Abhishek Kumar98
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Bhai maja aa gaya maa ke hatho se mutth marwa karदोस्तों एक बात तो सत्य है की एक आदमी और औरत का रिश्ता सिर्फ चूत और लन्ड का होता है।
अब आगे
दोस्तों जैसा कि मैंने पिछली कहानी में बताया कि मेरे पापा का 1 महीने का टूर लग गया था ऑफिस के काम के लिए। इस बात को लेकर मैं बहुत खुश था। हालांकि मम्मी उस दिन के बाद से मुझसे अच्छे से बात नहीं कर रही थी।। आखिर क्या सोच रही थी वह। मैं भी नहीं समझ पा रहा था जब भी मैं उनके सामने जाता था या कुछ उनसे बात करता था तो वह ऐसा व्यवहार करती थी जैसे मैं कोई बाहर का आदमी हूं। उस दिन के बाद से मां का व्यवहार बदल गया था। लेकिन मैं हिम्मत नहीं हारना चाहता था। मैं समझ गया था कि जब तक मैं मम्मी का दिल नहीं जीत लूंगा तब तक मैं उनको हाथ नहीं लगा पाऊंगा। इस 1 महीने में मुझे यह सारा काम करना था। अब मैं दिमाग लगाने लगा कि आखिर मैं ऐसा क्या करूं की मम्मी मेरी हो जाए हमेशा हमेशा के लिए। मेरे दिमाग में एक विचार आया कि क्यों ना मम्मी को पहले से डिलीट किया जाए उसके बाद उनको प्रपोज करूं।
मैं समझ गया था कि मम्मी उन औरतों में से नहीं है जो इतनी आसानी से मानेगी । लेकिन मैं भी उनका ही लड़का था इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था। अब मेरे दिमाग में यह आया की लोग कहते हैं की औरत अगर मोटा लन्ड देख ले तो वह पिघल जाती है। मम्मी ने भी मेरा मोटा लन्ड देख लिया तो क्या वह अंदर से पिघल गई थी। अगर पिघल गई थी तो वह चीज मुझे नजर क्यों नहीं आ रही थी। क्या वह समाज को लेकर डर रही थी कि अगर ऐसा कुछ हुआ तो समाज हमारे बारे में क्या सोचेगा। क्या बात कर रही थी अगर पापा को चल पता चला तो इसका अंजाम क्या होगा। मम्मी क्या यह डर स्वाभाविक था।
अब मैं फिर से कोशिश करना चाहता था कि मम्मी को अपने खड़े लन्ड के दर्शन फिर से कराऊं। जब तक बात पिघल नहीं जाती तब तक मैं अपना मोटा लन्ड मम्मी को दिखाता रहूंगा।
और एक बात की कसम तो मैंने भी खा ली थी कि मम्मी को चोद कर रहूंगा इसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े।
दोस्तों जैसा कि आपको बताया था कि पापा 1 महीने के लिए बाहर चले गए। अगले दिन से ही मैंने प्लान बनाना शुरू कर दिया। मां बहुत कम बात कर रही थी। लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। क्योंकि मेरे ऊपर हवस सवार थी। मैं मां को प्यार से चोदना चाहता था जबरदस्ती नहीं। और हां प्यार से चोद कर उन्हें इतना दर्द देना चाहता था जितना कभी उनको पापा से ना मिला हो। एक-दो दिन बाद सुबह का समय था मैं सुबह 3:00 से उठा था और मम्मी झाड़ू पोछा लगाती थी। मुझे 5 मिनट पहले पता चल गया कि मम्मी मेरे कमरे में झाड़ू लगाने वाली है। मैंने अपनी पोजीशन तैयार कर ली मेरा मुंह दरवाजे की तरफ ही था और आंख बंद करके लेट गया। मैं चादर ओढ़े हुए