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Incest बरसात की रात,,,(Completed)

Punnu

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बहुत ही गरमा गरम दृश्य शुरू हो चुका था जमीदार की हवेली में नंगा नाच होने वाला था जिसका मुक प्रेक्षक बना जमीदार सब कुछ देख रहा था,,,,, रघु,,, बेहद मस्तीखोर हो चुका था गांव की औरतों ने उसे वासना के इस खेल में एकदम मजा हुआ खिलाड़ी बना दी थी,,, और जिसका अनुभव रघु को बराबर प्राप्त हो रहा था,,, रघुजमीदार की बीवी की आंखों के सामने उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी बड़ी बड़ी चूची को बाहर निकाल लिया था जिसे देखकर जमीदार बौखला गया था,,,, रघु जानबूझकर जमीदार को ही दिखाते हुए जमीदार की बीवी के पीछे खड़ा कर उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसकी दोनों चूचियों को पके हुए आम की तरह अपने हाथ में भरकर दबाना शुरू कर दिया,,,,,

ससससहहहहह,,,आहहहहहहहह,,, रघु,,,,,,,,आहहहहहहहहह,,,,,
(जमीदार की बीवी कीमत भरी आवाज कमरे में गूंजने लगी आवाज जमीदार की हालत को और ज्यादा खराब कर रही थी वह गुस्सा से भर चुका था लेकिन कुछ भी नहीं कर पा रहा था,,,,,)

आहीस्ता ,,,, से दबाना रघु,,,,,


मालकिन तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूचियां देखकर मन काबू में नहीं देता और इसे धीरे-धीरे दबाने में नहीं बल्कि जोर-जोर से मसलने में ही मजा मिलता है,,,,। क्यों मालीक ठीक कहा ना,,,।(रघु कुटिल मुस्कान होठों के लिए जमीदार की तरफ देखते हुए बोला,,, जमीदार रघु पर पूरी तरह से क्रोधित था,,यह बात रघु जमीदार के चेहरे के हाव भाव से अच्छी तरह से समझ रहा था,,,लेकिन रघु यह बात भी अच्छी तरह से जानता था कि जमीदार से अब कुछ होने वाला नहीं है और इस हवेली में अब जिसकी कही सुनी जाती थी वह पूरी तरह से उसके बस में है अगर बस में ना होती तो इतना बड़ा कदम ना उठाती,,, अपने ही हाथों से अपना सुहाग मिटाने की हिम्मत ना करती,,,।

हवेली की मालकिन की सबसे बड़ी कमजोरी रघु के हाथ लग चुकी थी और रघु भी अपनी बड़ी मालकिन की कमजोरी को अच्छी तरह से समझता था तभी तो आज वह अपनी बड़ी मालकिन के कमरे में उसके पति के सामने ही उसके खूबसूरत बदन से खेल रहा था,,, रघु जोर-जोर से चूचियां मसल रहा था,,,। देखते ही देखते रघु एक पति के सामने उसकी पत्नी की चूचियों को दबा दबा कर टमाटर की तरह लाल कर दिया था,,,,,,,, जमीदार की बीवी गरम सिसकारी से पूरे कमरे में शोर मचा रही थी लेकिन इस इस कार्य को केवल राधा सुन पा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि बंद कमरे के अंदर क्या हो रहा है और उस गरम सिसकारी की आवाज को सुनकर खुद ही मस्त होकर अपनी चुचियों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ब्लाउज के ऊपर से ही अपने आप को गर्म करने की कोशिश कर रही थी,,,,। रघु औरतों के जिस्म से अच्छी तरह से खेलना जानता था,,,औरत के जिस्म में उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु क्या है यदि रघु अच्छी तरह से जानता था इसीलिए तो रह रह कर जमीदार की बीवी उछल पड़ती है क्योंकि वह साड़ी के ऊपर से जमीदार की बीवी की बुर को अपनी हथेली में दबोच ले रहा था,,,,ईस हरकत की वजह से जमींदार की बीवी और ज्यादा गर्म हो जा रही थी,,।,, और रघु को औरतों की बड़ी-बड़ी चूचियां पीने का बेहद शौक था और इस समय जमीन पर आरिफ की बीवी की लाजवाब सूचना उसके दोनों हाथों में थी इसलिए उसके मुंह में पानी आना लाजमी था,,,,जमीदार की बीवी गरमा गरम सिसकारी की आवाज लगातार अपने मुंह से निकाल रही थी,,,, देखते ही देखते रघुअपनी बड़ी मालकिन की चूची को दशहरी आम की तरह अपने मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया,,,,,

