• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest बाली उमर के कच्चे निम्बू।

Hard dude

Tere bin kuch nahi
294
1,138
124
भाई अब तो निम्बू क्या संतरे और आम की सीजन भी चली गई 🤔🤔🤔 क्या निम्बू के अगले मौसम का इंतजार है एक एक अपडेट में इतना गेप होता जिससे इसको दुबारा रिविजन् करना पड़ता है अगर इस कहानी पर किसी तरह की परीक्षा हो तो फस्ट रेंक के लिए बड़ा tuf compition होगा
लिहाजा भाई से अनुरोध है पाठकों की दिली ख्वाहिश को देखते हुए समय पर अपडेट देने का कष्ट करें.
और हां अगर आप किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो पाठकों से जरूर share करे
Please don't take it otherwise 🙏🙏🙏
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी।
यू ही कोई बेवफा नही होता।
 

DB Singh

Member
479
916
93
गोरी की ज़िंदगी का ये पहला मर्दाना स्पर्श था मगर एक बात तो पक्की थी गोरी को मज़ा पूरा आ रहा था।

अब आगे-

गोरी की जाँघे अपनी चूत के इर्द-गिर्द टाइट होने लगी उसे अपनी नन्ही सहेली से कुछ गर्म गर्म बाहर आता है महसूस हुआ उसकी चूत में झटके लगने लगे ये सारा मज़ा गोरी के लिए अविस्मरणीय था चाहे अनजाने में ही सही पर पुरुष का स्पर्श नारी को गीला बहुत गीला कर देता है।

गोरी की जाँघे हर बीतते हुए पल के साथ आपस में भीचती जा रही थी आखिर उसकी चूत की खुजली ने उसे वो करने पर मजबूर किया जो वो शर्म की वजह से नही कर पा रही थी।

उसने पीछे खड़े अमन का एक हाथ अपनी कोमल चूची से हटा कर अपनी चूत पर रख दिया और अमन के हाथ को अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

गोरी अपनी चूत को भी अमन की हथेली पर धकेल रही थी बेचारी कामाग्नि में जलती नन्ही कली किसी भी तरह अपनी चूत में काटती चींटियों को रगड़ कर मार देना चाहती थी।
पर ये ज्वाला कम होने की बजाए बढ़ती ही जा रही थी।

अपनी चूत की मस्ती में गाँड हिलाती गोरी के पीछे लगते हर झटके पर अमन का लंबा लौड़ा उसकी गाँड की दरार पर लग रहा था पर इस नवयौवना को इस मस्ती में इसका एहसास भी नही हुआ ।

अमन गोरी की स्तिथि को समझ रहा था इसलिए वो आगे बढ़ कर गोरी की गाँड से चिपक गया और गोरी की चूत पर रखे अपने हाथ को उसने तेज़ चलाना शुरू कर दिया अपनी दो उंगलियों के बीच गोरी के भग्नासे का मर्दन करते हुए अमन की बाकी उंगलियां गोरी की चूत के उभरे हुए होंठो को रगड़ रही थी।

जैसे ही अमन उसकी पीठ से लगा गोरी को अपनी गाँड की दरार में कुछ घुसता हुआ महसूस हुआ पर ये वो वक़्त था जब वो अपनी ज़िंदगी के पहले स्क्वरटिंग ओर्गास्म की तरफ बढ़ रही थी।

इस वक़्त गोरी की आंखे बंद थी और मुँह खोल कर वो लंबी लंबी साँसे ले रही थी।
कुछ सिसकियां कुछ आहें और अमन की बांहों में थरथराता इस नवयौवना का जिस्म

263
gif bell
गोरी का जिस्म ऐसा झटके ले रहा था जैसे उसकी आत्मा उसके शरीर का साथ छोड़ रही हो अमन के दोनों हाथ अपने काम में लगे हुए थे एक हाथ से वो गोरी के निम्बूओ को निचोड़ रहा था और दूसरा हाथ गोरी की चूत रूपी हांडी से माखन निकालने की लगातार कोशिश कर रहा था।
वंही अमन का तीसरा हाथ यानी उसका लंबा लौड़ा कमसिन नवयौवना कि गाँड की दरार में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहा था।
पर उसकी ये कोशिश नाकाम होती लग रही थी क्योंकि गोरी के पुष्ट नितंब जांघो के आपस में मिले होने के कारण भींचे हुए थे।

अपनी गाँड पर लगातार होते हमले ने गोरी को सचेत कर दिया था उसने पीछे अपनी गाँड पर हमला करती चीज़ को पकड़ लिया।
लंबा लौड़ा हाथ में आते ही गोरी ने दूसरे हाथ से अपनी आंखों से साबुन को साफ किया और गर्दन मोड़ कर पीछे देखा।
फिर सामने कामनी को देखते ही चीखने के लिए उसका मुँह खुला पर उसमे से कोई आवाज़ नही निकल पाई क्योंकि कामनी ने गोरी के मुंह पर अपनी हथेली रख दी और बड़े सुकून से उसके कान के पास मुँह करके बोली।
"घबराओ नही बच्ची ये तुम्हारा भाई और मेरा भतीजा है अमन अभी बस अपने शरीर को रिलैक्स होने दो बाद में आराम से बात करते है।"
गोरी कुछ सेकंड तक कामनी की कही बातों का मतलब समझने की कोशिश करती रही।

जब कामनी को लगा कि अब गोरी चीखेगी नही तो उसने अपनी हथेली को धीरे धीरे गोरी के मुंह से हटा लिया।

गोरी को नार्मल होता देख अमन ने फिरसे उसके कच्चे आम को दबाना शुरू कर दिया।
चूत पर रखे हाथ ने फिरसे कमांड सम्हाल कर भग्नासे को दो उंगलियों के बीच दबाकर रगड़ना शुरू कर दिया।
एक मिनट से कम समय में गोरी फिरसे किसी और दुनिया में विचरण करने लगी।