था। लेकिन बीच में थोड़ा चादर मैंने खोल लिया ताकि मेरा लन्ड नीचे लटक सके। दोस्तों मम्मी के नाम पर मेरा ल** बिल्कुल तन जाता था। नशे टाइट हो जाती थी। यही सब मैं मम्मी को दिखाना चाहता था ताकि वह मेरी और आकर्षित हो। मम्मी मेरे कमरे में प्रवेश की अचानक मैंने देखा कि मेरा चादर बीच से हटा हुआ है और मेरा लन्ड निकला हुआ है। मुझे चादर के अंदर से हल्का हल्का दिख रहा था। मम्मी की नजर 5 सेकंड के लिए मेरे लन्ड पर पड़ी।
लेकिन ऐसा लगा कि उनकी आंखों में फिर से गुस्सा भर गया और वह बिना कुछ कहे और किए वहां से चली गई। मुझे आज फिर लग गया था कि मुझे कस के डांट पड़ने वाली है।
लेकिन अब मेरी भी स्थिति कन्ट्रोल के बाहर हो रहा थी । मैं किसी भी तरह से मम्मी को चोदना चाहता था। और अब मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता था। मैं आर पार की लड़ाई के लिए तैयार था। मेरा लन्ड खड़ा ही था और मैं उठकर जहां मम्मी बैठी थी वहां चला गया। मम्मी ड्राइंग रूम में कुर्सी पर बैठी थी मैं जाकर उनके पीछे खड़ा हो गया। मेरा लन्ड अभी भी पूरे उफान पर था। मैं अंडरवियर पहने था लेकिन ऐसा लग रहा था कि अंडरवियर काटकर मेरा लन्ड बाहर आ जाएगा। मेरे लन्ड* से मां का कंधा छू गया ।अचानक ऐसा लगा कि मां को करंट लग गया है वह उठ कर खड़ी हुई और मुझे देखने लगी। पहले मुझे देख फिर उनकी नजर नीचे मेरे लन्ड* पर चली गई। वह बोल पड़ी यह सब क्या हो रहा है तुम्हें जरा की अक्ल नहीं है तुम यह सब कैसी हरकत कर रहे हो ।पहले तो कभी तुमने ऐसा नहीं किया मैं तुम्हारी मम्मी हूं क्या तुम यह सब भूल गए हो। मेरी आंखों में आंसू भर आए। लेकिन आज मैंने तय कर लिया था कि मां को प्रपोज करके मानूँगा कुछ भी हो। मेरा लन्ड अभी भी पूरे उफान पर था और मां की नजर थोड़ी थोड़ी देर में मेरे लन्ड* पर जा रहे थी ।अजीब सा गुस्सा उनके सर पर सवार था। मैंने कुछ नहीं देखा और बस उनका हाथ पकड़ कर अपने लन्ड पर रख दिया। और मैं कसकर उनका हाथ पकड़े रहा उनका हाथ जैसे ही मेरे लन्ड पर पड़ा मेरे लन्ड* में और ताकत आ गई और मैंने मम्मी का हाथ कस के दबा दिया मम्मी छुड़ाने की कोशिश करने लगी। मैंने थोड़ी देर बाद में हाथ छोड़ दिया और तुरंत उनके पैरों में गिर गया। मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं आपसे प्यार करने लगा हूं यही सच्चाई है और अगर आप ने मुझे स्वीकार नहीं किया तो मैं सुसाइड कर लूंगा। इतना सुनते ही मम्मी ने एक जोरदार थप्पड़ लगाया और कहां कि तू पागल हो गया है कोई अपनी मां से ऐसी बातें करता है। फिर मैंने जवाब दिया हां नहीं करता है लेकिन मैंने आपको अपनी प्रेमिका मान लिया है अब आप मेरी मां नहीं रही। मां मेरी बातों को सुनती रही मैंने बोलना जारी रखा। मैंने मां से कहा कि मां क्या आप मेरी इतनी इच्छा पूरी नहीं कर सकती। आपने मेरा सब कुछ देख लिया है और मैंने आपका सब कुछ देख लिया है। तो क्या हम लोग एक