• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery बहन की नथ उतारी माँ की गाँड़ और भाभी की चूत चोदी

nidhi69sexbomb

Nidhi.agrawal
5,621
5,407
174
UPDATE -5


Writer - Nidhi Agrawal




शाम को 5 बजे तीसरे की बैठक थी...उस बैठक में शहर का ऐसा कोई बड़ा आदमी नही था जो ना आया हो...

लेकिन एक शक्श ऐसा भी था जिसके यहाँ आने के बारे मे में सोच भी नही सकता था....आज बैठक में मुझे सुहानी भी दिखाई दे गयी....


पता नही एक अदृश्य सा रिश्ता हमारे बीच में जुड़ चुका था....मुझे जब भी ज़रूरत होती....वो मेरे सामने किसी ना किसी रूप में आ ही जाती थी....

बैठक ख़तम होने के बाद वहाँ आए सभी लोगो ने मुझ से विदा ली ....और तभी सुहानी भी मेरी बगल में आकर खड़ी ही गयी....


जब सब लोग चले गये तब सुहानी ने भी जाने के लिए बोला....



में--नही सुहानी अगर तुम यहाँ नही आती तो मुझे इसका कोई अफ़सोस नही होता लेकिन ....यहाँ से अगर तुम इस तरह से चली जाओगी तो शायद में खुद को माफ़ भी नही कर सकूँगा....


और मेरा एक लालच भी है तुम्हे यहाँ रोकने का....में तुम से कुछ बाते करना चाहता हूँ...शायद उन सवालो का जवाब तुम ही मुझे सही तरीके से दे सकती हो....

सुहानी ने जब मुझे इतना उलझा हुआ देखा अपने ही सवालो में तब वो चाहकर भी जा ना सकी...

मैने नीरा को बुलाया और सुहानी के रुकने का प्रबंध नीरा के रूम में ही करवा दिया...

उसके बाद चाचा मेरी तरफ़ कुछ बात करने के लिए बढ़ जाते है....



चाचा---बेटा अब हम लोग हरिद्वार के लिए निकलेंगे और 2 दिन बाद वापस आजाएँगे...


में--चाचा जी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो आप मुझे बोल सकते हो..


चाचा--अरे नही बेटा किसी चीज़ की ज़रूरत नही है मुझे...
लेकिन दीक्षा और कोमल आज पहली बार मेरे और रजनी के बिना रहेंगी...में चाहता हूँ तुम उन दोनो का ध्यान रखो...



में--चाचा जी आप कैसी बात कर रहे है....
दीक्षा और कोमल मेरे लिए रूही और नीरा की तरह ही है आप लोग बिना किसी चिंता के वहाँ जाकर आ जाओ...


चाचा--ठीक है बेटा...हम थोड़ी देर में ही निकल जाएँगे....


में--चाचा जी आप लोग मेरी कार में चले जाना ड्राइवर को साथ में लेकर....


चाचा--ठीक है बेटा तू जैसा चाहेगा वेसा ही होगा...

और थोड़ी देर बाद चाचा जी...चाची जी. और रूही तीनो हरिद्वार के लिए रवाना हो जाते है..

वो सब लोग हरिद्वार के लिए निकल गये थे,.
मेने नीरा को आवाज़ दी और उसे कॉफी बनाने के लिए बोल दिया....मेरे पास सुहानी भी आकर बैठ चुकी थी...


में--सुहानी तुम्हे यहाँ देख कर काफ़ी सुकून मिला है मुझे....मेरी हर परेशानी तुम चुटकियो में हल कर देती हो...अभी भी में एक परेशानी में उलझा हुआ हूँ....


सुहानी--ऐसी क्या परेशानी है...जो आप इतना उलझ गये हो...


में--सुहानी मेरी मम्मी चाहती है कि में मेरी भाभी से शादी कर लूँ....और मुझे ये समझ नही आ रहा है कि भाभी को जब ये बात पता चलेगी तब उनका रियेक्शन क्या होगा....


सुहानी--आपकी मम्मी ने आपसे ये शादी वाली बात कब करी थी...


में--आज ही...


सुहानी--मुझे लगता है आप पूरे के पूरे बेवकूफ़ है....



में--हाँ वो तो में हूँ नही तो तुम मेरी मदद कैसे कर पाती...



सुहानी--देखो आप के पापा और भाई की डॅत को ज़्यादा दिन नही हुए है....इस लिए भाभी से इस बारे में कोई भी बात करना पूरी तरह से ग़लत है....और मुझे समझ नही आ रहा ऐसे मोके पर आपकी मम्मी के दिमाग़ में ये शादी वाली बात आ कहाँ से गयी.... आप अब मेरी बात सुनो .....कौन आप से क्या करने को कहता है आप उस पर ध्यान मत दो...आप बस अपने दिल और दिमाग़ की आवाज़ से ही अपना काम करते जाओ...


में--तुम्हारी बात ठीक है लेकिन...में भाभी और मम्मी को इस तरह परेशान नही देख सकता....


सुहानी--आप इसमें कुछ नही कर सकते...आप उन्हे वो नही लौटा सकते जो उनसे छीन लिया गया है.....इसलिए जो हो रहा है वो होने दो सब कुछ समय के उपर छोड़ दो...क्योकि आज नही तो कल तुम्हे अपनी बात कहने का सही मोका ज़रूर मिलेगा....


उसके बाद नीरा कॉफी ले आती है ...और वो भी हमारे साथ बैठ कर कॉफी पीने लग जाती है...


नीरा--भैया क्या बाते हो रही है आप दोनो में मुझे भी तो कुछ बताओ....


में--कोई बात नही हो रही नीरा बस थोड़ा मम्मी की एक बात पर परेशान हो गया था...


नीरा--कौनसी बात भैया ऐसा क्या कह दिया आपसे मम्मी ने जो आप इतना परेशान हो गये...


में--मम्मी का कहना है कि मुझे भाभी से शादी कर लेनी चाहिए...


ये बात सुनते ही नीरा के होश उड़ जाते है लेकिन वो खुद को काबू में रख कर कहती है...


नीरा--भैया इसमें इतने चिंता करने वाली बात कौनसी है....पहली बात तो ये कि आप दोनो की शादी कोई बच्चो का खेल तो है नही...जो मम्मी ने बोल दिया और शादी हो गयी...

ये बात आपको और भाभी को तैय करनी है...और इसके लिए अभी काफ़ी समय का इंतजार करना होगा....क्योकि भाभी का फ़ैसला सिर्फ़ समय ही कर सकता है....


सुहानी नीरा की इस बात पर मुस्कुराए बिना नही रह सकी..,


सुहानी--सर आगे से आप नीरा जी को ही अपनी उलझने बता देना...क्योकि ये आप के दिल के हालात बहुत अच्छे से समझती है...


तभी नीरा उठ कर किचन की तरफ़ चली जाती है...और रोते हुए खुद से ही बात करने लगती है...उसे अपने दिल में सब कुछ टूटता हुआ महसूस हो रहा था...लेकिन वो किसी से कुछ कह भी नही सकती थी...प्यार जो करती थी जय से......!!!

रात हो चुकी थी और सुहानी ने मुझ से जाने की पर्मिशन माँगी और फिर में जाकर उसे एरपोर्ट तक छोड़ आया...जब में घर वापस आ रहा था तब रास्ते में से मैने एक शराब की बोतल भी ले ली थी...

जब घर पहुचा तो देखा नीरा कोमल और दीक्षा एक ही रूम में है ....और शायद भाभी और मम्मी सो चुके थे खाना खा कर...


में अपने रूम में चला गया और किचन में से कुछ स्नॅक्स ले कर मेरे रूम में आ गया उसके बाद मैने वो बोतल ओपन करी और धीरे धीरे सीप करता हुआ ड्रिंक करने लगा...


तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई....


मैने जैसे ही जाकर दरवाजा खोला तो सामने भाभी खड़ी थी उनका चेहरा बिल्कुल बुझा हुआ...आँखे रो रो कर सूज चुकी थी...


में--भाभी क्या हुआ....कुछ चाहिए क्या मुझ से...,



भाभी--जय क्या में थोड़ी देर तुम्हारे साथ बैठ सकती हूँ अगर तुम बुरा ना मानो तो...



में --हाँ भाभी क्यो नही....मुझे भी नींद नही आ रही थी...


उसके बाद में दरवाजे से हट गया और भाभी सीधा मेरे रूम के बेड पर जाकर बैठ गयी मैने दरवाजा बंद किया लेकिन लॉक नही किया और वापस बेड के पास एक चेयर पर बैठ गया...



भाभी--जय तुमने शराब पी है???



में--हाँ भाभी जब से ये सब कुछ हुआ है तब से मुझे से रहा ही नही जाता...



भाभी--क्या मुझे भी थोड़ी सी दे सकते हो...



में--लेकिन भाभी....आप कैसे पियोगी इसे....आपने तो कभी पी भी नही होगी...



भाभी--आज मेरा मन बहुत घबरा रहा है....कुछ भी अच्छा नही लग रहा प्ल्ज़ मुझे एक ड्रिंक दे दो...


भाभी को इस तरह परेशान होता देख मेने अपने बेड के नीचे से वो सारा समान निकाल लिया जो भाभी के अंदर आने से पहले में बेड के नीचे सरका चुका था...


में किचन से जाकर भाभी के लिए एक ग्लास और ले आया और उनको उस ग्लास में ड्रिंक बना कर दे दिया...


भाभी--तुम सुबह मुझ से नाराज़ तो नही होगये थे ना...


में--नही भाभी में आपसे भला क्यो नाराज़ होने लगा...


भाभी--मुझे लगा शायद तुम मेरी उस नियत खराब वाली बात पर नाराज़ हो गये होगे...



में--नही भाभी ऐसी कोई बात नही है आप परेशान मत होइए....जब मैने ऐसा कुछ कहना चाहा ही नही था तो फिर में आपके गुस्से से नाराज़ क्यो हो जाउन्गा...



भाभी--जय मुझ से कभी भी नाराज़ मत होना...मेरा इस दुनिया में तुम सब के अलावा कोई नही है...मुझे माफ़ कर देना अगर में गुस्से में आकर कुछ बोल दूं तो...


में--अरे नही भाभी आप कैसी बाते कर रही है....में कभी नाराज़ नही हो सकता आपसे ....


उसके बाद हम दोनो ने एक एक ड्रिंक और लिया फिर भाभी जाने के लिए खड़ी हो गयी...


भाभी--अच्छा जय में अब जा रही हूँ....तू भी अब ज़्यादा मत पीना और खाना खा लेना.



में--भाभी भूक मर गयी है मेरी...कुछ समझ नही आता क्या करूँ...एक तरफ मम्मी का दुख मुझ से सहा नही जा रहा दूसरी तरफ़ आप को इस तरह तिल तिल करता मरते देख रहा हूँ...ये शराब में बस बेहोश होने के लिए पीता हूँ...


मेरी ये बात सुनकर भाभी ने मुझे कस कर गले से लगा लिया....और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी....



IMG-20240516-154435

भाभी--तुझे मेरे दर्द से इतनी तकलीफ़ होगी ये मैने कभी सोचा भी नही था...मुझे माफ़ कर दे जय मुझे माफ़ कर दे...


तभी अचानक...................

तभी अचानक मेरे रूम का दरवाजा खुल जाता है...नीरा अपने साथ मेरे लिए खाना लाई थी...

जब वो हम दोनो को इस तरह से गले लगे हुए देखती है...और बेड पर शराब की बोतल और 2 ग्लास देख कर वो बस इतना ही बोलती है...


नीरा--भैया खाना खा लेना नही तो ठंडा हो जाएगा....


वो हम दोनो से नज़रे नही मिला रही थी वो चुपचाप खाना वही बेड पर रख कर चली जाती है....

नीरा के जाने के बाद भाभी भी चली गयी थी....लेकिन नीरा ने मुझे जिस तरह से देखा था वो तीर सीधा मेरे सीने में उतर गया था...पता नही क्यो लेकिन ये अहसास हुआ कि कुछ तो ग़लत हुआ है....उसके बाद मैने अपने सिर को झटक के वो बात अपने दिल और दिमाग़ से निकाल दी...


मैने फिर से एक ग्लास में शराब भर ली और उसे पीने लग गया....

अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक से में चोंक जाता हूँ...उठ कर दरवाजा खोलने के बाद मुझे नीरा दरवाजे के बाहर खड़ी हुई मिलती है...


नीरा--आप से बात करनी है....मुझे अंदर आने दो....


में--तुझे किसने रोक रखा है जो मुझ से पर्मिशन माँग रही है अंदर आने की...


उसके बाद नीरा सीधा चल कर मेरे बेड के पास आकर बैठ जाती है...


में--बोल क्या बात करनी है...


नीरा--पहले आप मेरी कसम खाओ जो बात में कहूँगी वो आप मानोगे..,


में--ये कैसी बच्चो वाली बात कर रही है तू...में तेरी हर बात वैसे ही मान लेता हूँ...इसमें कसम देने वाली बात कहाँ से आ गयी...


नीरा--कसम तो आपको खानी ही होगी...जो बात में कहना चाहती हूँ मेरे जीवन और मरण के बराबर है...


में--ऐसी क्या बात है नीरा...तू बोल तो सही तू जो बोलेगी में वो मान लूँगा...


नीरा--आप पहले कसम खाओ..,.उसके बाद ही में अपनी बात कहूँगी....


में--नही....में ऐसी कोई कसम नही खा सकता...नीरा क्यो मज़ाक कर रही है....


नीरा--आपको मेरी बात मज़ाक लग रही है तो फिर...में क्या हूँ आपके लिए..में मज़ाक नही कर रही...बोलो अब आप कसम खा रहे हो या नही....


में सोच में पड़ जाता हूँ....कहीं मम्मी की तरह ये भी तो कुछ ऐसा ही कहने तो नही आई है ना...लेकिन ऐसी क्या बात हो सकती है जिस वजह से ये मुझ से कसम खिलवा. रही है...


नीरा--किस सोच में पड़ गये ...कसम तो आपको खानी ही पड़ेगी....



में--अच्छा थोड़ा तो हिंट दे दे ये किस बारे में है....

नीरा--आप इतना क्या सोच रहे हो अगर आप मेरी जान भी माँग लो तो में हँसते हँसते आप पर कुर्बान हो जाउन्गि...लेकिन आप इतनी देर से एक कसम भी.. नही खा पा रहे हो.....

में--क्या तुझे अपने भाई पर यकीन नही है... जो तू मुझे कसम खिलाकर ही अपनी बात मनवा सकती है...


नीरा--मुझे आप पर पूरा यकीन है...लेकिन अपने आप पर से में अपना यकीन खोती जा रही हूँ....इसीलिए में आपको कसम खाने के लिए बोल रही हूँ....अगर कोई चीज़ मुझे चाहिए होती तो मेरे बोलने से पहले ही आप उसे मेरी आँखो के सामने रख चुके होते...लेकिन ये बात कहना, ना मेरे लिए आसान है और ना आपके लिए इसे कर पाना...


में--अगर ये बात इतनी ही ज़रूरी है तो फिर ठीक है....



अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक ने दोनो के बीच चल रही इस बात पर विराम लगा दिया...नीरा ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा वहाँ दीक्षा खड़ी थी...


32582005-008-03c6

दीक्षा--सॉरी मैने आप लोगो को डिस्टर्ब तो नही किया....


नीरा--नही नही दी ऐसी कोई बात नही है आप अंदर आ जाओ...



नीरा का चेहरा बिल्कुल उतर गया था लेकिन अपने चेहरे पर उसने ये ज़्यादा देर रहने नही दिया...


दीक्षा ने एक नाइटी पहन रखी थी जो कि काफ़ी. लंबी थी और ढीली भी उसकी स्लीवस में से उसकी वाइट ब्रा भी दिखाई दे रही थी...


दीक्षा--बेड पर लेट ते हुए.....मुझे वहाँ नींद नही आ रही थी इसलिए मुझे लगा आप लोगो के साथ बैठ कर थोड़ी देर में भी बाते कर लूँ...


दीक्षा कमर के बल लेटी हुई थी और उसने अपना एक हाथ अपने सिर के पीछे रख दिया था जिस से उसके अंडर आर्म्स के बड़े बड़े बाल नुमाया हो गये थे...दीक्षा को इस तरह लेटे देख कर नीरा को गुस्सा आ गया लेकिन अपने गुस्से पर काबू करते हुए...


35564332-015-1d2d

नीरा--दीदी सुबह अंडर आर्म क्लीन कर लेना में रिमूवर दे दूँगी आपको...

3855094-15


दीक्षा इस बात पर बुरी तरह झेंप गयी...और बात बदल कर...


दीक्षा--ये शराब की स्मेल कहाँ से आ रही है...


नीरा--मेरे भैया शराब पीते है...क्यो आपको भी पीनी है...


दीक्षा अब उठ के बैठ चुकी थी...लेकिन नीरा के इस तरह के बर्ताव की वजह से थोड़ी शर्मिंदा भी हो रही थी...


दीक्षा--नीरा तुम रूम में कब तक आओगी....



नीरा--में थोड़ी ही देर में आती हूँ रूम में...आपने दूध पी लिया क्या...



दीक्षा--नही में वही लेने जा रही हूँ...ठीक है गुड नाइट जय भैया अब सुबह मिलेंगे...


फिर मैने भी गुड नाइट कहा और उसके जाते ही अपनी साँस छोड़ते हुए नीरा से कहा ...


में--अब तू भी जा और सो जा...


नीरा--मेरी बात अभी पूरी नही हुई है...लेकिन में रात को फिर आउन्गि...लेकिन इस बार अपनी बात मनवा कर ही जाउन्गि...

उसके बाद नीरा अपने रूम में चली जाती है और में फिर से अपने बेड के नीचे से वो शराब की बोतल निकाल कर अपना ग्लास भरने लग जाता हूँ...

उधर नीरा के रूम में...



दीक्षा--सॉरी नीरा मुझे पता है तुम किस बात पर नाराज़ हो गयी...


नीरा--दी में आपसे नाराज़ हो ही नही सकती हूँ लेकिन आपका इस तरह अपने अंडर आर्म्स को शो करना मुझे अच्छा नही लगा...


दीक्षा--हाँ यार नीरा मुझ से ग़लती हो गयी है पता नही भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे...


नीरा--वो कुछ नही सोचेंगे अगर उन्होने तुम्हारी अंडर आर्म्स की तरफ देख भी लिया होगा तो वो अपनी नज़रे हटा चुके होंगे वहाँ से...आप इस बात से परेशान मत रहो और सुबह में आपको रिमूवर दूँगी जिस से आप अपने हेर रिमूव कर लेना...


दीक्षा--हाँ यार मुझे देना मैने आज तक रिमूवर यूज़ नही किया...में भी स्लीवलेस पहनना चाहती हूँ लेकिन इन बालो की वजह से शर्म आती थी...


नीरा--कोई बात नही...में कल आपको रिमूवर दे दूँगी और रूही दीदी की कुछ स्लीवलेशस ड्रेसस भी...अब आप आराम कर लो थोड़ी देर....क्योकि मुझे अभी वापस जाना है भैया के पास कुछ ज़रूरी बात करने...


दीक्षा--ऐसी क्या बात आ गयी...जो तुम्हे इस समय ही करनी है...



नीरा--कुछ बाते समय नही देखा करती...उन्हे जितना जल्दी हो सके कर लेना चाहिए..वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी...काल करे सो आज कर... आज करे सो अब...पल में प्रलय होवेगी..... जदे करेगा कद.....


और इसी के साथ हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से गले मिलते है और गुड नाइट बोलकर सोने लगते है...लेकिन नीरा को आज नही सोना था....वो बस सही समय का इंतजार कर रही थी .......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रात के 1.30 बज रहे थे...तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है....

में अपनी ड्रिंक ले चुका था और बस खाना खाकर उठने ही वाला था...मैने उठ कर दरवाजा खोला तो सामने नीरा खड़ी थी अपने चिरपरिचित अंदाज में...

वो अपनो आँखे बड़ी बड़ी करके बस मुझे देखे ही जा रही थी....


में--तू सोई नही अभी तक...


नीरा--जब तक ये बात में आपसे कर ना लूँ, तब तक ना में सो सकती हूँ ना में कुछ खा सकती हूँ...
मैने आज शाम से कुछ भी नही खाया है...सिर्फ़ आपको वो बात कहनी थी इसलिए


में--तू पागल तो नही हो गयी है....खाना क्यो नही खाया तूने...


नीरा...खाने को गोली मारो और सबसे पहले आप मेरी कसम खाओ और जो भी में बात बोलूँगी वो आप मानोगे...


में--ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है, तू अपनी बात ख़तम होने के बाद मेरे हाथो से खाना खाएगी उसके बाद में तुझे जवाब दूँगा....और तुझ से सवाल भी पूछूँगा


नीरा--ठीक है अब कसम खाओ मेरी...



में--तेरी कसम नीरा जो तू कहेगी में वो मानूँगा...तेरी कसम.....बस अब बोल क्या बात है.

नीरा ने अपनी आँखे अब बंद कर ली थी और अपनी दिल की बढ़ती हुई धड़कानों पर काबू करने की कोशिश करते हुए कहती है....


नीरा--भैया आप मुझ से शादी कर लो....में आपसे अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ...में आपके बिना एक पल भी नही रह सकती....मुझे बचा लो भैया मुझ से शादी कर लो...मेने अपनी हर साँस आपके नाम कर दी है....मुझ से शादी कर लो भैया मुझ से शादी कर लो.....

नीरा अपनी पूरी बात एक ही साँस में कह जाती है और में लगातार उसकी इन बातो को अपने सीने मे चुभता हुआ महसूस कर रहा था...

ऐसा लग रहा था जैसे मेरे कानो में किसी ने पिघला हुआ सीसा उडेल दिया हो. ....


वो अब लगातार मेरी तरफ़ देखे जा रही थी अपने जवाब के इंतजार में....


में--अब किचन में से खाना ले आ उसके बाद तेरी हर बात का जवाब भी दूँगा और सवाल भी करूँगा...


नीरा उठ कर अपने लिए खाना ले आई ....और में उसकी आँखो में देखता हुआ उसे खाना खिला रहा था....उसकी आँखे आँसुओ से भर गयी थी ना जाने कौनसा बाँध बना रखा था नीरा ने अपनी आँखो में जो उसके आँसुओ को बहने से रोक रहा था...

में नीरा की बात में ही उलझा हुआ था कि आख़िर उसने ऐसा क्यों कहा...वो मेरी बहन है कैसे उसके मन में मेरे लिए ये ग़लत ख्याल आ गये...कुछ समझ नही आ रहा था में फस चुका था आख़िर कसम जो खाई थी मैने...

जिसे में अपनी जान से भी ज़्यादा चाहता था उसने मुझे एक दौराहे पर ला कर पटक दिया....अगर में कसम तोड़ता हूँ तो कसम के साथ उसका दिल भी टूट जाएगा...और अगर में ये कसम मान लेता हूँ तो मेरी आत्मा मर जाएगी...दोनो ही सुरतों में मेरा ही हाल बुरा होना तैय है....

खाना ख़तम हो चुका था और मेरा हाथ बिना नीवाले के ही नीरा के मुँह के सामने था और नीरा की आँखो का वो बाँध कब का टूट चुका था वो लगातार रोए जा रही थी....और में अपनी सोच के समंदर में डूबे जा रहा था...डूबे जा रहा था...गहरा और गहरा...


नीरा--भैया.....भैया....प्ल्ज़ कुछ बोलो भैया...भैय्ाआअ

उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर जोरदार झटका दिया जिस से में समुंदर की गहराई से वापस लौट आया...


में--क.क क्या हुआअ...


नीरा-- कहाँ खो गये थे...



मैने उसे कोई जवाब नही दिया और उठ कर हाथ धोने चला गया...
में हाथ धोकर आते ही उस से पूछ बैठा..


IMG-20240519-133928

में--तो तुझे मुझ से शादी करनी है... और अब मैने कसम खा ली है तो इसका मतलब दुनिया की कोई ताक़त तेरी और मेरी शादी को नही रोक सकती....लेकिन तू मुझे एक बात बता तेरे मन में ये शादी का ख्याल आया कहाँ से ...मैने हमेशा तुझ से और रूही से एक डिस्टेन्स मेन्न्टेन रखा है...तू सोच आज पापा की आत्मा कितनी दुखी हुई होगी...उनके अपने ही बच्चे आपस में शादी कर रहे है...उनको मरे हुए दिन ही कितने हुए है....और तेरा ये सवाल...


नीरा--आप भी तो भाभी से शादी कर के उन्हे खुश रखना चाहते हो ना....लेकिन वो भी तो आपको भाई मानती है...फिर कैसे आप उन से शादी के लिए रेडी होगये...और कौन्से पापा की बात कर रहे हो आप...वो बाप जिसकी वजह से आप पैदा हुए या वो बाप जिसने आपकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखा है.....

में--ये क्या बकवास कर रही है नीरा...होश में रह कर मुझ से बात कर....पापा के बारे में एक शब्द भी में सुनना पसंद नही करूँगा....


नीरा--मेरी आपसे शादी करने की सबसे बड़ी. वजह. मेरे प्यार के बाद आप का बाप ही है......में बस इन भेड़ियो से आपको बचा कर रखना चाहती हूँ...


में--नीराअ .....इस से पहले मेरा हाथ तुझ पर उठ जाए...में ये भूल जाउ तू मेरी बहन है...तू यहाँ से चली जा
वरना आज तक तूने मेरा प्यार देखा है...मेरा गुस्सा तुझे जला देगा नीरा मान जा....मैने बोला ना तुझ से शादी करूँगा में...फिर क्यो पापा. का नाम ले ले कर उनको इन सब बातो का दोषी बना रही है...

नीरा--भैया में आपको शादी की दी हुई कसम से आज़ाद करती हूँ क्योकि ज़बरदस्ती में आपका जिस्म पा सकती हूँ...लेकिन आपका प्यार नही...में अच्छे से जानती हूँ जब आपको असलियत पता चलेगी आपका रिश्तो से भरोसा उठ जाएगा....प्यार क्या होता है ये आप भूल जाओगे...सब कुछ मर जाएगा लेकिन इस सच्चाई को में अपने अंदर भी नही रख सकती ये सच्चाई बिल्कुल उसी हलाहल ज़हर की तरह हे जो शिव के गले में पड़ा है...और वेसा ही हलाहल ज़हर मेरे सीने में भी भर गया है...


में--ऐसी क्या सचाई है जो सब ख़तम कर देगी....बता मुझे में भी अब सुनना चाहता हूँ लेकिन पापा के बारे में बोला गया तेरा हर एक शब्द तुझे मुझ से बहुत दूर ले जाएगा...बस ये याद रखना...



नीरा--नही भैया में आपसे कभी दूर नही हो सकती अगर में मर भी गयी तब भी आपके पास ही रहूंगी....दुनिया की कोई ताक़त मुझे आप से दूर नही रख सकती....अगर मेरे बोलने से में आप से दूर होती हूँ तो फिर ठीक है...जो खुद इस सच्चाई की सबसे बड़ी गवाह है....जो खुद एक सबसे बड़ा सच है में उसी को आपके सामने खड़ा कर दूँगी....


में--कौन्से सच की बात कर रही है तू...किसको खड़ा करेगी यहाँ गवाही देने के लिए...


नीरा--आप मम्मी के मोबाइल पर फोन करो और उन्हे यहाँ बुलाओ....


में--नीरा तू सच में पागल होगयि है....मम्मी को क्यो परेशान कर रही है...वो पहले से ही दुख में डूबी हुई है....और हम लोगो की बातो से उनको और चोट पहुचेगी...



नीरा--मम्मी नही है वो....वो औरत एक ज़हरीली नागिन है...वो डॅस लेगी आपको भी...में कहती हूँ बुलाओ उस नागिन को..


टदाआक्ककक..... एक झन्नाटेदार थप्पड़ नीरा के मासूम गालो पर पड़ता है...


में--अगर एक शब्द भी तूने और बोला...तो ये मान लेना तेरा भाई तेरे लिए हमेशा के लिए मर गया है...


नीरा की आँखे बिल्कुल सुर्ख लाल हो चली थी उनमें अब आँसू नही थे....एक निश्चय था अपने भाई को इन लोगो से बचा कर रखने का...वो पलट कर जय के रूम में से चली जाती है...और रूम से निकलने के बाद सीधा अपनी मम्मी के कमरे की तरफ़ बढ़ जाती है.....



वहाँ मम्मी बेसूध हो कर सो रही थी...

नीरा अपनी मम्मी को लगभग झींझोड़ते हुए उठती है,...


मम्मी--क्या हुआ बेटा इतनी रात को इस तरह से क्यो जगाया मुझे.....



नीरा--में कोई तेरा बेटा वेटा नही हूँ...और ना ही में तुझसे कोई बात करना चाहती हूँ...मुझे मेरे भाई की चिंता है....में बस इसीलिए तुझे बुलाने आई हूँ...चल मेरे साथ और बता अपनी काली कर्तुते अपने बेटे को...बता अपने बेटे को कि कैसे पैदा हुआ वो....चल उठ.........

नीरा लगभग मम्मी को खिचते हूर कमरे से बाहर लाई....मम्मी बिल्कुल सुन्न हो चुकी थी नीरा की इन बातो से....वो समझ नही पा रही थी...कैसे जवाब देगी वो नीरा के सवालो का....कैसे सामना कर पाएगी वो जय का...


नीरा मम्मी को लगभग धकेलते हुए जय के बेड तक पहुचा देती है....


में--नीरा ये क्या हरकत है...तू कैसे भूल गयी ये हमारी मम्मी है....


नीरा--मम्मी से....अब बोलती क्यो नही हो...जवाब दो...बताओ इसे कि कैसे पैदा हुआ ये...बताओ इस पाप में कौन कौन भागीदार था...


में--मम्मी ये क्या बकवास कर रही है....ऐसी क्या बात है जो आप इसके जानवरों जैसे व्यवहार को चुप चाप सहे जा रही हो...एक थप्पड़ क्यो नही लगा देती हो आप इसे..


मम्मी--इसमें नीरा की कोई ग़लती . है...ये मुझे ग़लत समझती है....और ये सही भी है...में ग़लत हूँ....हाँ...हाँ..में ग़लत हूँ....मैने अपने परिवार को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार किया....मैने अपने घर को बचाने के लिए वो सब किया जो मुझे नही करना चाहिए था...


में--ये क्या पहेलियाँ बुझा रही हो मम्मी...क्या बात है सॉफ सॉफ कहो..


IMG-20240519-133952

मम्मी की आँखो से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....


मम्मी--मैने तुम्हारे पापा से शादी बेहद कम उमर में कर ली थी...में उस वक़्त 11 क्लास में ही तो थी. तुम्हारे पापा जब मुझे मिले.... मुझे पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया था...और शायद वो भी मुझे प्यार करने लग गये थे....हम दोनो ने भाग कर शादी कर ली...मेरे माँ बाप नही थे बस एक मामा और मामी ने ही मुझे पाला था....

हम लोगो की शादी को 2 साल हो चुके थे जीवन में सब कुछ सही चल रहा था...तुम्हारे पापा भी अपना बिज़्नेस अच्छे से सेट करने में लगे हुए थे...

एक रात जब वो घर लौट कर आए...तब वो काफ़ी परेशान लग रहे थे....मैने जब उनसे पुछा के क्या हुआ...तब उन्होने कहा..



किशोर--संध्या हमारी सारी मेहनत खराब हो जाएगी अगर...हमारा माल मार्केट में नही बिका तो...


संध्या--ऐसा क्या हो गया है ....माल क्यो नही बिकेगा...


किशोर--मैने जो डाइमंड मँगवाए थे वो काफ़ी अच्छी क्वालिटी के है लेकिन फिर भी कोई उन्हे खरीद नही रहा...4 लोग ऐसे हैं जो नही चाहते में इस काम में उनकी बराबरी करूँ..


संध्या--लेकिन वो ऐसा क्यो कर रहे है....और दूसरा वो अगर आपका रास्ता रोक रहे है तो इसमें आपको क्या फरक पड़ता है....


किशौर--वो नही चाहते बिज़्नेस में उनका कोई कॉंपिटिटर बाज़ार में आए..और वो यहाँ के काफ़ी बड़े बिज़्नेस मॅन है...इसलिए वो हर तरह से मुझे मुंबई में बिज़्नेस स्टार्ट करने नही देना चाहते...


संध्या--आप उनके साथ एक मीटिंग फिक्स क्यो नही करते...उनलोगो से प्यार से कुछ ले दे कर इस मामले को ख़तम कर दो...


किशौर--मुझे अब ऐसा ही करना पड़ेगा...वरना हम बर्बाद हो जाएँगे...


उसके बाद किशोर एक फाइव स्टार होटेल में उन सभी को इन्वाइट करता है..किशोर के साथ में संध्या भी आई थी...और जब उन लोगो ने संध्या को उपर से नीचे तक देखा...तो एक ज़हरीली मुस्कान उन सभी के चेहरो पर आ चुकी थी...

किशोर--मैने आप सभी को इस लिए यहाँ बुलाया है कि आप मेरी इस काम में मदद करे...हम दोनो का जीवन अब आप लोगो के हाथ में है...

आहूजा--किशोर भाई कैसी बाते करते हो...भला हम आपके रास्ते में रोड़े क्यो अटकाएंगे...


कंबले--हमे तो खुशी होगी जब आप अपना बिज़्नेस अच्छे से एस्टॅब्लिश कर लेंगे...


किशोर--में भी यही चाहता हूँ...आप लोग मेरा साथ दे और मार्केट में मेरा माल जाने दे.


प्रधान--किशोर भाई साहब आप हमे दो दिन का टाइम दीजिए ताकि हम कुछ सोच विचार करके...प्यार मोहब्बत से इस मामले को निपटा सके...आख़िर हम भी चाहेंगे कि मार्केट में अच्छी क्वालिटी का माल आए...


संध्या--भाई साहब आप सभी लोगो का शुक्रिया....हम लोगो को बर्बाद होने से बस आप ही लोग बचा सकते है....

और उसके बाद हम सभी उठ जाते है ....

किशोर को कुछ बात करने के बहाने से आहूजा अपने साथ ले जाता है और कंबले प्रधान और संध्या एक दूसरी टेबल पर जाकर बैठ जाते है...


प्रधान--भाभी जी सिर्फ़ आपकी वजह से हम उसे ये काम करने दे सकते है...


संध्या--मेरी वजह से कैसे भाई साहब??

कंबले--अगर आप हम लोगो को खुश कर दें तो ये मान लीजिए आपके पति को दुनिया की कोई ताक़त मुंम्बई पर राज करने से नही रोक सकती....और हमारा क्या है भगवान की दया से हमारा बिज़्नेस लगभग सभी देसो में है...हम आपके लिए मुंम्बई जैसा छोटा सा नुकसान सह ही सकते है...


