- 16,913
- 41,662
- 259
Update 16
“क्या तुम रोहित से उतना ही प्यार करती हो जितना मुझसे ..”
मोना चौकी ,अभी वो मेरी बांहो में थी और अभी अभी हम दोनो एक दूसरे में झड़ कर लेटे हुए थे ..
“पागल हो गए हो गए हो क्या क्या बक रहे हो ..”
“जबसे तुम उससे मिली हो तब से तुम मुझसे बहुत कुछ छिपाने लगी हो ,मसलन अब तुम्हारे सभी मेसेज कट चुके होते है “
मोना की आंखे लाल हो चुकी थी,आजतक किसी लड़के के बारे में बात करते हुए मैंने उसे ऐसे हालत में नही देखा था ..
“तुम मुझपर शक कर रहे हो ..”उसकी आवाज में दर्द था
“नही जान ,मैं तो बस ये कह रहा हु की अगर तुम चाहो तो …..तुम तो मेरी फेंटेसी जानती हो ना “
वो उठ बैठी ,उसके चहरे पर अजीब से भाव आ रहे थे…
“किसी और के बारे में बोलते हो मुझे बुरा नही लगता लेकिन रोहित ..जानते हो ना की वो मेरे लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है ,दोस्त है वो मेरा “
उसके इस रिएक्शन से मैं थोड़े देर के लिए चुप हो गया..
“आपकी फेंटेसी के लिए मैं किसी दूसरे मर्द की कल्पना भी कर सकती हु लेकिन रोहित की नही ,किसी और का नाम भी ले सकती हु ,किसी और के बारे में बोलकर आपको जला सकती हु लेकिन रोहित नही,अगर आप चाहो तो किसी का बिस्तर भी गर्म कर दूंगी लेकिन वो रोहित नही होगा ..”
उसके आंखों में आंसू आ चुके थे .मैं प्यार से उसके गालो को सहलाया और अपने सीने से लगा लिया,
“मैंने ऐसा कब कहा जान,मैं तो बस इतना जानता चाहता था की क्या तुम उससे प्यार करती हो ...और मुझे जवाब मिल गया “
वो मेरी ओर आश्चर्य से देखने लगी ….
“तुम इसीलिए रोहित का नाम नही लेना चाहती क्योकि तुम डरती हो की तुम्हारे अंदर वो भावनाएं ना जाग जाए जो तुम अपने सीने में दबाए बैठी हो ...तुम किस्से झूट बोल रही हो जान मुझसे या अपने आप से ..”
वो मुझे आंखे फाडे हुए देख रही थी ...जैसे उसे पता था की मैं जो भी कह रहा हु वो सभी सच ही तो था,
“जान सुनो मेरी बात मैं बस ये कह रहा हु की ऐसे घुट कर रहने से क्या फायदा है ,मैं तुम्हे खुस देखना चाहता हु और तुम ये भी जानती हो की मैं किन चीजों से उत्तेजित होता हु तो ….तो तुम अपनी जिंदगी इस शादी के बोझ के कारण खराब मत करो तुम उसी खुलेपन से अपनी जिंदगी जिओ जैसा जीना चाहती हो ..मैं तुमसे प्यार करता हु और करता रहूंगा ...बाकी तुम्हारी मर्जी मैं तुम्हे किसी भी चीज के लिए फोर्स नही करूंगा “
मैंने फिर से उसके गालो को चूमा ,लेकिन इस बार वो बेहद ही शांत थी,मैं लेटा रहा और वो बैठी हुई किसी सोच में डूबी रही …
*****
“हैल्लो कौन बोल रहा है “
“भाभी जी नमस्ते मैं हु ..”
“कौन ..??”
“अब्दुल “
मोना के साथ साथ मैं भी चौका ,मैं उसके काल की रिकार्डिंग सुन रहा था ,ये 3 घंटे पहले की काल थी ,
“तुम ..हा बोलो अब्दुल “
“बस आपकी याद आ गई तो काल कर लिया “
मोना हल्के से हँसी
“अच्छा याद कैसे आ गई हमारी “
“बस यू ही आज पुराने दिन को याद करते हुए ,उस दिन के आपके जलवे याद आ गए ,बस मन किया की बात कर लू “
“अच्छा ..तुम्हे अभी भी उस दिन के जलवे याद है “
“भाभी क्या लग रही थी आप,कसम से मन कर रहा था”
वो फोन में ही सिसकियां लेने लगा,जरूर साला हाथ से अपने लिंग को मसल रहा होगा ..
