Sanju@
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बहुत ही शानदार अपडेट हैप्रताप सिंह की बीवी अपने मायके पहुंचकर बहुत खुश नजर आ रही थी,,, तांगे पर से उतरते ही उसकी छोटी बहन रानी दौड़ते हुए उसके पास आई थी और उसके गले लग गई थी,,, दोनों के मिलन से कहीं ज्यादा रानी की खूबसूरती रघु के दिल में उतर गई थी जब वह अपनी बहन से गले मिल रही थी तो रघु तिरछी नजरों से रानी के खूबसूरत बदन के संपूर्ण भूगोल का अपनी नजरों से जायजा ले रहा था,,, पहली नजर में ही कुर्ती में कैद उसके दोनों कबूतरों और नितंबों के उभार के बारे में पता लगा लिया था कुल मिलाकर रानी पूरी तरह से आनंद और जवानी से भरपूर थी जिसका रस पान करने के लिए रघु अपने मन में योजना बनाने लगा था क्योंकि मैं जानता था कि पांच सात दिन तक यहां पर रुकना ही होगा तब तक रघु का जुगाड़ कुछ ना कुछ बैठ ही जाएगा,,,
तांगे में रखा हुआ सामान उठाकर उसकी छोटी बहन रानी घर में ले जाने लगी तो जमीदार की बीवी रघु को भी अंदर आने के लिए बोली,,,,, रघु घर के बाहर ही एक अच्छी सी जगह घने पेड़ की छांव देखकरटांगे को खड़ा किया और घोड़े को हटाने से खोलकर उसे पेड़ से बांध दिया और उसके आगे ढेर सारी हरी घास रख दिया,,,,जमीदार की बीवी घर में उसकी छोटी बहन और उसकी मां और बाबू जी के सिवा और कोई नहीं था कुल मिलाकर घर में चार लोग ही थे,,,, और चार लोगों के हिसाब से कोठी कुछ ज्यादा ही बड़ी और बेहद सुख सुविधा से भरपूर थी,,,,।
रास्ते की थकान की वजह से रघु नहा धोकर एकदम तैयार हो गया और जलपान करने के बाद उसे एक अलग कमरा दे दिया गया था जो कि जमीदार की बीवी जानबूझकर अपने कमरे के बगल वाला ही कमरा उसके लिए मुहैया कराई थी,,, उसमें जाकर आराम से सो गया,,।
दूसरी तरफ उसकी बहन शालू के साथ-साथ उसकी मां को भी रघु की बेहद याद आ रही थी शालू को तो अपने भाई के मोटे तगड़े लंड की आदत पड़ चुकी थी इसलिए अपनी भाई की गैरमौजूदगी में उसे अपनी बुर में कुछ ज्यादा ही खुजली महसूस होने लगी थी,,,, और उसकी मां कजरी जब से अपने बेटे के मोटे तगड़े लंबे लंड का दीदार अपनी आंखों से हुई थी तब से उसकी आंखों में बिल्कुल भी चैन नजर नहीं आता था,,, बार-बार उसका मन अपने बेटे के लंड को देखने के लिए मचल उठता था,,,। बार-बार अपने बेटे के बारे में सोच कर उसकी बुर गीली हो जा रही थी,,, कजरी इससे पहले कभी भी अपने आप को इस तरह से बेचैन और विचलित होते हुए नहीं महसूस की थी लेकिन अब उसका मन कहीं भी नहीं लगता था,,, बार-बार उसके बेटे के साथ जाने अनजाने में हुए हादसे के बारे में वह सोचने लगी थी किस तरह से वह खेत में जब पेशाब करने के लिए बैठी थी तो उसे घूर घूर कर देख रहा था इसलिए वह उसे खरी-खोटी सुनाई भी थी,,, और गुड रखते समय किस तरह से अपने आप ही उसकी पेटिकोट छुट कर नीचे गिर गई थी और वह अपने बेटे के सामने एकदम नग्न अवस्था में आ गई थी,,, और रघु किस तरह से उसे अपनी आंखों के सामने एकदम नंगी देखकर पागलों की तरह मुंह फाड़े उसे घूरते जा रहा था,,,,, वह सब पल याद करके उसे रघू की याद बहुत आ रही थी,,,हालांकि वह अपने मन में इस तरह के गंदे ख्याल आना नहीं चाहती थी लेकिन उसका मन इस तरह के ख्याल अपने अंदर लाने से मान भी नहीं रहा था,,,,,
