राज उसको सुलगती आंखों से देख रहा था उसने एक बार अपने नंगे बदन को अपने बेटे की हवस भरी आंखों से बचाये बैठी माँ की तरफ देखा।अपनी माँ की आंखों मैं उसे ममता भरा प्यार नज़र आया,रागनी जैसे आंखों ही आंखों में उससे सवाल कर रही थी कि आखिर क्यों किया उसने ऐसा पर अमन के पास कोई जवाब ना था,पास में खड़ी कामनी उसकी बुआ लगातार रोये जा रही थी और अमन के हाथ को पकड़ कर उसको जाने से रोकना चाह रही थी।
पर.........
अब आगे-
अमन को महसूस हुआ कि कामनी उसके हाथ को पकड़ कर नोच रही थी,एक ही सेकंड में वो वापस धरती पर आ गया।
कामनी उसके हाथ को नोच रही थी।उसकी आंखें सबसे पहले विंडो का सहारा लेकर झुकी हुई अपनी बुआ से मिली ,वो उसे इशारे से पूछ रही थी क्या हुआ?
अमन ने अपनी हालात पर गौर किया उसके पैर कांप रहै थे हाथ बुआ की गाँड़ पर रखे थे(सिर्फ रखे थे)उसका पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था,लण्ड सिकुड़ कर चूत से बाहर आ गया था।उसने अपनी आंखों को उठाकर कमरे के अंदर देखा।
अंदर उसका पिता उसकी माँ पर झुका हुआ उसकी चूत में अपने लौड़े को अंदर बाहर कर रहा मज़े में खोया था और उसकी माँ उसके पापा के लण्ड के नीचे दबी लंबी लंबी सिसकिया ले रही थी पापा का पूरा लौड़ा उसकी माँ की चूत में मख्खन में छुरी की तरह घुस रहा था।
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कामनी ने फिरसे उसको हाथ पर चुटकी ली और अमन को अपनी और देखता देख धीमे से फुसफुसाई।
"अमन मेरे लाल तू ठीक तो है ना,क्या हुआ तुझे।
कामनी ने अपनी कमर को सीधा किया और अमन के चेहरे पर आए पसीने को अपने हाथ से साफ करने लगी।
कामनी अब चिंतित दिखाई पड़ रही थी।
"मैं मैं ठीक हु बुआ।
अमन वापस धरातल पर आता हुआ बोला।
पर कामनी को उसकी बात पर यकीन नही हुआ, पर इस वक्त वो चूत की आग में जल रही थी वो अमन से बात करना चाहती थी पर अभी नही।
अभी तो बस वो अपने भतीजे के नीचे ऐसे पिसना चाहती थी जैसी उसकी भाभी उसके भईय्या के नीचे पिस रही थी।
"अमन बोल न अचानक क्या हुआ तुझको।
"बताऊंगा बुआ आराम से अभी नही।
कामनी भी अभी बात को ज़्यादा नही खींचना चाहती थी।उसने अमन को कमरे में चलती घमासान चुदाई की तरफ इशारा किया।
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"देख ना तेरी माँ को कितना मज़ा आ रहा है,और एक तू है पूरी की पूरी नंगी औरत तेरे सामने है और तेरा औज़ार ढीला पड़ गया।
अमन अब पूरी तरह सामान्य हो गया था उसने कमरे में चलती चुदाई पर एक नज़र डाली और अगले ही पल अपनी बुआ का सिर पकड़ कर अपने घुटनों में झुका दिया।कामनी को बहुत अच्छे से पता था उसको क्या करना है।
अपने सामने चुदती अपनी ड्रीम-वुमन अपनी खूबसूरत माँ की चूत के दर्शन और अपने पैरों में बैठी अपनी बुआ की लिसलिसी जीभ और गरम मुँह से अपने लण्ड के चूसै जाने पर कुछ ही देर में अमन का लौड़ा फिरसे पत्थर के समान कठोर होता चला गया
,अमन ने अपनी बुआ के बाल पकड़ कर उसको ऊपर उठाया और बुआ की गाँड़ को फिरसे अपने लौड़े की राडार में ला कर उसकी कमर को नीचे की तरफ दबाया तो कामनी मोरनी बनती चली गई।
