Pandit Raj
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Nice updateअब आगे—-
रात को रोज़ी से बातें करते करते बहुत लेट हो गया था ,नींद नहीं आ
रही थी सोचा चलो रोज़ी के नाम की मूठ ही मार लेते हैं,
अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,आलस में मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया था। मैंने सोचा
चलो मूठ मार कर बंद कर देंगे।
मैंने अपना फ़ोन खोल कर उसमे से,रोज़ी की वो वीडियो clip निकाल
ली जिसमे मैं रोज़ी के घर में उसकी चूत चाट रहाँ हूँ।
वीडियो दस मिण्ट की थी,तो सोचा पूरी वीडियो देखूँगा और धीरे धीरे मूठ मारूँगा,
जैसे ही रोज़ी की चूत झड़ने लगेगी मैं भी झड़ जाऊँगा।
मैंने अपने लण्ड को एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया,
रोज़ी की चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया और चूत चाटने का मन करने लगा,
जैसे वीडियो चलती गई,मैंने मूठ मारना चालू रखा
धीरे धीरे मेरे मुँह से moaning की आवाजें निकलने लगी,मैंने फ़ोन bed पर रख दिया।
मजे से मेरे आँखें बंद होने लगी,मैंने तेज़ तेज़ मुठ मारनी शुरू करदी।
तभी किसी ने मेरे कमरे का दरवाज़ा धीरे से खोला और अन्दर आकर
मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया ,आह— रोज़ी yes suck me suck me हार्ड,
yes yes आह आह रोज़ी मेरी जान,कह कर मैं बड़े ज़ोर से रोज़ी के मुँह में झड़ गया।
रोज़ी अभी भी मेरा लण्ड चूस रही थी और वीर्य पी रही थी,जैसे ही
मैंने अपनी आँखें खोली,मोम आप ——,मेरा लण्ड mom के मुँह में झड़ रहा था।
झट से मैंने अपना लंड मोम के मुँह से खींच के बाहर निकाल लिया
और अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड ढक लिया।
मोम-महेश मैं इधर से गुज़र रही थी की तेरी moaning की आवाज़
सुन कर तुम्हें देखने आ गई,तुम्हारी आँखें बंद थी और तुम रोज़ी का नाम
लेकर मुठ मार रहे थे,जैसे ही तुमने अपने लण्ड से अपना हाथ हटाया,
मैंने झट से तुम्हारा लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया।
bed पर रखे तुम्हारे फ़ोन पर वीडियो चल रही थी,जिसमे रोज़ी नंगी खड़ी थी और
नीचे तुम्हें देख रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी,और तुम तेज़ तेज़ रोज़ी
की चूत चाट रहे थे।
रोज़ी की video देख कर मुझे भी excitement होने लगी और मैं भी
अपनी नाइटी के अन्दर हाथ डाल कर,अपनी दो उँगलियाँ से अपनी चूत को
fuck करने लगी जैसे ही तुम झड़े,उसी पल मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
महेश बहुत मज़ा आया मुझे,बहुत दिनों से मैं भी तेरा वीर्य पीने को तरस रही थी।
doctor ने सच कहा था की जो भी औरत तेरा वीर्य पियेगा वो या तो तुझ से चुदवा के
रहेगी या फिर उसको अपनी चूत रगड़ रगड़ कर झड़ना पड़ेगा,और जो औरत एक बार
तुमसे चुदवा लेगी,वो तेरे प्यार में पागल हो जाएगी।
सिम्मी कहती रहती है mom तुम bro को क्या खिलाती हो जो bro का
वीर्य इतना मीठा होता है,सचमुच तुम्हारा वीर्य बहुत मीठा है महेश,जब भी तुम्हारा
मूठ मारने का मन हुआ करे मुझे बुला लिया करो,अपना वीर्य waste करने
की बजाये मुझे पिला दिया करो,मैं भी जवान हो जाऊँगी।
आज तो मेरी चूत भी अपना पानी छोड़ कर ख़ुशी से झूम रही है।
महेश तुम किसी रोज़ी का नाम लेके मुठ मार रहे थे।
कहीं ये मेरी सहेली की बेटी तो नहीं है ,
बहुत अच्छी लड़की है,कभी अपने घर खाने पर बुलाना
मैं उस से मिलना चाहती हूँ।
रोज़ी mom की सहेली की बेटी थी
इसलिए mom को रोज़ी की बचपन की सब बातें पता थी,
यह भी पता थी,कि रोज़ी महेश को बहुत प्यार करती थी
और महेश से शादी करना चाहती थी।
लगता है दोनों का फिर से मिलन हो रहा है,mom ने सोचा
इसी लिये मोम ने रोज़ी को मिलने के लिए महेश से कहा था,
मैं जा रही हूँ,अब तुम सो जाओ।mom ने कहा,
सुबह उठ कर तुमने सिम्मी को अपने वीर्य की dose भी पिलानी है।
मैं भी रोज़ी को चोदने के सपने लेकर सोने लगा,और गहरी नींद में चला गया।मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया और ऐसे ही नंगा सो गया।
सुबह सात बजे जब मैं अभी सो रहा था,सिम्मी ने मेरे रूम का दरवाज़ा knock किया औरअन्दर आ गई,
मैं रात को बहुत लेट सोया था,इस लिये अभी तक नींद नहीं खुली थी।
सिम्मी मेरे कमरे में वीर्य की morning dose लेने आयी थी।
सिम्मी- bro,उठ जाओ,सुबह के सात बज गये हैं।
सिम्मी ने आज long shirt पहनी हुई थी।लगता है के नीचे कुछ नहीं पहना था।
सोचा थोड़ी देर में पता चल जाएगा।मैं अभी उठने के मूड में नहीं था।
सिम्मी ने अंदर से कुण्डी लगा ली और मेरे साथ लेट कर मेरी पीठ के साथ लिपट गई।
आपको पता ही है रात को मैं नंगा सोता हूँ।सिम्मी के तीखे निप्पल मेरी पीठ पर चुभ
रहे थे।सिम्मी ने long shirt के नीचे ना तो ब्रा पहनी थी,ना ही पैंटी,
सिम्मी तो हमेशा मुझ से चुदने के लिए तैयार रहती थी,आज भी ऐसा ही लग रहा था,
सिम्मी अपनी शर्ट उठा कर अपनी नंगी चूत मेरे butt के साथ रगड़ ने लगी।
मुझे अपने butt पर कुछ गीला गीला लगा।मैं उठ कर बैठ गया,क्या sis मुझे अभी सोना है।
सिम्मी -bro मुझे अपने वीर्य की dose पिला दो,फिर मैं चली जाऊँगी तुम सो जाना।
मैं-सिम्मी,मैंने तो अभी अपनी medicine की मॉर्निंग dose भी नहीं ली।sis तुम kitchen
से पानी ला दो,मैं अपनी मेडिसिन ले लूँगा।
सिम्मी kitchen में पानी लेने चली गई,बहाँ mom सबके breakfast और लंच की तैयारी कर रही थी।
mom- सिम्मी तुमने महेश से अपनी morning dose लेली के नहीं।
सिम्मी - mom अभी bro अपनी medicine लेंगे,फिर एक घंटे के बाद मुझे dose
मिलेगी।Mom आप मेरा breakfast बना कर अपने office चले जाना,
मैं बाद में नहा कर अपना breakfast कर लूँगी और bro को भी दे दूँगी।
सिम्मी पानी की bottle लेकर महेश के रूम में आ गई,और महेश को
पानी देकर अंदर से फिर कुंडी लगा ली।
महेश-सिम्मी,तुमने अंदर से कुंडी क्यों लगा ली,अभी मोम घर पे हैं।
सिम्मी-mom अपने कमरे में नहीं आयेंगी,मैंने उनको बोल दिया है के
मैंने अभी bro से अपनी dose लेनी है और आप breakfast बना कर
अपने ऑफिस चले जाना,हम बाद में breakfast कर लेंगे।
मैंने सिम्मी से पानी लेकर अपनी medicine लेली और लेट गया।
महेश-sis,मैं सोने लगा हूँ,एक घण्टे बाद मुझे जगा देना,
सिम्मी से ये कह कर महेश पीठ के बल लेट गया और जल्दी ही गहरी
नींद में चला गया।
सिम्मी ने देखा bro तो सो गया था,ख़ुद भी मेरे साथ लिपट कर लेट गयी।
सिम्मी ने अपनी एक टांग मेरे लण्ड के ऊपर रख ली, और नीचे अपनी चूत को मेरी
बालों से भरी thigh के साथ घिसने लगी, फिर अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ लिया।
कभी सिम्मी मेरे लण्ड को छोड़ कर मेरे नंगे पेट पर अपने मुलायम हाथ फेरने लगती,
