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Incest बहन की चूत चोद कर बना बहनचोद

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अगले दिन मैं घर आया तो घर में कोई नहीं था। पूछने पर पता चला मम्मी-पापा ऑफिस चले गए हैं।
मैं बोला- आओ.. डान्स सिखाऊँ।
वो आ गई.. मैंने उसको कुछ ड्रेस दिए और बोला- जाओ पहले इसे पहन के- आ जाओ।
पहले तो थोड़ी मना करने के बाद रेडी हो गई और कपड़े लेकर चली गई।

जब वो उन कपड़ों को पहन के- आई.. तो मैं देखता ही रह गया। ख़ास करके उसकी नाभि पर से मेरी नज़र ही नहीं हट रही थी।
वो आई और बोली- इतने गौर से क्या देख रहे हो?
मैं बोला- कुछ ख़ास नहीं.. यू आर लुकिंग हॉट एंड सेक्सी!

तो वो शर्मा गई और बोली- चलो डान्स करते हैं।
मैं भी बोला- हाँ आओ..

पहले मैंने उसको कल वाले सारे स्टेप्स करवाए.. फिर मैं उसको नया स्टेप बताने लगा.. उसको करने में कुछ परेशानी हो रही थी.. तो मैं उसकी मदद करने लगा।

मदद तो उसको छूने का और उसके अंगों का मजा लेने का बहाना था।
उसको सिखाते-सिखाते मैंने उसके पेट पर हाथ फेर दिया और वो सिहर गई। तभी मैंने एक उंगली उसकी गर्दन पर फेर दी और तब तक मेरा लंड खड़ा हो कर तंबू बन गया था जो की उसको साफ़-साफ़ दिख रहा था।

तभी एक और स्टेप उससे नहीं हो रहा था तो मैंने उसको बताने के क्रम में उसको पीछे से पकड़ा जिससे मेरा लंड उसके दोनों चूतड़ों के बीच लग गया.. जिसे वो आसानी से महसूस कर सकती थी। साथ ही मैं अपने हाथों से उसके मम्मों को छूने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन मुझे हाथ और पेट से ही काम चलाना पड़ रहा था।

उसके मुलायम और मखमली बदन को छूने के बाद मुझे अजीब सा अहसास हो रहा था और यह अहसास इतना अच्छा था कि मैं कुछ ज्यादा ही एग्ज़ाइटेड हो गया था और मैं अपनी इस उत्तेजना में उसकी गर्दन पर किस कर बैठा।

दोस्तो, ऐसे माहौल में किसी लड़की को अगर गर्दन पर किस करो तो वो सिहर जाती है.. मैंने देखा कि लोहा गरम है इस पर हथौड़ा मार देना चाहिए।

अब मैंने एक उंगली से उसकी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही सहला दिया। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि मुझसे चिपक गई।
मैं इतना अच्छा मौका कैसे जाने दे सकता था.. मैंने अपने होंठों को उसके होंठ पर रख दिए और उसने कोई विरोध नहीं किया।


बस.. अब तो मैं चालू हो गया था.. मेरा हाथ कब से उसके आगे-पीछे के उभारों को दबाने के लिए मचल रहा था। इस खेल में मैं कौन सा पीछे रहने वाला था। मैं सीधे उसकी चूचियों पर पहुँच गया और कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने लगा।

कुछ पलों तक ऐसा ही चलता रहा.. फिर जैसे ही मैंने उसके टॉप को खोलने की कोशिश की.. तो उसने मुझे पीछे धकेल दिया और मुझसे अलग हो गई और बोली- ये सब ग़लत है.. तुम मेरे भाई हो.. और भाई-बहन के बीच ये सब ठीक नहीं है।

मैंने उसको बहुत समझाया.. लेकिन वो नहीं मानी और अपने कमरे में चली गई।
मैंने मन ही मन में सोचा- हो गया ना बेटा खड़े लंड पर धोखा.. और उसको पटाने का दूसरा तरीका सोचने लगा।

सो मैं उसको कुछ डान्स वीडियो एक पेन ड्राइव में देने गया और उसी में कुछ पॉर्न वीडियो और एक फोल्डर में भाई-बहन की चुदाई वाली कहानी डाल कर दे दिया और बोला- मैं एक दोस्त के घर जा रहा हूँ.. तुम अन्दर से दरवाजा लगा लो।

उसके सामने तो मैं निकल गया.. लेकिन पीछे के दरवाजे से अन्दर आ गया और देखने लगा वो क्या कर रही है। वो डान्स वीडियो देख रही थी कि बीच मे पॉर्न वीडियो आ गया.. तो वो चौंक गई पर फिर से देखने लगी कि पेन ड्राइव में और क्या क्या है?

तो उसको स्टोरी वाला फोल्डर दिख गया और वो स्टोरी पढ़ने लगी। कुछ ही मिनट बाद मैंने देखा कि वो अपने हाथों से अपनी चूचियों दबाने लगी।

फिर कुछ देर पढ़ते-पढ़ते उसने अपनी चूचियों को बाहर निकाल लिया और खुल कर दबाने लगी। धीरे-धीरे वो अपने कपड़े उतारने लगी और पूरी नंगी होकर कहानी पढ़ने लगी।

उसके नंगे बदन को देख कर मैं भी अपने आपको काबू नहीं कर पाया और उधर वो भी गर्म हो ही गई थी। मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसके कमरे में चला गया।
Mast update👍👍
 

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वो मुझे देखते ही उठ कर मुस्कुराते हुए मेरे गले लग गई और हम एक-दूसरे को किस करने लगे।
अब वो भी साथ दे रही थी और हम दोनों के हाथ भी शान्त नहीं थे, मेरे हाथ उसकी चूतड़ों को मसल रहे थे और उसके हाथ मेरे लंड को हिला रहे थे।

कुछ देर ऐसा चला.. फिर मैं उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके मम्मों पर पहुँच गया और क्या रसीले मम्मे थे.. बता नहीं सकता।
मैं उसके पूरे मम्मों को अपने मुँह में लेने का कोशिश करने लगा.. लेकिन ज़ा नहीं पा रहे थे।

कुछ देर यूँ ही उसके मस्त मम्मों को चूसने के बाद मैं नीचे की तरफ बढ़ने लगा और उसके चिकने पेट पर किस करते हुए उसकी चूत के पास पहुँच गया।
उसकी चूत एकदम गुलाबी थी.. देख के पता चल गया कि सोनाली ने इसमें अब तक कोई लंड नहीं खाया है.. मतलब एक और कुँवारी चूत..

