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Fantasy बहन का इलाज (Complete)

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कहानी आगे——-



श्वेता मज़े से,मेरा लण्ड अपने मुँह में,ऐसे चुस्कियाँ लेकर चूस रही थी,जैसे खोये वाली क़ुल्फ़ी
चूस रही हो।मेरा लण्ड श्वेता पहली वार चूस रही थी,या ये कहें के किसी मर्द का लण्ड पहली बार
चूस रही थी।बिल्कुल अनजान थी,पर मेरा लण्ड किसी expert की तरह चूस रही थी।
श्वेता darling,ये लण्ड इतने अछी तरह से चूसना
कहाँ से सिखा तूने,मैंने श्वेता से पूछा।
मेरा लण्ड अपने मुँह से निकाल कर श्वेता बोली,मैंने ना कभी पहले किसी मर्द का लण्ड
कभी देखा था,ना ही मुझे लण्ड चूसना आता था।मैंने एक दिन अपने college की एक
married friend से बात कि और उससे मैं ये पूछने लगी के लण्ड कैसे चूसा जाता है,मुझे
सीखना है,मेरी यह बात सुन कर ज़ोर ज़ोर से हसने लगी।

और बोली,की इस Sunday को मेरे घर आजा ,मेरे husband के साथ हम तीनो थ्रीसम करेंगे ,
मेरा husband तुम्हें लण्ड चूसने से लेके,चूत चुदवाई और गाँड मरबाने तक सब सिखा देंगे।
मैंने कहा धत गंदी,मैंने नहीं सीखना लण्ड चूसने का तरीक़ा।तुम ही सम्भालो अपने husband को।
फिर मैंने एक BF वाली website पर सारा कुछ देख कर सीख लिया।अब तुम्हारे
लण्ड को चूस कर expert हो जाऊँगी और perfect हो जाऊँगी।
मुझे श्वेता से लण्ड चूसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
सिम्मी और श्वेता दोनो का मेरा लण्ड चूसने का तरीक़ा एक
ही था।दोनो ही लण्ड चूसने में माहिर थीं।
दोनो ही unmarried थी।
दोनो की चाहत एक ही थी,की मेरा लण्ड चूस कर वीर्यरस पान करना।
दोनो में main difference था मेरे साथ relationship का।
सिम्मी मेरी sis थी,उसके प्रति मेरे मन में lust नहीं थी।
श्वेता मेरी GF थी,उसका मेरा लण्ड चूसना मुझे बहुत अच्छा लगता था,क्योंकि
उसमें सेक्स और lust भरी हुई थी।मैं श्वेता की और देख रहा था,
श्वेता मेरे ऊपर 69 की position में लेटी हुई थी,

