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Fantasy बहन का इलाज (Complete)

Mr. X.

Loan Wolf
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अब आगे——
रोज़ी इतनी गहरी नींद में सो रही थी,कि जैसे बहुत दिनों के बाद सोई हो।हल्के हल्के
खराटे ले रही थी,और रोज़ी की आकर्षक छाती सांस लेते ऊपर नीचे हो रही थी।
इतनी हलचल के बाद ,रोज़ी के सारे बाल बिखरे हुए थे और चेहरे को ऐसे ढके
हुए थे,जैसे बादलों में चाँद ।मैंने रोज़ी के बाल अपने हाथों से चेहरे से हटा दिये।
रोज़ी नींद में मंद मंद मुस्करा रही थी,जैसे कोई सुन्दर सपना देख रही हो,
रोज़ी के होंठ और chin मेरे वीर्य से भीगे हुए थे,मैंने अपनी जेब से रूमाल
कर रोज़ी के होंठों और chin को पौंछ दिया।
मैंने conductor को आवाज़ लगा के पूछा के हमारा stoppage कितनी दूर है,
कंडक्टर ने कहा अभी बीस मिनट दूर है।

मैंने रोज़ी को धीरे धीरे हिला कर कहा रोज़ी उठो,अपना stoppage आने वाला है,
रोज़ी ने धीरे धीरे अपनी आँखें खोली,मेरी तरफ़ देख कर शर्मा गई,और अपना
चेहरा अपने हाथों से ढक लिया,
मैंने रोज़ी के चेहरे से उसके हाथ हटा दिये,शर्म से रोज़ी का चेहरा लाल
हो गया था,मैंने रोज़ी के बालों में प्यार से हाथ फेरा और उठने को कहा।
रोज़ी उठ कर बैठ गयी।अपने पर्स से एक wet wiper निकाला,पहले
अपने सारे चेहरे को अच्छी तरह से साफ़ किया फिर अपने होंठ साफ़ किए,
फिर अपने बालों को हाथ से ठीक किया और बालों में रबड़ बैंड चढ़ा कर,
फिर अपनी साड़ी की सिलवटें ठीक करने लगी।
रोज़ी महेश से — डार्लिंग तुम्हारा वीर्य कितना नशीला है,मैं तो तुम्हारे वीर्य
के नशे में पूरी तरह से डूब कर बेहोश हो गई थी।ऐसा नशा मुझे हर रोज़,पूरी ज़िंदगी भर
चाहिए।मुझे विश्वास हो गया है,कि मेरी ज़िंदगी से दुःखों के बादल सदा के लिए छट गये हैं।अब
से आज़ से मेरी ज़िंदगी में ख़ुशियों की बहार आ गई है।
फिर रोज़ी एक दम से मेरे कान के पास अपना मुँह करके रुआंसी होकर बोली,
डार्लिंग मेरी तो पैंटी सारी की सारी भीगी हुई है,अब मैं क्या करूँ।
फिर हंस कर बोली,तुमने मुझे नींद में कहीं चोद तो नहीं दिया,
महेश—हाँ,पर मैंने तो तुम्हारे मुँह को चोदा है,और मेरा सारा वीर्य तुम्हारे मुँह से होकर,
पानी बन कर तुम्हारी चूत से बाहर निकल आया और तुम्हारी पैंटी भिगो दी,
रोज़ी ने मेरे कंधे पे मुक्का मार के बोली,ऊँ मैं अब गीली पेंटी के साथ ससुराल कैसे जाऊँगी,

मेरे पास तो पर्स में और कोई पैंटी भी नहीं है,डार्लिंग कुछ तो बोलो।कुछ करो ना।
महेश— रोज़ी तुम ऐसा करो अपनी पैंटी धीरे से उतार कर अपने पर्स में डाल लो।

