कुछ देर और हल्की फुल्की बात होती रही फिर सब उठकर अपने अपने रूम की तरफ जाने लगे।
अब आगे-
सब लोग अपने अपने कमरों की तरफ बढ़ गए थे पर सबके मन में अपने अलग ही विचारों की आंधी आई पड़ी थी।
रागनी के मन में के ये विचार थे कि आज की रात को कैसे रंगीन बनाया जाए।
उधर अमन ये सोच कर खुश था कि उसने एक तीर से दो शिकार कर लिए थे।
अल्हड़ सोनम अपने भइय्या के द्वारा अपने आप को बचाने की वजह से खुश थी।
कामनी की आज अपने भतीजे के द्वारा दमदार चुदाई उसकी खुशी का कारण थी।
कोमल कल उस अजनबी का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार कर रही थी।
और अंत में अपनी रिया जल्दी से रात होने का इंतज़ार कर रही थी।
दोस्तो अब इस राज़ के खुलने का टाइम आ गया है कि रागनी और राज की चुदाई जो साया छुप कर देख रहा था वो थी जासूस रिया।
जी हाँ इसलिए रागनी से ज़्यादा सबके सोने की जल्दी रिया को थी क्योंकि राज और रागनी तो अपने रूम में जाकर अपना काम शुरू कर सकते थे पर बेचारी रिया को तो खुले में खड़े होकर देखना था जंहा कभी भी कोई भी आ सकता था।
रिया की नज़र बार बार घड़ी की तरफ जा रही थी।
इधर रागनी ने रूम में आते ही अपने आप को बाथरूम में बंद कर लिया और तसल्ली से अपनी टंकी को खाली करने लगी जिसकी मधुर ध्वनि बाहर बैठे राज को भी सुनाई दे रही थी।
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राज ने उठकर बाथरूम का दरवाजा खोलने की कोशिश की पर वो अंदर से लॉक था वो मन मसोस कर दरवाज़े से कान लगाकर ही अपनी पत्नी की चूत से बजता वायलन सुनता रहा।
ब्लैडर में भरा पूरा गोल्डन पानी निकालने के बाद रागनी ने एक एक कर अपने सारे कपड़ो को अपने गोरे जिस्म से अलग कर दिया और पहले से बाथरूम में रखी गुलाबी रंग की नाइटी को अपने गोरे जिस्म पर पहन लिया टाइट नाइटी उसके गोरे जिस्म पर खूब जंच रही थी।
उसके दोनों बड़े स्तन उस झीने कपड़े की नाइटी में पूरे समा नही पा रहे थे आधे से ज़्यादा बाहर झांक रहे थे और जितने समा रहे थे पारदर्शी झीने कपड़े में वो भी आराम से देखे जा सकते थे।
![IMG-20210826-233059 IMG-20210826-233059](https://i.ibb.co/g3kkVy5/IMG-20210826-233059.jpg)
उसने एक बार अपने आपको आदम-कद आईने में देखा हाय कयामत लग रही थी रागनी इतनी छोटी नाइटी में अपने आप को देखकर वो खुद शर्मा गई।
ये नाइटी उसको कोमल ने गिफ्ट की थी रागनी के काफी बार ना कहने पर भी कोमल नही मानी थी।
रागनी ने तो इसका साइज देखकर ही कोमल को ना कह दिया था।
पर कोमल ने ये कह कर की आप को घर में ही तो पहननी है और घर में तो सब घर वाले ही है कोई पराया थोड़ी है अपनी माँ को मना लिया था।
कोमल का दिया ये गिफ्ट काफी टाइम से रागनी ने कबर्ड में रख रखा था पर आज जब उसने कबर्ड की सफाई की तो इस नाइटी को उठाकर आज बाथरूम में रख दिया था और रात को अपने पति को खुश करने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।