और श्वेता मेरा लण्ड मज़े से चूस रही थी।
श्वेता को थोड़े ही पता था के इस position को 69 कहते है,
मुझे इस आसन का पता तो था ,जिसे मैंने एक BF में देखा था,की कैसे एक लड़का लड़की 69 position मे एक दूसरे को चूस कर enjoy करते हैं,पर मैंने इस से पहले कभी किसी लड़की के साथ ये आसन नहीं किया था।उधर श्वेता बड़े मज़े से मेरा लण्ड चूस रही थी।
श्वेता की चूत बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थी।
मैंने सलवार के ऊपर से श्वेता की चूत को चाटना शुरू कर दिया,
तभी मुझे एक शरारत सूझी,सोचा की श्वेता की सलवार और पेंटी नीचे खींच कर,
उसकी चूत के दीदार कर लूं।उसकी रसभरी चूत को चाट कर उसका सारा रस निचोड़ कर
पी जाऊँ।अगर श्वेता के होटों की लार इतनी मीठी है,तो फिर उसकी चूत से निकली लार
कितनी मीठी होगी।मेरे दिमाग़ में वासना ज़ोर मारने लगी।
श्वेता मेरे ऊपर लेटी हुई थी,वो मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह से चूस रही थी।
श्वेता की कमर उठी हुई थी,और उसके घुटने मेरे सिर के दोनो side में टिके हुए थे।
मैंने श्वेता की सलवार का elastic पकड़ लिया और नीचे की और खींचने लगा।
श्वेता ने एकदम से मेरा हाथ पकड़ा,और मुझे रोक दिया।
और बोली माही डार्लिंग अभी नहीं।
मैं आज तुझे नंगी देखना चाहता हूँ ,पूरी की पूरी।मैंने श्वेता से बोला,
तुम्हारे चूचे देखना चाहता हूं,उनका दूध पीना चाहता हूँ।
तुम्हारी रेशम जैसी चूत को निहारना चाहता हूँ और उसको चाट चाट
कर तुम्हारी चूत का सारा रस पी जाना चाहता हूँ।
श्वेता बोली,जान मेरा ये तन और मन सारे का सारा तुम्हारा है,
कपड़ों में भी और बग़ैर कपड़ों के भी।
पर यह सब तुमसे करवाऊँ गी कभी अपने घर पर बुला कर,
माही डार्लिंग,तुम्हारी प्यार भरी बातों से मेरी चूत ने तो अभी से पानी छोड़ना शुरू कर दिया है।
मेरे सनम पर ये सब कुछ अभी नहीं,और यहाँ नहीं हो सकता,कोई भी आ सकता है।
अगर पकड़े गये तो बदनामी तो होगी ही,साथ में हम दोनो की job भी जाएगी।
श्वेता की बात सुनकर मुझे समझ आ गयी।
फिर श्वेता उठ कर सोफ़े पर बैठ गयी,श्वेता ने अभी भी मेरा लण्ड कस कर पकड़ा हुआ था।
माही डार्लिंग खड़े होकर,मेरे मुँह को fuck करो।श्वेता ने मुझे कहा
मैं खड़ा हो गया,मेरी पैंट मेरे पैरों में गिर पड़ी।
श्वेता ने सोफ़े पर बैठे बैठे,अपना मुँह खोल लिया,और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर जकड़ लिया,पहले धीरे धीरे चूसने लगी।फिर तेज तेज चूसने लगी
मेरा लण्ड भी जो ढीला पड़ गया था,फिर से फूल कर हार्ड हो गया,
और श्वेता का सारा मुँह मेरे लण्ड से भर गया,
मैंने श्वेता का सर दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपना लण्ड आगे पीछे करके,
श्वेता के मुँह को चोदने लगा।
इधर मैं श्वेता के मुँह में अपना लण्ड आगे पीछे कर रहा था ,उधर श्वेता अपनी
दोनो आँखें बंद करके बड़ी तन्मयता से मेरे लण्ड को चूस रही थी।
मेरा लण्ड चूसते चूसते श्वेता ने अपने दोनो हाथों में अपने मम्मे पकड़ कर उनको भींचने
लगी।कभी अपने nipple को मरोड़ने लगती।
श्वेता ने मेरा लण्ड चूसते चूसते मेरी गोलियों को पकड़ लिया
और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी,जैसे उसमें से सारा जूस निचोड़ कर
मेरे लण्ड के through निकाल कर पी जाना चाहती हो।
मुझे भी अब पूरी उतेजना होने लगी,मैंने अपना लण्ड से श्वेता का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा ,
जब भी मेरा लण्ड श्वेता के गले के अंदर जा कर टकराता,
श्वेता गूं गूं करने लगती।
अब मेरा लण्ड झड़ने के क़रीब था,
जैसे ही मेरे लण्ड ने पिचकारी मारनी शुरू की,मेरे बदन में आनंद से झुरझुरी आने लगी,
मेरा लण्ड वीर्यरस की पिचकारियाँ श्वेता के गले में गिर कर ,श्वेता के पेट में जाने लगा।
आज मेरे लण्ड ने श्वेता के मुँह में इतना वीर्य फेंका के श्वेता का गला भर गया,श्वेता का
सारा मुँह मेरे वीर्य से भर गया।मेरे लण्ड से कभी भी इतना ज़्यादा वीर्य नहीं निकला था।
जब मुझे लगा की वीर्य की आख़िरी बूँद तक श्वेता के मुँह में गिर गयी हैं,
और मेरी गोलियाँ और लण्ड से वीर्य नुचड गया है,
तो मैंने अपना मुरझाया हुआ लण्ड,श्वेता के मुँह से बाहर खींच लिया।
श्वेता का मुँह मेरे वीर्य कि बजह से फुला हुआ था,
श्वेता ने अपने होंठ कस कर भींच लिए,
ताकि मेरे वीर्य की एक भी बूँद बाहर ना गिरे।
श्वेता धीरे धीरे सारा वीर्य गटक गयी और उसका मुँह ख़ाली हो गया।
सारा वीर्यरस पेट में जाते ही,श्वेता की आँख बंद होने लगी।
और श्वेता सोफ़े पर औंधे मुँह लुढ़क गयी,जैसे कोई शराबी शराब के नशे में लुढ़क जाता हैं।
मैंने पास आकर श्वेता की टाँगे सीधी करके सोफ़े पर रख दी।
श्वेता ने धीमी आवाज़ में मुझे अभी जाने को कहा और कहा थोड़ी देर वाद लंच के लिए आ जाना।
मैंने धीरे से श्वेता के चेम्बर की अंदर से चिटकनी खोल दी और sliding door से निकल कर अपने
चेम्बर में चला गया और अपने रूम की चिटकनी खोल के बैठ गया।
थोड़ी देर बाद जब दो बज गये तो मैं श्वेता के चेम्बर में जाने के लिए उठ कर बाहर आ गया।
बाहर हाल में बैठे सारे स्टाफ़ मेम्बर अपने लंच बॉक्स खोल कर बैठे हुए थे।
मैंने श्वेता के चेम्बर के door को knock किया और अंदर घुस गया।
अंदर जाकर देखा,श्वेता बेसुध होकर सोफ़े पर पसर कर सीधी लेटी हुई थी।
श्वेता गहरी नींद में खोकर हल्के हल्के खर्राटे ले रही थी।
श्वेता के चेहरे पर चमक थी और मुस्कान बिखरी हुई थी।
मुझे श्वेता पर प्यार आ रहा था।मैंने आगे बढ़ कर श्वेता के होंठ चूम लिए।।
और लंच किए बग़ैर बाहर आ गया।और peon से बोला mam rest कर
रहीं हैं उनको डिस्टर्ब नहीं करना।
इतना बोल कर मैं office से निकल कर बाहर आ गया।
और अपने बाइक पर बैठ कर ,सिम्मी को अपने वीर्य की दोपहर की dose देने के लिये
घर की और चल पड़ा——
बाक़ी फिर——





