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Incest बहन का लौड़ा (Incest + Adultery)

abmg

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Episode - 15

अभी तक आपने पढ़ा..

अब दोनों का ये हाल था कि बस पूछो मत.. राधे तो फिर भी ठीक है.. मीरा की चूत तो आग उगलने को बेताब थी। मीरा ने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और अपनी चूत राधे के सामने कर दी- आह्ह.. राधे अब बर्दाश्त नहीं होता उफ़.. मेरा पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. अब घुसा दो अपना लौड़ा.. मेरी चूत में आह्ह..

राधे समझ गया कि अब लोहा गर्म है.. सही मौका है चोट मारने का.. उसने मीरा के पैर फैला दिए.. कमर के नीचे एक तकिया रख दिया.. जिससे उसकी चूत का उभार ऊपर आ गया। अब राधे ने अपना मोटा लंड चूत के मुहाने पर टिका दिया और धीरे-धीरे चूत की दरार पर रगड़ने लगा।

मीरा- आह्ह.. उइ मत तड़पाओ.. आह्ह.. बस घुसा दो.. उई चूत की खुजली बढ़ती जा रही है.. प्लीज़ आह्ह.. ससस्स.. राधे- बस मेरी जान.. अब बदन को ढीला छोड़ दो.. मेरा लौड़ा अब तेरी चूत की गहराई नापने को रेडी है।

अब आगे..

राधे ने लौड़े की टोपी को चूत पर टिकाया और अपने हाथ से चूत को थोड़ा फैला दिया ताकि लौड़ा स्लिप ना हो। टोपी को चूत में फँसा कर वो अपने हाथ से लौड़े को चूत में घुसड़ने लगा।

मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. उई क्या मोटा लौड़ा है.. आह्ह.. घुसाओ न.. आह्ह.. उई.. राधे- अभी पूरा घुसा कहाँ है.. जान.. बस चूत के मुँह पर सुपारा ही टिका है.. अब ले.. इसे कहते है घुसड़ेना..

राधे ने कमर को दबाया तो 2″ लौड़ा चूत में घुस गया.. या यूं कहो सुपारा चूत को खोलता हुआ अन्दर चला गया।

मीरा- आह आह.. धीरे से आह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह..

राधे उसके होंठों को चूसने लगा और लौड़े पर दबाव बनाता रहा। उसको लौड़ा घुसड़ेने में बहुत ज़ोर लगाना पड़ रहा था.. और आएगा क्यों नहीं.. जिस चूत में आज तक उंगली नहीं गई.. वो अपना मोटा लंड घुसा रहा था।

थोड़ा और आगे जाकर लौड़ा किसी चीज़ से टकरा कर रुक सा गया.. राधे समझ गया यह सील है। अब उसने लौड़े को पीछे लिया और ज़ोर से धक्का मारा.. चूत को चीरता हुआ आधा लौड़ा घुस गया।

मीरा के होंठ बन्द थे मगर वो चीखी बहुत तेज थी। उसकी आँखें छत की तरफ थीं और आँसू आने शुरू हो गए थे।

राधे ने आधा लौड़ा घुसा कर अपने आप को रोक लिया था। अब वो बस मीरा के होंठ चूस रहा था। जब उसको लगा मीरा अब शांत है.. तो वो उसके निप्पल चूसने लगा।

मीरा- आ..आह्ह.. राधे बहुत दर्द दर्द हो रहा है.. मैं मार जाऊँगी
एयेए आह्ह.. आह.. राधे- मेरी जान.. लौड़े से कोई मरता है क्या.. तेरा तो पानी निकलने वाला था ना.. क्या हुआ लौड़े से वापस सरक गया क्या? मीरा- आआ आह्ह.. निकलने वाला था.. आह्ह.. मगर दर्द से आ सारी फीलिंग चली गई आह्ह..

