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मुझे भी अच्छा लग रहा था और तब तक चूसती रही.. जब तक मैं झड़ नहीं गया। वो मेरे लंड का सारा रस पी गई और मेरे लंड को एकदम साफ़ कर दिया।
अब मैंने भी उसकी चूत को चाटा.. जब वो भी डिसचार्ज हुई.. तब ही मुझसे अलग हुई और बिस्तर पर लेट गई।
मैं उसकी चूचियों के ऊपर हाथ घुमाने लगा और दबाने लगा और फिर कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने अपना मुँह ही लगा दिया और टॉप के ऊपर से ही उसके रसीले आमों को चूसने लगा।
कुछ देर चूसने के बाद हाथ टॉप में डाल दिया और नंगे पेट को सहलाने लगा। फिर कुछ देर में उसके टॉप को निकाल ही दिया.. अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी।
ब्रा भी इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं बता नहीं सकता। काली ब्रा में बंद उसकी चूचियाँ.. मानो मुझे बुला रही थीं कि आओ.. और मुझे चूसो.. आज़ाद करो.. मुझे इस काली ब्रा के बंधन से..
मैं कैसे नहीं सुनता चूचियों की उस पुकार को.. सो मैं सीधा उस पर टूट पड़ा और बहुत जल्दी ही उनको आज़ाद कर दिया और ब्रा को खोल दिया। जैसे ही ब्रा खुली.. उसकी चूचियों उछल कर बाहर आ गईं.. जैसे बहुत देर से आज़ादी का इंतजार करने के बाद आज़ादी मिली हो।
अब मैं उन रस भरी चूचियों को चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने अपनी शर्ट भी उतार दी और मैं भी पूरा नंगा हो गया।
मेरे शर्ट उतारते ही सुहाना मेरे मर्दाना बदन को भी चूमने लगी।
कुछ देर एक-दूसरे को चूसने के बाद मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पैरों के बीच चला गया। अब मैं उसकी चूत के ऊपर अपना लंड घुमाने लगा..
तो वो बोली- जल्दी डालो ना अन्दर..
तो मैंने एक झटके में पूरा लंड डाल दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया…
वो कराह उठी।
लेकिन जल्दी ही नॉर्मल हो गई और मैं झटके मारने लगा और उसके मुँह से आअहह फक मी.. फक मी फास्ट.. निकलने लगा।
मेरे झटकों की आवाज़ और उसके मुँह से निकल रही मादक आवाज़ पूरे कमरे में फैल रही थी।
फिर कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और कुछ देर बाद हम दोनों फारिग होने वाले थे.. तो लंड को बाहर निकाल कर मैंने उसके मुँह पर सारा रस छोड़ दिया।
कुछ देर बाद हम दोनों ने फिर चुदाई की.. कुछ पोज़ मैं जानता था.. कुछ उसने बताए और हम दोनों 3 बार डिसचार्ज होने के बाद एक साथ बिस्तर पर ही लेट गए।
मैं- कहाँ से सीखा इतना अच्छा लंड चूसना और इतने सारे पोज़.. लगता है अच्छा-ख़ासा अनुभव है लंड चूसने का?
सुहाना- हाँ अब आप से क्या छुपाना.. वैसे आप भी कम नहीं हैं।
मैं- हाँ वो तो हूँ ही.. वैसे कितने लंड खाए हैं अब तक.. तेरी चूत बता रही है कि रेग्युलर लंड खाती हो।
सुहाना- हा हा हा.. ज्यादा नहीं, 5 ही खाए हैं।
मैं- क्या.. अभी 12वीं खत्म ही हुई है.. और 5 लंड खा चुकी हो.. वाउ कमाल की हो..
सुहाना- आप भी कम नहीं हैं.. मैंने भी आपकी करतूत आपके लैपटॉप में देख ली है।
मैं- हा हा हा.. वैसे कौन थे वो 5 लण्ड?
सुहाना- थे… अपने ही लोग थे..
मैं- कौन थे.. बताओ तो सही.. ज़रा मैं भी तो जानूँ.. तुम्हारी चूत का मजा लेने वाले ख़ुसनसीब कौन-कौन हैं?