संध्या--ये आप लोग कैसी बाते कर रहे है...में वेसी औरत नही हूँ जो अपने आप को बेच दूं काम के बदले में...



प्रधान--भाभी जी ये मेरा कार्ड आप रख लीजिए जब कभी भी आपको लगे ...आप मुझे फोन कर देना...

संध्या वो कार्ड अपने पर्स में डाल कर बोलती है...

संध्या--ऐसा दिन कभी नही आएगा प्रधान साहब...लेकिन फिर भी में आपका कार्ड रख लेती हूँ...और फोन में उस दिन आपको करूँगी जब मेरे पति मुंबई पर राज कर रहे होंगे.


कांबले--हमारी बेस्ट विशस आप लोगो के साथ है भाभी जी....


उसके बाद संध्या वहाँ से उठ कर चली जाती है...


जब वो लोग घर पहुँच जाते है तो संध्या उसे वहाँ हुई सारी बाते बता देती है...किशोर ये बाते सुनकर माथा पीट लेता है अपना....


संध्या--हम लोग किसी दूसरे शहर में चलकर ये बिज़्नेस फिर से शुरू कर सकते है...


किशोर--ये उतना आसान नही है संध्या...किसी दूसरी जगह पर जाने का मतलब है फिर से शुरूवात करनी पड़ेगी...और क्या पता वहाँ भी प्रधान जैसे लोग अपना कब्जा जमाए बैठे हो...


करते करते वो दोनो सो गये थे...अगले दिन सवेरे सवेरे घर का लॅंडलाइन बजने लगता है...ये कॉल किशोर के असिस्टेंट का था... जिन्हे किशोर काका कह के बुलाता था...



काका--सर ग़ज़ब हो गया...हम लोगो ने जिन भी छोटे छोटे व्यापारियो को अपना माल दिया था उन सभी ने एक एक करके वो माल वापस भिजवा दिया है...


किशोर--काका ये सब कैसे हो गया...हमारा माल नही बिकेगा तो हम सड़क पर आजाएँगे.


काका--सर पता नही क्या होगा ये माल अब हम उस पार्टी को भी नही दे सकते जिस से हमने ये माल लिया था बड़े व्यापारी तो पहले ही हम से माल नहीं ले रहे थे और अब ये छोटे व्यापारियो ने भी माल वापस भिजवा दिया है.


ये सुनकर किशोर फोन रख कर सारी बाते संध्या को बता देता है...

संध्या--अब क्या होगा...ये लोग तो हमे बर्बाद करके ही दम लेंगे...


किशोर--में देखता हूँ...कुछ करने की कोशिश करता हूँ...

और उसके बाद किशोर नहा धो कर बाहर निकल जाता है...


संध्या भी सोच सोच कर एक फ़ैसला ले ही लेती है...वो अपने पर्स में से प्रधान का कार्ड निकालती है और उसे फोन कर देती है...


प्रधान--हेलो कौन??


संध्या--प्रधान साहब आप जीत गये...बोलिए मुझे कहाँ आना है...


और प्रधान उसे एक फार्म हाउस पर बुला लेता है...

फार्म हाउस पर प्रधान कांबले और आहूजा के अलावा उनका एक पार्ट्नर और होता है जिसका नाम दामोदर होता है...वो चारो मिलकर संध्या को हर जगह से नोचते खसोटते है...एक तरह से उसका रेप ही कर देते है...

जब वो संध्या को जाने के लिए बोलते है तो कल दुबारा आने के लिए बोल देते है...


संध्या अपने घर पहुँच कर अपने सारे कपड़े उतार कर शवर के नीचे खड़ी हो जाती है...और ज़ोर ज़ोर से रोते हुए अपने बदन से उन भेड़ियो के निशान मिटाने लग जाती है...


जब शाम को किशोर घर आता है तो वो काफ़ी खुश होता है...उन सभी छोटे व्यापारियो ने माल वापस मंगवा लिया होता है...और किशोर इसे चमत्कार मान कर मिठाई का डिब्बा अपने साथ लेकर आता है...


लेकिन जब वो घर के अंदर घुसता है तो संध्या बिल्कुल नंगी बेड पर रोती हुई मिलती है...


संध्या--सब ख़तम हो गया मेरा...कुछ नही बचा उन लोगो ने कल फिर मुझे बुलाया है.....

किशोर को समझते देर नही लगी संध्या की हालत देख कर....


किशोर--संध्या मुझे माफ़ कर देना....लेकिन तुम्हे उन लोगो को कल यहाँ बुलाना होगा .....ये आख़िरी बार है इसके बाद तुम्हे कभी भी मेरी वजह से किसी के आगे झुकना नही पड़ेगा...


संध्या--में अब मरना चाहती हूँ में अब तुमहरे लायक नही रही....



किशोर--तुम नही मरोगी संध्या मरेंगे वो लोग जिन्होने हमारे जीवन में आग लगा दी है...बस कल कल का दिन और निकाल लो...


किशोर ने पूरे घर में सीसीटीवी कॅमरास लगवा दिए थे....रात भर में ही...


किशोर--संध्या मुझे तेरी कसम है में उन सब को सड़क पर ले आउन्गा....वो तेरे सामने खुद को बख्सने की भीख माँगे गे लेकिन उन्हे वो भी नसीब नही होगी....


संध्या--मुझे कुछ नही चाहिए ....बस किसी तरह से हम लोग उनके चंगुल से निकल जाए इसके अलावा मुझे कुछ और नही चाहिए...



उसके बाद संध्या और किशोर कल के लिए प्लान करने लग जाते है...


अगले दिन संध्या प्रधान को फोन करके घर पर ही सब को बुलवा लेती है...और अपने साथ बलात्कार का वीडियो रकौर्ड़ कर लेती है...



संध्या और किशोर उस वीडियो में से संध्या का चेहरा धुँधला करके उस वीडियो को पूरे मीडीया में डाल देते है....इस से होता ये है कि दामोदर , प्रधान कांबले और आहूजा चारो पूरी तरह से बेनक़ाब हो जाते है...बाज़ार में उनकी साख पूरी तरह से मिट जाती है...इस मोके का फ़ायदा उठाते हुए किशोर पूरे मार्केट पर अपना क़ब्ज़ा जमा लेता है.

वर्तमान में
.......................................................
मम्मी--उसके बाद मैने अपनी ज़िंदगी ग़रीब बच्चो की देखबाल में लगा दी....में अपना सब कुछ खो चुकी थी...इस गम में मैने शराब भी पीनी शुरू कर दी....जब मुझ से बलात्कार हुआ मेरी उमर ज़्यादा नही थी लेकिन मेरे जिस्म में सेक्स की चींतिया रह रह कर काटने लगी....शराब के नशे में...मुझ से वो ग़लती हो गयी जो नही होनी चाहिए थी...मैने अपना संबंध राज से बना लिया...और जब तक में खुद को संभाल पाती तू मेरी कोख में तू आ चुका था....राज को बस इतना पता था कि कुछ ग़लत हुआ है लेकिन उसे ये पता नही था तू उसका ही बेटा है ये बात सिर्फ़ तेरे पापा और रूही जानते थे....रूही को इस लिए पता पड़ गया क्योकि में अधिकतर उसी के साथ डॉक्टर के पास जाया करती थी....मुझे गर्व है रूही पर उसने मेरा साथ कभी नही छोड़ा...वो हमेशा मेरे सुख और दुख में एक परच्छाई की तरह मुझ से चिपकी रही....




मेरे होश उड़ चुके थे....मुझे समझ नही आ रहा था के में क्या करूँ....ऐसा लग रहा था किसी ने मेरे शरीर से सारा खून निचोड़ लिया हो....


मम्मी--हो सके तो मुझे माफ़ करदेना जो कुछ भी हुआ...वो या तो वक़्त की मजबूरी थी या शराब के नशे में बहकते हुआ मेरा जिस्म.....मुझे माफ़ कर देना मेरे बच्चो में तुम लोगो की माँ कहलाने लायक नही हूँ...


नीरा--मम्मी मुझे माफ़ कर दो .....आपकी इन्ही कुर्बानियों की वजह से हम सभी एक अच्छा जीवन जी रहे है मम्मी मुझे माफ़ कर दो....में अब कभी आपसे कोई सवाल नही करूँगी....


में अपनी कुर्सी से बिना कुछ बोले उठ जाता हूँ...और घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठकर अंजाने रास्ते की तरफ़ बढ़ने लगता हूँ......

मेरी आँखो से आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे....और में अपनी कार तेज़ी से भगाए जा रहा था....में नही जानता था मुझे कहाँ जाना था....बस एक जुनून सा हावी हो गया था मुझ पर...में मरना चाहता था....घिंन आ रही थी अपने आप से...मानो सारे जहाँ की गंदगी मुझ पर ही आ गिरी हो....में अब वापस नही लौटना चाहता था.....

में अभी जिस रोड पर गाड़ी भगा रहा था वो एक पहाड़ी एरिया था जिसे महादेव के घाटा के नाम से जाना जाता है....पता नही कौनसी अद्भुत शक्ति ने....मुझे उन ख़तरनाक घाटियो में भी संभाले रख रखा था....घाटी क्रॉस करने के बाद मुझे एक मंदिर दिखा जो कि महादेव का काफ़ी प्राचीन मंदिर है....मैने अपनी गाड़ी साइड में लगाई और मंदिर की तरफ़ अपने कदम बढ़ा दिए....


मंदिर के बाहर ही कुछ साधु आग जला कर बैठे थे और दम भर रहे थे...

मुझे मंदिर की तरफ जाते देख एक साधु बोला...


IMG-20240519-133855

साधु--बेटा अभी महादेव के दर्शन नही कर सकते तुम इस समय मंदिर के पट बंद है...


मेरी आँखो में भरे हुए आँसू उन से छिप ना सके...


साधु--लगता है जीवन की जंग में हार कर आरहा है तू....तेरी आँखे तेरी कायरता का सबूत दे रही है...तेरा तो स्वयं महादेव भी उद्धार नही कर पाएँगे...


में--बाबा में कायर नही हूँ...लेकिन कभी कभी ज़िंदगी कायर बनने पर मजबूर कर देती है...


साधु--ज़िंदगी तुम्हे लड़ना सिखाती है...या तो जीवन के संघर्षो से डरो मत....या फिर महादेव की भक्ति में लीन हो जा...लेकिन बिना संघर्ष के तो भक्ति भी नही होती बेटा...


में--बाबा मुझे कुछ समझ में नही आ रहा में क्या करूँ...

IMG-20240519-133940

वो साधु अपनी जगह से उठता है....और मुझे एक छोटे से चबूतरे के पास ले जाता है.

साधु--ले सब से पहले इस चिलम का एक दम लगा उसके बाद अपने दिल की बात खोल कर मुझे बता...

में--बाबा में ये सब नही पीता...


साधु--में तुम्हे हमेशा पीने की सलाह नही दे रहा बस आज मेरे कहने पर एक दम लगा....और उसके बाद तेरे सारे बंद दरवाजे खुल जाएँगे....


में बाबा से वो चिलम ले कर उसे खिचने की कोशिश करता हूँ...लेकिन कुछ भी नही होता....ये देख कर साधु बोलता है...


साधु--बेटा एक माँ भी अपने बच्चे को दूध तब पिलाती है जब वो भूख के कारण संघर्ष करते हुए रोने लग जाता है....इसलिए इस चिलम का दम अगर तुझे लगाना है तो कर संघर्ष.....में देखना चाहता हूँ...तू वास्तव में वीर है या जैसा मैने सोचा कि तू कायर है....

IMG-20240517-124112

में उनकी ये बात सुनकर काफ़ी ज़ोर लगा कर उसे खिचने की कोशिश करता हूँ लेकिन इस बार मुझे खाँसी आजाती है...


साधु--एक चिलम तुझ से नही खीची जा रही तो तू कैसे इस दुनिया से लड़ेगा. कायर...


बाबा की ये बात सुनकर अचानक मुझे क्या हुआ मैने उस चिलम के 2 -3 लंबे लंबे दम अपने फेफड़ो मे भर लिए....


साधु--हाँ ये हुई ना बात आज तू सही मायनो में एक मर्द बन गया है....अब बैठ यहाँ कुछ देर और याद कर तूने क्या किया और तेरे सगो ने क्या किया...जब तक मुझे एक हवन का निर्माण करना होगा ....


में बिल्कुल स्थिर हो चुका था...दिमाग़ बिल्कुल ऐसे शांत हो गया जैसे उसमें कोई परेशानी कोई अनतर्द्वंद अब बचा नही था...एक लहर मेरे पूरे बदन में उठती हुई सी महसूस हो रही थी....में अपने आप ही बड़बड़ाते हुए साधु को जोभी मेरे साथ हुआ वो बताता चला गया.....


CONTINUE............

NEXT UPDATE SOON...........
 

R@ndom_guy

Member
390
496
63
UPDATE -5


Writer - Nidhi Agrawal




शाम को 5 बजे तीसरे की बैठक थी...उस बैठक में शहर का ऐसा कोई बड़ा आदमी नही था जो ना आया हो...

लेकिन एक शक्श ऐसा भी था जिसके यहाँ आने के बारे मे में सोच भी नही सकता था....आज बैठक में मुझे सुहानी भी दिखाई दे गयी....


पता नही एक अदृश्य सा रिश्ता हमारे बीच में जुड़ चुका था....मुझे जब भी ज़रूरत होती....वो मेरे सामने किसी ना किसी रूप में आ ही जाती थी....

बैठक ख़तम होने के बाद वहाँ आए सभी लोगो ने मुझ से विदा ली ....और तभी सुहानी भी मेरी बगल में आकर खड़ी ही गयी....


जब सब लोग चले गये तब सुहानी ने भी जाने के लिए बोला....



में--नही सुहानी अगर तुम यहाँ नही आती तो मुझे इसका कोई अफ़सोस नही होता लेकिन ....यहाँ से अगर तुम इस तरह से चली जाओगी तो शायद में खुद को माफ़ भी नही कर सकूँगा....


और मेरा एक लालच भी है तुम्हे यहाँ रोकने का....में तुम से कुछ बाते करना चाहता हूँ...शायद उन सवालो का जवाब तुम ही मुझे सही तरीके से दे सकती हो....

सुहानी ने जब मुझे इतना उलझा हुआ देखा अपने ही सवालो में तब वो चाहकर भी जा ना सकी...

मैने नीरा को बुलाया और सुहानी के रुकने का प्रबंध नीरा के रूम में ही करवा दिया...

उसके बाद चाचा मेरी तरफ़ कुछ बात करने के लिए बढ़ जाते है....



चाचा---बेटा अब हम लोग हरिद्वार के लिए निकलेंगे और 2 दिन बाद वापस आजाएँगे...


में--चाचा जी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो आप मुझे बोल सकते हो..


चाचा--अरे नही बेटा किसी चीज़ की ज़रूरत नही है मुझे...
लेकिन दीक्षा और कोमल आज पहली बार मेरे और रजनी के बिना रहेंगी...में चाहता हूँ तुम उन दोनो का ध्यान रखो...



में--चाचा जी आप कैसी बात कर रहे है....
दीक्षा और कोमल मेरे लिए रूही और नीरा की तरह ही है आप लोग बिना किसी चिंता के वहाँ जाकर आ जाओ...


चाचा--ठीक है बेटा...हम थोड़ी देर में ही निकल जाएँगे....


में--चाचा जी आप लोग मेरी कार में चले जाना ड्राइवर को साथ में लेकर....


चाचा--ठीक है बेटा तू जैसा चाहेगा वेसा ही होगा...

और थोड़ी देर बाद चाचा जी...चाची जी. और रूही तीनो हरिद्वार के लिए रवाना हो जाते है..

वो सब लोग हरिद्वार के लिए निकल गये थे,.
मेने नीरा को आवाज़ दी और उसे कॉफी बनाने के लिए बोल दिया....मेरे पास सुहानी भी आकर बैठ चुकी थी...


में--सुहानी तुम्हे यहाँ देख कर काफ़ी सुकून मिला है मुझे....मेरी हर परेशानी तुम चुटकियो में हल कर देती हो...अभी भी में एक परेशानी में उलझा हुआ हूँ....


सुहानी--ऐसी क्या परेशानी है...जो आप इतना उलझ गये हो...


में--सुहानी मेरी मम्मी चाहती है कि में मेरी भाभी से शादी कर लूँ....और मुझे ये समझ नही आ रहा है कि भाभी को जब ये बात पता चलेगी तब उनका रियेक्शन क्या होगा....


सुहानी--आपकी मम्मी ने आपसे ये शादी वाली बात कब करी थी...


में--आज ही...


सुहानी--मुझे लगता है आप पूरे के पूरे बेवकूफ़ है....



में--हाँ वो तो में हूँ नही तो तुम मेरी मदद कैसे कर पाती...



सुहानी--देखो आप के पापा और भाई की डॅत को ज़्यादा दिन नही हुए है....इस लिए भाभी से इस बारे में कोई भी बात करना पूरी तरह से ग़लत है....और मुझे समझ नही आ रहा ऐसे मोके पर आपकी मम्मी के दिमाग़ में ये शादी वाली बात आ कहाँ से गयी.... आप अब मेरी बात सुनो .....कौन आप से क्या करने को कहता है आप उस पर ध्यान मत दो...आप बस अपने दिल और दिमाग़ की आवाज़ से ही अपना काम करते जाओ...


में--तुम्हारी बात ठीक है लेकिन...में भाभी और मम्मी को इस तरह परेशान नही देख सकता....


सुहानी--आप इसमें कुछ नही कर सकते...आप उन्हे वो नही लौटा सकते जो उनसे छीन लिया गया है.....इसलिए जो हो रहा है वो होने दो सब कुछ समय के उपर छोड़ दो...क्योकि आज नही तो कल तुम्हे अपनी बात कहने का सही मोका ज़रूर मिलेगा....


उसके बाद नीरा कॉफी ले आती है ...और वो भी हमारे साथ बैठ कर कॉफी पीने लग जाती है...


नीरा--भैया क्या बाते हो रही है आप दोनो में मुझे भी तो कुछ बताओ....


में--कोई बात नही हो रही नीरा बस थोड़ा मम्मी की एक बात पर परेशान हो गया था...


नीरा--कौनसी बात भैया ऐसा क्या कह दिया आपसे मम्मी ने जो आप इतना परेशान हो गये...


में--मम्मी का कहना है कि मुझे भाभी से शादी कर लेनी चाहिए...


ये बात सुनते ही नीरा के होश उड़ जाते है लेकिन वो खुद को काबू में रख कर कहती है...


नीरा--भैया इसमें इतने चिंता करने वाली बात कौनसी है....पहली बात तो ये कि आप दोनो की शादी कोई बच्चो का खेल तो है नही...जो मम्मी ने बोल दिया और शादी हो गयी...

ये बात आपको और भाभी को तैय करनी है...और इसके लिए अभी काफ़ी समय का इंतजार करना होगा....क्योकि भाभी का फ़ैसला सिर्फ़ समय ही कर सकता है....


सुहानी नीरा की इस बात पर मुस्कुराए बिना नही रह सकी..,


सुहानी--सर आगे से आप नीरा जी को ही अपनी उलझने बता देना...क्योकि ये आप के दिल के हालात बहुत अच्छे से समझती है...


तभी नीरा उठ कर किचन की तरफ़ चली जाती है...और रोते हुए खुद से ही बात करने लगती है...उसे अपने दिल में सब कुछ टूटता हुआ महसूस हो रहा था...लेकिन वो किसी से कुछ कह भी नही सकती थी...प्यार जो करती थी जय से......!!!

रात हो चुकी थी और सुहानी ने मुझ से जाने की पर्मिशन माँगी और फिर में जाकर उसे एरपोर्ट तक छोड़ आया...जब में घर वापस आ रहा था तब रास्ते में से मैने एक शराब की बोतल भी ले ली थी...

जब घर पहुचा तो देखा नीरा कोमल और दीक्षा एक ही रूम में है ....और शायद भाभी और मम्मी सो चुके थे खाना खा कर...


में अपने रूम में चला गया और किचन में से कुछ स्नॅक्स ले कर मेरे रूम में आ गया उसके बाद मैने वो बोतल ओपन करी और धीरे धीरे सीप करता हुआ ड्रिंक करने लगा...


तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई....


मैने जैसे ही जाकर दरवाजा खोला तो सामने भाभी खड़ी थी उनका चेहरा बिल्कुल बुझा हुआ...आँखे रो रो कर सूज चुकी थी...


में--भाभी क्या हुआ....कुछ चाहिए क्या मुझ से...,



भाभी--जय क्या में थोड़ी देर तुम्हारे साथ बैठ सकती हूँ अगर तुम बुरा ना मानो तो...



में --हाँ भाभी क्यो नही....मुझे भी नींद नही आ रही थी...


उसके बाद में दरवाजे से हट गया और भाभी सीधा मेरे रूम के बेड पर जाकर बैठ गयी मैने दरवाजा बंद किया लेकिन लॉक नही किया और वापस बेड के पास एक चेयर पर बैठ गया...



भाभी--जय तुमने शराब पी है???



में--हाँ भाभी जब से ये सब कुछ हुआ है तब से मुझे से रहा ही नही जाता...



भाभी--क्या मुझे भी थोड़ी सी दे सकते हो...



में--लेकिन भाभी....आप कैसे पियोगी इसे....आपने तो कभी पी भी नही होगी...



भाभी--आज मेरा मन बहुत घबरा रहा है....कुछ भी अच्छा नही लग रहा प्ल्ज़ मुझे एक ड्रिंक दे दो...


भाभी को इस तरह परेशान होता देख मेने अपने बेड के नीचे से वो सारा समान निकाल लिया जो भाभी के अंदर आने से पहले में बेड के नीचे सरका चुका था...


में किचन से जाकर भाभी के लिए एक ग्लास और ले आया और उनको उस ग्लास में ड्रिंक बना कर दे दिया...


भाभी--तुम सुबह मुझ से नाराज़ तो नही होगये थे ना...


में--नही भाभी में आपसे भला क्यो नाराज़ होने लगा...


भाभी--मुझे लगा शायद तुम मेरी उस नियत खराब वाली बात पर नाराज़ हो गये होगे...



में--नही भाभी ऐसी कोई बात नही है आप परेशान मत होइए....जब मैने ऐसा कुछ कहना चाहा ही नही था तो फिर में आपके गुस्से से नाराज़ क्यो हो जाउन्गा...



भाभी--जय मुझ से कभी भी नाराज़ मत होना...मेरा इस दुनिया में तुम सब के अलावा कोई नही है...मुझे माफ़ कर देना अगर में गुस्से में आकर कुछ बोल दूं तो...


में--अरे नही भाभी आप कैसी बाते कर रही है....में कभी नाराज़ नही हो सकता आपसे ....


उसके बाद हम दोनो ने एक एक ड्रिंक और लिया फिर भाभी जाने के लिए खड़ी हो गयी...


भाभी--अच्छा जय में अब जा रही हूँ....तू भी अब ज़्यादा मत पीना और खाना खा लेना.



में--भाभी भूक मर गयी है मेरी...कुछ समझ नही आता क्या करूँ...एक तरफ मम्मी का दुख मुझ से सहा नही जा रहा दूसरी तरफ़ आप को इस तरह तिल तिल करता मरते देख रहा हूँ...ये शराब में बस बेहोश होने के लिए पीता हूँ...


मेरी ये बात सुनकर भाभी ने मुझे कस कर गले से लगा लिया....और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी....



IMG-20240516-154435

भाभी--तुझे मेरे दर्द से इतनी तकलीफ़ होगी ये मैने कभी सोचा भी नही था...मुझे माफ़ कर दे जय मुझे माफ़ कर दे...


तभी अचानक...................

तभी अचानक मेरे रूम का दरवाजा खुल जाता है...नीरा अपने साथ मेरे लिए खाना लाई थी...

जब वो हम दोनो को इस तरह से गले लगे हुए देखती है...और बेड पर शराब की बोतल और 2 ग्लास देख कर वो बस इतना ही बोलती है...


नीरा--भैया खाना खा लेना नही तो ठंडा हो जाएगा....


वो हम दोनो से नज़रे नही मिला रही थी वो चुपचाप खाना वही बेड पर रख कर चली जाती है....

नीरा के जाने के बाद भाभी भी चली गयी थी....लेकिन नीरा ने मुझे जिस तरह से देखा था वो तीर सीधा मेरे सीने में उतर गया था...पता नही क्यो लेकिन ये अहसास हुआ कि कुछ तो ग़लत हुआ है....उसके बाद मैने अपने सिर को झटक के वो बात अपने दिल और दिमाग़ से निकाल दी...


मैने फिर से एक ग्लास में शराब भर ली और उसे पीने लग गया....

अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक से में चोंक जाता हूँ...उठ कर दरवाजा खोलने के बाद मुझे नीरा दरवाजे के बाहर खड़ी हुई मिलती है...


नीरा--आप से बात करनी है....मुझे अंदर आने दो....


में--तुझे किसने रोक रखा है जो मुझ से पर्मिशन माँग रही है अंदर आने की...


उसके बाद नीरा सीधा चल कर मेरे बेड के पास आकर बैठ जाती है...


में--बोल क्या बात करनी है...


नीरा--पहले आप मेरी कसम खाओ जो बात में कहूँगी वो आप मानोगे..,


में--ये कैसी बच्चो वाली बात कर रही है तू...में तेरी हर बात वैसे ही मान लेता हूँ...इसमें कसम देने वाली बात कहाँ से आ गयी...


नीरा--कसम तो आपको खानी ही होगी...जो बात में कहना चाहती हूँ मेरे जीवन और मरण के बराबर है...


में--ऐसी क्या बात है नीरा...तू बोल तो सही तू जो बोलेगी में वो मान लूँगा...


नीरा--आप पहले कसम खाओ..,.उसके बाद ही में अपनी बात कहूँगी....


में--नही....में ऐसी कोई कसम नही खा सकता...नीरा क्यो मज़ाक कर रही है....


नीरा--आपको मेरी बात मज़ाक लग रही है तो फिर...में क्या हूँ आपके लिए..में मज़ाक नही कर रही...बोलो अब आप कसम खा रहे हो या नही....


में सोच में पड़ जाता हूँ....कहीं मम्मी की तरह ये भी तो कुछ ऐसा ही कहने तो नही आई है ना...लेकिन ऐसी क्या बात हो सकती है जिस वजह से ये मुझ से कसम खिलवा. रही है...


नीरा--किस सोच में पड़ गये ...कसम तो आपको खानी ही पड़ेगी....



में--अच्छा थोड़ा तो हिंट दे दे ये किस बारे में है....

नीरा--आप इतना क्या सोच रहे हो अगर आप मेरी जान भी माँग लो तो में हँसते हँसते आप पर कुर्बान हो जाउन्गि...लेकिन आप इतनी देर से एक कसम भी.. नही खा पा रहे हो.....

में--क्या तुझे अपने भाई पर यकीन नही है... जो तू मुझे कसम खिलाकर ही अपनी बात मनवा सकती है...


नीरा--मुझे आप पर पूरा यकीन है...लेकिन अपने आप पर से में अपना यकीन खोती जा रही हूँ....इसीलिए में आपको कसम खाने के लिए बोल रही हूँ....अगर कोई चीज़ मुझे चाहिए होती तो मेरे बोलने से पहले ही आप उसे मेरी आँखो के सामने रख चुके होते...लेकिन ये बात कहना, ना मेरे लिए आसान है और ना आपके लिए इसे कर पाना...


में--अगर ये बात इतनी ही ज़रूरी है तो फिर ठीक है....



अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक ने दोनो के बीच चल रही इस बात पर विराम लगा दिया...नीरा ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा वहाँ दीक्षा खड़ी थी...


32582005-008-03c6

दीक्षा--सॉरी मैने आप लोगो को डिस्टर्ब तो नही किया....


नीरा--नही नही दी ऐसी कोई बात नही है आप अंदर आ जाओ...



नीरा का चेहरा बिल्कुल उतर गया था लेकिन अपने चेहरे पर उसने ये ज़्यादा देर रहने नही दिया...


दीक्षा ने एक नाइटी पहन रखी थी जो कि काफ़ी. लंबी थी और ढीली भी उसकी स्लीवस में से उसकी वाइट ब्रा भी दिखाई दे रही थी...


दीक्षा--बेड पर लेट ते हुए.....मुझे वहाँ नींद नही आ रही थी इसलिए मुझे लगा आप लोगो के साथ बैठ कर थोड़ी देर में भी बाते कर लूँ...


दीक्षा कमर के बल लेटी हुई थी और उसने अपना एक हाथ अपने सिर के पीछे रख दिया था जिस से उसके अंडर आर्म्स के बड़े बड़े बाल नुमाया हो गये थे...दीक्षा को इस तरह लेटे देख कर नीरा को गुस्सा आ गया लेकिन अपने गुस्से पर काबू करते हुए...


35564332-015-1d2d

नीरा--दीदी सुबह अंडर आर्म क्लीन कर लेना में रिमूवर दे दूँगी आपको...

3855094-15


दीक्षा इस बात पर बुरी तरह झेंप गयी...और बात बदल कर...


दीक्षा--ये शराब की स्मेल कहाँ से आ रही है...


नीरा--मेरे भैया शराब पीते है...क्यो आपको भी पीनी है...


दीक्षा अब उठ के बैठ चुकी थी...लेकिन नीरा के इस तरह के बर्ताव की वजह से थोड़ी शर्मिंदा भी हो रही थी...


दीक्षा--नीरा तुम रूम में कब तक आओगी....



नीरा--में थोड़ी ही देर में आती हूँ रूम में...आपने दूध पी लिया क्या...



दीक्षा--नही में वही लेने जा रही हूँ...ठीक है गुड नाइट जय भैया अब सुबह मिलेंगे...


फिर मैने भी गुड नाइट कहा और उसके जाते ही अपनी साँस छोड़ते हुए नीरा से कहा ...


में--अब तू भी जा और सो जा...


नीरा--मेरी बात अभी पूरी नही हुई है...लेकिन में रात को फिर आउन्गि...लेकिन इस बार अपनी बात मनवा कर ही जाउन्गि...

उसके बाद नीरा अपने रूम में चली जाती है और में फिर से अपने बेड के नीचे से वो शराब की बोतल निकाल कर अपना ग्लास भरने लग जाता हूँ...

उधर नीरा के रूम में...



दीक्षा--सॉरी नीरा मुझे पता है तुम किस बात पर नाराज़ हो गयी...


नीरा--दी में आपसे नाराज़ हो ही नही सकती हूँ लेकिन आपका इस तरह अपने अंडर आर्म्स को शो करना मुझे अच्छा नही लगा...


दीक्षा--हाँ यार नीरा मुझ से ग़लती हो गयी है पता नही भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे...


नीरा--वो कुछ नही सोचेंगे अगर उन्होने तुम्हारी अंडर आर्म्स की तरफ देख भी लिया होगा तो वो अपनी नज़रे हटा चुके होंगे वहाँ से...आप इस बात से परेशान मत रहो और सुबह में आपको रिमूवर दूँगी जिस से आप अपने हेर रिमूव कर लेना...


दीक्षा--हाँ यार मुझे देना मैने आज तक रिमूवर यूज़ नही किया...में भी स्लीवलेस पहनना चाहती हूँ लेकिन इन बालो की वजह से शर्म आती थी...


नीरा--कोई बात नही...में कल आपको रिमूवर दे दूँगी और रूही दीदी की कुछ स्लीवलेशस ड्रेसस भी...अब आप आराम कर लो थोड़ी देर....क्योकि मुझे अभी वापस जाना है भैया के पास कुछ ज़रूरी बात करने...


दीक्षा--ऐसी क्या बात आ गयी...जो तुम्हे इस समय ही करनी है...



नीरा--कुछ बाते समय नही देखा करती...उन्हे जितना जल्दी हो सके कर लेना चाहिए..वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी...काल करे सो आज कर... आज करे सो अब...पल में प्रलय होवेगी..... जदे करेगा कद.....


और इसी के साथ हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से गले मिलते है और गुड नाइट बोलकर सोने लगते है...लेकिन नीरा को आज नही सोना था....वो बस सही समय का इंतजार कर रही थी .......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रात के 1.30 बज रहे थे...तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है....

में अपनी ड्रिंक ले चुका था और बस खाना खाकर उठने ही वाला था...मैने उठ कर दरवाजा खोला तो सामने नीरा खड़ी थी अपने चिरपरिचित अंदाज में...

वो अपनो आँखे बड़ी बड़ी करके बस मुझे देखे ही जा रही थी....


में--तू सोई नही अभी तक...


नीरा--जब तक ये बात में आपसे कर ना लूँ, तब तक ना में सो सकती हूँ ना में कुछ खा सकती हूँ...
मैने आज शाम से कुछ भी नही खाया है...सिर्फ़ आपको वो बात कहनी थी इसलिए


में--तू पागल तो नही हो गयी है....खाना क्यो नही खाया तूने...


नीरा...खाने को गोली मारो और सबसे पहले आप मेरी कसम खाओ और जो भी में बात बोलूँगी वो आप मानोगे...


में--ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है, तू अपनी बात ख़तम होने के बाद मेरे हाथो से खाना खाएगी उसके बाद में तुझे जवाब दूँगा....और तुझ से सवाल भी पूछूँगा


नीरा--ठीक है अब कसम खाओ मेरी...



में--तेरी कसम नीरा जो तू कहेगी में वो मानूँगा...तेरी कसम.....बस अब बोल क्या बात है.

नीरा ने अपनी आँखे अब बंद कर ली थी और अपनी दिल की बढ़ती हुई धड़कानों पर काबू करने की कोशिश करते हुए कहती है....


नीरा--भैया आप मुझ से शादी कर लो....में आपसे अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ...में आपके बिना एक पल भी नही रह सकती....मुझे बचा लो भैया मुझ से शादी कर लो...मेने अपनी हर साँस आपके नाम कर दी है....मुझ से शादी कर लो भैया मुझ से शादी कर लो.....

नीरा अपनी पूरी बात एक ही साँस में कह जाती है और में लगातार उसकी इन बातो को अपने सीने मे चुभता हुआ महसूस कर रहा था...

ऐसा लग रहा था जैसे मेरे कानो में किसी ने पिघला हुआ सीसा उडेल दिया हो. ....


वो अब लगातार मेरी तरफ़ देखे जा रही थी अपने जवाब के इंतजार में....


में--अब किचन में से खाना ले आ उसके बाद तेरी हर बात का जवाब भी दूँगा और सवाल भी करूँगा...


नीरा उठ कर अपने लिए खाना ले आई ....और में उसकी आँखो में देखता हुआ उसे खाना खिला रहा था....उसकी आँखे आँसुओ से भर गयी थी ना जाने कौनसा बाँध बना रखा था नीरा ने अपनी आँखो में जो उसके आँसुओ को बहने से रोक रहा था...