सो मैंने अपनी उंगली उसकी चूत पर लगा दी। कुछ देर बाद चूत के नजदीक मुँह को ले गया और उसकी कटीली बुर को किस कर लिया.. इस किस से वो सिहर गई।
अब मैं अपना जीभ उसकी चूत पर घुमाने लगा और हल्का सा अन्दर करने लगा।

जैसे ही मेरी जीभ उसकी बुर में अन्दर सुरसुराती.. तो वो बार-बार पीछे को हट जाती थी तो मैंने उसको गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और हम दोनों ही 69 की अवस्था में आ गए।

मैंने उसको लंड चूसने को बोला.. तो थोड़ी नानुकर के बाद मान गई और लंड को चूसने लगी, मैं भी मजे से उसकी चूत को चूसने लगा। मैं अपनी पूरी जीभ उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद अचानक वो अपने पैर से मेरे सिर को ज़ोर से दबाने लगी और उसका जिस्म अकड़ने लगा।
कुछ ही पलों के बाद उसकी चूत से एक जोरदार फुहारा निकाला और मेरे मुँह पर पर निकल गया और मेरा चेहरा पूरा भीग गया।
फिर हम दोनों अलग हुए और उसको सीधा करके चुदाई की स्थिति में लाकर उसकी अनछुई चूत पर अपना फौलादी लंड रगड़ने लगा।

उसका पानी निकलने के बाद चूत और भी मुलायम हो गई थी। मैं लंड पेलने ही वाला था कि तभी डोरबेल बज़ी..
मम्मी-पापा आ गए होंगे..
मैं किसी तरह कपड़े पहन के- दरवाजा खोलने चला गया और वो कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई।
मैंने सोचा साला फिर खड़े लंड पर धोखा.. खैर..

पापा कुछ स्पेशल खाने को लाए थे.. हम लोग नाश्ता कर रहे थे.. सोनाली मेरे बगल में बैठी थी तो पापा बोले- बेटा हम दोनों (मम्मी-पापा) को किसी काम से 2 दिन के लिए पतबा से बाहर जाना होगा.. तुम दोनों दो दिन अकेले रह तो लोगे ना.?

हम दोनों मन ही मन खुश हो गए थे और बोले- हाँ रह लेंगे.. कोई बात नहीं आप आराम से जाओ..
सतो पापा बोले- ठीक है हम दोनों सामान पैक करते हैं तुम दोनों अपना ख्याल रखना।

फिर सोनाली बर्तन उठा के रसोई में ले गई.. मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया और रसोई में उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- आज रात तुझे कौन बचाएगा..
तो वो बोली- बचना भी कौन चाहता है.. बस कन्डोम लेते आना।

मैं उसको किस करके बाहर आ गया और मम्मी-पापा को समय पर स्टेशन छोड़ आया.. ट्रेन लेट थी सो उधर कुछ अधिक टाइम लग गया।
लौटते समय मैंने 12 कन्डोम के पैकेट ले लिए.. सब अलग-अलग फ्लेवर के थे।

घर पहुँचा तो सोनाली कहने लगी- बड़ी देर लगा दी.. आओ पहले खाना खा लो।
उस वक्त वो सलवार-कुरती में थी।

हम दोनों ने चुहलबाजी करते हुए खाना खाया। फिर वो अपने कमरे में जाने लगी तो मैंने उसे किस करने के लिए अपनी तरफ मोड़ा और वो भी मुँह आगे करके तैयार हो गई।

फिर हम जोरदार फ्रेंच किस करने लगे उसके गुलाब की पंखुरियों जैसे होठों को चूसते हुए मुझे मजा आ रहा था।
ऐसे ही किस करते हुए मैं उसे अपनी गोद में उठा कर अपने बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा उसकी गर्दन पर किस करते-करते उसके सूट को ऊपर उठाने लगा।
Nice sexy👙👠💋👙👠💋 suruvaat
 

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तो वो फिर से बोली- यार ये ग़लत तो नहीं है ना..
मैंने बोला- आजकल तो सब चलता है यार.. तुम एक लड़की हो और मैं एक लड़का.. हमारी अपनी-अपनी जरूरतें हैं और डरो नहीं.. मैं कन्डोम का इस्तेमाल करूँगा… तो तुम्हें प्रेग्नेंट होने का डर भी नहीं होगा.. और किसी को पता भी नहीं चलेगा।

तो वो बोली- आर यू श्योर ना?
मैंने कहा- हाँ जान.. आइ रियली केयर फॉर यू।

हम फिर से किस करने लगे.. मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली तो उसकी गरमी मुझे महसूस हो रही थी। फिर वो भी अपनी जीभ मेरे मुँह में घुमाने लगी।
करीब 15 मिनट तक ऐसे ही करते हुए मैं भी उसकी कमीज़ के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाने लगा तो वो बोली- ओह.. जान.. आराम से.. दर्द हो रहा है..