सससहहहहहह,,,आहहहहहह,,, रघु,,,,,ऊममममममम,,,,
(शायद जमीदार की बीवी को अपनी चूची पिलवाने में ज्यादा मजा आता था इसलिए रघु की इस हरकत की वजह से उसके बदन की कामाग्नि एकदम से भड़क उठी,,,रखो जमीदार की बीवी की चूची को बारी-बारी से अपने मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और जमीदार की बीपी उत्तेजना के मारे अपना एक हाथ नीचे की तरफ लाकर उसे रघु की पजामे में डाल दिया और उसके खड़े लंड को पकड़ के दबाना शुरू कर दी,,,,, यह सब जमीनदार देख रहा था उसका खून खोल रहा था,,, क्योंकि जिस तरह की हरकत उसकी बीवी रघु के साथ कर रही थी उस तरह की हरकत उसने कभी भी उसके साथ नहीं की थी,,,,,,,। जमीदार के मन में ढेर सारी बातें चल रही थी इस समय के नजारे को देखकर अंदर ही अंदर आग बबूला हो रहा था उसके खानदान की इज्जत हवेली की मान मर्यादा सब कुछ तार-तार हो रही थी और वह भी उसकी आंखों के सामने जो कि उसे देखा नहीं जा रहा था लेकिन फिर भी वह देख रहा था इस समय के नजारे ने उसके अंदर क्रोध की ज्वाला को और ज्यादा बढ़ा दिया क्योंकि जिस पर अब तक वह पूरा अपना हक समझता था,,,,ऊसी जिस्म की सबसे खूबसूरत चुची,,, गांव के जवान लड़की के हाथों में थी जिसे वह अपने मुंह में भर कर पी रहा था,,, और उसकी खूबसूरत बीवी जिसे देख कर उसे कभी नहीं लगा था कि वह उसे इतना बड़ा धोखा देगी उसका हाथ,,, बेशर्म औरतों की तरह एक पराए जवान लड़के के पर जाने के अंदर था और उसके लंड को पकड़ कर दबा रही थी यह सब नजारा जमीदार के लिए बेहद घातक था अगर वह संपूर्ण स्वस्थ होता तो अब तक रघु के जिस्म में जान नहीं होती,,,, अपनी लाचारी पर उसे रोना आ रहा था,,,,, और उसकी आंखों के सामने ही रघु उसके घर की इज्जत को तार-तार कर रहा था,,,, रघु दोनों हाथों से अपनी मालकिन की सूचियों को पकड़कर दबाते हुए उसके मुंह में भरकर पी रहा था उत्तेजना के मारे जमीदार की बीवी की चूची की निप्पल एकदम कड़क हो कर खड़ी हो गई थी,,, और इस समय बंदूक की गोली की तरह नजर आ रही थी और वाकई में औरत की चूचियां और उसकी निप्पल किसी,,, बंदूक से कम नहीं होती दोनों ही जान ले लेती है,,, जमीदार की बीवी कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा कोई पल आएगा जब वह अपने यहां तो अपने पति को धोखा देगी उसे मरवाने की साजिश रची थी और उसकी आंखों के सामने ही अपने बदन की प्यास बुझाएगी,,, यह सब पहले बिल्कुल भी नहीं था शायद रघु से मुलाकात ना होती तो जमीदार की बीवी इस तरह से बेशर्म ना होती और हवेली में वासना का नंगा नाच ना हो रहा होता,,,,।