अब मैंने भी उसकी चूत को चाटा.. जब वो भी डिसचार्ज हुई.. तब ही मुझसे अलग हुई और बिस्तर पर लेट गई।
मैं उसकी चूचियों के ऊपर हाथ घुमाने लगा और दबाने लगा और फिर कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने अपना मुँह ही लगा दिया और टॉप के ऊपर से ही उसके रसीले आमों को चूसने लगा।
कुछ देर चूसने के बाद हाथ टॉप में डाल दिया और नंगे पेट को सहलाने लगा। फिर कुछ देर में उसके टॉप को निकाल ही दिया.. अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी।
ब्रा भी इतनी सेक्सी लग रही थी कि मैं बता नहीं सकता। काली ब्रा में बंद उसकी चूचियाँ.. मानो मुझे बुला रही थीं कि आओ.. और मुझे चूसो.. आज़ाद करो.. मुझे इस काली ब्रा के बंधन से..
मैं कैसे नहीं सुनता चूचियों की उस पुकार को.. सो मैं सीधा उस पर टूट पड़ा और बहुत जल्दी ही उनको आज़ाद कर दिया और ब्रा को खोल दिया। जैसे ही ब्रा खुली.. उसकी चूचियों उछल कर बाहर आ गईं.. जैसे बहुत देर से आज़ादी का इंतजार करने के बाद आज़ादी मिली हो।
अब मैं उन रस भरी चूचियों को चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने अपनी शर्ट भी उतार दी और मैं भी पूरा नंगा हो गया।
मेरे शर्ट उतारते ही सुहाना मेरे मर्दाना बदन को भी चूमने लगी।
कुछ देर एक-दूसरे को चूसने के बाद मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पैरों के बीच चला गया। अब मैं उसकी चूत के ऊपर अपना लंड घुमाने लगा..
तो वो बोली- जल्दी डालो ना अन्दर..
तो मैंने एक झटके में पूरा लंड डाल दिया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया…
वो कराह उठी।
लेकिन जल्दी ही नॉर्मल हो गई और मैं झटके मारने लगा और उसके मुँह से आअहह फक मी.. फक मी फास्ट.. निकलने लगा।
मेरे झटकों की आवाज़ और उसके मुँह से निकल रही मादक आवाज़ पूरे कमरे में फैल रही थी।
फिर कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और कुछ देर बाद हम दोनों फारिग होने वाले थे.. तो लंड को बाहर निकाल कर मैंने उसके मुँह पर सारा रस छोड़ दिया।
कुछ देर बाद हम दोनों ने फिर चुदाई की.. कुछ पोज़ मैं जानता था.. कुछ उसने बताए और हम दोनों 3 बार डिसचार्ज होने के बाद एक साथ बिस्तर पर ही लेट गए।
मैं- कहाँ से सीखा इतना अच्छा लंड चूसना और इतने सारे पोज़.. लगता है अच्छा-ख़ासा अनुभव है लंड चूसने का?
सुहाना- हाँ अब आप से क्या छुपाना.. वैसे आप भी कम नहीं हैं।
मैं- हाँ वो तो हूँ ही.. वैसे कितने लंड खाए हैं अब तक.. तेरी चूत बता रही है कि रेग्युलर लंड खाती हो।
सुहाना- हा हा हा.. ज्यादा नहीं, 5 ही खाए हैं।
मैं- क्या.. अभी 12वीं खत्म ही हुई है.. और 5 लंड खा चुकी हो.. वाउ कमाल की हो..
सुहाना- आप भी कम नहीं हैं.. मैंने भी आपकी करतूत आपके लैपटॉप में देख ली है।
मैं- हा हा हा.. वैसे कौन थे वो 5 लण्ड?
सुहाना- थे… अपने ही लोग थे..
मैं- कौन थे.. बताओ तो सही.. ज़रा मैं भी तो जानूँ.. तुम्हारी चूत का मजा लेने वाले ख़ुसनसीब कौन-कौन हैं?