उसकी आंहे ऊंची और ऊंची होती जा रही थी जो ग्राउंड फ्लोर पर खड़ी उसकी बड़ी बहन पूर्वा के कानों तक पहुँच सकती थी।
इसलिए कामनी को कमान सम्हालनी पड़ी वो आगे बढ़ी और गोरी के मतवाले होंठो को अपने होंठो में जकड़ लिया।
इस प्रकार गोरी की सिस्कारियों को कंट्रोल करके कामनी ने अपने हाथों की गोरी के पुष्ट नितंबो की तरफ बढ़ाया तभी उसका हाथ गोरी के हाथ से लगा जिसमे गोरी ने अभी तक अमन के मोटे लौड़े को पकड़ रखा था।
गोरी की भी अपने हाथ में लौड़ा होने का एहसास कामनी का हाथ लगने से हुआ।

उसने अपने हाथ से लौड़ा छोड़ने की कोशिश की तभी कामनी का हाथ उसके हाथ के ऊपर आया और उसने गोरी की खुलती मुठ्ठी को वापस अमन के लौड़े पर कस दिया।
और गोरी की मुठ्ठी को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी अमन के लौड़े से निकलते प्रिकम से गोरी की हथेली भीग गई थी जिसमे अमन का लौड़ा फिसल रहा था।
जब कामनी को गोरी का हाथ चलता हुआ महसूस हुआ तो उसने अपना हाथ हटा अब गोरी अमन के लंड को मुठिया रही थी और अमन गोरी की चूत को तभी गोरी अमन की तरफ पलट गई और अमन के लौड़े को अपनी चूत तक ले जाने का प्रयास करने लगी पर बेचारी अमन से बहुत छोटी होने के कारण कामयाब न हो सकी।
अमन गोरी की चाहत को समझ कर वेस्ट्रन कंमोड पर बैठ गया गोरी तुरंत किसी बंदर के बच्चे की तरह उसके ऊपर चढ़ गई और नीचे हाथ डाल कर अमन के लौड़े को बेस से पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।

वो अमन के खड़े लौड़े के टोप्ले को अपनी गीली चूत के चीरे पर नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की और तेज़ी से रगड़ रही थी तभी उसके जिस्म ने झटके लिए और गोरी की गोरी चूत से सीईईईI की आवाज़ के साथ पेशाब की धार निकलकर अमन के लौड़े को भिगोती चली गई जब लंड का टोप्ला पी-होल पर लगता तो पेशाब की धार बंद हो जाती और लंड के नीचे फिसलते ही फिर तेज़ी से निकलने लगती।
गोरी को लगातार स्क्वरटिंग ओर्गास्म आ रहा था उसकी पैरों से ताकत खत्म हो गई थी वो किसी जुड़ी के मरीज की तरह कांप रही थी।
अमन ने उसे अपने सीने से लगा लिया सहारा पाते ही गोरी अमन की छाती से चिपक गई और अपने नन्हे नुकीले निप्पलों से अमन की छाती में छेंद करने की कोशिश करने लगी।
धीरे धीरे अमन को अपने लौड़े पर गिरता गर्म पेशाब बंद होता महसूस हुआ पर जिस्म की अकड़ाहत के साथ अभी भी छोटी छोटी धारे अमन के लौड़े का स्नान करवा रही थी।

अमन की ज़िंदगी का यह सबसे हसीन पल था एक कमसिन कली उसके लौड़े को अपनी नन्ही चूत से रागड़वा कर स्नान करवा रही थी।
होले होले गोरी निढाल हो गई अब उसका सारा भार अमन पर था।

गोरी की गुदाज़ जांघो से निकलकर बाहर झांकता उसका लंड अपनी बुआ को निहार रहा था और कामनी भी अमन के तने हुए लौड़े को निहार रही थी।



दोस्तो अभी के लिए इतना ही बताते रहे कहानी सही चल रही है या नही।
ना मजा आते आते रह गया। कामिनी ने डायरेक्ट गोरी को अमन के लिए पटाना मजा नहीं आया। पहले खुद अमन के सामने अपनी टांगें खोलती तब बात अलग होती। या फिर अमन खुद गोरी को पटाता तो मजा आता। कामिनी को वापस मुड़ जाना चाहिए था। खैर,

मुझे इतना बता दो मेल एक रहेगा। अगर एक रहेगा तो कौन ? होगा। राज, अमन, या फिर डुग्गु
 
  • Like
Reactions: Napster
10,191
42,850
258
रागनी और राज अपने दोनों बच्चों को हाथ हिलाकर बाय बोल रहे थे,जब गाड़ी घर के पोर्च एरिया से निकल रही थी।

अब आगे-

अमन ने वाया एयर जाने का फैसला किया था पर अपनी बहन के कहने पर उसने अपना फैसला बदल लिया था,क़ौमल अमन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताना चाहती थी वाया एयर तो वो कुछ ही समय में पहुंच जाते,पर क़ौमल इस ट्रिप को अपने और अपने भाई के लिए यादगार बना देना चाहती थी इसलिए उसने अपनी प्राइवेट कार से जाने के लिए अमन को मना लिया था जिसमे में वो आराम से ठहर ठहर कर जाते पूरी मस्ती करते हुए और क़ौमल को अपने भाई को सिड्यूस करने के लिए रास्ते में काफी समय मिलना था जैसे उसने सोचा था सबकुछ बिल्कुल वैसे ही चल रहा था,हाईवे पर आते ही कार हवा से बाते करने लगी।

