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Incest बहन ईशु की परीक्षा

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अलवर विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों की प्रवेश परीक्षा देने के लिए विद्यार्थी दूर दूर से आए हुए थे।
अलवर (स्थित मार्केट) एवं आसपास के सारे होटल भरे हुए थे।

मैं कई होटलों में भटक चुका था लेकिन कोई कमरा खाली नहीं मिला।

मेरी चाची की बेटी यानी मेरी बहन ईशु ममगई । जिसने जीव विज्ञान में स्नातक की प्रवेश परीक्षा देनी थी वो भी मेरे साथ घूमते घूमते थक चुकी थी। ऊपर से जानलेवा गर्मी। हमारे कपड़े पसीने से भीग चुके थे।

एक दो होटलों में और देखने के बाद उसने कहा- भैय्या अब जहाँ भी जैसा भी कमरा मिले तुरंत ले लेना मुझसे और नहीं चला जाता। थोड़ी और परेशानी झेलने के बाद एक घटिया से होटल में सिंगल बेड रूम मिला। होटल दूर दूर से आए परीक्षार्थियों से भरा हुआ था।
मैंने होटल के मैंनेजर से एक अतिरिक्त गद्दा जमीन पर बिछाने के लिए कहा तो उसने एक घटिया सा कंबल लाकर जमीन पर बिछा दिया।

मैंने ईशु से कहा- तुम थक गई होगी चलो बाहर कहीं से खाना खाकर आते हैं इस गंदे होटल में तो मुझसे खाना नहीं खाया जाएगा।

फिर हम लोग पास के एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर आए। बहन ईशु , को मैंने बेड पर सो जाने के लिए कहा और खुद नीचे सो गया।

रात को मैं बाथरूम जाने के लिए उठा और जैसे ही बत्ती जलाई मेरा दिल धक से रह गया। थकी होने के कारण मेरी बहन , घोड़े बेचकर सो रही थी।

इतनी गर्मी में कुछ ओढ़ने का तो सवाल ही नहीं उठता था। ऊपर से पंखा भी भगवान भरोसे ही चल रहा था। उसकी स्कर्ट उसकी जाँघों के ऊपर उठी हुई थी। अभी एक महीने पहले ही वो अठारह साल की हुई थी।

उसकी हल्की साँवली जाँघें ट्यूबलाइट की रोशनी में ऐसी लग रही थीं जैसे चाँद की रोशनी में केले का तना। उस वक्त मैं राजनीति शास्त्र में एमए करके देहरादून से प्रशासकीय सेवाओं की तैयारी कर रहा था। मेरा ज्यादातर समय पढ़ाई में ही बीतता था।

अचानक मुझे लगा कि मैं यह क्या कर रहा हूँ? यह मेरी बहन है और मैं इसके बारे में ऐसा सोच रहा हूँ।
मुझे बड़ी आत्मग्लानि महसूस हुई और मैं बाथरूम में चला गया।

बाहर आकर मैंने सोचा कि क्यो न बहन की स्कर्ट ठीक कर दूँ। फिर मुझे लगा कि अगर यह जग गई तो कहीं कुछ गलत न सोचने लग जाए इसलिए मैं बत्ती बुझाकर नीचे लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा।

लेकिन मुझे नींद कहाँ आ रहा थी। ऐसा लग रहा था जैसे मेरे भीतर एक युद्ध चल रहा हो।

अगला एक घंटा ऐसे ही गुजरा। कामदेव ने मौका देखकर अपने सबसे घातक दिव्यास्त्र मेरे सीने पर छोड़े। मैं कब तक बचता।

आखिर मैं उठा और मैंने कमरे की बत्ती जला दी। बहन की स्कर्ट और ऊपर उठ गई थी और अब उसकी नीले रंग की पैंटी थोड़ा थोड़ा दिखाई पड़ रही थी। उसकी जाँघें बहुत मोटी नहीं थीं और दूधियां ( • )( • )भी मौसमी से थोड़ा बड़े ही थे परन्तु बढ़िया थे।

मैं थोड़ी देर तक उस रमणीय दृष्य को देखता रहा। मेरा लिंग मेरे पजामे में तम्बू बना रहा था। अगर इस वक्त बहन जग जाती तो पता नहीं क्या सोचती।

फिर मेरे दिमाग में एक विचार आया और मैंने बत्ती बुझा दी। थोड़ी देर तक मैं वैसे ही खड़ा रहा धीरे धीरे मेरी आँखें अँधेरे की अभ्यस्त हो गईं। फिर मैं बेड के पास गया और बहुत ही धीरे धीरे उसकी स्कर्ट को पकड़कर ऊपर उठाने लगा।