कभी मेरी बालों भरी छाती पर अपनी उँगलियों से मुझे caress करने लगती।
कभी उचक कर मेरे गाल चूम लेती,कभी मेरी गर्दन चूम लेती और कभी
मेरे होंठ चाटने लगती।एक घंटे में तो सिम्मी की हालत ही ख़राब हो गयी।
सिम्मी की चूत बिल्कुल भीग चुकी थी।कभी कभी उत्जेना वश वो अपने clit
को पकड़ कर मसल देती।कभी अपनी टांग से मेरे लण्ड को दबा देती।
कभी अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ कर देखने लगती के hard हुआ है के नहीं।
अगर मेरे लंड पे कोई precum लगा होता तो या तो उसको उँगली से चाट लेती
या precum वाली अपनी उँगली अपनी गीली चूत पर मल लेती।
सिम्मी अब तक इतनी उत्तेजित हो चुकी थी,इस बार जब अपनी उँगली को
precum से भिगो लिया,तो अपने clit की अपनी precum से भीगी उँगली से
मालिश करने लगी।अपने clit की मालिश करते करते जैसे ही सिम्मी नो clit
को मरोड़ा बहीं झटका खाकर ज़ोर से झड़ गई।
सिम्मी की body में झड़ने के बाद भी अभी उतना ही करंट था।बल्कि पहले से बढ़ गया था।
सिम्मी ने मेरा लण्ड अपनी टांग के नीचे दबाया हुआ था।इस बार सिम्मी ने ये देखने
के लिए मेरा लण्ड खड़ा हुआ की नहीं,अपनी टांग जैसे ही मेरे लण्ड से उठाई,
मेरा लण्ड जो अब तक हार्ड हो चुका था,झटके के साथ खड़ा होकर मेरे पेट
से टकरा कर सीधा खड़ा होकर झूलने लगा,फिर 90 degree पर डंडे की तरह
खड़ा हो गया।मेरे hard लण्ड को देखकर सिम्मी के मुँह में पानी आ गया।
सिम्मी झट से उठ कर बैठ गयी।और अपने हाथ में मेरे लण्ड को पकड़ लिया,जैसे सिम्मी
को डर था कहीं भाग ना जाये,और लपक कर मेरा लण्ड मुँह में डाल कर चूसने लगी।
जैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया,मेरी जाग खुल गयी,
मैं सिम्मी को अपना लण्ड चूसते हुए देखता रहा।
सिम्मी को मेरा लण्ड अपने मुँह में डालने की देर थी,कि उसमे से मेरा वीर्य ऐसे निकलने
लगा जैसे दूध से भरे हुए मम्मों से दूध की धारा निकलने लगे।
मैं जहां bed पर मैं लेटा हुआ था,वहाँ पर सिम्मी को घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड चूसने
में मज़ा नहीं आ रहा था,
सिम्मी उठ कर फ़र्श पर खड़ी हो गई,पर अपने मुँह से मेरा लण्ड निकलने नहीं दिया,
सिम्मी सारा का सारा वीर्य चूस कर निगल रही थी,और वीर्य की एक भी बूँद अपने मुँह से
बाहर नहीं गिरने दे रही थी।मुझे फिर नींद आ गई,
मुझे सोया हुआ देखकर ,सिम्मी ने सोचा क्यों ना bro का लण्ड अपने मुँह से निकाल कर
अपनी चूत में घुसेड़ लूँ,,यह सोच कर मेरे दोनों तरफ़ पैर रख कर खड़ी हो गई,
ऊपर से सिम्मी की चूत चू रही थी,नीचे मेरे लण्ड का वीर्य का नल चल रहा था,
सिम्मी आज तो पूरी तरह से मुझसे चुदने को तैयार थी।
सिम्मी धीरे धीरे नीचे होकर मेरे लण्ड पर बैठने लगी,
जैसे ही सिम्मी की चूत का सुराख़ नीचे हुआ ,वो मेरे लण्ड के सूपड़े में आकर फँस गया,
सिम्मी की चूत का सुराख़ इतना छोटा था,की मेरा लण्ड का सूपड़ा उससे आगे ना जा सका।
सिम्मी का मुँह छत की और उठ गया,और सिम्मी के मुँह से बहुत ज़ोर की सिसकारी
निकली— ओह माँ——,और झटके खा कर झड़ने लगी।
मेरी जाग खुल गई मैंने सिम्मी को बाहों से पकड़ लिया और गिरने से बचा लिया,फिर अपने ऊपर से उठा कर बेड की एक side पर लिटा दिया।
और सिम्मी को कहा की मेरा बाक़ी वीर्य bottle में भर लेते हैं,fridge में
रख देंगे बाद में पी लेना,
पर सिम्मी आज कहाँ रुकने वाली थी,सिम्मी ने जल्दी से फिर फ़र्श पर खड़े होकर मेरा लण्ड मुँह
में भर लिया ताकि मेरा वीर्य बाहर गिरने से बच जाये।
फिर सिम्मी फ़र्श पर घुटनों के बल बैठ गई और मुझे खींच कर बेड केबिल्कुल किनारे
पर कर दिया,और मेरे butt को पकड़ कर मेरा मुँह अपनी तरफ़ कर लिया,
सिम्मी ने settle होकर फिर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लण्ड का वीर्य अभी भी निकल रहा था ,आज ना तो मेरे लण्ड में कोई दर्द था,
ना ही मेरी testicles में दर्द था,इसका कारण ये था कि जैसे ही मेरे लण्ड से
वीर्य निकलना शुरू हुआ वैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह डाल कर मेरा
वीर्य पीना शुरू कर दिया था,मुझे अपना लण्ड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था,
मुझे डर यही था की उतावलेपन में कहीं मुझे सोते हुए को पकड़ कर सिम्मी चोद ना दे।
अभी अभी बड़ी मुश्किल से बचा हूँ,अगर सिम्मी की चूत का सुराख़ छोटा ना होता,
तो मेरा लण्ड तो सिम्मी के चूत में चाकू की तरह घुसने को तैयार था।
मैंने सिम्मी से कहा फटाफट मेरा लण्ड में से वीर्य चूस कर ख़त्म कर,और मुझे जाने दे।
सिम्मी कैसे मेरी बातों का जवाब देती,उसका मुँह तो अपने saliva से,मेरे लण्ड से,
और मेरे वीर्य से भरा हुआ था।
सिम्मी मेरा लण्ड चूसती रही और मुझे फिर से नींद आ गई।
सिम्मी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था,bro चाहे सोये चाहे जागे।
उसको तो जी भर के bro का वीर्य पीना था,जो वो पी रही थी।
इस position में अपने को comfortable महसूस कर रही थी।
मेरा लंड चूसते चूसते,और वीर्य पीते पीते सिम्मी को फिर से उत्तेजना ने घेर लिया।
अब फिर से horny हो रही थी,और अपनी चूत को फिर से रगड़ने लगी।
सिम्मी की चूत भी रस से सरोवार हो गई थी।सिम्मी अब बैठे वैठे थकने
लगी थी ।एक दो बार गिरते गिरते भी बची।गिरने लगती तो bro के butt को
दोनों हाथों से पकड़ लेती और अपने को गिरने से बचा लेती,पर अपने मुँह से
मेरा लण्ड नहीं छूटने देती।जब भी मेरे वीर्य की पिचकारी मेरे लण्ड से निकल कर
सिम्मी के मुँह में गिरती,सिम्मी मेरे लण्ड को अन्दर गले तक deep ले जाती ,ताकि मेरा
सारा वीर्य उसके गले में सीधा गिरे।बीच बीच में सिम्मी अपनी चूत की
खुजली को चूत को मसल मसल के मिटाने की कोशिश करती थी।पर वो खुजली तो
चूत मसलने से और बढ जाती थी।
सिम्मी ऊई माँ ऊई माँ करती जाती और अपनी चूत को कभी मसलती कभी रगड़ने लगती।
अब तो सिम्मी की चूत में इतनी ज़ोर की आग लगी थी,कि वो आग या तो bro के लण्ड
से बुझ सकती थी या bro की जीभ बुझा सकती थी।पर bro तो मज़े से सो रहा था।
सिम्मी के मुँह के अंदर जितना ज़्यादा वीर्य जाता था उतना ही ज़्यादा सिम्मी का नशा
होता जाता।सिम्मी की चूत की जलन इतनी बढ़ गई थी के सिम्मीअपनी चूत को अपने
नाखूनों से खुरचने लगी,अपनी चूत को नाखून से खुरचते खुरचते सिम्मी ने अपने नाखून
से अपने clit को खुरच दिया।सिम्मी का नाखून जैसे ही उसके clit में चुभा,सिम्मी ने
ज़ोर से चीख मारी और ज़ोर ज़ोर से झटके खा कर झड़ने लगी।सिम्मी
को झड़ते वक्त लगा जैसे वो किसी अंधे कुँए में गिर रही हो।सिमी की दोनों आँखें बंद थी,और
मुँह से हाये हाये मम्मी की आवाज़ें निकाल रही थी।
सिम्मी इतनी ज़ोर से झड़ रही थी,अपने को गिरने से बचाने के लिये मेरे लण्ड को अपने
मुँह में कस के दबा लिया और मेरे butt के कस के पकड़ लिया,