राधे- जब लौड़ा बराबर अन्दर-बाहर होने लगेगा ना.. तो फीलिंग वापस आ जाएगी.. अब दर्द कम हुआ ना.. तू कहे तो.. चुदाई शुरू करूँ.. मीरा- आह्ह.. ये दर्द तो ऐसे ही रहेगा.. तुम आराम से चोदो आह्ह.. अब कुछ ठीक हूँ।

राधे ने जितना लौड़ा घुसाया था.. अब उसी को आगे-पीछे करके चोदने लगा.. पांच मिनट तक मीरा दर्द से ‘आहें’ भरती रही.. फिर उसकी चूत का दर्द कम होता गया.. और चूत में दोबारा करंट पैदा हो गया था।

मीरा- आह्ह.. आह.. अब मज़ा आ रहा है.. एयेए चोदो आह्ह.. उहह..

राधे अब ज़ोर-ज़ोर से लौड़ा आगे-पीछे करने लगा और हर धक्के के साथ लंड को थोड़ा और आगे सरका देता। अब उसका जोश बढ़ गया था.. उसने एक जोरदार धक्का मारा और पूरा 8″ का मूसल चूत में समा गया।

मीरा- आआह्ह.. आईईइ.. मर गई रे.. एयेए मेरी चूत फट गई.. उएयेए.. रूको आहह..

राधे बस झटके मारता रहा.. उसका लौड़ा अब बेकाबू हो गया था। दस मिनट तक मीरा तड़पती रही… चिल्लाती रही.. मगर राधे पूरी रफ्तार से लौड़ा आगे-पीछे करता रहा। मीरा का पानी निकलने को था.. अब उसको दर्द के साथ मीठा मज़ा भी आने लगा था..

उसको दर्द तो बहुत हो रहा था मगर लौड़े की चोट उसकी चूत को एक मीठा मज़ा दे रही थी।

मीरा- आह्ह.. आह.. चोदो मेरे राधे.. आह्ह.. अब थोड़ा आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. प्लीज़ अब कुछ मत करना.. आह्ह.. अब ये करंट आना शुरू हो गया है.. आह्ह.. अब मेरा पानी निकल जाने दो आह्ह..

राधे- उहह उहह.. अब मेरा भी आह्ह.. पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. अन्दर निकाल दूँ क्या.. आह्ह? मीरा- आह्ह.. अन्दर ही निकालो ना.. आह्ह.. उह.. मेरी सूखी चूत को गीला कर दो.. आह्ह.. उई ले.. मैं गई.. आह्ह.. उईह…

अब राधे ने रफ्तार और बढ़ा दी.. अब वो ठकाठक मीरा को चोदने लगा था। मीरा भी झड़ने लगी थी.. तो गाण्ड उठा-उठा कर वो चुदने लगी। अंत में दोनों एक साथ झड़ गए।

मीरा- आह.. मज़ा आ गया.. तुम्हारा पानी चूत में कितना सुकून दे रहा है.. आह्ह.. मेरी चूत कब से सूखी थी.. आज तुमने गीली कर दी.. मज़ा आ गया आह्ह.. अब हटो भी.. मेरे ऊपर से.. मेरी कमर दुखने लगी है।

राधे धीरे से ऊपर उठा तो ‘फुच्छ’ की आवाज़ के साथ लौड़ा चूत से बाहर आ गया.

जो वीर्य और खून से सना हुआ था। लौड़े के निकलते ही मीरा की सिसकी निकल गई।

मीरा- उईह.. मर गई रे.. राधे- अरे वाह मेरी जान.. 8″ का लौड़ा अन्दर लिया.. तब तो मरी नहीं.. अब बाहर निकाल लिया.. तो मर गई तुम.. कहो तो वापस पेल दूँ।

मीरा- बस ज़्यादा हीरो मत बनो.. देखो मेरी चूत का क्या हाल हो गया है.. अब चलो मुझे उठाकर बाथरूम तक लेकर चलो.. अब पति बने हो तो ज़िम्मेदारी भी उठाओ.. राधे- अरे मेरी जान.. खून देख कर तुम डरी नहीं.. ऐसा क्यों?