जब मुझे लगा कि स्कर्ट अब और ज्यादा ऊपर नहीं उठ सकती तो मैंने स्कर्ट छोड़कर थोड़ी देर इंतजार किया और कमरे की बत्ती जला दी। ओर अब जो मैंने दिखा उसे देखकर मैं दंग रह गया। ऐसा लग रहा था जैसे पैंटी के नीचे बहन ईशु , ने डबल रोटी छुपा रक्खी हो या नीचे आसमान के नीचे गर्म रेत का एक टीला बना हुआ हो। मैं थोड़ी देर तक उसे देखता रहा।

फिर मैंने बत्ती बुझाई और बेड के पास आकर उसकी जाँघों पर अपनी एक उँगली रक्खी। मैंने थोड़ी देर तक इंतजार किया लेकिन कहीं कोई हरकत नहीं हुई।

मेरा दिल रेस के घोड़े की तरह दौड़ रहा था और मेरे लिंग में आवश्यकता से अधिक रक्त पहुँचा रहा था। फिर मैंने दो उँगलियाँ उसकी जाँघों पर रखीं और फिर भी कोई हरकत न होते देखकर मैंने अपना पूरा हाथ उसकी जाँघों पर रख दिया।

धीरे धीरे मैंने अपने हाथों का दबाव बढ़ाया मगर फिर भी कोई हरकत नहीं हुई। बहन ईशु वाकई में घोड़े बेचकर सो रही थी।

धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी। फिर मैंने अपना हाथ उसकी जाँघों से हटाकर उसकी पैंटी के ऊपर रखा।
मेरी हिम्मत और बढ़ी, मैंने अपने हाथों का दबाव बढ़ाया।

अचानक मुझे लगा कि उसके जिस्म में हरकत होने वाली है। मैंने तुरंत अपना हाथ हटा लिया। उसके जिस्म में वाकई हरकत हुई और उसने करवट बदली। मैं फौरन जाकर नीचे लेट गया।

फिर वो उठी और उसने कमरे की लाइट जलाई।
मैंने कस कर आँखें बंद कर लीं और ईश्वर से दुआ करने लगा- प्रभो इस बार बचा ले! आगे से मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा।

वो बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर चली गई। अब मेरी समझ में आया कि वो बाथरूम गई है।
वो वापस आई।
ट्यूबलाइट की रोशनी सीधे मेरी आँखों पर आ रही थी इसलिए आँख बंद करने के बावजूद ट्यूब लाइट की रोशनी की तीव्रता कम होने से मैंने महसूस किया कि वो ट्यूबलाइट के पास जाकर खड़ी हो गई है।

वो थोड़ी देर तक वैसे ही खड़ी रही मेरा दिल फिर धड़कने लगा।

अचानक उसने ट्यूबलाइट बंद कर दी और अपने बिस्तर पर जाकर लेट गई।

तब मुझे समझ में आया कि वो ट्यूबलाइट के पास क्यूँ खड़ी थी। मेरे लिंग ने पजामे में तंबू बनाया हुआ था और मैं बनियान पहनकर सो रहा था। हो न हो ये जरूर मेरे लिंग को ही देख रही होगी आखिर जीव विज्ञान की छात्रा है मुझसे ज्यादा तो मैथुन क्रिया के बारे में इसे पता होगा।

यह सोचकर मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं हस्तमैथुन करने लगा। थोड़ी देर बाद ढेर सारा वीर्य फर्श पर गिरा। मैंने उस गंदे कंबल के निचले हिस्से से फर्श पोंछा और सो गया।

अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो वह बाथरूम में थी। मेरी निगाह अब उसके लिए बदल चुकी थी और मेरी हिम्मत भी इस वक्त बहुत बढ़ी हुई थी।

फिर में ढूंढता रहा की इस घटिया होटल के घटिया से बाथरूम के पुराने दरवाज़े में एक छोटा सा सुराख कही मिल जायें ओर 5मिनट का परिश्रम करने के बाद आखिर कार सफलता मिल गई , फर्श ओर दरवाज़े की बीच मे 5इंच का फासला था अनुमन ऐसा होता नही पर ये होटल बहुत पुराना हो चुका था और दरवाजे सारे सड़ चुके थे लगभग । खेर अंदर से कपड़े धोने की आवाज़ आ रही थी।

लेकिन अब मेने बैठकर उस सुराख से झाँका तो मुझे कुछ भी नई दिखाई दे रहा था तो मैं वहीं फर्श पर लेट गया और अपनी आँखें उस सुराख पर लगा दीं।

अंदर का दृश्य देखकर फौरन मेरा लिंग उत्तेजित अवस्था में आ गया। बहन बिल्कुल नंगी होकर कपड़े धो रही थी। उसके निर्वस्त्र पीठ और दूधियां मेरी तरफ थे। दो अधपके खरबूजे (पुठें) रात्रिभोज का निमंत्रण दे रहे थे।

फिर वो खड़ी हो गई और मुझे उसकी सिर्फ़ टाँगें दिखाई पड़ने लगीं। मैं किसी योगी की तरह उसी आसन में योनि के दर्शन पाने का इंतजार करने लगा।

आखिरकार इंतजार खत्म हुआ।
वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी और उसने अपनी जाँघों पर साबुन लगाना शुरू किया। फिर उसने अपनी टाँगें फैलाई तब मुझे पहली बार उन गुलाब की पंखुड़ियों के दर्शन हुए जिसको देखने के लिए मैं कल रात से बेताब था।

हल्के हल्के बालों से ढकी हुई योनि ऐसी लग रही थी जैसे हिमालय पर काली बर्फ़ गिरी हुई हो और बीच में एक पतली सूखी नदी बर्फ़ के पिघलने और अपने पानी पानी होने का इंतजार कर रही थी। पहली बार मैंने सचमुच की योनि देखी।

अच्छी चीजें कितनी जल्दी नज़रों के सामने से ओझल हो जाती हैं। साबुन लगाकर वो खड़ी हो गई और फिर मुझे उसके कपड़े पहनने तक सिर्फ़ उसकी टाँगें ही दिखाई पड़ीं।

प्रवेश परीक्षा का पहला पेपर दिला कर मैं उसे होटल वापस लाया।
दूसरा और आखिरी पेपर अगले दिन था।

बहन प्रवेश परीक्षा दे रही थी और मैं परीक्षा हाल के बाहर बैठा अपनी वासना की पूर्ति के लिए योजना बना रहा था। की कैसे मुझे इस कामवासना देवी के दर्शन होंगे।
होंगे भी या न होंगे।

फ़िर शाम को हम खाना खाने बाहर गए, तो मैने बहन से कहा तुझे क्या खाना है फ़रमाइश करो ।

तो बहन बोली - भैया अलवर की कोन सी चीज़ फेबरेट है बस उसी को ख़ां लेंगें।

मेने कहा बहन यहाँ हर चीज बेस्ट है परन्तु लीला मार्केट के मोमों, बड़ा पाव,इस्प्रिंग रोल, फ़ेमश है ओर सनसाइन बेकर्स की क्रिमरोल ।

तो बहन बोली अच्छा भैया,,, चलो फिर मोमों ओर इस्प्रिंग रोल खाते है।

तो फिर मेने कहा ठीक है और फिर हम गए और खाने का लुप्त उठाया वाकई बहुत टेस्टी था।
बाहर निकलते हुए मेने बहन को कहा चलो अब क्रिमरोल खाने चलते है।

तो बहन बोली भैया मेरा तो पेट फूल भर गया है अब मेरे बसकी बात नही है और कुछ खाना।

तो में बोला बहन थोड़ा सा खाना अब फिर कब आएँगे यहाँ कुछ पता नी।

अच्छा ठीक है भैया चलो फ़िर।

फिर हमने रिक्शा किया ओर चल दिये , 15मिनट का रास्ता है वहां तक का।
अब हम दूकान में पहुँच गुए ओर मेने 2 क्रिमरोल लिए । तभी बहन बोली इन्हें जाते वक्त रिक्शा में खा लेंगे।

मेने कहा ठीक है ।

वाकई में इसके अंदर बहुत ज्यादा क्रीमी था और नॉर्मल साइज़ के क्रिमरोल से भी बड़ा था आप एक पूरा नी खा सकते हो।

फिर हमने रिक्शा किया और सीधे अपने होटल वापस आने लगे । और आधा बहन ने ओर आधा मेने खाया क्रिमरोल बस ओर उसी में पेट भर गया।

कुछ देर चलने के बाद तभी बहन बोली भैया वाकई में मोमों तो बहुत टेस्टी थे ओर क्रिमरोल भी टेस्टी था बहुत ज्यादा क्रीमी था हेना।

तो मैने कहा हाँ बहुत टेस्टी थे मज़ा आ गया।

हम्म्म्म भैया सही कहा आपने ऐसे मोमो ओर क्रिमरोल तो मैने आजतक कभी नी खाये थे सच मे।।

तभी मे अपने मन मे सोचने लगा( मोमों तो तेरे भी टेस्टी है बहना इन्हें भी खाने का मन कर रहा है और क्रिमरोल तो तूने खा लिया पर मेरा लंडरोल कब खायेगी तू)

भैया भैया कहा खो गए आप ???? न न बहन कुछ नी बस क्रिमरोल के,,,,,,,

क्या भैया आपका पेट नी भरा क्या अभी ये लो इसे भी खा लो।।।
नही नही ये तो तेरे लिए है ,,बहन।
न ना मुझे नी खाना अब ये क्रिमरोल मेरा पेट फूल भर गया ।।।।।
क्यो बहन कमरे में खाना ना देख कितना क्रीमी है 🤪ये ओर तू मना कर रही ।आधा आधा खा लेंगे दोनों ठीक है।।

हम्ममम्म ठीक है भैया,,,,,
अब हम अपने कमरे में पहुंच गए ,में हाथ मुह साफ किया और टीवी लगा दी और थकान बहुत लग चुकी थी
बहन भी हाथ मुह साफ करने बाथरूम गई तो मैने उसे आवाज लगाई ईशु बहन तू खायेगी न क्रिमरोल ।

तो बहन बोली आधा खाऊँगी भैया।।
बाथरूम से आने के बाद ईशु क्रिमरोल खाने लगी वाकई मैं क्रिमरोल इतना बड़ा और मोटा था कि बहन उसे खा नि पा रही थी पर जैसे तैसे उसने सारा क्रिमरोल खा दिया ।
ओर बोली भैया बहुत टेस्टी है पर ये बहुत मोटा है मेरे मुंह मे नही जा रहा था पर कोई नि 😀😀


मैंने उससे कहा- ईशु, कल रात मैं ठीक से सो नहीं पाया, यह कंबल बहुत चुभता है, इस पर मुझे नींद नहीं आती।

वो बोली- भैया, आप बेड पर सो जाओ मैं नीचे सो जाती हूँ।

इस पर मैं बोला- नहीं, तुम्हारा ठीक से सोना जरूरी है तुम्हारी परीक्षा चल रही है। चलो कोई बात नहीं मैं एक दिन और अपनी नींद खराब कर लूँगा।

इस पर बहन बोली- नहीं भैय्या, ऐसा करते हैं, आप भी ऊपर बेड में ही सो जाना ,बस एक रात की तो बात है।

तो मैने कहा नही-नही बहन में नीचे ही सो जाऊंगा ओर वैसे भी ये बेड बहुत छोटा है ।

फिर बहन बोली , भैया कोई नि एडजस्ट कर लेंगे बस एक रात की तो बात है कल तो हमने चले जाना है।

तो फिर मेने कहा चल फिर बहन जैसे तू कह.......
,ओर मेंरी योजना सफल हो गई थी ओर में अंदर से बहुत उत्साहित था , पर मैंने बहन को दिखाने के लिए रूखे मन से हामी भर दी।

फिर में ओर बहन अब एक ही बेड में सो गए।
वो दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थी और मैं धड़कते दिल से उसके सो जाने का इंतजार कर रहा था। मेरा पजामा और उसका पजामा एक दूसरे को चूम रहे थे।
वैसे मेरी बहन ईशु घर पर सोते समयं अनुमन नाईट ड्रेस का इस्तेमाल करती है

जब मुझे लगा कि वो सो गई है तो मैंने अपना लिंग उसके खरबूजों (पुठों)के बीच बनी खाई से सटा दिया।
थोड़ी देर तक मैं उसी पोजीशन में रहा।
जब उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने लिंग का दबाव बढ़ाया।
फिर भी कोई हरकत नहीं हुई।

तब मैंने धीरे से अपना हाथ उसके दूधियों पर रख दिया। मेरे हाथ में हल्का हल्का कंपन हो रहा था। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद मैंने उसके दूधियों पर अपने हाथों का दबाव और बढ़ा दिया।

अचानक उसकी दूधियां थोड़ा पीछे हुये और उनमें संकुचन हुआ, उसके खरबूजों ने मेरे लिंग को जकड़ लिया।

पहले तो मैं यह सोचकर डर गया कि वो जगने वाली है पर उसकी तरफ से और कोई हरकत नहीं हुई तो मैं समझ गया
की मेरी बहन ईशु गहरी नींद की आगोश में है।

आज बिना ज्यादा ना नुकुर किए मेरे साथ इस सिंगल बेड पर सोने को तैयार हो गई।
यह सोचकर मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपना हाथ उसके दूधियों से सरकाकर उसकी जाँघ पर ले गया फिर थोड़ा इंतजार करने के बाद मैंने अपनी हथेली उसकी योनीं पर रख दी।

उसका पूरा बदन जोर से काँपा वो थोड़ा और पीछे होकर एकदम मुझसे सट गई और मेरा लिंग उसके खरबूजों की दरार में और गहरे सरक गया।

अब मैं पूरी तरह आश्वस्त हो गया की बहन गहरी नींद में है।

फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता उसकी डबल रोटियों को सहलाने लगा। उसका बदन धीरे धीरे काँप रहा था और गरम होता जा रहा था।

मैंने अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जाना शुरू किया। ईशु ने अभी ब्रा पहनना शुरू नहीं किया था। कारण शायद यह था कि उसका शरीर अभी इतना विकसित नहीं हुआ था कि ब्रा पहनने की जरूरत पड़े। उसने टीशर्ट के अंदर बनियान पहन रखी थी।