पर सिमी को झटके इतनी ज़ोर से लग रहे थे की फ़र्श पर धड़ाम से गिर पड़ी।
मेरा लण्ड पिचकारियाँ मारता हुआ सिम्मी के मुँह से निकल गया।
सिम्मी के गिरते ही,मैंने भी अपना balance खो दिया और नीचे गिर पड़ा।
अब सिम्मी फ़र्श पर गिर कर बेसुध पड़ी थी,और मेरा लंड सिम्मी के चेहरे पर लिपट
कर अपने वीर्य की पिचकारयों से सिम्मी के face को भिगो रहा था और
मैं मुँह के बल सिम्मी के ऊपर गिर पड़ा और मेरा मुँह सिम्मी की चूत से जा टकराया।
और सिम्मी की चूत की चाशनी में डूब गया।
मैं भी सिम्मी की चूत को सूंघने लगा,
सिम्मी की चूत सूंघते सूंघते मैं सिम्मी की चूत की चाशनी को चाटने लगा।सिम्मी
के मुँह से लगातार हाय हाय निकल रही थी,ये हाय हाय चूत के ज़ख्मों की पीड़ा
थी या जो मज़ा सिमी को आ रहा था ये हाय हाय उसकी थी।पता नहीं।
जैसे ही मैंने सिम्मी की चूत को अपनी जीभ को छुआ,सिम्मी के मुँह से relief की
सांस निकली,yes bro अपनी जीभ से और चाटो मेरी चूत आग में जल रही है।
मैंने सिम्मी की चूत को ध्यान से देखा,तो देखा के सिम्मी ने अपनी चूत को अपने नाखूनों से
घायल कर लिया था,मैं अपनी लम्बी जीभ निकाल कर,सिम्मी के ज़ख्मों को lick
करने लगा।सिम्मी को मेरे lick करने से आराम मिल रहा था।यस bro dont stop,
please lick me lick me deep,सिम्मी कराहते हुए बोलने लगी।
सिम्मी का clit अब तक बड़ा होकर अपनी गुफा से बाहर निकल आया था।
lick lick करते करते मेरी जीभ सिम्मी के ज़ख़्मी clit से जा टकराई।
मैंने सिम्मी की चूत के clit को अपने होंठों में दबा लिया।और अपने होंठों में मसलने लगा।
सिम्मी तो फ़र्श पर लेटी लेटी बिन जल मछली तड़पने लगी और अपनी टाँगे फ़र्श
पर पटक पटक कर भर भर झड़ने लगी और अपनी बाहें फ़र्श पर फैला कर बेसुध होकर
फैल गई।सिम्मी की चूत के नीचे चूत रस का एक पूल बन गया था।
मेरे लण्ड से भी वीर्य निकलना बंद हो चुका था।
मैं और सिम्मी एक दूसरे के रस से बिल्कुल भीग गये थे।
मैंने सिम्मी की भीगी shirt को उतार दिया और अपने धोने बाले कपड़ों में डाल दिया।
बेसुध सिम्मी को मैंने खड़े होकर अपने कंधे पर डाल लिया,सिम्मी भी चिपक कर
मुझ से लिपट गई।
सिम्मी को लेकर मैं बाथरूम में घुस गया,और ठंडे पानी के शावर के नीचे सिम्मी के
साथ खड़ा हो गया,मैंने सिम्मी को अपनी छाती से चिपका कर पकड़ रखा था,
ताकि सिम्मी कहीं गिर ना जाये।
थोड़ी देर ठंडे पानी के नीचे नहाने के बाद सिम्मी को होश आ गई थी,
और मेरे गले में लटकी मुझे स्मूच करने लगी,बहुत पतले पतले होंठ थे सिम्मी के।
मैं भी सिम्मी के निचले होंठ को चूसने लगा,सिमी मेरे ऊपर बाले होंठ चूसने लगी।
सिम्मी मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसा कर मेरा saliva शिद्दत से चाटने लगी।
सिम्मी-bro,मैं ठीक हूँ,मुझे नीचे उतार कर नहला दो।
मैंने शेल्फ से body shampoo उठाया,और सिम्मी के बालों में उँडेल दिया।
फिर मैंने सिम्मी के बाल धोये,सिम्मी की breast मल कर अपना सारा लगा हुआ
वीर्य उतार दिया,फिर अपने हाथ पर थोड़ा सा shampoo लेके मैंने सिम्मी की चूत
और clit अच्छे से साफ़ करने लगा।चूत को साफ़ करते करते सिम्मी दर्द महसूस
कर रही थी।
अब सिम्मी ने body shampoo लिया और मुझे मल मल कर नहलाने लगी।
मेरे लण्ड को पुचकारा और अच्छी तरह से साफ़ किया।
थोड़ी देर shower के ठंडे पानी के नीचे हम खड़े नहाते रहे,
सिम्मी मुझे तब तक smooch करती रही जब तक मैंने अपने से अलग नहीं किया।
मेरे वीर्य के जादू ने सिम्मी के शरीर को भरना शुरू कर दिया था,
सिम्मी के चूचे अब गोल हो गये थे,चूत फूलने लगी थी उसपर छोटे छोटे बाल उग आये थे।
सिम्मी-bro मुझे आज बहुत मज़ा आया,कैसे thank you करूँ।मैं तुमसे चुदवा कर ही
तुम्हारा जी भर कर thankyou करूँगी
मैंने शेल्फ से towel उठाया और अपना बदन पोंछ लिया,
फिर उसी towel में लपेट कर,सिम्मी को उठा कर अपने बेड पर लिटा दिया।
और towel से सिर से पाँव तक सिम्मी का बदन अच्छी तरह से पोंछ दिया।
फिर मैंने सिम्मी की चूत पर ज़ख्मों का जायज़ा लिया।
मैंने अपने drawer से soframycin की tube से cream अपने पूरे हाथ पर लगा
कर सिम्मी की चूत की और clit पर अच्छी तरह से लेप कर दिया।
सिम्मी ने मेरा लण्ड पकड़ कर उसको मुँहँ में भर प्यार किया।
मैंने सिम्मी को गोद में उठाया और सिम्मी के बेड पर लिटा दिया।
मैंने अपने रूम में आकर कपड़े पहने और breakfast करके ऑफिस की
और चला गया
ऑफिस पहुँचा तो दोपहर को बारह बज रहे थे।
बाक़ी फिर—-
अब आगे—-
रात को रोज़ी से बातें करते करते बहुत लेट हो गया था ,नींद नहीं आ
रही थी सोचा चलो रोज़ी के नाम की मूठ ही मार लेते हैं,
अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,आलस में मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया था। मैंने सोचा
चलो मूठ मार कर बंद कर देंगे।
मैंने अपना फ़ोन खोल कर उसमे से,रोज़ी की वो वीडियो clip निकाल
ली जिसमे मैं रोज़ी के घर में उसकी चूत चाट रहाँ हूँ।
वीडियो दस मिण्ट की थी,तो सोचा पूरी वीडियो देखूँगा और धीरे धीरे मूठ मारूँगा,
जैसे ही रोज़ी की चूत झड़ने लगेगी मैं भी झड़ जाऊँगा।
मैंने अपने लण्ड को एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया,
रोज़ी की चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया और चूत चाटने का मन करने लगा,
जैसे वीडियो चलती गई,मैंने मूठ मारना चालू रखा
धीरे धीरे मेरे मुँह से moaning की आवाजें निकलने लगी,मैंने फ़ोन bed पर रख दिया।
मजे से मेरे आँखें बंद होने लगी,मैंने तेज़ तेज़ मुठ मारनी शुरू करदी।
तभी किसी ने मेरे कमरे का दरवाज़ा धीरे से खोला और अन्दर आकर
मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया ,आह— रोज़ी yes suck me suck me हार्ड,
yes yes आह आह रोज़ी मेरी जान,कह कर मैं बड़े ज़ोर से रोज़ी के मुँह में झड़ गया।
रोज़ी अभी भी मेरा लण्ड चूस रही थी और वीर्य पी रही थी,जैसे ही
मैंने अपनी आँखें खोली,मोम आप ——,मेरा लण्ड mom के मुँह में झड़ रहा था।
झट से मैंने अपना लंड मोम के मुँह से खींच के बाहर निकाल लिया
और अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड ढक लिया।
मोम-महेश मैं इधर से गुज़र रही थी की तेरी moaning की आवाज़
सुन कर तुम्हें देखने आ गई,तुम्हारी आँखें बंद थी और तुम रोज़ी का नाम
लेकर मुठ मार रहे थे,जैसे ही तुमने अपने लण्ड से अपना हाथ हटाया,
मैंने झट से तुम्हारा लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया।
bed पर रखे तुम्हारे फ़ोन पर वीडियो चल रही थी,जिसमे रोज़ी नंगी खड़ी थी और
नीचे तुम्हें देख रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी,और तुम तेज़ तेज़ रोज़ी
की चूत चाट रहे थे।
रोज़ी की video देख कर मुझे भी excitement होने लगी और मैं भी