मालकिन,,,, तुम्हारी चूचियां मुझे दशहरी आम की तरह लगती हैं एकदम मीठी शहद की तरह,,,,


तो पी जा मुंह में भर कर मना किसने किया है,,,,,


ओहहहहह,,,,, मालकिन तुम बहुत खूबसूरत औरत हो,,, ना जाने कैसे ईस बूढ़े इंसान के पल्ले पड़ गई,,,(जमीदार की तरफ कटाक्ष भरी नजरों से देखते हुए रघु बोला)


मेरी किस्मत खराब थी,,, पहले भी तो मैं तुझे बता चुकी हूं अगर मेरे बाबूजी पैसों की कर्जदार ना होते तो आज मैं भी किसी जवान हाथों में होती,,,।


अभी भी तो जवान हाथों में हो,,, मालकिन,,,,


हां सो तो है,,,, तभी तो अपनी जवानी का मजा लूट रही हु,,,,

ओहहहहहह,,,, मालकिन,,,,(इतना कहने के साथ ही रघु एक बार फिर से दोनों चुचियों को हाथ में भरकर उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया यह देखकर जमीदार की बीवी मद भरी आवाज में बोली,,,)


दशहरी आम पर ही ध्यान देते रहोगे या,,,, लहसुन के बारे में सोचोगे,,,,(लहसुन से जमीदार की बीवी का इशारा अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार से था जो कि रघु अच्छी तरह से समझ गया था इसलिए अपने दोनों हाथों से जमीदार की बीवी की शाडी खोलने लगा,,,,,और देखते ही देखते रहो जमीदार की बीवी की साड़ी उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया इस समय जमीदार की बीवी पेटीकोट और ब्लाउज में थी जो कि ब्लाउज पूरी तरह से खुला हुआ था और उसमें से उसके दशहरी आम एकदम लाल टमाटर की तरह हो गई थी,,,, एक बार फिर रघु जमीदार की बीवी के पीछे चला गया और उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया,,,, जमीदार सब कुछ अपनी आंखों से देख रहा था उसकी बीवी रघु की बाहों में थी,,,, रघु अपना कमीनापन दिखाते हुए जमीदार की तरफ देखते हूए बोला,,,।



अब देखो मालिक मैं कैसे तुम्हारी आंखों के सामने तुम्हारी बीवी के कपड़े उतारकर उसे नंगी करता हूं,,,,(इतना कहने के साथ ही रघु उसके पेटीकोट की डोरी को पकड़कर खींच दिया और पलक झपकते ही जो पेटीकोट उसके बेशकीमती खजाने को छुपाए हुए थी वही पेटीकोट सरररररररर करकेउसके कदमों में गिर गई और उसके बेशकीमती खजाने पर संपूर्ण रूप से उजागर कर दी,,,, जमीदार की बीवी अपने ही कमरे में अपने ही पति की आंखों के सामने एक डेढ़ जवान लड़के के हाथों से नंगी हो चुकी थी उसकी मोटी मोटी चिकनी केले के सामान मदहोश कर देने वाली जांघ नजर आ रही थी,,,, जिस की चिकनाहट पर दुनिया का हर मर्द फिसल जाए,,,, रघु जमीदार की बीवी की दोनों जनों को अपनी हथेली में पकड़कर दबाते हुए बोला,,,।


देखिए मालिक आपकी बीवी कितनी खूबसूरत है,,,, आपकी बीवी का नंगा पूरा बदन कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, और सबसे ज्यादा खूबसूरत और हसीन है आपकी बीवी की बुर,,,(अपनी हथेली को जमीदार की बीवी की बुर पर रखते हुए बोला,,,, यह देखकर जमीदार की सांसे ऊपर नीचे होने लगी अगर इस समय वह बोल भी पाता तो ना जाने कितनी गंदी गंदी गालियां रघु और अपनी बीवी को दे चुका होता,,,, लेकिन सब कुछ उसके हाथ से बाहर निकल चुका था,,,, रघु बेशर्मी दिखाते हए और अपनी हथेली को उसकी बीवी की बुर पर जोर जोर से रगडते हुए बोला,,,)