मीरा- मैंने बताया था ना.. मुझे सब पता है.. बस मैंने कभी सेक्स नहीं किया था।

राधे मीरा को गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। वहाँ दोनों आमने-सामने बाथटब में बैठ गए और बातें करने लगे।

राधे- क्यों जान.. चुदाई में मज़ा आया ना?

मीरा- अभी कहाँ मज़ा आया.. अभी तो बस दर्द हुआ.. आज तो तुम्हें ही मज़ा आया होगा.. जब तक मेरा दर्द कम ना हो जाए.. तुम मज़ा लो.. उसके बाद मैं देखो कैसे मज़ा लेती हूँ।

राधे- ओये होये.. सोणिए.. इसका मतलब मैं आज पूरी रात तेरी चूत मार सकता हूँ.. मीरा- और नहीं तो क्या.. आज हमारी सुहागरात है.. तो पूरी रात ही चुदवाऊँगी ना.. तुम क्या समझे.. दर्द से मैं डर जाऊँगी?

राधे- वाहह.. मेरी जान.. तुम तो बहुत बहादुर हो.. तेरी बातों से लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.. चल दूसरा राउंड लगा लेते हैं।

मीरा- मेरे आशिक.. तुम्हारे लौड़े ने मेरी टाँगें फिरा दी हैं.. मैं चल नहीं पाऊँगी.. जैसे लाए थे.. वैसे ही लेकर चलो न!

राधे- हाँ.. क्यों नहीं.. मेरी मीरा रानी.. अब तो सारी जिन्दगी तुझे लौड़े पर उठा कर घूमूंगा..

मीरा मुस्कुरा दी और राधे ने उसे बाँहों में ले कर बाहर निकल आया, तौलिया से दोनों के बदन साफ किए और उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर के पास जाकर रुक गया।

मीरा- क्या हुआ.. रुक क्यों गए? राधे- अरे जान.. बिस्तर पर देखो.. खून से भरा पड़ा है..

मीरा- मेरे प्यारे राधे.. मैं जानती थी कि आज ऐसा कुछ होगा चादर हटा दो.. नीचे प्लास्टिक डाला हुआ है.. बिस्तर खराब नहीं हुआ होगा.. दूसरी चादर लगा लेंगे।

कहानी जारी रहेगी।
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Episode - 15

अभी तक आपने पढ़ा..

अब दोनों का ये हाल था कि बस पूछो मत.. राधे तो फिर भी ठीक है.. मीरा की चूत तो आग उगलने को बेताब थी। मीरा ने लौड़ा मुँह से निकाल दिया और अपनी चूत राधे के सामने कर दी- आह्ह.. राधे अब बर्दाश्त नहीं होता उफ़.. मेरा पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. अब घुसा दो अपना लौड़ा.. मेरी चूत में आह्ह..

राधे समझ गया कि अब लोहा गर्म है.. सही मौका है चोट मारने का.. उसने मीरा के पैर फैला दिए.. कमर के नीचे एक तकिया रख दिया.. जिससे उसकी चूत का उभार ऊपर आ गया। अब राधे ने अपना मोटा लंड चूत के मुहाने पर टिका दिया और धीरे-धीरे चूत की दरार पर रगड़ने लगा।

मीरा- आह्ह.. उइ मत तड़पाओ.. आह्ह.. बस घुसा दो.. उई चूत की खुजली बढ़ती जा रही है.. प्लीज़ आह्ह.. ससस्स.. राधे- बस मेरी जान.. अब बदन को ढीला छोड़ दो.. मेरा लौड़ा अब तेरी चूत की गहराई नापने को रेडी है।

अब आगे..