अपनी नाइटी के अन्दर हाथ डाल कर,अपनी दो उँगलियाँ से अपनी चूत को
fuck करने लगी जैसे ही तुम झड़े,उसी पल मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
महेश बहुत मज़ा आया मुझे,बहुत दिनों से मैं भी तेरा वीर्य पीने को तरस रही थी।
doctor ने सच कहा था की जो भी औरत तेरा वीर्य पियेगा वो या तो तुझ से चुदवा के
रहेगी या फिर उसको अपनी चूत रगड़ रगड़ कर झड़ना पड़ेगा,और जो औरत एक बार
तुमसे चुदवा लेगी,वो तेरे प्यार में पागल हो जाएगी।
सिम्मी कहती रहती है mom तुम bro को क्या खिलाती हो जो bro का
वीर्य इतना मीठा होता है,सचमुच तुम्हारा वीर्य बहुत मीठा है महेश,जब भी तुम्हारा
मूठ मारने का मन हुआ करे मुझे बुला लिया करो,अपना वीर्य waste करने
की बजाये मुझे पिला दिया करो,मैं भी जवान हो जाऊँगी।
आज तो मेरी चूत भी अपना पानी छोड़ कर ख़ुशी से झूम रही है।
महेश तुम किसी रोज़ी का नाम लेके मुठ मार रहे थे।
कहीं ये मेरी सहेली की बेटी तो नहीं है ,
बहुत अच्छी लड़की है,कभी अपने घर खाने पर बुलाना
मैं उस से मिलना चाहती हूँ।
रोज़ी mom की सहेली की बेटी थी
इसलिए mom को रोज़ी की बचपन की सब बातें पता थी,
यह भी पता थी,कि रोज़ी महेश को बहुत प्यार करती थी
और महेश से शादी करना चाहती थी।
लगता है दोनों का फिर से मिलन हो रहा है,mom ने सोचा
इसी लिये मोम ने रोज़ी को मिलने के लिए महेश से कहा था,
मैं जा रही हूँ,अब तुम सो जाओ।mom ने कहा,
सुबह उठ कर तुमने सिम्मी को अपने वीर्य की dose भी पिलानी है।
मैं भी रोज़ी को चोदने के सपने लेकर सोने लगा,और गहरी नींद में चला गया।मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया और ऐसे ही नंगा सो गया।
सुबह सात बजे जब मैं अभी सो रहा था,सिम्मी ने मेरे रूम का दरवाज़ा knock किया औरअन्दर आ गई,
मैं रात को बहुत लेट सोया था,इस लिये अभी तक नींद नहीं खुली थी।
सिम्मी मेरे कमरे में वीर्य की morning dose लेने आयी थी।
सिम्मी- bro,उठ जाओ,सुबह के सात बज गये हैं।
सिम्मी ने आज long shirt पहनी हुई थी।लगता है के नीचे कुछ नहीं पहना था।
सोचा थोड़ी देर में पता चल जाएगा।मैं अभी उठने के मूड में नहीं था।
सिम्मी ने अंदर से कुण्डी लगा ली और मेरे साथ लेट कर मेरी पीठ के साथ लिपट गई।
आपको पता ही है रात को मैं नंगा सोता हूँ।सिम्मी के तीखे निप्पल मेरी पीठ पर चुभ
रहे थे।सिम्मी ने long shirt के नीचे ना तो ब्रा पहनी थी,ना ही पैंटी,
सिम्मी तो हमेशा मुझ से चुदने के लिए तैयार रहती थी,आज भी ऐसा ही लग रहा था,
सिम्मी अपनी शर्ट उठा कर अपनी नंगी चूत मेरे butt के साथ रगड़ ने लगी।
मुझे अपने butt पर कुछ गीला गीला लगा।मैं उठ कर बैठ गया,क्या sis मुझे अभी सोना है।
सिम्मी -bro मुझे अपने वीर्य की dose पिला दो,फिर मैं चली जाऊँगी तुम सो जाना।
मैं-सिम्मी,मैंने तो अभी अपनी medicine की मॉर्निंग dose भी नहीं ली।sis तुम kitchen
से पानी ला दो,मैं अपनी मेडिसिन ले लूँगा।
सिम्मी kitchen में पानी लेने चली गई,बहाँ mom सबके breakfast और लंच की तैयारी कर रही थी।
mom- सिम्मी तुमने महेश से अपनी morning dose लेली के नहीं।
सिम्मी - mom अभी bro अपनी medicine लेंगे,फिर एक घंटे के बाद मुझे dose
मिलेगी।Mom आप मेरा breakfast बना कर अपने office चले जाना,
मैं बाद में नहा कर अपना breakfast कर लूँगी और bro को भी दे दूँगी।
सिम्मी पानी की bottle लेकर महेश के रूम में आ गई,और महेश को
पानी देकर अंदर से फिर कुंडी लगा ली।
महेश-सिम्मी,तुमने अंदर से कुंडी क्यों लगा ली,अभी मोम घर पे हैं।
सिम्मी-mom अपने कमरे में नहीं आयेंगी,मैंने उनको बोल दिया है के
मैंने अभी bro से अपनी dose लेनी है और आप breakfast बना कर
अपने ऑफिस चले जाना,हम बाद में breakfast कर लेंगे।
मैंने सिम्मी से पानी लेकर अपनी medicine लेली और लेट गया।
महेश-sis,मैं सोने लगा हूँ,एक घण्टे बाद मुझे जगा देना,
सिम्मी से ये कह कर महेश पीठ के बल लेट गया और जल्दी ही गहरी
नींद में चला गया।
सिम्मी ने देखा bro तो सो गया था,ख़ुद भी मेरे साथ लिपट कर लेट गयी।
सिम्मी ने अपनी एक टांग मेरे लण्ड के ऊपर रख ली, और नीचे अपनी चूत को मेरी
बालों से भरी thigh के साथ घिसने लगी, फिर अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ लिया।
कभी सिम्मी मेरे लण्ड को छोड़ कर मेरे नंगे पेट पर अपने मुलायम हाथ फेरने लगती,
कभी मेरी बालों भरी छाती पर अपनी उँगलियों से मुझे caress करने लगती।
कभी उचक कर मेरे गाल चूम लेती,कभी मेरी गर्दन चूम लेती और कभी
मेरे होंठ चाटने लगती।एक घंटे में तो सिम्मी की हालत ही ख़राब हो गयी।
सिम्मी की चूत बिल्कुल भीग चुकी थी।कभी कभी उत्जेना वश वो अपने clit
को पकड़ कर मसल देती।कभी अपनी टांग से मेरे लण्ड को दबा देती।
कभी अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ कर देखने लगती के hard हुआ है के नहीं।
अगर मेरे लंड पे कोई precum लगा होता तो या तो उसको उँगली से चाट लेती
या precum वाली अपनी उँगली अपनी गीली चूत पर मल लेती।
सिम्मी अब तक इतनी उत्तेजित हो चुकी थी,इस बार जब अपनी उँगली को
precum से भिगो लिया,तो अपने clit की अपनी precum से भीगी उँगली से
मालिश करने लगी।अपने clit की मालिश करते करते जैसे ही सिम्मी नो clit
को मरोड़ा बहीं झटका खाकर ज़ोर से झड़ गई।
सिम्मी की body में झड़ने के बाद भी अभी उतना ही करंट था।बल्कि पहले से बढ़ गया था।
सिम्मी ने मेरा लण्ड अपनी टांग के नीचे दबाया हुआ था।इस बार सिम्मी ने ये देखने
के लिए मेरा लण्ड खड़ा हुआ की नहीं,अपनी टांग जैसे ही मेरे लण्ड से उठाई,
मेरा लण्ड जो अब तक हार्ड हो चुका था,झटके के साथ खड़ा होकर मेरे पेट
से टकरा कर सीधा खड़ा होकर झूलने लगा,फिर 90 degree पर डंडे की तरह
खड़ा हो गया।मेरे hard लण्ड को देखकर सिम्मी के मुँह में पानी आ गया।
सिम्मी झट से उठ कर बैठ गयी।और अपने हाथ में मेरे लण्ड को पकड़ लिया,जैसे सिम्मी
को डर था कहीं भाग ना जाये,और लपक कर मेरा लण्ड मुँह में डाल कर चूसने लगी।
जैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया,मेरी जाग खुल गयी,
मैं सिम्मी को अपना लण्ड चूसते हुए देखता रहा।
सिम्मी को मेरा लण्ड अपने मुँह में डालने की देर थी,कि उसमे से मेरा वीर्य ऐसे निकलने
लगा जैसे दूध से भरे हुए मम्मों से दूध की धारा निकलने लगे।
मैं जहां bed पर मैं लेटा हुआ था,वहाँ पर सिम्मी को घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड चूसने
में मज़ा नहीं आ रहा था,
सिम्मी उठ कर फ़र्श पर खड़ी हो गई,पर अपने मुँह से मेरा लण्ड निकलने नहीं दिया,
सिम्मी सारा का सारा वीर्य चूस कर निगल रही थी,और वीर्य की एक भी बूँद अपने मुँह से
बाहर नहीं गिरने दे रही थी।मुझे फिर नींद आ गई,
मुझे सोया हुआ देखकर ,सिम्मी ने सोचा क्यों ना bro का लण्ड अपने मुँह से निकाल कर
