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आनंद के वीर्य से रंगी उसकी योनी रोशनी में चमक रही थी। योनी से पैरोंपर टपका वीर्य अभी भी सूखा नहीं था। आनंद को अपने लिंग में हलचल महसूस हुयी। उसको हल्का सा सहलाते ही वो फिर से तन गया।
‘ये सब रेश्मा के नशीले बदन का कमाल है’, मन ही मन उसने कहा।
सोफ़े से उठ कर आनंद रेश्मा की ओर चला गया। रेश्मा अभी भी खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने में मशगूल थी। आनंद का पीछे आना उसको पता ही नहीं चला। आनंद उसको अब करीब से देख रहा था। जिस नितंब ने उसे दूर से आकर्षित किया था, वही पास से देखने में और भी मोहक लग रहा था। उसकी गोलाई बहुत अच्छी थी और शरीर के तुलना में आकार बड़ा था। उसकी गोरी त्वचा रात की रोशनी में और भी निखर गयी थी। घुटनोंके बल बैठे उसके आगे झुकने से उसके सुडोल स्तन लटक रहे थे। पर लटकने के बावजूद उन्होंने अपना आकार खोया नहीं था।
आनंद अब खुदको रोक नहीं पाया। उसने रेश्मा को पीछे से झपट लिया। दोनों हाथों में उसके लटकते स्तन क़ैद हो गए। अचानक पकड़े जाने से रेश्मा चौंक गयी। उसने हिलने की कोशिश की, मगर आनंद की पकड़ बहुत मजबूत थी। उसको हिलने का मौका भी नहीं मिला। आनंद का तना हुआ लिंग उसके नितंबों पर चुभ रहा था। उससे रेश्मा को अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। उसने खिड़की के बाहर के नज़ारे पर फिर से नजर लगायी।
रेश्मा के गीले बालों पर नाक रखकर आनंद वो सुगंध अपने अंदर समां ने लगा। उसी स्थिति में उसने अपना तना हुआ लिंग पीछे से रेश्मा की योनी पर रखा। दूसरे ही पल एक ज़ोरदार झटके से वो अंदर तक घुसा दिया। रेश्मा की योनी अभी भी गीली थी, इसलिए लिंग अंदर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुयी। आगे क्या होने वाला है उसका अंदाजा उसको था, पर अचानक मिले झटके से रेश्मा चौंक गयी थी। मुँह से निकलने वाली चीख़ उसने अंदर ही दबा ली।
आनंद तेजी से अपना लिंग योनी में अंदर बाहर करने लगा। उसकी घर्षण से रेश्मा को एक अनोखा आनंद मिल रहा था। इसी ख़ुशी के साथ ही खिड़की से बाहर दिखने वाले बारिश ने नज़ारे ने चार चाँद लगाए। ऐसे तेज बारिश के नज़ारे में सेक्स का आनंद लेना उसने कभी सोचा भी नहीं था। डॉक्टर आनंद के लिए भी ये एक रोमांचक बात थी। उसी उत्तेजना में वो अपना लिंग बड़ी तेजी से रेश्मा की योनी में रगड़ रहा था। दोनों हाथोंसे उसके स्तनोंको मसलना जारी था। बिच में जैसे ही वो निप्पल चुटकी में दबाता, रेश्मा उत्तेजना से उछल पड़ती। वो भी अब नितंब हिलाकर आनंद की लय में शामिल हुयी। हर झटके के साथ भिड़ने वाले शरीर जोर की आवाज कर रहे थे। पर धुँवाधार बारिश ने उनके आवाज को ढक लिया था।
रेश्मा की सांसे अब तेज हो गयी थी। उसके मुँह से बड़ी सिसकारियां निकलने लगी। कुछ ही समय में उसका शरीर थरथराया। बारिश की गूंज कानोंमें समाते हुए उसने आँखे बंद कर ली। शरीर ने जैसे ही झटके लगाए, उसकी योनी ने पानी छोड़ दिया। इसी दौरान संकुचित हुई योनी ने लिंग पर दबाव बढ़ाया। आनंद कामोत्तेजना के शिखर पर पहुंचा। इस बार एक जोरदार झटका लगा के उसने अपना लिंग बाहर निकला। तभी लिंग से निकली गर्म वीर्य की पिचकारी रेश्मा के कोमल पीठ पर जाकर गिरी।