राधे ने लौड़े की टोपी को चूत पर टिकाया और अपने हाथ से चूत को थोड़ा फैला दिया ताकि लौड़ा स्लिप ना हो। टोपी को चूत में फँसा कर वो अपने हाथ से लौड़े को चूत में घुसड़ने लगा।

मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. उई क्या मोटा लौड़ा है.. आह्ह.. घुसाओ न.. आह्ह.. उई.. राधे- अभी पूरा घुसा कहाँ है.. जान.. बस चूत के मुँह पर सुपारा ही टिका है.. अब ले.. इसे कहते है घुसड़ेना..

राधे ने कमर को दबाया तो 2″ लौड़ा चूत में घुस गया.. या यूं कहो सुपारा चूत को खोलता हुआ अन्दर चला गया।

मीरा- आह आह.. धीरे से आह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह..

राधे उसके होंठों को चूसने लगा और लौड़े पर दबाव बनाता रहा। उसको लौड़ा घुसड़ेने में बहुत ज़ोर लगाना पड़ रहा था.. और आएगा क्यों नहीं.. जिस चूत में आज तक उंगली नहीं गई.. वो अपना मोटा लंड घुसा रहा था।

थोड़ा और आगे जाकर लौड़ा किसी चीज़ से टकरा कर रुक सा गया.. राधे समझ गया यह सील है। अब उसने लौड़े को पीछे लिया और ज़ोर से धक्का मारा.. चूत को चीरता हुआ आधा लौड़ा घुस गया।

मीरा के होंठ बन्द थे मगर वो चीखी बहुत तेज थी। उसकी आँखें छत की तरफ थीं और आँसू आने शुरू हो गए थे।

राधे ने आधा लौड़ा घुसा कर अपने आप को रोक लिया था। अब वो बस मीरा के होंठ चूस रहा था। जब उसको लगा मीरा अब शांत है.. तो वो उसके निप्पल चूसने लगा।

मीरा- आ..आह्ह.. राधे बहुत दर्द दर्द हो रहा है.. मैं मार जाऊँगी
एयेए आह्ह.. आह.. राधे- मेरी जान.. लौड़े से कोई मरता है क्या.. तेरा तो पानी निकलने वाला था ना.. क्या हुआ लौड़े से वापस सरक गया क्या? मीरा- आआ आह्ह.. निकलने वाला था.. आह्ह.. मगर दर्द से आ सारी फीलिंग चली गई आह्ह..

राधे- जब लौड़ा बराबर अन्दर-बाहर होने लगेगा ना.. तो फीलिंग वापस आ जाएगी.. अब दर्द कम हुआ ना.. तू कहे तो.. चुदाई शुरू करूँ.. मीरा- आह्ह.. ये दर्द तो ऐसे ही रहेगा.. तुम आराम से चोदो आह्ह.. अब कुछ ठीक हूँ।

राधे ने जितना लौड़ा घुसाया था.. अब उसी को आगे-पीछे करके चोदने लगा.. पांच मिनट तक मीरा दर्द से ‘आहें’ भरती रही.. फिर उसकी चूत का दर्द कम होता गया.. और चूत में दोबारा करंट पैदा हो गया था।

मीरा- आह्ह.. आह.. अब मज़ा आ रहा है.. एयेए चोदो आह्ह.. उहह..

राधे अब ज़ोर-ज़ोर से लौड़ा आगे-पीछे करने लगा और हर धक्के के साथ लंड को थोड़ा और आगे सरका देता। अब उसका जोश बढ़ गया था.. उसने एक जोरदार धक्का मारा और पूरा 8″ का मूसल चूत में समा गया।

मीरा- आआह्ह.. आईईइ.. मर गई रे.. एयेए मेरी चूत फट गई.. उएयेए.. रूको आहह..

राधे बस झटके मारता रहा.. उसका लौड़ा अब बेकाबू हो गया था। दस मिनट तक मीरा तड़पती रही… चिल्लाती रही.. मगर राधे पूरी रफ्तार से लौड़ा आगे-पीछे करता रहा। मीरा का पानी निकलने को था.. अब उसको दर्द के साथ मीठा मज़ा भी आने लगा था..