पहले तो मोना हल्के से हँसी ..
“बेटा अब्दुल अगर अभी को ये बता दिया ना तो तुम्हारे गांड से तुम्हारी याद खिंच के बाहर कर देंगे समझ गया,तो अब फोन रख..”
मैं मोना की बात सुनकर जोरो से हँस पड़ा मुझे यकीन नही हो रहा था की मोना ने ऐसा कहा होगा..
वही अब्दुल बुरी तरह से हड़बड़ाया गया था,
“भाभी अभिषेक सर को बीच में क्यो ला रही हो मैं तो बस ..”
“देखो बेटा तुम जवान हो लड़की को देखकर लार टपकती है ये स्वाभाविक है लेकिन बात किसीसे कर रहे हो वो सोच लिया करो ,”मोना ने फोन रख दिया,वो जरूर मन ही मन हँस रही होगी …
लेकिन उसकी इस बात से मुझे इतना तो पता चल गया था की वो क्या बला है…
उसके काल लिस्ट में मुझे रोहित का नंबर भी दिखा ,और उसने उसके बाद फिर से अब्दुल से बात किया था..
मैं थोड़ा चौका लेकिन रोहित की बात सुनने लगा,
“गुस्से में क्यो हो “मोना ने पूछा
“तुम्हे किसने कहा की मैं गुस्से में हु “रोहित की आवाज में अभी भी थोड़ा गुस्सा था
“तुम्हारी आवाज बता रही है “
“ऐसी कोई बात नही है “
“तो फिर “
“कुछ भी तो नही ,कैसे काल किया था मुझे “रोहित के रूखे व्यव्हार से ,मोना भी चुप हो गई ..
अब इन्हें क्या हो गया ,मैं सोच में पड़ गया क्योकि कल ही तो दोनो ठीक थे ..
“कुछ नही बस याद आ गई “मोना ने भी रूखे हुए स्वर ने कहा ,रोहित हँस पड़ा
“अच्छा तुम्हे मेरी भी याद आती है भला क्यो..?”
“बस ऐसे ही ...उस बात को लेकर इतना क्यो गुस्सा दिखा रहे हो पता है ना की मैं शादी शुदा हु “
मेरा माथा ठनक गया,आखिर किस बात की बात कर रहे है ये दोनो
“शादी शुदा हो तो मैं क्या करू ,मेरी गलती है ..”
“हा तुम्हारी ही तो गलती है,वरना आज मैं तुम्हरी बीवी होती “
रोहित कुछ भी नही कह पाया
“और वैसे भी उस समय घर में SP साहब और अभी भी तो थे “
इसकी माँ का यानी ये कल ही हुआ था जब हम घर में थे ,लेकिन आखिर क्या
“अच्छा अगर वो नही होते तो क्या मुझे किस देती “
मोना हल्के से हँसी और मेरे दिल में एक अजीब सी लहर उठ गई ,साला जिस फेंटेसी के बारे में सोच कर एक्ससाइटेट हो जाता हु ,क्या सच में वो होने वाला था,और अगर वो होगा तो क्या मैं उसे सम्हाल पाऊंगा ..
मेरे दिल में एक डर उठा,एक अजीब सा डर ..
“वो मुझे नही पता की मैं तुम्हे किस करती की नही लेकिन अब मैं शादी शुदा हु बस इतना समझ लो “
“मतलब अब भी चांस है ..”
“रोहित बोला ना की मैं ..”
वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही रोहित ने बात काट दी
“याद है वो रात जब हम ..”
“रोहित प्लीज् ,..वो एक गलती थी “
“तुम्हे आज भी ये लगता है की वो एक गलती थी या शराब के कारण था “
मोना कुछ भी नही बोल पाई जो की एक सबूत था की वो ये नही मानती
“बोलती क्यो नही मोना “
“क्या बोलूं,चलो मुझे काम में जाना है “
उधर से रोहित एक अजीब सी हँसी हंसा जिसमे एक दर्द था साथ ही व्यंग भी ..