अमन को गाड़ी चलाते हुए काफी वक्त बीत गया था उसकी आंखें सड़क के किनारे बने रेस्टोरेंट और ढाबो का आंकलन करने में व्यस्त थी वो क़ौमल के साथ होने की वजह से किसी भी ऐसी वैसी जगह कार रोकने से हिचकिचा रहा था,आखिरकार उसको एक चमचमाता रेस्टोरेंट दिखा उसने गाड़ी को पार्किंग की तरफ घुमा कर पार्क किया ताकि आते समय गाड़ी निकलने में कोई मुश्किल ना हो।अमन ने एक नज़र गाड़ी के मीटर पर मारी उसने लगातार लगभग 150 कि.मी तक गाड़ी को चला लिया था,और अब गाड़ी और इंसान दोनो को रेस्ट की ज़रूरत थी।

गाड़ी के पार्किंग में जाते ही क़ौमल डोर खोल कर बाहर निकली और अपने ठंडे हो चुके चूतड़ पर हाथ चलाने लगी जैसे कोई माँ अपने बच्चों को थपथपाकर उठा रही हो,अमन को अपनी तरफ देखता पाकर उसने अपने चूतड़ों पर दो तीन हाथ भी मारे गदराई गाँड़ पर हाथ लगते ही दोनो चूतड़ ऊपर नीचे हिलने लगे,

Tumblr-l-5794336516174

अमन गाड़ी से चाबी निकालकर काउंटर की तरफ बढ़ने लगा,अपने भाई की बेरुखी देख क़ौमल को गुस्सा तो बहुत आया कि देखो कोई और लड़का होता तो मेरे हिलते चूतड़ देख कर दीवाना हो जाता पर मेरे भाई को कोई फिक्र ही नही है।

पर क़ौमल भी घर से पूरा प्लान करके निकली थी आखिर कँहा कँहा बचता अमन, क़ौमल जल्दी से अमन के पीछे दौड़ी।
दोनो भाई बहन ने हल्का फुल्का खाना खाया और कुछ देर बैठकर पार्किंग की तरफ बढ़ गए,अमन ने पार्किंग से गाड़ी निकालकर क़ौमल को बैठाया और एक बार फिरसे गाड़ी हाईवे पर दौड़ने लगी।

अमन खामोशी से ड्राइविंग कर रहा था और क़ौमल उसके पास में बैठी अपने प्लान को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं बना रही थी क़ौमल वो हर पैतरा हर दांव खेलना चाहती थी जिससे उसका छोटा भाई उसपर मोहित होजाये और वो जो सोच कर घर से निकली है वो पूरा हो जाये।क़ौमल ने रेस्टोरेंट से निकलते समय अपनी गोलाइयों को अपने कपड़ों से बाहर उभार दिया था उसकी गुदाज़ छातियों के बीच की गहरी खाई पूरी तरह देखी जा सकती थी।

B8x-NSGz-Cc-AAt-QW
real salt lake academy

पर अमन तो उसकी तरफ देख ही नही रहा था,घर पर तो अमन क़ौमल से थोड़ी बहुत बातचीत कर भी लेता था पर जबसे वो घर से निकले थे दोनो के बीच ज़रूरत के अलावा कुछ भी बातचीत नही हुई थी।

रोड पर काफी चहल पहल नज़र आ रही थी शायद कोई शहर आ गया था,गाड़ी धीमी होते ही क़ौमल के दिमाग ने गति पकड़ ली,कुछ ही पलों में उसका मंसूबा तैयार था।

"अमन तुमको ड्राइविंग करते काफी समय हो गया है,लाओ कुछ देर में ड्राइविंग कर लेती हूँ तुम कुछ देर आराम कर लो।

"अरे नही दीदी कोई बात नही है आप आराम से बैठी रहो।

"मेरे भाई टेंशन ना लो तुमको मालूम है मुझे ड्राइविंग करना पसंद है,और तुमको अभी आराम की ज़रूरत है चलो अब कोई बात नही होगी गाड़ी साइड में रोक लो।

"ठीक है दीदी साइड में रोकता हूँ।
अमन ने गाड़ी को साइड करके रोक दिया।क़ौमल जल्दी से गाड़ी से निकली और साइड चेंज करने के लिए गाड़ी के पीछे गई और अपने उभारो को एक बार फिरसे ऊपर कि तरफ उठाकर उनको लगभग 30 प्रितिशत कपड़ो के बाहर कर दिया और जल्दी से ड्राइविंग सीट की तरफ बढ़ी,

803-C89-D1-B1-D8-49-AC-AFF1-4-E41-A280156-F
kohls gaylord mi

अमन ने गाड़ी को न्यूटल करके हैंड-ब्रेक खींचा और गाड़ी से बाहर आ गया,अमन के गाड़ी से बाहर निकलते ही क़ौमल ड्राइविंग सीट पर बैठ गई,अमन दूसरी तरफ घूम कर जैसे ही डोर खोलता है क़ौमल अपने प्लान पर काम शुरू कर देती है।

"मेरे प्यारे भाई देखो ना सामने आइस-क्रीम पार्लर है जाओ ना अपने और मेरे लिए दो कुल्फी ले आओ।

"दीदी आओ ना पार्लर में ही बैठ कर...