उसको दर्द तो बहुत हो रहा था मगर लौड़े की चोट उसकी चूत को एक मीठा मज़ा दे रही थी।

मीरा- आह्ह.. आह.. चोदो मेरे राधे.. आह्ह.. अब थोड़ा आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. प्लीज़ अब कुछ मत करना.. आह्ह.. अब ये करंट आना शुरू हो गया है.. आह्ह.. अब मेरा पानी निकल जाने दो आह्ह..

राधे- उहह उहह.. अब मेरा भी आह्ह.. पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. अन्दर निकाल दूँ क्या.. आह्ह? मीरा- आह्ह.. अन्दर ही निकालो ना.. आह्ह.. उह.. मेरी सूखी चूत को गीला कर दो.. आह्ह.. उई ले.. मैं गई.. आह्ह.. उईह…

अब राधे ने रफ्तार और बढ़ा दी.. अब वो ठकाठक मीरा को चोदने लगा था। मीरा भी झड़ने लगी थी.. तो गाण्ड उठा-उठा कर वो चुदने लगी। अंत में दोनों एक साथ झड़ गए।

मीरा- आह.. मज़ा आ गया.. तुम्हारा पानी चूत में कितना सुकून दे रहा है.. आह्ह.. मेरी चूत कब से सूखी थी.. आज तुमने गीली कर दी.. मज़ा आ गया आह्ह.. अब हटो भी.. मेरे ऊपर से.. मेरी कमर दुखने लगी है।

राधे धीरे से ऊपर उठा तो ‘फुच्छ’ की आवाज़ के साथ लौड़ा चूत से बाहर आ गया.

जो वीर्य और खून से सना हुआ था। लौड़े के निकलते ही मीरा की सिसकी निकल गई।

मीरा- उईह.. मर गई रे.. राधे- अरे वाह मेरी जान.. 8″ का लौड़ा अन्दर लिया.. तब तो मरी नहीं.. अब बाहर निकाल लिया.. तो मर गई तुम.. कहो तो वापस पेल दूँ।

मीरा- बस ज़्यादा हीरो मत बनो.. देखो मेरी चूत का क्या हाल हो गया है.. अब चलो मुझे उठाकर बाथरूम तक लेकर चलो.. अब पति बने हो तो ज़िम्मेदारी भी उठाओ.. राधे- अरे मेरी जान.. खून देख कर तुम डरी नहीं.. ऐसा क्यों?

मीरा- मैंने बताया था ना.. मुझे सब पता है.. बस मैंने कभी सेक्स नहीं किया था।

राधे मीरा को गोद में उठा कर बाथरूम ले गया। वहाँ दोनों आमने-सामने बाथटब में बैठ गए और बातें करने लगे।

राधे- क्यों जान.. चुदाई में मज़ा आया ना?

मीरा- अभी कहाँ मज़ा आया.. अभी तो बस दर्द हुआ.. आज तो तुम्हें ही मज़ा आया होगा.. जब तक मेरा दर्द कम ना हो जाए.. तुम मज़ा लो.. उसके बाद मैं देखो कैसे मज़ा लेती हूँ।

राधे- ओये होये.. सोणिए.. इसका मतलब मैं आज पूरी रात तेरी चूत मार सकता हूँ.. मीरा- और नहीं तो क्या.. आज हमारी सुहागरात है.. तो पूरी रात ही चुदवाऊँगी ना.. तुम क्या समझे.. दर्द से मैं डर जाऊँगी?

राधे- वाहह.. मेरी जान.. तुम तो बहुत बहादुर हो.. तेरी बातों से लौड़ा दोबारा खड़ा हो गया.. चल दूसरा राउंड लगा लेते हैं।

मीरा- मेरे आशिक.. तुम्हारे लौड़े ने मेरी टाँगें फिरा दी हैं.. मैं चल नहीं पाऊँगी.. जैसे लाए थे.. वैसे ही लेकर चलो न!

राधे- हाँ.. क्यों नहीं.. मेरी मीरा रानी.. अब तो सारी जिन्दगी तुझे लौड़े पर उठा कर घूमूंगा..