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कामनी ने अपनी उंगलियों को मुंह में डालकर उनपर थूक लगाया और उँगलियों पर लगा अपना थूक अपनी चूत पर लेप दिया,अमन के थूक में भीगे लण्ड और कामनी की चूत के आपस में मिलते ही भतीजे का लौड़ा बुआ की चूत को चीर कर अंदर की तरफ बढ़ने लगा।अबकी बार अमन अपने लौड़े को बुआ की चूत में धीरे चला रहा था,उसको डर था कंही बुआ फिरसे ना चीख पड़े धीरे धीरे कामनी की चूत ने पर्याप्त मात्रा में चिकनाई का उत्सर्जन कर लिया अब अमन का मोटा लौड़ा बुआ की चूत में आसानी से फिसल कर घर्षण कर रहा था।
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कमरे के अंदर भी लगातार गर्मी बढ़ती जा रही थी,अंदर अमन की माँ ने भी अपने घुटनों को मोड़ कर डॉगी आसान बना लिया था और राज पीछे से लगातार उसकी चूत में अपने लौड़े को बिना रुके धकिया रहा था,रागनी की किलकारियों ने अमन के कानों में शहद घोल रखा था।
अमन की आंखे अपने पिता के धक्का लगाते ही थिरकते अपनी माँ के चूतड़ों पर जमी थी।और वो लगातार अपनी माँ समझ कर अपनी बुआ की चूत में धक्के लगा रहा था।
और कामनी अपने भईय्या के मजबूत कूल्हों को देख अपने सपनो में अपने भाई से चुदने का आनंद ले रही थी।
कामनी ने अपनी भाभी की किलकारियों को सुन कर पहचान लिया कि रागनी की चूत स्खलित होने वाली है,उसने भी अपनी गाँड़ को अमन के लौड़े की तरफ धकेलना शुरू कर दिया जैसे जैसे रागनी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी कामनी भी चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रही थी,दोनो बाप बेटे तन्मयता से अपने माल को रगड़ कर चोद रहे थे।
कुछ ही करारे धक्कों ने रागनी की चूत को स्खलन के गहरे समुन्द्र मैं डुबा दिया उसकी चूत में संकुचन होने लगा,रागनी की चूत ने राज के लौड़े को दुहना शुरू कर दिया,बिल्कुल वैसे जैसे कोई गाय के थनों को भींच कर दुहता है।रागनी की चूत में होते संकुचन ने राज को भी हथियार डालने पर मजबूर कर दिया,उसने अपने लौड़े को एक बार बाहर खींचा और वापस पूरा जोर लगाकर चूत में ठोक दिया और अपना गरम गरम लावा रागनी की बच्चेदानी में उड़ेलने लगा।
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कमरे में चलता गरम सीन देखकर बाहर घोड़ी की तरह चौपाया बनी कामनी की चूत ने भी अपनी भतीजे के लौड़े को अपनी चूत से निकलती गरम पिचकारियों में भिगोना शुरू कर दिया,अमन ने स्खलित होती अपनी बुआ की चूत में अपने पूरे लौड़े को अंदर तक घुसा कर रोक दिया और अपनी बुआ के कम्पन्न करते शरीर को काबू करने की कोशिश करने लगा,उसके मम्मी पापा भी अंदर कमरे में अपने स्खलन में डूबे थे और बाहर बुआ भी।बस वो ही अभागा इस सुख से वंचित रह गया था,वो अब वँहा से हट जाना चाहता था क्योंकि उसके माता पिता कुछ ही देर में सोने की तैयारी शुरू करने वाले थे,और हो सकता था कि उनमें से कोई बाहर भी आ जाता।
पर कामनी अभी तक अपने स्खलन से नही उभरी थी,अमन ने अब ज़्यादा रिस्क लेना सही नही समझा।उसकी गाँड़ तो पहले ही उसकी सोचो ने हवा कर दी थी।अमन ने कामनी के बेजान शरीर को अपनी मज़बूत बांहो में उठाया और उसको लेकर कामनी बुआ के रूम की तरफ बढ़ गया,कुछ ही देर में वो कामनी को उसके बिस्तर पर लेटा कर खुद भी उसके पास ही लेट गया और अभी कुछ देर पहले के अपने खयालो के बारे में सोचने लगा।
अभी वो किसी नतीजे पर नही पहुंचा था कि कामनी ने करवट बदल कर उसको अपने सीने से चिपका लिया।
अमन ने भी अपने चेहरे को अपनी बुआ की गुदाज़ छातियों में घुसा दिया,और बुआ के गुदाज़ स्तनों से उठती भीनी भीनी महक लेने लगा,
