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Erotica बदनसीब फुलवा; एक बेकसूर रण्डी (Completed)

Fulva's friend Kali sold herself in slavery. Suggest a title

  • Sex Slave

    Votes: 7 38.9%
  • मर्जी से गुलाम

    Votes: 6 33.3%
  • Master and his slaves

    Votes: 5 27.8%
  • None of the above

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
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Lefty69

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फुलवा की बेजान आंखों ने काली की सहमी हुई आंखों में देखा।


फुलवा, “पिछले पांच साल मैं चुधती हुई चूत से ज्यादा कुछ नहीं थी। हर रात मुझे दसियो मर्द को लेना पड़ता। समझ लो कि अगर मैं 100 साल जी गई तो भी मेरी हर रात से मेरे ऊपर चढ़े मर्द ज्यादा होंगे।“


सहमी हुई काली अपने भविष्य की ऐसी झलक देख कर सिसक उठी। काली को देख फुलवा की ममता जाग गई।


फुलवा ने काली के हाथों को अपने हाथों में पकड़ कर, “मुझ मनहूस को छोड़। अब हमें नीलाम किया जाएगा तब किसी सेठ को पटाने की कोशिश कर। याद रख! मर्द के लिए औरत की झिल्ली उसकी सबसे कीमती चीज होती है! तो जल्द से जल्द उस से चुधवा ले! एक बार तू चुध गई तो तेरी कीमत काफी कम हो जायेगी और मुमकिन है कि वह तुझे दुबारा ना बेचे!”


गाड़ी रुक गई और सहमी हुई काली ने फुलवा को गले लगाकर विदा ली। सारी औरतों को एक मैदान में बने मंच के पीछे बांध कर रखा गया। मंच पर से बोली लगाने वाले उनके बारे में बता रहे थे।


मंच पर से, “आज हमारे कदरदानों के लिए पेश है एक बेहतरीन नजराना!! 8 अनछुई कुंवारियां जिन्हे सख्त हाथ से जीतना पड़ेगा। ये लड़कियां काम के लिए निकली थी और अब आप की रातें रंगीन करने के काम आएंगी!!”


मंच पर 8 रोती रही लड़कियों की नुमाईश की गई। सारी लड़कियां रो रही थी और उन्हें लूटने के लिए उतावले दर्शक तालियां और सीटियां बजा रहे थे।


मंच पर से, “आगे आप की खिदमत में पेश हैं 3 घरेलू औरतें। हालांकि ये कुंवारियां नहीं है पर इन्हें किसी भी तरह से पेशेवर नहीं बनाया गया। इन्हें अपने घर ले जाओ और काम के साथ अपने बेटों को जवानी के सबक सिखाओ!!”


3 औरतों को खींच कर मंच पर लाया गया। यह औरतें शायद काम की तलाश में निकली थी। चाबुक की फटकार हुई और इन घरेलू औरतों को मंच पर अपनी कमर हिलानी पड़ी। दर्शकों में से जवान लड़के तालियां और सीटियां बजाने लगे।


मंच पर से, “कलकत्ते की बदनाम गलियों में से आई हैं 2 रंडियां! इन्हें कम समझने की गलती ना करना!! इन आदमखोर औरतों को हर रात कम से कम 20 लौड़े लेने की आदत है! किसी भी कोठे पर सबसे ज्यादा कमाने की सबसे सस्ती रंडियां ये रही!”


मंच पर फुलवा और दूसरी रण्डी को लाया गया। दोनों को अपना जिस्म बेचने और बिकने की आदत हो गई थी तो दोनों ने नाचना शुरू किया। इस मंच पर उनका नाच देखने के लिए भीड़ आगे आई। दोनों रंडियों ने नाचते हुए अपने बदन की खूब नुमाइश की। फुलवा ने अपने ऊपर एक तीखी नजर को महसूस किया। फुलवा ने नाचते हुए उसे देखा तो वह कोई जवान लड़का दिखा।


दोनों रंडियों को मंच से उतारा गया और आगे की नीलामी के बारे में बताने लगे।


मंच पर से, “मेहरबान कदरदान सबसे आखिर में है हमारा नगीना! ये है बंगाल की काली!! ये बिलकुल अनछुई कुंवारी है पर खुशी खुशी खुद को बेच रही है! इसे ले जाओ और बंगाल की असली गरमी चखो!!”


काली ने एक गहरी सांस ली और मंच पर चढ़ कर मुस्कुराते हुए हाथ जोड़े। काली ने नाचना बस शुरू किया था जब अचानक जिस्म के मेले में भगदड़ मच गई।


मंच पर नीलामी करने वाले और औरतों को बेचने वाले लोग सब को वहीं पर छोड़ कर भागने लगे। दर्शकों में से आवाज आई की यहां पुलिस की रेड पड़ने वाली है। छुपी Recording हो रही है। सारी औरतों ने मौका साधा और भागने लगीं।


फुलवा ने देखा तो मंच पर काली अब भी नचाते हुए किसी 35 की उम्र के आदमी से अपना सौदा कर रही थी। फुलवा के बगल की रण्डी चीखी। उस रण्डी को 5 मर्दों के परिवार ने अपने कंधे पर डाला और भाग खड़े हो गए।


फुलवा को दबोचने के लिए कई हाथ बढ़े पर अचानक किसी ने एक पैनी कट्यार से उसे पीछे से दबोच लिया। फुलवा ने मुड़कर अपने नए मालिक को देखा।


यह वही जवान लड़का था जो उसे नाचते हुए घूर रहा था। लेकिन अब उसकी आंखों में वह आग थी जिसे देख बाकी सारे फुलवा को उसके साथ छोड़ भाग गए। लड़के ने फुलवा का हाथ पकड़ लिया और दोनों वहां से भागने लगे।


कुछ देर भागने के बाद फुलवा थक गई। लड़के ने भी भागना बंद किया पर खींचना जारी रखा। गाड़ी का हॉर्न बजा और फुलवा ने गाड़ी में देखा। गाड़ी में बैठी काली ने अपना हाथ उठाकर फुलवा से विदा ली।


फुलवा, “क्या हम थोड़ा रुक सकते हैं? मैं थक गई हूं।“


लड़का, “तुम्हारा नाम क्या है?”


फुलवा हंसकर, “जो चाहे बुलाओ! मेरी चूत और गांड़ नाम सुनकर नहीं खुलती। आप बहुत जवान लगते हैं। पहली बार औरत का मजा लेने के लिए मुझे लिया है ना? आप ही बताओ किस नाम से चोदना चाहते हो? मास्टरनी, भाभी, चाची, बुआ या सीधे मां के नाम से?”


लड़के की गरम आंखों में दर्द छलक आया, “मुझे अपना नाम बताइए। वही नाम जो आप को आप की मां ने दिया था!”


फुलवा से लड़के का दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ (चुपके से), “एक जमाने में मैं फुलवा थी।“


लड़के की आंखों में आंसू भर आए।


लड़का, “मेरा नाम पूछिए!”


फुलवा ने उसकी आंखों में देखा और रोने लगी, “नहीं!!…
नहीं!!…
नहीं!!…”


लड़के ने रोती हुई फुलवा को गले लगाकर, “मां!!…”
 

Lefty69

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Kahin uska agla grahak uska beta na ban jaye...
Grahak to nahi par malik bhi nahi.

Fulva ko aazadi mili hai.

Aage kya hoga?
 
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Hello friends,
Would you like to know Kali's story?
 

Lefty69

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Lefty69

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The next few updates will be pure drama with no sex.

Kindly do give me your suggestions about your idea of the story.

Should Chirag and Fulva become lovers? If yes, how?
 
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