मीरा मुस्कुरा दी और राधे ने उसे बाँहों में ले कर बाहर निकल आया, तौलिया से दोनों के बदन साफ किए और उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर के पास जाकर रुक गया।

मीरा- क्या हुआ.. रुक क्यों गए? राधे- अरे जान.. बिस्तर पर देखो.. खून से भरा पड़ा है..

मीरा- मेरे प्यारे राधे.. मैं जानती थी कि आज ऐसा कुछ होगा चादर हटा दो.. नीचे प्लास्टिक डाला हुआ है.. बिस्तर खराब नहीं हुआ होगा.. दूसरी चादर लगा लेंगे।

कहानी जारी रहेगी।
Meera to bahut bahadur nikli usne to radhe ko acche se tript karne ka than liya hai aaj sari raat chud kar... Superb hot update bhai sandar jabarjast
 

abmg

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अभी तक आपने पढ़ा..

मीरा मुस्कुरा दी और राधे ने उसे बाँहों में ले कर बाहर निकल आया, तौलिये से दोनों के बदन साफ किए और उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर के पास जाकर रुक गया।

मीरा- क्या हुआ.. रुक क्यों गए..? राधे- अरे जान.. बिस्तर पर देखो.. खून से भरा पड़ा है।

मीरा- मेरे प्यारे राधे.. मैं जानती थी कि आज ऐसा कुछ होगा चादर हटा दो.. नीचे प्लास्टिक डाला हुआ है.. बिस्तर खराब नहीं हुआ होगा.. दूसरी चादर लगा लेंगे।

अब आगे..

राधे ने मीरा को नीचे खड़ा किया और चादर हटा दी.. पास रखी दूसरी चादर डाल दी। अब मीरा बिस्तर पर सीधी सो गई और अपनी बाँहें फैला कर राधे को आने का इशारा किया.. राधे तो पहले से ही तैयार था। वो सीधा उससे लिपट गया और उसके मम्मों को चूसने लगा।

मीरा- अरे रूको तो.. इतनी जल्दी क्या है.. पहले मुझे प्यार तो करो.. कुछ मीठी बातें तो करो।

राधे- ये प्यार नहीं तो क्या है मेरी जान.. और बातों के लिए तो पूरी लाइफ पड़ी है.. अभी तो चुदाई करो बस.. जब हम बूढ़े हो जाएँगे.. मेरा लौड़ा खड़ा होना बन्द हो जाएगा.. तब बातें ही करेंगे और कुछ तो होगा नहीं हमसे.. हा हा हा हा हा हा। मीरा भी ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है।

राधे दोबारा मीरा के होंठ चूसने लगा.. तो मीरा भी उसका साथ देने लगी। अब दोनों का मिलन हो गया था.. राधे का लौड़ा तो बेलगाम घोड़ा था। तन कर मीरा की चूत को छूने लगा था।

मीरा- राधे मेरी चूत को चाटो ना.. तुम्हारे होंठों से बहुत मज़ा आता है मुझे। राधे- ठीक है जान.. हम 69 के पोज़ में आ जाते हैं तुम लंड महाराज की चुसाई करो.. में तुम्हारी चूत को चाटता हूँ।

मीरा- हाँ राधे.. ये सही रहेगा.. मगर तुम सीधे लेट जाओ.. मैं तुम्हारे ऊपर लेट कर लौड़ा चूसूंगी.. तुम भी मेरी चूत को आराम से चाटना।

राधे सीधा हो गया.. अब दोनों का चूसने का प्रोग्राम चालू हो गया था, मीरा बड़े मज़े से लौड़े को पूरा मुँह में लेकर चूस रही थी.. गोटियाँ चाट रही थी।

राधे की जीभ से मीरा को चूत में एक मीठा सा दर्द महसूस हो रहा था.. कुछ देर पहले जो ताबड़तोड़ चुदाई हुई थी उसकी वजह से चूत में सूजन आ गई थी। अब उसको चटवाने में दर्द और मज़ा दोनों आ रहा था।