शीशे के सामने घूम घूम कर रागनी ने अपने आप को चारों तरफ से देखा अपने आधे से ज़्यादा बाहर निकले पड़े स्तनों को देखकर ख़ुद अपने शरीर में गर्मी बढ़ने लगी और जब उसने घूम कर देखा तो जो हाल उज़के स्तनों का था वहीं हाल उसकी गदराई फैली हुई गाँड का था।
वो नाइटी उसकी कमर से थोड़ा सा नीचे आते ही खत्म हो गई थी जंहा से उसकी गाँड का ढाल शुरू होता था नाइटी मानो गाँड को छुपाने के लिए बनाई ही नही गई थी।बल्कि गाँड को ज़रा सा छुपा कर और भड़काऊ बनाने के लिए बनाई गई थी।
रागनी ने अपने आप को आखिरी बार आईने में देखा और अपने जिस्म पर नाइटी के ऊपर एक चादर लपेट ली जिसमे उसका पूरा जिस्म ढक गया।
धीमे से उसने बाथरूम का गेट खोला और बिना अपने पति पर नज़र डालें वो ड्रेसिंग के सामने जाकर बैठ गई और आंखों को काजल से सजा कर अपने होंठो पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक को लगाया और हल्का फुल्का मेकअप कर के अपने आप को आईने में निहारने लगी।
अपने आप से संतुष्ट होकर उसने एक नज़र आईने में अपने पति राज को देखा।
राज अपने लैपटॉप में खोया हुआ था शायद ऑफिस का बचा काम पूरा कर रहा था।
रागनी अपना मेकअप करके उठी और जाकर सीधी राज के सामने खड़ी हो गई।
"हेलो पति देव आपको पता है आज क्या डेट है।
राज ने उसको एक नज़र देखा अपनी पत्नी को चादर में लिपटा देख उसने बुरा सा मुँह बनाया और हल्के से बोला।
"24 मार्च
"वो तो मुझे भी पता है पर आज स्पेशियल क्या है।
"राज लैपटॉप की स्क्रीन में नज़र गड़ाए ही बोला।
"आज क्या स्पेशियल होगा ये दिन तो हर साल आता है।
"ज़रा लैपटॉप से नज़र हटाओ और ध्यान दो पति-देव आज कुछ स्पेशियल है।
राज ने रागनी को नज़र उठाकर देखा।
"ओ शायद आज चादर डे है इसलिए तुम चादर लपेट कर आई हो।
राज की बात सुनकर रागनी को बहुत गुस्सा आया वो चादर लपेटे ही बिस्तर पर लेट गई और राज की तरफ से अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया।
और सोंचने लगी।
कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है जो अपनी शादी की तारीख भूल जाय रागनी ने आज रात अपने पति को खुश करने के लिए क्या क्या तैयारी की थी।
उसने सुबह उठते ही पूरा घर साफ कर दिया था।
अपने पूरे रूम को अच्छे से साफ किया था सब पर्दे चादर बदल कर नई लगा दी थी उज़के बाद दोपहर तक ये सारा काम करके अपने आप को साफ किया अपनी चूत को अपने पति के लिए पूरा चिकना किया अपने जिस्म के सारे अनचाहे बालों को हटा दिया और खुलाब कि तरह खिल गई।
पर उसका पति उसको तो ये भी ध्यान नही है कि आज क्या है।
रागनी की आंखों में नमी आने लगी और सब कुछ सोंचते सोंचते वो अपने तकिए को भिगोने लगी।
धीरे धीरे उसकी सुबकियां राज के कानों तक पहुंची।
राज ने अपना लैपटॉप बंद किया और उठकर रूम में जलती लाइट को बंद किया और रूम से बाहर निकल गया।
ये सब देखकर रागनी की रुलाई फुट पड़ी और उसने अपने चेहरे को तकिए में घुसा दिया ताकि उसके रोने की आवाज़ कोई और न सुन सके।
राज 5 मिनट में रूम में आया और सपाट शब्दो में रागनी से बोला।