,
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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57,106
259
Bhai ekdum kamuk per chota update tha intezaar rahega agle update ka jab hiro simmi ki ya sweta ki chudai karega,
Lagta hai samay najdeek hai.
 

Ek number

Well-Known Member
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18,432
173
कहानी आगे——-



श्वेता मज़े से,मेरा लण्ड अपने मुँह में,ऐसे चुस्कियाँ लेकर चूस रही थी,जैसे खोये वाली क़ुल्फ़ी
चूस रही हो।मेरा लण्ड श्वेता पहली वार चूस रही थी,या ये कहें के किसी मर्द का लण्ड पहली बार
चूस रही थी।बिल्कुल अनजान थी,पर मेरा लण्ड किसी expert की तरह चूस रही थी।
श्वेता darling,ये लण्ड इतने अछी तरह से चूसना
कहाँ से सिखा तूने,मैंने श्वेता से पूछा।
मेरा लण्ड अपने मुँह से निकाल कर श्वेता बोली,मैंने ना कभी पहले किसी मर्द का लण्ड
कभी देखा था,ना ही मुझे लण्ड चूसना आता था।मैंने एक दिन अपने college की एक
married friend से बात कि और उससे मैं ये पूछने लगी के लण्ड कैसे चूसा जाता है,मुझे
सीखना है,मेरी यह बात सुन कर ज़ोर ज़ोर से हसने लगी।

और बोली,की इस Sunday को मेरे घर आजा ,मेरे husband के साथ हम तीनो थ्रीसम करेंगे ,
मेरा husband तुम्हें लण्ड चूसने से लेके,चूत चुदवाई और गाँड मरबाने तक सब सिखा देंगे।
मैंने कहा धत गंदी,मैंने नहीं सीखना लण्ड चूसने का तरीक़ा।तुम ही सम्भालो अपने husband को।
फिर मैंने एक BF वाली website पर सारा कुछ देख कर सीख लिया।अब तुम्हारे
लण्ड को चूस कर expert हो जाऊँगी और perfect हो जाऊँगी।
मुझे श्वेता से लण्ड चूसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
सिम्मी और श्वेता दोनो का मेरा लण्ड चूसने का तरीक़ा एक
ही था।दोनो ही लण्ड चूसने में माहिर थीं।
दोनो ही unmarried थी।
दोनो की चाहत एक ही थी,की मेरा लण्ड चूस कर वीर्यरस पान करना।
दोनो में main difference था मेरे साथ relationship का।
सिम्मी मेरी sis थी,उसके प्रति मेरे मन में lust नहीं थी।
श्वेता मेरी GF थी,उसका मेरा लण्ड चूसना मुझे बहुत अच्छा लगता था,क्योंकि
उसमें सेक्स और lust भरी हुई थी।मैं श्वेता की और देख रहा था,
श्वेता मेरे ऊपर 69 की position में लेटी हुई थी,