मेरा हाथ किसी साँप की तरह सरकता हुआ उसके पेट पर से होता हुआ जब उसके नग्न उभारों पर आया तो मानो किसी पहाड़ी पर चढ़ाई की हो।

मैंने धीरे धीरे उसके उभारों को सहलाना और दबाना शुरू किया तो उसके खरबूजों ने मेरे लिंग पर क्रमाकुंचन प्रारंभ किया।
मेरी जो हालत थी उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता।
कामदेव जरूर अपनी सफलता पर मुस्कुरा रहा होगा। दुनिया की सारी बुराइयों की जड़ यह कामदेव ही है।

थोड़ी देर बाद बहन के उभारों में बदलाव होने लगा अब वह बढ़ने लगे थे , मौसमी से माल्टा में ढलने लगे, तो फिर मैंने बहन के निपल्स को अपने मुँह में समा लिया। व्हह उसके निपल्ल अभी बिल्कुल ना के बराबर थे दांत से दबाने में नही आ रहे थे, पर में अपनी जीभ से उसकी निपल्ल के टोपे को रगड़ता रहा और कुछ देर बाद उसके निपल्ल थोड़ी टाइट हो गई, अब मेने उंगलियों से उसकी निपल्ल के टोपी को धीरे-धीरे से ऊपर की ओर खींचने लगा ,पहले ईशु की निपल्ल बड़ी कठिनाई से पकड़ में आ रही थी पर अब थोड़ा पकड़ने में आ रही थी , ओर फिर में बच्चे की तरह 10मिनट तक उसके स्तनों का रसपान करता रहा ।

तो फिर मैंने अपना हाथ नीचे की तरफ बढ़ाया। उसके स्कर्ट की इलास्टिक फिर पैंटी की इलास्टिक को ऊपर उठाते हुए जब मेरे हाथ ने उसके दहकते हुए रेत के टीले को स्पर्श किया तो इसा लगा जैसे आग की बट्टी में हाथ डाल दिया हो।
यह मेरा पहला अनुभव था इसलिए मैंने समझा कि ईशु बहन उठने वाली है पर ये मेरा भेहम था वो तो गहरी नींद की आग़ोश में गई हुई थी। उस वक्त मेरी समझ में कहाँ आना था कि यह प्रथम स्पर्श की प्रतिक्रिया है।

वो मेरी चाची की बेटी थी तो मेरी चचरी बहन हुई और मैं उससे बहुत प्यार करता था। अपनी उस खराब हालत में भी मैं उसके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहता था।
मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और उसके पेट की त्वचा को सहलाने लगा।
अब में यीशु की नाभिं को टटोलने लगा वहः अहह ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे समतल जमीन में कुवां हो,
मेने कही किताब में पड़ा था कि अगर लड़की की नाभिं गहरी हो तो उसकी योनीं भी गहरी होती है अर्थातः योनीं की गहराई बहुत ज़्यादा होती है और वहः आराम से 8से10इंच के लिंग को बड़े आराम से निग़ल सकती है।
तो फिर मेने अपनी उंगली को उसकी नाभिं में डाला तो वाकई में उसकी नाभिं में मेरी उंगली आधा इंच जा धसी।
अब में जीभ से उसकी नाभिं को टटोलने लगा और घुसाने भी लगा वाकई में बड़ा आनंद आ रहा था।

थोड़ी देर बाद मेने अपना हाथ स्कर्ट के अंदर डाल दिया। मेरी खोई हुई हिम्मत वापस लौट आई और मैंने उसके टीले को आहिस्ता आहिस्ता सहलाना शुरू किया और उसको झटके लगने शुरू कर दिये ।

इन झटकों से उसके खरबूजे मेरे लिंग से रगड़ खाने लगे। उफ़ क्या आनन्द था! जो आनन्द किसी वर्जित फल के अचानक झोली में गिरने से प्राप्त होता है वो दुनिया की और किसी चीज में नहीं होता।

जब मेरे हाथों ने उसके टीले को दो भागों में बाँटने वाली दरार को स्पर्श किया तो उसे फिर से एक जोर का झटका मारा । अगर मेरा पजामा और उसकी स्कर्ट पैंटी बीच में न होते तो मेरा लिंग पिछवाड़े के रास्ते से उसके शरीर में प्रवेश कर जाता।

उसकी दरार से गुनगुने पानी का रिसाव हो रहा था जिसके स्पर्श से मेरी उँगलियाँ गीली हो गईं।
गीलापन मेरी उँगलियों के लिए चिकनाई का कार्य कर रहा था और अब मेरी उँगलियाँ उसकी दरारों में गुप्त गुफ़ा ढूँढ रही थीं।