"सुनो ज़रा मेरे लिए मेरे लिए एक गिलास दूध ले आओगी।
रागनी ने अपनी सिसकियों को अपने मुँह में कैद किया और बिस्तर से उठकर रूम की लाइट जलाई।
और रूम का दरवाजा खोलकर चादर लपेटे हुए ही किचन मैं जाकर दूध गरम करने लगी।
उसे आज राज पर इतना गुस्सा आ रहा था जितना अपनी ज़िंदगी में शायद किसी पर ना आया हो।
दूध गरम करते हुए ही उसने सोंच लिया की अगर इनको याद नही है तो ठीक है में भी याद नही दिलाऊंगी।
और दूध देकर सीधा बिस्तर में जाकर सो जाऊंगी।
गरम दूध को उसने गिलास में किया और रूम में जाकर दरवाजा बंद किया और राज के हाथ में दूध का गिलास देकर लाइट बंद करने के लिए बढ़ी।तभी राज की आवाज़ सुनकर ठिठक गई।
"सुनो ज़रा टेबल पर से एक पैन-किलर और देदो।
रागनी टेबल की तरफ बढ़ गई और टेबल के पास जाते ही उसकी आंखे चमक उठी और पूरा शरीर खुशी से झूम उठा।
टेबल पर एक सुंदर गुलाबी केक रखा था जिसपर लिखा था हैप्पी एनिवर्सरी और एक दिल बना था जिसके अंदर राज और रागनी लिखा था।
उसने मुड़कर राज की तरफ देखा वो एक कमीनी हँसी हस रहा था रागनी दौड़कर उसके पास पहुंची और उसके सीने पर मुक्के मारने लगी।
"अरे अरे रुको दूध गिर जायेगा।
अमन ने दूध का गिलास साईड में रखा।
"मुझे इतना परेशान क्यों किया।
कामनी फिरसे उससे झगड़ने लगी और उसको इधर उधर प्यार से मारने लगी।
"उईईईई देखो तो मेरी जंगली बिल्ली का चेहरा है है है है।
राज ने बिस्तर से उठकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और अपने मज़बूत हाथों से उसे उपर उठा लिया।
रागनी के हाथ-पैर अब भी चल रहे थे।
इतनी हाथा-पाई में रागनी के जिस्म पर बंधी चादर ढीली हो गई और जैसे ही उसे राज ने उसे नीचे उतारा वो चादर चिकनी नाइटी से फिसलकर ज़मीन पर गिर गई।
चादर के अंदर हज़ार बार अपने द्वारा नंगे देखे जिस्म को आज देखकर राज की आंखे चोंधिया गई।
"उफ्फ्फ रागनी तुम्हारी उम्र बढ़ रही है या घट रही है।
कितनी सुंदर हो तुम मेरी जान आज भी।
राज के मुँह से निकले शब्द रागनी के कानों में शहद घोलते चले गए।उसकी पूरे दिन की गई मेहनत अब जाकर रंग लाई थी।अपने पति के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर रागनी को बहुत अच्छा लगा।
रागनी ने आगे बढ़कर राज के होंठो को चूम लिया।
"कितने कमीने हो तुम तुम्हे सब कुछ याद था तो फिर मुझे परेशान क्यों किया।
"हाय मेरी जान तुम्हारा रिएक्शन देखना चाहता था।
राज ने रागनी को अपने सीने से लगाते हुए कहा।
रागनी ने राज की टी-शर्ट को उपर करके निकाल कर उसको बिस्तर पर धक्का देकर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर बैठ गई।
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"तो क्या देखा तुमने।
रागनी ने सीधा सवाल किया।
राज ने अपने हाथों को उठाकर रागनी के गुदाज़ स्तनों को अपने हाथों में भींच कर कहा।
"मेने देखा कि मेरी जान मुझसे बहुत प्यार करती है।
"सीईईई आराम से साजन बहुत भारी हो रहे है ये।
और थैंक्स मुझे इतना प्यार देने के लिए।