में नीरा की बात में ही उलझा हुआ था कि आख़िर उसने ऐसा क्यों कहा...वो मेरी बहन है कैसे उसके मन में मेरे लिए ये ग़लत ख्याल आ गये...कुछ समझ नही आ रहा था में फस चुका था आख़िर कसम जो खाई थी मैने...

जिसे में अपनी जान से भी ज़्यादा चाहता था उसने मुझे एक दौराहे पर ला कर पटक दिया....अगर में कसम तोड़ता हूँ तो कसम के साथ उसका दिल भी टूट जाएगा...और अगर में ये कसम मान लेता हूँ तो मेरी आत्मा मर जाएगी...दोनो ही सुरतों में मेरा ही हाल बुरा होना तैय है....

खाना ख़तम हो चुका था और मेरा हाथ बिना नीवाले के ही नीरा के मुँह के सामने था और नीरा की आँखो का वो बाँध कब का टूट चुका था वो लगातार रोए जा रही थी....और में अपनी सोच के समंदर में डूबे जा रहा था...डूबे जा रहा था...गहरा और गहरा...


नीरा--भैया.....भैया....प्ल्ज़ कुछ बोलो भैया...भैय्ाआअ

उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर जोरदार झटका दिया जिस से में समुंदर की गहराई से वापस लौट आया...


में--क.क क्या हुआअ...


नीरा-- कहाँ खो गये थे...



मैने उसे कोई जवाब नही दिया और उठ कर हाथ धोने चला गया...
में हाथ धोकर आते ही उस से पूछ बैठा..


IMG-20240519-133928

में--तो तुझे मुझ से शादी करनी है... और अब मैने कसम खा ली है तो इसका मतलब दुनिया की कोई ताक़त तेरी और मेरी शादी को नही रोक सकती....लेकिन तू मुझे एक बात बता तेरे मन में ये शादी का ख्याल आया कहाँ से ...मैने हमेशा तुझ से और रूही से एक डिस्टेन्स मेन्न्टेन रखा है...तू सोच आज पापा की आत्मा कितनी दुखी हुई होगी...उनके अपने ही बच्चे आपस में शादी कर रहे है...उनको मरे हुए दिन ही कितने हुए है....और तेरा ये सवाल...


नीरा--आप भी तो भाभी से शादी कर के उन्हे खुश रखना चाहते हो ना....लेकिन वो भी तो आपको भाई मानती है...फिर कैसे आप उन से शादी के लिए रेडी होगये...और कौन्से पापा की बात कर रहे हो आप...वो बाप जिसकी वजह से आप पैदा हुए या वो बाप जिसने आपकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखा है.....

में--ये क्या बकवास कर रही है नीरा...होश में रह कर मुझ से बात कर....पापा के बारे में एक शब्द भी में सुनना पसंद नही करूँगा....


नीरा--मेरी आपसे शादी करने की सबसे बड़ी. वजह. मेरे प्यार के बाद आप का बाप ही है......में बस इन भेड़ियो से आपको बचा कर रखना चाहती हूँ...


में--नीराअ .....इस से पहले मेरा हाथ तुझ पर उठ जाए...में ये भूल जाउ तू मेरी बहन है...तू यहाँ से चली जा
वरना आज तक तूने मेरा प्यार देखा है...मेरा गुस्सा तुझे जला देगा नीरा मान जा....मैने बोला ना तुझ से शादी करूँगा में...फिर क्यो पापा. का नाम ले ले कर उनको इन सब बातो का दोषी बना रही है...

नीरा--भैया में आपको शादी की दी हुई कसम से आज़ाद करती हूँ क्योकि ज़बरदस्ती में आपका जिस्म पा सकती हूँ...लेकिन आपका प्यार नही...में अच्छे से जानती हूँ जब आपको असलियत पता चलेगी आपका रिश्तो से भरोसा उठ जाएगा....प्यार क्या होता है ये आप भूल जाओगे...सब कुछ मर जाएगा लेकिन इस सच्चाई को में अपने अंदर भी नही रख सकती ये सच्चाई बिल्कुल उसी हलाहल ज़हर की तरह हे जो शिव के गले में पड़ा है...और वेसा ही हलाहल ज़हर मेरे सीने में भी भर गया है...


में--ऐसी क्या सचाई है जो सब ख़तम कर देगी....बता मुझे में भी अब सुनना चाहता हूँ लेकिन पापा के बारे में बोला गया तेरा हर एक शब्द तुझे मुझ से बहुत दूर ले जाएगा...बस ये याद रखना...



नीरा--नही भैया में आपसे कभी दूर नही हो सकती अगर में मर भी गयी तब भी आपके पास ही रहूंगी....दुनिया की कोई ताक़त मुझे आप से दूर नही रख सकती....अगर मेरे बोलने से में आप से दूर होती हूँ तो फिर ठीक है...जो खुद इस सच्चाई की सबसे बड़ी गवाह है....जो खुद एक सबसे बड़ा सच है में उसी को आपके सामने खड़ा कर दूँगी....


में--कौन्से सच की बात कर रही है तू...किसको खड़ा करेगी यहाँ गवाही देने के लिए...


नीरा--आप मम्मी के मोबाइल पर फोन करो और उन्हे यहाँ बुलाओ....


में--नीरा तू सच में पागल होगयि है....मम्मी को क्यो परेशान कर रही है...वो पहले से ही दुख में डूबी हुई है....और हम लोगो की बातो से उनको और चोट पहुचेगी...



नीरा--मम्मी नही है वो....वो औरत एक ज़हरीली नागिन है...वो डॅस लेगी आपको भी...में कहती हूँ बुलाओ उस नागिन को..


टदाआक्ककक..... एक झन्नाटेदार थप्पड़ नीरा के मासूम गालो पर पड़ता है...


में--अगर एक शब्द भी तूने और बोला...तो ये मान लेना तेरा भाई तेरे लिए हमेशा के लिए मर गया है...


नीरा की आँखे बिल्कुल सुर्ख लाल हो चली थी उनमें अब आँसू नही थे....एक निश्चय था अपने भाई को इन लोगो से बचा कर रखने का...वो पलट कर जय के रूम में से चली जाती है...और रूम से निकलने के बाद सीधा अपनी मम्मी के कमरे की तरफ़ बढ़ जाती है.....



वहाँ मम्मी बेसूध हो कर सो रही थी...

नीरा अपनी मम्मी को लगभग झींझोड़ते हुए उठती है,...


मम्मी--क्या हुआ बेटा इतनी रात को इस तरह से क्यो जगाया मुझे.....



नीरा--में कोई तेरा बेटा वेटा नही हूँ...और ना ही में तुझसे कोई बात करना चाहती हूँ...मुझे मेरे भाई की चिंता है....में बस इसीलिए तुझे बुलाने आई हूँ...चल मेरे साथ और बता अपनी काली कर्तुते अपने बेटे को...बता अपने बेटे को कि कैसे पैदा हुआ वो....चल उठ.........

नीरा लगभग मम्मी को खिचते हूर कमरे से बाहर लाई....मम्मी बिल्कुल सुन्न हो चुकी थी नीरा की इन बातो से....वो समझ नही पा रही थी...कैसे जवाब देगी वो नीरा के सवालो का....कैसे सामना कर पाएगी वो जय का...


नीरा मम्मी को लगभग धकेलते हुए जय के बेड तक पहुचा देती है....


में--नीरा ये क्या हरकत है...तू कैसे भूल गयी ये हमारी मम्मी है....


नीरा--मम्मी से....अब बोलती क्यो नही हो...जवाब दो...बताओ इसे कि कैसे पैदा हुआ ये...बताओ इस पाप में कौन कौन भागीदार था...


में--मम्मी ये क्या बकवास कर रही है....ऐसी क्या बात है जो आप इसके जानवरों जैसे व्यवहार को चुप चाप सहे जा रही हो...एक थप्पड़ क्यो नही लगा देती हो आप इसे..


मम्मी--इसमें नीरा की कोई ग़लती . है...ये मुझे ग़लत समझती है....और ये सही भी है...में ग़लत हूँ....हाँ...हाँ..में ग़लत हूँ....मैने अपने परिवार को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार किया....मैने अपने घर को बचाने के लिए वो सब किया जो मुझे नही करना चाहिए था...


में--ये क्या पहेलियाँ बुझा रही हो मम्मी...क्या बात है सॉफ सॉफ कहो..


IMG-20240519-133952

मम्मी की आँखो से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....


मम्मी--मैने तुम्हारे पापा से शादी बेहद कम उमर में कर ली थी...में उस वक़्त 11 क्लास में ही तो थी. तुम्हारे पापा जब मुझे मिले.... मुझे पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया था...और शायद वो भी मुझे प्यार करने लग गये थे....हम दोनो ने भाग कर शादी कर ली...मेरे माँ बाप नही थे बस एक मामा और मामी ने ही मुझे पाला था....

हम लोगो की शादी को 2 साल हो चुके थे जीवन में सब कुछ सही चल रहा था...तुम्हारे पापा भी अपना बिज़्नेस अच्छे से सेट करने में लगे हुए थे...

एक रात जब वो घर लौट कर आए...तब वो काफ़ी परेशान लग रहे थे....मैने जब उनसे पुछा के क्या हुआ...तब उन्होने कहा..



किशोर--संध्या हमारी सारी मेहनत खराब हो जाएगी अगर...हमारा माल मार्केट में नही बिका तो...


संध्या--ऐसा क्या हो गया है ....माल क्यो नही बिकेगा...


किशोर--मैने जो डाइमंड मँगवाए थे वो काफ़ी अच्छी क्वालिटी के है लेकिन फिर भी कोई उन्हे खरीद नही रहा...4 लोग ऐसे हैं जो नही चाहते में इस काम में उनकी बराबरी करूँ..


संध्या--लेकिन वो ऐसा क्यो कर रहे है....और दूसरा वो अगर आपका रास्ता रोक रहे है तो इसमें आपको क्या फरक पड़ता है....


किशौर--वो नही चाहते बिज़्नेस में उनका कोई कॉंपिटिटर बाज़ार में आए..और वो यहाँ के काफ़ी बड़े बिज़्नेस मॅन है...इसलिए वो हर तरह से मुझे मुंबई में बिज़्नेस स्टार्ट करने नही देना चाहते...


संध्या--आप उनके साथ एक मीटिंग फिक्स क्यो नही करते...उनलोगो से प्यार से कुछ ले दे कर इस मामले को ख़तम कर दो...


किशौर--मुझे अब ऐसा ही करना पड़ेगा...वरना हम बर्बाद हो जाएँगे...


उसके बाद किशोर एक फाइव स्टार होटेल में उन सभी को इन्वाइट करता है..किशोर के साथ में संध्या भी आई थी...और जब उन लोगो ने संध्या को उपर से नीचे तक देखा...तो एक ज़हरीली मुस्कान उन सभी के चेहरो पर आ चुकी थी...

किशोर--मैने आप सभी को इस लिए यहाँ बुलाया है कि आप मेरी इस काम में मदद करे...हम दोनो का जीवन अब आप लोगो के हाथ में है...

आहूजा--किशोर भाई कैसी बाते करते हो...भला हम आपके रास्ते में रोड़े क्यो अटकाएंगे...


कंबले--हमे तो खुशी होगी जब आप अपना बिज़्नेस अच्छे से एस्टॅब्लिश कर लेंगे...


किशोर--में भी यही चाहता हूँ...आप लोग मेरा साथ दे और मार्केट में मेरा माल जाने दे.


प्रधान--किशोर भाई साहब आप हमे दो दिन का टाइम दीजिए ताकि हम कुछ सोच विचार करके...प्यार मोहब्बत से इस मामले को निपटा सके...आख़िर हम भी चाहेंगे कि मार्केट में अच्छी क्वालिटी का माल आए...


संध्या--भाई साहब आप सभी लोगो का शुक्रिया....हम लोगो को बर्बाद होने से बस आप ही लोग बचा सकते है....

और उसके बाद हम सभी उठ जाते है ....

किशोर को कुछ बात करने के बहाने से आहूजा अपने साथ ले जाता है और कंबले प्रधान और संध्या एक दूसरी टेबल पर जाकर बैठ जाते है...


प्रधान--भाभी जी सिर्फ़ आपकी वजह से हम उसे ये काम करने दे सकते है...


संध्या--मेरी वजह से कैसे भाई साहब??

कंबले--अगर आप हम लोगो को खुश कर दें तो ये मान लीजिए आपके पति को दुनिया की कोई ताक़त मुंम्बई पर राज करने से नही रोक सकती....और हमारा क्या है भगवान की दया से हमारा बिज़्नेस लगभग सभी देसो में है...हम आपके लिए मुंम्बई जैसा छोटा सा नुकसान सह ही सकते है...


संध्या--ये आप लोग कैसी बाते कर रहे है...में वेसी औरत नही हूँ जो अपने आप को बेच दूं काम के बदले में...



प्रधान--भाभी जी ये मेरा कार्ड आप रख लीजिए जब कभी भी आपको लगे ...आप मुझे फोन कर देना...

संध्या वो कार्ड अपने पर्स में डाल कर बोलती है...

संध्या--ऐसा दिन कभी नही आएगा प्रधान साहब...लेकिन फिर भी में आपका कार्ड रख लेती हूँ...और फोन में उस दिन आपको करूँगी जब मेरे पति मुंबई पर राज कर रहे होंगे.


कांबले--हमारी बेस्ट विशस आप लोगो के साथ है भाभी जी....


उसके बाद संध्या वहाँ से उठ कर चली जाती है...


जब वो लोग घर पहुँच जाते है तो संध्या उसे वहाँ हुई सारी बाते बता देती है...किशोर ये बाते सुनकर माथा पीट लेता है अपना....


संध्या--हम लोग किसी दूसरे शहर में चलकर ये बिज़्नेस फिर से शुरू कर सकते है...


किशोर--ये उतना आसान नही है संध्या...किसी दूसरी जगह पर जाने का मतलब है फिर से शुरूवात करनी पड़ेगी...और क्या पता वहाँ भी प्रधान जैसे लोग अपना कब्जा जमाए बैठे हो...


करते करते वो दोनो सो गये थे...अगले दिन सवेरे सवेरे घर का लॅंडलाइन बजने लगता है...ये कॉल किशोर के असिस्टेंट का था... जिन्हे किशोर काका कह के बुलाता था...



काका--सर ग़ज़ब हो गया...हम लोगो ने जिन भी छोटे छोटे व्यापारियो को अपना माल दिया था उन सभी ने एक एक करके वो माल वापस भिजवा दिया है...


किशोर--काका ये सब कैसे हो गया...हमारा माल नही बिकेगा तो हम सड़क पर आजाएँगे.


काका--सर पता नही क्या होगा ये माल अब हम उस पार्टी को भी नही दे सकते जिस से हमने ये माल लिया था बड़े व्यापारी तो पहले ही हम से माल नहीं ले रहे थे और अब ये छोटे व्यापारियो ने भी माल वापस भिजवा दिया है.


ये सुनकर किशोर फोन रख कर सारी बाते संध्या को बता देता है...

संध्या--अब क्या होगा...ये लोग तो हमे बर्बाद करके ही दम लेंगे...


किशोर--में देखता हूँ...कुछ करने की कोशिश करता हूँ...

और उसके बाद किशोर नहा धो कर बाहर निकल जाता है...


संध्या भी सोच सोच कर एक फ़ैसला ले ही लेती है...वो अपने पर्स में से प्रधान का कार्ड निकालती है और उसे फोन कर देती है...


प्रधान--हेलो कौन??


संध्या--प्रधान साहब आप जीत गये...बोलिए मुझे कहाँ आना है...


और प्रधान उसे एक फार्म हाउस पर बुला लेता है...

फार्म हाउस पर प्रधान कांबले और आहूजा के अलावा उनका एक पार्ट्नर और होता है जिसका नाम दामोदर होता है...वो चारो मिलकर संध्या को हर जगह से नोचते खसोटते है...एक तरह से उसका रेप ही कर देते है...

जब वो संध्या को जाने के लिए बोलते है तो कल दुबारा आने के लिए बोल देते है...


संध्या अपने घर पहुँच कर अपने सारे कपड़े उतार कर शवर के नीचे खड़ी हो जाती है...और ज़ोर ज़ोर से रोते हुए अपने बदन से उन भेड़ियो के निशान मिटाने लग जाती है...


जब शाम को किशोर घर आता है तो वो काफ़ी खुश होता है...उन सभी छोटे व्यापारियो ने माल वापस मंगवा लिया होता है...और किशोर इसे चमत्कार मान कर मिठाई का डिब्बा अपने साथ लेकर आता है...


लेकिन जब वो घर के अंदर घुसता है तो संध्या बिल्कुल नंगी बेड पर रोती हुई मिलती है...


संध्या--सब ख़तम हो गया मेरा...कुछ नही बचा उन लोगो ने कल फिर मुझे बुलाया है.....

किशोर को समझते देर नही लगी संध्या की हालत देख कर....


किशोर--संध्या मुझे माफ़ कर देना....लेकिन तुम्हे उन लोगो को कल यहाँ बुलाना होगा .....ये आख़िरी बार है इसके बाद तुम्हे कभी भी मेरी वजह से किसी के आगे झुकना नही पड़ेगा...


संध्या--में अब मरना चाहती हूँ में अब तुमहरे लायक नही रही....



किशोर--तुम नही मरोगी संध्या मरेंगे वो लोग जिन्होने हमारे जीवन में आग लगा दी है...बस कल कल का दिन और निकाल लो...


किशोर ने पूरे घर में सीसीटीवी कॅमरास लगवा दिए थे....रात भर में ही...


किशोर--संध्या मुझे तेरी कसम है में उन सब को सड़क पर ले आउन्गा....वो तेरे सामने खुद को बख्सने की भीख माँगे गे लेकिन उन्हे वो भी नसीब नही होगी....


संध्या--मुझे कुछ नही चाहिए ....बस किसी तरह से हम लोग उनके चंगुल से निकल जाए इसके अलावा मुझे कुछ और नही चाहिए...



उसके बाद संध्या और किशोर कल के लिए प्लान करने लग जाते है...


अगले दिन संध्या प्रधान को फोन करके घर पर ही सब को बुलवा लेती है...और अपने साथ बलात्कार का वीडियो रकौर्ड़ कर लेती है...



संध्या और किशोर उस वीडियो में से संध्या का चेहरा धुँधला करके उस वीडियो को पूरे मीडीया में डाल देते है....इस से होता ये है कि दामोदर , प्रधान कांबले और आहूजा चारो पूरी तरह से बेनक़ाब हो जाते है...बाज़ार में उनकी साख पूरी तरह से मिट जाती है...इस मोके का फ़ायदा उठाते हुए किशोर पूरे मार्केट पर अपना क़ब्ज़ा जमा लेता है.

वर्तमान में
.......................................................
मम्मी--उसके बाद मैने अपनी ज़िंदगी ग़रीब बच्चो की देखबाल में लगा दी....में अपना सब कुछ खो चुकी थी...इस गम में मैने शराब भी पीनी शुरू कर दी....जब मुझ से बलात्कार हुआ मेरी उमर ज़्यादा नही थी लेकिन मेरे जिस्म में सेक्स की चींतिया रह रह कर काटने लगी....शराब के नशे में...मुझ से वो ग़लती हो गयी जो नही होनी चाहिए थी...मैने अपना संबंध राज से बना लिया...और जब तक में खुद को संभाल पाती तू मेरी कोख में तू आ चुका था....राज को बस इतना पता था कि कुछ ग़लत हुआ है लेकिन उसे ये पता नही था तू उसका ही बेटा है ये बात सिर्फ़ तेरे पापा और रूही जानते थे....रूही को इस लिए पता पड़ गया क्योकि में अधिकतर उसी के साथ डॉक्टर के पास जाया करती थी....मुझे गर्व है रूही पर उसने मेरा साथ कभी नही छोड़ा...वो हमेशा मेरे सुख और दुख में एक परच्छाई की तरह मुझ से चिपकी रही....




मेरे होश उड़ चुके थे....मुझे समझ नही आ रहा था के में क्या करूँ....ऐसा लग रहा था किसी ने मेरे शरीर से सारा खून निचोड़ लिया हो....


मम्मी--हो सके तो मुझे माफ़ करदेना जो कुछ भी हुआ...वो या तो वक़्त की मजबूरी थी या शराब के नशे में बहकते हुआ मेरा जिस्म.....मुझे माफ़ कर देना मेरे बच्चो में तुम लोगो की माँ कहलाने लायक नही हूँ...


नीरा--मम्मी मुझे माफ़ कर दो .....आपकी इन्ही कुर्बानियों की वजह से हम सभी एक अच्छा जीवन जी रहे है मम्मी मुझे माफ़ कर दो....में अब कभी आपसे कोई सवाल नही करूँगी....


में अपनी कुर्सी से बिना कुछ बोले उठ जाता हूँ...और घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठकर अंजाने रास्ते की तरफ़ बढ़ने लगता हूँ......

मेरी आँखो से आँसू थमने का नाम नही ले रहे थे....और में अपनी कार तेज़ी से भगाए जा रहा था....में नही जानता था मुझे कहाँ जाना था....बस एक जुनून सा हावी हो गया था मुझ पर...में मरना चाहता था....घिंन आ रही थी अपने आप से...मानो सारे जहाँ की गंदगी मुझ पर ही आ गिरी हो....में अब वापस नही लौटना चाहता था.....

में अभी जिस रोड पर गाड़ी भगा रहा था वो एक पहाड़ी एरिया था जिसे महादेव के घाटा के नाम से जाना जाता है....पता नही कौनसी अद्भुत शक्ति ने....मुझे उन ख़तरनाक घाटियो में भी संभाले रख रखा था....घाटी क्रॉस करने के बाद मुझे एक मंदिर दिखा जो कि महादेव का काफ़ी प्राचीन मंदिर है....मैने अपनी गाड़ी साइड में लगाई और मंदिर की तरफ़ अपने कदम बढ़ा दिए....


मंदिर के बाहर ही कुछ साधु आग जला कर बैठे थे और दम भर रहे थे...

मुझे मंदिर की तरफ जाते देख एक साधु बोला...


IMG-20240519-133855

साधु--बेटा अभी महादेव के दर्शन नही कर सकते तुम इस समय मंदिर के पट बंद है...


मेरी आँखो में भरे हुए आँसू उन से छिप ना सके...


साधु--लगता है जीवन की जंग में हार कर आरहा है तू....तेरी आँखे तेरी कायरता का सबूत दे रही है...तेरा तो स्वयं महादेव भी उद्धार नही कर पाएँगे...


में--बाबा में कायर नही हूँ...लेकिन कभी कभी ज़िंदगी कायर बनने पर मजबूर कर देती है...


साधु--ज़िंदगी तुम्हे लड़ना सिखाती है...या तो जीवन के संघर्षो से डरो मत....या फिर महादेव की भक्ति में लीन हो जा...लेकिन बिना संघर्ष के तो भक्ति भी नही होती बेटा...


में--बाबा मुझे कुछ समझ में नही आ रहा में क्या करूँ...

IMG-20240519-133940

वो साधु अपनी जगह से उठता है....और मुझे एक छोटे से चबूतरे के पास ले जाता है.

साधु--ले सब से पहले इस चिलम का एक दम लगा उसके बाद अपने दिल की बात खोल कर मुझे बता...

में--बाबा में ये सब नही पीता...


साधु--में तुम्हे हमेशा पीने की सलाह नही दे रहा बस आज मेरे कहने पर एक दम लगा....और उसके बाद तेरे सारे बंद दरवाजे खुल जाएँगे....


में बाबा से वो चिलम ले कर उसे खिचने की कोशिश करता हूँ...लेकिन कुछ भी नही होता....ये देख कर साधु बोलता है...


साधु--बेटा एक माँ भी अपने बच्चे को दूध तब पिलाती है जब वो भूख के कारण संघर्ष करते हुए रोने लग जाता है....इसलिए इस चिलम का दम अगर तुझे लगाना है तो कर संघर्ष.....में देखना चाहता हूँ...तू वास्तव में वीर है या जैसा मैने सोचा कि तू कायर है....

IMG-20240517-124112

में उनकी ये बात सुनकर काफ़ी ज़ोर लगा कर उसे खिचने की कोशिश करता हूँ लेकिन इस बार मुझे खाँसी आजाती है...


साधु--एक चिलम तुझ से नही खीची जा रही तो तू कैसे इस दुनिया से लड़ेगा. कायर...


बाबा की ये बात सुनकर अचानक मुझे क्या हुआ मैने उस चिलम के 2 -3 लंबे लंबे दम अपने फेफड़ो मे भर लिए....


साधु--हाँ ये हुई ना बात आज तू सही मायनो में एक मर्द बन गया है....अब बैठ यहाँ कुछ देर और याद कर तूने क्या किया और तेरे सगो ने क्या किया...जब तक मुझे एक हवन का निर्माण करना होगा ....


में बिल्कुल स्थिर हो चुका था...दिमाग़ बिल्कुल ऐसे शांत हो गया जैसे उसमें कोई परेशानी कोई अनतर्द्वंद अब बचा नही था...एक लहर मेरे पूरे बदन में उठती हुई सी महसूस हो रही थी....में अपने आप ही बड़बड़ाते हुए साधु को जोभी मेरे साथ हुआ वो बताता चला गया.....


CONTINUE............

NEXT UPDATE SOON...........
Next Update?
 
  • Like
Reactions: nidhi69sexbomb

Vishalji1

I love lick😋women's @ll body part👅(pee+sweat)
2,636
3,242
144
Wonderful jhakas
 
  • Like
Reactions: nidhi69sexbomb

nidhi69sexbomb

Nidhi.agrawal
5,621
5,407
174
UPDATE - 6

Writer - Nidhi Agrawal




साधु ने अब एक हवन कुंड बना कर उसमें आग जला दी थी उस हवन कुंड के आस पास दो साधु और बैठ गये थे....साधु ने मुझे अपने पास बैठने को कहा ...और कुछ चावल के दाने देकर उसे उस हवन में डालने को कहा...में बिल्कुल साधु के कहे अनुसार ही कर रहा था...


साधु--सब से पहले तो ये बात जान ले तेरा जन्म जिसे तू तेरा भाई बोलता है उसके बीज से नही हुआ है....

वो फिर से मेरे हाथ में कुछ चावल के दाने देते है और मेरे उंगली में एक हल्का सा कट लगाकर उस में से निकला खून उन चावलो पर मसल देते है...और मुझे वो उस हवन कुंड में डालने को कहते है..में उनके कहे अनुसार वो रक्तरंजित चावल के दाने उस हवन में डाल देता हूँ...


4301904-01

साधु--मुस्कुराते हुए....ले एक खुश खबरी और सुन...जिसे तू अपना बाप बोलता है तू उसी की संतान है....


में--बाबा ये कैसे हो सकता है....मेरी माँ ने मुझे खुद ही बताया था में किसका खून हूँ.


साधु--तेरी माँ ने बिल्कुल ठीक बताया था...लेकिन महादेव की लीला को कोई समझ नही सकता ....अगर तुझे मेरी बात पर यकीन नही है तो तू वापस जब घर जाए तो तेरी माँ से पुकछना...कि जब तेरा बाप घर से कुछ दिनो के लिए बाहर गया था तब उसने संभोग कब और कितनी बार तक किया था ...


में बाबा की इन बातो से एक बार फिर से सवालो में उलझ चुका था...जब बाबा ने मुझे कुछ सोचते हुए देखा...तब वो मुझे बोले...


4301904-02

साधु--ये चिलम ले और इसके दो दम और मार ले...अभी सोचने का सही वक़्त नही है...तेरी एक परेशानी का इलाज तो मैने कर दिया है...अगर तुझे मेरी बातो पर यकीन नही आता तो....वो क्या कहते है अँग्रेज़ी में....हाँ वो डी एन ए वाला टेस्ट करवा लेना तेरे सारे सवाल वही ख़तम हो जाएँगे...

अब तेरी दूसरी परेशानी का इलाज करते है...


साधु--तू कौन है....?



में--बाबा में इंसान हूँ...



साधु--तुझे इंसान किसने बनाया....??



4301904-03

में--बाबा भगवान ने बनाया...



साधु--ग़लत....भगवान ने सिर्फ़ जानवर बनाया ...भगवान ने अलग अलग प्रकार के जानवर जोड़ो के रूप में बनाए नर और मादा.....तेरे और मेरे पूर्वज भी एक जानवर ही थे...जब हमारे पूर्वाजो ने अपना दिमाग़ विकसित करना शुरू किया...उसके बाद ही उन्होने अपने लिए हथियार बनाए...दूसरे जानवरो का शिकार करना शुरू किया...अपने दिमाग़ के विकसित होने पर उसने खुद से ज़्यादा शक्ति शालि जानवारो का शिकार शुरू कर दिया...लेकिन रहते तब भी वो जानवरो की तरह से थे..उनका बस यही रोज का काम था शिकार करना ....अपना पेट भरना और बच्चे पैदा करना...उस समय जब एक मादा परिपक्व हो जाती थी तो वहाँ ये सवाल नही होता था कि ये बेटी है या माँ है या बहन है...वो बस नर और मादा के रूप में ही रहा करते थे...धीरे धीरे उन्होने अपने अपने कबीले बनाए...उसके बाद वो सभी सुरक्षा के कारण अलग अलग परिवारो के रूप में अलग हो गये...उसके बाद धर्म बना...समाज बना...खुद को अलग अलग वर्गो में बाँट लिया उस जानवर ने अपने आप को...लेकिन ये सब कुछ होने से पहले वो बस एक नर और एक मादा ही थे....


4301904-04


साधु--इंसान को किसने बनाया....?


में--बाबा इंसान को किसी ने नही बनाया उस जानवर ने ही खुद को इंसान रूपी कपड़ो के आवरण से ढक लिया......

साधु--तुमने बिल्कुल ठीक कहा ...सारे रिश्ते नाते,सारे धर्म बस सांसारिक है असली रिश्ता और असली धर्म प्रेम ही है...अब वो तुम पर निर्भर करता है तुम उस प्रेम को कौनसी संगया देते हो...


में--बाबा...जब में घर से निकला था तब में मर जाना चाहता था...लेकिन महादेव ने मुझे आप से मिलवा दिया...और मेरी सभी समस्याओ को सुलझा दिया...



साधु--तेरे जीवन में कठिनाइया अभी ख़तम नही हुई है....जैसे जैसे तू अपनी राह पर चलता जाएगा वैसे वैसे कठिनाइया भी तेरे साथ बढ़ती चली जाएँगी....लेकिन जब तू इन कठिनाइयो को पार कर लेगा उसके बाद तेरा जीवन सुख और प्रेम से भरपूर होगा...


4301904-05


में--बाबा में इन सभी कठिनाइयो को पार करके ही दम लूँगा...


.--चल तुझे में तेरे जीवन से जुड़ी एक बात और बता देता हूँ....तेरी कठिनाइयाँ उसके मिलने के बाद ही ख़तम होंगी...


में--किसके मिलने के बाद बाबा....


साधु--तेरी तीन बहनें और भी है...तेरी 2 बहने तेरी माँ के गर्भ से निकली है...और तेरी 2 बहने तेरी चाची के गर्भ से...लेकिन तेरी एक बहन और भी है...वो बिचारी बेहद दुख पूर्ण वातावर्ण में रह रही है...वो हर रोज महादेव की उपासना करती है उस नरक से निकालने के लिए जहाँ वो रहती है....में तुझे ये तो नही बताउन्गा कि वो कहाँ है लेकिन तू उसे देख चुका है...और मुझे पता है तू उसे ढूँढ भी लेगा....जिस पल वो तेरे जीवन में आ जाएगी उसी पल से तेरे दिन फिर जाएँगे सारे दुख तकलीफे खुशी और प्यार में बदल जाएँगी...


में--बाबा मुझे कैसे पता चलेगा जो चाची की संताने है वो मेरी ही बहने है....


4301904-07

साधु--जिसने उन्हे जन्म दिया है जब तू उस से पुछेगा वो सारे सच बता देगी....तुझे बस अपनी खो चुकी बहन को ढूँढना है इसे तू अपने जीवन का लक्ष्य समझ ले....
ये ले चिलम और एक जोरदार दम लगा....


में वो चिलम लेकर दम लगाता हूँ दम लगाने के बाद में जैसे ही अपनी आँखे खोलता हूँ...

मुझे वहाँ कोई नज़र नही आता सिवाए उस मंदिर के पुजारी के जो मुझे देखे ही जेया रहा था...मेरा दिमाग़ फिर से चलने लगा था ....किसी भी तरह का नशा मेरे दिमाग़ में अब नही था कुछ पल पहले जहाँ में नशे में मस्त हो रखा था वो अब बिल्कुल गायब हो चुका था...

तभी वो पुजारी मेरे पास आया और उसने मुझसे पूछा...



पुजारी--क्या हुआ बेटा तुम इस तरह ज़मीन पर क्यो बैठे हो और इतनी देर से किससे बाते कर रहे थे...


4301904-18

में--पुजारी जी मेरे साथ में एक साधु बाबा बैठे थे और उनके साथ कुछ साधु और थे..उन्होने मुझे चिलम दी दम लगाने के लिए लेकिन जैसे ही मैने दम भरने के बाद आँखे खोली वहाँ कोई नही था...वो चिलम भी मेरे हाथ में नही थी...बस ये कट ज़रूर लगा हुआ है मेरी उंगली पर जो उन्ही बाबा ने लगाया था मेरा खून लेने के लिए....


पुजारी--बेटा जो भी तुमने देखा वो सच है...ये मंदिर ऐसे ही चमत्कारो के लिए जाना जाता है...अब में मंदिर के पट खोलने वाला हूँ तुम महादेव से आशीर्वाद लेने के बाद ही वापस जाना.......

में वहाँ महादेव के मंदिर में काफ़ी देर रहा मैने महादेव का आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद लिया....और फिर से घर की तरफ निकल गया....


घर पहुँचते ही देखा नीरा अपना बेग लेकर घर से बाहर जा रही थी और मम्मी उसे रोकने की कोशिश कर रही थी...मेरी कार देखते ही जो जहाँ खड़ा था वो वही खड़ा रह गया....में कार से उतर कर सीधा मम्मी के पास गया और उन्हे महादेव का प्रसाद सब को बाटने की बोलने के बाद में नीरा की तरफ़ मूड गया...



में--ये बेग लेकर कहाँ जा रही है तू...



4301904-06

नीरा--मुझे लगा आप मेरी वजह से घर छोड़कर चले गये हो...इसलिए में भी यहाँ नही रहना चाहती थी....


में उसका बेग वापस उठाता हूँ और उस से बिना कुछ कहे घर के अंदर जाने लगता हूँ...वो भी मेरे पीछे पीछे घर के अंदर आजाती है..


में--कोई कहीं नही जाएगा इस घर को छोड़ कर...ना में कही जाउन्गा और ना तू....

मम्मी--बेटा मुझे माफ़ कर दे....


वही कौने में दीक्षा और कोमल सूबक रही थी...मैने उन दोनो को अपने पास बुलाया और अपने गले से लगा लिया...