न जाने क्यों सारे खजाने गुप्त गुफ़ाओं में ही होते हैं। जल्द ही मेरी उंगलियो ने गुफा का मुहाना खोज लिया और उसमें प्रवेश करने की चेष्टा करने लगे। गुफ़ा के रास्ते पर बड़ी फिसलन थी और जैसे ही मेरी उंगलियां सरकते हुए मुहाने के पार गई बहन के मुँह से हल्की सी सिसकारियां निकल पड़ी, में एकदम से डर गया कही बहन जाग तो नी गई पर वहः मेरा भेहम था वो सो रही थी , तो जान में जान आयी ,खेर आज मुझे लग रहा की भगवान भी मेरे ऊपर मेहरबान था तभी तो उसने मेरी बहन को इतनी गहरी नींद में सुला रखा था।

इस प्रक्रिया में मेरी उंगलियां और लिंग दोनों उस असीम सुख से वंचित हो गए जो उन्हें मिल रहा था।

थोड़ी देर मैंने उसे खुद से लिपटे रहने दिया फिर मैंने धीरे से उसे खुद से अलग किया और चित लिटा दिया।
फिर मैंने नीचे से उसका स्कर्ट उठाना शुरू किया और उसकी टाँगों को चूमना शुरू किया, रात के अंधेरे में भी बहन की दूधियां रंग की टांगे चमक रही थी ।

मेरे हर चुम्बन पर वो जकड़ जाती थी।

जब मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसके गर्म रेतीले टीले को चूमा तो वो जोर से काँपी। अब मैं उसके टीलों( योनीं) को देखने का आनंद लेना चाहता था। बाथरूम में इतनी दूर से देखने में वो मजा कहाँ था जो इतने करीब से देखने पर मिलता।

अब मेने बहन की स्कर्ट को उतार लिया और वहः अब बस पेंटी में थी लालरंग की,अनुमन सभी लड़कियां जो पेंटी पहनती है उनकी चौड़ाई ज्यादा होती है। कुछ इस तरह👇👇

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इस तरह की पेंटी से पूरी योनीं कवर हो जाती है क्योंकि चौड़ाई ज्यादा होने के कारण से , ओर इसका फायदा ये होता है कि आपकी योनीं ओर बालों के बगीचे पूरी तरह से छुपे होते है कोई भी आपके प्राविटपार्ट को नही देख सकता जब तक आपकी इच्छा न हो।

पर मेरी बहन ईशु का इसी नि थी उसने तो हीरोइनों की तरह की पेंटी पहनी थी ( जैसे सिमी पेंटी कहते है मतलब इससे सिर्फ आपकी योनीं का मुख्यद्वार ढका रहेगा बस पर आपकी बालों के बगीचे साफ़ दिखाई देंगे,,, चलो आपको बहन की पेंटी की दर्शनों से लाभान्वित करता हु👇👇

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अब में समझ गया कि मेरी बहन नये जमानी की है और होना भी चाहिए।

बहरहाल मैंने उसकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी ऊँगली फँसाई और उसे नीचे खींचने लगा। पर पेंटी नही उत्तरी ओर अब मुझे बहन के पुठों को थोड़ा उठाना पड़ेगा खेर मेने हाथो को बहन के नीचे से डाले और उसके बड़े बड़े खरबूजों को हल्का उठाया और पेंटी को उतार लिया।

बहन ने अपने बालों के बगीचे को साफ कर रखा था ओर इससे उसकी योनीं एक दम साफ और चमकदार दिखाई दे रही थी में तो हक्का बक्का रह गया और करीब एक मिनट तक इसे ही बहन की योनीं को निहारते रहा।

फिर मैं अपना मुँह उसकी योनि के पास ले गया। एक अजीब सी गंध मेरे नथुनों से टकराई। मेने एक गहरी सांस ली उसकी योनीं को सूंघकर।ओर फिर मैंने साँस रोककर उसकी योनि को चूम लिया।
ओर फिर जीभ से बहन की योनीं को टटोलने लगा , जीभ से उसकी योनीं की दीवार को गिला करने लगा अब बहन की योनीं से पानी की धार निकलने लगी और में उस अमृत का रसपान किया जा रहा था।

