मैंने देखा तो उसका फोन आया हुआ था.. तो मैंने वापस से उसको फोन किया।
सुहाना- कहाँ पहुँचे?
मैं- दिल्ली स्टेशन पर उतर रहा हूँ।
सुहाना- मैं आ जाऊँ क्या?
मैं- नहीं रहने दो.. मैं कमरे से फ्रेश हो कर शाम तक तुम्हारे पास आता हूँ..
सुहाना- मेरा एड्रेस है ना आपके पास?
मैं- हाँ लक्ष्मी नगर पहुँच कर फोन कर लूँगा।
सुहाना- ठीक है।
कुछ देर बाद मैंने उसको लक्ष्मीनगर पहुँच कर फोन किया और उसके बताए पते पर पहुँच गया।
वो बोली- बस नीचे उतर रही हूँ..
मैंने देखा सामने से एक मस्त लड़की आती हुई दिखी.. सच में बहुत जवान थी.. यार.. तब उसने पौना पैंट और टॉप पहन रखी थी। उसका फिगर लगभग 36बी-28-36 होगा।
मैं तो देखता ही रह गया..
तो वो मेरे पास आई और बोली- ऊपर चलिए।
मैं उसके साथ उसके फ्लैट में गया।
उसमें उसके साथ दो लड़कियां रहती थीं.. एक पंजाब की थी और एक बंगाल की थी, वो दोनों भी खूबसूरत थीं।
मैंने उसको सामान दे दिया और तीनों से हल्की-फुल्की बातें की.. और फिर जाने लगा.. तो सुहाना से पूछा- मेरा कमरा देखना है?
सुहाना- हाँ आपके साथ चलूँ क्या?
मैं- हाँ चलो.. वैसे भी बोर हो रही हो तो थोड़ा बहुत घूम लोगी।
सुहाना- हाँ आती हूँ.. रेडी हो कर..
वो जल्दी से रेडी हो कर आ गई.. तब उसने घुटनों तक आने वाला जींस और टाइट टॉप पहन लिया था.. जिसमें उसकी उठी हुई चूचियाँ साफ़ दिख रही थीं।
जब वो बैठी तो मैं हल्का पीछे खिसक कर अपनी पीठ पर उसकी चूचियों को महसूस करने लगा।
अब मैं बाइक चलाने लगा.. तो मैंने जानबूझ कर डिस्क ब्रेक मारा.. और वो पूरी मेरे पीठ पर चिपक गई।
शायद वो भी समझ गई कि मैं क्या कर रहा हूँ.. सो वो भी मुझे पकड़ कर बैठ गई और उसकी चूचियों मेरे पीठ को मज़े देने लगीं।
थोड़ा बहुत घूमने के बाद मैंने उसको खाना खिला कर उसके घर छोड़ दिया, उसे कमरे पर नहीं ले गया मैं।
फिर इसी तरह 1-2 दिन घुमाने के बाद वो मेरे से एकदम खुल कर बात करने लगी… मतलब फ्रैंक हो गई।
एक दिन मैं उसको एक पब में ले गया मैं जानता था कि वहाँ सिर्फ़ कपल्स को ही अन्दर जाने देते हैं।
जब हम दोनों वहाँ पहुँचे.. तो पब वाले ने पूछा- कपल्स हो?
मैं कुछ बोलता.. उससे पहले वो ही बोली- हाँ..
तो वो बोला- तो इतना दूर-दूर क्यों चल रहे हो.. साथ जाओ..
मैंने मौका देख कर सुहाना की कमर में हाथ डाल दिया और अन्दर चला गया।
अन्दर जाकर हम दोनों डान्स करने लगे.. मैं उसके साथ डान्स करते-करते उसके बदन के किसी ना किसी अंग को छू देता था.. लेकिन शायद उसको बुरा नहीं लग रहा था।
पब में मस्ती करने के बाद जब हम बाहर निकले तो।
मैं- मजा आया?
सुहाना- हाँ बहुत..
मैं- तो आज चलो.. आज मेरे घर.. यहाँ पास में ही है।
सुहाना- तो चलिए.. दिखाईएगा।
मैं- हाँ चलो..
मैं उसको अपने फ्लैट पर ले आया।