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कामनी को पता था कि अभी अमन रिलैक्स नही हुआ है और वैसे भी आज रात के बाद पता नही उसको अपने भतीजे के नीचे कब पिसने का मौका मिले,कामनी ने अपने हाथ को अमन के लण्ड की तरफ बढ़ाया और जैसी उसको उम्मीद थी इतनी देर में अमन का लौड़ा आधा खड़ा आधा सोया पड़ा था,कामनी ने उसको बेस से पकड़ा और अपने अंगूठे से उसकी टिप को कुरेदने लगी, कामनी के मुलायम हाथ का स्पर्श पाते ही लण्ड में जान आने लगी।
अमन ने अपने प्यासे होंठो को बुआ के भीगे होंठो पर सजा दिया कामनी के होंठो पर थोड़ी देर पहले के वीर्ये अवशेष और उसका थूक लिपटा पड़ा था जिसको धीरे धीरे अमन पूरी तरह चाट गया,अब कामनी के हाथ में अमन का लौड़ा भी फूल गया था,कामनी ने अमन को पीठ के बल किया और उसके ऊपर चढ़ गई।अब अमन सीधा लेटा था और उसकी बुआ उसके दोनों तरफ पैर करके उसके ऊपर चढ़ी थी,अमन का लौड़ा सीधा तन कर छत की तरफ देख रहा था,कामनी ने अपने होंठो को खड़े लौड़े के बिल्कुल ऊपर किया और अपने मुँह में जमा थूक को लण्ड पर टपका दिया फिर अपने हाथ से उसको लण्ड की पूरी लंबाई पर लेप की तरह लगा दिया,नाईट बल्ब की रोशनी में बुआ के थूक से लिपट कर लण्ड की चमक बढ़ गई।कामनी ने लण्ड की बेस को पकड़ कर लिंगमुंड को अपनी चूत के चीरे पर रगड़ा और धीरे धीरे अपनी कमर को नीचे की तरफ दबाने लगी,थूक से सना चिकना लौड़ा धीरे धीरे चूत में जाने लगा,लिंगमुंड के चूत में जाते ही कामनी ने अपने हाथों को अमन की चौड़ी छाती पर रख दिया,अमन ने अपने हाथों को बुआ की गाँड़ की तरफ बढ़ाया और दोनों हाथों से बुआ के गोल गुदाज़ चूतड़ पकड़ कर भींच लिए।
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कामनी धीरे धीरे अपनी गाँड़ का दबाव नीचे की तरफ बढ़ा रही थी पर शायद अमन को ये पसंद नही आया उसने अपने पंजो को दोनो चूतड़ पर कसा और नीचे से अपनी गाँड़ को ऊपर की तरफ धकेल दिया,एक ही धक्के में आधा लौड़ा चूत को चीरता हुआ अंदर फँस गया।
कामनी की अभी अभी चुदी चूत में फिर एक बार दर्द कि लहर दौड़ गई।
"उफ्फ्फ अमन आराम से मेरे लाल,उईई माँ चीर देता है मेरी चूत को तेरा लंबा लण्ड,अब सीईईई आराम से धक्के लगा,इसस आआह आ उईईई हाँ मेरे लाल।
अमन बुआ की चूत में घुसे आधे लण्ड को ही अंदर बाहर करने लगा,कामनी भी लगातार अपनी गाँड़ को उठा उठा कर अमन के खड़े लौड़े पर पटक रही थी मस्ती के आलम में दोनों ही नही जान पाए कि बाकी का आधा लण्ड कब अंदर पहुँच गया,
अब कामनी ऊपर से जब नीचे को धक्का मारती तो अमन अपनी कमर को ऊपर उठाता,हर झटके में अमन का लौड़ा अब अपनी बुआ की चूत का संकरा रास्ता पूरा तय कर रहा था।कामनी मस्ती में किलकारियां मार रही थी,अभी थोड़ी देर पहले जो सोनम की वजह से अपने भतीजे को अपनी पजामी नही निकालने दे रही थी,अब वो सोनम के रूम में ही अपने भतीजे के खड़े लौड़े पर अपनी चूत पटक पटक कर चीख रही थी,लौड़े के अंदर जाने की मस्ती ने उसको भुला दिया था कि जिस सोनम से वो डर रही थी वो इस वक़्त उसी रूम में उसके सामने सोई पड़ी थी पर अब अपने भतीजे का मिसाइल अपनी चिकनी चूत में लेकर उसका डर कही दूर चला गया था बहुत दूर,अब थी तो सिर्फ मस्ती मज़ा,चूत की दीवारों के रगड़े जाने का हर्ष,अपने भतीजे को जन्नत दिखाने की खुशी।