मेरी बहन ईशु के योनीं के पानी का स्वाद एकदम मस्त था कुछ मीठा ओर कुछ नमकीन😊 अहह मममम।
ओर मेने चाट चाट के बहन की योनीं एकदम गीली करदी थी , बहन का पानी बहुत ज्यादा निकल रहा था मानो किसी ने पानी का नल खोल दिया हो ,
में क्या बताऊँ मेने 10 बार मुँह से घुट मारी बहन की पानी की ओर अब भी पानी रुकने का नाम न ले रहा था तो में एक गिलास लाया और उसे भी बहन की योनीं पे लगा कर सारा पानी उसमे भरने लगा ,ओर करीब 2मिनट में गिलास पूरा भर गया और ईशु बहन की पानी की धार अभी भी प्रवाहित थी तो मैने वहः गिलास पी लिया और फिर से बहन की योनीं में लगा लिया और थोड़ी देर बाद फिर गिलास भर गया और मैने उसे भी पी लिया , परन्तु धार अभी भी पहले की तरह बह रही थी तो मेंने बोतल ही लगा ली अबकी बार ओर कुछ समय बाद वहः बोतल भी भर गई और बोतल आधा लीटर की थी अब मेने ईशु बहन की योनीं पर कपड़ा लगा लिया और थोड़ी देर बाद वहः भी बहन की योनीं के तालाब में गिला हो चुका था और अब मुझे टेंशन होने लगी कही बहन न जाग जाये ।
फिर मुझे ध्यान आया कि जैसे घर मे नल लीक होता है तो फिर उसपर डाट लगाते है ।
मेरी बहन की योनीं भी अब लीकेज ज्यादा होने लगी थी अब उसपर भी डाट लगाने का वक्क्त आ गया है पर मुझे डर ये था कि बहन की योनीं अभी सील पैक है और उसे बहुत दर्द होगा और वहः चिल्लाने लगेंगी ओर में पकड़ा जाऊंगा। तो में सोचने लगा कि इसका क्या उपाय होगा जो ईशु बहन की नींद भी न खुले ओर उसकी योनीं की सील भी टूट जाये।
मेने फोन चालू किया और कुछ घरेलू दवाई की जानकारी देखने लगा उसमे एक नुक्शा था कि - वेसलीन ओर सर दर्द की दवाई को मिलाकर दो छोटी गोली बना ले और फिर सोने वाले कि नाक में हल्का सा अंदर डाल कर 5मिनट रखना है और उससे वहः तीन घंटे के लिए एकदम बेहोश हो जाएगी अगर आप तीन घंटे से पहले उस इंसान को उठाना चाहते हो तो वहः नही उठेगा।।। तो फिर में तुरंत उठा फ़ोन की लाईट खोली और ईशु बहन के पर्स को खोला तो उसमें सेरोडोन की दवाई ओर वेसलीन भी थी जो अक्सर लड़कियां रखती है,, ओर यह देख कर मुझे अत्यंत खुशी हुई । मेने भगवान का फिर एक ओर बार शुक्रियादा किया,, ओर में अब समझ चुका था कि अब भगवान भी चाहते है कि में अपनी बहन की योनीं सील को अपने धारधार लंड से तोड़ दूँ।

रात के 2बज रहे थे , मेने जल्दी से दवाइयों का मिश्रण बनाया और दो गोली बना कर बहन की नाक के अंदर डाल दी और तब बहन ने मुह खोल लिया क्योंकि अब सांस नाक से नही ले पा रही थी । अब में घड़ी को देखता रहा कि कब 5मिनट हो और में बहन की कच्ची जवानी का स्वाद चाखूं।

ओर अब 10मिनट के बाद मेने एक बार कन्फर्म करना चाहा कि यह नुक्शा वाकई काम करता है कि नही ।
तो फिर मेने बहन के कान में आवाज मारी पर वहः कोई जवाब नही दे रही थी , फिर मेने उसे ज़ोर ज़ोर से हिलाया पर उसने कोई भी हरकत नही की , और ये सब देख कर में बहुत खुश हुआ।
अब स्वयं पर नियंत्रण रख पाना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था, मैंने तुरंत पजामा उतार दिया।
शायद ‘आदमी हो या पजामा’ वाली कहावत यहीं से बनी है, ऐसी स्थिति में भी जो पजामा पहने रहे वो वाकई आदमी नहीं पजामा है।
मैंने बनियान भी उतारी और उसके बाद अपने अंतिम अंतर्वस्त्र को भी बेड के नीचे फेंक दिया। बहन की टाँगें चौड़ी की और लिंग उसकी योनि पर रखकर एक झटका मारने वाला था कि ??
तभी मेरे मन की आवाज आयी कि रवि तू क्या करने जा रहा है ये गलत है और यह तेरी सगीं ही बहन है ओर बहन के साथ ऐसा काम नही करते है । ओर जबकी तेरी बहन की रजामंदी भी नही है तू उसके शरीर को तो आज अपने साथ मिला देगा पर उसके मन को कभी नही इसलिए पहले उसे समझा पटा ओर अगर वह हामी भरती है तो और फिर कर उसके साथ। यह दो जिस्मों का मेल नही यह दो आत्माओं की मिलन होना चाहिए ।।

फिर मेने सोचा ओर रुक गया तभी एक मन कह रहा कि सामने योनीं है लंड भी है और तू उन्हें क्यो रोक रहा है ।।

पर दूसरा मन कह रहा कि इस प्रकार से संभोग करके क्या लाभ जब दोनों शरीर और मन का मिलन न हो।
तबी मेने सोचां बात तो सही है तन की शांति से ज़्यादा मन की शान्ति प्राप्त होनी चाहिए।