‘ये सब रेश्मा के नशीले बदन का कमाल है’, मन ही मन उसने कहा।
सोफ़े से उठ कर आनंद रेश्मा की ओर चला गया। रेश्मा अभी भी खिड़की से बाहर का नज़ारा देखने में मशगूल थी। आनंद का पीछे आना उसको पता ही नहीं चला। आनंद उसको अब करीब से देख रहा था। जिस नितंब ने उसे दूर से आकर्षित किया था, वही पास से देखने में और भी मोहक लग रहा था। उसकी गोलाई बहुत अच्छी थी और शरीर के तुलना में आकार बड़ा था। उसकी गोरी त्वचा रात की रोशनी में और भी निखर गयी थी। घुटनोंके बल बैठे उसके आगे झुकने से उसके सुडोल स्तन लटक रहे थे। पर लटकने के बावजूद उन्होंने अपना आकार खोया नहीं था।
आनंद अब खुदको रोक नहीं पाया। उसने रेश्मा को पीछे से झपट लिया। दोनों हाथों में उसके लटकते स्तन क़ैद हो गए। अचानक पकड़े जाने से रेश्मा चौंक गयी। उसने हिलने की कोशिश की, मगर आनंद की पकड़ बहुत मजबूत थी। उसको हिलने का मौका भी नहीं मिला। आनंद का तना हुआ लिंग उसके नितंबों पर चुभ रहा था। उससे रेश्मा को अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। उसने खिड़की के बाहर के नज़ारे पर फिर से नजर लगायी।
रेश्मा के गीले बालों पर नाक रखकर आनंद वो सुगंध अपने अंदर समां ने लगा। उसी स्थिति में उसने अपना तना हुआ लिंग पीछे से रेश्मा की योनी पर रखा। दूसरे ही पल एक ज़ोरदार झटके से वो अंदर तक घुसा दिया। रेश्मा की योनी अभी भी गीली थी, इसलिए लिंग अंदर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुयी। आगे क्या होने वाला है उसका अंदाजा उसको था, पर अचानक मिले झटके से रेश्मा चौंक गयी थी। मुँह से निकलने वाली चीख़ उसने अंदर ही दबा ली।
आनंद तेजी से अपना लिंग योनी में अंदर बाहर करने लगा। उसकी घर्षण से रेश्मा को एक अनोखा आनंद मिल रहा था। इसी ख़ुशी के साथ ही खिड़की से बाहर दिखने वाले बारिश ने नज़ारे ने चार चाँद लगाए। ऐसे तेज बारिश के नज़ारे में सेक्स का आनंद लेना उसने कभी सोचा भी नहीं था। डॉक्टर आनंद के लिए भी ये एक रोमांचक बात थी। उसी उत्तेजना में वो अपना लिंग बड़ी तेजी से रेश्मा की योनी में रगड़ रहा था। दोनों हाथोंसे उसके स्तनोंको मसलना जारी था। बिच में जैसे ही वो निप्पल चुटकी में दबाता, रेश्मा उत्तेजना से उछल पड़ती। वो भी अब नितंब हिलाकर आनंद की लय में शामिल हुयी। हर झटके के साथ भिड़ने वाले शरीर जोर की आवाज कर रहे थे। पर धुँवाधार बारिश ने उनके आवाज को ढक लिया था।
रेश्मा की सांसे अब तेज हो गयी थी। उसके मुँह से बड़ी सिसकारियां निकलने लगी। कुछ ही समय में उसका शरीर थरथराया। बारिश की गूंज कानोंमें समाते हुए उसने आँखे बंद कर ली। शरीर ने जैसे ही झटके लगाए, उसकी योनी ने पानी छोड़ दिया। इसी दौरान संकुचित हुई योनी ने लिंग पर दबाव बढ़ाया। आनंद कामोत्तेजना के शिखर पर पहुंचा। इस बार एक जोरदार झटका लगा के उसने अपना लिंग बाहर निकला। तभी लिंग से निकली गर्म वीर्य की पिचकारी रेश्मा के कोमल पीठ पर जाकर गिरी।