कजरी किसी गैर मर्द के साथ अपने आपको अपने बेटे के सामने नग्न अवस्था में बर्दाश्त नहीं कर पाई और शर्म के मारे बेहोश होकर वहीं गिर पड़ी,,,, रघु एकदम आग बबूला हो चुका था जिस तरह से उसने दरवाजे को तोड़कर कमरे के अंदर प्रवेश करकेकमरे के अंदर के दृश्य को देखा था उसे से उसके तन बदन में आग लग गई थी क्रोध से जल रहा था,,, तू अपनी आंखों से साफ तौर पर देख रहा था कि उसकी मां शराब का गिलास हाथ में ली हुई थी और लाला पेट के बल पलंग पर लेट कर अपनी धोती खोल रहा था,,,, लाला रघु को इस तरह से देख कर एकदम से घबरा गया था,,,उसका दिमाग काम करना बंद कर दिया था और उसके हाथों में,, खून से सनी हुई कुल्हाड़ी देखकर लाला की और हालत खराब हो गई,,,, वह हड़बड़ा कर पलंग पर उठ कर बैठ गया रघु को इस तरह से गुस्से में देख कर उसकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गई,,,।
हरिया,,,, कालू,,,,,,, शेरू कहां मर गए सब के सब,,,,,
तु सही कह रहा है लाला,,, तेरे तीनों आदमी,,(कुल्हाड़ी पर लगे खून को अपनी उंगली से साफ करते हुए) मर गए और इन तीनों को मैंने मारा है,,,,
क्या,,,? यह नहीं हो सकता यह हो ही नहीं सकता,,, वह तीनों एक एक 10 आदमी पर भारी है,,,,,
लेकिन तेरे तीनों आदमी मेरे सामने घुटने टेक दिए,,,, (कजरी बेहोश होकर पलंग के पास गिरी पड़ी थी एकदम नग्न अवस्था में लेकिन इस समय रघु के सर पर जुनून सवार था उसे केवल लाला दिखाई दे रहा था वह लाला को जान से मार देना चाहता था इसलिए वह अपनी मां की तरह बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया था,,,)
तू झूठ बोल रहा है हरामि,,,,, ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,(लाला गुस्से में बोला)
तुझे विश्वास नहीं हो रहा है तो आवाज लगाकर बुला ले देख कौन आता है,,,, उन तीनों की लाशें घर के बाहर पड़ी है,,,,
(रघु की कही बातों पर लाला को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था उसे ऐसा लग रहा था कि उसके तीनों हाथ में शराब पीकर कहीं लुढ़क गए हों गए होंगे,,, क्योंकि उसे अपने तीनों आदमियों की ताकत पर पूरा भरोसा था किसी की हिम्मत नहीं थी कि उनके सामने नजर मिला सकें और यह लड़का उन्हें जान से मार देने का दावा कर रहा था लाला को बिल्कुल भी भरोसा नहीं हुआ तो वह फिर बोला,,,)
देख रघुबातें बनाना छोड़ दे मुझे अपने तीनों आदमियों पर पूरा भरोसा है साले शराब पीने में थोड़े कच्चे हैं इसलिए पीकर लुढ़क गए होंगे,,,,,
(इतना सुनते ही रघु जोर जोर से हंसने लगा,,, और उसकी तेज हंसी सुनकर लाला के पसीने छूट रहे थे उसके मन में यह बात कहीं ना कहीं घर कर गई थी कि वास्तव में रघु ने उसके तीनों आदमियों को जैसा कि वह कह रहा है मार दिया है,,, लेकिन उसे विश्वास नहीं हो रहा था,,,, लाला की बात सुनकर रघु बोला,,,)
मैं आज बहुत गुस्से में हूं लाला तीन क्या अगर 30 भी होते तो सब का वही हाल होता,,, जैसा कि तीनों का हुआ है,,,
(रघु की बात लाला के बिल्कुल भी पल्ले नहीं पड़ रही थी वह मानने को तैयार ही नहीं था कि रघु अकेले उसके तीनों आदमियों को ढेर कर सकता है,,,)
नामुमकिन ऐसा हो ही नहीं सकता,,,,
नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए ही मैं यहां आया हूं,,, अपने तन की प्यास बुझाने के लिए तूने आज गलत औरत चुन लिया,,,, अपने अपमान का बदला लेने के लिए तूने यह रास्ता एहतियात किया है,,, तू सच में पापी है आज तेरे पाप का घड़ा भर चुका है,,,,,
(लाला अपने मन में सोचने लगा कि अगर रघु जो कुछ भी कह रहा है उसमें जरा सी भी सच्चाई है तो आज उसकी मौत निश्चित है लेकिन वह भी कुछ कम नहीं था इमानदारी से इस जगह पर नहीं पहुंचा था वह भी बेईमानी लूटपाट हत्या करने के बाद ही इस स्थिति में पहुंचा था इसलिए ऊपर चला था वह धीरे-धीरे अपना हाथ पलंग पर बिछड़े हुए गद्दे के नीचे रखी चाकू की तरफ ले जाने लगा,,,)
देख रघु जो कुछ भी तू कर रहा है वह बिल्कुल गलत है,,,,
और जो तू कर रहा है वह सही है,,,,,, हरामजादे गांव की ना जाने कितनी औरतों की इज्जत से तु खेल चुका है तेरी तो घर की सगी बहू पर गंदी नजर है तो दूसरी औरतों को क्या छोड़ेगा,,,,(अपनी बहू का जिक्र आते ही लाला झेंप सा गया फिर अपने बचाव में बोला,,,)
वह औरतें खुद चलकर मेरे पास आई थी मैं उन्हें जोर जबस्ती करके अपने बिस्तर पर नहीं लाया था,,,।
मजबूरी का फायदा उठाना भी जोर जबरदस्ती से कम नहीं होता लाला,,,, तेरी हर एक हरकत को मैं अच्छी तरह से जानता हूं लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि,,, मेरी मां पर ही तू गंदी नजर डालेगा,,,,
नहीं नहीं रघु यह गलत बात है,, मैं तेरी मां को छोड़कर बस्ती करके या उठाकर नहीं गया वह खुद मेरे पास चलकर आई है,,,
हरामजादे मेरी मां दूसरी औरतों की तरह नहीं है जो खुद तेरे पास चलकर आएगी,,,
नहीं रघु मैं सच कह रहा हूं भगवान कसम,,,,
तेरे लिए भगवान कहां है तू तो खुद को ही भगवान समझ बैठा है,,, तेरी बहू कोमल ने मुझे सब कुछ बता दि है,,,, तु ही अपनी तीनों आदमी को मेरे घर भेज कर मेरी मां को उठा लाने के लिए बोला था,,,,(इतना सुनते ही लाला गुस्से से पागल हो गया और गद्दे के नीचे रखे चाकू को बाहर निकालकर सीधा रघु की तरफ जोर से फेंक कर मार दिया और वह चाकू सीधा उसके कंधे पर जाकर घुस गई,,,, रघु दर्द से बिलबिला उठा और यही मौका देख कर लाला उसी स्थिति में पलंग पर से उठा और बाहर की तरफ भागा,,,, रघु के कंधे में वह चाकू लगभग आधा घुस चुका था जिसे बड़ी मुश्किल से रघु जोर से पकड़ कर बाहर की तरफ खींच लिया और चक्कू जैसे ही बाहर निकली वैसे ही उसके कंधे में से खून का फव्वारा छूटने लगा,,,,, लाला घर से बाहर भाग चुका था रघु गुस्से से तिलमिला उठा एक नजर वह अपनी मां के ऊपर डाला जो कि एकदम नंगी बेहोश पड़ी थी और फिर दरवाजे की तरफ लपका,,,,
रुक जा हरामजादे आज तुझे मेरे हाथों से कोई नहीं बचा पाएगा,,,,,,
लाला घर से बाहर निकलते ही घर के आगे अपने ही आदमियों की लाशें देखकर भौचक्का रह गया उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था,,,, वह मुंह फाड़े आश्चर्य से अपने तीनों आदमियों की लाश को देखने लगा,,,,, तभी पीछे कुल्हाड़ी लेकर दहाड़ ते हुए रघु उसकी तरफ लपका,,,।