दूसरी तरफ सालु अपनी टांगों के बीच खुजली महसूस कर रही थी,,, उसे रघू याद आ रहा था,,, रघु का मोटा तगड़ा लंबा लंड याद आ रहा था,,,, जिस तरह से वह बेरहमी से अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी बुर में डालकर जोर जोर से धक्के लगाता था उस पल को याद करके वह एकदम पानी पानी हुए जा रही थी,,,,। रघु की गैरमौजूदगी में उसे बिरजू से मिलने की ललक जाग रही थी,,,, और वह बिरजू से मिलने के लिए आम के बगीचे में जा पहुंची उसे मालूम था कि बिरजू वहीं पर होगा,,,, शालू को देखते ही बिरजू एकदम खुश हो गया,,,, दोपहर का समय था कड़ी धूप गांव वालों को घर से निकलने से रोक रही थी इसलिए सभी लोग घर में आराम कर रहे थे,,, इसलिए शालू को किसी बात की चिंता नहीं थी,,,बिरजू को देखकर उसके भी चेहरे पर प्रसन्नता के भाव दिखाई देने लगी,,,,अपनी मम्मी यही सोच रही थी कि रघू ना सही आज बिरजू से ही काम चला लेगी,,,,इसलिए वह अपने मन में ठान कर आई थी कि आज बिरजू को वह कुछ भी करने से बिल्कुल भी नहीं रोकेगी,,,, बिरजू भी आज शालू से करीब करीब 10 दिनों के बाद मिल रहा था,,,इसलिए शालू को देखते ही वह सालु की तरफ आगे बढ़ कर उसे अपनी बाहों में ले लिया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया,,,, शालू भी मर्दाना बाहोंकी गर्मी अपने तन बदन में महसूस करते ही एकदम गरम होंगे लेकिन वह पहले से ही तय कर ली थी कि बिरजू को बिल्कुल भी नहीं रुकेगी लेकिन फिर भी जानबूझकर नाटक करते हुए बोली,,,।
हाय दैया क्या कर रहे हो छोड़ो ना,,,,
नहीं छोडूंगा मेरी जान आज तो बिल्कुल भी नहीं छोडूंगा 10 दिनों के बाद आज तुम मुझसे मिलने आई हो इसका हर्जाना तो तुम्हें भरना पड़ेगा,,,,
कैसा हर्जाना,,,,(शालू शरमाते हुए बोली)
वही हर्जाना जो एक मर्द औरत के साथ करता है,,,।
पागल हो गई हो क्या शादी के बाद कर लेना अभी कुछ भी नहीं,,,,और हां अभी तक तो तुमने अपने पिताजी से शादी के बारे में बात भी नहीं किए हो मैं कैसे मान लूं कि तुम मुझसे ही शादी करोगे,,,
कर लूंगा मेरी जान मैं जानता हूं पिताजी मेरी बात कभी नहीं टालेंगे मेरी खुशी के लिए मेरी बात जरूर मान लेंगे,,,
तुम्हें पूरा यकीन है कि तुम्हारे पिताजी मान जाएंगे,,,
पूरा यकीन है मेरी जान तभी तो आज तुमसे प्यार करने का मन कर रहा है,,,(इतना कहने के साथ ही बिरजू एक बार फिर से उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और शालू उसे एक बार फिर से छुड़ाते हुए बोली,,),,,
नहीं नहीं यह सब शादी के बाद मुझे शर्म आती है,,,,
अपने होने वाले पति से कैसी शर्म मेरी रानी आ जाओ मेरी बाहों में,,,(और इतना कहने के साथ ही बिरजू जबरदस्ती करते हुए शालू को अपनी गोद में उठा लिया और उसे उठाकर उस बगीचे में बनी घास फूस की झोपड़ी में ले जाने लगा,,,,)