देखिए मालिक आपकी बीवी की बुर कितना पानी छोड़ रही है,,,, जानते हो आपकी बीवी को इस समय क्या चाहिए,,,, मेरा लंड,,,, जो कि आपकी बीवी की बुर की गहराई नापने के लिए तड़प रहा है,,,,


लाओ,,, दिखा दूं जमींदार साहब को तुम्हारा लंड,,, जिसे देखकर शायद जमींदार होश में आ जाए ,,,, और तुम्हारी मोटे तगड़े लंबे लंड को देखकर उन्हें इस बात का एहसास हो कि,,, तुम्हारे लंड़के आगे ईनका लंड बच्चा है,,,, जिसके बलबूते पर अपनी मर्दानगी साबित करना चाहते थे,,,,(और इतना कहने के साथ ही जमीदार की बीवी घुटनों के बल बैठ गई और अपने दोनों हाथों से रघु के पजामे के दोनों छोर को पकड़ कर एक झटके से नीचे घुटनों तक सरका दी,,, देखते ही देखते रघु का मोटा तगड़ा लंबा लंड हवा में लहराने लगा,,,। जमीदार की नजर जैसे ही उसके लंड पर पड़ी उसकी आंखें फटी की फटी रह गई वाकई में रघ6 का लैंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा था,,, यह बात जमीदार अपने मन में सोच रहा था,,,, जमीदार की आंखों के सामने ही जमीदार की बीवी,,, रघु के लहराते हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ ली यह देखकर जमीदार कि सांसे ऊपर नीचे होने लगी,,,,,, यह नजारा जमीदार से देखा नहीं जा रहा था लेकिन वह अपने बीवी की बेशर्मी को देखना चाह रहा था जो कि अब तक सती सावित्री बन कर इस हवेली की शोभा बढ़ा रही थी,,।