"नही नही देर हो जानी है तुम ले आओ चलते चलते खा लेंगे।
क़ौमल ने अमन को बीच में ही रोकते हुए कहा।
अमन को भी पता था कि रात होने से पहले उनको किसी सही होटल में रुकना पड़ेगा,क्योंकि अपनी बहन के साथ में होते हुए वो पूरी रात सड़क पर नही चल सकते थे।इसलिए वो और कुछ बोले बगैर पार्लर की तरफ बढ़ गया,अमन के जाते ही क़ौमल ने एक बार फिरसे अपनी गोलाइयों को ऊपर चढ़ाया उसका दिल तो कर रहा था कि दोनों कबूतरों को पूरा ही बाहर निकाल दे ताकि उसके भाई को इनका इंटेंशन मिल सके,उसको अमन पर गुस्सा भी आ रहा था वो कितनी कोशिश कर रही थी कि अमन उसकी चुचियों को नोटिस करे पर अमन था कि अपनी बहन के गुदाज़ उभारो की तरफ देख ही नही रहा था पर इसबार क़ौमल ने उनको ऐसे एडजस्ट किया था कि देखने वाले कि नज़र उनपर ज़रूर पड़े।

0aoq640eibg7
whittier city school district

कुछ ही देर में अमन पार्लर से निकलकर गाड़ी की तरफ बढ़ता है,क़ौमल उसको देखकर समझ जाती है कि वो सीधा अपनी सीट की तरफ बढ़ रहा है,वो जल्दी से ग्लास नीचे करके अपना हाथ बाहर निकालती है ताकि उसका भाई ड्राइविंग सीट की तरफ आये।क़ौमल के हाथ को बाहर लहराता देख अमन ड्राइविंग सीट कि तरफ बढ़ता है,अमन को अपनी तरफ आता देख क़ौमल अपने हाथ को अंदर खींच लेती है,क्योंकि उसको जो सीन अमन को दिखाना था वो तब ही दिखना संभव था जब वो विंडो से अंदर देखता,और इसबार जैसा क़ौमल ने सोचा था बिल्कुल वैसा ही हुआ,अमन क़ौमल की कुल्फी देने के लिए विंडो पर आता है जैसे ही वो अपना हाथ अंदर करके कुल्फी देता है अकस्मात ही उसकी आंखें अपनी बहन के उभरते वक्ष पर पड़ती है,क़ौमल के उभरते वक्ष-स्थल देख अमन जड़वत हो जाता है।बिल्कुल गोरे सफेद उभार ताज़ा आम के जैसे,और उनके बीच की गहरी घाटी उफ्फ्फ अमन तो उस गहरी घाटी में जैसे खो सा गया,इस बार कोमल का तीर बिल्कुल निशाने पर लगा था वो जो नायाब हीरे अपने भाई को दिखाना चाहती थी वो दोनों इस वक़्त उसके भाई की आंखों के सामने थे।

SAVE-20220605-175431
"लाओ दो ना कुल्फी मेल्ट हो रही है।
क़ौमल ने अपने भाई के दिल में आग भड़का दी थी बाकी अब वो इस एक्शन का रिएक्शन देखना चाहती थी।
अपनी बहन की आवाज़ सुनकर अमन की तंद्रा भंग हुई,वो चुपचाप कुल्फी क़ौमल को पकड़वाकर पीछे हट गया,अमन को पता चल गया था कि उसकी बहन ने उसको अपने उभार देखते हुए देख लिया था,वो अपने व्यवहार पर शर्मिंदा था।अमन चुपचाप दूसरी तरफ आकर अपनी सीट पर बैठ जाता है,उसका मन आत्मग्लानि से भर गया था,पर वो बेचारा नही जानता था जिस हादसे को वो अचानक हुआ मान रहा था,वो पूरी तरह प्रिप्लान था जिसकी राइटर डायरेक्टर और अदाकारा तीनो ही उसकी बड़ी बहन थी।

अपने भाई के व्यवहार में आये बदलाव को महसूस करते हुए क़ौमल ने एक हाथ से कुल्फी को अपने सुर्ख होंठो में धकेलते हुए अपने पैर को एक्सीलेटर पर दबाते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाना शुरू किया,अमन खामोश बैठा कुल्फी के मज़े ले रहा था कभी कभी वो चोर नज़रो से क़ौमल की तरफ देखता,अपने भाई को अपनी तरफ चोर नज़रो से देखते हुए क़ौमल ने अपनी कुल्फी को होंठो के भीतर ऐसे लिया जैसे किसी लंबे लण्ड को अपने गर्म होंठो में जगह दे रही हो,क़ौमल को कुल्फी को इस तरह अपने होंठो में लेता देख अमन की आंखे उसके होंठो पर जम गई,अमन की आंखों की तपिश को अपने होंठो पर महसूस कर क़ौमल ने धीरे धीरे करके पूरी कुल्फी को अपने हलक में उतार लिया और कुछ सेकंड उसको गले के भीतर रखकर बाहर की तरफ खींचने लगी मोटी कुल्फी अंदर से बाहर आते हुए अपने साथ साथ अपनी पिघलती हुई क्रीम भी साथ ले आई जो क़ौमल कि ठोड़ी से रेंगती हुई उसके उरोज़ो पर गिरने लगी,अपनी बहन के कपड़ो से बाहर झांकते उरोज़ो पर गिरी क्रीम को देख अमन ने अपने सूखे होंठो पर जीभ चलाई।

"उफ्फ्फ अमन देखो ना ये कितनी जल्दी मेल्ट होकर टपकने लगी।
क़ौमल ने अपने भाई की आंखों को अपने आधे खुले उरोज़ो पर गड़ते हुए महसूस किया।
क़ौमल की बात सुनकर अमन के मन ने जवाब दिया।
#उफ्फ्फ दीदी ये बेचारी बर्फ की कुल्फी आपके मुंह की गर्मी को बर्दाश्त करने के लायक नही,इस तरह अपनी गर्मी को शांत कहाँ कर पाओगी आप इस गर्मी से निजात ये बेचारी कुल्फी कहाँ दे पायेगी इस गर्मी को शांत करने के लिए तो आपको अपने मुँह से भी ज़्यादा गरम चीज़ अपने मुँह में लेनी पड़ेगी।