फिर मैंने उसकी कमीज़ ऊपर की और उसके पेट पर किस करने लगा। उसकी कमर बहुत पतली थी। वो भी तड़पने लगी.. फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी सूट की चैन खोली और कमर पर किस करते हुए उसे उसके बदन से अलग कर दिया।

उसने नीचे लाइट ग्रीन कलर की सॉफ्ट ब्रा पहनी थी.. अब मैं उसके पूरे बदन पर किस करते हुए उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो भी मस्ती में आने लगी और अपनी टाँगें मेरी कमर में डाल कर हाथ मेरे बालों में अपना हाथ लहराने लगी।

फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसे उतारने लगा।
वो बहुत टाइट थी.. तो उतारने में टाइम लगा.. लेकिन उतार दिया.. अब वो सिर्फ़ गुलाबी पैन्टी में थी और फिर उसकी हिरनी जैसी टाँगों को मैं चूमने चूसने लगा। ऐसा करते-करते मैंने उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया.. जो अब तक पूरी गीली हो चुकी थी।

उसकी चूत को मैं हाथ से सहलाने लगा तो उसके मुँह से ‘ससईईईई सीईईई उउफ्फ़ आहह उउम्म’ की सिसकारियाँ आने लगीं।
फिर मैंने उसकी पैन्टी उतारी और चूत को चाटने लगा.. जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगाई.. वो बोली- अओउ.. माआअ..
उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया।

करीब 5 मिनट तक चाटने के बाद चूत में से जूस आने लगा.. जिसे चाटता हुआ मेरा लंड और भी टाइट हो गया। उसके रस से मेरा पूरा मुँह भर गया। उसका रस अब तक के रसों में बहुत ही टेस्टी और सेंटेड माल था।

फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके दो गोल चूचे.. बहुत ही अच्छे लग रहे थे।
उन गोल चूचों पर सजे हुए गुलाबी निपल्स को मैं बेताबी से चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरे चूचे को दबाने लगा।

इसके साथ ही मैंने उसकी चूत मैं. अपनी छोटी उंगली डाल दी.. वो ज़ोर से चिल्लाई- उउइईई.. म्म्मारआआ आआ.. माआअर गइईई.. आहह.. सुश्ह्ह्ह्ह.. क्या कर रहे हो.. बहुत दर्द हो रहा है.. आअहह..
तब मैंने कहा- कोई बात नहीं डार्लिंग.. थोड़ी देर और सह लो.. फिर तो बहुत मज़ा आएगा।

थोड़ी देर तक मैं यूँ ही चूचे चूसते रहा और उसकी चूत में उंगली डालता-निकालता रहा.. तो वो बोली- आह्ह.. तुमने मेरे ही कपड़े उतारे.. अपने तो ऐसे ही पहने हुए हैं।
मैंने कहा- तो उतार दो जान..
ये सुनते ही उसने खींच कर मेरी टी-शर्ट उतार दी और जीन्स का बतन खोल दिया।
वो मेरा अंडरवियर के ऊपर से हाथ लगाते हुए बोली- ये तो निकालो..
तो मैंने कहा- जान.. खुद ही निकाल लो न..

फिर उसने मेरा जॉकी उतार दिया और मेरे 7.5 इंच के डंडे को देखते हुए बोली- ओ माय गॉड.. इतना बड़ा केला..!!

तो मैंने कहा- जान इस केले को अपने मुँह में डाल लो।

फिर उसने मेरे लंड को मुँह में डाला और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। यूँ ही मस्ती से चूसते-चूसते उसने मेरे 7 इंच के लंड को 5 मिनट में 10 इंच का कर दिया और फिर मुझे लिटा कर मेरे पूरे बदन को चूमने लगी।

अब मैंने देर नहीं करते हुए उसे कन्डोम दिया और कहा- इसे मेरे लंड पर पहना दो।

उसने अपने कोमल हाथों से कन्डोम को मेरे लंड पर पहना दिया और मैंने फ्रेंच किस करते हुए उसको बिस्तर पर लिटा दिया।
।जैसे ही मैंने अपने लंड उसकी चूत की तरफ बढ़ाया..!
Awesome update👍👍
 

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वो बोली- इसे तुम इतने छोटे छेद में डालोगे.. तो ये तो फट नहीं जाएगी.. मैं मर जाऊँगी।
तो मैंने कहा- नहीं जान.. इसके अन्दर जाने के बाद तुम्हें जन्नत का नज़ारा मिलेगा..

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर लंड को लगाया.. वो उसके मुँह से सिसकी निकाली- आहह.. उउम्म्म.. ममा..

मैंने उसकी सिसकी सुन कर अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर घुमाने लगा।
फिर मैंने एक हल्के से धक्के के साथ लंड को थोड़ा अन्दर किया.. पर उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड सिर्फ़ सिरे तक ही अन्दर गया और वो चीख पड़ी- आअहह.. नणनईईईई.. ब्बाहहाआरर.. निककालओ.. ससुसस्स्स.. मैं मररर.. गईई.. आहह..

तो मैंने उसके मुँह को बंद कर दिया.. फिर थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा.. और जब चीखना बंद हो गया.. तो मैंने एक और धक्का लगा दिया।
अब मेरा दो तिहाई लण्ड उसकी चूत में घुस गया और 7 इंच का डंडा अन्दर जाने पर वो दर्द के मारे उछल पड़ी, वो चिल्लाई- आआअहह.. उफफ्फ़.. आआईयईई.. मम्मीई.. मररर गईईईई.. बसस्स्स्स.. नही..अई बाहआअररर निककाललो.. जाआ अन्नऊऊउउ आहह.. अहह उम्म्माआ आईईई…

फिर मैंने एक और जोरदार झटके से लंड को पूरा चूत की जड़ तक अन्दर डाल दिया। तो उसकी आँखों से आँसू आ गए और वो और जोर से चिल्लाने लगी- आईएईईईई.. आआईएईइ!

फिर थोड़ी देर जब तक उसकी चीखें बंद नहीं हुईं तो मैं ऐसे ही पड़ा रहा।
मैंने बहुत अनुभव लिया हुआ था सो मुझे मालूम था कि साली कुछ देर में ही अपनी गाण्ड हिलाने लगेगी।
वही हुआ.. जब वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी.. तो मैं समझ गया कि अब उसे भी मज़ा आ रहा है।

तो मैंने लौड़े के टोपे को अन्दर छोड़कर पूरे लंड बाहर निकाला और फिर मैं उसे अन्दर-बाहर करने लगा.. तो वो मेरे बालों को पकड़ कर धीरे-धीरे सिसकारने लगी और बोली- कम ऑन.. जान फक मी.. फक मी हार्ड.. उउंम्मा.. आअहह.. आअहह.. आई लव यू सुशान्त.. आई लव यू…

अब मैं धीरे-धीरे तेज होने लगा.. तो वो भी ज़ोर-ज़ोर चिल्लाने लगी- आअहह ओह ज़ोर से.. और ज़ोर से.. कम ऑन जान.. आहह फक फक.. फक्क मी.. फक मी.. आआहह.. ओह सुशान्त यू आर माय लवर ब्वॉय.. आहह फक फक.. आह..