फिर में उठ गया और बहन के चेहरे को देखने लगा वहः एकदम शांत थी कोई हाव भाव नही थे मानो कोई मर्त शरीर पड़ा हो ओर ऐसे मर्त शरीर के साथ कोई शारारिक संबंध बनाने में कोई फायदा नही है।

खेर तभी मेने निर्णय लिया कि बहन के साथ संबंध तभी बनाऊंगा जब वहः भी राजी हो अन्यथा नही।
फिर में उठके अपने कपड़े पहनने लगा और एकाएक बहन को निहारता रहा ,ओर तभी मन मे खयाल आया कि क्यों न ईशु की कुछ तस्वीर ओर वीडियो बना लू ओर यह मेरे रामबाण हथियार भी होंगे अगर ईशु मना करेगी तो फिर उसे यह तस्वीर ओर वीडियो देखा दूंगा ओर कोई भी लड़की अपनी इज्ज़त को गवाना नही चाहती होगी समाज मे।

फिर मेने कमरे की लाईट ऑन की ओर सारे पर्दे लगा लिए ,
ओर अपनी बहन ईशु के तन पर एक भी कपड़ा नही छोड़ा पूरी तरह से निःवस्त्र कर दिया उसे। ओर फिर में बहन की तस्वीर खिंचने लगा हर एंगल से ओर तकरीबन 50फोटो खींची। अब मेने फोन से वीडियो बनाने की परिक्रिया शुरू कर दी , उसकी हर अंग को रिकॉर्ड किया और इस तरह से ईशु बहन की वीडियो बनाई लगभग 25 मिनट की ओर वीडियो 4k मे सूट किया ताकि सब कुछ किलयर दिखाई दे।

अब मेरा लंड उफान में था तो मैने बहन की चूत में लंड के टोपे से रगड़ता गया और फिर सारा गर्म गर्म वीर्य बहन के पेट पर उड़ेल दिया और फिर सारे वीर्य को बहन के पूरे शरीर पर हाथों से रगड़ रगड़ के मलने लगा और तकरीबन 20 मिनट की बढ़िया मसाज करी बहन की और फिर में बहन के साथ चिपक कर सो गया ।

तकरीबन 3 घण्टे के समय के बीच मे मेने बहन के हर अंग को तसल्ली से प्यार किया ओर देखा।

अब सुबह के 4:30बज चुके थे तो मैने बहन को सारे कपड़े पहना दिए पहले के तरहः और सब कुछ ठीक ठाक करके सो गया।

सुबह 9 बजे मेरी नींद खुली, ईशु तब भी घोड़े बेचकर सो रही थी, मैंने उसे जगाया।

उसकी प्रवेश परीक्षा दस बजे से थी।

बहन,, बहन,, ईशु चलो उठों जल्दी से 10 बजे से तेरा पेपर है और ये सुन कर बहन फटाक से उठी मूझे गुड मॉर्निंग कहा और फिर बाथरूम चली गई और कुछ देर में तैयार होके हम परीक्षा केंद्र की ओर चल दिये।

तकरीबन 2बजे बहन आयी बोली भैया पेपर अच्छा ग़य्या ।
तो मैने कहा ओह वेरिगूड।। फिर हमने वही खाना खाया,
मैंने कहा- बहन ट्रेन तो शाम को है, चलो इस बहाने आज अलवर घूमते हैं।
तो बहन बोली ठीक भैया:: फिर हम होटल में आये और फिर हम दोनों तैयार होकर निकल पड़े घूमने।।
तभी बहन बोली भैया एक बात पुछु रात को नींद तो सही से आई ना?
तो मेने भी सर हिला का जवाब दिया हाँ आयी।

इसका मतलब बहन को कुछ भी पता नी लगा।

फिर रास्ते में मैं सोच रहा था कि हम दोनों की प्रवेश परीक्षा अधूरी रह गई लेकिन में खुश था कि बहन के जिस्म का अमृतपान मिला मुझें।
अब तो मुझे उस दिन का इंतजार था की जब में अपनी बहन को तन मन से पा लू।

फिर हम रात को 9बजे की ट्रेन से देहरादून के लिए बैठ गए और अगले दिन घर पहुच गए 7बजे सुबह।।

दोस्तो अभी कहानी बाकी है जल्द ही प्रस्तुत करूंगा।
बस आप लोग ,,लाइक ओर कमेंट जरूर करे धन्यवाद👏👏

भाग 2 ,,,,,,,,,,,,,,जल्दी ही,,,,,,,,
 

Ajagar

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11baj gya update kab aayega
 
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आज रात 10बजे पार्ट २ आ रहा है
Kahan h part 2 bro
 
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Ajagar

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Update nahi àaya
10.30hogye
 
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Jiashishji

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Ajagar

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