"अमन कँहा खो गए देखो न ये ठंडी क्रीम फिसल कर अंदर चली जायेगी जल्दी से टिश्यू दो।
अमन ने जल्दी से टिश्यू निकालकर अपनी दीदी के सामने किया पर अपनी दीदी का इशारा देख उसके दिल धाड़ धाड़ करने लगा,क़ौमल ने एक हाथ से कुल्फी पकड़ रखी थी और एक हाथ से स्टेरिंग,क़ौमल ने अमन की तरफ देखकर अपने गाल पिचकाएँ जैसे कहना चाहती हो क्या करूँ।
अपनी दीदी की मजबूरी समझ गया अमन उसने टिश्यू को पकड़ कर दीदी के उभारो की तरफ अपने कम्पन्न होते हाथो को बढ़ाया,कार के बेहतरीन सस्पेंशन की वजह से क़ौमल की गुदाज़ चुंचिया ऊपर नीचे होकर थिरक रही थी।

अमन के लिए कोटूम्भिक व्यभिचार कोई नया नही था पर उसने अपनी बड़ी दीदी को कभी इस नज़र से नही देखा था,क़ौमल अपने भाई के हाथों में होते कम्पन्न को देख ये बात बखूबी समझ रही थी,अमन ने अपनी आंखों को विंडो की तरफ करके टिश्यू को क़ौमल के उभार पर रख दिया,अमन की शर्म को देख क़ौमल के होंठो पर मुस्कान तैर गई पर वो तो अपनी तरफ से पूरी तैयारी की हुई थी,अपने उभारो पर अपने भाई का हाथ महसूस करते ही क़ौमल ने अमन के हाथ का निशाना ठीक छातियों के बीच लगाया और अपनी कमर को सीधा कर दिया,कमर के सीधा होते ही क़ौमल कि छातियाँ ऊपर उठी और अमन का हाथ अपनी दीदी की दोनो छातियों के बीच,अपने हाथ पर गर्मी का एहसास होते ही अमन क़ौमल की तरफ मुड़ कर अपने हाथ को देखने लगा जो उसकी बड़ी दीदी की गुदाज़ छातियों के बिल्कुल बीच की गहरी घाटी मैं फंसा था।

अमन ने शर्मिंदा होते हुए अपने हाथ को बाहर खींचा और क़ौमल कि तरफ देखकर दाँत निपोर कर अपनी झेंप मिटाने लगा,अपने भाई की उँगलियों का स्पर्श क़ौमल के तन में तरंगे पैदा कर गया था पर अमन ने अपना हाथ वापस खींच लिया था जो क़ौमल को पसंद नही आया था,वो चाहती थी कि अमन वापस अपने हाथ उसकी गुदाज़ छातियों के बीच रखे और उसकी छातियों के गुदाज़पन को महसूस करे,उसके उभारो को पकड़ ले दबा दे भींच दे,उसके खड़े हो चुके निप्पलों को मरोड़ दे और फिर अपने होंठो के बीच लेकर दोनों चुचियों को निचोड़ डाले।
पर उफ्फ्फ मेरा शर्मिला भाई।

क़ौमल नही जानती थी अपने जिस भाई को वो शर्मिला समझती है वो क्या चीज़ है,वो तो क़ौमल दीदी के बारे में कभी अमन ने ऐसा सोचा न था वरना जैसी भावना उसकी परिवार की बाकी महिलाओं के लिए थी और जैसी आग इस वक़्त क़ौमल की जांघो के बीच सुलग रही थी अमन कब का उस आग को अपने गरम परंतु शीतल जल से बुझा चुका होता।

"बिना देखे काम करोगे तो गड़बड़ तो होगी ना।
क़ौमल ने अमन को देखते हुए कहा।

"सॉरी दीदी वो गलती से.....

"कोई बात नही समझ आ गया मुझे पर इसको साफ तो कर देख वो पिघल कर अंदर तक चला गया।
क़ौमल ने एक बार फिरसे अपने भाई को इशारा दिया अपनी विशाल चुचियों के दर्शन का।

"पर दीदी अब कैसे अब तो वो अंदर तक....

"देख न मेरे दोनो हाथ व्यस्त है वरना में अपने आप और वैसे भी तू तो मेरा भाई है,तू मेरे साथ कुछ गलत थोड़े ही करेगा।पर अबकी बार देख कर करना वरना फिर से।
क़ौमल ने जानबूझ कर अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया।

बाहर अंधेरा घिरने लगा था आती जाती गाड़ियों की लाइट जल रही थी अंदर अमन एक बार फिरसे अपनी बड़ी दीदी की बड़ी बड़ी चुचियों की गहरी घाटी में डूबने को तैयार था।
Outstanding & brilliant update...keep posting.
 
  • Like
Reactions: Napster

Hard dude

Tere bin kuch nahi
294
1,138
124
ना मजा आते आते रह गया। कामिनी ने डायरेक्ट गोरी को अमन के लिए पटाना मजा नहीं आया। पहले खुद अमन के सामने अपनी टांगें खोलती तब बात अलग होती। या फिर अमन खुद गोरी को पटाता तो मजा आता। कामिनी को वापस मुड़ जाना चाहिए था। खैर,

मुझे इतना बता दो मेल एक रहेगा। अगर एक रहेगा तो कौन ? होगा। राज, अमन, या फिर डुग्गु
सबकी कामनाये अलग अलग,किसी को कुछ चाहिए किसी और को कुछ पर होता तो वही है जो नियति ने सोच रखा हो।
 