अपनी चूत में घुसेड़ लूँ,,यह सोच कर मेरे दोनों तरफ़ पैर रख कर खड़ी हो गई,
ऊपर से सिम्मी की चूत चू रही थी,नीचे मेरे लण्ड का वीर्य का नल चल रहा था,
सिम्मी आज तो पूरी तरह से मुझसे चुदने को तैयार थी।
सिम्मी धीरे धीरे नीचे होकर मेरे लण्ड पर बैठने लगी,
जैसे ही सिम्मी की चूत का सुराख़ नीचे हुआ ,वो मेरे लण्ड के सूपड़े में आकर फँस गया,
सिम्मी की चूत का सुराख़ इतना छोटा था,की मेरा लण्ड का सूपड़ा उससे आगे ना जा सका।
सिम्मी का मुँह छत की और उठ गया,और सिम्मी के मुँह से बहुत ज़ोर की सिसकारी
निकली— ओह माँ——,और झटके खा कर झड़ने लगी।
मेरी जाग खुल गई मैंने सिम्मी को बाहों से पकड़ लिया और गिरने से बचा लिया,फिर अपने ऊपर से उठा कर बेड की एक side पर लिटा दिया।
और सिम्मी को कहा की मेरा बाक़ी वीर्य bottle में भर लेते हैं,fridge में
रख देंगे बाद में पी लेना,
पर सिम्मी आज कहाँ रुकने वाली थी,सिम्मी ने जल्दी से फिर फ़र्श पर खड़े होकर मेरा लण्ड मुँह
में भर लिया ताकि मेरा वीर्य बाहर गिरने से बच जाये।
फिर सिम्मी फ़र्श पर घुटनों के बल बैठ गई और मुझे खींच कर बेड केबिल्कुल किनारे
पर कर दिया,और मेरे butt को पकड़ कर मेरा मुँह अपनी तरफ़ कर लिया,
सिम्मी ने settle होकर फिर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लण्ड का वीर्य अभी भी निकल रहा था ,आज ना तो मेरे लण्ड में कोई दर्द था,
ना ही मेरी testicles में दर्द था,इसका कारण ये था कि जैसे ही मेरे लण्ड से
वीर्य निकलना शुरू हुआ वैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह डाल कर मेरा
वीर्य पीना शुरू कर दिया था,मुझे अपना लण्ड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था,
मुझे डर यही था की उतावलेपन में कहीं मुझे सोते हुए को पकड़ कर सिम्मी चोद ना दे।
अभी अभी बड़ी मुश्किल से बचा हूँ,अगर सिम्मी की चूत का सुराख़ छोटा ना होता,
तो मेरा लण्ड तो सिम्मी के चूत में चाकू की तरह घुसने को तैयार था।
मैंने सिम्मी से कहा फटाफट मेरा लण्ड में से वीर्य चूस कर ख़त्म कर,और मुझे जाने दे।
सिम्मी कैसे मेरी बातों का जवाब देती,उसका मुँह तो अपने saliva से,मेरे लण्ड से,
और मेरे वीर्य से भरा हुआ था।
सिम्मी मेरा लण्ड चूसती रही और मुझे फिर से नींद आ गई।
सिम्मी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था,bro चाहे सोये चाहे जागे।
उसको तो जी भर के bro का वीर्य पीना था,जो वो पी रही थी।
इस position में अपने को comfortable महसूस कर रही थी।
मेरा लंड चूसते चूसते,और वीर्य पीते पीते सिम्मी को फिर से उत्तेजना ने घेर लिया।
अब फिर से horny हो रही थी,और अपनी चूत को फिर से रगड़ने लगी।
सिम्मी की चूत भी रस से सरोवार हो गई थी।सिम्मी अब बैठे वैठे थकने
लगी थी ।एक दो बार गिरते गिरते भी बची।गिरने लगती तो bro के butt को
दोनों हाथों से पकड़ लेती और अपने को गिरने से बचा लेती,पर अपने मुँह से
मेरा लण्ड नहीं छूटने देती।जब भी मेरे वीर्य की पिचकारी मेरे लण्ड से निकल कर
सिम्मी के मुँह में गिरती,सिम्मी मेरे लण्ड को अन्दर गले तक deep ले जाती ,ताकि मेरा
सारा वीर्य उसके गले में सीधा गिरे।बीच बीच में सिम्मी अपनी चूत की
खुजली को चूत को मसल मसल के मिटाने की कोशिश करती थी।पर वो खुजली तो
चूत मसलने से और बढ जाती थी।
सिम्मी ऊई माँ ऊई माँ करती जाती और अपनी चूत को कभी मसलती कभी रगड़ने लगती।
अब तो सिम्मी की चूत में इतनी ज़ोर की आग लगी थी,कि वो आग या तो bro के लण्ड
से बुझ सकती थी या bro की जीभ बुझा सकती थी।पर bro तो मज़े से सो रहा था।
सिम्मी के मुँह के अंदर जितना ज़्यादा वीर्य जाता था उतना ही ज़्यादा सिम्मी का नशा
होता जाता।सिम्मी की चूत की जलन इतनी बढ़ गई थी के सिम्मीअपनी चूत को अपने
नाखूनों से खुरचने लगी,अपनी चूत को नाखून से खुरचते खुरचते सिम्मी ने अपने नाखून
से अपने clit को खुरच दिया।सिम्मी का नाखून जैसे ही उसके clit में चुभा,सिम्मी ने
ज़ोर से चीख मारी और ज़ोर ज़ोर से झटके खा कर झड़ने लगी।सिम्मी
को झड़ते वक्त लगा जैसे वो किसी अंधे कुँए में गिर रही हो।सिमी की दोनों आँखें बंद थी,और
मुँह से हाये हाये मम्मी की आवाज़ें निकाल रही थी।
सिम्मी इतनी ज़ोर से झड़ रही थी,अपने को गिरने से बचाने के लिये मेरे लण्ड को अपने
मुँह में कस के दबा लिया और मेरे butt के कस के पकड़ लिया,
पर सिमी को झटके इतनी ज़ोर से लग रहे थे की फ़र्श पर धड़ाम से गिर पड़ी।
मेरा लण्ड पिचकारियाँ मारता हुआ सिम्मी के मुँह से निकल गया।
सिम्मी के गिरते ही,मैंने भी अपना balance खो दिया और नीचे गिर पड़ा।
अब सिम्मी फ़र्श पर गिर कर बेसुध पड़ी थी,और मेरा लंड सिम्मी के चेहरे पर लिपट
कर अपने वीर्य की पिचकारयों से सिम्मी के face को भिगो रहा था और
मैं मुँह के बल सिम्मी के ऊपर गिर पड़ा और मेरा मुँह सिम्मी की चूत से जा टकराया।
और सिम्मी की चूत की चाशनी में डूब गया।
मैं भी सिम्मी की चूत को सूंघने लगा,
सिम्मी की चूत सूंघते सूंघते मैं सिम्मी की चूत की चाशनी को चाटने लगा।सिम्मी
के मुँह से लगातार हाय हाय निकल रही थी,ये हाय हाय चूत के ज़ख्मों की पीड़ा
थी या जो मज़ा सिमी को आ रहा था ये हाय हाय उसकी थी।पता नहीं।
जैसे ही मैंने सिम्मी की चूत को अपनी जीभ को छुआ,सिम्मी के मुँह से relief की
सांस निकली,yes bro अपनी जीभ से और चाटो मेरी चूत आग में जल रही है।
मैंने सिम्मी की चूत को ध्यान से देखा,तो देखा के सिम्मी ने अपनी चूत को अपने नाखूनों से
घायल कर लिया था,मैं अपनी लम्बी जीभ निकाल कर,सिम्मी के ज़ख्मों को lick
करने लगा।सिम्मी को मेरे lick करने से आराम मिल रहा था।यस bro dont stop,
please lick me lick me deep,सिम्मी कराहते हुए बोलने लगी।
सिम्मी का clit अब तक बड़ा होकर अपनी गुफा से बाहर निकल आया था।
lick lick करते करते मेरी जीभ सिम्मी के ज़ख़्मी clit से जा टकराई।
मैंने सिम्मी की चूत के clit को अपने होंठों में दबा लिया।और अपने होंठों में मसलने लगा।
सिम्मी तो फ़र्श पर लेटी लेटी बिन जल मछली तड़पने लगी और अपनी टाँगे फ़र्श
पर पटक पटक कर भर भर झड़ने लगी और अपनी बाहें फ़र्श पर फैला कर बेसुध होकर
फैल गई।सिम्मी की चूत के नीचे चूत रस का एक पूल बन गया था।
मेरे लण्ड से भी वीर्य निकलना बंद हो चुका था।
मैं और सिम्मी एक दूसरे के रस से बिल्कुल भीग गये थे।
मैंने सिम्मी की भीगी shirt को उतार दिया और अपने धोने बाले कपड़ों में डाल दिया।
बेसुध सिम्मी को मैंने खड़े होकर अपने कंधे पर डाल लिया,सिम्मी भी चिपक कर
मुझ से लिपट गई।
सिम्मी को लेकर मैं बाथरूम में घुस गया,और ठंडे पानी के शावर के नीचे सिम्मी के
साथ खड़ा हो गया,मैंने सिम्मी को अपनी छाती से चिपका कर पकड़ रखा था,
ताकि सिम्मी कहीं गिर ना जाये।