“हा जाओ जाओ जब भी मैं उस रात की बात छेड़ता हु तुम्हे काम ही याद आ जाता है “
“रोहित जो हो चुका उसे हम भुला नही सकते क्या,इस तरह हम दोस्त भी नही रह पायेगें और मैं तुम्हारी दोस्ती को खोना नही चाहती ..”
“मैंने भी बहुत कोशिस की है मोना की हम दोस्त रह पाए लेकिन ...शायद मैं टूट जाता हु तुम्हारे साथ ,खुस को सम्हाल नही पाता उस रात के बाद से ही मैं …”
“रोहित मैं चलती हु ,बाय,”
मोना ने फोन रख दिया ,और मैं एक सोच में डूब गया,मोना उसे अब उस तरह से मना नही कर रही थी जैसा उसने पहली बार में किया था,लग रहा था की अगर रोहित थोड़ी कोशिस करे तो कुछ हो जाएगा,मोना के व्यव्हार में भी एक चेंज था शायद वो भी रोहित के साथ अपने जिस्मानी रिश्ते को आगे ले जाना चाहती थी ,और शायद इसका दोषी मैं ही था क्योकि मैंने ही उसे ये छूट दे दी थी ,मैंने आखिरी काल चेक की जो की अब्दुल को की गई थी ,रोहित से बात करने के लगभग आधे घण्टे के बाद ..
“जी भाभी जी “
“गुस्सा तो नही हो गए जो मैंने कहा “
अब्दुल सच में चौक ही गया होगा
“जी नही नही ,कहिए..”
“बस ऐसे ही तुम्हारी याद आ गई “
“मेरी .???.”
अब्दुल अभी भी थोड़ा डरा हुआ ही था होता भी क्यो ना पहले बार में मोना ने जो उसे झाड़ा था ..
“क्यो तुम्हे मेरी याद आ सकती है तो मुझे तुम्हारी क्यो नही “
“क्यो मजाक कर रही हो भाभी जी ,बतलाइए की क्या काम है ..”
मोना ने एक उदास ही हँसी हँसी जिसका आभस अब्दुल को ही गया था
“क्या हुआ भाभी जी आप उदास लग रही हो ..”
“हा थोड़ी सी हु “
“मैं कुछ कर सकता हु ..??”
“घूमने ले चलोगे मुझे ..”
अब्दुल के साथ साथ मैं भी आश्चर्य में पड़ गया था ,आखिर मोना कर क्या रही है..
“कहा...यानी कब ..यानी..”
अब्दुल के इस जवाब से मोना खिलखिलाकर हँस पड़ी
“अभी आ जाओ ,कही चलते है,एक चाय हो जाए या काफी ..मेरे ऑफिस आ जाओ ..”
“बिल्कुल बिल्कुल अभी आया “
मोना की इस हरकत ने मुझे थोड़ा चिंता में डाल दिया,अब्दुल को लेकर नही क्योकि वो भले ही इस शहर का डॉन बन जाए लेकिन वो उतना मेच्योर नही था की मोना जैसी लड़की के साथ कुछ गलत कर पाए,असल में उसकी आंखों में मैंने मोना के लिए एक अजीब सा आकर्षण देखा था,और मोना में ये काबिलियत थी की उसे वो अपनी उंगलियों में नचा सकती थी ,लेकिन मुझे चिंता हो रही थी मोना के लिए ,वो रोहित को माना रही थी ,उसे सही तरीके से मना भी नही कर पा रही थी ,वो अपना दिमाग शांत करने के लिए अब्दुल के साथ चाय पीने जा रही थी,मुझे समझ नही आ रहा था की मेरी मोना को हो क्या रहा है कही ये मेरे द्वारा फैलाया गया सियापा तो नही जिसके कारण मोना टेंसन में है ,मुझे यकीन था की मोना कोई भी गलत कदम नही उठाएगी ,वो समझदार थी ,और गलत कदम का मतलब था की किसी भी के साथ संबंध नई बनाएगी लेकिन रोहित के साथ ….ये कहना तो अभी मुश्किल था,सबसे ज्यादा चिंता वाली बात ये थी की अगर उसने ऐसा किया तो मेरा रियेक्सन क्या होगा,क्या मैं गुस्सा होंउंगा,या मजे लूंगा जैसा मैं उसे कहता हु,...अभी तो मुझे भी नही पता था ...
