अपडेट 5
अचानक मा ने गाउन पहन लिया। और आवाज भाई बेटा अपने कपड़े पहने। मैं चौक गया और बोला हा पहन लिए । कसम से बताऊं दोस्तों मां उस समय काम की देवी लग रही थी। मैं यही सोच रहा था की पापा ने इतने दिनों तक मां को कैसे चोदा होगा। क्या पापा मां की सेक्स इच्छा पूरी कर पाए होंगे। क्या पापा के पास मेरे जैसा तगड़ा लन्ड होगा। आज जा मुझे क्या हो रहा था। मैं अपनी ही मां के बारे में इतने गंदे ख्याल क्यों अपने मन में ला रहा था। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ । पहले कभी भी मेरी नजर गंदी नहीं हुई । शायद उस समय पापा साथ थे इस वजह से। आज ईश्वर ने किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है मैंने अपनी मां को नंगा देख लिया है और मेरी काम भावना जागृत हो गई है। आज कोई नहीं है सिर्फ मैं और मेरी मां। मेरी मां काम की देवी लग रही है। अचानक मां की आवाज आई। बेटा ऐसा करते हैं यह जो चारपाई है इस पर ही रह जाते हैं। मैं फिर चौक गया। मैंने पूछा बेटा क्या सोच रहे हो तुम सॉरी मेरी वजह से तुम को दिक्कत हुई। मैंने जवाब दिया ना वह चारपाई ज्यादा बड़ी नहीं है। इसमें हम दोनों कैसे आ पाएंगे। बेटा कोई बात नहीं है हम दोनों के पास ही ऑप्शन है कैसे ना कैसे एडजस्ट कर लेंगे। ऐसा लग रहा था कि आज भगवान खुद मेरा साथ दे रहा था । क्या इतनी सुंदर औरत और मेरे तगड़े हथियार का आज मिलन होगा। संभावनाएं तो कुछ ऐसी बनी थी। मेरे मुंह से अचानक निकल गया कि मा आप सुंदर लग रही हैं। उन्होंने धीरे से एक शपथ लगाइए और कहा आज पहली बार तूने मेरी तारीफ की।चल अच्छा अब थक गए हैं चलो जल्दी से दोनों लोग सो जाते हैं। सुबह 4:00 बजे हम लोग निकल लेंगे तब तक बारिश भी कम हो जाएगी। मैंने कहा ठीक है आपने तो मैं अभी थोड़ी देर में लेटता हूँ। मम्मी ने कहा ठीक है जल्दी सो जाना मैं बिल्कुल किनारे सो जाती हूं आराम से सो लेना। मैंने कहा अच्छा आप सो जाइए । मैंने देखा था थोड़ी देर के बाद मम्मी की आंखें बंद हो गई और वह एक करवट में लेटी हुई थी। वह अभी भी काम की देवी लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि ऊपर से कोई अप्सरा उतर आई है। उनके शरीर के ऊपर अभी भी पानी की बूंदे चमक रही थी। मेरे अंदर धीरे-धीरे काम अग्नि तेज होती चली जा रही थी ।
मैं धीरे से चारपाई के पास बैठ गया। मेरी तरफ मां का मुंह था। मैं जान रहा था ना बहुत गहरी नींद में सो गई हूं। कितना भोला चेहरा था अभी भी पानी की बूंदे चमक रही थी उनके चेहरे पर। आज मैंने मन बना लिया था अब चाहे कुछ भी हो यहां से मुझे पीछे नहीं जाना है। मैं खिसक कर मां के पैरों के पास चला गया और धीरे से उनका गांव थोड़ा सा ऊपर कर दिया। ऐसा लग रहा था दोस्तों जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया है। उनकी मोटी मोटी जंघे मेरे सामने थी। मैंने अपने मुंह को आगे बढ़ाया और उनके शरीर पर जो पानी की बूंदे थी उनको धीरे-धीरे चाटने लगा। ऐसा लग रहा था कि कोई अच्छे कर्मों का फल मुझे आज मिल रहा है जब मैं उन बूंदों को चाट रहा था तो ऐसा लग रहा था क्या आज दुनिया बहुत खूबसूरत हो गई है। उनकी मैक्सी मैंने घुटनों तक ऊपर कर दी थी। मेरे अंदर डर खत्म हो गया था कि आज अगर मां जग गई तो मुझे क्या कहेंगे। मैं उनके तलवे से लेकर घुटनों तक धीरे-धीरे धीरे-धीरे अपनी जबान चलाने लगा।
बहुत ही गरमागरम और बढिया अपडेट हैं मजा आ गया
जल्दी ही माँ बेटे के तगडे लंड से चुदने वाली हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा