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Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

Kumar75

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अपने स्तन अपने भतीजे को चुस्वाती हुई ये निर्लज नारी अपने भतीजे की रंडी बनने को भी तैयार थी उससे अपनी चूत को चुदवा कर अपनी बच्चेदानी में अपने भतीजे का वीर्ये ले कर उसका बच्चा जनने को भी तैयार थी।हाय काम तृप्ति की खातिर इंसान क्या कुछ नही कर जाता।

अब आगे-

अपने मोटे स्तनों का मर्दन अपने भतीजे से करवाती हुई कामनी ने अपने हाथ को नीचे करके अमन के लौड़े को पकड़ लिया जो थोड़ी देर पहले ढीला होकर लटक गया था अब अपनी बुआ का दूध पीकर फिरसे फौलाद की तरह सख्त हो गया था और अपनी नोंक उठाए किसी भी क़िले को फतह करने के लिए फिरसे तैयार था।

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जवान पठ्ठा कामनी बुआ के उरोज़ो का मर्दन बड़े जोर शोर से कर रहा था जैसे ही अमन पूरे चूचक को मुंह से पकड़ कर खींचता बुआ के चुचो में तीखे दर्द के साथ मस्ती की लहर उठती जो उसको अपनी चूत तक जाती महसूस होती।
जितनी तेज़ी से अमन बुआ के निप्पलों को खींच रहा था ठीक उतनी ही तेज़ी से कामनी अमन के लौड़े को भींच रही थी कामनी अमन के लौड़े को गाड़ी के गियर की तरह इस्तेमाल कर रही थी।

अमन ने कामनी के दूध तब तक नही छोड़े जब तक वो लाल नही हो गए अमन ने जब उनको अपने मुँह से आज़ाद किया तो कामनी अपने चूचक को देखती रह गई।

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उसके चूचक लाल गुलाबी होकर चमक रहे थे जो कामनी की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे।

अपने भतीजे की कलाकारी देख कामनी उसकी दीवानी हो गई अमन ने अपना काम कर दिया था अब कामनी की बारी थी कामनी ने उसको बिस्तर पर धक्का दिया और उसके मदमस्त झटके मारते लौड़े को अपने हाथ से पकड़ कर उसपर झुकती चली गई और अपनी जीभ निकाल कर अपने भतीजे के लौड़े को चाटने लगी।

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बुआ की गरम जीभ का स्पर्श अमन को होश खोने पर मजबूर करने लगा।
अभी अपने दूध चुसवाते हुए जो मज़ा कामनी को मिल रहा था अब वो मज़ा कामनी अपने भतीजे को दे रही थी पूरे लंड पर अपनी जीभ से चाटने के बाद कामनी पहाड़ी आलू की तरह सूजे अपने भतीजे के मोटे सुपाड़े
को देखने लगी जिसपर लंड से निकले पानी की बूँद चमक रही थी कामनी ने अपनी जीभ से उस बूँद को चाट लिया और बूँद का स्वाद लेने के बाद उसने और क्रीम की चाहत में अपना मुँह खोल कर पूरा सुपाड़ा अपने होंठो में भर लिया।
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"आआह रंडी बुआ।
बस इतना ही निकल पाया अमन के मुंह से और उसकी गर्दन उपर उठती चली गई।

और ये वो शब्द था जो कामनी को बहुत पसंद था "रंडी"

बिल्कुल रंडी ही बनना चाहती थी वो अपने भतीजे की आने बालम की अपने साजन की अपने चोदू की।

इस छोटे से शब्द ने वाकई कामनी में छुपी रंडी को जगा दिया फिर जो उसने अमन के लंड पर चुप्पा लगाना शुरू किया तो उसको चीखने पर मजबूर कर दिया।

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कामनी अमन के लंड को जितना संभव था मुँह मैं खींचती और पूरा बाहर निकाल देती साथ ही अंदर लेकर अपनी जीभ से पेशाब के छेंद को ऐसे चाटती की अमन के अण्डों में भरा लावा उबल पड़ता।
अमन को महसूस होने लगा कि बुआ को अगर नही रोक पाया तो अपना वीर्ये उसकी चूत में भरने की बजाय उसके मुँह में भर देगा।

"आआह मम्मी बुआ बस करो आआह नही बुआ आआह नही बुआ छोड़ दो।

अमन ने कामनी के बाल पकड़ कर उसको अपने लौड़े से दूर किया पर कामनी किसी भूखी शेरनी की तरह बार बार अपना मुँह लंड की तरफ ले जा रही थी किसी तरह अमन ने अपने लौड़े को अपनी बुआ के मुख से आज़ाद करवाया मुँह से आज़ाद होते ही लंड ऐसे झटके मारने लगा जैसे अभी पिचकारी मार देगा पर अमन ने उसको कंट्रोल किया।

और कुछ समय अपनी आंखों को बंद करके अपने आप को नियंत्रित करने लगा।
कुछ देर में लंड के झटके कम होने पर उसने आंखे खोल कर देखा तो सामने बुआ उसके लौड़े को देख अपनी गुदाज़ छातियों को अपने ही हाथों से दबा कर मज़े ले रही थी।
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"आआह बुआ क्या हो गया था तुमको बिल्कुल भूखी शेरनी लग रही हो।

"सीईईई मेरे लाल अब मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल है जल्दी से चढ़ जा अपनी घोड़ी पर।

"अरे बुआ घोड़ा घोड़ी पर पीछे से चढ़ता है सोच लो कंही लेने के देने ना पड़ जाए।

"कमीने चढ़ता तो पीछे से ही है पर अपने हथियार को डालता तो चूत में ही है ना तू भी चढ़ जा पीछे से बस अपने इस सिपाही को सही जगह डालना।

"ठीक है बुआ चलो फिर बन जाओ अपने घोड़े के लिए घोड़ी।

अमन के फूले हुए लौड़े को देख कर कामनी अपने घुटनों पर झुक गई।

"ले बन गई तेरी घोड़ी पर ध्यान रखना चूत में ही डालना।
कामनी ने एक बार फिरसे चेताया अपने भतीजे को।

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कामनी की चूत के होंठ लौड़ा लेने के लिए फूले पड़े थे अमन ने पीछे से एक बार फिरसे अपनी बुआ की मस्तानी चौड़ी गाँड को देखा।
हाय क्या मस्तानी गदराई गाँड थी उसकी बुआ की एकदम मस्त भूरा छेंद गोरे चूतड़ और गाँड के छेंद से सिर्फ एक इंच नीचे पाव रोटी की तरह फूली हुई उसकी गोरी चूत।
उसकी मस्तानी गाँड देखकर अमन का मन डोलने लगा

"बुआ में आपकी गाँड चोद तो नही सकता पर आपको बुरा ना लगे तो क्या इसको प्यार कर सकता हूँ।

"मेरे लाल तू मेरी गाँड के साथ सब कुछ कर लेना पर पहले एक बार मेरी चूत को चौद दे बेटा देख केसी आग लगाई है तेरे लौड़े ने इसमें।
देख बेचारी कैसे गीली होकर तेरे लौड़े के अंदर आने का इंतज़ार कर रही है।

"बस थोड़ी देर बुआ।
इतना कह कर अमन बुआ की गाँड पर झूक कर उसके एक चूतड़ पर अपने होंठो से चुम्बन लेता है।
अमन को पता था कि चूत का पानी निकलते ही बुआ फिर अपने होश खो देगी।
अमन ने दोनों चूतड़ पकड़ कर विपरीत दिशा में फैलाये तो कामनी की गाँड के छेंद के आस पास की सिलवटे दिखने लगी जो ठीक गाँड के छेंद पर जाकर खत्म हो रही थी।
घबराहट में कामनी ने अपनी गाँड को ज़ोर से भींच लिया था इसलिए उसका गुदा-द्वार अमन के द्वारा चूतड़ फैलाने पर भी पूरी तरह बंद था।
अमन को अपनी बुआ की स्थिति का एहसास था इसलिए उसने अपनी जीभ को बाहर निकालकर गाँड के छेंद पर रख दिया।

अपनी ज़िंदगी में पहली बार कामनी के साथ ये हो रहा था कि कोई मर्द उसकी गाँड के छल्ले को अपनी जीभ से चाट रहा था इतना सुखद एहसास भी उसको उसका भतीजा करवा रहा था।
आम तौर पर इंसान लंड और चूत को तो चाट लेता है पर गुदा-द्वार को गंदा समझा जाता है इस कारण कुछ विरले लोग ही इस सुखद अनुभव को प्राप्त कर पाते है।
जब कि औरत हो या मर्द उसकी गाँड एक सेंसेटिव पॉइंट होता है।
मेने कहा था कि कुछ विरले लोग ही ये सुखद अनुभव ले पाते है उन्ही विरले लोगो में आज कामनी का नाम भी लिखा जा चुका था।

अपने भतीजे की जीभ अपनी गाँड के छल्ले पर लगते ही कामनी को ऐसा मज़ा आया कि उसकी कमर और भी ज़्यादा झुकती चली गई और कमर के झुकते ही गाँड खुलकर सामने आती चली गई।

पर अमन ने अपनी जीभ से सिर्फ एक बार गाँड के छल्ले को छुआ और अपनी जीभ को हटा लिया अब वो अपनी बुआ का रेस्पॉन्स देख रहा था।

कैसे उसकी बुआ ने अपनी गाँड को खोलकर उसके आगे परोस दिया था।अमन ने फिर एक बार अपनी जीभ को छिद्र तक पहुंचाया और चाट कर वापस हटा लिया।
गाँड के छिद्र पर जीभ लगते ही कामनी के पूरे जिस्म में कंपन होने लगा।

"आआह मेरे लाल कर ना

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कामनी ने अपनी गाँड को और बहार की और धकेला।
पर अमन अपनी बुआ से खेल रहा था वो अपनी जीभ गाँड के छल्ले पर लगाता और हटा लेता पर जितनी देर उसकी जीभ कामनी के गुदा-द्वार पर होती कामनी का पूरा जिस्म कांपता रहता।

"आआह अमन चाट ना बेटा मज़ा आ रहा है सीईईई।

"बुआ सोंचो जब आपको गाँड चटवाने में इतना मज़ा आ रहा है तो इसको चुदवाने में कितना मज़ा आएगा।

अमन ने अब अपनी बुआ के जिस्म के साथ साथ उसके जज़्बात से भी खेलना शुरू कर दिया था।
अमन कामनी को गाँड चुदाई पर मजबूर कर देना चाहता था और उसके तरकश से निकला हुआ तीर निशाने पर भी लगा था कामनी सोंचने पर मजबूर हो गई थी अमन की कही बात में उसको सच्चाई नज़र आने लगी थी।
पर इन सब चीज़ों से परे जैसे ही कामनी अमन के लंड के साइज के बारे में सोचती उसकी हिम्मत टूट जाती।

"अमन मेरे लाल मेरा वादा है तुझसे की तेरी बुआ जल्दी ही ये गाँड तेरे लौड़े के नाम कर देगी पर अभी तू जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे।

"ठीक है बुआ जैसी आपकी मर्जी।

अमन ने भी अब ज़्यादा देर करना सही नही समझा क्योंकि उसका लौड़ा भी अब फटने को तैयार था

वो उठकर अपनी बुआ के पीछे आया और अपने गरम मोटे लौड़े को हाथ से पकड़ कर अपनी बुआ की चूत के चीरे पर उपर से नीचे की और रगड़ा चूत के होंठो के बीच रगड़ते ही लौड़े का टोप्ला कामनी की चूत के पानी से भीग गया इसका मतलब अमन को अच्छे से पता था कि उसकी बुआ की चूत अंदर से भट्टी की तरह तप रही है।

"तैयार हो बुआ।

"बिल्कुल मेरे राजा जल्दी से कर।

"क्या करूँ बुआ।
अमन अब भी अपनी हरकतों से बाज़ नही आ रहा था।

"वो कर ना जो करने के लिए खड़ा है।

"क्या करना है बुआ साफ साफ बोलो वरना में कपड़े पहनता हूँ।

"नही नही वो कर ना अपने उस को मेरे अंदर।

"ठीक है में कपड़े पहन रहा हुँ।

"ओऊऊ कितना गंदा हो गया है तू कमीने बोलती हूँ सुन सिर्फ एक बार बोलूंगी।

"सुन रहा हूँ।

"मेरी च च चूत में अपना लौड़ा डाल कर च च चोद।

"आआह मेरी जान ये हुई ना बात तो ये लो।

अमन ने अपने लौड़े को चूत के छेंद पर लगाया और एक करारा झटका मारा जिससे एक ही बार मैं उसका आधा लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया।

"आआह मेरे लाल आराम से उईईईई रागनी भाभी कैसा सांड बेटा पैदा किया है आपने।

"अच्छा मम्मी को भी ले आई आप बीच मैं अब तो आपकी खेर नही।

अमन ने अपने लौड़े को कैप तक वापस खींच कर अबकी बार और ज़ोर का झटका मार कर अपने लौड़े को सीधा बुआ की बच्चेदानी से सटा दिया।

"उईईईई मम्मी आआह हाय मार डाला कुत्ते आराम से कर आआह आआह।

"अच्छा आपकी चूत तो ज़ोर ज़ोर से करने को बोल रही है और आप आराम से।लो बुआ लो अंदर और अंदर आआह।

अमन पर शायद इस बात का गुस्सा था कि बुआ ने उसे गाँड के लिए टाल दिया था इसलिए वो अपना पूरा गुस्सा कामनी की चूत पर निकाल रहा था।

"लो बुआ लो अपने भतीजे का लौड़ा अपनी चूत में मेरी रंडी बुआ आआह लो लो पूरा बच्चेदानी तक आआह है मेरी रंडी ले अपने यार का लौड़ा साली चुद्दो ले।

"आआह अमन आराम से फाड़ देगा क्या चूत को ओऊऊ मेरे लाल आराम से।

कामनी को अमन का ये जल्लाद रूप पसंद तो आ रहा था पर मज़े के साथ साथ उसको तेज़ झटकों से दर्द भी हो रहा था।वो बस ये सोंच रही थी कि अगर उसकी चूत सुखी होती तो क्या होता।
जब पूरी तरह से गीली चूत में अमन का लौड़ा पूरा फ़स कर अंदर बाहर हो रहा है।
अमन जैसे ही अंदर झटका मारता कामनी की चूत की बाहरी खाल भी उसके लंड के साथ अंदर की तरफ दबती और लौड़ा बाहर खींचते हुए चूत की अंदरूनी गुलाबी खाल भी बाहर की तरफ खिंचती।

अमन अपने दोनों हाथों से कामनी के गोल मटोल चूतड़ पकड़ कर दनादन उसकी चूत में अपने लौड़े को अंदर बाहर कर रहा था पूरे कमरे में कामनी की आआह और सिसकियां गूंज रही थी।

इस प्रकार की बलपूर्वक चुदाई कामनी के साथ पहली बार हो रही थी यंहा तक कि कभी उज़के पति ने भी उसको इस तरह कुतिया बना कर नही चोदा था।

"आआह मेरे लाल चोद मेरी चूत को अपने लंबे लौड़े से आआह ऊईईई उईईईई आआह आआह अमन आज तो तूने वाकई मुझे सीईईई रंडी बना डाला रे उईईईई मम्मी आआह आआह।

ताबड़तोड़ चुदाई ने कुछ ही देर में कामनी की चूत को झड़ने पर मजबूर कर दिया कामनी का पूरा जिस्म कांप रहा था पर अमन रुकने को तैयार ना था वो अपना लौड़ा लगातार झरती चूत में अंदर बाहर कर रहा था।
लंड चूत से बाहर आते हुए अपने साथ चूत का पानी भी खींच कर बाहर लाता पर अंदर जाते हुए चूत का छल्ला उस पानी को बाहर ही रोक लेता इस कारण घोड़ी की तरह झुकी कामनी की चूत से पानी ऐसे टपक रहा था जैसे टूटी खराब होकर टपकने लगती है।

"आआह अमन उईईईई रुक्क जा उईईईई सीईईई अब मुझसे सहन आआआई सहन नही हो रहा।

कामनी की चूत झरने के बाद काफी सेंसेटिव हो गई थी अब लंड के आवागमन से उसको अत्यधिक गुदगुदी हो रही थी जिसको बर्दाश्त करना अब कामनी के बस में ना था।
बार बार अंदर बाहर होता अमन का लौड़ा चूत के दाने को रगड़ जाता था जिसकी वजह से कामनी को बहुत तीर्व पेशाब आता महसूस हो रहा था पर अमन रुकने को तैयार ना था।

""सीईईई अमन रुक्क जा मेरे लाल उईईईई माँ मेरा पेशाब सीईईई निकल जायेगा उईईईई मेरे लाल आआह सीईईई।

पर अमन इस वक़्त कुछ भी सुनने को तैयार ना था वो लगातार अपने लौड़े को चूत में ठोक- जी ठीक पढ़ा आपने वो कामनी की चूत में लौड़ा ठोक ही रहा था और कामनी का पेशाब बस लबों पर आ गया था जब मसाने ने ज़्यादा ज़ोर मारा तो कामनी से बर्दाश्त ना हुआ वो जिस्म में बची कूची ताकत समेट कर आगे हुई।
और चूत से लौड़ा बाहर फिसलते ही कामनी की चूत से पेशाब की मोटी धार निकलकर सोफे को भिगोने लगी।
जिसको कामनी ने बहुत रोकने का प्रयास किया पर उसकी चूत पर उसका बस ना चला और झटकों के साथ पेशाब निकलता चला गया।

मज़ा तो तब आया जब अमन ने आगे बढ़कर फिरसे अपने लौड़े को चूत में ठोक दिया लौड़ा चूत में घुसते ही पेशाब की धार बंद हो गई अगले ही पल अमन ने लौड़ा चूत से वापस बाहर खींच लिया लंड के बाहर आते ही पेशाब की धार फिरसे निकलने लगी और सीधा अमन के खड़े लौड़े को भिगोने लगी।
अमन ने फिरसे लौड़ा चूत में भर दिया पेशाब फिरसे बंद हो गया बाहर निकलते ही पेशाब की धार फिरसे लौड़े को भिगोने लगी।
अमन बार बार यही किर्या दोहराता रहा जब तक कामनी की चूत से पेशाब निकलता रहा इस सब में कामनी के जिस्म को ऐसे झटके लग रहे थे जैसे उसने 440 वाल्ट के नंगे तारो को पकड़ लिया हो।
कामनी की टंकी खाली होते ही उसके जिस्म की सारी ताकत खत्म हो गई पर अमन के धक्के अभी भी जारी थे।
कामनी का जिस्म निढाल होकर अमन के हाथों में झूल रहा था जब अमन को अपने लौड़े में लावा उबलता हुआ महसूस हुआ उसने कस कस कर आखिरी कुछ झटके मारे और अपने लौड़े को बुआ की बच्चेदानी तक घुसेड़ कर अपना प्रेम-रस बुआ की चूत को अर्पित करने लगा।
लंड के खाली होते ही अमन के हाथों की पकड़ कामनी के चूतड़ों पर हल्की हुई और अमन भी बुआ के साथ साथ उसके जिस्म पर लुढ़कता चला गया।



दोस्तो आपकी प्रितिकिर्या लिखने का साहस देती है।
तो साथ बने रहे।और अपनी प्रितिकिर्या देते रहे।
बहुत ही मस्त कामुक अपडेट
 
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Kumar75

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कुछ देर और हल्की फुल्की बात होती रही फिर सब उठकर अपने अपने रूम की तरफ जाने लगे।

अब आगे-

सब लोग अपने अपने कमरों की तरफ बढ़ गए थे पर सबके मन में अपने अलग ही विचारों की आंधी आई पड़ी थी।
रागनी के मन में के ये विचार थे कि आज की रात को कैसे रंगीन बनाया जाए।
उधर अमन ये सोच कर खुश था कि उसने एक तीर से दो शिकार कर लिए थे।
अल्हड़ सोनम अपने भइय्या के द्वारा अपने आप को बचाने की वजह से खुश थी।
कामनी की आज अपने भतीजे के द्वारा दमदार चुदाई उसकी खुशी का कारण थी।
कोमल कल उस अजनबी का सामना करने के लिए अपने आप को तैयार कर रही थी।
और अंत में अपनी रिया जल्दी से रात होने का इंतज़ार कर रही थी।

दोस्तो अब इस राज़ के खुलने का टाइम आ गया है कि रागनी और राज की चुदाई जो साया छुप कर देख रहा था वो थी जासूस रिया।

जी हाँ इसलिए रागनी से ज़्यादा सबके सोने की जल्दी रिया को थी क्योंकि राज और रागनी तो अपने रूम में जाकर अपना काम शुरू कर सकते थे पर बेचारी रिया को तो खुले में खड़े होकर देखना था जंहा कभी भी कोई भी आ सकता था।
रिया की नज़र बार बार घड़ी की तरफ जा रही थी।

इधर रागनी ने रूम में आते ही अपने आप को बाथरूम में बंद कर लिया और तसल्ली से अपनी टंकी को खाली करने लगी जिसकी मधुर ध्वनि बाहर बैठे राज को भी सुनाई दे रही थी।

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राज ने उठकर बाथरूम का दरवाजा खोलने की कोशिश की पर वो अंदर से लॉक था वो मन मसोस कर दरवाज़े से कान लगाकर ही अपनी पत्नी की चूत से बजता वायलन सुनता रहा।
ब्लैडर में भरा पूरा गोल्डन पानी निकालने के बाद रागनी ने एक एक कर अपने सारे कपड़ो को अपने गोरे जिस्म से अलग कर दिया और पहले से बाथरूम में रखी गुलाबी रंग की नाइटी को अपने गोरे जिस्म पर पहन लिया टाइट नाइटी उसके गोरे जिस्म पर खूब जंच रही थी।
उसके दोनों बड़े स्तन उस झीने कपड़े की नाइटी में पूरे समा नही पा रहे थे आधे से ज़्यादा बाहर झांक रहे थे और जितने समा रहे थे पारदर्शी झीने कपड़े में वो भी आराम से देखे जा सकते थे।

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उसने एक बार अपने आपको आदम-कद आईने में देखा हाय कयामत लग रही थी रागनी इतनी छोटी नाइटी में अपने आप को देखकर वो खुद शर्मा गई।

ये नाइटी उसको कोमल ने गिफ्ट की थी रागनी के काफी बार ना कहने पर भी कोमल नही मानी थी।
रागनी ने तो इसका साइज देखकर ही कोमल को ना कह दिया था।
पर कोमल ने ये कह कर की आप को घर में ही तो पहननी है और घर में तो सब घर वाले ही है कोई पराया थोड़ी है अपनी माँ को मना लिया था।

कोमल का दिया ये गिफ्ट काफी टाइम से रागनी ने कबर्ड में रख रखा था पर आज जब उसने कबर्ड की सफाई की तो इस नाइटी को उठाकर आज बाथरूम में रख दिया था और रात को अपने पति को खुश करने का पूरा इंतज़ाम कर लिया था।

शीशे के सामने घूम घूम कर रागनी ने अपने आप को चारों तरफ से देखा अपने आधे से ज़्यादा बाहर निकले पड़े स्तनों को देखकर ख़ुद अपने शरीर में गर्मी बढ़ने लगी और जब उसने घूम कर देखा तो जो हाल उज़के स्तनों का था वहीं हाल उसकी गदराई फैली हुई गाँड का था।
वो नाइटी उसकी कमर से थोड़ा सा नीचे आते ही खत्म हो गई थी जंहा से उसकी गाँड का ढाल शुरू होता था नाइटी मानो गाँड को छुपाने के लिए बनाई ही नही गई थी।बल्कि गाँड को ज़रा सा छुपा कर और भड़काऊ बनाने के लिए बनाई गई थी।
रागनी ने अपने आप को आखिरी बार आईने में देखा और अपने जिस्म पर नाइटी के ऊपर एक चादर लपेट ली जिसमे उसका पूरा जिस्म ढक गया।
धीमे से उसने बाथरूम का गेट खोला और बिना अपने पति पर नज़र डालें वो ड्रेसिंग के सामने जाकर बैठ गई और आंखों को काजल से सजा कर अपने होंठो पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक को लगाया और हल्का फुल्का मेकअप कर के अपने आप को आईने में निहारने लगी।

अपने आप से संतुष्ट होकर उसने एक नज़र आईने में अपने पति राज को देखा।
राज अपने लैपटॉप में खोया हुआ था शायद ऑफिस का बचा काम पूरा कर रहा था।
रागनी अपना मेकअप करके उठी और जाकर सीधी राज के सामने खड़ी हो गई।

"हेलो पति देव आपको पता है आज क्या डेट है।

राज ने उसको एक नज़र देखा अपनी पत्नी को चादर में लिपटा देख उसने बुरा सा मुँह बनाया और हल्के से बोला।

"24 मार्च

"वो तो मुझे भी पता है पर आज स्पेशियल क्या है।

"राज लैपटॉप की स्क्रीन में नज़र गड़ाए ही बोला।

"आज क्या स्पेशियल होगा ये दिन तो हर साल आता है।

"ज़रा लैपटॉप से नज़र हटाओ और ध्यान दो पति-देव आज कुछ स्पेशियल है।

राज ने रागनी को नज़र उठाकर देखा।

"ओ शायद आज चादर डे है इसलिए तुम चादर लपेट कर आई हो।

राज की बात सुनकर रागनी को बहुत गुस्सा आया वो चादर लपेटे ही बिस्तर पर लेट गई और राज की तरफ से अपना मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया।
और सोंचने लगी।