रागनी अपनी नंगी गाँड को लोवर के ऊपर से ही राज के लंड पर रगड़ती हुई बोली।
"और तुमको भी थैंक्स मुझे इतना प्यारा गिफ्ट देने के लिए।
राज ने उसके दोनों चुचो को नाइटी से बाहर निकालते हुए कहा।
"ये तो तुम अपनी बेटी को थैंक्स बोलना उसी का गिफ्ट है ये।
रागनी ने राज का लोवर नीचे खींचा जिसमे राज ने अपनी गाँड को हवा में उठाकर निकालने में उसकी मदद की।
"मेरी कौनसी बेटी इतनी समझदार हो गई जो अपने मम्मी पापा की इन बातों का ध्यान रखने लगी।
राज ने रागनी के स्तन पकड़ कर अपनी तरफ खींचे जिससे रागनी की कमर झुकती चली गई और दोनों गुदाज़ स्तन राज के चेहरे के सामने आ गए राज ने एक लटकते हुए स्तन को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा।
"उईईईई आराम से जानू ये तुम्हारी बड़ी बेटी कोमल का गिफ्ट है।
कोमल का नाम सुनते ही राज की आंखों में अपनी बेटी का भरावदार जिस्म घूम गया और उसको लगा कि रागनी की जगह उसकी बेटी कोमल उसके ऊपर झुक कर उसको अपना दूध पिला रही है।
राज के लंड ने एक तेज़ झटका लिया जिसकी चोट रागनी को अपने गुदा-द्वार पर महसूस हुई।
और अपने पति के दांतों की पकड़ को उसने अपने निप्पल पर बढ़ता महसूस किया।
"आआह आराम से जानू कंही निप्पल को उखाड़ मत देना उईईईई मम्मी सीईईई।
राज लगातार बदल बदल कर रागनी की गुदाज़ छातियों में से दूध निकालने का प्रयास कर रहा था लेकिन बच्चा होने के इतने समय के बाद ये मुमकिन ना था।अब तो रागनी के द्वारा जने हुए बच्चों की छातियां इतनी बड़ी हो गई थी कि उनसे दूध निकल जाये।
राज अच्छी तरह जानता था कि अगर फिरसे उसे रागनी के दूध का स्वाद चखना है तो पहले अपने लौड़े के दूध से रागनी की बच्चेदानी को भरना पड़ेगा तब कंही नो महीने में जाकर उसकी छातियों से दूध का रिसाव शुरू होगा।
पर कहते है ना मर्द ज़िद्दी होते है तो मर्द ज़ात की मर्यादा रखते हुए राज दूध निकालने के लिए लगातार रागनी के चुचो को कभी भींच रहा था कभी खींच रहा था कभी दबा रहा था कभी चूस रहा था।
जिसका परिणाम ये हुआ कि रागनी की छातियों से तो दूध नही निकला पर उसकी चूत से पानी टपकने लगा जो बून्द बून्द करके राज के झटके मारते लौड़े को भिगो कर चिकना कर रहा था।
बाहर खिड़की में खड़े दो जवान नैन ये सब नज़ारा देख कर खुश थे।
रिया ने अपने आप को अपने कमरे में रोकने की काफी कोशिश की।अपने मन को समझाया कि खतरा है कोई भी देख सकता है पर जवान जिस्म एक बार जो चुदाई देखी थी उसको अपने मन मस्तिष्क से निकाल नही पा रही थी।
आखिर अपनी चूत के आगे घुटने टेक कर अपने आप को फिर अपने मम्मी पापा की खिड़की तक ले आआई थी और शुरू से सारा नज़ारा देख रही थी।बस थोड़ा दूर होने के कारण मम्मी पापा के बीच होती बाते नही सुन पा रही थी।
"तो ये गिफ्ट कोमल ने दिया है मम्मी को काफी समझदार हो गई है हमारी बेटी।
राज ने दूसरे निप्पल को मुँह में भरते हुए कहा।