नहीं हो सकते। इतने पर मां रोते-रोते फिर से कुर्सी पर बैठ गई और कहने लगी कि तू यह बता मैं तेरे पापा को क्या जवाब दूंगी। मैंने कहा मां पापा को कभी इस बारे में पता नहीं चलेगा मैं आपसे वादा करता हूं। मम्मी ने कहा यह सब संभव नहीं है बेटा मैं तुम्हारी मां हूं यह कैसे हो सकता है। मैंने कहा मम्मी आप एक औरत ही हो। क्या मेरे लन्ड में कोई कमी है यह देखो यह सिर्फ आपका दीवाना है और इतना कहते ही मैंने ना अंडरवियर उतार दिया और मोटा तगड़ा लन्ड मां के सामने झूलने लगा
लन्ड ऊपर उठकर मां को सलामी देने लगा। माँ अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन मैंने मौके का फायदा उठाकर फिर से उनका हाथ अपने ल** पर रख दिया। तो आंख बंद करें रही लेकिन अब की बार उन्होंने लन्ड के ऊपर से हाथ नहीं हटाया और चुपचाप बुत बनी बैठी रही। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। तो क्या मेरी जीत इतनी जल्दी हो गई थी क्या मा ने हार मान ली थी। मां का हाथ अभी भी वहीं पर था और मैंने मां के हाथों के ऊपर हाथ रख कर अपने लन्ड को आगे पीछे करवाने लगा। मां अभी भी स्थिर थी और वह कोई रिएक्शन नहीं दे रही थी। मेरा जोश बढ़ता जा रहा था । अब माँ न कुछ बोल रही थी और ना मैं ।अब सिर्फ मेरा हाथ चल रहा था वह भी मां के साथ अपने लंबे लण्ड पर। मैं धीरे-धीरे करके हाथों की स्पीड बढ़ाने लगा क्योंकि मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। दोस्तों मेरा स्टेमिना गजब का है मैं अपने आप निकालता हूं तब भी मुझे 10 से 15 मिनट लग जाता है। मैंने ठान लिया था कि आज माँ के हाथ से निकलेगा। माँ जोरो से हाथ चलाने लगा। माँ ने अभी भी कोई रिएक्शन नहीं दिया और चुपचाप बैठी रही। वह एक दो बार चुपचाप मेरे ल** को देखी और अभी भी वह कुछ नहीं बोल रही थी मेरे हाथों की स्पीड इतनी तेज हो गई तो से कोई भूचाल आ गया होगा। मेरे हाथों की स्पीड से उनका पूरा शरीर हिल रहा था । लगभग 10 मिनट हो गए थे। अब शायद मां को भी अंदाजा हो गया था कि उनका लड़का एक असली मर्द है। उनको भी ऐसा लग रहा था कि घर में भूचाल आ गया है। उनका शरीर ऐसे हिल रहा था जैसे कोई उनको चोद रहा है। दोस्तों थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ हटा लिया लेकिन मैंने देखा मां का हाथ उसी स्पीड से चल रहा था जैसे मैं अपने लन्ड को हिला रहा था। वह आंखें बंद कर ली थी। लेकिन ऐसा लग रहा था कि मुझसे भी ज्यादा स्पीड में मेरे ल** को हिला रही हैं और और 15 से 20 मिनट के बाद मेरे ल** से पिचकारी छूट गई और लगभग 2 से 3 मीटर की दूरी पर जाकर पूरा कमरा गीला कर दिया।मेरे मुह से लव यू मोम शब्द निकल गए।। हर जगह सफेद सफेद लिक्विड फैल गया था और थोड़ा लिक्विड मां के हाथ में भी लग गया। जैसे ही मेरा निकला मैंने मां की गर्दन को कस के दबा दिया और उनके झुककर उनके होठों पर किस कर ली। उसके बाद में भी मा.ने कोई रिएक्शन नहीं दिया।