  • Like
Reactions: Napster

Rocky 1975

Member
337
648
93
अति सुन्दर प्रस्तुति
 
  • Like
Reactions: Napster

Thokulauda

New Member
8
3
3
Nice story update more please
 
  • Like
Reactions: Napster

Napster

Well-Known Member
5,152
14,071
188
बहुत ही गजब और गरमागरम कामुक अपडेट है भाई मजा आ गया
सफर में रात होने वाली हैं तो होटेल में रुकना तो बनता ही तो हो जाये धमाकेदार चुदाई का खेल
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Sanju@

Well-Known Member
4,795
19,376
158
बाथरूम की दीवार से कमर लगाए रागनी नीचे बैठती चली गई,जैसे ही वो अपने स्खलन से बाहर निकली एक बार फिरसे उसके दिल और दिमाग में लड़ाई शुरू हो गई।

अब आगे-

रागनी जल्दी से बाथरूम से नहा कर बाहर निकली और अपने मन में चलते द्रन्द को शांत करने के लिए प्रेयर करने लगी,काफी देर तक वो प्रेयर करती रही आखिर उसका मन शांत होने लगा,धीरे धीरे अपनी वासना के अतिरेक में अपने द्वारा किये कुकर्म का अपराध बोध कम होता गया और एक बार फिरसे उसके मन में अपने बेटे के लिए वासना की जगह ममतामयी प्यार ने लेली।अब रागनी का मन बिल्कुल शांत था।उसने घड़ी पर नज़र डाली,अपने आप से लड़ते हुए उसको काफी वक्त बीत गया था,प्रेयर समाप्त करके वो किचन की तरफ बढ़ गई।किचन में जाकर रागनी ने अपने पति के लिए और अपने लिए चाय बनाई और दोनों कप ट्रे में रख कर राज को जगाने के लिए अपने रूम में चली गई।
राज को उठा कर चाय देकर रागनी उसके पास बैठकर खुद भी चाय की चुस्कियां लेने लगी।

"क्या बात है मेरी जान आज तो सुबह सुबह बड़ी खिली हुई लग रही हो।
राज रागनी के ग्लो करते चेहरे को देख कर बोला।

IMG-20220906-133233-621
instagram photo and video downloader
"आप तो बस ऐसे ही मेरी झूटी तारीफ करते है।

"झूटी नही मेरी जान सच में आज तुम बहुत खिली खिली लग रही हो।

अपने पति की बात सुनकर रागनी अपने बेटे के साथ हुए इंसिडेंट को याद करने लगी कैसे सुबह सुबह उसकी वजह से उसने अपनी चूत को रगड़ डाला था,हो न हो उसके खिलते चेहरे का यही राज़ था पर वो ये सब राज को नही बताना चाहती थी,इस सबको वो राज के लिए राज़ ही रखना चाहती थी।

"झूटी इसलिए बोल रही हूँ कि अब उम्र हो गई है मेरी बच्चे जवान हो गए है,अब मेरे में वो पहले वाली बात कँहा।

"रागनी सच कहूँ मैंने तुमको जवानी से अब तक बहुत करीब से देखा है,अगर मैं ये बोलू की जवानी से ज़्यादा अब नमकीन हो गई हो तो झूठ नही होगा।आज कल की लड़कियां पानी भरेगी तुम्हारे सामने,सच अगर किसी जवान लड़के के सामने किसी आज की लड़की को और तुमको सेलेक्ट करने को बोला जाए तो मेरी गारंटी है,उसकी पसंद तुम होगी।

"अगर कोई मुझसे पूछे के मेरे खिलने का राज़ क्या है,तो मैं कहूंगी मेरे पति का प्यार,आज जो में इतना खिल रही हूँ ये आपके रात को मुझे दिए प्यार की वजह है।

IMG-20220906-133216-323
रागनी अपने पति की आंखों में देखकर झूठ बोल रही थी।उसको पता था कि सुबह अपने बेटे को देखकर उसके चेहरे पर ये रौनक आई थी पर वो कहते है ना औरत को समझना इस दुनिया के कठिन कामो में से एक है।

रागनी ने चाय के कप को खाली करके एक साइड में रखा तो राज ने उसे पकड़ कर बिस्तर पर खींच लिया।

"अगर तुम्हारे चेहरे की रौनक की वजह मेरा प्यार है तो आओ मेरी जान तुम्हे और खूबसूरत कर दूँ।
राज रागनी को बाँहो में भीच कर बोला

q8sm87mnv5xc
"हटो ना दिन निकल आया है कोई आ जायेगा,छोड़ो ना
रागनी राज की बाँहों में कसमसाती हुई बोली।

"अरे आता है तो आ जाय में कोई गुनाह तो नही कर रहा।
अपनी पत्नी को प्यार कर रहा हूँ।
राज ने रागनी के भीगे बालो को साइड करके उसके ताज़ा गुलाब की तरह खिले होंठो को अपने होंठो में कैद कर लिया।

"उन्ह उन्ह हटो उन्ह उन्ह सोनम आ गई।छोड़ो आजकल बहुत बेशर्म होते जा रहे है आप।
रागनी ने सोनम का नाम लेकर अपने आप को राज के चंगुल से आज़ाद कर लिया।

"मुझसे चालाकी,कहाँ है सोनम।

"सोनम नही है जाइये जल्दी उठकर नहाइये।अमन को जाना है मुझको उसकी तैयारी भी करवानी है,साहबजादा अभी तक सो रहा होगा।
रागनी मुस्कुराती हुई रूम से बाहर निकल गई।

