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Incest बहन से शादी 💖 (completed)

L U F F Y _

👑 K i n g Of ☠️ P i r a t e s
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Update ~ 9

"अपनी बहन नेहा को मै उस रात तीन बार चोदा. दोनो थक चुके थे. हम भाई बहन चुदायी मे इतने व्यस्त थे की रात कब बीत गयी पता ही न चला. अगला दिन सन्डे थ इस लिये कोई प्रॉब्लेम नही था. हम दोपहर तक सोते रहे. २ बजे जब मेरी आन्ख खुली तो नेहा नहा कर बाथरूमसे निकल रही थी और उसने जिस्म पर तौलिया लपेटा हुआ था. जब वो मेरे पास आयी तो मै तौलिया खीच कर उसको नन्गा कर दिया,

"क्या कर रहे हो भैया? दिल नही भरा अभी तक? मेरी चूत का कचुमर निकाल दिया है तुम्हारे लन्ड ने! अब कुछ खा ले?" नेहा हसते हुए बोली. उसके होठ लाल और सूजे हुए लग रहे थे, उसकी चुचियोपे मेरे नाखूनोके निशान थे, चलते वक्*त भी वो थोडी लन्गडाकर चल रही थी. मैने देखा हमारे बिस्तर की चादर पर कुछ खून के धब्बे भी थे. मुझे कल रात की चुदाई याद आई और नेहा को कितना दर्द हुआ होगा ये सोच कर शर्मिन्दा हुआ.

मैने नेहा को अपनी गोद मे बिठाकर कहा
"सॉरी नेहा, मेरी रानी....मैने कल रात तुम्हे बहुत परेशान किया बहुत दर्द होता होगा तुम्हे..." लेकिन मेरी बात बीच मे काटकर नेहा बोली

"ऐसे न कहो भैया, यह दर्द बहुत मीठा है.....आपके प्यारकी निशानी है ये दाग, मै तो इन्हे गहने मानती हू. अब चिन्ता छोडो, भूख लगी होगी, नहा धो लो और कुछ खा लो, मै कही भागी नही जा रही हू, जी भर के कर लेना जो करना है"

मै बाथरूम मे जाने लगा और उसको चूमते हुए बोला," कभी अपनी पत्नि, और वो भी इतनी प्यारीसी पत्नि से भी जी भरता है क्या? नेहा मेरी रानी बहना, आज से तुम मेरे सामने नन्गी रहो, जब जी करे मै तुम्हे चोदून्गा, बोल चलेगा ना तुझे"

नेहा मेरे होठोको चूमते हुए बोली" मै तो कबकी तुम्हारी हो चुकी मेरे राजा भैया, जब मर्जी हो, मै तुम्हारे लिए तैयार हू"

मै नहा कर नन्गा ही बाहर निकला और देखा तो नेहा फोन पर मा से बात कर रही थी. मै झुक कर उसकी चुची चूसने लगा तो नेहा को बात करना मुश्किल होने लगा, मै एक हाथ से उसकी दूसरी चुची मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत मे उन्गली कर रहा था. नेहा ने झूठमूठ मुझे आखोसे डाटा, लेकिन मैने शरारत बन्द नही की. फिर वो अपनी आवाज़ से उत्तेजना छुपाने के लिये बोली," मा, लो आप भैया से बात कर लो" और मेरे हाथ मे फोन थमा दिया. मा बोल रही थी,

" कैसे हो बेटा? अपनी बहन के लिये कोइ लडका मिला क्या? अब हमे नेहा की शादी जल्द से जल्द कर देनी चाहिये" मै कैसे बोलता? मेरा मुह तो अपनी बहन की चुची से भरा हुआ था.

लेकिन मै चुची से मुह उठा कर फोन लिया और नेहा का हाथ अपने लन्ड पर रखते हुए बोल

"मा घबराने की कोई बात नही है. एक लडका मैने देखा है जिसे नेहा भी शायद पसन्द करेगी. वो भी उसको चाहता है. लेकिन आप एक बार उसे देख लेना. ऐसा करो ना मा, आपही यहा आ कर देख लो. उम्मीद है आपको ये रिश्ता पसन्द आयेगा."