रोज़ी-तो क्या अपने ससुराल मैं नंगी ही चली जाऊँ।मेरे पर्स में पड़ी गीली पैंटी अगर मेरी सास
ने देखली तो पूछेगी बोल किस से चुदवा कर आयी है।
महेश -ऐसा करो तुम अपनी पैंटी उतार कर मुझे पकड़ा दो,मैं अपनी जेब में डाल लूँगा।
अपने ससुराल तो तुम्हें नंगी चूत लेकर ही जाना पड़ेगा,वहाँ पर मौक़ा देख कर अपने अटैची
से अपनी पैंटी निकाल कर bathroom में जाकर बदल लेना,बस यही एक तरीक़ा है।
रोज़ी- ऊँ,मैं तो आज फँस गयी।मेरा क्या होगा।
कहकर रोज़ी ने अपना दायाँ हाथ साड़ी के नीचे ले जाकर,अपनी पेटीकोट में घुसा कर
पैंटी को अपने हाथ से पकड़ कर नीचे की ओर खींचने लगी,पर पैंटी उतर ही नहीं रही थी।
रोज़ी की गीली पैंटी उसकी चुत से ऐसे चिपक गई थी,जैसे किसी ने पैंटी को फ़ेविकोल
से रोज़ी की चूत से चिपका दिया हो।
रोज़ी—डार्लिंग ,मुझ से ये पैंटी नहीं उतर रही,अब मैं क्या करूँ।
महेश—तुम आराम से सीधी होके बैठ जाओ,मैं कोशिश कर के देखता हूँ।
मैं,धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,और अपने दोनों हाथ रोज़ी की मुलायम टाँगो
पर रख दिये,रोज़ी के मुँह से सिसकारी निकल गई,आह डार्लिंग,
फिर मैं अपने हाथों को रोज़ी की मुलायम और मांसल thighs पर फेरने लगा,
रोज़ी — सेक्सी आवाज़ में बोली,डार्लिंग ना ऐसे ना करो मैं झड़ जाऊँगी,
जल्दी करो झट से मेरी पैंटी खींच कर उतार दो।
मैं दोनों हाथों से रोज़ी की पैंटी की इलास्टिक को पकड़ कर नीचे की और जोर से
खींचने लगा।
खींचते खींचते रोज़ी की पैंटी फट कर मेरे हाथ में आ गई।
जब रोज़ी को मैंने उसकी फटी हुई पैंटी दिखाई ,
तो रोज़ी हंस कर बोली,हाये डार्लिंग तूने मेरी फाड़ डाली— पैंटी।
महेश-रोज़ी,तुम्हारी चूत भी एक दिन ऐसे ही फटेगी।
रोज़ी—गंदे,ये चूत अब तुम्हारी है,इसे फाड़ो या प्यार करो।अब तुम फटी हुई
पैंटी का क्या करोगे।
मैंने रोज़ी की पैंटी को बहीं पर निचोड़ कर अपनी जेब में डाल लिया।
मैं फिर बोला,रोज़ी मैं तुम्हारी फटी पैंटी को अपने पास आज के सफ़र
की याददाश्त बना कर रखूँगा।
रोज़ी ने अपने पर्स से wet wiper निकाल कर,अपनी चूत को
अच्छे से साफ़ कर लिया।और नैपकिन को बस की खिड़की से
बाहर फेंक दिया।
इतने में conductor announce करने लगा कि bus stand आने वाला है,
जिसको उतरना है,वो अपना सामान सम्भाल कर उतरने के लिए तैयार रहें।
थोड़ी देर बाद बस स्टैंड आ गया,मैं और रोज़ी ने बस उतर कर,luggage box
से रोज़ी का attache उतार लिया।
रोज़ी -डार्लिंग,मैंने बाथरूम जाना है।
महेश-चलो।
attache खोल के रोज़ी ने अपनी नयी पैंटी निकाली और ladies washroom में
जाकर कुछ देर बाद पैंटी पहन कर आ गई।
महेश- रोज़ी darling बहुत देर लगा के आयी हो वाशरूम में।
रोज़ी— पहले तो मैंने सुसु किया,बहुत माल निकला,
मैंने जो तुम्हारा वीर्यमणि पी थी,बाक़ी तो सारी मेरे खून में रच गई,
बची हुई,सुसु के साथ बाहर निकल आयी।फिर मैंने अपनी चूत धोयी,
चूत को napkin से dry करके अपनी पैंटी पहनी,साड़ी को अच्छे से बांधा,
अपना मुँह धोया और बाहर आ गई।डार्लिंग,तुम्हारी वीर्यमणि ने मुझे confidence
से भर दिया है।चलो चलें।
महेश-ये तुम्हारा attache तो ख़ाली लगता है।इसका क्या करोगी,
रोज़ी-इसमें मैं अपना कुछ ज़रूरी सामान बहाँ से उठा कर लाऊँगी।
महेश-रोज़ी डार्लिंग तुम्हारी सास पूछेगी,किस के साथ आयी हो।
रोज़ी- मेरी सास को मालूम है,मैं अकेली भी आ जाती हूँ।