यह सुन कर मैं और तेज चोदने लगा तो उसकी मस्त कामुक चीखों से पूरे कमरे में मादक आवाजें गूंजने लगीं- आहह.. अहह.. आआहह.. आआहह.. उफफफ्फ़.. उउफफ्फ़.. ज़ोर से और ज़ोर से..

काफी देर तक ऐसे ही चोदने के बाद बाद वो ढीली हो गई और मेरा लौड़ा भी झड़ने वाला था।
वो बोली- बस.. अब बाद में जान.. कल कर लेना..
तो मैंने अपना लंड निकाला और कन्डोम उतार कर अपना माल निकालने लगा।

मैंने कहा- डियर सोनाली.. माय लव कम ऑन.. टेस्ट इट..

उसने Xforum के वशीभूत होकर अपना मुँह खोल दिया और मैंने अपने जूस से उसका मुँह भर दिया। उसके पूरे मुँह और बदन पर मेरा माल पड़ा था और वो उसे चाट रही थी।
फिर हम बाथरूम में गए.. एक-दूसरे को साफ़ किया.. और बिना कपड़े ही सो गए।
Mast update. Badhi behan se jyada mast choti behen hai.
 

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सुबह जब मैं उठा तो सोनाली अभी भी वहीं सो रही थी और उसका नंगा बदन सुबह की किरणों के साथ सोने की तरह चमक रहा था।
उसे देखते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, मैंने उसे बाँहों में भरा और एक ज़ोरदार किस करते हुए बोला- गुड मॉर्निंग डार्लिंग..!
वो भी आँखें बंद किए ही बोली- गुड मॉर्निंग डियर..

फिर उसने मुझे उठ कर फ्रेंच किस करते हुए बोला- लास्ट नाइट वाज़ मोस्ट वंडरफुल नाइट ऑफ माय लाइफ जानू…
तो मैंने कहा- कम ऑन.. गेट रेडी फॉर आ सेकेंड ट्रिप..
वो थोड़ा शरमाई और फिर बोली- ओह कम ऑन.. कम माय बेबी..

उसने मुझे हग किया और फिर किस करते हुए दराज में से एक कन्डोम निकाल अपने मुँह से मेरे लंड पर चढ़ाने लगी।
फिर मैंने उसे कहा- जानू.. अब घोड़ी की तरह झुक हो जाओ।

उसने ऐसे ही किया और फिर मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया और वो सिसकारने लगी।
फिर 10 मिनट तक मैंने ऐसे ही उसे चोदा और फिर मैंने कंडोम निकाल कर उसके मुँह से लंड साफ़ करवाया।

अब वो नहाने चली गई और बोली- तुम बाजार से दूध और ब्रेड ले आओ.. मैं तब तक चाय बनाती हूँ.. जाओ तुम सामान ले आओ… और मेरे लिए एक विस्पर भी ले आना.. वो ख़त्म हो गया है।

मैं बाजार चला गया और जब थोड़ी देर बाद आया तो वो रसोई में थी। उसने अपने जिस्म पर सिर्फ़ एक तौलिया लपेटा हुआ था।
वो चाय लाई.. फिर हमने पी और वो नाश्ता तैयार करने लगी और मैं नहाने चला गया।

वो और मैं भी घर में सिर्फ़ जॉकी डाल घूमने लगे। हमने साथ में नाश्ता किया और फिर वो घर का काम करने लगी और मैं कमरे में चला गया।
वो तीन घंटे बाद मेरे कमरे में आई वो अभी भी सिर्फ़ तौलिये में ही थी, वो आकर बोली- और जानू.. अब क्या ख्याल है?

यह बोलते हुए उसने अपना तौलिया उतार दिया… अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी, वो मेरी तरफ बढ़ने लगी, उसने मुझे पकड़ा और कहा- अब मेरी बारी है.. तुम्हें चोदने की..
उसने मुझे पकड़ा और अपनी जीभ पूरी मेरे मुँह में डाल दी।

फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। वो धीरे-धीरे मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरी चुम्मियां लेने लगी और साथ ही उसने मेरा जॉकी उतार दिया।
अब वो मेरे लंड को बुरी तरह चूसने लगी। मैं पूरी तरह मदहोश हो गया था और मेरे मुँह से सिसकियाँ निकल रही थीं- आह.. आह आह…

वो उन्हें सुन कर और तेज होती गई। फिर लंड को हाथ में पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी और मेरे अन्डकोषों को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मेरे लंड से माल बाहर आ गया और वो उसे चाटने लगी।

लेकिन मेरा लंड अभी भी लोहे की रॉड की तरह मजबूत था। उसने मेरे लंड को पकड़ा और धीरे से उस पर अपने चूत का छेद रख कर ऊपर बैठते हुए उसे अन्दर करने लगी।
तो मैंने कहा- जान कन्डोम?

तो वो बोली- नहीं आज मुझे उसके बिना ही मजा लेना है.. रसगुल्ले को कपड़े में रख कर खाने का क्या फ़ायदा..