रागनी के रूम से बाहर जाने के बाद राज भी उठकर बाथरूम की तरफ बढ़ गया।पर रागनी रूम से बाहर आकर सोचने लगी उसको अमन के रूम में जाना चाहिए या नही।
क्या वो अभी भी सुबह के जैसी हालात में होगा बिल्कुल नंगा,पूरी संभावना थी कि वो अभी भी उसी हालत में हो।
क्या उसके कमरे में जाना सही होगा।
रागनी का दिल और जिस्म अमन को दोबारा वैसे ही देखने को करने लगा जैसे उसने सुबह देखा था बिल्कुल जैसे वो अपने जन्म के समय था पूरा वस्त्रहीन,

images-6-1
instagram photo download online

पर दिमाग कुछ और ही राग अलाप रहा था,कैसी माँ है तू अपने ही बेटे पर मोहित हो रही है अरे डायन भी सात घर छोड़ कर शिकार करती है पर तु तो अपने ही घर में....वो भी उसका जिसने तेरी ही चूत से दुनिया में जन्म लिया है छि छि शर्म आनी चाहिए तुझको रागनी कितना गिर गई तेरी मानसिकता।


रागनी एक परिपक्व महिला थी जो शादी के बाद हमेशा से अपने पति से वफादार रही थी रागनी थी तो एक खूबसूरत जिस्म की मालिक और उसपर गंदी नज़रे भी लगभग सभी की होती थी। जो भी देखता उसके कटावदार जिस्म को देखकर अपने लण्ड में झुरझुरी ज़रूर महसूस करता,पर रागनी को अपने पति से मिलते प्यार ने कभी बहकने नही दिया था,राज उसको दिलो जान से प्यार करता और उसके जिस्म की सभी ज़रूरतों को भी बिस्तर में हमेशा ही पूरा करता था।

पर रागनी ख़ुद नही समझ पा रही थी कि इस उम्र में उसका अपने ही बेटे की तरफ इतना मोहित हो जाना आखिर क्या है।आखिर उम्र के इस पड़ाव पर कामनी की परिपक्वता ने उसको दिल की नही दिमाग की बात मानने के लिए मनाया।
रागनी ने अपने बेटे के लिए अपने मन में आये गंदे विचारो को स्वाहा किया और अपने मन को पक्का करके फैसला लिया कि अब वो अमन के बारे में कोई भी गंदी बात नही सोचेंगी।अपने मन को पक्का करके रागनी अमन के रूम कि तरफ चल दी।कुछ ही देर में वो अमन के रूम के दरवाज़े पर खड़ी थी उसको मालूम था कि अंदर अमन बिल्कुल नंगी पुंगी हालात में सो रहा होगा,तो उसने अमन रूम के गेट पर नॉक किया।


कुछ ही देर में अमन की नींद गायब हो गई उसने अपनी हालात देखी और अपनी तौलिया को कमर पर बांध कर वो गेट कि तरफ गया और पहले से खुले गेट को खोल कर बाहर देखा।गेट के खुलते ही रागनी के सामने एक बार फिरसे अमन का कसरती जिस्म था पर इस बार उसने अपनी तोप को तौलिया के अंदर छुपा लिया था।अपने बेटे के गोल शोल्डर और छोड़ा सीना देख कर रागनी को अपने द्वारा अभी दो मिनट पहले लिया फैसला हिलता हुआ महसूस हुआ।

"उठ गया माँ अभी तैयार होकर आता हूँ।

"तैयार होकर आने से पहले जाने की तैयारी की या नही ये बताओ।

"कँहा जाना है माँ।

"अरे रात गई बात गई।याद नही रात क्या बात हुई थी,पगले।

"ओह अच्छा दार्जलिंग की बात हाँ,सॉरी माँ रात जल्दी नींद आ गई तो तैयारी नही कर पाया था।
अमन ने बड़ी सफाई से अपनी माँ से पूरी रात की कहानी को छुपा लिया।

"अच्छा ठीक है अगर कोई हेल्प चाहिए तो मुझे बुला लेना।
में पैकिंग करवा दूँगी।

"ठीक है माँ आप पहले ये देखलो क़ौमल दीदी ने पैकिंग की या नही।
अमन बाथरूम में जाते हुए बोला।
रागनी अपनी तेज़ चलती साँसों को सम्हालती हुई क़ौमल के रूम की तरफ बढ़ गई।दरवाज़ा खुला था रागनी सीधी अंदर पहुंच गई।
क़ौमल हमेशा की तरह अपने बिस्तर पर उल्टी पलटी सोई पड़ी थी,उसको देखते ही रागनी अपने मन में बुदबुदाई,
कब बड़ी होगी ये देखो तो कैसे घोड़े बेच कर सोई है पूरी घोड़ी हो गई है पर अभी तक बच्ची की तरह,कपड़े कैसे कैसे पहनते है ये आजकल के बच्चे उफ्फ देखो तो ज़रा पूरे चूतड़ खुले हुए है।

17-100
"क़ौमल ओ महारानी चल उठ जा कब तक सोई रहेगी।
रागनी ने क़ौमल के खुले चूतड़ पर चांटा मारते हुए कहा।
"क्या है यार मम्मी सोने दो ना अभी अभी तो सोई हुँ।
क़ौमल अलसाई आवाज़ में बोली।
"क़ौमल अब बच्ची नही हो थोड़ा देखभाल कर सोया करो बेटा घर में मर्द लोग भी है और अभी सोई है मतलब रात भर क्या कर रही थी।तूने पैकिंग की या नही।
रागनी अपनी बेटी के गुदाज़ चूतड़ देखकर बोली।
"वही तो कर रही थी,आप जाओ में आती हूँ,मेरा बैग तैयार है भाई से पूछ लो उन्होंने की या नही।
"ठीक है जल्दी आ।
रागनी क़ौमल के रूम से निकलकर सीधी नीचे किचन की तरफ चली गई।

