जैसे ही सुधियाँ ने अपने पति और बेटे की मौत की खबर सुनी उसपर तो जैसे दुखो का पहाड टूट गया कई मंदिरों मे वर्षो तक मन्नत मांगने पर भगवान ने उसे दो बेटे दिए थे जो उसके और उसके पति बेचन के बुढापे का सहारा थे लेकिन आज भगवान ने एक सहारा और उसके पति को हमेशा हमेशा के लिए छीन लिया था ..... सुधियाँ अपने बेटे कल्लू से लिपटकर फूट-फूटकर रो रही थी दोनो माॅ बेटे गहरे सदमे मे थे ...... आज वो बुढापे की दहलीज पर आकर विधवा हो गई थी और उसका बेटा अनाथ हो गया था एक माॅ ने अपने जवान बेटे को खोया था और एक भाई ने परछाई रूपी अपने भाई को और अपने पिता को खोया था दोनो माॅ बेटे गहरे सदमे मे थे ।
उधर दूसरी तरफ हरिया अपने घर जाता है
हरिया - माई औ माई .... चाय पिला दो
हरिया की माॅ सूगना(60वर्ष) मोटी भारी भरकम शरीर की मालकिन थी जिसे देखकर बच्चों का भी खडा हो जाता था बडी बडी चूचियों की मालकिन थी , सुगना
जो लाला की रखैल थी और लाला के घर चौका बरतन करती और केवल सुगना ही जानती थी कि हरिया लाला की नाजायज औलाद है
सुगना- कहा था रे नासपिटे ? खाना खाने का टाइम हो गया है और तू चाय मांग रहा है
हरिया -दिमाग मत खराब करौ माई.. अभी मेरा सर फट जा रहा है उस माधरचोद बेचन काका कि वजह से
सुगना- अपनी माई को दिन रात चोदे तू और माधरचोद बेचन काका को कह रहा है
हरिया-क्या करती हो माई धीरे बोलो कोई सुन लेगा
सुगना - अरे सुनता है तो सुनै .. गाॅव वालो को भी तो पता चलै जिस हरिया से सब डरते है वो कितना बडा माधरचोद है जिस फटे हुए भोसडे से बाहर आया उसी मे अपना लंड डालकर अपनी माई को चोदता है ......मै क्या किसी से डरती हू क्या ?
हरिया - अरे माई काहे दिमाग सडा रही है अभी मै उस माधरचोद बेचन काका और उसके बेटे मल्लू को ठोकर आया हू ...... ला माई चाय पिला
सूगना- हाए रे अभागे नासपिटे बेचन बाबू को मार दिया तूने काहे मारा
हरिया - काहे ना मारता माई उनका वो कल का पैदा हुआ छोरा मेरी गरेबान पर हाथ डालता है उसे पता नही मै लाला का आदमी हू
सूगना- अपने मन मे कहती है (लाला का आदमी नही रे हराम के जने तू तो लाला के लावा से मेरी कोख मे आया तेरा बापू तो नपुंसक था लाला ने तुझे दिया है मुझे )
हरिया - क्या सोचने लगी माई ?
सुगना - कुछ ही बेटे अच्छा किया जो मार दिया जो आवाज लाला के खिलाफ उठेगी उसे खामोश करना जरूरी है
हरिया- ला माई गरम चाय पिलाई दे
सूखना - ना रे नासपिटे चाय ना पिलाऊंगी तुझे.... आज अपने भोसडे का शरबत पिलाऊंगी