में--मम्मी से....मुझे आप से 2 मिनट. बात करनी है अकेले में....


4301904-11


मम्मी--ठीक है बेटा मेरे रूम में चल वही बात करते है ....जो भी तेरे मन में सवाल है वो तू मुझ से पूछ सकता है....

उसके बाद में और मम्मी रूम के अंदर चले जाते है और वो बेड पर बैठ कर रोने लग जाती है...

में--मम्मी में आपसे नाराज़ नही हूँ...इसलिए आप रोना बंद करो...और जो में पूछना चाहता हूँ उसका सही सही जवाब आप याद करके दो...


मम्मी ने अपने आँसू पोछ लिए...बोल जय क्या पूछना है...


में--जब आपको पता चला कि में आपकी कोख में आ चुका हूँ...तब आपने ये जानने की कोशिश नही करी कि आपकी कोख में पलने वाला बच्चा किसका है...



मम्मी--मैने ऐसा कुछ नही सोचा...और जो उस समय हुआ था में उस से काफ़ी घबरा गयी थी...


में--जब पापा बाहर गये थे कुछ दिनो के लिए....तब आप लोगो के बीच में कुछ हुआ था क्या...???


मम्मी--हाँ मुझे अच्छे से याद है जब तेरे पापा टूर पर गये थे हम लोग पूरी रात वो सब करते रहे थे...


4301904-20

में--तब आपने कोई प्रोटेक्षन लिया था क्या...


मम्मी--नही बेटा मैने ऐसा कुछ नही किया था और उसके अगले ही दिन राज के साथ वो घटना हो गयी थी....


ये बात सुनकर मैने चैन की साँस ली.


में--मम्मी एक बात बताओ जिस तरह से आपने हम सभी के पहली बार सिर मुंडवाने के टाइम पर जो बाल उतारे वो आपने आज भी संभाल कर रख रखे है....क्या वैसे ही पापा के बाल भी संभाले हुए है....


( दोस्तो राजस्थान में बच्चो के मुंडन होने के बाद उनके बाल संभाल कर रखे जाते है यहाँ तक कि जब बच्चा पैदा होता है और बच्चे और माँ को जोड़े रखने वाली नाल को भी संभाल कर रखा जाता है...यहाँ बालो को और गर्भ नाल को काफ़ी मान देते है...बाकी राज्यो में ऐसा कोई रिवाज है या नही इसका मुझे पता नही है ...लेकिन राजस्थान में ये हर घर में होता है...)


मम्मी--हाँ संभाले हुए तो होंगे लेकिन यहाँ नही है...वो बाल सिर्फ़ माँ बाप के पास ही रहते है...लेकिन तू ये सब कुछ क्यो पूछ रहा है...


में--इसका मतलब वो बाल आज भी गाँव में संभाल कर रखे हुए होंगे...



4301904-21
में तुरंत चाचा को फोन लगा देता हूँ...



चाचा--हाँ जय बेटा कैसे हो...


में--चाचा में ठीक हूँ लेकिन इस समय मैने आपसे एक बात पूछने के लिए फोन किया है...


चाचा--हाँ बेटा बोल क्या बात है...


में--चाचा पापा के मुंडन के समय के बाल क्या आज भी संभाल कर रखे हुए है...

चाचा--हाँ बेटा माँ बताया करती थी कि तेरे पापा के बाल उस समय काफ़ी लंबे हो गये थे...बिल्कुल किसी लड़की के बालो की तरह...माँ ने वो संभाल कर रख रखे है...वो बाल आज भी उनकी अलमारी में एक डिब्बे के अंदर पड़े है...लेकिन तुझे उन बालो से एक दम से कैसे काम आ गया...


में--चाचा बस आप इस वक़्त कुछ मत पूछो क्या में दीक्षा दीदी को अपने साथ गाँव ले जा सकता हूँ वो बाल यहाँ ले आने के लिए...



4301904-19

चाचा--इसमें पूछना क्या है...वो भी तेरा ही घर है तू वहाँ से जो चाहे ले आ...


में उसके बाद चाचा से विदा लेता हूँ और फोन काट कर एक ठंडी साँस लेता हूँ........

में अब काफ़ी राहत महसूस कर रहा था...खुद को बिल्कुल तरो ताज़ा महसूस करने लगा था चाचा से बात करने के बाद...


मम्मी--जय आख़िर तू करना क्या चाहता है मेरी समझ में कुछ नही आ रहा है...क्या करेगा. तू तेरे पापा के बालो का...


में--मम्मी ये सब में अभी नही बता सकता,लेकिन जब में गाँव से आउ तो मुझे दीक्षा के और कोमल के कुछ बाल चाहिए होंगे...और इस बारे में आप किसी से कोई बात नही करोगी...


मम्मी--ठीक है बेटा जैसा तू चाहेगा वो हो जाएगा...


उसके बाद हम दोनो रूम से बाहर निकल जाते है...रूम के बाहर ही नीरा दीक्षा और कोमल दरवाजा खुलने का वेट कर रहे थे....

जैसे ही दरवाजा खुलता है नीरा भाग कर मेरे सीने से लग जाती है...में उसे अपनी बाहो में कस लेता हूँ...जब कोमल और दीक्षा को भी वहाँ देखता हूँ तो इशारा करके उन्हे अपनी बाहो में समेट लेता हूँ...वही थोड़ी दूरी पर गुम्सुम सी भाभी भी खड़ी थी...लेकिन मैने अपना ध्यान वहाँ से हटाते हुए नीरा से बोलता हूँ.....



4301904-15be
में--नीरा में दीक्षा के साथ गाँव जा रहा हूँ कल रात तक वापस आ जाउन्गा....तुम्हे कल स्कूल जाना है और वहाँ कोमल के भी आदमिशन की बात कर लेना...



कोमल--भैया क्या में आपलोगो के साथ रहने वाली हूँ...



में--हाँ कोमल अब में तुम दोनो को खुद से दूर कभी जाने नही दूँगा....दीक्षा का भी मेरे ही कॉलेज में आदमिशन करवा दूँगा...



दीक्षा --लेकिन पापा मम्मी हमे यहाँ रहने नही देंगे...


में--तुम दोनो उस बात की चिंता में करो उन्हे में समझा दूँगा...दीक्षा तुम जल्दी से रेडी हो जाओ हम लोगो को अभी गाँव के लिए निकलना है....



दीक्षा--गाँव क्यो जाना है भैया...


में--पापा का कुछ सामान लेना है...इसलिए अब जल्दी चल...



4301904-16

और उसके बाद हम वहाँ से निकल जाते है और रात तक गाँव भी पहुँच जाते है...में दादी की अलमारी खोल देता हूँ...अलमारी और घर की चाबियाँ दीक्षा के पास ही थी....वहाँ थोड़ी देर ढूँढने पर मुझे दो बॉक्स दिखाई देते है....उन दोनो बोक्शो में बाल भरे पड़े थे...अब मेरी समझ में ये नही आरहा था कि पापा वाला बॉक्स कौनसा है और चाचा वाला कौनसा....


में तुरंत चाचा. को फोन लगा देता हूँ...


में--हेलो चाचा जी में गाँव पहुँच गया हूँ...लेकिन अलमारी में दो बॉक्स है दोनो में से पापा वाला बॉक्स कौनसा है...


चाचा--जय बेटा जो बड़ा वाला बॉक्स है उसमें ही तेरे पापा के बाल है....और दूसरे वाले में मेरे...


में--ठीक है चाचा जी में दूसरे वाले को वापस अलमारी में रख देता हूँ ....क्या में पापा वाला बॉक्स अपने साथ ले जा सकता हू...


चाचा--अरे ये भी कोई पुच्छने वाली बात है क्या.....अच्छा सुन हम लोग आज निकल रहे है यहाँ से कल रात तक घर पहुँच जाएँगे...अच्छा अब में फोन रख रहा हूँ...


4301904-17

और उसके बाद फोन कट जाता है...में वापस अलमारी को ताला लगा देता हूँ और घर को पहले की तरह बंद करके वापस उदयपुर की तरफ निकल जाता हूँ......
उदयपुर में.....


हम सीधा घर पहुँच जाते है....वहाँ आकर में दीक्षा. के और कोमल के चुपके से बाल तोड़ लेता हूँ....और वापस घर से बाहर निकल कर अपने फॅमिली डॉक्टर आलोक कुमार के पास बढ़ जाता हूँ...


में--सर मुझे कुछ बालो का डीयेने टेस्ट करवाना है...क्या आप के यहाँ ऐसा करना पासिबल है...


डॉक्टर--अरे ...अरे....आते ही इतने सवाल पहले बैठ तो जाओ आराम से...


में वहाँ रखी एक चेयर पर बैठ जाता हूँ...


डॉक्टर--अब बोलो किस का डीयेने टेस्ट करवाना है..



4301904-12
में--सर 4 अलग अलग लोगो के बाल है इनका डीयेने टेस्ट करवाना है.. इन चारो बालो के डीयेने का आपस में कोई संबंध है या नही बस यही जानना है...


डॉक्टर--तूने कुछ गड़बड़ तो नही करी ना....??



में--कैसी बात कर रहे हो सर....में कैसे कुछ गड़बड़ कर सकता हूँ....बस इन बालो का डीयेने चेक करवाना था और कुछ नही...


डॉक्टर--ठीक है सुबह तक आ जाना में रिपोर्ट रेडी रखूँगा....वो लगभग मेरी आँखो में झाँकते हुए ये बात बोलने लगे......

उसके बाद में वहाँ से बाहर निकल गया शाम हो चुकी थी और में काफ़ी थकान भी महसूस कर रहा था..में कल से लगातार ड्राइव कर रहा था...अब कुछ देर आराम करना चाहता था...मेरे सारे संदेह तो वैसे भी दूर हो चुके थे जब में साधु बाबा से मिला था...लेकिन संसार सबूत माँगता है...मेरी मम्मी को यकीन दिलाने के लिए भी सबूत चाहिए....मेरी चाची से सच बुलवाने के लिए भी सबूत चाहिए....सारा खेल बस सच और झूठ का ही तो है...झूठ को झूठ साबित करने के लिए भी सबूत चाहिए होते है....और सच को भी सच साबित करने के लिए उसी सबूत की ज़रूरत पड़ती है..........


4301904-11
वहाँ से गाड़ी निकाल के मैने गाड़ी का रुख़ सीधा घर की तरफ़ कर लिया....लेकिन रास्ते से एक बढ़िया शराब की बोतल ले जाना नही भुला...

में घर पहुँच गया था...और मुझे देख कर नीरा चहकते हुए मेरे गले से लग जाती है...और में भी उसे अपनी गोद में उठा लेता हूँ...


में--क्या बात है आज मेरी गुड़िया इतनी खुश कैसे लग रही है...


नीरा--में तो आपको खुश देख कर ख़ुसी के मारे फूली नही समा रही...चलो आज हम मिलकर साथ में खाना खाते है सब के साथ...


में--नही नीरा मुझे अभी भूक नही है में लेट खाउन्गा...


नीरा--ये आपके इस बेग में क्या है...ज़रा दिखाना तो मुझसे क्या छुपा कर ले जा रहे हो अपने बेग में...


नीरा वो बेग मुझ से छिनने लगती है जिसमें शराब की बोतल रखी हुई थी...


में--अरे नीरा चोट लग जाएगी तुझे....तेरे काम की चीज़ नही है इसमें...


नीरा--इसमें जो भी है मुझे वो देखना है...


में उसे दिखा देता हूँ कि बेग में क्या है...


नीरा--अब ये काफ़ी ज़्यादा ओवर हो रहा है...इस तरह से रोज शराब पीना अच्छी बात नही है...
आपने कल भी पी थी और आज फिर से बोतल ले आए...


में--कल मेरे पीने की वजह कुछ और थी लेकिन आज वो वजह पूरी तरह से बदल गयी है...आज में खुश हूँ और इसी लिए ये ले आया...


नीरा--ठीक है आप रूम में चलो में आपके लिए कुछ खाने पीने का सामान लेकर आती हूँ...

में रूम में आ चुका था और अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ एक बारमोडा पहन कर बेड पर लेट गया...थोड़ी ही देर बाद नीरा रूम में आ गयी उसके हाथ में पानी की बोतल के साथ स्नॅक्स और ड्राइ फ्रूट्स की प्लॅट्स...उसने वो मेरे पास रखी टॅबेल पर रख दिया और मुझे देखने लग जाती है...



4301904-14

में--क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही है...


नीरा--आप अपनी कसम कब पूरी करने वाले हो....


में उस पर पिल्लो फेंकते हुए...


में--बदमाश पहले तो मुझे कसम में फसा लिया और अब बेशर्मो की तरह खुद की ही शादी के बारे में पूछ रही है...जब तक तेरी पढ़ाई ख़तम नही होती....तब तक उस बारे में सोचना भी नही...अब चल भाग यहाँ से और खाना खा कर पढ़ने बैठ जा...


नीरा--अगर पढ़ाई हे की बात है...तो में कल ही स्कूल से. अपना नाम कटवा लेती हूँ...ना रहेगा बाँस और ना बजेगी बाँसुरी...

में उसके पीछे भागते हुए...उसे पकड़ लेता हूँ...


में--बाँसुरी की बच्ची मेरे सामने अपना दिमाग़ कम चलाया कर....

तभी नीरा पलट कर मेरे गले से लग जाती है और मेरी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए कहती है....
नीरा--- में आपका इंतजार पढ़ाई क्या...अपनी जान के जाने तक करूँगी...बस मुझे कभी अकेला मत छोड़ना...उसके बाद नीरा मेरे गाल पर एक जोरदार किस करती है और बाहर भाग जाती है...


रात के 11.30 हो रहे थे तभी अचानक मेरा मोबाइल बजने लगता है...

ये कॉल डॉक्टर आलोक का था...में एक पल कुछ सोचता हूँ और वो कॉल पिक कर लेता हूँ...


डॉक्टर--जय मैने वो डीयेने रिपोर्ट्स रेडी कर ली है, और ...वो सारे डीयेने एक दूसरे से मच कर रहे है जैसे एक ही परिवार के हो...मुझे लगा शायद ये जानना तुम्हारे लिए इम्पोर्टेंट होगा इसीलिए टेस्ट ख़तम होते ही मैने तुम्हे फोन कर दिया...


में--सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने इस समय कॉल करके ये न्यूज़ सुनाई है...ये मेरे एक दोस्त के परिवार के सॅंपल थे जो मैने आपको टेस्ट करने के लिए दिए थे...कुछ ग़लतफ़हमियाँ होगयि थी उन सभी को इस लिए वो टेस्ट आपसे करवाने पड़े...


डॉक्टर--ठीक है जय मेरा काम अब ख़तम हुआ...कल किसी भी वक़्त आकर तुम वो रिपोर्ट्स ले जा सकते हो...
बाइ गुड नाइट.......

मैने अब तक उस बोतल में से केवल 3 हे पेग बना कर पिए थे...डॉक्टर. के फोन आने के बाद खुशी की अधिकता की वजह से जो भी पिया उसका थोड़ा भी नशा मुझ पर नही हुआ....

तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है..में उठ कर दरवाजा खोलने से पहले वो सारा सामान अपने बेड के नीचे सरका देता हूँ...और दरवाजा खोल देता हूँ...

सामने मम्मी खड़ी थी...उन्होने उस वक़्त एक साधारण सा साड़ी ब्लाउस पहन रखा था....लेकिन मम्मी उस में से भी मुझे काफ़ी सुंदर लग रही थी...

मम्मी को देखते ही मैने उन्हे अपनी बाहो में भर लिया और उनके गालो पर किस करने लगा...

मम्मी--अरे....अरे...पागल छोड़ मुझे क्या कर रहा है....आज इतना प्यार कैसे आ रहा है अपनी माँ पर...


में--मम्मी आज में बहुत खुश हूँ...और ये कहने के साथ ही मेने उन्हे और ज़ोर से भीच लिया खुद की बाहो में...


मम्मी--जय ऐसी क्या बात है जो मुझे इस तरह भीच रहा है...मुझे मारेगा क्या....छोड़ मुझे मेरा दम घुट रहा है...


मैने उनकी ये बात सुनकर अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी...और मेरी पकड़ ढीली होते ही वो ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है...


में--सॉरी मम्मी....वो बात ही कुछ ऐसी थी कि में खुशी के मारे आपको ज़ोर से हग कर बैठा...


मम्मी--अब मुझे बताएगा भी या अकेला ही खुश होता रहेगा...


में--मम्मी में आपका और पापा का ही बेटा हूँ...मैने उन सभी बालो का डीयेने टेस्ट करवाया था और इस से साबित हुआ कि मेरे अंदर पापा का खून है...में नाजायज़ नही हूँ माआ.....


मम्मी की आँखो में अब आँसू आ गये थे और इस बार उन्होने मुझे कस कर गले लगा लिया...


मम्मी--जय तूने आज ये बात बोलकर मेरे सीने से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है...


4301904-07

में--मम्मी में बस आपको खुश देखना चाहता हूँ...


मम्मी--तेरे मुँह से शराब की गंध कैसे आ रही है....तूने आज शराब पी है क्या....


में अपना सिर झुकाते हुए हाँ में अपनी गर्दन हिला देता हूँ...


मम्मी--सारी पी गया या मेरे लिए भी कुछ बचाया है....ये तो खुशी का मोका है...


में वहाँ से हट कर अपने बेड के नीचे से सारा सामान निकाल देता हूँ...और वापस उसे टॅबेल पर रख देता हूँ...


मम्मी मेरे बगल में ही आकर बैठ गयी थी बेड पर....और में उठ कर किचन में से ग्लास लेने चला जाता हूँ...
फिर रूम में आकर हम दोनो का ग्लास भरने के बाद मम्मी को एक ग्लास पकड़ा देता हूँ...

मम्मी उसे एक ही साँस में गटक जाती है....और उस खाली ग्लास को सामने टॅबेल पर रखते हुए कहती है....

मम्मी--ये शराब ज़्यादा मत पिया कर...ये सब कुछ खराब कर देती है...

में मम्मी को बस देखे ही जेया रहा था...तभी अचानक फिर से दरवाजे पर दस्तक होती है...में उठ पाता उस से पहले नीरा रूम में आ जाती है....वो हम दोनो को इस तरह शराब पीता देख, हम लोगो को बस एक टक देखती रहती है....

में वहाँ से उठता हूँ और नीरा को अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेटा देता हूँ....और उसका सिर अपनी एक जाँघ पर रख देता हूँ....


में--मम्मी--में आपसे एक बात करना चाहता हूँ...


मम्मी नीरा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है...

मम्मी--बोल जय क्या बात है....ऐसी कौनसी बात है जिसे कहने के लिए तुझे मेरी पर्मिशन की ज़रूरत पड़ गयी है.....


में--मम्मी इस पागल ने मुझ से एक कसम ले ली है....और मुझे समझ में नही आरहा कि में वो कैसे पूरी करूँ...


मम्मी--ऐसी कौनसी कसम में फसा दिया तुझे इस पागल ने जो तुझ से पूरी नही हो रही है...


में--मम्मी ये मुझ से शादी करना चाहती है ....


मम्मी--तो कर ले फिर.....क्या कहा तूने...


मम्मी ने चोंक कर एक बार फिर मुझ से पूछा...


में--मम्मी हम दोनो शादी करना चाहते है.... इस बार मेरी आवाज़ में धृड़ता थी.


मम्मी--ये कैसी बात कर रहा है जय...तुम दोनो भाई बहन हो ये पासिबल नही है...छुप कर नाजायज़ रिश्ते बनाना आसान होता है लेकिन इस तरह सबके सामने शादी करना नामुमकिन...

में--मम्मी हम दोनो यहाँ से बहुत दूर चले जाएँगे जहाँ हमे कोई जानता ना हो...


मम्मी --तू ये कैसी बाते कर रहा है जय....माना मुझ से भी ग़लती हुई थी इसलिए में तुम लोगो के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती नही कर सकती....लेकिन फिर भी तुम दोनो मेरे बच्चे हो में कैसे देख पाउन्गि ये सब...


मैने अपनी जाँघ पर कुछ गीलापन महसूस किया जो कि नीरा के आँसुओ की वजह से हो गया था मैने उसको रोता देख उसे अपने सीने से लगा लिया....और मम्मी से कहने लगा...


में--मम्मी में कसम खा चुका हूँ अब मुझे कोई नही रोक सकता...नीरा के कॉलेज के बाद में उस से शादी करूँगा...चाहे कुछ भी हो जाए...


नीरा--सुबक्ते हुए....भैया मेरी वजह से आप घर मत छोड़ना...में ही सब कुछ छोड़ कर चली जाउन्गि...


में--तू जहाँ भी जाएगी मेरे साथ ही जाएगी...

नीरा मेरी बाहो में बिल्कुल किसी बच्चे की तरह समा रही थी...और मम्मी पता नही क्या सोचे जा रही थी...


मम्मी--कोई कहीं नही जाएगा....अगर तुम दोनो बे फ़ैसला कर ही लिया है तो ठीक है...लेकिन मुझे बस एक बात का जवाब दो....नेहा का में क्या करूँ??

नेहा को खुश रखने की आख़िरी उम्मीद मुझे तू ही दिख रहा था....लेकिन शाआद उसकी किस्मत में दुख ही लिखे है....


नीरा--मम्मी अगर आप नेहा भाभी की शादी भैया से करवाना चाहते हो तो मुझे इसमें कोई हर्ज नही है....में भाभी को अपनी सोतन मानने को रेडी हूँ....लेकिन सिर्फ़ एक शर्त है....भाभी जब तक खुद भैया से शादी के लिए हाँ नही कहेंगी उन से इस बारे में कोई कुछ नही कहेगा....

अगर उनकी किस्मत में भैया का प्यार लिखा है तो कभी ना कभी वो इनको मिल ही जाएगा...


मम्मी--ये किस्मत विस्मत कुछ नही होती...ना किसी ने कल क्या होने वाला है किसी ने देखा है....में सुबह ही नेहा से इस बारे में बात करूँगी....


में--नही मम्मी आप भाभी से इस बारे में कोई बात नही करोगी....और रही किस्मत की बात तो...जब में उस रात को घर छोड़ कर निकला था....मुझे हर बात पर यकीन हो गया है..इसलिए आपको भाभी से कोई बात नही करनी है....


मम्मी--ठीक है में कोई बात नही करूँगी....लेकिन अगर मुझे लगा कि वो अकेले नही रह पा रही है , उस पल में उस से बात ज़रूर करूँगी.... इतना बोलकर मम्मी बेड पर से उठ गयी और नीरा का हाथ पकड़ कर लेजाते हुए बोली...


मम्मी--अभी तेरी शादी नही हुई है...इसलिए अब से तू अकेले जय के साथ नही रहेगी....चल मेरे साथ और अपने रूम में जाकर चुप चाप सो जा .....


मम्मी की ये बात सुबकर नीरा उनसे अपना हाथ छुड़ा कर मेरे पास आई...और मेरे गालो पर एक ज़ोर दार किस करते हुए....


नीरा--अब जल्द ही हम दोनो की शादी हो जाएगी....उसके बाद हमे कोई अलग नही कर सकेगा....


फिर नीरा और मम्मी रूम से बाहर चले जाते है...


में मुस्कुराता हुआ शराब की उस बोतल को देखने लगता हूँ वो अभी तक आधी ही हुई थी...


मैने बोतल खाली करते हुए तीन बड़े बड़े पेग बोतल से बनाए और जल्दी जल्दी पी जाता हूँ...


अब मुझे नशा चढ़ गया था और में बेड पर लुढ़क जाता हूँ...और सपनो में खो जाता हूँ...


में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था...


तभी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था...


तभी मेरे रूम का दरवाजा खुलता है और एक साया मेरे सिर के पास आकर बैठ जाता है....सब से पहले वो अपने होंठो से मेरे होंठो पर किस करता है...उसके बाद उसका हाथ धीरे धीरे मेरे नंगे सीने से सरकता हुआ मेरे बरमोडे में घुसने लगता है....
शराब के नशा और थकान से भरी नींद की वजह से मुझे कुछ भी होश नही था मेरे साथ क्या हो रहा है...उस साए ने मेरे बरमोडे में हाथ डालकर मेरे लिंग को सहलाना शुरू कर दिया....

मानव शरीर की कुछ इंद्रिया ऐसी होती है जो दिमाग़ के सोए रहने पर भी जाग्रत हो जाती है....उन्ही इंद्रियो में से लिंग भी एक है.,.


4301904-13

मेरा लिंग पूरी तरह से ताव में आचुका था और उस साए ने अपनी पकड़ लिंग पर मजबूत बना ली...
अगले ही पल उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मेरे बरमूडे को मेरी टाँगो के नीचे तक सरका दिया...
कुछ पल तक वो साया मेरे पूरी तरह से तन्नाये लिंग को देखता रहा और अगले ही पल वो खुद के कपड़े उतारने लग गया....उसने अपने एक हाथ से मेरा हाथ उठा कर अपने चेहरे पर घुमाया फिर अपने बूब्स पर मेरे हाथ को रगड़ने लगा...

उसके बाद वो मेरे एक पैरों पर बैठ गयी और मेरा पूरा लिंग जड़ समेत अपने मुँह में भर कर उसे चूसने लगी...वो बिना घबराए मेरे लिंग को लगातार चूसे जा रही थी...तभी वो मेरे घुटने पर अपनी चूत को रगड़ने लग गयी...

में इस समय एक सपना देख रहा था जिस में रिया मेरे लिंग को चूसे जा रही थी...लेकिन में ये नही जानता था कि सपने से बाहर भी कोई मेरे जिस्म से अपनी आग बुझा रहा है...

वो मेरे घुटने पर अपनी चूत रगड़ते रगड़ते झड़ने लगी और उसी वक़्त में भी उसके मुँह में अपना लावा भरने लग जाता हूँ...

अब सब तरफ शांति छा गयी थी सपने में रिया और में भी शांत थे...और सपने के बाहर वो साया भी...उसके बाद उसने मेरे बरमूडा वापस उपर कर दिया...और अपने कड़े पहन कर वो साया बाहर चला गया....और में घनघौर नींद में आनद की अनुभूति करते हुए सोया पड़ा रहा....

सुबह एक हाथ लगातार मेरे कंधे को झींझोड़े जा रहा था...

भैया....भैया...उठो जल्दी उठो देखो सूरज सिर पर आ गया है और आप अभी तक सो रहे हो....

ये आवाज़ में पहचानता था....इतने सालो से जो मुझे नींद में से उठा रही थी ये आवाज़...


में--नींद में ही....क्या हुआ दीदी सोने दो ना...


4301904-10

रूही--अबे उठ जा बाहर चाचा जी इंतजार कर रहे है नाश्ते पर...

दीदी की ये बात सुनकर में चोंक कर बैठ जाता हूँ...चाचा जी....


में--तुम लोग कब आए...


रूही-- हम लोग सुबह ही आए है , अब जल्दी चलो चाचा जी बुला रहे है....

उसके बाद रूही वहाँ से चली जाती है और में हाथ मुँह धोकर बाहर हॉल में आजाता हूँ...वहाँ सभी लोग बैठे हुए थे बस भाभी ही वहाँ नही थी...



चाचा--रात को देर तक जागता रहा क्या जय...


में--नही चाचा जी वो थकान की वजह से नींद थोड़ी ज़्यादा गहरी आ गयी थी...


चाचा--चल ठीक है आजा बैठ नाश्ता कर तेरी चाची ने आज आलू और मूली के परान्ठे बनाए है ....


में--तब तो बैठना हे पड़ेगा पता नही क्यो मुझे भी बड़े ज़ोर की भूक लग रही है...


4301904-09

मम्मी--रात को खाना नही खाएगा तो भूक तो लगेगी ही...


में--तभी में सोचु मुझे इतनी ज़ोर से भूक क्यो लग रही है रात को तो में खाना बिना खाए ही सो गया था...


चाचा--बेटा एक बात कहनी थी तुम से...


में--हाँ चाचा जी बोलिए क्या बात है...
चाचा--बेटा में सोच रहा था कोमल और दीक्षा का अड्मिशन इसी शहर में करवा दूं..तुम सब के साथ ये दोनो रहेंगी तो अच्छे बुरे की समझ भी आज़एगी और आगे पढ़ भी लेगी.........

में--चाचा जी आपके कहने से पहले ही में इन दोनो से बात कर चुका हूँ....नीरा भी अभी स्कूल में बात कर लेगी और में भी कल कॉलेज में जाकर बात कर लूँगा....आप चिंता ना करे...


चाचा--तब फिर ठीक है अब में निश्चिंत होकर गाँव जा सकता हूँ....



में--चाचा जी में ऐसे नही जाने दूँगा आपको यहाँ से...कुछ दिन तो हमारे साथ रहना ही होगा...


चाचा--बेटा मुझे और तेरी चाची को जाना ही पड़ेगा नयी फसल लगाने का टाइम अब आ गया है इसलिए मुझे रोक मत...


में--ठीक है चाचा लेकिन जैसे ही आप लोग काम से फ्री हो जाओगे आप सीधा यहाँ आओगे...


चाचा--ठीक है बेटा जैसा तू चाहे...बल्कि में तो ये चाहूगा जब तुम लोगो की छुट्टियाँ हो तब एक बार तुम सब लोग गाँव ज़रूर आओ...


में--हाँ चाचा जी हम लोग ज़रूर आएँगे...


चाचा--ठीक है बेटा में यहाँ के बाज़ार घूम कर आता हूँ...खेती के लिए बीज और खाद सोच रहा हूँ यही से ले जाउ....
में--जैसा आप चाहे चाचा जी....


उसके बाद नीरा स्कूल चली गयी और चाचा बाज़ार मुझे कॉलेज जाना था लेकिन मैने आज कॉलेज जाने का प्रोग्राम कंसिल कर दिया...


चाची--जय तेरे लिए परान्ठे और लेकर आउ...


में --नही चाची...मेरा पेट भर गया है अब...



4301904-24
चाची मेरे पास खड़ी होकर बोलती है...


चाची--तू आज कॉलेज नही जाएगा क्या....


में--नही चाची ....में आज आप से कुछ बात करना चाहता हूँ...इसलिए कॉलेज नही जा रहा...



चाची--अरे वाह मुझ से बात करनी है इसलिए तू कॉलेज नही जा रहा ....आज कुछ ख़ास बात करनी लगता है...


में--हाँ चाची बात तो ख़ास ही है लेकिन में आप से थोड़ी देर अकेले में बात करना चाहता हूँ..आप मेरे रूम में चलिए में अभी आता हूँ हाथ धो कर...

में हाथ धो कर रूम में पहुँच जाता हूँ...चाची वहाँ मेरी कुछ बुक्स देख रही थी...मुझे रूम में आता देख कर उन्होने वो बुक्स वही रख दी और कहने लगी....


चाची-- हाँ बोल क्या बात है......ऐसी क्या बात करनी थी तुझे अकेले में.......
मैने अंदर आने के बाद दरवाजा लॉक कर दिया और चाची की तरफ बढ़ने लगा...



में--चाची में आपसे ये जानना चाहता हूँ आपने मेरी बहनों को मुझ से दूर क्यो किया....



चाची--पागल ये कैसा सवाल है....में भला क्यो तेरी बहनों को तुझ से दूर करूँगी...


में--चाची मुझे सब पता चल गया है....कोमल और दीक्षा किसका खून है....में बस आपसे सच सुनना चाहता हूँ...


4301904-22


चाची--ये क्या बकवास कर रहा है तू...मुझे अब बाहर काम है में बाहर जा रही हूँ.....


मैने चाची को अपने बाहो में भरते हुए....आप क्यो सोई थी पापा के साथ....में ये सच जाने बिना आपको कहीं नही जाने दूँगा...

चाची की आँखो में अब आँसू आचुके थे....और वो अपनी सारी भडास निकालती चली गयी....जब उनके दिल का बोझ कम हुआ तो वो मेरे सामने किसी निर्जीव प्राणी को तरह खड़ी थी...


मैने अपना हाथ आगे बढ़कर उनके सीने से उनका पल्लू हटा दिया....

वो अचानक मेरी इस हरकत से वापस होश में आजाती है....


चाची ये क्या कर रहा है तू.....में तेरी चाची हूँ....तुझे ये सब शोभा नही देता....


CONTINUE........

NEXT UPDATE SOON......
 
Last edited:

Ajju Landwalia

Well-Known Member
3,588
14,047
159
UPDATE - 6

Writer - Nidhi Agrawal




साधु ने अब एक हवन कुंड बना कर उसमें आग जला दी थी उस हवन कुंड के आस पास दो साधु और बैठ गये थे....साधु ने मुझे अपने पास बैठने को कहा ...और कुछ चावल के दाने देकर उसे उस हवन में डालने को कहा...में बिल्कुल साधु के कहे अनुसार ही कर रहा था...


साधु--सब से पहले तो ये बात जान ले तेरा जन्म जिसे तू तेरा भाई बोलता है उसके बीज से नही हुआ है....

वो फिर से मेरे हाथ में कुछ चावल के दाने देते है और मेरे उंगली में एक हल्का सा कट लगाकर उस में से निकला खून उन चावलो पर मसल देते है...और मुझे वो उस हवन कुंड में डालने को कहते है..में उनके कहे अनुसार वो रक्तरंजित चावल के दाने उस हवन में डाल देता हूँ...


4301904-01

साधु--मुस्कुराते हुए....ले एक खुश खबरी और सुन...जिसे तू अपना बाप बोलता है तू उसी की संतान है....


में--बाबा ये कैसे हो सकता है....मेरी माँ ने मुझे खुद ही बताया था में किसका खून हूँ.


साधु--तेरी माँ ने बिल्कुल ठीक बताया था...लेकिन महादेव की लीला को कोई समझ नही सकता ....अगर तुझे मेरी बात पर यकीन नही है तो तू वापस जब घर जाए तो तेरी माँ से पुकछना...कि जब तेरा बाप घर से कुछ दिनो के लिए बाहर गया था तब उसने संभोग कब और कितनी बार तक किया था ...


में बाबा की इन बातो से एक बार फिर से सवालो में उलझ चुका था...जब बाबा ने मुझे कुछ सोचते हुए देखा...तब वो मुझे बोले...


4301904-02

साधु--ये चिलम ले और इसके दो दम और मार ले...अभी सोचने का सही वक़्त नही है...तेरी एक परेशानी का इलाज तो मैने कर दिया है...अगर तुझे मेरी बातो पर यकीन नही आता तो....वो क्या कहते है अँग्रेज़ी में....हाँ वो डी एन ए वाला टेस्ट करवा लेना तेरे सारे सवाल वही ख़तम हो जाएँगे...

अब तेरी दूसरी परेशानी का इलाज करते है...


साधु--तू कौन है....?



में--बाबा में इंसान हूँ...



साधु--तुझे इंसान किसने बनाया....??