अरे मुझे छोड़ो नीचे उतारो कहां ले जा रहे हो बिरजू,,,,
शादी के पहले सुहागरात मनाने मेरी रानी,,,,
नहीं नहीं रघु ऐसा मत करो किसी को पता चल गया तो,,,
अरे किसी को भी पता नहीं चलेगा तुम डरो मत,,,(शालू भी तो यही चाहती थी और ज्यादा ना नुकुर नहीं करना चाहती थी वरना उसका बना हुआ काम बिगड़ सकता था उसकी बुर में तो चींटियां रेंग रही थी,,, और बिरजू झोपड़ी में ले जाकर उसे सूखी घास के ढेर में लगभग लगभग फेंक दिया घास के ढेर में शालू को तो चोट बिल्कुल भी नहीं लगी,,, बिरजू हंसने लगा और हंसते हुए अपना कुर्ता उतारने लगा,,, हालांकि वह अभी अपना पजामा नहीं उतारा था,,, बिरजू का भी बदन गठीला था,,, शालू का दिल जोरों से धड़क रहा था,,,, बिरजू आगे बढ़ा और शालू की कमीज पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाते हुए उतारने लगा,,, शालू गर्म होने लगी थी इसलिए उसका बिल्कुल भी विरोध नहीं की जैसे ही कमीज उसके बदन से अलग हुई बिरजू तो शालू की मदमस्त गोल-गोल सूचियों को देखकर एकदम मदहोश होने लगा और वह बिना एक पल भी गवाएअपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर ऊसके दोनों कबूतरों को अपने हाथ में लेकर दबाना शुरू कर दिया,,,, मर्द तो आखिर मर्द होते हैं बिरजू भी कम नहीं था वह भी पूरी तरह से दम लगा कर शालू की चूचियों को दबा रहा था,,,शालू के मुंह से दर्द से कराहने के साथ-साथ मस्ती भरी सिसकारी की आवाज भी फुटने लगी थी,,, बिरजू पहली बार शालू के साथ एकदम खुले तौर पर उसके बदन से खेल रहा था उसे मजा आ रहा था वह पागल हुए जा रहा था उसे लगने लगा था कि आज वह शालू की बुर अपना लंड डालकर अपनी जवानी का खाता खोल लेगा,,,,,
ओहहहहह,,,, बिरजू आराम से दबाओ दर्द हो रहा है,,,
(बिरजू कहां सुनने वाला था उसे तो जैसे मुंह मांगी मुराद मिल गई थी वह पागलों की तरह सालु की मदमस्त चूचियों से खेल रहा था,,, जी भर के चुचियों से खेलने के बाद,, वह एक हाथ नीचे की तरफ लाकर शालू की सलवार की डोरी को खोलने लगा,,, लेकिन इस बार जानबूझ कर वह उसका हाथ पकड़ते हुए बोली,,,।
नहीं नहीं रघू अभी रहने दो शादी के बाद कर लेना,,,
नहीं बिल्कुल भी नहीं आज तो मैं नहीं रुकने वाला,,,( और इतना कहने के साथ ही वह सालू का हांथ पकड़कर झटक दिया और तुरंत उसके सलवार के नाड़े को खोलकर एक झटके में उसकी सलवार को उसकी पतली चिकनी टांगों से खींच कर अलग कर दिया,,, बिरजू की आंखों के सामने जवान शालू एकदम नंगी थी वह शर्मा रही थी,,,अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार को छुपाने के लिए अपनी दोनों जांघों को आपस में सटा रखी थी,,, जिसे अपने दोनों हाथों से अलग करते हुए बिरजू बोला,,)
मेरी जान मुझे देखने तो दो तुम्हारी बुर कैसी है,,,
(सालू ज्यादा बातें नहीं बनाना चाहती थी इसलिए अपनी दोनों टांगों को खोल दी,,, बिरजू तो शालू की चिकनी बुर को देखते ही एकदम पागल हो गया ,,, पहली बार वह शालू की बुर को देख रहा था और पहली बार ही वह किसी लड़की की बुर की रचना से अवगत हो रहा था वह पूरी तरह से मदहोश होने लगा था उसकी आंखें फटी जा रही थी शालू यह देख कर मन ही मन प्रसन्न हो रही थी,,, बिरजू के हाव भाव देखकर और अपनी मदमस्त जवानी की गर्मी से मदहोश होकर शालू के मुंह से आखिरकार निकल ही गया,,,।