थोड़ी देर ठंडे पानी के नीचे नहाने के बाद सिम्मी को होश आ गई थी,
और मेरे गले में लटकी मुझे स्मूच करने लगी,बहुत पतले पतले होंठ थे सिम्मी के।
मैं भी सिम्मी के निचले होंठ को चूसने लगा,सिमी मेरे ऊपर बाले होंठ चूसने लगी।
सिम्मी मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसा कर मेरा saliva शिद्दत से चाटने लगी।
सिम्मी-bro,मैं ठीक हूँ,मुझे नीचे उतार कर नहला दो।
मैंने शेल्फ से body shampoo उठाया,और सिम्मी के बालों में उँडेल दिया।
फिर मैंने सिम्मी के बाल धोये,सिम्मी की breast मल कर अपना सारा लगा हुआ
वीर्य उतार दिया,फिर अपने हाथ पर थोड़ा सा shampoo लेके मैंने सिम्मी की चूत
और clit अच्छे से साफ़ करने लगा।चूत को साफ़ करते करते सिम्मी दर्द महसूस
कर रही थी।
अब सिम्मी ने body shampoo लिया और मुझे मल मल कर नहलाने लगी।
मेरे लण्ड को पुचकारा और अच्छी तरह से साफ़ किया।
थोड़ी देर shower के ठंडे पानी के नीचे हम खड़े नहाते रहे,
सिम्मी मुझे तब तक smooch करती रही जब तक मैंने अपने से अलग नहीं किया।
मेरे वीर्य के जादू ने सिम्मी के शरीर को भरना शुरू कर दिया था,
सिम्मी के चूचे अब गोल हो गये थे,चूत फूलने लगी थी उसपर छोटे छोटे बाल उग आये थे।
सिम्मी-bro मुझे आज बहुत मज़ा आया,कैसे thank you करूँ।मैं तुमसे चुदवा कर ही
तुम्हारा जी भर कर thankyou करूँगी
मैंने शेल्फ से towel उठाया और अपना बदन पोंछ लिया,
फिर उसी towel में लपेट कर,सिम्मी को उठा कर अपने बेड पर लिटा दिया।
और towel से सिर से पाँव तक सिम्मी का बदन अच्छी तरह से पोंछ दिया।
फिर मैंने सिम्मी की चूत पर ज़ख्मों का जायज़ा लिया।
मैंने अपने drawer से soframycin की tube से cream अपने पूरे हाथ पर लगा
कर सिम्मी की चूत की और clit पर अच्छी तरह से लेप कर दिया।
सिम्मी ने मेरा लण्ड पकड़ कर उसको मुँहँ में भर प्यार किया।
मैंने सिम्मी को गोद में उठाया और सिम्मी के बेड पर लिटा दिया।
मैंने अपने रूम में आकर कपड़े पहने और breakfast करके ऑफिस की
और चला गया
ऑफिस पहुँचा तो दोपहर को बारह बज रहे थे।
बाक़ी फिर—-
Wao bhai Simi wala scene jabardast hot tha, bas itna hi kahunga maa ne jo kiya wo thoda fast tha, thoda sa slow karo maa ko itna jaldi mat lao, character bahoot fast fast story mein me add ho rahe hai wo badhiya hai par unke saath seduction wali scene bhi fast fast ho rahi hai jisse kahani interesting to hoti hai par erotic nahi hotiअब आगे—-
रात को रोज़ी से बातें करते करते बहुत लेट हो गया था ,नींद नहीं आ
रही थी सोचा चलो रोज़ी के नाम की मूठ ही मार लेते हैं,
अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया,आलस में मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया था। मैंने सोचा
चलो मूठ मार कर बंद कर देंगे।
मैंने अपना फ़ोन खोल कर उसमे से,रोज़ी की वो वीडियो clip निकाल
ली जिसमे मैं रोज़ी के घर में उसकी चूत चाट रहाँ हूँ।
वीडियो दस मिण्ट की थी,तो सोचा पूरी वीडियो देखूँगा और धीरे धीरे मूठ मारूँगा,
जैसे ही रोज़ी की चूत झड़ने लगेगी मैं भी झड़ जाऊँगा।
मैंने अपने लण्ड को एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया,
रोज़ी की चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया और चूत चाटने का मन करने लगा,
जैसे वीडियो चलती गई,मैंने मूठ मारना चालू रखा
धीरे धीरे मेरे मुँह से moaning की आवाजें निकलने लगी,मैंने फ़ोन bed पर रख दिया।
मजे से मेरे आँखें बंद होने लगी,मैंने तेज़ तेज़ मुठ मारनी शुरू करदी।
तभी किसी ने मेरे कमरे का दरवाज़ा धीरे से खोला और अन्दर आकर
मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मेरे मुँह से अनायास ही निकल गया ,आह— रोज़ी yes suck me suck me हार्ड,
yes yes आह आह रोज़ी मेरी जान,कह कर मैं बड़े ज़ोर से रोज़ी के मुँह में झड़ गया।
रोज़ी अभी भी मेरा लण्ड चूस रही थी और वीर्य पी रही थी,जैसे ही
मैंने अपनी आँखें खोली,मोम आप ——,मेरा लण्ड mom के मुँह में झड़ रहा था।
झट से मैंने अपना लंड मोम के मुँह से खींच के बाहर निकाल लिया
और अपने दोनों हाथों से अपना लण्ड ढक लिया।
मोम-महेश मैं इधर से गुज़र रही थी की तेरी moaning की आवाज़
सुन कर तुम्हें देखने आ गई,तुम्हारी आँखें बंद थी और तुम रोज़ी का नाम
लेकर मुठ मार रहे थे,जैसे ही तुमने अपने लण्ड से अपना हाथ हटाया,
मैंने झट से तुम्हारा लण्ड अपने मुँह में भरकर चूसना शुरू कर दिया।
bed पर रखे तुम्हारे फ़ोन पर वीडियो चल रही थी,जिसमे रोज़ी नंगी खड़ी थी और
नीचे तुम्हें देख रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी,और तुम तेज़ तेज़ रोज़ी
की चूत चाट रहे थे।
रोज़ी की video देख कर मुझे भी excitement होने लगी और मैं भी
अपनी नाइटी के अन्दर हाथ डाल कर,अपनी दो उँगलियाँ से अपनी चूत को
fuck करने लगी जैसे ही तुम झड़े,उसी पल मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
महेश बहुत मज़ा आया मुझे,बहुत दिनों से मैं भी तेरा वीर्य पीने को तरस रही थी।
doctor ने सच कहा था की जो भी औरत तेरा वीर्य पियेगा वो या तो तुझ से चुदवा के
रहेगी या फिर उसको अपनी चूत रगड़ रगड़ कर झड़ना पड़ेगा,और जो औरत एक बार
तुमसे चुदवा लेगी,वो तेरे प्यार में पागल हो जाएगी।
सिम्मी कहती रहती है mom तुम bro को क्या खिलाती हो जो bro का
वीर्य इतना मीठा होता है,सचमुच तुम्हारा वीर्य बहुत मीठा है महेश,जब भी तुम्हारा
मूठ मारने का मन हुआ करे मुझे बुला लिया करो,अपना वीर्य waste करने
की बजाये मुझे पिला दिया करो,मैं भी जवान हो जाऊँगी।
आज तो मेरी चूत भी अपना पानी छोड़ कर ख़ुशी से झूम रही है।
महेश तुम किसी रोज़ी का नाम लेके मुठ मार रहे थे।
कहीं ये मेरी सहेली की बेटी तो नहीं है ,
बहुत अच्छी लड़की है,कभी अपने घर खाने पर बुलाना
मैं उस से मिलना चाहती हूँ।
रोज़ी mom की सहेली की बेटी थी
इसलिए mom को रोज़ी की बचपन की सब बातें पता थी,
यह भी पता थी,कि रोज़ी महेश को बहुत प्यार करती थी
और महेश से शादी करना चाहती थी।
लगता है दोनों का फिर से मिलन हो रहा है,mom ने सोचा
इसी लिये मोम ने रोज़ी को मिलने के लिए महेश से कहा था,
मैं जा रही हूँ,अब तुम सो जाओ।mom ने कहा,
सुबह उठ कर तुमने सिम्मी को अपने वीर्य की dose भी पिलानी है।
मैं भी रोज़ी को चोदने के सपने लेकर सोने लगा,और गहरी नींद में चला गया।मैंने
दरवाज़ा बंद नहीं किया और ऐसे ही नंगा सो गया।
सुबह सात बजे जब मैं अभी सो रहा था,सिम्मी ने मेरे रूम का दरवाज़ा knock किया औरअन्दर आ गई,
मैं रात को बहुत लेट सोया था,इस लिये अभी तक नींद नहीं खुली थी।
सिम्मी मेरे कमरे में वीर्य की morning dose लेने आयी थी।
सिम्मी- bro,उठ जाओ,सुबह के सात बज गये हैं।