फिर पूरा लंड अन्दर करके धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होकर उसे अन्दर-बाहर करने लगी और जब वो अन्दर-बाहर कर रही थी.. तो उसकी चूचियों उछाल मार रही थीं। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और जोर से दबाया। फिर उसको खींच कर अपने मुँह के पास ले आया और उका चूचा चूसने लगा। दूसरे हाथ से उसके चूतड़ों को पकड़ कर चूत को लौड़े के ऊपर-नीचे करने में उसकी हेल्प करने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैं उठा और उसको गोद में उठा कर चोदने लगा।
कुछ देर ऐसे ही चुदाई की.. फिर मैं लेट गया और वो मेरे लंड पर बैठ कर ऊपर से खुद करने लगी।

फिर मैं भी थोड़ा साथ देते हुए ऊपर-नीचे होने लगा। धीरे-धीरे वो तेज-तेज कूदने लगी और चीखने लगी- आअहह.. अह आआहह.. जान.. अया आहह..
फिर वो रुक गई और आगे को झुक गई तो मैं नीचे से ही उछाल मार कर उसे झटके देने लगा और वो भी सिसकियां भरने लगी।

थोड़ी देर बाद वो मुझ से लिपट गई और उसका बदन अकड़ने लगा, मैं समझ गया की लौंडिया झड़ने वाली है.. सो मैंने लंड बाहर निकाल लिया और वो झड़ गई.. साथ में मैं भी झड़ गया और अगल-बगल ही लेट गए।

उस दो दिन में मुझे जितने भी चुदाई के आसन आते थे.. उन हर अवस्था में मैंने उसको चोदा। मम्मी-पापा के आने तक हम लोग कहीं नहीं गए.. सिर्फ़ चुदाई ही करते रहे।

उन लोगों के आने के बाद भी मुझे जब भी मौका मिलता था.. मैं उसकी चूचियों को और गाण्ड को दबा देता था और रात को उसे पूरी रात चोदता था। वो पूरे एक महीना घर पर रही। एक दिन दोपहर को मेरे पास आई और बोली- देखो तुमने क्या कर दिया है..?
Mast update❤❤
 

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मैंने पूछा- क्या किया.. बताओ तो सही?
तो उसने अपनी ब्रा मुझे दी और बोली- इसको पहनाओ..
मैंने पहनाया.. तो वो नहीं आ रही थी।
‘मेरी सारी ड्रेस टाइट होने लगी हैं..’

जब मैंने नापा तो उसका फिगर 34बी-26-32 हो चुका था, तो मैं बोला- कोई बात नहीं डार्लिंग.. नए कपड़े आ जायेंगे..
वो मेरे लौड़े पर हाथ लगा कर पूछने लगी- इसका दोष नहीं.. इतने कम दिनों में इसने मेरा नाप इतना बढ़ा दिया है।
तो मैं बोला- अगली बार जब साथ रहेंगे तो कुछ दिनों में ही 38 साइज़ के कर दूँगा।
तो वो हँसने लगी और मुझसे लिपट गई।

कुछ दिन बाद उसकी छुट्टियाँ ख़त्म हो गईं और वो भोपाल वापस चली गई।
उसके बाद जब कभी मौका मिलता.. तो मैं भोपाल या कोलकाता हो आता था और जम कर अपनी बहनों की चूत चुदाई के मजे लेता था।

फिर एक दिन मैं भोपाल गया हुआ था और सोनाली मेरी बाँहों में लेटी थी, वो बोली- तुम इतना अच्छा से चोदते हो.. सीखा है कहीं से?
मैं- नो डार्लिंग.. ओनली एक्सपीरियेंस..
सोनाली- मतलब मुझसे पहले भी किसी को चोद चुके हो?
मैं- हाँ..
सोनाली- किसको..?
मैं- एक हो तब ना बताऊँ.. किसी का नाम..
सोनाली- तो कितनी हैं?
मैं- दस..

सोनाली- इतना ज्यादा मतलब मेरा नम्बर 11वां है?
मैं- हाँ।
सोनाली मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली- तभी तो ये इतना मजबूत है।
मैं- हाहहह..
सोनाली- कौन-कौन थीं वो ख़ुशनसीब लड़कियाँ? ज़रा बताओ तो.. मैं भी तो जानूँ.. मैं कितनों को जानती हूँ?
मैं- लगभग सभी को जानती होगी शुरूआत हुई थी चेतना से.. याद है तुमको?
सोनाली- हाँ.. वो जो साथ स्कूल जाती थी।
मैं- हाँ वही..

सोनाली- कब.. स्कूल के टाइम में ही.. या बाद में?
मैं- स्कूल के टाइम में भी और अभी भी चोदता हूँ।
सोनाली- दूसरी??
मैं- इसको भी तुम जानती हो.. ऊपर वाले फ्लोर पर पूजा रहती थी.. याद है?
सोनाली- ओह्ह.. उसको भी?
मैं- हाँ..

सोनाली- तीसरी..
मैं- रीमा भाभी..
सोनाली- रीमा भाभी.. रोशन भैया की बीवी?
मैं- हाँ..
सोनाली- इनके साथ कब हुआ?
मैं- याद है.. एक गर्मी की छुटियों में मैं नानी के यहाँ एक महीना रहा था.. तभी..
सोनाली- अभी भी करते हो?
मैं- हाँ जब जाता हूँ.. तो मौका मिलने पर हो जाता है।

सोनाली- चौथी?
मैं- मेरा दोस्त मयंक याद है?
सोनाली- उसके साथ.. तुम ये भी?
मैं- अरे नहीं.. उसकी बहन अंकिता..
सोनाली- बड़ा कमीना है तू..
मैं- बचपन से ही हूँ.. हाहहहह..

सोनाली- उसके बाद?
मैं- इसको तुम नहीं जानती हो.. मेरी मकान मालकिन।
सोनाली- ओके उसके बाद?
मैं- मोनिका.. पापा के दोस्त की बेटी..
सोनाली- राउरकेला वाले?
मैं- हाँ..
सोनाली- और ये कब हुआ?
मैं- जब राउरकेला गया था ना ट्रेनिंग के लिए?
सोनाली- ट्रनिंग के लिए गए थे या ये सब करने गए थे?