उधर अमन रात भर अपनी बुआ के साथ गुलछर्रे उड़ा रहा था और इधर क़ौमल ने अपनी सभी कपड़े काफी सोच समझ कर पैक किये थे,क़ौमल ने अपने भाई को रिझाने के लिए ऐसे कपड़े सेलेक्ट किये थे जिसमें उसका गदराया जिस्म ढके कम दिखे ज़्यादा,यंहा तक कि जो कपड़े वो 2-3साल पहले छोटे होने पर पहनने बंद कर दी थी वो भी उसने अपने बैग में पैक कर लिए थे,बिना ये सोचे कि वो अब उसको आएंगे भी या नही।इस मौके को वो पूरा भुनाना चाहती थी,उसको यकीन था कि जब वो वापस घर आएगी तो कुवांरी नही रहेगी।आगे क्या होने वाला था ये तो कोई नही जानता था पर क़ौमल ने अपनी तरफ से तैयारी पूरी की थी।


अमन नहा कर बाथरूम से बाहर निकल आया था,उसको मालूम था कि अभी क़ौमल तैयार होने में काफी टाइम बर्बाद करने वाली थी तो उसने सोचा कि अभी कपड़े पहन कर कोई फायदा नही उसने नीचे सिर्फ लोवर और ऊपर एक हल्की टी-शर्ट पहन ली और नाश्ता करने के लिए नीचे आ गया।अभी सब अपने कमरो में सो रहे थे राज बाहर गार्डन में बैठा अखबार पढ़ रहा था,रागनी किचन में खड़ी अपने बेटे के लिए नाश्ता तैयार कर रही थी,अमन सीधा किचन की तरफ चल दिया।पर किचन के दरवाजे पर पहुंचते ही उसके पैर ठिठक गए,अंदर का नज़ारा ही कुछ ऐसा था।

Tumblr-l-23292917636582

उसकी माँ नीचे झुकी हुई कुछ ढूंढ रही थी और उसकी गदराई गाँड़ झुके होने के कारण पूरी तरह बाहर निकल कर अपनी आभा बिखेर रही थी।अपनी माँ की गदराई गाँड़ देखकर अमन की आंखों में रात का द्रष्य घूमने लगा जब उसकी माँ घोड़ी बनी अपनी चूत में अपने पति का लौड़ा घोट रही थी।

GIF-210902-145149
save gambar instagram

कुछ ही पलों में रागनी को वो मिल गया जो वो ढूंढ रही थी अमन का मग रागनी मग उठाकर सीधी हुई पर उसकी गदराई गाँड़ अभी भी पूरी तरह बाहर की तरफ निकल कर अमन को पागल कर रही थी,अपनी खूबसूरत माँ की गदराई गाँड़ देख अमन के लण्ड में सुरसुरी होने लगी वो दबे पांव किचन में ठीक अपनी माँ के पीछे खड़ा हो गया,कुछ पल करीब से रागनी के फूले हुए चूतड़ देख कर अमन ने रागनी को पीछे से पकड़ कर भींच लिया।

clsiexne617l
रागनी ने पीछे मुड़कर अमन को देखा।
"नहा लिया मेरा लाल।
"जी मम्मी जी।
अमन ने अपने हाथों को अपनी माँ के मुलायम पेट पर बांधते हुए कहा।
"क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है माँ पर।
"माँ पर तो हमेशा प्यार आता है पर जताता कभी कभी हूँ।
अमन ने एक बार डोर से गर्दन लंबी करके गॉर्डन में बैठे अपने पापा को देखा और उनको अखबार में खोया देख पूरी तरह अपनी माँ से चिपक गया।
अमन के हाथ रागनी के मुलायम पेट पर कसते चले गए,रागनी को एक बार फिरसे अपने बेटे का निचला हिस्सा अपनी गुदाज़ गाँड में धंसता हुआ महसूस हुआ,सुबह रागनी जो लण्ड छुप कर देख रही थी इस वक़्त वो उसको अपनी गांड के पाटों के बीच महसूस कर सकती थी।

357
instagram download your own photos

रागनी समझ नही पा रही थी कि ये अमन का माँ-बेटे वाला प्यार है या औरत-मर्द वाला उसका दिमाग तो माँ-बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते की गवाही देता था,पर अपनी गांड में चुभते लण्ड को महसूस कर रागनी की धड़कने बढ़ने लगी थी।पर अमन इससे आगे बढ़ने की कोशिश नही करता था।जो इस बात का पक्का सबूत था कि अमन का दिल बिल्कुल साफ था।
वो रागनी को सिर्फ एक बेटे की तरह प्यार करता था,कामनी अपने इन्ही खयालो में खोई थी कि अमन की आवाज़ से उसका ध्यान भंग हुआ।
"माँ जल्दी से नाश्ता देकर मेरी पैकिंग करवा दो ना।
"हन हाँ पहले मुझको छोड़ेगा तभी कुछ करूँगी ना।
"ये लो मेरी प्यारी मम्मी छोड़ दिया अब जल्दी से मुझको नाश्ता दो बहुत भूख लगी है।
रागनी को अमन का इस तरह उसको छोड़ देना बुरा लग रहा था,पर वो जितना इस बारे में सोचती उतना उलझती जाती।रागनी ने अपने दिमाग में चलते सवाल जवाब को एक तरफ कर दिया और जल्दी से अमन के लिए नाश्ता तैयार करके प्लेट में सजाने लगी।

अमन फ़्रिज के पास खड़ा पानी पी रहा था जब रागनी की नज़र उस पर पड़ी अचानक ही रागनी की आंखे फिसलती हुई उसके लोवर पर आ गई,उफ्फ ये तो फूला हुआ है तो क्या अमन मज़ा ले रहा था,आखिर अमन किस नज़र से देखता है मुझे रागनी उलझती जा रही थी।



आपके कीमती सुझाव कहानी को आगे ले जाने में सहायता करते है।
बहुत ही बेहतरीन अपडेट है
 
  • Like
Reactions: Napster
Top