देख रहे हो जमींदार साहब,,, इसको कहते हैं लंड मर्दाना ताकत से भरा हुआ लंड,,,(जमीदार की बीवी रघु के लंड को पकड़ कर उसे हिलाते हुए अपने पति को दिखाते हुए बोली) है तुम्हारा ऐसा इसका आधा भी नहीं है और चलते हो अपनी मर्दाना ताकत दिखाने,,,, मुझे मजबूर समझ कर मेरी जिंदगी तबाह कर के यहां बीवी बना कर लाए थे,,, सच कहूं तो जमींदार साहब तुमसे शादी करने के बाद आज तक में शरीर सुख से वंचित नहीं मुझे पता ही नहीं चला कि चुदाई का असली सुख क्या होता है वह तो रघु मिल गया अगर यह मुझे मेरे मायके ना पहुंचाता,, तो शायद में चुदाई के असली सुख से वंचित रह जाती,,,,।(अपनी बीवी के मुंह से यह बात सुनते ही जमीदार का शक सही साबित हुआ वह अपने मन में पहले ही शंका कर चुका था कि मायके भेजते समय ही इन दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हुआ है,,,। जमीदार की बीवीरघु के मोटे तगड़े लंड को जानबूझकर जोर-जोर से हिलाते हुए जमीदार को दिखा रही थी और उसे जला भी रही थी,,,।) देखना जब यह मेरी बुर में जाएगा तो गजब ढाएगा,,,(जमीदार की बीवी की एक बड़े घर की मालकिन की बेशर्मी भरी बातें सुनकर रघु भी अचंभित और जमीदार तो तिल तिल मर रहा था,,,। और मरता भी कैसे नहीं,,,किसी की बीवी उसकी आंखों के सामने ही अपने यार से अय्याशी करेगी तो ईस बात के लिए तो मार देने वाली या तो मर जाने वाली बात होती,,,,,। गुस्से से फूले नहीं समा रहा था जमीदार,,,, अभी उसकी आंखों ने जो देखा उसे देखकर उसके दिल का दौरा पड़ते पडते रह गया,,,,उसकी बीवी उसकी आंखों के सामने ही एक नौजवान गांव के लड़के के खड़े लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,। यह देख पाना जमीदार के लिए मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन वह भी अपनी आंखों से अपनी बीवी की बेशर्मी देखने के लिए मजबूर हो गया था आज तक उसकी बीवी ने उसके साथ इस तरह की हरकत कभी नहीं की थी अपनी तरफ से उसे संतुष्ट करने की किसी भी प्रकार की कोशिश को अंजाम तक नहीं देती इसलिए या देखकर जमीदार की आंखों में खून उतर आया,,,, देखते ही देखते जमीदार की बीवी रघु के मोटे लंबे लंड को पूरा का पूरा अपने गले तक उतार ली और रघु भी बेशर्मी की हद पार करते हुए जमीदार की बीवी के बाल को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया मानो कि जैसे उसका लंड उसके मुंह में नहीं बल्की उसकी बुर में हो,,, मजा दोनों को बहुत आ रहा था और जिस तरह का माहौल बना हुआ था उससे उन दोनों की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ती जा रही थी क्योंकि दोनों पहली बार किसी के सामने इस तरह से संभोग क्रीड़ा का आनंद ले रहे थे हालांकि यह अभी संभोग क्रीडा बिल्कुल भी नहीं था लेकिन संभोग से पहले होने वाली उत्तेजनात्मक हरकत थी जिसका दोनों भरपूर मजा ले रहे थे,,,,, रघु जमीदार की तरफ देखते हुए अपनी कमर आगे पीछे करके हीला रहा था,,,, दोनों को मजा आ रहा था लेकिन जमींदार की हालत खराब हो रही थी,,, वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी आंखों के सामने ही उसकी बीवी बेशर्मी पन की सारी हदें पार कर जाएगी,,,, जमीदार की बीवी जानबूझकर अपने पति के सामने इस तरह की हरकत कर रही थी वह रघु के साथ मिलकर अपने पति को नीचा दिखाना चाहती थी,,,, कुछ देर तक मुखमैथुन का आनंद लेने के बाद जमीदार की बीवी अपने मुंह में से लंड को बाहर निकाल दी जो की पूरी तरह से उसके थुक में सना हुआ था,,,, अपनी उखडती हुई सांसो को दुरुस्त करने के बाद जमीदार की बीवी खड़ी हुई है जमीदार से बोली,,,।


देखा इसे कहते हैं लंड और तुम्हारा देखूं तो,,,,(इतना कहने के साथ ही वह जमीदार की तरफ आगे बढ़ी,,, और जमीदार के पजामे का नाडा खोलने लगी,,, जमीदार समझ गया कि वह क्या करना चाहती है वह उसे रोकना चाहता था उसे ऐसा करने से मना करना चाहता हूं लेकिन कुछ भी उसके बस में नहीं था वह अपना शरीर बिल्कुल भी हिला नहीं पा रहा था और रघु अपने लंड को हाथ में पकड़ कर वह भी जमीदार के बिस्तर के करीब आ गया उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी जमीदार की बीवी भी मुस्कुरा रही थी मानो कि जैसे जमीदार को चिढा रहे हो,,,, अपने चेहरे के हाव-भाव को बदलते हुए जमीदार अपना क्रोध प्रकट कर रहा था जमीदार के बीवी उसके चेहरे के बदलते अभाव को देखकर समझ रही थी कि किस तरह की हरकत करने जा रही है ऐसा करने से वह रोकना चाह रहा है,,,, इसलिए तो उसे और भी ज्यादा मजा आ रहा था देखते ही देखते जमीदार की बीवी अपने ही पति का पजामा जोर से खींचते हुए घुटनों तक कर दी,,,,,,, और अपने पति के छोटे से सिकुड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे ही लाकर खड़ा करने की कोशिश करते हुए बोली,,,,।