“क्या तुम रोहित से उतना ही प्यार करती हो जितना मुझसे ..”
मोना चौकी ,अभी वो मेरी बांहो में थी और अभी अभी हम दोनो एक दूसरे में झड़ कर लेटे हुए थे ..
“पागल हो गए हो गए हो क्या क्या बक रहे हो ..”
“जबसे तुम उससे मिली हो तब से तुम मुझसे बहुत कुछ छिपाने लगी हो ,मसलन अब तुम्हारे सभी मेसेज कट चुके होते है “
मोना की आंखे लाल हो चुकी थी,आजतक किसी लड़के के बारे में बात करते हुए मैंने उसे ऐसे हालत में नही देखा था ..
“तुम मुझपर शक कर रहे हो ..”उसकी आवाज में दर्द था
“नही जान ,मैं तो बस ये कह रहा हु की अगर तुम चाहो तो …..तुम तो मेरी फेंटेसी जानती हो ना “
वो उठ बैठी ,उसके चहरे पर अजीब से भाव आ रहे थे…
“किसी और के बारे में बोलते हो मुझे बुरा नही लगता लेकिन रोहित ..जानते हो ना की वो मेरे लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है ,दोस्त है वो मेरा “
उसके इस रिएक्शन से मैं थोड़े देर के लिए चुप हो गया..
“आपकी फेंटेसी के लिए मैं किसी दूसरे मर्द की कल्पना भी कर सकती हु लेकिन रोहित की नही ,किसी और का नाम भी ले सकती हु ,किसी और के बारे में बोलकर आपको जला सकती हु लेकिन रोहित नही,अगर आप चाहो तो किसी का बिस्तर भी गर्म कर दूंगी लेकिन वो रोहित नही होगा ..”
उसके आंखों में आंसू आ चुके थे .मैं प्यार से उसके गालो को सहलाया और अपने सीने से लगा लिया,
“मैंने ऐसा कब कहा जान,मैं तो बस इतना जानता चाहता था की क्या तुम उससे प्यार करती हो ...और मुझे जवाब मिल गया “
वो मेरी ओर आश्चर्य से देखने लगी ….
“तुम इसीलिए रोहित का नाम नही लेना चाहती क्योकि तुम डरती हो की तुम्हारे अंदर वो भावनाएं ना जाग जाए जो तुम अपने सीने में दबाए बैठी हो ...तुम किस्से झूट बोल रही हो जान मुझसे या अपने आप से ..”
वो मुझे आंखे फाडे हुए देख रही थी ...जैसे उसे पता था की मैं जो भी कह रहा हु वो सभी सच ही तो था,
“जान सुनो मेरी बात मैं बस ये कह रहा हु की ऐसे घुट कर रहने से क्या फायदा है ,मैं तुम्हे खुस देखना चाहता हु और तुम ये भी जानती हो की मैं किन चीजों से उत्तेजित होता हु तो ….तो तुम अपनी जिंदगी इस शादी के बोझ के कारण खराब मत करो तुम उसी खुलेपन से अपनी जिंदगी जिओ जैसा जीना चाहती हो ..मैं तुमसे प्यार करता हु और करता रहूंगा ...बाकी तुम्हारी मर्जी मैं तुम्हे किसी भी चीज के लिए फोर्स नही करूंगा “
मैंने फिर से उसके गालो को चूमा ,लेकिन इस बार वो बेहद ही शांत थी,मैं लेटा रहा और वो बैठी हुई किसी सोच में डूबी रही …
*****
“हैल्लो कौन बोल रहा है “
“भाभी जी नमस्ते मैं हु ..”
“कौन ..??”
“अब्दुल “
मोना के साथ साथ मैं भी चौका ,मैं उसके काल की रिकार्डिंग सुन रहा था ,ये 3 घंटे पहले की काल थी ,
“तुम ..हा बोलो अब्दुल “
“बस आपकी याद आ गई तो काल कर लिया “
मोना हल्के से हँसी
“अच्छा याद कैसे आ गई हमारी “
“बस यू ही आज पुराने दिन को याद करते हुए ,उस दिन के आपके जलवे याद आ गए ,बस मन किया की बात कर लू “
“अच्छा ..तुम्हे अभी भी उस दिन के जलवे याद है “
“भाभी क्या लग रही थी आप,कसम से मन कर रहा था”
वो फोन में ही सिसकियां लेने लगा,जरूर साला हाथ से अपने लिंग को मसल रहा होगा ..