कोई इतना लापरवाह कैसे हो सकता है जो अपनी शादी की तारीख भूल जाय रागनी ने आज रात अपने पति को खुश करने के लिए क्या क्या तैयारी की थी।
उसने सुबह उठते ही पूरा घर साफ कर दिया था।
अपने पूरे रूम को अच्छे से साफ किया था सब पर्दे चादर बदल कर नई लगा दी थी उज़के बाद दोपहर तक ये सारा काम करके अपने आप को साफ किया अपनी चूत को अपने पति के लिए पूरा चिकना किया अपने जिस्म के सारे अनचाहे बालों को हटा दिया और खुलाब कि तरह खिल गई।
पर उसका पति उसको तो ये भी ध्यान नही है कि आज क्या है।

रागनी की आंखों में नमी आने लगी और सब कुछ सोंचते सोंचते वो अपने तकिए को भिगोने लगी।
धीरे धीरे उसकी सुबकियां राज के कानों तक पहुंची।
राज ने अपना लैपटॉप बंद किया और उठकर रूम में जलती लाइट को बंद किया और रूम से बाहर निकल गया।

ये सब देखकर रागनी की रुलाई फुट पड़ी और उसने अपने चेहरे को तकिए में घुसा दिया ताकि उसके रोने की आवाज़ कोई और न सुन सके।

राज 5 मिनट में रूम में आया और सपाट शब्दो में रागनी से बोला।

"सुनो ज़रा मेरे लिए मेरे लिए एक गिलास दूध ले आओगी।

रागनी ने अपनी सिसकियों को अपने मुँह में कैद किया और बिस्तर से उठकर रूम की लाइट जलाई।
और रूम का दरवाजा खोलकर चादर लपेटे हुए ही किचन मैं जाकर दूध गरम करने लगी।
उसे आज राज पर इतना गुस्सा आ रहा था जितना अपनी ज़िंदगी में शायद किसी पर ना आया हो।
दूध गरम करते हुए ही उसने सोंच लिया की अगर इनको याद नही है तो ठीक है में भी याद नही दिलाऊंगी।
और दूध देकर सीधा बिस्तर में जाकर सो जाऊंगी।

गरम दूध को उसने गिलास में किया और रूम में जाकर दरवाजा बंद किया और राज के हाथ में दूध का गिलास देकर लाइट बंद करने के लिए बढ़ी।तभी राज की आवाज़ सुनकर ठिठक गई।

"सुनो ज़रा टेबल पर से एक पैन-किलर और देदो।

रागनी टेबल की तरफ बढ़ गई और टेबल के पास जाते ही उसकी आंखे चमक उठी और पूरा शरीर खुशी से झूम उठा।
टेबल पर एक सुंदर गुलाबी केक रखा था जिसपर लिखा था हैप्पी एनिवर्सरी और एक दिल बना था जिसके अंदर राज और रागनी लिखा था।

उसने मुड़कर राज की तरफ देखा वो एक कमीनी हँसी हस रहा था रागनी दौड़कर उसके पास पहुंची और उसके सीने पर मुक्के मारने लगी।

"अरे अरे रुको दूध गिर जायेगा।
अमन ने दूध का गिलास साईड में रखा।

"मुझे इतना परेशान क्यों किया।

कामनी फिरसे उससे झगड़ने लगी और उसको इधर उधर प्यार से मारने लगी।

"उईईईई देखो तो मेरी जंगली बिल्ली का चेहरा है है है है।
राज ने बिस्तर से उठकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और अपने मज़बूत हाथों से उसे उपर उठा लिया।
रागनी के हाथ-पैर अब भी चल रहे थे।

इतनी हाथा-पाई में रागनी के जिस्म पर बंधी चादर ढीली हो गई और जैसे ही उसे राज ने उसे नीचे उतारा वो चादर चिकनी नाइटी से फिसलकर ज़मीन पर गिर गई।
चादर के अंदर हज़ार बार अपने द्वारा नंगे देखे जिस्म को आज देखकर राज की आंखे चोंधिया गई।

"उफ्फ्फ रागनी तुम्हारी उम्र बढ़ रही है या घट रही है।
कितनी सुंदर हो तुम मेरी जान आज भी।

राज के मुँह से निकले शब्द रागनी के कानों में शहद घोलते चले गए।उसकी पूरे दिन की गई मेहनत अब जाकर रंग लाई थी।अपने पति के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर रागनी को बहुत अच्छा लगा।

रागनी ने आगे बढ़कर राज के होंठो को चूम लिया।

"कितने कमीने हो तुम तुम्हे सब कुछ याद था तो फिर मुझे परेशान क्यों किया।

"हाय मेरी जान तुम्हारा रिएक्शन देखना चाहता था।
राज ने रागनी को अपने सीने से लगाते हुए कहा।

रागनी ने राज की टी-शर्ट को उपर करके निकाल कर उसको बिस्तर पर धक्का देकर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर बैठ गई।


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"तो क्या देखा तुमने।
रागनी ने सीधा सवाल किया।

राज ने अपने हाथों को उठाकर रागनी के गुदाज़ स्तनों को अपने हाथों में भींच कर कहा।

"मेने देखा कि मेरी जान मुझसे बहुत प्यार करती है।

"सीईईई आराम से साजन बहुत भारी हो रहे है ये।
और थैंक्स मुझे इतना प्यार देने के लिए।
रागनी अपनी नंगी गाँड को लोवर के ऊपर से ही राज के लंड पर रगड़ती हुई बोली।

"और तुमको भी थैंक्स मुझे इतना प्यारा गिफ्ट देने के लिए।
राज ने उसके दोनों चुचो को नाइटी से बाहर निकालते हुए कहा।

"ये तो तुम अपनी बेटी को थैंक्स बोलना उसी का गिफ्ट है ये।
रागनी ने राज का लोवर नीचे खींचा जिसमे राज ने अपनी गाँड को हवा में उठाकर निकालने में उसकी मदद की।