रुक जा मादरचोद कहां भागता है आज तेरी मौत निश्चित है हरामजादे,,,,(इतना सुनते ही लाला पूरी ताकत लगा कर भागने लगा वह नहर की तरफ भागते चला जा रहा था और रघु उसके पीछे-पीछे,,,, आज रघु उसका इस धरती से नामोनिशान मिटा देना चाहता था,,,,क्योंकि बार-बार उसकी आंखों के सामने वही तेरे से नजर आ रहा था जो कि वह दरवाजा तोड़कर अंदर की तरफ देखा था उसकी मां शराब का ग्लास लेकर खड़ी थी और लाला अपनी धोती खोल रहा था जो कि निश्चित तौर पर उसकी मां की चुदाई करने की तैयारी कर रहा था वह अपने मन में यह सोच रहा था कि पता नहीं वह उसकी मां को चोद पाया या नहीं,,,, अगर ऐसा हुआ तो वह भी मर जाएगा क्योंकि वह अपनी मां को किसी दूसरे के साथ चुदता हुआ नहीं देख सकता था,,, इसलिए लाला पर उसे और ज्यादा गुस्सा आ रहा था और वह बड़ी तेजी से लाला की तरफ भागता चला जा रहा था और लाला उसे जान बचाकर पूरा दम लगा कर भाग रहा था और भागते भागते नहर के किनारे कीचड़ में गिर पड़ा और रघु उसके करीब पहुंच गया,,,उसके कंधे में चाकू पूरी तरह से घुस जाने की वजह से उस में से खून निकल रहा था और उसे दर्द हो रहा था लेकिन फिर भी उसे अपने दर्द की चिंता नहीं थी आगे से अपने अपमान का बदला लेना था अपनी मां के साथ हुए अपमान का बदला लेना था,,,
मुझ से बच कर कहां जाएगा लाला आज तेरी मौत मेरे हाथों से लिखी है,,,
नहीं नहीं रघु मुझे माफ कर दे मुझसे गलती हो गई मुझे माफ कर दे,,,,,(लाला कीचड़ में रेंगते हुए आगे की तरफ हाथ जोड़े बढ़ रहा था,,, लेकिनरघु उसे माफ बिल्कुल भी नहीं करना चाहता था आज निश्चित कर लिया था कि आज वह अपने हाथों से उसे मारेगा,,,)
तेरी गलती माफ करने वाली नहीं है लाला,,, तुझे तो मेरे हाथों से मरना ही होगा,,, तेरी काली करतूतों को तो मैं अच्छी तरह से जानता था लेकिन यह नहीं जानता था कि तू मेरे कि घर में मेरी मां के ऊपर गंदी नजर डालेगा,,,,
देख रघु मैं तेरी मां को अपने आदमीयो से यहां उठा कर लाने की गलती कर चुका हूं लेकिन मेरी मान तेरी मां आज भी एकदम पवित्र है मैं तेरी मां के साथ अभी तक कुछ नहीं कर पाया हूं,,,(इतना सुनते ही रघु थोड़ी राहत महसूस हुई,,,) तो फिर मुझसे बदला लेना चाहता है तो बेशक ले लेकिन जैसा मैंने किया हूं वैसे ही मेरी बहू है ना कोमल तु उसके साथ कुछ भी कर सकता है,,, कुछ भी मैं कुछ नहीं कहूंगा,,,,।
हरामजादे मादरचोद समझ कर क्या रखा है तू कहेगा और मैं कोमल के साथ कुछ भी करूंगा मैं कोमल से प्यार करता हूं कुत्ते,,,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से झेंप गया,,) कोमल से मे सच में प्यार करता हूं,,,,, और हां आज इस दुनिया से जाते जाते तुझे एक हकीकत बता देता हूं ताकि तु यह हकीकत सुनकर मरने के बाद भी भटकता रहेगा तड़पता रहेगा जिसकी तू लेने के लिए दिन रात जुगाड़ में लगा रहता था ना वही तेरी बहू कोमल कि मैं ले चुका हूं और वह भी जबरदस्ती से नहींवो खुद अपनी मर्जी से मुझे अपना सब कुछ दे चुकी है और वह भी मुझसे उतना ही प्यार करती है जितना कि मैं अगर ऐसा ना होता तो तूफानी बारिश में भीगते हुए वह घर से बाहर निकल कर मुझे तेरे करतूत के बारे में बताने ना आती उसीने मुझे सब कुछ बताई है तभी तो मैं यहां पर पहुंच पाया हूं,,,(इतना सुनते ही लाला एकदम से आग बबूला हो गया और जोर से एक लात रघु के पेट में दे मारा रघु तिल मिलाकर वहीं गिर गया और मौके का फायदा उठाकर लाला उठ खड़ा हुआ और भागने लगा लेकिन रघु फुर्ती दिखाते हुए तुरंत खड़ा हुआ उसके पीछे भागते हुए जोर से चिल्लाया,,,,।