और श्वेता मेरा लण्ड मज़े से चूस रही थी।
श्वेता को थोड़े ही पता था के इस position को 69 कहते है,
मुझे इस आसन का पता तो था ,जिसे मैंने एक BF में देखा था,की कैसे एक लड़का लड़की 69 position मे एक दूसरे को चूस कर enjoy करते हैं,पर मैंने इस से पहले कभी किसी लड़की के साथ ये आसन नहीं किया था।उधर श्वेता बड़े मज़े से मेरा लण्ड चूस रही थी।
श्वेता की चूत बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थी।
मैंने सलवार के ऊपर से श्वेता की चूत को चाटना शुरू कर दिया,
तभी मुझे एक शरारत सूझी,सोचा की श्वेता की सलवार और पेंटी नीचे खींच कर,
उसकी चूत के दीदार कर लूं।उसकी रसभरी चूत को चाट कर उसका सारा रस निचोड़ कर
पी जाऊँ।अगर श्वेता के होटों की लार इतनी मीठी है,तो फिर उसकी चूत से निकली लार
कितनी मीठी होगी।मेरे दिमाग़ में वासना ज़ोर मारने लगी।
श्वेता मेरे ऊपर लेटी हुई थी,वो मेरे लण्ड को लोलीपोप की तरह से चूस रही थी।
श्वेता की कमर उठी हुई थी,और उसके घुटने मेरे सिर के दोनो side में टिके हुए थे।
मैंने श्वेता की सलवार का elastic पकड़ लिया और नीचे की और खींचने लगा।
श्वेता ने एकदम से मेरा हाथ पकड़ा,और मुझे रोक दिया।
और बोली माही डार्लिंग अभी नहीं।
मैं आज तुझे नंगी देखना चाहता हूँ ,पूरी की पूरी।मैंने श्वेता से बोला,
तुम्हारे चूचे देखना चाहता हूं,उनका दूध पीना चाहता हूँ।
तुम्हारी रेशम जैसी चूत को निहारना चाहता हूँ और उसको चाट चाट
कर तुम्हारी चूत का सारा रस पी जाना चाहता हूँ।
श्वेता बोली,जान मेरा ये तन और मन सारे का सारा तुम्हारा है,
कपड़ों में भी और बग़ैर कपड़ों के भी।
पर यह सब तुमसे करवाऊँ गी कभी अपने घर पर बुला कर,
माही डार्लिंग,तुम्हारी प्यार भरी बातों से मेरी चूत ने तो अभी से पानी छोड़ना शुरू कर दिया है।
मेरे सनम पर ये सब कुछ अभी नहीं,और यहाँ नहीं हो सकता,कोई भी आ सकता है।
अगर पकड़े गये तो बदनामी तो होगी ही,साथ में हम दोनो की job भी जाएगी।
श्वेता की बात सुनकर मुझे समझ आ गयी।
फिर श्वेता उठ कर सोफ़े पर बैठ गयी,श्वेता ने अभी भी मेरा लण्ड कस कर पकड़ा हुआ था।
माही डार्लिंग खड़े होकर,मेरे मुँह को fuck करो।श्वेता ने मुझे कहा
मैं खड़ा हो गया,मेरी पैंट मेरे पैरों में गिर पड़ी।
श्वेता ने सोफ़े पर बैठे बैठे,अपना मुँह खोल लिया,और मेरे लण्ड को मुँह में लेकर जकड़ लिया,पहले धीरे धीरे चूसने लगी।फिर तेज तेज चूसने लगी
मेरा लण्ड भी जो ढीला पड़ गया था,फिर से फूल कर हार्ड हो गया,
और श्वेता का सारा मुँह मेरे लण्ड से भर गया,
मैंने श्वेता का सर दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपना लण्ड आगे पीछे करके,
श्वेता के मुँह को चोदने लगा।
इधर मैं श्वेता के मुँह में अपना लण्ड आगे पीछे कर रहा था ,उधर श्वेता अपनी
दोनो आँखें बंद करके बड़ी तन्मयता से मेरे लण्ड को चूस रही थी।
मेरा लण्ड चूसते चूसते श्वेता ने अपने दोनो हाथों में अपने मम्मे पकड़ कर उनको भींचने
लगी।कभी अपने nipple को मरोड़ने लगती।
श्वेता ने मेरा लण्ड चूसते चूसते मेरी गोलियों को पकड़ लिया

