिया को अपनी तरफ खींच लिया तो किसी बेजान की तरह खींचती हुई साजिया उससे कसकर लिपट गई।
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