ला,,,,,,,,,,ला,,,,,,,(और इतना कहने के साथ ही कुल्हाड़ी का बार उसकी गर्दन पर कर दिया और उसका सर धड़ से अलग होकर नहर में जोकि पानी से भरा हुआ था और परी तेजी से बह रहा था उसमें गिर गया,,,, रघु बड़ी तेजी से हांफ रहा था लाला का काम तमाम हो चुका था उसकी करनी का फल उसे मिल चुका था आसमान में बादल जोर-जोर से गड़गड़ा रहे थे तूफानी बारिश अपना कहर बरसा रही थी,,,, रघु बदला ले चुका था उसके मन में खून की प्यास मिट चुकी थी उसके चेहरे पर लाला के खून के उड़े छींटे तेज बारिश में धुलने लगे थे,,,, लाला धीरे धीरे उस कमरे में आ गया जहां पर अभी भी उसकी मां बेहोश पड़ी थी वह कुछ देर के लिए बिस्तर पर बैठ गया चैन की सांस लेने लगा उसने अपनी मां को बचा लिया था उसकी इज्जत तार-तार होने से बचा लिया था वह एक नजर अपनी मां के ऊपर डाला जो कि अभी भी पूरी तरह से नंगी बेहोश होकर पड़ी थी इस समय अपनी मां को नंगी देखने के बावजूद भी उसके मन में उत्तेजना के भाव पैदा नहीं हो रहे थे क्योंकि समय का माहौल कुछ और था धीरे-धीरे बारिश कम हो रही थी लेकिन अभी सुबह होने में बहुत समय था और सुबह होने तक का इंतजार रघु नहीं कर सकता था क्योंकि वह नहीं चाहता था कि रात को जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता चले,,,,बिल्कुल भी नहीं चाहता था कि किसी को यह पता चला कि नाना अपने आदमियों को भेजकर उसकी मां को यहां पर उठाकर ले आया था उसके साथ मनमानी करने के लिए उसकी इज्जत लूटने के लिए वह अपने घर की और अपनी मां की इज्जत को सही सलामत रखना चाहता था इसलिए पूरी तरह से बारिश बंद होने का और सुबह होने का इंतजार किए बिना वह नीचे पड़े अपनी मां के कपड़ों को समेटने लगा और उसी तरह से अपनी मां को नग्न अवस्था में ही अपनी गोद में उठा लिया और कमरे से बाहर आ गया अभी भी बारिश हो रही थी तेज नहीं फिर भी पड़ ही रही थी बादलों की गड़गड़ाहट अभी भी सुनाई दे रही थी,,, तूफानी बारिश और रात का फायदा उठाकर इस घनघोर अंधेरे में रघु अपने घर पर पहुंचाना चाहता था ताकि किसी को भी पता ना चले इसलिए वह अपनी मां को गोद में उठाया उसके कपड़ों को कंधे पर टांग घर की तरफ बढ़ने लगा बारिश की वजह से किसी का ऐसे माहौल में नजर आना नामुमकिन ही था इसलिए रघु को थोड़ा इत्मीनान था लेकिन फिर भी वह सबकी नजरों से बचना चाहता था आखिरकार वह अपनी मां को लेकर घर पर तो हो चुका था और उसे बिस्तर पर लिटा दिया,,,, वह अपनी मम्मी से उसने कहा कि आज का उसकी जिंदगी का अच्छा दिन है या खराब आज उसकी बहन की शादी हुई है वह अपने ससुराल गई है और रात को अपने पति के साथ सुहागरात भी बना रही होगी और दूसरी तरफ आज उसकी मां की इज्जत तार-तार होने से बची थी और रघु के हाथों से चार चार हैवानों का खून हुआ था,,, अपनी मां के ही पास खटिए पर बैठ कर,,, सारी घटनाओं के बारे में सोचने लगा और अपनी मां के होश में आने का इंतजार करने लगा,,।