4301904-03

में--बाबा भगवान ने बनाया...



साधु--ग़लत....भगवान ने सिर्फ़ जानवर बनाया ...भगवान ने अलग अलग प्रकार के जानवर जोड़ो के रूप में बनाए नर और मादा.....तेरे और मेरे पूर्वज भी एक जानवर ही थे...जब हमारे पूर्वाजो ने अपना दिमाग़ विकसित करना शुरू किया...उसके बाद ही उन्होने अपने लिए हथियार बनाए...दूसरे जानवरो का शिकार करना शुरू किया...अपने दिमाग़ के विकसित होने पर उसने खुद से ज़्यादा शक्ति शालि जानवारो का शिकार शुरू कर दिया...लेकिन रहते तब भी वो जानवरो की तरह से थे..उनका बस यही रोज का काम था शिकार करना ....अपना पेट भरना और बच्चे पैदा करना...उस समय जब एक मादा परिपक्व हो जाती थी तो वहाँ ये सवाल नही होता था कि ये बेटी है या माँ है या बहन है...वो बस नर और मादा के रूप में ही रहा करते थे...धीरे धीरे उन्होने अपने अपने कबीले बनाए...उसके बाद वो सभी सुरक्षा के कारण अलग अलग परिवारो के रूप में अलग हो गये...उसके बाद धर्म बना...समाज बना...खुद को अलग अलग वर्गो में बाँट लिया उस जानवर ने अपने आप को...लेकिन ये सब कुछ होने से पहले वो बस एक नर और एक मादा ही थे....


4301904-04


साधु--इंसान को किसने बनाया....?


में--बाबा इंसान को किसी ने नही बनाया उस जानवर ने ही खुद को इंसान रूपी कपड़ो के आवरण से ढक लिया......

साधु--तुमने बिल्कुल ठीक कहा ...सारे रिश्ते नाते,सारे धर्म बस सांसारिक है असली रिश्ता और असली धर्म प्रेम ही है...अब वो तुम पर निर्भर करता है तुम उस प्रेम को कौनसी संगया देते हो...


में--बाबा...जब में घर से निकला था तब में मर जाना चाहता था...लेकिन महादेव ने मुझे आप से मिलवा दिया...और मेरी सभी समस्याओ को सुलझा दिया...



साधु--तेरे जीवन में कठिनाइया अभी ख़तम नही हुई है....जैसे जैसे तू अपनी राह पर चलता जाएगा वैसे वैसे कठिनाइया भी तेरे साथ बढ़ती चली जाएँगी....लेकिन जब तू इन कठिनाइयो को पार कर लेगा उसके बाद तेरा जीवन सुख और प्रेम से भरपूर होगा...


4301904-05


में--बाबा में इन सभी कठिनाइयो को पार करके ही दम लूँगा...


.--चल तुझे में तेरे जीवन से जुड़ी एक बात और बता देता हूँ....तेरी कठिनाइयाँ उसके मिलने के बाद ही ख़तम होंगी...


में--किसके मिलने के बाद बाबा....


साधु--तेरी तीन बहनें और भी है...तेरी 2 बहने तेरी माँ के गर्भ से निकली है...और तेरी 2 बहने तेरी चाची के गर्भ से...लेकिन तेरी एक बहन और भी है...वो बिचारी बेहद दुख पूर्ण वातावर्ण में रह रही है...वो हर रोज महादेव की उपासना करती है उस नरक से निकालने के लिए जहाँ वो रहती है....में तुझे ये तो नही बताउन्गा कि वो कहाँ है लेकिन तू उसे देख चुका है...और मुझे पता है तू उसे ढूँढ भी लेगा....जिस पल वो तेरे जीवन में आ जाएगी उसी पल से तेरे दिन फिर जाएँगे सारे दुख तकलीफे खुशी और प्यार में बदल जाएँगी...


में--बाबा मुझे कैसे पता चलेगा जो चाची की संताने है वो मेरी ही बहने है....


4301904-07

साधु--जिसने उन्हे जन्म दिया है जब तू उस से पुछेगा वो सारे सच बता देगी....तुझे बस अपनी खो चुकी बहन को ढूँढना है इसे तू अपने जीवन का लक्ष्य समझ ले....
ये ले चिलम और एक जोरदार दम लगा....


में वो चिलम लेकर दम लगाता हूँ दम लगाने के बाद में जैसे ही अपनी आँखे खोलता हूँ...

मुझे वहाँ कोई नज़र नही आता सिवाए उस मंदिर के पुजारी के जो मुझे देखे ही जेया रहा था...मेरा दिमाग़ फिर से चलने लगा था ....किसी भी तरह का नशा मेरे दिमाग़ में अब नही था कुछ पल पहले जहाँ में नशे में मस्त हो रखा था वो अब बिल्कुल गायब हो चुका था...

तभी वो पुजारी मेरे पास आया और उसने मुझसे पूछा...



पुजारी--क्या हुआ बेटा तुम इस तरह ज़मीन पर क्यो बैठे हो और इतनी देर से किससे बाते कर रहे थे...


4301904-18

में--पुजारी जी मेरे साथ में एक साधु बाबा बैठे थे और उनके साथ कुछ साधु और थे..उन्होने मुझे चिलम दी दम लगाने के लिए लेकिन जैसे ही मैने दम भरने के बाद आँखे खोली वहाँ कोई नही था...वो चिलम भी मेरे हाथ में नही थी...बस ये कट ज़रूर लगा हुआ है मेरी उंगली पर जो उन्ही बाबा ने लगाया था मेरा खून लेने के लिए....


पुजारी--बेटा जो भी तुमने देखा वो सच है...ये मंदिर ऐसे ही चमत्कारो के लिए जाना जाता है...अब में मंदिर के पट खोलने वाला हूँ तुम महादेव से आशीर्वाद लेने के बाद ही वापस जाना.......

में वहाँ महादेव के मंदिर में काफ़ी देर रहा मैने महादेव का आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद लिया....और फिर से घर की तरफ निकल गया....


घर पहुँचते ही देखा नीरा अपना बेग लेकर घर से बाहर जा रही थी और मम्मी उसे रोकने की कोशिश कर रही थी...मेरी कार देखते ही जो जहाँ खड़ा था वो वही खड़ा रह गया....में कार से उतर कर सीधा मम्मी के पास गया और उन्हे महादेव का प्रसाद सब को बाटने की बोलने के बाद में नीरा की तरफ़ मूड गया...



में--ये बेग लेकर कहाँ जा रही है तू...



4301904-06

नीरा--मुझे लगा आप मेरी वजह से घर छोड़कर चले गये हो...इसलिए में भी यहाँ नही रहना चाहती थी....


में उसका बेग वापस उठाता हूँ और उस से बिना कुछ कहे घर के अंदर जाने लगता हूँ...वो भी मेरे पीछे पीछे घर के अंदर आजाती है..


में--कोई कहीं नही जाएगा इस घर को छोड़ कर...ना में कही जाउन्गा और ना तू....

मम्मी--बेटा मुझे माफ़ कर दे....


वही कौने में दीक्षा और कोमल सूबक रही थी...मैने उन दोनो को अपने पास बुलाया और अपने गले से लगा लिया...


में--मम्मी से....मुझे आप से 2 मिनट. बात करनी है अकेले में....


4301904-11


मम्मी--ठीक है बेटा मेरे रूम में चल वही बात करते है ....जो भी तेरे मन में सवाल है वो तू मुझ से पूछ सकता है....

उसके बाद में और मम्मी रूम के अंदर चले जाते है और वो बेड पर बैठ कर रोने लग जाती है...

में--मम्मी में आपसे नाराज़ नही हूँ...इसलिए आप रोना बंद करो...और जो में पूछना चाहता हूँ उसका सही सही जवाब आप याद करके दो...


मम्मी ने अपने आँसू पोछ लिए...बोल जय क्या पूछना है...


में--जब आपको पता चला कि में आपकी कोख में आ चुका हूँ...तब आपने ये जानने की कोशिश नही करी कि आपकी कोख में पलने वाला बच्चा किसका है...



मम्मी--मैने ऐसा कुछ नही सोचा...और जो उस समय हुआ था में उस से काफ़ी घबरा गयी थी...


में--जब पापा बाहर गये थे कुछ दिनो के लिए....तब आप लोगो के बीच में कुछ हुआ था क्या...???


मम्मी--हाँ मुझे अच्छे से याद है जब तेरे पापा टूर पर गये थे हम लोग पूरी रात वो सब करते रहे थे...


4301904-20

में--तब आपने कोई प्रोटेक्षन लिया था क्या...


मम्मी--नही बेटा मैने ऐसा कुछ नही किया था और उसके अगले ही दिन राज के साथ वो घटना हो गयी थी....


ये बात सुनकर मैने चैन की साँस ली.


में--मम्मी एक बात बताओ जिस तरह से आपने हम सभी के पहली बार सिर मुंडवाने के टाइम पर जो बाल उतारे वो आपने आज भी संभाल कर रख रखे है....क्या वैसे ही पापा के बाल भी संभाले हुए है....


( दोस्तो राजस्थान में बच्चो के मुंडन होने के बाद उनके बाल संभाल कर रखे जाते है यहाँ तक कि जब बच्चा पैदा होता है और बच्चे और माँ को जोड़े रखने वाली नाल को भी संभाल कर रखा जाता है...यहाँ बालो को और गर्भ नाल को काफ़ी मान देते है...बाकी राज्यो में ऐसा कोई रिवाज है या नही इसका मुझे पता नही है ...लेकिन राजस्थान में ये हर घर में होता है...)


मम्मी--हाँ संभाले हुए तो होंगे लेकिन यहाँ नही है...वो बाल सिर्फ़ माँ बाप के पास ही रहते है...लेकिन तू ये सब कुछ क्यो पूछ रहा है...


में--इसका मतलब वो बाल आज भी गाँव में संभाल कर रखे हुए होंगे...



4301904-21
में तुरंत चाचा को फोन लगा देता हूँ...



चाचा--हाँ जय बेटा कैसे हो...


में--चाचा में ठीक हूँ लेकिन इस समय मैने आपसे एक बात पूछने के लिए फोन किया है...


चाचा--हाँ बेटा बोल क्या बात है...


में--चाचा पापा के मुंडन के समय के बाल क्या आज भी संभाल कर रखे हुए है...

चाचा--हाँ बेटा माँ बताया करती थी कि तेरे पापा के बाल उस समय काफ़ी लंबे हो गये थे...बिल्कुल किसी लड़की के बालो की तरह...माँ ने वो संभाल कर रख रखे है...वो बाल आज भी उनकी अलमारी में एक डिब्बे के अंदर पड़े है...लेकिन तुझे उन बालो से एक दम से कैसे काम आ गया...


में--चाचा बस आप इस वक़्त कुछ मत पूछो क्या में दीक्षा दीदी को अपने साथ गाँव ले जा सकता हूँ वो बाल यहाँ ले आने के लिए...



4301904-19

चाचा--इसमें पूछना क्या है...वो भी तेरा ही घर है तू वहाँ से जो चाहे ले आ...


में उसके बाद चाचा से विदा लेता हूँ और फोन काट कर एक ठंडी साँस लेता हूँ........

में अब काफ़ी राहत महसूस कर रहा था...खुद को बिल्कुल तरो ताज़ा महसूस करने लगा था चाचा से बात करने के बाद...


मम्मी--जय आख़िर तू करना क्या चाहता है मेरी समझ में कुछ नही आ रहा है...क्या करेगा. तू तेरे पापा के बालो का...


में--मम्मी ये सब में अभी नही बता सकता,लेकिन जब में गाँव से आउ तो मुझे दीक्षा के और कोमल के कुछ बाल चाहिए होंगे...और इस बारे में आप किसी से कोई बात नही करोगी...


मम्मी--ठीक है बेटा जैसा तू चाहेगा वो हो जाएगा...


उसके बाद हम दोनो रूम से बाहर निकल जाते है...रूम के बाहर ही नीरा दीक्षा और कोमल दरवाजा खुलने का वेट कर रहे थे....

जैसे ही दरवाजा खुलता है नीरा भाग कर मेरे सीने से लग जाती है...में उसे अपनी बाहो में कस लेता हूँ...जब कोमल और दीक्षा को भी वहाँ देखता हूँ तो इशारा करके उन्हे अपनी बाहो में समेट लेता हूँ...वही थोड़ी दूरी पर गुम्सुम सी भाभी भी खड़ी थी...लेकिन मैने अपना ध्यान वहाँ से हटाते हुए नीरा से बोलता हूँ.....



4301904-15be
में--नीरा में दीक्षा के साथ गाँव जा रहा हूँ कल रात तक वापस आ जाउन्गा....तुम्हे कल स्कूल जाना है और वहाँ कोमल के भी आदमिशन की बात कर लेना...



कोमल--भैया क्या में आपलोगो के साथ रहने वाली हूँ...



में--हाँ कोमल अब में तुम दोनो को खुद से दूर कभी जाने नही दूँगा....दीक्षा का भी मेरे ही कॉलेज में आदमिशन करवा दूँगा...



दीक्षा --लेकिन पापा मम्मी हमे यहाँ रहने नही देंगे...


में--तुम दोनो उस बात की चिंता में करो उन्हे में समझा दूँगा...दीक्षा तुम जल्दी से रेडी हो जाओ हम लोगो को अभी गाँव के लिए निकलना है....



दीक्षा--गाँव क्यो जाना है भैया...


में--पापा का कुछ सामान लेना है...इसलिए अब जल्दी चल...



4301904-16

और उसके बाद हम वहाँ से निकल जाते है और रात तक गाँव भी पहुँच जाते है...में दादी की अलमारी खोल देता हूँ...अलमारी और घर की चाबियाँ दीक्षा के पास ही थी....वहाँ थोड़ी देर ढूँढने पर मुझे दो बॉक्स दिखाई देते है....उन दोनो बोक्शो में बाल भरे पड़े थे...अब मेरी समझ में ये नही आरहा था कि पापा वाला बॉक्स कौनसा है और चाचा वाला कौनसा....


में तुरंत चाचा. को फोन लगा देता हूँ...


में--हेलो चाचा जी में गाँव पहुँच गया हूँ...लेकिन अलमारी में दो बॉक्स है दोनो में से पापा वाला बॉक्स कौनसा है...


चाचा--जय बेटा जो बड़ा वाला बॉक्स है उसमें ही तेरे पापा के बाल है....और दूसरे वाले में मेरे...


में--ठीक है चाचा जी में दूसरे वाले को वापस अलमारी में रख देता हूँ ....क्या में पापा वाला बॉक्स अपने साथ ले जा सकता हू...


चाचा--अरे ये भी कोई पुच्छने वाली बात है क्या.....अच्छा सुन हम लोग आज निकल रहे है यहाँ से कल रात तक घर पहुँच जाएँगे...अच्छा अब में फोन रख रहा हूँ...


4301904-17

और उसके बाद फोन कट जाता है...में वापस अलमारी को ताला लगा देता हूँ और घर को पहले की तरह बंद करके वापस उदयपुर की तरफ निकल जाता हूँ......
उदयपुर में.....


हम सीधा घर पहुँच जाते है....वहाँ आकर में दीक्षा. के और कोमल के चुपके से बाल तोड़ लेता हूँ....और वापस घर से बाहर निकल कर अपने फॅमिली डॉक्टर आलोक कुमार के पास बढ़ जाता हूँ...


में--सर मुझे कुछ बालो का डीयेने टेस्ट करवाना है...क्या आप के यहाँ ऐसा करना पासिबल है...


डॉक्टर--अरे ...अरे....आते ही इतने सवाल पहले बैठ तो जाओ आराम से...


में वहाँ रखी एक चेयर पर बैठ जाता हूँ...


डॉक्टर--अब बोलो किस का डीयेने टेस्ट करवाना है..



4301904-12
में--सर 4 अलग अलग लोगो के बाल है इनका डीयेने टेस्ट करवाना है.. इन चारो बालो के डीयेने का आपस में कोई संबंध है या नही बस यही जानना है...


डॉक्टर--तूने कुछ गड़बड़ तो नही करी ना....??



में--कैसी बात कर रहे हो सर....में कैसे कुछ गड़बड़ कर सकता हूँ....बस इन बालो का डीयेने चेक करवाना था और कुछ नही...


डॉक्टर--ठीक है सुबह तक आ जाना में रिपोर्ट रेडी रखूँगा....वो लगभग मेरी आँखो में झाँकते हुए ये बात बोलने लगे......

उसके बाद में वहाँ से बाहर निकल गया शाम हो चुकी थी और में काफ़ी थकान भी महसूस कर रहा था..में कल से लगातार ड्राइव कर रहा था...अब कुछ देर आराम करना चाहता था...मेरे सारे संदेह तो वैसे भी दूर हो चुके थे जब में साधु बाबा से मिला था...लेकिन संसार सबूत माँगता है...मेरी मम्मी को यकीन दिलाने के लिए भी सबूत चाहिए....मेरी चाची से सच बुलवाने के लिए भी सबूत चाहिए....सारा खेल बस सच और झूठ का ही तो है...झूठ को झूठ साबित करने के लिए भी सबूत चाहिए होते है....और सच को भी सच साबित करने के लिए उसी सबूत की ज़रूरत पड़ती है..........


4301904-11
वहाँ से गाड़ी निकाल के मैने गाड़ी का रुख़ सीधा घर की तरफ़ कर लिया....लेकिन रास्ते से एक बढ़िया शराब की बोतल ले जाना नही भुला...

में घर पहुँच गया था...और मुझे देख कर नीरा चहकते हुए मेरे गले से लग जाती है...और में भी उसे अपनी गोद में उठा लेता हूँ...


में--क्या बात है आज मेरी गुड़िया इतनी खुश कैसे लग रही है...


नीरा--में तो आपको खुश देख कर ख़ुसी के मारे फूली नही समा रही...चलो आज हम मिलकर साथ में खाना खाते है सब के साथ...


में--नही नीरा मुझे अभी भूक नही है में लेट खाउन्गा...


नीरा--ये आपके इस बेग में क्या है...ज़रा दिखाना तो मुझसे क्या छुपा कर ले जा रहे हो अपने बेग में...


नीरा वो बेग मुझ से छिनने लगती है जिसमें शराब की बोतल रखी हुई थी...


में--अरे नीरा चोट लग जाएगी तुझे....तेरे काम की चीज़ नही है इसमें...


नीरा--इसमें जो भी है मुझे वो देखना है...


में उसे दिखा देता हूँ कि बेग में क्या है...


नीरा--अब ये काफ़ी ज़्यादा ओवर हो रहा है...इस तरह से रोज शराब पीना अच्छी बात नही है...
आपने कल भी पी थी और आज फिर से बोतल ले आए...


में--कल मेरे पीने की वजह कुछ और थी लेकिन आज वो वजह पूरी तरह से बदल गयी है...आज में खुश हूँ और इसी लिए ये ले आया...


नीरा--ठीक है आप रूम में चलो में आपके लिए कुछ खाने पीने का सामान लेकर आती हूँ...

में रूम में आ चुका था और अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ एक बारमोडा पहन कर बेड पर लेट गया...थोड़ी ही देर बाद नीरा रूम में आ गयी उसके हाथ में पानी की बोतल के साथ स्नॅक्स और ड्राइ फ्रूट्स की प्लॅट्स...उसने वो मेरे पास रखी टॅबेल पर रख दिया और मुझे देखने लग जाती है...



4301904-14

में--क्या हुआ ऐसे क्यो देख रही है...


नीरा--आप अपनी कसम कब पूरी करने वाले हो....


में उस पर पिल्लो फेंकते हुए...


में--बदमाश पहले तो मुझे कसम में फसा लिया और अब बेशर्मो की तरह खुद की ही शादी के बारे में पूछ रही है...जब तक तेरी पढ़ाई ख़तम नही होती....तब तक उस बारे में सोचना भी नही...अब चल भाग यहाँ से और खाना खा कर पढ़ने बैठ जा...


नीरा--अगर पढ़ाई हे की बात है...तो में कल ही स्कूल से. अपना नाम कटवा लेती हूँ...ना रहेगा बाँस और ना बजेगी बाँसुरी...

में उसके पीछे भागते हुए...उसे पकड़ लेता हूँ...


में--बाँसुरी की बच्ची मेरे सामने अपना दिमाग़ कम चलाया कर....

तभी नीरा पलट कर मेरे गले से लग जाती है और मेरी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए कहती है....
नीरा--- में आपका इंतजार पढ़ाई क्या...अपनी जान के जाने तक करूँगी...बस मुझे कभी अकेला मत छोड़ना...उसके बाद नीरा मेरे गाल पर एक जोरदार किस करती है और बाहर भाग जाती है...


रात के 11.30 हो रहे थे तभी अचानक मेरा मोबाइल बजने लगता है...

ये कॉल डॉक्टर आलोक का था...में एक पल कुछ सोचता हूँ और वो कॉल पिक कर लेता हूँ...


डॉक्टर--जय मैने वो डीयेने रिपोर्ट्स रेडी कर ली है, और ...वो सारे डीयेने एक दूसरे से मच कर रहे है जैसे एक ही परिवार के हो...मुझे लगा शायद ये जानना तुम्हारे लिए इम्पोर्टेंट होगा इसीलिए टेस्ट ख़तम होते ही मैने तुम्हे फोन कर दिया...


में--सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने इस समय कॉल करके ये न्यूज़ सुनाई है...ये मेरे एक दोस्त के परिवार के सॅंपल थे जो मैने आपको टेस्ट करने के लिए दिए थे...कुछ ग़लतफ़हमियाँ होगयि थी उन सभी को इस लिए वो टेस्ट आपसे करवाने पड़े...


डॉक्टर--ठीक है जय मेरा काम अब ख़तम हुआ...कल किसी भी वक़्त आकर तुम वो रिपोर्ट्स ले जा सकते हो...
बाइ गुड नाइट.......

मैने अब तक उस बोतल में से केवल 3 हे पेग बना कर पिए थे...डॉक्टर. के फोन आने के बाद खुशी की अधिकता की वजह से जो भी पिया उसका थोड़ा भी नशा मुझ पर नही हुआ....

तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है..में उठ कर दरवाजा खोलने से पहले वो सारा सामान अपने बेड के नीचे सरका देता हूँ...और दरवाजा खोल देता हूँ...

सामने मम्मी खड़ी थी...उन्होने उस वक़्त एक साधारण सा साड़ी ब्लाउस पहन रखा था....लेकिन मम्मी उस में से भी मुझे काफ़ी सुंदर लग रही थी...

मम्मी को देखते ही मैने उन्हे अपनी बाहो में भर लिया और उनके गालो पर किस करने लगा...

मम्मी--अरे....अरे...पागल छोड़ मुझे क्या कर रहा है....आज इतना प्यार कैसे आ रहा है अपनी माँ पर...


में--मम्मी आज में बहुत खुश हूँ...और ये कहने के साथ ही मेने उन्हे और ज़ोर से भीच लिया खुद की बाहो में...


मम्मी--जय ऐसी क्या बात है जो मुझे इस तरह भीच रहा है...मुझे मारेगा क्या....छोड़ मुझे मेरा दम घुट रहा है...


मैने उनकी ये बात सुनकर अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी...और मेरी पकड़ ढीली होते ही वो ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है...


में--सॉरी मम्मी....वो बात ही कुछ ऐसी थी कि में खुशी के मारे आपको ज़ोर से हग कर बैठा...


मम्मी--अब मुझे बताएगा भी या अकेला ही खुश होता रहेगा...


में--मम्मी में आपका और पापा का ही बेटा हूँ...मैने उन सभी बालो का डीयेने टेस्ट करवाया था और इस से साबित हुआ कि मेरे अंदर पापा का खून है...में नाजायज़ नही हूँ माआ.....


मम्मी की आँखो में अब आँसू आ गये थे और इस बार उन्होने मुझे कस कर गले लगा लिया...


मम्मी--जय तूने आज ये बात बोलकर मेरे सीने से बहुत बड़ा बोझ उतार दिया है...


4301904-07

में--मम्मी में बस आपको खुश देखना चाहता हूँ...


मम्मी--तेरे मुँह से शराब की गंध कैसे आ रही है....तूने आज शराब पी है क्या....


में अपना सिर झुकाते हुए हाँ में अपनी गर्दन हिला देता हूँ...


मम्मी--सारी पी गया या मेरे लिए भी कुछ बचाया है....ये तो खुशी का मोका है...


में वहाँ से हट कर अपने बेड के नीचे से सारा सामान निकाल देता हूँ...और वापस उसे टॅबेल पर रख देता हूँ...


मम्मी मेरे बगल में ही आकर बैठ गयी थी बेड पर....और में उठ कर किचन में से ग्लास लेने चला जाता हूँ...
फिर रूम में आकर हम दोनो का ग्लास भरने के बाद मम्मी को एक ग्लास पकड़ा देता हूँ...

मम्मी उसे एक ही साँस में गटक जाती है....और उस खाली ग्लास को सामने टॅबेल पर रखते हुए कहती है....

मम्मी--ये शराब ज़्यादा मत पिया कर...ये सब कुछ खराब कर देती है...

में मम्मी को बस देखे ही जेया रहा था...तभी अचानक फिर से दरवाजे पर दस्तक होती है...में उठ पाता उस से पहले नीरा रूम में आ जाती है....वो हम दोनो को इस तरह शराब पीता देख, हम लोगो को बस एक टक देखती रहती है....

में वहाँ से उठता हूँ और नीरा को अपनी गोद में उठा कर बेड पर लेटा देता हूँ....और उसका सिर अपनी एक जाँघ पर रख देता हूँ....


में--मम्मी--में आपसे एक बात करना चाहता हूँ...


मम्मी नीरा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है...

मम्मी--बोल जय क्या बात है....ऐसी कौनसी बात है जिसे कहने के लिए तुझे मेरी पर्मिशन की ज़रूरत पड़ गयी है.....


में--मम्मी इस पागल ने मुझ से एक कसम ले ली है....और मुझे समझ में नही आरहा कि में वो कैसे पूरी करूँ...


मम्मी--ऐसी कौनसी कसम में फसा दिया तुझे इस पागल ने जो तुझ से पूरी नही हो रही है...


में--मम्मी ये मुझ से शादी करना चाहती है ....


मम्मी--तो कर ले फिर.....क्या कहा तूने...


मम्मी ने चोंक कर एक बार फिर मुझ से पूछा...


में--मम्मी हम दोनो शादी करना चाहते है.... इस बार मेरी आवाज़ में धृड़ता थी.


मम्मी--ये कैसी बात कर रहा है जय...तुम दोनो भाई बहन हो ये पासिबल नही है...छुप कर नाजायज़ रिश्ते बनाना आसान होता है लेकिन इस तरह सबके सामने शादी करना नामुमकिन...

में--मम्मी हम दोनो यहाँ से बहुत दूर चले जाएँगे जहाँ हमे कोई जानता ना हो...


मम्मी --तू ये कैसी बाते कर रहा है जय....माना मुझ से भी ग़लती हुई थी इसलिए में तुम लोगो के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती नही कर सकती....लेकिन फिर भी तुम दोनो मेरे बच्चे हो में कैसे देख पाउन्गि ये सब...


मैने अपनी जाँघ पर कुछ गीलापन महसूस किया जो कि नीरा के आँसुओ की वजह से हो गया था मैने उसको रोता देख उसे अपने सीने से लगा लिया....और मम्मी से कहने लगा...


में--मम्मी में कसम खा चुका हूँ अब मुझे कोई नही रोक सकता...नीरा के कॉलेज के बाद में उस से शादी करूँगा...चाहे कुछ भी हो जाए...


नीरा--सुबक्ते हुए....भैया मेरी वजह से आप घर मत छोड़ना...में ही सब कुछ छोड़ कर चली जाउन्गि...


में--तू जहाँ भी जाएगी मेरे साथ ही जाएगी...

नीरा मेरी बाहो में बिल्कुल किसी बच्चे की तरह समा रही थी...और मम्मी पता नही क्या सोचे जा रही थी...


मम्मी--कोई कहीं नही जाएगा....अगर तुम दोनो बे फ़ैसला कर ही लिया है तो ठीक है...लेकिन मुझे बस एक बात का जवाब दो....नेहा का में क्या करूँ??

नेहा को खुश रखने की आख़िरी उम्मीद मुझे तू ही दिख रहा था....लेकिन शाआद उसकी किस्मत में दुख ही लिखे है....


नीरा--मम्मी अगर आप नेहा भाभी की शादी भैया से करवाना चाहते हो तो मुझे इसमें कोई हर्ज नही है....में भाभी को अपनी सोतन मानने को रेडी हूँ....लेकिन सिर्फ़ एक शर्त है....भाभी जब तक खुद भैया से शादी के लिए हाँ नही कहेंगी उन से इस बारे में कोई कुछ नही कहेगा....

अगर उनकी किस्मत में भैया का प्यार लिखा है तो कभी ना कभी वो इनको मिल ही जाएगा...


मम्मी--ये किस्मत विस्मत कुछ नही होती...ना किसी ने कल क्या होने वाला है किसी ने देखा है....में सुबह ही नेहा से इस बारे में बात करूँगी....


में--नही मम्मी आप भाभी से इस बारे में कोई बात नही करोगी....और रही किस्मत की बात तो...जब में उस रात को घर छोड़ कर निकला था....मुझे हर बात पर यकीन हो गया है..इसलिए आपको भाभी से कोई बात नही करनी है....


मम्मी--ठीक है में कोई बात नही करूँगी....लेकिन अगर मुझे लगा कि वो अकेले नही रह पा रही है , उस पल में उस से बात ज़रूर करूँगी.... इतना बोलकर मम्मी बेड पर से उठ गयी और नीरा का हाथ पकड़ कर लेजाते हुए बोली...


मम्मी--अभी तेरी शादी नही हुई है...इसलिए अब से तू अकेले जय के साथ नही रहेगी....चल मेरे साथ और अपने रूम में जाकर चुप चाप सो जा .....


मम्मी की ये बात सुबकर नीरा उनसे अपना हाथ छुड़ा कर मेरे पास आई...और मेरे गालो पर एक ज़ोर दार किस करते हुए....


नीरा--अब जल्द ही हम दोनो की शादी हो जाएगी....उसके बाद हमे कोई अलग नही कर सकेगा....


फिर नीरा और मम्मी रूम से बाहर चले जाते है...


में मुस्कुराता हुआ शराब की उस बोतल को देखने लगता हूँ वो अभी तक आधी ही हुई थी...


मैने बोतल खाली करते हुए तीन बड़े बड़े पेग बोतल से बनाए और जल्दी जल्दी पी जाता हूँ...


अब मुझे नशा चढ़ गया था और में बेड पर लुढ़क जाता हूँ...और सपनो में खो जाता हूँ...


में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था...


तभी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

में पूरी तरह से बेहोशी की नींद में था...


तभी मेरे रूम का दरवाजा खुलता है और एक साया मेरे सिर के पास आकर बैठ जाता है....सब से पहले वो अपने होंठो से मेरे होंठो पर किस करता है...उसके बाद उसका हाथ धीरे धीरे मेरे नंगे सीने से सरकता हुआ मेरे बरमोडे में घुसने लगता है....
शराब के नशा और थकान से भरी नींद की वजह से मुझे कुछ भी होश नही था मेरे साथ क्या हो रहा है...उस साए ने मेरे बरमोडे में हाथ डालकर मेरे लिंग को सहलाना शुरू कर दिया....

मानव शरीर की कुछ इंद्रिया ऐसी होती है जो दिमाग़ के सोए रहने पर भी जाग्रत हो जाती है....उन्ही इंद्रियो में से लिंग भी एक है.,.


4301904-13

मेरा लिंग पूरी तरह से ताव में आचुका था और उस साए ने अपनी पकड़ लिंग पर मजबूत बना ली...
अगले ही पल उसने अपना हाथ बाहर निकाला और मेरे बरमूडे को मेरी टाँगो के नीचे तक सरका दिया...
कुछ पल तक वो साया मेरे पूरी तरह से तन्नाये लिंग को देखता रहा और अगले ही पल वो खुद के कपड़े उतारने लग गया....उसने अपने एक हाथ से मेरा हाथ उठा कर अपने चेहरे पर घुमाया फिर अपने बूब्स पर मेरे हाथ को रगड़ने लगा...

उसके बाद वो मेरे एक पैरों पर बैठ गयी और मेरा पूरा लिंग जड़ समेत अपने मुँह में भर कर उसे चूसने लगी...वो बिना घबराए मेरे लिंग को लगातार चूसे जा रही थी...तभी वो मेरे घुटने पर अपनी चूत को रगड़ने लग गयी...

में इस समय एक सपना देख रहा था जिस में रिया मेरे लिंग को चूसे जा रही थी...लेकिन में ये नही जानता था कि सपने से बाहर भी कोई मेरे जिस्म से अपनी आग बुझा रहा है...

वो मेरे घुटने पर अपनी चूत रगड़ते रगड़ते झड़ने लगी और उसी वक़्त में भी उसके मुँह में अपना लावा भरने लग जाता हूँ...

अब सब तरफ शांति छा गयी थी सपने में रिया और में भी शांत थे...और सपने के बाहर वो साया भी...उसके बाद उसने मेरे बरमूडा वापस उपर कर दिया...और अपने कड़े पहन कर वो साया बाहर चला गया....और में घनघौर नींद में आनद की अनुभूति करते हुए सोया पड़ा रहा....

सुबह एक हाथ लगातार मेरे कंधे को झींझोड़े जा रहा था...

भैया....भैया...उठो जल्दी उठो देखो सूरज सिर पर आ गया है और आप अभी तक सो रहे हो....

ये आवाज़ में पहचानता था....इतने सालो से जो मुझे नींद में से उठा रही थी ये आवाज़...


में--नींद में ही....क्या हुआ दीदी सोने दो ना...


4301904-10

रूही--अबे उठ जा बाहर चाचा जी इंतजार कर रहे है नाश्ते पर...

दीदी की ये बात सुनकर में चोंक कर बैठ जाता हूँ...चाचा जी....


में--तुम लोग कब आए...


रूही-- हम लोग सुबह ही आए है , अब जल्दी चलो चाचा जी बुला रहे है....

उसके बाद रूही वहाँ से चली जाती है और में हाथ मुँह धोकर बाहर हॉल में आजाता हूँ...वहाँ सभी लोग बैठे हुए थे बस भाभी ही वहाँ नही थी...



चाचा--रात को देर तक जागता रहा क्या जय...


में--नही चाचा जी वो थकान की वजह से नींद थोड़ी ज़्यादा गहरी आ गयी थी...


चाचा--चल ठीक है आजा बैठ नाश्ता कर तेरी चाची ने आज आलू और मूली के परान्ठे बनाए है ....


में--तब तो बैठना हे पड़ेगा पता नही क्यो मुझे भी बड़े ज़ोर की भूक लग रही है...


4301904-09

मम्मी--रात को खाना नही खाएगा तो भूक तो लगेगी ही...