सिम्मी ने आज long shirt पहनी हुई थी।लगता है के नीचे कुछ नहीं पहना था।
सोचा थोड़ी देर में पता चल जाएगा।मैं अभी उठने के मूड में नहीं था।
सिम्मी ने अंदर से कुण्डी लगा ली और मेरे साथ लेट कर मेरी पीठ के साथ लिपट गई।
आपको पता ही है रात को मैं नंगा सोता हूँ।सिम्मी के तीखे निप्पल मेरी पीठ पर चुभ
रहे थे।सिम्मी ने long shirt के नीचे ना तो ब्रा पहनी थी,ना ही पैंटी,
सिम्मी तो हमेशा मुझ से चुदने के लिए तैयार रहती थी,आज भी ऐसा ही लग रहा था,
सिम्मी अपनी शर्ट उठा कर अपनी नंगी चूत मेरे butt के साथ रगड़ ने लगी।
मुझे अपने butt पर कुछ गीला गीला लगा।मैं उठ कर बैठ गया,क्या sis मुझे अभी सोना है।
सिम्मी -bro मुझे अपने वीर्य की dose पिला दो,फिर मैं चली जाऊँगी तुम सो जाना।
मैं-सिम्मी,मैंने तो अभी अपनी medicine की मॉर्निंग dose भी नहीं ली।sis तुम kitchen
से पानी ला दो,मैं अपनी मेडिसिन ले लूँगा।
सिम्मी kitchen में पानी लेने चली गई,बहाँ mom सबके breakfast और लंच की तैयारी कर रही थी।
mom- सिम्मी तुमने महेश से अपनी morning dose लेली के नहीं।
सिम्मी - mom अभी bro अपनी medicine लेंगे,फिर एक घंटे के बाद मुझे dose
मिलेगी।Mom आप मेरा breakfast बना कर अपने office चले जाना,
मैं बाद में नहा कर अपना breakfast कर लूँगी और bro को भी दे दूँगी।
सिम्मी पानी की bottle लेकर महेश के रूम में आ गई,और महेश को
पानी देकर अंदर से फिर कुंडी लगा ली।
महेश-सिम्मी,तुमने अंदर से कुंडी क्यों लगा ली,अभी मोम घर पे हैं।
सिम्मी-mom अपने कमरे में नहीं आयेंगी,मैंने उनको बोल दिया है के
मैंने अभी bro से अपनी dose लेनी है और आप breakfast बना कर
अपने ऑफिस चले जाना,हम बाद में breakfast कर लेंगे।
मैंने सिम्मी से पानी लेकर अपनी medicine लेली और लेट गया।
महेश-sis,मैं सोने लगा हूँ,एक घण्टे बाद मुझे जगा देना,
सिम्मी से ये कह कर महेश पीठ के बल लेट गया और जल्दी ही गहरी
नींद में चला गया।
सिम्मी ने देखा bro तो सो गया था,ख़ुद भी मेरे साथ लिपट कर लेट गयी।
सिम्मी ने अपनी एक टांग मेरे लण्ड के ऊपर रख ली, और नीचे अपनी चूत को मेरी
बालों से भरी thigh के साथ घिसने लगी, फिर अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ लिया।
कभी सिम्मी मेरे लण्ड को छोड़ कर मेरे नंगे पेट पर अपने मुलायम हाथ फेरने लगती,
कभी मेरी बालों भरी छाती पर अपनी उँगलियों से मुझे caress करने लगती।
कभी उचक कर मेरे गाल चूम लेती,कभी मेरी गर्दन चूम लेती और कभी
मेरे होंठ चाटने लगती।एक घंटे में तो सिम्मी की हालत ही ख़राब हो गयी।
सिम्मी की चूत बिल्कुल भीग चुकी थी।कभी कभी उत्जेना वश वो अपने clit
को पकड़ कर मसल देती।कभी अपनी टांग से मेरे लण्ड को दबा देती।
कभी अपने हाथ में मेरा लण्ड पकड़ कर देखने लगती के hard हुआ है के नहीं।
अगर मेरे लंड पे कोई precum लगा होता तो या तो उसको उँगली से चाट लेती
या precum वाली अपनी उँगली अपनी गीली चूत पर मल लेती।
सिम्मी अब तक इतनी उत्तेजित हो चुकी थी,इस बार जब अपनी उँगली को
precum से भिगो लिया,तो अपने clit की अपनी precum से भीगी उँगली से
मालिश करने लगी।अपने clit की मालिश करते करते जैसे ही सिम्मी नो clit
को मरोड़ा बहीं झटका खाकर ज़ोर से झड़ गई।
सिम्मी की body में झड़ने के बाद भी अभी उतना ही करंट था।बल्कि पहले से बढ़ गया था।
सिम्मी ने मेरा लण्ड अपनी टांग के नीचे दबाया हुआ था।इस बार सिम्मी ने ये देखने
के लिए मेरा लण्ड खड़ा हुआ की नहीं,अपनी टांग जैसे ही मेरे लण्ड से उठाई,
मेरा लण्ड जो अब तक हार्ड हो चुका था,झटके के साथ खड़ा होकर मेरे पेट
से टकरा कर सीधा खड़ा होकर झूलने लगा,फिर 90 degree पर डंडे की तरह
खड़ा हो गया।मेरे hard लण्ड को देखकर सिम्मी के मुँह में पानी आ गया।
सिम्मी झट से उठ कर बैठ गयी।और अपने हाथ में मेरे लण्ड को पकड़ लिया,जैसे सिम्मी
को डर था कहीं भाग ना जाये,और लपक कर मेरा लण्ड मुँह में डाल कर चूसने लगी।
जैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में लिया,मेरी जाग खुल गयी,
मैं सिम्मी को अपना लण्ड चूसते हुए देखता रहा।
सिम्मी को मेरा लण्ड अपने मुँह में डालने की देर थी,कि उसमे से मेरा वीर्य ऐसे निकलने
लगा जैसे दूध से भरे हुए मम्मों से दूध की धारा निकलने लगे।
मैं जहां bed पर मैं लेटा हुआ था,वहाँ पर सिम्मी को घुटनों के बल बैठ कर मेरा लण्ड चूसने
में मज़ा नहीं आ रहा था,
सिम्मी उठ कर फ़र्श पर खड़ी हो गई,पर अपने मुँह से मेरा लण्ड निकलने नहीं दिया,
सिम्मी सारा का सारा वीर्य चूस कर निगल रही थी,और वीर्य की एक भी बूँद अपने मुँह से
बाहर नहीं गिरने दे रही थी।मुझे फिर नींद आ गई,
मुझे सोया हुआ देखकर ,सिम्मी ने सोचा क्यों ना bro का लण्ड अपने मुँह से निकाल कर
अपनी चूत में घुसेड़ लूँ,,यह सोच कर मेरे दोनों तरफ़ पैर रख कर खड़ी हो गई,
ऊपर से सिम्मी की चूत चू रही थी,नीचे मेरे लण्ड का वीर्य का नल चल रहा था,
सिम्मी आज तो पूरी तरह से मुझसे चुदने को तैयार थी।
सिम्मी धीरे धीरे नीचे होकर मेरे लण्ड पर बैठने लगी,
जैसे ही सिम्मी की चूत का सुराख़ नीचे हुआ ,वो मेरे लण्ड के सूपड़े में आकर फँस गया,
सिम्मी की चूत का सुराख़ इतना छोटा था,की मेरा लण्ड का सूपड़ा उससे आगे ना जा सका।
सिम्मी का मुँह छत की और उठ गया,और सिम्मी के मुँह से बहुत ज़ोर की सिसकारी
निकली— ओह माँ——,और झटके खा कर झड़ने लगी।
मेरी जाग खुल गई मैंने सिम्मी को बाहों से पकड़ लिया और गिरने से बचा लिया,फिर अपने ऊपर से उठा कर बेड की एक side पर लिटा दिया।
और सिम्मी को कहा की मेरा बाक़ी वीर्य bottle में भर लेते हैं,fridge में
रख देंगे बाद में पी लेना,
पर सिम्मी आज कहाँ रुकने वाली थी,सिम्मी ने जल्दी से फिर फ़र्श पर खड़े होकर मेरा लण्ड मुँह
में भर लिया ताकि मेरा वीर्य बाहर गिरने से बच जाये।
फिर सिम्मी फ़र्श पर घुटनों के बल बैठ गई और मुझे खींच कर बेड केबिल्कुल किनारे
पर कर दिया,और मेरे butt को पकड़ कर मेरा मुँह अपनी तरफ़ कर लिया,
सिम्मी ने settle होकर फिर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लण्ड का वीर्य अभी भी निकल रहा था ,आज ना तो मेरे लण्ड में कोई दर्द था,
ना ही मेरी testicles में दर्द था,इसका कारण ये था कि जैसे ही मेरे लण्ड से
वीर्य निकलना शुरू हुआ वैसे ही सिम्मी ने मेरा लण्ड अपने मुँह डाल कर मेरा
वीर्य पीना शुरू कर दिया था,मुझे अपना लण्ड चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था,
मुझे डर यही था की उतावलेपन में कहीं मुझे सोते हुए को पकड़ कर सिम्मी चोद ना दे।
अभी अभी बड़ी मुश्किल से बचा हूँ,अगर सिम्मी की चूत का सुराख़ छोटा ना होता,
तो मेरा लण्ड तो सिम्मी के चूत में चाकू की तरह घुसने को तैयार था।
मैंने सिम्मी से कहा फटाफट मेरा लण्ड में से वीर्य चूस कर ख़त्म कर,और मुझे जाने दे।