मैं उसकी चूचियों को दबाते हुए बोला- दोनों काम करने गया था मेरी जान.. क्या करूँ.. ये मेरी कमज़ोरी है।
सोनाली- ऊहूऊऊ.. छोड़ो न.. उसके बाद?
मैं- उसके बाद का भी राउरकेला में ही मोनिका की दोस्त सोनी और उसकी मम्मी..
Nice update👍👍
 

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सोनाली- ओ तेरी.. उसकी मम्मी को भी.. ये कैसे हुआ?
मैंने फिर से उसकी चूची को दबा दिया- बस हो गया।
सोनाली- ऊऊऊऊऊहू ऊऊऊऊ.. इसी लिए.. जब वो आती है.. तो तुम भाग के मिलने जाते हो।
मैं- बहुत समझदार हो।

सोनाली- उसके बाद कौन है?
मैं- मेघा.. मेरी गर्ल-फ्रेंड..
सोनाली- उसके बाद?
मैं- मत जानो.. ये?
सोनाली- कौन है.. बताओ तो सही..?
मैं- सुरभि..
सोनाली एकदम चौंकते हुए बोली- क्या??
मैं- हाँ..
सोनाली- बहुत बड़ा कमीना है तू.. यार ये कैसे हुआ?
उसे अपनी सारी कहानी बता दी।

सोनाली- मतलब कोलकाता इसी लिए जाते हो?
मैं- हाँ..
सोनाली- दीदी को मेरे बारे में पता है?
मैं- नहीं..
सोनाली- गुड..
मैं- ओके..
सोनाली- ओके.. उसके बाद?
मैं- मेरी जान.. जो मेरी बाँहों में है।

सोनाली- अच्छा सबसे ज्यादा मजा किसके साथ आया?
मैं उसको किस करते हुए बोला- मेरी इस जान के साथ..
सोनाली- हहाहाहा..
मैं- मेरे बारे में तो सब जान गई.. तुम अपने बारे में भी कुछ बताओ।
सोनाली- मेरे बारे में क्या.. सब तो जानते ही हो.. क्या जानना बाकी है.. बताओ?

मैं- तुम्हारे ब्वॉय-फ्रेण्ड के बारे में?
सोनाली- ब्वॉय-फ्रेण्ड के बारे में… क्या?
मैं- अब तक कितने बने और कौन-कौन से खेला है?
सोनाली- अब तक तीन..
मैं- तीन.. कौन थे ये सब.. और सिर्फ़ घूमी-फिरी हो.. या किसी के साथ.. लेट भी चुकी हो?

सोनाली- ओके बताती हूँ.. पहला ब्वॉय-फ्रेण्ड राहुल.. याद है ना तुझे?
मैं- हाँ स्कूल वाला..
सोनाली- हाँ वही.. लेकिन सिर्फ लव लैटर ही देता रहा।

मैं- ओके.. दूसरा?
सोनाली- समीर..
मैं- कौन.. जो साथ में पढ़ने आता था.. हरामी साला?
सोनाली- हाँ वही.. ये सिर्फ़ किस ही कर पाया.. उससे आगे मौका ही नहीं दिया।

मैं- गुड तीसरा?
सोनाली- सूरज.. याद है तुमको?
मैं- कौन जो हमारे पड़ोस में रहता है?
सोनाली- हाँ इसके साथ दो बार..
मैं- इसके साथ चुदी हो?
सोनाली- हाँ..
मैं- कहाँ?
सोनाली- अपनी छत पर और एक बार उसके घर में..

मैं- पहले से ही उस कमीन पर मुझे शक था.. पर अब तो मैं उसकी बहन को भी चोदूंगा।
सोनाली- किसको शेफाली को?
मैं- हाँ और तुम मेरी हेल्प करना.. उसको पटाने में..

सोनाली- ओके.. लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा?
मैं- क्या चाहिए बोलो?
सोनाली- जो माँगूगी.. दोगे..?
मैं- कोशिश करूँगा!
सोनाली- ओके बताती हूँ.. मुझे तुम्हारा एक दोस्त बहुत पसंद है।
मैं- कौन?
सोनाली- सूर्या.. एक बार मुझे उससे मिला दो ना प्लीज़!

इतना कहते ही वो मेरे लंड पर बैठ गई और मेरा लंड उसकी चूत में घुसता चला गया।
मैंने नीचे से उसकी चूत में ठोकर मारते हुए कहा- ओके.. कोशिश करता हूँ।
बातों ही बातों में हमारी चुदाई हो गई जब चुदाई ख़त्म हुई तो।

सोनाली- सुशान्त.. अपना प्रोमिस भूलना मत.. मैं तुमको शेफाली को पटाने में हेल्प करूँगी और तुम मुझे सूर्या से मिलवा दोगे।
मैंने दबे मन से ही सही.. लेकिन ‘हाँ’ बोल दिया।
सोनाली- तो कब बुला रहे हो?
मैं- जब घर आओगी।
सोनाली- तो चलो आज ही चलते हैं घर!

मैं- बड़ी जल्दी है..
सोनाली- सूर्या की बहन भी कम नहीं है.. तुम भी ट्राई कर सकते हो..
मैं- तुमको कैसे पता?
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सोनाली- उसकी फ़ेसबुक में आडी है ना.. वहीं देखी थी।
मैं- उसका प्रोफाइल भी देख चुकी हो!
सोनाली- हाहाहहाहा जलने की बू आ रही है..

हम घर आ गए और पूरे रास्ते मजा लेते आए.. जैसे हम दोनों ब्वॉय-फ्रेण्ड गर्लफ्रेंड हों।
हमने घर पर बता दिया कि कॉलेज में छुट्टियाँ हैं।
मैं- घर तो आ गए.. अब आगे का क्या प्लान है?
सोनाली- तुम सूर्या को घर बुलाओ.. बाकी का काम मैं कर दूँगी।

मैं- तुम कर दोगी.. लेकिन कैसे? मैं उसको सीधा तो नहीं बोल सकता ना.. कि मेरी बहन तुमसे चुदना चाहती है और मैं तुम्हारी बहन को चोदना चाहता हूँ।

सोनाली- अरे नहीं.. तुम उसको बुलाओ और मैं बदन दिखा करके उसको पटा लूँगी।
मैं- ओके..

मैंने सूर्या को फोन किया और बोला- भाई पटना में हो?
सूर्या- पटना में.. हाँ.. क्यों?
मैं- मैं भी पटना आया हूँ..
सूर्या- कब?
मैं- आज ही.. तू आ ना मेरे घर.. बहुत दिन हो गए मिले हुए..
सूर्या- ठीक है भाई.. कुछ देर में आता हूँ।
मैं- ओके.. आ जा..