मैंने autorickshaw बुलाई और मैंने उसमें बैठ कर,रोज़ी के ससुराल का address बता दिया।
रोज़ी अपने ससुराल घर पहुँच कर उतर कर अन्दर चलीगई।
मैं उसी ऑटो में वापस बसस्टैंड आ गया,और बस में बैठ गया।
बस में मैंने फ़ोन on किया तो श्वेता की कई कालें थी,
मैंने श्वेता को call बैक किया
महेश-hi श्वेता डार्लिंग,
श्वेता-माही डार्लिंग कहाँ हो तुम,आज office क्यों नहीं आये तुम।
महेश-डार्लिंग,आज मैं out of स्टेशन हूँ,कल सुबह office आऊँगा।
श्वेता-ok,bye take care।
मैं बस में बैठ गया और conductor को बोल के मेरा stop आ जाये
तो मुझे जगा देना,इतना बोल कर मैं सो गया।
जब मैं घर पहुँचा तो सिम्मी मेरी wait कर रही थी।
सिम्मी-bro आ गये तुम,पहले dinner कर लो ।फिर
मुझे रात के dose दे देना।
महेश- मोम किधर हैं
बो सो गयीं हैं,मैं तुम्हारा ख़ाना लाती हूँ,तुम लॉबी में बैठो।सिम्मी ने कहा
सिम्मी से ख़ाना लेकर ,मैं ख़ाना खाकर अपने रूम में चला गया,
सिम्मी मेरे पीछे मेरे बेड रूम में आ गई।
मैंने सिम्मी को सुबह आने को बोल दिया।
महेश-सिम्मी अब तुम जाओ,मुझे नींद आ रही है,
मैंने मेडिसिन की dose भी नहीं ली थी।
सिम्मी निराश होकर चली गई,
मैं कपड़े उतार कर सो गया।
रात को बारह बजे फ़ोन की bell बज़ी।
मैंने देखा रोज़ी का फ़ोन था,
रोज़ी -sorry डार्लिंग,मैंने तुम्हें जगा दिया।
मैं कल वापस आ जाऊँगी,तुम अब sunday morning को मेरी मम्मी के घर आ जाना
महेश -डार्लिंग, मुझे पूरी बात बताओ।क्या हुआ,
रोज़ी-डार्लिंग, रात को मेरा husband जब घर आ गया,
मैंने उस से बात करने की कोशिश की,
husband बोला पहले ख़ाना ख़ालो,फिर बात करते हैं।
ख़ाना खा कर,हम लोग bedroom में आ गये।
मैंने husband से कहा,तुम्हारी माँ ने मुझे घर आने पर बाँझ कहके बुलाया।
मुझ से तुम्हारी माँ की और गालियाँ नहीं सुननी।
मैंने husband का पयजामा खोल दिया और उसकी लूली पकड़ कर बोली,
तुम आज मुझे माँ बना दो,तुम्हारी माँ का बाँझ होने का मैं अब और उलाहना नहीं सह सकती।
थोड़ी देर तो मेरा husband चुप रहा,फिर बोला रोज़ी मैं तेरे काबिल नहीं हूँ,
ना तो मैं तेरे साथ सेक्स कर सकता है,ना ही मैं तुम्हें माँ बना सकता हूँ।
रोज़ी-फिर मेरे husband ने बोलना शुरू किया
husband-रोज़ी मैं तेरी जवानी और ख़राब नहीं कर सकता,मैं चाहता हूँ तुम
अपने मम्मी डैडी से कह कर अपनी पसंद के लड़के से दोबारा शादी कर लो।
मैं तुम्हें कोर्ट में divorce देने को तैयार हूँ।
कल सुबह हम दोनों court में जाकर,family court में divorce की
application दे देंगे।अब मैं ऊपर room में जाकर सो जाता हूँ,
तुम यहीं बेड पर सो जाना,जो भी समान तुम ले जाना चाहती हो ले जाना
तुम्हें कोई नहीं टोकेगा।कल सुबह दस बजे कोर्ट चलेंगे।
इतना कह कर husband ऊपर रूम में चले गये।
रोज़ी-डार्लिंग,आज मैं आज़ाद हो गई हूँ,
मैं कल saturday शाम तक मम्मी के घर पहुँच जाऊँगी,
मम्मी को मैं कल सुबह सब बता दूँगी।
अब तुम सो जाओ,सुबह तुमने ऑफिस भी जाना है।
मैं अपनी packing कर के सोऊँगी।
goodnight,darling
good night rozi darling,कह कर मैं फिर नींद के आग़ोश में चला गया।
बाक़ी फिर—-
 

prasha_tam

Well-Known Member
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Please keep it up
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Raj_sharma

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Bohot hi kamuk update Bro
Maza aagaya👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯
 
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