ईसी पर तुम्हें इतना घमंड था ना,,,


अरे मालकिन आपके पति का तो बहुत छोटा है एकदम बच्चे जैसा,,, आपको तो बिल्कुल भी मजा नहीं आता होगा,,,।


सच कह रहे हो तुम रखो मुझे बिल्कुल भी मजा नहीं आता था तुमसे मिलने के बाद ही मुझे पता चला की चुदाई का असली सुख क्या होता है,,,, वरना यह छोटा सा नुनु मेरी बुर में कब घुस कर बाहर निकल जाता था पता ही नहीं चलता था,,,,(इतना कहकर वह हंसने लगी और साथ में रघु भी हंसने लगा,,, था,,, जमीदार अपनी ही नजरों में गिरता चला जा रहा था वह अपने मन में यही सोच रहा था कि अगर उसे चुल्लू भर पानी मिलता तो उसमें नाक रगड़ रगड़ कर मर जाता,,,। जमीदार की बीवी की बात सुनकर रघु बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मालकिन मेरा लंड है ना तुम्हारे पूरे मैं मस्ती की लहर पैदा कर देगा अभी देखना मैं कैसे अपने लंड को तुम्हारी बुर में डालकर तुम्हारी चुदाई करता हूं एक दम मस्त हो जाओगी,,,
(रघु की बात सुनकर जमीदार का खून खोलने लगा था लेकिन कर कुछ नहीं सकता था यदि वह अच्छी तरह से जानता था उसकी आंखों के सामने एक लड़का उसकी बीवी को भी चोदने की बात कर रहा था और वह कुछ नहीं कर पा रहा तो इससे बड़ी लाचारी की बात और क्या हो सकती थी,,,)


देर किस बात की है मेरे राजा मेरी बुर तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है,,,,(जमीदार की बीवी एकदम मादक स्वर में पूरी वह भी एक दम मस्त हो चुकी थी और रघु के लंड को अपनी बुर में लेने के लिए तड़प रही थी,,,। दूसरी तरफ कमरे में जिस तरह का दृश्य छोड़कर राधा अपने कमरे में गई थी,,, उससे अपने कमरे में ठहरा नहीं जा रहा था इसलिए वह अपने कमरे से बाहर निकल कर वापस अपनी सास के कमरे का दरवाजा खोलकर दरवाजे पर ही खड़ी होकर चोरी-छिपे अंदर का दृश्य देखने लगी जो कि बेहद कामोत्तेजना से भरा हुआ था,,,)

रुक जाओ मालकिन तुम्हारी बुर की मलाई तो चाट लु,,, इससे मेरे लंड को और ज्यादा ताकत मिलती है,,,(इतना कहने के साथ ही रघु खुदजमीदार की बीवी की एक टांग पकड़ कर बिस्तर पर रख दिया और एक टांग नीचे जमीन पर ही रहने दिया और खुद घुटनों के बल बैठकर जमीदार की आंखों के सामने ही बेहद नजदीक से उसकी ही बीवी की दुर्घटना शुरू कर दिया यह नजारा जमीदार के लिए जानलेवा साबित हो रहा था उसकी सांसें उखड़ रही थी,,,, वह कभी रघु को देखता तो कभी अपनी बीवी की तरफ जो कि बुर चटवाने की वजह से पूरी तरह से मस्त नजर आ रही थी,,,,जमीदार अपने हाथ-पांव हिलाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था दूसरी तरफ दरवाजे पर खड़ी होकर राधा इस नजारे का आनंद ले रही थी और अपने ही हाथों से ब्लाउज के ऊपर से अपनी चूची को मसल रही थी और अपने मन में सोच रही थी कि ना जाने उसका नंबर कब आएगा,,,, देखते ही देखते रघु ने जमीदार की बीवी के बदन में सुरसुराहट पैदा कर दिया,,,,अब दोनों से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था जमीदार की बीवी उसी स्थिति में खड़ी थी और रघु आसन बदलना नहीं चाहता था क्योंकि जिस तरह से वह खड़ी थी इस आसन से उसकी चुदाई करने पर जमीदार एकदम साफ साफ अपनी बीवी की बुर में उसके लंड को अंदर बाहर होता हुआ देख सकता था,,,, और शायद जमीदार की बीवी भी यही चाहती थी इसलिए वह खुद अपनी स्थिति को बदली नहीं और वैसे ही खड़ी रही,,,, रघु खड़ा होकर अपने लंड के सुपाड़े को उसकी गुलाबी बुर के गुलाबी छेद पर रख दिया और हल्के से अपनी कमर को आगे बढ़ाते हुए कहा,,,,।