में--तभी में सोचु मुझे इतनी ज़ोर से भूक क्यो लग रही है रात को तो में खाना बिना खाए ही सो गया था...


चाचा--बेटा एक बात कहनी थी तुम से...


में--हाँ चाचा जी बोलिए क्या बात है...
चाचा--बेटा में सोच रहा था कोमल और दीक्षा का अड्मिशन इसी शहर में करवा दूं..तुम सब के साथ ये दोनो रहेंगी तो अच्छे बुरे की समझ भी आज़एगी और आगे पढ़ भी लेगी.........

में--चाचा जी आपके कहने से पहले ही में इन दोनो से बात कर चुका हूँ....नीरा भी अभी स्कूल में बात कर लेगी और में भी कल कॉलेज में जाकर बात कर लूँगा....आप चिंता ना करे...


चाचा--तब फिर ठीक है अब में निश्चिंत होकर गाँव जा सकता हूँ....



में--चाचा जी में ऐसे नही जाने दूँगा आपको यहाँ से...कुछ दिन तो हमारे साथ रहना ही होगा...


चाचा--बेटा मुझे और तेरी चाची को जाना ही पड़ेगा नयी फसल लगाने का टाइम अब आ गया है इसलिए मुझे रोक मत...


में--ठीक है चाचा लेकिन जैसे ही आप लोग काम से फ्री हो जाओगे आप सीधा यहाँ आओगे...


चाचा--ठीक है बेटा जैसा तू चाहे...बल्कि में तो ये चाहूगा जब तुम लोगो की छुट्टियाँ हो तब एक बार तुम सब लोग गाँव ज़रूर आओ...


में--हाँ चाचा जी हम लोग ज़रूर आएँगे...


चाचा--ठीक है बेटा में यहाँ के बाज़ार घूम कर आता हूँ...खेती के लिए बीज और खाद सोच रहा हूँ यही से ले जाउ....
में--जैसा आप चाहे चाचा जी....


उसके बाद नीरा स्कूल चली गयी और चाचा बाज़ार मुझे कॉलेज जाना था लेकिन मैने आज कॉलेज जाने का प्रोग्राम कंसिल कर दिया...


चाची--जय तेरे लिए परान्ठे और लेकर आउ...


में --नही चाची...मेरा पेट भर गया है अब...



4301904-24
चाची मेरे पास खड़ी होकर बोलती है...


चाची--तू आज कॉलेज नही जाएगा क्या....


में--नही चाची ....में आज आप से कुछ बात करना चाहता हूँ...इसलिए कॉलेज नही जा रहा...



चाची--अरे वाह मुझ से बात करनी है इसलिए तू कॉलेज नही जा रहा ....आज कुछ ख़ास बात करनी लगता है...


में--हाँ चाची बात तो ख़ास ही है लेकिन में आप से थोड़ी देर अकेले में बात करना चाहता हूँ..आप मेरे रूम में चलिए में अभी आता हूँ हाथ धो कर...

में हाथ धो कर रूम में पहुँच जाता हूँ...चाची वहाँ मेरी कुछ बुक्स देख रही थी...मुझे रूम में आता देख कर उन्होने वो बुक्स वही रख दी और कहने लगी....


चाची-- हाँ बोल क्या बात है......ऐसी क्या बात करनी थी तुझे अकेले में.......
मैने अंदर आने के बाद दरवाजा लॉक कर दिया और चाची की तरफ बढ़ने लगा...



में--चाची में आपसे ये जानना चाहता हूँ आपने मेरी बहनों को मुझ से दूर क्यो किया....



चाची--पागल ये कैसा सवाल है....में भला क्यो तेरी बहनों को तुझ से दूर करूँगी...


में--चाची मुझे सब पता चल गया है....कोमल और दीक्षा किसका खून है....में बस आपसे सच सुनना चाहता हूँ...


4301904-22


चाची--ये क्या बकवास कर रहा है तू...मुझे अब बाहर काम है में बाहर जा रही हूँ.....


मैने चाची को अपने बाहो में भरते हुए....आप क्यो सोई थी पापा के साथ....में ये सच जाने बिना आपको कहीं नही जाने दूँगा...

चाची की आँखो में अब आँसू आचुके थे....और वो अपनी सारी भडास निकालती चली गयी....जब उनके दिल का बोझ कम हुआ तो वो मेरे सामने किसी निर्जीव प्राणी को तरह खड़ी थी...


मैने अपना हाथ आगे बढ़कर उनके सीने से उनका पल्लू हटा दिया....

वो अचानक मेरी इस हरकत से वापस होश में आजाती है....


चाची ये क्या कर रहा है तू.....में तेरी चाची हूँ....तुझे ये सब शोभा नही देता....


CONTINUE........

NEXT UPDATE SOON......

Behad shandar update he nidhi69sexbomb

Please aap purani updates repost na kiya karo................confusion create ho jata he

Agli update ki pratiksha rahegi
 
221
238
43
यह कौन अंकल से पैदल है जो हर अपडेट के तीन तीन चार चार पेज अपलोड कर रहा है?
 

Bittoo

Member
319
437
63
UPDATE -1

Writer - Nidhi Agrawal



राजस्थान एक ऐसा स्टेट जो अपने रंगो के लिए मशहूर है यहाँ एक ओर तो रेत का समंदर एक तरफ़ अरावली की विशाल पहाड़िया ऑर एक ओर मेरा शाहर है उदयपुर.

यहाँ की फ़िज़ा अपने अंदर वो सारे रंग समेटे हुए है जो किसी भी मौसम को ख़ुशगवार बना देता है.

यहा मेरा एक प्यारा सा घर है जिसके पेड़ो जिसके आँगन में खेलते हुए मेरा बचपन बीत रहा है..

में अपने बारे में बता डूब मेरा नाम जय गुप्ता है थोड़ा सावला हूँ लेकिन दिखने में बुरा नही हूँ.,मैने अभी अपना स्कूल ख़तम किया है ओर उदयपूर के एक प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लिया है.

मेरे पापा किशोर गुप्ता एक बिज़नेस मॅन है हमारा डाइमंड्स का बहोत बड़ा बिज़्नेस है जो कि अलग अलग सिटीज में फैला हुआ है.


मेरी मम्मी संध्या गुप्ता वो एक हाउसवाइफ है लेकिन वो एक हाउसवाइफ के साथ साथ एक एनजीओ भी चलाती है.




backless-photos-15



मेरे बड़े भैया. राज गुप्ता जो कि पापा के साथ उनके बिज़्नेस में हाथ बटाते है, काफ़ी खुश मिज़ाज है.. मुझे आज भी वो एक बच्चे की तरह ट्रीट करते है.

मेरी भाभी नेहा गुप्ता जितनी वो सुंदर है उस से ज़्यादा उनका दिल सुंदर है वो हमेशा मेरा ख्याल रखती है वो पहले एक डॉक्टर थी लेकिन शादी के बाद उन्होने वो बंद कर दिया.


images-1



मेरी बड़ी बहन रूही गुप्ता बिल्कुल एक बार्बी डॉल की तरह वो मेरे ही कॉलेज में है मुझ से एक साल सीनियर , वो मेरे बिना एक पल नही रह सकती चाहे जब वो घर के बाहर हो या घर के अंदर वो हमेशा मेरे साथ रहती है.


IMG-20240518-151951


मेरी छोटी बहन नीरा गुप्ता मासूम इतनी कि गुस्से से आप उसकी तरफ़ देख नही सकते उसको देखते ही गुस्सा हवा हो जाता है , ऑर जितनी वो मासूम है उस से कही ज़्यादा वो शैतान है,एक बार उसने एक छिपकली पकड़ के मेरी टी शर्ट में डाल दी जब में सो रहा था...खूब उत्पात मचाती है लेकिन सब से ज़्यादा वो मुझे प्यारी है, में अपनी जान से भी ज़्यादा अपनी छोटी बहन को प्यार करता हूँ उसकी आँखो में आँसू का एक क़तरा मेरे पूरे वजूद को हिला देता है.


3



सवेरा...... एक ऐसा शब्द जो अहसास दिलाता है,रात के ख्तम होने का.

ऐसा ही एक दिन सवेरे सवेरे.


ज़य....जय...उठ भी जा कितना सोएगा , जल्दी से उठ आज बहोत काम है.

में..रूही दीदी सोने दो ना आज तो सनडे है क्यो मुझे उठा रही हो.

रूही..उठ जा गधे.. आज नीरा का बर्त डे है उसको लेकर मंदिर जाना है.



IMG-20240517-124112




में नीरा का नाम सुनते ही तुरंत खड़ा हो जाता हूँ.

में ..क्या दीदी पहले नही उठा सकती थी क्या? नीरा कहाँ है क्या वो उठ गयी?

रूही..गधे इसीलिए तुझे उठाया है वो महारानी अभी तक सो रही है..जाक्र उसे बर्तडे विश कर ऑर उठा उसको.

में तुरंत भाग के नीरा के कमरे में पहुँचता हूँ.

उसे देखते ही में वही रुक जाता हूँ कितनी मासूमियत झलक रही थी नीरा के चेहरे से आज वो 19 साल की हो गयी है,ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो, में उसे अपनी गोद में उठाए उठाए पूरे घर में भागा करता था.उसकी एक मुस्कुराहट पर में नाचने लगता था आज पूरे 19 साल हो गये नीरा को मेरे जीवन में आए हुए.


IMG-20240518-152054




में धीरे से उसके बेड की तरफ़ जाता हूँ उसके सिरहाने बैठ के उसके चेहरे पर आए उसके बाल हटा कर प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरने लगता हूँ.

रूही ये सब दरवाजे पर खड़ी होकर देख रही थी . फिर रूही ने धीरे से मुझे आवाज़ लगाई जय....

मैने उनकी तरफ़ देखा तो वो आपनी आँखे गुस्से से बड़ी बड़ी करके मुझे इशारे से नीरा को उठाने को कह रही थी..मैने उनको रुकने का इशारा किया ऑर नीरा के माथे को चूम कर धीरे से उसके कान में कहा,... हॅपी बर्त डे माइ स्वीट एंजल ऑर नीरा ने अपनी आँखे खोल कर मुझे अपने गले से लगा लिया ऑर कहने लगी .




IMG-20240518-152025


नीरा..भैया बर्तडे तो विश कर दिया लेकिन मेरा गिफ्ट कहाँ है.

में..पहले तैयार हो जा मंदिर जाना है उसके बाद तू जो बोलेगी वो लेकर दूँगा तुझे गिफ्ट में.


IMG-20240518-152109

नीरा..भैया गिफ्ट आप को देना है इसलिए पसंद भी आप करोगे ऑर लेने भी जाओगे अकेले आप.

में..ठीक है महारानी जी जैसी आपकी इक्षा.


323-1000



उसके बाद हम सभी मंदिर जाने के लोए तैयार होने में लग गये....

हम लोग मंदिर जाने के लिए तैयार हो गये में अपने रूम से सीढ़िया उतर कर हॉल में आया तो नीचे मम्मी ऑर पापा हॉल में ही थे. पापा ने एक वाइट कुर्ता ओर चूड़ीदार पाजामा पहना था ऑर मम्मी ने एक लाल रंग की बँधेज वाली साड़ी पहनी थी वो इस साड़ी में बहोत खूबसूरत लग रही थी. थोड़ी देर में भाभी ऑर भैया भी वहाँ आगये भैया ने भी कुर्ता ओर चूड़ीदार पहना था. जबकि भाभी ने गोल्डन रेड कलर की साड़ी ऑर उसके मॅचिंग का ब्लाउस पहना था जो कि उनकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था.

फिर रूही ऑर नीरा नीचे उतरी वो दोनो ही जन्नत. से आई परी की तरह खूबसूरत लग रही थी.




IMG-20240518-151928



IMG-20240518-154832



रूही ने जीन्स ओर एक पिंक कलर की कुरती पहनी थी.

ऑर नीरा ने एक येल्लो कलर की फ्रोक

में दोनो की खूबसूरती में लगभग खो सा गया .

तभी पापा की आवाज़ से मेरा ध्यान भंग हुआ .

पापा..जय हम सभी लोग एक कार में तो आ नही पाएँगे तू एक काम कर या तो दूसरी कार उठा ले या फिर बाइक से हमारे साथ चल.

में..पापा मुझे कार चलाना पसंद नही है वेसए भी सुबह सुबह ताज़ी हवा में बाइक चलाने का मज़ा कुछ ऑर ही है में बाइक से आ जाउन्गा पापा,


IMG-20240518-155435


पापा..तो फिर ठीक है हम लोग कार में आते है तू तेरी बाइक संभाल.


रूही..पापा में भी जय के साथ बाइक पर ही आउन्गि.

पापा..ठीक है चलो फिर जल्दी नही तो मंदिर में भीड़ ज़्यादा हो जाएगी.

ऑर उसके बाद हम मंदिर के लिए निकल पड़ते है मेरे पास रॉयल एनफील्ड. बाइक थी.

रूही अपने पैर एक तरफ़ करके मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठ गयी बीच रास्ते में ऐसी काई जगह आई जहाँ मुझे तेज़ी से ब्रेक लगाने पड़ते थे.


IMG-20240518-155503


ऑर इसी वजह से रूही मुझ से बिल्कुल चिपक जाती थी..मुझे काफ़ी अजीब लग रहा था एक तो सुबह सुबह की ठंड ऑर उस पर रूही के बदन की गर्मी मेरी सोच बदल रही थी मेने अपनी सोच पर शर्मिंदा होते हुए अपने सिर को झटका दिया ऑर गाड़ी सीधा मंदिर की पार्किंग में लगा दी...
मंदिर में पहुँच कर हमने पूजा करवाई ऑर वहाँ सभी ग़रीबो को नीरा के हाथ से मिठाई फ्रूट ऑर पैसे बटवाए सभी को वो स्नेह से देती जा रही थी ऑर बदले में उनका आशीर्वाद लेती जा रही थी.


IMG-20240518-155450



में उस के पीछे पीछे सब सामान का टोकरा उठाए घूम रहा था वो उस टोकरे में से खुल्ले हाथो से दान कर रही थी.
फिर हम भगवान का आशीर्वाद ले कर निकलने लगे ऑर पापा ने अपनी जेब में से चेक बुक निकाल कर उसमें 5 लाख का अमाउंट भर के मंदिर की दान पेटी में डाल दिया.उसके बाद हम घर की तरफ़ निकल पड़े इस बार रूही की जगह. मेरे साथ बाइक पर नीरा बैठी थी वो बिल्कुल मुझ से चिपक कर बाते कर रही थी.



IMG-20240518-155520



नीरा...भैया शाम को क्या गिफ्ट दोगे मुझे


में...गिफ्ट बता के थोड़े ही लाउन्गा अब..तूने ही तो कहा था कि आप अपनी पसंद से लेकर आना.

नीरा...भैया ऐसे तो आप कुछ भी उठा कर ले आओगे , मुझे ऐसी चीज़ चाहिए जो हमेशा मुझे आपकी याद दिलाती रहे.



IMG-20240518-155545


में--हाँ मेरी स्वीटू में ऐसा हे कुछ लाउन्गा तो गिफ्ट के बारे में ज़्यादा सोच मत.


ओर फिर हम घर पहोच गये...

घर पहोच कर मम्मी किचन में घुस गयी क्योकि पापा ओर भैया के शोरुम जाने का टाइम हो गया था. में भी मम्मी के पास किचन में चला गया मम्मी ने मुझे भाभी को बुलाकर लाने के लिए कहा.

में फट से भागते हुए भाभी के रूम की तरफ़ चला गया भाभी के रूम का दरवाजा खोलते ही मेरे होश उड़ गये भाभी इस समय एक रेड पेटिकोट में थी ऑर उपर एक वाइट ब्रा में खड़ी थी,

में उनको बस देखता ही रह गया उनका ध्यान अपने मोबाइल में था उनके उभार ब्रा को फाड़ कर आने के लिए तड़प रहे थे तभी भाभी ने मेरी तरफ़ देख लिया ऑर वहाँ पड़ी साड़ी उठा कर अपनी चुचियों को ढकने लगी.




IMG-20240517-124958


मैने उन से सॉरी कहा ऑर वहाँ से चुप चाप निकल गया ...मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था आज सुबह से ही सब कुछ गड़बड़ हो रहा रहा था ...

पहले रूही का चिपकना फिर नीरा का बिल्कुल चिपक कर बात करना ऑर ये अब भाभी को इस हालत मे देख लेना .

मेरा सिर फटने लगा था मन में इतनी ग्लानि आ गयी थी कि में भाग कर अपने रूम में चला गया.....

उधर भाभी किचन में आकर मम्मी का काम में हाथ बटा रही थी.

भैया ऑर पापा नाश्ता कर के शोरुम के लिए निकल गये .

इधर रूही मेरे कमरे में आ जाती है.




43010584-002-0dfd
रूही--क्या हुआ तेरे चेहरे पर 12 क्यो बजे हुए है किसीने कुछ कह दिया क्या.

रूही मुझ से बिल्कुल सॅट कर बैठी थी उसकी जांघे मेरी जाँघो से टच हो रही थी.


में--कुछ नही दीदी बस ऐसे ही सिर दुख रहा था.


IMG-20240518-151742



रूही--अरे मेरे भाई सुबह सुबह ठंडी हवा लग गयी तेरे सिर में रुक में तेरा सिर दबा देती हूँ .

फिर रूही मेरे सिर को खेंच के अपनी गोद मे रख लेती है मेरा मूह रूही की नाभि के पास आगया था ऑर मेरे कानो के उपर रूही के दोनो बूब्स का दबाव पड़ने लगा.

रूही के बदन को खुसबू मेरी मर्यादा की नीव हिला रही थी मेरे पूरे बदन में तूफान उठ रहा था रूही के जिस्म की गर्मी मेरे होश उड़ा रही थी...

तभी मैने खूद को काबू में रख कर रूही की गोद में से सिर हटा लिया ऑर बेड पर सीधा लेट गया उसके बाद रूही मेरे सिर को धीरे धीरे दबा रही थी ऑर अब जाकर मेरी सांस में सांस आई थी. थोड़ी देर मे मुझे नींद आगयि....




IMG-20240518-151657



रूही मेरा सिर दबा रही थी ऑर उसके कोमल हाथो के जादू से कब मुझे नींद आगयि मुझे पता ही नही चला.

ज़य भैया उठ जाओ शाम के 4 बज गये है कब तक सोते रहोगे ये आवाज़ में लाखो लोगो की भीड़ में भी पहचान सकता हूँ ये नीरा की आवाज़ थी...

में तुरंत उठ के बैठ जाता हूँ.

नीरा--भैया शाम को घर में पार्टी है ऑर आप अभी तक सो रहे हो , मेरे लिए गिफ्ट लाओगे या नही.


IMG-20240518-151728



में--अरे मेरी गुड़िया तेरे लिए गिफ्ट भी लाउन्गा ऑर तेरी पार्टी की तैयारी भी करूँगा ऑर ये कह कर में बाथरूम में घुस गया.... फ्रेश होने के बाद में रूम में चॅंग कर रहा था... नीरा अब रूम में नही थी मैने अपना, टवल हटा दिया ऑर वहाँ लगे मिरर में अपने शरीर को देखने लगा.


मेरा शरीर पूरी तरह से फिट था 5 11 की हाइट के साथ मेरी शरीर की बनावट बिल्कु शानदार लग रही थी मेने अपने लिंग की तरफ़ देखा वो अभी सोया हुआ था लेकिन अभी भी वो काफ़ी बड़ा लग रहा था.तभी अचानक मेरे रूम का दरवाजा खुल गया वहाँ नेहा भाभी खड़ी थी ऑर में उनके सामने पूरा नंगा खड़ा था .

मैने तुरंत टवल उठाया ओर अपनी कमर पर बाँध लिया.

में--क्या करती हो भाभी कम से कम दरवाजा तो बजा देती.



IMG-20240518-151713



भाभी--तुमने बजाया था क्या सुबह , ऑर मुझे क्या पता था क तुम बिल्कुल नंग धड़ंग रूम में घूम रहे होगे , अब जल्दी से अपने कपड़े पहनो मम्मी बुला रही है नीचे.

भाभी चली गयी ऑर मैने जेसे ही अपने लिंग की तरफ़ देखा उसने टवल में टेंट बना रखा था मेने टवल हटाया ऑर वो बिल्कुल सीधा खड़ा था जो कि लगभग 7 इंच से ज़्यादा का लग रहा था .

मैने अपने लिंग पर धीरे से चाँटा मारते हुए कहा ...साले जगह देख कर खड़ा हुआ कर.


IMG-20240518-151635


ओर फिर में कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकल आया ,नीचे उतरते ही भाभी ने मम्मी को बोला मम्मी जय भैया आगये.


मम्मी --तू बस सोता रहा कर सारे दिन... अभी जा मार्केट ऑर में कुछ सामान मंगवा रही हूँ वो लेकर आ ऑर नेहा को भी साथ लेजा इसको भी थोड़ी शॉपिंग करनी है....

नेहा भाभी ऑर में बाइक पर मार्केट के लिए निकल गये.

भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा हुआ था.

भाभी..जय सॉरी आज जो कुछ भी हुआ वो नही होना चाहिए था..


में...भाभी आप उस बारे में ज़्यादा सोचो मत,बस मुझ से कभी नाराज़ मत होना...आप लोगो का प्यार ही मेरे लिए सब कुछ है.



IMG-20240518-151619



भाभी...पागल में तुझ से कभी नाराज़ नही हो सकती , ऑर ना ही घर का कोई ऑर आदमी तुझ से नाराज़ हो सकता है.

फिर हम यही सब बाते करते करते मार्केट में पहुँच गये, वहाँ से शाम की पार्टी के लिए खाने पीने का सामान लिया...ऑर घर की तरफ़ चल दिए.

भाभी...जय कहीं गाड़ी रोक ना आज पानी पूरी खाने का मन कर रहा है.


IMG-20240518-151209


में...हाँ भाभी अभी थोड़ा सा आगे एक पानी पूरी वाला है हम वहाँ रुकते है.

थोड़ी दूर चलने पर वो स्टाल आ गई ऑर में ऑर भाभी वहाँ जा कर खड़े हो गये.


भाभी....पानी पूरी वाले से....भैया थोड़ा तीखा ज़्यादा रखना

फिर उसने हम दोनो को एक एक प्लेट दी लेकिन मैने उसे सिर्फ़ भाभी को खिलाने के लिए कहा.



IMG-20240518-151146


में भाभी को पानी पूरी खाते हुए देख रहा था उन्होने होंठो पर डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगा रखी थी ऑर उनके होंठ बिल्कुल रस से भरे हुए लग रहे थे जैसे कोई स्ट्रॉबेरी हो..

में उनको लगातार देखे ही जेया रहा था. भाभी ने इशारा किया ऑर इस तरह से देखने का कारण पूछा.

मैने धीरे से कहा..

में--भाभी आप आज बहुत ब्यूटिफुल लग रही हो , मन करता है बस ऐसे ही देखे जाउ.


IMG-20240518-151126


भाभी मुस्कुरा देती है ऑर मेरी पीठ पर एक चपत लगा कर बोलती है.


भाभी...अच्छा में तुझे बस आज ही ब्यूटिफुल लग रही हूँ क्या , बाकी दिन में अच्छी नही लगती??

में...ऐसी बात नही है भाभी लेकिन तीखा खाने के बाद आपका चेहरा बिल्कुल लाल हो गया है ऑर ये बिल्कुल इस तरह से लग रहा है जैसे सुबह सूरज निकलते वक़्त की लालिमा हो.



IMG-20240518-151101



भाभी...हट पागल हर कुछ भी बोलता है....ले ये एक पतासी मेरे हाथ से खा.

भाभी ने वो पतासी मेरे मूह की तरफ़ बढ़ा दी मेने अपना पूरा मूह खोल दिया भाभी की सॉफ्ट सॉफ्ट उंगलिया मेरे होंठो से लगती हुई ...मेरी जीभ से टच होने लगी.

ये मेरे लिए पहला अनुभव था ऑर मुझे काफ़ी अच्छा भी लगा.



IMG-20240518-151024


भाभी...क्यो बच्चू कैसा लगा...मज़ा आया.


में...भाभी आपकी फिंगर बड़ी टेस्टी है ऑर ये कह कर में हँसने लगा.

भाभी ने मेरी पीठ पर मुक्का मारते हुए कहा.


भाभी...मैने तुझे पतासी टेस्ट करने के लिए खिलाई थी ना कि मेरी उंगलिया टेस्ट करने के लिए , चल अब घर काफ़ी पतासी खाली .

फिर उसके बाद हम दोनो घर की तरफ़ निकल गये.

घर पहुँच कर मैने वो सारा सामान किचन में रखा ओर बाहर आकर हॉल में बैठ कर टीवी देखने लगा.

बाहर गार्डन में पार्टी की तैयारी चल रही थी. वैसे तो पापा पार्टी बहुत बड़ी करना चाहते थे लेकिन नीरा ने उन्हे ऐसा करने से मना कर दिया था क्योकि फिर बर्त दे पार्टी तो साइड में रह जाती है ऑर बिज़्नेस पार्टी शुरू हो जाती है .

इसीलिए पार्टी में सिर्फ़ ख़ास ख़ास लोग ही आए थे ऑर कुछ रिश्तेदार...



IMG-20240518-150945


में अपने रूम में रेडी हो रहा था मैने आज सूट पहना था , जिसमें में काफ़ी अच्छा लग रहा था .

फिर में जाकर नीरा के कमरे की तरफ़ बढ़ गया . मैने दरवाजा नॉक करा तो नीरा ने अंदर आने के लिए कहा.

अंदर नीरा रेडी हो रही थी.


नीरा--भैया आपको मेरे रूम में आने के लिए नॉक करने की क्या ज़रूरत है.


में--अरे यार आज सारे दिन से गड़बड़ हो रही है इसलिए नॉक करना ज़रूरी समझा.


नीरा--कैसी गड़बड़ भैया क्या हुआ मुझे भी तो बताओ , ऐसा क्या देख लिया जो आप दरवाजा नॉक करने लगे.



3-Threesome-sex-with-busty-Kendra-11



में...कुछ नही नीरा ऐसी कोई बात नही है वो तो बस नोर्मली मैने डोर नॉक किया था..मुझे लगा शायद तू तैयार हो रही होगी इस लिए.


नीरा...भैया अभी में इतनी बड़ी भी नही हुई हूँ कि आप मुझ से शरमाने लगो ...मुझे याद है जब मम्मी अपने एनजीओ के कारण बाहर चली जाती थी तो आप मुझे कितने प्यार से नहलाते थे , इसलिए मेरे रूम में आपको आने के लिए कभी नॉक ना करना पड़े इस बात का ध्यान रखना.


में--ओके स्वीटी में आगे से ऐसा नही करूँगा , अब तू कितनी देर में बाहर निकलेगी.


नीरा--भैया में तो रेडी हूँ चलो चलते है बाहर.

उसके बाद वो मेरे सामने से होती हुई बाहर निकलने लगी ऑर में उसके पीछे.

तभी मेने देखा नीरा के ड्रेस के पीछे वाले हुक नही लगे हुए थे पिछे से उसकी पिंक कलर की ब्रा नज़र आ रही थी.

मैने उसको आवाज़ लगाई.

में--नीरा रुक ड्रवाजा बंद कर के इधर आ.

नीरा--क्या हुआ भैया आप इतने परेशान क्यो दिख रहे हो.



Abella-Danger-know-how-to-satisfy-a-huge-dick-7


में--नीरा वो तेरी ड्रेस पिछे से......


नीरा--क्या हुआ भैया मेरी ड्रेस को क्या हुआ ये अच्छी नही लग रही.

में नीरा को ये बताते हुए झिझक रहा था कि उसकी पूरी पीठ दिख रही है.

नीरा--अब कुछ बोलो भी या ऐसी ही खड़े रहोगे ये ड्रेस अगर अच्छी नही लग रही तो अभी इसको चेंज कर लेती हूँ.


में--घबराते हुए .....नीरा ये ड्रेस तुझ पर बहुत अच्छी लग रही है पर...


नीरा--क्या पर पर लगा रखा है सॉफ सॉफ बोलो क्या बात है....अगर नही बोलना तो में बाहर जा रही हूँ.


में उसके कंधे पर हाथ रखता हूँ ऑर ड्रेसिंग टॅबेल की तरफ ले जाता हूँ उसका चेहरा मेरी तरफ था ऑर पीठ मिरर की तरफ़ .


f8dc874538b60a04fb8475218757686c-10


में--अब यहाँ से मूड कर देख में क्या बोलना चाहता हूँ.

नीरा मूड कर देखती है ऑर बोलती है.


नीरा--ओहूओ भैया आप भी ना... सीधे सीधे नही कह सकते थे कि तेरी ड्रेस के हुक खुले हुए है.

में--में कहना तो चाहता था लेकिन कह नही पा रहा था.

नीरा--चलो अब अपना मूह बंद करो मेरी ड्रेस के हुक लगा दो , में रूही दीदी का ही वेट कर रही थी क्योकि ये हुक मुझ से नही लग रहे थे अब आप इनको लगा दो.



group-sex-18



में--पर में कैसे....


नीरा---ज़्यादा होशियार बनने की ज़रूरत नही है चलो जल्दी लगाओ फिर बाहर भी जाना है.

ऑर ये कह कर मेरी तरफ अपनो पीठ कर के खड़ी हो गयी ऑर मिरर में से मुझे देखने लगी.


में घबराते घबराते उसके हुक लगाने लगा...मेरा ध्यान बार बार उसकी ब्रा पर चला जाता जिसका भी बस 1 ही हुक लगा हुआ था...

में--नीरा ये तेरे अंदर....भी हुक ढंग से नही लगा हुआ.



i-know-my-duty-001



नीरा--भैया आप लगा दो जहाँ भी नही लगा हुआ.

मैने हिम्मत करके नीरा की ब्रा पकड़ ली उसकी ब्रा पकड़ते वक़्त मेरे हाथ काँप रहे थे.

अचानक मेरा हाथ उसकी नंगी पीठ से टच हो गया ...मुझे ऐसा झटका लगा जैसे कोई बिजली के नंगे तार को छु लिया हो.

नीरा--भैया जल्दी करो ना क्या कर रहे हो आप.


में--रुक में कर रहा हूँ.

किसी तरह मेने हिम्मत करके उसकी ब्रा के हुक लगा दिए ऑर ड्रेस के भी हुक लगाने के बाद मैने चैन की साँस ली....

हम दोनो बाहर हॉल में आ गये वहाँ हमे रूही भी मिल गयी.


11289932



रूही--कहाँ रह गये थे तुम दोनो?? बाहर सारे मेहमान आ चुके है अब जल्दी बाहर चलो.

फिर हम बाहर गार्डन में आ गये वहाँ काफ़ी सजावट की हुई थी सभी पेड़ो पर रंग बिरंगी लाइट जल रही थी एक तरफ खाने की टॅबेल लगी हुई थी ऑर गार्डन के बीच में एक टॅबेल ऑर पड़ी थी जिस पर एक बड़ा सारा केक रखा हुआ था.

वहाँ आए सभी मेहमान एक एक कर के नीरा को बर्त डे विश करने लगे .

फिर नीरा को पापा ने बुलाया..,



7460722-D-91-EC-40-DD-A653-0-FC858-A9-F728



पापा--नीरा बेटा इधर आओ हम लोग कब से तुम्हारा इंतजार कर रहे थे...अब जल्दी से केक काटो ऑर पार्टी को शुरू करो.

नीरा--जी पापा.

उसके बाद नीरा वो केक काटती है, ऑर सभी मेहमान तालियाँ बजाने लगते है ...फिर वो सबको अपने हाथो से केक खिलाती है

फिर वहाँ आए लोग नीरा को एक एक करके अपने साथ में लाए गिफ्ट्स देने लगते है. लेकिन नीरा को जिस चीज़ का सब से ज़्यादा इंतजार था वो था मेरा गिफ्ट,पापा ने उसको एक बेशक़ीमती डाइमंड्स का नेकलेस दिया जिसे नीरा ने वही पहन लिया फिर सभी परिवार वालो ने कुछ ना कुछ गिफ्ट्स नीरा को दिए.

लेकिन उसके चेहरे पर उदासी सॉफ दिखाई दे रही थी क्योकि अभी तक मैने जो उसे गिफ्ट नही दिया था.
फिर वहाँ आए लोग नीरा को एक एक करके अपने साथ में लाए गिफ्ट्स देने लगते है. लेकिन नीरा को जिस चीज़ का सब से ज़्यादा इंतजार था वो था मेरा गिफ्ट,पापा ने उसको एक बेशक़ीमती डाइमंड्स का नेकलेस दिया जिसे नीरा ने वही पहन लिया फिर सभी परिवार वालो ने कुछ ना कुछ गिफ्ट्स नीरा को दिए.



bf3f669f0fb155d400b063372f079b44-13



लेकिन उसके चेहरे पर उदासी सॉफ दिखाई दे रही थी क्योकि अभी तक मैने जो उसे गिफ्ट नही दिया था.


नीरा रूही से...


नीरा--दीदी भैया कहाँ चले गये उन्होने तो अभी तक केक भी नही खाया.


रूही--मुस्कुराते हुए...होगा यहीं कहीं पार्टी में ही मेहमानो के साथ लेकिन तू उसकी चिंता क्यो कर रही है.थोड़ी देर में आज़ाएगा तो उसे भी केक खिला देना .


नीरा--ओहूओ दीदी आप तो कुछ समझती नही हो , भैया ने अभी तक मेरा बर्त डे गिफ्ट नही दिया है.


रूही--अच्छाअ...तभी में सोचु तू इतनी परेशान क्यो हो रही है, जब तक तुझे उसका गिफ्ट नही मिलेगा तब तक तुझे तेरा बर्त डे कंप्लीट नही लगता.


नीरा--हाँ दीदी आप सही कह रही हो , लेकिन भाई गया कहाँ.

में--क्या हुआ मेरी गुड़िया इतनी उदास क्यो लग रही है.


नीरा--आप कहाँ चले गये थे , पहले आप ये केक खाओ.

लेकिन में उसके हाथ से केक लेकर उसके मूह में डाल देता हूँ. ऑर फिर बचा हुआ टुकड़ा खुद खा जाता हूँ.

नीरा--चलो अब मेरा गिफ्ट निकालो कहाँ है.


में--अरे यार तेरा गिफ्ट तो में भूल गया, मुझे माफ़ कर दे मेरी बहन.


नीरा--गुस्से से... सुबह से में आप से कह रही हूँ गिफ्ट के लिए ऑर आप मेरा गिफ्ट भूल गये .

ऑर उसके बाद नीरा वहाँ से अपने रूम की तरफ़ भागने लगती है.


में--अरे नीरा रुक कहाँ भाग रही है.


नीरा--मुझे आप से बात नही करनी भैया, मुझे समझ जाना चाहिए था कि आप मुझ से बिल्कुल भी प्यार नही करते.

ऑर अपने रूम का दरवाजा खोल कर अंदर जा कर दरवाजा लॉक कर लेती है.


में--नीरा दरवाजा खोल ,दरवाजा क्यो बंद कर लिया.


नीरा--मुझे आप से कोई बात नही करनी भैया... मेरे बर्त डे वाले दिन ही आपने मेरा दिल तोड़ दिया.


में-- लेकिन तेरा गिफ्ट तो लेले.


नीरा--नही चाहिए आपका कोई भी गिफ्ट.


में--अच्छा एक काम कर सामने वाली दीवार को देख.


नीरा--मुझे कुछ नही देखना आप जाओ यहाँ से.


में--अच्छा बस एक बार सामने दीवार पर देख तेरा गिफ्ट वहीं पर है.


थोड़ी देर बाद दरवाजा खुलने की आवाज़ आती है ऑर में रूम के अंदर चला जाता हूँ मेरे रूम के अंदर घुसते ही नीरा मुझे बाहो में भर लेती है ऑर मेरे चेहरे को बेतहाशा चूमने लग जाती है.


नीरा--भैया आपका ये गिफ्ट अब तक का सब से बेस्ट गिफ्ट है.

ओर फिर उसकी आँखो में आँसू आजाते है .

में उसके आँसू पोंछते हुए कहता हूँ.


में--नीरा तू मेरी जान है, ऑर मेरी जान की आँखो में आँसू अच्छे नही लगते है.


नीरा--भैया में आपको अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....मुझे कभी छोड़ के मत जाना हमेशा मेरे पास रहना बोलो रहोगे ना पास ....खाओ मेरी कसम.



taking-off-her-4509



में---तेरी कसम नीरा में हमेशा तुझे अपने दिल के पास रखूँगा , जब कभी तेरी आँखो से आँसू निकलेंगे तो ये मान लेना तेरा भाई भी उस वक़्त खून के आँसू रो रहा होगा.

तेरी कसम ....में पूरी दुनिया से अकेला तेरे लिए लड़ जाउन्गा . तुझ पर उठी हर बुरी नज़र तुझ पर पड़ने से पहले उसका सामना मुझ से होगा..तेरी कसम मेरी बहना तेरी कसम....,


वहाँ रूही कब से खड़ी हम लोग की बाते सुन रही थी फिर अचानक वो बोलती है.


रूही--नीरा तू कितनी ख़ुसनसीब है जो तुझे इतना प्यार करने वाला भाई मिला.


में--दीदी क्या में आपका भाई नही हूँ क्या??

ऑर में अपनी बाहे फैला लेता हूँ मेरी दोनो बहने मेरी बाहों में समा चुकी थी,हम तीनो की आँखो में आँसू थे लेकिन वो बस खुशी के आँसू थे उन में दुख ओर दर्द की ज़रा सी भी मिलावट नही थी.....

तभी रूही ने नीरा से पूछा..



kendall38-picsay




रूही--नीरा तेरा गिफ्ट तो दिखा ऐसा क्या दिया है भाई ने तुझे.

नीरा दीवार की तरफ़ देखने का इशारा करती है रूही को.


वहाँ एक बड़ा सा वॉलपेपर लगा हुआ था जिसमें बीचो बीच जय ऑर नीरा की एक बड़ी सी फोटो थी मस्ती करते हुए बाकी कुछ फोटो उन दोनो के बचपन की थी..

रूही--वास्तव में ऐसा प्यार भरा गिफ्ट तुझे आज तक किसी ने नही दिया होगा ...ऑर सब से बड़ी बात में भी इन तस्वीरों में शामिल हूँ.


में--हम लोगो का बचपन साथ में बीता है दीदी जितना में नीरा को प्यार करता हूँ उस से कही ज़्यादा आप मुझ से प्यार करती है.


नीरा--ऑर में तुम दोनो को ...

नीरा की ये बात सुनकर हम दोनो हँसने लगे.

रूही अब चलो तुम दोनो खाना खा लो फिर तुम्हे कल कॉलेज भी जाना है ऑर नीरा को स्कूल.

उसके बाद हम बाहर आकर खाना खाने लग जाते है...

खाना खाने के बाद हम सब को गुड नाइट कहते है ऑर अपने अपने रूम में घुस जाते है,

उधर भाभी के रूम में...


नेहा रूम के अंदर घुसते ही अपनी साड़ी उतार के बेड पर फेक देती है तभी राज भी अंदर आजाता है ऑर नेहा से कुछ कहता है...


राज---नेहा क्या बात है आज तो तुम बिजलियाँ गिरा रही थी बाहर पार्टी में .

नेहा अपने ब्लाउस के हुक खोलते हुए..


नेहा--अच्छा आप पर कितनी बिजली गिराई मेने पहले ये बताओ.

राज--मेरा तो तुम बुरा हाल कर देती हो तुम्हारे हुस्न की आग में मैं खुद को जलता हुआ महसूस करता हूँ.

नेहा ब्लाउस उतार देती है ऑर राज नेहा को पीछे से पकड़ के उसकी गर्दन पर किस करने लगता है ऑर उसके पेट पर भी धीरे धीरे हाथ फैरने लगता है..



pussy-licking



नेहा--ऊफफफहूऊ अभी छोड़ो मुझे पहले मुझे फ्रेश होने दो उसके बाद जो करना है वो करना में मना नही करूँगी.

फिर राज बेड पर बैठ जाता है ऑर नेहा अपनी ब्रा राज के चेहरे पे खोल के फेक देती है ऑर अपनी 34 साइज़ की चुचियाँ मसलने लगती है.


cannibal6-luukk-309769



नेहा--सारा दिन ब्रा के अंदर रहने से इनका देखो कितना बुरा हाल हो जाता है.

राज बेड से उठता है ऑर एक चुचि को सहलाते हुए कहता है...

राज--देखो तो कैसे लाल हो गये है ऑर ये तुम्हारी निप्पेल का तो ऑर बुरा हाल हो गया है कैसे बिल्कुल सीधी खड़ी हो गयी ब्रा उतरते ही.


राज नेहा के बोबे सहलाते सहलाते नेहा की निपल अपनी उंगलियो के बीच में ले लेता है ऑर जैसे ही अपना मूह निप्पेल के पास लेजाने लगता है नेहा दूर हट जाती है..

नेहा--मैने सिर्फ़ देखने के लिए कहा था कुछ ऑर करने के लिए नही.

ऑर राज वापस जाकर बेड पर बैठ जाता है ऑर नेहा अपने कपड़े निकालने के लिए अलमारी खोल देती है,


3893174601b32746a1b7-1



फिर वो अपना पेटिकोट वही उतार कर बस पैंटी में बाथरूम के अंदर घुस जाती है.

थोड़ी देर बाद जब वो वापस निकलती है तो एक ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट नाइटी पहन कर बाहर निकलती है.


राज उसको देखते ही खहो जाता है उस ने अंदर सिर्फ़ एक ब्लॅक पैंटी पहनी थी ऑर उसके बूब्स नाइटी के ट्रॅन्स्परेंट होने की वजह से बिल्कुल सॉफ दिखाई दे रहे थे उसकी नाइटी बस उसके बूब्स के उपर तक ही टिकी हुई थी ऑर नीचे उसकी केले के तने जेसी चिकनी टांगे पूरी तरह से उस शॉर्ट नाइटी में नुमाया थी.



finger-in-butthole-11-anal-fingering-porn-ass-fingered


राज अपने बेड से उठता है ऑर नेहा को अपनी गोद में उठा लेता है नेहा भी उसकी कमर को अपनी टाँगो से जकड के एक बेल की तरह उस से लिपट जाती है.
राज अपने बेड से उठता है ऑर नेहा को अपनी गोद में उठा लेता है नेहा भी उसकी कमर को अपनी टाँगो से जकड के एक बेल की तरह उस से लिपट जाती है.

राज नेहा की खुश्बू सूंघने लगता है वो नेहा के बूब्स की घाटी में अपना मूह घुसा कर वहाँ की कोमलता का अहसास करने लगता है.

फिर राज नेहा को बेड पर बैठा देता है ऑर खुद ज़मीन पर बैठ कर नेहा को देखने लगता है.

राज--नेहा तुम कितनी खूबसूरत हो तुम्हे पा कर में दुनिया का सब से खुश नसीब आदमी बन गया हूँ.



tumblr-ni1ltd4i5z1sf68sto6-500


नेहा--मैने आपका ऑर पूरे परिवार का प्यार पाने के लिए ही हॉस्पिटल से रेसिग्नेशन दिया था अगर आज में वहाँ होती तो आप लोगो का प्यार मुझे नसीब नही होता ,

अब मुझ से उतनी दूर मत बैठो प्यार करो मुझे समा जाओ मुझ में.

ऑर फिर राज खड़ा होता है ऑर अपने कपड़े उतारने के बाद सिर्फ़ एक वी शेप अंडरवेर में नेहा के सामने खड़ा हो जाता है नेहा फुर्ती से राज को अपनी तरफ़ खीच लेती है ऑर राज की अंडरवेर उतार कर उसके लिंग को सहलाने लगती है नेहा अपने कोमल हाथो से. राज के लिंग की चमड़ी उपर नीचे करने लग जाती है , फिर वो उसकी गोलियाँ अपनी मुट्ठी में भर कर धीरे धीरे दबाने लगती है.

राज का लिंग अब पूरी तरह से अपने आकर में आजाता है जो कि तकरीबन 6 इंच लंबा ऑर 2 इंच मोटा हो जाता है...

नेहा राज के लिंग को अपने मुँह में भर लेती है ऑर अंदर बाहर करने लग जाती है ..फिर अचानक नेहा राज के लिंग को पूरा का पूरा अपने मुँह में भर का राज की गोलियाँ दबाने लगती है.

राज अपनी आँखे बंद करके मस्ती के आलम में खहो जाता है फिर जब उसे लगता है वो इस तरह से ज़्यादा देर टिक नही पाएगा तो राज अपना लिंग नेहा के मुँह में से निकाल कर नेहा को बेड पर सीधा लेटा देता है,ओर खुद उसके उपर आ जाता है .

नेहा के होंठो को राज अपने होंठो से ऐसे चूसने लगता है जैसे नेहा के होंठो पर शक्कर की मिठास आ गयी हो.



707-1000


उनकी जीभें एक दूसरे की जीभ का स्वाद लेने में जुटी हुई थी राज ऑर नेहा इस खेल को तब तक खेलते रहते है जब तक उन दोनो की साँसे उखड़ने नही लगती, जब दोनो अलग होते है तो एक दूसरे की तरफ़ प्यार भरी नज़रों से देख रहे होते है.

उसके बाद राज नेहा की नाइटी उतार देता है ऑर उसके निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगता है ऑर अपने एक हाथ से नेहा के दूसरे बोबे को मसलने लगता है.

जब दोनो बूब्स का रस वो पी लेता है तो नेहा की नाभि में अपनी जीभ डाल देता है नेहा की नाभि नेहा का सब से सेन्सिटिव पॉइंट था वहाँ जीभ लगते ही नेहा पलंग पर तड़पने लग जाती है ऑर राज का सिर वहाँ से हटाने लगती है लेकिन राज नाभि के अंदर पूरी तरह से अपनी जीभ रगड़ कर ही वहाँ से बाहर निकालता है



close-up


नेहा की पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से भीग जाती है राज नेहा की चूत को पैंटी के उपर से ही सूंघने लगता है , ऑर अपने हाथ से उसकी पूरी चूत को पकड़ लेता है..

इस तरह से अपनी चूत पर हुए हमले को नेहा सह नही पाती ऑर झड़ने लगती है.

उसका पूरा शरीर अकड़ जाता है ,उसकी चूत खूब सारा पानी छोड़ देती है जिस से उसकी पैंटी पूरी तरह से भीग जाती है .

राज नेहा की पैंटी उतार के नेहा की चूत पर अपना मुँह लगा लेता है ऑर उसकी चूत का सारा रस चाटने के बाद नेहा के उपर आ जाता है,

फिर राज अपने लिंग को नेहा की चूत पर सेट करता है ऑर एक जोरदार धक्का लगाकर अपना पूरा लिंग नेहा की चूत की गहराई में उतार देता है.


788-1000



फिर राज नेहा को चोदना स्टार्ट कर देता है, पूरा रूम नेहा की सिसकियो से ऑर उन दोनो के मिलन से हो रही ठप ठप..से गूंजने लगता है काफ़ी देर चुदाई करवाने के बाद नेहा बोलती है मुझे उपर आने दो .

राज नेहा को अपने उपर ले लेता है ऑर नेहा राज के लिंग को अपनी चूत पर सेट करके उस पर बैठने लगती है , उस पर बैठने के बाद नेहा अपनी कमर राज के लिंग पर चलाने लगती है.


tumblr-inline-p0t6be-F7n-V1ufucj3-500



जैसे वो घुड़सवारी कर रही हो राज नेहा के बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने ऑर मसलने लगता है नेहा की स्पीड ऑर ज़्यादा तेज हो जाती है दोनो अपने चरम पर पहुँच चुके थे तभी दोनो के जिस्मो ने झटका खाना शुरू कर दिया दोनो बुरी तरह से झड चुके थे ये बिल्कुल ऐसा अहसास था जैसे बारिश की बूंदे तपती हुई ज़मीन पर पड़ती है ऑर उसकी फुहारो से सारी गर्मी ख़तम हो जाती है.

नेहा अभी भी राज के उपर लेटी लेटी गहरी घेरी साँसे ले रही थी ऑर राज नेहा की पीठ सहला रहा था नेहा की चूत में भरा रस राज की जाँघो से रिस्ता हुआ बेड की चादर पर गिरने लग जाता है.

नेहा--आइ लव यू राज

राज--आइ लव यू टू माइ सेक्सी वाइफ

फिर नेहा राज पर से उतर कर बाथरूम में चली जाती है ऑर वापस एक नॉर्मल नाइटी पहन कर वापस आजाती है, राज भी अपना नाइट सूट पहन चुका था फिर दोनो एक दूसरे की बाहो में बाते करने लगते है

राज--जान कल मुझे ऑर पापा को दु
बई जाना पड़ेगा हफ्ते भर के लिए. तुम अपना ख्याल रखना.
नेहा--मेरा ख्याल रखने के लिए यहाँ सब लोग है आप अपना ख्याल रखना ऑर मुझे फोन करते रहना.


नेहा--जान एक बात कहूँ.

राज--हाँ जान बोलो.


नेहा--राज में अब एक बच्चा करना चाहती हूँ रोज रोज में वो पिलस खा खा कर तंग आ गयी हूँ..

tumblr-piacwo-Kb-DO1ubmnz6-400

राज --जान बच्चा तो में भी चाहता हूँ लेकिन बस कुछ महीने ऑर रुक जाओ हम लोग हमारा सारा काम एक जगह पर ही शिफ्ट करने में लगे हुए है ..जो भी दूसरे सिटी में हमारे शोरूम्स है वो हम ब्रांच के रूप में किसी ऑर को संभला देंगे .

उसके बाद हम दोनो बच्चा कर सकते है..क्योकि में नही चाहता हमारे बच्चे का बचपन मेरी आँखो के सामने ना बीते .
पापा को हमेशा ये अफ़सोस रहता है कि वो उनके बच्चो का बचपन ढंग से देख ही नही पाए.....


CONTINUE.........

UPDATE SOON.......
कहानी पढ़ी हुई है
क्या दोबारा पोस्ट होबराही है
 

Premkumar65

Don't Miss the Opportunity
6,097
6,426
173
UPDATE -2

Writer - Nidhi Agrawal



अगले दिन सुबह रूही मुझे उठा रही थी.


रूही--जय जल्दी उठ आज कॉलेज जाना है आज पहले दिन ही लेट पहुँचना चाहता है क्या???


में---दीदी सोने दो ना क्या कॉलेज कॉलेज कह कर डरा रही हो.



रूही--तुझे नही जाना है तो बोल दे क्योकि नीरा भी तेरा इंतजार कर रही है स्कूल छोड़ने के लिए.



IMG-20240519-120425

में--क्या यार दीदी हमेशा इंपॉर्टेंट बात आप लास्ट में क्यो करती हो....में बस 15 मिनिट्स में रेडी हो कर नीचे आता हूँ.

फिर रूही चली जाती है ऑर में बाथरूम में घुस जाता हूँ , ऑर रेडी होकर नीचे हॉल में आ जाता हूँ.




नीरा--भैया क्या है ये सब में कब से आपका वेट कर रही हूँ...


IMG-20240519-120442

में--तू तो चुप कर तुझे अगर स्कूल जाना था तो मुझे जल्दी जगाने नही आ सकती थी क्या.


नीरा--में तो आने वाली थी पर रूही दीदी ने मुझे रेडी होने के लिए बोल दिया था...अब जल्दी चलो नाश्ता आप कॉलेज की कॅंटीन में कर लेना...पहले आप मुझे स्कूल ड्रॉप करो.

उसके बाद हम तीनो एक ही बाइक पर बैठ कर निकल जाते है... नीरा को उसके स्कूल ड्रॉप करने के बाद में ऑर रूही कॉलेज के लिए निकल जाते है.


IMG-20240519-120501

कॉलेज की पार्किंग में बाइक खड़ी करने के बाद में ऑर दीदी अपने अपने क्लास रूम्स की तरफ़ बढ़ जाते है आज पहला दिन था इस लिए बस इंट्रोडक्षन ही चल रहा था जो भी प्रोफेसर आता वो सारा टाइम बस इंट्रो में ही निकाल देता...आख़िर थक हार के में कॉलेज की कॅंटीन की तरफ़ बढ़ जाता हूँ ऑर अपने लिए कॉफी ऑर समोसा ऑर्डर कर देता हूँ

तभी कुछ सीनियर वहाँ आते है ऑर एक टॅबेल पर बैठ जाते है ऑर न्यू स्टूडेंट से उनका इंट्रो लेने लगते है. कभी वो किसी से गाना गवाते कभी वो किसी को डॅन्स करने के लिए कहते.

में ये सब होते देख रहा था तभी रूही भी कॅंटीन में आजाती है रूही को देखते ही वो सीनियर्स आहे भरने लग जाते है.



IMG-20240519-120517

एक लड़का--भाई ये करोड़पति बाप की बेटी है ये ब्रा कौनसी कंपनी की पहनती होगी.


दूसरा लड़का---अबे ब्रा छोड़ ये पैंटी किस कंपनी की पहनती होगी ...
ऑर इतना बोलकर वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते है.

मेरा मन तो कर रहा था उन मादरचोदो का मुँह तोड़ दूं लेकिन रूही ने मुझे ऐसा कुछ भी करने से मना कर दिया था.

एक लड़का--भाई ये छमिया आज किस के साथ गुटरगूं कर रही है... कहीं इसने इस लड़के के साथ सेट्टिंग तो नही कर ली है.

दूसरा लड़का--ये तो कोई नया मुर्गा लगता है, चलो इसका इंट्रो लेते है.

वो लोग अपनी चेर्स लेकर हम लोगो के पास आकर बैठ जाते है.


IMG-20240519-120533
एक लड़का--ओये हीरो कौन्से एअर में है तू.


में--अपने शब्द चबाते हुए..,,फर्स्ट एअर में बोलता हूँ.


दूसरा लड़का---चल कोई गाना सुना.

मैने पूछा कौनसा गाना सुनना है.

लड़का--चिकनी चमेली सुना दे.


में--चिकनी चमेली ....ये तो मेरा पसन्द का गाना है...इस पर तो में आप को डॅन्स भी कर के दिखा सकता हूँ.

लड़का---चल तो फिर खड़ा हो ऑर दिखा अपना जलवा.


IMG-20240519-120553

मेरे खड़े होते ही उनमें से एक लड़के ने रूही का हाथ पकड़ लिया .....

मैने फुर्ती से पास की टॅबेल से एक कोल्ड ड्रिंक की बॉट्टेल उठा ली ऑर उस लड़के के सिर पर दे मारी.

कॅंटीन में बिल्कुल सन्नाटा छा गया, कोई कुछ समझ हे नही पाया कि क्या हुआ.

फिर उनमें से एक लड़का उठा....वो लड़का पूरी तरह से उठ पाता उस से पहले मेरे मुक्के का जोरदार प्रहार सीधा उसकी नाक पर हुआ...



IMG-20240519-120612

तभी कॅंटीन में कॉलेज स्टाफ ऑर प्रिन्सिपल आ जाते है.

प्रिन्सिपल को रूही सारी बात बता देती है कि किस तरह से ये लड़के यहाँ रेजिंग ले रहे थे ऑर लड़कियो को छेड़ते है.


प्रिन्सिपल उन लड़कों को अपने ऑफीस में आने के लिए कहते है ऑर जिस लड़के के सिर पर मैने बॉट्टेल मारी थी ....उसे वो हॉस्पिटल पहुचाने का बोलकर वहाँ से चले जाते है...

लड़का--तूने हम लोगो पर हाथ उठा कर अच्छा नही किया इसका बदला हम जल्दी ही लेंगे.


IMG-20240519-120629

में--चल भाग अब यहाँ से वरना चलने के लायक नही रहोगे.

ऑर उसके बाद वो लोग वहाँ से चले जाते है कॅंटीन में बैठे सभी लड़के लड़किया मेरे पास आकर थॅंक्स कहते है..ऑर मुझ से दोस्ती कर लेते है.

इस तरह से कॉलेज के पहले ही दिन मैने अपनी कॉलेज की गॅंग रेडी कर ली.


रूही--क्यो लड़ाई की तूने उन लड़को से.


में---में लड़ाई नही करता दीदी लेकिन उस लड़के ने आपका हाथ पकड़ के ग़लत किया , उसके बाद मेरा रुकना नामुमकिन था.


रूही--चल अब घर चलते है नीरा के स्कूल का टाइम भी हो गया है.



fbabbb4095f19efe98c5a143e597e10e

फिर हम दोनो नीरा की स्कूल को तरफ बाइक पर चल पड़ते है....रूही आज कुछ ज़्यादा ही मुझ से चिपक कर मेरी बाइक पर बैठी थी.....

हम लोग नीरा की स्कूल पहुँच गये नीरा भी वहाँ बाहर ही खड़ी होकर हमारा इंतजार कर रही थी.


नीरा--आप लोग कहाँ घूमते रहते हो , आज आप पूरा 10 मिनिट्स लेट हो.


में--अबे 10 मिनिट ही तो लेट है...


नीरा--ऑर अगर इन 10 मिनिट्स में मेरे साथ कुछ हो जाता तो.



5ef8eac472d87374787a9339c4b0c0f2

में--पागल अपना मुँह बंद रख , ओर चुपचाप गाड़ी पर बैठ...कुछ नही होगा तुझे.


रूही--अब तुम दोनो लड़ना बंद करो ऑर जल्दी से घर चलो , मेरा तो भूख के मारे हाल खराब है.


फिर हम लोग घर की तरफ़ निकल जाते है .


घर पहुँच कर रूही अपने कमरे में चली जाती है चेंज करने के लिए ऑर नीरा मुझे अपने साथ बिठा लेती है ऑर हम टीवी देखने लग जाते है...इस समय टीवी पर डोरेमोन आ रहा था, ऑर ये नीरा को बहुत पसंद था.


तभी भाभी भी आजाती है कॉफी ऑर नाश्ता लेकर ऑर मेरे बगल में बैठ जाती है.



51239218-077-4545
भाभी--नीरा अभी भी बच्चो वाले शो देखती है,अब तो तू 18 साल की होगयि है.


नीरा--उमर बढ़ने का ये मतलब थोड़े ही है जो चीज़े मुझे पसंद है वो में छोड़ दूं.
कल आप कहोगी कि जय भैया से प्यार करना छोड़ दे.


भाभी--अरे मेरी प्यारी ननद ऐसा तो में कभी सोच भी नही सकती ..अब ये नाश्ता ऐसे ही ठंडा करना है या तुम लोग इसे खाना शुरू करोगे, ऑर ये रूही कहाँ रह गयी.


नीरा--दीदी चेज करने गयी है.


भाभी--जय पापा ऑर तुम्हारे भैया हफ्ते भर के लिए दुबई गये है...क्यो ना हम लोग कहीं पिक्निक पर चले.

में कुछ बोलना ही चाहता था कि नीरा बोल पड़ी.


नीरा--हाँ जय भैया किसी मस्त जगह चलते है अभी 4 दिन की छुट्टियाँ भी हो गयी है.


में--4 दिन की छुट्टियाँ किस खुशी में.???


IMG-20240519-110346


नीरा--दो दिन की छुट्टी तो में स्कूल से ले लूँगी ऑर अगले दो दिन किसी महापुरुष की जयंती है इसलिए छुट्टी रहेगी.



में--वाह मेरी बिल्ली पिक्निक का नाम सुनते ही तेरी छुट्टियाँ शुरू हो जाती है.

तभी रूही भी वहाँ आजाती है


रूही--हाँ जय हम लोगो को कहीं चलना चाहिए ऑर वैसे भी अभी कुछ दिन तक कॉलेज में भी लेक्चर नही होने वाले.



में--लेकिन मम्मी से तो पूछ लो क्योकि पापा ऑर भैया दोनो ही यहाँ नही है वो घर बंद एक मिनिट के लिए नही करेंगी.


नीरा--मम्मी को पटाने की ज़िम्मेदारी मेरी...में उन्हे चलने के लिए मना लूँगी.


IMG-20240519-110402

में--तो फिर ठीक है , तू बात कर ले मम्मी से.


वो भाग कर मम्मी के रूम में चली जाती है ऑर मम्मी का हाथ पकड़ कर रूम से बाहर खीच कर ले आती है.

मम्मी--क्या बात है....तुम लोगो को पता है ये समय मेरे सोने का है और ये महारानी मुझे यहाँ ले आई.



नीरा--मम्मी हम पिक्निक पर जाने का प्रोग्राम बना रहे है, आप भी चलोगि हमारे साथ???



IMG-20240519-110420

मम्मी--यहाँ मुझे फ़ैसला करने के लिया बुलाया है या अपना फरमान सुनाने के लिए,
कोई कहीं नही जा रहा तुम्हारे पापा जब तक नही आजाते .

और फिर मम्मी वही बैठ जाती है.

नीरा--मम्मी आप तो कहीं जाती नही जब से में देख रही हूँ आप कभी मार्केट भी नही जाती,हमेशा इस घर में पड़ी रहती हो..ना तो खुद कहीं जाती हो और ना हमे कहीं जाने देती हो.



मम्मी--तेरा ये एमोशनल ब्लॅकमेन्ल करने वाला जादू मुझ पर नही चलेगा ....तुम लोगो के जाने का फ़ैसला सिर्फ़ तुम्हारे पापा कर सकते है.



IMG-20240519-110439

नीरा---ठीक है मम्मी ....में पापा से बात करती हूँ लेकिन पहले मेरी कसम खाओ पापा से बात करने के बाद जो में कहूँगी वो आप को करना पड़ेगा.


मम्मी--लेकिन तेरे पापा मानेंगे ही नही तुम लोगो को कही भी अकेले भेजने के लिए.


नीरा--आप कसम खाओ पहले उसके बाद भी अगर वो मना कर देंगे तो आप भी उस कसम से आज़ाद हो जाओगी.


मम्मी--में क्या पागल हुई हूँ जो तेरी बातो को मानने के लिए मुझे तेरी कसम खानी पड़ेगी अगर मेरे बस में होता तो तुम लोगो को कभी नही रोकती.


IMG-20240519-110453

नीरा--आप बस एक बार कसम खाओ,फिर मेरा जादू देखो.


मम्मी---तेरी कसम....अब खुश.


नीरा.... बहुत खुश.

नीरा पापा को फोन मिला देती है.


पापा--हाँ बेटा क्या हुआ इस वक़्त फोन किया है मेरी मीटिंग शुरू होने ही वाली है.


नीरा---पापा में बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही कहूँगी ....हम लोगो को पिक्निक पर जाना है 4 दिन के लिए और आपकी रज़ामंदी चाहिए.


पापा--तू पिछले जनम में कोई गुंडी वंडी थी क्या....रज़ामंदी माँग रही है या धमकी दे रही है.

अब में भी बात को ज़्यादा घुमा फिरा के नही बोलूँगा ...तुम लोग कहीं नही जा रहे जब तक हम वापस घर नही आजाते.



IMG-20240519-110517
नीरा--बोल लिया आपने ....आपकी इन्ही बातो के पीछे मम्मी कभी घर से बाहर नही निकलती और जब वो हमारे साथ जाने को रेडी होगयि है तो आप बीच में अपनी टाँग अड़ा रहे हो.


पापा--क्या कहा तूने तेरी मम्मी भी जाना चाहती है??तू मुझ से झूठ तो नही बोल रही है??

नीरा--आपकी कसम पापा में मम्मी को भी हमारे साथ ले जाउन्गी..


पापा--अगर ऐसी बात है तो जाओ और मज़े करो...लेकिन अगर मुझे पता चला कि तूने मुझ से झूठ बोला है तो याद रखना तेरा स्कूल जाना भी बंद करवा दूँगा.


नीरा--ठीक है पापा में आपकी कसम झूठी नही खा सकती..में मम्मी को भी अपने साथ लेकर जाउन्गी.


पापा--चल ठीक है अब मेरी मीटिंग का टाइम होगया है में फोन रख रहा हूँ.



IMG-20240519-110538
इधर मैने मम्मी को पकड़ रखा था और रूही दीदी ने उनके मुँह पर हाथ रख रखा था मम्मी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी हम लोगो से छूटने के लिए और पापा को सच बताने के लिए..और जैसे ही नीरा ने फोन रखा और हम सब हँसने लगते है.


मम्मी--ये क्या बदतमीज़ी है तुम लोगो ने
झूठ बोलकर उनसे पर्मिशन माँगी है में अभी फोन करके उन्हे सब सच बता देती हूँ.

नीरा--एक ही साँस में,,,,मम्मी आपने मेरी कसम खाई है जो में बोलूँगी वो आप करोगी और आपको अब कसम पूरी करने के लिए हम लोगो के साथ चलना पड़ेगा अगर आप कसम पूरी नही करोगी तो कसम टूटने की वजह से में मर जाउन्गि और अगर में मर गयी तो पापा की खाई हुई कसम भी टूट जाएगी ...सोच लो आगे क्या होगा


मम्मी मुँह फाडे नीरा की तरफ़ देखे जा रही थी उनको अहसास होगया था कि वो अब कुछ नही कर सकती ..,और उनकी ये हालत देख कर हम सभी मुस्कुराए जा रहे थे.


मम्मी--कहाँ जाना है....


और हम सभी एक साथ...हुर्र्रेयययी... चिल्ला देते है.....

हम सभी ने ऋषिकेश जाने का फाइनल किया. हम सभी ने आज रात को ही निकलने का प्लान बनाया, अभी दिन के 2 बजे थे और फिर भाभी और रूही शॉपिंग के लिए निकल गयी, में मेरे लेपटॉप पर वहाँ रुकने के लिए बुकिंग करने लगा

मम्मी और नीरा ज़रूरी सामान की पॅकिंग कर रही थी और साथ ही साथ नीरा को बातें भी सुनाए जा रही थी.



4e62fba8fa9b51836717026ce5013a5e

मम्मी--तुझे शर्म नही आई मुझे बेवकूफ़ बनाते हुए...मुझे तो बनाया जो बनाया तूने तेरे पापा को भी बेवकूफ़ बनाया???


नीरा--ऊओहू मम्मी अगर में ऐसा नही करती तो ना आप कभी घर से निकल पाती और ना ही कभी हम इस तरह से पिक्निक पर जा पाते, सोचो कितना मज़ा आएगा वहाँ हम सब को.



मम्मी--मुझे बहलाने की कोशिश मत कर तेरी माँ हूँ में...पता नही हर बार तेरे झाँसे में कैसे आ जाती हूँ में.



नीरा--आप खूब सारा प्यार जो करती हो मुझ से. आपकी इतनी लाडली हूँ तो आप तो मेरी बात मनोगी ही.



मम्मी--हाँ मेरी बच्ची लाडली तो तुम हम सब की है जान है तू मेरे घर की....तभी गुस्से मे....मुझे फिर फसा लिया तूने अपने जादू में,बोल देती हूँ तुझे ये मीठी मीठी बातो में मुझे फसाने की कोशिश मत किया कर.



44ge

नीरा---क्या मम्मी हर समय मुझ पर गुस्सा करती रहती हो...कभी थोड़ा प्यार से भी बात कर लिया करो...आपकी बातो से ऐसा लगता है जैसे में मंदिर में मिली थी आपको.



मम्मी--गुस्से से चुप हो जा वरना मेरा हाथ उठ जाएगा तुझ पर ...तुझे इतना प्यार दिया और तो बदले में ये सिला दे रही है मेरी ममता का.
मम्मी की आँखो में अचानक से आँसू छल्छला आए थे.


नीरा--मम्मी सौरी माफ़ कर दो मुझे में तो आपका अच्छा बेटा हूँ ना...मेरी बात का बुरा लगा मेरी प्यारी मम्मा को.

और नीरा कस कर गले से लगा लेती है मम्मी को .


मम्मी --बस बस काफ़ी नौटंकी हो गयी तेरी अब चुपचाप सामान पॅक करवा नही तो बाहर जाकर वो बिल्ली वाला नाटक देख(डॉरेमन).



नीरा इस बार बिल्कुल शांत हो कर मम्मी के साथ पॅकिंग करवाने लग जाती है.



उधर भाभी और रूही भी आजाती है ...वो लोग सारा सामान अच्छे से पॅक कर के रख देती है.



11289932
में--मम्मी ऊओ मम्मी वहाँ होटेल में बुकिंग हो गयी है अब चलने की तैयारी करो हमे जल्दी निकलना होगा खाना हम बाहर ही कहीं खा लेंगे.



मम्मी--ठीक है सामान गाड़ी में भरो फिर बैठे बैठे क्या टाइम पास कर रहे हो तुम सब.
और हम सब मम्मी की ये बात सुनकर खिलखिला के हंस देते है.


सारा सामान गाड़ी में भरने के बाद में सब से आगे ड्राइविंग सीट पर मेरे पास वाली सीट पर नीरा पीछे वाली सीट पर भाभी मम्मी और रूही बैठ गये मम्मी उन दोनो के बीच में बैठी थी.

हम लोग चल पड़े और जल्दी ही हम हाइवे पर पहुँच गये. हम घर से 7 बजे निकल गये थे इस हिसाब से कल दिन तक हम वहाँ पहुँच जाएँगे.

में लगातार हाइवे पर गाड़ी भगाए जा रहा था नीरा सो चुकी थी पीछे मम्मी और और रूही भी सो चुकी थी बस भाभी जाग रही थी.

भाभी ने मुझ से कहा .



भाभी--जय कहीं साइड में गाड़ी रोको ना.


में--क्या हुआ भाभी.


da9dcbfd2d606be92c88bd273a3ff63a

भाभी--मेने कह दिया ना साइड में गाड़ी रोको. कोई मजबूरी होगी तभी रोकने के लिए कह रही हूँ ना.