आम तौर पर राज छातियों को इतनी देर तक नही चूसता था पर आज कोमल का नाम आने से उसे अपने मुँह में भरा स्तन अपनी बड़ी बेटी कोमल का ही महसूस हो रहा था जो उसके जिस्म में चिंगारिया भर रहा था।
अपनी छातियों को इतना चूसे जाने से रागनी की चूत भी कावरी-बावरी हो रही थी अब उससे भी सबर नही हो रहा था।रागनी ने अपनी गाँड को उठाकर रॉकेट की नोक को अपनी चूत पर लगाया और अपनी कमर को नीचे दबाती चली गई।पत्थर की तरह सख्त हुए लौड़े को भी जब कच्ची ज़मीन महसूस हुई तो वो भी अंदर घुसता चला गया।
लौड़े के बिना बालो वाली चिकनी चूत में घुसते ही दोनों के मुँह से एक सुकून भारी सिसकी निकली।
![614 614](https://i.ibb.co/yXs33Tr/614.jpg)
राज के हाथ आटोमेटिक तरीके से रागनी की गाँड पर पहुंच गए निप्पल को मुँह में दबाए हुए ही राज ने अपने हाथों से रागनी की गाँड को नीचे की तरफ दबाया और अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाला चूत के पानी में चिकना हुआ पड़ा लौड़ा दो तरफा दबाव के कारण रागनी की चूत में घुसता चला गया और तब जाकर
रुका जब राज के आंड रागनी की गाँड से चिपक गए।
लंड की चोट सीधी रागनी की बच्चेदानी पर पड़ी एक ही चोट ने रागनी के जिस्म को झटके खाने पर मजबूर कर दिया अगले ही पल अमन की उंगली रेंगती हुई रागनी को अपनी गाँड के छल्ले पर महसूस हुई।
जैसे ही रागनी ने अपनी गाँड को थोड़ा ऊपर उठाया खड़ा लौड़ा टोप्ले तक ही आया था कि राज ने अपनी उंगली को गाँड के छेंद में धकेला और अपनी कमर को उपर उछाला तीन तरफ से हमला रागनी को एक ही पल में जन्नत की सैर पर ले गया
![616 616](https://i.ibb.co/rFGpnpM/616.jpg)
चुचो पर गड़े राज के दाँत गाँड में घुसी उंगली और चूत को चीरता हुआ राज का मोटा बम्बू।
आज एनिवर्सरी की खुशी में राज फ्रंट-फुट पर खेल रहा था एक कदम आगे बढ़ कर।
अपनी बच्चेदानी पर अगले दो झटके पड़ते ही रागनी का जिस्म अकड़ता चला गया उसकी चूत ने लौड़े को ऐसा भींचा की जैसे अब कभी छोड़ेगी नही राज जैसे मज़बूत मर्द ने भी रागनी की चूत में होते संकुचन के आगे हथियार डाल दिये और एक बार पूरा लौड़ा बाहर खींचकर राज ने अपने लौड़े को झटके से पूरा चूत में घुसाया और अपना प्रेम रस चूत को अर्पित करने लगा।
बाहर खड़ी रिया की चूत भी अपने मम्मी पापा के इस गरम मिलन को बर्दाश्त ना कर पाई और खड़े खड़े उसके पैर भी कांपने लगे उसने अपनी चूत को अपनी जांघो में भींच लिया और खिड़की में लगी लोहे की जाली पकड़कर सहारा लिया और कुछ पल अपनी गाँड वंही खड़ी हिलाती रही।
चूत के पानी से पजामी को भिगोते ही रिया के पैरों ने और वंहा खड़े रहने से इनकार कर दिया और वो भागकर अपने रूम में पहुंच कर बिस्तर पर लेटकर लंबी लंबी सांस लेने लगी।
उसकी सांसे धौकनी की तरह चल रही थी ऐसा लगता था जैसे वो कई किलोमीटर दौड़ कर आई हो।
रिया ने एक तकिए को अपने सिर के नीचे लगाया और एक तकिए को अपनी जांघो मैं भींच कर लेट गए।
उसकी चूत की खुमारी ने कब उसे नींद में पहुंचा दिया उसको पता नही चला।
दोस्तो अपडेट कैसा लगा अपना कीमती समय निकालकर ज़रूर बताए।