"मेरी कौनसी बेटी इतनी समझदार हो गई जो अपने मम्मी पापा की इन बातों का ध्यान रखने लगी।
राज ने रागनी के स्तन पकड़ कर अपनी तरफ खींचे जिससे रागनी की कमर झुकती चली गई और दोनों गुदाज़ स्तन राज के चेहरे के सामने आ गए राज ने एक लटकते हुए स्तन को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को अपने हाथ से दबाने लगा।

"उईईईई आराम से जानू ये तुम्हारी बड़ी बेटी कोमल का गिफ्ट है।
कोमल का नाम सुनते ही राज की आंखों में अपनी बेटी का भरावदार जिस्म घूम गया और उसको लगा कि रागनी की जगह उसकी बेटी कोमल उसके ऊपर झुक कर उसको अपना दूध पिला रही है।
राज के लंड ने एक तेज़ झटका लिया जिसकी चोट रागनी को अपने गुदा-द्वार पर महसूस हुई।
और अपने पति के दांतों की पकड़ को उसने अपने निप्पल पर बढ़ता महसूस किया।

"आआह आराम से जानू कंही निप्पल को उखाड़ मत देना उईईईई मम्मी सीईईई।

राज लगातार बदल बदल कर रागनी की गुदाज़ छातियों में से दूध निकालने का प्रयास कर रहा था लेकिन बच्चा होने के इतने समय के बाद ये मुमकिन ना था।अब तो रागनी के द्वारा जने हुए बच्चों की छातियां इतनी बड़ी हो गई थी कि उनसे दूध निकल जाये।
राज अच्छी तरह जानता था कि अगर फिरसे उसे रागनी के दूध का स्वाद चखना है तो पहले अपने लौड़े के दूध से रागनी की बच्चेदानी को भरना पड़ेगा तब कंही नो महीने में जाकर उसकी छातियों से दूध का रिसाव शुरू होगा।
पर कहते है ना मर्द ज़िद्दी होते है तो मर्द ज़ात की मर्यादा रखते हुए राज दूध निकालने के लिए लगातार रागनी के चुचो को कभी भींच रहा था कभी खींच रहा था कभी दबा रहा था कभी चूस रहा था।

जिसका परिणाम ये हुआ कि रागनी की छातियों से तो दूध नही निकला पर उसकी चूत से पानी टपकने लगा जो बून्द बून्द करके राज के झटके मारते लौड़े को भिगो कर चिकना कर रहा था।

बाहर खिड़की में खड़े दो जवान नैन ये सब नज़ारा देख कर खुश थे।
रिया ने अपने आप को अपने कमरे में रोकने की काफी कोशिश की।अपने मन को समझाया कि खतरा है कोई भी देख सकता है पर जवान जिस्म एक बार जो चुदाई देखी थी उसको अपने मन मस्तिष्क से निकाल नही पा रही थी।
आखिर अपनी चूत के आगे घुटने टेक कर अपने आप को फिर अपने मम्मी पापा की खिड़की तक ले आआई थी और शुरू से सारा नज़ारा देख रही थी।बस थोड़ा दूर होने के कारण मम्मी पापा के बीच होती बाते नही सुन पा रही थी।

"तो ये गिफ्ट कोमल ने दिया है मम्मी को काफी समझदार हो गई है हमारी बेटी।
राज ने दूसरे निप्पल को मुँह में भरते हुए कहा।

आम तौर पर राज छातियों को इतनी देर तक नही चूसता था पर आज कोमल का नाम आने से उसे अपने मुँह में भरा स्तन अपनी बड़ी बेटी कोमल का ही महसूस हो रहा था जो उसके जिस्म में चिंगारिया भर रहा था।
अपनी छातियों को इतना चूसे जाने से रागनी की चूत भी कावरी-बावरी हो रही थी अब उससे भी सबर नही हो रहा था।रागनी ने अपनी गाँड को उठाकर रॉकेट की नोक को अपनी चूत पर लगाया और अपनी कमर को नीचे दबाती चली गई।पत्थर की तरह सख्त हुए लौड़े को भी जब कच्ची ज़मीन महसूस हुई तो वो भी अंदर घुसता चला गया।

लौड़े के बिना बालो वाली चिकनी चूत में घुसते ही दोनों के मुँह से एक सुकून भारी सिसकी निकली।

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राज के हाथ आटोमेटिक तरीके से रागनी की गाँड पर पहुंच गए निप्पल को मुँह में दबाए हुए ही राज ने अपने हाथों से रागनी की गाँड को नीचे की तरफ दबाया और अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाला चूत के पानी में चिकना हुआ पड़ा लौड़ा दो तरफा दबाव के कारण रागनी की चूत में घुसता चला गया और तब जाकर
रुका जब राज के आंड रागनी की गाँड से चिपक गए।
लंड की चोट सीधी रागनी की बच्चेदानी पर पड़ी एक ही चोट ने रागनी के जिस्म को झटके खाने पर मजबूर कर दिया अगले ही पल अमन की उंगली रेंगती हुई रागनी को अपनी गाँड के छल्ले पर महसूस हुई।
जैसे ही रागनी ने अपनी गाँड को थोड़ा ऊपर उठाया खड़ा लौड़ा टोप्ले तक ही आया था कि राज ने अपनी उंगली को गाँड के छेंद में धकेला और अपनी कमर को उपर उछाला तीन तरफ से हमला रागनी को एक ही पल में जन्नत की सैर पर ले गया
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चुचो पर गड़े राज के दाँत गाँड में घुसी उंगली और चूत को चीरता हुआ राज का मोटा बम्बू।
आज एनिवर्सरी की खुशी में राज फ्रंट-फुट पर खेल रहा था एक कदम आगे बढ़ कर।
अपनी बच्चेदानी पर अगले दो झटके पड़ते ही रागनी का जिस्म अकड़ता चला गया उसकी चूत ने लौड़े को ऐसा भींचा की जैसे अब कभी छोड़ेगी नही राज जैसे मज़बूत मर्द ने भी रागनी की चूत में होते संकुचन के आगे हथियार डाल दिये और एक बार पूरा लौड़ा बाहर खींचकर राज ने अपने लौड़े को झटके से पूरा चूत में घुसाया और अपना प्रेम रस चूत को अर्पित करने लगा।