मैने फिर गाड़ी साइड में लगा दी और भाभी फट से बाहर उतर गयी , भाभी ने आज जीन्स और एक टॉप पहना हुआ था उतरते वक़्त जब मैने बॅक व्यू मिर्रर में देखा भाभी गाड़ी के पास ही खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.जीन्स घुटनो तक करने के बाद उनकी वाइट पैंटी पूरी तरह से दिख रही थी ...फिर भाभी ने अपनी पैंटी भी घुटनो तक सरका दी अब उनकी पूरी गान्ड मुझे दिखाई दे रही थी..मेरा बुरा हाल हो रहा था , उनकी बिल्कुल गोरी गान्ड और उसके बीच में वो लकीर जो दोनो को अलग कर रही थी मुझ पर गजब ढा रही थी,,,भाभी अब नीचे बैठ कर पेशाब करने लगी उनके पेशाब करने की आवाज़ एक सीटी की तरह मुझे सुनाई दे रही थी फिर वो खड़ी हो गयी और अपने कपड़े सही करने के बाद मेरी तरफ़ खिड़की में आई.

भाभी--जय मेरे हाथो पर थोड़ा पानी डालना.

मैने तुरंत अपने पास पड़ी बॉट्टेल में से उनके हाथ धुलाए और मैने बोला.


में--क्या बात है भाभी बड़े जोरो की लगी थी क्या आवाज़ काफ़ी दूर तक आरहि थी.
चलो अब आप गाड़ी में बैठो में भी थोड़ा हल्का हो जाता हूँ.

उसके बाद में गाड़ी में से उतरा और थोड़ा आगे जाकर मुतने लगा. जब वापस आया तो भाभी डर्राइविंग सीट पर बैठी थी और उनके चेहरे से लग रहा था जैसे आज वो मुझे खा ही जाएँगी. मेरे आते ही वो सीट पर से उतर गयी और जैसे ही में बैठने लगा तडाक मेरे सिर पर एक चाँटा पड़ा.


में--अपने सिर को मसल्ते हुए...क्या हुआ मारा क्यो.


भाभी--तुम्हारे बॅक व्यू मिरर में से मुझे सब नज़र आ गया, आज जो तुमने किया है उसका बदला तो में ज़रूर लूँगी.

फिर उसके बाद भाभी अपने कदम पटकती हुई गाड़ी में बैठ गयी .

अभी रात का 1 बज गया था और हम लोगो ने कुछ भी नही खाया था....फिर मैने गाड़ी आगे बढ़ा दी भाभी लगातार पीछे से मेरे बाल खिचे जा रही थी, आगे जाकर ठीक ठाक सा ढाबा दिखा वहाँ जा कर मैने अपनी गाड़ी रोकी और सब को जगा दिया.....


1c64e77527d6b033f301fe8467cddf8b

ढाबे पर गाड़ी लगाने के बाद हम सब ने मुँह हाथ धहो कर खाने का ऑर्डर दिया ..

खाना खाते खाते ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलती रही..फिर रूही ने कहा जय अब गाड़ी में चलाउन्गी तू काफ़ी थक भी गया है.
मैने उसे चाबी देकर मम्मी को आगे बैठने को कहा क्योकि वो भी काफ़ी देर सो चुकी थी.और अब में बीच में और भाभी और नीरा मेरी अगल बगल बैठ गयी.

भाभी ने मेरे पास बैठते ही मेरी बाँह पर च्युन्टी काट ली और हँसने लगी.
फिर गाड़ी चलने लगी रूही गाड़ी अच्छी चलाती है. इस बात का मुझे पूरा भरोसा था क्योकि रूही ने ही मुझे गाड़ी चलाना सिखाया था. इस लिए में निश्चिंत हो कर सो सकता था.

थोड़ी देर में ही मुझे नींद आ गयी और मेरे साथ साथ भाभी भी सो गयी , नीरा तो वैसे ही नींद की राजकुमारी है इसलिए वो तो सब से पहले सोती है.

थोड़ी देर बाद अचानक मेरी आँख खुली. मेने देखा मेरे दोनो कंधो पर भाभी और नीरा ने अपने सिर रख रखे थे और नीरा तो बिल्कुल मुझ से चिपकी हुओ सो रही थी उसके उभार मुझे मेरी कोहनी पर महसूस होने लगे थे.

मैने अपने उपर काफ़ी कंट्रोल किया लेकिन तभी भाभी भी मेरी तरफ़ और सरक गयी उनके भी बोबे मेरी कोहनी से टच होने लगे.


मेरा बुरा हाल हो रहा था तभी नीरा जो मुझे पकड़ कर सो रही थी उसका एक हाथ फिसलता हुआ सीधे मेरे लिंग पर जा कर गिरा .


मेरा दिमाग़ बुरी तरह से खराब हो चुका था और लिंग महराज अपना सिर झुकाने को तैयार नही थे. मैने अपने आपको काबू में रखा और नीरा का हाथ अपने लिंग पर से हटा के साइड कर दिया.और मैने रूही को कहा.


IMG-20240515-202446

में--रूही दीदी गाड़ी मुझे चलाने दो आप काफ़ी स्लो चला रही हो.



रूही--हाँ भाई धीरे तो चला रही हूँ क्योकि काफ़ी दिनो बाद में हाइवे पर गाड़ी चला रही हूँ तो थोड़ा डर लग. रहा है.

में--ठीक है तो फिर आप गाड़ी साइड में लगाओ क्योकि मेने भी काफ़ी देर आराम कर लिया है.


फिर रूही गाड़ी साइड में लगाकर बाहर आ जाती है. और मेरे उठते टाइम मेरा लिंग भाभी के चेहरे से रगड़ता हुआ निकलता है . में गाड़ी से बाहर निकल के चैन की साँस लेता हूँ और खुद से कहता हूँ आज तो इज़्ज़त लूटने से बच गयी बेटा......

उसके बाद में साइड में जाकर पेशाब करने लगता हूँ इस से मुझे कुछ सुकून मिलता है.
में गाड़ी में बैठ जाता हूँ और रूही मम्मी को भी जब तक पीछे भेज देती है.
और खुद आगे आकर बैठ जाती है. हम लोग ऐसे ही चलते रहते है मस्ती मज़ाक करते करते और कब हम लोग ऋषिकेश पहुँच जाते है कुछ पता नही चलता.

वहाँ मैने एक रिजोर्ट में बुकिंग करवाई थी जो कि काफ़ी हरी भरी जगह था.

वहाँ जाकर में रूम में सामान रखवा देता हूँ और कुछ खाने के लिए ऑर्डर कर देता हूँ, हम को वहाँ पहुँचते पहुँचते रात हो गयी थी इस लिए हम सब ने आराम करने का फ़ैसला लिया और सब अपने अपने रूम्स में सोने चले गये.


IMG-20240515-202504

अगले दिन सुबह....


में फ्रेश होकर रेडी हो गया और बाकी सब भी फ्रेश हो चुके थे.


नीरा--क्या भैया ये कौनसी पिक्निक हुई अगर होटेल में ही रुकना था तो हमारे उदयपूर में एक से एक आलीशान होटेल्स है इतनी दूर आने की क्या ज़रूरत थी??


में--सबर कर तुझे यहाँ पूरी पिक्निक का मज़ा दिलवा कर ही घर लेकर जाउन्गा.

फिर हम लोग अपनी गाड़ी लेकर होटेल की गाड़ी के पिछे पीछे चलने लगे वो गाड़ी हमे जंगल के अंदर ले जा रही थी.

फिर हम एक जगह रुक गये उस गाड़ी में से 3 आदमी निकले और टेंट बनाने लग गये.और एक आदमी गाड़ी में से लकड़िया निकाल रहा था टोटल 2 टेंट लगाए गये थे फिर वो लोग शाम को आने का बोलकर चले गये.



IMG-20240515-202520
में-- अब ठीक है नीरा अब तो खुश है तू.


नीरा-- बहुत खुश भैया एक आप ही हो जो मेरे दिल की बात होंठो पर आने से पहले समझ लेते हो.


में---आख़िर तू मेरी स्वीतू जो है चलो अब आस पास घूमने चलते है होटेल वाले बता रहे थे यहाँ एक नदी भी है.



भाभी--नदीइई.....वाउ तब तो खूब मज़ा आएगा.


फिर हम लोग आगे बढ़ गये काफ़ी दूर से ही नदी के पानी की आवाज़ हमारे कानो में पड़ने लग जाती है...हम सभी तेज़ी से उस ओर चलने लगते है.



IMG-20240515-202644
सामने देखते ही मन खुशी से झूम उठता है...ये एक पहाड़ी नदी थी और इसका पानी बिल्कुल काँच की तरह क्रिस्टल क्लियर था वहाँ बड़े बड़े काफ़ी पत्थर भी थे नदी ज़्यादा गहरी भी नही थी और ना ही वहाँ पानी तेज बह रहा था, हम लोग वहाँ पड़े पत्थरो पर बैठ गये...मम्मी मेरे साथ ही बैठी थी.



मम्मी--आज कितने सालो के बाद में ये सब देख रही हूँ कभी सोचा नही था में दुबारा. प्रकृति की ये निराली छटा देख पाउन्गी...बस उलझ कर रह गयी थी परिवार के बन्धनो. में जो मुझे घर से बाहर पैर निकालने की इजाज़त नही देते थे.



में--मम्मी हम सब जानते है आप हमारे कारण कभी घर से बाहर नही निकलती थी ...हमेशा आपने अपनी ख़ुसीयो का बलिदान दिया है हमारी देख भाल करने के लिए...लेकिन अब और नही आज के बाद आप कभी खुद को एक पिंजरे के पन्छि की तरह नही रखोगी.

आप हमेशा खुश रहोगी तभी हम भी खुश रह पाएँगे...खाओ मेरी कसम मम्मी अब से जो कुछ भी आपने हमारे पीछे खो दिया है आपने वो हर लम्हा आप खुल कर जियोगी खाओ मेरी कसम मम्मी खाओ मेरी कसम.


IMG-20240519-111007

मम्मी--- तेरी कसम....मेरे बच्चे तेरी कसम...अब में खुदको पूरी तह से बदल लूँगी अगर मेरे बच्चो को तकलीफ़ होती है मुझे इस तरह देख कर तो में वो सब करूँगी जो मेरे बच्चो की खुशी होगी...तेरी कसम ...आज के बाद तुम लोगो को तुम्हारी माँ में एक हस्ती खेलती लड़की नज़र आएगी जो ना जाने कहाँ खो गयी थी.


उसके बाद वो रोने लगती है और में उनको अपने गले से लगा लेता हूँ ...उनके आँसू पोछते हुए ..


में--भगवान ने मेरा नसीब इतना अच्छा बनाया है जो मुझे इतना अच्छा परिवार मिला ,अब आप रोना बंद कर दो माँ और हम लोगो के साथ जिंदगी का फिर से मज़ा लो.

फिर मम्मी भाभी को आवाज़ लगाती है और कॅंप में चलने को कहती है भाभी जाना तो नही चाहती थी लेकिन मम्मी की आँसुओ से भरी आँखे देख कर खुद को उनके साथ जाने से रोक नही पाई....,

मम्मी और भाभी के जाने के बाद में रूही और नीरा के पास चला गया,दोनो आज बेहद खुश लग रही थी.



IMG-20240519-111020
नीरा--आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो...और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन....में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.


और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है....

नीरा--आइ लव यू भैया आप दुनिया के सब से अच्छे भाई हो...और रूही दीदी दुनिया की सब से अच्छी बहन....में आज बेहद खुश हूँ भैया थॅंक यू वेरी मच.


और फिर वो मुझ से लिपटकर मेरे पूरे मुँह पर किस करने लग जाती है तभी अचानक वो मेरे होंठो पर भी किस कर देती है....

मुझे एक ज़ोर दार झटका लगता है उसके किस करने से , नीरा भी ये बात समझ चुकी थी कि उस से ग़लती हो गयी है.

वो मुझ से अलग होजाति है और तभी रूही बोल पड़ती है.


रूही--नीरा तो बिल्कुल गधि है कोई ऐसे किस करता है क्या देख तो सही क्या हाल किया है इसके चेहरे का पूरे चेहरे पर तूने अपनी लिपस्टिक चिपका दी है...

में बताती हूँ किस कैसे करते है फिर रूही भी मेरे पूरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक चिपका देती है और हँसने लग जाती है जबकि में ये समझ नही पा रहा था कि ये अचानक हो क्या रहा था.


में--तुम दोनो मुझे समझ क्या रखा है....जब मन करा मेरे चेहरे पर अपनी लिपस्टिक से पुताई कर देती हो.

मेरा ये कहता हुआ और दोनो जंगली बिल्लियो की तरह मुझ पर टूट पड़ती है मेरा पूरा चेहरा उन लोगो ने अपनी लिपस्टिक से रंग दिया था.


IMG-20240519-111040

में--खीजते हुए ये क्या पागल पन है तुम दोनो मेरा सेक्षुयली हरासमेंट कर रही हो थाने में जा कर तुम दोनो के खिलाफ एफआइआर कर्वाउन्गा में.


तभी नीरा बोलती है.


नीरा--भैया ज़्यादा मत बोलो अभी तो बस सेक्षुयल हारेसमेंट किया है ज़्यादा बोलोगे तो हम दोनो मिलकर आपका रेप भी कर सकते है


में-इधर आ रेप की बच्ची .


फिर में भाग कर उसे पकड़ लेता हूँ और उसको अपनी गोद में उठा कर नदी में फेक देता हूँ....

फिर रूही की तरफ़ बढ़ता हूँ और उस से कहता हूँ तुझे भी करना है मेरा रेप ....वो बचकर भागने लगती है और में उसके पीछे भागने लग जाता हू और जैसे ही में रूही को पकड़ता हूँ मेरा हाथ सीधा रूही के बूब्स पर पड़ जाता है एक तरह से अंजाने में रूही का पूरा बूब पकड़ लेता हूँ और...उसको भी गोद में उठाकर नदी में फेक देता हूँ.


में--गर्मी निकली या दुबारा से पानी में गिरने का इरादा है.


तभी मुझे कोई धक्का दे देता है और में भी पानी में गोते लगाने लग जाता हूँ जब बाहर देखता हूँ तो मम्मी और भाभी दोनो खिल खिला कर हंस रही होती है. मम्मी इस समय किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी उन्होने एक स्किन टाइट जीन्स और एक शानदार एमब्राय्डरी करी हुई शॉर्ट कुरती पहन रखी थी और ये कपड़े भाभी के थे जो उन्होने कॅंप में जाकर चेंज कर लिए थे मम्मी किसी भी सूरत में भाभी से कम नही लग रही थी....


भाभी ने आज एक ग्रीन साड़ी और बॅक लेस ब्लाउस डाला था.

तभी मम्मी भाभी को भी धक्का दे देती है भाभी सीधा मेरे उपर आकर गिरती है.,

पानी में गिरने की वजह से उनकी साड़ी पानी के उपर ही रह जाती है और पानी के अंदर वो सिर्फ़ पैंटी में ही होती है उनको संभालने के चक्कर में मेरा हाथ पानी के अंदर उनकी जाँघो से होता हुआ उनकी चूत तक पहुँच जाता है ...और में घबरा कर अपना हाथ हटा लेता हूँ और भाभी अपनी साड़ी पानी के अंदर ठीक करने लगती है.


फिर मम्मी भी पानी में कूद जाती है और

हम सब घंटो उस शीतल नदी में मस्ती करते रहते है....

हम लोग अब पानी में से निकल गये... मेने देखा रूही की निपल उसके कपड़ो में से भी नज़र आ रही थीं. मेने अपना ध्यान वहाँ से हटाया और कॅंप की तरफ़ चलने लगा . कॅंप में पहुँचने के बाद हम सब ने अपने कपड़े बदल लिए ...और हम लोग आपस में बाते करने लगे तभी रिजोर्ट की गाड़ी हमे आती हुई दिखाई दी ...

उस में से 2 आदमी उतरे और एक टॅबेल वहाँ लगा दी फिर वो गाड़ी में से खाना उतारने लग गये थे.
उसके बाद उन में से एक आदमी वहाँ पड़ी लकड़ियाँ जलाने लग जाता है.

और पूरी तरह से कॅंप फाइयर का महॉल तैयार हो जाता है फिर एक आदमी मेरी तरफ़ बढ़ता है और कहता है.



आदमी--सर ये वाइयरलेस अपने पास रखिए आप लोगो को किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो आप हमे बता देना ,
और आपने नदी तो आज देख ही ली होगी आज...और कल आपको यहाँ से इस दिशा में 2 किमी जाना पड़ेगा वहाँ एक छोटा सा झरना है उसे देख कर आप लोगो को आनंद आज़ाएगा.

मैने उसे थॅंक्स कहा और 500 का एक कड़कता हुआ नोट उसे दे देता हूँ. वो खुशी खुशी वहाँ से चला जाता है.

उसके बाद में झरने वाली बात सब से छुपा कर रखना चाहता था क्योकि कल में सब को वो दिखा कर सर्प्राइज़ देना चाहता था.


हम सभी ने खाना खाया और आग के चारो तरफ़ पड़े कुछ पत्थरों पर बैठ गये.


मम्मी--वाह मज़ा आगया इस तरह से जीने का एक अलग ही मज़ा है.


नीरा--अब तो आप हमे कभी नही रोकोगि ना.



मम्मी--रोकने का सवाल ही पैदा नही होता में तो खुद तुम लोगो के साथ चलूंगी.


भाभी मेरे सामने की तरफ़ बैठी थी पानी के अंदर जब से वो घटना हुई उसके बाद से भाभी ने मुझ से बात नही करी थी.


kendall38-picsay

रूही--भाभी क्या बात है आप इतना चुप चुप क्यों हो आपको ये जगह पसंद नही आई क्या.


भाभी--अरे नही रूही ऐसी कोई बात नही है यहाँ तो इतना सुकून है कि दिल करता है यहीं एक छोटा सा घर बना कर रहने लगूँ.


नीरा--तब तो हमे भी आपके घर में रहने दोगि ना भाभी...और हँसने लगती है.


भाभी--हाँ हाँ क्यो नही और वैसे भी तू तो पढ़ाई की चोर है तेरा तो पढ़ाई से पीछा ही छूट जाएगा.


नीरा--ऐसे बात नही है भाभी...में जब स्कूल में होती हूँ तो मेरा सारा ध्यान बस पढ़ाई में ही होता है...लेकिन जब में आप लोगो के साथ होती हूँ ख़ास कर मेरे स्वीट से भैया के साथ तब मुझे पढ़ाई वधाई कुछ याद नही रहता..


रूही--हँसते हुए ....चलो बहुत हो गयी बाते अब एक गेम खेलते है ट्रूथ आंड डेर.

फिर हम पाँचो उस टॅबेल को बीच में रख देते है और वहाँ पड़ी एक केचप की बॉट्टेल टॅबेल पर आधी रख देते है.
रूही--जिस किसी के भी सामने इस बॉट्टेल का मुँह होगा उसको एक टास्क दिया जाएगा ट्रूथ और डेर में से और टास्क देने वाला वो होगा जो बॉट्टेल के पीछे खड़ा होगा.

फिर रूही ने वो केचप की बोटल घुमाई तो उसका मुँह रूही और भाभी के बीच में हो गया

इस लिए बोटल को रूही ने फिर से घुमाया इस बार बोटल का मुँह मेरी तरफ़ था और बोटल के पिछे रूही खड़ी थी.

रूही---ज़ोर ज़ोर से हँसते हुए.....में काफ़ी दिनो से इसी दिन की तलाश में थी आज में वो पता लगा कर रहूंगी जो किसी ने आपसे नही पूछा, अगर पूछा भी होगा तो आप हमेशा टाल जाते हो. आपका टास्क है ट्रूथ और सवाल भी में ही पूछूंगी. आप हम सब में से किस को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करते हो ...याद रखना सवाल का जवाब आपको पूरी ईमानदारी से देना होगा और अगर आप जवाब ना देना चाहो तब भी हम ये गेम जारी रख सकते है लेकिन फिर इसको खेलने का कोई मतलब नही निकलेगा.


में-- कुछ सोचते हुए...मेरे लिए तो सभी लोग मेरी जान से भी अज़ीज है लेकिन एक सच्चाई एक और भी है....में नीरा और आपके लिए किसी की जान ले भी सकता हूँ.

उसके बाद सब मुझे देखने लग जाते है .

महॉल सीरीयस होता देख भाभी बोलती है इस बार में बोतल घुमाती हूँ और सब अपनी अपनी जगह बदल लेते है..बोतल रुकते ही बोतल का मुँह नीरा की तरफ़ था और सवाल पुछ्ने वाली भाभी थी....


भाभी--तो मेडम नीरा जी आपसे सवाल ये है कि वैसे तो हम सब जानते है कि आप सब से ज़्यादा प्यार किस को करती हो..लेकिन में तुम्हे डेर का टास्क दूँगी ताकि तुम मुझे खुद अपने बारे में बताओ.


नीरा--ये क्या है भाभी ऐसा भी कोई करता है क्या फिर भी में खुद ही सच बता देती हूँ.

सच ये है कि में कभी चाहती ही नही हूँ कि में कभी भी मेरे परिवार को एक मिच्योर्ड लड़की के रूप में दिखूं..में हमेशा अपने परिवार के लिए अपने भाई के लिए एक मासूम बच्ची बनी रहना चाहती हूँ..में कभी नही चाहती कि इनका ध्यान मेरी तरफ़ से कभी हटे ...जैसे एक छोटे बच्चे का ध्यान पूरा परिवार रखता है में चाहती हूँ वैसे ही पूरा पटिवार मेरा ध्यान रखता रहे और मुझे प्यार करता रहे.


मम्मी--घर जाने के बाद मेरे साथ किचन में हाथ बटाना चालू कर देना अब से बहुत हो गया लाड प्यार...

और हम सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगते है और मम्मी नीरा को प्यार से गले लगा कर उसके माथे को चूम लेती है.

अब हम लोगो ने फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर ली थी. इस बार मैने बोतल घुमाई और बोतल का मुँह भाभी की तरफ था और बोतल के पीछे मम्मी खड़ी थी.


मम्मी--नेहा तू मेरी बहू है और में चाहती हूँ तू खुद ही अपना टास्क चुन ले.


IMG-20240515-202349

भाभी--मम्मी में डेर चुनना चाहूँगी.

मम्मी आपको पता है ही कि शादी से पहले में एक डॉक्टर थी खूबसूरत होने के साथ साथ में अपने हुनर में भी माहिर थी इस वजह से जब मेरी शादी हो गयी और मैने मेकप करना शुरू कर दिया तो लोगो की गंदी नज़रे मुझ पर पड़ने लग गयी थी (ये बात उन्होने मेरी तरफ़ देख कर कही थी) और इसीलिए मैने वहाँ से रीजाइन कर दिया था क्योकि में राज और मेरे बीच किसी को भी आते बर्दाश्त नही कर सकती थी.

इसी बात पर हम सभी तालिया बजाने लगते है और रूही भाभी को गले लगा लेती है.
हम लोग फिर से अपनी अपनी जगह चेंज कर लेते है.


बोतल फिर से घूमने लगती है और जब रुकती है नीरा की खुशी का कोई ठिकाना नही होता.

बोटल का मुँह मम्मी की तरफ़ होता है और बोतल के पीछे खड़ी नीरा ज़ोर ज़ोर से उच्छल रही होती है.

नीरा--आप का टास्क है ट्रूथ...और मेरा सवाल है जब भी में आपको ये कहती हूँ के आप मुझे मंदिर के बाहर से उठा कर लाई हो तब आप गुस्सा क्यों हो जाती हो....क्या आप मुझे या हम तीनो में से किसी को बाहर से उठा के लाई हो......

मम्मी का चेहरा बिल्कुल उतर गया था.उनकी

आँखो में भी आँसू भर गये थे फिर वो कुछ कहती है.
मम्मी--नीरा से....तू मेरे प्यार का इस तरह से फ़ायदा उठाएगी मुझे अंदाज़ा नाही था...मैने तुझे हज़ार बार कहा है तू मुझ से ऐसी बाते मत कर, लेकिन तू मानती नही है. शायद मेरी जान लेकर ही तुझे समझ में आएगा कि में तुम लोगो से कितना प्यार करती हूँ. अब काफ़ी हो गया तुम्हारा खेल में जाकर सो रही हूँ ...तुम लोगो को जो करना है वो करो. और रोती हुई कॅंप के अंदर चली जाती है.

में नीरा को घूर कर देखता हूँ तो उसकी आँखो में से भी आँसू छलक जाते है. फिर में भागकर अंदर कॅंप में जाता हूँ मम्मी के पास जो अंदर बैठी बैठी सूबक रही थी.

में अंदर जाते ही उनको अपने गले से लगा लेता हूँ और मेरे गले से लगते ही वो फुट फुट कर रोने लगती है और कहने लगती है...तू मेरा बेटा है में कही से नही लाई तुझे तू मेरा बेटा है....

मुझे उनकी बात समझ में नही आरहि थी.. में उनके आँसू पोछते हुए कहता हूँ.

में--मम्मी आप रोना बंद करो मुझे बहुत ज़्यादा घबराहट हो रही है...उस का छोटा सा मज़ाक आप को इतना दुख देगा इसका मुझे अंदाज़ा नही था आप प्ल्ज़ रोना बंद करो.

अब में भी उनके साथ रोने लग गया था फिर में बोलता हूँ आपने मेरी कसम खाई थी आप कभी भी हमारे लिए खुद को तकलीफ़ नही दोगि. अगर ऐसे ही रोटी रहोगी तो मुझे मरा मान लेना.

मेरी ये बात सुनते ही मम्मी मेरे मुँह पर हाथ रख देती है और कहती है तुझे मेरी भी उमर लग जाए मेरे बच्चे ...में कभी नही रोउंगी लेकिन तू नीरा को समझा दे मुझ से ऐसी बात ना करे.



IMG-20240518-151839
में--में उसे अभी समझाता हूँ और डाट भी लगाता हूँ...
तभी रूही भी अंदर आजाती है और मम्मी के पास जाकर बैठ जाती है. और में बाहर चला जाता हूँ मम्मी रूही से कुछ बोलती है.


मम्मी--रूही तू तो सब जानती है तू ही फ़ैसला कर तुम चारो में मैने कभी कोई अंतर रखा है...तुम सब को मैने बराबर प्यार दिया फिर नीरा को ऐसा क्यो महसूस होता है कि हम तुम मे से किसी को उठा कर लाए है .


रूही--मम्मी बीती हुई बातो को भूल जाओ उनको याद करने से सिर्फ़ तकलीफे ही मिलेंगी हमारी खुशहाल ज़िंदगी में ऐसा तूफान आएगा कि सब तहस नहस हो जाएगा.बस आप इन बातो को मत दोहराओ ये राज बस हम 4 लोगो को ही पता और ये हमारे दिलो में ही दफ़न रहना चाहिए.
......................................
उधर में नीरा के सामने कॅंप में खड़ा था और नीरा लगातार रोए जा रही थी.


में--नीरा ये क्या बदतमीज़ी है तूने क्यो मम्मी का दिल दुखाया.


नीरा--भैया में पहले ये बात उनसे मज़ाक में बोला करती थी लेकिन उनका रियेक्शन पहले भी ऐसा ही रहता था ...में जब भी उन से ये सवाल करती थी वो बुरी तरह से भड़क जाती थी मुझे लगा आज सही मोका है ये जानने का वो ऐसा क्यो करती है.वो ये भी तो कह सकती थी कि तुम लोगो को कोई कही से नही लाया तुम सब मेरे ही बच्चे हो.

में--नीरा मुझे गुस्सा मत दिला मेरा दिमाग़ वैसे ही खराब हो रखा है और ये फालतू की बात को बंद कर , और जाकर मम्मी से सॉरी बोल.

और फिर में उठ कर बाहर निकल जाता हूँ.

नीरा भी मेरे जाते ही मम्मी के कॅंप में चली जाती है.

में चलते चलते नदी के किनारे आकर बैठ जाता हूँ...आज से पहले इतना दुख मैने कभी नही देखा था मेरी मम्मी मेरे सामने बेबस रो रही थी और में कुछ नही कर सकता था.....

में नदी किनारे बैठा अविरल बहती उस जल धारा को पूरे ध्यान से देखे जा रहा था नदी का कल...कल..बहता शीतल जल दिमाग़ के साथ मेरे दिल को भी सुकून पहुचा रहा था . लेकिन मेरी आँखो से भी एक धारा बहने लगी थी..ये आँसू उस दर्द के लिए थे जो मैने अपनी माँ के चेहरे पर देखा था.,,, कितना दर्द झलक रहा था उनके चेहरे से, आज कितना खुश थी वो हमारे साथ लेकिन ये खुशी भी ज़्यादा देर नाही ठहर सकी.

में इसी सोच में डूबा हुआ था तभी किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.

जब मैने पलट कर देखा तो वहाँ नेहा भाभी खड़ी थी और एक टक मुझे ही देखे जा रही थी उनको इस तरह देख के में फुट फुट कर रोने लगा.

भाभी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया और मेरे सिर में प्यार से हाथ फेरने लगी . मेरे आँसू लगातार बहे ही जा रहे थे....उन्होने मुझे खुद से अलग किया और मेरी आँखो में आए आँसू पोछने लगी.


sexy-see-through-shake-001

भाभी---जय मत रो अगर तू ही रोने लग जाएगा तो हम सब को कौन संभालेगा , मम्मी को कौन संभालेगा मत रो...जय मत रो..
लेकिन मम्मी का नाम सुनते ही मेरा रोना और बढ़ गया और साथ में हिचकिया भी आने लगी थी...

भाभी मेरी हालत देख कर काफ़ी ज़्यादा परेशान हो गयी थी..

उन्होने मेरा चेहरा अपने उभारों में दबा लिया और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी लेकिन जब उन्हे लगा कि इस से भी मेरा रोना बंद नही हो रहा तो उन्होने वो कर दिया जो में सोच भी नही सकता था.

उन्होने मेरे सिर के बाल पकड़ कर एक नज़र मेरे चेहरे पर डाली

फिर मेरे होंठो पर किस करने लग गयी वो मेरे होंठो को चूसे जा रही थी उन्होने मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया और जिस हाथ से उन्होने मेरे बाल पकड़ रखे थे...उस हाथ से मेरा दूसरा हाथ पकड़ कर अपने उभारों पर रख दिया...


ये मेरे लिए काफ़ी ज़्यादा शॉकिंग था वो मेरे हाथ को पकड़ कर अपने बोबे मसलवा रही थी मुझ से और मेरे होंठो को लगातार चूसे जा रही थी ...मेरा रोना अब रुक गया था...और में भी उनके साथ किस में साथ देने लग गया .
जैसे ही उनको पता चला के मेरा रोना बंद हो गया है और में काफ़ी ज़ोर से उनके बोबे दबा रहा हूँ तो वो एक दम से मुझ से दूर हट जाती है और हाफने लगती है... में जैसे ही उनको बाहो में भरने के लिए आगे बढ़ता हूँ वो मेरे सीने पर अपनी हथेली रख कर मुझे वही रोक देती है और कहती है....


भाभी--जय बस अब रुक जाओ, मैने ये सब तुम्हें उस दौरे से बाहर निकालने के लिए किया था ....और कुछ नही.

हमारे बीच जो कुछ भी हुआ. वो बस तुम्हे उस दुख के पल से बाहर निकालने के लिए मैने किया था..

हमारे बीच अब भी वही पुराना मारियादा का रिश्ता है और कुछ. नही...में तुमहरे भैया से अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....इसलिए अपने मन में कोई ग़लत फ़हमी मत रखना. अब चलो यहाँ से और भूल जाना के कभी ऐसा कुछ हमारे बीच में हुआ था......

में और भाभी कॅंप के पास पहुँच गये...मम्मी वाले कॅंप में अभी भी रूही और नीरा बैठी थी.
मुझे देखते ही रूही खड़ी हो गयी और कहने लगी.


cumshot-002-93

रूही--कहाँ चला गया था तू बिना बताए . हम लोगो को तेरी चिंता हो गयी थी...वो तो अच्छा हुआ जो भाभी ने तुझे नदी की तरफ़ जाते हुए देख लिया.


में--कुछ नही दीदी आज थोड़ा सा मन खराब हो गया था...आप अब कहाँ जा रही हो.


रूही--में और भाभी दूसरे वाले कॅंप में ही और तुम तीनो इस वाले कॅंप में रहोगे.

इतना बोलकर वो कॅंप से बाहर चली गयी.


मम्मी--में थोड़ी देर बाहर ही हूँ जब तक तुम दोनो सोने की तैयारी करो...

इतना कह कर मम्मी भी बाहर चली गयी.

अंदर में और नीरा थे नीरा बड़ी मासूमियत से मुझे देखे जा रही थी.

नीरा--भैया मुझे से आप नाराज़ हो.



converted
में--क्यो में क्या किसी से नाराज़ नही हो सकता.


नीरा--भैया मुझे माफ़ कर दो में अब कभी भी मम्मी का दिल नही दुखाउंगी.



में--देख नीरा मेरा अभी मूड बिल्कुल खराब है और में नही चाहता में तुझसे कुछ भी ग़लत कह दूं.


नीरा--भैया आप कुछ भी कर सकते हो आप चाहो तो मुझे थप्पड़ भी मार सकते हो.
लेकिन प्ल्ज़ मुझ से नाराज़ मत होना.



IMG-20240517-124903

मैने नीरा की इस बात का कोई जवाब नही दिया और अपनी टी शर्ट खोल कर बेग में से मेरा नाइट सूट निकालने लग जाता हूँ.

तभी अचानक तडाक एक ज़ोर दार आवाज़ मुझे सुनाई देती है और एक और तडाक की आवाज़ आती है.
वो आवाज़ नीरा की थी वो खुद के गालो पर बेरहमी से चाँटा मार रही थी .

मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और कहने लगा.


में---ये क्या कर रही है तू पागल तो नही होगयि है.



group-sex-18

नीरा--हाँ में पागल हो गयी हूँ...आप सब के प्यार में पागल हो गयी हूँ...आप लोग मेरी ग़लती पर मुझे सज़ा भी नही देते....मुझे जो चाहे वो सज़ा दे दो बस मुझ से नाराज़ मत हुआ करो. मुझे माफ़ कर दो भैया मुझे माफ़ कर दो...और ये कह कर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है...


में तुरंत उसे अपने सीने से लगा लेता हूँ तब जाकर वो रोना थोड़ा कम करती है.

CONTINUE..........

NEXT UPDATE SOON..........
Mast update.
 
  • Like
Reactions: nidhi69sexbomb

sunoanuj

Well-Known Member
3,448
9,166
159
Behad shandar update hai nidhi69sexbomb … superb writing waiting for next update…
 
Top