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कामनी लगातार अपनी भारी गाँड़ को उठा उठा कर अमन के लण्ड पर पटक रही थी जिससे पूरे कमरे में ठप ठप की आवाज़ गूंज रही थी पर अब ना तो कामनी को किसी के जागने का डर था ना किसी के देख लेने का ख़ौफ़, वो बस इस वक़्त अपने प्यारे भतीजे के लण्ड की रगड़ को अपनी रसीली चूत की दीवारों पर महसूस कर स्वर्ग में पहुंच चुकी थी,कामनी की जाँघे पूरी तरह फैली होने के कारण जैसे ही उसके भारी चूतड़ नीचे की तरफ आते अमन अपनी कमर को हल्का सा ऊपर उठाता और अपने लंबे लौड़े को अपनी बुआ की गरम भट्टी की तरह तपती चूत में जड़ तक पेल देता।
अपने भतीजे के लण्ड की हर ठोकर को अपनी बच्चेदानी पर झेलती कामनी जल्दी ही स्खलन की और बढ़ने लगी,उसने अपनी गाँड़ को और ज़ोर उचकाना शुरू कर दिया पर इस बार वो अमन को भी अपने साथ तृप्त करना चाहती थी अपनी चूत की बरसो से सूखी पड़ी ज़मीन को अपने भतीजे के लौड़े के पानी से सींच देना चाहती थी।इसी लिए कामनी ने अपनी कमर को आगे झुका कर अपनी गुदाज़ छातियों को अमन के होंठों के पास कर लिया और अपने हाथ से अपने स्तन को पकड़ कर अमन के होंठो पर रगड़ने लगी।
"लो मुन्ना जैसे बचपन में मम्मी का दूध पीते थे बिल्कुल ऐसे ही बुआ का भी....
अमन ने अपनी बुआ को इंतज़ार नही करवाया और उसके उठे हुए निप्पल सहित जितना स्तन अपने मुँह में भर सकता था,भर लिया और अपने पैने दाँतो को स्तन पर गाड़ दिया।
![IMG-20201227-125002 IMG-20201227-125002](https://i.ibb.co/X54xwpk/IMG-20201227-125002.jpg)
"उईईई आरामssssसेsssssमेरेsssssलाल।
कामनी की बात का जैसे अमन पर कोई फर्क नही पड़ा,बुआ की गरम चूत में अंदर बाहर होते हुए अमन अपने दाँतो को बुआ की दूधिया छातियों में गड़ाता रहा,कामनी भी लगातार अपने भतीजे पर चढ़ी अपनी चूत में संकुचन को बढ़ाती हुई अपने भतीजे को चोदती रही।
कुछ ही पलों में कामनी ने अमन के दाँतो को अपने निप्पल पर कसते हुए महसूस किया,और उसके लण्ड को अपनी चूत में फूलता हुआ,कामनी को समझते देर ना लगी कि उसके भतीजे की बंदूक लोड हो चुकी है और वो किसी भी वक़्त गोलियों की बौछार कर देने वाला था,उसने अपनी जांघो को भींच कर कुछ ही पलों में अमन को शिखर पर ला खड़ा किया।
"आआह आआह उईईई उईईई सीईईई आजा मेरे सीईई लाल सींच दे ऊईईईई माँ अपने पानी से आआह मेरा खेत।
"बुआ आआह बुआ आ रहा है आपका भतीजा आआह आआह आआह आआह लो मेरी आआह रंडी बुआ।
कामनी ने अपनी गाँड़ को पूरी तरह अमन के लौड़े पर दबा दिया और अमन की बंदूक से निकलती गोलियों को अपने गर्भ में महसूस करने लगी।
"सीईईई हाय मेरे लाल भर दे अपने बीज को मेरी बच्चेदानी में उईईई हाय कितना गरम है आआह माँ उईईई सीईईई।
करदे मुझे गर्भवती बना दे अपने बच्चे की माँ सीईईई सीईईई।
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अमन की बंदूक से निकलती गोलियां कामनी के गर्भ को छलनी करती रही और कामनी अपनी चूत को भींच भींच कर अमन के वीर्ये की आखरी बूँद तक अपनी चूत में निकलवाती रही,अपने भतीजे से अपनी सूनी कोख को भरवाकर कामनी के चेहरे पर संतुष्टि कर भाव थे,अमन का लौड़ा अपनी चूत में दबाकर कामनी ने अपनी गुदाज़ छातियों को अमन के चोड़ें सीने से चिपका दिया और पूरी तरह अमन के जिस्म से चिपक गई।
वासना का तूफान गुज़र चुका था अब कमरे में शांति थी,पर थोड़ी थोड़ी देर में अमन के चेहरे पर पड़ती कामनी की चुम्मीयो से निकलती पुच पुच की आवाज़ कमरे में गूंज जाती थी,जाने कब तक कामनी अमन के चेहरे पर अपने प्यार के निशान लगाती रही।
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