मालकिन संभालना,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो रघु आने दो,,,,।

(और इतना ही कहना था कि रघु अपने दोनों हाथों से जमीदार की बीवी की चिकनी कमर थाम लिया,,,। और एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड उसकी गुलाबी गुफा में डाल दिया,,,,, जमीदार की बीवी के मुंह से हल्की सी आह निकली जो कि इस बात का सबूत था कि,,, रघु का मोटा तगड़ा लंड एक झटके में ही ऊसके बच्चेदानी से टकरा गया था,,,, रघु शुरू से ही आहिस्ता आहिस्ता नहीं बल्कि तेज झटके लगाते हुए जमीदार की बीवी को चोदना शुरू कर दिया उसकी ताकत और रफ्तार देखकर जमीदार खुद दंग रह गया था उसे रघु से जलन हो रही थी,,,,और वह भी साफ-साफ देख पा रहा था कि उसका मोटा तगड़ा देंगे उसकी विधि की बुर में बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था,,, जिसे देखकर जमीदार को इस बात का एहसास हो गया कि यह दोनों काफी समय से चुदाई करते आ रहे हैं तभी तो उसके मोटे तगड़े लेने के लिए उसकी बीवी की बुर में सांचा नुमा जगह बन गई थी,,,,।


आहहहहह,,,आहहहहह७,,,,, रघु,,,,, मेरे राजा ऐसे ही,,आहहहहहह,,,, और जोर से मेरे राजा,,,,।


चिंता मत करो मेरी रानी आज तुम्हें खूब पानी पिलाऊंगा,,,,,

(यह नजारा देखकर जमीदार गुस्से से फूले नहीं समा रहा था और दूसरी तरफ दरवाजे पर खड़ी राधा की हालत खराब हो रही थी और वह खुद ही अपनी साडी को कमर तक उठाकर अपनी उंगली को अपनी बुर में डालकर अंदर बाहर कर रही थी,,,,जमीदार बार-बार अपनी नजर को खेल ले रहा था लेकिन अपनी बीवी की गर्म सिसकारी की आवाज उसे उस नजारे को देखने के लिए मजबूर कर रही थी,,,,जमीदार अपने मन में यही सोच रहा था कि जिस तरह से रख उसकी चुदाई कर रहा है वाकई में उसने कभी भी इस तरह का दम नहीं दिखाया था और तो और उसे इस बात का अहसास था कि रघु की तरह मोटा तगड़ा लंबा लंड उसके पास नहीं था,,, कुछ देर तक इसी स्थिति में चुदाई करने के बाद जमीदार की बीवी खुद उसे अपनी स्थिति बदलने के लिए बोल कर उसे अपना लंड निकालने के लिए बोली और जैसे ही रघु ने अपने लंड को बाहर निकाला,,,, जमीदार की बीवी,,पलंग पर घुटनों के बल बैठ गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को हवा में लहरा दी यह देखकर रघु समझ गया कि उसे क्या करना है,,। रघु पीछे आकर इसकी बड़ी बड़ी गांड पर दो-चार चपत लगा दिया और देखते ही देखते उसकी गोरी गोरी गांड टमाटर की तरह लाल हो गई,,,, जमीदार ने भी कभी इस तरह की हरकत नहीं किया था और देखते ही देखते रहते हो उसकी बड़ी बड़ी गांड को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर,,, एक बार फिर से अपने लंड को उसकी बुर में डाल कर चोदना शुरू कर दिया,,, वहां दूसरी तरफ राधा अपनी दोनों टांगे फैलाकर अपनी उंगली को अपनी बुर में डाल रही थी,,,,, जमीदार की हालत खराब थी,,,,
तकरीबन इसी स्थिति में 35 मिनट तक लगातार रघु जमीदार की बीवी की चुदाई करता रहा और ढेर सारा पानी उसकी बुर में डाल दिया,,, और उसे पीछे से पकड़ कर हांफने लगा,,,,,, थोड़ी देर बाद में बड़ा जमीदार की बीवी के ऊपर से उठा और अपने पजामे को पहनने लगा जमीदार की बीवी भी अपने नंगे बदन पर पेटिकोट डालकर उसकी डोरी को बांधते हुए बोली,,,,,