बाहर खड़ी रिया की चूत भी अपने मम्मी पापा के इस गरम मिलन को बर्दाश्त ना कर पाई और खड़े खड़े उसके पैर भी कांपने लगे उसने अपनी चूत को अपनी जांघो में भींच लिया और खिड़की में लगी लोहे की जाली पकड़कर सहारा लिया और कुछ पल अपनी गाँड वंही खड़ी हिलाती रही।
चूत के पानी से पजामी को भिगोते ही रिया के पैरों ने और वंहा खड़े रहने से इनकार कर दिया और वो भागकर अपने रूम में पहुंच कर बिस्तर पर लेटकर लंबी लंबी सांस लेने लगी।
उसकी सांसे धौकनी की तरह चल रही थी ऐसा लगता था जैसे वो कई किलोमीटर दौड़ कर आई हो।
रिया ने एक तकिए को अपने सिर के नीचे लगाया और एक तकिए को अपनी जांघो मैं भींच कर लेट गए।
उसकी चूत की खुमारी ने कब उसे नींद में पहुंचा दिया उसको पता नही चला।




दोस्तो अपडेट कैसा लगा अपना कीमती समय निकालकर ज़रूर बताए।
मजा आ गया इस अपडेट में
 

Hard dude

Tere bin kuch nahi
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रिया रागनी की मंझली बेटी चुलबुली चालक चतुर जिसके निम्बू अब देसी आम बनने की तरफ बढ़ रहे थे।

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छरहरी काया वाली ये कामातुर कन्या जितनी देखने में सीधी लगती थी अंदर से उतनी ही ज़्यादा घुन्नी थी और सबसे बड़ी बात इसको जासूसी करने में मज़ा आता था।
अपनी सहेलियों साथियों और अपनी कज़िन सिस्टर्स के बारे में सब जानकारी रखती थी किसका मामला किस से चल रहा है कौन किसकी ले रहा है या कोन किसको दे रही है सबकी जानकारी थी इसके पास यँहा तक कि अपनी मम्मी पापा के सहवास रत होते हुए जो साया हमेशा अंधेरे में दिखाई देता था वो भी रिया ही थी।
मम्मी पापा की चुदाई देख कर मज़े लेने वाली ये कमसिन कली फिलहाल अपने भाई के रूम से बरामद पेन-ड्राइव को अपने लैपटॉप में देख रही थी कुछ पहले देख चुकी थी और कुछ को अब खंगाल रही थी।
ऐसी ही एक पैन-ड्राइव को उसने लैपटॉप के स्लॉट में लगाया और उसकी जांच पड़ताल करने लगी।
ड्राइव में काफी सारे फोल्डर बने हुए थे जिसमें से एक था "देसी"इस फोल्डर को खोलते ही रिया को इसमें काफी सारी वीडियोस दिखने लगी जो अलग अलग टाइटल से थी।
जिसमे एक पर टाइटल था भाभी के रसीले आम।
रिया ने इसको प्ले किया फ़िल्म एक गांव की प्रष्ट भूमि से शुरू होती है जिसमे एक देवर भाभी का कोटूम्भिक व्यभिचार दिखाया गया था।
फ़िल्म में एक गदराई भाभी अपने पति से संतुष्ट न होने पर कैसे अपने रूप-यौवन के जाल में अपने देवर को फसा कर अपनी चूत को अपने देवर से चुदवाती है।

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फ़िल्म में जैसे ही देवर भाभी नंगे होकर रोमांस शुरू करते है रिया के भी निप्पल कठोर होकर खड़े हो जाते है और उसकी छोटी सहेली की भी लार टपकने लगती है।जैसे ही देवर अपना लौड़ा अपनी भाभी की चूत में अंदर करता है रिया का हाथ भी अपनी सहेली से खेलना शुरू कर देता है।वो अपनी पैंटी को साइड हटा कर अपनी नाज़ुक गुलाबी चूत के भग्नासे को मसलना शुरू कर देती है।

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भग्नासे पर उंगलियों की रगड़ रिया को मदहोश कर रही थी फ़िल्म में भाभी की चूत में अंदर बाहर होता लंड रिया बहुत ध्यान से देख रही थी और सोच रही थी लंड जब अंदर जाता है कितना मज़ा आता होगा।

इसका जवाब उसको कुछ ही पलों में मिल गया जब भाभी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव दिखे और उसका लंड के झटकों के साथ अपनी गाँड़ को ऊपर उठाना भी रिया को समझा गया कि लंड जब चूत में जाता है तो कितना मज़ा आता है।
उसके नाखून अपने भग्नासे को रगड़ते रगड़ते चूत के चीरे पर पहुंच गए अब वो चूत के चीरे को अपने लंबे नाखून से खुरच रही थी।
फ़िल्म में देवर भाभी की चूत में अपना लावा अर्पित कर रहा था और भाभी के मुख पर असीम सुख के भाव थे।
पर रिया का चेहरा भी और उसकी चूत भी लाल हुई पड़ी थी उसकी चूत से मख्खन पिघल पिघल कर निकाल रहा था जिसको वो अपनी चूत पर ही रगड़ रही थी।
फ़िल्म अब खत्म हो चुकी थी उसने दूसरे टाइटल पढ़ने शुरू किए एक और टाइटल ने उसको अपनी तरफ आकर्षित किया जो था"पापा ने खोली मेरी चूत की सील"
टाइटल देखकर रिया की आंखे खुली की खुली रह गई और उसके कान गरम होने लगे उसने अपनी आंखों को साफ किया और फिरसे टाइटल ओर नज़र दौड़ाई।
पर अब भी टाइटल जस का तस था।"पापा ने खोली मेरी चूत की सील"।
रिया को ये टाइटल बहुत परेशान कर गया वो उस वीडियो को प्ले करने से खुद को नही रोक पाई।उसके हाथ अपने आप प्ले के बटन की तरफ बढ़ गए।

फ़िल्म में एक कुँवारी कन्या अपने पिता के साथ रहती है जिसकी माँ का देहांत हो गया था घर में सिर्फ दो ही लोग थे बेटी और पापा रिश्तेदार संबंधियों के बहुत समझाने पर भी बाप दूसरी शादी नही करता अपनी बेटी की चाहत बाप को दूसरी शादी नही करने दे रही थी वो जानता था कि दूसरी औरत उसको तो प्यार दे सकती है पर उसकी बेटी को नही।और उसकी बेटी चेहरे मोहरे से बिल्कुल अपनी माँ से मिलती थी जिसे वो कभी दुख नही दे सकता था धीरे धीरे बेटी बड़ी होती गई अब वो छोटी कक्षा से निकल कर हाई-स्कूल में आ गई थी।
साथ साथ उसके जिस्म का भी विकास हो रहा था आंखे नशीली होती जा रही थी होंठ रसीले और चूचियों ने आकर लेना शुरू कर दिया था गाँड़ पर भी पर्याप्त भराव आ रहा था दोनो बाप बेटी अपनी मस्ती में मस्त रहते थे दोनो ही एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते थे।
एक दूसरे की ज़रूरतों को समझते थे और उनको पूरा करने के लिए भी भरसक प्रयास करते थे।