और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी,जैसे उसमें से सारा जूस निचोड़ कर
मेरे लण्ड के through निकाल कर पी जाना चाहती हो।
मुझे भी अब पूरी उतेजना होने लगी,मैंने अपना लण्ड से श्वेता का मुँह तेज तेज फ़क करने लगा ,
जब भी मेरा लण्ड श्वेता के गले के अंदर जा कर टकराता,
श्वेता गूं गूं करने लगती।
अब मेरा लण्ड झड़ने के क़रीब था,
जैसे ही मेरे लण्ड ने पिचकारी मारनी शुरू की,मेरे बदन में आनंद से झुरझुरी आने लगी,
मेरा लण्ड वीर्यरस की पिचकारियाँ श्वेता के गले में गिर कर ,श्वेता के पेट में जाने लगा।
आज मेरे लण्ड ने श्वेता के मुँह में इतना वीर्य फेंका के श्वेता का गला भर गया,श्वेता का
सारा मुँह मेरे वीर्य से भर गया।मेरे लण्ड से कभी भी इतना ज़्यादा वीर्य नहीं निकला था।
जब मुझे लगा की वीर्य की आख़िरी बूँद तक श्वेता के मुँह में गिर गयी हैं,
और मेरी गोलियाँ और लण्ड से वीर्य नुचड गया है,
तो मैंने अपना मुरझाया हुआ लण्ड,श्वेता के मुँह से बाहर खींच लिया।
श्वेता का मुँह मेरे वीर्य कि बजह से फुला हुआ था,
श्वेता ने अपने होंठ कस कर भींच लिए,
ताकि मेरे वीर्य की एक भी बूँद बाहर ना गिरे।
श्वेता धीरे धीरे सारा वीर्य गटक गयी और उसका मुँह ख़ाली हो गया।
सारा वीर्यरस पेट में जाते ही,श्वेता की आँख बंद होने लगी।
और श्वेता सोफ़े पर औंधे मुँह लुढ़क गयी,जैसे कोई शराबी शराब के नशे में लुढ़क जाता हैं।
मैंने पास आकर श्वेता की टाँगे सीधी करके सोफ़े पर रख दी।
श्वेता ने धीमी आवाज़ में मुझे अभी जाने को कहा और कहा थोड़ी देर वाद लंच के लिए आ जाना।
मैंने धीरे से श्वेता के चेम्बर की अंदर से चिटकनी खोल दी और sliding door से निकल कर अपने
चेम्बर में चला गया और अपने रूम की चिटकनी खोल के बैठ गया।
थोड़ी देर बाद जब दो बज गये तो मैं श्वेता के चेम्बर में जाने के लिए उठ कर बाहर आ गया।
बाहर हाल में बैठे सारे स्टाफ़ मेम्बर अपने लंच बॉक्स खोल कर बैठे हुए थे।
मैंने श्वेता के चेम्बर के door को knock किया और अंदर घुस गया।
अंदर जाकर देखा,श्वेता बेसुध होकर सोफ़े पर पसर कर सीधी लेटी हुई थी।
श्वेता गहरी नींद में खोकर हल्के हल्के खर्राटे ले रही थी।
श्वेता के चेहरे पर चमक थी और मुस्कान बिखरी हुई थी।
मुझे श्वेता पर प्यार आ रहा था।मैंने आगे बढ़ कर श्वेता के होंठ चूम लिए।।
और लंच किए बग़ैर बाहर आ गया।और peon से बोला mam rest कर
रहीं हैं उनको डिस्टर्ब नहीं करना।
इतना बोल कर मैं office से निकल कर बाहर आ गया।
और अपने बाइक पर बैठ कर ,सिम्मी को अपने वीर्य की दोपहर की dose देने के लिये
घर की और चल पड़ा——
बाक़ी फिर——






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Behtreen update
 
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