पहले तो मोना हल्के से हँसी ..
“बेटा अब्दुल अगर अभी को ये बता दिया ना तो तुम्हारे गांड से तुम्हारी याद खिंच के बाहर कर देंगे समझ गया,तो अब फोन रख..”
मैं मोना की बात सुनकर जोरो से हँस पड़ा मुझे यकीन नही हो रहा था की मोना ने ऐसा कहा होगा..
वही अब्दुल बुरी तरह से हड़बड़ाया गया था,
“भाभी अभिषेक सर को बीच में क्यो ला रही हो मैं तो बस ..”
“देखो बेटा तुम जवान हो लड़की को देखकर लार टपकती है ये स्वाभाविक है लेकिन बात किसीसे कर रहे हो वो सोच लिया करो ,”मोना ने फोन रख दिया,वो जरूर मन ही मन हँस रही होगी …
लेकिन उसकी इस बात से मुझे इतना तो पता चल गया था की वो क्या बला है…
उसके काल लिस्ट में मुझे रोहित का नंबर भी दिखा ,और उसने उसके बाद फिर से अब्दुल से बात किया था..
मैं थोड़ा चौका लेकिन रोहित की बात सुनने लगा,
“गुस्से में क्यो हो “मोना ने पूछा
“तुम्हे किसने कहा की मैं गुस्से में हु “रोहित की आवाज में अभी भी थोड़ा गुस्सा था
“तुम्हारी आवाज बता रही है “
“ऐसी कोई बात नही है “
“तो फिर “
“कुछ भी तो नही ,कैसे काल किया था मुझे “रोहित के रूखे व्यव्हार से ,मोना भी चुप हो गई ..
अब इन्हें क्या हो गया ,मैं सोच में पड़ गया क्योकि कल ही तो दोनो ठीक थे ..
“कुछ नही बस याद आ गई “मोना ने भी रूखे हुए स्वर ने कहा ,रोहित हँस पड़ा
“अच्छा तुम्हे मेरी भी याद आती है भला क्यो..?”
“बस ऐसे ही ...उस बात को लेकर इतना क्यो गुस्सा दिखा रहे हो पता है ना की मैं शादी शुदा हु “
मेरा माथा ठनक गया,आखिर किस बात की बात कर रहे है ये दोनो
“शादी शुदा हो तो मैं क्या करू ,मेरी गलती है ..”
“हा तुम्हारी ही तो गलती है,वरना आज मैं तुम्हरी बीवी होती “
रोहित कुछ भी नही कह पाया
“और वैसे भी उस समय घर में SP साहब और अभी भी तो थे “
इसकी माँ का यानी ये कल ही हुआ था जब हम घर में थे ,लेकिन आखिर क्या
“अच्छा अगर वो नही होते तो क्या मुझे किस देती “
मोना हल्के से हँसी और मेरे दिल में एक अजीब सी लहर उठ गई ,साला जिस फेंटेसी के बारे में सोच कर एक्ससाइटेट हो जाता हु ,क्या सच में वो होने वाला था,और अगर वो होगा तो क्या मैं उसे सम्हाल पाऊंगा ..
मेरे दिल में एक डर उठा,एक अजीब सा डर ..
“वो मुझे नही पता की मैं तुम्हे किस करती की नही लेकिन अब मैं शादी शुदा हु बस इतना समझ लो “
“मतलब अब भी चांस है ..”
“रोहित बोला ना की मैं ..”
वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही रोहित ने बात काट दी
“याद है वो रात जब हम ..”
“रोहित प्लीज् ,..वो एक गलती थी “
“तुम्हे आज भी ये लगता है की वो एक गलती थी या शराब के कारण था “
मोना कुछ भी नही बोल पाई जो की एक सबूत था की वो ये नही मानती
“बोलती क्यो नही मोना “
“क्या बोलूं,चलो मुझे काम में जाना है “
उधर से रोहित एक अजीब सी हँसी हंसा जिसमे एक दर्द था साथ ही व्यंग भी ..