सिम्मी कैसे मेरी बातों का जवाब देती,उसका मुँह तो अपने saliva से,मेरे लण्ड से,
और मेरे वीर्य से भरा हुआ था।
सिम्मी मेरा लण्ड चूसती रही और मुझे फिर से नींद आ गई।
सिम्मी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था,bro चाहे सोये चाहे जागे।
उसको तो जी भर के bro का वीर्य पीना था,जो वो पी रही थी।
इस position में अपने को comfortable महसूस कर रही थी।
मेरा लंड चूसते चूसते,और वीर्य पीते पीते सिम्मी को फिर से उत्तेजना ने घेर लिया।
अब फिर से horny हो रही थी,और अपनी चूत को फिर से रगड़ने लगी।
सिम्मी की चूत भी रस से सरोवार हो गई थी।सिम्मी अब बैठे वैठे थकने
लगी थी ।एक दो बार गिरते गिरते भी बची।गिरने लगती तो bro के butt को
दोनों हाथों से पकड़ लेती और अपने को गिरने से बचा लेती,पर अपने मुँह से
मेरा लण्ड नहीं छूटने देती।जब भी मेरे वीर्य की पिचकारी मेरे लण्ड से निकल कर
सिम्मी के मुँह में गिरती,सिम्मी मेरे लण्ड को अन्दर गले तक deep ले जाती ,ताकि मेरा
सारा वीर्य उसके गले में सीधा गिरे।बीच बीच में सिम्मी अपनी चूत की
खुजली को चूत को मसल मसल के मिटाने की कोशिश करती थी।पर वो खुजली तो
चूत मसलने से और बढ जाती थी।
सिम्मी ऊई माँ ऊई माँ करती जाती और अपनी चूत को कभी मसलती कभी रगड़ने लगती।
अब तो सिम्मी की चूत में इतनी ज़ोर की आग लगी थी,कि वो आग या तो bro के लण्ड
से बुझ सकती थी या bro की जीभ बुझा सकती थी।पर bro तो मज़े से सो रहा था।
सिम्मी के मुँह के अंदर जितना ज़्यादा वीर्य जाता था उतना ही ज़्यादा सिम्मी का नशा
होता जाता।सिम्मी की चूत की जलन इतनी बढ़ गई थी के सिम्मीअपनी चूत को अपने
नाखूनों से खुरचने लगी,अपनी चूत को नाखून से खुरचते खुरचते सिम्मी ने अपने नाखून
से अपने clit को खुरच दिया।सिम्मी का नाखून जैसे ही उसके clit में चुभा,सिम्मी ने
ज़ोर से चीख मारी और ज़ोर ज़ोर से झटके खा कर झड़ने लगी।सिम्मी
को झड़ते वक्त लगा जैसे वो किसी अंधे कुँए में गिर रही हो।सिमी की दोनों आँखें बंद थी,और
मुँह से हाये हाये मम्मी की आवाज़ें निकाल रही थी।
सिम्मी इतनी ज़ोर से झड़ रही थी,अपने को गिरने से बचाने के लिये मेरे लण्ड को अपने
मुँह में कस के दबा लिया और मेरे butt के कस के पकड़ लिया,
पर सिमी को झटके इतनी ज़ोर से लग रहे थे की फ़र्श पर धड़ाम से गिर पड़ी।
मेरा लण्ड पिचकारियाँ मारता हुआ सिम्मी के मुँह से निकल गया।
सिम्मी के गिरते ही,मैंने भी अपना balance खो दिया और नीचे गिर पड़ा।
अब सिम्मी फ़र्श पर गिर कर बेसुध पड़ी थी,और मेरा लंड सिम्मी के चेहरे पर लिपट
कर अपने वीर्य की पिचकारयों से सिम्मी के face को भिगो रहा था और
मैं मुँह के बल सिम्मी के ऊपर गिर पड़ा और मेरा मुँह सिम्मी की चूत से जा टकराया।
और सिम्मी की चूत की चाशनी में डूब गया।
मैं भी सिम्मी की चूत को सूंघने लगा,
सिम्मी की चूत सूंघते सूंघते मैं सिम्मी की चूत की चाशनी को चाटने लगा।सिम्मी
के मुँह से लगातार हाय हाय निकल रही थी,ये हाय हाय चूत के ज़ख्मों की पीड़ा
थी या जो मज़ा सिमी को आ रहा था ये हाय हाय उसकी थी।पता नहीं।
जैसे ही मैंने सिम्मी की चूत को अपनी जीभ को छुआ,सिम्मी के मुँह से relief की
सांस निकली,yes bro अपनी जीभ से और चाटो मेरी चूत आग में जल रही है।
मैंने सिम्मी की चूत को ध्यान से देखा,तो देखा के सिम्मी ने अपनी चूत को अपने नाखूनों से
घायल कर लिया था,मैं अपनी लम्बी जीभ निकाल कर,सिम्मी के ज़ख्मों को lick
करने लगा।सिम्मी को मेरे lick करने से आराम मिल रहा था।यस bro dont stop,
please lick me lick me deep,सिम्मी कराहते हुए बोलने लगी।
सिम्मी का clit अब तक बड़ा होकर अपनी गुफा से बाहर निकल आया था।
lick lick करते करते मेरी जीभ सिम्मी के ज़ख़्मी clit से जा टकराई।
मैंने सिम्मी की चूत के clit को अपने होंठों में दबा लिया।और अपने होंठों में मसलने लगा।
सिम्मी तो फ़र्श पर लेटी लेटी बिन जल मछली तड़पने लगी और अपनी टाँगे फ़र्श
पर पटक पटक कर भर भर झड़ने लगी और अपनी बाहें फ़र्श पर फैला कर बेसुध होकर
फैल गई।सिम्मी की चूत के नीचे चूत रस का एक पूल बन गया था।
मेरे लण्ड से भी वीर्य निकलना बंद हो चुका था।
मैं और सिम्मी एक दूसरे के रस से बिल्कुल भीग गये थे।
मैंने सिम्मी की भीगी shirt को उतार दिया और अपने धोने बाले कपड़ों में डाल दिया।
बेसुध सिम्मी को मैंने खड़े होकर अपने कंधे पर डाल लिया,सिम्मी भी चिपक कर
मुझ से लिपट गई।
सिम्मी को लेकर मैं बाथरूम में घुस गया,और ठंडे पानी के शावर के नीचे सिम्मी के
साथ खड़ा हो गया,मैंने सिम्मी को अपनी छाती से चिपका कर पकड़ रखा था,
ताकि सिम्मी कहीं गिर ना जाये।
थोड़ी देर ठंडे पानी के नीचे नहाने के बाद सिम्मी को होश आ गई थी,
और मेरे गले में लटकी मुझे स्मूच करने लगी,बहुत पतले पतले होंठ थे सिम्मी के।
मैं भी सिम्मी के निचले होंठ को चूसने लगा,सिमी मेरे ऊपर बाले होंठ चूसने लगी।
सिम्मी मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसा कर मेरा saliva शिद्दत से चाटने लगी।
सिम्मी-bro,मैं ठीक हूँ,मुझे नीचे उतार कर नहला दो।
मैंने शेल्फ से body shampoo उठाया,और सिम्मी के बालों में उँडेल दिया।
फिर मैंने सिम्मी के बाल धोये,सिम्मी की breast मल कर अपना सारा लगा हुआ
वीर्य उतार दिया,फिर अपने हाथ पर थोड़ा सा shampoo लेके मैंने सिम्मी की चूत
और clit अच्छे से साफ़ करने लगा।चूत को साफ़ करते करते सिम्मी दर्द महसूस
कर रही थी।
अब सिम्मी ने body shampoo लिया और मुझे मल मल कर नहलाने लगी।
मेरे लण्ड को पुचकारा और अच्छी तरह से साफ़ किया।
थोड़ी देर shower के ठंडे पानी के नीचे हम खड़े नहाते रहे,
सिम्मी मुझे तब तक smooch करती रही जब तक मैंने अपने से अलग नहीं किया।
मेरे वीर्य के जादू ने सिम्मी के शरीर को भरना शुरू कर दिया था,
सिम्मी के चूचे अब गोल हो गये थे,चूत फूलने लगी थी उसपर छोटे छोटे बाल उग आये थे।
सिम्मी-bro मुझे आज बहुत मज़ा आया,कैसे thank you करूँ।मैं तुमसे चुदवा कर ही
तुम्हारा जी भर कर thankyou करूँगी
मैंने शेल्फ से towel उठाया और अपना बदन पोंछ लिया,
फिर उसी towel में लपेट कर,सिम्मी को उठा कर अपने बेड पर लिटा दिया।
और towel से सिर से पाँव तक सिम्मी का बदन अच्छी तरह से पोंछ दिया।
फिर मैंने सिम्मी की चूत पर ज़ख्मों का जायज़ा लिया।
मैंने अपने drawer से soframycin की tube से cream अपने पूरे हाथ पर लगा
कर सिम्मी की चूत की और clit पर अच्छी तरह से लेप कर दिया।
सिम्मी ने मेरा लण्ड पकड़ कर उसको मुँहँ में भर प्यार किया।
मैंने सिम्मी को गोद में उठाया और सिम्मी के बेड पर लिटा दिया।
मैंने अपने रूम में आकर कपड़े पहने और breakfast करके ऑफिस की
और चला गया
ऑफिस पहुँचा तो दोपहर को बारह बज रहे थे।
बाक़ी फिर—-