चाटो राजा,,,,,( शालु तुरंत अपने आप को संभाल ली और इसके आगे कुछ नहीं बोली,,,वह तो बिरजू इतना चालाक नहीं था कि शालु की बात को पकड़ पाता,,वो तो शालु की मदहोश जवानी में चुर हो चुका था,,, इसलिए शालु की चाटने वाली बात को मानते हुए वह शालु की टांगों के बीच आ गया,,,बुर चटाई वह पहले भी देख चुका था और वह भी अपनी नई जवान मां और पिताजी के कमरे में,,, इसलिए इस बात का उसे पता था कि औरतों की बुर को चाटा जाता है,,,, बिरजू के लिए यह पहली बार था,,,इसलिए वह टुट पडा,,, अनुभव का आभाव था लेकिन फिर भी शालू को मजा आ रहा था,,,।वह पानी पानी हुई जा रही थी,,, कुछ देर बुर चाटने के बाद,, बिरजू खड़ा हुआ और अपना पजामा उतार दिया,,, बिरजू एकदम नंगा था,,,शालु उसके लंड को प्यासी नजरों से देखे जा रही थी,,, रघू के बमपिलाट लंड की तरह तो बिल्कुल भी नहीं था लेकिन फिर भी कामचलाउ था,,, दोनों आम के बगीचे में बनी झोपड़ी में एकदम मदहोश हो चुके थे,,, बिरजू नादान था,,उसे मालुम नहीं था कि कैसे कीया जाता है लेकिन फिर भी बिरजू था तो एक मर्द ही,,, इसलिए जैसे तैसे करके वह शालु की दोनों टांगों के बीच जगह बना लिया,,, शालू का दिल जोरों से धड़क रहा था,,,उसे यकीन था कि चुदाई का प्यासा बिरजू ऊसकी जमके चुदाई करेगा,,और रघू की कमी ईस समय महसूस नहीं होने देगा,,,,, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था रघु के लिए इतना आसान था साले की मदहोश मत मस्त जवानी से भरपूर सील को तोड़ पाना इतना आसान बिरजू के लिए बिल्कुल भी नहीं था कि अपना लंड उसकी गरम बुर में डालकर कुछ देर तक टिक पाए बल्कि वह तो जैसे ही,, सालु की दोनों टांगों के बीच जगह बना कर जैसे ही अपने खड़े लंड को उसकी मदमस्त गर्म जवानी के केंद्र बिंदु उसकी बुर के ऊपर अपने लंड का सुपाड़ा छुआया भर था कि उसके लंड में पिचकारी फेंक दिया जिससे उसके लंड की पिचकारी सीधे उसके चिकने पेट पर जाकर गिरने लगी,,,, बिरजू की हालत को देखकर शालू एकदम से क्रोधित हो गई और बिरजू भी एकदम शर्मिंदा हो गया वह दोबारा अपने लैंड को खड़ा करने की भरपूर कोशिश करता रहा लेकिन डर और शर्मिंदगी की वजह से उसका लंड दोबारा खड़ा हुआ ही नहीं,,,, और शालू गुस्से में उसके ही पहचानी से उसका गिरा लावा साफ करके अपने कपड़े पहन कर झोपड़ी से निकलते हुए गुस्से में बोली,,,
तुम से कुछ नहीं होने वाला,,,,(पर इतना क्या करवा चली गई बिरजू में भी अब बिल्कुल भी ऊसे रोकने की ताकत नहीं बची थी,,,,,
और दूसरी तरफ जमीदार के ससुराल में जमीदार की बीवी शाम ढलने के बाद रानी को रघु को उठाने के लिए भेजी,,, क्योंकि थकान के मारे रघु अभी तक सो रहा था)
amzing अपdate
lovely update
Dekhte h Raghu rani ko pata pata h ya nahi
waiting next update