दस मिनट तक ये खेल चलता रहा। अब दोनों ही गर्म हो गए थे। मीरा की चूत तो फड़फड़ाने लगी थी। अब उसको लौड़े की जरूरत थी।

मीरा- आह्ह
राधे.. अब बस.. बहुत चूस लिया.. अब डाल दो अपने शैतान घोड़े को.. मेरी चूत में.. आह्ह.. बड़ी जलन हो रही है.. आह्ह.. अपने पानी की धार से मिटा दो.. मेरी चूत की आग को.. आह्ह। राधे- अच्छा ले मेरी जान.. चल आ जा लेट जा सीधी.. अभी तेरी चूत को ठंडा करता हूँ।

मीरा सीधी लेट गई और राधे उसके पैरों के बीच बैठ गया। उसने लौड़े को चूत पे टिकाया और धीरे से धक्का मारा। लौड़ा थोड़ा चूत में घुस गया। मीरा- आई.. ओह.. लौड़ा है या बम्बू.. मेरी तो.. इसके चूत में घुसते ही जान निकल जाती है। राधे- मेरी जान.. बस आज की बात है.. पूरी रात तेरी चूत को चोद कर इस लौड़े की आदी बना दूँगा.. फिर देखना कभी दर्द नहीं होगा।

राधे ने पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया। अब वो ‘दे घपा-घप’ चूत की चुदाई में लग गया था। मीरा को दर्द तो हो रहा था.. मगर अब उसकी उत्तेजना के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था।

मीरा- आह्ह.. आई.. चोदो राजा.. आह्ह.. मचा दो धूम.. आह्ह.. मेरी चूत को आज फाड़ दो.. आज ये मीरा आह्ह.. अपने राधे की हो गई अइ.. आह। राधे- हाँ मेरी मीरा.. आह्ह.. आज आह्ह.. उहह.. मैं तुझे आज इतना चोदूँगा कि आह्ह.. तेरी चूत जब भी लौड़े के बारे में सोचेगी.. तो आह्ह.. मेरा लौड़ा ही याद करेगी आह्ह।

राधे 10 मिनट तक मीरा को चोदता रहा.. अब उसका लौड़ा पूरा जड़ तक ‘घपा-घप’ जा रहा था। मीरा की चूत लावा उगलने लगी थी। मीरा- आह्ह.. आह फास्ट आई.. राधे मैं आह्ह.. आई.. चोदो आह्ह.. मेरा पानी उई.. आईईइ निकल रहा है आह्ह।

राधे ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी.. मीरा कमार उठा-उठा कर चुदने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। राधे अब भी पूरी स्पीड से चोद रहा था उसका स्टेमिना पावरफुल था।

मीरा- आह्ह.. आह.. बस भी करो आह्ह.. कितना चोदोगे.. आह्ह.. मेरी चूत का हाल से बेहाल हो गया उई आह्ह। राधे- उहह उहह.. अभी कहाँ मेरी जान.. अभी तो लौड़ा ठीक से चूत को देख रहा है.. थोड़ा टाइम लगेगा उहह.. उहह.. ले संभाल.. मेरे ओह..उह.. झड़ ही नहीं रहा.. आह्ह.. तेरी चूत बड़ी कसी हुई है.. आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह।

राधे- मेरी जान आह्ह.. अब लौड़ा निकाल रहा हूँ.. तू जल्दी से घोड़ी बन जाना.. अब मन कर रहा है.. तुझे घोड़ी बना कर चोदूँ.. आज पूरी रात हर आसन में तेरी चूत का मज़ा लूँ।

मीरा- आह्ह.. आह्ह.. निकाल लो मेरे आशिक.. मैं भी आज पूरी रात अपने राधे के लौड़े को चूत में रखना चाहती हूँ.