देखना जमीदार साहब बहुत ही जल्द इस घर का वारिश मिलेगा,,, अब तो समझ ही गए होंगे की किस की औलाद मिलने वाली है,,,,,(इतना सुनते ही जमीदार और ज्यादा क्रोधित हो गया लेकिन कर भी क्या सकता था दूसरी तरफ अपने ब्लाउज के बटन को बंद करते हुए वह बोली)

हा रघु आज से पांचवे दिन ही बिरजू की शादी तुम्हारी बहन सालु से होगी और वह भी मंदिर में,,,, क्योंकि जमीदार साहब की ऐसी हालत को देखकर धाम धुमसे शादी करना ठीक नहीं है,,,,(इतना सुनते ही रघु खुशी से उछल पड़ा,,,उससे अपनी खुशी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह खुशी के मारे एक बार फिर से जमीदार की बीवी को उठा लिया,,,)

अरे अरे क्या कर रहे हो गिर जाऊंगी,,,,


नहीं हीरो की मालकिन मुझ पर भरोसा नहीं है क्या,,,,(और ऐसा कहते हुए जमीदार की बीवी को उसी तरह से उठाए हुए ही गोल गोल घूमने लगा,,,, दरवाजे पर खड़ी राधा भी खुशी से झूम उठी,,, रघु ने जैसे ही जमीदार की बीवी को नीचे जमीन पर खड़ी किया वैसे ही उसकी नजर राधा पड़ गई और उसे देखकर रघु से बोली,,,)

रघु आज तो मैं यहीं रुकना है जाना नहीं है,,, देख रहे हो राधा को,,, कितनी गर्म हो गई इसकी भी गर्मी तुम्हें ही उतारना है और इस हवेली को एक साथ दो-दो चिराग देना है,,,।


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मालकिन छोटी मालकिन को भी मैं एकदम मस्त कर दूंगा,,,,

जमीदार अपने घर में वासना का नंगा नाच देख पाने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था,,, वह मर जाना चाहता था लेकिन मौत भी उसे नसीब नहीं थी शायद अपनी आंखों के सामने ही इस हवेली में अपने ही घर की औरतों का नंगा नाच देखने के लिए वह जिंदा था,,,,

रघु पूरी रात उसी हवेली मे रुका और बारी बारी से बड़ी मालकिन और छोटी मालकिन की चुदाई करता रहा,,,,।
Behtarren update bhidu........ISsE JyaDa LAChARi aUr kya hogi ki pati ke samne hi patni ko thok rha hai or pati kuch nhi kr skta ......raghu ke to maze ho gye ab to .......jamidar ke ghr me usse teen bur mil gyi .....ek mailkin ki dursi uski bahu or teesri uski behan dekhte hai aage kya majedar hone wala hai.....
 

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
चुदाई का ये सिलसिला अब कब तक चलेगा और किस करवट जायेगा देखते हैं आगे मजा आ जायेगा
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

rohnny4545

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
चुदाई का ये सिलसिला अब कब तक चलेगा और किस करवट जायेगा देखते हैं आगे मजा आ जायेगा
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thanks
 
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