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इतनी फ़िल्म देखने के बाद भी रिया को उसमें कुछ गलत नही लगा रिया सोच रही थी कि इतनी अच्छी फिल्म को इतना गंदा टाइटल"पापा ने खोली मेरी चूत की सील"क्यों दिया गया।
पर रिया बेचारी को ये नही पता था कि फ़िल्म तो अभी बाकी थी कहानी तो अब शुरू होनी थी।

इंटर्मिशन के बाद कहानी शुरू होती है हस्पताल के बिस्तर से जहाँ बेटी बिस्तर पर लेटी थी और उसका बाप वंही स्टूल पर बेटी के बेड के पास बैठा था लड़की के पूरे जिस्म पर पट्टियाँ बंधी थी और कुछ जगह प्लास्टर भी लगाया गया था।

हुआ ये था कि स्कूल से आते वक्त लड़की का एक्सीडेंट हो गया था जिसमे उसको गंभीर चोटें आई थी और वो अब हस्पताल में थी।लड़की अपने पिता की तरफ बड़ी आस से देख रही थी।उसके पिता की आंखे आँसुओ से भीगी हुई थी और वो उसको तसल्ली दे रहा था।
"बेटी तू चिंता न कर कितना भी पैसा लगे मैं तुझे पूरी तरह स्वस्थ कराऊंगा चाहे मुझे अपने आप को भी बेचना पड़े तो पीछे नही हटूँगा।

अपने प्रीति अपने पिता का प्यार देख लड़की की आंखे भी भर आईं पर वो अभी बोल भी नही पा रही थी।
इस इमोशनल सीन को देख रिया की आंखे भी भर आईं।अभी कुछ देर पहले जो पानी उसकी चूत से बाहर निकल रहा था वो अब आंखों में पहुंच गया था।
इतनी देर में उसकी चूत भी सूख गई थी।
कुछ समय के बाद लड़की के स्वास्थ में कुछ सुधार होने पर डॉक्टर उसको घर जाने की परमिशन दे देते है पर लड़की के पिता से बोलते है कि उसका पूरा ध्यान रखे उसको बेड रेस्ट पर रखे।क्योंकि प्लास्टर अभी भी बाकी था।
दोनों बाप बेटी घर आ जाते है और असली कहानी शुरू होती है यँहा से।

घर आने के बाद पिता अपनी बेटी को बिस्तर पर लेटा देता है और उसके लिए खाना बना कर लाता है अपनी बेटी को अपने हाथ से खाना खिला कर वो अपने हाथ से ही पानी पिलाता है और बाप बेटी हँसी मज़ाक करते रहते है।रात होने पर बाप अपना बिस्तर भी अपनी बेटी के पास ही लगा लेता है।और वही सो जाता है सुबह उठकर असली परेशानी शुरू होती है।
जब बेटी नित्यकर्म के लिए परेशान होती है अस्पताल में तो उसको नर्स करवा देती थी पर घर पर तो पापा के सिवा कोई भी नही था।और वो अपने पापा से कह नही पा रही थी।
पापा ने नित्यकर्म से निपट कर नाश्ते का भी प्रबंध कर लिया था पर बेटी के चेहरे के भाव पढ़कर वो समझ गया कि मामला क्या है।

रिया को अब कुछ कुछ समझ आने लगा था कि अब क्या होने वाला है पर वो फ़िल्म से ऐसी बंध गई थी कि सेकंड भर को भी पलक नही झपक रही थी।

"तुम फिक्र मत करो बेटी में ले चलता हूँ।
अपनी बेटी को अपनी बाँहो में उठाकर बाप बाथरूम की तरफ बढ़ जाता है और उसको ले जाकर इंग्लिश टॉयलेट पर बैठाता है पर स्लिप डिस्क की वजह से वो अपने दाहिने चूतड़ पर भार नही डाल सकती थी और दोनों हाथों पर भी प्लास्टर लगा हुआ था तो हाथों से भी सहारा नही ले पा रही थी बाप उसकी हालात को समझ रहा था वो अपनी बेटी से बोलता है।
"बेटी अगर तुम्हें कोई परेशानी ना हो तो मैं मदद करूँ।
बेटी को भी मालूम था घर में पापा के अलावा और कोई नही है और किसी बाहर वाले से मदद ले नही सकते।
बेटी ने हाँ में अपना सर् हिला कर सहमति दी।
बाप ने उसको खड़ा किया और उसकी पजामी को नीचे खींच दिया।डॉक्टर ने यूरिन पैक तो लगा दिया था पर पॉटी तो करनी ही थी फिर लड़की को बांयी और झुका कर पॉटी पर बैठा दिया।
लड़की ने शर्म की वजह से अपने पापा की नाभि में अपना चेहरा छुपा लिया और पॉटी करने लगी।कुछ देर वो पॉटी करती रही साथ साथ लड़की का पेशाब निकल कर यूरिन की नलकी के द्वारा पैकेट में जाने लगा।
जिसको उसके पापा पास खड़े देख रहे थे लड़की पॉटी करने के बाद अपना चेहरा उठा कर अपने पापा को देखने लगी उसके पापा समझ गए कि क्या करना है।
उसके पापा उसकी गाँड़ पर पानी डाल कर अपने हाथ से धोने लगे लड़की शर्म से दोहरी होती जा रही थी पर ये काम ऐसा था कि कोई और शायद ही करता पर एक बात थी गाँड़ धोने के बाद भी उसके पापा का हाथ अभी तक उसकी गाँड़ के छल्ले को ही मसल रहा था काफी देर तक अपनी बेटी की गाँड़ के छल्ले को रगड़ने के बाद वो जैसे नींद से जगा उसने अपनी बेटी को खड़ा किया और उसकी पजामी को वापस ऊपर चढ़ा दिया और फिरसे उसको अपनी बाँहो में उठाकर बिस्तर तक ले आया।
 

Mass

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hot update bhai..but seems a little bit incomplete..but will wait for the next update. Thanks
 

Hard dude

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Baaki ka update jaldi hi
 
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Meena1995

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Sahi ja rhi hai kahani
 

Mass

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Waiting for update sirji..
 

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