सोनाली- क्या बोला वो?
मैं- आ रहा है।
सोनाली- सच?
मैं- हाँ..
उसने मुझे किस करते हुए कहा- थैंक्स भाई..
मैं- अब जा.. अच्छे कपड़े पहन ले..

कुछ देर बाद घर की बेल बज़ी.. तो मैं बोला- आ जा.. खुला हुआ है।
तो सूर्या आ गया और मैं उससे गले मिला।
मैं- आ जा.. बैठ..

तो वो मेरे बगल में बैठ गया।
सूर्या- तो.. और बता कैसा है?
मैं- मस्त.. तू अपना बता..
सूर्या- मैं भी मस्त हूँ..
कुछ देर हमारी बातें चलती रहीं।

मैं- क्या पिएगा?
सूर्या- जो तू पिला दे।
मैं- सोनाली दो कप चाय देना तो..
सूर्या- अरे ये सोनाली कब आई?
मैं- आज ही.. मैं ही लाने गया था।

सोनाली चाय ले कर आई.. तब उसने बहुत खुले गले का टॉप पहना था.. जो पीछे से पारदर्शी था और नीचे कैपरी भी बहुत चुस्त वाली पहने हुई थी। इस कैपरी और टॉप के बीच कुछ जगह खाली थी.. जिससे उसकी नाभि आसानी से दिख रही थी।
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मैंने तिरछी नज़र से सूर्या को देखा तो वो अन्दर से हिल चुका था और सीधे तो नहीं.. लेकिन तिरछी नज़रों से सोनाली के मदमस्त जिस्म को देख रहा था।
तब तक सोनाली मेरे पास आ गई.. मैंने एक कप लिया और बोला- सूर्या को भी दो..
वो सूर्या को देने के लिए झुकी उसकी चूचियाँ आधी बाहर आ गईं। सूर्या उसको ही देखे जा रहा था लेकिन तिरछी नज़र से.. जब वो जाने लगी तो वो और अपने चूतड़ों को मटका कर जा रही थी।

लंड तो मेरा भी खड़ा हो गया था.. जो हमेशा इसको नंगी देखता था.. तो सोचो सूर्या का क्या हाल हुआ होगा।
मैं- क्या हुआ.. पानी लेगा क्या?
सूर्या- हाँ..

मैं- जा रसोई से ले आ.. और ज़ोर से बोला- सोनाली इसको एक गिलास पानी दे देना।
मैंने सोचा.. यहाँ तो तिरछी नज़र से देखना पड़ रहा है.. वहाँ जाएगा तो कम से कम आराम से देख तो सकेगा।
मेरी बात सुन कर तो उसको तो मुँह माँगी मुराद मिल गई और जब तक वो वहाँ खड़ा रहा.. सोनाली ने अपने जिस्म की नुमाइश करके उसका भरपूर मनोरंजन किया।
जब वो लौट रहा था तो उसकी फूली हुई पैंट इस बात का सबूत पेश कर रही थी कि उसे कितना मजा आया।

हम लोग चाय पीने लगे।
मैं- चल.. कोई मूवी देखते हैं।

मैं अपना लॅपटॉप ले आया और उसमें एक हॉट हॉलीवुड मूवी को चला दिया। जिसमें बहुत सारे हॉट सीन्स थे।
वो मूवी देखने लगा और मैं कप रखने रसोई में चला गया।

सोनाली- कैसे लगा मेरा परफॉर्मेंस?
मैं- जबरदस्त.. लोहा गर्म है बस हथौड़ा मारने की देरी है.. लेकिन जब तक मैं यहाँ रहूँगा.. वो तुमको कुछ नहीं करेगा.. सो मैं कोई बहाना बना कर जाता हूँ.. तब तक तुम अपना काम कर लेना।
सोनाली- ओके.. मेरी जान.. तुम जल्दी जाओ..
मैं- क्या बात है बड़ी जल्दी है.. उससे चुदने की..
सोनाली- हाँ बचपन का प्यार है..
मैं- ओके गुडलक..

उसको एक लिप किस किया और बाहर आ गया और मूवी देखने लगा।
सोनाली- भैया.. मैं नहाने जा रही हूँ.. नहा कर खाना बना दूँगी.. तब तक तुम मेरा सामान ला दो।
मैं- ओके ठीक है.. जाओ ला देता हूँ..

मैं- क्या बाइक से आया है भाई?
सूर्या- हाँ..।
मैं- ला चाभी ला.. बाइक की..
सूर्या- कहाँ जाएगा.. चल मैं भी चलता हूँ।
मैं- मार्केट जाना है.. बस 10 मिनट में आ जाऊँगा.. तू यहीं मूवी देख.. मैं आता हूँ।
सूर्या- ठीक है जा..

मैं बाइक थोड़ी दूर पर लगा कर पीछे के दरवाजे से अन्दर आ कर छिप गया और देखने लगा कि क्या हो रहा है।

सोनाली बाथरूम से चिल्लाई- भाई.. भाई?
सूर्या- वो मार्केट गया है.. कुछ काम से क्या हुआ.. कुछ काम है क्या?
सोनाली- हाँ.. मैं कमरे में अपने कपड़े और फेसवाश भूल गई हूँ.. ला दोगे प्लीज़?
सूर्या- कहाँ पर है?
सोनाली- मेरे बिस्तर पर रखा होगा।
सूर्या- ओके देखता हूँ..

सूर्या उसके कपड़ों को देख कर और उत्तेजित हो गया और उसको ले कर बाथरूम के पास आया- ये लो.. देखो तो यही हैं?
सोनाली- नहीं रहने दो.. एक और काम कर दोगे प्लीज़..
सूर्या- क्या?
सोनाली- यार पानी ख़त्म हो गया है.. सो रसोई में 2 बाल्टी पानी रखा है.. एक बाल्टी ला दोगे प्लीज़?
सूर्या- ओके..