“हा जाओ जाओ जब भी मैं उस रात की बात छेड़ता हु तुम्हे काम ही याद आ जाता है “
“रोहित जो हो चुका उसे हम भुला नही सकते क्या,इस तरह हम दोस्त भी नही रह पायेगें और मैं तुम्हारी दोस्ती को खोना नही चाहती ..”
“मैंने भी बहुत कोशिस की है मोना की हम दोस्त रह पाए लेकिन ...शायद मैं टूट जाता हु तुम्हारे साथ ,खुस को सम्हाल नही पाता उस रात के बाद से ही मैं …”
“रोहित मैं चलती हु ,बाय,”
मोना ने फोन रख दिया ,और मैं एक सोच में डूब गया,मोना उसे अब उस तरह से मना नही कर रही थी जैसा उसने पहली बार में किया था,लग रहा था की अगर रोहित थोड़ी कोशिस करे तो कुछ हो जाएगा,मोना के व्यव्हार में भी एक चेंज था शायद वो भी रोहित के साथ अपने जिस्मानी रिश्ते को आगे ले जाना चाहती थी ,और शायद इसका दोषी मैं ही था क्योकि मैंने ही उसे ये छूट दे दी थी ,मैंने आखिरी काल चेक की जो की अब्दुल को की गई थी ,रोहित से बात करने के लगभग आधे घण्टे के बाद ..
“जी भाभी जी “
“गुस्सा तो नही हो गए जो मैंने कहा “
अब्दुल सच में चौक ही गया होगा
“जी नही नही ,कहिए..”
“बस ऐसे ही तुम्हारी याद आ गई “
“मेरी .???.”
अब्दुल अभी भी थोड़ा डरा हुआ ही था होता भी क्यो ना पहले बार में मोना ने जो उसे झाड़ा था ..
“क्यो तुम्हे मेरी याद आ सकती है तो मुझे तुम्हारी क्यो नही “
“क्यो मजाक कर रही हो भाभी जी ,बतलाइए की क्या काम है ..”
मोना ने एक उदास ही हँसी हँसी जिसका आभस अब्दुल को ही गया था
“क्या हुआ भाभी जी आप उदास लग रही हो ..”
“हा थोड़ी सी हु “
“मैं कुछ कर सकता हु ..??”
“घूमने ले चलोगे मुझे ..”
अब्दुल के साथ साथ मैं भी आश्चर्य में पड़ गया था ,आखिर मोना कर क्या रही है..
“कहा...यानी कब ..यानी..”
अब्दुल के इस जवाब से मोना खिलखिलाकर हँस पड़ी
“अभी आ जाओ ,कही चलते है,एक चाय हो जाए या काफी ..मेरे ऑफिस आ जाओ ..”
“बिल्कुल बिल्कुल अभी आया “
मोना की इस हरकत ने मुझे थोड़ा चिंता में डाल दिया,अब्दुल को लेकर नही क्योकि वो भले ही इस शहर का डॉन बन जाए लेकिन वो उतना मेच्योर नही था की मोना जैसी लड़की के साथ कुछ गलत कर पाए,असल में उसकी आंखों में मैंने मोना के लिए एक अजीब सा आकर्षण देखा था,और मोना में ये काबिलियत थी की उसे वो अपनी उंगलियों में नचा सकती थी ,लेकिन मुझे चिंता हो रही थी मोना के लिए ,वो रोहित को माना रही थी ,उसे सही तरीके से मना भी नही कर पा रही थी ,वो अपना दिमाग शांत करने के लिए अब्दुल के साथ चाय पीने जा रही थी,मुझे समझ नही आ रहा था की मेरी मोना को हो क्या रहा है कही ये मेरे द्वारा फैलाया गया सियापा तो नही जिसके कारण मोना टेंसन में है ,मुझे यकीन था की मोना कोई भी गलत कदम नही उठाएगी ,वो समझदार थी ,और गलत कदम का मतलब था की किसी भी के साथ संबंध नई बनाएगी लेकिन रोहित के साथ ….ये कहना तो अभी मुश्किल था,सबसे ज्यादा चिंता वाली बात ये थी की अगर उसने ऐसा किया तो मेरा रियेक्सन क्या होगा,क्या मैं गुस्सा होंउंगा,या मजे लूंगा जैसा मैं उसे कहता हु,...अभी तो मुझे भी नही पता था ...