मा खुश हो कर बोली," ये तो बहुत अच्छी बात है बेटा, मै जानती थी कि तुम अपनी बहन का ख्याल रखोगे. ठीक है मै भी वहा आने का बन्दोबस्त करने मे जुट जाती हू " और मा ने फोन रख दिया.

मै मन ही मन खुश हो रहा था. लेकिन नेहा ने चिन्ता जताते हुए कहा

"भैया, ये क्या कह रहे हो? कौन सा लडका देखा है तुमने मेरे लिये? मा से झूठ क्यू बोल रहे थे?"

मैने नेहा की चुची मसलते हुए उसकी एक चुम्मी ले और कहा" मेरी प्यारी बहन के लिये ये राज कैस रहेगा? मा कह रही थी की भाई को ही बहन की खुशी का ख्याल रखना पडेगा. अब बस मा को मना ले तो बात ठीक हो जयेगी!"

फिर एक दिन मा गाव से हमारे यहा आ गई. हम दोनो उसे लेने स्टेशन गये थे. मा विधवा के लिबास मे ही थी लेकिन सफ़ेद साडी मे भी खिल रही थी. पिताजी के गुजरने के बाद मानो उसका एक बोझ हलका हुआ था, उसका हुस्न और चमक उठा था. मैने मा की पैर छू लिए तब मा ने प्यार से गले लगया, उसके सीने के उभार मेरे सीने से टकरा गये. मैने जान बूझकर मा को आलिन्गन मे लेकर उसके मासल जिस्म पर हाथ फ़ेरा और उसे जल्दी नही छोडा. मेरा लन्ड तो उस वक्त ही खडा हो गया और मा के पेट पर चुभने लग. शायद अब मेरे लन्ड को घर की चूत खाने की आदत हो चुकी थी. जब मै मा के गले लग रहा था तो नेहा मुझे अजीब नज़रो से घूर रही थी. मुझे लगा जैसे उसकी नज़र मे इर्षा की झलक थी. और होती भी क्यू नही. आखिर वो मुझे अपना पति समझ रही थी. लेकिन मेरी बहन/पत्नि नही जानती थी की उसका अपना पति अपनी मा से सम्बन्ध बनाने की कोशिश कर रहा था तो उसे अपना पति मा के साथ बान्ट कर खाना होगा. मेरी अपनी बहन के साथ शादी का रास्ता मै अपनी मा की चूत से हो कर निकालने वाला था. मेरे शैतानी दिमाग मे एक प्लान बन रहा था.

हम सब घर आये, बडे खुश थे, इधर उधर की बात करते रहे. नेहा किसी उलझन मे लग रही थी. जब मा नहाने गयी तो वो बोली,"भैया, अब मा को क्या जवाब दोगे? लडका कहा है? अगर उसने पूछ लिया तो?" मैने अपनी बहन को बाहो मे भर के एक किस लिया और उसकी चुची मसलने लगा. नेहा भी गरम हो कर मेरा साथ देने लगी. मैन्से उसे मौका देखकर मेरे दिल की बात कह डाली

"नेहा, मेरी रानी, मै मा को भी बिस्तर मे लेना चाहता हू, जब मै मा को चोद लून्गा तो वो ना करने की हालत मे नही रहेगी. वो भी तो एक प्यासी औरत है, और फ़िर हम तीनो यहा पे मज़े से रहेगे".

नेहा का शुरु मे अपने कानोपे विश्वास ही नही हो रहा था कि मै अपनी मा को पटाकर चोदने की फिराक मे हू. जब मैने उसे दुबारा समझाया तो वो नकली गुस्सा करते हुए बोली

"क्या कह रहे हो भैया, यानी मेरी मा मेरी सौतन होगी, और हम तीनो......." इसके पहले की वो और कुछ बोले मैने उसके होठ अपने होठोसे बन्द किए और वो केमिस्ट से लाई दवा उसके हाथ मे थमाकर बोला

" तुम बस ये दवा मा को पिला देना. मा अब नहा के आएगी तो उसे चाय-नाश्ता परोसना और उसके चाय मे ये मिला देना. ये दवा कोई भी औरत की चूत मे आग लगा देती है, तो मा मुझे धुत्कारेगी नही. उसको भी एक मर्द की जरूरत तो होगी, इस दवा से वो इच्छा भडकेगी, जिसे मै बुझा कर तुझे अपनी पत्नि बनाने की मन्ज़ुरी ले लून्गा!!
 
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