जब तक सूर्या रसोई गया तब तक सोनाली ने जितना हो सकता था अपने कपड़े और खोल दिए.. जिससे सूर्या उसके सेक्सी जिस्म का दीदार अच्छी तरह से कर ले।
जब वो पानी ले कर आया.. तो उसने आवाज दी- पानी ले आया.. कैसे दूँ?
सोनाली- रूको.. मैं दरवाजा खोलती हूँ।

सोनाली ने दरवाजा खोला और सूर्या उसके बदन को देखता ही रह गया और भीगी होने के कारण उसका हर ‘सामान’ दिख रहा था.. मम्मे और उस पर तने हुए निप्पल.. गाण्ड के अन्दर फंसा हुआ कपड़ा.. किसी को भी उत्तेज़ित करने के लिए काफ़ी था और सूर्या तो पहले ही गरम था..।

लेकिन मानना पड़ेगा सूर्या के कंट्रोल करने की पावर को.. उसने सोनाली को सिर्फ़ देख कर ही मजे लिए.. छूने की कोशिश भी नहीं की.. और बाल्टी रख के बाहर आ गया।
तब उसकी शक्ल देखने लायक थी.. वो पूरा पसीने से लथपथ था जैसे शायद उसका गला सूखा जा रहा था। लंड अन्दर पानी छोड़ चुका होगा और ऊपर से हॉट मूवी आग में घी का काम कर रही थी।
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सूर्या मूवी देख कर और भी चुदासा होता जा रहा था.. अगर उसे मेरा ख्याल नहीं होता या सोनाली मेरी बहन नहीं होती तो अब तक चोद चुका होता। लेकिन शायद उसे मेरी दोस्ती रोक रही थी।

तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और सूर्या भी उधर आँखें फाड़-फाड़ कर देखने लगा।
मैंने भी देखा.. मैं सोच रहा था कि अब क्या करामात करने वाली है..
सोनाली का हाथ बाहर आया.. मैं मन में ही सोचने लगा कहीं नंगे ही तो बाहर नहीं आ रही है।

तभी लाल तौलिया दिखा.. तो मन में सोचा शुक्र है.. कम से कम जिस्म पर तौलिया तो लपेट लिया है।
जब पूरी बाहर आई.. तो मैं सोचने लगा कि ये क्या.. एक छोटी सी लाल तौलिया में अपने आपको किसी तरह लपेट कर निकली.. जिसमें तौलिया ऊपर निप्पल के पास बँधा हुआ था।
मतलब आधी चूचियों साफ़ बाहर थीं और नीचे चूतड़ों के पास तक ही तौलिया था.. मतलब हल्की सी भी झुकती तो चूतड़ बाहर दिख जाते और साइड में जिधर तौलिया के दोनों सिरे थे.. उधर चलते वक्त जिस्म की एक झलक दिखाई दे रही थी।
ऊपर बँधे हुए बाल और बालों से चूचियों तक का खाली भाग.. आह्ह.. एक तो गोरा बदन था.. ऊपर से पानी की बूँदें और भी कयामत ढा रही थीं। नीचे देखा तो.. चूतड़ों के नीचे गोरी सेक्सी टाँगों का तो कोई जबाब ही नहीं था। सीधी बात कहूँ तो कोई अगर देखे तो उसका लंड क्या.. सब कुछ खड़ा हो जाएगा।

मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि कोई उसको देखने के बाद अपनी पलक भी नहीं झपका पाएगा और शायद यही हाल सूर्या का भी था.. वो बिना पलक झपकाए उसे देखे जा रहा था।

सोनाली से उसकी नज़र मिलीं तो सोनाली हल्की सी मुस्कुरा दी.. मतलब उसका खुला आमंत्रण था और सोनाली अपने कमरे की तरफ़ बढ़ने लगी। तभी वो फिसल गई.. शायद वो जानबूझ कर फिसली थी।
सोनाली- आअहह..
सूर्या- क्या हुआ?
सूर्या दौड़ते हुए उसके पास गया।

सोनाली- मैं गिर गई.. उठने में मेरी मदद करो।

सूर्या को तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था.. उसको छूने का और उसने उसको हाथ पकड़ कर उठाने की कोशिश की लेकिन नहीं हो पाया।
‘मुझसे नहीं उठा जाएगा.. आह्ह.. मुझे गोद में उठा कर मेरे कमरे में ले चलो प्लीज़..’
सूर्या- ओके..

सूर्या ने उसको गोद में उठा लिया और कमरे ले जाने लगा और उसको बिस्तर पर लिटा दिया।
‘कहाँ चोट लगा है.. बताओ?’
सोनाली पैर की तरफ़ इशारा करते हुए बोली- देखो.. उधर सामने बाम रखी हुई है.. जरा लगा दो ना..
सूर्या ने एक जगह छूते हुए पूछा- यहाँ?
सोनाली- नहीं.. ऊपर..

ये बोल कर वो पेट के बल लेट गई।

सूर्या जाँघों के पास हाथ ले गया.. और पूछा- यहाँ?
सोनाली- नहीं.. और ऊपर..
सूर्या ने चूतड़ों को छुआ और पूछा- जहाँ से ये स्टार्ट होते हैं?
सोनाली- हाँ यहीं..

सूर्या उसके नंगे चूतड़ों पर बाम लगाने लगा।
सूर्या- अच्छा लग रहा है?
सोनाली- हाँ अच्छा.. थोड़ा और ऊपर करो न.. कमर के पास भी लगा दो ना.. वहाँ भी दर्द है..
सूर्या- ठीक है..

वो अपना हाथ तौलिया के अन्दर ले गया और लगाने लगा, तब तक सोनाली ने अपना तौलिया की गाँठ खोल दी।
जब वो पूरी तरह से बाम लगा चुका.. तब तक उसका लंड भी तन कर तंबू हो गया था।
पूरी मालिश करने के बाद उसने पूछा- दर्द कैसा है?
तो सोनाली उठी.. उसका तौलिया बिस्तर पर ही रह गया और नंगी ही सूर्या के गले लग गई।
सूर्या देखता ही रह गया।
Mast londiya hai bhai
 
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