आह्ह.. निकाल लो आह्ह।

राधे ने झटके से लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और मीरा झट से घुटनों पर आ गई। राधे ने एक सेकंड भर में लौड़ा दोबारा चूत में घुसा दिया।

मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. फिल्म में देखा था.. ऐसे घोड़ी बनते हुए आह्ह.. आह्ह.. आज खुद बनी तो पता चला.. क्या मस्त मज़ा आता है।

अब राधे स्पीड से मीरा को चोद रहा था और मीरा भी उत्तेजना में आ गई थी। चूत ‘छप-छप’ करने लगी थी.. उसका पानी दूसरी बार निकलने वाला था। मगर राधे का लौड़ा झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मीरा झड़ गई और राधे अँधाधुंध झटके मारता रहा।

मीरा की चूत में जलन होने लगी.. तब कहीं जाकर राधे ने स्पीड से लौड़े को आगे-पीछे किया और उसका पानी भी मीरा की चूत के पानी से जा मिला।

चुदाई के बाद दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे के लिपटे पड़े बातें करते रहे।

मीरा- आह्ह.. राधे.. मज़ा आ गया.. तुम तो बहुत तगड़े हो.. झड़ते ही नहीं.. कितनी लंबी चुदाई करते हो.. आह्ह। राधे- मेरी जान भगवान ने मुझे बस यही एक चीज़ ऐसी दी है कि कोई भी लड़की या औरत इसके आगे टिक नहीं सकती।

मीरा- राधा तुमने सारा पानी चूत में डाला है.. कहीं मैं प्रेगनेन्ट ना हो जाऊँ..! अभी मुझे पढ़ना है.. कुछ बनना है।

राधे- डरो मत.. कल गोली ला दूँगा। मीरा- ओह मेरे जानू.. तुम कितने अच्छे हो।

मीरा खुश थी कि उसको जैसा पति चाहिए था.. मिल गया, वो राधे के सीने से चिपक गई और लौड़े को सहलाने लगी। राधे- क्या हुआ जानेमन चूत की आग मिटी नहीं क्या.. दोबारा लौड़े को तैयार कर रही हो।

मीरा ने झट से अपना हाथ लौड़े से हटा लिया। मीरा- अरे नहीं नहीं.. मैं तो बस ऐसे ही इसको सहला रही थी। मेरी चूत को तुमने चोद-चोद कर लाल कर दिया है.. अब और नहीं चुदना.. थोड़ा रेस्ट करने दो मुझे।

राधे- हा हा हा हा.. मैं तो मजाक कर रहा था जान.. सहला लो अब ये तुम्हारा ही तो है.. और चूत को आराम दो.. क्योंकि अब मेरा इरादा तेरी मुलायम गाण्ड मारने का है.. साली बड़ी मस्त है तेरी गाण्ड.. आज इसको भी खोल दूँगा ताकि पापा के आने के बाद ना कोई दर्द हो.. ना कोई चीख निकले।

मीरा- नहीं.. अभी नाम मत लो गाण्ड का.. चूत का ये हाल हो गया है.. कल पता नहीं.. चल भी पाऊँगी या नहीं.. गाण्ड मारोगे तो बिस्तर से उठ भी नहीं पाऊँगी।

राधे- हा हा हा.

चल मेरी जान.. आज तेरी गाण्ड बख्श दी.. मगर मैं पापा के आने से पहले इसका मुहूरत जरूर कर दूँगा। मीरा- ओके.. ये बात पक्की रही.. आज बस चूत के मज़े लो.. गाण्ड बाद में मारना।

दोनों एक-दूसरे से बातें करते रहे और इसी दौरान राधे का लौड़ा फिर खड़ा हो गया। अब बेचारे की सुहागरात थी.. पूरा मज़ा लेने का उसका हक़ था। उसने लिया भी.. रात भर में उसने मीरा को चोद-चोद कर अपने लौड़े की दीवानी बना लिया। पता नहीं कब दोनों चुदाई से थक कर नंगे ही सो गए।

To be continued ...........
 
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